चूने के पानी में नली से भूख मारने पर वह दूधिया क्यों हो जाता है? - choone ke paanee mein nalee se bhookh maarane par vah doodhiya kyon ho jaata hai?

100001 test‏.htm होरी की ज़बान बंद हो गयी। एक क्षण बाद बोला -- मैं 100002 test‏.htm ही बंद हो गयी, तो आमदनी भी बंद हो गयी। जो कुछ थी, ज़बान ही की 100003 test‏.htm पर आकर देखा, तो किवाड़ बंद हो गये थे। किवाड़ों के दराजों 100004 test‏.htm बाहर तुम्हारा मुँह क्यों बंद हो जाता है? ले-दे के बाप-दादों 100005 test‏.htm करते हो। हुक़्क़ा-पानी बंद हो जाता, तो गाँव में निर्वाह 100006 test‏.htm रहती थी। उधर का रास्ता बंद हो जाने पर उनका मन आप ही आप भक्ति 100007 test‏.htm लौटे, तो फिर धनिया का मुँह बंद हो जायगा। 100008 test‏.htm कुछ कहे, चाहे माँ-बाप, भाई- बंद , घर-द्वार सब कुछ छोड़ना पड़े। 100009 test‏.htm जानता हूँ, जो कभी संध्या- बंदन नहीं करते, न उन्हें धरम से मतलब, 100010 test‏.htm तरह नचाती थी, जैसे मदारी बंदर को नचाता है। और मैं ख़ुशी से 100011 test‏.htm मुझे उनके ख़िलाफ़ गुट- बंदी करनी पड़ेगी। यों समझ लीजिए 100012 test‏.htm को मैं इस कारागार में बंदी नहीं करना चाहती। अभी तक तुम्हारा 100013 test‏.htm कपड़े पहने जो सूख गये थे, बंदूक़ उठायी और चलने को तैयार हुए। 100014 test‏.htm राय साहब ने बंदूक़ उठायी और निशाना बाँधना चाहते 100015 test‏.htm मेहता ने बंदूक़ कंधे पर रखकर कहा -- तुमने मुझे 100016 test‏.htm मेहता ने कुछ उत्तर न दिया। बंदूक़ कनपटी से कंधे पर दबा ली और मालती 100017 test‏.htm ने आँखें निकालीं और बंदूक़ का कुंदा ज़मीन पर पटककर बोला 100018 test‏.htm के साथ वह रेत में दौड़े और बंदूक़ किनारे पर रख गड़ाप से पानी 100019 test‏.htm ने कभी शिकार न खेला था, बंदूक़ की आवाज़ से काँपते थे; लेकिन 100020 test‏.htm अपनी तरफ़ बंदूक़ की नली देखकर राय साहब झुककर 100021 test‏.htm पैर पटके, पैंतरे बदले और बंदूक़ को कंधे से उतारकर हाथ में लेता 100022 test‏.htm समझते थे, लेकिन उसकी बंदूक़ को क्या करते। उन्होंने ज़रा 100023 test‏.htm राय साहब ने बंदूक़ चलायी; मगर हिरन भाग गया। बोले 100024 test‏.htm मेहता ने निशाना साधा और बंदूक़ चलायी। मोर उड़ गया। 100025 test‏.htm भी चीं-चपड़ किया और इसने बंदूक़ चलायी। हूश तो होते ही हैं ये 100026 test‏.htm था कि ख़ान ने उसके सामने बंदूक़ तानकर डाँटा -- कहाँ जाता है सुअर, 100027 test‏.htm होता है; अगर उसके हाथ में बंदूक़ न होती, तो राय साहब उससे सींग 100028 test‏.htm उस पर झपटकर उसके हाथ से बंदूक़ नहीं छीन लेते? बंदूक़ ही तो 100029 test‏.htm राय साहब ने बंदूक़ नीचे कर ली। 100030 test‏.htm का बैग लटकाये, कंधे पर बंदूक़ रखे और कमर में तलवार बाँधे 100031 test‏.htm उखड़ते हुए मालूम हुए। वह बंदूक़ सँभालती हुई उनसे चिमट गयी। 100032 test‏.htm पर शिकार का जोश चमक उठा। बंदूक़ सँभाली और निशाना मारा। एक काला-सा 100033 test‏.htm से बंदूक़ नहीं छीन लेते? बंदूक़ ही तो चलायेगा? चलाने दो। एक 100034 test‏.htm को रुपए उधार देने का कोई बंदोबस्त न करेगी, तो हमें इस क़ानून से 100035 test‏.htm ‘हाँ, वर तो ठीक है। रुपए का बंदोबस्त हो गया, तो इसी महीने में ब्याह 100036 test‏.htm गोविंदी की ज़बान बंद। 100037 test‏.htm चीज़ें आ गयीं। बिस्तर भी बँध गया, मुहल्लेवालों को ख़बर हो 100038 test‏.htm ही देखते उसका बिस्तर बँध गया। झुनिया ने भी चुँदरी पहन 100039 test‏.htm पर प्रकाश देखकर उसके पाँव बँध गये। उस प्रकाशरेखा के अंदर 100040 test‏.htm होकर प्रगाढ़ आलिंगन में बँध गये। दोनों की आँखों से आँसुओं 100041 test‏.htm साहब ने रपट कर दी, तो सब जने बँध जाओगे। 100042 test‏.htm सकते हैं, केवल एक बंधन में बँध जाने के बाद ही पैदा हो सकता 100043 test‏.htm एक रिपोट में गाँव का गाँव बँध जाय। कभी क़ानूनगो आते हैं, 100044 test‏.htm इसी आँगन में तीन गायें और बँध सकती हैं। 100045 test‏.htm हो गये। जहाँ उनकी गायें बँधती थीं, वहीं एक कोठरी रहने को दे 100046 test‏.htm इतने दिन मज़े से घर में बँधती रही; न गर्मी लगी, न जूड़ी आयी। 100047 test‏.htm ने इसका समर्थन किया -- बंधन और निग्रह पुरानी थ्योरियाँ 100048 test‏.htm पर चाहे वह कोई घाट हो, इस बंधन का घाट न होगा; बोलो, मुझे क्या 100049 test‏.htm में तोड़े डालते हो? उस बंधन को एकता का बंधन बना लो। इस तरह 100050 test‏.htm है। बंधुत्व के इस दैवी बंधन को क्यों अपने तुच्छ स्वार्थों 100051 test‏.htm कहते हैं, रूढ़ियों के बंधन को तोड़ो और मनुष्य बनो, देवता 100052 test‏.htm विलास किये जाओ! सारे बंधन तोड़ दो, धर्म और समाज को गोली 100053 test‏.htm आँसू बतला रहे थे कि मोह का बंधन तोड़ना कितना कठिन हो रहा है। 100054 test‏.htm पड़ जायँगी। बस वही बंधन तोड़ो, जिसमें अपनी-भोग-लिप्सा 100055 test‏.htm कठिन था, उस पर दायित्व था, बंधन था जिसे वह तोड़ न सकती थी, न 100056 test‏.htm तब मेरे ऊपर किसी का कोई बंधन न रहेगा। अभी तो मुझे विश्वास 100057 test‏.htm तरह की शर्त न की थी, कोई बंधन न लगाया था; पर ओंकारनाथ आज इतनी 100058 test‏.htm क्षमा कर दे। यह धरम का बंधन बड़ा कड़ा होता है। जिस समाज 100059 test‏.htm हो? उस बंधन को एकता का बंधन बना लो। इस तरह के भावों ने उसकी 100060 test‏.htm बंधन में पड़ जाता है, और बंधन में जीवन का पूरा विकास नहीं 100061 test‏.htm शादी नहीं करेगी, इससे जीवन बंधन में पड़ जाता है, और बंधन में 100062 test‏.htm मन मोह में आसक्त हुआ, और हम बंधन में पड़े, उस क्षण हमारा मानवता 100063 test‏.htm प्रेम कह सकते हैं, केवल एक बंधन में बँध जाने के बाद ही पैदा 100064 test‏.htm गयी, जो मुझे देश और समाज के बंधन में बाँधे हुए है। सत्याग्रह-आंदोलन 100065 test‏.htm थी, न तोड़ना चाहती थी। उस बंधन में ही उसे जीवन की प्रेरणा 100066 test‏.htm मालती ने मानो उन्हें एक बंधन से मुक्त कर दिया। उठकर बोले 100067 test‏.htm देते हो? क़ानून भी तो बंधन है, उसे क्यों नहीं तोड़ते? उससे 100068 test‏.htm धता बताओ; शादी मत करो, यह बंधन है; बच्चे होंगे, यह मोहपाश है; 100069 test‏.htm ज़ोर मारा कि मोह के सारे बंधनों को तोड़कर फेंक दूँ; लेकिन औरत 100070 test‏.htm संन्यास और त्याग के बिना बंधनों को तोड़ने का और क्या उपाय है? 100071 test‏.htm की चिंता करें। संसार के बंधनों को वह भी साधारण मनुष्यों की 100072 test‏.htm देखते हो। ज़मींदार मुसक बँधवा के पिटवाता है और महाजन लात 100073 test‏.htm -- कहो तो मैं सबसे क़िस्त बँधवा लूँ और हर महीने-महीने देता 100074 test‏.htm नहीं आता था, मक्खन नहीं बँधा था। और तुम भी चाहती हो, और दादा 100075 test‏.htm था। द्वार पर केवल एक बैल बँधा हुआ था, वह भी नीमजान। धनिया 100076 test‏.htm गया। रात को भी भोजन का समय बँधा हुआ था। उनकी बहन कमरे की बत्ती 100077 test‏.htm गायें सब सूख गयी थीं। बँधी पर दूध न पहुँचे तो गुज़र कैसे 100078 test‏.htm पर कोई पुस्तक बस्ते में बँधी रखी हुई थी, जो शायद रामायण हो। 100079 test‏.htm आँखें फूट गयीं। यही आसा बँधी रहती थी कि कब वह दिन आयेगा और 100080 test‏.htm करने लगा। उसकी कलाई पर बँधी सोने की घड़ी जैसे अपने अपलक 100081 test‏.htm ओर की ओसारी में एक गाय बँधी हुई है। इस खंड में मथुरा और 100082 test‏.htm प्रभावित होंगे। आँगन में बँधी , तो कौन देखेगा? धनिया इसके विपरीत 100083 test‏.htm गर्म होने की कुछ आशा बँधी। चौधरी को ले जाकर अपनी तीनों 100084 test‏.htm से दौड़ जायगी। मैं विश्व- बंधुत्व और विश्व-प्रेम पर केवल लेख 100085 test‏.htm एक सूत्र में बाँध दिया है। बंधुत्व के इस दैवी बंधन को क्यों अपने 100086 test‏.htm उसकी एक न चलती थी। बँधे- बँधे कौन फिरे, रिश्वत के रुपए कहाँ 100087 test‏.htm था, लोग गाय को द्वार पर बँधे देखकर पूछें -- यह किसका घर है? 100088 test‏.htm जाय तो थाना-पुलिस हो, बँधे- बँधे फिरो, सब की चिरौरी करो, अदालत 100089 test‏.htm में दावा कर दे तो बँधे- बँधे फिरो। 100090 test‏.htm थे। रियासत से सबके वसीके बँधे हुए थे। किसी को कोई काम करने 100091 test‏.htm आज वह एक औरत के करपाश में बँधे हुए हैं और किसी तरह निकल नहीं 100092 test‏.htm सामने उसकी एक न चलती थी। बँधे -बँधे कौन फिरे, रिश्वत के रुपए 100093 test‏.htm हो जाय तो थाना-पुलिस हो, बँधे -बँधे फिरो, सब की चिरौरी करो, 100094 test‏.htm फ़ौजदारी में दावा कर दे तो बँधे -बँधे फिरो। 100095 test‏.htm सौ-सौ का होगा। द्वार पर बँधेगी तो द्वार की शोभा बढ़ जायगी। 100096 test‏.htm के आँगन में गाय कहाँ बँधेगी भाई?’ 100097 test‏.htm यह कामधेनु उसके द्वार पर बँधेगी ! 100098 test‏.htm हज़ार लेकर भाग खड़े हुए। बंबई में उनके एजेंट थे। सोचा था, 100099 test‏.htm अच्छा घर-बर था। उसका आदमी बंबई में दूध की दूकान करता था। उन 100100 test‏.htm एक दिन वह बंबे पर पानी भरने गयी, तो पड़ोस की 100101 test‏.htm गिर पड़ा। उठना चाहता था कि बंशी ने फिर एक घूँसा दिया। 100102 test‏.htm बंशी बलिष्ठ युवक था। उसने भोला को 100103 test‏.htm बोला -- खा ले झूठी क़सम। बंस का अंत हो जाय। बूढ़े जीते रहें। 100104 test‏.htm का कोप किसी पर गिरे। बंस में कोई चिल्लू-भर पानी देनेवाला, 100105 test‏.htm होरी ने देखा, दमड़ी बँसार सामने खड़ा है, नाटा काला, ख़ूब 100106 test‏.htm हों -- अब करो खेती और बजाओ बंसी। मेरा अपमान करना चाहते हैं सब, 100107 test‏.htm मिट्टी में मिला दी? बँसोर से लड़ने-झगड़ने का उसे क्या 100108 test‏.htm पर अंधाधुंध जमाने लगी। बँसोर होकर उसे ढकेल दे? उसका यह अपमान! 100109 test‏.htm ने डाँटा -- फिर क्यों बक- बक करने लगी तू! घर क्यों नहीं जाती? 100110 test‏.htm में लेता हुआ दहाड़ा -- मत बक- बक करो। काउंसिल का मेंबर को अम 100111 test‏.htm हुई ज़बान से ऊटपटाँग बक रहा था -- मुझे किसी की परवाह 100112 test‏.htm हो, तो मुँह से चाहे जितना बक ले, मन में कीना न पाले। बीज अंदर 100113 test‏.htm होरी ने डाँटा -- फिर क्यों बक -बक करने लगी तू! घर क्यों नहीं 100114 test‏.htm में लेता हुआ दहाड़ा -- मत बक -बक करो। काउंसिल का मेंबर को 100115 test‏.htm है, जिसके जी में जो आता है, बकता है। कुछ लोग सुनते हैं और तालियाँ 100116 test‏.htm बुरा होगा। औरत जात इसी तरह बकती है। आज को तुमसे लड़ गयी, कल को 100117 test‏.htm ‘क्या बकती है। खेती से पेट चल जाय यही बहुत 100118 test‏.htm व्यवहार करें, नहीं हैं, तो बकना छोड़ दें। मैं नक़ली ज़िंदगी 100119 test‏.htm पीछे ढकेल कर कहा -- इन्हें बकने दो तुम। पूछो, यह क्यों कागद 100120 test‏.htm ‘मुफ़्त की बकबक कौन करे। फ़ायदा ही क्या! मुझे 100121 test‏.htm तो ऐसा था कि अकेले एक बकरा खाकर हज़म कर डालते थे। 100122 test‏.htm मुर्ग़, मुर्ग़ियाँ, बकरा , हिरन, तीतर, मोर, जिसे जो पसंद 100123 test‏.htm इन बच्चों की माँ बकरी के लिए पत्तियाँ तोड़ रही थी। 100124 test‏.htm जाती है, तो क्या रूपा बकरी चराने नहीं जाती? फिर सोना क्यों 100125 test‏.htm ने कहा -- जब तक एक में थे, एक बकरी भी नहीं ली। अब पछाई गाय ली जाती 100126 test‏.htm बदल जाता है। क्या आदमी गाय- बकरी से भी गया-बीता हो गया है? लेकिन 100127 test‏.htm अब बैठने लगा था। कुछ-कुछ बकवाँ चलने भी लगा था। उसने जो आँगन 100128 test‏.htm लगा। जो कुछ मुँह में आया बका -- दाढ़ीजार, लंपट, मुँहझौंसा 100129 test‏.htm है? वसूली सरकार के घर गयी। बक़ाया असामियों ने दबा लिया। तब मैं 100130 test‏.htm हो गये। नहीं, होरी अपनी बक़ाया के साथ उसकी बक़ाया चुकाने के 100131 test‏.htm जो ज्वर आया, तो उसने सारी बक़ाया चुका ली। एक महीने तक होरी खाट 100132 test‏.htm अपनी बक़ाया के साथ उसकी बक़ाया चुकाने के लिए भी क़र्ज़ लेने 100133 test‏.htm क्या कर लेते? बहुत होता बक़ाया पर दो-चार आना सूद ले लेता; मगर 100134 test‏.htm हो जाय, कुर्की आ जाय, बक़ाया मालगुज़ारी की इल्लत में हवालात 100135 test‏.htm ‘मैं तो बचा पर बक़ाया लगान का दावा करके ठीक कर दूँगा। 100136 test‏.htm कारकुन साहब ने पुनिया से बक़ाया लगान वसूल करने की कोई सख़्ती 100137 test‏.htm -- पीठ पीछे आदमी जो चाहे बके , हमारे मुँह पर कोई कुछ कहे, तो 100138 test‏.htm नुकीली दृष्टि से देखा -- मत बको जी! तुम्हें उसी वक़्त कहना 100139 test‏.htm चुप रहो, बेबात की बात मत बको।’ 100140 test‏.htm डाल दिया और सिलिया हक्का- बक्का होकर मातादीन का मुँह देखने 100141 test‏.htm चलती? मेरा एक दवाओं का बक्स है, वह सेमरी में है। उफ़! सिर 100142 test‏.htm पहले क्यों नहीं कहा। अब इस बखत कहाँ जाऊँ?’ 100143 test‏.htm तो भला तुम कैसे बोलते। उस बखत कोई तुम्हारा सरबस लूट लेता, 100144 test‏.htm बहुत निठुर हो सिल्लो? इस बखत कौन देखता है। 100145 test‏.htm झुँझलाकर कहा -- तो महतो, इस बखत तो मेरे पास रुपए नहीं हैं और 100146 test‏.htm आकर गाय ले जाना गोबर, इस बखत तो सानी खा रही है। 100147 test‏.htm करके कहा -- महाराज, तुम इस बखत न बोलो। मैं आज इसकी बान छुड़ाकर 100148 test‏.htm गोबरधन, मैं सब कर लूँगी। बखत पड़ने पर आदमी ही आदमी के काम 100149 test‏.htm की याद आया करती है। उस बखत मुझे न जाने क्यों उन पर ग़ुस्सा 100150 test‏.htm को झुनिया घर में आ गयी। उस बखत मैं घर में न रखता, तो सोचो, कहाँ 100151 test‏.htm सामान खोलकर चीज़ का बाँट- बखरा करने में लगी हुई थीं; लेकिन 100152 test‏.htm सब जानती हूँ। यहाँ तो बाँट- बखरा होनेवाला था, सभी के मुँह मीठे 100153 test‏.htm अपने भाई ही। अपने हिस्से- बखरे के लिए सभी लड़ते हैं, पर इससे 100154 test‏.htm मेहता के जीवट और धैर्य का बखान कर रहे थे। 100155 test‏.htm ‘इसी से तो मैं सबसे तेरा बखान करता हूँ।’ 100156 test‏.htm और धनिया दोनों घर-घर उसका बखान करते फिरेंगे। गाँव में उसका 100157 test‏.htm रस भरकर कहा -- चलो-चलो, बड़े बखान करनेवाले। ज़रा-सा कोई काम बिगड़ 100158 test‏.htm ने आँखें नचाकर कहा -- मत बखान करो, जी जलता है। यह मरद है? मैं 100159 test‏.htm वाले भाव से बोली -- मैं उनके बखान की भूखी नहीं हूँ, अपना बखान 100160 test‏.htm की भूखी नहीं हूँ, अपना बखान धरे रहें। 100161 test‏.htm ‘अच्छा रहने दे, बहुत अपना बखान न कर! तू ही रूठ-रूठकर नैहर भागती 100162 test‏.htm मेरे मुँह पर भाइयों का बखान न किया करो, उनका नाम सुनकर मेरी 100163 test‏.htm खड़ी अपने कानों से अपना बखान सुनने के लिए अधीर हो रही थी। 100164 test‏.htm बातों और अपने सतीत्व के बखान से मुग्ध कर लिया। ऐसी रूप, गुण, 100165 test‏.htm मुझसे जब मिलता है, तेरा बखान ही करता है -- ऐसी लक्ष्मी है, 100166 test‏.htm सुंदर हूँ। अपने भाग नहीं बखानते हो कि ऐसी इंदर की परी पा गये। 100167 test‏.htm देते हो इसलिए? अपने भाग बखानो कि ऐसी गऊ औरत पा गये हो। दूसरी 100168 test‏.htm ‘अपने भाग बखानो कि मुँह फुलाकर छोड़ देते हैं। 100169 test‏.htm न आता था। अनाज से भरे हुए बखार और गाँव से सिवान तक फैले हुए 100170 test‏.htm अनाज मिला, और पुनिया के बखार में धान रखने की जगह न रही। 100171 test‏.htm निकलेगा। पंडित ने जैसे बखार में पानी डाल दिया हो। 100172 test‏.htm हो गयी है। उसके बखार में सौ-दो-सौ मन अनाज भरा होता, 100173 test‏.htm लगान माफ़ कर देते थे। अपने बखार से अनाज निकालकर असामियों को 100174 test‏.htm कोई न कोई काम निकल आयेगा। बखारों में अनाज रखना, निकालना, पछोरना, 100175 test‏.htm ने उस अनीत के बख़्तर को बेध डाला जिससे सज्जित होकर 100176 test‏.htm -- दुलहिनजी, आज आप मेरी जान बख़्श दें। मैं फिर कभी यहाँ न आऊँगी। 100177 test‏.htm आँखों से बोले -- अब मेरी जान बख़्शो मालती, क्यों मेरे मुँह में 100178 test‏.htm के बाद रजा लेकर आये थे। बगदाद , अदन, सिंगापुर, बर्मा -- चारों 100179 test‏.htm आगे-आगे था। झुनिया बिस्तर बग़ल में दबाये पीछे। एक चमार का 100180 test‏.htm बैठे। मालती मेहता के बग़ल में बैठी। 100181 test‏.htm कोई जवाब न था। उन्हें बग़लें झाँकते देखकर राय साहब ने उनकी 100182 test‏.htm और सभी भाई उस पर हँसेंगे, बग़लें बजायेंगे, मानो सारे संसार की 100183 test‏.htm के ज़ुल्म ने ही तो उनमें बगावत की यह स्पिरिट पैदा की है। 100184 test‏.htm पुस्तकों से भर गये। अपना बग़ीचा छोड़ने का उन्हें ज़रूर क़लक़ 100185 test‏.htm लेकर दूसरों को दे दो। बाग़- बग़ीचा बेचकर मज़े से तर माल उड़ाओ। 100186 test‏.htm मगर इधर कई महीनों से उस बग़ीचे की ओर से भी वह कुछ विरक्त-से 100187 test‏.htm उनसे मिलाऊँगा। जब से मेरे बग़ीचे में ठहरे हैं, रात-दिन लोगों 100188 test‏.htm गर्मियों के दिन थे। लाला बग़ीचे में बैठे आम तुड़वा रहे थे। 100189 test‏.htm लिया -- अच्छा तो आपने और बगुलाभगत पंचों ने मिलकर मेरे एक मातबर 100190 test‏.htm कर रही हैं। लू चल रही थी, बगूले उठ रहे थे, भूतल धधक रहा था। जैसे 100191 test‏.htm सावन का महीना आ गया था और बगूले उठ रहे थे। कुओं का पानी भी सूख 100192 test‏.htm बने। खेतों में जहाँ बगूले उठते थे, वहाँ हल चलने लगे। बालवृंद 100193 test‏.htm ताप आता है, क्षण-क्षण पर बगूले उठते हैं, और पृथ्वी काँपने 100194 test‏.htm समझते हैं कि उस मज़दूर के बग़ैर आपका काम नहीं चल सकता, तो आपको 100195 test‏.htm लिए आवश्यक हो गया था। इसके बग़ैर उनका चित्त शांत न हो सकता था। 100196 test‏.htm दूसरी सगाई लाये थे। औरत के बग़ैर उनका जीवन नीरस था। जब तक झुनिया 100197 test‏.htm हो, नोहरी की पूजा किये बग़ैर उसका काम सिद्ध नहीं हो सकता। 100198 test‏.htm ‘अब तक मैंने बग़ैर किसी की सहायता के बाधाओं को 100199 test‏.htm हो जाती है। बुद्धि के बग़ैर किसी समाज का संचालन नहीं हो 100200 test‏.htm शौक़ से पीता हूँ। मैं इसके बग़ैर ज़िंदा नहीं रह सकता। तुम अपने 100201 test‏.htm शुरू करें -- काश्तकारों को बग़ैर नज़राने लिए पट्टे लिख दें, 100202 test‏.htm है। उनके बैल चूनी-चोकर के बग़ैर नाद में मुँह नहीं डालते; मगर 100203 test‏.htm जा रहा हूँ, वह आपकी मदद के बग़ैर पूरा न होगा। आप सिर्फ़ मेरी 100204 test‏.htm में मुझे इत्तला दिये बग़ैर मेरे असामी से जुरमाना वसूल 100205 test‏.htm तो चाहिए कि नौकरों के बग़ैर हम ज़िंदा रह सकते हैं या नहीं। 100206 test‏.htm रहते हैं, तो फिर नख़रे बघारने लगे। गोबर ज़रा आलसी है, नहीं 100207 test‏.htm चिंता न बाधा, वह दर्शन न बघारें , तो कौन बघारे? आप निर्द्वंद्व 100208 test‏.htm वह दर्शन न बघारें, तो कौन बघारे ? आप निर्द्वंद्व रहकर जीवन को 100209 test‏.htm अच्छा झुनिया, बहुत ज्ञान न बघार। अब तू भी अपना भला-बुरा सोचने 100210 test‏.htm कि तुम्हारे दर्शन बदे थे, बच गया। हत्या सिर पर सवार थी। 100211 test‏.htm आशीर्वाद देने चली। जान बच गयी थी, चुपके से अपनी राह लेनी 100212 test‏.htm और बाप-दादों की निशानी भी बच गयी। मुझसे जो कुछ हो सका, मैंने 100213 test‏.htm से कुछ न कहना पड़ा। जान बच गयी। 100214 test‏.htm तक आ पहुँचा और मेहता अकेले बच गये और अब उन्हें गूँगे का पार्ट 100215 test‏.htm छोड़कर भाग जाय। इस तरह बैल बच गये। 100216 test‏.htm सिंदूर का भाग है कि यह बच गये। मगर हाँ, इतना है कि आपस 100217 test‏.htm घर भर रही थी। तुम उस लूट से बच गये।’ 100218 test‏.htm दो। सूद इसटाम सब झगड़ों से बच जाओ; चार आदमी जो दाम कहें, वह 100219 test‏.htm उनकी दवादारू होती तो वे बच जाते; पर वह एक धेले की दवा भी 100220 test‏.htm जायगा, और तुम्हारे खेत भी बच जायँगे। सारे ख़रच-वरच से बचे 100221 test‏.htm के हो जायगा; और खेत भी बच जायँगे।’ 100222 test‏.htm कर ले, तो पाँच आने रोज़ बच जायँ। महीने में दस रुपए होते 100223 test‏.htm मालूम हुआ कि अब वह सचमुच बच जायगा। उसने आँखों में आँसू 100224 test‏.htm मरे। घर की ज़मीन-जैजात तो बच जायगी, रोटी का सहारा तो रह जायगा। 100225 test‏.htm बाप-दादों की निसानी एक घर बच रहा था, आज तुमने उसका भी वारा-न्यारा 100226 test‏.htm मेरे लिए पाँच सेर अनाज बच रहा। यह भूसा तो मैंने रातोंरात 100227 test‏.htm की इतनी ही निसानी बच रही है। वह निकल गयी, तो कहाँ 100228 test‏.htm बिदा हो गये, केवल वे ही लोग बच रहे जिनकी राय साहब से घनिष्टता 100229 test‏.htm वह बूढ़े और निकम्मे बच रहे थे, जिनका कोई पुछत्तर न 100230 test‏.htm अब बहुत थोड़े-से हिस्से बच रहे हैं। हाथ मलते रह जाइएगा। 100231 test‏.htm करनी थीं। खुर्शेद और तंखा बच रहे। उनकी टोली बनी-बनायी थी। 100232 test‏.htm उन्हीं पर है; अगर वह बचकर अपनी पाली में लौट आते हैं, तो 100233 test‏.htm कहलाते हैं। उनसे बचकर कोई कहाँ जायगा? तुम चुप होके 100234 test‏.htm महीने में कमा लेते थे; मगर बचत एक धेले की भी न होती थी। रोटी-दाल 100235 test‏.htm तीसरे महीने में तीन सौ की बचत दिखायी, तब वह उससे कुछ बोले 100236 test‏.htm हुआ, गुड़ बनाने में कोई बचत नहीं है; जब घर में ऊख पेरकर भी 100237 test‏.htm माल की तैयारी में एकदम आधी बचत हो जायगी। दस-पाँच दिन काम का 100238 test‏.htm -- क्या करूँ मालती, पैसा तो बचता ही नहीं। 100239 test‏.htm लौट आते हैं, तो उनका पक्ष बचता है। नहीं, हार का सारा अपमान 100240 test‏.htm दिया था, नहीं तिनका भी न बचता। ज़मींदार तो एक ही हैं; मगर महाजन 100241 test‏.htm है। खाने-भर को भी नहीं बचता। ब्याह कहाँ से हो? और अब तो सोना 100242 test‏.htm होता था, जैसे वह उनसे बचती है, जैसे बलपूर्वक अपने मन को 100243 test‏.htm तो जोड़ लो; पुरखों की आबरू बचती हो, तो बचा लो। झुनिया से बुराई 100244 test‏.htm क्यों नहीं है; लेकिन रुपए बचते ही नहीं। मैं एक पैसा भी व्यर्थ 100245 test‏.htm रोटी-दाल से जो दो-चार रुपए बचते , ताड़ी में उड़ जाते थे। एक पुराना 100246 test‏.htm खाने के सिवा इस संकट से बचने की उसके पास और कोई दवा न थी। 100247 test‏.htm हो रहे हैं। उस हाहाकार से बचने के लिए हम पुलिस की, हुक्काम 100248 test‏.htm जन्म से भी पहले का है। बचपन में अपने बाप के साथ वह इसी में 100249 test‏.htm खाने-भर को तो ले ही आयेगी। बचपन से उसने गउओं का पालन और घास 100250 test‏.htm आदमियों में अधिकांश तो बचपन से ही मिल में काम करने के अभ्यस्त 100251 test‏.htm और आठ साल की। तीन लड़के बचपन ही में मर गये। उसका मन आज भी 100252 test‏.htm के पान खाने को। बाक़ी बचा एक, वह आपकी क्रिया-करम के लिए।’ 100253 test‏.htm कमेटी बैठाई। आख़िर बचा के मुँह पर थप्पड़ लगा। यह मिलवालों 100254 test‏.htm में उस्ताद है। ख़ैर, आज बचा को अच्छा सबक़ मिल गया।’ 100255 test‏.htm माननी पड़ेगी; मगर सोना भी बचा को ऐसा फटकारेगी कि याद करेंगे। 100256 test‏.htm मेरे पास आयी है। छाप दूँ, बचा को घर से निकलना मुश्किल हो 100257 test‏.htm से चार-पाँच सेर दूध जायगा, बचा को याद तो हो जायगी। कलेजा मज़बूत 100258 test‏.htm जुरमाना वसूल करते हैं तो बचा को लेने के देने पड़ जायँ। नोखेराम 100259 test‏.htm पी जाता, ख़ून! कल देखूँगा बचा को। फाँसी ही तो होगी। दिखा 100260 test‏.htm ‘मैं तो बचा पर बक़ाया लगान का दावा करके 100261 test‏.htm ज़बान ही की कमाई थी। कुछ बचा रखने की उनकी आदत न थी। अनियमित 100262 test‏.htm तो तुमसे लड़ने के लिए कैसे बचा रहता।’ 100263 test‏.htm था और उसे प्राणों की तरह बचा रहा था। फ़ाके सहे, बदनाम हुआ, 100264 test‏.htm रही थीं और गोबर माँ को बचा रहा था। बार-बार होरी का हाथ 100265 test‏.htm ज़रूर किया कि अपना धरम बचा लिया। अब भी बिना असनान-पूजा 100266 test‏.htm मिस मालती ने कि खन्ना को बचा लिया। इंसान के दिल की गहराइयों 100267 test‏.htm है। तुमने मुझे डूबते से बचा लिया।’ 100268 test‏.htm आधा पेट खाकर थोड़े से रुपए बचा लिये। फिर वह कचालू और मटर और 100269 test‏.htm गृहस्थी चलाती हूँ और कुछ बचा लेती हूँ। आख़िर तुम क्या करते 100270 test‏.htm पुरखों की आबरू बचती हो, तो बचा लो। झुनिया से बुराई ज़रूर हुई। 100271 test‏.htm तो असामी कैसे अपनी जान बचा सकता है! 100272 test‏.htm बोला -- काका कौन घर कलंक से बचा हुआ है। हाँ, किसी का खुल गया, 100273 test‏.htm हैं, हाँ थोड़ा-सा भूसा बचा है, वह तुम्हें दूँगा। चलकर 100274 test‏.htm ‘मेरे पास अब जो कुछ बचा है, वह बाल-बच्चों के लिए है।’ 100275 test‏.htm भेंट हो चुका है और जो कुछ बचा है, वह भी दूसरों का है। भविष्य 100276 test‏.htm कोई ज़ोर नहीं है। जो कुछ बचा है, वह ले जा, मैं जाकर पंचों 100277 test‏.htm कोई ठिकाना नहीं। यहाँ कौन बचा है। 100278 test‏.htm रोने के लिए भी स्थान न बचा हो। 100279 test‏.htm और महाजन को देकर कभी कुछ बचा हो। और बैठे बैठाये यह एक नया 100280 test‏.htm होगी और तुमसे कहा जायगा -- बचा , खेत में चलकर हल जोतो। तब देखें, 100281 test‏.htm से शांत हो गया था और बचा -खुचा अब शांत हो गया। जुआड़ी 100282 test‏.htm धनिया ने जान बचाई -- यह सोचना मरदों का काम है। 100283 test‏.htm न होगा धनिया, पंचों की आँख बचाकर एक दाना भी रख लेना मेरे लिए 100284 test‏.htm मिस मालती उसकी आँख बचाकर कमरे से निकलने लगीं कि वह बाज़ 100285 test‏.htm जमाती हैं। ठाकुर साहब जान बचाकर भागते हैं। 100286 test‏.htm कर ही क्या सकते थे? जैजात न बचाते तो रहते कहाँ? जब आदमी का कोई 100287 test‏.htm की ऐसी वर्षा हो कि जान बचाना मुश्किल हो जाय। दिन-भर घर के 100288 test‏.htm ‘लेकिन जैजात तो बचानी ही पड़ेगी। निबाह कैसे होगा। 100289 test‏.htm का समय नहीं, अपनी जान बचाने का अवसर है। ऐसी ही बड़ी लाजवाली 100290 test‏.htm तुच्छता ही उन्हें इनसे बचाने के लिए काफ़ी थी। सेवा ही अब 100291 test‏.htm जा रहा है, और झुनिया उसे बचाने के लिए नदी में चली आ रही है। 100292 test‏.htm अवलंब नहीं है। बैलों को बचाने के लिए ये लोग सब कुछ करने को 100293 test‏.htm फिरी हुई थी। इज़्ज़त बचाने के लिए हीरा के घर की ओर चले। 100294 test‏.htm रुपए लेकर चला है इज़्ज़त बचाने ! ऐसी बड़ी है तेरी इज़्ज़त! जिसके 100295 test‏.htm बेचती फिरूँ तो भगवान इससे बचायँ। एक के साथ मोटा-झोटा खा-पहनकर 100296 test‏.htm है। भगवान् उसे कुकर्म से बचाये रखें, और वह कुछ नहीं चाहता। 100297 test‏.htm महाजनों के पंजे से बचाये ? उसने जिस किसी से पूछा, यही मालूम 100298 test‏.htm और कई स्त्रियाँ बीच- बचाव करने आ पहुँची थीं। गरजन के 100299 test‏.htm हो जाय, सहुआइन वहाँ बीच- बचाव करने के लिए अवश्य पहुँचेगी। 100300 test‏.htm गोबर, झुनिया, महाराज, कोई न बचा। पहले दिन तो दाने छोटे थे और 100301 test‏.htm सब वहीं लुट गये, धेला भी न बचा।’ 100302 test‏.htm कि किसी तरह इज़्ज़त-आबरू बची रहे, और आत्मा की हत्या न होने 100303 test‏.htm का परसाद है कि अब तक जान बची हुई है। नहीं कहीं पता न लगता 100304 test‏.htm नहीं, गोबर के मारे काहे को बची होगी। दौड़कर एक पैसे का तमाखू 100305 test‏.htm थुक्का-फ़जीहत, कोई बात न बची। गोबर भी बीच-बीच में डंक मारता 100306 test‏.htm दोनों में लड़ाई होते-होते बची। तुम चले आये, तो, मैंने सोचा, 100307 test‏.htm देर का और मेहमान हूँ। अब न बचूँगा। मारे दरद के सारी देह फटी जाती 100308 test‏.htm ‘सी’ करते हुए कहा -- अब न बचूँगी दीदी! हाय! मैं तो भगवान से माँगने 100309 test‏.htm जायँगे। सारे ख़रच-वरच से बचे जाते हो।’ 100310 test‏.htm बदलते देर नहीं लगती। उससे बचे रहना ही अच्छा है। 100311 test‏.htm गत बनाये; पर पंडितजी बहुत बचे हुए रहते हैं। चिराग़ जलने के 100312 test‏.htm हो गयी थी कि यह लड़का बचेगा नहीं; इसलिए उसकी ओर से उदासीन 100313 test‏.htm अब तो उनकी लाज इसी तरह बचेगी कि इस लौंडे की ख़ुशामद करते 100314 test‏.htm लगी, तो किसी की आबरू न बचेगी। 100315 test‏.htm हुई। जेल जाते-जाते बचे। चौबीस घंटे के अंदर मुल्क से 100316 test‏.htm सनक सवार हुई। अब कैसे जान बचे। 100317 test‏.htm ‘एक हत्या से बचे।’ 100318 test‏.htm जाती हो, आज मेरे हाथ से न बचोगी। तुमसे सच कहती हूँ, गोबर, मेरे 100319 test‏.htm को गोद में लिये बैठी थी और बच्चा अनायास ही रो रहा था। शायद उसने 100320 test‏.htm एक-एक अंग पर चमकती रहती। बच्चा अपने पैरों पर खड़ा होकर जैसे 100321 test‏.htm में डाल दिये थे। बच्चा उन चीज़ों की ओर लपक रहा था और 100322 test‏.htm ने उसे एक मिठाई दे दी। बच्चा उस दिन से परच गया। उसे देखते 100323 test‏.htm बच्चा उसकी गोद में ज़रा-सा मुस्कराया, 100324 test‏.htm ने बड़े अदरावन के बाद बच्चा उसकी गोद में दिया। 100325 test‏.htm पेशगी ले लेना चाहती है और बच्चा उसके प्यार की बिलकुल परवा न 100326 test‏.htm स्तन उसके मुँह में देती। बच्चा एक क्षण चूसता; पर जब दूध न निकलता, 100327 test‏.htm होरी ने पूछा -- बच्चा किसको पड़ा है? 100328 test‏.htm मूँछों पर पड़ने लगीं। बच्चा कैसा होगा? उसी के जैसा? कैसे 100329 test‏.htm गोबर आवेश में बोला -- मैं बच्चा को देख पाऊँ, तो खोदकर ज़मीन 100330 test‏.htm बनवा लिया था। बाल- बच्चा कोई न था; इसलिए लेन-देन भी कम 100331 test‏.htm आँगन में बच्चा खटोले पर पड़ा रो रहा था। पुनिया 100332 test‏.htm गोद में लेकर टहलती थी, पर बच्चा चुप होने का नाम न लेता था। मालती 100333 test‏.htm बोली -- ले झुनिया, अब तेरा बच्चा जी जायगा, मेरे दूध आ गया। 100334 test‏.htm पूछो, मैं न होती तो आज यह बच्चा जो बछड़े की तरह कुलेलें कर 100335 test‏.htm तुम्हारा लगा क्या? जब तक बच्चा था, दूध पिला दिया। फिर लावारिस 100336 test‏.htm नहीं, डुबाई इसी ने। वह तो बच्चा था। इसके पंजे में आ गया।’ 100337 test‏.htm ‘इधर तो तुम्हें कोई बाल- बच्चा नहीं हुआ।’ 100338 test‏.htm डाढ़ी पर न उतारे। कोई बच्चा नहीं है कि उन्हें फोड़ लूँगी। 100339 test‏.htm बच्चे को दूध पिला जाती। बच्चा पैदा तो हुआ था दुर्बल, लेकिन 100340 test‏.htm पर विपत्ति यह कि उसे दूसरा बच्चा पैदा होनेवाला था। कोई आगे न 100341 test‏.htm करके गुज़र कर रही है। बाल- बच्चा भी कोई नहीं। देखने-सुनने में 100342 test‏.htm छः-सात सेर दूध, सीधी ऐसी कि बच्चा भी दुह ले। इसका तो एक-एक बाछा 100343 test‏.htm चलिए, मैं आपको पहुँचा दूँ। बच्चा भी मेरी गोद में सो गया। 100344 test‏.htm भी एक महाशय आ ही गये। उस पर बच्चा भी रोने लगा था। 100345 test‏.htm नदी स्नान करने चली गयी। बच्चा भूख के मारे छटपटाने लगा। चुहिया 100346 test‏.htm है मेरे घर न आया करो। बीबी- बच्चा रखने चला है, यह नहीं जानता कि 100347 test‏.htm साँझ हो गयी थी। छोटा बच्चा रो रहा था। माँ को भोजन न मिले, 100348 test‏.htm से लगाये झुला रही थी और बच्चा रोये जाता था। चुहिया ने बच्चे 100349 test‏.htm कर दिया। अब मैं भी कहीं से बच्चा लाऊँगा।’ 100350 test‏.htm वह सरल गँवार जिसे वह अभी बच्चा समझता था; लेकिन उसे भोज की चिंता 100351 test‏.htm न उतरा, तो चुहिया घबरायी। बच्चा सूखता चला जाता था। नख़ास पर 100352 test‏.htm गोविंदी ने विनोद किया -- बच्चा ही लाइएगा, या उसकी माँ भी? 100353 test‏.htm धुन सवार है। फिर वह तो अभी बच्चा है। 100354 test‏.htm ने विनोद किया -- प्यारा बच्चा है। इसे हमें दे दो। 100355 test‏.htm रहा है; मगर अब नहीं जा सकते बच्चा ! एक को तीन लिपट गये। इस तरह लोग 100356 test‏.htm मालती बोली -- तुम पहने रहो बच्चा , मैं माँगती नहीं हूँ। 100357 test‏.htm कर लिया है। मैं भी अपनी बच्चियों के साथ सती हुई हूँ। सीधे से 100358 test‏.htm लाऊँगा; लेकिन मुँह धो रखें बच्चू। मैं ही ऐसी अल्हड़ थी कि तुम्हारे 100359 test‏.htm ज़रा देर में बीस-पच्चीस बच्चे आ गये। मालती उनकी परीक्षा करने 100360 test‏.htm ज़िंदा रह सकती है। तीनों बच्चे उस समय खेलने गये थे। गोविंदी 100361 test‏.htm होता था कि बाहर से आयी है। बच्चे उसके सींगों से खेलते रहते थे। 100362 test‏.htm दूसरे दिन बच्चे का ज्वर उतर गया था। गोविंदी 100363 test‏.htm मालती का शासन! असंभव! मगर बच्चे का ज्वर जब तक शांत न हो जाय, 100364 test‏.htm उसे न आने देती। रात को बच्चे का ज्वर तेज़ होता जाता और वह 100365 test‏.htm दो बच्चे की माँ होकर बच्चे का पालन करना न जानती थी, मंगल 100366 test‏.htm उसी तरह भीख माँगकर अपना और बच्चे का पेट पालूँगी, और जब भीख भी 100367 test‏.htm धनिया तो बच्चे का रोना सुनकर भीतर चली गयी 100368 test‏.htm है, कैसे जाय? झुनिया से बच्चे का हाल-हवाल पूछ लेता और खाकर 100369 test‏.htm ‘बिलकुल ठीक। अपनी बच्चे की क़सम।’ 100370 test‏.htm नाच नचायेगी। यहाँ ही वह बच्चे की कौन बहुत परवाह करती थी। 100371 test‏.htm की रेखाएँ काँप रही हों। बच्चे की गहरी, निर्मल, अथाह, मोद-भरी 100372 test‏.htm रूपा ने बच्चे की चमकीली टोपी निकाली -- ओ हो! 100373 test‏.htm अकेले घर सँभालेगी, कैसे बच्चे की देख-भाल करेगी?’ 