इस (जहॉं चाह, वहाँ राह) कहानी का सारांश लिखो। Show येसंबा गाँव के ठीक बीच में एक नाला बहता था। नाले के एक तरफ गाँव की बस्ती और दूसरी तरफ पाठशाला और खेत थे। बरसात के मौसम में जब नाला भर जाता, तो बड़े-बुजुर्ग किसी तरह नाला पार कर लेते परंतु पाठशाला जाने के लिए नाला लाँघना विद्यार्थियों के लिए संभव नहीं था। इस कारण उनकी पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ता था। इस समस्या से परेशान बच्चे एक साथ मिलकर इसके निदान के लिए एक पुल बनाने की योजना बनाते हैं। इस कार्य में गाँव के सभी लोग बच्चों का साथ देते हैं और सबकी एकता, संगठन और श्रमदान से केवल पंद्रह दिनों में पुल बनकर तैयार हो जाता है। अब बरसात के मौसम में भी बच्चे पाठशाला जा सकते थे। बरसात के दिनों में विद्यार्थियों को पाठशाला जाना क्यों संभव नहीं था?बरसात के मौसम में जब नाला भर जाता, तो बड़े-बुजुर्ग किसी तरह नाला पार कर लेते परंतु पाठशाला जाने के लिए नाला लाँघना विद्यार्थियों के लिए संभव नहीं था। इस कारण उनकी पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ता था। इस समस्या से परेशान बच्चे एक साथ मिलकर इसके निदान के लिए एक पुल बनाने की योजना बनाते हैं।
येसंबा गाँव के ठीक बीच से क्या बहता था?येसंबा गाँव के ठीक बीच से एक नाला बहता था। बरसात के दिनों में में नाले में इतना पानी भर जाता था कि बच्चे पाठशाला जा नहीं पाते थे। नाले पर पुल बनाना ही आए दिन बरसात में होने वाली इस समस्या का समाधान था।
१ गाँव की पाठशाला में प्रार्थना कक्षा में क्यों हुई?(१) गाँव की पाठशाला में प्रार्थना कक्षा में क्यों हुई? उत्तर : क्योकि गाँव में धुआँधार बारिश हो रही थी। जिसके कारण मैदान में प्रार्थना हो पाना संभव नहीं था ।
पुल की लंबाई कितनी निश्चित की गई?इसे सुनेंरोकें9. 15 किलोमीटर लंबाई और 12.9 मीटर चौड़ाई के साथ भूपेन हजारिका सेतु (Bhupen Hazarika Setu) भारत का सबसे लंबा पुल है. बताते चलें कि भारत के सबसे बड़े इस सड़क पुल को ढोला-सादिया पुल (Dhola Sadiya Bridge) के रूप में भी जाना जाता है.
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