भारत में सबसे सस्ती लकड़ी कौन सी है? - bhaarat mein sabase sastee lakadee kaun see hai?

जबकि इंटीरियर डिजाइन के रुझान लगातार बदलते रहते हैं, लकड़ी का फर्नीचर सदाबहार रहता है। लकड़ी से बने फर्नीचर मजबूत, लंबे समय तक चलने वाले होते हैं और अन्य सामग्रियों की तुलना में न्यूनतम रखरखाव की आवश्यकता होती है। हालांकि, भारतीय घरों के लिए फर्नीचर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की लकड़ी का उपयोग किया जाता है। नतीजतन, फर्नीचर खरीदते समय, विभिन्न प्रकार की लकड़ी के पेशेवरों और विपक्षों और मालिकों को इसके रखरखाव के लिए आवश्यक सावधानियों को समझना चाहिए।

विभिन्न प्रकार की लकड़ी

मुख्य रूप से कठोरता के आधार पर लकड़ी दो प्रकार की होती है- दृढ़ लकड़ी और मृदु लकड़ी। आम धारणा के विपरीत, सॉफ्टवुड की तुलना में दृढ़ लकड़ी आवश्यक रूप से कठिन और सघन नहीं होती है। सरल शब्दों में, दृढ़ लकड़ी फूलों के पेड़ों से आती है जबकि सॉफ्टवुड कोनिफ़र से आती है। फर्नीचर बनाने के लिए दोनों प्रकार की लकड़ी का उपयोग किया जाता है।

सागौन की लकड़ी

सागौन की लकड़ी सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी के प्रकारों में से एक है, जो स्थानीय रूप से उपलब्ध है। कुछ निर्माता बर्मा और घाना से सागौन की लकड़ी का आयात भी करते हैं। भारत में, केरल सागौन की लकड़ी के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। यह मजबूत और बहुत टिकाऊ है और अक्सर दरवाजे के फ्रेम, अलमारियाँ और टेबल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। सागौन की लकड़ी क्षय के लिए प्रतिरोधी होती है और अन्य सभी प्रकार की लकड़ी को मात दे सकती है। चूंकि यह एक कठोर लकड़ी है, यह अत्यधिक गर्मी और ठंड का भी सामना कर सकती है और इसलिए, इसका उपयोग बाहरी फर्नीचर बनाने के लिए भी किया जाता है।

भारत में सबसे सस्ती लकड़ी कौन सी है? - bhaarat mein sabase sastee lakadee kaun see hai?

(Shutterstock)