100374 test‏.htm से ही छुट्टी नहीं मिलती। बच्चे की देख-भाल क्या करेगी। बेचारा 100375 test‏.htm मुन्नू की याद आती रहती है। बच्चे की माँ तो झुनिया थी; पर उसका 100376 test‏.htm न मिलता। उस पर झुनिया दो बच्चे की माँ होकर बच्चे का पालन करना 100377 test‏.htm बात पर क्रोध नहीं आता। बच्चे के ज़रा-सा रोने पर जो वह झुँझला 100378 test‏.htm अपना खाना पकाती और मालती बच्चे के पास बैठती। वह बार-बार चाहती 100379 test‏.htm बैठती। वह बार-बार चाहती कि बच्चे के पास बैठे; लेकिन मालती उसे 100380 test‏.htm के दिन आने का वादा किया और बच्चे के लिए खिलौनों का ढेर लगा दिया। 100381 test‏.htm पाँच सेर दूध है इसमें बच्चे के लिए छोड़कर। 100382 test‏.htm तेल, सिंदूर और आईना होगा। बच्चे के लिए टोप और फ़्राक जो बाज़ार 100383 test‏.htm चुन्नू की टोपी है। और उसे बच्चे के सिर पर रख दिया। 100384 test‏.htm मेहता ने बच्चे के हाथों से अपनी मूँछों की 100385 test‏.htm देखूँगा, तुम्हारे बाल- बच्चे कैसे ख़ुश होते हैं।’ 100386 test‏.htm को भय हुआ, कहीं चेचक न हो। बच्चे को अभी तक टीका नहीं लगा था। 100387 test‏.htm मालती ने बच्चे को उनकी गोद में दे दिया। उनकी 100388 test‏.htm यह कहते हुए उसने बच्चे को उनकी गोद में दे दिया। उन्होंने 100389 test‏.htm और दिन में भी कई बार आकर बच्चे को उबटन मल जाती और ऊपर से दूध 100390 test‏.htm झुनिया ने बच्चे को उसकी गोद से ले लिया और बोली 100391 test‏.htm रोये जाता था। चुहिया ने बच्चे को उसकी गोद से लेकर दूध पिला 100392 test‏.htm गोबर को हाथ-मुँह धुलाकर और बच्चे को उसे सौंपकर घास छीलने निकल 100393 test‏.htm दस बजे लौटी, तो झुनिया बच्चे को कंधे से लगाये झुला रही थी 100394 test‏.htm गोद में दे दिया। उन्होंने बच्चे को कई बार उछाला, तो वह चुप हो 100395 test‏.htm है। मातादीन कभी-कभी उसके बच्चे को गोद में उठा लेता और प्यार 100396 test‏.htm साथ इस तरह तल्लीन होकर एक बच्चे को गोद में लिए देखा, मानो वह 100397 test‏.htm शीशे से अंदर झाँका। मालती बच्चे को गोद में लिये बैठी थी और बच्चा 100398 test‏.htm चकतियोंदार साड़ी पहने, बच्चे को गोद में लिये, बाहर निकल आयी 100399 test‏.htm मालती ने आकर उसके बच्चे को गोद में ले लिया और प्यार 100400 test‏.htm न घर का न घाट का। लाइए, मैं बच्चे को चुप कर दूँ। 100401 test‏.htm द्वार खुला हो तो मैं ही बच्चे को चुप करा दूँ। तुरंत उठकर 100402 test‏.htm ओसारे में पड़ा था। चुहिया बच्चे को चुप कराने के लिए उसके मुँह 100403 test‏.htm जैसे मौत से उसकी रक्षा की। बच्चे को चुहिया सँभाले रहती। चौथे 100404 test‏.htm ने सहृदयता पैदा की। उसने बच्चे को छाती से लगाकर ख़ूब प्यार 100405 test‏.htm से पूछा तो मालूम हुआ बच्चे को ज्वर आ गया है। 100406 test‏.htm से चुहिया चार-पाँच बार आकर बच्चे को दूध पिला जाती। बच्चा पैदा 100407 test‏.htm के घर आता और कनखियों से बच्चे को देखकर अपना कलेजा और आँखें 100408 test‏.htm ‘अब बच्चे को देखूँ कि अपना सुभीता देखूँ, 100409 test‏.htm थी, जैसे कोई चिड़िया अपने बच्चे को परों में छिपाये बैठी हो। 100410 test‏.htm सिल्लो बच्चे को लिए किसी काम से चली जा रही 100411 test‏.htm भी न हुए होंगे कि धनिया बच्चे को लिए बाहर निकली और बोली -- 100412 test‏.htm ने ताँगा रोक दिया और बच्चे को लिए हरी दूब की तरफ़ चली; मगर 100413 test‏.htm शास्त्री आये; पर गोविंदी बच्चे को लिये अपने कमरे में बैठी 100414 test‏.htm लगी। चुहिया बरामदे में बच्चे को लिये खिला रही थी। 100415 test‏.htm के लिए साथ लिया। झुनिया बच्चे को लेकर खेत में गयी। धनिया 100416 test‏.htm सिलिया बच्चे को होरी के घर में खटोले पर सुलाकर 100417 test‏.htm किसका इतना रोब था? कल बाल- बच्चे क्या खायँगे, इसकी चिंता प्राणों 100418 test‏.htm बच्चे घर में से निकल आये और ‘अम्माँ-अम्माँ’ 100419 test‏.htm ही आदमी के काम आता है। चार बच्चे जना लिए तो दाई बन बैठी! 100420 test‏.htm देकर भोग लगायें और हमारे बच्चे दाने-दाने को तरसें। तुमने अकेले 100421 test‏.htm आँख में दवा डाली। अधिकतर बच्चे दुर्बल थे। इसका कारण था, माता-पिता 100422 test‏.htm हीरा-बहू का नाम था पुन्नी। बच्चे दो ही हुए थे। लेकिन ढल गयी थी। 100423 test‏.htm कहा -- क्यों, उसके बाल- बच्चे नहीं हैं? 100424 test‏.htm नीलाम हो जायगा, उसके बाल- बच्चे निराश्रय होकर भीख माँगते फिरेंगे। 100425 test‏.htm मैं मर जाऊँ माता, तो तुम बच्चे पर दया करना। उसे पाल-पोस लेना। 100426 test‏.htm का पेट भर दिया, बाल- बच्चे मरें या जियें। अब बिरादरी झाँकती 100427 test‏.htm मैं चाहती हूँ, आप लोग अपने बच्चे लायें, तो मैं उन्हें देखकर 100428 test‏.htm था। सात भाई और उनके बाल- बच्चे सभी उन्हीं पर आश्रित थे। उस 100429 test‏.htm ने भी किया। अब उसके बाल- बच्चे हुए। मेरे बाल-बच्चों के लिए 100430 test‏.htm भी आदमी हैं, उनके भी बाल- बच्चे हैं, उनकी भी इज़्ज़त-आबरू है। 100431 test‏.htm के लिए है। मेरे भी तो बाल- बच्चे हैं?’ 100432 test‏.htm शादी मत करो, यह बंधन है; बच्चे होंगे, यह मोहपाश है; मगर टैक्स 100433 test‏.htm करके समझाया भी -- तुम बाल- बच्चेवाले आदमी हो, तुम्हारा इस तरह आग 100434 test‏.htm है, यह नहीं जानता कि बीबी- बच्चों का पालना बड़े गुर्दे का काम 100435 test‏.htm सकती। आघात इतना कठोर था कि बच्चों का मोह भी टूट गया था। उनके प्रति 100436 test‏.htm वह प्यासी पड़ी रहती है। बच्चों का लालन-पालन और गृहस्थी के 100437 test‏.htm न बुला लूँ? फ़ीस भी कम और बच्चों का हाल लेडी डाक्टर जैसा समझेगी, 100438 test‏.htm उनकी परीक्षा करने लगी। कई बच्चों की आँखें उठी थीं, उनकी आँख में 100439 test‏.htm में सत्य था। उसे अपने बाल- बच्चों की कमाई छीनकर तावान देने का 100440 test‏.htm भी बेतहाशा दौड़े। बिलकुल बच्चों की तरह उछलते, कूदते, तालियाँ 100441 test‏.htm इन बच्चों की माँ बकरी के लिए पत्तियाँ 100442 test‏.htm में! मैं देख लूँगी। बारह बच्चों की माँ यों ही नहीं हो गयी हूँ। 100443 test‏.htm ‘तू तो धनिया, कभी-कभी बच्चों की-सी बातें करने लगती है। मेरे-जैसे 100444 test‏.htm गोबर इस समय बच्चों की-सी बातें किया करता। दस-पाँच 100445 test‏.htm ही रह गया। बस, हमारी दशा उन बच्चों की-सी है, जिन्हें चम्मच से दूध 100446 test‏.htm की प्यास बुझाई है। दोनों बच्चों के प्यार में ही अपने पत्नी-व्रत 100447 test‏.htm बाल-बच्चे हुए। मेरे बाल- बच्चों के लिए क्यों अपनी साँसत कराये, 100448 test‏.htm आँखों पर रूमाल रख लेंगे। बच्चों के लिए खिलौने और तमाशे माँ 100449 test‏.htm उपजेगी, तो कुछ मेरे बाल- बच्चों के लिए देंगे। नहीं भगवान् मालिक 100450 test‏.htm से आते हैं, तो बाल- बच्चों के लिए दो-चार पैसे की कोई चीज़ 100451 test‏.htm ढो तो चुके बिरादरी की लाज। बच्चों के लिए भी कुछ छोड़ोगे कि सब 100452 test‏.htm के लिए मरती थी, अब अपने बच्चों के लिए मरती है। वह इतनी सीधी, 100453 test‏.htm पास अब जो कुछ बचा है, वह बाल- बच्चों के लिए है।’ 100454 test‏.htm अपने मित्रों और बाल- बच्चों के साथ ईश्वर की उगाई हुई घास 100455 test‏.htm घर भरूँ और आप अपने बाल- बच्चों के साथ मुँह में जाली लगाये 100456 test‏.htm रोकती, लेकिन परदेश में बाल- बच्चों के साथ रहना, न कोई आगे न पीछे; 100457 test‏.htm चार पैसे की कोई चीज़ लाकर बच्चों के हाथ पर रख देते तो पानी में 100458 test‏.htm वह कहीं भागी तो नहीं जाती। बच्चों को उससे प्रेम होगा, तो उसके 100459 test‏.htm के रुपए कहाँ से लाये, बाल- बच्चों को किस पर छोड़े; मगर जब मालिक 100460 test‏.htm की तुष्टि थी, जैसे हम उन बच्चों को कुरसी से गिर पड़ते देखकर, 100461 test‏.htm का भाव दिखाते हुए कहा -- बच्चों को दवाओं का आदी बना देना ठीक 100462 test‏.htm वह जब ज़रूरत समझेगी, ख़ुद बच्चों को देख आया करेगी। केवल खन्ना 100463 test‏.htm को देखें कि अपने बाल- बच्चों को देखें? वह तो दो-दो मेहरियों 100464 test‏.htm ‘उसके बाल- बच्चों को देखें कि अपने बाल-बच्चों 100465 test‏.htm न बैठेगी। खन्ना के छोटे बच्चों को पालने का भार भी मालती पर 100466 test‏.htm चाटूँगा! तू ही मेरे बाल- बच्चों को पालेगी? ऐं! तू ही इतनी बड़ी 100467 test‏.htm देते हुए कहा -- भैया, अब बाल- बच्चों को बुला लो। कब तक हाथ से ठोकते 100468 test‏.htm मर जाने से या अपने बाल- बच्चों को भूखों मरते देखने से तो यह 100469 test‏.htm ने नालायक़ी की तो उसके बाल- बच्चों को सँभालनेवाला तो कोई चाहिए 100470 test‏.htm करके चला आया। तुमने बाल- बच्चों को ॰॰॰ 100471 test‏.htm करूँगा। पंचों को मेरे बाल- बच्चों पर दया आये, तो उनकी कुछ परवरिस 100472 test‏.htm लो, मर गयी और जाकर अपने बाल- बच्चों में आराम से रहो। दो रोटी खाओ 100473 test‏.htm घरों में आती-जाती थी। बच्चों से क्या बैर! 100474 test‏.htm गोविंदी इसी कारण उसे और सब बच्चों से ज़्यादा चाहती थी। 100475 test‏.htm रुआँसा हो गया -- तुम तो बच्चों से भी गये-बीते हो जो बिल्ली 100476 test‏.htm से उसे देखती थी। उसका बछड़ा कितना सुंदर होगा। अभी से उसका 100477 test‏.htm न होती तो आज यह बच्चा जो बछड़े की तरह कुलेलें कर रहा है, कहाँ 100478 test‏.htm ले, तो देखने लायक़ हो जाय। बछवे भी अच्छे बैल निकलेंगे। दो सौ 100479 test‏.htm गायें तो न दूध दें न उनके बछवे ही किसी काम के हों। बहुत हुआ 100480 test‏.htm क़सूर नहीं। वे तो मूख हैं, बछिया के ताऊ! शरारत तो ओंकारनाथ और 100481 test‏.htm -- महराज, घर में न गाय है, न बछिया , न पैसा। यही पैसे हैं, यही इनका 100482 test‏.htm उसने ताड़ ली थी -- हाँ, दो बछियें और दो गायें लाया। पहलेवाली 100483 test‏.htm के गले की घंटियाँ कभी-कभी बज उठती थीं। दस क़दम पर मृतक गाय 100484 test‏.htm रात को एक बज गया था। मंगल का रोना सुनकर 100485 test‏.htm कैसे आये? रात के नौ बज गये थे और माघ का जाड़ा पड़ रहा 100486 test‏.htm रात के बारह बज गये थे। दोनों बैठे सुतली कात 100487 test‏.htm चले जा रहे थे। बारह बज चुके थे; पर अब मालती को न विश्राम 100488 test‏.htm भी कोई नियम है कि जब तक एक न बज जाय, जगह से न उठो। कब तक कोई 100489 test‏.htm नौ बज रहे थे; मगर खन्ना साहब अभी तक 100490 test‏.htm मिस्टर मेहता का बजट तो धीरे-धीरे ठीक हो गया; मगर 100491 test‏.htm हंगामा उठता रहता था। अबकी बजट में शक्कर पर ड्यूटी लगी थी। 100492 test‏.htm न किसी उत्सव में ढोल-मजीरा बजता रहता है। होली के एक महीना पहले 100493 test‏.htm ताली हमेशा दो हथेलियों से बजती है, यह आप भूल जाते हैं। 100494 test‏.htm दोनों लड़कियाँ आठ बजते- बजते खा-पीकर सो गयीं। गोबर इस करुण 100495 test‏.htm होने लगा। और बारह बजते- बजते खेल शुरू हो गया। जाड़ों की 100496 test‏.htm टोलियाँ आने लगीं। दस बजते- बजते तीन-चार हज़ार आदमी जमा हो गये। 100497 test‏.htm रास्ता कट गया और नौ बजते- बजते सब लोग अमीनाबाद के बाज़ार में 100498 test‏.htm दो आने तक के थे। तीन बजते- बजते सारा अहाता भर गया। मोटरों और 100499 test‏.htm कोई ग्यारह बजते- बजते होरी लौटा और भीतर जा रहा था 100500 test‏.htm हुई। दोनों लड़कियाँ आठ बजते -बजते खा-पीकर सो गयीं। गोबर 100501 test‏.htm का चुनाव होने लगा। और बारह बजते -बजते खेल शुरू हो गया। जाड़ों 100502 test‏.htm की टोलियाँ आने लगीं। दस बजते -बजते तीन-चार हज़ार आदमी जमा 100503 test‏.htm में रास्ता कट गया और नौ बजते -बजते सब लोग अमीनाबाद के बाज़ार 100504 test‏.htm लेकर दो आने तक के थे। तीन बजते -बजते सारा अहाता भर गया। मोटरों 100505 test‏.htm कोई ग्यारह बजते -बजते होरी लौटा और भीतर जा रहा 100506 test‏.htm यह क्या बेवक़्त की शहनाई बजा दी। दुष्ट कहीं गड़े मुर्दे 100507 test‏.htm पर खड़ा होकर जैसे तालियाँ बजा -बजाकर ख़ुश होता है, उसी का वह 100508 test‏.htm तो क्या कहना; मूसलों ढोल बजाऊँ। 100509 test‏.htm पड़े हों -- अब करो खेती और बजाओ बंसी। मेरा अपमान करना चाहते 100510 test‏.htm मेहता ने ताली बजाकर कहा -- हियर, हियर! आपकी ज़बान 100511 test‏.htm होकर जैसे तालियाँ बजा- बजाकर ख़ुश होता है, उसी का वह अनुभव 100512 test‏.htm हूँ, दिल खोलकर, तालियाँ बजाकर। संपत्ति और सहृदयता में वैर 100513 test‏.htm पर हँसती थी, तालियाँ बजाती थी, गालियाँ देती थी, ललकारती 100514 test‏.htm कहा -- भैया आये, और तालियाँ बजाती हुई दौड़ी। सोना भी दो-तीन क़दम 100515 test‏.htm था। बीच-बीच में तालियाँ बजाते थे और ‘फिर कहो, फिर कहो’ का आग्रह 100516 test‏.htm लोग सुनते हैं और तालियाँ बजाते हैं। चलिए क़िस्सा ख़तम। ऐसे-ऐसे 100517 test‏.htm तरह उछलते, कूदते, तालियाँ बजाते। 100518 test‏.htm मैं बुरा नहीं कहता। गाना- बजाना ऐब नहीं; लेकिन यह सब काम फ़ुरसत 100519 test‏.htm रही। बाजे बजे, गाना- बजाना हुआ और रूपा रो-धोकर बिदा हो 100520 test‏.htm ने तालियाँ और सीटियाँ बजानी शुरू कीं। बेचारे लज्जित होकर 100521 test‏.htm यों होली में गाने- बजाने का मुख्य स्थान नोखेराम की चौपाल 100522 test‏.htm जब मिस्टर तंखा ने हार्न बजाया , तो वह भी आकर अपनी कार पर बैठे 100523 test‏.htm राय साहब ने तालियाँ बजायीं। हाल तालियों से गूँज उठा, जैसे 100524 test‏.htm भाई उस पर हँसेंगे, बग़लें बजायेंगे , मानो सारे संसार की संपदा मिल 100525 test‏.htm रुपया नहीं देता तो अम सीटी बजायेगा और अमारा पचीस जवान यहाँ आ जायगा। 100526 test‏.htm सब बजावें, हरमुनियाँ वह सब बजावें , नाचें वह, गावें वह; लेकिन ब्याह 100527 test‏.htm महीना पाती थी। सितार वह सब बजावें , हरमुनियाँ वह सब बजावें, नाचें 100528 test‏.htm ज़ोर से तालियाँ बजीं , विशेषकर अगली पंक्तियों में 100529 test‏.htm तालियाँ बजीं। राय साहब ने कहा -- औरतों को ख़ुश 100530 test‏.htm तालियाँ बजीं। हाल हिल उठा। राय साहब ने गद्गद् 100531 test‏.htm रात के दस बजे गये थे। सावन की अँधेरी घटा 100532 test‏.htm सबको छः आने मिलेंगे। पाँच बजे छुट्टी मिलेगी। 100533 test‏.htm पूजा पर बैठ जाते थे और दस बजे तक बैठे राम-नाम लिखा करते थे; 100534 test‏.htm बने और शिकार खेलकर बारह बजे तक यहाँ आ जाय। मिस मालती मेहता 100535 test‏.htm के पहले कभी न सोते थे और नौ बजे तक सोना स्वाभाविक ही था। यहाँ 100536 test‏.htm इसलिए जब कोई साढ़े नौ बजे मिस्टर खन्ना मुस्कराते हुए 100537 test‏.htm का आनंद ले रहे थे। वह दो बजे रात के पहले कभी न सोते थे और 100538 test‏.htm का लंबा जुलूस निकला। दस बजे रात को कल का सारा प्रोग्राम 100539 test‏.htm ज़मीन पर लेट रही। कोई दस बजे रात को गोबर आया, ताड़ी की दुर्गंध 100540 test‏.htm का चुनाव हुआ और आठ बजे रात को मजूरों का लंबा जुलूस 100541 test‏.htm लिखकर कोई ग्यारह बजे रात घर आया तो, धनिया ने पूछा 100542 test‏.htm छटपटाने लगा। चुहिया दस बजे लौटी, तो झुनिया बच्चे को कंधे 100543 test‏.htm आठ बजे शिकार-पार्टी चली। खन्ना ने 100544 test‏.htm को कुछ होश न रहा। नौ बजे सुबह उसे होश आया, तो उसने देखा, 100545 test‏.htm सुतली कातता। कहीं बारह-एक बजे सोने जाता। धनिया भी पगला गयी 100546 test‏.htm आज दस बजे ही से लू चलने लगी और दोपहर होते-होते 100547 test‏.htm -- चला जाऊँगा। अभी तो दस बजे होंगे। तू जा, सो रह। 100548 test‏.htm में ख़ूब धूम-धाम रही। बाजे बजे , गाना-बजाना हुआ और रूपा रो-धोकर 100549 test‏.htm की नींद खुली है, साढ़े नौ बजे। रुपए जमा कर लिये हैं न, जभी यह 100550 test‏.htm के लिए आपका कृतज्ञ हूँ। उस बज़्म (सभा) में अपना ज़िक्र तो आता 100551 test‏.htm हैं, पर इससे ख़ून थोड़े ही बट जाता है। दोनों को बुलाकर दिखा 100552 test‏.htm छोटे-बड़े शिवलिंग को बटखरे बनाता; लेकिन सांप्रदायिक द्वेष 100553 test‏.htm डाक्टर मेहता ने अचकन के बटन खोलते हुए कहा -- तो चलिए हमारी 100554 test‏.htm थी, जो ख़ुद कभी बिजली का बटन तक न दबाती थी, विलास और विनोद 100555 test‏.htm भाव से मेहता के अचकन की बटनें खोल दीं। मेहता अपने को बहुत 100556 test‏.htm पर बैठकर सरपत की रस्सी बटने लगे। ऐसे प्रसन्न थे, मानो स्वर्गारोहण 100557 test‏.htm है। वह गाँव-भर में बैना बटवायेगी। एक गुलाब-जामुन रूपा के लिए 100558 test‏.htm काम निकल सकता है। किसी को बटवारा कराना हो, लगान के लिए मुहलत 100559 test‏.htm में ख़र्च हो जाता है। बटवारे का मरज़ भी बढ़ता जाता था। आपस 100560 test‏.htm तमाखू की दूकान रखे हुए थी। बटवारे के समय उससे चालीस रुपए लेकर 100561 test‏.htm जूते, पगड़ी और तमाखू का बटुआ लाकर सामने पटक दिये। 100562 test‏.htm मुसकराईं और चट अपने बटुवे से पाँच नोट निकालकर दे दिये, 100563 test‏.htm के नीम के नीचे मनों धूल बटोर कर उसमें लोटता, सिर पर चढ़ाता, 100564 test‏.htm अब जनमत को अपने पक्ष में बटोर लेने का प्रयास कर रही थी। आकर 100565 test‏.htm अशर्फ़ियाँ बरस रही हों। बटोर लो, जितना बटोरते बने। खेतों 100566 test‏.htm को सभापति बनाकर धन ख़ूब बटोर सकते हैं, और सेवा की आड़ में 100567 test‏.htm एक दिन गाँव के आदमियों को बटोरकर उनकी मंज़ूरी ले लेने का अभिनय 100568 test‏.htm होरी ने साहस बटोरकर कहा -- हम समझते थे कि ऐसी बातें 100569 test‏.htm सारे गाँव के लौंडों को बटोरकर कितना अनर्थ किया। लेकिन मुखियों 100570 test‏.htm क्या करोगे बहुत-सा धन बटोरकर ? कि साथ ले जाने की कोई जुगुत 100571 test‏.htm टूट गयी है। एक क्षण साहस बटोरती रही, किंतु अपनी सफ़ाई में कुछ 100572 test‏.htm रही हों। बटोर लो, जितना बटोरते बने। खेतों में जहाँ बगूले उठते 100573 test‏.htm कराया? क्यों उसकी आबरू में बट्टा लगाया? क्यों सतवंती बनी बैठी 100574 test‏.htm व्याकुल हो रहा है, जो उसने बट्टेखाते में डाल दिये थे। बच्चा उन चीज़ों 100575 test‏.htm साहब में वह नग्न था। अपना बड़प्पन सिद्ध करने के उस अवसर को राय 100576 test‏.htm और इस परिष्कृत गोबर में बड़ा अंतर था। हिंसा-भाव कुछ तो यों 100577 test‏.htm मुँह खोलता; मगर हाल में एक बड़ा अच्छा अवसर हाथ आ गया था। कुँवर 100578 test‏.htm मुँह में कालिख लग जाय। यह बड़ा अच्छा औसर है। लड़की का ब्याह 100579 test‏.htm ने प्रसन्न होकर कहा -- बड़ा अच्छा करते हो भैया! बुरा रोग 100580 test‏.htm होकर बोली -- यह तुमने बड़ा अच्छा किया बेटा! इनका दुपट्टा 100581 test‏.htm उस पर नेमी-धर्मी बनते हैं। बड़ा अच्छा किया हरखू चौधरी ने। ऐसे 100582 test‏.htm -- तुमने मेरी सलाह मान ली, बड़ा अच्छा किया। दोनों काम बन गये। 100583 test‏.htm ‘मेरा जजमान है। बड़ा अच्छा ज़माना है उसका। खेती 100584 test‏.htm ‘बड़ा अच्छा शिकार निकल गया। ऐसे अवसर 100585 test‏.htm समझें ख़ूब पिये हुए है। बड़ा अच्छा हुआ काका, बेबाक़ी हो 100586 test‏.htm जिसके लिए त्याग ही सबसे बड़ा अधिकार है, और जो इस योग्य है 100587 test‏.htm की सूची दिखाकर उन्होंने बड़ा अनर्थ किया, यह शूल उन्हें व्यथित 100588 test‏.htm न चाहता था, पर समाज इतना बड़ा अनर्थ कैसे सह ले! और उसकी मुटमर्दी 100589 test‏.htm जाता कि नहीं। फिर जब इतना बड़ा अनर्थ हो रहा था कि लाड़ली बहू 100590 test‏.htm ‘परती रहेंगे? यह तो बड़ा अनर्थ होगा! 100591 test‏.htm क्यों करना पड़े? मैं आपका बड़ा अनुगृहीत हूँ। 100592 test‏.htm उठी कि क़सीदा पढ़ना कोई बड़ा अनुचित काम है। मेज़ पर हाथ 100593 test‏.htm ने हमारे साथ कितना बड़ा अन्याय किया है कि आप-जैसी कोई 100594 test‏.htm मजूरों ने जाकर देखा, तो एक बड़ा अहाता घिरा हुआ था और उसके अंदर 100595 test‏.htm इसीलिए कि वह तुम्हें सबसे बड़ा आँखों का अंधा समझती है, दूसरों 100596 test‏.htm भी थी, जो स्त्री का सबसे बड़ा आकर्षण है। मातादीन कभी-कभी 100597 test‏.htm और पुरुषत्व पर इतना बड़ा आक्षेप कैसे सह सकते थे! 100598 test‏.htm तारीप नयी करेगा। हम कोई बड़ा आदमी नयी है। हम सबका ग़ुलाम 100599 test‏.htm न कीजिए। मैं इतना बड़ा आदमी नहीं हूँ। 100600 test‏.htm है, वह ग़रीबों को कुचलकर बड़ा आदमी बन जाता है।’ 100601 test‏.htm पान से भरकर कहा -- तुम हमें बड़ा आदमी समझते हो? हमारे नाम बड़े 100602 test‏.htm रोग भी बड़े होते हैं। वह बड़ा आदमी ही क्या, जिसे कोई छोटा 100603 test‏.htm जिसके पास पैसे हैं, वही बड़ा आदमी है, वही भला आदमी है। पैसे 100604 test‏.htm तेल की मालिश कराने में बड़ा आनंद आता था, इसलिए उनके कपड़े 100605 test‏.htm तय करने में उन्हें बड़ा आनंद आता है, यश भी मिलता है, 100606 test‏.htm बाहर न निकले। आत्म-सेवा से बड़ा उनकी नज़र में दूसरा अपराध न 100607 test‏.htm उत्पन्न करके समाज का बड़ा उपकार किया है। 100608 test‏.htm लहरें मार रहा था। मुँह बड़ा और गोल था, कपोल फूले हुए, आँखें 100609 test‏.htm ठाकुर साहब स्त्रियों पर बड़ा कठोर शासन रखते थे और उन्हें 100610 test‏.htm कर दे। यह धरम का बंधन बड़ा कड़ा होता है। जिस समाज में 100611 test‏.htm धरम है, लड़के को पालपोसकर बड़ा कर देना। वह हम कर चुके। उनके 100612 test‏.htm निश्चय कर चुका था। इतना बड़ा कलंक सिर पर लेकर वह अब गाय को 100613 test‏.htm -- अजी कुछ नहीं। ऐसा कौन-सा बड़ा काम था। जाकर पूछा, अंदर आऊँ? 100614 test‏.htm को जल्दी से बुला ला। कहना, बड़ा काम है, बिलम न करो। 100615 test‏.htm हैं। तुमने उपद्रव तो इतना बड़ा किया था कि उस क्रोध में पा जाते, 100616 test‏.htm को मैंने पाल-पोसकर बड़ा किया। 100617 test‏.htm साधना मत समझो। जब इतना बड़ा कुटुंब है, तो कोई-न-कोई तो हमेशा 100618 test‏.htm सताया? मुझे तुम्हारे ऊपर बड़ा क्रोध आ रहा था। याद है, तुमने 100619 test‏.htm ‘यह सब बहाना है। बड़ा ख़राब आदमी है।’ 100620 test‏.htm ने कहा -- जाने कहाँ से इतना बड़ा खाँचा मिल गया। किसी भड़भूजे 100621 test‏.htm ‘भोला बड़ा ग़मख़ोर था कि उसके साथ निबाह 100622 test‏.htm बोले -- लखनऊ की हवा खा के तू बड़ा चंट हो गया है गोबर! ला, क्या 100623 test‏.htm ने खिले हुए मन से कहा -- बड़ा चालाक है। चीज़ लेकर कैसा भागा! 100624 test‏.htm आघात किया है, वह बहुत गहरा, बड़ा चौड़ा और बड़ा मर्मभेदी है। 100625 test‏.htm और एक ख़िदमतगार, जैसे कोई बड़ा ज़मींदार हो। उम्र चालीस से 100626 test‏.htm फिर लौटकर न आऊँगी। मैंने बड़ा ज़ोर मारा कि मोह के सारे बंधनों 100627 test‏.htm कौमी आंदोलन में उन्होंने बड़ा जोश दिखाया था। ज़िले के प्रमुख 100628 test‏.htm ने शान जमायी -- अबकी बाज़ार बड़ा तेज़ रहा महतो, इसके अस्सी रुपए 100629 test‏.htm सबसे बड़ी तपस्या, सबसे बड़ा त्याग और सबसे महान् विजय है। 100630 test‏.htm रहते थे। उनका परिवार बहुत बड़ा था। सात भाई और उनके बाल-बच्चे 100631 test‏.htm मालूम हो जाय कि परीक्षक बड़ा दयालु है या अंधा है और छात्रों 100632 test‏.htm मेहता बोले -- सिर में बड़ा दर्द है। 100633 test‏.htm मिर्ज़ा ने अपने स्वर में बड़ा दीन आग्रह भरकर कहा -- मैं फिर 100634 test‏.htm में मिल जाने का और सबसे बड़ा दुःख था इस बात का कि अपने बेटे 100635 test‏.htm बैठे-बैठे सोचा, तो चित्त बड़ा दुखी हुआ कि जुते-जुताये खेत 100636 test‏.htm दूँ; लेकिन औरत का हृदय बड़ा दुर्बल है मेहता जी! मोह उसका 100637 test‏.htm पुचारा दिया -- आपका बड़े-से- बड़ा दुश्मन भी यह नहीं कह सकता कि 100638 test‏.htm इनके पाँव पड़कर बोला -- बड़ा धरम होगा महाराज, तुम्हारे सिवा 100639 test‏.htm जब इसने झूठी क़सम खा ली, जो बड़ा धर्मात्मा बनता है, तो हीरा 100640 test‏.htm रहे थे, यह आदमी भी कितना बड़ा धूर्त है, अपनी ग़रज़ पड़ने 100641 test‏.htm तो कहते हैं, भगवान घर का बड़ा न बनाये। छोटों को कोई नहीं 100642 test‏.htm पंडित कासी गये थे। वहाँ एक बड़ा नामी विद्वान् पंडित है। वह 100643 test‏.htm इस समय एम॰ ए॰ में पढ़ता था, बड़ा निर्भीक, पक्का आदर्शवादी, अपने 100644 test‏.htm लेकर चाटूँगी? ऐसा ही बड़ा परेम है, तो आप क्यों नहीं जाते? 100645 test‏.htm सोना की दृष्टि में सबसे बड़ा पाप किसी पुरुष का पर-स्त्री 100646 test‏.htm न करे कोई बेईमानी करे। यह बड़ा पाप है; लेकिन अपने हक़ और न्याय 100647 test‏.htm के लिए न लड़ना उससे भी बड़ा पाप है। तुम्हीं सोचो, आदमी 100648 test‏.htm ने गिड़गिड़ाकर कहा -- भाभी, बड़ा पुन्न होगा। तुम रुपए न दोगी, 100649 test‏.htm यही तो बीरों का धरम है। बड़ा बीर है, तो किसी मर्द से लड़। 100650 test‏.htm मातादीन दुःखी मन से बोला -- बड़ा बेवफ़ा आदमी है। तुम जैसी लच्छमी 100651 test‏.htm ‘मुझे तो बड़ा भला आदमी लगता है। क्या ख़राबी 100652 test‏.htm मैंने भी सदैव आपको अपना बड़ा भाई समझा है और अब भी समझता हूँ। 100653 test‏.htm मालूम हुआ कि उसकी कमाई का बड़ा भाग महाजनों का क़र्ज़ चुकाने 100654 test‏.htm ‘मैंने आपके सिर पर इतना बड़ा भार रख दिया।’ 100655 test‏.htm ‘बड़ा भारी कलेजा है तुम लोगों का 100656 test‏.htm ब्राह्मण बना दिया। उस दिन बड़ा भारी हवन हुआ, बहुत-से ब्राह्मणों 100657 test‏.htm न थी। पढ़ा-लिखा भी था; मगर बड़ा मग़रूर, अपनी कुल-प्रतिष्ठा 100658 test‏.htm से अंत तक जमे रहे। उन्हें बड़ा मज़ा आ रहा था। बीच-बीच में तालियाँ 100659 test‏.htm होरी ठिठक गया; बड़ा मनोरंजक प्रसंग छिड़ गया था। 100660 test‏.htm पहुँचकर लगे ललकारने -- आ जा बड़ा मर्द है तो। मूँछें उखाड़ लूँगा, 100661 test‏.htm बहुत गहरा, बड़ा चौड़ा और बड़ा मर्मभेदी है। 100662 test‏.htm ताकता और पंजों से नोचता। बड़ा मस्त लड़का था। जब देखो खेलने 100663 test‏.htm और त्याग और बलिदान का बहुत बड़ा महत्व है; लेकिन मैं अपनी आत्मा 100664 test‏.htm भी असंभव नहीं है। बड़े-से- बड़ा महात्मा भी एक क्षण में पतित 100665 test‏.htm के कान भी ज़रा गरमा दो। बड़ा मुतफन्नी है दादा! बाप-बेटे 100666 test‏.htm मौक़े रोज़ आते। आज का दिन बड़ा मुबारक था। 100667 test‏.htm में राय साहब ने बड़ा यश कमाया था। कौंसिल की मेंबरी 100668 test‏.htm -- अलगौझे के समय तो तुम्हें बड़ा रंज हुआ होगा। भाइयों को तो 100669 test‏.htm मुझे मालूम होता, तो मुझे बड़ा रंज होता कि तुमने मुझे इतना 100670 test‏.htm में आने लगा। जवान आदमी था, बड़ा रसिक और बातचीत का मीठा; दातादीन 100671 test‏.htm क्या पहनायेगा, इसका वह बड़ा विशद वर्णन करती, जिसे सुनकर 100672 test‏.htm मुझे मारकर समझता है मैं बड़ा वीर हूँ। भाइयों के सामने भीगी 100673 test‏.htm मेहता ने बिगड़कर कहा था -- बड़ा शैतान लौंडा है। 100674 test‏.htm सेवा करना है। और उसका सबसे बड़ा साधन आपका पत्र है। हमने निश्चय 100675 test‏.htm तैयार। शोभा भी देखने में बड़ा सीधा-सादा है; लेकिन पैसा देना 100676 test‏.htm है और न सलामी करने में कोई बड़ा सुख मिलता है। घंटों खड़े रहो, 100677 test‏.htm थी। यही उसके जीवन का सबसे बड़ा स्वप्न, सबसे बड़ी साध थी। बैंक 100678 test‏.htm शोभा बड़ा हँसोड़ था। सारे गाँव का विदूषक, 100679 test‏.htm ‘हाँ, बड़ा हरज़ है। तुम बनी बात बिगाड़ 100680 test‏.htm थे, दूसरी तरफ़ कुछ फूल। बड़ा हिस्सा परती था। मिर्ज़ा ने 100681 test‏.htm का धर्म नष्ट करोगी। बड़ा ही आचारनिष्ठ आदमी है। 100682 test‏.htm भी लजा जायगी। गोबर कितना बड़ा हो गया है और पहन-ओढ़कर कैसा 100683 test‏.htm खा रही थीं। ओसारे में एक बड़ा -सा तख़्त पड़ा था जो शायद दस 100684 test‏.htm रस्सी तैयार हो गयी। झाऊ का बड़ा -सा तख़्त बन गया, टहनियाँ दोनों 100685 test‏.htm साँवले आदमी थे। बड़ा -सा पग्गड़ बाँधते, नीचा कुरता 100686 test‏.htm का था। जिसके पास जाते, वही बड़ा -सा मुँह खोलता; मगर हाल में एक 100687 test‏.htm मुझे बाजरे की रोटियाँ बड़ी अच्छी लगती हैं। 100688 test‏.htm से हाथ मिलाकर कहा -- बड़ी अच्छी साइत में घर से चला था 100689 test‏.htm भारी कंठ से बोली -- मैं बड़ी अभागिन हूँ दीदी। मेरे मन में 100690 test‏.htm और उसकी सबसे बड़ी अभिलाषा थी अपने घरवालों की 100691 test‏.htm आदमी थे; गेहुँआ रंग, बड़ी- बड़ी आँखें, मुँह पर चेचक के दाग़; 100692 test‏.htm लाल-लाल है ख़ूब मोटा, बड़ी- बड़ी आँखें हैं, सिर में झबराले बाल 100693 test‏.htm मालती ने बड़ी- बड़ी आँखों से उन्हें तरेरा, मानो 100694 test‏.htm ने मालती की ओर अपनी बड़ी- बड़ी आँखों से देख कर मानो उसके मन 100695 test‏.htm की ज़ोर से फटकारा -- चुप रह, बड़ी आयी है वहाँ से सतवंती बनके। 100696 test‏.htm होगा। आपसे तो मुझे बड़ी आशा है, मिस्टर खन्ना! 100697 test‏.htm भक्ति है, उसके बल पर तुम बड़ी आसानी से उसे सीधा कर सकती हो; 100698 test‏.htm कोठरी और बरामदे का किराया बड़ी आसानी से पाँच रुपया मिल सकता 100699 test‏.htm लीजिए। सौ-दो सौ रुपए तो आप बड़ी आसानी से हर महीने दे सकते हैं 100700 test‏.htm हैं, और उन सज्जनों की बड़ी इच्छा है कि यह काम संगठित रूप 100701 test‏.htm की फ़ुरसत न मिलती थी। क्या बड़ी इज़्ज़त थी? हाँ, थी; क्योंकि 100702 test‏.htm भीतर बड़ी उमस हो रही थी। हवा बंद थी। एक 100703 test‏.htm इसे तपस्या ही कहना चाहिए, बड़ी कठोर तपस्या। ‘बिजली’ ने जो 100704 test‏.htm ‘यह तो बड़ी कड़ी शर्त है।’ 100705 test‏.htm ‘बड़ी कसरत से।’ 100706 test‏.htm बात न पूछता था; पर नोहरी की बड़ी ख़ातिर होती थी। प्यादे और शहने 100707 test‏.htm तक कहा था कि राजा साहब बड़ी ख़ुशी से एक लाख दे देंगे; मेरी 100708 test‏.htm ‘तो इतने में बड़ी खुसफेली से काम चल जायगा। अनाज 100709 test‏.htm घर छोड़कर भाग जाती! पुनिया बड़ी ग़मख़ोर है।’ 100710 test‏.htm तो आपकी शादी होनेवाली थी। बड़ी गर्म ख़बर थी। 100711 test‏.htm ने आग पर घी डाला -- बाक़ी बड़ी गाल-दराज़ औरत है भाई! मरद के 100712 test‏.htm को पालेगी? ऐं! तू ही इतनी बड़ी गिरस्ती चलायेगी? तू तो दूसरा 100713 test‏.htm से कहा -- तुम्हारी अम्माँ बड़ी ग़ुस्सैल हैं। मेरा तो जी काँपता 100714 test‏.htm और दो-तीन दिन इलाक़े में बड़ी चहल-पहल रहती थी। राय साहब का 100715 test‏.htm हैं। गोबर कह गया है। उसे बड़ी चिंता है। 100716 test‏.htm निकल आयी थी, मेहता को भी बड़ी चिंता हो गयी थी। अकसर कमरे 100717 test‏.htm ऐसा भाव बनाया, मानो उन्हें बड़ी चिंता हो गयी है, बोले -- मेरी 100718 test‏.htm तब सोचो, मेरे दिल पर कितनी बड़ी चोट लगी होगी। इस मुँहजली ने 100719 test‏.htm जीवन में । होरी ने बड़ी- बड़ी चोट सही थी, मगर यह चोट सबसे गहरी 100720 test‏.htm ‘इतनी बड़ी ज़बरदस्ती! और दादा कुछ बोले 100721 test‏.htm रही थी। पाँच रुपए की उसे बड़ी ज़रूरत थी। गोबर ने एक आना रुपया 100722 test‏.htm औरत को मारकर तुमने कोई बड़ी जवाँमर्दी का काम नहीं किया 100723 test‏.htm दोनों अपने दिल में कहेंगे, बड़ी जवाँमर्दी दिखाने चले थे। पचास 100724 test‏.htm आप समझ लें, मिस मालती, कि यह बड़ी ज़िम्मेदारी का काम है और आपको 100725 test‏.htm पर होनेवाले धनुष-यज्ञ की बड़ी ज़ोरों से तैयारियाँ हो रही 100726 test‏.htm अच्छे शिकार मारे तो मुझे बड़ी झेंप होगी।’ 100727 test‏.htm का नज़राना है, एक रुपया बड़ी ठकुराइन का। एक रुपया छोटी ठकुराइन 100728 test‏.htm ठकुराइन के पान खाने को, एक बड़ी ठकुराइन के पान खाने को। बाक़ी 100729 test‏.htm दिनों घर में खाने-पीने की बड़ी तंगी थी। पाला पड़ गया था और 100730 test‏.htm वहाँ मुझे खाने-पीने की बड़ी तकलीफ़ होती है। 100731 test‏.htm थे। अवसर पड़ने पर बड़ी- बड़ी तकलीफ़ें झेल सकते थे। जेल में 100732 test‏.htm से बनकर आते हैं। संपत्ति बड़ी तपस्या से मिलती है। उन्होंने 100733 test‏.htm की सबसे बड़ी साधना, सबसे बड़ी तपस्या, सबसे बड़ा त्याग और 100734 test‏.htm है कि उसकी घरवाली ज़बान की बड़ी तेज़ थी। बेचारा उसके डर के 100735 test‏.htm शिक्षित बहनों पर वह जादू बड़ी तेज़ी से चढ़ रहा है। वह गृहिणी 100736 test‏.htm उनको घेरे हुए हैं। जो सबसे बड़ी थी, वह तो कोट-पतलून पहनकर घोड़े 100737 test‏.htm से कहा -- मुझे तो दादा पर बड़ी दया आती है। बेचारे दिन-भर के 100738 test‏.htm ने स्वीकार किया -- औरत है बड़ी दिलेर! 100739 test‏.htm वह बाहर निकल आये। आस-पास बड़ी दूर तक झाऊ का जंगल खड़ा था। 100740 test‏.htm गाँव-भर के नर-नारी इन्हें बड़ी दूर तक पहुँचाने आये। कई तो 100741 test‏.htm जब दोनों आदमी बड़ी दूर निकल आये, तो खन्ना के होश 100742 test‏.htm अभी तक आयी क्यों नहीं? कौन बड़ी दूर है। न आने दिया होगा उन लोगों 100743 test‏.htm थी। रुपए ख़ैरात दिये थे? बड़ी देनेवाली! सूद महाजन भी लेगा, 100744 test‏.htm वह उसी तरह बड़ी देर तक गोबर का मुँह देखती रही। 100745 test‏.htm गया; पर वह नीम के नीचे बैठा बड़ी देर तक पछताता रहा। वह कितना 100746 test‏.htm मुख से कहा -- रात सोने में बड़ी देर हो गयी। इस वक़्त किधर से 100747 test‏.htm नोहरी ने इतने रुपए दे दिए। बड़ी देवी है। होरी और धनिया दोनों 100748 test‏.htm है, मालिकों के द्वार पर तो बड़ी धूमधाम होगी? 