चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। Show बच्चों के समाजीकरण में जेंडर की क्या भूमिका है बच्चों की समाजीकरण में जेंडर की बहुत बड़ी भूमिका हुआ करती है लड़के और लड़की के समान रूप से खड़ा होना चाहिए लिंगानुपात जो है वह समान होना चाहिए इसमें भेज नहीं होना चाहिए यदि लिंगानुपात में लड़कियों की संख्या यदि कम होगी तो भी समाज के लिए यह हितकारी नहीं हुआ करेगा Romanized Version बच्चों के समाजीकरण में जेंडर की भूमिका में परिवार का क्या योगदान है?बच्चे को उसके घर में ही जेण्डर कि जानकारी होने लगती है। क्योंकि बालक का जन्म परिवार में होता है और • परिवार समाज में रहता है, जब बालक समाज में जाता है तो उसे विभिन्न प्रकार जाति, धर्म वेशभूषा का समाना होता है, जो बालक के समाजीकरण में सहयोग देता है। जो बचपन से ही बालकों के जण्डर की पहचान संबंधी कार्य करने लगते हैं।
जेंडर हेतु समाजीकरण में परिवार की क्या भूमिका है?जेंडर आधारित भूमिकाओं के समाजीकरण में माता पिता प्रभावी भूमिका निभाते हैं। पुरुषों द्वारा निर्मित संस्कृति यह निर्धारित करती है कि शासन करना पुरुषों का स्वभाव है जबकि शासित होना महिलाओं की प्रकृति है। इस आधार पर महिलाओं को गृहकार्य एवं बच्चों की देखभाल तक सीमित रखा जाता है जबकि पुरुष इससे अलग रहते हैं।
समाजीकरण को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से है?समाजीकरण को प्रभावित करने वाले कारक. स्वयं केंद्रित बालक. माता पिता पर आश्रित बालक. सामाजिक खेल का विकास. स्पर्धा की भावना. मैत्री और सहयोग. सामाजिक स्वीकृति. बालक के समाजीकरण से आप क्या समझते हैं?ग्रीन के अनुसार, " समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बच्चा सांस्कृतिक विशेषताओं, आत्म एवं व्यक्तित्व को प्राप्त करता हैं। फिचर के शब्दों में "समाजीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति सामाजिक व्यवहारों को स्वीकार करता है और उसके साथ अनुकूलन करता हैं।
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