शरीर की पाचन क्रिया के तंदुरुस्त रहने पर व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकता है. हमारा पाचन तंत्र लिवर, डाइजेस्टिव ट्रैक्ट, पित्ताशय और अग्नाशय से बना होता है. वहीं पाचन तंत्र में कई अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं. इन बैक्टीरिया का काम भोजन को तोड़कर उन्हें पोषक तत्वों में बदलना होता है. Show
वहीं अगर पाचन शक्ति कमजोर हो जाए तो भोजन को पचाने की क्रिया मंदी हो जाती है. ऐसे में पाचन शक्ति का दुरुस्त रहना जरूरी है. गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण अक्सर लोग पाचन क्रिया से संबंधित कई समस्याओं का शिकार हो जाते हैं. (और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय) आज हम बताएंगे कि ऐसे कौन से कारण हैं, जो पाचन शक्ति को कमजोर कर सकते हैं. अगर आपका पाचन बेहतर रहता है तो आपका शरीर आहार से सभी जरुरी पोषण अवशोषित कर पाता है। आप सुबह के दौरान कुछ अच्छी आदतें अपनाकर अपने पाचन को बेहतर कर सकते हैं।यदि आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं है तो आपको अपच, गैस, उल्टी, पेट दर्द, पेट में सूजन आदि की समस्या हो सकती है। बार-बार कुछ भी उल्टा-सीधा खाते रहने से पाचन तंत्र पर बुरा असर होता है। इसलिए कुछ भी उल्टा सीधा खाने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पाचन तंत्र खाने को ऊर्जा में बदलकर शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। पाचन क्रिया दुरुस्त नहीं होने से भोजन ठीक तरह से नहीं पचता है। यदि आपका पाचन तंत्र ख़राब है तो आपको कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। कुछ शारीरिक संकेतों और लक्षणों के जरिए आप जान सकते हैं कि आपकी पाचन क्रिया खराब हो रही है। आखिर कैसे जानें कि आपकी पाचन प्रक्रिया खराब हो रही है? परेशान होने की जरूरत नहीं है, हम आज आपको बताने जा रहे हैं पाचन तंत्र के कुछ लक्षणों के बारे में जिसे पहचानकर आप पाचन क्रिया में सुधार कर सकते हैं। त्वचा: यदि आपका पेट कई दिनों से साफ़ नहीं हो रहा है या कई दिनों तक पाचन क्रिया में समस्या हो रही है तो इससे त्वचा को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में आपको सोरायसिस, मुंहासे या एक्जिमा की समस्या हो सकती है। चाहें तो आप इस बारे में अपने गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से सलाह ले सकते हैं। बालों का अधिक झड़ना: आमतौर पर पेट ख़राब होने से डाइजेशन बालों को कमजोर बना देता है। इसलिए पाचन तंत्र खराब होने से बाल भी झड़ सकते हैं। खराब डाइजेशन सिस्टम होने के कारण भोजन का सही पोषण आपके बालों तक नहीं पंहुच पाता, जिसकी वजह से बालों का असमय सफेद होना और बाल पतले होना, बालों का अत्यधिक झड़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आंत में समस्या: जब शरीर से विषाक्त पर्दाथ बाहर नहीं निकलते हैं, तो शरीर से दुर्गंध आने लगती है। इसके अलावा हर समय पेट फूला हुआ या पेट में भारीपन महसूस होता है, तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह आंत की गड़बड़ी का लक्षण हो सकता है। ऐसे में शरीर से डिटॉक्स दूर करने वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए। कई बार सांसों से अधिक बदबू आना भी पाचन तंत्र खराब होने के संकेत होते हैं। पेट में गैस या डकार: जैसा कि आपको पता होगा पेट में अधिक गैस बनना और बार-बार गैस छोड़ना भी खराब पाचन का संकेत है। सामान्य तौर पर डकार या पासिंग गैस का निकलना सामान्य माना जाता है लेकिन जब यह बार-बार होने लगे तो पाचन तंत्र में खराबी का संकेत भी हो सकता है। पेट में जब भोजन सही ढंग से पच नहीं पाता है तो ये समस्याएं होती हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। आपने अक्सर यह बात तो जरूर सुनी ही होगी कि सारी बीमारियों की शुरुआत पेट से होती है। अगर आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या रहती है तो यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि आप जल्द ही किसी बड़ी समस्या की चपेट में आने वाले हैं। उदहारण के लिए अगर आप लंबे समय से कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो इसकी काफी संभवना है कि आपको बवासीर जैसा गंभीर रोग हो सकता है। वहीं, अगर आपको अक्सर गैस और पेट में जलन की समस्या रहती है तो इससे आपको रक्तचाप और दिल से जुड़ी समस्याएँ होने की संभवना होती है। इसलिए