लकड़ी से बने फर्नीचर से आपके ड्रीम होम में चार चांद लग जाते हैं। वो इसलिए क्योंकि लकड़ी काफी मजबूत, टिकाऊ और लंबी चलती है और इसका फैशन कभी चलन से बाहर नहीं होता। यह हर घर में यूज होती है, लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता कि किस तरह की लकड़ी फर्नीचर के लिए सबसे अच्छी है। यह भी एक तरह का विज्ञान है। भारत में फर्नीचर के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी उपलब्धता, मजबूती और मौसम की स्थिति पर निर्भर करती है। इसके अलावा फर्नीचर इनडोर के लिए है या आउटडोर के लिए यह भी एक अहम फैक्टर है। मकानआईक्यू आप आपको उन पांच लकड़ियों के बारे में बताने जा रहा है, जो आपके घर में चार चांद लगा देंगी। मरांडी: इसे सफेद देवदार की लकड़ी भी कहा जाता है। लकड़ी की तिजोरी, जूते रखने का बॉक्स, संदूक या अन्य सजावटी सामान बनवाने के लिए मरांडी एक अच्छा अॉप्शन है। मजबूत होने के कारण इस लकड़ी को कम रखरखाव की जरूरत होती है। इसके अलावा लुक में भी इसका कोई जवाब नहीं है। इसका आयात ज्यादातर मलेशिया से होता है, इसलिए इस्तेमाल करने से पहले लकड़ी को नमी को एडजस्ट करने के लिए एक महीने की जरूरत होती है। शीशम: इसे अंग्रेजी में इंडियन रोजवुड भी कहते हैं। फर्नीचर बनाने के लिए इसका भी खूब इस्तेमाल होता है। बेहद मजबूत लकड़ी होने के कारण यह लंबे समय तक चलती है और अलग-अलग पॉलिश और फिनिशिंग में इसे यूज किया जा सकता है। दीमक इसका कुछ बिगाड़ नहीं पाता। थोड़ी महंगी होने के अलावा इसका तापमान आसानी से बदल सकता है। विभिन्न गुणों वाली इस लकड़ी से बेडरूम, किचन कैबिनेट्स, सोफा सेट्स, डाइनिंग सेट्स और फर्श भी बनाया जा सकता है। ज्यादातर म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स भी शीशम से ही बनाए जाते हैं। केरल, ओडिशा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में यह काफी मात्रा में पाई जाती है। सालवुड: कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और ओडिशा में पाई जाने वाली सालवुड काफी मजबूत लकड़ी है। इसे चमकाने या मजबूती सुनिश्चित करने के लिए कई बार पॉलिश करने की जरूरत नहीं पड़ती। पानी और अंडरग्राउंड कंडीशन का मुकाबला करने में सक्षम इस लकड़ी में दीमक भी नहीं लगता। गेट एवं विंडो का फ्रेम और बीम बनाने के लिए यह सबसे मुफीद है। साटन वुड : जो लोग अपने घर को उम्दा या विंटेज लुक देना चाहते हैं, उसके लिए साटन वुड सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। यह ज्यादातर मध्य और दक्षिण भारत में पाई जाती है। साटनवुड बहुत सख्त और मजबूत लकड़ी होती है। अन्य लकड़ियों से उलट इसका रखरखाव काफी महंगा होता है। फर्नीचर और सजावट के तौर पर इस्तेमाल होने वाली इस लकड़ी पर आप पॉलिश के जरिए कोई भी पसंदीदा डिजाइन करा सकते हैं। इस लकड़ी का लुक काफी चमकदार होता है। टीकवुड: समान्यत तौर पर यह लकड़ी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है। इसका स्थानीय स्तर पर उत्पादन और खूब आयात होता है। स्थानीय तौर पर इसका उत्पादन केरल में किया जाता है और घाना और बर्मा से इसका आयात होता है। टीकवुड एक मजबूत और लंबे समय तक चलने वाली लकड़ी है, जिसका इस्तेमाल फर्नीचर, डोर फ्रेम, कैबिनेट, टेबल और सजावट का सामान बनाने में किया जाता है। यह काफी किफायती होती है, इसलिए निवेश का काफी अच्छा विकल्प है।

Last Updated: Thu Apr 25 2019

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हमारे जीवन में लकड़ियों का बहुत महत्व होता है। घर की कई जरूरत की चीजों से लेकर उसके साज-सज्जा हेतु लकड़ियों की जरूरत पड़ती है। घर में बने फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां, टेबल, पलंग इत्यादि सभी लकड़ियों से हीं बने होते हैं। सभी चीजों में जिन लकड़ियों का इस्तेमाल होता है वह विभिन्न प्रकार के होते हैं। कुछ सस्ते होते हैं तो कुछ औसतन मंहगे होते हैं तो कुछ बहुत हीं महंगे होते हैं।

भारत में सबसे सस्ती लकड़ी कौन सी है? - bhaarat mein sabase sastee lakadee kaun see hai?

आज हम लकड़ियों से संबंधित कुछ ऐसी ही जानकारियां आपको देने जा रहे हैं कि कौन सी लकड़ियां सबसे ज्यादा मजबूत होती हैं जिससे आपको घर के फर्नीचर से संबंधित किसी भी चीज बनाने में आसानी हो…

भारत में सबसे सस्ती लकड़ी कौन सी है? - bhaarat mein sabase sastee lakadee kaun see hai?

