गाय और भैंस का पालन करने वाले पशुपालकों को कई तरह की
दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इनमें से सबसे मुख्य एक समस्या है कि गाय और भैंस का दूध दोहते समय उनका लात मारना। पशु के इस व्यवहार के चलते कई बार दूध की पूरी बाल्टी ही गिर जाती है और पशुपालकों को आर्थिक नुकसान होता है। यही नहीं कई बार पशु के लात मारने पर पशुपालक भी उन्हें मारने पीटने लगते हैं। तो अब जानिए कि अगर आपकी गाय लात मारती है तो क्या करना चाहिए। जिसकी वजह से पशु अधिक चिड़चिड़ा हो जाता है और दूध भी कम देने लगता है। गाय भैंस की इसी समस्या का कारण और समाधान हम अपने इस
लेख में लेकर आए हैं। अगर आपकी गाय या भैंस दूध निकालते समय लात मारती है तो आप उसे कई तरह से काबू में कर सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं आखिर क्यों गाय या भैंस दूध दुहते समय लात मारती है और कैसे उन्हें काबू में करें। एक पशुपालक को यह समझना बहुत जरूरी है कि गाय या भैंस दूध दुहते समय कुछ कारणों की वजह से लात मार सकती है। इनमें से कुछ हम आपको नीचे बता रहे हैं।
गाय लात मारती है तो क्या करना चाहिएगाय या भैंस दूध देते समय कई कारणों के चलते लात मार सकते हैं। पशुपालकों को ऐसे में सब्र और समझदारी से काम लेना चाहिए। अगर पशुपालक ऐसे में किसी तरह की जोर जबरदस्ती करें या पशु के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं तो इससे पशु अधिक गुस्से में या तनाव में आ जाता है और उसके दूध देने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। इसलिए पशु को बहुत प्यार से और तरीके से काबू में करना चाहिए। ऐसे ही कुछ तरीके हम आपको बताते हैं जो दूध दुहते समय आप आजमा सकते हैं। लेकिन इन उपाय को आजमाते हुए पशुपालक को यह समझना होगा कि पशु लात मार क्यों रहा है। गाय न मारे लात इसके उपाय
आप इसी तरह की जानकारी हमारी Animall App के जरिए भी पढ़ सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो पशु खरीदने और बेचने के लिए भी Animall App का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐप को डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें और अपनी पसंद का पशु खरीदें। जानें, प्राकृतिक उपायों से कैसे बढ़ाई जा सकती है दूध की मात्राभारत में प्राचीन काल से ही खेती के साथ पशुपालन किया जाता रहा है। आज भी किसान खेती के साथ पशुपालन करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में पशुपालक किसान के साथ सबसे बड़ी समस्या ये हैं कि उनका पशु जैसे गाय-भैंस कम दूध देते हैं। कई बार देखने में आता है कि ज्यादा दूध के चक्कर में पशुपालक किसान अपने दुधारू पशु गाय, भैंस को इंजेेक्शन लगवा देते हैं जिससे वह अधिक दूध देना शुरू कर देता है। लेकिन बता दें कि ऐसा करना न केवल पशु के लिए स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि ऐसे दूध का सेवन करना दूसरों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि प्राकृतिक और घरेलू औषधीय तरीके से गाय, भैंस जैसे दुधारू पशु का दूध कैसे बढ़ाया जा सकता है ताकि पशु बिना किसी परेशानी के स्वयं ही अधिक दूध देना शुरू कर दे। तो आइए ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से जानते हैं गाय, भैंस का दूध बढ़ाने के तीन आसान उपाय। गाय का दूध बढ़ाने का पाउडर जिस प्रकार बच्चों की सेहत के लिए बाजार में कइ न्यूट्रिशियन पाउडर उपलब्ध हैं, उसी प्रकार दूधारू पशुओं के लिए भी कई कंपनियों के पाउडर उपलब्ध है जिसके इस्तेमाल से पशु ज्यादा दूध देते हैं। इसके अलावा किसान देशी तरीके से भी पशुओं के लिए चूर्ण (पाउडर) बनाते हैं जिसे पशुओं को खिलाने पर ज्यादा दूध मिलता है। गाय भैंस को दूध बढ़ाने वाले इंजेक्शन लगवाने से होते हैं ये नुकसानकई लोग अपने गाय और भैंसों से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए इंजेक्शन आदि का सहारा लेते हैं, यह पहले कारगर तो साबित होता है लेकिन कई बार इसका प्रभाव विपरीत भी पड़ जाता है। ज्यादा से ज्यादा दूध निकालने के चक्कर में गाय और भैंसों में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगा देते है। इस दूध का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन पर रोक होने के बावजूद इसका इस्तेमाल गाय और भैंस में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है। ऐसे में इसके इस्तेमाल करने वाले और बेचने वाले दोनों को जुर्माना और सजा हो सकती है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधी प्रशासन ऐसे इंजेक्शन की खेप कई बार पकड़ चुका है और इस पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। ऐसा माना जाता है कि