ब्लीचिंग पाउडर हवा के संपर्क में आता है तो क्या होता है? - bleeching paudar hava ke sampark mein aata hai to kya hota hai?

इसे सुनेंरोकेंब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक सूत्र CaOCl2 है। इसका रासायनिक नाम ‘कैल्शियम हाइपोक्लोराइट’ है। यह एक सफेद पाउडर है, इसे ‘चूने का क्लोराइड’ भी कहा जाता है। इसे ब्लीचिंग पाउडर भी कहा जाता है जो क्लोरीन की गंध को दूर करता है।

ब्लीच का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंदरअसल, ब्लीचिंग पाउडर या ब्लीच को ब्लीचिंग एजेंट के तौर पर जाना जाता है जो कि एक तरह का केमिकल होता है। इसका प्रयोग मुख्यता चेहरे के बालों का रंग हल्का करने, त्वचा को साफ और डार्कनेस को कम करने के लिए किया जाता है। इस पूरे प्रोसेस को ब्लीचिंग कहा जाता है।

पढ़ना:   क्रिप्स मिशन योजना का प्रस्ताव भारत में कब लाया गया?

ब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक सूत्र क्या है?

Ca(OCl)₂कैल्सियम हाइपोक्लोराइट / सूत्र

विरंजन विधि क्या है Home Science?

इसे सुनेंरोकेंरंगीन पदार्थों से रंग निकालकर उन्हें श्वेत करने को विरंजन करना (ब्लीचिंग) कहते हैं। विरंजन से केवल रंग ही नहीं निकलता, वरन् प्राकृतिक पदार्थों से अनेक अपद्रव्य भी निकल जाते हैं। अनेक पदार्थों को विरंजित करने की आवश्यकता पड़ती है।

कैल्शियम ऑक्सिक्लोराइड क्या है?

इसे सुनेंरोकेंब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक सूत्र CaOCl2है और इसका रासायनिक नाम कैल्शियम ऑक्सिक्लोराइड (Calcium Oxychloride) है। इसे चूने का क्लोराइड (chloride of lime) भी कहा जाता है। यह एक सफेद पाउडर है,जो क्लोरीन की गंध देता है। यह पानी में घुलनशील है लेकिन इसमें घुली हुई अशुद्धियों के कारण ये पूर्ण रूप से पानी में घुलनशील नही होता।

CaOCl2 योगी का प्रचलित नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंSolution. CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम विरंजक चूर्ण है।

शादी के कितने दिन पहले ब्लीच करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंअगर ब्लीच कराना चाहती हैं तो इसे शादी से 15 दिन पहले कराएं. इसके बाद भूलकर भी न कराएं.

पढ़ना:   छाया प्राप्त करने के लिए हमें कोई अपारदर्शी वस्तु की आवश्यकता क्यों होती है?

शादी से कितने दिन पहले ब्लीच करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंफेशियल के 2 दिन बाद स्किन पर ग्लो आता है इसलिए शादी के 2 दिन पहले ही फेशियल करवाएं।

कैल्शियम ऑक्सिक्लोराइड का सामान्य नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंCaOCl2 का साधारण नाम ब्लीचिंग पाउडर (विरंजनचूर्ण) है इसका रासायनिक नाम कैल्शियम ऑक्सिक्लोराइड (Calcium Oxychloride) है। इसे चूने का क्लोराइड (chloride of lime) भी कहा जाता है।

विरंजक चूर्ण का रासायनिक सूत्र क्या है इसके निर्माण की विधि के लिए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: विरंजक चूर्ण का रासायनिक नाम कैल्शियम आक्सी क्लोराइड है। विरंजक चूर्ण रासायनिक सूत्र – CaOCl2 होता है । (i) यह विरंजक कॉटन, टेक्सटाइल उद्योगो में लिनन लाउन्ड्री में विरंजित कपड़ो को धोने के लिए प्रयुक्त होता है।

विरंजक चूर्ण का निर्माण कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंविरंजक चूर्ण का निर्माण शुष्क बुझे हुए चूने पर क्लोरीन की क्रिया से होता है। इसके निर्माण में एक विशेष प्रकार का उपकरण लेते हैं जिसमें ऊपर से शुष्क बुझा हुआ चूना डाला जाता है और नीचे से क्लोरीन गैस तथा गर्म वायु प्रवाहित करते हैं।

यह स्वयं अपघटित होता रहता है ।यह वायुमंडल की `CO_2` से क्रिया करके `CaCO_3` बनाता है। यह वायुमण्डल की नगी से क्रिया करके `CaCl_2` व `Ca(OH)_2` बनाता है। उपरोक्त तीनों कथन सत्य हैं ।

Solution : उपरोक्त तीनों कथन सत्य हैं ।

Solution : ब्लीचिंग पाउडर, लम्बे समय तक वायु के सम्पर्क में रहने पर `Ca(ClO_(3))_(2)` व `CaCl_(2)` में परिवर्तित हो जाता है । इस प्रकार स्वः ऑक्सीकरण के कारण इसमें प्राप्य क्लोरीन नष्ट हो जाती है , जिससे विरंजन गुण घट जाता है ।
`6CaOCl_(2) to Ca(CIO_(3))_(2) + 5CaCl_(2)`

If you're seeing this message, it means we're having trouble loading external resources on our website.

If you're behind a web filter, please make sure that the domains *.kastatic.org and *.kasandbox.org are unblocked.

