पुर्तगाली सर्वप्रथम क्या खोजने के लिए भारत आए थे - purtagaalee sarvapratham kya khojane ke lie bhaarat aae the

ये कारोबारी अरब के उस पार पूर्वी देशों से ज्यादा परिचित नहीं थे। जहां तक सवाल भारत का है तो इसके एक ओर हिमालय की ऐसी श्रंखलाएं हैं जिसे पार करना उस दौर में असंभव ही था। भारत के दूसरी ओर तीन ओर से भारत को समुद्र ने घेर रखा था। ऐसे में यूरोप वासियों के लिए भारत पहुंचने के तीन रास्ते थे। पहला रशिया पार करके चीन होते हुए बर्मा में पहुंचकर भारत में आना जोकि अनुमान से कहीं ज्यादा लंबा ओर जोखिम भरा था। दूसरा रास्ता था अरब और ईरान को पार करके भारत पहुंचना। लेकिन यह रास्ता अरब के लोग इस्तेमाल करते थे और वे किसी अन्य को अंदर घुसने नहीं देते थे। तीसरा रास्ता समुद्र का था जिसमें चुनौती देने वाला सिर्फ समुद्र ही था।

ऐसे में एक ऐसे देश के समुद्री मार्ग को खोज करने यूरोप के नाविक निकल पड़े जिसके बारे में सुना बहुत था लेकिन देखा नहीं। इन नाविकों में से एक का नाम क्रिस्टोफर कोलंबस था जो कि इटली के निवासी थे। भारत का समुद्री मार्ग खोजने निकले कोलंबस अटलांटिक महासागर में भम्रित हो गए और अमेरिका की तरफ पहुंच गए। कोलंबस को लगा कि अमेरिका ही भारत है। इसी कारण वहां के मूल निवासियों को रेड इंडियंस के नाम से जाना जाने लगा। कोलंबस की यात्रा के करीब 5 साल बाद पुर्तगाल के नाविक वास्को डा गामा जुलाई 1498 में भारत का समुद्री मार्ग खोजने निकले। वास्को डी गामा ने समुद्र के रास्ते कालीकट पहुंचकर यूरोपावासियों के लिये भारत पहुंचने का एक नया मार्ग खोज लिया था।

20 मई 1498 को वास्को डा गामा कालीकट तट पहुंचे और वहां के राजा से कारोबार के लिए हामी भरवा ली। कालीकट में 3 महीने रहने के बाद वास्को पुर्तगाल लौट गए। कालीकट अथवा 'कोलिकोड' केरल राज्य का एक नगर और पत्तन है। वर्ष 1499 में भारत की खोज की यह खबर फैलने लगी।

वास्को डी गामा ने योरप के लुटेरों, शासकों और व्यापारियों के लिए एक रास्ता बना दिया था। इसके बाद भारत पर कब्जा जमाने के लिए योरप के कई व्यापारी और राजाओं ने कोशिश की और समय-समय पर वे आए और उन्होंने भारत के केरल राज्य के लोगों का धर्म बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुर्तगालियों की वजह से ब्रिटिश लोग भी यहां आने लगे। अंतत: 1615 ई. में यह क्षेत्र ब्रिटिश अधिकार में आया। 1698 ई. में यहां फ्रांसीसी बस्तियां बसीं। फ्रांस और ब्रिटेन के बीच के युद्ध के काल में इस क्षेत्र की सत्ता बदलती रही।

1503 में वास्को पुर्तगाल लौट गए और बीस साल वहां रहने के बाद वह भारत वापस चले गए। 24 मई 1524 को वास्को डी गामा की मृत्यु हो गई। लिस्बन में वास्को के नाम का एक स्मारक है, इसी जगह से उन्होंने भारत की यात्रा शुरू की थी। दरअसल, 1492 में नाविक राजकुमार हेनरी की नीति का अनुसरण करते हुए किंग जॉन ने एक पुर्तगाली बेड़े को भारत भेजने की योजना बनाई, ताकि एशिया के लिए समुद्री मार्ग खुल सके। उनकी योजना मुसलमानों को पछाड़ने की थी, जिनका उस समय भारत और अन्य पूर्वी देशों के साथ व्यापार पर एकाधिकार था। एस्टावोडिगामा को इस अभियान के नेतृत्व के लिए चुना गया, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद वास्को द गामा ने उनका स्थान लिया।

8 जुलाई 1497 को वास्को द गामा चार जहाजों के एक बेड़े के साथ लिस्बन से निकले थे। वास्को द गामा के बेड़े के साथ तीन दुभाषिए भी थे जिसमें से दो अरबी बोलने वाले और एक कई बंटू बोलियों का जानकार था। बेड़े में वे अपने साथ एक पेड्राओ (पाषाण स्तंभ) भी ले गए थे जिसके माध्यम से वह अपनी खोज और जीती गई भूमि को चिन्हित करता था।

भारत के समुद्र के रास्तों की खोज 15वीं सदी के अन्त में हुई जिसके बाद यूरोपीयों का भारत आना आरंभ हुआ. हालांकि यूरोपीय भारत के अलावा भी बहुत स्थानों पर अपने उपनिवेश बनाने में कामयाब हुए पर इनमें से कइयों का मुख्य आकर्षण भारत ही था.

(1) 20 मई, 1498 ई. में वास्कोडिगामा ने भारत के पश्चिमी तट पर स्थित कालीकट बन्दरगाह पहुंचकर भारत एवं यूरोप के बीच नए समुद्री मार्ग की खोज की.

(2) 1505 ई. में फ्रांसिस्को द अल्मोडा भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर बनकर आया.

(3) 1509 ई. में अलफांसो द अल्बुर्क भारत में पुर्तगालियों का वायसराय बना.

