चीन की जान प्रोक्यूरेटर व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए - cheen kee jaan prokyooretar vyavastha par tippanee likhie

  • डांग श्याओपिंग की आर्थिक क्रांति से चीन में आए अच्छे दिन
  • गुजरे 40 सालों में दूसरी आर्थिक महाशक्ति बनकर उभरा चीन

चीन का जिक्र होता है तो बात उसकी अर्थव्यवस्था तक पहुंच ही जाती है. लाजिमी भी है क्योंकि उसने विपरीत हालात में खुद को आर्थिक महाशक्ति के तौर पर दुनिया के सामने पेश किया है. बीते कुछ दशकों में चीन ने व्यापारिक रास्ते और निवेश लाने के लिए अपने बाजार की व्यवस्था में कई ऐसे सुधार किए जो चमत्कारी साबित हुए हैं.

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चीन के तीन नेताओं का योगदान

चीन को आर्थिक महाशक्ति बनाने में उसके तीन नेताओं का बड़ा योगदान रहा है. इसमें माओत्से तुंग, डांग श्याओपिंग और वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल हैं. श्याओपिंग ने 1978 में जिस आर्थिक क्रांति की शुरुआत की थी, उसी के दम पर चीन आज आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है. वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी उसे मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

एक दौर था जब चीन के करोड़ों लोग गरीबी के दलदल में थे. चीन में 1950 का दशक मानवीय त्रासदी का सबसे बड़ा काल था. कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के बूते माओ त्सेतुंग ने जो प्रयास किए वो भी कारगर साबित नहीं हुए. चीन की स्थिति तब और बिगड़ गई जब 60 के दशक में आए अकाल में लाखों लोगों की जान चली गई.

चीन ने वो भी दिन देखे जब उसके पास कोई व्यापारिक सहयोगी नहीं था. हालांकि 1976 में माओ की मौत के बाद डांग श्याओपिंग ने आर्थिक क्रांति की जो मुहिम छेड़ी, उसका प्रभाव अब तक है. शायद यही वजह है कि इन 40 सालों में चीन दूसरा आर्थिक महाशक्ति बनकर उभरा है.

ये हैं वो 5 बड़ी वजहें

1- जब अमेरिका-जापान में ट्रेड वॉर हो रहा था तब चीन ने अपने यहां बड़े पैमाने पर इंडस्ट्री को बुलाया. इसके लिए चाइना ने स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाए, जिनमें कंपनियों को ऐसी सुविधा दी, जैसे कोई एक्सपोर्ट करने जाते हो.

2- चीन ने लोकल इंडस्ट्री को अपनी बड़ी इंडस्ट्री के साथ जोड़ा. उन्होंने बड़े पैमाने पर आरएंडडी (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के लिए उसे सपोर्ट किया.

3- जब ग्रोथ शुरू हो गई तो साइंस एंड टेक्नोलॉजी में चीन ने बड़े पैमाने पर निवेश किया. धीरे-धीरे साइंस और टेक्नोलॉजी में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के जरिए सुपरपावर बन गया.

4- चीन ने अपनी करंसी (युआन) का भी बड़ी चतुराई के साथ इस्तेमाल किया. युआन को अपनी ताकत बनाया और उससे पूरी दुनिया में चाइना के प्रोडक्ट की कॉस्ट बहुत कम हो गई और धीरे-धीरे चीन का बाजार में कब्जा होते चला गया.

5- चीन ने अपने यहां बड़े पैमाने पर मैन्यूफेक्चरिंग हब बनाए. वहां न्यूक्लियर प्लांट के साथ पटाखे जैसे छोटी चीज की बड़ी पैमाने पर मैन्यूफेक्चरिंग होती है. चीन की उत्पादन क्षमता करीब-करीब हर सेक्टर में है.

अगले साल मंगल की खोज शुरू करेगा चीन

चाइना रेडियो इंटरनेशनल के मुताबिक, चीनी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक ये पेइ शिन ने हाल ही में बताया कि चीन अगले साल मंगल की खोज शुरू करेगा. शिन ने कहा कि चीन अगले साल अपना मंगल डिटेक्टर कक्षाओं में प्रक्षेपित करेगा, जो तीन वैज्ञानिक संयंत्रों से लैस होगा. इसमें एक मंगल रोवर भी सवार होगा, जो मानव की मंगल यात्रा में सर्वप्रथम है.

