जानें, भारत में जैविक खेती (Organic Farming) करने वाले किसान कहां बेचे अपनी उपज?देश में जैविक खेती (Organic Farming) को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कई योजनाएं किसानों के लाभार्थ चलाई जा रही है। सरकार की ओर जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। इसका लाभ उठाकर कई किसान जैविक खेती कर रहे हैं। सरकार भी चाहती है कि फसलों में कम से कम रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग हो और जैविक तरीके अपनाकर फसलों में प्राकृतिक खाद जैसे- केंचुआ खाद, गोबर खाद का उपयोग किया जाए ताकि फसल भी अच्छी हो और स्वास्थ्य के लिहाज से भी सुरक्षित हो। Show
इन सबके बीच जैविक खेती (Organic Farming) करने वाले किसानों के सामाने एक सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे अपने जैविक खेती उत्पाद का कहां बेचे जिससे उन्हें इसके अच्छे भाव मिल सके। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से आधुनिक जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए वेबपोर्टल एवं एप शुरू किया गया है। इस पर किसान पंजीकरण कर अपने जैविक उत्पाद को बेच सकते हैं। बता दें कि आज देश में 22 लाख हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल पर जैविक खेती हो रही है। ऐसे में सरकार की ओर से शुरू किए गए जैविक वेब पोर्टल एवं एप का फायदा जैविक खेती करने वाले किसानों को मिल सकेगा। सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रैक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप -http://bit.ly/TJN50K1 क्या है जैविक वेब पोर्टल एवं एपजैविक खेती पोर्टल विश्व स्तर पर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एमएसटीसी के साथ कृषि मंत्रालय (एमओए), कृषि विभाग (डीएसी) की एक अनूठी पहल है। जैविक वेब पोर्टल एवं एप जैविक किसानों को अपने जैविक उत्पाद बेचने और जैविक खेती और इसके लाभों को बढ़ावा देने की सुविधा के लिए एक स्थान पर समाधान है। केंद्र सरकार ने किसानों द्वारा उत्पादित फसल को उपभोक्ता तक पहुंचाने के लिए ऑनलाइन सेवा https://www.jaivikkheti.in/ शुरू की है। जहां पर खरीदार तथा आपूर्तिकर्ता या उत्पादक एक साथ व्यापार कर सकते हैं। इसके अलावा अपनी सुविधा के अनुसार भाव भी तय कर सकते हैं। भारत में जैविक खेती (Jaivik Kheti) : चार लाख से अधिक किसानों ने कराया पंजीयनदेशभर में अभी तक 4 लाख 93 हजार 563 किसानों ने पंजीयन कराया है। इसके अलावा 15,717 कृषि समूहों ने जैविक उत्पाद बेचने के लिए आवेदन किया है। देशभर में जैविक खेती के उत्पाद बेचने के लिए उत्तराखंड के किसानों ने सबसे ज्यादा आवेदन किया है। राज्य के 1 लाख 62 हजार 876 किसानों ने आवेदन किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के 60 हजार 023 किसानों ने आवेदन किया है। इस प्रकार जैविक उत्पाद बेचने के लिए 25 राज्यों के किसानों ने रूचि दिखाई है। जैविक खेती बाज़ार : एक लाख 42 हजार से ज्यादा उत्पादों का पंजीयनअभी तक इस वेबसाईट पर 1 लाख 42 हजार 205 उत्पादों का पंजीयन कराया गया है। इसके लिए 7,763 खरीदारों ने इस वेबसाइट से जैविक उत्पाद खरीदने में रूचि दिखाई है। जैविक उत्पाद का 75 आपूर्तिकर्ता ने भी पंजीयन कराया है। आप भी अपने जैविक उत्पाद बेचने के लिए यहां पंजीयन करा सकते हैं। देश के किसी भी राज्य के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। जैविक खेती का रजिस्ट्रेशन : जैविक उत्पाद बेचने के लिए इस वेबसाइट पर कराएं पंजीयनजैविक खेती करने वाले किसानों को अपने उत्पाद इस वेबसाइट पर बेचने के लिए पंजीयन कराना जरूरी होगा। इसके लिए किसान के