कैल्सियम हाइपोक्लोराइट एक अकार्बनिक यौगिक है। इसका रासायनिक सूत्र CaOCl2 है। यह एक सफेद बेरवेदार ठोस है। इससे क्लोरीन की तीव्र गन्ध निकलती रहती है। पीने के जल के शु्द्धिकरण में इसका उपयोग किया जाता है। क्लोरोफार्म तथा क्लोरीन गैस बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।

इसे विरंजनचूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर) तथा " कैल्सियम ऑक्साइक्लोराइड" भी कहते हैं। यह चूने का क्लोराइड होता है और देखने में चूने की तरह सफेद होता है पर इसमें क्लोरीन की गंध होती है। इसका निर्माण सर्वप्रथम ग्लैसगो के चार्ल्स टेनैंट ने सन् 1799 में किया था।

विरंजन चूर्ण स्थायी नहीं होता। समय बीतने के साथ साथ इसमें क्लोरीन की मात्रा कम होती जाती है, जिससे इसके विरंजन गुण का ह्रास होता जाता है। व्यापारिक विरंजन चूर्ण में विरंजन की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में निष्क्रिय पदार्थ मिले रहते हैं। उच्च ताप पर यह विघटित हो जाता है। वायु की आर्द्रता और कार्बन डाइऑक्साइड से भी इसका विघटन धीरे धीरे होता है।

विरंजनचूर्ण का निर्माण चूने और क्लोरीन से होता है। बुझे चूने पर क्लोरीन की क्रिया से यह बनता है। चूने के दो से तीन इंच गहरे स्तर पर क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है। चूने का यह स्तर 10 से लेकर 20 फुट चौड़े, 100 फुट लंबे और 6 से लेकर 7 फुट ऊँचे कक्ष में बना होता है और आवश्यकतानुसार समय-समय पर स्तर को उलटते रहने की व्यवस्था रहती है। क्लोरीन का अवशोषण पहले तीव्रता से होता है पर पीछे मंद पड़ जाता है। कक्ष के स्थान में अब नलों का व्यवहार होता है, जिनमें ऊपर से चूना गिरता है और नीचे से क्लोरीन प्रविष्ट करता है और दोनों नलों के मध्य चूने द्वारा क्लोरीन के अवशोषण से तत्काल चूर्ण प्राप्त होता है।

कैल्सियम प्रक्रम द्वारा निर्माण

2 Ca(OH)2 + 2 Cl2 → Ca(ClO)2 + CaCl2 + 2 H2O

सोडियम प्रक्रम द्वारा निर्माण

2 Ca(OH)2 + 3 Cl2 + 2 NaOH → Ca(ClO)2 + CaCl2 + 2 H2O + 2 NaCl

विरंजनचूर्ण का सूत्र [CaCl (OCl)] दिया गया है। इसमें कैल्सियम का एक बंध क्लोरीन से और दूसरा बंध हाइपोक्लोरस (OCl) मूलक से संबद्ध है। चूर्ण में कुछ असंयुक्त चूना भी मिला रहता है। अत: इसे संघटन का आभास [CaCl. (OCl). Ca (OH)2] सूत्र से बहुत कुछ लगता है। चूर्ण का समस्त क्लोरीन विरंजन के लिए उपलब्ध नहीं होता। अधिक से अधिक 40% क्लोरीन ही उपलब्ध होता है, पर सामान्य चूर्ण में उपलब्ध क्लोरीन की मात्रा सदा ही इससे कम रहती है और समय के बीतने के साथ घटती जाती है। विरंजन के लिए और कृमिनाशक रूप में इस चूर्ण का प्रयोग व्यापकता से होता है, पर चूर्ण के स्थान में अब अन्य कई पदार्थ, जैसे द्रव क्लोरीन, कैल्सियम हाइपोक्लोराइट, [Ca(OCl)22H2O] सोडियम क्लोराइट, [NaClO2], जिनमें उपलब्ध क्लोरीन की मात्रा विरंजनचूर्ण से कहीं अधिक है, अधिकाधिक उपयोग में आ रहे हैं।

यदि ब्लीचिंग पाउडर को हवा में खुला छोड़ दिया जाए तो क्या होगा?

उत्तर : जब विरंजक चूर्ण को वायु में उद्भासित किया जाता है तो वह अपने गुणों में विकृति पाता है। वायु में उपस्थित CO2 इससे क्रिया करता है जिस कारण कैल्सियम कार्बोनेट और क्लोरीन गैस उत्पन्न होते हैं। विरंजक चूर्ण के गुण नष्ट हो जाते हैं।

ब्लीचिंग पाउडर से कौन सी गैस निकलती है?

ब्लीचिंग पाउडर या कैल्शियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग पानी में अशुद्धियों के विरंजन कारक के रूप में किया जाता है। जब इसमें पानी मिलाया जाता है, तो यह क्लोरिक एसिड (HOCl) और हाइपोक्लोराइट आयन (OCl) के साथ क्लोराइड गैस बनाती है।

क्या ब्लीचिंग पाउडर मानव शरीर के लिए हानिकारक है?

एलम और ब्लीचिंग पाउडर की मात्रा पानी में ज्यादा हो जाए तो आंत, किडनी, लीवर और फेफड़े के लिए हानिकारक है।

विरंजक चूर्ण को वायु में खुला रखने पर कौन सी गैस देता है?

यदि विरंजक चूर्ण को वायु में खुला रखा जाता है तो उसकी क्रियाशीलता समाप्त हो जाती है। क्योंकि वायुमंडल में उपस्थित से क्रिया कर यह क्लोरीन गैस मुक्त कर देता है । तनु एवं के साथ क्रिया करके क्लोरीन गैस मुक्त करता है ।