100749 test‏.htm राय साहब ने बड़ी नम्रता से समझाया -- बेटा, तुम 100750 test‏.htm भी दूसरे के साथ निकल गयी। बड़ी नाकिस जात है, महतो, किसी की नहीं 100751 test‏.htm पुत्र के पिता बनने का गौरव बड़ी निर्दयता के साथ उनके हाथ से 100752 test‏.htm दिन तो पड़ा है। यहाँ बड़ी- बड़ी पंचायत हुई। पंचायत ने अस्सी 100753 test‏.htm तुम्हारे सुभाव से बड़ी परसन रहती है। कहती है, ऐसा मर्द 100754 test‏.htm बात छिपी न थी, फिर भी उनकी बड़ी प्रतिष्ठा थी और साल में एक-दो 100755 test‏.htm ‘उसकी मुझे बड़ी फ़िकर है दादा!’ 100756 test‏.htm पर आ गया है, और मुझे सबसे बड़ी फ़िक्र यही है।’ 100757 test‏.htm दूसरे में लोटे का रस लिये बड़ी फुर्ती से आ पहुँची। फिर रस्सी 100758 test‏.htm उसका ब्याह कर डालो। अब तो बड़ी बदनामी हो रही है। 100759 test‏.htm चल जायगी। औरत के हाथ में बड़ी बरक्कत होती है। ख़ुदा क़सम, 100760 test‏.htm सरोज अब तक बड़ी बहन के अदब से ज़ब्त किये बैठी 100761 test‏.htm उसकी बड़ी बहन ने, जो चौदह-पंद्रह साल की 100762 test‏.htm की छाती पर लोट गयी। उसकी बड़ी बहन सोना कहती है -- गाय आयेगी, 100763 test‏.htm -- जी हाँ, वहीं बाग़ में। बड़ी बहार रहेगी। 100764 test‏.htm हज़ार ख़र्च कर देना कोई बड़ी बात नहीं है। हमने तय किया है, 100765 test‏.htm तक चला जाता है, यह कौन-सी बड़ी बात है। ऐसा न हो, तो लोग बिपत 100766 test‏.htm संभव था कि गाँव में इतनी बड़ी बात हो जाय और तमाशा न लगे। जिसने 100767 test‏.htm विलासियों के मुँह से बड़ी- बड़ी बातें सुनकर मेरी देह भस्म हो 100768 test‏.htm नहीं करता था। एक बार मैंने बड़ी बीबी से पूछा, तो हँसकर बोलीं 100769 test‏.htm से आ रहे हैं? महाराज तो बड़ी बुरी ख़बर लाया। 100770 test‏.htm विश्वास न आया। होरी इतनी बड़ी बेईमानी कर सकता है, यह संभव 100771 test‏.htm ‘सुना, तुम्हारी बड़ी भद्दी नक़ल की। चमरिया के घर 100772 test‏.htm ‘आज मेरे मन की बड़ी भारी लालसा पूरी हो गयी।’ 100773 test‏.htm बंद कर देती। उसने कितनी बड़ी भूल की कि इस कपटी के साथ घर से 100774 test‏.htm आज उसने अपने जीवन में सबसे बड़ी भूल की। 100775 test‏.htm माँगेगी। उससे सचमुच बड़ी भूल हुई कि उसने उसको सारे गाँव 100776 test‏.htm ली सोना? देखने में तो तू बड़ी भोली-भाली है। 100777 test‏.htm द्वेष का मायाजाल बड़ी- बड़ी मछलियों को ही फँसाता है। छोटी 100778 test‏.htm पर नियंत्रण करने में बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा। 100779 test‏.htm सोना ने यह दो घंटे का समय बड़ी मुश्किल से काटा। पुर छूटते 100780 test‏.htm चरण पकड़कर रोने लगता है। बड़ी मुश्किल से ठाकुर रुपए देने 100781 test‏.htm गिरा और बेकाम कर गया। अब बड़ी मुश्किल से दो आदमियों के सहारे 100782 test‏.htm गाँठ से रिश्वत के पैसे बड़ी मुश्किल से निकलते हैं, भाव-ताव 100783 test‏.htm पर गाँजे की लत। और घर में बड़ी मुश्किल से पैसे मिलते थे। मुँह 100784 test‏.htm सरोज से अच्छी वधू आपको बड़ी मुश्किल से मिलेगी। 100785 test‏.htm से आपकी पैरवी की। आपने बड़ी मुश्किल से रो धोकर पाँच सौ 100786 test‏.htm फिरती थी -- बेचारा होरी बड़ी मुसीबत में था, बेटी के ब्याह 100787 test‏.htm पर निगाह रहे। आजकल बड़ी मुसीबत में पड़ा हुआ हूँ हुज़ूर। 100788 test‏.htm हो गया। गोरा रंग, बड़ी- बड़ी मूँछें, ऊँचा क़द, चौड़ा सीना, 100789 test‏.htm थी। वही खल्वाट सिर, वही बड़ी मूँछें, और वही तोंद! बैठे भोजन 100790 test‏.htm मोटा, चौड़ा मुँह, बड़ी- बड़ी मूँछें, लाल आँखें, कमर में बाँस 100791 test‏.htm ओंकारनाथ की बड़ी- बड़ी मूँछें खड़ी हो गयीं। आँखों 100792 test‏.htm काले, लंबी नाक और बड़ी- बड़ी मूछोंवाले आदमी थे, बिलकुल विदूषक-जैसे। 100793 test‏.htm ‘गोबर की अबकी बड़ी याद आती है। कितना सुशील हो 100794 test‏.htm आये, लेकिन गाय के लिए इतनी बड़ी रक़म किसान क्या खा के ख़र्च 100795 test‏.htm छिड़का -- अरे तो ऐसी कौन-सी बड़ी रक़म है जिसके लिए आपका दिल 100796 test‏.htm सौ का मामला है, कौन-सी बड़ी रक़म है। दस दिन में भी रुपए 100797 test‏.htm ‘और बड़ी रानी काजल और सेंदुर और महावर 100798 test‏.htm कर सकती। सोना ऐसी कहाँ की बड़ी रानी है कि सारा गोबर आप पाथ 100799 test‏.htm धनिया की ओर से। उसकी नाक बड़ी लंबी है। चाहे मिट जाय, मरजाद 100800 test‏.htm इसके बाद उन्होंने बड़ी लच्छेदार भाषा में, और अपने 100801 test‏.htm था कि इस समय उनकी वाणी बड़ी लच्छेदार है, और उनकी कल्पना 100802 test‏.htm थे, तो राय साहब के लिए यह बड़ी लज्जा की बात थी कि उनके बँगले 100803 test‏.htm का कहीं ठिकाना नहीं। बड़ी लड़की भी ब्याहने जोग हो गयी। 100804 test‏.htm की कोई फ़िक्र नहीं है। बड़ी लड़की सोना लज्जा-शील कुमारी 100805 test‏.htm बचाने का अवसर है। ऐसी ही बड़ी लाजवाली है, तो लाये, पाँच सौ 100806 test‏.htm ‘बड़ी लू लगती होगी।’ 100807 test‏.htm मगर जीवन की सबसे बड़ी विजय उन्हें उस वक़्त हुई, जब 100808 test‏.htm बहाकर समझने लगा, उसने बहुत बड़ी विजय पायी। जिन शिशुओं को देवियों 100809 test‏.htm और गरिमा को जो उसकी सबसे बड़ी विभूति थी, चंचलता और आमोद-प्रमोद 100810 test‏.htm उड़ने लगते हैं, तो इतनी बड़ी विभूति पाकर क्यों न उसका दिमाग़ 100811 test‏.htm होना चाहिए। उसकी यही सबसे बड़ी विभूति है। इसी आधार पर समाज 100812 test‏.htm के असामियों को उनसे बड़ी श्रद्धा हो गयी थी। यह नहीं 100813 test‏.htm दबाये रखना चाहती थी। इतनी बड़ी संपदा अपने साथ कोई नयी बाधा 100814 test‏.htm की बदौलत ही हमारी बड़ी- बड़ी संस्थाएँ चलती हैं। राष्ट्रीय 100815 test‏.htm कुछ माँगने नहीं जाती। कौन बड़ी सतवंती है! ज़रा मेरे सामने 100816 test‏.htm ‘हाँ-हाँ, बड़ी समझदार औरत मालूम होती थी। मुझसे 100817 test‏.htm के मन में मालती के प्रति बड़ी सहानुभूति उत्पन्न हुई। वह 100818 test‏.htm कहा -- अच्छा वह छोटी नहीं, बड़ी सही। जो आदमी नहीं रहना चाहता, 100819 test‏.htm का सबसे बड़ा स्वप्न, सबसे बड़ी साध थी। बैंक सूद से चैन करने 100820 test‏.htm मातृत्व संसार की सबसे बड़ी साधना, सबसे बड़ी तपस्या, सबसे 100821 test‏.htm होरी ने फटी हुई मिरजई को बड़ी सावधानी से तह करके खाट पर रखते 100822 test‏.htm गाय देख लें। सुना बड़ी सुंदर है। 100823 test‏.htm ‘कुछ भी हो, गाय है बड़ी सुंदर, गोबर लिये जाता था, तो 100824 test‏.htm पीछे हटाते हुए कहा -- तू बड़ी हत्यारिन है कलिया! क्या उसे 100825 test‏.htm में पहनी जाती हैं, मगर हैं बड़ी हलकी। ऐसी महीन साड़ियाँ भला 100826 test‏.htm पहले भाषण ने महिलाओं में बड़ी हलचल मचा दी थी और लीग ने निश्चय 100827 test‏.htm सकते थे, और यही उनकी सबसे बड़ी हार थी। 100828 test‏.htm चला है इज़्ज़त बचाने! ऐसी बड़ी है तेरी इज़्ज़त! जिसके घर में 100829 test‏.htm ‘तुम बड़ी हो माता जी, पूज्य हो। पुत्र 100830 test‏.htm लौंडी नहीं हूँ बाईजी! तुम बड़ी हो, अपने घर की बड़ी हो। मैं तुमसे 100831 test‏.htm तुम बड़ी हो, अपने घर की बड़ी हो। मैं तुमसे कुछ माँगने तो 100832 test‏.htm आदमी थे; गेहुँआ रंग, बड़ी -बड़ी आँखें, मुँह पर चेचक के 100833 test‏.htm लाल-लाल है ख़ूब मोटा, बड़ी -बड़ी आँखें हैं, सिर में झबराले 100834 test‏.htm मालती ने बड़ी -बड़ी आँखों से उन्हें तरेरा, 100835 test‏.htm खन्ना ने मालती की ओर अपनी बड़ी -बड़ी आँखों से देख कर मानो उसके 100836 test‏.htm ठूँठ। जीवन में । होरी ने बड़ी -बड़ी चोट सही थी, मगर यह चोट सबसे 100837 test‏.htm पीते थे। अवसर पड़ने पर बड़ी -बड़ी तकलीफ़ें झेल सकते थे। 100838 test‏.htm सारा दिन तो पड़ा है। यहाँ बड़ी -बड़ी पंचायत हुई। पंचायत ने 100839 test‏.htm हुए -- विलासियों के मुँह से बड़ी -बड़ी बातें सुनकर मेरी देह भस्म 100840 test‏.htm घर चली। द्वेष का मायाजाल बड़ी -बड़ी मछलियों को ही फँसाता है। 100841 test‏.htm आकर खड़ा हो गया। गोरा रंग, बड़ी -बड़ी मूँछें, ऊँचा क़द, चौड़ा 100842 test‏.htm ख़ूब मोटा, चौड़ा मुँह, बड़ी -बड़ी मूँछें, लाल आँखें, कमर 100843 test‏.htm ओंकारनाथ की बड़ी -बड़ी मूँछें खड़ी हो गयीं। आँखों 100844 test‏.htm खल्वाट, काले, लंबी नाक और बड़ी -बड़ी मूछोंवाले आदमी थे, बिलकुल 100845 test‏.htm की बदौलत ही हमारी बड़ी -बड़ी संस्थाएँ चलती हैं। राष्ट्रीय 100846 test‏.htm का मुखिया था। द्वार पर बड़ी -सी चरनी थी जिस पर दस-बारह गायें-भैंसें 100847 test‏.htm फिर चल दी और एक क्षण में एक बड़ी -सी टोकरी अरहर कौ दाल से भरी 100848 test‏.htm सहसा एक देहाती एक बड़ी -सी टोकरी में कुछ जड़ें, कुछ 100849 test‏.htm ने मातादीन के मुँह में एक बड़ी -सी हड्डी का टुकड़ा डाल दिया। 100850 test‏.htm ‘अच्छा रहने दो, बड़े अंतरजामी बन के। तुम्हें बार-बार 100851 test‏.htm करना था। बाँसों के रुपए बड़े अच्छे समय पर मिल गये। शगुन 100852 test‏.htm लगी। झुनिया ने बड़े अदरावन के बाद बच्चा उसकी गोद 100853 test‏.htm दिया -- संसार में सबसे बड़े अधिकार सेवा और त्याग से मिलते 100854 test‏.htm रुपये चंदा लगाया। किसी बड़े अफ़सर की दावत की थी। किसानों 100855 test‏.htm के साथ विहार करते थे। बड़े- बड़े अफ़सरों के साथ दावतें उड़ाते 100856 test‏.htm से होती है। आप जो इन बड़े- बड़े अफ़सरों को देखते हैं, और इन 100857 test‏.htm बेचो, नगद। कितने ही बड़े- बड़े अमीरों से मेरी जान-पहचान है। 100858 test‏.htm फिर कई-कई दाने मिलकर बड़े- बड़े आँवले जैसे हो गये। 100859 test‏.htm रख सकता है, जिसपर बड़े- बड़े आघातों का भी कोई असर नहीं होता। 100860 test‏.htm गोबर ने बड़े आत्मविश्वास से कहा -- इसकी कुछ 100861 test‏.htm ‘बिना दान-दहेज के बड़े आदमियों का कहीं ब्याह होता 100862 test‏.htm झूठ-सच की जाँच कर लें। बड़े आदमियों का क्रोध पूरा समर्पण 100863 test‏.htm हम छोड़ दें, तो देवता हैं। बड़े आदमियों की ईर्ष्या और वैर केवल 100864 test‏.htm पहुँचा दें। अन्य बहुत से बड़े आदमियों की तरह उनका भी ख़याल 100865 test‏.htm भोला ने करुण भाव से कहा -- बड़े आदमियों की बराबरी तुम कैसे 100866 test‏.htm से रहा; लेकिन भाई बड़े आदमियों की बातें कौन चलाये। 100867 test‏.htm गोबर ने कटाक्ष किया -- बड़े आदमियों की हाँ-में-हाँ मिलाने 100868 test‏.htm दातादीन बोले- बड़े आदमियों के यही लक्षण हैं। ऐसे 100869 test‏.htm हमेशा बीमार रहेगा ही। और बड़े आदमियों के रोग भी बड़े होते 100870 test‏.htm सूझ गयी। बोला -- सोना बड़े आदमियों के लिए है। हम ग़रीबों 100871 test‏.htm जाती है, नाक कट जाती है। बड़े आदमियों को अपनी नाक दूसरों 100872 test‏.htm होती हैं, पर जान पड़ता है, बड़े आदमियों में उनकी कमी नहीं है। 100873 test‏.htm समझ ले, मैं नहीं हूँ। बड़े आदमी अपनी लाज न रखें, छोटों 100874 test‏.htm छाती पीटने। और यह जो बड़े आदमी कहलाते हैं, ये तो निरे 100875 test‏.htm को चमार; इसलिए न कि गेहूँ बड़े आदमी खाते हैं, जौ हम लोग खाते 100876 test‏.htm भला कै दिन चलेंगी! बड़े आदमी जितनी महीन साड़ियाँ चाहे 100877 test‏.htm लिखा है। यह समझ लो कि ये बड़े आदमी तुम्हें फटकारते रहें, 100878 test‏.htm और क्या। हम लोग समझते हैं, बड़े आदमी बहुत सुखी होंगे; लेकिन 100879 test‏.htm ख़ुद तो यह आदत है कि किसी बड़े आदमी से मिलने जाते हैं, तो मोटे 100880 test‏.htm की क्या ख़ातिर करे। बड़े- बड़े आदमी हैं। उनकी ख़ातिर करने 100881 test‏.htm क्षमा माँगी -- सरकार आप लोग बड़े आदमी हैं। बोझ उठाना तो हम-जैसे 100882 test‏.htm इन्हें कोई कुछ नहीं कहता। बड़े आदमी हैं न। नोहरी ग़रीब है, 100883 test‏.htm आनंद के लिए है। हम इतने बड़े आदमी हो गये हैं कि हमें नीचता 100884 test‏.htm न ग़रीबों का गला दबाना कोई बड़े आनंद का काम है; लेकिन मर्यादाओं 100885 test‏.htm थाली की रोटी उड़ा जाओ। आज बड़े आमवाले हुए हैं। मुझसे छेड़ 100886 test‏.htm ज़रूरत न थी। मैके में वह बड़े आराम से रह सकती थी; मगर वह दिग्विजयसिंह 100887 test‏.htm और क्षोभ आज हुआ, उतना बड़े- बड़े उपदेश सुनकर भी न हुआ था। तर्कों 100888 test‏.htm न अघाते थे; मगर लेन-देन में बड़े कठोर थे। सूद की एक पाई न छोड़ते 100889 test‏.htm नींद टूटी है। कितने बड़े कपटी हो तुम। मैं तो सोचती हूँ 100890 test‏.htm देगी। वह भी क्या ठीक। एक बड़े क़बीले का सरदार है। उसे फाँसी 100891 test‏.htm में उसने उनके लिए दो बड़े- बड़े कमरे दे दिये। उनके भोजन आदि 100892 test‏.htm निकाल देती। वही काम बड़े- बड़े करते हैं, मुदा उनसे कोई नहीं 100893 test‏.htm आ गयी। वही जानती है छोटे- बड़े का आदर-सत्कार कैसे करना चाहिए। 100894 test‏.htm शक्ति के बाहर है। छोटे- बड़े का भेद केवल धन से ही तो नहीं 100895 test‏.htm उनसे घृणा करते हैं। बड़े- बड़े काम करके वही टाउट राजाओं के 100896 test‏.htm है। ज़रा से एहसान से बड़े- बड़े काम निकल जाते हैं।’ 100897 test‏.htm मगर अभी ज़िंदगी के दो बड़े- बड़े काम सिर पर सवार थे। गोबर और 100898 test‏.htm एक-से-एक सुंदर। तीनों बड़े कालिज में पढ़ने जाती थीं। एक 100899 test‏.htm पंडित नोखेराम कारकुन बड़े कुलीन ब्राह्मण थे। इनके दादा 100900 test‏.htm चेचक के दाग़; बात-चीत में बड़े कुशल। 100901 test‏.htm फिर वह कचालू और मटर और दही- बड़े के खोंचे लगाने लगा। इधर ज़्यादा 100902 test‏.htm कुछ नहीं। उसकी ममता को वह बड़े कौशल से नचाता रहता था। सिलिया 100903 test‏.htm मिर्ज़ा ने कहा -- हो बड़े ख़ुशनसीब खन्ना, ख़ुदा की क़सम! 100904 test‏.htm बोले -- मगर मेहता साहब तो बड़े ख़ुशमिज़ाज और मिलनसार हैं, 100905 test‏.htm तब सोना ने बड़े गंभीर स्वर में सिल्लो से पूछा 100906 test‏.htm मानो कह रहे हों, कितने बड़े गधे हो तुम! 100907 test‏.htm कि बीबी-बच्चों का पालना बड़े गुर्दे का काम है। इससे पूछो, 100908 test‏.htm ‘अबकी चुनाव में बड़े- बड़े गुल खिलेंगे। आपके लिए भी मुश्किल 100909 test‏.htm हो जाय। मैं बिना लाला को बड़े घर भिजवाये मानूँगी नहीं। तीन 100910 test‏.htm हूँ और देखती भी हूँ, आजकल बड़े घरों की विचित्र लीला है। जिस 100911 test‏.htm वारे-न्यारे करते थे। बड़े- बड़े ज़मींदारों और रईसों की जायदादें 100912 test‏.htm उसी रात को सोना को बड़े ज़ोर का ज्वर चढ़ आया। 100913 test‏.htm ‘जी हाँ, मानता हूँ और बड़े ज़ोरों से मानता हूँ। जिस मत 100914 test‏.htm उधर तो जंग की तैयारियाँ बड़े ज़ोरों से हो रही हैं।’ 100915 test‏.htm ‘आप बड़े डरपोक हैं मिस्टर खन्ना, सच।’ 100916 test‏.htm मेहता पहुँचे। मिर्ज़ा ने बड़े तपाक से हाथ मिलाया और बोले 100917 test‏.htm वह अब दो साल का हो गया था। बड़े तेज़ दाँत निकल आये थे। मुँह 100918 test‏.htm न रखते थे। इसके साथ ही बड़े दबंग और निर्भीक थे। राष्ट्रीय 100919 test‏.htm यह ख़ैरात नहीं दे रहे हैं, बड़े दबसट में पड़कर इस राह पर आये 100920 test‏.htm ‘ओहो! ऐसे ही तो बड़े दरदवाले हो। अभी तक मार का दाग़ 100921 test‏.htm -- वाह खन्ना साहब, वाह!! नाम बड़े दर्शन थोड़े। इतनी कंपनियों 100922 test‏.htm के नीचे लटकती हुई, दो बड़े- बड़े दाँत सामने जैसे काट खाने को 100923 test‏.htm ने हँसकर कहा -- हुज़ूर बड़े दिल्लगीबाज़ हैं। 100924 test‏.htm दीन के लिए क्यों जान दें! बड़े दिल्लगीबाज़, बेफ़िक्रे जीव 100925 test‏.htm तो नहीं होता। मैंने बड़े- बड़े धन-कुबेरों को भिक्षुकों के 100926 test‏.htm से पूछते, तुम कहाँ के बड़े धर्मात्मा हो, जो दूसरों पर 100927 test‏.htm राजनीति के आचार्य, बड़े- बड़े नाविक, बड़े-बड़े सब कुछ पुरुष 100928 test‏.htm घाव पक न जाय। तेरे घरवाले बड़े निर्दयी हैं। 100929 test‏.htm ‘बड़े निर्दयी हो तुम, सच कहती हूँ।’ 100930 test‏.htm इज़्ज़त बिगाड़ी है। तुम बड़े नेमी-धरमी हो। उसके साथ सोओगे; 100931 test‏.htm फटकार बताई -- अच्छा रहने दो, बड़े न्यायी बने हो। मरद-मरद सब एक 100932 test‏.htm तैयार हो जाती हैं। बड़े- बड़े पंडित, बड़े-बड़े मौलवी, बड़े-बड़े 100933 test‏.htm कई दिन से हो रहा था। बड़े- बड़े पोस्टर चिपकाये गये थे, नोटिस 100934 test‏.htm लगाये देखता रहा। मालती ने बड़े प्यार से पुकारा -- मंगल! 100935 test‏.htm नहीं कहा, जब बुलाते हैं, बड़े प्यार से। मेरा सिर भी दुखता 100936 test‏.htm दलाल थे। इस वर्ग के लोग बड़े प्रतिभावान होते हैं। जिस काम 100937 test‏.htm ख़ूब मालूम है कि राय साहब बड़े प्रभावशाली जीव हैं। कौंसिल 100938 test‏.htm बीभत्स-सा लगता था। उस बड़े बँगले में रहने का क्या आनंद 100939 test‏.htm में रस भरकर कहा -- चलो-चलो, बड़े बखान करनेवाले। ज़रा-सा कोई 100940 test‏.htm देख तो लिया दुनिया ने कि बड़े बहादुर हो। अब क्या उसे पीसकर 100941 test‏.htm क्यों हो? मेरे सामने तो बड़े बुद्धिमान बनते हो, बाहर तुम्हारा 100942 test‏.htm लाल हुई जाती थी। बोली -- आप बड़े बेमुरौवत आदमी हैं मिर्ज़ाजी! 100943 test‏.htm ‘बड़े बेहया हो यार।’ 100944 test‏.htm ‘वह तो आजकल बड़े भगत हो गये हैं। देखती नहीं 100945 test‏.htm ‘यह बात नहीं है बेटा, छोटे- बड़े भजवान के घर से बनकर आते हैं। 100946 test‏.htm हीरा अब भी बड़े भाई का अदब करता था। सीधे-सीधे 100947 test‏.htm दूसरी तरफ़ से भी उन्हीं के बड़े भाई निकले। दोनों कैसे पैंतरे 100948 test‏.htm नाम के कासमीरी रहते थे। बड़े भारी आदमी थे। उनके यहाँ पाँच 100949 test‏.htm इतना विश्वास हो गया कि एक बड़े भारी मुस्लिम ताल्लुक़ेदार 100950 test‏.htm मारा -- आप भी राय साहब! बड़े मज़े की बातें करते हैं। जिस 100951 test‏.htm भैया, तुम्हारे आसिरबाद से बड़े मज़े में निकल गया। जिस राजा 100952 test‏.htm एक इंजिन जिस गाड़ी को बड़े मज़े से हज़ारों मील खींच ले 100953 test‏.htm युवती दो बड़े- बड़े मटके उठा लायी और बोली -- तुम 100954 test‏.htm विकास में उनका स्थान बड़े महत्व का है। 100955 test‏.htm ‘मेरे लिए यह बड़े महत्व की बात है।’ 100956 test‏.htm झिंगुरीसिंह। वह शहर के एक बड़े महाजन के एजेंट थे। उनके नीचे 100957 test‏.htm भी लेन-देन करती थीं। सबसे बड़े महाजन थे झिंगुरीसिंह। वह शहर 100958 test‏.htm तो किससे! गाँव के सभी छोटे- बड़े महाजनों से तो मुँह चुराना पड़ता 100959 test‏.htm वह सब पुरुष थे। जितने बड़े- बड़े महात्मा हुए हैं, वह सब पुरुष 100960 test‏.htm तो यह है कि ख़ुद इतने बड़े महात्मा हैं; मगर संन्यास और 100961 test‏.htm होगा। रूप के चौखट पर बड़े- बड़े महीप नाक रगड़ते हैं। क्या यह 100962 test‏.htm पर मर-मिटने के लिए बड़े- बड़े महीप लालायित रहते हैं। लाइए, 100963 test‏.htm प्रसन्न हो गये -- यह आपने बड़े मार्के की बात कही मेहता जी! 100964 test‏.htm आओ, थोड़े से आम लेती जाओ, बड़े मीठे हैं। 100965 test‏.htm गाँव आ गया! तुम भी बड़े मुरहे हो, मुझसे कहा भी नहीं 100966 test‏.htm धन्यवाद देते हुए कहा -- तुम बड़े मौक़े से पहुँच गयीं, नहीं मुझे 100967 test‏.htm हैं। बड़े-बड़े पंडित, बड़े- बड़े मौलवी, बड़े-बड़े लिखने और बोलनेवाले, 100968 test‏.htm अपनी जवानी में स्वयं बड़े रसिया रह चुके थे; लेकिन अपने 100969 test‏.htm जिस सौभाग्य के लिए बड़े- बड़े राजे तरसते हैं; वह आज उनके सामने 100970 test‏.htm पास जो कुछ है, वह बड़े- बड़े लखपतियों के पास नहीं है। तुम 100971 test‏.htm सूर्यप्रतापसिंह ने उनके बड़े लड़के रुद्रपालसिंह से अपनी 100972 test‏.htm को भूख लगेगी। भाई ने बड़े- बड़े लड्डू खिला दिये हैं न! भगवान 100973 test‏.htm बड़े-बड़े मौलवी, बड़े- बड़े लिखने और बोलनेवाले, जो अपनी 100974 test‏.htm पर मैल नहीं आने दिया। जैसे बड़े लोग बालकों से मूँछें उखड़वाकर 100975 test‏.htm भी बहुत पढ़ी थीं। बड़े- बड़े वकीलों, बैरिस्टरों की जूतियाँ 100976 test‏.htm हैं, वह व्यवहार में बड़े- बड़े व्यापारियों और ज़मींदारों 100977 test‏.htm स्थापित सैकड़ों छोटे- बड़े शिवलिंग को बटखरे बनाता; लेकिन 100978 test‏.htm से एक घड़ी मँगवाई थी। बड़े शौक़ से लेकर गया; मगर नहीं ली। 100979 test‏.htm वह कड़ी और कड़वी आलोचना तो बड़े शौक़ से सुनते थे; लेकिन अपनी 100980 test‏.htm बेचारे राय साहब बड़े संकट नें पड़ गये थे। उन्हें 100981 test‏.htm लजाते हुए कहा -- ऐसे ही तो बड़े सजीले जवान हो कि साली-सलहजें 100982 test‏.htm बड़े-बड़े नाविक, बड़े- बड़े सब कुछ पुरुष थे; लेकिन इन बड़ों-बड़ों 100983 test‏.htm खोल दिया था। गोबर को वहाँ बड़े सबेरे जाना पड़ता, और दिन-भर 100984 test‏.htm उल्लास का आनंद उठाता हुआ, बड़े सम्मान से पंडितजी को आँगन में 100985 test‏.htm सर्जन और मझोले सर्जन और बड़े सर्जन तार से बुलाये जा रहे 100986 test‏.htm दुम झाड़कर निकल जाने में बड़े सिद्धहस्त। कहिये रेत में नाव 100987 test‏.htm हिरनियों के साथ चर रहा था, बड़े सींगोंवाला, बिलकुल काला। राय 100988 test‏.htm लट्टू हो गये। ऐसे कोई बड़े सुंदर भी तो न थे तुम।’ 100989 test‏.htm की गोद में आकर जैसे किसी बड़े सुख का अनुभव करने लगा। अपनी 100990 test‏.htm है। मैं अपने जीवन में सबसे बड़े सुख की जो कल्पना कर सकता हूँ, 100991 test‏.htm हैं। दुनिया समझती है, हम बड़े सुखी हैं। हमारे पास इलाक़े, 100992 test‏.htm में रखता। पुनिया किसी बड़े से मुँह खोलकर बातें करे, यह 100993 test‏.htm भी रख लिये गये थे। और सबसे बड़े सौभाग्य की बात यह थी कि अबकी 100994 test‏.htm हुआ कि सेवा करने का अवसर बड़े सौभाग्य से मिलता है, और वह इस 100995 test‏.htm नाटी, कुरूपा, बड़े- बड़े स्तनोंवाली स्त्री थी। उसका 100996 test‏.htm गाँव को भोज दिया। छोटे- बड़े स्त्री-पुरुष सबों ने दावत उड़ायी। 100997 test‏.htm विदूषक-जैसे। और थे भी बड़े हँसोड़। इस गाँव को अपनी ससुराल 100998 test‏.htm हूँ कि संसार में छोटे- बड़े हमेशा रहेंगे, और उन्हें हमेशा 100999 test‏.htm उस पर आप नारी जाति के बड़े हितैषी बनते हैं। तुमने उन्हें 101000 test‏.htm आदमी समझते हो? हमारे नाम बड़े हैं, पर दर्शन थोड़े। ग़रीबों 101001 test‏.htm ‘बिना पाले ही इतने बड़े हो गये?’ 101002 test‏.htm खाके मर जाता। मुझसे दस साल बड़े होंगे भोला; पर राम-राम पहले 101003 test‏.htm और बड़े आदमियों के रोग भी बड़े होते हैं। वह बड़ा आदमी ही क्या, 101004 test‏.htm दी। वह जानता था, मेहताजी बड़े , सज्जन और परोपकारी पुरुष हैं; 101005 test‏.htm के साथ विहार करते थे। बड़े -बड़े अफ़सरों के साथ दावतें 101006 test‏.htm से होती है। आप जो इन बड़े -बड़े अफ़सरों को देखते हैं, 101007 test‏.htm का दूध बेचो, नगद। कितने ही बड़े -बड़े अमीरों से मेरी जान-पहचान 101008 test‏.htm और फिर कई-कई दाने मिलकर बड़े -बड़े आँवले जैसे हो गये। 101009 test‏.htm जोड़े रख सकता है, जिसपर बड़े -बड़े आघातों का भी कोई असर नहीं 101010 test‏.htm लोगों की क्या ख़ातिर करे। बड़े -बड़े आदमी हैं। उनकी ख़ातिर 101011 test‏.htm और क्षोभ आज हुआ, उतना बड़े -बड़े उपदेश सुनकर भी न हुआ था। 101012 test‏.htm बँगले में उसने उनके लिए दो बड़े -बड़े कमरे दे दिये। उनके भोजन 101013 test‏.htm से निकाल देती। वही काम बड़े -बड़े करते हैं, मुदा उनसे कोई 101014 test‏.htm और हम उनसे घृणा करते हैं। बड़े -बड़े काम करके वही टाउट राजाओं 101015 test‏.htm बुरा है। ज़रा से एहसान से बड़े -बड़े काम निकल जाते हैं।’ 101016 test‏.htm जाय; मगर अभी ज़िंदगी के दो बड़े -बड़े काम सिर पर सवार थे। गोबर 101017 test‏.htm ‘अबकी चुनाव में बड़े -बड़े गुल खिलेंगे। आपके लिए 101018 test‏.htm के वारे-न्यारे करते थे। बड़े -बड़े ज़मींदारों और रईसों की 101019 test‏.htm कमर के नीचे लटकती हुई, दो बड़े -बड़े दाँत सामने जैसे काट खाने 101020 test‏.htm से ही तो नहीं होता। मैंने बड़े -बड़े धन-कुबेरों को भिक्षुकों 101021 test‏.htm सभी राजनीति के आचार्य, बड़े -बड़े नाविक, बड़े-बड़े सब कुछ 101022 test‏.htm तैयार हो जाती हैं। बड़े -बड़े पंडित, बड़े-बड़े मौलवी, 101023 test‏.htm कई दिन से हो रहा था। बड़े -बड़े पोस्टर चिपकाये गये थे, 101024 test‏.htm युवती दो बड़े -बड़े मटके उठा लायी और बोली 101025 test‏.htm हैं, वह सब पुरुष थे। जितने बड़े -बड़े महात्मा हुए हैं, वह सब 101026 test‏.htm देखा होगा। रूप के चौखट पर बड़े -बड़े महीप नाक रगड़ते हैं। क्या 101027 test‏.htm अदाओं पर मर-मिटने के लिए बड़े -बड़े महीप लालायित रहते हैं। 101028 test‏.htm जाती हैं। बड़े-बड़े पंडित, बड़े -बड़े मौलवी, बड़े-बड़े लिखने 101029 test‏.htm जिस सौभाग्य के लिए बड़े -बड़े राजे तरसते हैं; वह आज उनके 101030 test‏.htm तुम्हारे पास जो कुछ है, वह बड़े -बड़े लखपतियों के पास नहीं है। 101031 test‏.htm काहे को भूख लगेगी। भाई ने बड़े -बड़े लड्डू खिला दिये हैं न! 101032 test‏.htm पंडित, बड़े-बड़े मौलवी, बड़े -बड़े लिखने और बोलनेवाले, जो 101033 test‏.htm भी बहुत पढ़ी थीं। बड़े -बड़े वकीलों, बैरिस्टरों की 101034 test‏.htm कहते हैं, वह व्यवहार में बड़े -बड़े व्यापारियों और ज़मींदारों 101035 test‏.htm आचार्य, बड़े-बड़े नाविक, बड़े -बड़े सब कुछ पुरुष थे; लेकिन 101036 test‏.htm काली-कलूटी, नाटी, कुरूपा, बड़े -बड़े स्तनोंवाली स्त्री थी। 101037 test‏.htm वध किया था। जब संकट में बड़े -बड़ों की मर्यादा टूट जाती है, 101038 test‏.htm ने पुचारा दिया -- आपका बड़े -से-बड़ा दुश्मन भी यह नहीं कह 101039 test‏.htm में कुछ भी असंभव नहीं है। बड़े -से-बड़ा महात्मा भी एक क्षण 101040 test‏.htm है कि अपना रक्त बहायें और बड़ों का घर भरें। मूलका दुगना सूद 101041 test‏.htm किया था। जब संकट में बड़े- बड़ों की मर्यादा टूट जाती है, तो हमारी-तुम्हारी 101042 test‏.htm मत जाय। मैं पहुँचा दूँगी। बड़ों की सेवा करने में लाज नहीं है।’ 101043 test‏.htm पुरुष थे; लेकिन इन बड़ों- बड़ों के समूहों ने मिलकर किया क्या? 101044 test‏.htm नहीं हँसता। नेकी-बदी सब बड़ों के सिर जाती है।’ 101045 test‏.htm सब कुछ पुरुष थे; लेकिन इन बड़ों -बड़ों के समूहों ने मिलकर किया 101046 test‏.htm गयी हैं; और मेरी ओर दो पग और बढ़ आया। 101047 test‏.htm न होने पर भी उनका यश मानो बढ़ गया था। असामियों से वह हँस 101048 test‏.htm करूँ, विचारों में उनसे आगे बढ़ गया हूँ और यह मानने लग गया हूँ 101049 test‏.htm में धनिया का सम्मान बहुत बढ़ गया। उसमें अद्भुत साहस है और 101050 test‏.htm उतना ही आज भी है; बल्कि और बढ़ गया। पहले नौकरी खोजते फिरते 101051 test‏.htm सलाह नहीं पूछता। बात बढ़ गयी और गोबर ने झुनिया को ख़ूब 101052 test‏.htm चाहूँगा कर लूँगा। बात बढ़ गयी और गौरी महतो ने पनहियाँ 101053 test‏.htm थे, तब से उनकी तृष्णा और भी बढ़ गयी थी; इसलिए राय साहब उनकी 101054 test‏.htm थे। क़र्ज़ की मात्रा बहुत बढ़ गयी थी; मगर अब राय साहब को इसकी 101055 test‏.htm से इस स्थान की रौनक़ और भी बढ़ गयी है। 101056 test‏.htm तब से संस्कृति बहुत आगे बढ़ गयी है।’ 101057 test‏.htm के आ जाने से चहल-पहल और बढ़ गयी। दूसरे गाँवों की स्त्रियाँ 101058 test‏.htm पटेश्वरी लाला आगे बढ़ गये। शोभा और होरी कुछ दूर चुपचाप 101059 test‏.htm चोर हो तो शक्कीपन और भी बढ़ जाता है। वह मेरी ओर देखकर क्यों 101060 test‏.htm जाता। रात को उसकी बेचैनी बढ़ जाती और मालती को प्रायः सारी 101061 test‏.htm की ओर ले गयी, नहीं बात बढ़ जाती; लेकिन आवाज़ की पहुँच 101062 test‏.htm का जवाब दे; लेकिन बात बढ़ जाने के भय से चुप रह गया। अगर 101063 test‏.htm उससे कहीं ज़्यादा झंझट बढ़ जायगा। उसमें ऐसी-कौन-सी लगनेवाली 101064 test‏.htm में उसका मान-सम्मान कितना बढ़ जायगा। वह उँगली दिखानेवालों 101065 test‏.htm तो कहता हूँ, तुम्हारी कमाई बढ़ जायगी भैया! जितनी देर में आलू 101066 test‏.htm पर बँधेगी तो द्वार की शोभा बढ़ जायगी। उसे अभी कोई चार सौ रुपए 101067 test‏.htm तो भय था, कहीं ज्वर और न बढ़ जाय। 101068 test‏.htm देते चलो। सूद ही तो बढ़ रहा है।’ 101069 test‏.htm बालक के साथ उसकी आत्मा भी बढ़ रही थी, खिल रही थी, चमक रही थी। 101070 test‏.htm लगते। पत्र की बिक्री ख़ूब बढ़ रही थी। मज़दूरों के नेता ‘बिजली’ 101071 test‏.htm बिलकुल नहीं बढ़ रही है? 101072 test‏.htm छापने लगूँ तो मेरे ग्राहक बढ़ सकते हैं; लेकिन अपनी तो वह नीति 101073 test‏.htm का जादू है। कार आगे न बढ़ सकी। 101074 test‏.htm तो दे दो। दिन-दिन बोझ बढ़ ही तो रहा है। 101075 test‏.htm दस-पाँच राजों और बढ़इयों को छोड़कर सब के सब उनके साथ 101076 test‏.htm से कम न थे। राज और बढ़ई और लोहार और बेलदार और खाट बुननेवाले 101077 test‏.htm तौल रहा था। नाई, बारी, बढ़ई , लोहार, पुरोहित, भाट, भिखारी, 101078 test‏.htm दातादीन ने एक क़दम आगे बढ़कर अपनी झुकी कमर को सीधा करके 101079 test‏.htm पीछे हट गयी। मथुरा आगे बढ़कर आँगन में आ गया और बोला -- सिल्लो 101080 test‏.htm कर दी थीं। मालती ने आगे बढ़कर उनका स्वागत किया। 101081 test‏.htm उसने आगे बढ़कर कहा -- पहले मैंने देखा था। तभी 101082 test‏.htm मालती ने एक क़दम और आगे बढ़कर कहा -- होने दो। तुम्हारी यही 101083 test‏.htm कार की ओर चली। मेहता ने बढ़कर कार का द्वार खोल दिया। गोविंदी 101084 test‏.htm में घर स्वर्ग से भी बढ़कर कोई चीज़ थी। 101085 test‏.htm पटेश्वरी ने आगे बढ़कर दारोग़ाजी के कान में कहा -- तलासी 101086 test‏.htm अपने अपमान का। अपमान से भी बढ़कर दुःख था जीवन की संचित अभिलाषाओं 101087 test‏.htm के साथ जलना-मरना है, मुझसे बढ़कर दूसरा उनका हितेच्छु नहीं हो 101088 test‏.htm भोला ने उसकी ओर दस क़दम बढ़कर पूछा -- ईमान से कहना होरी महतो, 101089 test‏.htm झुका, जो अभिलाषाओं से कहीं बढ़कर सत्य था। जिस नयी जायदाद के 101090 test‏.htm अपमान न सह सका। उन्होंने बढ़कर हिरन को गर्दन पर उठा लिया और 101091 test‏.htm जाता है। बटवारे का मरज़ भी बढ़ता जाता था। आपस में इतना वैमनस्य 101092 test‏.htm थे, उनके मन में आकर्षण बढ़ता जाता था। रूप का आकर्षण तो उन 101093 test‏.htm नहीं छूटता। इसी तरह सूद बढ़ता जायगा और एक दिन उसका घर-द्वार 101094 test‏.htm ऊपर रिन का बोझ इसी तरह बढ़ता जायगा। मैं कहाँ तक भरूँगा? 101095 test‏.htm समीप से देखकर उनका आकर्षण बढ़ता ही जाता है दूर से पुस्तक के 101096 test‏.htm कम भी मिलें; लेकिन ज्ञान बढ़ता है और आँखें खुलती हैं।’ 101097 test‏.htm हिंसा-प्रवृत्ति दिन-दिन बढ़ती गयी और आज हम देख रहे हैं कि यह 101098 test‏.htm प्रतिक्षण भीतर की दाह बढ़ती जाती थी। न रहा गया। एक मज़दूर 101099 test‏.htm होता जाता है, उसकी चिंता बढ़ती जाती है। इस घर में तो उसकी मरन 101100 test‏.htm से नहीं डरती। अगर हमारी बढ़ती देखकर किसी की छाती फटती है, 101101 test‏.htm मजूरी में एक धेले की भी बढ़ती नहीं हुई, तो अब वह घाटे में क्यों 101102 test‏.htm जिस पर कोई सौ रुपए सूद के बढ़ते जाते थे। मँगरू साह से आज पाँच 101103 test‏.htm था। पचहत्तर रुपए माहवार बढ़ते जाते थे। मकानदार ने जब बहुत 101104 test‏.htm जाते थे और पाली की तरफ़ बढ़ते जाते थे। रस्सी का जो एक कठघरा-सा 101105 test‏.htm एक-न-एक हाकिम रोज़ नये-नये बढ़ते जाते हैं। डाक्टर कुओं में दवाई 101106 test‏.htm को उन्होंने अपनी आँखों से बढ़ते देखा था और उनकी कार्यदक्षता 101107 test‏.htm नहीं, मैं आ रही हूँ। आगे न बढ़ना , ख़बरदार।’ 101108 test‏.htm कर सकूँ। धन मेरे लिए बढ़ने और फलने-फूलनेवाली चीज़ नहीं, 101109 test‏.htm को कुछ सदय देखकर उसका मन बढ़ने लगा था। वह अपने भाषण से, और अपनी 101110 test‏.htm इन दिनों लगे हुए थे, वह आगे बढ़ने से इनकार कर रही थी, जैसे उनका 101111 test‏.htm आदमी थे, संग्राम में आगे बढ़नेवाले। दो बार जेल हो आये थे। किसी से 101112 test‏.htm हो गयी। झगड़ा इतना बढ़ा कि अलगौझे की नौबत आ गयी। और 101113 test‏.htm करके तुम अपना सम्मान बढ़ा नहीं रही हो मालती! 101114 test‏.htm समझती हूँ, मैं अपना सम्मान बढ़ा रही हूँ; यों आप अपने को कुछ समझें 101115 test‏.htm को अपनी आँखों में इतना बढ़ा लिया है कि जो कुछ करे, अपने ही 101116 test‏.htm होरी आगे बढ़ा , तो उसका चित्त प्रसन्न था। 101117 test‏.htm एक्के पर सामान रखा, एक्का बढ़ा , पहुँचाने वाले गली के मोड़ 101118 test‏.htm कातर स्वर में कहा -- राढ़ मत बढ़ाओ बेटा, भोला गोईं ले गये, भगवान 101119 test‏.htm -- इसी भावना का क्षेत्र और बढ़ाकर -- भावी नारीत्व का आदर्श निर्माण 101120 test‏.htm हुआ था; मगर जब मैंने हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ना चाहा, तो देखा। वह 101121 test‏.htm खान ने हाथ बढ़ाकर कहा -- तो अम तुमको लूट ले जायगा। 101122 test‏.htm होरी ने एक पग बढ़ाकर कहा -- ले जाता हूँ भोला के घर। 