पास जैविक उत्पाद का प्रमाण-पत्र होना चाहिए। इसके बाद किसान जैविक खेती की वेबसाइट पर जाकर विक्रेता पर क्लिक करें। इसके बाद तीन आप्शन आएंगे। इसमें व्यक्गित किसान, स्थानीय समूह, तथा एग्रीगेटर / प्रोसेसर का ऑप्शन आएगा। इसमें अपने सुविधा के अनुसार चुन करके पंजीयन करा सकते हैं। किसान ऐसे प्राप्त करें जैविक खेती प्रमाण-पत्रकिसान जैविक खेती करता है या करने की कोशिश करता है तो उसे जैविक पंजीयन कराना चाहिए क्योंकि जैविक पंजीयन नहीं रहने से किसान को फसल का मूल्य कम मिलता है। इसके अलावा ग्राहक या व्यापारी को बताने आपके पास कोई ऐसा दस्तावेज तो होना चाहिए जिससे यह प्रमाणित हो सके कि आप जैविक खेती करते हैं। इसलिए जैविक खेती करने वाले किसानों को अपना पंजीकरण कराना चाहिए और जैविक किसान का प्रमाण-पत्र हासिल करना चाहिए। जैविक खेती करने वाले किसान नीचे दिए गए तरीके से अपना पंजीकरण करा सकते हैं-
जैविक खेती कैसे करें : जैविक खेती क्या है / जैविक खेती के सिद्धांतजैविक खेती के तहत उगाई गई कोई भी सब्जी या फसल के उत्पादन में खाद तथा कीटनाशक गोबर खाद, केंचुआ खाद तथा अन्य तरह की जैविक खाद का उपयोग किया जाता है। ये पूर्णरूप से प्राकृतिक खेती होती है। इसमें रासायनिक खाद अथवा रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है। इससे ये जैविक तरीके से उगाई गई सब्जी या फसल काफी गुणवत्तापूर्ण होती है। स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिहाज से ये पूर्णत: सुरक्षित होती हैं। जैविक उत्पादों की बाजार में बहुत मांग रहती है और इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। जैविक खेती के लाभ / जैविक खेती क्यों जरूरी हैआधुनिक समय में निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शक्ति का संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती की राह अत्यंत लाभदायक है। जैविक खेती से होने वाले प्रमुख लाभ इस प्रकार से हैं-
जैविक खेती से किसानों को नुकसान
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर,कृषि उपकरण,दुधारू मवेशी व पशुधनबेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं। जैविक खेती का मतलब क्या है?जैविक खेती (Organic farming) कृषि की वह विधि है जो संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों के अप्रयोग या न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है तथा जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिये फसल चक्र, हरी खाद, कम्पोस्ट आदि का प्रयोग करती है। सन् १९९० के बाद से विश्व में जैविक उत्पादों का बाजार काफ़ी बढ़ा है।
भारत में जैविक खेती की शुरुआत कब हुई?भारत में वर्ष 2003-04 में जैविक खेती को लेकर गंभीरता दिखाई गई और 42,000 हेक्टेयर क्षेत्र से जैविक खेती की शुरुआत हुई। मार्च 2010 तक यह बढ़कर 10 लाख 80 हजार हेक्टेयर हो गया। मार्च 2015 तक इसमें काफी इजाफा हुआ है।
जैविक खेती के कितने प्रकार होते हैं?जैविक खेती क्या होती है:. आईये जानते है जैविक खेती के कुछ तरीके: १. देशी खेती: २. कुदरती खेती: ३. गौ अधारित खेती:. अब बात करते है जैविक खेती प्रणाली के फायदे के बारे में जिसे ३ प्रकार से वर्गीकृत किया गया है:. जैविक कृषि कैसे की जाती है?जैविक विधि द्वारा खेती करने से उत्पादन की लागत तो कम होती ही है, इसके साथ ही कृषक भाइयों को आय अधिक प्राप्त होती है तथा अंतराष्ट्रीय बाजार की स्पर्धा में जैविक उत्पाद अधिक खरे उतरते हैं। जिसके फलस्वरूप सामान्य उत्पादन की अपेक्षा में कृषक भाई अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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