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150 Questions 600 Marks 135 Mins Last updated on Oct 20, 2022 BSSC CGL Exam Dates Revised! The exam will be now taking place on 23rd and 24th December 2022. The Bihar Staff Selection Commission (BSSC) had released the exam calendar for BSSC CGL (Competitive Graduate Level) advt no 01/2022. The last date for online application ended on 1st June 2022. The prelims exam is scheduled to be held on 26th & 27th November 2022 and the mains exam in February 2023. Meanwhile, serious aspirants can go through the BSSC CGL Previous Years’ Paper to have an idea of the level of questions asked and streamline their preparation in the right direction. Bharat Ka Rashtriya Fal Kya HaiGkExams on 12-05-2019 भारत का राष्ट्रीय फल - आम. Comments satender singh on 12-05-2019 Bharat ka rastiya fal konsa hai Rashtiya fal on 12-05-2019 Aam महात्मा गांधी का जन्म कहां हु on 23-02-2019 महात्मा गांधी का जन्म कहां हुआ था आप यहाँ पर फल gk, question answers, general knowledge, फल सामान्य
ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं। यह सूची भारतीय राष्ट्रीय चिह्नों की है। राष्ट्रीय ध्वज[संपादित करें]राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में समान अनुपात में तीन क्षैतिज पट्टियां हैं: गहरा केसरिया रंग सबसे ऊपर, सफेद बीच में और हरा रंग सबसे नीचे है। ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है। शीर्ष में गहरा केसरिया रंग देश की ताकत और साहस को दर्शाता है। बीच में स्थित सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है। हरा रंग देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाता है। इसका प्रारूप सारनाथ में अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष पर बने चक्र से लिया गया है। इसका व्यास सफेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर है और इसमें 24 तीलियां हैं। राष्ट्रीय ध्वज श्री पिंगली वेंकैया जी ने डिजाइन किया था।भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया। राष्ट्रभाषा[संपादित करें]भारत की कोई भी घोषित राष्ट्रभाषा नहीं है।[1][2][3] भारत सरकार ने 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है तथा राज्य सरकारें अपनी आधिकारिक भाषा चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। केंद्र सरकार ने अपने कार्यों के लिए हिन्दी[4] और अंग्रेजी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। राष्ट्रीय पक्षी[संपादित करें]राष्ट्रीय पक्षी मोर को 1963 में अपनाया गया। भारतीय मोर, पावों क्रिस्तातुस, भारत का राष्ट्रीय पक्षी एक रंगीन, हंस के आकार का पक्षी पंखे आकृति की पंखों की कलगी, आँख के नीचे सफेद धब्बा और लंबी पतली गर्दन। इस प्रजाति का नर मादा से अधिक रंगीन होता है जिसका चमकीला नीला सीना और गर्दन होती है और अति मनमोहक कांस्य हरा 200 लम्बे पंखों का गुच्छा होता है। मादा भूरे रंग की होती है, नर से थोड़ा छोटा और इसमें पंखों का गुच्छा नहीं होता है। नर का दरबारी नाच पंखों को घुमाना और पंखों को संवारना सुंदर दृश्य होता है। [5] राष्ट्रीय पुष्प[संपादित करें]कमल (निलम्बो नूसीपेरा गेर्टन) भारत का राष्ट्रीय फूल है। यह पवित्र पुष्प है और इसका प्राचीन भारत की कला और गाथाओं में विशेष स्थान है और यह अति प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति का मांगलिक प्रतीक रहा है।