101123 test‏.htm से निकाल कर भूरे की तरफ़ बढ़ाकर कहा -- लो, घरवाली के लिए मिठाई 101124 test‏.htm से कलसा लेने के लिए हाथ बढ़ाकर झेंपते हुए कहा -- तुम रहने दो, 101125 test‏.htm ब्याह करके घर में कलह नहीं बढ़ाता तो यह मेरी नीच स्वार्थपरता 101126 test‏.htm वह होता है कि घर की संपत बढ़ाता है, मैं ऐसा कपूत हो जाऊँ कि बाप-दादों 101127 test‏.htm डोंगी मिल जायगी। वह क़दम बढ़ाती हुई चली। नदी पर आकर देखा, तो 101128 test‏.htm ने सिगरेट-केस उनकी तरफ़ बढ़ाते हुए प्रसन्न मुख से कहा -- रात 101129 test‏.htm पटेश्वरी पीछे से क़दम बढ़ाते हुए बराबर आकर बोले, यही कह रहा 101130 test‏.htm की शोभा और अपने घर का गौरव बढ़ाना चाहता था। वह चाहता था, लोग गाय 101131 test‏.htm डालना था, इस समय झगड़ा न बढ़ाना चाहती थी। रूपा भी लड़कों में 101132 test‏.htm मालती से घनिष्ठता बढ़ानी शुरू की थी, खन्ना की नज़रों 101133 test‏.htm केवल अपना प्रभाव और शक्ति बढ़ाने का साधन था। राय साहब कौंसिल 101134 test‏.htm राय साहब ने गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए दो बीड़े पान खाये और 101135 test‏.htm दबाये कमरे में आये और हाथ बढ़ाया कि राय साहब ने बमगोला छोड़ 101136 test‏.htm रहा था। मिर्ज़ा ने भी क़दम बढ़ाया ; पर स्थूलकाय तंखा पीछे रह गये। 101137 test‏.htm डरते डरते मालती की तरफ़ बढ़ाया। 101138 test‏.htm ने उन्हें सहारा देकर आगे बढ़ाया। 101139 test‏.htm उसने जान पर खेलकर पाँव आगे बढ़ाया। अब वह मझधार में है। मौत उसके 101140 test‏.htm जा सकती हैं, उनकी पैदावार बढ़ायी जा सकती है और बेफ़स्ल की चीज़ें 101141 test‏.htm होरी क़दम बढ़ाये चला जाता था। पगडंडी के दोनों 101142 test‏.htm मेहता ने तेज़ी से क़दम बढ़ाये। मालती उन्हें देखती रही। जब 101143 test‏.htm रख रहे हों। मिर्ज़ा ने बढ़ावा दिया -- शाबाश! मेरे शेर, वाह-वाह! 101144 test‏.htm मानो अपने एक साथी का बढ़ावा सुनकर पीछे लौट पड़ा। 101145 test‏.htm यह धमकी देकर वह आगे बढ़ा। उसकी हेकड़ी ने उसके युवक भक्तों 101146 test‏.htm मालती और आगे बढ़ी -- ‘चीं’ बुलाने के लिए आप इतनी 101147 test‏.htm गोविंदी आज बहुत बढ़ी जाती थी। मालूम होता है, आज वह 101148 test‏.htm की कमी तो है नहीं। बेकारी बढ़ी हुई है; इसके आधे वेतन पर ऐसे 101149 test‏.htm सोना भी दो-तीन क़दम आगे बढ़ी ; पर अपने उछाह को भीतर ही दबा 101150 test‏.htm और शीत से काँपती आगे बढ़ी। चारों ओर सन्नाटा था। गीदड़ों 101151 test‏.htm मेहता आगे बढ़े -- इसलिए जब मैं देखता हूँ, हमारी 101152 test‏.htm मेहता आगे बढ़े -- मैं प्राणियों के विकास में 101153 test‏.htm मेहता आगे बढ़े -- स्त्री को पुरुष के रूप में, 101154 test‏.htm जाइये -- हाँ मिर्ज़ा, बढ़े चल पट्ठे। 101155 test‏.htm और बात में पटेश्वरी उनसे बढ़े हुए थे। लोगों का ख़याल था कि 101156 test‏.htm कि हीरा सामने खड़ा है, बाल बढ़े हुए, कपड़े तार-तार, मुँह सूखा 101157 test‏.htm बोली -- हुज़ूर का एक़बाल बढ़े , नाम बढ़े। 101158 test‏.htm की क्या दशा है? कुछ ग्राहक बढ़े ? 101159 test‏.htm के साल सूद न दोगे, तो आप ही बढ़ेंगे।’ 101160 test‏.htm लो। इसटाम लिखोगे, तो सूद बढ़ेगा और झमेले में पड़ जाओगे। 101161 test‏.htm देखकर दूसरी विधवाओं का मन बढ़ेगा कि नहीं? आज भोला के घर में यह 101162 test‏.htm होशियार होगा, मजूरी भी तो बढ़ेगी। तब वह दादा से कहेगा, अब तुम घर 101163 test‏.htm से हाथ छुड़ा लिया और आगे बढ़े। 101164 test‏.htm तंखा दो डग और बढ़े। आँखें निकली पड़ती थीं। 101165 test‏.htm खाँचे सिर पर रखे और आगे बढ़े। दोनों इतने प्रसन्न थे मानो 101166 test‏.htm दोनों और आगे बढ़े। मातादीन आगे था। सिलिया पीछे। 101167 test‏.htm हुज़ूर का एक़बाल बढ़े, नाम बढ़े। 101168 test‏.htm ‘डाक्टर साहब ने तो बतला दिया और आपके ख़्याल में वह 101169 test‏.htm मेहता बुरा न मानें, तो बतला दूँ। 101170 test‏.htm का क्या आदर्श है, आपको यह बतला देने का मोह मुझसे नहीं रुक 101171 test‏.htm आँखों से बहते हुए आँसू बतला रहे थे कि मोह का बंधन तोड़ना 101172 test‏.htm ‘आप बतला सकते हैं, इस वक़्त आप कितने 101173 test‏.htm हैं। निकालिए अपनी बही और बतलाइए अब तक आपको मेरी रियासत से कितना 101174 test‏.htm मालती ने पूछा -- अच्छा बतलाइए , आप आइडियलिस्ट हैं या मेटीरियलिस्ट। 101175 test‏.htm तो सारा दारोमदार है। अब आप बतलाइए , आप मेरी क्या मदद कर सकते हैं?’ 101176 test‏.htm मैं आपका क्या बना लेता? बतलाइए ? कहीं नालिश-फ़रियाद भी तो नहीं 101177 test‏.htm करके अपने ताज़े विचार बतलाइए। दंपति कैसे सुखी रह सकते हैं, 101178 test‏.htm ‘मैं! कभी बतलाऊँगा।’ 101179 test‏.htm मालती ने सशंक होकर पूछा -- बतलाओ ! 101180 test‏.htm मैं अपने लिए उसकी ज़रूरत बतलाकर और उसके विचारोत्तेजक गुणों 101181 test‏.htm ‘आधे में बतलाती हैं।’ 101182 test‏.htm ‘मैं नहीं बतलाना चाहता।’ 101183 test‏.htm है, तो नया नुसख़ा आपको बतलाना चाहिए। आपको ज्ञात नहीं कि दुनिया 101184 test‏.htm को हल करने का उपाय भी बतलाना होगा। 101185 test‏.htm पर मुझे आज तुम्हें यह बात बतलानी पड़ती है। कितने रुपए वसूल हुए 101186 test‏.htm मिर्ज़ा साहब ने जो काम बतलाया , उस पर सब और भी चकित हो गये। 101187 test‏.htm वही है, जो अभी खन्नाजी ने बतलाया। एक हज़ार ही की बात है और रुपए 101188 test‏.htm की महिलाओं के जीवन आदर्श बतलाये और कहा -- शीघ्र ही वीमेंस लीग 101189 test‏.htm और कहता है कैसा डाका? अम बतलायेगा कैसा डाका होता है। अमारा पचीसों 101190 test‏.htm गुस्ताख़ी पर कमर बाँधी! बता तू किसके इलाक़े में रहती है? 101191 test‏.htm लगी। उसकी सहज-बुद्धि ने बता दिया कि पटेश्वरी ही की कारस्तानी 101192 test‏.htm दातादीन से उसका यह नाता बता दिया था। 101193 test‏.htm भी तो नहीं, चुड़ैल ने पहले बता दिया होता तो किसी से दो-चार 101194 test‏.htm किस बात की लाज! मुझसे बता दिया होता, तो मैं मौलवी साहब 101195 test‏.htm होता है, उसने उसे बता दिया, अब रोने में तुम्हारा 101196 test‏.htm जात पूछी। गोबर ने ठीक-ठीक बता दिया। उस पुरुष का नाम कोदई 101197 test‏.htm हो जाय। धनिया से नाहक़ बता दिया। चुपके से गाय लेकर बाँध 101198 test‏.htm जिस बूटी में जो गुण चाहे बता दीजिए, वह आपकी लियाक़त पर मुनहसर 101199 test‏.htm नेम का निभाना कठिन है। कोई बता दे कि हमने कभी बाज़ार की कोई 101200 test‏.htm ‘तू इतना बता दे कि हमारी बहनों के ब्याह 101201 test‏.htm इससे क्या मतलब। तू इतना बता दे क्या-क्या सामान लाना होगा? 101202 test‏.htm ‘पहले आप यह बता दें कि आप जाना चाहती हैं, या 101203 test‏.htm नहीं कह सकती। साफ़-साफ़ बता दे। 101204 test‏.htm सिल्लो, मुझसे साफ़-साफ़ बता दो, नहीं मैं तुम्हारे सामने, 101205 test‏.htm ‘पहले यह बता दो, रुपए मिल गये?’ 101206 test‏.htm अगर मन में कपट हो, मुझे बता दो। सचेत हो जाऊँ। ऐसों को मन 101207 test‏.htm जायँगे। पहले का अनुभव यही बता रहा था कि क़र्ज़ वह मेहमान 101208 test‏.htm मैं यों ही पहुँच गया। आप बता सकती हैं, किसी फ़िलासफ़र ने 101209 test‏.htm कहाँ से देंगे बेचारे, बता ! पहले ही क़र्ज़ के बोझ से दबे 101210 test‏.htm किसकी पगड़ी नीची होती है बता !। (एक लात और जमाकर) हम तो वहाँ 101211 test‏.htm हाथ जोड़ने लगा। हाँ, यह तो बता , इधर मतई से तेरी भेंट नहीं हुई! 101212 test‏.htm सहालग में लगन ठीक हुआ है। बता , क्या-क्या सामान लाना चाहिए। 101213 test‏.htm ही था। कौन था मेरे सिवा, बता ? मैं न मदद करता, तो आज उनकी क्या 101214 test‏.htm ‘कौन-कौन सी जड़ी बूटी है, बता ?’ 101215 test‏.htm ‘क्या कहते हैं, बता ?’ 101216 test‏.htm ‘अच्छा, आप ख़ुद अपनी फ़ीस बताइए।’ 101217 test‏.htm धनिया ने फटकार बताई -- अच्छा रहने दो, बड़े न्यायी 101218 test‏.htm निकले तो राय साहब ने डाँट बताई -- अच्छा! अब सरकार की नींद खुली 101219 test‏.htm जा रही थी कि होरी ने फटकार बताई -- तू जाती क्यों नहीं धनिया? 101220 test‏.htm लगीं कि दातादीन ने डाँट बताई -- यहाँ तमाशा क्या देखती है धनिया? 101221 test‏.htm मारा -- देखो, डाँट भी बताई और एक हज़ार रुपए भी वसूल किये। 101222 test‏.htm नहीं। तुमने अच्छी डाँट बताई। पटवारी के कान भी ज़रा गरमा 101223 test‏.htm उन्हें देखकर आप लोगों को बताऊँ कि आप उन्हें कैसे तंदुरुस्त 101224 test‏.htm कातर स्वर में बोला -- कहाँ बताऊँ दादा! बस यही समझ लो कि तुम्हारे 101225 test‏.htm ने करुण-कंठ से कहा -- क्या बताऊँ महाराज, परती रहेंगे। 101226 test‏.htm नेत्रों से देखा -- क्या बताऊँ , कुछ अक़्ल काम नहीं करती। मैं 101227 test‏.htm सेर लड्डू लाकर चढ़ाइए, तब बताऊँगा। बात यह है कि मेरा तरह-तरह के 101228 test‏.htm साहब कारण पूछेंगे, तो क्या बताऊँगी ?’ 101229 test‏.htm जाकर सबसे सलाह कर लूँ, तो बताऊँ। 101230 test‏.htm ‘अब तुमसे क्या बताऊँ।’ 101231 test‏.htm दूर कैसे आ गयी। अच्छा, बताओ अब कब आओगे? रात को मेरे द्वार 101232 test‏.htm फिर छेड़ा -- अच्छा, ईमान से बताओ साह, कितने रुपए दिये थे, जिसके 101233 test‏.htm तुम्हारा शागिर्द हो गया। बताओ , क्या जादू मारा? 101234 test‏.htm उसने पूछा -- बताओ , तुम कैसे प्रेम से संतुष्ट 101235 test‏.htm ‘अच्छा बताओ , तुम्हें बूढ़ा अच्छा लगता है, 101236 test‏.htm हो जाता है। अब तुम्हीं बताओ , माता पर मेरा क्या बस है? जन्म 101237 test‏.htm एक ही घाघ हो। अच्छा बताओ , मेरे विषय में तुम्हारा क्या 101238 test‏.htm हूँ लाला! लेकिन तुम्हीं बताओ , मैं क्या करूँ! मैं झुनिया को 101239 test‏.htm बोले -- मुझे भी तो कोई काम बताओ , मैं क्या करूँ? 101240 test‏.htm ही लड़की है; लेकिन तुम्हीं बताओ , मैं क्या करूँ? तुम्हारा ही 101241 test‏.htm करुण स्वर में कहा -- अच्छा बताओ , मैं यहीं पानी में डूब जाऊँ, 101242 test‏.htm मुझे मार ही डालोगे। अच्छा बताओ ; रात तुमने मुझे इतना क्यों 101243 test‏.htm से नहीं पटती, उन्हें धता बताओ ; शादी मत करो, यह बंधन है; बच्चे 101244 test‏.htm तो कितनी आबरू रह जायेगी, बताओ। 101245 test‏.htm ‘नहीं, तुम बताओ।’ 101246 test‏.htm मालती उन्हें फटकार बताकर फिर अपनी जगह पर आ बैठी। किसी 101247 test‏.htm भाग गया, कोई डमरा टापू बताता था। सुन-सुनकर जान सूखी जाती 101248 test‏.htm लाये हो?। ख़ूब दिक करके तब बताता ; लेकिन जब पेट में बात पचे भी। 101249 test‏.htm तो हम लोग करेंगे, आप केवल बताती जाइएगा।’ 101250 test‏.htm का सालन पका दूँगी। तुम बताते जाना जैसे बनाना हो। थोड़ा-सा 101251 test‏.htm भी इसी तरह की उड़नघाइयाँ बताते थे, किसी को किसी पर विश्वास 101252 test‏.htm ‘बताना अपना सिर और क्या। मैं इस व्यभिचारशाला 101253 test‏.htm पटती। क्यों नहीं पटती, यह बताना कठिन है। ज्योतिष के हिसाब से 101254 test‏.htm जो कर्म है, क्या वह उसको बताना पड़ेगा? जो जीवन का संगी था उसके 101255 test‏.htm के गाँव हैं। ज़िले का नाम बताने की कोई ज़रूरत नहीं। होरी बेलारी 101256 test‏.htm खिलाया, सेंत-मेंत में भाभी बताने को तैयार।’ 101257 test‏.htm न था। एक दूसरी औरत ने बताया -- कोई साल भर का होगा, क्यों री? 101258 test‏.htm और मजूरी का कुछ ऐसा ब्योरा बताया कि होरी के हाथ एक चौथाई से ज़्यादा 101259 test‏.htm ने पूछा भी, कहाँ जाते हो; पर बताया नहीं। उसने पाँच रुपए आले में 101260 test‏.htm गोबर ने बताया , उसके मौरूसी पाँच बीघे खेत 101261 test‏.htm ने अपने गाँव का नाम और पता बताया। अंदाज़ से अट्ठारह-बीस कोस होंगे। 101262 test‏.htm मालती ने फटकार बतायी -- ऐसी ही लौंडियाँ मर्दों को 101263 test‏.htm हो गये और होरी को डाँट बतायी -- पहले हमारे रुपये दे दो होरी, 101264 test‏.htm तंखा ने राय साहब को डाँट बतायी -- शेर की माँद में घुसना कोई 101265 test‏.htm ‘मुझे तो उसने ऐसी फटकार बतायी कि मैं लजा गया।’ 101266 test‏.htm उस पर जो दातादीन ने डाँट बतायी , तो होरी परास्त हो गया। चुपके 101267 test‏.htm रुपए लेगा, और डाँट ऊपर से बतायेगा और तुमसे मजूरी करायेगा और काम 101268 test‏.htm साहब ने एक लाख पचीस हज़ार बताये। पंद्रह बीघे ज़मीन भी तो है 101269 test‏.htm बिनौले बिछे देखे, तो समझा, बतासे फैले हुए हैं। कई उठाकर खाये 101270 test‏.htm -- लेकिन काम कैसे चलेगा, यह बता। 101271 test‏.htm न हो, तो रुपए कहाँ से बनें, बता। 101272 test‏.htm रुपए कहाँ लिये जा रहा है, बता। भला चाहता है, तो सब रुपए लौटा 101273 test‏.htm तूने कौन-सा सुख उठा लिया, बता। 101274 test‏.htm दिया- बत्ती का समय आ गया था। ठंडक पड़ने 101275 test‏.htm दिया- बत्ती का समय आ गया था। धनिया ने जाकर 101276 test‏.htm हुआ था। उनकी बहन कमरे की बत्ती बुझा दिया करती थीं। एक दिन 101277 test‏.htm जाते थे। और अभी अवस्था तीस- बत्तीस से अधिक न थी और स्वास्थ्य तो 101278 test‏.htm बाजरे की रोटियाँ और बथुए का साग पका रही थी। सुगंध से 101279 test‏.htm हैं। जब देखिए हुज़ूर की बदगोई। जब से आप मिनिस्टर हुए हैं, उनकी 101280 test‏.htm ने उस पर उलटा बदचलनी का आक्षेप लगाया। राय साहब ने 101281 test‏.htm ‘चाहे स्त्री कितनी ही बदज़बान हो?’ 101282 test‏.htm अधिकांश की दशा तो इससे भी बदतर थी। शोभा और हीरा को उससे अलग 101283 test‏.htm न करूँगा, जो गुनाह से भी बदतर है। आज आपके सामने प्रतिज्ञा 101284 test‏.htm थे और घर का इंतज़ाम और भी बदतर हो गया था। खाते दो फुलके और 101285 test‏.htm रूपा रोती हुई आई नंगे बदन एक लँगोटी लगाये, झबरे बाल इधर-उधर 101286 test‏.htm का स्वागत किया। दोहरे बदन के ऊँचे आदमी थे, गठा हुआ शरीर, 101287 test‏.htm मालूम है, झूठ से मेरे बदन में आग लग जाती है। मैंने आज 101288 test‏.htm न थी। यह हाल सुनकर तो उसके बदन में आग ही लग गयी। 101289 test‏.htm जा रहा है। हम क्या अपना बदन लेकर भी उसके बराबर नहीं चल 101290 test‏.htm बात पीट दी कि यों नाम बदनाम कर दिया। 101291 test‏.htm था। धनिया मुझे नाहक़ बदनाम करती फिरती है। यह लाला पटेश्वरी 101292 test‏.htm चाहती। उन्होंने मुझे बदनाम करने का जितना प्रयत्न किया 101293 test‏.htm कहा -- दुनिया को दूसरों को बदनाम करने में मज़ा आता है। यह उसका 101294 test‏.htm कह रहा है! हीरा को क्यों बदनाम करूँ।’ 101295 test‏.htm उसके पीछे सारे गाँव में बदनाम नहीं हो रहे हैं?’ 101296 test‏.htm तरह बचा रहा था। फ़ाके सहे, बदनाम हुआ, मज़ूरी की; पर क़िले को हाथ 101297 test‏.htm तो साफ़ कहता हूँ और इसीलिए बदनाम हूँ। 101298 test‏.htm पी जाता है। सोचो, कितनी बदनामी और जग-हँसाई हो रही है। वह कुलटा 101299 test‏.htm सुख अब गये। वह औरत चंचल है, बदनामी और जलन के सिवा तुम उससे कोई 101300 test‏.htm चाहिए। जब ज़िंदगी में बदनामी और दुर्दसा के सिवा और कुछ न 101301 test‏.htm ही मिलती है। नेकी न करना बदनामी की बात नहीं। अपनी इच्छा नहीं 101302 test‏.htm हो गया है, इसलिए तुम्हारी बदनामी नहीं सुनी जाती, नहीं मुझे क्या 101303 test‏.htm कुछ कम हो; मगर यह सारी बदनामी मुख़्तारों के सिर जाती थी। 101304 test‏.htm के फेर में पड़कर व्यर्थ बदनामी ली, जेल गये और अफ़सरों की नज़रों 101305 test‏.htm आदमी को यश के बदले अपयश और बदनामी ही मिलती है। नेकी न करना बदनामी 101306 test‏.htm देना पड़ा, बिरादरी में बदनामी हुई, खेती टूट गयी, सारी दुर्गत 101307 test‏.htm करने से बिरादरी में कितनी बदनामी हो रही है, यह सोच! 101308 test‏.htm ब्याह कर डालो। अब तो बड़ी बदनामी हो रही है। 101309 test‏.htm चाहता। और तो क्या होगा, बदनामी होगी। हाँ, कहाँ तक नाम के पीछे 101310 test‏.htm नहीं जानते, चारों तरफ़ बदनाम। मैं तो ऐसी ज़िंदगी से मर जाना 101311 test‏.htm बिलों में रहते हैं -- गंदे, बदबूदार बिलों में -- जहाँ आप एक मिनट 101312 test‏.htm का चेहरा जर्द पड़ गया। इस बदमाश ने यह क्या बेवक़्त की शहनाई 101313 test‏.htm दुष्ट को गोली मार दें। इसी बदमाश ने सब्ज़ बाग़ दिखाकर उन्हें 101314 test‏.htm उसका काम था। थानेदार साहब बदमाशी में उसका चालान करनेवाले थे, 101315 test‏.htm आ खड़ा हुआ और बोला -- तुम इन बदमाशों से अमारा माल दिलवाये, नयीं 101316 test‏.htm धक्-धक् करने लगी। यह कुछ बदमासी कर बैठे, तो क्या करूँगी। कोई 101317 test‏.htm ‘अगर मर्द बदमिज़ाज है, तो तुम्हारी राय में उस मर्द 101318 test‏.htm पाप समझते थे। समय कितना बदल गया है। समय के साथ अगर नहीं 101319 test‏.htm है, चाहे उसका रूप कुछ बदल गया हो। मैंने तब से बराबर यही 101320 test‏.htm संग्राम का क्षेत्र बदल गया। 101321 test‏.htm क्यों जैसे इसका मिज़ाज ही बदल गया। जाड़ा आ गया था; पर न ओढ़न, 101322 test‏.htm कुश्ती का जोड़ बदल गया। राय साहब किनारे खड़े हो 101323 test‏.htm केंद्र है; मगर परिस्थिति बदल गयी है। तब मालती प्यासी थी, 101324 test‏.htm विषय में उसकी राय ज़रूर बदल गयी होगी।’ 101325 test‏.htm लगने से लौंडे की आँखें बदल गयीं। ऐसा क्यों नहीं समझ लेती। 101326 test‏.htm सुनते ही उसकी मनोवृत्ति बदल गयी। पगहिया को भोला के हाथ 101327 test‏.htm ठीक नहीं। कहीं भोला बदल गये या और किसी कारन से गाय न 101328 test‏.htm आदमी इतनी जल्द कैसे इतना बदल जाता है। 101329 test‏.htm किसी का रोज़-रोज़ मन कैसे बदल जाता है। क्या आदमी गाय-बकरी 101330 test‏.htm अंत में इजलास पर गवाहों का बदल जाना, ऐसा सजीव और सत्य था कि 101331 test‏.htm की व्यवस्था क्या आसानी से बदल जायगी? वह तो सदियों का मुआमला 101332 test‏.htm हो पंडित, क्या तब संसार बदल जायेगा? क़ानून और न्याय उसका 101333 test‏.htm है। मैं उसका स्वभाव कैसे बदल दूँ; लेकिन यह व्यर्थ का कलंक 101334 test‏.htm की व्यवस्था ऊपर से नीचे तक बदल न डाली जाय, इस तरह की मंडली से 101335 test‏.htm शोभा बदल पड़ा। बोला -- मेरे पास रुपये 101336 test‏.htm पश्चात्ताप में करवटें बदल रहा था। अंधकार में प्रकाश की 101337 test‏.htm निकले। दोनों कैसे पैंतरे बदल रहे हैं! इन हड्डियों में अभी 101338 test‏.htm कमरों में गये और कपड़े बदल -बदलकर भोजनालय में जमा हो गये। 101339 test‏.htm धनिया ने त्योरी बदलकर कहा -- क्या ज़रा दम भी न लेने 101340 test‏.htm धनिया ने बात बदलकर कहा -- देखो, गोबर गाय लेकर आता 101341 test‏.htm मुश्किल कर देंगी। बात बदलकर बोली -- अच्छा ख़ैर, होगा। आज 101342 test‏.htm कमरों में गये और कपड़े बदल- बदलकर भोजनालय में जमा हो गये। यहाँ 101343 test‏.htm उम्र के साथ जीभ की तेज़ी बदलती जाती थी, उसकी काट घटती जाती 101344 test‏.htm टल जाना ही उचित समझा। जनमत बदलते देर नहीं लगती। उससे बचे रहना 101345 test‏.htm गोबर को भी अपनी राय बदलनी पड़ी। बोला -- माता का आदर करना 101346 test‏.htm आगे चल कर हमें अपनी धारणा बदलनी पड़े।’ 101347 test‏.htm बाद कभी-कभी मुँह का सवाद बदलने के लिए हलवा-पूरी भी चाहिए। 101348 test‏.htm पड़ते ही मैंने ऐसा चोला बदला कि लोग देखते रह गये। सोभा और 101349 test‏.htm मर-मर के पाला-पोसा। उसका बदला क्या यही है कि उनके घर से जाने 101350 test‏.htm से उसके एहसानों का बदला देना चाहा था, तो उसने किस तरह 101351 test‏.htm किया है, आज वह उसका बदला लेगी। असामी को देखकर महाजन 101352 test‏.htm में, वह पुरानी अदावतों का बदला लेने और बाप-दादों का ऋण चुकाने 101353 test‏.htm होती। यह उसी नेकी का बदला है! इसी चुड़ैल के पीछे डाँड़ 101354 test‏.htm पर गिर रहा है। फिर दृश्य बदला , धनिया दुलहिन बनी हुई, लाल चुँदरी 101355 test‏.htm देने को तैयार हैं। करेंगे बदला ? यह सब धूर्त्तता है, निरी मोटमरदी। 101356 test‏.htm कि चार पैसे देखे और आँखें बदलीं। आज होरी ने ऐसी हेकड़ी जतायी 101357 test‏.htm मारेगी। ऐसे आदमी को यश के बदले अपयश और बदनामी ही मिलती है। 101358 test‏.htm गया। इस मिलन से हर्ष के बदले उसे ईर्ष्या हुई। सोना का रंग 101359 test‏.htm ज़मीन पर पैर पटके, पैंतरे बदले और बंदूक़ को कंधे से उतारकर 101360 test‏.htm जिसे सुनकर लोग दया करने के बदले कानों पर हाथ रख लेते हैं। बेचारा 101361 test‏.htm त्याग करते हैं उनसे किसी बदले की आशा न रखकर भी उनके मन पर शासन 101362 test‏.htm मेहनत करने से रोकने के बदले ख़ुद उसके साथ बैठी-बैठी सुतली 101363 test‏.htm नेवते में जाकर पूरियों के बदले जूते पड़े हों -- अब करो खेती 101364 test‏.htm वह गरजने और गुर्राने के बदले मीठी बोली बोल सकता, तो उसे घर 101365 test‏.htm है, जो कुछ देता है, उसके बदले में कुछ चाहता भी है। श्रद्धा 101366 test‏.htm का तन और मन दोनों लेकर भी बदले में कुछ न देना चाहता था। सिलिया 101367 test‏.htm होगी। बरसा क्या, अमृत के बदले विष, और सिलिया के रोम-रोम में 101368 test‏.htm दोनों दौड़े और चमारों के बदले हुए तेवर देखकर उन्हें शांत 101369 test‏.htm मन ललचा उठा; मगर बात कैसे बदले। 101370 test‏.htm हैं; मगर दौलत का राज्य बदस्तूर क़ायम है। उसमें ज़रा भी कमज़ोरी 101371 test‏.htm मालिक है। जो कुछ भोगना बदा है, भोगेंगे। चालीस सात सैंतालीस 101372 test‏.htm भी होगा। भाग्य में सुख बदा होता, तो लड़का यों हाथ से निकल 101373 test‏.htm को कोई नहीं हँसता। नेकी- बदी सब बड़ों के सिर जाती है।’ 101374 test‏.htm नेकी है, बाहर निकल आये तो बदी है। नोहरी चारों ओर कहती फिरती 101375 test‏.htm समझ लो कि तुम्हारे दर्शन बदे थे, बच गया। हत्या सिर पर सवार 101376 test‏.htm वाले थे। कितने ही उनकी बदौलत बन गये थे। कितनों ही को गाढ़े 101377 test‏.htm और पटेश्वरी तो नौकरी के बदौलत महाजन बने हुए थे। कहाँ जा सकते 101378 test‏.htm हुआ जा रहा है। इस शराब की बदौलत मैंने लाखों की हैसियत बिगाड़ 101379 test‏.htm भाई जो इसी रियासत की बदौलत मौज उड़ा रहे हैं, कविता कर रहे 101380 test‏.htm मित्र था, जिसने उनकी बदौलत लेन-देन में लाखों कमाये थे, 101381 test‏.htm कोई अवसर आ जाता है, तो आपकी बदौलत हम भी कुछ पा जाते हैं। नहीं 101382 test‏.htm आयेंगे। लक्ष्मीपतियों की बदौलत ही हमारी बड़ी-बड़ी संस्थाएँ 101383 test‏.htm भी हो गये थे। चारों ओर से बधाइयाँ मिल रही थीं। तारों का ताँता 101384 test‏.htm राय साहब ने मेहता को बधाई दी -- आपने मन की बातें कहीं मिस्टर 101385 test‏.htm उत्तम कृति कहकर उन्हें बधाई दी थी। जिस प्रतिमा की वह सच्चे 101386 test‏.htm वह शिकारी बन जाय, तो आप उसे बधाई देंगी? हंस के पास उतनी तेज़ 101387 test‏.htm मालती हँसी -- आप क्यों न बधाई देंगे, चोर-चोर मौसेरे भाई जो 101388 test‏.htm स्वर्ग है, तो मैं उन्हें बधाई नहीं दे सकता। 101389 test‏.htm के दुःख में दुखी थे और बधिक को गालियाँ देते थे। वह इस समय 101390 test‏.htm हो। घर बिकवा लूँगा; बैल बधिये नीलाम करा लूँगा। 101391 test‏.htm की मरज़ी होगी, तो फिर बैल- बधिये हो जायँगे, और मजूरी ही करते 101392 test‏.htm नहीं आ सकती। रोटियाँ ढाल बन कर अधर्म से हमारी रक्षा करती 101393 test‏.htm जिस दिन मेहता की अचकनें बन कर आयीं और नयी घड़ी आयी, वह संकोच 101394 test‏.htm नहीं; अगर वह धर्मात्मा बन कर रहें, तो उनका ज़िंदा रहना 101395 test‏.htm लूँगी। फिर तुम मेरी सौत बन कर राज करना। देखो, गँड़ासा 101396 test‏.htm रहने दो, बड़े अंतरजामी बन के। तुम्हें बार-बार मँड़राते 101397 test‏.htm और मैं उसके ख़ून का प्यासा बन गया था।’ 101398 test‏.htm लगवाये राजा जनक का माली बन गया है और गरूर से इतना फूल उठा 101399 test‏.htm गयी। झाऊ का बड़ा-सा तख़्त बन गया, टहनियाँ दोनों सिरों पर 101400 test‏.htm टोप और फ़्राक पहनकर राजा बन गया। 101401 test‏.htm जब जैसा मौक़ा देखा, वैसा बन गया।’ 101402 test‏.htm रूप में आकर अंत में वितंडा बन गयी और राजा साहब नाराज़ होकर 101403 test‏.htm पिला रहा था कि गाय एक देवी बन गयी और ॰॰॰ 101404 test‏.htm हाँ, पटेश्वरी की नयी बैठक बन गयी थी और झिंगुरीसिंह ने दरवाज़े 101405 test‏.htm से उसकी आत्मा का अंश बन गयी थी। 101406 test‏.htm बैठी हुई थी। वह अब गृहिणी बन गयी थी। ज़रा-सा घूँघट निकाल 101407 test‏.htm भीतर की शांति बाहर सौजन्य बन गयी थी। ये शब्द तपते हुए बालू 101408 test‏.htm से गिरकर विलास की वस्तु बन गयी है। पश्चिम की स्त्री स्वच्छंद 101409 test‏.htm धँस पड़ी हो। चटपट पाली बन गयी, दो नायक बन गये। गोइयों 101410 test‏.htm गया और देवियाँ तितलियाँ बन गयीं। मुझे यह कहते हुए शर्म 101411 test‏.htm भी कर रखी है। पूरे रईस बन गये और अब दग़ाबाज़ी शुरू की 101412 test‏.htm थे। कितने ही उनकी बदौलत बन गये थे। कितनों ही को गाढ़े 101413 test‏.htm अच्छा किया। दोनों काम बन गये। कन्या से भी उरिन हो गये 101414 test‏.htm चटपट पाली बन गयी, दो नायक बन गये। गोइयों का चुनाव होने लगा। 101415 test‏.htm वही फ़िकरे। मुखिये तमाशा बन गये। जिधर निकलते हैं, उधर ही 101416 test‏.htm देकर श्रद्धा के पात्र भी बन चुके थे। शादी तय होने में कोई 101417 test‏.htm कनवेसर, जो कुछ कहिएगा, बन जाऊँगा। बस सौ क़दम ले चलिए। 101418 test‏.htm दिन सेवा कर लोगे, तो आदमी बन जाओगे! वह तो यहाँ आ चुकी हैं। 101419 test‏.htm के सामने भीगी बिल्ली बन जाता है, पापी कहीं का, हत्यारा!’ 101420 test‏.htm आ जाते हैं, तो वह महात्मा बन जाता है। नारी में पुरुष के 101421 test‏.htm को कुचलकर बड़ा आदमी बन जाता है।’ 101422 test‏.htm दूसरा रूप था। तब वह गृहिणी बन जाती थी, घर के काम-काज में लगी 101423 test‏.htm भी निकल आये, तो वह ज़हरबाद बन जाती है। अब छोटे सर्जन और मझोले 101424 test‏.htm पति की आत्मा का एक अंश बन जाती है। देह पुरुष की रहती 101425 test‏.htm था। बिगड़ती है, तो चंडी बन जाती है। मारो, काटो, सुनेगी 101426 test‏.htm सुनकर जैसे बेवक़ूफ़ बन जाते थे; मुँह ज़रा-सा निकल आता 101427 test‏.htm हैं कि जवानों में जवान बन जाते हैं, बालकों में बालक और 101428 test‏.htm हैं, सभी बूढ़े होकर भगत बन जाते हैं। कुकर्म का परासचित 101429 test‏.htm सुंदर मूर्तियाँ नहीं बन जाते। इतने दिनों में मालती 101430 test‏.htm उसके मनोराज्य की रानी बन जाना; लेकिन उसी छात्र की तरह 101431 test‏.htm जुगाड़ कर लिया है? माली बन जाने से तो गला न छूटेगा। 101432 test‏.htm छोड़ दूँ। अब वह चाहे पंडित बन जाय चाहे देवता बन जाय, मेरे 101433 test‏.htm करना कोई पाप नहीं है। मजूर बन जाय तो किसान हो जाता है। किसान 101434 test‏.htm की लड़की है, अच्छी कहाँ से बन जाय! तुमको तो बूढ़े तोते को 101435 test‏.htm करने लगे? और अगर वह शिकारी बन जाय, तो आप उसे बधाई देंगी? हंस 101436 test‏.htm पंडित बन जाय चाहे देवता बन जाय, मेरे लिए तो वही मतई है, 101437 test‏.htm वेश्या के हाथों उल्लू बन जाय, या अपने असामियों के हाथों 101438 test‏.htm नहीं है, जो आपका ग्राहक न बन जाय। 101439 test‏.htm देवी को समझा दें, तो काम बन जाय। इधर से इनकार हो जाय, तो 101440 test‏.htm लूँ। कोई हमारी तरह नेमी बन तो ले। कितनों को जानता हूँ, 101441 test‏.htm है। जो कुछ अपने से नहीं बन पड़ा, उसी के दुःख का नाम तो मोह 101442 test‏.htm जमा हो जाते, वही महाजन बन बैठता था। एक समय होरी ने भी 101443 test‏.htm चार बच्चे जना लिए तो दाई बन बैठी! 101444 test‏.htm थे। अब उसके रुपए से महाजन बन बैठे। ठकुराई का रोब तो था ही, 101445 test‏.htm और आप उनकी ज़मीन के मालिक बन बैठे। तीस के दो सौ! कुछ हद है। 101446 test‏.htm हो रही हैं: कहीं रंग-मंच बन रहा था, कहीं मंडप, कहीं मेहमानों 101447 test‏.htm पड़ा हुआ है; मगर हीरा-महल बन रहा है। संगमरमर का तो फ़र्श 101448 test‏.htm नहीं। जिस तरह के कौंसिल बन रहे हैं, उनके लिए रानी साहब 101449 test‏.htm ‘अपने मुँह मियाँ-मिट्ठू बन लीजिए।’ 101450 test‏.htm सकता था, उसके जीवन का अंग बन सकता था; पर वह उसके बाह्य जीवन 101451 test‏.htm अपनी नज़रों में नीच नहीं बन सकता। 101452 test‏.htm बन सकते हैं, मैं तो नहीं बन सकता। मैं तो समझता हूँ, जो भोगी 101453 test‏.htm और श्रद्धा का पात्र नहीं बन सकती। 101454 test‏.htm थी। बोले -- आप संन्यासी बन सकते हैं, मैं तो नहीं बन सकता। 101455 test‏.htm के कारण कभी वह स्थायी न बन सकी।’ 101456 test‏.htm लग जायँगी, फिर भी वह बाज़ बन सकेगा या नहीं, इसमें संदेह 101457 test‏.htm है। वह विलासी और अकर्मण्य बनकर अपनी आत्मा को संतुष्ट नहीं 101458 test‏.htm और प्रधान और उपप्रधान बनकर अफ़सरों को दावतें देंगे, उनके 101459 test‏.htm छोटे-बड़े भजवान के घर से बनकर आते हैं। संपत्ति बड़ी तपस्या 101460 test‏.htm ‘अब आप यहाँ आयें तो आदमी बनकर आयें।’ 101461 test‏.htm पानी था, वह इस समय जैसे भाप बनकर उसे यंत्र की-सी अंध-शक्ति प्रदान 101462 test‏.htm मेहता ने अनजान बनकर कहा -- अच्छा यह मैं न जानता था। 101463 test‏.htm क्यों टालने लगे। वह अगुवा बनकर क्यों बुरा बने। जब और कोई कुछ 101464 test‏.htm मुझे जेल ले जायँ? ब्रह्म बनकर घर का घर मिटा दूँगा। अभी उन्हें 101465 test‏.htm झुकाकर मंज़ूर कर। नक्कू बनकर जीने से तो गले में फाँसी लगा 101466 test‏.htm का ख़याल छोड़ो। देवता बनकर तुम मनुष्य न रहोगे। 101467 test‏.htm भोला उसके आश्रित बनकर न रहना चाहते थे। औरत की कमाई 101468 test‏.htm मंदिर में तुम परीक्षक बनकर नहीं, उपासक बनकर ही वरदान पा 101469 test‏.htm करने लगी है, तो और भी गंभीर बनकर बोलीं -- अगर हम लोग इस काम की 101470 test‏.htm गोविंदी ने विपक्षी न बनकर मध्यस्थ भाव से कहा -- मैं मानती 101471 test‏.htm यह तय किया है कि मित्र बनकर रहना स्त्री-पुरुष बनकर रहने 101472 test‏.htm बनकर रहना स्त्री-पुरुष बनकर रहने से कहीं सुखकर है। तुम 101473 test‏.htm मिस मालती आप की कंपेनियन बनकर रहेंगी?’ 101474 test‏.htm नहीं है। न्याय के सैनिक बनकर लड़ने में जो गौरव, जो उल्लास 101475 test‏.htm तरह आयी थीं, अब जीवन सत्य बनकर स्पंदिन हो गयी थी। वह अपने 101476 test‏.htm न जानती थी, झुनिया नागिन बनकर हमी को डसेगी। 101477 test‏.htm परीक्षक बनकर नहीं, उपासक बनकर ही वरदान पा सकते हो। 101478 test‏.htm बड़ी आयी है वहाँ से सतवंती बनके। ज़बरदस्ती चिड़िया तक तो पिंजड़े 101479 test‏.htm की हँसिया थी, जिसे न उगलते बनता था, न निगलते। अब तक वह दो बार 101480 test‏.htm में मनुष्य और उसका भाग्य बनता है, उसे छोड़कर आप उन कारखानों 101481 test‏.htm खा ली, जो बड़ा धर्मात्मा बनता है, तो हीरा का क्या विश्वास। 101482 test‏.htm की हँसिया, जिसे न उगलते बनता है, न निगलते। लड़की है, झुनिया, 101483 test‏.htm भाई! मन को जैसा बनाओ, वैसा बनता है। ऐसों को भी देखती हूँ, जिन्हें 101484 test‏.htm समझता। समाज व्यक्ति ही से बनता है। और व्यक्ति को भूलकर हम 101485 test‏.htm कुछ करते-धरते भी तो नहीं बनता !’ 101486 test‏.htm का हाथ पकड़ते भी तो नहीं बनता ; आँखों देखकर मक्खी निगलनी पड़ती 101487 test‏.htm नोखेराम के किये कुछ न बनता ; मगर असामियों को सूद पर रुपए 101488 test‏.htm मुझसे तो कुछ कहते नहीं बनता। उन्हें भी सोचना चाहिए कि बहू 101489 test‏.htm की चौपाल थी। वहीं भंग बनती थी, वहीं रंग उड़ता था, वहीं नाच 101490 test‏.htm उसके जीवन-पथ में काँटा बनती ! बहुत पहले जब वह बालिका-विद्यालय 101491 test‏.htm विज्ञापन नहीं देखे। आप बनते तो हैं आदर्शवादी और सिद्धांतवादी, 101492 test‏.htm रसोई में सभी तरह के पकवान बनते थे; पर उनके लिए वही मूँग की दाल 101493 test‏.htm हो गये -- उस पर आप फ़िलासफ़र बनते हैं, इसी तर्क के बल पर! 101494 test‏.htm हैं, यहीं उनके प्रोग्राम बनते हैं, यहीं से नगर का राजनीतिक 101495 test‏.htm नारी जाति के बड़े हितैषी बनते हैं। तुमने उन्हें कभी समझाया 101496 test‏.htm सभी के हाथों का खिलौना बनते हैं। दुनिया समझती है, हम बड़े 101497 test‏.htm चमारिन, उस पर नेमी-धर्मी बनते हैं। बड़ा अच्छा किया हरखू चौधरी 101498 test‏.htm मेरे रुपए दे दो। धन्ना सेठ बनते हो, तो धन्ना सेठ का काम करो। 101499 test‏.htm सामने तो बड़े बुद्धिमान बनते हो, बाहर तुम्हारा मुँह क्यों 101500 test‏.htm गाँव का हाल जानकर भी अनजान बनते हो।’ 101501 test‏.htm की नाक कटवाकर भी चमारिन ही बनना था, तो यहाँ क्या घी का लोंदा 101502 test‏.htm सकतीं। सभापति पंडितजी को बनना पड़ेगा। नगर में उसे ऐसा प्रभावशाली 101503 test‏.htm अबकी तुझे राजा जनक का माली बनना पड़ेगा। समझ गया न, जिस वक़्त 101504 test‏.htm तुम्हें राजा जनक का माली बनना पड़ेगा।’ 101505 test‏.htm की गुड़िया ने उसे माता बनना सिखाया था। वह मातृ-भावना का 101506 test‏.htm तोड़ो और मनुष्य बनो, देवता बनने का ख़याल छोड़ो। देवता बनकर 101507 test‏.htm आज्ञाकारी पुत्र के पिता बनने का गौरव बड़ी निर्दयता के साथ 101508 test‏.htm की परी पा गये। अब भौंरा बनने का मन चला है। उससे कह दूँ तो 101509 test‏.htm कुछ दिन तो लड़की बहुरिया बनने का सुख पाये। 101510 test‏.htm उसे मुबारक, मुझे देवी बनने की इच्छा नहीं है।’ 