ब्याज दर कैसे निकाला जाता है? - byaaj dar kaise nikaala jaata hai?

जब समय-समय पर अभी तक संचित हुए ब्याज को मूलधन में मिलाकर इस मिश्रधन पर ब्याज की गणना की जाती है तो इसे चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) कहते हैं। जिस अवधि के बाद ब्याज की गणना करके उसे मूलधन में जोड़ा जाता है, उसे चक्रवृद्धि अवधि (compounding period) कहते हैं।

इसके विपरीत साधारण ब्याज उस प्रकार की ब्याज गणना का नाम है जिसमें मूलधन (जिस राशि पर ब्याज की गणना की जाती है) अपरिवर्तित रहता है। कुछ छोटे-मोटे मामलों को छोड़कर व्यावहारिक जीवन के प्रायः सभी क्षेत्रों में चक्रवृद्धि ब्याज ही लिया/दिया जाता है

ब्याज का गणित[संपादित करें]

मिश्रधन = मूलधन + ब्याज

साधारण ब्याज[संपादित करें]

साधारण ब्याज = (164488 x 6x 7.5) / 100दर = ब्याज x 100 / (मूलधन x समय)समय = ब्याज x 100 / (मूलधन x दर)मूलधन = ब्याज x 100 / (समय x दर)

चक्रवृद्धि ब्याज[संपादित करें]

ब्याज दर कैसे निकाला जाता है? - byaaj dar kaise nikaala jaata hai?

१०००० रूपये मूलधन का ७.५ प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से मिश्रधन। क्षैतिज अक्ष पर समय (वर्षों में) है।

चक्रवृद्धि ब्याज की गणना के लिये निम्नलिखित सूत्र प्रयुक्त होता है:

जहाँ,

  • P = मूलधन (प्रारम्भ में लिया/दिया/जमा किया गया धन)
  • r = ब्याज की वार्षिक दर (दस प्रतिशत ब्याज दर के लिये r=०.१०)
  • n = एक वर्ष में कुल ब्याज-चक्रों की संख्या
  • t = कुल समय (वर्ष में)
  • A = t समय बाद मिश्रधन

उदाहरण : रू 1,500.00 किसी बैंक में जमा किया गया। ब्याज की वार्षिक दर 4.3% है और ब्याज हर तीसरे महीने जोड़ा जाता है। छः वर्ष बाद कुल कितनी राशि हो जायेगी?

उपरोक्त सूत्र का प्रयोग करने के लिये, P = 1500, r = 4.3/100 = 0.043, n = 4, एवं t = 6:

अतः ६ वर्ष बाद मिश्रधन लगभग रू 1,938.84 होगा।

उपरोक्त सूत्र को अलग प्रकार से लिखकर ब्याज-दर, समय, या मूलधन (अथवा वर्तमान मान) की गणना की जा सकती है।

नीचे के सूत्रों में i ब्याज दर है और इसे वास्तविक प्रतिशत (true percentage) के रूप में लेना है। (अर्थात् 10% = 10/100 = 0.10). FV एवं PV क्रमशः भविष्य की राशि एवं वर्तमान राशि हैं। n कुल ब्याज-चक्रों की संख्या है।

भविष्य में मान,

भविष्य में FV प्राप्त करने के लिये आवश्यक वर्तमान मान,

ब्याज दर,

या,

यदि कुल ब्याज-चक्रों की संख्या निकालना हो तो,

इस सूत्र में लघुगणक का आधार १०, e या कुछ भी लिया जा सकता है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • A Simple Introduction to Compound Interest
  • An Online Compound Interest Calculator
  • Practice using Compound Interest Formula
  • Compound interest, what it is and why you want it on your side
  • Continuously compounded interest formula and calculator

