भारत का पर्यटन लोगो क्या है? - bhaarat ka paryatan logo kya hai?

Rajasthan Tourism Policy 2020.

1956 में पर्यटन विभाग की स्थापना गई।

पर्यटन विभाग के अधीन निम्नलिखित 4 संस्थाएं स्थापित की गई है -

1. राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (RTDC):-

• स्थापना - 1 अप्रैल 1979

• मुख्यालय - जयपुर

• पर्यटकों को आवास, यातायात की सुविधा हेतु।

2. राजस्थान राज्य होटल निगम लिमिटेड - 1965 में स्थापित।

3. राज्य स्तरीय मेला प्राधिकरण:-

• अध्यक्ष - पर्यटन मंत्री

• इसके द्वारा 42 राज्य स्तरीय मेलों का आयोजन किया जा रहा है।

4. रीटमैन:-

Rajasthan institute of tourism and travel management.

• स्थापना - 1996

• कार्यालय - उदयपुर

नोट:-1989 में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया। ऐसा करने वाला राजस्थान, भारत का प्रथम राज्य बना।

• राजस्थान पर्यटन की टैगलाइन - 'भारत का अतुल्य राज्य' है। (The incredible state of India !)

• राजस्थान पर्यटन का स्लोगन - पधारो म्हारो देस

2019 में राजस्थान में कुल पर्यटक आए - 5.38 करोड़ (5.22 करोड़ स्वदेशी + 16 लाख विदेशी)

2020 में राजस्थान में कुल पर्यटक आए - 1.55 करोड़  (1.51+4.46)

कोविड-19 के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी आई।

अप्रैल 2021 में अभिनेत्री करिश्मा हाडा को राजस्थान टूरिज्म ऐप का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया।

पर्यटक सहायता बल:-

• 2000-01 में प्रारंभ

• पर्यटकों की सुरक्षा/सहायता हेतु पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाती है। (भूतपूर्व सैनिक)

• 11 जिलों में लागू।

पेइंग गेस्ट योजना:-

• 27 सितंबर 1991 से शुरू। (12 जिलों में)

• पर्यटकों की आवासीय समस्याओं के समाधान के लिए शुरू की गई।

• वर्तमान में पेइंग गेस्ट योजना 33 जिलों में चलाई जा रही है।

पर्यटन नीतियां:-

• राजीव गांधी पर्यटन मिशन - 2001

• प्रथम पर्यटन नीति - 2001

• होटल नीति - 2006

• टूरिज्म यूनिट पॉलिसी - 2007

राजस्थान इको टूरिज्म पॉलिसी - 2010

• टूरिज्म यूनिट पॉलिसी - 2015

• नई पर्यटन नीति - 2020

नोट:- राजस्थान इको टूरिज्म पॉलिसी बनाने वाला देश का पहला और एकमात्र राज्य है।

• राजस्थान में 2001 जहां 8.4 मिलियन पर्यटक थे वहीं 2019 में राजस्थान में पर्यटकों की संख्या 52.2 मिलियन हो गई।

राजस्थान पर्यटन नीति 2020

• लागू - 9 सितंबर 2020

• यह अंकित 5 वर्ष या नई नीति आने तक लागू रहेगी।

उद्देश्य -

• राजस्थान को अग्रणी पर्यटन ब्रांड के रूप में बढ़ावा देना।

• सड़क, रेल और हवाई मार्ग के माध्यम से पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी में सुधार करना।

• पर्यटकों के लिए आवासीय बुनियादी ढांचे का विस्तार करना।

• पर्यटकों (विशेषकर महिला) के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करना।

ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना तथा नये पर्यटन स्थलों उत्पादों एवं सेवाओं को बढ़ावा देना।

स्वरोजगार पैदा करने के लिए पर्यटन विशिष्ट कौशल विकास की सुविधा प्रदान करना।

निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करना।

• पर्यटन इकाइयों की स्थापना के लिए अनुमोदन (Approval) प्रदान करने के लिए प्रशासनिक ढांचे को सशक्त बनाना।

• बेहतर नीति निर्माण और पूर्वानुमान के लिए बाजार अनुसंधान (Market research) को बढ़ावा देना।

राजस्थान पर्यटन के विभिन्न आयाम:-

राजस्थान में सबके लिए कुछ ना कुछ है। (Something for everyone)

• ऐतिहासिक स्मारक:-

प्रत्येक संभाग से दो-तीन स्मारकों की पहचान की जाएगी।

• Special heritage/craft village:-

गांव/गांव के समूह की पहचान की जाएगी एवं उन्हें स्पेशल हेरिटेज विलेज अथवा स्पेशल क्राफ्ट विलेज का दर्जा दिया जाएगा।

इसकी जिम्मेदारी जिला पर्यटन विकास समिति को दी गई है।

• मरुस्थलीय पर्यटन:-

हॉर्स सफारी, कैमल सफारी, डेजर्ट कैंप, रेत के धोरों, शूटिंग के लिए आकर्षक स्थलों पर फोकस किया जा रहा है।

• एडवेंचर टूरिज्म:-

राजस्थान में एडवेंचर टूरिज्म की भी पर्याप्त संभावनाएं है।

जैसे - Aero tourism, aqua tourism, land based tourism.