101511 test‏.htm हाँ, अगर आप ने हरिश्चंद्र बनने की क़सम खा ली है, तो आप की ख़ुशी। 101512 test‏.htm दर्शन करती, और उसी तरह बनने की चेष्टा करती।’ 101513 test‏.htm की वस्तु, फिर क्यों आकर्षक बनने की चेष्टा करे; अगर पुरुष उसका 101514 test‏.htm बना दो, हमारी सारी बिरादरी बनने को तैयार है। जब यह समरथ नहीं 101515 test‏.htm बीमा कंपनी के डाइरेक्टर बनने में तो आपको कोई एतराज़ नहीं 101516 test‏.htm होली का प्रोग्राम बनने लगा। ख़ूब भंग घुटे, दूधिया 101517 test‏.htm है महाराज! संसार में गऊ बनने से काम नहीं चलता। जितना दबो 101518 test‏.htm ‘तुम्हारे बनने -बिगड़ने की मुझे परवा नहीं है। 101519 test‏.htm हैं। उनसे हाल कहके दवा बनवा कर भेज दूँगा। खाँसी रात को 101520 test‏.htm के लिए दो-दो चार-चार गहने बनवा दिये। सोने के न सही चाँदी के 101521 test‏.htm ने एक प्रकार से ज़बरदस्ती बनवा दी थी, वही जब एक बार काबुली से 101522 test‏.htm पत्नीजी के लिए कोई आभूषण बनवा दूँगा। है मंज़ूर? अब मैं आपसे 101523 test‏.htm और पाठशालायें कौन बनवा रहा है? आज संसार का शासन-सूत्र 101524 test‏.htm और एक छोटा-सा शिव-मंदिर बनवा लिया था। बाल-बच्चा कोई न था; 101525 test‏.htm ने लज्जित होकर कहा -- अबकी बनवा लूँगा। सच कहता हूँ। 101526 test‏.htm अपने कारख़ाने में बिजली बनवा लेते थे। उनके सिपाही पीली वर्दियाँ 101527 test‏.htm ले जाओ और एक जोड़ी अचकन बनवा लो। 101528 test‏.htm पाँच साल हुए, यह मिर्ज़� बनवाई थी। धनिया ने एक प्रकार से ज़बरदस्ती 101529 test‏.htm स्थानों में एक-एक बँगला बनवाना लाज़िम हो गया। अब उन्हें यह 101530 test‏.htm किसी स्त्री को कोई आभूषण बनवाना है, दातादीन उसकी सेवा के लिए 101531 test‏.htm संयोग से बँगले बनवाने की ज़हमत न उठानी पड़ी। बने-बनाये 101532 test‏.htm करने की और अम्माँ को गहने बनवाने की धुन सवार हो जायगी। ऐसे व्यर्थ 101533 test‏.htm या ज़मीन ख़रीदने या महल बनवाने की विशाल आकांक्षाएँ उसके नन्हें-से 101534 test‏.htm तुम्हारे पास अपने कपड़े बनवाने को भी पैसे नहीं? मेरी आमदनी 101535 test‏.htm था, जो शायद आज ही के लिए बनवाया गया था; क्योंकि खन्ना को असामियों 101536 test‏.htm सलूक होना चाहिए। घर हमने बनवाया , गायें-भैंसें हमने लीं। अब 101537 test‏.htm गले में डाल लें, क़िले बनवायें धर्मशालायें और नसज़िदें खड़ी 101538 test‏.htm निकाली थी, नये काट के जंपर बनवाये थे और रंग-रोगन और फूलों से ख़ूब 101539 test‏.htm चाहिए, जो सोने की बालियाँ बनवाये , महीन साड़ियाँ लाये, रोज़ चाट 101540 test‏.htm के लिए हाथ का कंगन ज़रूर बनवायेगा और दादा के लिए एक मुँड़ासा 101541 test‏.htm करता। सैकड़ों को उल्लू बना कर छोड़ दिया।’ 101542 test‏.htm आज या तो मातादीन को चमार बना के छोड़ेंगे, या उनका और अपना 101543 test‏.htm किसानों को लूट-लूटकर मजूर बना डाला और आप उनकी ज़मीन के मालिक 101544 test‏.htm ने संसार को हिंसाक्षेत्र बना डाला है। अगर वही विद्या और 101545 test‏.htm के क्रोध को भी क्रियाशील बना डाला। आग को फूँक-फूँक कर उसमें 101546 test‏.htm कर डालो, उसका क़ीमा बना डालो, उसे ख़बर न होगी। उसके 101547 test‏.htm भगवान ने चाहा और इनसे रहते बना तो साल दो साल में आदमी हो जायँगे। 101548 test‏.htm हास-विलास ने और भी लोलुप बना दिया था, उसके कौमार्य ही पर 101549 test‏.htm का जल सुखाकर कठोर और शुष्क बना दिया था, जिस पर एक बार फावड़ा 101550 test‏.htm उसे शिष्ट मनोरंजन का साधन बना दिया था। इस अवसर पर उनके यार-दोस्त, 101551 test‏.htm ने उसे और भी ख़ुशामदपसंद बना दिया था। मीनाक्षी ऐसे व्यक्ति 101552 test‏.htm नयी सगाई ने उन्हें नक्कू बना दिया था। रात तो उन्होंने किसी 101553 test‏.htm अभिमानी और तुनकमिज़ाज बना दिया है कि हममें शील, विनय और 101554 test‏.htm कहाँ। भगवान ने जब ग़ुलाम बना दिया है तो अपना क्या बस है। 101555 test‏.htm मुफ़्तख़ोरी ने हमें अपंग बना दिया है, हमें अपने पुरुषार्थ 101556 test‏.htm ने उसे निस्संकोच बना दिया है। जिस बात के पीछे वह 101557 test‏.htm लालसा ने उसे उच्छृखल बना दिया है। वह अपनी लज्जा और गरिमा 101558 test‏.htm था। हमने तुम्हारा मरजाद बना दिया, तुम्हारे मुँह की लाली 101559 test‏.htm इन्होंने मार-मारकर वैद्य बना दिया। इनका हुक्म कैसे टाल सकती। 101560 test‏.htm ने फिर से ब्राह्मण बना दिया। उस दिन बड़ा भारी हवन 101561 test‏.htm और सहानुभूति का पात्र बना दिया। जब तक नदी बाढ़ पर थी उसके 101562 test‏.htm भी गहरा, और भी स्फूर्तिमय बना दिया। प्रेम में कुछ मान भी 101563 test‏.htm सड़क की भिखारिन नहीं बना दिया। यही न्याय है, ऐं? 101564 test‏.htm हास्पिटल का इनचार्ज बना दूँ।’ 101565 test‏.htm जीवन को पवित्र और उज्ज्वल बना दे, अपने प्रेम और त्याग से।’ 101566 test‏.htm हस्ती क्या! आप जिसे चाहें बना दें। ख़ैर यह झगड़ा ख़तम कीजिए। 101567 test‏.htm मार्ग को इतना अंधकारमय बना देगा, यह तो कोई देवता भी न जान 101568 test‏.htm इंसान को कितना ख़ुद-ग़रज़ बना देती है, कितना ऐश-पसंद, कितना 101569 test‏.htm भविष्य की चिंता हमें कायर बना देती है, भूत का भार हमारी कमर 101570 test‏.htm -- बच्चों को दवाओं का आदी बना देना ठीक नहीं, और तुम्हें दवा 101571 test‏.htm मनुष्य को मशीन का ग़ुलाम बना देने के सिवा और क्या समस्या 101572 test‏.htm सकते हैं। हमें ब्राह्मन बना दो, हमारी सारी बिरादरी बनने 101573 test‏.htm होरी बोला -- तुझसे बना नहीं। उसे घर में आने ही न देना 101574 test‏.htm है। यह मेहता, जो फ़िलासफ़र बना फिरता है, उसे यही धुन है कि जीवन 101575 test‏.htm तो सिलिया के पीछे पागल बना फिरता है। चमारियों पर तो गिद्ध 101576 test‏.htm और फ़्राक जो बाज़ार में बना बनाया मिलता है। उसने रुपए निकाले 101577 test‏.htm पर पहले उसका पति रक्षक बना बैठा रहता था। वह निश्चिंत थी। 101578 test‏.htm मैं बुड्ढा होकर भी उल्लू बना रह गया। वह तो कहो इस बीमारी 101579 test‏.htm ब्याज का दर ज्यों-का-त्यों बना रहता था। बेचारी कैसे वसूल करे। 101580 test‏.htm और न सही तो मित्र-भाव तो बना रहने दो। 101581 test‏.htm इस दुःख को और भी दारुण बना रहा है। सारे दिन मुँह छिपाये 101582 test‏.htm सिलिया के जीवन का केंद्र बना रहा। उसकी छाती में दूध का उबाल-सा 101583 test‏.htm मिट्टी के चूल्हे और बरतन बना रही थी, और सोना सशंक आँखों से 101584 test‏.htm और टोप और जूता पहनाकर राजा बना रही थी, बालक इन चीज़ों को पहनने 101585 test‏.htm उसे और भी दृढ़ और निष्ठ बना रही थी। 101586 test‏.htm कहें, तो वह समझेगा, आप उसे बना रही हैं। आपके पास दान देने 101587 test‏.htm हुआ था। बोली -- आज रोटी नहीं बना रही हो क्या भाभी जी? अब तो बेला 101588 test‏.htm देखूँ। सब कुछ जानकर भी गधा बना रहूँ। 101589 test‏.htm हँसे, करो तो यह संशय बना रहे कि लोग क्या कहते हैं। सब 101590 test‏.htm इसीलिए कि वह मेरा ग़ुलाम बना रहे। मुझे परमात्मा ने रईस बनाया 101591 test‏.htm युवकों ने तो उसे अपना हीरो बना लिया और उसके साथ लखनऊ जाने 101592 test‏.htm पुरुषार्थ से अपना स्थान बना लिया है और अब झुनिया को यहीं 101593 test‏.htm में अपने को इतना महान् बना लिया है कि उसके हर एक काम की 101594 test‏.htm अपना हिरदा इतना कठोर बना लिया है, तब सोचो, मेरे दिल पर 101595 test‏.htm ‘मैंने अपना घर बना लिया है।’ 101596 test‏.htm को जीवन का लक्ष्य बना लिया, वह क्या लिखेंगे। 101597 test‏.htm कभी आलू। आलू भूनकर भुरता बना लिया। यहाँ दिन काटना है कि 101598 test‏.htm कई हज़ार की संपत्ति बना ली थी। फ़सल की चीज़ें असामियों 101599 test‏.htm अबकी और चला लें कोल्हू और बना लें खाँड़। अगले साल तक मिल 101600 test‏.htm देते। फिर मैं आपका क्या बना लेता? बतलाइए? कहीं नालिश-फ़रियाद 101601 test‏.htm सकती, वह दूसरों को भी अपना बना लेती है। क्या यह उसके लिए श्रेय 101602 test‏.htm मिट जाने को ही अपना इष्ट बना लेती है। प्रेम अधिकार कराना 101603 test‏.htm क्यों अलग छोटा-सा घर नहीं बना लेते? गाँव में लोग कैसी-कैसी 101604 test‏.htm काम करते और दस-बीस हज़ार बना लेते। जब काँग्रेस का ज़ोर था 101605 test‏.htm चिलम भर ला, फिर थोड़ा-सा रस बना ले। पानी न हो तो गगरा ला, मैं 101606 test‏.htm का संजम रखना। अभी देह बना लोगे, तो सदा आराम से रहोगे। 101607 test‏.htm हो? उस बंधन को एकता का बंधन बना लो। इस तरह के भावों ने उसकी 101608 test‏.htm मिल को बनाया। और मैं फिर बना सकता हूँ; मगर जिनकी यह हरकत 101609 test‏.htm से दूसरों को बेवक़ूफ़ बना सकता है ॰॰॰ 101610 test‏.htm जिसे कठोर आघात ही कर्मण्य बना सकता है। उनकी आत्मा जैसे चारों 101611 test‏.htm वही जीवन को ऊँचा और पवित्र बना सकता है। किसी सर्वज्ञ ईश्वर 101612 test‏.htm की सहानुभूति हार को जीत बना सकती है। 101613 test‏.htm मैं अपने को भी अपना नहीं बना सकती, वह दूसरों को भी अपना बना 101614 test‏.htm आसानी से बेवक़ूफ़ नहीं बना सकती। 101615 test‏.htm मैं तो ऐसा तख़्ता कभी न बना सकती। 101616 test‏.htm सकते, मुदा हम तुम्हें चमार बना सकते हैं। हमें ब्राह्मन बना 101617 test‏.htm अपने पत्र को लाभ की चीज़ बना सकते हैं।’ 101618 test‏.htm चाहो तो रुपए आठ आने रोज़ बना सकते हो।’ 101619 test‏.htm तुम हमें ब्राह्मन नहीं बना सकते, मुदा हम तुम्हें चमार 101620 test‏.htm रख सके, अपने को उसके मन की न बना सके, वह भी कोई स्त्री है। मैं 101621 test‏.htm रखा। वह राजा जनक का माली बना हुआ था और उसके अभिनय ने देहातियों 101622 test‏.htm आधा सेवा और सहृदयता से बना हुआ था, मद्धिम आधा स्वार्थ 101623 test‏.htm आलोचनाओं का केंद्र बना हुआ था। 101624 test‏.htm था। अपने घर में परदेशी बना हुआ था। दो नावों पर सवार होनेवालों 101625 test‏.htm होरी भी ऊपर ही से कठोर बना हुआ था। मन उसका चंचल था। ऐसा 101626 test‏.htm अजीब आदमी है। मुझे तो कुछ बना हुआ मालूम होता है। 101627 test‏.htm के लिए आया और आज उपासक बना हुआ हूँ। तुमने मेरे भीतर क्या 101628 test‏.htm अभी तक उसके मन में मलाल बना हुआ है। मुझे सब आदमियों के 101629 test‏.htm हो। अभी तक मार का दाग़ बना हुआ है। हीरा मारता है तो दुलारता 101630 test‏.htm पर बालों का एक घोंसला-सा बना हुआ, एक लँगोटी कमर में बाँधे, 101631 test‏.htm हुए बाल, पूरा बाबू साहब बना हुआ। फटेहाल गोबर और इस परिष्कृत 101632 test‏.htm सुनता तो मैं क्या लड़की बनाऊँ ?’ 101633 test‏.htm इसकी सुधि नहीं है। जब मैं बनाऊँगा तभी बनेगी। 101634 test‏.htm कहा -- इनकी अशर्फ़ियाँ बनाऊँगा। मैं कीमियागर हूँ। यह आपको शायद 101635 test‏.htm है, जीवन को संपूर्ण बनाओ या परिपूर्ण बनाओ। जिसको यह 101636 test‏.htm नहीं कहती भाई! मन को जैसा बनाओ , वैसा बनता है। ऐसों को भी देखती 101637 test‏.htm झूठे मुक़दमे चाहे जितने बनाओ। 101638 test‏.htm संपूर्ण बनाओ या परिपूर्ण बनाओ। जिसको यह फ़िक्र दबाये डालती 101639 test‏.htm धुन है कि जीवन को संपूर्ण बनाओ। महीने में एक हज़ार मार लेते 101640 test‏.htm ही दिन तुम्हें अपना देव बनाकर अपने हृदय ॰॰॰ 101641 test‏.htm से मनाओ और होली का स्वाँग बनाकर इन सबों को ख़ूब भिंगो-भिंगोकर 101642 test‏.htm गोबर ने छुरी को भाला बनाकर उनके ऊपर चलाया -- यही कोई ढाई-तीन 101643 test‏.htm है। वह अपना एक आदर्श-संसार बनाकर उसको आदर्श मानवता से आबाद करता 101644 test‏.htm खन्ना ने रोनी सूरत बनाकर कहा -- अब मिस्टर मेहता पर ही 101645 test‏.htm मेहता ने मुँह बनाकर कहा -- शराब अगर लोगों को पागल 101646 test‏.htm होरी ने लंबा मुँह बनाकर कहा -- हीरा ने पंद्रह रुपए में 101647 test‏.htm अपने हाथों कौर-कौर बनाकर खिलाती, और कभी-कभी उसे गोद में 101648 test‏.htm मुँह-हाथ धोकर और ख़ूब बाल बनाकर गोबर गाँव का दिग्विजय करने 101649 test‏.htm एक रसीले वाक्य में उल्लू बनाकर छोड़ दिया था। ऐसी बालू की दीवार 101650 test‏.htm गया। भोला क्या उसे भिखारी बनाकर छोड़ देना चाहते हैं? दोनों 101651 test‏.htm ताल्लुक़ेदार को सभापति बनाकर धन ख़ूब बटोर सकते हैं, और सेवा 101652 test‏.htm बनाकर रखना चाहती है, पति बनाकर नहीं। 101653 test‏.htm नहीं पड़ती। रस्सी को साँप बनाकर पीटो और तीस मारखाँ बनो। जीते 101654 test‏.htm योग्य है की उसकी प्रतिमा बनाकर पूजी जाय।’ 101655 test‏.htm खन्ना रोना मुँह बनाकर बोले -- कुछ रुपए देकर किसी तरह 101656 test‏.htm शुरू किया। गंभीर मुँह बनाकर बोले -- यह तो आपकी प्रतिष्ठा 101657 test‏.htm इस गाँव को अपनी ससुराल बनाकर मर्दों से साले या ससुर और औरतों 101658 test‏.htm हैं? आते हैं मुझे उल्लू बनाकर मुझसे कुछ ऐंठने के लिए। आज 101659 test‏.htm तुम-जैसों को अपना ग़ुलाम बनाकर रखना चाहती है, पति बनाकर नहीं। 101660 test‏.htm पीछे-पीछे खटोले की डोली बनाकर ला रहे थे। 101661 test‏.htm सहस्रों टैंकों का शिकार बनाकर वह अपने को विजेता समझता है। 101662 test‏.htm अपने अँगोछे का बीड़ा बनाकर सिर पर रखते हुए कहा -- मैं इसे 101663 test‏.htm भी इस लायक़। उन्हें उल्लू बनाकर ही मूँड़ा जा सकता है। 101664 test‏.htm अपनी छोटी-सी गृहस्थी बनाकर , अपनी आत्माओं को छोटे-से पिंजड़े 101665 test‏.htm है; प्रेम अवगुणों को गुण बनाता है, असुंदर को सुंदर! मैंने तुमसे 101666 test‏.htm जो मुझे स्थिर और अचंचल बनाता ; अगर तुमने मेरे सामने उसी तरह 101667 test‏.htm शिवलिंग को बटखरे बनाता ; लेकिन सांप्रदायिक द्वेष का 101668 test‏.htm ढेरियाँ लगाता, घरौंदे बनाता। अपनी उम्र के लड़कों से उसकी 101669 test‏.htm हैं, मैं उन्हें उल्लू बनाती हूँ। मैं मर जाऊँ, तो उनकी आँखों 101670 test‏.htm कभी आम भूनकर पना बनाती , कभी होरी की देह में गेहूँ कि 101671 test‏.htm मुसकराती हूँ। वह मुझे गधी बनाते हैं, मैं उन्हें उल्लू बनाती 101672 test‏.htm मुझे दे दिये। हमी को उल्लू बनाते हैं। 101673 test‏.htm हैं। भगवान सबको बराबर बनाते हैं। यहाँ जिसके हाथ में लाठी 101674 test‏.htm अब विवाह को पेशा नहीं बनाना चाहतीं। वह केवल प्रेम के आधार 101675 test‏.htm वृत्तांत सुनकर उन्हें बनाना शुरू किया। गंभीर मुँह बनाकर 101676 test‏.htm ईश्वर है; और जीवन को सुखी बनाना ही उपासना है, और मोक्ष है। ज्ञानी 101677 test‏.htm समझा है कि अपना भाग्य ख़ुद बनाना होगा, अपनी बुद्धि और साहस से 101678 test‏.htm तुम बताते जाना जैसे बनाना हो। थोड़ा-सा दूध भी है। हमारी 101679 test‏.htm के फ़रमाइशें करके उल्लू बनाना , ये सभी दृश्य देखकर लोग हँसी 101680 test‏.htm वेश्याओं की एक नाटक-मंडली बनाना। अपने अच्छे दिनों में उन्होंने 101681 test‏.htm रहकर जीवन को संपूर्ण बनाने का स्वप्न देखते हैं। ऐसे आदमी 101682 test‏.htm को आज के अग्रलेख का विषय बनाने की कल्पना करते-करते उनका ध्यान 101683 test‏.htm मारा -- आपने आज मुझे बनाने की ठान ली, क्यों? 101684 test‏.htm मोढ़े, टोकरियाँ आदि बनाने के लिए कुछ बाँस काट ले जाता 101685 test‏.htm लिए मुहलत माँगनी हो, मकान बनाने के लिए ज़मीन की ज़रूरत हो, नोहरी 101686 test‏.htm हैं। सहालगों में तो मंडप बनाने के लिए लोग दरजनों बाँस काट 101687 test‏.htm शिखर से खींचकर अपने बराबर बनाने के लिए, उन पुरुषों का, जो कायर 101688 test‏.htm उस पर एक दरी डाल दी, शर्बत बनाने को कह, चिलम भर लाया। और एक क्षण 101689 test‏.htm गोबर के लिए दूधिया शर्बत बनाने चला गया था। भोला ने एकांत देखकर 101690 test‏.htm किया, तो मालूम हुआ, गुड़ बनाने में कोई बचत नहीं है; जब घर में 101691 test‏.htm उचित राय देंगे। और आप मुझे बनाने लगे। जिसके दाँत नहीं दुखे, 101692 test‏.htm को अवगुण, सुंदर को असुंदर बनानेवाली चीज़ है; प्रेम अवगुणों को गुण 101693 test‏.htm गोबर ने बनाया -- तुम्हारे घर में किस बात की 101694 test‏.htm सेंकी, आलू भूनकर भुरता बनाया और मज़े से खाकर सो रहे। घर ही 101695 test‏.htm तक बैठे हड़ताल की स्कीमें बनाया करते और प्रातःकाल जब पत्र में 101696 test‏.htm रस्सी का जो एक कठघरा-सा बनाया गया था, वह तोड़ दिया गया। स्वयं-सेवक 101697 test‏.htm है। कैसे दूसरों को उल्लू बनाया जा सके, यही सफल नीति है; और आप 101698 test‏.htm साहब ने सुख का जो स्वर्ग बनाया था, उसे अपनी ज़िंदगी से ही ध्वंस 101699 test‏.htm प्रोत्साहित करके कवि बनाया था। सच्ची प्रतिभा उनमें बहुत 101700 test‏.htm फ़्राक जो बाज़ार में बना बनाया मिलता है। उसने रुपए निकाले 101701 test‏.htm जितना आलसी और मुफ़्तख़ोर बनाया है और उसके आत्मगौरव पर जैसा 101702 test‏.htm रहे। मुझे परमात्मा ने रईस बनाया है। पचहत्तर रुपया देता हूँ; 101703 test‏.htm ‘भगवान ने तो सबको बराबर ही बनाया है।’ 101704 test‏.htm कहा, पटेश्वरी ने गुंडा बनाया , झिंगुरीसिंह ने शैतान की उपाधि 101705 test‏.htm ईश्वर ने उसे इस लायक़ नहीं बनाया , तो कुश-कन्या के सिवा और वह कर 101706 test‏.htm खन्ना ने ऐसा भाव बनाया , मानो उन्हें बड़ी चिंता हो 101707 test‏.htm हैं? मिल ने मुझे नहीं बनाया , मैंने मिल को बनाया। और मैं 101708 test‏.htm कटोरे के भद्देपन पर मुँह बनाया ; लेकिन दूध त्याग न सकी। मेहता 101709 test‏.htm नहीं बनाया, मैंने मिल को बनाया। और मैं फिर बना सकता हूँ; मगर 101710 test‏.htm ‘जी हाँ; मगर मैंने भी ख़ूब बनाया।’ 101711 test‏.htm छुरे से उसकी बोटियाँ बनायीं और चूल्हे में आग जलाकर मांस 101712 test‏.htm तंखा बच रहे। उनकी टोली बनी- बनायी थी। तीनों टोलियाँ एक-एक तरफ़ 101713 test‏.htm कोई दूसरी देवी नहीं बनायी। 101714 test‏.htm ‘अच्छा, आओ, एक नाव बनायें , और उस पर बैठकर चलें।’ 101715 test‏.htm मुझे ख़्वाहमख़्वाह देवी बनाये डालते हो। अब तो इतनी कसर रह 101716 test‏.htm की ज़हमत न उठानी पड़ी। बने- बनाये बँगले सस्ते दामों में मिल गये। 101717 test‏.htm उनको भी पाला और अपना मरजाद बनाये बैठे हो। उसने तो खेत-बारी सब 101718 test‏.htm पर भी हुक्काम से मेल-जोल बनाये रखते थे। उनकी नज़रें और डालियाँ 101719 test‏.htm की विपदाएँ उसके मन को भीरु बनाये रहती थीं। ईश्वर का रौद्र रूप 101720 test‏.htm बैठे रहेंगे? घर की मरज़ाद बनाये रहोगे, तो तुम्हीं को सुख होगा। 101721 test‏.htm हूँ। आप उन्हें प्रतिमा बनाये हुए हैं।’ 101722 test‏.htm वह अपना जीवन कैसे संपूर्ण बनाये ! छूटे साँड़ बने दूसरों के खेत 101723 test‏.htm पायें तो शायद उनकी बुरी गत बनाये ; पर पंडितजी बहुत बचे हुए रहते 101724 test‏.htm देवी को स्वर्ग में दुखी न बनायेगी , मेरे लिए वह जो कुछ ज़्यादा 101725 test‏.htm हैं, भगवान घर का बड़ा न बनाये। छोटों को कोई नहीं हँसता। नेकी-बदी 101726 test‏.htm उनके पास रुपए नहीं हैं, तो बनारसी साड़ी कैसे मँगा दें? डाक्टर 101727 test‏.htm जाने किस-किस की स्त्रियाँ बनारसी साड़ी पहनती हैं, तो वह क्या 101728 test‏.htm था, वह अपने ही लिए अपना बनाव -सिंगार करती थी और आप ही ख़ुश 101729 test‏.htm हुए थे। लेकिन ढल गयी थी। बनाव -सिंगार से समय के आघात का शमन 101730 test‏.htm होते, क्यों यह संदेह और बनावट और अशांति उसके जीवन-पथ में 101731 test‏.htm जीवन कितना तुच्छ और बनावटी था। आज उसके वह रेशमी कपड़े, 101732 test‏.htm होरी ने सोना को बनावटी रोष से देखकर कहा -- तू इसे क्यों 101733 test‏.htm ने एक छप्पर डलवाकर अखाड़ा बनावा दिया है; वहाँ नित्य सौ-पचास 101734 test‏.htm गोबर यह धिक्कार पाकर चलता बना। दिल में कहा -- यह औरत मार खाने 101735 test‏.htm मची हुई थी। अगर ठाकुर या बनिये के रुपए होते, तो उसे ज़्यादा 101736 test‏.htm अपनी सवाई उगाह रहे थे। कई बनिये खड़े गल्ले का भाव-ताव कर रहे 101737 test‏.htm के लिए बैठ गये। गोबर ने बनिये से लोटा माँगा और पानी खींचने 101738 test‏.htm तो दो-दो, तीन-तीन साल-तक बनियों का हिसाब न करते थे। नौकरों 101739 test‏.htm को खिलाकर खाये और राधिका बनी घूमे; लेकिन मजूरी करती है, भूखों 101740 test‏.htm घाटों का पानी पीकर भी मिस बनी फिरती है! शादी नहीं करेगी, इससे 101741 test‏.htm ‘हाँ, बड़ा हरज़ है। तुम बनी बात बिगाड़ दोगे।’ 101742 test‏.htm चाहता हूँ। वह यहाँ रानी बनी बैठी रहे, और हम मुँह में कालिख 101743 test‏.htm क्या होगा? वह तो बहुरिया बनी बैठी रहेगी। बहुत होगा रोटियाँ 101744 test‏.htm बट्टा लगाया? क्यों सतवंती बनी बैठी हो? जब अकेले नहीं रहा जाता, 101745 test‏.htm लदा रहता था। यह शंका भी बनी रहती थी कि न जाने कब डाँट पड़ 101746 test‏.htm उसे रोज़ एक-न-एक शिकायत बनी रहती थी। आज खाँसी है, तो कल बुख़ार; 101747 test‏.htm छा जाता था। उनकी चेतना बनी रहती थी। उन्हें ख़ुद मालूम 101748 test‏.htm और महावर लगाकर जवान बनी रहती हैं।’ 101749 test‏.htm प्रेम पाकर भी मैं वही बनी रहूँगी, ऐसा समझकर तुमने मेरे 101750 test‏.htm में दो-चार ऐसी स्त्रियाँ बनी रहें, तो अच्छा; पुरुषों के कान 101751 test‏.htm जाय, लेकिन जजमानी अंत तक बनी रहेगी। जब तक हिंदू-जाति रहेगी, 101752 test‏.htm में गया; मगर भोला की चिंता बनी हुई थी। उसने अपने जीवन में 101753 test‏.htm पुन्नी चंडी बनी हुई थी। गला फाड़कर बोली -- तूने 101754 test‏.htm नहीं है, जो मारने की साध बनी हुई है?’ 101755 test‏.htm हो रहा है। आँखें बीरबहूटी बनी हुई हैं। पसीना टपक रहा है, और 101756 test‏.htm दृश्य बदला, धनिया दुलहिन बनी हुई, लाल चुँदरी पहने उसको भोजन 101757 test‏.htm आम तुड़वा रहे थे। नोहरी बनी -ठनी उधर से निकली। लाला ने पुकारा 101758 test‏.htm और तंखा बच रहे। उनकी टोली बनी -बनायी थी। तीनों टोलियाँ एक-एक 101759 test‏.htm का आटा और घी लाया। पूरियाँ बनीं। तीनों मेहमानों ने खाया। दातादीन 101760 test‏.htm दूँ? मर जाऊँगी, पर हरजाई न बनूँगी। एक बार जिसने बाँह पकड़ ली, उसी 101761 test‏.htm रूपा न हो, तो रुपए कहाँ से बनें , बता। 101762 test‏.htm और रंगों के साथ कालिख भी बने और मुखियों के मुँह पर कालिख 101763 test‏.htm सलाह हुई कि दो-दो की टोली बने और शिकार खेलकर बारह बजे तक 101764 test‏.htm खेलते, भंग पीते और छैला बने घूमते। वे दिन में कई-कई बार 101765 test‏.htm धनुषयज्ञ की लीला में माली बने थे। 101766 test‏.htm संपूर्ण बनाये! छूटे साँड़ बने दूसरों के खेत में मुँह मारते 101767 test‏.htm आजकल लोग वाजपेयी और सुकुल बने फिरते हैं? 101768 test‏.htm मिस्टर तंखा भीगी बिल्ली बने बैठे हुए थे। राजा साहब यहाँ! 101769 test‏.htm इसमें संदेह है; मगर बाज़ बने या न बने, वह हंस न रहेगा -- वह 101770 test‏.htm जूते जाने पर भी उनके घट्ठे बने रहते हैं। 101771 test‏.htm किसी तरह उनके कृपापात्र बने रहना और उनकी सहायता से अपनी 101772 test‏.htm और विनय की मूर्त्ति बने हुए आकर खड़े हो गये। मालती 101773 test‏.htm बूढ़े, जवानों के साथ जवान बने हुए थे। इतनी देर में सारे गाँव 101774 test‏.htm तो नौकरी के बदौलत महाजन बने हुए थे। कहाँ जा सकते थे? दो-तीन 101775 test‏.htm न्याय और दया के पुतले बने हुए थे। चुहिया और शेर हो गयी 101776 test‏.htm वह साठ रुपए ज्यों-के-त्यों बने हुए थे। दातादीन पंडित से तीस 101777 test‏.htm मगर दोनों जैसे छत्तीस बने हुए थे। न बोलते थे, न ताकते थे। 101778 test‏.htm नोहरी के हाथ का खिलौना बने हुए थे। भौंहें सिकोड़कर बोली 101779 test‏.htm यह जो आज सैकड़ों करोड़पति बने हुए हैं, सब इसी स्पेकुलेशन 101780 test‏.htm हम परिस्थितियों के शिकार बने हुए हैं। यह परिस्थिति ही हमारा 101781 test‏.htm का ख़ून पीने ही के लिए बने हैं, और मरते दम तक पिये जायँगे। 101782 test‏.htm हैं, सब इसी स्पेकुलेशन से बने हैं। रूई, शक्कर, गेहूँ, रबर किसी 101783 test‏.htm अच्छा रहने दो, बड़े न्यायी बने हो। मरद-मरद सब एक होते हैं। 101784 test‏.htm सबकी आँखों में हेठा कैसे बने ! 101785 test‏.htm नदी के तट पर बाग़ में भोजन बने , ख़ूब जल-क्रीड़ा की जाय और शाम 101786 test‏.htm कर सकी। बोली -- रोटी कहाँ से बने , घर में दाना तो है ही नहीं। तेरे 101787 test‏.htm किया -- सोना न हो मोहन कैसे बने , नथुनियाँ कहाँ से आयें, कंठा 101788 test‏.htm संदेह है; मगर बाज़ बने या न बने , वह हंस न रहेगा -- वह हंस जो मोती 101789 test‏.htm की ज़हमत न उठानी पड़ी। बने -बनाये बँगले सस्ते दामों में 101790 test‏.htm खिचड़ी! सता ले जितना सताते बने ; तुझे भगवान सतायेंगे जो न्याय 101791 test‏.htm आज सता लो, जितना सताते बने ; मैं भी कभी समझूँगी। 101792 test‏.htm कहाँ से आयें, कंठा कैसे बने ? 101793 test‏.htm नगर में आपके नाम की सड़कें बनेंगी , क्लब बनेंगे, टाउन हालों में 101794 test‏.htm देंगे, उनके कृपापात्र बनेंगे और यूनिवर्सिटी की छोकरियों 101795 test‏.htm है और यही होगा और उल्लू बनेंगे हम, और हमारे भाई, जो धनी कहलाते 101796 test‏.htm नाम की सड़कें बनेंगी, क्लब बनेंगे , टाउन हालों में आपके चित्र 101797 test‏.htm करो। इससे तुम्हारा लोक भी बनेगा , परलोक भी। 101798 test‏.htm है। जब मैं बनाऊँगा तभी बनेगी। 101799 test‏.htm तुम तो छोड़कर चलते बने। और मेरा कौन था यहाँ? वह अगर घर 101800 test‏.htm हों। बटोर लो, जितना बटोरते बने। खेतों में जहाँ बगूले उठते थे, 101801 test‏.htm नहीं है बेटा, जो ख़रच करते बने। गाँव में तो तीन आने भी नहीं 101802 test‏.htm वह अगुवा बनकर क्यों बुरा बने। जब और कोई कुछ नहीं बोलता, तो 101803 test‏.htm की नज़र में सुर्ख़रू बने। टोकरी उसके हाथ से छूट गयी। 101804 test‏.htm ‘हाँ, जब इनसे रहते बने।’ 101805 test‏.htm मनोवृत्ति है जो हमने अपने बनैले पूर्वजों से पायी है और आजकल 101806 test‏.htm के बंधन को तोड़ो और मनुष्य बनो , देवता बनने का ख़याल छोड़ो। 101807 test‏.htm ‘पागल न बनो। गाँव का हाल जानकर भी अनजान 101808 test‏.htm बनाकर पीटो और तीस मारखाँ बनो। जीते साँप के पास जाओ ही क्यों 101809 test‏.htm नहीं है, तो फिर तुम भी चमार बनो। हमारे साथ खाओ-पिओ, हमारे साथ 101810 test‏.htm मुझे घर भेजकर आप कहीं चलते बनो।’ 101811 test‏.htm पढ़ता था और उसका बबुआई ठाठ निभाना कोई आसान काम न था। 101812 test‏.htm दशा में फलें-फूलें जिसमें बबूल या ताड़? मेरे लिए धन केवल उन 101813 test‏.htm से सिरजा और पाला उन्हें बम और मशीनगन और सहस्रों टैंकों 101814 test‏.htm हाथ बढ़ाया कि राय साहब ने बमगोला छोड़ दिया -- मैं घंटे-भर से यहाँ 101815 test‏.htm का फल बहुत भोग चुका। इस बम्हनई का बोझ अब नहीं उठाये उठता। 101816 test‏.htm में अपनी सारी कठिनाइयाँ बयान कर दीं। दिल में खन्ना को गालियाँ 101817 test‏.htm हुए शब्दों में उसके गुण भी बयान करता जाता था। यह मकोय है सरकार! 101818 test‏.htm आघात किये हैं, वह बयान करूँ, तो आप दंग रह जायँगे और 101819 test‏.htm और अपने नये जीवन के अनुभव बयान करेगी -- सोहाग-रात और मधुर मिलन 101820 test‏.htm में अपनी नयी स्कीम उनसे बयान की। उनकी धारणा थी कि रूप के 101821 test‏.htm वकील गवाहों को उनके बयान रटा रहा था। गवाहों का बार-बार 101822 test‏.htm इसे बुलाओ, मैं पहले इसी का बयान लिखूँगा। वह कहाँ है हीरा?’ 101823 test‏.htm सैकड़े में पचास बाँसों का बयाना ले लिया। फिर दोनों लौटे। होरी 101824 test‏.htm हैं, पंद्रह रुपए सैकड़े का बयाना हुआ है। सेंत में नहीं काट रहे 101825 test‏.htm तो गुड़ लेगा ही कौन? सभी ने बयाने ले लिये। होरी को कम-से-कम सौ 101826 test‏.htm ‘दैव करे, तुम्हारा बयाह किसी बूढ़े से हो जाय, तो देखूँ, 101827 test‏.htm में आये थे। कितना अच्छा घर- बर था। उसका आदमी बंबई में दूध 101828 test‏.htm इसकी माँ मरी है, जैसे घर की बरकत ही उठ गयी। बहुएँ आटा पाथ लेती 101829 test‏.htm बस है। यह इसी सलामी की बरकत है कि द्वार पर मड़ैया डाल ली 101830 test‏.htm है। हीरा के साथ कभी इतनी बरक्कत न हुई थी। 101831 test‏.htm गयी है तुम लोगों की, तभी तो बरक्कत नहीं होती। 101832 test‏.htm इसी से इनकी कमाई में बरक्कत नहीं होती। जो ख़रच करते हैं, 101833 test‏.htm जायगी। औरत के हाथ में बड़ी बरक्कत होती है। ख़ुदा क़सम, जब मैं 101834 test‏.htm में कहा -- भगवान कहीं गौं से बरखा कर दें और डाँड़ी भी सुभीते 101835 test‏.htm दोनों आदमी जब बरगद के नीचे पहुँचे, तो दोनों टोलियाँ 101836 test‏.htm पहुँचा, तो देखा कुछ लोग बरगद के नीचे बैठे जुआ खेल रहे हैं। 101837 test‏.htm रहने दो। नदी के किनारे, बरगद के नीचे हमारी मोटरकार खड़ी 101838 test‏.htm थे, ब्याह भी बिना ख़रच- बरच के हो जायगा; और खेत भी बच जायँगे।’ 101839 test‏.htm सोना ने उसकी ओर बरछी की-सी चुभनेवाली आँखों से देखा 101840 test‏.htm हैं, सर्दी-गर्मी में, तीरथ- बरत में हाथ बाँधकर ख़रच करो। मुदा 101841 test‏.htm भी दे देती है, पर उससे अपने बरतन नहीं छुलाती। 101842 test‏.htm पकाती है, तो क्या रूपा बरतन नहीं माँजती? सोना पानी लाती 101843 test‏.htm गीली मिट्टी के चूल्हे और बरतन बना रही थी, और सोना सशंक आँखों 101844 test‏.htm वह पानी लाकर जूठे बरतन माँजने लगी, तो प्रसव की शंका 101845 test‏.htm झुनिया को अपने घर का चौका- बरतन , झाड़ू-बहारू, रोटी-पानी सभी 101846 test‏.htm सौ मार लिया। कपड़े, बरतन , भोजन अलग। कहीं-न-कहीं नित ही 101847 test‏.htm झाड़ू-बुहारू, रसोई, चौका- बरतन , लड़कों की देख-भाल यह कोई थोड़ा 101848 test‏.htm में भी न जा सकेगा, न किसी के बरतन -भाँड़े छू सकेगा। और यह सब हुआ 101849 test‏.htm नहीं लाँघने पाती, चौखट; बरतन -भाँड़े छूना तो दूसरी बात है। 101850 test‏.htm हुई कोठरी में गयी और अपने बरतन -भाँड़े निकाल-निकालकर बाहर 101851 test‏.htm मैं पाथूँगी। रूपा यह नहीं बरदाश्त कर सकती। सोना ऐसी कहाँ की बड़ी 101852 test‏.htm पर गया होता। मुझसे यह कभी बरदाश्त न होता कि मैं कमा-कमाकर सबका 101853 test‏.htm हो, हँसकर टाल गये, दूसरा तो बरदास न करेगा। कहीं उसने भी हाथ छोड़ 101854 test‏.htm जहाँ किसी ज़माने में उसकी बरदौर थी, होरी के खँडहर में सिलिया 101855 test‏.htm दी। गर्मियों में शर्बत और बरफ़ की दूकान भी खोल दी। लेन-देन 101856 test‏.htm में जान फँसी थी। शैतान बरबस कहे जाता है, तुमने हमारे रुपए 101857 test‏.htm मैंने अपने हज़ारों रुपए बरबाद कर दिये भाई साहब! जब उसका रुक्का 101858 test‏.htm बहकाया और मेरे एक लाख रुपए बरबाद कर दिये। बँगला ख़रीद लिया साहब, 101859 test‏.htm यही कहता था कि होरी घर बरबाद कर देगा; लेकिन सिर पर बोझ पड़ते 101860 test‏.htm में पड़कर अपनी ज़िंदगी बरबाद किये डालता है। छोड़कर जाय भी, 101861 test‏.htm थे। डाढ़ीजारों के पीछे हम बरबाद हो गये, सारी ज़िंदगी मिट्टी 101862 test‏.htm होरी जानता था, लेकिन पचास बरस का खंखड़ भोला भीतर से इतना 101863 test‏.htm मेरी सलाह है। अब सौ पचास बरस तो जीओगे नहीं। समझ लेना इतनी 101864 test‏.htm कहाँ से आ गये? कहाँ से हुन बरस पड़ा। उतने ही खेत तो हमारे 101865 test‏.htm सज्जनों के मुँह पर फटकार बरस रही थी। 101866 test‏.htm और दोपहर होते-होते तो आग बरस रही थी। होरी कंकड़ के झौवे 101867 test‏.htm पानी नहीं, अशर्फ़ियाँ बरस रही हों। बटोर लो, जितना बटोरते 101868 test‏.htm खन्ना गरजने लगे। गोविंदी बरसने लगी। उनके बीच में मालती का 101869 test‏.htm आकाश से अमृत-वर्षा होगी। बरसा क्या, अमृत के बदले विष, और सिलिया 101870 test‏.htm मैं गाली दे रही हूँ, वह फूल बरसा रहा है, क्यों? 101871 test‏.htm हूँ। वह तो मेरे ऊपर फूल बरसा रही है? 101872 test‏.htm सभी अपने मतलब के यार हैं। बरसात के दिनों में जब लल्लू को दस्त 101873 test‏.htm दी -- मालूम होता है, तेरे घर बरसात नहीं हुई। चौमासे में लकड़ी 101874 test‏.htm एक खलेटी में आ गया था, जहाँ बरसात में पानी भर जाने के कारण तरी 101875 test‏.htm होरी आँखों से अँगारे बरसाता धनिया की ओर लपका; पर गोबर सामने 101876 test‏.htm ओर लगी रहती थीं कि कब पानी बरसे और घास निकले। आधा आसाढ़ बीत 101877 test‏.htm मगर अब कितना ही पानी बरसे , ऊख तो बिदा हो गयी। एक-एक हाथ 101878 test‏.htm तो कितना ही मूसलाधार पानी बरसे , कोई हानि नहीं होती; पर जिस वक़्त 101879 test‏.htm बहुत कम हो गयी थी। मालती बरसों खन्ना की हृदयेश्वरी रह चुकी 101880 test‏.htm विवाहित जीवन के इन बीस बरसों में उसे अच्छी तरह अनुभव हो 101881 test‏.htm ले गये, और उस तीस के इन तीन बरसों में सौ हो गये थे। दुलारी विधवा 101882 test‏.htm स्वर में कहा -- वह तो मैं बरसों से कर रहा हूँ, मालती, और उस वक़्त 101883 test‏.htm उसे प्रोत्साहित किया। बरसों से जो साध मन को आंदोलित कर रही 101884 test‏.htm लेने का नाता रखती हूँ। बरसों से दूध लेकर बाज़ार जाती हूँ। 101885 test‏.htm बिलकुल सूखा रह गया। बरसों हो गये, मैंने गोविंदी से दिल 101886 test‏.htm कुल में करता, दहेज भी देता, बरात के खिलाने-पिलाने में भी ख़ूब 101887 test‏.htm से कहा -- कहना क्या है। गौरी बरात लेकर आयँगे। एक जून खिला देना। 