[6] भारत पेड़ पौधों से भरा है। वर्तमान में उपलब्ध डाटा वनस्पति विविधता में इसका विश्व में दसवां और एशिया में चौथा स्थान है। अब तक 70 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया उसमें से भारत के वनस्पति सर्वेक्षण द्वारा 47,000 वनस्पति की प्रजातियों का वर्णन किया गया है। राष्ट्रीय पेड़[संपादित करें]भारतीय बरगद का पेड़ फाइकस बैंगालेंसिस, जिसकी शाखाएं और जड़ें एक बड़े हिस्से में एक नए पेड़ के समान लगने लगती हैं। जड़ों से और अधिक तने और शाखाएं बनती हैं। इस विशेषता और लंबे जीवन के कारण इस पेड़ को अनश्वर माना जाता है और यह भारत के इतिहास और लोक कथाओं का एक अविभाज्य अंग है। आज भी बरगद के पेड़ को ग्रामीण जीवन का केंद्र बिन्दु माना जाता है और गांव की परिषद इसी पेड़ की छाया में बैठक करती है।[7] राष्ट्र गान[संपादित करें]भारत का राष्ट्र गान अनेक अवसरों पर बजाया जाता है। राष्ट्र गान के सही संस्करण के बारे में समय समय पर अनुदेश जारी किए गए हैं, इनमें वे अवसर जिन पर इसे बजाया जाना चाहिए और इन अवसरों पर उचित गौरव का पालन करने के लिए राष्ट्र गान को सम्मान देने की आवश्यकता के बारे में बताया जाता है। सामान्य सूचना और मार्गदर्शन के लिए इस सूचना पत्र में इन अनुदेशों का सारांश निहित किया गया है।[8] स्वर्गीय कवि रबीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा "जन गण मन" के नाम से प्रख्यात शब्दों और संगीत की रचना भारत का राष्ट्र गान है। इसे इस प्रकार पढ़ा जाए: उपरोक्त राष्ट्र गान का पूर्ण संस्करण है और इसकी कुल अवधि लगभग 52 सेकंड है। राष्ट्रीय नदी[संपादित करें]गंगा[9] भारत की सबसे लंबी नदी है जो पर्वतों, घाटियों और मैदानों में 2,510 किलो मीटर की दूरी तय करती है। यह हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर में भागीरथी नदी के नाम से बर्फ के पहाड़ों के बीच जन्म लेती है। इसमें आगे चलकर अन्य नदियां जुड़ती हैं, जैसे कि अलकनंदा, यमुना, सोन, गोमती, कोसी और घाघरा। गंगा नदी का बेसिन विश्व के सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र के रूप में जाना जाता है और यहां सबसे अधिक घनी आबादी निवास करती है तथा यह लगभग 1,000,000 वर्ग किलो मीटर में फैला हिस्सा है। नदी पर दो बांध बनाए गए हैं - एक हरिद्वार में और दूसरा फरक्का में। गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉलफिन एक संकटापन्न जंतु है, जो विशिष्ट रूप से इसी नदी में वास करती है। गंगा नदी को हिन्दु समुदाय में पृथ्वी की सबसे अधिक पवित्र नदी माना जाता है। मुख्य धार्मिक आयोजन नदी के किनारे स्थित शहरों में किए जाते हैं जैसे वाराणसी, हरिद्वार और प्रयागराज गंगा नदी बंगलादेश के सुंदर वन द्वीप में गंगा डेल्टा पर आकर व्यापक हो जाती है और इसके बाद बंगाल की खाड़ी में मिलकर इसकी यात्रा पूरी होती है। राष्ट्रीय चिह्न[संपादित करें]अशोक चिह्न भारत का राजकीय प्रतीक है। इसको सारनाथ स्थित राष्ट्रीय स्तंभ का शीर्ष भाग राष्ट्रीय प्रतिज्ञा चिह्न के रूप में लिया गया है। मूल रूप इसमें चार शेर हैं जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं। इसके