बच्चों का माता-पिता के प्रति कर्तव्य पर निबंध - Essay on Children’s Duty towards Parents in Hindi Show
माता पिता के प्रति हमारा कर्तव्य पर निबंध | Essay On Duty Of Children To Parents In Hindi: बाल अधिकारों के साथ कर्तव्य भी जुड़े हुए है. बच्चों को अपने अधिकारों के लिए जागृति के साथ साथ अपने समाज, परिवार, माता पिता, देश एवं धर्म के प्रति कर्तव्यों का पालन भी करने की अपेक्षा की जाती है. बच्चों के दायित्व के इस निबंध में हम बच्चों के माता पिता के प्रति कर्तव्य एवं माता पिता के साथ ही बच्चों को भी अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं उठाने के लिए क्या किया जाना चाहिए. माता पिता के प्रति हमारा कर्तव्य निबंध Duty Of Children To Parents HindiContents show 1 माता पिता के प्रति हमारा कर्तव्य निबंध Duty Of Children To Parents Hindi 1.1 बच्चों के कर्तव्य और जिम्मेदारियां (Children’s Duties and Responsibilities) 1.2 Read More Mata Pita Ke Prati Kartavya Par Nibandh हर इंसान का जन्म किसी न किसी स्त्री के पेट से ही होता है क्योंकि भगवान ने ऐसा नियम ही बनाया है कि व्यक्ति को पैदा होने के लिए किसी स्त्री के कोख की आवश्यकता पड़ेगी। एक स्त्री जब यह जान पाती है कि उसके पेट में एक नन्ही सी जान पल रही है तो वह अपने से ज्यादा अपने उस आने वाले मेहमान के बारे में चिंतित होती है जो उसके पेट में है। काफी कष्टों को सहने के बाद एक स्त्री अपने बच्चे को जन्म देती है और उसे बड़े ही लाड प्यार से पालने का काम करती है। स्त्री के अलावा उसके पति का भी अपने बच्चे के लालन-पालन में पूर्ण योगदान होता है। इसीलिए हर बच्चे का यह कर्तव्य बनता है कि जब वह बड़ा हो जाए और अपने पैरों पर खड़ा हो जाए तब वह अपने माता-पिता की भी बिल्कुल उसी प्रकार से देखभाल करें जिस प्रकार उसके माता पिता उसकी करते हैं। क्योंकि एक आदर्श संतान का यह दायित्व बनता है कि वह अपने माता-पिता को किसी भी प्रकार का दुख ना होने दें, क्योंकि यही वह व्यक्ति हैं जिन्हें भगवान के बाद दूसरा सबसे बड़ा दर्जा इस सृष्टि पर दिया गया है। Telegram Group Join Nowहर माता-पिता यही सोचते हैं कि उनकी संतान बड़ा होने के बाद उनकी देखभाल करेगी, साथ ही जब उनका बुढ़ापा आएगा तब उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगी। ऐसे में संतानों का भी यह परम कर्तव्य बनता है कि वह अपने माता-पिता की आस पर खरे उतरे और उनके बुढ़ापे का सहारा बने। किसी भी माता-पिता की संतान का अपने माता पिता के प्रति यह फर्ज बनता है कि वह उन्हें कभी भी किसी भी प्रकार से दुख ना पहुंचाएं और उनकी हर तकलीफ में उनके साथ रहे तथा उनकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करें। कई संतान ऐसी होती है जो जब बड़े आदमी बन जाते हैं तब वह अपने माता-पिता को भूल जाते हैं। हालांकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि उन्हें बड़ा आदमी बनाने में उनके माता-पिता का ही योगदान होता है, जो अपनी पाई पाई जोड़ करके उन्हें पढ़ाने का काम करते हैं। इस प्रकार संतानों को यह समझना चाहिए कि वह आज जिस भी मुकाम पर है उसके पीछे सारा क्रेडिट उनके माता-पिता का ही है। इसीलिए उन्हें कभी भी अपने माता-पिता के एहसानों को नहीं भूलना चाहिए। कोई भी माता-पिता हमेशा अपने बच्चे की भलाई चाहते हैं ऐसे में अगर कभी आपके माता-पिता आपको कोई राय सलाह देते हैं या फिर आपको किसी बात पर डांटते हैं तो आपको उनकी बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए क्योंकि उनकी डांट के पीछे कहीं ना कहीं आपकी भलाई ही