अगर आपको हमेशा स्वस्थ रहना है तो इसके लिए आपको बस अपने पाचन तंत्र को सभी पेट से जुड़े सभी विकारों से बचा कर रखना होगा। जी हाँ, पेट दर्द और पेट खराब होने के अलावा भी आपको पेट या पाचन से जुड़ी कई समस्याएँ और रोग हो सकते हैं। लेकिन चिंता की बात यह कि अक्सर लोगों को इस बारे में जानकारी ही नहीं होती कि उन्हें पेट से जुड़ी कौन सी समस्या हुई है। तो चलिए इस लेख के माध्यम से कुछ पाचन तंत्र से जुड़े विकारों के बारे में जानते हैं जिससे आपको हमेशा स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी। पाचन तंत्र विकार क्या है? What is a digestive system disorder?पाचन तंत्र विकार उन स्थितियों का एक समूह है जिनकी वजह पाचन कार्य ठीक से नहीं हो पाता जैसा कि होना चाहिए था। एक व्यक्ति पाचन तंत्र से जुड़े कई विकार अपनी चपेट में ले सकते हैं जिसकी वजह से व्यक्ति को कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पाचन विकारों से होने वाली समस्याएँ सामान्य से लेकर अति गंभीर तक हो सकती है। स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि रोगी को लंबे समय तक अस्पताल में रहना भी पड़े। एक व्यक्ति को पाचन तंत्र से जुड़े निम्नलिखित विकार हो सकते हैं :-
चलिए इन सभी पाचन विकारों के बारे में विस्तार से जानते हैं। गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) Gastroesophageal Reflux Disease (GERD)यदि आपको सप्ताह में एक से अधिक बार हार्टबर्न या एसिड रिफ्लक्स होता है, तो आपको गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज या जीईआरडी हो सकता है। अन्नप्रणाली निगले हुए भोजन को आपके पेट तक ले जाती है ताकि भोजन को पचाया जा सके। मांसपेशियों की एक अंगूठी-निचला एसोफेजल स्फिंक्टर (एलईएस) – पेट और एसोफैगस को जोड़ता है। जब एलईएस कमजोर होता है, तो पेट का एसिड आपके अन्नप्रणाली में वापस लीक कर सकता है और हार्टबर्न की समस्या पैदा कर सकता है। यह समय के साथ आपके अन्नप्रणाली को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। एक आकड़ें के अनुसार भारत में 10 में से 2 व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित हैं। आप जीईआरडी का इलाज जीवनशैली में बदलाव के साथ कर सकते हैं, जैसे कि आप क्या और कब खाते हैं, और छोटे भोजन खाते हैं। गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज होने के क्या कारण है? What causes gastroesophageal reflux disease? इस समस्या के होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अगर आप ठीक समय से खाना नहीं लेते या ज्यादा खाना लेते हैं या फिर अगर आप ज्यादा तेल मसालों वाला खाना लेते हैं तो इससे आपको गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या हो सकती है। तो ऐसे में अगर आप इस समस्या से जूझना नहीं चाहते तो आपको अपने खाने पीने का खास ख्याल रखना चाहिए। गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? What are the symptoms of gastroesophageal reflux disease? जब व्यक्ति को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होती है तो उसे निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं :-
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) Irritable Bowel Syndrome (IBS)इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) पेट से संबंधित एक तरह की समस्या है, जो बड़ी आंत को प्रभावित करती है। इसके कारण पेट में ऐंठन, सूजन और आंत में बदलाव हो सकता है। इस समस्या से जूझ रहे कुछ लोगों को कब्ज की शिकायत होती है, तो कुछ को दस्त, और पेट में दर्द जैसी समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) क्यों होता है? Why does irritable bowel syndrome (IBS) happen? अभी तक इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) होने के कारण अभी स्पष्ट रूप से पता नहीं चल सके हैं। हालांकि, यह एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन या आंतों के पेरासिटिक इन्फेक्शन (जियार्डियासिस) होने के बाद हो सकता है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कई परेशानियां मिलकर आईबीएस की परेशानी का कारण बनते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार निम्नलिखित कुछ समस्याओं के चलते एक व्यक्ति इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की चपेट में आता हैं :-
