भाषा प्रयोगशाला इसकी उपयोगिता एवं प्रकारों का वर्णन Show आज के इलेक्ट्रॉनिक्स युग में जिस प्रकार जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग एक प्रकार से अनिवार्य हो गया है। भाषा शिक्षण मुख्यतः द्वितीय भाषा शिक्षण के क्षेत्र में भी इसका उपयोग विभिन्न रूपों में अनिवार्य सा प्रतीत होने लगा है। भाषा प्रयोगशाला भाषा शिक्षण के क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स की उपयोगिता का एक महत्वपूर्ण अंश है। भाषा प्रयोगशाला वस्तुतः भाषा शिक्षण के क्षेत्र में अन्य दृश्य श्रव्य उपकरणों की भांति एक सहायक मात्र है ना कि अध्यापक शिक्षक का प्रतिस्थापन। भाषा प्रयोगशाला एक विशेष कक्ष होता है जो विभिन्न दृश्य श्रव्य उपकरणों से युक्त होता है। सामान्यता एक भाषा प्रयोगशाला 4-6-8-32 टेप रिकॉर्डर का एक क्रमिक व्यवस्थित संयोजन होता है जिसके माध्यम से शिक्षार्थी अध्यता भाषा अध्ययन के लिए विविध प्रकार के अभ्यास करते हुए भाषा सीखते हैं। संकुचित अर्थ में एक ऐसा कमरा भी भाषा प्रयोगशाला कहा जा सकता है जिसमें केवल एक टेप रिकॉर्डर हो और जिसके माध्यम से शिक्षार्थी अध्येता भाषा अभ्यास कार्य करते हो किंतु वास्तव में भाषा प्रयोगशाला एक सामान्य कक्षा का पूरक रूप है जहां शिक्षार्थी सामान्य कक्षा के अध्ययन के अतिरिक्त समय में एक पाठों का वर्णन करते हुए अनुकरण आदि के द्वारा भाषा को व्यवहार के स्तर पर सीखते हैं। भाषा प्रयोगशाला की उपयोगिता यदि भाषा प्रयोगशाला तथा सामान्य कक्षा में समुचित समन्वय रहे तो भाषा प्रयोगशाला की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता। यहां इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि भाषा प्रयोगशाला अध्यापक का
प्रतिस्थापन नहीं हो सकती यह उसके अध्यापन कौशल में मात्र सहायक तथा पूरक का काम ही कर सकती है एक सामान्य कक्षा की अपेक्षा भाषा प्रयोगशाला में शिक्षार्थी अधिक सक्रियता तथा रुचि के साथ भाग लेता है जिससे की भाषा प्रयोगशाला के पाठ अधिक प्रभाव कार्य सिद्ध होते हैं क्योंकि अधिक स्वभाविक वातावरण में टेपित भाषा पाठ शिक्षार्थी के कान में बिना बाहरी शोरगुल के सीधे सुनाई पड़ते हैं। विद्यार्थी अपनी आवाज को ईयर फोन के माध्यम से बिना बाहरी ध्वनि बाधा के सुन सकता है। 1. भाषा प्रयोगशाला के पाठ अपने में पूर्ण तथा स्व आश्रित होते हैं। भाषा प्रयोगशाला के भेदभाषा प्रयोगशाला के निम्नलिखित भेद हैं- 1. तार युक्त भाषा प्रयोगशाला- 2. तार रहित भाषा प्रयोगशाला- 3. श्रव्य भाषा प्रयोगशाला- 4. दृश्य श्रव्य भाषा प्रयोगशाला- 5. श्रव्य सक्रिय भाषा प्रयोगशाला - 6. केंद्र संचालित भाषा प्रयोगशाला- 7. व्यक्ति संचालित भाषा प्रयोगशाला- 8. उभय संचालित भाषा प्रयोगशाला- 9. लध्वाकार भाषा प्रयोगशाला- 10. मध्यम आकार भाषा प्रयोगशाला- सामान्यता 12, 14, 16, 28, 20, भूतों तथा मानीटर कंसोल की सुविधा वाली भाषा प्रयोगशाला को मध्यम आकार वाली भाषा प्रयोगशाला कहा जाता है। 11. बृहद आकार भाषा प्रयोगशाला- भाषा प्रयोगशाला की प्रणाली किसी भाषा प्रयोगशाला की कार्यप्रणाली उस भाषा प्रयोगशाला में उपलब्ध दृश्य श्रव्य उपकरणों की मात्रा तथा गुण पर निर्भर है। जिस भाषा प्रयोगशाला में जो जो उपकरण उपलब्ध होंगे उनकी संचालन व्यवस्था तथा संचालित प्रक्रिया उन्हीं के अनुरूप रखनी होगी। विविध प्रकार के क्षेत्रों से आवश्यकतानुसार कक्षा स्तर के अनुरूप सामग्री का प्रक्षेपण किया जाता है। कमरे में दृश्य सामग्री प्रक्षेपण के समय पर्याप्त अंधेरा होना आवश्यक है। भूतों की संख्या के अनुसार मानीटर कंसोल का आकार प्रकार रखा जाता है। सामान्यतः 16 भूतों वाली भाषा प्रयोगशाला के मानीटर कंसोल में चार बड़े-बड़े टेप रिकॉर्डर में चार ग्रुपों के लिए एक साथ चार कार्यक्रम तक प्रसारित होने की व्यवस्था हो तो अच्छा है। हराया मानीटर कंसोल में यह व्यवस्था रखी जाती है- 1. ग्रुप सेलेक्टर
स्विच 2. हरे बल्ब। 3. लाल बल्ब भाषा प्रयोगशाला में उपयोग आर्थ जो श्रव्य पाठ बनाए जाते हैं उनके बनाने तथा प्रयोग करने की योजना के टेक्निकल पक्ष के भिन्न रहता है यथा इकहरी ट्रैक वाले टेप रिकॉर्डर में पाठ के चार चरण होते हैं तथा दूसरे ट्रक वाले टैब रिकॉर्डर के पाठ के भी 4 चरण होते हैं-
भाषा प्रयोगशाला में कौन कौन से उपकरण होते हैं?श्रवण (सुनना) कोष्ठ-बूथ (Hearing Booths), परामर्शदाता / सलाहकार का कोष्ठ (Adviser or Constole's Booth), नियन्त्रण कक्ष (Control Room)।
भाषा प्रयोगशाला की भाषा शिक्षण में क्या आवश्यकता है?भाषा प्रयोगशाला अच्छा सुनने के कौशल को विकसित करने और संचार की प्रक्रिया में सुधार करने के लिए शिक्षार्थियों में मदद करता है। यह शर्म से छुटकारा पाने में मदद करता है। शिक्षक व्यक्तिगत छात्रों पर नजर रखने और अधिक कुशलता से उन लोगों के साथ बात कर सकते हैं।
भाषा प्रयोगशाला से आप क्या समझते हैं?भाषा प्रयोगशाला एक नेटवर्क अनुप्रयोग है जो आधुनिक भाषा शिक्षण में एक सहायता के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह शिक्षण के पारंपरिक तरीके से और पूरी तरह से अलग भाषा कौशल प्रदान करने में एक तकनीकी स्रोत है। भाषा प्रयोगशाला मूल भाषा कौशल की पद्धति को विकसित करता है।
भाषा के 4 कौशल कौन कौन से हैं?भाषा कौशल का अर्थ-
अर्थात् अध्येता भाषा के चारों कौशलों सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना में पूर्ण रूप से दक्षता हासिल कर सके। अध्येता के भाषा सीखने पर यदि उसका भाषा के उपरोक्त चारों कौशल पर पूर्णता अधिकार ना हो तब भाषा कौशल अधूरा रह जाता है ।
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