जब समय-समय पर अभी तक संचित हुए ब्याज को मूलधन में मिलाकर इस मिश्रधन पर ब्याज की गणना की जाती है तो इसे चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) कहते हैं। जिस अवधि के बाद ब्याज की गणना करके उसे मूलधन में जोड़ा जाता है, उसे चक्रवृद्धि अवधि (compounding period) कहते हैं। Show इसके विपरीत साधारण ब्याज उस प्रकार की ब्याज गणना का नाम है जिसमें मूलधन (जिस राशि पर ब्याज की गणना की जाती है) अपरिवर्तित रहता है। कुछ छोटे-मोटे मामलों को छोड़कर व्यावहारिक जीवन के प्रायः सभी क्षेत्रों में चक्रवृद्धि ब्याज ही लिया/दिया जाता है ब्याज का गणित[संपादित करें]मिश्रधन = मूलधन + ब्याजसाधारण ब्याज[संपादित करें]साधारण ब्याज = (164488 x 6x 7.5) / 100दर = ब्याज x 100 / (मूलधन x समय)समय = ब्याज x 100 / (मूलधन x दर)मूलधन = ब्याज x 100 / (समय x दर)चक्रवृद्धि ब्याज[संपादित करें]१०००० रूपये मूलधन का ७.५ प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से मिश्रधन। क्षैतिज अक्ष पर समय (वर्षों में) है। चक्रवृद्धि ब्याज की गणना के लिये निम्नलिखित सूत्र प्रयुक्त होता है: जहाँ,
उदाहरण : रू 1,500.00 किसी बैंक में जमा किया गया। ब्याज की वार्षिक दर 4.3% है और ब्याज हर तीसरे महीने जोड़ा जाता है। छः वर्ष बाद कुल कितनी राशि हो जायेगी? उपरोक्त सूत्र का प्रयोग करने के लिये, P = 1500, r = 4.3/100 = 0.043, n = 4, एवं t = 6: अतः ६ वर्ष बाद मिश्रधन लगभग रू 1,938.84 होगा। उपरोक्त सूत्र को अलग प्रकार से लिखकर ब्याज-दर, समय, या मूलधन (अथवा वर्तमान मान) की गणना की जा सकती है। नीचे के सूत्रों में i ब्याज दर है और इसे वास्तविक प्रतिशत (true percentage) के रूप में लेना है। (अर्थात् 10% = 10/100 = 0.10). FV एवं PV क्रमशः भविष्य की राशि एवं वर्तमान राशि हैं। n कुल ब्याज-चक्रों की संख्या है। भविष्य में मान, भविष्य में FV प्राप्त करने के लिये आवश्यक वर्तमान मान, ब्याज दर, या,यदि कुल ब्याज-चक्रों की संख्या निकालना हो तो, इस सूत्र में लघुगणक का आधार १०, e या कुछ भी लिया जा सकता है। बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
PDF डाउनलोड करें। PDF डाउनलोड करें। जब कभी भी धन को किसी दूसरे इंसान से उधार लिया जाता है, तो उस लोन पर एक ब्याज राशि भी लगी होती है। ये ब्याज, वो धनराशि होती है, जिसे उधार देने वाले इंसान को, असल राशि (मूलधन या उधार लिया हुआ पैसा) के साथ में वापस दिया जाना होता है। जब लोन पर ब्याज लगाया जा रहा है, तब इसे उधार लेने वाले के ऊपर बनने वाली राशि को इस प्रिंसिपल या मूल धनराशि (जिसे एक वेरिएबल P से दर्शाया जाता है) को ब्याज रेट या ब्याज दर (जिसे r से दर्शाया जाता है) से मल्टीप्लाय (गुणा) किया जाता है और फिर इसे उधार लिए गए समय (जिसे t से दर्शाया जाता है) से गुणा किया जाता है। इन सबको मिलाकर साधारण ब्याज कैलकुलेट करने की एक इक्वेशन, बन जाती है।[१]
सलाहरेफरेन्सविकीहाउ के बारे मेंआर्टिकल समरी (Summary)X साधारण ब्याज या सिम्पल इंट्रेस्ट कैलकुलेट करने के लिए, प्रिंसिपल या मूल धनराशि, जो कि शुरुआत में उधार ली हुई धनराशि होती है, को डेसिमल में लिखी हुई लोन की इंट्रेस्ट रेट या ब्याज दर के साथ में गुणा करें। फिर, साधारण ब्याज निकालने के लिए उस नंबर को लोन की शुरुआत से लेकर अब तक के गुजरे समय के साथ में गुणा करें। जैसे कि, अगर आपकी मूल धन राशि Rs.55,000 है, ब्याज दर 0.03 प्रतिशत है और लोन की शुरुआत से लेकर अब तक का समय 10 साल है, तो पहले आपको 55,000 को 0.03 से गुणा करके, उसके जवाब में 1,650 मिलेगा। फिर, आप 1,650 को 10 से गुणा करेंगे, जिससे आपको 16,500 मिलेगा। इसलिए, Rs.16,500 आपका साधारण ब्याज होगा। इस इक़्वेशन के हर एक पहलू के बारे में और जानकारी पाने के लिए, पढ़ते जाएँ। सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ९१,६०१ बार पढ़ा गया है। यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?ब्याज की दर कैसे निकालते हैं?ब्याज हमेशा मूलधन पर लगाया जाता है उदहारण के लिए अगर आपने किसी से Rs 10,000 का उधार लिया तो ब्याज हमेशा मूलधन अमाउंट पर कुछ परसेंटेज लगाकर ही वापास किया जायेगा. अगर किसी से आपने Rs 10,000 उधार लिया और आपका सालाना ब्याज दर 10% होगा तो आपको एक साल बाद Rs 10,000 के साथ Rs 1000 ज्यादा देना होगा.
₹ 800 का 5% वार्षिक ब्याज की दर से 4 वर्ष में कितना साधारण ब्याज होगा?800 रूपये यानी 100×8 रुपये पर एक साल का साधारण ब्याज =5×8=40 रुपये । अतः 5 सालों का कुल साधारण ब्याज =40×5=200 रुपये । उत्तर के अनुरोध के लिए धन्यवाद ।।
100000 का ब्याज कितना होगा?आप 100,000 पर 10% यानी ₹10,000 कमाएंगे।
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