• बॉर्डर टूरिज्म

• ग्रामीण पर्यटन

• एजुकेशन टूरिज्म - कोटा शहर को शिक्षा नगरी के रूप में जाना जाता है। जयपुर और सीकर भी शिक्षा के बड़े हब बनकर उभरे हैं।

• वैलनेस टूरिज्म - राजस्थान में अनेक औषधीय पादप पाए जाते हैं। जुलाई 2021 से राजस्थान सरकार 'घर-घर औषधि योजना' शुरू करने जा रही है।

• ट्राईबल टूरिज्म:-

उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ को ट्राइबल सर्किट

के रूप में विकसित किया गया है।

• सांस्कृतिक पर्यटन 

• धार्मिक पर्यटन

• वेडिंग टूरिज्म (विवाद पर्यटन)

• क्राफ्ट टूरिज्म:-

दिल्ली हाट की तर्ज पर जयपुर, जोधपुर, उदयपुर में बाजार।

MICE tourism:-

(Meeting incentives conference exhibition)

बड़े सेमिनार, सम्मेलनों के आयोजन को बढ़ावा देना।

• Roots tourism:-

प्रवासी राजस्थानियों के लिए राजस्थान कॉलिंग अभियान चलाया गया।

राजस्थान में फिल्म पर्यटन:-

फिल्म सिटी की स्थापना के लिए रिप्स के तहत एक अनुकूलित पैकेज, 2019 परियोजना प्रमोटर को पेश

किया जाएगा।

• एक फिल्म पर्यटन प्रकोष्ठ (Cell) की स्थापना की जाएगी ताकि आवेदन के 15 दिनों के भीतर सभी आवश्यक

अनुमोदन उपलब्ध कराए जा सकें ।

• राज्य सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में स्मारकों पर फिल्म शूटिंग के लिए सभी शुल्क और शुल्क से छूट

दी जाएगी।

• राजस्थान में शूट की गई किसी भी फिल्म की कुल उत्पादन लागत की 15% तक अग्रिम सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

• हेरिटेज साइट के लिए स्वच्छ स्मारक योजना शुरू की जाएगी।

• लोक निर्माण विभाग (PWD) पर्यटन स्थलों तक

अंतिम छोर से कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। 

सड़कों के लिए नियोजित (Planned) बजट का 1% पर्यटन स्थलों के लिए सड़क संपर्क पर खर्च किया जाएगा।

स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत नियोजित बजट खर्च का 5% पर्यटन से जुड़ी परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा।

• 5 से 20 कमरों की पेशकश करने वाले प्रतिष्ठानों को बढ़ावा देने के लिए एक 'गेस्ट हाउस' योजना शुरू की जाएगी। इसे आरटीयूपी में परिभाषित किया जाएगा

• राजस्थान पर्यटन व्यापार (सुविधा एवं विनियमन) अधिनियम - 2010 में उपयुक्त संशोधन किए जाएंगे ताकि इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पर्यटक सहायता बल को अधिक कार्यात्मक शक्तियां/पुलिस

अधिनियम शक्तियां प्रदान की जा सकें।

• पर्यटन विकास के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य पर्यटन सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा।

नोट:- जनवरी 2021 में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य पर्यटन सलाहकार समिति का गठन किया गया।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में राजस्थान के कौनसे शहर शामिल है - जयपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर

बजट 2021-22 में घोषणा:-

• 500 करोड़ का पर्यटन विकास कोष बनाया जाएगा।

शेखावाटी पर्यटन सर्किट - सीकर को पर्यटक स्वागत केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

*** गौडवाड पर्यटन सर्किट - 

पाली, जालौर, बाड़मेर, सिरोही

• ढोला मारु टूरिस्ट कांपलेक्स - जैसलमेर में सम रोड पर 3500 बीघा में बनाया जाएगा।

इसी कांपलेक्स में 'राजस्थान फॉल्क आर्ट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट' बनाया जाएगा।

• कलाकार कल्याण कोष - 15 करोड़ का बनाया जाएगा।

फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति लागू की जाएगी। राजस्थानी फिल्म को 25 लाख रुपए की सहयोग राशि और SGST पर 100% छूट दी जाएगी।

सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू किया जाएगा।

• 30 मार्च को सभी जिलों में राजस्थान उत्सव मनाया जाएगा।

• 'नेहरू यूथ कल्चरल एक्स्पोज़र प्रोग्राम' आयोजित किए जाएंगे।

राजस्थान जिला दर्शन:-

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• 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है।

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भारत का पर्यटन वाक्य क्या है?

भारतीय पर्यटन दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है । U.N.O. ने 2003 को अन्तर्राष्ट्रीय ईको ट्यूरिज्म वर्ष के रूप में घोषित किया । भारत का पर्यटन वाक्य है ( India tourism tagline ) ' अतिथि देवों भव ' ।

वर्तमान में पर्यटन लोगो क्या है?

वसुंधरा सरकार के समय बदले गए लोगो 'न जाने क्या दिख जाए' की जगह फिर से 'पधारो म्हारे देस' कर दिया गया है। मंगलवार को पर्यटन विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है। नए लोगो में नीचे लिखा है- राजस्थान भारत का अतुल्य राज्य। पधारो म्हारो देस को 1993 में लॉन्च किया गया था।

राजस्थान का पर्यटन लोगो क्या है 2022?

Detailed Solution “पधारो म्हारे देश राजस्थान पर्यटन का पारंपरिक लोगो है और यह राज्य की परंपरा और संस्कृति से जुड़ता है।

भारत में पर्यटन की शुरुआत कब हुई?

वैसे तो पूरी दुनिया में विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है लेकिन भारत का पर्यटन दिवस 25 जनवरी को होता है। इस दिन की शुरुआत 1948 में ही हो गई थी, जब देश आजाद होने के बाद भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया।