बाजार को शैतान का जाल किसने कहा - baajaar ko shaitaan ka jaal kisane kaha

जिस प्रकार चतुर शिकारी जाल फैलाकर अपने शिकार को उसमें फंसाता है उसी प्रकार सुसज्जित बाजार ग्राहक को आकर्षित करता है। यह मूक आकर्षण मनुष्य के मन में चाह अथवा अभाव उत्पन्न करता है। व्यक्ति सोचता है-यहाँ अपरिमित है, उसके पास बहुत सीमित है। अपनी जरूरतों का ठीक से पता न होने से मनुष्य इस आकर्षण में हँसकर अनावश्यक चीजें खरीद लेता है।

इच्छाओं के वेग से वह व्याकुल हो उठता है। उसका मन तृष्णा, असन्तोष और ईर्ष्या से भर उठता है। उसकी व्याकुलता उसको पागल बना देती है तथा वह सदा के लिए बेकार हो जाता है।

विषयसूची

  • 1 बाजार को शैतान का Jal क्यों कहा है?
  • 2 शैतान का जाल क्या है?
  • 3 बाजार को सार्थकता कौन देता है?
  • 4 बाजारूपन से क्या तात्पर्य है किस प्रकार के व्यक्ति बाजार?
  • 5 बाजारुपन का क्या आशय है बाजार की सार्थकता किसमे है?
  • 6 बाजार का बाजारूपन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजिस प्रकार चतुर शिकारी जाल फैलाकर अपने शिकार को उसमें फंसाता है उसी प्रकार सुसज्जित बाजार ग्राहक को आकर्षित करता है। यह मूक आकर्षण मनुष्य के मन में चाह अथवा अभाव उत्पन्न करता है।

शैतान का जाल क्या है?

इसे सुनेंरोकेंलेखक कहता है कि फालतू चीज की खरीद का प्रमुख कारण बाजार का आकर्षण है। मित्र ने इसे शैतान का जाल बताया है। यह ऐसा सजा होता है कि बेहया ही इसमें नहीं फँसता। बाजार अपने रूपजाल में सबको उलझाता है।

बाजारूपन का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: ‘बाजारूपन’ से तात्पर्य है-दिखावे के लिए बाजार का उपयोग। बाजार छल व कपट से निरर्थक वस्तुओं की खरीदफ़रोख्त, दिखावे व ताकत के आधार पर होने लगती है तो बाजार का बाजारूपन बढ़ जाता है।

बाजार को सार्थकता कौन देता है?

इसे सुनेंरोकेंबाजार को सार्थकता वे व्यक्ति देते हैं जो अपनी आवश्यकता को जानते हैं। वे बाजार से जरूरत की चीजें खरीदते हैं जो बाजार का दायित्व है। ‘पर्चेजिंग पावर’ का अर्थ है-खरीदने की शक्ति। पर्चेजिंग पावर वाले लोग बाजार को विनाशक शक्ति प्रदान करते हैं।

बाजारूपन से क्या तात्पर्य है किस प्रकार के व्यक्ति बाजार?

इसे सुनेंरोकेंकुछ लोग जो अपनी आवश्यकताओं का सही ज्ञान नहीं रखते, वे बाजार में अपनी ‘पर्चेजिंग पावर’ का अनुचित प्रदर्शन करते हैं और अनाप-शनाप अनावश्यक चीजें खरीदते हैं। इससे बाजार में जो विकार उत्पन्न होता है उसी को बाजारूपन कहते हैं।

बाजारूपन से क्या तात्पर्य है बाजार की सार्थकता किसमें है?

इसे सुनेंरोकेंजब सामान बेचने वाले बेकार की चीजों को आकर्षक बनाकर बेचने लगते हैं, तब बाज़ार में बाजारुपन आ जाता है। जो विक्रेता, ग्राहकों का शोषण नहीं करते और छल-कपट से ग्राहकों को लुभाने का प्रयास नहीं करते साथ ही जो ग्राहक अपनी आवश्यकताओं की चीजें खरीदते हैं वे बाजार को सार्थकता प्रदान करते हैं।

बाजारुपन का क्या आशय है बाजार की सार्थकता किसमे है?