गाय-भैंस दूध देने के बावजूद करीब 25 फीसदी अपने बच्चों के लिए बचा लेती हैं। यह इंजेक्शन देकर उस दूध को भी निकाल लिया जाता है जो खतरनाक है। ऐसे करें दूध बढ़ाने के प्राकृतिक सरल उपायगाय, भैंस का दूध बढ़ाने के लिए हमें हमेशा नुकसान रहित उपाय करने चाहिए जिससे पशु के स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुुंचे और दूध भी अधिक मात्रा में प्राप्त हो। ऐसे उपायों को अपनाकर आप अधिक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण दूध प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि हम गाय या भैंस के आहार पर भी ध्यान दें। इसके अलावा इनके रखरखाव और देखभाल पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। 1. लोबिया खिलाने से बढ़ जाता है गाय व भैंस का दूधपशुपालन विभाग के अनुसार लोबिया घास खिलाने से गाय का दूध बढ़ जाता है। लोबिया घास में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो दूध की मात्रा में बढ़ोतरी करते हैं। लोबिया घास खिलाने से गाय की सेहत पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ता और दूध की मात्रा भी सहज ही बढ़ जाती है। लोबिया घास में कुछ विशेषताएं पाई जाती है जिसके कारण गाय, भैंसों को इसे खिलाना फायदेमंद बताया गया है। लोबिया घास की विशेषता यह है कि इस घास का अन्य घास के मुकाबले पाचक होना है। इसमें प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो दूधारू पशु के लिए जरूरी होती है। ऐसे में यदि पशुपालक गाय व भैंस को लोबिया घास खिलाएं तो वे प्राकृतिक रूप से दूध की मात्रा बढ़ा सकते हैं। 2. गाय व भैंस का दूध बढ़ाने की घरेलू औषधि बनाएंगाय व भैंस की दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए आप घर पर ही इसकी औषधी बना सकते हैं। इसके लिए कुछ चीजों की जरूरत होगी जो आसानी से आपको मिल जाएगी। औषधी निर्माण की विधि इस प्रकार से है- इस औषधी को बनाने के लिए आपको 250 ग्राम गेहूं का दलिया, 100 ग्राम गुड़ सर्बत (आवटी), 50 ग्राम मैथी, एक कच्चा नारियल, 25-25 ग्राम जीरा व अजवाईन की आवश्यकता होगी। कैसे करना है इन चीजों का उपयोग
3. सरसों का तेल और आटे से बनाएं दूध बढ़ाने की दवासरसों के तेल और आटे से भी घरलू दवा बनाकर गाय को खिलाने से भी गाय, भैंस के दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। दवा बनाने का तरीका इस प्रकार से है- सबसे पहले 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल, 250 ग्राम गेहूं का आटा लें। अब दोनों को आपस में मिलाकर शाम के समय पशु को चारा व पानी खिलाने के बाद खिलाएं। ध्यान रहे दवा खिलाने के बाद पशु को पानी नहीं पिलाना है। इतना ही नहीं यह दवाई भी पानी के साथ नहीं देनी है। अन्यथा पशु को खांसी की समस्या हो सकती है। यह दवा पशु को 7-8 दिनों तक ही खिलानी चाहिए इसके बाद इस दवा को बंद कर देनी चाहिए। वहीं पशु को हरा चारा व बिनौला आदि जो खुराक आप पहले से दे रहें है उसे देते रहना चाहिए। इसे बंद नहीं करना चाहिए। दुधारू पशु गाय, भैंस की देखभाल पर भी दें ध्यान
भैंस दूध ना दे तो क्या करना चाहिए?भैंस बिना पड़े के लिए भी पूर्व की भांति दूध देना प्रारंभ कर देगी। इस तरह से करने से पशु को खतरनाक आक्सीटोसिन इंजेक्शन से बचाया जा सकता है। जिससे दूध पर पड़ने वाले विपरीत परिणामों से भी मुक्ति मिलती है। इसलिए पशु को इस तरह की आदत डाले जिससे पशु के साथ पशु से मिलने वाले दूध से पशुपालक को भी फायदा होगा।
भैंस की डिलीवरी होने के बाद क्या क्या खिलाना चाहिए?ब्यानेके बाद यूं रखें पशु का ध्यान: ब्यानेके बाद पशु को गुनगुने पानी से भीगे कपड़े द्वारा साफ करें, ब्याने के बाद पशु को कार्बोहाइड्रेटस युक्त चारे खिलाएं। पशु को गेहूं का दलिया, सोंठ, गुड़ अजवायन पकाकर खिलाएं। ब्याने के 10 घंटे तक पशु जेर गिराए तो पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
भैंस को नींबू खिलाने से क्या फायदा होता है?ऐसे में घरेलू नुस्खे में पशुपालक द्वारा पशु को दिए जाने वाले नींबू से विटामिन-सी की आपूर्ति होती है और चीनी दूध का लेवल बनाए रखती है। तीन दिन देना होता है काढ़ा : दोनों चीजों का काढ़ा बनाकर पशु को दिन में 2-3 बार खिलाने की जरूरत है।
भैंस की नजर कैसे उतारते हैं?नजर उतारने के लिए ज्वार और गेहूं की रोटी के अलावा गाय के गोबर का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए गोबर का चौमुखी दीप बनाकर उसमें तिल के तेल की बत्ती जला दें और थोड़ा गुड़ डाल दें। फिर उसे घर के मुख्य द्वार पर रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से नजर उतर जाती है।
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