2019 में अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड

हाल ही में चीन में अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड का आयोजन किया गया था. इसमें अधिकारी, जनता से चयनित सदस्य और 97 देशों के 188 सैन्य जवान शामिल हुए. राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने सूचना दी कि इस कार्यक्रम में 15,000 सैन्यकर्मी सहित सेना के 59 अलग-अलग विंग ने हिस्सा लिया. साथ ही 580 सेना के हथियार और उपकरणों का प्रदर्शन हुआ.

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इस दौरान 160 हवाई विमानों ने भी आसमान में करतब दिखाया. इसके अलावा डीएफ-41 बैलिस्टिक मिसाइल, दो अज्ञात हवाई विमान, डीआर-8 सुपरसोनिक ड्रोन का प्रदर्शन करने भी बात कही गई थी.

जनवादी चीन की न्यायपालिका 

जनवादी चीन में न्याय व्यवस्था का आधार कार्ल मार्क्स, लेनिन व माओ का दर्शन हैं। यहाँ शक्ति-पृथक्करण के सिद्धांत का अभाव हैं। इसलिए न्यायपालिका प्रशासन के ही एक अंख के रूप में कार्य करती हैं। इस व्यवस्था का उद्देश्य देश में साम्यवादी व्यवस्था को बनाये रखना हैं और उसकी जड़ों को अधिकाधिक मजबूत करना हैं। 

