बुखार में छाछ पीने से क्या होता है? - bukhaar mein chhaachh peene se kya hota hai?

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टाइफाइड डाइट प्लान:टाइफाइड बुखार में क्या खाएं और क्या नहीं? जानें न्यूट्रीशनिस्ट से

एक वर्ष पहलेलेखक: मीना

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बुखार में छाछ पीने से क्या होता है? - bukhaar mein chhaachh peene se kya hota hai?

दूषित खाना खाने या पानी पीने से टाइफाइड बुखार होता है। इस बुखार को मियादी बुखार भी कहा जाता है। यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है। यह इंफेक्शन साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरी व्यक्ति नहीं फैलता है। मानसून और पतझड़ के मौसम में ज्यादा फैलता है और लो इम्युनिटी वाले लोग इसकी चपेट में जल्दी आते हैं।

बुखार में छाछ पीने से क्या होता है? - bukhaar mein chhaachh peene se kya hota hai?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में हर साल लगभग 1-2 करोड़ लोग टाइफाइड बुखार की चपेट में आते हैं। अगर सही समय पर इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया गया तो पीड़ित की मृत्यु तक हो सकती है। नमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट शैली तोमर का कहना है कि टाइफाइड बुखार पाचन तंत्र को अधिक प्रभावित करता है, इसलिए जरूरी है कि ऐसे फूड्स खाएं जाएं जो आसानी से पच सकें। साथ ही न्यूट्रीशन से भरपूर फूड्स का चुनाव करना जरूरी है। डॉक्टर शैली तोमर से समझते हैं कि टाइफाइड बुखार में किस तरह का खाना खाना चाहिए और किन फूड्स से परहेज करें।

बुखार में छाछ पीने से क्या होता है? - bukhaar mein chhaachh peene se kya hota hai?

हाइड्रेटिड रहें
टाइफाइड बुखार डायरिया का कारण बन सकता है, जिस वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए शरीर में पानी की पूर्ति करना जरूरी है। कम से कम 2.5 से 3 लीटर साफ पानी पीएं। इसके अलावा छाछ, नारियल पानी और लाइम जूस भी ले सकते हैं। अगर आपको लूज मोशन हो गए हैं तो इलेक्ट्रोलाइट पानी पिएं। अगर लूज मोशन नहीं हैं तो डाइट में दूध भी शामिल कर सकते हैं। अगर आपको जुकाम नहीं है तो आप दही भी खा सकते हैं। पर ध्यान रखें कि आप दही को सुबह ही खाएं।

बुखार में छाछ पीने से क्या होता है? - bukhaar mein chhaachh peene se kya hota hai?

आसानी से पचने वाले फूड्स खाएं
टाइफाइड की वजह से शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है। इसलिए ध्यान रखें कि आप खुद एक अच्छी डाइट दे रहे हैं। आप बेशक कम क्वांटिटी में खाएं, लेकिन थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ-कुछ हेल्दी चीजें खाते रहें। सुबह के ब्रेकफास्ट में रागी चीला, बेसन चीला, उपमा और उबले हुए आलू खा सकते हैं। इसके अलावा गुनगुना दूध भी पी सकते हैं। इस दूध में इम्युनिटी स्ट्रांग करने के लिए हल्दी भी मिला सकते हैं। लंच में दही चावल, दाल चावल, खिचड़ी, दलिया या दाल में भीगी हुई रोटी खाएं। हैवी दाल जैसे उड़द, चना, राजमा या छोले खाने से परहेज करें। मूंग और मसूर की दाल ज्यादा खाएं। घी और गूड़ से बना सूजी का हलवा भी खा सकते हैं।

डाइट में सूप शामिल करें
टाइफाइड के दौरान कच्ची सब्जियां खाने से परहेज करें, इसका सूप बनाकर पीएं। आप टमाटर, चुकंदर, पालक, पंपकिन या गाजर का सूप भी सकते हैं। इन सूप में आप हल्दी और काली मिर्च भी ऊपर से डाल सकते हैं, ताकि आपकी इम्युनिटी बूस्ट हो।

बुखार में छाछ पीने से क्या होता है? - bukhaar mein chhaachh peene se kya hota hai?