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जब कभी भी धन को किसी दूसरे इंसान से उधार लिया जाता है, तो उस लोन पर एक ब्याज राशि भी लगी होती है। ये ब्याज, वो धनराशि होती है, जिसे उधार देने वाले इंसान को, असल राशि (मूलधन या उधार लिया हुआ पैसा) के साथ में वापस दिया जाना होता है। जब लोन पर ब्याज लगाया जा रहा है, तब इसे उधार लेने वाले के ऊपर बनने वाली राशि को इस प्रिंसिपल या मूल धनराशि (जिसे एक वेरिएबल P से दर्शाया जाता है) को ब्याज रेट या ब्याज दर (जिसे r से दर्शाया जाता है) से मल्टीप्लाय (गुणा) किया जाता है और फिर इसे उधार लिए गए समय (जिसे t से दर्शाया जाता है) से गुणा किया जाता है। इन सबको मिलाकर साधारण ब्याज कैलकुलेट करने की एक इक्वेशन,

ब्याज दर कैसे निकाला जाता है? - byaaj dar kaise nikaala jaata hai?
बन जाती है।[१]

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    का इस्तेमाल करके ब्याज की गणना करें।

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    दिये जाने वाली कुल धनराशि (ऋण) पाएँ: उधार लेने वाले इंसान को ब्याज के साथ में शुरुआत में ली हुई धनराशि भी लौटना होती है, तो इसलिए उस पर बनने वाली कुल धनराशि के बराबर होगी। आप चाहें तो इसे आखिर में जोड़कर भी देख सकते हैं या फिर इस कुल धनराशि को पाने के लिए सीधे एक इक्वेशन भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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    उदाहरण 1: एक बैंक आपको 55,000 रूपये, 3% के साधारण ब्याज की दर पर उधार देता है। 10 साल के बाद आप पर कितना ब्याज बनेगा?

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    उदाहरण 2: आपका फ्रेंड आप से Rs.70 उधार लेता है और हर हफ्ते इसके लिए 5% साधारण ब्याज देने का वादा करता है। दो महीने के बाद, आपके फ्रेंड पर आपका कितना पैसा बकाया होगा?

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    ब्याज समझिए: आखिर ब्याज लिया ही क्यों जाता है? वो इंसान, जो पैसे उधार दे रहा है, वो उस वक़्त तक उन पैसों को अपने लिए इस्तेमाल नहीं कर पाता, जब तक कि वो पैसे वापस उसकी हांथ में न आ जाएँ। इसलिए इस पर ब्याज इस एक वजह से लगाया जाता है, कि अगर वो पैसे उसके (उधार देने वाले इंसान) पास में होते, तो वो अपने लिए किसी और लाभ के तरीके में इनका लगाकर इस्तेमाल कर सकता था।[२]

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    हर एक लोन के टाइम पीरियड (समयावधि) पर ध्यान दीजिये: ब्याज नियमित रूप से समय-समय पर जमा होता है। वार्षिक ब्याज के लिए ये समय अवधि साल में होगी, लेकिन ब्याज की समय सीमा में महीनों, हफ्तों और यहाँ तक कि दिनों का भी इस्तेमाल होता है। समय अवधि जितनी कम होगी, उतना ही बार आपके लोन पर ब्याज लगेगा।

    • इससे काफी बड़ा अंतर भी हो सकता है। वार्षिक अवधि पर लिए गए लोन में, 10 वर्ष में 10 बार ब्याज दर लगती है। मासिक अवधि से लिए गए लोन पर 10 वर्षों में वही ब्याज दर 120 बार जुड़ती है।

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    प्रिंसिपल या मूलधन को न भूलें: जब लोन वापस दिया जाता है, तब इसे उधार लेने वाले को सिर्फ ब्याज नहीं लौटना होता है — उन्हें इसके साथ में वो धनराशि भो अदा करनी होती है, जो इन्होंने शुरू में ली थी। ब्याज की कुल धनराशि निकाली जाती है इसके साथ ही इसमें जोड़ी हुई मूलधन राशि को लोन की "भावी राशि (future value)" या "मेच्योरिटी वैल्यू (maturity value)" कहा जाता है।[३]

