जेल सुधार
प्रीलिम्स के लिये:सर्वोच्च न्यायालय, जस्टिस अमिताव रॉय समिति Show
मेन्स के लिये:जेल सुधार से संबंधित मुद्दे, विचाराधीन कैदी एवं भारतीय न्याय व्यवस्था चर्चा में क्यों?हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति ने जेल सुधारों से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण सुझाव दिये हैं। महत्त्वपूर्ण बिंदु
समिति द्वारा उल्लिखित जेल की समस्याएँ
समिति द्वारा जेल सुधार के लिये सुझाए गए मुख्य बिंदु
आगे की राह
स्रोत: द हिंदूभारत में जेल सुधार और इससे संबंधित चुनौतियाँ
चर्चा में क्यों?पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (Bureau of Police Research and Development-BPRD) द्वारा 12 एवं 13 सितंबर, 2019 को ‘जेलों में आपराधिक गतिविधियाँ और कट्टरता : कैदियों एवं जेल कर्मचारियों की असुरक्षा और उनका संरक्षण’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रमुख बिंदु:
भारत में जेल सुधार की आवश्यकता:
जेल सुधार की चुनौतियाँ :
जेल सुधार हेतु प्रयास
आगे की राह
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेसबेंथम ने सुख दुख के कितने स्रोत बताए हैं?4) सुख-दुःख के स्त्रोत – बेंथम सुख-दुःख के चार स्त्रोत – धर्म, राजनीति, नैतिकता तथा भौतिक मानते हैं। धार्मिक सुख धर्म में आस्था रखने से तथा धार्मिक व्यवस्था को स्वीकार करने से प्राप्त होता है। जैसे कुंभ के मेले में स्नान करना। यदि वहां कोई अनहोनी हो जाए तो उसे धार्मिक दुःख कहा जाएगा।
भारत की जेलों में कैदियों के सुधार हेतु क्या क्या प्रयास किये जा रहे हैं?जेल सुधार हेतु प्रयास. जेलों को संविधान की समवर्ती सूची में शामिल करना।. जेलों से संबंधित मामलों पर एक समान और व्यापक कानून का निर्माण।. प्रत्येक राज्य में जेल और सुधार सेवाओं संबंधी एक विभाग का निर्माण।. सभी राज्य प्रत्येक जेल और संबंधित संस्थान में रहने की स्थिति में सुधार करेंगे।. जेल सुधार का पहला प्रयास कब किया गया था?जेल अधिनियम 1894 के क्रियान्वन के पश्चात भी जेल समस्याओं के पुनार्वलोकन की प्रकिया चलती रही। इस अधिनियम के पश्चात पहली बार एक विस्तृत अध्ययन अखिल भारतीय जेल सुधार समिति (1919-1920) का गठन किया गया जो कि भारतीय कारागार प्रशासन के इतिहास में प्रथम बार बंदियों के सुधार एवं पुनर्वास की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ।
भारत की जेलों में कैदियों के सुधार हेतु क्या क्या प्रयास किये जा रहे हैं इस बारे में पता लगाकर एक अनुच्छेद लिखें?(1) एक केन्द्रीय कारागृह की स्थापना की जाए जिसमें उन्हें अपराधियों को रखा जाए जिनकी सजा की अवधि एक वर्ष से अधिक हो तथा इस बन्दीगृह में 1,000 कैदियों के रहने की व्यवस्था हो। (2) प्रत्येक प्रान्त के बन्दीगृह पर एक बन्दीगृह निरीक्षक की नियुक्ति की जाए जो बन्दीगृहों की व्यवस्था का निरीक्षण करे।
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