नीचे एक गोल आधार है जिस पर एक हाथी के एक दौड़ता घोड़ा, एक सांड़ और एक सिंह बने हैं। ये गोलाकार आधार खिले हुए उल्टे लटके कमल के रूप में है। हर पशु के बीच में एक धर्म चक्र बना हुआ है। राष्ट्र के प्रतीक में जिसे २६ जनवरी १९५० में भारत सरकार द्वारा अपनाया गया था केवल तीन सिंह दिखाई देते हैं और चौथा छिपा हुआ है, दिखाई नहीं देता है। चक्र केंद्र में दिखाई देता है, सांड दाहिनी ओर और घोड़ा बायीं ओर और अन्य चक्र की बाहरी रेखा बिल्कुल दाहिने और बाई छोर पर। घंटी के आकार का कमल छोड़ दिया जाता है। प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में अंकित है। शब्द सत्यमेव जयते शब्द मुण्डकोपनिषद् से लिए गए हैं, जिसका अर्थ है केवल सच्चाई की विजय होती है। राष्ट्रीय जलीय जीव[संपादित करें]मीठे पानी की डॉलफिन [10] भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है। यह स्तनधारी जंतु पवित्र गंगा की शुद्धता को भी प्रकट करता है, क्योंकि यह केवल शुद्ध और मीठे पानी में ही जीवित रह सकता है। प्लेटेनिस्टा गेंगेटिका नामक यह मछली लंबे नोकदार मुंह वाली होती है और इसके ऊपरी तथा निचले जबड़ों में दांत भी दिखाई देते हैं। इनकी आंखें लेंस रहित होती हैं और इसलिए ये केवल प्रकाश की दिशा का पता लगाने के साधन के रूप में कार्य करती हैं। डॉलफिन मछलियां सबस्ट्रेट की दिशा में एक पख के साथ तैरती हैं और श्रिम्प तथा छोटी मछलियों को निगलने के लिए गहराई में जाती हैं। डॉलफिन मछलियों का शरीर मोटी त्वचा और हल्के भूरे-स्लेटी त्वचा शल्कों से ढका होता है और कभी कभार इसमें गुलाबी रंग की आभा दिखाई देती है। इसके पख बड़े और पृष्ठ दिशा का पख तिकोना और कम विकसित होता है। इस स्तनधारी जंतु का माथा होता है जो सीधा खड़ा होता है और इसकी आंखें छोटी छोटी होती है। नदी में रहने वाली डॉलफिन मछलियां एकल रचनाएं है और मादा मछली नर मछली से बड़ी होती है। इन्हें स्थानीय तौर पर सुसु कहा जाता है क्योंकि यह सांस लेते समय ऐसी ही आवाज निकालती है। इस प्रजाति को भारत, नेपाल, भूटान और बंगलादेश की गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र नदियों में तथा बंगलादेश की कर्णफूली नदी में देखा जा सकता है। नदी में पाई जाने वाली डॉलफिन भारत की एक महत्वपूर्ण संकटापन्न प्रजाति है और इसलिए इसे वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में शामिल किया गया है। इस प्रजाति की संख्या में गिरावट के मुख्य कारण हैं अवैध शिकार और नदी के घटते प्रवाह, भारी तलछट, बेराज के निर्माण के कारण इनके अधिवास में गिरावट आती है और इस प्रजाति के लिए प्रवास में बाधा पैदा करते हैं। राजकीय प्रतीक[संपादित करें]भारत का राजचिन्ह,[11] सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पदम के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर 'धर्मचक्र' रखा हुआ है। भारत सरकार ने यह चिह्न 26 जनवरी 1950 को अपनाया। इसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा दिखाई नहीं देता। पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काशी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं। आधार का पदम छोड़ दिया गया है। फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- 'सत्य की ही विजय होती है'। राष्ट्रीय पंचांग[संपादित करें]राष्ट्रीय कैलेंडर शक संवत[12] पर आधारित है, चैत्र इसका माह होता है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ साथ 22 मार्च 1957 से सामान्यत: 365 दिन निम्नलिखित सरकारी प्रयोजनों के लिए अपनाया गया:
राष्ट्रीय कैलेंडर ग्रेगोरियम कैलेंडर की तिथियों से स्थायी रूप से मिलती-जुलती है। सामान्यत: 1 चैत्र 22 मार्च को होता है और लीप वर्ष में 21 मार्च को। राष्ट्रीय मुद्रा[संपादित करें]भारतीय रुपया (आईएसओ कोड: INR) भारतीय गणतंत्र की आधिकारिक मुद्रा है। मुद्रा जारी करना भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है। भारतीय रुपए का प्रतीक देवनागरी व्यंजन "र" (आरए) और लैटिन अक्षर "आर" से लिया गया है, जिसे 2010 में अपनाया गया था। इसके डिजाइनर, उदय कुमार के अनुसार, डिजाइन भारतीय तिरंगे पर आधारित है। राष्ट्रीय पशु[संपादित करें]राजसी बाघ[13], तेंदुआ टाइग्रिस धारीदार जानवर है। इसकी मोटी पीली लोमचर्म का कोट होता है जिस पर गहरी धारीदार पट्टियां होती हैं। लावण्यता, ताकत, फुर्तीलापन और अपार शक्ति के कारण बाघ को भारत के राष्ट्रीय जानवर के रूप में गौरवान्वित किया है। ज्ञात आठ किस्मों की प्रजाति में से शाही बंगाल टाइगर (बाघ) उत्तर पूर्वी क्षेत्रों को छोड़कर देश भर में पाया जाता है और पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है, जैसे नेपाल, भूटान और बांग्लादेश। भारत में बाघों की घटती जनसंख्या की जांच करने के लिए अप्रैल 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर (बाघ परियोजना) शुरू की गई। अब तक इस परियोजना के अधीन 27 बाघ के आरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की गई है जिनमें 37, 761 वर्ग कि॰मी॰ क्षेत्र शामिल है। राष्ट्रीय गीत[संपादित करें]वन्दे मातरम गीत [14] बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा संस्कृत में रचा गया है; यह स्वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत था। इसका स्थान जन गण मन के बराबर है। इसे पहली बार 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था। 24 जनवरी 1950 को इस गीत को मान्यता प्रदान की गयी थी। राष्ट्रीय फल[संपादित करें]एक गूदे दार फल, जिसे पकाकर खाया जाता है या कच्चा होने पर इसे अचार आदि में इस्तेमाल किया जाता है, यह मेग्नीफेरा इंडिका का फल अर्थात् आम [15] है जो उष्ण कटिबंधी हिस्से का सबसे अधिक महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से उगाया जाने वाला फल है। इसका रसदार फल विटामिन ए, सी तथा डी का एक समृद्ध स्रोत है। भारत में विभिन्न आकारों, मापों और रंगों के आमों की 100 से अधिक किस्में पाई जाती हैं। आम को अनंत समय से भारत में उगाया जाता रहा है। कवि कालीदास ने इसकी प्रशंसा में गीत लिखे हैं। अलेक्सेंडर ने इसका स्वाद चखा है और साथ ही चीनी धर्म यात्री व्हेन सांग ने भी। मुगल बादशाह अकबर ने बिहार के दरभंगा में 1,00,000 से अधिक आम के पौधे रोपे थे, जिसे अब लाखी बाग के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रीय खेल[संपादित करें]जब हॉकी(इस खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा प्राप्त नहीं है)[16] के खेल की बात आती है तो भारत ने हमेशा विजय पाई है। हमारे देश के पास आठ ओलम्पिक स्वर्ण पदकों का उत्कृष्ट रिकॉर्ड है। भारतीय हॉकी का स्वर्णिम युग 1928-56 तक था जब भारतीय हॉकी दल ने लगातार 6 ओलम्पिक स्वर्ण पदक प्राप्त किए। भारतीय हॉकी दल ने 1975 में विश्व कप जीतने के अलावा दो अन्य पदक (रजत और कांस्य) भी जीते। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने 1927 में वैश्विक संबद्धता अर्जित की और अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआईएच) की सदस्यता प्राप्त की। इस प्रकार भारतीय हॉकी संघ के इतिहास की शुरुआत ओलम्पिक में अपनी स्वर्ण गाथा आरंभ करने के लिए की गई। इस दौरे में भारत ने 21 मैचों में से 18 मैच जीते और प्रख्यात खिलाड़ी ध्यानचंद सभी की आंखों में बस गए जब भारत के कुल 192 गोलों में से 100 गोल उन्होंने अकेले किए। यह मैच एमस्टर्डम में 1928 में हुआ और भारत लगातार लॉस एंजेलस में 1932 के दौरान तथा बर्लिन में 1936 के दौरान जीतता गया और इस प्रकार उसने ओलम्पिक में स्वर्ण पदकों की हैटट्रिक प्राप्त की। स्वतंत्रता के बाद भारतीय दल ने एक बार फिर 1948 लंदन ओलम्पिक, 1952 हेलसिंकी गेम तथा मेलबॉर्न ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीत कर हैटट्रिक प्राप्त की। इस स्वर्ण युग के दौरान भारत ने 24 ओलम्पिक मैच खेले और सभी 24 मैचों में जीत कर 178 गोल बनाए (प्रति मैच औसतन 7.43 गोल) तथा केवल 7 गोल छोड़े। भारत को 1964 टोकियो ओलम्पिक और 1980 मॉस्को ओलम्पिक में दो अन्य स्वर्ण पदक प्राप्त हुए। मुद्रा चिह्न[संपादित करें]भारतीय रुपए का प्रतीक चिह्न [17] अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदान-प्रदान तथा आर्थिक संबलता को परिलक्षित कर रहा है। रुपए का चिह्न भारत के लोकाचार का भी एक रूपक है। रुपए का यह नया प्रतीक देवनागरी लिपि के 'र' और रोमन लिपि के अक्षर 'आर (R)' को मिला कर बना है,(₹) जिसमें एक क्षैतिज रेखा भी बनी हुई है। यह रेखा हमारे राष्ट्रध्वज तथा बराबर (=) के चिह्न को प्रतिबिंबित करती है। भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 को इस चिह्न को स्वीकार कर लिया है। यह चिह्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई के पोस्ट ग्रेजुएट डिजाइन श्री डी. उदय कुमार ने बनाया है। इस चिह्न को वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित एक खुली प्रतियोगिता में प्राप्त हजारों डिजायनों में से चुना गया है। इस प्रतियोगिता में भारतीय नागरिकों से रुपए के नए चिह्न के लिए डिजाइन आमंत्रित किए गए थे। भारतीय रुपये को एक विशेष प्रतीक मिलने के बाद अब यह अन्य प्रायद्वीपीय मुद्राओं (श्री लंका, पाकिस्तान, इंडोनेशिया) से अलग एवं विशिष्ट बन चुकी है । सन्दर्भ[संपादित करें]
भारत के राष्ट्रीय फल का क्या नाम है?राष्ट्रीय फल
आम को अनंत समय से भारत में उगाया जाता रहा है।
गूगल राष्ट्रीय फल क्या है?भारत का राष्ट्रीय फल 'आम” है। यह फल भारत में जगह-जगह पर पाया जाता है और इसकी अनेक प्रकार की प्रजातियां भी भारत में पाई जाती हैं इसीलिए आम को 'फलों का राजा' भी कहा जाता है। भारत का राष्ट्रीय फल कौन सा है? आम है।
राष्ट्रीय फल आम को कब घोषित किया गया?वर्ष 1950 में आम के फलों को भारत के राष्ट्रीय फल के रूप में अपनाया गया। आम (मैंगिफेरा इंडिका), जिसे प्यार से फलों का राजा कहा जाता है, भारत का राष्ट्रीय फल है।
बिहार के राजकीय फल क्या है?आम है। फलों का राजा भी आम ही है।
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