101888 test‏.htm की डालियों पर मैनों की बरात -सी लगी बैठी थी। नीम और सिरस 101889 test‏.htm हैं। जो कुछ मोटा-महीन जुरे बरातियों को खिला देना। हम वह भी न माँगेंगे। 101890 test‏.htm ने न आने दिया। रूपा क्यारी बराती थी। और सोना मोट ले रही थी। रूपा 101891 test‏.htm के विवाह में तीन-तीन सौ बराती द्वार पर आये थे। दहेज भी अच्छा 101892 test‏.htm था। उसकी जगह क्यारियों को बराना था। सिलिया इनकार न कर सकी। 101893 test‏.htm पर न आकर खेत में क्यारी बराने लगी। डर रही थी, होरी पूछेंगे 101894 test‏.htm आयी होती, तो सभी का उस पर बराबर अधिकार होता। और कल को यही गाय 101895 test‏.htm जाओगे। तुम्हें तो मैंने बराबर अपना भाई समझा है। 101896 test‏.htm राय साहब झुककर मेज़ के बराबर आ गये। अजीब मुसीबत में जान 101897 test‏.htm पीछे से क़दम बढ़ाते हुए बराबर आकर बोले, यही कह रहा था कि धनिया 101898 test‏.htm नम्र, शांत, सरल मुद्रा बराबर उनकी आँखों के सामने फिरा करती 101899 test‏.htm हैं। इसके लिए उनकी आत्मा बराबर उन्हें धिक्कारती रही थी; मगर 101900 test‏.htm भी पुराने आदमियों के बराबर काम न कर सकते थे। पुराने आदमियों 101901 test‏.htm उसे मिलनी चाहिए थी। सोना बराबर की हिस्सेदार हुई जाती है, यह 101902 test‏.htm की तरह पाला-पोसा, वह अब बराबर के हिस्सेदार हैं; लेकिन भाई 101903 test‏.htm सह सकता उनकी हँसी, जो अपने बराबर के हैं, क्योंकि उनकी हँसी में 101904 test‏.htm है। दोनों शक्तियों का मोल बराबर तो नहीं हो सकता। मजूरों को 101905 test‏.htm क्या अपना बदन लेकर भी उसके बराबर नहीं चल सकते? 101906 test‏.htm तो सब एक ही घर के। दिन सबके बराबर नहीं जाते। कौन जाने, कल मेरे 101907 test‏.htm धन को आप किसी अन्याय से बराबर फैला सकते हैं। लेकिन बुद्धि 101908 test‏.htm रूप को, प्रतिभा को और बल को बराबर फैलाना तो आपकी शक्ति के बाहर 101909 test‏.htm की बातें हैं। भगवान सबको बराबर बनाते हैं। यहाँ जिसके हाथ में 101910 test‏.htm ऊँचे शिखर से खींचकर अपने बराबर बनाने के लिए, उन पुरुषों का, 101911 test‏.htm को अपनी जूतियों की नोक के बराबर भी नहीं समझती। 101912 test‏.htm और धनिया में उस दिन से बराबर मनमुटाव चला आता था। गोबर से 101913 test‏.htm बदल गया हो। मैंने तब से बराबर यही कोशिश की है कि अपने को संपूर्ण 101914 test‏.htm इस परिस्थिति से उसका मन बराबर विद्रोह किया करता था। और दो 101915 test‏.htm राधा के अनन्य उपासक थे और बराबर वृंदाबन में रहते थे। भक्ति-रस 101916 test‏.htm के कितने ही स्त्री-पुरुष बराबर शहर के बाहर घास छीलने जाते 101917 test‏.htm से। पर उत्तम और मद्धिम में बराबर संघर्ष होता रहता था। और मद्धिम 101918 test‏.htm ‘धनिया मुझे बराबर समझाती रहती थी।’ 101919 test‏.htm के पास फ़सली सौगातें लेकर बराबर सलामी करते रहते थे। एक और बात 101920 test‏.htm चिंता हुई; पर धनिया को वह बराबर साहस देते जाते थे। 101921 test‏.htm ‘भगवान ने तो सबको बराबर ही बनाया है।’ 101922 test‏.htm ‘तुम्हारी समझ में हम और वह बराबर हैं?’ 101923 test‏.htm कोई किसी का चाकर नहीं। सभी बराबर हैं। अच्छी दिल्लगी है। किसी 101924 test‏.htm लाख का बोझ कुछ नहीं के बराबर है। 101925 test‏.htm उठे और अंगूर के दाने के बराबर हो गये और फिर कई-कई दाने मिलकर 101926 test‏.htm काका, तो मिट्टी कैसे बराबर होगी। 101927 test‏.htm की कमी न थी। सभी अपने बराबरवालों के परिहास पर प्रसन्न थे। पटेश्वरी 101928 test‏.htm जानते हो, क्यों? केवल अपने बराबरवालों को नीचा दिखाने के लिए। हमारा 101929 test‏.htm के लिए। वह तुम्हारी क्या बराबरी करेगी?’ 101930 test‏.htm से कहा -- बड़े आदमियों की बराबरी तुम कैसे कर सकते हो भाई? 101931 test‏.htm हमें वोट चाहिए, पुरुषों के बराबर। 101932 test‏.htm कंठ तले गयी हो, तो गो-मांस बराबर। एक इकन्नी मुँह में दबा ली थी। 101933 test‏.htm कितना ही कमाऊँ खा-पी सब बराबर। बीड़ी-तमाखू को भी पैसा न रहता। 101934 test‏.htm साहब ने दी है। इस कोठरी और बरामदे का किराया बड़ी आसानी से पाँच 101935 test‏.htm खुला हुआ है। खन्ना ने बरामदे में आकर अभिवादन किया। 101936 test‏.htm मिसेज़ खन्ना बरामदे में चली गयी थीं। मेहता ने उनके 101937 test‏.htm गोबर ने बरामदे में जाकर कहा -- पेट में दर्द 101938 test‏.htm में अपने झोंपड़े के बरामदे में दो वाराँगनाओं के साथ बैठे 101939 test‏.htm और दूध उबालने लगी। चुहिया बरामदे में बच्चे को लिये खिला रही 101940 test‏.htm और दो-चार कौर निगलकर बरामदे में लेट रहा। पिछले पहर उसे 101941 test‏.htm उठकर कहा -- चलो, मैं क्यारी बराये देती हूँ। कौन उसे मजूरी देते 101942 test‏.htm मथुरा उसे अंदर ले गया। बरोठे में अँधेरा था। उसने सिलिया 101943 test‏.htm झुनिया बरौठे के द्वार पर छिपी खड़ी यह बातें 101944 test‏.htm डंक मारता जाता था। होरी बरौठे में बैठा सब कुछ सुन रहा था। 101945 test‏.htm -- मैं तो अब धनिया काकी के बरौठे में सोती हूँ। अपने घर में अच्छा 101946 test‏.htm है। जंगल में हाँडी और बर्तन ढूँढ़ना हिमाक़त है। हिरन का 101947 test‏.htm वह अब मेरा नहीं है। जिस बर्तन में खाता हूँ, वह भी अब मेरा नहीं 101948 test‏.htm की मजाल थी कि उसके साथ यह बर्ताव करता। बिरादरी उसे दंड देती, 101949 test‏.htm अब मेरे साथ तुम्हारा वही बर्ताव है, जो कुछ दिन पहले था?’ 101950 test‏.htm के साथ बहुत अच्छा बर्ताव है, मगर प्रश्न यह है कि उसमें 101951 test‏.htm बर्फ़ , शराब और सोडा पहले ही से तैयार 101952 test‏.htm के बीच में रहकर उनके बर्बर प्रेम का आनंद उठाने के लिए 101953 test‏.htm संस्कारों से, तुम भी वही बर्बर हो। 101954 test‏.htm कि रुपए उधार लेने में अपनी बर्बादी के सिवा और कुछ नहीं।’ 101955 test‏.htm थे। बगदाद, अदन, सिंगापुर, बर्मा -- चारों तरफ़ घूम चुके थे। अब 101956 test‏.htm जैसे मेहता के मन में बल और तेज भर रहा था। 101957 test‏.htm धक्का देकर -- नारी जाति पर बल का प्रयोग करके -- गच्चा खा चुका 101958 test‏.htm को, और रूप को, प्रतिभा को और बल को बराबर फैलाना तो आपकी शक्ति 101959 test‏.htm अगर दस-बीस हज़ार रुपए बल खाने से भी यह विवाह रुक जाय, 101960 test‏.htm कुचल गये। खन्ना मुँह के बल गिर पड़े, मालती को मेहताजी 101961 test‏.htm भी बुरा नहीं माना। माथे पर बल तक न आने दिया। 101962 test‏.htm करने से रही, केवल जीभ का बल था; पर ज्यों-ज्यों उम्र के साथ 101963 test‏.htm उसकी वाणी में सत्य का बल था। डरपोक प्राणियों में सत्य 101964 test‏.htm हैं, लेकिन जिसकी आत्मा में बल नहीं, अभिमान नहीं, वह और चाहे 101965 test‏.htm वकील साहब के माथे पर बल पड़ गये और संपादकजी के मुँह 101966 test‏.htm राय साहब के माथे पर बल पड़ गये। आँखें निकालकर बोले 101967 test‏.htm लोगों के पेट में बल पड़ जाता है। किसी ने पूछा -- 101968 test‏.htm खोज रहा हो। जिस मर्यादा के बल पर उसकी रसिकता और घमंड और पुरुषार्थ 101969 test‏.htm ‘नहीं, किसानों के बल पर और मज़दूरों के बल पर। यह 101970 test‏.htm आश्रय खोजा करता था, जिसके बल पर टिक सके, संसार का सामना कर 101971 test‏.htm उसे जितनी भक्ति है, उसके बल पर तुम बड़ी आसानी से उसे सीधा 101972 test‏.htm ‘किसके बल पर यह भजन-भाव और दान-धर्म होता 101973 test‏.htm बनते हैं, इसी तर्क के बल पर! 101974 test‏.htm के बल पर और मज़दूरों के बल पर। यह पाप का धन पचे कैसे? इसीलिए 101975 test‏.htm ‘अपने बल पर।’ 101976 test‏.htm की तरफ़ झुके और मुँह के बल फ़र्श पर गिर पड़े। मिर्ज़ा 101977 test‏.htm न थे। आकर कुहनियों के बल मेज़ पर टिककर बोले -- आप ज़रा 101978 test‏.htm वर्ग को शासन और नीति के बल से अपना स्वार्थ छोड़ने के लिए 101979 test‏.htm में भी होगी। समाज तो भय के बल से चलता है। आज समाज का आँकुस 101980 test‏.htm तभी घर आयेगा, जब वह पैसे के बल से सारे गाँव का मुँह बंद कर 101981 test‏.htm से, पराक्रम से, बुद्धि- बल से, तेज से। 101982 test‏.htm जितनी बुद्धि, जितना बल है, वह इस इलाक़े के प्रबंध में 101983 test‏.htm हैं कि उनमें त्याग का बल है। इसी तरह हम बुद्धि के हाथ 101984 test‏.htm हैं; लेकिन हमें न्याय का बल है। वह लोग नये आदमी रखकर अपना 101985 test‏.htm है। धन और ऐश्वर्य, रूप और बल , विद्या और बुद्धि, ये विभूतियाँ 101986 test‏.htm हाथ में रहते हुए अपंग हैं। बल -प्रयोग उनका अंतिम शस्त्र था। 101987 test‏.htm में जाने ही न दिया जाये। बल -प्रयोग के सिवा और कोई उपाय 101988 test‏.htm जैसे वह उनसे बचती है, जैसे बलपूर्वक अपने मन को उनकी ओर से हटा लेना 101989 test‏.htm मत। कुशल हुई। तेरा सोहाग बलवान था। कई आदमी उसी दंगे में मर 101990 test‏.htm न हुआ था, यह भावना उतनी बलवान न थी, पर विवाह हो जाने के बाद 101991 test‏.htm ‘तो ठकुराइन ठाकुर से बलवान है?’ 101992 test‏.htm तब दादा डाँट देते हैं। मैं बलवान होकर अपने मरद को क़ाबू में 101993 test‏.htm हैं। अच्छा खाने से लोग बलवान् होते हैं, मोटे नहीं होते। मोटे 101994 test‏.htm नहीं, मेक-अप में प्रवीण, बला की हाज़िर-जवाब, पुरुष-मनोविज्ञान 101995 test‏.htm -- कुछ रुपए देकर किसी तरह इस बला को टालिए। 101996 test‏.htm कि अलग हो गये। मेरे सिर से बला टली। 101997 test‏.htm उसके मुँह पर पटक दूँगी। बला से चार-पाँच सेर दूध जायगा, बचा 101998 test‏.htm ‘मेरी बला से!’ 101999 test‏.htm है। फंदा और जकड़ जाय बला से; पर गला छुड़ाने के लिए ज़ोर 102000 test‏.htm रही। कोई खाय या न खाय, उसकी बला से। आप मज़े से फुलके उड़ाती 102001 test‏.htm है। उसने खन्ना पर अपने को बलिदान कर दिया, उस पशु पर जिसने हमेशा 102002 test‏.htm की रक्षा करता हुआ अपना बलिदान कर दे। 102003 test‏.htm धूल में मिली। वह जीवन का बलिदान करके भी अब स्वामी नहीं हैं। 102004 test‏.htm मातृत्व की वेदी पर अपने को बलिदान करती है, जिसके लिए त्याग ही 102005 test‏.htm प्रेम और त्याग और बलिदान का बहुत बड़ा महत्व है; लेकिन 102006 test‏.htm के लिए उद्योग न करे और बलिदान न करे। मुझे क्या अच्छा लगता 102007 test‏.htm पीकर सो रही। और आज उन सारे बलिदानों का यह पुरस्कार! भगवान बैठे 102008 test‏.htm पहुँचा पकड़ लिया। उसके बलिष्ठ पंजों से निकलना भोला के लिए 102009 test‏.htm बंशी बलिष्ठ युवक था। उसने भोला को ज़ोर 102010 test‏.htm घसियारा हो। हाँ, भाग का बली है। बाप-बेटे में ख़ूब कहा-सुनी 102011 test‏.htm हैं, वह लड़कों के लिए नहीं, बल्कि अपने लिए; केवल यश के लिए नहीं, 102012 test‏.htm के लिए गाय नहीं बेच रहा है, बल्कि इसका कुछ और आशय है; लेकिन जैसे 102013 test‏.htm होरी से विरक्त हो गयी थी; बल्कि इसलिए कि पुनिया पर अब उसे भी 102014 test‏.htm तरह तो सब कहते हैं गोबर! बल्कि इससे भी मीठे, चिकने शब्दों 102015 test‏.htm लिए; केवल यश के लिए नहीं, बल्कि इसीलिए कि वह कर्मशील हैं और 102016 test‏.htm अधिकार छीन लेना चाहते हैं, बल्कि उन्हें आप समाज का शाप कहते 102017 test‏.htm को तैयार रहते हैं, उमिर भर, बल्कि उस जनम में भी, लेकिन मैं उन सबों 102018 test‏.htm पड़ा हुआ है, उसी तरह की, बल्कि उससे भी कहीं निंदास्पद बातें 102019 test‏.htm हो गया। होरी उसे अपना भाई बल्कि उससे भी निकट जान पड़ा। उसे 102020 test‏.htm तब था, उतना ही आज भी है; बल्कि और बढ़ गया। पहले नौकरी खोजते 102021 test‏.htm को सांत्वना देती हूँ; बल्कि केवल इसलिए कि उससे मेरा मन 102022 test‏.htm सकते हैं और शत्रुओं के भी; बल्कि तब कोई आपका शत्रु रहेगा ही 102023 test‏.htm समझकर मुँह फेर लेंगे; बल्कि तुम्हारे दुश्मन हो जायँगे! 102024 test‏.htm था। सारे गाँव का विदूषक, बल्कि नारद। हर एक बात की टोह लगाता 102025 test‏.htm ओर ले जानेवाला, कुछ हलका, बल्कि बीभत्स-सा लगता था। उस बड़े 102026 test‏.htm मन तो ताकता ही था; बल्कि बुलाता था।’ 102027 test‏.htm अन्याय ने भी न किया होगा; बल्कि मेरे ख़्याल में अन्याय ने मनुष्य-जाति 102028 test‏.htm का सहारा छीन लेना चाहा बल्कि यथार्थ के निकट होने के कारण 102029 test‏.htm ज़िंदगी तल्ख़ कर दी थी, बल्कि वह हीरा था, जो बे-माँ-बाप का 102030 test‏.htm और किसी ने कुछ कहा भी नहीं; बल्कि सभी ने उसके साहस और दृढ़ता 102031 test‏.htm छत में पंखा था, रंगीन बल्ब थे, दीवारों पर तस्वीरें थीं। 102032 test‏.htm खा-पहनकर उमिर काट देना, बस अपना तो यही राग है। बहुत करके 102033 test‏.htm कहे, माथा ठोंककर रह गया। बस इतना बोला -- यह अच्छी बात नहीं 102034 test‏.htm रहें। कुछ वह भी लायेगा। बस इस साल इस रिन से गला छूट जाय, 102035 test‏.htm उनकी निंदा नहीं सुन सकता। बस इसी बात पर बिगड़ गये। मैंने 102036 test‏.htm ‘बस उसी छन ढोरों को वहीं छोड़, मुझे 102037 test‏.htm मुझे कुछ भी पता नहीं। बस एक जोड़ा धोती और एक पगड़ी मेरे 102038 test‏.htm ‘बस एक ही दिन खेलाया?’ 102039 test‏.htm न सुना गया। मैंने कहा, बस कीजिए महाराज, राय साहब मेरे 102040 test‏.htm भोग लिये हैं और अब अपना बस चलते ऐसा कोई काम करना नहीं 102041 test‏.htm की अक़्ल चर जाती है। मेरा बस चले तो मैं ताल्लुक़े-दारी की 102042 test‏.htm से बेज़ार हो गया हूँ। मेरा बस चले, तो कौंसिल में आग लगा दूँ। 102043 test‏.htm अगर मेरे जतन से किसी का घर बस जाय, तो इसमें कौन-सी बुराई है? 102044 test‏.htm भगवान चाहेंगे, तो जल्दी घर बस जायगा।’ 102045 test‏.htm का पूरा विकास नहीं होता। बस जीवन का पूरा विकास इसी में 102046 test‏.htm बस ठन गयी। खन्ना गरजने लगे। गोविंदी 102047 test‏.htm को पास न फटकने दो, बस तुम्हारा जीवन संपूर्ण हो गया। 102048 test‏.htm देना मालती! तुम और मेहता, बस तुम्हारे सिवा संसार में मेरा 102049 test‏.htm हुई थी। क्या गाय थी कि बस देखता रहे। पूजने जोग। पाँच 102050 test‏.htm जाय। उसका हीरा पर तो कोई बस न था; मगर धनिया को तो वह ज़बरदस्ती 102051 test‏.htm ही रहते; लेकिन यहाँ कोई बस न था। उसे छूते भी उनके हाथ काँपते 102052 test‏.htm है; मगर इस वक़्त उसका कुछ बस नहीं। उसके पास रुपए होते, तो 102053 test‏.htm रहते कहाँ? जब आदमी का कोई बस नहीं चलता, तो अपने को तक़दीर 102054 test‏.htm गया। उसके आगे अब उसका कोई बस नहीं है। 102055 test‏.htm भूखी हूँ, न गहने-कपड़े की। बस भले आदमी का संग चाहती हूँ, जो 102056 test‏.htm मगर इस तरह की बेहयाई उनके बस में न थी। उनके मन के ऊँचे संस्कारों 102057 test‏.htm आसक्ति में आदमी अपने बस में नहीं रहता। वहाँ से आकर 102058 test‏.htm आँख में न आयेगा। तिरसना के बस में पड़कर आदमी इस तरह अपनी 102059 test‏.htm ‘जब औरत को बस में रखने का बूता न था, तो सगाई 102060 test‏.htm ‘बस यही कि जो मन में हो, वही मुख 102061 test‏.htm ‘बस यही समझ लो कि उबर जाऊँगा भैया! 102062 test‏.htm में बोला -- कहाँ बताऊँ दादा! बस यही समझ लो कि तुम्हारे दर्शन 102063 test‏.htm की कथा कह रहे थे -- बस यों समझिए श्रीमतीजी, कि संपादक 102064 test‏.htm अच्छे लच्छन हैं कि वाह! बस रातिब न कम होने पाये। एक-एक 102065 test‏.htm जवान, सुंदर औरत देखी और बस लगे घूरने, छाती पीटने। और यह 102066 test‏.htm और बेड़ियाँ पड़ जायँगी। बस वही बंधन तोड़ो, जिसमें अपनी-भोग-लिप्सा 102067 test‏.htm नहीं है। आपने तो देखा है। बस वही। आपके पास रुपए हों, तो पाँच 102068 test‏.htm रुपये की बात कह दी भाई। बस सज्जन वही, जो दूसरों की आबरू 102069 test‏.htm जो कुछ कहिएगा, बन जाऊँगा। बस सौ क़दम ले चलिए। मेरी तो ऐसे 102070 test‏.htm कोई ख़ूबी नज़र नहीं आती, बस स्वच्छंदता की सनक सवार है।’ 102071 test‏.htm बताओ, माता पर मेरा क्या बस है? जन्म तो उन्हींने दिया है, 102072 test‏.htm ही से कहूँगा। उस पर अपना बस है। तुम्हीं सोचो, मैं कुपद 102073 test‏.htm बना दिया है तो अपना क्या बस है। यह इसी सलामी की बरकत है 102074 test‏.htm उससे लड़ने क्यों गयी? उसका बस होता, तो वह पुनिया को पर्दे 102075 test‏.htm का यही हुक्म था। उनका क्या बस ! 102076 test‏.htm पचीस जवान यहाँ आ जायगा। बस ! 102077 test‏.htm तुला हुआ हो, तो मेरा क्या बस !’ 102078 test‏.htm की मरज़ी है, मेरा क्या बस !’ 102079 test‏.htm हो। आगे आकर बोला -- अच्छा बस , अब चुप हो जाओ हीरा, अब नहीं 102080 test‏.htm से एक भी जीते न रहेंगे। बस , अब मुँह में कालिख लगाकर जाओ। 102081 test‏.htm कर दें; लेकिन लोकलाज के बस , आँसू किसी की आँख में न आयेगा। 102082 test‏.htm होने की कोई बात नहीं। बस , इतना ही समझ लो कि सुख में आदमी 102083 test‏.htm सहानुभूति भी रखती थी। बस , उन्हें थोड़ा-सा सनकी समझती 102084 test‏.htm ने देने से इनकार कर दिया। बस , उसने सारे गाँव पर जाफा कर दिया। 102085 test‏.htm ‘बस , एक बार और ज़ोर मारो दोस्त। 102086 test‏.htm पड़ेगा, हत्या अलग लगेगी। बस , कहीं भाग गया। पुनिया अलग रो 102087 test‏.htm से उसका मुँह दबाकर कहा -- बस , चुप ही रहना, नहीं कहे देती हूँ। 102088 test‏.htm ने हँसकर कहा -- बस- बस , तूने ख़ूब समझा। अब उठा ले और 102089 test‏.htm आयें और लिखा-पढ़ी कर लें। बस , बिजनेस ख़त्म। आपने कुछ और 102090 test‏.htm धरम कहे, तो बैल खोल लो। बस , मैंने इनके धरम पर छोड़ दिया 102091 test‏.htm ‘बस- बस , यही चाल चलो।’ 102092 test‏.htm देखने-सुनने में अच्छी है। बस , लच्छमी समझ लो।’ 102093 test‏.htm ने उपहास भाव से कहा -- बस- बस , वह देवी है। मैं मान गयी। उसके 102094 test‏.htm अब तीनों अलग-अलग चलते हैं। बस , समय का फेर है। धनिया का क्या 102095 test‏.htm न पुरुषार्थ ही रह गया। बस , हमारी दशा उन बच्चों की-सी है, 102096 test‏.htm मिर्ज़ाजी ने हँसकर कहा -- बस -बस, तूने ख़ूब समझा। अब उठा ले 102097 test‏.htm ‘बस -बस, यही चाल चलो।’ 102098 test‏.htm मालती ने उपहास भाव से कहा -- बस -बस, वह देवी है। मैं मान गयी। 102099 test‏.htm और होरी खलिहान चला। रसिक बसंत सुगंध और प्रमोद और जीवन की 102100 test‏.htm चरस और गाँजे में उसकी जान बसती थी, सोहदों के साथ घूमना, बहू-बेटियों 102101 test‏.htm गुलज़ार। अधिकतर अहीर ही बसते थे। और किसानों के देखते इनकी 102102 test‏.htm थी -- किसी ऐसे प्रदेश में जा बसने की लालसा, जहाँ वह पाखंडों और 102103 test‏.htm भलेमानसों की तरह ज़िंदगी बसर होती थी। मालती सुबह से पहर 102104 test‏.htm एक पुरानी घटना याद आती थी। बसरे के एक गाँव में जब वह कैंप में 102105 test‏.htm बेफ़िक्रे जीव थे। पहले बसरे में ठीके का कारोबार करते थे। 102106 test‏.htm उजड़े घर को जल्द से जल्द बसा लेना चाहते थे। सौदा भी वारे 102107 test‏.htm हिला कर कहा -- जो उनका घर बसायेगा , वह अस्सी रुपए की गाय लेकर चुप 102108 test‏.htm को जलाती और गुलज़ार बस्तियों को वीरान करती चली जाती है। 102109 test‏.htm मेरे साथ न चलोगी, उस सूनी बस्ती में जहाँ स्वप्नों का राज्य 102110 test‏.htm है। आप जानते हैं, वह जगह बस्ती से कितनी दूर है; मगर ख़ैर, देखूँगा। 102111 test‏.htm एक ताख पर कोई पुस्तक बस्ते में बँधी रखी हुई थी, जो शायद 102112 test‏.htm भोला की सगाई ठीक करनी है, बस। दो-चार मन भूसा तो ख़ाली अपना 102113 test‏.htm भाग जायँ, तो हमारा क्या बस। पंचो, हमारे पास जो कुछ है, वह 102114 test‏.htm यही इच्छा है, तो अपना क्या बस।’ 102115 test‏.htm आवाज़ आँसुओं के रेले में बह गयी। चुहिया ने अंचल से उसके 102116 test‏.htm विज्ञान सभी इस प्रवाह में बह गये थे। 102117 test‏.htm में कितना वेग है। मैं तो बह जाऊँगी।’ 102118 test‏.htm गर्मी पसीने के रास्ते बह जाती है। मुझे याद है, तुमने 102119 test‏.htm गया था और घास के नीचे पानी बह रहा था। उस उतावली में उसने 102120 test‏.htm नज़र आया, जिसमें से पानी बह रहा था। उसने जाकर पाँव धोये, 102121 test‏.htm की आँखों से आँसुओं की धारा बह रही थी। 102122 test‏.htm के परनाले चारों तरफ़ बह रहे थे। और तो और, ज़मीन से भी 102123 test‏.htm आज ही। हाँ, अभी जितना चाहो, बहक लो। एक रपट में जाओगे छः महीने 102124 test‏.htm फैला हुआ पानी एक दिशा में बहकर वेगवान हो जाता है, वही मनोवृत्ति 102125 test‏.htm मगर इसी शैतान ने मुझे बहकाया और मेरे एक लाख रुपए बरबाद कर 102126 test‏.htm से निकली, चिड़िया को बहते देखकर साड़ी को जाँघों तक चढ़ाया 102127 test‏.htm गयी थी। हाँ, उसकी आँखों से बहते हुए आँसू बतला रहे थे कि मोह 102128 test‏.htm चल रही है। यह भुग्गा, वह बहत्तर घाट का पानी पिये हुए। इसे उँगलियों 102129 test‏.htm है। और वह जो है मालती, जो बहत्तर घाटों का पानी पीकर भी मिस बनी 102130 test‏.htm भोजन का समय आ जाता, तो उनकी बहन आहिस्ता से भीतर के द्वार से 102131 test‏.htm होने लगी। आख़िर बहन उनकी पहियेदार कुर्सी को खींच 102132 test‏.htm का समय बँधा हुआ था। उनकी बहन कमरे की बत्ती बुझा दिया करती 102133 test‏.htm एक ढेला भी नहीं छोड़ा। बहन कहती है, जा पेड़ तले बैठ। ढेले 102134 test‏.htm थी। फिर सिल्लो से उसका बहन का नाता था। सिल्लो को वह प्यार 102135 test‏.htm सरोज अब तक बड़ी बहन के अदब से ज़ब्त किये बैठी थी। 102136 test‏.htm को घेरे रहते थे। रूपा भी बहन के पीछे हो ली। जो काम सोना करे, 102137 test‏.htm पर इस अवसर पर कुछ कह न सकी। बहन के ब्याह में भाई का न जाना कैसे 102138 test‏.htm पड़ता है। क्यों उसे अपनी बहन के लिए नहीं ठीक कर लेते? 102139 test‏.htm कि यह शुभ कार्य किसी अपनी बहन के हाथों होना चाहिए। आप कम-से-कम 102140 test‏.htm इस पर रूपा ने बहन को दाँत से काट खाया। सोना की 102141 test‏.htm जानते हो कैसी औरत है? उसकी बहन क्या कुछ और होगी।’ 102142 test‏.htm ने आपत्ति के भाव से कहा -- बहन तो मालती ही की है। 102143 test‏.htm पहने देखा। उनकी एक विधवा बहन थी। वही उनके घर का सारा प्रबंध 102144 test‏.htm ओसारे में ही तो है। सिलिया बहन न जाने क्यों हरदम रोती रहती 102145 test‏.htm बुझा दिया करती थीं। एक दिन बहन ने किताब बंद करना चाहा, तो आपने 102146 test‏.htm मैंने देखा था। तभी दौड़ी। बहन ने तो पीछे से देखा। 102147 test‏.htm बहन ने सिखाया -- कह दे भैया, तुम्हारा 102148 test‏.htm उसकी बड़ी बहन ने, जो चौदह-पंद्रह साल की थी, 102149 test‏.htm मँझली बहन सरोज ने कहा -- पड़ा-पड़ा सोया 102150 test‏.htm तो सुनिए। वह मालती देवी की बहन सरोज है। 102151 test‏.htm छाती पर लोट गयी। उसकी बड़ी बहन सोना कहती है -- गाय आयेगी, तो 102152 test‏.htm कहा -- न उतरेंगे जाओ। काका, बहन हमको रोज़ चिढ़ाती है कि तू 102153 test‏.htm क्यों देती हैं। हमारी ही बहन है। चार दिन में उसकी सगाई हो 102154 test‏.htm ने गर्म होकर कहा -- मालती की बहन होना क्या अपमान की बात है? 102155 test‏.htm बोली -- कुराह चले तुम्हारी बहन , मैं क्यों कुराह चलने लगी। 102156 test‏.htm दोनों हाथों से दबा लिया और बहन -भाई में ज़ोर-आज़माई होने लगी। 102157 test‏.htm से कहा -- अब मुझे आज्ञा दो बहन ; तुम्हारा यह नेह, तुम्हारी 102158 test‏.htm माँ-बाप तुम्हारे ही हैं, बहनें तुम्हारी ही हैं, घर तुम्हारा 102159 test‏.htm थीं, वह या तो उसकी बहनें थीं या भाभियाँ। बहनों से तो 102160 test‏.htm नहीं। मुझे खेद है, हमारी बहनें पश्चिम का आदर्श ले रही हैं, 102161 test‏.htm था। मालती और उसकी दोनों बहनें बँगले के सामने घास पर बैठी 102162 test‏.htm गिर पड़ी और लहरों के साथ बहने लगी। 102163 test‏.htm साथ सम, धीमी, एक-रस धार में बहने लगी। 102164 test‏.htm उसकी आँखों से झर-झर आँसू बहने लगे, तो मुझे उस पर दया आ गयी। 102165 test‏.htm जोड़ रहा था। वह माँ, बहनों और झुनिया के लिए एक-एक जोड़ी 102166 test‏.htm ‘तू इतना बता दे कि हमारी बहनों के ब्याह में क्या-क्या सामान 102167 test‏.htm कैसे छोड़ दे? उसकी बहनों के विवाह में तीन-तीन सौ बराती 102168 test‏.htm विशेषकर हमारी शिक्षित बहनों पर वह जादू बड़ी तेज़ी से चढ़ 102169 test‏.htm इस गाय के पीछे दोनों बहनों में कई बार लड़ाइयाँ हो चुकी 102170 test‏.htm बहनें थीं या भाभियाँ। बहनों से तो कोई छेड़छाड़ हो ही क्या 102171 test‏.htm जान छूटे। उठाकर सारे रुपए बहनोइयों को दे दिये। अब और कौन आमदनी 102172 test‏.htm से कह दूँगी। तुम मेरे छोटे बहनोई हो, यह समझ लो! मालूम होता है, 102173 test‏.htm तो कच्ची अमिया से जी बहला ; मगर अब तो कोई ठोस चीज़ चाहिए। 102174 test‏.htm है और कितने स्नेह से उसे बहलाकर दूध पिलाती है, यह वात्सल्य 102175 test‏.htm से बेर तोड़ लिये और उदर को बहलाता हुआ चला। एक गाँव में गुड़ पकने 102176 test‏.htm भी न मिला कि उसी से मन बहलाता। उपला सुलगा लाया था, पर शीत में 102177 test‏.htm अपने विधुर जीवन को बहलाते रहते थे। 102178 test‏.htm जवान मिल जाय। घड़ी-भर मन बहलाने को और क्या चाहिये। गुन तो आदमी 102179 test‏.htm और पत्रिकाओं से मन बहलाया करती थी। दिग्विजय की अवस्था 102180 test‏.htm ऐंस्टीन के सिद्धांत पर बहस कर सकूँ, या जो मेरी रचनाओं के 102181 test‏.htm शब्दों का हेर-फेर है; पर बहस की गर्मी में ग़ौर करने का धैर्य 102182 test‏.htm हैं। ऐसे आदमी से क्या बहस की जाय। 102183 test‏.htm ने झुँझलाकर कहा -- अब तुमसे बहस कौन करे भाई! जैजात किसी से छोड़ी 102184 test‏.htm छोटी-मोटी बहस छिड़ गयी और विवाह के रूप में 102185 test‏.htm बात पर दोनों मित्रों में बहस छिड़ गयी। दोनों अपने-अपने पक्ष 102186 test‏.htm हो, या अँग्रेज़, इससे बहस नहीं। एक इंजिन जिस गाड़ी को 102187 test‏.htm वस्तु समझता हूँ। कभी उनसे बहस नहीं करता। और करना भी चाहूँ 102188 test‏.htm ज़रा-सा काम और महीनों की बहस। हाँ, जनता की आँखों में धूल झोंकने 102189 test‏.htm चाँद घुलकर जैसे नदी में बहा जा रहा था। वह एक क्षण खड़ी सोचती 102190 test‏.htm आता है। अम ख़ून का दरिया बहा देगा! 102191 test‏.htm स्वत्व छीनकर और उसका रक्त बहाकर समझने लगा, उसने बहुत बड़ी विजय 102192 test‏.htm का नौकर नहीं हूँ, सरकार बहादुर का नौकर हूँ, जिसका दुनिया भर 102193 test‏.htm पकड़कर लाया, उसे मारकर बहादुर न कहलायेगा। तू समझता होगा, 102194 test‏.htm तो लिया दुनिया ने कि बड़े बहादुर हो। अब क्या उसे पीसकर पी जाओगे? 102195 test‏.htm -- शेर की माँद में घुसना कोई बहादुरी नहीं है। मैं इसे मूर्खता समझता 102196 test‏.htm अपनी जान ख़तरे में डालना बहादुरी नहीं है।’ 102197 test‏.htm तो वह स्वीकार न करते। कोई बहाना करके टाल देते। 102198 test‏.htm चाहती थी। कैसे भागे, क्या बहाना करे? उसके प्राण क्यों नहीं 102199 test‏.htm तो पीते होगे? गोबर ने बहाना किया। अभी चिलम नहीं पीता। बुड्ढे 102200 test‏.htm सोना ने बहाना किया। मुझे तो कुछ मालूम नहीं। 102201 test‏.htm रात गये। और आकर कोई-न-कोई बहाना खोजकर झुनिया को गालियाँ देता, 102202 test‏.htm के बुलाने का तो केवल बहाना था। खन्ना अपनी योग्यता और दक्षता 102203 test‏.htm धनिया कोई बहाना न कर सकी। बोली -- रोटी कहाँ से 102204 test‏.htm रहता था; मगर छेड़ने का कोई बहाना न पाता था। उन दिनों घर में खाने-पीने 102205 test‏.htm को मजूरी घटाने का अच्छा बहाना मिल गया। ड्यूटी से अगर पाँच 102206 test‏.htm ‘यह सब बहाना है। बड़ा ख़राब आदमी है।’ 102207 test‏.htm मारना चाहते हैं। डाँड़ तो बहाना है। समझाती जाती हूँ; पर तुम्हारी 102208 test‏.htm है। सोचा होगा डाँड़ के बहाने इसकी सब जैजात ले लो और नज़राना 102209 test‏.htm जैसे काटते थे। किसी न किसी बहाने उड़ाकर ही उनका चित्त शांत होता 102210 test‏.htm संसार में रक्त की नदियाँ बहाने और वैमनस्य की आग भड़काने के 102211 test‏.htm आपको पास जाने के लिए किसी बहाने की ज़रूरत क्यों! मैं तो समझता 102212 test‏.htm हमारे पसीने की जगह ख़ून बहाने को तैयार हैं। अरे, और तो और, 102213 test‏.htm पड़ गयी। लोग समझाने के बहाने तमाशा देखने आ पहुँचे। शोभा 102214 test‏.htm ‘यह क्यों नहीं कहते कि इसी बहाने दो गाल हँसने-बोलने गया था। 102215 test‏.htm है सूअर। जब कहो, तो बीस बहाने निकालने लगता है। 102216 test‏.htm सही गयी तो वह आग माँगने के बहाने पुनिया के घर गयी। पुनिया बाजरे 102217 test‏.htm में पचीसों बार किसी-न-किसी बहाने मेरी दुकान पर आया करते थे; मगर 102218 test‏.htm है, जिन्होंने डाँड़ के बहाने मेरे डेढ़ सौ रुपए हज़म किये 102219 test‏.htm मिलना चाहें तो चलिए, इसी बहाने मैं भी चला चलूँगा।’ 102220 test‏.htm पास बार-बार किसी न किसी बहाने से आये, आपको अपना देवता समझे, 102221 test‏.htm कोई बात भी हो। जब वह किसी बहाने से घर में आ जाते हैं, तो क्या 102222 test‏.htm जाती। मातादीन किसी-न-किसी बहाने से होरी के घर आता और कनखियों 102223 test‏.htm और कोई न होता; कभी किसी बहाने से, कभी किसी बहाने से। झुनिया 102224 test‏.htm किसी बहाने से, कभी किसी बहाने से। झुनिया रूपवती न थी; लेकिन 102225 test‏.htm नहीं, कोई उनकी मौत आँसू बहानेवाला नहीं। उन्हें रह-रहकर जीवन की 102226 test‏.htm लिए कोई चार बूँद आँसू बहानेवाला भी नहीं। तब उसे वह दिन याद आया, 102227 test‏.htm लिए हुआ है कि अपना रक्त बहायें और बड़ों का घर भरें। मूलका 102228 test‏.htm हाँ, वहीं बाग़ में। बड़ी बहार रहेगी। 102229 test‏.htm और केसर और बादाम की बहार है। हाँ-हाँ, सेर-भर बादाम गोबर 102230 test‏.htm घर का चौका-बरतन, झाड़ू- बहारू , रोटी-पानी सभी कुछ करना पड़ता। 102231 test‏.htm हो गये तब खन्ना उन्हें बहाल करने पर राज़ी हुए; मगर नये आदमी 102232 test‏.htm सवाल आया कि वह पुरानों को बहाल करें या नयों को रहने दें। डायरेक्टरों 102233 test‏.htm से चाहते हैं कि सब-के-सब बहाल हो जायँ; मगर इसके साथ ही नये 102234 test‏.htm से पानी में कूद पड़े और बहाव की ओर तैरने लगे; मगर आध मील तक 102235 test‏.htm ने मिलकर जैसे उसका बहिष्कार कर दिया था। अपने घर में परदेशी 102236 test‏.htm करते हैं। निकालिए अपनी बही और बतलाइए अब तक आपको मेरी रियासत 102237 test‏.htm ले जाऊँगा। मैंने कहा, मैं बहु को तो न निकालूँगा, न मेरे पास 102238 test‏.htm जैसे घर की बरकत ही उठ गयी। बहुएँ आटा पाथ लेती हैं। पर गृहस्थी 102239 test‏.htm बैल क्या खेती करेंगे और बहुएँ क्या घर सँभालेंगी। जब से इसकी 102240 test‏.htm ‘बहुएँ भी तो वैसी ही चटोरिन आयी हैं। 102241 test‏.htm दिक मत कर। अब तो वहाँ बहुएँ भी नहीं हैं। तेरे ही हाथ में 102242 test‏.htm जो शायद रामायण हो। दोनों बहुएँ सामने बैठी गोबर पाथ रही थीं 102243 test‏.htm तक उसके घर में जो कुछ था, बहुओं का था। जो चाहती थीं, करती थीं, 102244 test‏.htm भूखी सो रही होगी; लेकिन बहुओं के लिए जलपान तक का ध्यान रखती 102245 test‏.htm बेचारे अनाथ-से हो गये थे। बहुओं को घर के काम-धाम से छुट्टी न 102246 test‏.htm एक की लौंडी होकर रह जायगी। बहुत अच्छा कर रही है। अभी तो यह महाशय 102247 test‏.htm में कौन-सा सुख रखा हुआ है। बहुत अच्छा करती है, जो ब्याह नहीं 102248 test‏.htm मैं यह नहीं कहता कि मतई यह बहुत अच्छा काम कर रहा है, लेकिन जब 102249 test‏.htm गोबर ठट्ठा मारकर बोला -- बहुत अच्छा किया तुमने। दूध से नहा 102250 test‏.htm प्यार करते हुए कहा -- तूने बहुत अच्छा किया बेटी, चल घर चलें। 102251 test‏.htm आपका अपने असामियों के साथ बहुत अच्छा बर्ताव है, मगर प्रश्न 102252 test‏.htm थी कि यह मालिक क्यों है। बहुत अच्छा हुआ कि अलग हो गये। मेरे 102253 test‏.htm मालती प्रसन्न होकर बोली -- बहुत अच्छा हुआ। मेरा शाप पड़ा। 102254 test‏.htm करते इसे लाज भी न आयी। बहुत अच्छा होता, पुलिस बाँधकर ले 102255 test‏.htm उठते हैं -- अच्छा हुआ, बहुत अच्छा, तुम्हारा सिर क्यों न 102256 test‏.htm झुकाकर कहा -- अच्छा था, बहुत अच्छा; मगर अभी आप अविवाहित 102257 test‏.htm ‘मिस्टर खन्ना आपको बहुत अच्छी तरह सिखा सकते हैं।’ 102258 test‏.htm ‘बहुत अच्छी तरह। जब जैसा मौक़ा देखा, 102259 test‏.htm के साथ कहा -- पीपल की छाँह बहुत अच्छी लग रही है क्या? और यहाँ 102260 test‏.htm ‘अच्छा रहने दे, बहुत अपना बखान न कर! तू ही रूठ-रूठकर 102261 test‏.htm हँसी -- देखो खन्ना, तुम मेरा बहुत अपमान कर रहे हो और तुम जानते 102262 test‏.htm उसने अपने इतने ही जीवन में बहुत अपमान सहा था, बहुत दुर्दशा 102263 test‏.htm पशु था। तब से संस्कृति बहुत आगे बढ़ गयी है।’ 102264 test‏.htm करके तब तुमसे कहूँगा। बहुत उतावली करने से भी काम बिगड़ 102265 test‏.htm वह रुपए दे दे, तो वह उसका बहुत उपकार मानेगा। 102266 test‏.htm में देख रही हो। दूर के एक बहुत ऊँचे शिखर पर एक छोटा-सा मंदिर 102267 test‏.htm लेकिन कोई परवाह नहीं। बहुत कबड्डी खेल चुका है। पैसे तो 102268 test‏.htm प्रश्न हल कर दिये जायँ, तो बहुत कम औरतें इस भाँति पतित हों। 102269 test‏.htm को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि बहुत कम घरों में दूध होता था। घी 102270 test‏.htm था। सच्ची प्रतिभा उनमें बहुत कम थी। 102271 test‏.htm गाँजा पी जाते हो। मैं अब बहुत कम पीता हूँ भैया, लेकिन दो पैसे 102272 test‏.htm अपने साथ। संसार में ऐसे बहुत कम प्राणी हैं जिनके प्रति मेरे 102273 test‏.htm यह गलती हुई। आजकल आपको बहुत कम फ़ुरसत रहती है, शायद। 102274 test‏.htm लगी। ऐसे सुअवसर उसे बहुत कम मिलते थे। होरी उससे चतुर 102275 test‏.htm लोक-निंदा का भय अब उसमें बहुत कम रह गया है। आये दिन की पंचायतों 102276 test‏.htm सभी चाहते हैं; पर ऐसे बहुत कम हैं, जो लोभ से अपना गला छुड़ा 102277 test‏.htm में उनका जो विश्वास था, वह बहुत कम हो गया। उनके लिए धन ही सब 102278 test‏.htm नज़रों में उनकी इज़्ज़त बहुत कम हो गयी थी। मालती बरसों खन्ना 102279 test‏.htm ‘जी हाँ, बहुत कम, वरना मैं अवश्य आता।’ 102280 test‏.htm बस अपना तो यही राग है। बहुत करके तो मर्द ही औरतों को बिगाड़ते 102281 test‏.htm में उन्हीं का राज नहीं है। बहुत करेंगे, अपने गहने ले लेंगे। 102282 test‏.htm पूजा करके नोखेराम से बहुत काम निकल सकता है। किसी को बटवारा 102283 test‏.htm नहीं है। नयी कौंसिल में बहुत कुछ अधिकार प्रतिनिधियों के 102284 test‏.htm उनकी इस दुर्दशा का कारण बहुत कुछ उनकी संकीर्णता और स्वार्थपरता 102285 test‏.htm हो जायँ, तो उन्हें बहुत कुछ कामयाबी हो सकती है। ऐसा 102286 test‏.htm के चेहरे पर ख़ुशी नहीं है। बहुत कुछ तो खलिहान में ही तुलकर 102287 test‏.htm युवक नहीं है। उसने बहुत कुछ दुनिया देख ली और संसार 102288 test‏.htm गृह-प्रबंध में तो वह कभी बहुत कुशल न थे। सब मिलकर एक हज़ार 102289 test‏.htm की लड़की है। उसकी हालत बहुत ख़राब हो गयी थी। अब कुछ सँभल 102290 test‏.htm ‘मालिक तुमसे बहुत ख़ुश हैं।’ 102291 test‏.htm राय साहब ने चुटकी ली -- आप बहुत ख़ुश हैं खन्नाजी! 102292 test‏.htm करनेवाले थे, हम लोगों ने बहुत ख़ुशामद की तब जा कर छोड़ा। 102293 test‏.htm वह जो खद्दर की साड़ी पहने बहुत गंभीर और विचारशील-सी हैं, मिस्टर 102294 test‏.htm ‘रुपए की बहुत गर्मी चढ़ी है साइत। लाओ निकालो, 102295 test‏.htm कुआँ बहुत गहरा था, कोई साठ हाथ, मटके भारी 102296 test‏.htm आज उसने जो आघात किया है, वह बहुत गहरा, बड़ा चौड़ा और बड़ा मर्मभेदी 102297 test‏.htm न थी, उसकी बुनियाद इससे बहुत गहरी थी, श्वेत परंपराओं की 102298 test‏.htm पड़ गयी थी, तो मैंने उसे बहुत गालियाँ दी थीं। हाथ जोड़ने 102299 test‏.htm का पुरवा था तो छोटा; मगर बहुत गुलज़ार। अधिकतर अहीर ही बसते 102300 test‏.htm खायगी। मैं इन लड़कियों से बहुत घबराता हूँ। 102301 test‏.htm का लौंडा तुम्हारे घर की ओर बहुत चक्कर लगाया करता है। तीनों 102302 test‏.htm होरी ने डाँटा -- चुप रह, बहुत चढ़-चढ़ न बोल। बिरादरी के चक्कर 102303 test‏.htm पर तैयार न थे। राय साहब ने बहुत चाहा कि आपस में समझौता हो जाय 102304 test‏.htm कलह को शांत करने की भरसक बहुत चेष्टा की; पर मीनाक्षी अब पति 102305 test‏.htm से क्षीण-स्वर में बोला -- आज बहुत चोट खा गया झुनिया! मैं किसी 102306 test‏.htm ‘बहुत जगह है।’ 102307 test‏.htm दिन न लगेंगे, और वह समय बहुत जल्द आयेगा, जब वह आपको अपनी 102308 test‏.htm है, उससे आधा-सीसी का दर्द बहुत जल्द आराम हो जाता है!’ 102309 test‏.htm लक्षण कह रहे हैं कि बहुत जल्द हमारे वर्ग की हस्ती मिट 102310 test‏.htm इस वक़्त जो थोड़ी बहुत जागृति है, वह आप ही के महान् 102311 test‏.htm हैं! इन हड्डियों में अभी बहुत जान है। इन लोगों ने जितना घी 102312 test‏.htm करके कहा -- तुमसे मिलने को बहुत जी चाहता था। इतने दिन हो गये, 102313 test‏.htm पीस कर कहा -- अच्छा झुनिया, बहुत ज्ञान न बघार। अब तू भी अपना 102314 test‏.htm इतनी दूर ले ही आये। बहुत ज़्यादा थके तो नहीं जान पड़ते; 102315 test‏.htm दुखित स्वर में बोला -- तू बहुत ठीक कहती है धनिया! बेसक मुझे 102316 test‏.htm याद करके कहा -- आपका ख़याल बहुत ठीक है मिस्टर मेहता! ऐसी औरत 102317 test‏.htm मेहता ने पूछा -- तुम बहुत डर रही थीं? 102318 test‏.htm को कहा है। बेचारा आजकल बहुत तंग है। 102319 test‏.htm था; इसलिए इधर कई साल से बहुत तंगहाल हो रहे थे। सारा दायित्व 102320 test‏.htm जाते थे। मकानदार ने जब बहुत तक़ाज़े करने पर भी रुपए वसूल 102321 test‏.htm भी अपना समझूँ। एक पंडित जी बहुत तिलक-मुद्रा लगाते हैं। आध सेर 102322 test‏.htm में इतना माल भरा हुआ था कि बहुत तेज़ माँग होने पर भी छः महीने 102323 test‏.htm थी। उसकी ज्ञानेंद्रियाँ बहुत तेज़ हो गयी थीं। उसके कानों 102324 test‏.htm भी समझती हो! यहाँ मैं बहुत- बहुत तो चार आने की मजूरी ही तो करता 102325 test‏.htm गिर गयी थी। उस पर यहाँ काम बहुत था। सारे बाग़ को पानी निकालकर 102326 test‏.htm कि होरी को ख़रीफ़ फ़सल में बहुत थोड़ा अनाज मिला, और पुनिया 102327 test‏.htm एक नाला मिला, जिसमें बहुत थोड़ा पानी था। नाले के उस पार 102328 test‏.htm चाहते थे; जब गोदाम में बहुत थोड़ा माल रह जाय और माँग की 102329 test‏.htm था, जिसमें स्वार्थ के लिए बहुत थोड़ा स्थान था। मैं उसको नीचे 102330 test‏.htm कि फ़सलें बिजली की ज़ोर से बहुत थोड़े समय में पैदा की जा सकती 102331 test‏.htm अभी तक आपने न ख़रीदे। अब बहुत थोड़े-से हिस्से बच रहे हैं। 102332 test‏.htm जान-पहचान होगी। खाँसी बहुत दिक कर रही है। हो सके तो कोई 102333 test‏.htm है। भगवान् चाहेंगे, तो बहुत दिन गाय घर में न रहेगी।’ 102334 test‏.htm के चरण धो-धोकर पियेंगे, और बहुत दिन गुज़रने के पहले वह आपकी 102335 test‏.htm यह उन्माद शांत होने में बहुत दिन न लगेंगे, और वह समय बहुत 102336 test‏.htm बाहर का कौन है। और हम क्या बहुत दिन बैठे रहेंगे? घर की मरज़ाद 102337 test‏.htm उन्हें कौन संसार में बहुत दिन रहना है। उन्हें भी आराम 102338 test‏.htm उन्हें कब देखा, हाँ नाम बहुत दिन से सुनती हूँ। वह तो बूढ़ा 102339 test‏.htm केवल मनोरंजन की वस्तु थी। बहुत दिन हुए हृदय का दिवाला निकाल 102340 test‏.htm कोई दूसरा नहीं है। मैंने बहुत दिन हुए, अपने को तुम्हारे चरणों 102341 test‏.htm बाद ही होगी और अभी उसे बहुत दिन हैं। 102342 test‏.htm ने शिक्षा दी -- हाँ, और क्या, बहुत दिनों तक चूल्हा फूँक चुके। 102343 test‏.htm व्यस्त रहने के कारण इधर बहुत दिनों से कुछ लिख नहीं सकी थी। 102344 test‏.htm साहब अपने इस इलाक़े में बहुत दिनों से नहीं गये थे। वहाँ 102345 test‏.htm शतांश भी नहीं हुई थी। इससे बहुत दुखी थे। बोले -- भाई, मैं प्रश्नों 102346 test‏.htm तक देखकर कहा -- तुम भी तो बहुत दुबले हो गये दादा! 102347 test‏.htm में बहुत अपमान सहा था, बहुत दुर्दशा देखी थी; लेकिन आज यह 102348 test‏.htm न समझें; लेकिन वह समय बहुत दूर नहीं है -- मैं तो कहती हूँ 102349 test‏.htm है, तो क्या गोमती यहाँ से बहुत दूर है। डूब मरूँगी। माँ-बाप 102350 test‏.htm बात नहीं। भस्म होने में तो बहुत देर नहीं लगती, वेदना भी थोड़ी 102351 test‏.htm अब बेटों के साथ रहेंगे, बहुत धक्के खा चुके; लेकिन दूसरे 102352 test‏.htm है। सनकी तो नहीं है कोई! बहुत धन पाकर आदमी सनक ही जाता है। 102353 test‏.htm कहा -- इस कष्ट के लिए आपको बहुत धन्यवाद! -- और सिर नीचा कर लिया। 102354 test‏.htm ने। अहा! वह आ रही है; लेकिन बहुत धीरे-धीरे आती है। सोना का दिल 102355 test‏.htm है, जो असामियों को थोड़ा- बहुत नहीं सताता। कुत्ता हड्डी की 102356 test‏.htm में डाल दो, नहीं तो चोकर बहुत निकलेगा। पंडित ने जैसे बखार 102357 test‏.htm कमर में हाथ डालकर कहा -- तुम बहुत निठुर हो सिल्लो? इस बखत कौन 102358 test‏.htm झिंगुरी बहुत नोच-खसोट करके भी पचीस-तीस से 102359 test‏.htm तुम्हारे साथ आकर मैं बहुत पछता रही हूँ। रास्ते-भर दौड़ा 102360 test‏.htm लौंडा भुनेसरी तेरे पीछे बहुत पड़ा था। तूने उसे ख़ूब डाँटा।’ 102361 test‏.htm पाकर आदमी सनक ही जाता है। बहुत पढ़ लेने से भी आदमी पागल हो 102362 test‏.htm थे। धर्म की पुस्तकें भी बहुत पढ़ी थीं। बड़े-बड़े वकीलों, 102363 test‏.htm यहाँ ही वह बच्चे की कौन बहुत परवाह करती थी। उसे तो अपनी 102364 test‏.htm मिस्टर खन्ना की नीति मुझे बहुत पसंद आयी।’ 102365 test‏.htm है। मैं तो समझती थी, आप बहुत पहले अपनी फ़िलासफ़ी को गंगा 102366 test‏.htm जीवन-पथ में काँटा बनती! बहुत पहले जब वह बालिका-विद्यालय 102367 test‏.htm जवाब दिया -- मैं इस विषय में बहुत पहले निश्चय कर चुका हूँ। उसमें 102368 test‏.htm जान पड़ता था। फिर रात को बहुत पी जाने के कारण इस वक़्त सिर 102369 test‏.htm है, और उनकी कल्पना बहुत प्रबल। शराब का नशा उनके ऊपर 102370 test‏.htm पर कैसे आसक्त हो गया। वह बहुत प्रयास करने पर भी मेहता को 102371 test‏.htm के महलों में उनका बहुत प्रवेश है। आप नवयुग की साक्षात् 102372 test‏.htm नहीं कि वह खिलौना उन्हें बहुत प्रिय था। उसके खो जाने, या टूट 102373 test‏.htm बुरी गत बनाये; पर पंडितजी बहुत बचे हुए रहते हैं। चिराग़ जलने 102374 test‏.htm चीकट रहते थे। उनका परिवार बहुत बड़ा था। सात भाई और उनके बाल-बच्चे 102375 test‏.htm और त्याग और बलिदान का बहुत बड़ा महत्व है; लेकिन मैं अपनी 102376 test‏.htm रक्त बहाकर समझने लगा, उसने बहुत बड़ी विजय पायी। जिन शिशुओं 102377 test‏.htm गाँव में धनिया का सम्मान बहुत बढ़ गया। उसमें अद्भुत साहस 102378 test‏.htm रहे थे। क़र्ज़ की मात्रा बहुत बढ़ गयी थी; मगर अब राय साहब को 102379 test‏.htm गोविंदी आज बहुत बढ़ी जाती थी। मालूम होता है, 102380 test‏.htm है। सुना पंडित तुमसे बहुत बिगड़े हुए हैं। कहते हैं, इसे 102381 test‏.htm आया हूँ। तेरे घरवाले तो बहुत बिगड़े होंगे? 102382 test‏.htm मँगरू ने शोभा को बहुत बुरा-भला कहा -- जमामार, बेईमान 102383 test‏.htm किसानों के देखते इनकी दशा बहुत बुरी न थी। भोला गाँव का मुखिया 102384 test‏.htm बोतल ख़ाली पड़ी हुई है, जी बहुत बेचैन हो रहा है। 102385 test‏.htm ‘सोभा तो आज बहुत बेहाल है।’ 102386 test‏.htm ‘बहुत भारी नहीं है, सच।’ 102387 test‏.htm ने सकुचाते हुए कहा -- बहुत भारी है सरकार! 102388 test‏.htm संदेह न था। हिरन ऐसा क्या बहुत भारी होगा। आख़िर मिर्ज़ा इतनी 102389 test‏.htm बाई के पास बैठो, बेचारी बहुत भूखी है। दूध गरम हुआ जाता है, 102390 test‏.htm गया था। अपनी करनी का फल बहुत भोग चुका। इस बम्हनई का बोझ 102391 test‏.htm पर चढ़ बैठी। दारोग़ा ने जब बहुत मानता की, तब जाकर उसे छोड़ा’ 102392 test‏.htm उठाओगे। तुम्हीं को कौन बहुत मिलते हैं। मैं सब देख लूँगा। 102393 test‏.htm ले लो। मेरे लिए मजूरी बहुत मिलेगी। 102394 test‏.htm के घर की तलाशी लूँगा। बहुत मुमकिन है कि तुमने हीरा और 102395 test‏.htm सच कहता हूँ गोबर तुम्हारी बहुत याद आती थी। अब तो रहोगे कुछ 102396 test‏.htm झुनिया नहीं उठी? यह तो बहुत रो रहा है। 102397 test‏.htm खोल दीं। मेहता अपने को बहुत रोके हुए थे। जी होता था, इस गँवारिन 102398 test‏.htm पटेश्वरीलाल बहुत लंबे थे; पर लंबे होकर भी बेवक़ूफ़ 102399 test‏.htm डोरा मँगवा लो, गाय को नज़र बहुत लगती है।’ 102400 test‏.htm थी। राय साहब का परिवार बहुत विशाल था। कोई डेढ़ सौ सरदार 102401 test‏.htm राय साहब की रचना-शक्ति में बहुत संदेह था। उनका ख़्याल था कि 102402 test‏.htm हो जाय, हालाँकि मुझे उसमें बहुत संदेह है, तो आप दस-पाँच औरतों 102403 test‏.htm सकती है। आपको इस मौक़े पर बहुत सँभलकर चलना चाहिए।’ 102404 test‏.htm चाहती हैं वही सत्य है। बहुत संभव है, आगे चल कर हमें अपनी 102405 test‏.htm लूटने के लिए अपनी आत्मा को बहुत समझाना न पड़ेगा। 102406 test‏.htm राय साहब ने बहुत समझाया; मगर खन्ना ने एक न मानी। 102407 test‏.htm का काम है और आपको अपना बहुत समय देना पड़ेगा। मैं अपनी तरफ़ 102408 test‏.htm नहीं कि दुनिया में ऐसी बहुत सी बातें हैं, जो कभी पुरानी 102409 test‏.htm छोड़ देना पाप है। आदमी का बहुत सीधा होना भी बुरा है। उसके 102410 test‏.htm बेलों और लताओं से ढकी हुई बहुत सुंदर लगती थी। अहाते में एक 102411 test‏.htm लोग समझते हैं, बड़े आदमी बहुत सुखी होंगे; लेकिन सच पूछो, तो 102412 test‏.htm ‘थोड़े- बहुत से काम चलता हो, तो मुझसे लो; 102413 test‏.htm नहीं किया। रोज़ी के लिए और बहुत से ज़रिये हैं। मगर ऐश की भूख 102414 test‏.htm काम है, कर्तव्य है। मेरे बहुत से ताल्लुक़ेदार भाई भोग-विलास 102415 test‏.htm शिखर पर पहुँचा दें। अन्य बहुत से बड़े आदमियों की तरह उनका 102416 test‏.htm ने भोजन किया और बहुत से मंत्र और श्लोक पढ़े गये। 102417 test‏.htm है। काम ज़रा अटपटा है। बहुत से लोग गच्चा खा जाते हैं, लेकिन 102418 test‏.htm ‘हाँ मालती, बहुत सोचा, बार-बार सोचा।’ 102419 test‏.htm मालिक, कैसे रंग-ढंग हैं। बहुत हलका है न? 102420 test‏.htm थे। गोबर और सोना का विवाह। बहुत हाथ बाँधने पर भी तीन सौ से कम 102421 test‏.htm ‘बहुत ही ग़रीब हुज़ूर! भोजन का ठिकाना 102422 test‏.htm एक लँगोटी कमर में बाँधे, बहुत ही ढीठ और रोनी। 102423 test‏.htm काला और वह भी गहरा, कपड़े बहुत ही मैले और फूहड़, आभूषण के नाम 102424 test‏.htm गाय उधार लेकर बेच देना भी बहुत ही वैसी बात है; लेकिन बिपत में 102425 test‏.htm की ज्योति चमक उठी। यों वह बहुत ही शांत प्रकृति के आदमी थे; 102426 test‏.htm बछवे ही किसी काम के हों। बहुत हुआ तो तेली के कोल्हू में चले। 102427 test‏.htm होरी ने कहा -- अच्छा, अब बहुत हुआ हरखू! भला चाहते हो, तो यहाँ 102428 test‏.htm के सिवा और क्या देता हूँ? बहुत हुआ, तो साल में एक धोती दे दी। 102429 test‏.htm लगा -- हीरा महतो, अब जाने दो, बहुत हुआ। क्या हुआ, बहू ने मुझे मारा। 102430 test‏.htm से बोला -- अच्छा दादा, अब बहुत हुआ। पीछे हट जाओ, नहीं मैं कहे 102431 test‏.htm बोली -- तुम्हारी दया से अभी बहुत है भाभीजी! पंद्रह मन तो जौ हुआ 102432 test‏.htm रही है। इसके लिए बीस रुपए बहुत हैं। 102433 test‏.htm से लौट आया, मेरे लिए तो यही बहुत है। 102434 test‏.htm है। खेती से पेट चल जाय यही बहुत है। गाड़कर कोई क्या रखेगा।’ 102435 test‏.htm में खाने को भगवान का दिया बहुत है। चार पसेरी रोज़ दूध हो जाता 102436 test‏.htm था? यहाँ रोटी मिल जाय वही बहुत है। ठीकेदार से रुपए मिले और 102437 test‏.htm की अनुमति माँगी; मगर देर बहुत हो गयी थी। इसलिए मालती ने मेहता 102438 test‏.htm नहीं। पुरुषों में भी ऐसे बहुत हो गये हैं, जो उसे पाकर अपने 102439 test‏.htm बहुरिया बनी बैठी रहेगी। बहुत होगा रोटियाँ पका देगी। यहाँ 102440 test‏.htm खींच ला सकता है। बहुत होगा, गालियाँ दे लेगी, एक-दो 102441 test‏.htm ऐसा क्या कोई पहाड़ है। बहुत होगा, चार-पाँच पँसेरी होगा। 102442 test‏.htm तो यहाँ सफ़ाया हो जायगा। बहुत होगा, पुलिस उसे फाँसी की सज़ा 102443 test‏.htm पुरुष होकर वह क्यों डरे। बहुत होगा, लोग उसे अलग कर देंगे। 102444 test‏.htm आठवाँ है; लेकिन मुझे दूध बहुत होता था।’ 102445 test‏.htm देता, तो नोखे क्या कर लेते? बहुत होता बक़ाया पर दो-चार आना सूद 102446 test‏.htm है, यह भी समझती हो! यहाँ मैं बहुत -बहुत तो चार आने की मजूरी ही 102447 test‏.htm पेट नहीं भरता? क्या करोगे बहुत -सा धन बटोरकर? कि साथ ले जाने 102448 test‏.htm तुम्हारे पास भी ऐसा कौन-सा बहुत -सा भूसा रखा है। 102449 test‏.htm रोटी नहीं चाहता, और भी बहुत -सी चीज़ें चाहता है। अगर औरतों 102450 test‏.htm ने जेब से चाकू निकाला, और बहुत -सी टहनियाँ काटकर जमा कीं। करार 102451 test‏.htm रही थी। वह इन ग्रामीणों से बहुत -सी बातें ज़्यादा जानती थी, 102452 test‏.htm मालती ने झुनिया को बहुत -सी बातें समझाईं और चलते-चलते 102453 test‏.htm पहुँचा। आज झुनिया से उसकी बहुत -सी बातें हुई थीं। जब वह गाय 102454 test‏.htm हुए भी बुरा न था। उनसे बहुत -सी मुआमले की बात करनी थीं। 102455 test‏.htm समझती थी। छुटपन से ही वह बहुत -सी रीति की बातें जानने और समझने 102456 test‏.htm उस दिन बड़ा भारी हवन हुआ, बहुत -से ब्राह्मणों ने भोजन किया 102457 test‏.htm ज़रूरी ही है। इस तरह आप बहुत -से रईसों को फाँस लेंगे। आप 102458 test‏.htm में कोई नहीं आ रहा है। बहुतों को जो आशा थी कि मेहता कम-से-कम 102459 test‏.htm मुँह से जान देनेवाले बहुतों को देख चुकी। भौरों की भाँति 102460 test‏.htm मालती ने तीसरे महीने बहुतों को निराश किया। किसी को साफ़ 102461 test‏.htm बात न थी। जानवरों को भी बहुधा घर छूट जाने का दुःख होता है। 102462 test‏.htm पैसे के। गोबर को इससे भी बहुमूल्य वस्तु मिल गयी थी। उसके मन में 102463 test‏.htm आने लगी है। मानवता इतनी बहुरंगी और इतनी समर्थ है, इसका मुझे 102464 test‏.htm कहावत है -- नाटन खेती बहुरियन घर। नाटे बैल क्या खेती करेंगे 102465 test‏.htm ही क्या? कुछ दिन तो लड़की बहुरिया बनने का सुख पाये। 102466 test‏.htm कन्या से क्या होगा? वह तो बहुरिया बनी बैठी रहेगी। बहुत होगा रोटियाँ 102467 test‏.htm डाढ़ीजार कहा था, भूल गये। बहुरिया होकर पराये मरदों से लड़ेगी, 102468 test‏.htm नक़ली रोष से कहा -- आपने यह बहुरूपपन कहाँ सीखा? मेरा दिल अभी तक धड़-धड़ 102469 test‏.htm हीरा- बहू अपने घर की मालकिन थी। उसी के 102470 test‏.htm धनिया ने बहू और बेटियों की ओर देखकर कहा 102471 test‏.htm हैं। मियाँ-बीबी और सास- बहू और भाई-भाई के झगड़े-टंटे यहीं 102472 test‏.htm की सिंचाई हो रही थी। हीरा- बहू कलेवा लेकर कुएँ पर जा रही थी। 102473 test‏.htm हीरा- बहू का नाम था पुन्नी। बच्चे दो 102474 test‏.htm में गोबर फेंकने गयी थी, बहू का संदेश सुना, तो आकर बोली -- 102475 test‏.htm अनर्थ हो रहा था कि लाड़ली बहू के गले पर छुरी चल रही थी, तो 102476 test‏.htm धनिया बहू को उसके साथ भेजने पर राज़ी 102477 test‏.htm अम्माँ को समझाया करते हैं, बहू को कुछ न कहना। तुम्हारे ऊपर 102478 test‏.htm गयी, तो किसकी हेठी हुई। बहू को कौन जानता है? किसकी लड़की 102479 test‏.htm जा रहा है कि मैंने अपनी बहू को क्यों अपने घर में रखा। क्यों 102480 test‏.htm से भींग गये। उसने तो बहू को छुआ भी नहीं। क्या वह इतना 102481 test‏.htm उन्हें भी सोचना चाहिए कि बहू को बाप-भाई की गाली क्यों देती 102482 test‏.htm सास। उसका नियंत्रण बहू को बुरा लगाता था और आये दिन 102483 test‏.htm भी निराली होती हैं। अकेली बहू घर में कैसे रहेगी, न कोई आगे 102484 test‏.htm पीछे तो मर मिटा महतो! जवान बहू घर में बैठी थी और वह बिरादरी 102485 test‏.htm से पी लेगा -- अब जैसे आज ही बहू घर से रूठकर चली गयी, तो किसकी 102486 test‏.htm तुमने कुछ कहा नहीं, तो बहू झूठ-मूठ रोती है? रुपए की गर्मी 102487 test‏.htm क्या करने जायगी। फिर सोभा- बहू तो तुझे प्यार करती है?’ 102488 test‏.htm में ही उड़ जायगा, हाँ, ऐसी बहू न पाओगे। 102489 test‏.htm पटेश्वरी बोले -- वह तेरी बहू नहीं है, हरजाई है। 102490 test‏.htm बेटा मर जाय, किसी की विधवा बहू निकल जाय, किसी के घर में आग लग 102491 test‏.htm मुँह फेरकर बोला -- मान ले, बहू ने गोबर को फोड़ ही लिया, तो तू 102492 test‏.htm दे रहे हो। उस दिन इसी बहू ने तुम्हें घूँघट की आड़ में 102493 test‏.htm दो, बहुत हुआ। क्या हुआ, बहू ने मुझे मारा। मैं तो छोटा नहीं 102494 test‏.htm इतनी मजाल कि मेरी बहू पर हाथ उठाओ। 102495 test‏.htm में मौज करने चल दिया। बहू भी दूसरे के साथ निकल गयी। बड़ी 102496 test‏.htm खाट पर लेटे हैं और छोटी बहू मुँह फेरे हुए ज़मीन पर बैठी 102497 test‏.htm लखनऊ चला गया था, कामता की बहू ही घर की स्वामिनी थी। पाँच-छः 102498 test‏.htm पूछा, यही पूछा कि किसकी बहू है? फिर वह अभी लड़की है, अबोध, 102499 test‏.htm -- गोबर का क्या हाल है, बहू ! मैने तो अभी सुना। दूकान से 102500 test‏.htm से बोली -- तू कहाँ जाती है बहू , चल घर में। यह तेरा घर है, हमारे 102501 test‏.htm आकर बोली -- काहे को बुलाया बहू , मैं तो घबड़ा गयी। 102502 test‏.htm को नापसंद था। वह गाँव की बहू -बेटियों को घूरा करता था, इसलिए 102503 test‏.htm थी, सोहदों के साथ घूमना, बहू -बेटियों को छेड़ना, यही उसका 102504 test‏.htm कृपण। गाँव की नीच जाति की बहू -बेटियों पर डोरे डाला करता था। 102505 test‏.htm आदमी वही है, जो दूसरों की बहू -बेटी को अपनी बहू-बेटी समझे। 102506 test‏.htm में कि दूसरों की बहू -बेटी को अपने घर में बंद करके 102507 test‏.htm दूसरों की बहू-बेटी को अपनी बहू -बेटी समझे। जो दुष्ट किसी मेहरिया 102508 test‏.htm क्यों बंद कर लिये? क्या बहूजी कहीं गयी हैं? घर में सन्नाटा 102509 test‏.htm वहाँ पुकारती हूँ, बहूजी, बहूजी ! कोई बोलता ही नहीं। इतने में 102510 test‏.htm चली गयी। वहाँ पुकारती हूँ, बहूजी , बहूजी! कोई बोलता ही नहीं। इतने 102511 test‏.htm आ जाती हैं। अकेली तो बहू। उस पर हुकूमत करनेवाला सारा 102512 test‏.htm की मीठी आवाज़ें; मगर बहेलिये का जाल और छल भी तो वहाँ न था। 102513 test‏.htm उड़ाता, तुम्हारा बाल भी बाँका न कर सकते। मेरी समझ में नहीं 102514 test‏.htm है! अगर मेरे बेटे का बाल भी बाँका हुआ, तो घर में आग लगा दूँगी। 102515 test‏.htm आ जाती थी, नहीं तुम कोई ऐसे बाँके जवान न थे।’ 102516 test‏.htm तिलक लगाता था, पोथी-पत्रे बाँचता था, कथा-भागवत कहता था, धर्म-संस्कार 102517 test‏.htm महतो को गौरीराम का राम-राम बाँचना। आगे जो हम लोगों में दहेज की 102518 test‏.htm भगवान ऐसी संतान से तो बाँझ ही रखे तो अच्छा। सबेरा होते-होते 102519 test‏.htm कि सब कुछ मजूरों को ही बाँट दिया जाय। हिस्सेदारों को यह 102520 test‏.htm में खड़ा करके ही मजूरी बाँट दी। अब किसी को उनके पागलपन 102521 test‏.htm उधर दोनों भाइयों को बाँट दूँगा। चार दिन की ज़िंदगी में 102522 test‏.htm शेष कार्यकर्ताओं में बाँट देंगे? कहाँ की बात! और वह त्यागी 102523 test‏.htm को लेकर सब कुछ मजूरों को बाँट देते थे। वह उसी गुज़ारे की 102524 test‏.htm से पैसा लेकर ग़रीबों को बाँट देना। इस बूढ़ी कबड्डी का विज्ञापन 102525 test‏.htm हाथों से बौर के सुगंध बाँट रहे थे, और कोयल आम की डालियों 102526 test‏.htm साहब तमाशाइयों को टिकट बाँट रहे थे। उन पर इस तरह की कोई-न-कोई 102527 test‏.htm का सामान खोलकर चीज़ का बाँट -बखरा करने में लगी हुई थीं; लेकिन 102528 test‏.htm मैं सब जानती हूँ। यहाँ तो बाँट -बखरा होनेवाला था, सभी के मुँह 102529 test‏.htm के दिनों में सरकारी कुनैन बाँटकर यश कमाते थे, कोई बीमार आराम 102530 test‏.htm अपना दुःख क्यों रोऊँ। बाँटता कोई नहीं, हँसते सब हैं। जो गायें 102531 test‏.htm देखकर क्यों रोती है? मिठाई बाँटने की ज़िम्मेदारी धनिया ने अपने 102532 test‏.htm चिपकाये गये थे, नोटिस बाँटे गये थे। यह खेल अपने ढंग का निराला 102533 test‏.htm से झूमती चली जाती थी, जैसे बाँदियों के बीच में कोई रानी हो। कैसा 102534 test‏.htm पसीजी। उसने चलते-चलते हाथ बाँध कर कहा -- दुलारी, मैं तुम्हारे 102535 test‏.htm का हक़ क्या है? इस डाँड़- बाँध के सिवा इलाक़े में और कौन-सी 102536 test‏.htm जोश मारा और अलगौझे की ऊँची बाँध को तोड़ता हुआ, सब कुछ अपने अंदर 102537 test‏.htm गया था? वही तुझे मेरे गले बाँध गया।’ 102538 test‏.htm मैं भवानी को किसी के गले बाँध तो दूँ; लेकिन पीछे इन्होंने 102539 test‏.htm हो जाती। घर में उसे कोई बाँध तो न लेता। देश मातादीन की पूजा 102540 test‏.htm बाहर निकालकर एक पेड़ में बाँध दिया और सिलिया से बोला -- तू 102541 test‏.htm ने तुम्हें एक सूत्र में बाँध दिया है। बंधुत्व के इस दैवी 102542 test‏.htm फाड़कर गाय के गले में बाँध दिया। 102543 test‏.htm न थे। होरी ने गाय को बाहर बाँध दिया। धनिया ने टोका भी, कहाँ 102544 test‏.htm दिया। चुपके से गाय लेकर बाँध देता तो चकरा जाती। लगती पूछने, 102545 test‏.htm मेहता की तारीफ़ों के पुल बाँध देती, जैसे कोई नवदीक्षित अपने 102546 test‏.htm जोड़ी लाकर अपने द्वार पर बाँध न दे, उसे चैन नहीं। वह लड़ने-मरने 102547 test‏.htm ले जा जहाँ चाहे। हमने उसे बाँध नहीं रक्खा है। काम करती थी, 102548 test‏.htm गोबर ने अँगोछा कमर में बाँध लिया और समर के लिए तैयार होकर 102549 test‏.htm तुम्हारी बातें गाँठ बाँध लीं। दुःख यही हुआ कि तुमने 102550 test‏.htm हूँ कि तुम्हें करपाश में बाँध लूँ; पर हाथ खुले रह जाते हैं 102551 test‏.htm घड़ी खोलकर अपनी क़लाई पर बाँध लेता था। मिर्ज़ा ने ख़ुद ख़ूब 102552 test‏.htm राय साहब ने मुट्ठी बाँधकर कहा -- मैं? 102553 test‏.htm और दारोग़ाजी के सामने हाथ बाँधकर खड़े हो गये। होरी की तलबी हुई। 102554 test‏.htm में, तीरथ-बरत में हाथ बाँधकर ख़रच करो। मुदा रास्ता कोई नहीं 102555 test‏.htm कहती थी, कितना ही हाथ बाँधकर ख़र्च करो; दो-ढाई सौ लग ही जायँगे। 102556 test‏.htm पुरुष मुट्ठी बाँधकर गोबर की ओर झपटा। उसी क्षण युवती 102557 test‏.htm आड़ में छिप गये और निशाना बाँधकर गोली चलायी। निशाना ख़ाली गया। 102558 test‏.htm मेरे द्वार पर आवोगे और हाथ बाँधकर दोगे। 102559 test‏.htm छीन ली, और गाय को खूँटे से बाँधकर द्वार की ओर चली। होरी ने उसे 102560 test‏.htm होरी ने ज़मीन छुई और हाथ बाँधकर बोला -- मेरा सुबहा किसी पर नहीं 102561 test‏.htm निर्मम वस्तु क्या भय से बाँधकर रखी जा सकती है? वह तो पूरा विश्वास 102562 test‏.htm नहीं रहना चाहता, क्या उसे बाँधकर रखेगी? माँ-बाप का धरम है, लड़के 102563 test‏.htm बहुत अच्छा होता, पुलिस बाँधकर ले जाती और चक्की पिसवाती! 102564 test‏.htm उसके भी तो जान है। गाय बाँधकर वह अपने मँझले भाई शोभा को देखने 102565 test‏.htm मालूम होता है, मैं गाय बाँधकर सोभा के घर गया हूँ, और इसने इधर 102566 test‏.htm मेहता ने मुट्ठी बाँधकर हवा में पटकते हुए कहा -- आपने 102567 test‏.htm था, कोई छीलता था, कोई पूले बाँधता था। महाजनों ने जो ऊख कटते देखी, 102568 test‏.htm आदमी थे। बड़ा-सा पग्गड़ बाँधते , नीचा कुरता पहनते और जाड़ों 102569 test‏.htm तो लेखे-ड्योढ़े में कसकर बाँधना चाहती थी। उनके धन-दान के द्वार 102570 test‏.htm ने बंदूक़ उठायी और निशाना बाँधना चाहते थे कि खन्ना ने कहा -- यह 102571 test‏.htm लात मारती है। नहीं, बाहर बाँधना ठीक नहीं। और बाहर नाँद भी कौन 102572 test‏.htm स्वर में बोले -- बाहर न बाँधना , इतना कहे देते हैं। 102573 test‏.htm जाता है। सानी-पानी, खोलना- बाँधना , सब मुझे करना पड़ता है। अब तो 102574 test‏.htm धनिया और होरी दोनों गाय बाँधने का प्रबंध करने लगे। होरी बोला 102575 test‏.htm और सोना का विवाह। बहुत हाथ बाँधने पर भी तीन सौ से कम ख़र्च न होंगे। 102576 test‏.htm शेख़ चिल्ली के-से मंसूबे बाँधने लगा था। ऐसा आदमी उसका हाथ पकड़ 102577 test‏.htm बैठा और भविष्य के मंसूबे बाँधने लगा। 102578 test‏.htm से क्या बोले। मारने- बाँधने से रहा, डाँटने-डपटने से रहा; 102579 test‏.htm थे। मानो उन पर कोई निशाना बाँधा जा रहा हो। कहाँ छिप जायँ। कैसे 102580 test‏.htm ने जूते का फ़ीता फिर से बाँधा , कोट उतारकर लकड़हारे को दिया, 102581 test‏.htm काला। राय साहब ने निशाना बाँधा। खन्ना ने रोका -- क्यों हत्या 102582 test‏.htm तूने गुस्ताख़ी पर कमर बाँधी ! बता तू किसके इलाक़े में रहती 102583 test‏.htm करना लड़कपन है। भीतर ही बाँधूँगा। आँगन है तो छोटा-सा; लेकिन एक 102584 test‏.htm इस वक़्त वह उनके सामने हाथ बाँधे खड़ा था और शायद अपने अपराध 102585 test‏.htm नहीं, बोला -- बाहर हवा में बाँधे देता हूँ। आराम से रहेगी। उसके 102586 test‏.htm घंटों ग़ुलामों की तरह हाथ बाँधे न खड़े रहते। मालूम नहीं कहाँ 102587 test‏.htm रखे और कमर में तलवार बाँधे न जाने किधर से आ खड़ा हो गया 102588 test‏.htm बैठक में सिर में पट्टी बाँधे पड़ा था। मैंने कहा -- कहो तो 102589 test‏.htm लिये और अँगोछे के कोर में बाँधे प्रसन्न मुख आकर दारोग़ाजी 102590 test‏.htm लौटूँगी। उसे वह कहाँ-कहाँ बाँधे फिरता। 102591 test‏.htm किसान को उनके सामने हाथ बाँधे हाजिर रहना चाहिए। उनके लिए 102592 test‏.htm राय साहब आशा बाँधे हुए कल आने का वादा करके ज्यों 102593 test‏.htm घुटनों से मोड़ कर कमर में बाँधे हुए थी, उसके हलके शरीर पर कुछ 102594 test‏.htm देश और समाज के बंधन में बाँधे हुए है। सत्याग्रह-आंदोलन छिड़ा। 102595 test‏.htm भरोसे यह सारे प्रोग्राम बाँधे हैं। अगर तुमने निराश कर दिया, 102596 test‏.htm पहने, गुलाबी पगड़ी बाँधे , घुटने तक कछनी काछे, हाथ में 102597 test‏.htm वर्दियाँ डाटे, नीले साफ़े बाँधे , जनता पर रोब जमाते फिरते थे। 102598 test‏.htm बना हुआ, एक लँगोटी कमर में बाँधे , बहुत ही ढीठ और रोनी। 102599 test‏.htm कुरते पहने और केसरिया पाग बाँधे , मेहमानों और मुखियों का आदर-सत्कार 102600 test‏.htm -- नहीं महाराज, बाहर क्या बाँधेंगे , भगवान् दें तो इसी आँगन में 102601 test‏.htm उसे ढूँढ़ ले। उसके गले में बाँधेंगे।’ 102602 test‏.htm कोई जानवरों को बाहर कैसे बाँधेगा। अभी तक रात-बिरात सभी जानवर 102603 test‏.htm दोनों लड़कियाँ किसके गले बाँधोगे ? फिर बिरादरी में तुम्हें कौन 102604 test‏.htm है, यह वह भाँप रही थी। वह बाँबी में बैठा हुआ साँप कहीं बाहर 102605 test‏.htm तो क्या। रोज़ ही तो मँगनी बाँस कटते रहते हैं। सहालगों में 102606 test‏.htm रहस्यमय भाव से बोला -- मेरे बाँस कभी तीस रुपए से कम में नहीं 102607 test‏.htm कोस और पच्छिम चले जाओ। मोल बाँस का नहीं है, शहर के नगीच होने 102608 test‏.htm आदि बनाने के लिए कुछ बाँस काट ले जाता था। 102609 test‏.htm बनाने के लिए लोग दरजनों बाँस काट ले जाते हैं। 102610 test‏.htm घूँघट के अंदर से बोली -- कौन बाँस काटता है? यहाँ बाँस न कटेंगे। 102611 test‏.htm पर जा रही थी। चौधरी को बाँस काटते देखकर घूँघट के अंदर से 102612 test‏.htm मूँछें, लाल आँखें, कमर में बाँस काटने की कटार खोंसे हुए। साल 102613 test‏.htm उतार कर छान पर रख दी और बाँस काटने लगा। 102614 test‏.htm क्या ताकते हो। जाकर अपने बाँस काटो। मैंने सही कर दिया। पंद्रह 102615 test‏.htm समझा था, अब मालूम हुआ कि वह बाँस की कैन है। हताश होकर बोली -- 102616 test‏.htm आयी। नीम के पेड़-तले अपनी बाँस की खाट पर पड़ा बार-बार तारों 102617 test‏.htm लथ-पथ आकर कहा -- महतो, चलकर बाँस गिन लो। कल ठेला लाकर उठा ले 102618 test‏.htm होरी ने बाँस गिनने की ज़रूरत न समझी। चौधरी 102619 test‏.htm हो, बीस रुपए में कहीं ऐसे बाँस जाते हैं? 102620 test‏.htm ‘ऐसे क्या, इससे अच्छे बाँस जाते हैं दस रुपए पर, हाँ दस कोस 102621 test‏.htm -- कौन बाँस काटता है? यहाँ बाँस न कटेंगे। 102622 test‏.htm कहो न। मैंने कह दिया, मेरे बाँस न कटेंगे। 102623 test‏.htm -- पंद्रह रुपए में हमारे बाँस न जायँगे। 102624 test‏.htm ऐसा आदमी नहीं है। फिर एकाध बाँस बेसी ही काट लेगा, तो क्या। रोज़ 102625 test‏.htm चौधरी ने हाथ रोककर कहा -- बाँस मोल लिए हैं, पंद्रह रुपए सैकड़े 102626 test‏.htm -- तुम्हारी कोठी में कुछ बाँस होंगे महतो? 102627 test‏.htm रुपए सैकड़े में पचास बाँसों का बयाना ले लिया। फिर दोनों 102628 test‏.htm का भी कोई प्रबंध करना था। बाँसों के रुपए बड़े अच्छे समय पर मिल 102629 test‏.htm ब्याहता न सही; पर उसकी बाँह तो पकड़ी है मेरे बेटे ने ही। 102630 test‏.htm न बनूँगी। एक बार जिसने बाँह पकड़ ली, उसी की रहूँगी। 102631 test‏.htm नालायक़ आदमी मिला कि उसकी बाँह पकड़कर दग़ा दे गया। मैं भी 102632 test‏.htm तो किसी मर्द से लड़। जिसकी बाँह पकड़कर लाया, उसे मारकर बहादुर 102633 test‏.htm मरद को नामरद कहती हूँ। जब बाँह पकड़ी थी, तब क्या दूध पीता था 102634 test‏.htm साथ क्यों जाऊँ? जिसने बाँह पकड़ी है, उसके साथ रहूँगी।’ 102635 test‏.htm नीच नहीं हूँ झूना! जब तेरी बाँह पकड़ी है, तो मरते दम तक निभाऊँगा।’ 102636 test‏.htm कहा -- कायर कहीं का। जिसकी बाँह पकड़ी, उसका निबाह करना चाहिए 102637 test‏.htm -- यही मरद का धरम है। जिसकी बाँह पकड़ी, उसे क्या छोड़ना! 102638 test‏.htm आदमी का धरम है, जिसकी बाँह पकड़े, उसे निभाये। यह क्या 102639 test‏.htm नहीं है। मातादीन ने उसकी बाँह फिर पकड़ ली। जीवन-पथ में उसके 102640 test‏.htm दाँत से काट खाया। सोना की बाँह लहुआ गयी। उसने रूपा को ज़ोर 102641 test‏.htm है। कहाँ सिलिया के गले में बाँहें डाले घास छीलने जाती थी, और आज 102642 test‏.htm अंग-विन्यास, सुडौल, गोल बाँहें , मुख पर एक प्रकार की अरुचि, जिसमें 102643 test‏.htm अपने रूप का, या भरी हुई गोल बाँहों या अपनी नग्नता का प्रदर्शन 102644 test‏.htm ‘दाईं ओर है, कि बाईं ओर?’ 102645 test‏.htm ‘बाईं ओर।’ 