केसरी
केसरी (अर्थ: शेर), मराठी भाषा का एक समाचारपत्र है जिसकी स्थापना ४ जनवरी १८८१ में बाल गंगाधर तिलक ने की थी। इस पत्र का उपयोग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को वाणी देने के लिये की गयी। यह समाचारपत्र आज भी तिलक जी के वंशजों एवं केसरी महरट्टा ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित होता है। केसरी में "देश का दुर्भाग्य" नामक शीर्षक से लेख लिखा जिसमें ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध किया, परिणाम स्वरूप उन्हें 6 वर्ष के कठोर कारावास के अंतर्गत वर्मा के मांडले जेल में बंद कर दिया गया। 1- कारावास के दौरान तिलक ने "आर्कटिक होम आफ द वेदाज" तथा "गीता रहस्य" नामक ग्रंथ की रचना की । 2-तिलक को भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के अंतर्गत राजद्रोह के अभियोग में 27 जुलाई 1897 को गिरफ्तार कर लिया गया । 3-1870 में ब्रिटिश सरकार ने भारतीय दंड संहिता में धारा 124-ए जोड़ा जिसके अंतर्गत "भारत में विधि द्वारा स्थापित ब्रिटिश सरकार के प्रति विरोध की भावना भड़काने वाले व्यक्ति को 3 साल की कैद से लेकर आजीवन देश निकाला तक की सजा दिए जाने का प्रावधान था।" [1][2][3] Show केसरी मराठी भाषा का एक महत्त्वपूर्ण समाचार पत्र है, सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कडियां[संपादित करें]
बाल गंगाधर तिलक ने कौन सा समाचार पत्र अंग्रेजी भाषा में निकाला था?केसरी (अर्थ: शेर), मराठी भाषा का एक समाचारपत्र है जिसकी स्थापना ४ जनवरी १८८१ में बाल गंगाधर तिलक ने की थी।
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केसरी (समाचारपत्र). लोकमान्य तिलक जी ने अंग्रेजी भाषा में कौन सा समाचार पत्र शुरू किया?जी. तिलक ने मराठी भाषा में केसरी और अंग्रेजी भाषा में मराठा दो समाचार पत्र शुरू किए।
बाल गंगाधर तिलक ने कौन सी पत्रिका आरम्भ की थी?तिलक ने मराठी में 'मराठा दर्पण' और केसरी नाम से दो दैनिक अखबार शुरू किए, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया.
मराठा समाचार पत्र कौन सी भाषा में प्रकाशित होता था?मराठी भाषा के समाचार पत्र
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