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) के लक्षण क्या है? What are the symptoms of Irritable Bowel Syndrome (IBS)? आपको लगता है कि आप आईबीएस से जूझ रहे हैं तो आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं :-
छोटी आंत में जीवाणु अतिवृद्धि (एसआईबीओ)Small Intestine Bacterial Overgrowth (SIBO)छोटी आंत में जीवाणु अतिवृद्धि (एसआईबीओ) क्या है? What is small intestine bacterial overgrowth (SIBO)? छोटी आंत में जीवाणु अतिवृद्धि (एसआईबीओ) छोटी आंत को प्रभावित करने वाली एक गंभीर स्थिति है। यह तब होता है जब छोटी आंत में जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती है। यह बैक्टीरिया आंत के अन्य हिस्सों में कम मात्रा में पाए जा सकते हैं और नियमित रूप से समाप्त हो सकते हैं। इससे दर्द और दस्त की समस्या होती है। यह कुपोषण का कारण भी बन सकता है, क्योंकि बैक्टीरिया शरीर के पोषक तत्वों का उपयोग करना शुरू कर देते हैं। छोटी आंत में जीवाणु अतिवृद्धि (एसआईबीओ) के क्या कारण है? What causes small intestine bacterial overgrowth (SIBO)? गया है, फ़िलहाल इसे लेकर कई शोध जारी है। लेकिन अब तक के किये गये शोधों के अनुसार यह निम्नलिखित कारणों के चलते होता हैं :-
छोटी आंत में जीवाणु अतिवृद्धि (एसआईबीओ) निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों के चलते भी हो सकता है :-
छोटी आंत में जीवाणु अतिवृद्धि (एसआईबीओ) होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? What are the symptoms of small intestine bacterial overgrowth (SIBO)? छोटी आंत में जीवाणु अतिवृद्धि (एसआईबीओ) के लक्षण मुख्य रूप से आंत को प्रभावित करते हैं। इस समस्या में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :-
पित्ताशय की पथरी Gallstones or Bile Stone पित्ताशय की पथरी क्या है? हमारी पित्ताशय की थैली हमारें ऊपरी दाहिने पेट में, हमारे लीवर के ठीक नीचे स्थित एक छोटा अंग है। यह एक थैली है जो पित्त को जमा करती है, एक हरा-पीला तरल जो पाचन में मदद करता है। पित्ताशय की थैली के साथ समस्या आमतौर पर तब होती है जब कोई चीज उसकी पित्त नली को अवरुद्ध कर रही होती है - जैसे पित्त पथरी। अधिकांश पित्त पथरी तब बनती है जब पित्त में पाए जाने वाले पदार्थ सख्त हो जाते हैं, जैसे – कोलेस्ट्रॉल।पित्त की पथरी होना बहुत आम हैं और नियमित रूप से इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते और अगर दिखाई दें भी तो उन्हें पहचान पाना काफी मुश्किल होता हैं। पित्त की पथरी के लक्षण दिखाई देने में कई सालों का समय लगता है जो कि 2 वर्ष से अधिक हो सकता है। पित्ताशय में पथरी की समस्या क्यों होती है? Why is there a problem of gallstones in the gall bladder? पित्त की पथरी का वास्तविक कारण पित्ताशय की थैली के अंदर पित्त के रासायनिक असंतुलन के कारण माना जाता है। हालांकि शोधकर्ता अभी भी इस बारे में स्पष्ट नहीं हैं कि असंतुलन होने का वास्तव में क्या कारण है, फ़िलहाल इसके निम्नलिखित कुछ संभावित कारण माने जाते हैं :-
पित्ताशय में पथरी होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? What are the symptoms of gallstones? जो लोग पित्ताशय की पथरी की समस्या से जूझते हैं उनमे अधिकांश लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। ऐसा इसलिए है क्योंकि पथरी पित्ताशय की थैली में रहती है और कोई समस्या नहीं होती है। इसके लक्षण तब दिखाई देते हैं जब पित्ताशय की पथरी को कई साल बीत जाए और वहीं इस दौरान जो लक्षण दिखाई देते हैं वह इतने सामान्य होते हैं कि उनकी मदद से इस गंभीर रोग के बारे में पता लगा पाना काफी मुश्किल होता है। पित्ताशय में पथरी होने पर पित्त की थैली में सूजन आ सकती है जिसके लक्षणों की पहचान से पथरी के बारे में जनकारी मिल सकती है। किसी भी पथरी की पहचान करने का सबसे आम लक्षण है अचानक से तेज दर्द होना। प्राथमिक लक्षण दर्द है जो अचानक आता है और जल्दी खराब हो जाता है। यह दर्द शरीर के दाहिनी ओर, पसलियों के ठीक नीचे, कंधे के ब्लेड के बीच या दाहिने कंधे में हो सकता है। इसके अलावा रोगी को निम्नलिखित लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं :-
