भैंस ब्याने के बाद दूध ना दे तो क्या करें? - bhains byaane ke baad doodh na de to kya karen?

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गाय और भैंस का पालन करने वाले पशुपालकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इनमें से सबसे मुख्य एक समस्या है कि गाय और भैंस का दूध दोहते समय उनका लात मारना। पशु के इस व्यवहार के चलते कई बार दूध की पूरी बाल्टी ही गिर जाती है और पशुपालकों को आर्थिक नुकसान होता है। यही नहीं कई बार पशु के लात मारने पर पशुपालक भी उन्हें मारने पीटने लगते हैं। तो अब जानिए कि अगर आपकी गाय लात मारती है तो क्या करना चाहिए।

जिसकी वजह से पशु अधिक चिड़चिड़ा हो जाता है और दूध भी कम देने लगता है। गाय भैंस की इसी समस्या का कारण और समाधान हम अपने इस लेख में लेकर आए हैं। अगर आपकी गाय या भैंस दूध निकालते समय लात मारती है तो आप उसे कई तरह से काबू में कर सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं आखिर क्यों गाय या भैंस दूध दुहते समय लात मारती है और कैसे उन्हें काबू में करें। 

गाय या भैंस के लात मारने की वजह 

एक पशुपालक को यह समझना बहुत जरूरी है कि गाय या भैंस दूध दुहते समय कुछ कारणों की वजह से लात मार सकती है। इनमें से कुछ हम आपको नीचे बता रहे हैं। 

  1. गाय अगर लंबे समय बाद हीट में आई हो या गर्भाधान किया गया हो तो गाय चिड़चिड़ी हो जाती है और लात मारने लगती। 
  2. गाय को अगर किसी तरह का रोग हो जाए या उसके थनों में दर्द हो तो भी वह लात मारने लगती है। 
  3. ऐसा कई बार देखने को मिलता है कि पशु किसी विशेष व्यक्ति से चिड़ता है। जिसकी वजह से वह उसे दूध दुहने नहीं देता और बार – बार लात मारने लगता है। 
  4. गर्भधारण करने के दौरान पशु के शरीर में कई बदलाव आते हैं। जिसकी  वजह से पशु दूध दुहते समय लात मारने लगता है। 
  5. अगर पशु को सही तरह से चारा न दिया जा रहा हो और वह शारीरिक रूप से कमजोर हो जाए तो भी वह दूध दुहते समय लात मार सकता है। 
  6. अगर गाय या भैंस की तबीयत खराब हो या वह किसी पीड़ा में हों तो भी वह बार – बार लात मार सकते हैं। 

गाय लात मारती है तो क्या करना चाहिए

गाय या भैंस दूध देते समय कई कारणों के चलते लात मार सकते हैं। पशुपालकों को ऐसे में सब्र और समझदारी से काम लेना चाहिए। अगर पशुपालक ऐसे में किसी तरह की जोर जबरदस्ती करें या पशु के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं तो इससे पशु अधिक गुस्से में या तनाव में आ जाता है और उसके दूध देने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। इसलिए पशु को बहुत प्यार से और तरीके से काबू में करना चाहिए। ऐसे ही कुछ तरीके हम आपको बताते हैं जो दूध दुहते समय आप आजमा सकते हैं। लेकिन इन उपाय को आजमाते हुए पशुपालक को यह समझना होगा कि पशु लात मार क्यों रहा है। 