उबले फल खाएं
उबले या मैश्ड फल खाए जा सकते हैं। आप इसमें सेब, नाशपाती, आड़ू और आलूबुखारा को शामिल कर सकते हैं। ध्यान रखें कि स्टू से पहले फलों के छिलके उतार दें। मैश्ड केला भी पचाना में आसान है। रात में फलों का सेवन न करें।

इन फूड्स का न करें सेवन

  • बाहर के फल खाने से परहेज करें।
  • डीप फ्राइड, ऑइली और तीखा खाना खाने से बचें।
  • पत्ता गोभी, राजमा, शलजम, छोले, बीन्स जैसे खाद्य पदार्थ न खाएं ताकि आप गैस की समस्या से दूर रहें।
  • ज्यादा नमक और काली मिर्च न खाएं।

टाइफाइड से पूरी तरह से ठीक होने में 21-25 दिन लग जाते हैं। लिक्विड फूड्स के साथ शुरुआत करें फिर आधे पके हुए भोजन को खाएं इसके बाद सॉलिड फूड की तरफ आएं। रिकवरी के दौरान आप पूरी तरह से रेस्ट करें। आप एक सप्ताह या 10 दिन के बाद अंडा भी खा सकते हैं। पर ध्यान रखें कि अंडा ठीक से उबला हो और उसकी जर्दी न खाएं। डॉक्टर की बताईं दवाएं समय पर खाएं।

छाछ पीना है? सावधान, कहीं आपको ये दिक्कत तो नहीं!

नवभारत गोल्ड टीम

May 9, 2022

छाछ पीना गर्मी के दिनों में काफी फायदेमंद होता है।

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लेकिन, यह आपको लिए काफू नुकसान देह भी साबित हो सकता है।

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ड्राई स्किन की प्रॉब्लम है तो छाछ पीने से बचें। बढ़ सकती है दिक्कत।

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यदि बुखार है तो न पिएं छाछ। बढ़ जाएगा मांसपेशियों में दर्द।

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सर्दी-खांसी होने पर न पिएं छाछ। इसकी तासीर ठंडी होती है।

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दिल के रोगी भी इसे पीने से बचें। बड़ा देता है कोलेस्ट्रॉल।

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बुखार में छाछ पी सकते हैं क्या?

कम से कम 2.5 से 3 लीटर साफ पानी पीएं। इसके अलावा छाछ, नारियल पानी और लाइम जूस भी ले सकते हैं। अगर आपको लूज मोशन हो गए हैं तो इलेक्ट्रोलाइट पानी पिएं। अगर लूज मोशन नहीं हैं तो डाइट में दूध भी शामिल कर सकते हैं

छाछ कब नहीं पीना चाहिए?

छाछ कोलेस्ट्रॉल को घटाने में एक प्राकृतिक औषधि का कार्य करता है, इसका नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। छाछ पीने से शरीर में पानी की कमी दूर होती है। यह एसिडिटी और पेट की जलन को दूर करता है। पेशाब में दर्द हो तो छाछ पीने से आराम मिलता है।

बुखार में दही खाने से क्या होता है?

वायरल इन्फेक्शन से पीड़ित व्यक्ति तथा बुखार में दही का सेवन फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि दही में बैड बैक्टीरिया को खत्म करने की क्षमता होती है। इसलिए वायरल फीवर से पीड़ित व्यक्ति दही का सेवन करके बुखार से लड़ने के साथ ही पाचन क्रिया को भी दुरुस्त कर सकता है।

छाछ की तासीर क्या है?

सर्दी-खांसी की समस्या होने पर छाछ का सेवन आपकी परेशानी को और बढ़ा सकता है। आयुर्वेद में भी सर्दी-खांसी होने पर गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन करने की सलाह दी गई है। छाछ में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होने की वजह से यह दिल के कुछ गंभीर मरीजों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का काम कर सकता है।