इसे सुनेंरोकें’बाजा़रूपन’ से तात्पर्य है दिखावे के लिए बाजार का उपयोग करना। जब हम अपनी क्रय शक्ति के गर्व मे अपने पैसे से केवल विनाशक शक्ति-शैतानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति बाजार को देते हैं तब हम बाजार का बाजा़रूपन बढ़ाते हैं। इस प्रवृत्ति से न हम बाजार से लाभ उठा पाते हैं और न बाजा़र कौ सच्चा लाभ देते हैं।

बाजार का बाजारूपन क्या है?

बाजार को शैतान का जाल क्यों …

बाजार को शैतान का जाल किसने कहा - baajaar ko shaitaan ka jaal kisane kaha

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बाजार को शैतान का जाल क्यों कहा गया है? सब कुछ खरीदने के लालच के कारण मनुष्य की सोच पर कब्जा कर लेने के कारण बाजार के गिरफ्त मे आने के कारण अतृप्त रहने के कारण

  • Posted by Ojasvani Khera 1 year, 3 months ago

    • 2 answers

    मनुष्य की सोच पर कब्जा कर लेने के क क रण

    Bazar ko shaitan ka jal es liye kaha gya hai ku ki agar hum bazar jate vakt hum koe lakshy lekar na jayein toh vo humhe aapne roop se akarshit kar ke humhe vo chiz bhi lene par majbor kar dega jo hum nhi chahiye

    बाजार को शैतान का जाल किसने कहा - baajaar ko shaitaan ka jaal kisane kaha

    Posted by Abhilaksh Kotwal 3 weeks, 2 days ago

    • 1 answers

    Posted by Jatin Sharma 1 week, 4 days ago

    • 2 answers

    Posted by Roshan Pal 1 month, 3 weeks ago

    • 0 answers

    Posted by Kapil Jadaun 2 months ago

    • 0 answers

    Posted by Harsh Vardhan 1 month, 1 week ago

    • 0 answers

    Posted by Raju Mishra 1 month ago

    • 0 answers

    Posted by Raju Mishra 1 month ago

    • 0 answers

    Posted by Dani Son 3 weeks, 3 days ago

    • 0 answers

    Posted by Divyansh Lodhi 2 weeks, 2 days ago

    • 0 answers

    Posted by Mariya Ansari 4 weeks, 1 day ago

    • 0 answers

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    बाजार को शैतान का जाल क्यों कहा जाता है?

    लेखक कहता है कि फालतू चीज की खरीद का प्रमुख कारण बाजार का आकर्षण है। मित्र ने इसे शैतान का जाल बताया है। यह ऐसा सजा होता है कि बेहया ही इसमें नहीं फँसता। बाजार अपने रूपजाल में सबको उलझाता है।

    लेखक बाजार कब ना जाने की सलाह देता है?

    Answer: लेखक ने किस समय बाजार में जाने की सलाह दी है? उत्तर: लेखक की सलाह है कि जब मन खाली हो अर्थात् आपको अपनी जरूरतों का सही पता हो तो उस समय बाजार नहीं जाना चाहिए।

    बाजारूपन का क्या अर्थ है?

    बाजार में बेकार की चीजों को आकर्षक बनाकर बेचना Page 3 बाज़ारूपन कहलाता है। जो विक्रेता अपनी दुकानों में चमक दमक नहीं रखते तथा अनावश्यक चीजें नहीं बेचते है तथा वे ग्राहक जो आवश्यक चीजे नहीं खरीदते तथा बाज़ारूपन प्रभावित नहीं होते है बाजार को सार्थकता प्रदान करते है।

    खाली मन होने का क्या अर्थ है?

    खाली मन का अर्थ है कि अपनी आवश्यकता का स्पष्ट ज्ञान न होना। जब मनुष्य को यह पता न हो कि बाजार से उसको क्या खरीदना है तो उसका मन खाली माना जायेगा।