गाय न मारे लात इसके उपाय

  • अगर पशु किसी विशेष व्यक्ति से चिड़ा हुआ है तो बेहतर है कि पशु का दूध कोई दूसरा व्यक्ति निकाले। लेकिन अगर कोई दूसरा व्यक्ति मौजूद नहीं है तो ऐसे में पशुपालक उसके आगे के एक पैर को मोड़ कर बांध दे और फिर दूध निकाले। ऐसा करने से पशु लात नहीं मार पाएगा। लेकिन ध्यान रहे कि इससे पशु अधिक चिड़चिड़ा हो सकता है। इसलिए किसी भी सूरत में यह आखिरी उपाय है जो आपको करना है। 
  • अगर पशु दूध दुहते समय लात मारता है तो बेहतर है कि आप उसे खाने में दाना डालना शुरू करें। जब भी दूध निकालना हो तो पशु को दाना खाने को दें। ऐसा करने से पशु का पूरा ध्यान दाना खाने में लगा रहेगा और वह खुशी – खुशी दूध दे देगा। 
  • गाय या भैंस को दूध निकालते समय अगर उनकी मनपसंद चीज या चारा खाने में दिया जाए, तो इससे वह दूध निकालते समय लात नहीं मारते। 
  • गाय या भैंस शारीरिक रूप से कमजोर है तो उसे अधिक मात्रा में चारा दें। ताकि वह कमजोरी का शिकार न रहे। 
  • अगर पशु को गर्मी में रखा गया है तो इसकी वजह से भी वह लात मार सकती है। इसलिए पशु के आस पास कूलर या पंखे का इंतजाम करें।  
  • पशु अपनी चोट या दर्द बता नहीं सकता। ऐसे में अगर कोई उपाय काम नहीं कर रहा है तो आप इस सूरत में चिकित्सक की मदद लें, हो सकता है किसी दर्द या रोग के चलते वह ऐसा कर रहा हो। 

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जानें, प्राकृतिक उपायों से कैसे बढ़ाई जा सकती है दूध की मात्रा

भारत में प्राचीन काल से ही खेती के साथ पशुपालन किया जाता रहा है। आज भी किसान खेती के साथ पशुपालन करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में पशुपालक किसान के साथ सबसे बड़ी समस्या ये हैं कि उनका पशु जैसे गाय-भैंस कम दूध देते हैं। कई बार देखने में आता है कि ज्यादा दूध के चक्कर में पशुपालक किसान अपने दुधारू पशु गाय, भैंस को इंजेेक्शन लगवा देते हैं जिससे वह अधिक दूध देना शुरू कर देता है। लेकिन बता दें कि ऐसा करना न केवल पशु के लिए स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि ऐसे दूध का सेवन करना दूसरों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि प्राकृतिक और घरेलू औषधीय तरीके से गाय, भैंस जैसे दुधारू पशु का दूध कैसे बढ़ाया जा सकता है ताकि पशु बिना किसी परेशानी के स्वयं ही अधिक दूध देना शुरू कर दे। तो आइए ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से जानते हैं गाय, भैंस का दूध बढ़ाने के तीन आसान उपाय। 

भैंस ब्याने के बाद दूध ना दे तो क्या करें? - bhains byaane ke baad doodh na de to kya karen?

गाय का दूध बढ़ाने का पाउडर

जिस प्रकार बच्चों की सेहत के लिए बाजार में कइ न्यूट्रिशियन पाउडर उपलब्ध हैं, उसी प्रकार दूधारू पशुओं के लिए भी कई कंपनियों के पाउडर उपलब्ध है जिसके इस्तेमाल से पशु ज्यादा दूध देते हैं। इसके अलावा किसान देशी तरीके से भी पशुओं के लिए चूर्ण (पाउडर) बनाते हैं जिसे पशुओं को खिलाने पर ज्यादा दूध मिलता है।

गाय भैंस को दूध बढ़ाने वाले इंजेक्शन लगवाने से होते हैं ये नुकसान

कई लोग अपने गाय और भैंसों से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए इंजेक्शन आदि का सहारा लेते हैं, यह पहले कारगर तो साबित होता है लेकिन कई बार इसका प्रभाव विपरीत भी पड़ जाता है। ज्यादा से ज्यादा दूध निकालने के चक्कर में गाय और भैंसों में ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगा देते है। इस दूध का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन पर रोक होने के बावजूद इसका इस्तेमाल गाय और भैंस में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है। ऐसे में इसके इस्तेमाल करने वाले और बेचने वाले दोनों को जुर्माना और सजा हो सकती है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधी प्रशासन ऐसे इंजेक्शन की खेप कई बार पकड़ चुका है और इस पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। ऐसा माना जाता है कि गाय-भैंस दूध देने के बावजूद करीब 25 फीसदी अपने बच्चों के लिए बचा लेती हैं। यह इंजेक्शन देकर उस दूध को भी निकाल लिया जाता है जो खतरनाक है।