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    साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) के बीच का अंतर समझें: आपने अभी सिर्फ साधारण ब्याज की गणना ही की है, जिसमें आप उधार लिए हुए मूलधन राशि पर ब्याज देते हैं। बहुत सारे क्रेडिट कार्ड्स और अन्य तरह के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जाता है, जिसमें आप पर आने वाला ब्याज, उस ब्याज का भी ब्याज होता है। चक्रवृद्धि ब्याज में, समय के साथ-साथ साधारण ब्याज के मुक़ाबले ज्यादा ब्याज लगता है। चक्रवृद्धि ब्याज का हिसाब लगाने के लिए एक अलग तरह के फॉर्मूला की जरूरत होती है। यहाँ पर दोनों ही तरह के ब्याज के बीच के अंतर दर्शाए गए हैं:

    • आप 30% की साधारण ब्याज की दर पर 100 रूपये उधार लेते हैं। एक समय अवधि पूरी होने का बाद आपको Rs.30 का ब्याज देना होगा, दूसरी समय अवधि पूरी होने के बाद Rs.60, तीसरी अवधि के बाद Rs.90 और चौथी समय अवधि के बाद में आपको Rs.120 का ब्याज देना होगा।
    • आप 30% की चक्रवृद्धि ब्याज की दर पर Rs.100 उधार लेते हैं। एक समय अवधि पूरी होने का बाद आपको Rs.30 का ब्याज देना होगा, दूसरी समय अवधि पूरी होने के बाद Rs.69, तीसरी अवधि के बाद Rs..119.70, और चौथी समय अवधि के बाद में आपको Rs.285.61 का ब्याज देना होगा।
    • ब्याज के ज्यादा जटिल रूपों की गणना करते समय कई तरह के अन्य कारक आपके सामने आ सकते हैं, जिनमें क्रेडिट रिस्क या ऋण जोखिम और मुद्रास्फीति (inflation) शामिल हैं।

सलाह

रेफरेन्स

विकीहाउ के बारे में

आर्टिकल समरी (Summary)X

साधारण ब्याज या सिम्पल इंट्रेस्ट कैलकुलेट करने के लिए, प्रिंसिपल या मूल धनराशि, जो कि शुरुआत में उधार ली हुई धनराशि होती है, को डेसिमल में लिखी हुई लोन की इंट्रेस्ट रेट या ब्याज दर के साथ में गुणा करें। फिर, साधारण ब्याज निकालने के लिए उस नंबर को लोन की शुरुआत से लेकर अब तक के गुजरे समय के साथ में गुणा करें। जैसे कि, अगर आपकी मूल धन राशि Rs.55,000 है, ब्याज दर 0.03 प्रतिशत है और लोन की शुरुआत से लेकर अब तक का समय 10 साल है, तो पहले आपको 55,000 को 0.03 से गुणा करके, उसके जवाब में 1,650 मिलेगा। फिर, आप 1,650 को 10 से गुणा करेंगे, जिससे आपको 16,500 मिलेगा। इसलिए, Rs.16,500 आपका साधारण ब्याज होगा। इस इक़्वेशन के हर एक पहलू के बारे में और जानकारी पाने के लिए, पढ़ते जाएँ।

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यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

ब्याज की दर कैसे निकालते हैं?

ब्याज हमेशा मूलधन पर लगाया जाता है उदहारण के लिए अगर आपने किसी से Rs 10,000 का उधार लिया तो ब्याज हमेशा मूलधन अमाउंट पर कुछ परसेंटेज लगाकर ही वापास किया जायेगा. अगर किसी से आपने Rs 10,000 उधार लिया और आपका सालाना ब्याज दर 10% होगा तो आपको एक साल बाद Rs 10,000 के साथ Rs 1000 ज्यादा देना होगा.

₹ 800 का 5% वार्षिक ब्याज की दर से 4 वर्ष में कितना साधारण ब्याज होगा?

800 रूपये यानी 100×8 रुपये पर एक साल का साधारण ब्याज =5×8=40 रुपये । अतः 5 सालों का कुल साधारण ब्याज =40×5=200 रुपये । उत्तर के अनुरोध के लिए धन्यवाद ।।

100000 का ब्याज कितना होगा?

आप 100,000 पर 10% यानी ₹10,000 कमाएंगे।