जनवादी चीन की न्याय प्रणाली या व्यवस्था की विशेषताएं <p>चीन की न्याय व्यवस्था पश्चिमी देशों की न्याय व्यवस्था से पूर्णतया पृथक हैं। पश्चिमी देशों में न्यायपालिका को कार्यपालिका तथा विधानमंडल के हस्तक्षेप से मुक्त रखा गया हैं। इस तरह न्यायपालिका की निष्क्षता को बनाये रखने का प्रयास हुआ हैं। इसके विरूद्ध साम्यवादी देशों में न्यायपालिका 'शासन के अंग' के रूप में कार्य करती हैं। न्यायपालिका राजनीतिक प्रक्रिया में पूर्णरूप से उलझी रहती हैं।&nbsp;</p><p>चीनी न्याय व्यवस्था का वर्णन संविधान के सातवें अनुभाग में मिलता हैं। संक्षेप में जनवादी चीन की न्याय व्यवस्था की निम्नलिखित विशेषताएं हैं--&nbsp;</p><p><b>1. समाजवादी कानून पद्धित&nbsp;</b></p><p>कानून के विषय में मार्क्सवादियों की धारणा हैं कि कानून और न्याय-व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिससे समाजवादी लक्ष्यों की पूर्ति हो सके। साम्यवादी चीन में इस विचार को मान्यता दी गयी हैं, जिससे साम्यवाद की जड़े अधिक मज़बूत हो सकें। चाहे उसके लिए व्यक्ति को पूर्णतया राज्य के अधीन क्यों न बना दिया जाये।&nbsp;</p><p><b>2. न्यायाधीशों का चुनाव</b>&nbsp;</p><p>उच्चतम न्यायालय एवं स्थानीय न्यायालय के न्यायाधीश, विधानमंडल द्वारा निर्वाचित होते हैं। मुख्य न्यायाधीश का चुनाव राष्ट्रीय जनवादी-क्रांगेस करती हैं अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति काँग्रेस की स्थायी समिति करती हैं। सभी न्यायाधीश एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित किये जाते हैं।&nbsp;</p><p><b>3. समझौते और मध्यस्थता की प्रणाली</b>&nbsp;</p><p>चीन की न्याय-प्रणाली की एक प्रमुख विशेषता समझौते और मध्यस्थता की प्रणाली हैं। कुछ विवादों को समझाने के लिए प्राथमिक न्यायालय के निरीक्षण में समझौता समितियाँ बनाई जाती हैं। इन समितियों में जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं। ये समितियाँ वादी-प्रतिवादी की सहमति से छोटे विवादों को निबटा देती हैं। इससे न्यायालयों का कार्यभार कम हो जाता हैं।</p><p><b>4. कानूनी व्यवसाय का समाजवादीकरण</b>&nbsp;</p><p>साम्यवाद की स्थापना के बाद चीन में कानूनी व्यवस्था का समाजवादीकरण कर दिया गया था। इस व्यवसाय को सहकारी आधार पर गठित करते हुये अधिवक्ता संघों का निर्माण किया गया। इन संघों द्वारा कानूनी परामर्शदात्री कार्यालयों की स्थापना की गयी। इन कार्यालयों की आय को संबोधित वकीलों में उनके कार्य की मात्रा और योग्यतानुसार बाँट दिया जाता हैं।&nbsp;</p><p><b>5. एकीकृत न्याय व्यवस्था</b>&nbsp;</p><p>चीन की न्याय व्यवस्था का संगठन एकीकृत आधार पर किया गया हैं और जनवादी केन्द्रवाद का सिद्धांत न्यायपालिका पर भी लागू होता हैं। संविधान द्वारा सर्वोच्च जन न्यायालय, स्थानीय जन-न्यायालय और विशेष न्यायालय इस त्रिस्तरीय ढाँचे को एक ही सूत्र में पिरोया गया हैं।&nbsp;</p><p><b>6. खुली न्यायिक कार्यवाही</b>&nbsp;</p><p>जनवादी चीन में न्यायिक कार्यवाही सब लोगों के सामने होती हैं। जिन मुकदमों में देश की रक्षा खतरे में पड़ती हो, केवल उनकी सुनवाई गुप्त रूप से की जाती हैं। जनता के किसी भी व्यक्ति को न्यायाधीश के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत करने का अधिकार हैं।&nbsp;</p><p><b>7. लोक उत्तरदायित्व</b>&nbsp;</p><p>चीन में न्यायाधीशों के संबंध में लोक उत्तरदायित्व के सिद्धांत को अपनाया गया हैं। जन न्यायालय विधानमंडल के प्रति उत्तरदायी रहता हैं। जनवादी कांग्रेस न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति करती हैं और उन्हें पद से हटाती हैं विधान-मंडलों के प्रति न्यायाधीशों का उत्तरदायित्व समाजवादी व्यवस्था वाले राष्ट्रों का विशिष्ट सिद्धांत हैं।&nbsp;</p><p><b>8. स्थानीय भाषा में न्यायिक कार्य का संचालन</b>&nbsp;</p><p>सामान्यता न्यायालयों में एक या दो भाषायें वैधानिक रूप से मान्य होती हैं। लेकिन चीन में सभी नागरिकों को अपनी भाषाओं में अपना पक्ष प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता हैं। यदि कोई व्यक्ति स्थानीय न्यायालय में प्रयुक्त होने वाली भाषा नहीं समझता है तो न्यायालय उसके लिये द्विभाषिये का प्रबन्ध करता हैं। स्थानीय न्यायालयों में कार्यवाही वहाँ की स्थानीय भाषा में चलायी जाती हैं।&nbsp;</p><p><b><script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"> 9. कानून के समक्ष समानता का सिद्धांत &lt;/p&gt;&lt;p&gt;चीन में सभी नागरिकों को कानून के समक्ष बराबर समझा जाता हैं। लिंग, जाति और भाषा के आधार पर व्यक्तियों के साथ पक्षपात नहीं किया जायेगा। किसी व्यक्ति पर मुकदमा तब तक नहीं चलाया जायेगा जब तक कि यह विश्वास न हो जाये कि उसने कानून भंग करने का कार्य किया हैं।&lt;/p&gt;&lt;div dir="ltr" style="background-color:white;font-family:-apple-system,BlinkMacSystemFont,&amp;quot;Segoe UI&amp;quot;,Roboto,Helvetica,Arial,&amp;quot;Open Sans&amp;quot;,sans-serif;font-size:17px;margin:0px;padding:0px" trbidi="on"&gt;&lt;span style="font-size:large;margin:0px;padding:0px"&gt;यह भी पढ़ें;&amp;nbsp;&lt;a target="_blank" href="https://www.kailasheducation.com/2019/09/chin-samvidhan-visheshta.html"&gt;चीन के संविधान की विशेषताएं&lt;/a&gt;&lt;/span&gt;&lt;/div&gt;&lt;div dir="ltr" style="background-color:white;font-family:-apple-system,BlinkMacSystemFont,&amp;quot;Segoe UI&amp;quot;,Roboto,Helvetica,Arial,&amp;quot;Open Sans&amp;quot;,sans-serif;font-size:17px;margin:0px;padding:0px" trbidi="on"&gt;&lt;span style="font-size:large;margin:0px;padding:0px"&gt;&lt;div dir="ltr" style="font-size:17px;margin:0px;padding:0px" trbidi="on"&gt;&lt;span style="font-size:large;margin:0px;padding:0px"&gt;यह भी पढ़ें;&amp;nbsp;&lt;a target="_blank" href="https://www.kailasheducation.com/2020/04/rashtriya-janwadi-congress-ki-shaktiya-karya.html"&gt;राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस का संगठन शक्तियाँ व कार्य&lt;/a&gt;&lt;/span&gt;&lt;/div&gt;&lt;div dir="ltr" style="font-size:17px;margin:0px;padding:0px" trbidi="on"&gt;&lt;span style="font-size:large;margin:0px;padding:0px"&gt;यह भी पढ़ें;&amp;nbsp;&lt;a target="_blank" href="https://www.kailasheducation.com/2020/04/china-rashtrapati-shaktiyan-kary.html"&gt;चीन के राष्ट्रपति की वास्तविक स्थिति शक्तियाँ व कार्य&lt;/a&gt;&lt;/span&gt;&lt;/div&gt;&lt;div dir="ltr" style="font-size:17px;margin:0px;padding:0px" trbidi="on"&gt;&lt;span style="font-size:large;margin:0px;padding:0px"&gt;यह भी पढ़ें;&amp;nbsp;&lt;a target="_blank" href="https://www.kailasheducation.com/2019/06/samyavad-arth-siddhant.html"&gt;साम्यवाद का अर्थ, संगठन और भूमिका (कार्यप्रणाली)&lt;/a&gt;&lt;/span&gt;&lt;/div&gt;&lt;div dir="ltr" style="font-size:17px;margin:0px;padding:0px" trbidi="on"&gt;&lt;span style="font-size:large;margin:0px;padding:0px"&gt;यह भी पढ़ें;&amp;nbsp;&lt;a target="_blank" href="https://www.kailasheducation.com/2021/11/chini-nyay-vyavastha-ki-visheshtayen.html"&gt;जनवादी चीनी न्याय व्यवस्था/प्रणाली की विशेषताएं&lt;/a&gt;&lt;/span&gt;&lt;/div&gt;&lt;/span&gt;&lt;/div&gt;&lt;div dir="ltr" trbidi="on"&gt;&lt;div dir="ltr" trbidi="on"&gt;&lt;div dir="ltr" trbidi="on"&gt;&lt;span style="font-size:large"&gt;&lt;div dir="ltr" style="background-color:white;font-family:-apple-system, BlinkMacSystemFont,&amp;quot;Segoe UI&amp;quot;,Roboto,Helvetica,Arial,&amp;quot;Open Sans&amp;quot;,sans-serif;font-size:17px;height:auto;margin:0px;padding:0px" trbidi="on"&gt;&lt;span style="font-size:large;margin:0px;padding:0px"&gt;&lt;b&gt;&lt;script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"&gt; <ins class="adsbygoogle" data-ad-client="ca-pub-4853160624542199" data-ad-format="fluid" data-ad-layout="in-article" data-ad-slot="5627619632" 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चीन की जन प्रोक्यूरेटर व्यवस्था क्या है?

चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "साम्राज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है।

चीन की व्यवस्थापिका को क्या कहते हैं?

(१) जनवादी गणराज्य चीन जो मुख्य चीनी भूभाग पर स्थापित समाजवादी सरकार द्वारा शासित क्षेत्रों को कहते हैं। इसके अन्तर्गत चीन का बहुतायत भाग आता है। (२) चीनी गणराज्य - जो मुख्य भूमि से हटकर ताईवान सहित कुछ अन्य द्वीपों से बना देश है। इसका मुख्यालय ताइवान है।

चीन की एकात्मक व्यवस्था की मुख्य विशेषता क्या है?

चीन के संविधान की प्रस्तावना में भी लिखा है कि "चीन का जन गणतंत्र एक एकात्मक बहु-राष्ट्रीय राज्य है। चीनी संविधान द्वारा नागरिकों को भाषण, अभिव्यक्ति व्यक्त करने करने की, सभा प्रदर्शन स्वतंत्रता, हड़ताल का अधिकार और धर्मिक स्वतंत्रता आदि दी गयी है।

चीन से आप क्या समझते हैं इसकी विशेषता लिखिए?

ये दोनों लक्ष्य चीन को चीनी विशेषताओं के साथ 'एक मजबूत सेना' के चीन के स्वप्न को साकार बना सकते हैं जिससे 2049 तक चीन एक महाशक्ति का दर्जा प्राप्त कर लेगा। यह चीन को राजनयिक वर्चस्व उपलब्ध कराएगा, इसके क्षेत्रीय प्रभुत्व को बढ़ाएगा एवं दुनिया भर में इसके हितों की सुरक्षा करेगा।