ऐसे करें दूध बढ़ाने के प्राकृतिक सरल उपाय

गाय, भैंस का दूध बढ़ाने के लिए हमें हमेशा नुकसान रहित उपाय करने चाहिए जिससे पशु के स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुुंचे और दूध भी अधिक मात्रा में प्राप्त हो। ऐसे उपायों को अपनाकर आप अधिक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण दूध प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि हम गाय या भैंस के आहार पर भी ध्यान दें। इसके अलावा इनके रखरखाव और देखभाल पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

1. लोबिया खिलाने से बढ़ जाता है गाय व भैंस का दूध

पशुपालन विभाग के अनुसार लोबिया घास खिलाने से गाय का दूध बढ़ जाता है। लोबिया घास में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो दूध की मात्रा में बढ़ोतरी करते हैं। लोबिया घास खिलाने से गाय की सेहत पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ता और दूध की मात्रा भी सहज ही बढ़ जाती है। लोबिया घास में कुछ विशेषताएं पाई जाती है जिसके कारण गाय, भैंसों को इसे खिलाना फायदेमंद बताया गया है। लोबिया घास की विशेषता यह है कि इस घास का अन्य घास के मुकाबले पाचक होना है। इसमें प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो दूधारू पशु के लिए जरूरी होती है। ऐसे में यदि पशुपालक गाय व भैंस को लोबिया घास खिलाएं तो वे प्राकृतिक रूप से दूध की मात्रा बढ़ा सकते हैं। 

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2. गाय व भैंस का दूध बढ़ाने की घरेलू औषधि बनाएं

गाय व भैंस की दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए आप घर पर ही इसकी औषधी बना सकते हैं। इसके लिए कुछ चीजों की जरूरत होगी जो आसानी से आपको मिल जाएगी। औषधी निर्माण की विधि इस प्रकार से है-

इस औषधी को बनाने के लिए आपको 250 ग्राम गेहूं का दलिया, 100 ग्राम गुड़ सर्बत (आवटी), 50 ग्राम मैथी, एक कच्चा नारियल, 25-25 ग्राम जीरा व अजवाईन की आवश्यकता होगी। 

कैसे करना है इन चीजों का उपयोग

  • सबसे पहले दलिया, मैथी और गुड़ को पका लें। इसके बाद में उसमें नारियल को पीसकर डाल दें। जब ये ठंडा हो जाए तो इसे पशु को खिलाएं।
  • ये सामग्री 2 महीने तक केवल सुबह खाली पेट ही खिलानी चाहिए।
  • इसे गाय को बच्चा देने से एक महीने पहले शुरू करना चाहिए और बच्चा देने के एक महीने बाद तक खिलाना चाहिए।
  • 25-25 ग्राम अजवाईन व जीरा गाय के ब्याने के बाद केवल 3 दिन ही देना चाहिए। ऐसा करने से आपको जल्द ही अच्छे परिणाम मिलने लगेंगे।  
  • ब्याने के 21 दिन तक गाय को सामान्य खाना ही दिया जाना चाहिए।
  • गाय का बच्चा जब 3 महीने का हो जाए या जब गाय का दूध कम हो जाए तो उसे प्रति दिन 30 ग्राम जवस औषधि खिलाएं, इससे दूध कम नहीं होगा।

3. सरसों का तेल और आटे से बनाएं दूध बढ़ाने की दवा

सरसों के तेल और आटे से भी घरलू दवा बनाकर गाय को खिलाने से भी गाय, भैंस के दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। दवा बनाने का तरीका इस प्रकार से है-

