भारत की राष्ट्रपति प्रथम महिला कौन थी? - bhaarat kee raashtrapati pratham mahila kaun thee?

नई दिल्ली: देश की महिलाओं के लिए 21 जुलाई का दिन खुश होने की एक खास वजह लेकर आया। 15 बरस पहले इसी दिन देश को प्रतिभा पाटिल के रूप में पहली महिला राष्ट्रपति मिलीं।

19 दिसंबर 1934 को जन्मीं प्रतिभा देवीसिंह पाटिल 2007-2012 तक देश की 12वीं राष्ट्रपति बनीं, वह देश का यह सर्वोच्च संवैधानिक पद ग्रहण करने वाली पहली महिला थीं। वह 21 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में विजयी रहीं और 25 जुलाई 2007 को उन्हें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई।

देश-दुनिया के इतिहास में 21 जुलाई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1883 : कोलकाता में भारत के पहले सार्वजनिक थियेटर की शुरुआत हुई।

1884 - लॉर्डस के मैदान पर पहला क्रिकेट टेस्ट मैच खेला गया।

1888 : ब्रिटेन के आविष्कारक डनलप ने टायर और टयूब तैयार किए, जिससे परिवहन के साधनों की गति बढ़ी।

1904 : 13 साल तक चले निर्माण कार्य के बाद रूस में 4607 किलोमीटर लम्बी ट्रांस साइबेरियन रेल लाइन का काम पूरा।

1940 : सोवियत संघ ने एस्टोनिया लातविया और लिथुआनिया पर कब्जा किया।

1960 - श्रीलंका (तब सीलोन) में सिरिमावो भंडारनायके विश्व की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।

1962 : भारत चीन के बीच सीमा पर युद्ध।

1963 : काशी विद्यापीठ को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया।

1988 : भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इनसैट-1सी) का प्रक्षेपण।

2007 : वाशिंगटन में चार दिन के विचार-विमर्श के बाद भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का प्रारूप तैयार किया गया।

2007 : प्रतिभा पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।

2008 : नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भारतीय मूल के रामबरन यादव को नेपाल का पहला राष्ट्रपति चुना गया।

2013 : बेल्जियम के महाराज अल्बर्ट द्वितीय ने बेटे फिलिप की ताजपोशी के लिए राजगद्दी छोड़ी।

प्रतिभा पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति थीं, जिन्होंने 25 जुलाई 2007 से 25 जुलाई 2012 तक भारत के 12वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल एक भारतीय राजनीतिज्ञ और वकील हैं जिनका जन्म 19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र, भारत में हुआ था. उन्होंने पहले 2004 से 2007 तक राजस्थान की राज्यपाल के रूप में कार्य किया था।

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महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव माननीय प्रतिभा पाटिल जी को प्राप्त है एपीजे अब्दुल कलाम के पद छोडने के पश्चात इन्होने पद ग्रहन किया प्रतिभा पटिल ने पहली महिला राष्ट्रापति के तौर पर पदभार 25 जुलाई 2007 को सम्भाला तथा 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 25 जुलाई 2012 को उन्होने पद त्याग किया उनके बाद आदरणीय प्रणब मुखर्जी जी इस पद पर आसिन हुए भारत की पहली महिला राष्ट्रपति, अब तक भारत के राष्ट्रपति सूची मे12 वीं राष्ट्रपति थी


प्रतिभा पाटिल से सबंधित अन्य प्रशन:

राष्ट्रपति पद पर आसिन होने से पूर्व प्रतिभा पटिल किस पद पर नियुक्त थी

24 वीं राजस्थान गवर्नर (इस पद पर उन्होने 2004 से 2007 तक अपनी सेवाएं दी)

प्रतिभा पाटिल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत कब की थी

1962 (27 वर्ष की आयु में प्रतिभा पाटिल महाराष्ट्र के जलगांव से एम. एल. ए. बनी थी तथा उसी के साथ उनके सार्वजनिक राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई)

राष्ट्रपति के पास अधिकार है कि वो किसी भी कैदी की फांसी को रोक उसे उम्र कैद में तबदील कर सकता है प्रतिभा पाटिल ने अपने कार्यकाल में कितने कैदियो

