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Solutionकृदंत शब्दों का मूल शब्द :
Concept: गद्य (10th Standard) Is there an error in this question or solution? APPEARS INकृदंत शब्द खिंचाव का मूल शब्द खींच होगा, जबकि लिखावट का मूल शब्द लिख होगा। Explanation: कृदन्त प्रत्यय- वे प्रत्यय जो क्रिया पद के मूल रूप के अन्त में लगकर नये शब्द का निर्माण करते हैं कृदन्त (कृत) प्रत्यय कहलाते हैं। कृदन्त प्रत्यय 5 प्रकार के होते हैं:- कर्तावाचक, कर्मवाचक, करणवाचक, भाववाचक, क्रियाबोधक। 1. कर्तावाचक- वे प्रत्यय जो कर्तावाचक शब्द बनाते हैं, कर्तावाचक प्रत्यय कहलाते हैं। उदाहरण: अक = लेखक, गायक, घातक, वाचक अक्कड़ = पियक्कड़, भुलक्कड़, घुमक्कड़ हार = होनहार, राखनहार, पालनहार, तारणहार कार= नाटककार, पत्रकार, कलाकार, चित्रकार 2. कर्मवाचक- वे प्रत्यय जो कर्म के अर्थ को प्रकट करते हैं, कर्मवाचक प्रत्यय कहलाते हैं। उदाहरण: औना = खिलौना, घिनौना, बिछौना ति = शक्ति, भक्ति, रिक्ति, मुक्ति आई = कमाई, चढ़ाई, लड़ाई, पढ़ाई 3. करणवाचक- वे प्रत्यय जो क्रिया के करण (साधन) को बताते हैं, करणवाचक प्रत्यय कहलाते हैं। उदाहरण:आ = झूला, ठेला, मेला, रैला न = बेलन, बन्धन, खुरचन, ताड़न नी = कतरनी, छलनी, धौंकनी, सूँघनी 4. भाववाचक- वे प्रत्यय जो क्रिया से भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैं, भाववाचक प्रत्यय कहलाते हैं। उदाहरण: आई = लड़ाई, कटाई, चढ़ाई, सिलाई आन = मिलान, चढान, उठान, उड़ान आवट = सजावट, लिखावट, मिलावट अन = चलन, मनन, मिलन, फिसलन 5. क्रियाबोधक- वे प्रत्यय जो क्रिया का बोध कराते हैं, क्रियाबोधक प्रत्यय कहलाते हैं। उदाहरण: हुआ = चलता हुआ, पढ़ता हुआ, सुनता हुआ आहट = घबराहट, चिल्लाहट, हड़बड़ाहट ता = बहता, मरता, गाता, पढ़ता Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ Notes, Textbook Exercise Important Questions, and Answers. Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 9 जब तक जिंदा रहूँ,
लिखता रहूँ Textbook Questions and Answers कृति-स्वाध्याय एवं उत्तर कृतिपत्रिका के प्रश्न 1(अ) तथा 1(आ) के लिए सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए : प्रश्न 1. उत्तर: प्रश्न 2. प्रश्न 3. उत्तर: प्रश्न 4. उत्तर: प्रश्न 5. उत्तर: प्रश्न 6. प्रश्न 7. (ब) कृदंत शब्दों का मूल शब्द : प्रश्न 8.
उत्तर:
अभिव्यक्ति ‘ज्ञान तथा आनंद प्राप्ति का साधन : वाचन’ पर अपने विचार लिखिए। विद्यार्थी पाठ्यपुस्तकों से ज्ञानार्जन करता है। बड़े होने पर इन पुस्तकों से उसका काम नहीं चलता। उसे ज्ञानार्जन के लिए और खुराक की आवश्यकता होती है। वह अपने पसंद वाले विषयों की पुस्तकें पढ़ता है। आई.सी.एस., आई.पी.एस. तथा आई.ए.एस. जैसी बड़ी-बड़ी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए भी वाचन की आवश्यकता होती है। पुस्तकों में क्या नहीं है? इसमें जो जितने गोते लगाता है, उसे उतना ही ज्ञान प्राप्त होता है। भाषा बिंदु प्रश्न 1.