सबसे पहले 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल, 250 ग्राम गेहूं का आटा लें। अब दोनों को आपस में मिलाकर शाम के समय पशु को चारा व पानी खिलाने के बाद खिलाएं। ध्यान रहे दवा खिलाने के बाद पशु को पानी नहीं पिलाना है। इतना ही नहीं यह दवाई भी पानी के साथ नहीं देनी है। अन्यथा पशु को खांसी की समस्या हो सकती है। यह दवा पशु को 7-8 दिनों तक ही खिलानी चाहिए इसके बाद इस दवा को बंद कर देनी चाहिए। वहीं पशु को हरा चारा व बिनौला आदि जो खुराक आप पहले से दे रहें है उसे देते रहना चाहिए। इसे बंद नहीं करना चाहिए।

दुधारू पशु गाय, भैंस की देखभाल पर भी दें ध्यान

  • उपरोक्त घरेलू उपाय के अलावा पशुपालक किसान को दुधारू पशु गाय, भैंस के उचित रखरखाव और देखभाल पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे भी दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है।
  • दूधारू पशु गाय, भैंस के रहने का बाड़ा साफ-सुधरा होना चाहिए जिसमें प्रकाश और हवा का उचित प्रबंध होना चाहिए।  
  • पशु के लिए पक्की जगह भी होनी चाहिए जहां वह बारिश के समय आराम से बैठ सके। 
  • पशुओं के रहने के लिए विशेष घर और चारा खाने वाला स्थान अपेक्षाकृत ऊंचा और समतल होना चाहिए।
  • गर्मियों में पशुओं के लिए पंखे या कूलर की सुविधा रखनी चाहिए ताकि भीषण गर्मी से पशु को राहत मिल सकें। 
  • पशु को हरा चारा जरूर खिलाना चाहिए। इससे दूध की मात्रा बढ़ती है। 
  • पशु का समय-समय पर टीकाकरण करना चाहिए ताकि पशु जल्दी रोग की चपेट में नहीं आ पाएं। 
  • पशु को कभी खुले में नहीं छोड़ना चाहिए। खुले में छोडऩे से पशु इधर-उधर घूमना शुरू कर देते हैं और कई तरह की हानिकारक चीजें खा जाते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।


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भैंस दूध ना दे तो क्या करना चाहिए?

भैंस बिना पड़े के लिए भी पूर्व की भांति दूध देना प्रारंभ कर देगी। इस तरह से करने से पशु को खतरनाक आक्सीटोसिन इंजेक्शन से बचाया जा सकता है। जिससे दूध पर पड़ने वाले विपरीत परिणामों से भी मुक्ति मिलती है। इसलिए पशु को इस तरह की आदत डाले जिससे पशु के साथ पशु से मिलने वाले दूध से पशुपालक को भी फायदा होगा।

भैंस की डिलीवरी होने के बाद क्या क्या खिलाना चाहिए?

ब्यानेके बाद यूं रखें पशु का ध्यान: ब्यानेके बाद पशु को गुनगुने पानी से भीगे कपड़े द्वारा साफ करें, ब्याने के बाद पशु को कार्बोहाइड्रेटस युक्त चारे खिलाएं। पशु को गेहूं का दलिया, सोंठ, गुड़ अजवायन पकाकर खिलाएं। ब्याने के 10 घंटे तक पशु जेर गिराए तो पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

भैंस को नींबू खिलाने से क्या फायदा होता है?

ऐसे में घरेलू नुस्खे में पशुपालक द्वारा पशु को दिए जाने वाले नींबू से विटामिन-सी की आपूर्ति होती है और चीनी दूध का लेवल बनाए रखती है। तीन दिन देना होता है काढ़ा : दोनों चीजों का काढ़ा बनाकर पशु को दिन में 2-3 बार खिलाने की जरूरत है।

भैंस की नजर कैसे उतारते हैं?

नजर उतारने के ल‍िए ज्‍वार और गेहूं की रोटी के अलावा गाय के गोबर का भी प्रयोग क‍िया जा सकता है। इसके ल‍िए गोबर का चौमुखी दीप बनाकर उसमें तिल के तेल की बत्ती जला दें और थोड़ा गुड़ डाल दें। फिर उसे घर के मुख्‍य द्वार पर रख दें। मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से नजर उतर जाती है।