प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने इतिहास रचते हुए 25 जुलाई, 2007 को भारत की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया था। वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ और वकील थीं, जो भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। वह भारत की 12वीं राष्ट्रपति थीं और राजस्थान के राज्यपाल के पद पर काबिज होने वाली पहली महिला राज्यपाल थीं। उन्होंने 25 जुलाई, 2007 से जुलाई 2012 तक देश के लिए सेवा प्रदान की। प्रतिभा पाटिल का जन्म ‘जलगाँव’ के ‘नदगाँव’ नामक ग्राम में 19 दिसम्बर, 1934 को हुआ था। इनके पिता का नाम ‘नारायण राव पाटिल’ था, जो पेशे से सरकारी वकील थे। उस समय देश पराधीनता की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। ऐसे में यह कल्पना करना कि देश स्वाधीन होगा और स्वाधीन भारत की महामहिम राष्ट्रपति नदगाँव ग्राम की एक बेटी बनेगी, सर्वथा असम्भव ही था। आज इस लेख में हम भारत की पहली महिला राष्ट्रपति के बारे में संपूर्ण चर्चा करने जा रहे हैं।

भारत की पहली महिला राष्ट्रपति: प्रतिभा पाटिल

प्रतिभा देवी सिंह पाटिल भारत की 12वीं राष्ट्रपति थीं। वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला और पहली महाराष्ट्रियन थीं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्य थीं, उन्हें सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (United Progressive Alliance – UPA) द्वारा नामित किया गया था। प्रतिभा पाटिल के पिता सरकारी वकील थे, इस कारण परिवार में बेटी की शिक्षा के लिए अनुकूल माहौल था। प्रतिभा पाटिल ने आरम्भिक शिक्षा नगरपालिका की प्राथमिक कन्या पाठशाला से आरम्भ की थी। कक्षा चार तक की पढ़ाई श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने उसी पाठशाला में की। फिर इन्होंने जलगाँव के नये अंग्रेज़ी स्कूल में कक्षा पाँच में दाखिला ले लिया। वर्तमान में उस स्कूल को ‘आर.आर. विद्यालय’ के नाम से जाना जाता है। विद्यालय स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए भी प्रतिभा पाटिल ने अपने व्यक्तित्व का विकास अन्य गतिविधियों में लिप्त रहते हुए किया। भाषण, वाद-विवाद एवं खेलकूद की गतिविधियों में भी प्रतिभा पाटिल का वैशिष्ट्य भाव उभरकर सामने आया। वह मात्र शैक्षिक पुस्तकों में ही लिप्त नहीं रहती थीं, वरन् व्यक्तित्व के सभी पहलुओं की ओर उनका ध्यान था। प्रतिभा पाटिल को शास्त्रीय संगीत के प्रति भी गहरा लगाव था। टेबल टेनिस की भी वह निपुण खिलाड़ी थीं।

भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मु

द्रौपदी मुर्मू को भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है। वह 25 जुलाई, 2022 को राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगी। वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। 21 जुलाई, 2007 को सुबह 11 बजे शुरू हुई गिनती में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (यूपीए) के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को तीसरे चरण की गिनती में ही हरा दिया। उन्हें जीत के लिए जरूरी 5 लाख 43 हजार 261 वोट तीसरे राउंड में ही मिल गए। इससे पहले द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रही हैं। वह 18 मई, 2015 से 12 जुलाई, 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं।

भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति का नाम क्या है?

Sundaram Singh. प्रतिभा देवीसिंह पाटिल स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति हैं।

राष्ट्रपति पहली कौन थी?

राष्ट्रपति.

भारत की प्रथम महिला कौन है?

भारत की प्रथम महिला नागरिक डॉ राजेंद्र प्रसाद की जीवनसंगिनी श्रीमती राजवंशी देवी थी

भारत के दूसरे राष्ट्रपति का नाम क्या है?

डॉ राधाकृष्णन अपने शिक्षण करियर के दौरान अपने छात्रों के बीच एक लोकप्रिय शिक्षक थे। उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य किया। 1962 में जब डॉ राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति का पद संभाला, तो उनके छात्रों ने 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगी।