भरत किससे खेलते थे पुरखों की सौगात क्या है हमें जान से प्यारी क्या है? - bharat kisase khelate the purakhon kee saugaat kya hai hamen jaan se pyaaree kya hai?

RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 1 हम भारत के भरत is part of RBSE Solutions for Class 5 Hindi. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 हम भारत के भरत.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 5
Subject Hindi
Chapter Chapter 1
Chapter Name हम भारत के भरत
Number of Questions 35
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 1 हम भारत के भरत

पाठ का सार- प्रस्तुत कविता में कवि ने भारत के लोगों की वीरता और साहस का बखान किया है। कविता में बताया गया है कि यहाँ के लोगों में वीरता, साहस, संघर्ष और जुझारुपन उनके बचपन में ही मिल जाता है। यहाँ के वीरों की वीरता का लोहा पूरी दुनिया मानती है। मातृभूमि की रक्षा के लिए यहाँ के लोग हँसते-हँसते अपना बलिदान कर देते हैं। पाठ में महाभारतकालीन राजा भरत के बचपन की वीरता के उदाहरण से बालकों को वीरता, संघर्ष और कष्ट सहन करने का संदेश दिया गया है।

कठिन-शब्दार्थ एवं सरलार्थ

(1) हम भारत के भरत,……. ………….. पुरखों की सौगात है॥ ( पृष्ठ 1)
कठिन- शब्दार्थ-संतान = संतति/औलाद । बढ़कर = ज्यादा/अधिक। गर्व = अभिमान/गौरव। पुरखों = पूर्वजों । सौगात = उपहार/भेंट।
सरलार्थ- कवि कहता है कि हम भारत के लोग राजा दुष्यन्त के प्रतापी पुत्र भरत के समान बलशाली हैं। हम भरत की तरह शेरों के बच्चों से खेलने का साहस रखते हैं। संसार में कोई भी देश हमारे देश । के समान या इससे बढ़कर नहीं है। भारत भूमि पर जन्म लेना बड़े गौरव की बात है। हमें साहस और वीरता के गुण अपने पूर्वजों से सौगात अर्थात् विरासत में भेंट की तरह मिले हैं।

(2) बड़ी-बड़ी ज्वालाओं से कम, ………………….. बढ़कर हिन्दुस्तान से॥ ( पृष्ठ 1)
कठिन- शब्दार्थ- ज्वालाओं = शूरवीरों/योद्धाओं। चिनगारियाँ = छोटे-छोटे बालक। काँटे = कष्ट/दुःख। फूल = सुख/आनन्द। फुलवारियाँ = संस्कृति/पालनकर्ता। महकते = सुख-शांति से काम करते। दहकते = वीरता का प्रदर्शन करते/तपते ।
सरलार्थ- कवि कहता है कि भारत के छोटे-छोटे बालक बड़े वीर हैं। छोटी-छोटी चिंगारियाँ भी बड़ीबड़ी ज्वालाओं से कम नहीं रहती हैं, उसी प्रकार यहाँ के छोटे बच्चे भी काफी बलशाली हैं। यहाँ बगीचों में फूल से पहले काँटे आते हैं। हम कठिन संघर्ष करके सफलता पाते हैं। हम कभी अंगारे बनकर दहकते हैं तो कभी फूलों के समान खिलकर महकते हैं। हम अपने देश की खातिर शान से जीते और मरते हैं। संसार का कोई भी देश भारत से बढ़कर नहीं है। |

(3) कूद समर में आगे आएं,…………. ………… बढ़कर हिन्दुस्तान से॥ (पृष्ठ 2)
कठिन- शब्दार्थ- समर = युद्ध। ललकारने = युद्ध करने । अचरज = आश्चर्य । सदियों = बहुत वर्षों/ सौ वर्षों से भी अधिक। व्रत = निश्चय/संकल्प। बारह मास = पूरे वर्ष।
सरलार्थ- कवि कहता है कि जब भी हम ललकारते हुए युद्ध-भूमि में शत्रु से लड़ने के लिए आये, तब हमारे पराक्रम को देखकर सारे संसार के लोग आश्चर्यचकित हो गये। हम सदियों से इतिहास के पन्नों में अपना नाम करते रहे हैं। अपनी मातृभूमि के लिए हम बारहों महीने त्याग और बलिदान का व्रत (संकल्प) रखते हैं। इस भारत भूमि की खानों से सदा हीरे जैसे अमूल्य रत्न अर्थात् श्रेष्ठ महापुरुष ही निकले हैं। इसकी मिट्टी में सदा महान् देशभक्तों ने जन्म लिया है। सारे संसार में कोई भी देश भारत से बढ़कर नहीं है।

(4) यह धरती जो माँ है अपनी,……. ……. बढ़कर हिन्दुस्तान से॥ ( पृष्ठ 2)
कठिन- शब्दार्थ- चौकस पहरेदारी = सावधानी के साथ रखवाली करना। सौगन्ध = शपथ । परिचय = जानना। श्रम = मेहनत ।।
सरलार्थ- कवि कहता है कि यह भारत भूमि हमारी जन्मभूमि अर्थात् माता है, जो कि हमें प्राणों से भी अधिक प्यारी है। इसकी सावधानी और साहस से रक्षा करने की जिम्मेदारी हम सब बच्चों की है। हम खूब परिश्रम करने का संकल्प लें। हमारे सामने देश की रक्षा और प्रगति करने की कठिन परीक्षा है। हमने जिस माँ का दूध पिया है, उसकी सौगन्ध खाकर हम अपने देश की रक्षा के लिए तैयार रहें। हम इस छोटी उम्र में ही परिश्रम और बलिदान करना जान लें। अर्थात् देश-सेवा का परिचय प्राप्त कर लें। इस संसार में कोई भी देश भारत से बढ़कर या श्रेष्ठ नहीं है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर सोचें और बताएँ

प्रश्न 1.
भरत किससे खेलते थे?
उत्तर
भरत शेर के बच्चों के साथ खेलते थे।

प्रश्न 2.
पुरखों की सौगात क्या है?
उत्तर
साहस और वीरता पुरखों की सौगात है।

प्रश्न 3.
हमें जान से प्यारी क्या है?
उत्तर
भारत माता हमें जान से प्यारी है।

लिखें

प्रश्न 1.
सही उत्तर के शब्द का क्रमाक्षर छाँटकर कोष्ठक में लिखें।

(क) सौगात का अर्थ होता है ( )

(अ) सोगरा
(ब) सागर
(स) उपहार
(द) सौगंध
उत्तर:
(स) उपहार ।

(ख) एक वर्ष में महीनों की संख्या होती है ( )

(अ) दस
(ब) सात
(स) बारह
(द) नौ
उत्तर:
(स) बारह।।

प्रश्न 2.
इस कविता में से वे पंक्तियाँ छाँट कर लिखो, जिनका अर्थ है

(अ) चिनगारियाँ ज्वालाओं से कम नहीं हैं।
उत्तर:
बड़ी-बड़ी ज्वालाओं से कम, नहीं यहाँ चिनगारियाँ।

(ब) हमारे काम इतिहास का हिस्सा बनते रहे हैं।
उत्तर:
सदियों से बनते आए हैं, हम पन्ने इतिहास के।

(स) हम धरती को माँ समान प्यार करते हैं।
उत्तर:
यह धरती जो माँ है अपनी, हमें जान से प्यारी है।

(द) कठिन परीक्षा में मेहनत करने की आवश्यकता है।
उत्तर:
बोलो-मेहनत खूब करेंगे, कठिन परीक्षा आई है।

प्रश्न 3.
हमारे लिए सबसे अधिक गर्व की क्या बात है?
उत्तर:
भारत भूमि पर जन्म लेना हमारे लिए सबसे अधिक गर्व की बात है।

प्रश्न 4.
फुलवारियों से हमें क्या-क्या मिलता
उत्तर:
फुलवारियों से हमें पहले काँटे और बाद में फूल मिलते हैं।

प्रश्न 5.
कविता में हमारे कौनसे व्रतों की बात कही | गई है?
उत्तर:
कविता में त्याग और बलिदान के व्रतों की बात | कही, गई है।

प्रश्न 6.
बालकों की क्या जिम्मेदारी है?
उत्तर:
अपने देश अर्थात् भारत माता की सावधानी के साथ रखवाली करना बालकों की जिम्मेदारी है।

प्रश्न 7.
इतिहास के पन्नों में लिखी हुई कौनसी बातें हैं?
उत्तर:
हमारे साहस और बलिदान की बातें इतिहास के पन्नों में लिखी हुई बातें हैं।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
बोलकर अन्तर कराएँहंस-हँस, चाँद-चंदा, अंगना-आँगन, पूँछ-पूछ, रंग-रँगा।
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से बोलिए तथा अन्तर कीजिए।

प्रश्न 2.
नीचे लिखे शब्दों को एकवचन में लिखें।
उत्तर:
चिंगारियाँ – चिंगारी
फुलवारियाँ – फुलवारी
सवारियाँ – सवारी
क्यारियाँ – क्यारी
बिवाइयाँ – बिवाई
दवाइयाँ – दवाई
मिठाइयाँ – मिठाई
तैयारियाँ – तैयारी
चटाइयाँ – चटाई

प्रश्न 3.
नीचे दिये गये शब्दों में से पुल्लिंग व स्त्रीलिंग शब्द छाँटकर लिखेंमिट्टी, उँगली, हीरा, बालक, परीक्षा, दूध।
उत्तर:
पुल्लिंगस्त्रीलिंग
हीरा – मिट्टी
बालक – उँगली
दूध – परीक्षा
जो शब्द स्त्री अथवा पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे ‘लिंग’ कहलाते हैं। लिंग दो प्रकार के होते हैं : (1) स्त्रीलिंग (2) पुल्लिंग।

यह भी करें 

प्रश्न 1.
हम बालक अपने देश की सेवा के रूप में कौन-कौन से कार्य कर सकते हैं, चर्चा करें।
उत्तर:
देश की सेवा के रूप में हम पर्यावरण को शुद्ध रखने का, स्वच्छता व सफाई का, पानी-बिजली बचाने, वृक्ष लगाने, वृक्ष काटने से बचाने जैसे कई कार्य कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
आपके आस-पास देश सेवा करने वालों/ देशभक्तों के बारे में जानें व कक्षा में चर्चा करें।
उत्तर:
हमारे यहाँ अनेक देशभक्त हुए हैं, कुछ नाम ये हैं-महाराणा प्रताप, भामाशाह, माणिक्यलाल वर्मा, हरिभाऊ उँगली उपाध्याय, जयनारायण व्यास, हीरालाल शास्त्री आदि। इनके विषय में अध्यापक की सहायता से चर्चा करें।

प्रश्न 3.
भारतीय व अंग्रेजी महीनों के नाम लिखें।
उत्तर:
भारतीय महीने-चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, : श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन ।। अंग्रेजी महीने-जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रेल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसम्बर।

प्रश्न 4.
इन महीनों में आने वाले व्रत व त्यौहारों के बारे में जानें।
उत्तर:
जनवरी- मकर संक्रान्ति, लोहड़ी, पोंगल, गणतन्त्र दिवस ।
फरवरी- वसन्त पंचमी, रविदास जयन्ती।’
मार्च- महाशिवरात्रि, होली, दयानन्द जयन्ती।
अप्रैल- हिन्दू नववर्ष प्रारम्भ, नवरात्र, रामनवमी, गणगौर, महावीर जयन्ती, गुड़ी पड़वा, ईस्टर।
मई- अक्षय तृतीया, बुद्ध पूर्णिमा, नृसिंह जयन्ती।
जून- गंगा दशहरा ।
जुलाई- ईद-उल-फितर, गुरु पूर्णिमा, तीज।
अगस्त- रक्षाबन्धन, स्वतन्त्रता दिवस, जलझूलनी एकादशी, नागपंचमी। ।
सितम्बर- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दशहरा, विश्वकर्मा जयन्ती ।
अक्टूबर- दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैयादूज, देवोत्थान एकादशी ।
नवम्बर- अक्षय नवमी।
दिसम्बर- क्रिसमस।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरवस्तुनिष्ठ

प्रश्न 1.
‘अँगुली दाँतों तले दबाई’ का क्या अंर्थ है?
(अ) अँगुली चबाना
(ब) सोचना
(स) आश्चर्य करना
(द) दातुन करना
उत्तर:
(स) आश्चर्य करना

प्रश्न 2.
फुलवारियों में क्या उगते हैं?
(अ) अनाज
(ब) फूल
(स) फल
(द) सब्जी
उत्तर:
(ब) फूल

प्रश्न 3.
हीरा कहाँ से निकलता है?
(अ) खान से
(ब) गोदाम से
(स) खेत से
(द) कारखाने से
उत्तर:
(अ) खान से

प्रश्न 4.
‘संतति’ का अर्थ होता है
(अ) सताना
(ब) सौगात
(स) समय
(द) संतान
उत्तर:
(द) संतान

दिए गए शब्दों से रिक्त स्थान भरो

(सदियों, गायों, हीरा, गर्व, शेरों, पन्ना)

प्रश्न 1.
इस मिट्टी में पैदा होना, बड़े ………….. की बात है।
प्रश्न 2.
………….. से बनते आये हैं, हम पन्ने इतिहास के।
प्रश्न 3.
हम भारत के भरत खेलते ………… की संतान से।
प्रश्न 4.
जब भी निकला ………….: निकला यहाँ किसी भी खान से।
उत्तर:
1. गर्व,
2. सदियों,
3. शेरों,
4. हीरा।

नीचे दिये गए वाक्यों में सही होने पर (✓) तथा गलत होने पर (✗) का निशान लगाएँ

प्रश्न 1.
बड़ी-बड़ी ज्वालाओं से कम नहीं फुलवारियाँ।।
उत्तर:
(✗)

प्रश्न 2.
हर बालक के जिम्मे इसकी, चौकस पहरेदारी है।
उत्तर:
(✓)

प्रश्न 3.
सदियों से बनते आये हैं, हम पन्ने किताब के।
उत्तर:
(✗)

प्रश्न 4.
साहस और वीरता मेहमानों की सौगात है।
उत्तर:
(✗)

प्रश्न 5.
भारत के भरत वीर हैं। (बोर्ड पेपर)
उत्तर:
(✓)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बड़ी-बड़ी ज्वालाओं से कम क्या नहीं हैं?
उत्तर:
चिनगारियाँ बड़ी-बड़ी ज्वालाओं से कम नहीं हैं।

प्रश्न 2.
किस उम्र में हमें श्रम और बलिदान से परिचय कर लेना चाहिए?
उत्तर:
हमें बचपन में ही श्रम और बलिदान से परिचय कर लेना चाहिए।

प्रश्न 3.
प्रत्येक बालक को क्या शपथ लेनी है?
उत्तर:
प्रत्येक बालक को शपथ लेनी चाहिए कि खूब मेहनत करेंगे, भारत माता की रक्षा करेंगे, संघर्ष और बलिदान से पीछे नहीं हटेंगे।

प्रश्न 4.
माँ का दूध पीने से कवि का क्या आशय है?
उत्तर:
इससे कवि का आशय है कि हम हिम्मती और साहसी बनें।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कवि ने हमारे बारह मास के व्रत क्या बतलाये हैं।
उत्तर:
कवि ने बतलाया है कि हम भारतवासी सदियों से त्याग और बलिदान का परिचय देते रहे हैं। इस बात से हम इतिहास में श्रेष्ठ माने जाते हैं। ये त्याग और बलिदान ही हमारे बारह मास के व्रत हैं।

प्रश्न 2.
कविता में भारत को शक्तिशाली देश का गया है। बतलाइये क्यों?…”
उत्तर:
कविता में बताया गया है कि भारत के लोग बहुत ही बहादुर तथा साहसी हैं। यहाँ के बच्चे शेरों की सन्तान के साथ खेलकर बड़े होते हैं। साहस और वीरता भारतीयों को विरासत में प्राप्त होती है। इसकी. वीरता से पूरा संसार भी आश्चर्यचकित है। अतः कविता में भारत को शक्तिशाली कहा गया है।

प्रश्न 3,
“हर बालक के जिम्मे इसकी, चौकस पहरेदारी है।” इससे क्या आशये है?
उत्तर:
इससे आशय है कि यह भारत भूमि हमारी माता है। इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। हमें सदा इसकी सावधानी के साथ रखवाली करनी होगी और इसका मान-सम्मान बढ़ाना होगा।

प्रश्न 4.
हम भारत के भरत’ कविता के माध्यम से क्या सन्देश और प्रेरणा दी गई है?
उत्तर:
‘हम भारत के भरत’ कविता से सन्देश दिया गया है कि हम अपने देश की रक्षा के लिए सदा तैयार रहें। हम इसकी खातिर बड़ा-से-बड़ा त्याग और | बलिदान करने में संकोच न करें। इससे शक्तिशाली होने, मेहनती बनने, साहस और हिम्मत रखने की प्रेरणा दी गई है।

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1 भरत किससे खेलते थे 2 पुरखों की सौगात क्या है 3 हमें जान से प्यारी क्या है?

पुरखों = पूर्वजों । सौगात = उपहार/भेंट। सरलार्थ- कवि कहता है कि हम भारत के लोग राजा दुष्यन्त के प्रतापी पुत्र भरत के समान बलशाली हैं। हम भरत की तरह शेरों के बच्चों से खेलने का साहस रखते हैं।

2 पुरखों की सौगात क्या है ?`?

उत्तर- पुरखों की सौगात साहस और वीरता है।

5 कविता में हमारे कौनसे व्रतों की बात कही गई है?

कविता में हमारे कौनसे व्रतों की बात कही गई है? उत्तर:- कविता में त्याग और बलिदान के व्रतों की बात कही गई है।

बेटे की गर्दन कमर और पैर क्यों दुखने लगे थे?

बेटे की गर्दन, कमर और पैर क्यों दुखने लगे थे? उत्तर: बेटे ने पैसे कमाने के लिए मेहनत की थी, एक सेठ का संदूक उठाकर उसके घर पहुँचाया था, जिससे थकान होने के कारण उसकी गर्दन, कमर और पैर दुखने लगे थे