भाषा अध्ययन9 पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए? - bhaasha adhyayana9 paath mein aae muhaavare chhaantie aur unaka vaakyon mein prayog keejie?

पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

Solution

  • हौसला पस्त करना – उत्साह नष्ट करना।
    वाक्य – अनिल कुंबले की फिरकी गेंदों ने श्रीलंका के खिलाड़ियों के हौसले पस्त कर दिए
  • ठोकर मारना – चोट करना।
    वाक्य – प्रेमचंद ने राह के संकटों पर खूब ठोकरें मारी
  • टीला खड़ा होना – बाधाएँ आना।।
    वाक्य – जीवन जीना सरल नहीं है। यहाँ पग-पग पर टीले खड़े हैं
  • पहाड़ फोड़ना – बाधाएँ नष्ट करना।
    वाक्य – प्रेमचंद उन संघर्षशील लेखकों में से थे जिन्होंने पहाड़ फोड़ना सीखा था, बचना नहीं।
  • जंजीर होना – बंधन होना।
    वाक्य – स्वतंत्रता से जीने वाले पथ की सब जंजीरें तोड़कर आगे बढ़ते हैं।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A)

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9 पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए?

(1) लहुलुहान होना - (घायल होना) कार दुर्घटना में ड्राइवर लहुलुहान हो गया। (2) रास्ते पर खड़ा होना - (बाधा पड़ना) तुम मेरी सफलता के रास्ते पर खड़े हो। (3) बाजू से निकलना - (कठिनाईयों का सामना न करना) इस कठिन परिस्थिति में तुमने मेरा साथ छोड़कर बाजू से निकलना सही समझा।

हिंदी मुहावरे और उनके अर्थ और वाक्यों?

मुहावरे का प्रयोग करना और ठीक-ठीक अर्थ समझना बड़ा कठिन है,यह अभ्यास से ही सीखा जा सकता है। कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य में प्रयोग सहित दिए जा रहे है। १. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - (स्वयं अपनी प्रशंसा करना ) - अच्छे आदमियों को अपने मुहँ मियाँ मिट्ठू बनना शोभा नहीं देता।

पाठ दो बैलों की कथा में आए मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करिए?

(1) हिम्मत हारना - (निराश होना) इस असफलता के बाद राहुल हिम्मत हार गया है। (2) टकटकी लगाना - (निरंतर देखना) वह दरवाजें पर टकटकी लगाए देखता रहा। (3) जान से हाथ धोना - (मर जाना) यह काम बहुत खतरनाक है। थोड़ी भी गलती होने पर जान से हाथ धोना पड़ सकता है।

प्रेमचंद के फटे जूते पाठ में आए मुहावरे हौसले पस्त करना का अर्थ निम्नलिखित में से क्या होगा?

Answer: (क) यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज़्जत का महत्व सम्पत्ति से अधिक है। परन्तु आज की परिस्थिति में इज़्जत को समाज के समृद्ध एवं प्रतिष्ठित लोगों के सामने झुकना पड़ता है।