(4) अल्बुकर्क ने 1510 ई. में बीजापुर के युसुफ आदिल शाह से गोवा को जीता.

(5) पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी कोचीन में खोली.

6) 1596 ई. में भारत आनेवाला प्रथम डच नागरिक था- कारनेलिस डॅहस्तमान.

(7) डचों को भारत में अन्तिम रूप से पतन 1759 ई. को अंग्रेजों एवं डचों के मध्य हुए वेदरा युद्ध से हुआ.

(8) 31 दिसम्बर, 1600 ई. को इंग्लैण्ड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को अधिकार पत्र प्रदान किया.

(9) प्रारंभ में ईस्ट इंडिया कम्पनी में 217 साझीदार थे और पहला गवर्नर टॉमस स्मिथ था.

(11) मुगल दरबार में जाने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन हॉकिन्स था. जो जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में 1609 ई. में जहॉंगीर के दरबार में गया था.

(12) 1615 ई. में सम्राट जेम्स प्रथम ने सर टॉमस रो को अपना राजदूत बनाकर मुगल सम्राट जहांगीर के दरबार में भेजा.

(13) अंग्रेजों की प्रथम व्यापारिक कोठी (फैक्ट्री) सूरत में 1608 ई. में खोली गई.

(14) 1611 ई. में दक्षिण पूरब समुद्रतट पर सर्वप्रथम अंग्रेजों ने मुसलीपट्टम में व्यापारिक कोठी की स्थापना की.

(15) 1668 ई. में इंग्लैंड के सम्राट् चार्ल्स-2 का विवाह पुर्तगाल की राजकुमारी केथरीन से होने के कारण चार्ल्स को दहेज के रूप में बम्बई प्राप्त हुआ था. जिसे उन्होनें पौंड के किराये पर ईस्ट इंडिया कम्पनी को दे दिया.

(16) 1698 ई. में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी ने तीन गाँव- सूतानुती, कालीकट एवं गोबिन्दपुर की जमींदारी 1200 रुपये भुगतान पर प्राप्त की और यहां पर फोर्ट विलियम का निर्माण किया. कालान्तर में यही कलकत्ता (कोलकाता) नगर कहलाया, जिसकी नींव जॉर्ज चारनौक ने रखी.

(17) भारत में फ्रांसीसियों की प्रथम कोठी फैंको कैरों के द्वारा सूरत में 1668 ई. में स्थापित की गई.

(18) 1674 ई. में फ्रांसिस मार्टिन ने पांडिचेरी की स्थापना की.

(19) प्रथम कर्नाटक युद्ध 1746-48 ई. में आस्ट्रिया के उत्तराधिकार युद्ध से प्रभावित था. 1748 ई. में हुई ए-ला शापल की संधि के द्वारा ऑस्ट्रिया का उत्तराधिकार युद्ध समाप्त हो गया और इसी संधि के तहत प्रथम कर्नाटक युद्ध समाप्त हुआ.

(20) दूसरा कर्नाटक युद्ध 1749-1754 ई. में हुआ. इस युद्ध में फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले की हार हुई. उसे वापस बुला लिया गया और उसकी जगह पर गोडेहू को भारत में अगला फ्रांसीसी गवर्नर बनाया गया. पांडिचेरी की संधि (जनवरी, 1755 ई.) के साथ युद्धविराम हुआ.

(21) कर्नाटक का तीसरा युद्ध 1756-1763 ई. के बीच हुआ जो 1756 ई. में शुरू हुए सप्तवर्षीय युद्ध का ही एक अंश था. पेरिस की संधि होने पर यह युद्धसमाप्त हुआ.

(22) 1760 ई. में अंग्रेजी सेना ने सर आयरकूट के नेतृत्व में वांडिवाश की लड़ाई में फ्रांसीसियों को बुरी तरह हराया.

पुर्तगाली सर्वप्रथम क्या खोजने के लिए भारत आये थे?

पुर्तगालियों ने 1556 ई. में गोवा में भारत की पहली प्रिंटिग प्रेस की स्थापना की थी। पुर्तगाली पहले यूरोपीय थे जिन्होंने भारत तक सीधे समुद्री मार्ग की खोज की । 20 मई 1498 को पुर्तगाली नाविक वास्को-डी-गामा कालीकट पहुंचा, जो दक्षिण-पश्चिम भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण समुद्री बंदरगाह है।

पुर्तगालियों ने भारत में सर्वप्रथम कहाँ फैक्ट्री स्थापित किया?

पुर्तगालियों ने 1500 ई. में भारत में अपना पहला कारखाना कालीकट में स्थापित किया। 1525 ई. में कालीकट के ज़मोरिन के विरोध के कारण इस कारखाने को छोड़ दिया गया था।

भारत में आने वाला प्रथम पुर्तगाली कौन था एवं उसकी यात्रा का उद्देश्य क्या था?

17 मई 1498 को पुर्तगाल का वास्को-डी-गामा भारत के तट पर आया जिसके बाद भारत आने का रास्ता तय हुआ। वास्को डी गामा की सहायता गुजराती व्यापारी अब्दुल मजीद ने की । उसने कालीकट के राजा जिसकी उपाधि 'जमोरिन'थी से व्यापार का अधिकार प्राप्त कर लिया पर वहाँ सालों से स्थापित अरबी व्यापारियों ने उसका विरोध किया।

पुर्तगाली किसकी तलाश में भारत आए थे?

सही उत्तर विकल्प 3 अर्थात् मसाले है। पुर्तगाली मसालों की तलाश में भारत आए थेपुर्तगाल के वास्को डी गामा ने 1498 ई. में यूरोप से भारत के लिए एक समुद्री मार्ग की खोज की थी।