इसे सुनेंरोकेंभोलानाथ को भी जब साथी बालकों की टोली दिखाई देती है तो उनका खेलना-कूदना देखकर, वह गुरु जी की डाँट-फटकार तथा अपना सिसकना भूल जाता है और उनके साथ खेलने में मग्न हो जाता है। बच्चों के साथ उसे लगता है कि अब डर, भय और किसी तरह की चिंता की आवश्यकता नहीं रही। यही कारण है कि भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है। Show
माता का अंचल पाठ के लेखक अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता था?इसे सुनेंरोकेंअपनी उम्र के साथ जिस रुचि से खेलता है वह रुचि बड़ों के साथ नहीं होती है। दूसरा कारण मनोवैज्ञानिक भी है-बच्चे को अपने साथियों के बीच सिसकने या रोने में हीनता का अनुभव होता है। यही कारण है कि भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है। पढ़ना: खाड़ी सिद्धांत क्या है? भोिानाथ ऄपने साधथयों को देखकर धससकना क्यों भूि जाता था? इसे सुनेंरोकेंउनके साथ वह सबकुछ भुल जाता है। गुरू जी द्वारा गुस्सा करने पर वह अपने पिता की गोद में रोने − बिलखने लगता है परन्तु अपने मित्रों को मजा करते देख वह स्वयं को रोक नहीं पाता। मार की पीड़ा खेल की क्रीड़ा के आगे कुछ नहीं लगती। इसलिए रोना भुलकर वह दुबारा अपनी मित्र मंडली में खेल का मजा उठाने लगता है। सांप को देखकर भोलेनाथ की क्या दशा हुई? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: चूहे के बिल से निकले साँप को देखकर भयभीत भोलानाथ जब गिरता-पड़ता घर भागता है तो उसे जगह-जगह चोट लग जाती है। वह अपने पिता को ओसारे में हुक्का गुड़गुड़ाता हुआ देखता है परंतु उनकी शरण में न जाकर घर में सीधे माँ के पास जाकर माँ के आँचल में छिप जाता है। शिव पूजन सहाय के पिता उसे प्यार से क्या बुलाते थे?इसे सुनेंरोकेंपिता जी हमें बड़े प्यार से ‘भोलानाथ’ कहकर पुकारा करते। पढ़ना: पैट्रिक विलियम कौन था? माता का आँचल में बालक का िास्तविक नाम क्या था उसका नाम भनलानाथ क्यनं पड़ा?इसे सुनेंरोकें’माता का आँचल’ पाठ में भोलेनाथ का वास्तविक नाम तारकेश्वर नाथ था, लेकिन उनको सब भोलेनाथ कहकर पुकारते थे। उनका भोलेनाथ नाम इसलिए पड़ा क्योंकि भोलेनाथ के पिता उन्हें बचपन में सुबह नहला-धुला कर अपने साथ पूजा-पाठ करते समय बैठा लेते थे। बच्चा कब se बैठने लगता है? इसे सुनेंरोकेंआमतौर पर, बच्चे 3 से 5 महीने की उम्र में सहारे के साथ बैठना शुरू कर देते हैं। 6 महीने की उम्र तक आने पर, बच्चा बिना सहारे के बैठने लगता है। क्योंकि, अब तक उसकी पीठ और गर्दन की मांसपेशियां इतनी मजबूत हो चुकी होती हैं, कि वह बिना सहारे के बैठ सके। NCERT Bholanath apne sathiyon ko dekhkar siskana kyon bhul jata tha ? SOLVED Solution, Answer of Question Prash ka Uttar Kunji Guide CBSE Hindi Medium Bachchon ko apne sathiyon ka sath khub bhata hai, aur bachchon ke sath bholenath tarah-tarah ke khel khela karta tha, aur apne duhkh bhul jata tha MCQs, Objective Questions, Onliner Question Answer, Notes & Important Questions for Board Exam. Solutions like kya kise kab kaha kaun kisko kiska kaise hota kahte bolte h kyo what why which where gk hindi english matlab बाल सुलभ प्रकृति होती है कि वे अपनी पसंदीदा वस्तुओं और रुचिगत क्रियाकलापों की ओर शीघ्र आकर्षित हो जाते हैं। यही वजह है कि आम व्यक्ति रोते, बिलखते, सुबकते नन्हें बालकों को चुप कराने के लिए उनकी पसंद की वस्तुएँ या खेल दिखाते हैं। इसी प्रकार भोलानाथ भी अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है। पाठ में आए ऐसे प्रसंगों का वर्णन कीजिए जो आपके दिल को छू गए हों? पाठ में ऐसे कई प्रसंग आए हैं जिन्होंने मेरे दिल को छू लिए- NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 माता का आँचलThese Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 माता का आँचल. प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1. You can also download 10th NCERT Maths Solution to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. प्रश्न 2. प्रश्न 3. 1. अटकन-बटकन दही चटाके। 2. अर्रक-बकि दूध की धार । प्रश्न 4. वे धूल से मेंड़, दीवार, तिनकों का छप्पर, दीये की कड़ाही, पानी से घी, धूल का आटा, बालू की चीनी बनाकर भोज्य पदार्थ तैयार करते थे। इसके अलावा बारात का जुलूस निकालना, चिड़ियों को उड़ाना उनका प्रिय खेल था। आज हमारे खेल तथा खेल-सामग्री में बदलाव आ गया है। हमारे खेल के सामान मशीन-निर्मित हैं। भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने के सामान ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंधित हैं, हमारे खेलों में क्रिकेट, फुटबॉल, वालीबॉल, लूडो, शतरंज, वीडियो गेम, कंप्यूटर पर गेम आदि शहरी पृष्ठभूमि वाले खेल शामिल हैं। प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11. प्रश्न 12. Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाते है?भोलानाथ को भी जब साथी बालकों की टोली दिखाई देती है तो उनका खेलना-कूदना देखकर, वह गुरु जी की डाँट-फटकार तथा अपना सिसकना भूल जाता है और उनके साथ खेलने में मग्न हो जाता है। बच्चों के साथ उसे लगता है कि अब डर, भय और किसी तरह की चिंता की आवश्यकता नहीं रही। यही कारण है कि भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है।
भोलेनाथ के पिता अपने शिशु के माथे पर कौन सा तिलक लगाते थे?वे अकसर बालक भोलानाथ (अपने पुत्र) को भी अपने साथ बिठा लिया करते थे। वे प्रतिदिन रामायण का पाठ करते थे। पूजा के समय वे भोलानाथ को भभूत से तिलक लगा देते थे।
आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब तब खेलते खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं?Answer: आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब−तब खेलते−खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए। अटकन-बटन दही चटाके।
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