जब कभी हम घर में फर्नीचर का काम करवाते हैं तो हम इस बात का हमेशा ध्यान रखते हैं कि फर्नीचर में प्रयोग लाने वाली लकड़ियां मजबूत हो और वह सालों-साल टीका रहे। इस पर कई शोध किया गए हैं जिसमें एक शोध के अनुसार शीशम की लकड़ी सबसे ज्यादा मजबूत होती है जिसके कारण हीं शीशम की लकड़ी बहुत महंगी भी होती है।

भारत में सबसे सस्ती लकड़ी कौन सी है? - bhaarat mein sabase sastee lakadee kaun see hai?

देवदार की लकड़ियां बेहद मजबूत होती है। इसका प्रयोग ज्यादातर फर्नीचर बनाने के काम में आता है। देवदार के वृक्ष किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है। इसका सांस्कृतिक और भौगोलिक बहुत महत्व है। हिमाचल प्रदेश के वृक्षों में इसका प्रमुख स्थान है। देवदार का वृक्ष खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में मिलते हैं जो 3500-12000 फीट की ऊंचाई पर उगते हैं।

भारत में सबसे सस्ती लकड़ी कौन सी है? - bhaarat mein sabase sastee lakadee kaun see hai?

जब भी मजबूत लकड़ियों का नाम आता है उस समय महोगनी का नाम आना स्वाभाविक है। महोगनी की लकड़ियां ना सिर्फ मजबूत होती हैं बल्कि इसकी सबसे खास बात यह है कि इस पर पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। एक और खास बात यह है कि महोगनी के पेड़ को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है और कम पानी में यह वृक्ष अच्छा विकास कर सकता है।

भारत में सबसे सस्ती लकड़ी कौन सी है? - bhaarat mein sabase sastee lakadee kaun see hai?

घर के साज-सज्जा व पलंग आदि चीजों को बनवाने में सागवान की लकड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सागवान की बनी हुई चीजें बेहद खूबसूरत होती है तथा इसकी लकड़ी अत्यंत महंगी होती है।

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कौन सा लकड़ी पानी में खराब नहीं होता?

महोगनी एक इमारती लकड़ी है, जिससे फर्नीचर, जहाज, संगीत वाद्य, बंदूक का कोंदा आदि बनाए जाते हैं। साथ ही इसकी लकड़ी पानी से खराब नहीं होती है, इसलिए इससे मेड़ भी बनाए जाते हैं।

सबसे सस्ती मजबूत लकड़ी कौन सी है?

सबसे मजबूत लकड़ी सागवान ( सागौन) की होती है और घरेलू फर्नीचर आम तौर पर आप के लोकल एरिया मे उत्पन्न लकड़ी से बनाये जाते हैं जैसे आम, शीशम, बबूल, देवदार, खेजड़ी,पॉपुलर, अरडू आदि।

शीशम की लकड़ी का रेट क्या है?

खेती वानिकी के तहत खेत की मेंड़ों पर लगाने पर शीशम का पेड़ 30 साल में 1 फुट से ज्यादा व्यास का यानी चौड़ा हो जाता है। इस से तकरीबन आधा घन मीटर लकड़ी मिल जाती है। जिस की बाजार में कम से कम कीमत 5 हजार रुपए होती है।

कौन सी लकड़ी मजबूत होती है?

ज्यादातर रिपोर्ट्स बताती हैं कि लकड़ी के मामले में देवदार के पेड़ सबसे मजबूत होते हैं. लेकिन ये पेड़ खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं. 3500 से 12000 फीट की ऊंचाई पर ये पेड़ पाए जाते हैं. देवदार के पेड़ की लकड़ी बहुत ही मजबूत और सख्त होती है.