विज्ञान के अध्ययन में विज्ञान प्रयोगशाला का महत्त्व — विज्ञान शिक्षण के अध्ययन के लिए प्रयोगशाला के अधिक महत्त्व को देखते राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( 10 + 2 ) के अन्तर्गत माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला खोलने की व्यवस्था की गयी है । Show प्रयोगशाला की उपयोगिता एवं महत्त्व निम्नलिखित प्रकार हैं ; ( 1 ). प्रयोगशाला छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि उत्पन्न करती है । Read Other—
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Like this:Like Loading... विज्ञान की शिक्षा वास्तव में प्रयोगशाला में ही संभव है। इसलिए आधुनिक शिक्षा प्रणाली में प्रायोगिक कार्य पर विशेष बल दिया गया है। प्रायोगिक विधि में विज्ञान विषय से संबंधित उपकरणों, आवश्यक वस्तुओं आदि की सहायता से विज्ञान के नियमों, सिद्धांतों एवं अवधारणाओं का प्रायोगिक सत्यापन किया जाता है। इस विधि में विद्यार्थी व्यक्तिगत रूप से सहयोग प्रयोग कर प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करते हैं।प्रयोगशाला में ‘करके सीखना' , ‘निरीक्षण करके सीखना', ' ज्ञात से अज्ञात जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों का उपयोग किया जाता है।जो सीखने में सहायक होते हैं। विद्यार्थी उचित अवलोकन एवं परीक्षण के द्वारा निष्कर्ष तक पूछते हैं। यदि विद्यार्थी को प्रयोग के दौरान कोई कठिनाई होती है तो शिक्षक उनकी सहायता करते हैं और उनकी समस्या का समाधान करते हैं इस विधि में विद्यार्थी पूर्ण रूप से सक्रिय होते हैं। यह करके सीखने पर आधारित होने के कारण अत्यंत प्रभावी विधि है उच्च प्राथमिक शालाओं में प्राय प्रयोगशाला कक्षा उपलब्ध न होने पर प्रायोगिक सामग्रियों को एकत्र कर कक्षा कक्ष में ही प्रायोगिक कार्य संपन्न कराया जा सकता है। प्रयोगशाला विधि के गुण
प्रयोगशाला विधि के दोष
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