उत्तर: प्रश्न 2. प्रश्न 3. उत्तर: प्रश्न 4. उपयोजित लेखन प्रश्न 1. विख्यात गणितज्ञ सी.वी. रमण ने छात्रावस्था में ही विज्ञान के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का सिक्का देश में ही नहीं विदेशों में भी जमा लिया था। रमन का एक साथी छात्र ध्वनि के संबंध में कुछ प्रयोग कर रहा था। उसे कुछ कठिनाइयाँ प्रतीत हुईं, संदेह हुए। वह अपने अध्यापक जोन्स साहब के पास गया परंतु वह भी उसका संदेह निवारण न कर सके। रमण को पता चला तो उन्होंने उस समस्या का अध्ययन-मनन किया और इस संबंध में उस समय के प्रसिद्ध लॉर्ड रेले के निबंध पढ़े और उस समस्या का एक नया ही हल खोज निकाला। यह हल पहले हल से सरल और अच्छा था। लॉर्ड रेले को इस बात का पता चला तो उन्होंने रमण की प्रतिभा की भूरि-भूरि प्रशंसा की। अध्यापक जोन्स भी प्रसन्न हुए और उन्होंने रमण से इस प्रयोग के संबंध में लेख लिखने को कहा। रमण ने लेख लिखकर श्री जोन्स को दिया, पर जोन्स उसे जल्दी लौटा न सके। कारण संभवतः यह था कि वह उसे पूरी तरह आत्मसात न कर सके। प्रश्न : प्रश्न 2. उत्तर: Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 9 जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ Additional Important Questions and Answers गद्यांश क्र.1 कृति 1: (आकलन) प्रश्न 1. प्रश्न 2. उत्तर: प्रश्न 3. उत्तर: कृति 2: (आकलन) प्रश्न 1. प्रश्न 2. कृति 3: (शब्द संपदा) प्रश्न 1. प्रश्न 2. कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति) प्रश्न. दूरदर्शन की लोकप्रियता के पहले पत्र-पत्रिकाएँ ही जानकारियों और मनोरंजन का एकमात्र साधन थीं। आज मोबाइल फोन तथा दूरदर्शन के युग में पत्रिकाओं की लोकप्रियता में थोड़ी कमी जरूर आई है, पर अखबारों की लोकप्रियता पहले जैसी ही कायम है। समझदार लोग पत्र-पत्रिकाओं के दीवाने हैं। कुछ लोग तो पत्रिकाओं के पुराने अंकों की जिल्दसाजी करवाकर रखते हैं। पत्र-पत्रिकाओं की हर युग में माँग रहेगी और इनका महत्त्व हमेशा बना रहेगा। गद्यांश क्र. 2 कृति 1: (आकलन) प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. उत्तर: कृति 2: (आकलन) प्रश्न 1. उत्तर: प्रश्न 2. कृति 3: (शब्द संपदा) प्रश्न 1. प्रश्न 2. गद्यांश क्र. 3 कृति 1: (आकलन) प्रश्न 1. उत्तर: (ii) प्रश्न 2. उत्तर: कृति 2: (आकलन) प्रश्न 1. प्रश्न 2. (ii) उत्तर: प्रश्न 3. कृति 3: (शब्द संपदा) प्रश्न 1. प्रश्न 2. कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति) प्रश्न. किसी व्यक्ति की इच्छित घटित अथवा अघटित घटना फिल्म की रील की तरह उसे दिखाई देती है। यह दृश्य उसकी आँखें नहीं देखती हैं। यह दृश्य देखता है उसका मन। मनुष्य को सपने में दिखाई देने वाले दृश्य भी उसकी आँखें नहीं, उसका मन देखता है। इस प्रकार मनुष्य को क्या देखना है और क्या नहीं, इसका आदेश मनुष्य का मन ही उसे देता है। हाँ, देखने-देखने में अंतर अवश्य है। प्रत्यक्ष दृश्य वास्तविक आँखें देखती हैं, जब कि मन के काल्पनिक दृश्य मन की आँखें देखती हैं। गद्यांश क्र. 4 प्रश्न 1. प्रश्न 2. उत्तर: कृति 2: (आकलन) प्रश्न 1. उत्तर: प्रश्न 2. उत्तर: कृति 3: (शब्द संपदा) प्रश्न 1. प्रश्न 2. कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति) प्रश्न. भाषा अध्ययन (व्याकरण) 1. शब्द भेद: 2. अव्यय: 3. संधि:
उत्तर:
4. सहायक क्रिया: 5. प्रेरणार्थक क्रिया: 6. मुहावरे: प्रश्न 1. (ii) तिलिस्म टूटना। प्रश्न 2. 7.
कारक 8. विरामचिह्न: 9. काल परिवर्तन: 10. वाक्य भेद: प्रश्न 1. प्रश्न 2. 11. वाक्य शुद्धिकरण: निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए: भाषा बिंदु (3) निम्नलिखित वाक्यों के रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित कारक चिह्नों से कीजिए तथा संबंधित कारक और कारक चिह्न तालिका में वाक्य के सामने लिखिए: उपक्रम/कृति/परियोजना श्रवणीय पठनीय लेखनीय
संभाषणिय जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ Summary in Hindiविषय-प्रवेश : साक्षात्कार साहित्य की एक महत्त्वपूर्ण विधा है। साक्षात्कार में प्रश्न उत्तर के माध्यम से किसी व्यक्ति से साक्षात्कारकर्ता उसके कार्यों एवं जीवन के विविध पक्षों के बारे में समुचित जानकारी प्राप्त करता है। साक्षात्कार में व्यक्ति के बारे में हर प्रकार की जानकारी आईने में दिखाई देने वाली तस्वीर की भाँति झलकने लगती है। __प्रस्तुत साक्षात्कार में विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने प्रसिद्ध लेखक अमृतलाल नागर से उनके साहित्य-सृजन, साहित्य, उनकी लेखन प्रक्रिया, उनके समकालीन साहित्यकारों, तत्कालीन राजनैतिक एवं सामाजिक परिस्थितियों तथा उनकी कुछ प्रमुख कृतियों के बारे में अनेक |. प्रश्न पूछे हैं और उन्होंने उनका बेबाक उत्तर दिया है। Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions दूसरी इकाई
खिंचाव का मूल शब्द क्या है?अतः 'खिंचाव' में 'आव' प्रत्यय और 'खिंच' मूल शब्द है।
कृदंत शब्द कौन सा है?कृदंत संज्ञा पुं॰ [सं॰ कृदन्त] वह शब्द जो धातु में कृतु प्रत्यय लगने से बने । जैसे,—पाचक, नंदक, नंदन, भुक्त, भोक्तव्य, भोक्ता आदि ।
कृदंत शब्द कैसे पहचाने?कृदंत शब्द कैसे पहचाने? इसे सुनेंरोकेंकृदन्त और तद्धितांत में अंतर: (a) क्रिया या धातु में प्रत्यय लगाने से बने शब्द कृदन्त होते हैं। (a) क्रिया-भिन्न शब्दों में प्रत्यय लगाने से बने शब्द तद्धितांत होते हैं। (b) कृदन्त शब्द क्रिया के अतिरिक्त विशेषण आदि भी हो सकते हैं।
लिखना क्रिया का कृदंत शब्द कौन सा है *?
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