छुपी हुई होती है। माता-पिता कभी भी अपने बच्चों का बुरा नहीं चाहते हैं। इस प्रकार एक आदर्श संतान होने के नाते हमें यह समझना चाहिए कि माता पिता ही वह पहले और आखिरी इंसान इस धरती पर है जो हमेशा हमारा भला किसी भी परिस्थिति में चाहेंगे। इसलिए हमें उनकी हर बात सिर आंखों पर रखनी चाहिए। सिर्फ हमारा ही नहीं बल्कि इस दुनिया में जितनी भी संताने हैं उनका सबसे पहला कर्तव्य यही बनता है कि वह चाहे अपनी जिंदगी में कितना भी बड़ा मुकाम हासिल क्यों ना कर ले या फिर कहीं पर भी क्यों ना चले जाए, उन्हें अपने माता-पिता को बिल्कुल भी नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि कभी ना कभी वह भी शादी होने के बाद 1 दिन माता पिता बनेंगे और तब उन्हें यह समझ में आएगा कि माता-पिता होने का वास्तव में अर्थ क्या होता है। माता पिता एक ऐसी अनमोल धरोहर है जो हमें भगवान के द्वारा प्राप्त होती हैं जिसका एहसान हम इस जन्म में तो क्या सातों जन्म में भी नहीं उतार सकते। माता-पिता ही वह व्यक्ति होते हैं जो अपनी तकलीफों को छुपा लेते हैं और हमारे सुख के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं। इसलिए हमेशा अपने माता-पिता से प्यार करें, उनकी इज्जत करें और बुढ़ापे में उनकी लाठी का सहारा बने और उन्हें एक सम्मान पूर्वक जिंदगी जीने दे।
बच्चों के कर्तव्य और जिम्मेदारियां (Children’s Duties and Responsibilities)अपनी सुरक्षा अपने हाथ में है, बच्चों को चाहिए कि वे अपने आस-पास की स्थतियों के प्रति सजग रहे, ताकि कोई परेशानी हो तो पहले ही पता लग जाए, इसके लिए बच्चों को इन बातो का ध्यान रखना चाहिए.
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उम्मीद करते है फ्रेड्स माता पिता के प्रति हमारा कर्तव्य पर निबंध Essay On Duty Of Children To Parents In Hindi का यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा. यदि आपको ये निबंध पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें. माता पिता के कर्तव्य क्या है?* बच्चे अपने माता पिता के व्यवहार को ही अनुसरण करते हैं इसलिए जरूरी है कि आप अच्छे व्यवहार करें। सबका सम्मान करें, ताकि वो भी लोगों का सम्मान कर सके। *जिस घर में माता पिता एक दूसरे से प्यार और सम्मान करते हैं उनके बच्चों को बहुत अच्छी परिवरिश मिलती हैं। *जरूरत पड़े तो बच्चों से प्यार के साथ सख्ती से भी पेश आयें।
बच्चों के लिए माता पिता का क्या महत्व है?माता पिता दुनिया की सबसे अनमोल रत्न होते हैं। उनके प्यार और आशीर्वाद के बिना संसार में कुछ संभव नहीं है। बच्चों के लिए सबसे प्रथम और सबसे बड़े आदर्श उनके माता-पिता ही होते हैं। जिनसे जीवन में उन्हें काफी सीख मिलती बच्चों की दृष्टि में माता-पिता ही देवी देवता समान होते हैं।
बच्चे के लिए माता पिता की क्या जिम्मेदारी है?बच्चों के प्रति माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनकी परवरिश, शिक्षा, और संस्कार देना चाहिए। बालमनोविज्ञानियों का परामर्श है कि बच्चों को बड़े होकर जो कुछ बनना है प्रारंभिक पांच बर्ष की आयु में ही उसकी नींव पड़ जाती है, अतः इसी आयु उनके स्वास्थ्य और खान-पान के संबंध में सजगता से ध्यान रखना चाहिए।
माता पिता का बच्चों के प्रति क्या कर्तव्य होना चाहिए?उन्हें आप स्वयं स्नान कराएं, उन्हें खिलाकर खाएं, उन्हें नींद आने पर आप सोएं, उनसे पहले आप जग जाएं, जब वे सोएं तब उनकी चरण-सेवा करें, उठते समय भी उनकी चरण-सेवा करें, मधुर स्वर में उन्हें जगाएं और तुरन्त चरणों में नमस्कार करें।
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