सीलिएक रोग Celiac Disease सीलिएक रोग क्या है? What is celiac disease? पाचन तंत्र से जुड़ा सीलिएक रोग एक दुर्लभ रोग है जो कि बहुत कम लोगों को होता है इसका कारण है कि यह रोग अनुवांशिक है। सीलिएक रोग से पीड़ित व्यक्ति को ग्लूटेन की वजह से पाचन से जुड़ी समस्याओं से घिर जाते हैं। ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन है जो कि गेंहू, जौ जैसे अनाज में पाया है, यहीं प्रोटीन अनाज को बांधे रखने में और पचाने में मदद करता हैं। सीलिएक रोग वाले व्यक्ति में, ग्लूटेन के संपर्क में आने से आंत में सूजन हो जाती है। बार-बार एक्सपोजर धीरे-धीरे छोटी आंत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे भोजन से खनिजों और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में समस्या हो सकती है। सीलिएक रोग होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? What are the symptoms of celiac disease? सीलिएक रोग के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। इस रोग में दिखाई देने वाले लक्षण समय के बदल सकते हैं और हर व्यक्ति में अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वहीं कुछ लोगों को इसके लक्षण उम्र भर समझ नहीं आते जिसकी वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामन करना पड़ता है। मुख्य रूप से सीलिएक रोग होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :-
सीलिएक रोग में पाचन तंत्र के अलावा निम्नलिखित लक्षण भी दिखाई देते हैं :-
वयस्कों की तुलना में बच्चों में सीलिएक रोग के लक्षण तेजी से दिखाई देते हैं। ऊपर बताएं गये लक्षणों के अलावा निम्नलिखित लक्षण केवल बच्चों दिखाई देते हैं :-
क्रोहन रोगCrohn’s Diseaseक्रोहन रोग क्या है?What is Crohn's disease? क्रोहन रोग एक पुरानी या दीर्घकालिक स्थिति है जो पाचन तंत्र में सूजन का कारण बनती है। क्रोहन रोग दर्दनाक, दुर्बल करने वाला और कभी-कभी जीवन के लिए खतरा भी पैदा कर सकता है। क्रोहन रोग होने के क्या कारण है? What causes Crohn's disease? फ़िलहाल तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्रोहन रोग का कारण क्या है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली की असामान्य प्रतिक्रिया से उत्पन्न हो सकता है। हालांकि, वह फ़िलहाल यह नहीं जानते कि यह प्रतिक्रिया रोग का कारण बनती है या उसके परिणाम। क्रोहन रोग होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं? What are the symptoms of Crohn's disease? क्रोहन रोग के लक्षण अलग-अलग होते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आंत के किस हिस्से पर स्थिति प्रभावित होती है। वह अक्सर निम्नलिखित में शामिल होते हैं:
क्रोहन रोग होने पर महिलाओं में इसके लक्षण सामान्य से अलग दिखाई दे सकते हैं जो कि निम्नलिखित हैं :-
पाचन शक्ति कमजोर होने के क्या लक्षण है?पाचन तंत्र के रोग से होने वाले कुछ आम लक्षण:. पेट फूला हुआ लगना या पेट में गैस बनना. उल्टी और मतली. सीने में जलन. भोजन वापिस बाहर निकल आना. दस्त, कब्ज या मल त्याग करने के समय में कुछ बदलाव होना. खाना खाने से पहले और बाद में पेट में दर्द महसूस होना. जीवन के शुरुआती उम्र में, बीच के उम्र में या वृद्ध होने पर अपच होना. पाचन क्रिया खराब हो जाए तो क्या करें?तो आइए जानते हैं कि हम बेहतर डाइजेशन के लिए क्या कर सकते हैं.. हाई फाइबर का सेवन हम अपने भोजन में जितना अधिक हाई फाइबर का सेवन करेंगे हमारा डाइजेशन उतना बेहतर होगा. ... . सीमित करें हाई फैट फूड्स का सेवन ... . लीन मीट का सेवन ... . प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स का सेवन ... . नियमित समय पर खाएं ... . भरपूर पानी जरूरी ... . व्यायाम जरूरी. खाना नहीं पचने से क्या होता है?जब शरीर में भोजन सही ढंग से पच नहीं पाता है तो ऐसे में क़ब्ज़ की समस्या उत्पन्न हो सकती है। क़ब्ज़ की समस्या के कुछ और भी विशिष्ट कारण हैं जैसे- अत्यधिक मसालेदार भोजन का सेवन, अधपका मांस खाना, ज़्यादा मीठे पदार्थों का सेवन, समय पर भोजन न करना आदि। इन सभी की वजह से व्यक्ति को क़ब्ज़ की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
खाना न पचने का मुख्य कारण क्या होता है?बदहजमी क्यों होता है? (Causes of Indigestion)
वसायुक्त या तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन करना। मसालेदार भोजन करना। कैफीन का अत्यधिक मात्रा में सेवन करना। अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करना।
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