102646 test‏.htm कुछ नहीं करना है, जाकर बाई के पास बैठो, बेचारी बहुत भूखी 102647 test‏.htm बंद किये पड़ी देखकर बोली -- बाई को क्या हो गया है? 102648 test‏.htm देती हूँ। दो-एक खा लेना। बाई दूध पी लेगी। ठंढा हो जाय, तो 102649 test‏.htm के बीज हैं मालिक, गठिया हो, बाई हो ॰॰॰ 102650 test‏.htm सुख मिले तो पिटवा लेना बाईजी ! कोई रानी-महारानी थोड़ी हूँ 102651 test‏.htm मैं किसी की लौंडी नहीं हूँ बाईजी ! तुम बड़ी हो, अपने घर की बड़ी 102652 test‏.htm तक तो चूल्हा ठंढा हो जायगा बाईजी। कहो तो रोटियाँ सेंककर रख दूँ। 102653 test‏.htm को बैल लेना था, किसी को बाक़ी चुकाना था, कोई महाजन से गला 102654 test‏.htm इजलास तक ही चढ़ना पड़े। हम बाक़ी चुकाने को पचीस रुपए माँगते 102655 test‏.htm के नशे में भी इतना होश उसे बाक़ी था। 102656 test‏.htm जिन लोगों के रुपए उस पर बाक़ी थे उनके पास कौन मुँह लेकर जाय। 102657 test‏.htm निकल जायगी और उसके जीवन के बाक़ी दिन मजूरी करने में कटेंगे। 102658 test‏.htm क्यों बुलाते हैं, मैं तो बाक़ी दे चुका हूँ। 102659 test‏.htm कारकुन ने कहला भेजा, जब तक बाक़ी न चुक जायगी किसी को खेत में 102660 test‏.htm करने क्यों जाते हो? बाक़ी न चुके तो प्यादा आकर गालियाँ 102661 test‏.htm ने कहा -- आज साँझ तक नाज बाक़ी न रहे सिलिया! तू थक गयी हो तो 102662 test‏.htm समझता। मेरा उनके यहाँ कुछ बाक़ी नहीं है। 102663 test‏.htm सूद लगाकर सत्तर रुपए बाक़ी निकाल दिये। ये किसके घर से 102664 test‏.htm कर दिया और आप अभी दो साल की बाक़ी निकाल रहे हैं। यह कैसा गोलमाल 102665 test‏.htm दे दिये, और आज वह दो साल का बाक़ी निकालते हैं। मैंने कह दिया, 102666 test‏.htm ज़मींदार के भी आधे रुपए बाक़ी पड़ गये। सहुआइन से फिर रुपए 102667 test‏.htm जाता था। तीन साल से लगान बाक़ी पड़ा हुआ था और अब पंडित नोखेराम 102668 test‏.htm का तीन महीने का वेतन बाक़ी पड़ा हुआ था। काग़ज़वाले के 102669 test‏.htm का वेतन छः-छः महीने से बाक़ी पड़ा हुआ है; मगर हीरा-महल बन 102670 test‏.htm का किराया छः-छः महीने से बाक़ी पड़ा है और तुम्हें ख़बर नहीं। 102671 test‏.htm लगान के भी अभी पच्चीस रुपए बाक़ी पड़े हुए थे और दशहरे के दिन 102672 test‏.htm ठकुराइन के पान खाने को। बाक़ी बचा एक, वह आपकी क्रिया-करम के 102673 test‏.htm सहुआइन ने आग पर घी डाला -- बाक़ी बड़ी गाल-दराज़ औरत है भाई! मरद 102674 test‏.htm थे हुज़ूर! कुछ अनाज दिया, बाक़ी में अपना घर लिख दिया।’ 102675 test‏.htm मेरी आत्मा में ज़रा-सी जान बाक़ी रह गयी, जो मुझे देश और समाज के 102676 test‏.htm उसके हाथ का खायेगा नहीं, बाक़ी सारा काम उसने अपने ऊपर ले लिया। 102677 test‏.htm सौ रुपए की मदद कर दे, तो बाक़ी सौ रुपए होरी को आसानी से मिल 102678 test‏.htm सका, बिसेसर साह का देना भी बाक़ी है, जिस पर आने रुपए का सूद चढ़ 102679 test‏.htm मुझसे यह पूछने की ज़रूरत बाक़ी है? 102680 test‏.htm तुम्हारे ऊपर दो साल की बाक़ी है। अभी उस दिन मैंने ऊख बेची, 102681 test‏.htm के बाहर था, जहाँ उसने एक बाग़ और एक कुआँ और एक छोटा-सा शिव-मंदिर 102682 test‏.htm यह कहती हुई वह बाग़ की तरफ़ चल दी। आम गदरा गये थे। 102683 test‏.htm दोनों फिर बाग़ की तरफ़ दौड़ीं, गाय का स्वागत 102684 test‏.htm की परवरिश में और अपने बाग़ की सजावट में जिससे उन्हें इश्क़-सा 102685 test‏.htm इधर मालती ने अपने बाग़ के लिए गोबर को माली रख लिया 102686 test‏.htm उन्हें टपके समझकर बाग़ को घेरे रहते थे। रूपा भी बहन 102687 test‏.htm पर यहाँ काम बहुत था। सारे बाग़ को पानी निकालकर सींचना, क्यारियों 102688 test‏.htm बीच केवल आमों का छोटा-सा बाग़ था। झुनिया की काली परछाईं धीरे-धीरे 102689 test‏.htm ने उन्हें सब्ज़ बाग़ दिखाकर उनकी घड़ी, अँगूठियाँ, 102690 test‏.htm दें। इसी बदमाश ने सब्ज़ बाग़ दिखाकर उन्हें खड़ा किया और 102691 test‏.htm समर्थन किया -- जी हाँ, वहीं बाग़ में। बड़ी बहार रहेगी। 102692 test‏.htm झुनिया भी आ गयी। मालती बाग़ में आती तो उसे झुनिया का बालक 102693 test‏.htm न छोड़ता। एक दिन मालती बाग़ में आयी तो बालक न दिखाई दिया। 102694 test‏.htm प्रेमातुर होकर हार में और बाग़ में और नदी के तट पर उसके पीछे-पीछे 102695 test‏.htm ख़ुद खुरपी लेकर घंटों बाग़ में काम करते तो वह कैसे आराम 102696 test‏.htm और आँधी की तरह हरहराते हुए बाग़ में पहुँचकर लगे ललकारने -- आ 102697 test‏.htm घोल देते थे। होरी आमों के बाग़ में पहुँचा, तो वृक्षों के नीचे 102698 test‏.htm करते हैं, वह किस दिन के लिए? बाग़ में फल निकले, शाक-भाजी पैदा 102699 test‏.htm था। वहीं किसी नदी के तट पर बाग़ में भोजन बने, ख़ूब जल-क्रीड़ा 102700 test‏.htm करता? वह ख़ुद सूखता था; पर बाग़ हरा हो रहा था। 102701 test‏.htm लेकर दूसरों को दे दो। बाग़ -बग़ीचा बेचकर मज़े से तर माल 102702 test‏.htm को डालियाँ न दूँ, तो बागी समझा जाऊँ। तब आप अपने लेखों 102703 test‏.htm डालियाँ न दें, तो बागी समझे जायँ, शान से न रहें, तो 102704 test‏.htm खेल ही खेल रहे थे। अपने बागीचे में बैठे हुए पौधों पर विद्युत-संचार-क्रिया 102705 test‏.htm उसने तो खेत-बारी सब बेच- बाच डाली और अब भगवान ही जाने उसका 102706 test‏.htm न कम होने पाये। एक-एक बाछा सौ-सौ का होगा। 102707 test‏.htm भी दुह ले। इसका तो एक-एक बाछा सौ-सौ का होगा। द्वार पर बँधेगी 102708 test‏.htm दूध कम न था। सौ-सौ का एक-एक बाछा होता। आते देर न हुई और यह वज्र 102709 test‏.htm कमरे से निकलने लगीं कि वह बाज़ की तरह टूटकर उनके सामने आ खड़ा 102710 test‏.htm तीनों उस पर टूट पड़ेंगे, बाज़ की तरह। भगवान ही कुशल करें। 102711 test‏.htm ‘मैं आपसे पूछता हूँ, क्या बाज़ को चिड़ियों का शिकार करते देखकर 102712 test‏.htm मना करने पर खड़े होने से बाज़ न आते थे, चिल्ला उठते हैं -- अच्छा 102713 test‏.htm लग जायँगी, फिर भी वह बाज़ बन सकेगा या नहीं, इसमें संदेह 102714 test‏.htm नहीं, इसमें संदेह है; मगर बाज़ बने या न बने, वह हंस न रहेगा 102715 test‏.htm की-सी दलीलें हैं। मादा बाज़ भी उसी तरह शिकार करती है, जैसे, 102716 test‏.htm पुनिया के घर गयी। पुनिया बाजरे की रोटियाँ और बथुए का साग पका 102717 test‏.htm महक रही हैं काकी! मुझे बाजरे की रोटियाँ बड़ी अच्छी लगती 102718 test‏.htm ही दिया गया था। नाच-तमाशा, बाजा , गाजा, हाथी-घोड़े, सभी आये थे। 102719 test‏.htm नफ़े का काम ही नहीं। बाज़ार का चढ़ाव-उतार कोई आकस्मिक घटना 102720 test‏.htm है। कोई बता दे कि हमने कभी बाज़ार की कोई चीज़ खायी हो, या किसी 102721 test‏.htm नहीं देख सकते। वह रूप के बाज़ार को ऐसा ख़ाली कर देंगे कि दौलतवालों 102722 test‏.htm ‘तू बाज़ार गयी थी।’ 102723 test‏.htm ओले गिरे। सिलिया घास लेकर बाज़ार गयी हुई थी। रूपा अपने खेल में 102724 test‏.htm ‘न होंगे घर पर। दूध लेकर बाज़ार गये होंगे।’ 102725 test‏.htm है। उसने रुपए निकाले और बाज़ार चला। दोपहर तक सारी चीज़ें आ 102726 test‏.htm हूँ। बरसों से दूध लेकर बाज़ार जाती हूँ। एक-से-एक बाबू, महाजन, 102727 test‏.htm थे। तू उपले और घास लेकर बाज़ार जाती, वहाँ से रुपए लाती और तेरा 102728 test‏.htm दूध दुहना, फिर दूध लेकर बाज़ार जाना, वहाँ से आकर फिर सानी-पानी 102729 test‏.htm जेठा कामता सौदा लेकर बाज़ार जायगा, तो आधे पैसे ग़ायब। पूछो 102730 test‏.htm लेकर गये हैं। मुझे कोई बाज़ार नहीं जाने देता। कहते हैं, तुम 102731 test‏.htm की ख़ुशामद न करता। उसे सरे बाज़ार पिटवाता; लेकिन मुझसे आपकी दोस्ती 102732 test‏.htm भोला ने शान जमायी -- अबकी बाज़ार बड़ा तेज़ रहा महतो, इसके अस्सी 102733 test‏.htm था। बोली-दिन-भर दादाजी बाज़ार भेजते रहते हैं, फ़ुरसत ही कहाँ 102734 test‏.htm ने डाँटा -- दादाजी उसे कब बाज़ार भेजते हैं री, झूठी कहीं की! 102735 test‏.htm समय ख़राब है, नहीं बीच बाज़ार में इस चुड़ैल धनिया के झोंटे 102736 test‏.htm रूप से टिक जायँगी, तो भी बाज़ार में उनकी जगह ख़ाली न रहेगी। 102737 test‏.htm उस दिन बाज़ार में चार-पाँच सौ मज़दूरों से 102738 test‏.htm सब लोग अमीनाबाद के बाज़ार में जा पहुँचे। गोबर हैरान था, 102739 test‏.htm भी भूसा नहीं रहा। रुपए सब बाज़ार में निकल गये। सोचा था महाजन 102740 test‏.htm वहाँ तो पैसा चाहिए। सुना, बाज़ार में पकी-पकाई रोटियाँ मिल जाती 102741 test‏.htm के लिए टोप और फ़्राक जो बाज़ार में बना बनाया मिलता है। उसने 102742 test‏.htm ‘हमारे दादा बाज़ार में बेचते हैं। यही तो हमारा 102743 test‏.htm उनकी धारणा थी कि रूप के बाज़ार में वही स्त्रियाँ आती हैं, 102744 test‏.htm मैं दुहूँ, दूध लेकर बाज़ार मैं जाऊँ। यह गृहस्थी जी का 102745 test‏.htm बंद कर लिया। जो रूप का बाज़ार लगाकर बैठती है, जिसकी परछाईं 102746 test‏.htm काम देखो। वह और हैं जो हाट- बाज़ार से आते हैं, तो बाल-बच्चों के 102747 test‏.htm शिकार पका, समीप के बाज़ार से घी और मैदा मँगाया और सारे 102748 test‏.htm पहले तुम जाना और कहना, मैं बाज़ार से सौदा बेचकर घर जा रही थी। 102749 test‏.htm देती थी, ललकारती थी, बाज़ियाँ लगाती थी। वाह! ज़रा इन बूढ़े 102750 test‏.htm प्रत्येक आदमी इस हारी हुई बाज़ी के एकबारगी पलट जाने पर विस्मित 102751 test‏.htm खुर्शेद, यह फ़ेयर नहीं है। बाज़ी ड्रान रही। 102752 test‏.htm होरी उससे चतुर था; पर आज बाज़ी धनिया के हाथ थी। हाथ मटकाकर 102753 test‏.htm यह शब्द थे -- डाक्टर साहब ने बाज़ी मार ली। और प्रत्येक आदमी इस 102754 test‏.htm ही मिले। मेहता शायद आपसे बाज़ी मार ले जायँ।’ 102755 test‏.htm और कुछ नहीं। चुनाव में वही बाज़ी ले जाता है, जिसके पास रुपए हैं। 102756 test‏.htm इस मैदान में कोई हमसे क्या बाज़ी ले जायगा। फिर वह ज़मींदार के 102757 test‏.htm गाँव में ख़ूब धूम-धाम रही। बाजे बजे, गाना-बजाना हुआ और रूपा 102758 test‏.htm तरह शिकार करती है, जैसे, नर बाज़। 102759 test‏.htm अच्छे लेखक, अच्छे निशाने- बाज़। उनकी पत्नी को मरे आज दस साल 102760 test‏.htm धनिया द्वार पर खड़ी इनकी बाट जोह रही थी। रुष्ट होकर बोली 102761 test‏.htm में वह भोग-विलास और ठाट- बाट तो क्या निभता! हाँ, इतना था कि 102762 test‏.htm कह दिया, आप कितना ही ठाट- बाट दिखायें; पर राय साहब की जो इज़्ज़त 102763 test‏.htm जमाकर‏) हम तो वहाँ कलेऊ की बाट देख रहे हैं, तू यहाँ लड़ाई ठाने 102764 test‏.htm जंगी उसका ठाट- बाट देखकर रोब में आ गया। उसे कभी 102765 test‏.htm है? वह क्यों दूसरों का ठाट- बाट देखकर विचलित हो जाती है? उसे 102766 test‏.htm जिनके भोग-विलास में, ठाट- बाट में किसी तरह की कमी न थी; मगर 102767 test‏.htm कैसे आदमी रखे, कैसे नक़ली बाट रखे। क्या कीजिएगा, यह सब सुनकर; 102768 test‏.htm हाथ का खाओ, तो मैं एक छन में बाटियाँ सेंक दूँगी, नहीं, अपने आप सेंक 102769 test‏.htm पर आटा गूँधा, उपलों पर बाटियाँ सेंकी, आलू भूनकर भुरता बनाया 102770 test‏.htm पात्र बना दिया। जब तक नदी बाढ़ पर थी उसके गंदले, तेज, फेनिल 102771 test‏.htm धनिया बोली -- लड़की की बाढ़ रेंड़ की बाढ़ है। नहीं है अभी 102772 test‏.htm -- लड़की की बाढ़ रेंड़ की बाढ़ है। नहीं है अभी कै दिन की! 102773 test‏.htm दोनों ने अपने-अपने अग्नि- बाण छोड़ दिये। खन्ना ने गोविंदी 102774 test‏.htm कुंद हो गयी है। इन व्यंग्य- बाणों के रोकने के लिए उसके पास कोई 102775 test‏.htm उस नारी-जाति का जिसके नयन- बाणों से अपने हृदय को बिंधवाने की 102776 test‏.htm था। वह आफ़त की मारी व्यंग- बाणों से आहत और जीवन के आघातों से 102777 test‏.htm बुरा लगेगा ही। इसमें इतनी बात अच्छी है कि घर से रूठकर चली 102778 test‏.htm अपनी कथा सुनाऊँ। देखिए, यह बात अपने ही तक रखिएगा, हालाँकि 102779 test‏.htm के दर्शनों को आते रहे। वह बात अब पुरानी पड़ गयी थी; लेकिन 102780 test‏.htm के साथ जवाब दिया -- वह बात अब स्वप्न हो गयी। अब तो कभी 102781 test‏.htm ‘यही बात अभी मैं कह रहा था। विचार और 102782 test‏.htm लेकिन यहाँ सिद्धांत की बात आ गयी है और आप जानते हैं, सिद्धांत 102783 test‏.htm किया -- हाँ, जब धरम की बात आ गयी, तो कोई क्या कहे। सब के 102784 test‏.htm हूँ; मगर उनकी समझ में कोई बात आती ही नहीं। कभी लड़कों के 102785 test‏.htm देर में उसकी समझ में यह बात आने लगी थी कि महाजन जब सिर पर 102786 test‏.htm समझते हैं; पर इतनी मोटी बात आप की समझ में न आयी। इसका अर्थ 102787 test‏.htm उनके मन में भी इस तरह की बात आयी थी; लेकिन उन्होंने उसे 102788 test‏.htm से उधार लिये जा रहे हैं, यह बात उसके पेट में इस तरह खलबली मचा 102789 test‏.htm जवाब दिया। होरी के मन की बात उसने ताड़ ली थी -- हाँ, दो बछियें 102790 test‏.htm ‘ज़मींदार की बात और है।’ 102791 test‏.htm है और महाजन लात और जूते से बात करता है। जो किसान पोढ़ा है, 102792 test‏.htm बैठने देती, गालियों से बात करती है; लेकिन वह यही कहे जाय 102793 test‏.htm ने डाँटा -- क्यों बे-बात की बात करती है। पानी रख दे और जा। आज 102794 test‏.htm था। उनसे बहुत-सी मुआमले की बात करनी थीं। खुर्शेद और तंखा बच 102795 test‏.htm का सर्वनाश! लड़के तुमसे बात करने को तरस जाते थे, तुम्हें 102796 test‏.htm में पाँव रखा, तो लातों से बात करूँगा। 102797 test‏.htm द्वार से, नहीं जूतों से बात करूँगा। झोंटा पकड़कर उखाड़ 102798 test‏.htm मुँह पर पोतकर कहा -- तो एक बात करो, यह नयी गाय जो लाये हो, इसे 102799 test‏.htm ‘यह तुमने लाख रुपये की बात कह दी भाई। बस सज्जन वही, जो दूसरों 102800 test‏.htm धत तेरी की! वह पहले यही बात कह रहे थे; पर इस अग्निहोत्री 102801 test‏.htm दूँगी। भगवान, आदमी मुँह से बात कहकर इतनी बेसरमी से मुकुर जाता 102802 test‏.htm दिलेर आदमी है। सच्ची बात कहता है और मुँह पर। 102803 test‏.htm खुल गयी है। कैसी बेलाग बात कहता है। उसकी वक्र बुद्धि ने 102804 test‏.htm कराती, दो-चार लगनेवाली बात कहती तो क्या मुझे चोट लग जाती; 102805 test‏.htm चलने लगी। मैं तो दुनिया की बात कहती हूँ, तुम मुझे गालियाँ 102806 test‏.htm अपवाद समझिए। मैं अपनी ही बात कहती हूँ। कोई ग़रीब औरत दवाखाने 102807 test‏.htm इस भले आदमी को मुँह से ऐसी बात कहते लाज नहीं आती। मुझ पर धौंस 102808 test‏.htm की जान-पहचान ही नहीं। कोई बात कहनी होती है, तो सोना या रूपा 102809 test‏.htm भी ज़ेरबार हों। दिल की बात कहिए। मैं आपका बैरी नहीं हूँ। 102810 test‏.htm हैं कि उससे लड़की बेचने की बात कही जाती है और उसमें इन्कार 102811 test‏.htm कुछ ख़राबी पैदा हो जाने की बात कही थी और लाहौर में उनके बैंक 102812 test‏.htm लगते हो। उसने कौन-सी बुरी बात कही थी कि तुम्हें चोट लग गयी। 102813 test‏.htm खन्ना खिसिया गये। बात कही मालती को ख़ुश करने के लिए, 102814 test‏.htm -- यह आपने बड़े मार्के की बात कही मेहता जी! हम नाम के राजा 102815 test‏.htm को चाहे दूसरी कठोर से कठोर बात कही होती, उसे इतनी बुरी न लगती; 102816 test‏.htm ‘भाभी, बुरा न मानो, तो एक बात कहूँ?’ 102817 test‏.htm ‘जिस बात का आज तक कभी निश्चय न हुआ, और 102818 test‏.htm का और सबसे बड़ा दुःख था इस बात का कि अपने बेटे ने ही दग़ा दी। 102819 test‏.htm आराम से रहो भोला, किसी बात का खटका नहीं। जिस चीज़ की ज़रूरत 102820 test‏.htm मैंने तो तुमसे कभी किसी बात का गिला नहीं किया। जो कुछ रूखा-सूखा 102821 test‏.htm ‘डर किस बात का जब तुम साथ हो।’ 102822 test‏.htm नहीं है। उसने कभी माँ की बात का जवाब नहीं दिया, कभी किसी 102823 test‏.htm ने उसका समर्थन किया -- बात का जवाब बात है, गाली नहीं। तूने 102824 test‏.htm दिया। गोबर ने तो कभी उसकी बात का जवाब भी न दिया था। इसी राँड़ 102825 test‏.htm -- क्या बात है चौधरी, किस बात का झगड़ा है? 102826 test‏.htm कहा -- फ़िलासफ़र किसी की बात का बुरा नहीं मानते। उनकी यही 102827 test‏.htm राजा साहब ने बात काटकर कहा -- आप मानवता लिये फिरते 102828 test‏.htm खन्ना ने बात काटकर कहा -- नहीं गोविंदी, धन 102829 test‏.htm मेहता बात काटकर बोले -- फिर वही भावुकता। 102830 test‏.htm होरी ने बात काटी -- तुम नाहक़ भागे। अरे, 102831 test‏.htm गोबर ने बात काटी -- हुक़्क़ा-पानी सब तो था, 102832 test‏.htm ललकारा -- सुन ली इन लोगों की बात कि नहीं! अब क्या खड़े मुँह ताकते 102833 test‏.htm जब देखो मुझसे बेबात की बात किया करते हैं। मैं हरजाई थोड़े 102834 test‏.htm पानी का नल, बिजली। किसी बात की कमी नहीं है। कामता हैं कि 102835 test‏.htm -- तुम्हारे घर में किस बात की कमी महाराज, जिस जजमान के 102836 test‏.htm जाने दो। तुम्हारे लिए किस बात की कमी है। रुपये-पैसे, गहना-कपड़ा, 102837 test‏.htm जब तक हम जीते हैं, किसी बात की चिंता नहीं है। हमारे रहते 102838 test‏.htm है। जब तक हम जीते हैं, किसी बात की चिंता मत कर। हमारे रहते 102839 test‏.htm विदूषक, बल्कि नारद। हर एक बात की टोह लगाता रहता था। 102840 test‏.htm ‘मैं क्यों लिखूँ? बात की तुमने, लिखूँ मैं!’ 102841 test‏.htm होरी ने डाँटा -- क्यों बे- बात की बात करती है। पानी रख दे और 102842 test‏.htm घोड़ा चला जा रहा था। बात की बात में स्टेशन आ गया। 102843 test‏.htm होरी के कानों में भी इस बात की भनक पड़ी थी, पर उसे विश्वास 102844 test‏.htm साध ली थी। इसमें किस बात की लाज! मुझसे बता दिया होता, 102845 test‏.htm शुरू कर देगी। शर्म किस बात की? यही तो होगा, लोग ऊँगली दिखाकर 102846 test‏.htm बोली -- कैसी कुर्की है? किस बात की? 102847 test‏.htm बना दिया है। जिस बात के पीछे वह यहाँ घर से दूर, मुँह 102848 test‏.htm जवाब नहीं दिया, कभी किसी बात के लिए ज़िद नहीं की। जो कुछ 102849 test‏.htm फुलायेंगे। छोटी छोटी बात के लिए राय साहब के पास फ़रियाद 102850 test‏.htm गोबर का मन ललचा उठा; मगर बात कैसे बदले। 102851 test‏.htm करनी क्या पूछते हो। जिस बात को डरती थी, वह होकर रही। 102852 test‏.htm लाली रख लेंगे; लेकिन जिस बात को दुनिया जानती है, उसे कैसे 102853 test‏.htm के बाद उसने फिर कहा -- उस बात को भूल न जाना। 102854 test‏.htm ‘जिस बात को मेरी आत्मा स्वीकार नहीं 102855 test‏.htm से कोई वैर तो है नहीं। जिस बात को हम सत्य समझते हैं, उसी का 102856 test‏.htm ‘क्यों बात क्या है? इतने अरमान से लाये 102857 test‏.htm को नहीं दिया, तो आज यह नयी बात क्यों? एक आने रोज़ के हिसाब 102858 test‏.htm करता हूँ, तो आपको कोई बात खटकती नहीं। आप इस सम्मान को 102859 test‏.htm यह बात गोबर के मन में बैठ गयी। जी उचाट 102860 test‏.htm पड़ें। और अकेले होरी की बात चलती तो दो साल पहले ही विवाह 102861 test‏.htm उसने ख़ुद ही लेन-देन की बात चलायी; नहीं उससे कौन कहता है 102862 test‏.htm सिलिया ने यह बात छिपा रक्खी थी। ऐसी अपमान की 102863 test‏.htm रूप से। अधिकारियों से यह बात छिपी न थी, फिर भी उनकी बड़ी प्रतिष्ठा 102864 test‏.htm मिस्टर तंखा ने मामले की बात छेड़ी। 102865 test‏.htm की चीज़ लेना पाप है, यह बात जन्म-जन्मांतरों से उसकी आत्मा 102866 test‏.htm बोले -- पंडित मैं तो एक बात जानता हूँ। तुम्हें गरज पड़ेगी 102867 test‏.htm सुला देता। और पंचों से तो बात तक न करता। देखता, कौन मुझे बिरादरी 102868 test‏.htm तो महतो मेरी भी सुन लो। जो बात तुम चाहते हो, वह न होगी, सौ जनम 102869 test‏.htm कल्पना में आती थीं; मगर यह बात तो आशातीत ही नहीं, कल्पनातीत 102870 test‏.htm और गाँव के बाहर कर दूँगा। बात तो एक दिन खुलनी ही है, फिर आज 102871 test‏.htm वह हँस-बोलेगी? सीधे मुँह बात तो करती नहीं।’ 102872 test‏.htm बिगड़े -- मगर कोई नयी बात तो नहीं कही। नारी-आंदोलन के 102873 test‏.htm देना नहीं जानता। और असल बात तो यह है कि किसी के पास है ही 102874 test‏.htm से कुछ लिख नहीं सकी थी। सच बात तो यह है कि संपादकजी ने ही उन्हें 102875 test‏.htm ‘तू बात तो समझती नहीं। लड़ने के लिए 102876 test‏.htm हुए कहा -- यही तहसील-वसूल की बात थी और क्या। हम लोग समझते हैं, 102877 test‏.htm के लिए यह बड़ी लज्जा की बात थी कि उनके बँगले न हों। 102878 test‏.htm रही थी; लेकिन न जाने क्या बात थी कि जनमत झुनिया की ओर था। 102879 test‏.htm हो जाना एक ऐसे सौभाग्य की बात थी कि रुद्रपाल का सहमत न होना 102880 test‏.htm उसमें ऐसी-कौन-सी लगनेवाली बात थी कि वह इतना बिगड़ उठा। हो 102881 test‏.htm का उसे बिलकुल ध्यान न था। बात थी केवल व्यवहार की। ठाकुरजी 102882 test‏.htm की ओर देखा -- अच्छा! यह बात थी! जभी तो मुझे हैरत हो रही थी 102883 test‏.htm ‘इसमें समझने की क्या बात थी, और समझ लेते आगे-पीछे, इस 102884 test‏.htm तो चाहिए। वह सतजुग की बात थी, सतजुग के साथ गयी। अब तो अपना 102885 test‏.htm दे देता, अँगूठी की कौन बात थी? 102886 test‏.htm में कुछ न देना अपमान की बात थी। 102887 test‏.htm था; मगर हीरा का आना दूसरी बात थी। और उस दिन की लड़ाई के बाद! 102888 test‏.htm पर ढेले फेंकना व्यर्थ की बात थी। और किसी ओर से प्रोत्साहन 102889 test‏.htm की गाय का आना भी अभूतपूर्व बात थी। बैल तो पचास रुपए के भी आये, 102890 test‏.htm बोली -- वही गोबर भैयावाली बात थी। महतो ने कहा -- आदमी जूठा 102891 test‏.htm इस वक़्त तो कुछ देने की बात थी। मैंने मेहता को ठेलकर यहाँ 102892 test‏.htm विमन-सी अलग बैठी थी, जो नयी बात थी। राय साहब और खन्ना दोनों 102893 test‏.htm ‘रुपिया की सगाई की बात थी।’ 102894 test‏.htm तुरंत राजा साहब को बात दे दी और उसी वक़्त रुद्रपाल 102895 test‏.htm -- मैं कोई हूँ; लेकिन अनुचित बात देखकर सभी को बुरा लगता है। 102896 test‏.htm अपनी जीवन-संगिनी में जो बात देखना चाहता हूँ, वह उनमें नहीं 102897 test‏.htm खिंचता था। झुनिया भी उससे बात न करती, न उसकी कुछ सेवा ही करती 102898 test‏.htm जाय भाड़ में। मैं अब तुमसे बात न करूँगी।’ 102899 test‏.htm रहा था -- मालिक तुम्हें ऐसी बात न कहनी चाहिए, जो आदमी को लग जाय। 102900 test‏.htm कहता है। जब तक कोई मुँह पर बात न कहे, यही समझना चाहिए कि उसने 102901 test‏.htm लगी। पेट न रहता तो अभी बात न खुलती। मगर जब पेट रह गया तो 102902 test‏.htm ने मुस्कराकर कहा -- मेरी बात न चलाइए। धोबी का कुत्ता न घर 102903 test‏.htm में चुभ गयी, वैसी कभी कोई बात न चुभी थी। गुड़ घर के अंदर मटकों 102904 test‏.htm मारा, हालाँकि हँसी की कोई बात न थी! 102905 test‏.htm थी और यह कोई बुरी बात न थी। इस तरह का छल तो वह दिन-रात 102906 test‏.htm भी कुछ आँसू पुछते; मगर वह बात न थी। उसने नीयत भी बिगाड़ी, 102907 test‏.htm साथिन होना तो उनके वश की बात न थी। और वह क्यों रोये? वह अब 102908 test‏.htm तक नहीं। मगर यह कोई नयी बात न थी। जानवरों को भी बहुधा घर 102909 test‏.htm गये थे और किसी के मुँह से बात न निकलती थी। वकील साहब इसलिए 102910 test‏.htm पड़ी नहीं है, नहीं मुँह से बात न निकलती। 102911 test‏.htm न था। किसी के मुँह से एक बात न निकली। ख़तरे में हमारी चेतना 102912 test‏.htm रहा। जब स्वयं उसके पेट में बात न पची, तो धनिया के पेट में क्या 102913 test‏.htm यह भी था। यहाँ उसकी तो कोई बात न पूछता था; पर नोहरी की बड़ी 102914 test‏.htm यह टोना ही कैसे करती। कोई बात न पूछता था। भौजाइयों की लातें 102915 test‏.htm थुक्का-फ़जीहत, कोई बात न बची। गोबर भी बीच-बीच में डंक 102916 test‏.htm मनहूस ही था। मतलब की कोई बात न हुई। दिन-भर जँगलों और पहाड़ों 102917 test‏.htm सफल हो जाते हैं, तब तो कोई बात नहीं, लेकिन अगर वह यह समझें 102918 test‏.htm क्या यह उसके लिए श्रेय की बात नहीं? 102919 test‏.htm हम लोगों को घबराने की कोई बात नहीं। 102920 test‏.htm है और इसमें कोई लज्जा की बात नहीं। 102921 test‏.htm है। नेकी न करना बदनामी की बात नहीं। अपनी इच्छा नहीं है, या 102922 test‏.htm में भी हो, तो कोई लज्जा की बात नहीं। आप हमारी जान इतनी सस्ती 102923 test‏.htm करेगा ही कौन? नहीं, यह बात नहीं। पुरुषों में भी ऐसे बहुत 102924 test‏.htm ‘निरास होने की कोई बात नहीं। बस, इतना ही समझ लो कि सुख 102925 test‏.htm नहीं, आश्चर्य करने की कोई बात नहीं। भस्म होने में तो बहुत 102926 test‏.htm होती ही है, इसमें कोई नयी बात नहीं। मगर जिस रूई के गाले को 102927 test‏.htm गया था। उम्र की ऐसी कोई बात नहीं। मरना-जीना तक़दीर के हाथ 102928 test‏.htm को बुरा लगा -- कोई नयी बात नहीं। मैं कितनी ही बार यह भाव 102929 test‏.htm हूँ, इसमें छिपाने की कोई बात नहीं। स्त्री-जाति पवित्र है। 102930 test‏.htm होगी, इसके सिवा और कोई बात नहीं। हमारा तुम्हारा आधा साझा 102931 test‏.htm ‘जो बात नहीं जानते, उसमें टाँग मत अड़ाया 102932 test‏.htm कमाने लगा है न। इतने दिनों बात नहीं पूछी, तो सास का पाँव दबाने 102933 test‏.htm अहिंसावादी होना लज्जा की बात नहीं समझता।’ 102934 test‏.htm ‘तू जो बात नहीं समझती, उसमें टाँग क्यों 102935 test‏.htm -- इसमें अपराध की तो कोई बात नहीं है दादा, हाँ रामसेवक के 102936 test‏.htm ‘यह बात नहीं है बेटा, छोटे-बड़े भजवान 102937 test‏.htm बस इतना बोला -- यह अच्छी बात नहीं है, चौधरी, दो रुपए दबाकर 102938 test‏.htm से खिंचे रहना कोई अच्छी बात नहीं है। अब हमारे हाथ-पाँव 102939 test‏.htm ने विमन होकर कहा -- कोई ख़ास बात नहीं है। यही कह रहा था कि इतनी 102940 test‏.htm ख़र्च कर देना कोई बड़ी बात नहीं है। हमने तय किया है, इस 102941 test‏.htm पड़ रहा है। हँसने-बोलने की बात न्यारी है, पर मैं उनसे विश्वासघात 102942 test‏.htm यही बात पंडित ओंकारनाथ ने कही थी। मिर्ज़ा 102943 test‏.htm धीरे से कहा -- तेरे पेट में बात पचती नहीं; कुछ सुन पायेगी, तो 102944 test‏.htm तब बताता; लेकिन जब पेट में बात पचे भी। कभी दो-चार पैसे ऊपर 102945 test‏.htm से जुरमाना वसूल करते। इसी बात पर अगर मैं चाहूँ, तो आपको और 102946 test‏.htm से पूछा -- महतो इतनी ही बात पर उन्हें मारने लगे? 102947 test‏.htm लहलहा उठा है। अब उसे किसी बात पर क्रोध नहीं आता। बच्चे के 102948 test‏.htm बैरी तो नहीं थे। इसी बात पर तुमसे मेरा जी कुढ़ता है। 102949 test‏.htm को इस ओर खींचती है। इसी बात पर दोनों मित्रों में बहस छिड़ 102950 test‏.htm नहीं सुन सकता। बस इसी बात पर बिगड़ गये। मैंने भी सलाम 102951 test‏.htm का अभिनय करके बोला -- किस बात पर बिगड़ती है भाई! यह तो अच्छा 102952 test‏.htm न हुए थे, तब उसे सास का बात- बात पर बिगड़ना बुरा लगता था; आज 102953 test‏.htm जमादार को कुछ दे-दिलाकर इस बात पर राज़ी कर लूँगा कि रुपए के 102954 test‏.htm भी चलती है। पहले तो इस बात पर लड़ रही थी कि किसी से एक पैसा 102955 test‏.htm तुम तो समय नहीं देखती, बात- बात पर लड़ने बैठ जाती हो। 102956 test‏.htm का काम करती थी। एक बार इसी बात पर वह अपने नैहर भाग गयी थी। 102957 test‏.htm का क्या बिगाड़ा? अगर इसी बात पर वह फ़ौजदारी में दावा कर 102958 test‏.htm वह दुबला-पतला आदमी उनकी इस बात पर हँसा। मिर्ज़ाजी पर जैसे 102959 test‏.htm रूखी, कटु। उसे किसी की कोई बात पसंद न आती थी। हमेशा ऐब निकालती 102960 test‏.htm -- भला सुनूँ; मैंने कौन-सी बात पीट दी कि यों नाम बदनाम कर दिया। 102961 test‏.htm ओंकारनाथ ने बात पूरी की -- जो सत्य से जौ-भर भी 102962 test‏.htm देती हूँ कि अगर इस तरह की बात फिर हुई और मुझे पता लगा, तो हम 102963 test‏.htm सारा गाँव जाग उठेगा और बात फैल जायगी। 102964 test‏.htm तुझसे सलाह नहीं पूछता। बात बढ़ गयी और गोबर ने झुनिया को 102965 test‏.htm जैसे चाहूँगा कर लूँगा। बात बढ़ गयी और गौरी महतो ने पनहियाँ 102966 test‏.htm तलैया की ओर ले गयी, नहीं बात बढ़ जाती; लेकिन आवाज़ की पहुँच 102967 test‏.htm आक्षेप का जवाब दे; लेकिन बात बढ़ जाने के भय से चुप रह गया। 102968 test‏.htm करने पर मुझे आज तुम्हें यह बात बतलानी पड़ती है। कितने रुपए 102969 test‏.htm धनिया ने बात बदलकर कहा -- देखो, गोबर गाय लेकर 102970 test‏.htm बैठना मुश्किल कर देंगी। बात बदलकर बोली -- अच्छा ख़ैर, होगा। 102971 test‏.htm बड़ा हरज़ है। तुम बनी बात बिगाड़ दोगे।’ 102972 test‏.htm कि उसके मन में भी यह बात बैठ गयी। ठाकुर ठीक ही तो कहते 102973 test‏.htm ‘पुरानी बात भी आत्मबल के साथ कही जाती है, 102974 test‏.htm निकालो। तुमसे कोई अच्छी बात भी कहे, तो लगते हो कोसने। 102975 test‏.htm ने किया, अब वह हमें चार बात भी कहें, तो हमें ग़म खाना चाहिए। 102976 test‏.htm गोविंदी से दिल खोलकर बात भी नहीं की। उसकी सेवा और स्नेह 102977 test‏.htm पर बैठी है, और वह निर्दयी बात भी नहीं पूछता। कौन जाने, धनिया 102978 test‏.htm ‘मिस मालती में वह एक बात भी नहीं है जो मैं अपनी स्त्री 102979 test‏.htm अम्माँ से? कहने को कोई बात भी हो। जब वह किसी बहाने से घर 102980 test‏.htm ‘हाँ दादा, भला वह बात भूल सकता हूँ। तुमने इतना न 102981 test‏.htm ‘अच्छा चुप रहो, बेबात की बात मत बको।’ 102982 test‏.htm अपने आप पर क्रोध आने लगा। बात मन में रख लेता, तो क्यों यह टंटा 102983 test‏.htm न होगा। गाँववालों ने मेरी बात मान ली, और सबने जाफा देने से 102984 test‏.htm सभी समझ रहे हैं, अगर वही बात मिसेज़ खन्ना भी समझें, तो मैं 102985 test‏.htm निकालकर कहा -- फिर वही बात मुँह से निकाली। तूने देखा था 102986 test‏.htm आपको अपना देवता समझे, हरएक बात में आपसे सलाह ले, आपके चरणों 102987 test‏.htm आप पाथ डाले। रूपा उससे किस बात में कम है। सोना रोटी पकाती 102988 test‏.htm से भरा हुआ। नायक का बात- बात में क़ानून की धाराओं का उल्लेख 102989 test‏.htm को अयोग्य। मेहता की बात में चरित्र, अध्ययन और सद्भाव 102990 test‏.htm सलामी करते रहते थे। एक और बात में पटेश्वरी उनसे बढ़े हुए 102991 test‏.htm सरल हृदय थे कि बेबात की बात में भी हँसते थे। रात-भर भँड़ैती 102992 test‏.htm माता का भी दोस है। जब हर बात में वह अपनी बेटी का पच्छ करेंगी, 102993 test‏.htm चला जा रहा था। बात की बात में स्टेशन आ गया। 102994 test‏.htm न निकालने देती। यों हर बात में होरी की जीत होती थी। वह 102995 test‏.htm आग लेने आया है, इस ज़रा-सी बात में होरी को भाई की आत्मीयता 102996 test‏.htm होरी, अपनी तैयारी करो। जो बात मैंने कही है, उसका ख़याल रखना। 102997 test‏.htm और सबसे बड़े सौभाग्य की बात यह थी कि अबकी हिज़ मैजेस्टी 102998 test‏.htm मगर रहस्य की बात यह थी कि मालती उनको तो लेखे-ड्योढ़े 102999 test‏.htm महतो, ऐसी बात है भला; लेकिन बात यह है कि ईमान आदमी बेचता है, 103000 test‏.htm कि वह औरत नहीं लक्षमी है। बात यह है कि उसकी घरवाली ज़बान 103001 test‏.htm लाकर चढ़ाइए, तब बताऊँगा। बात यह है कि मेरा तरह-तरह के आदमियों 103002 test‏.htm ‘बात यह है कि मैं अपने पत्र का आदर्श 103003 test‏.htm है, मुझी से सीखिए। पहली बात यही है कि भूल जाइए कि नारी श्रेष्ठ 103004 test‏.htm फिर भी बात यहीं तक रह गयी; मगर धनिया का 103005 test‏.htm जैसे उसे कोई भूली हुई बात याद आ गयी। उसका मुँह उदास हो 103006 test‏.htm हुए जैसे कोई भूली हुई बात याद करके कहा -- आपका ख़याल बहुत 103007 test‏.htm द्वार पर देखकर तुम्हें वह बात याद रहेगी।’ 103008 test‏.htm मैं उसे राज़ी कर लूँ। मेरी बात वह कभी न टालेगा। लड़की सयानी 103009 test‏.htm बात सच थी; मगर अपनी कमज़ोरी को कौन 103010 test‏.htm में इन्होंने यही एक बात सत्य कही है। 103011 test‏.htm को बेवक़ूफ़ समझती हैं? जो बात सभी समझ रहे हैं, अगर वही बात 103012 test‏.htm मेहता बोले -- इसलिए कि वह बात समझती हैं। 103013 test‏.htm से देख कर मानो उसके मन की बात समझने की चेष्टा करते हुए कहा 103014 test‏.htm दातादीन बोले -- यह बात साबित हो गयी, तो उसे हत्या लगेगी। 103015 test‏.htm के मुँह से सतियों की-सी बात सुनकर किसका जी न जलेगा! 103016 test‏.htm लेकिन मेहता के मुँह से वही बात सुनकर वह प्रभावित हो गये। ओंकारनाथ 103017 test‏.htm असामी जितने मन से असामी की बात सुनता है, कारकुन की नहीं सुनता। 103018 test‏.htm को यहीं लाकर रखने की बात सोच रहा है। 103019 test‏.htm रक्खी थी। ऐसी अपमान की बात सोना के कानों में न डालना चाहती 103020 test‏.htm हो सकता। आपने ख़ुद आज यह बात स्वीकार की है।’ 103021 test‏.htm ‘हाँ, बौरा क्यों न जाऊँगी। बात ही ऐसी हुई है कि छाती दुगुनी 103022 test‏.htm सारा इंतज़ाम कर दूँगा। बात ही कौन-सी है। जंगल में हाँडी 103023 test‏.htm तो दूर रही, ठुकराने की बात ही क्या, आप उस नारी के चरण धो-धोकर 103024 test‏.htm घर-घर है भैया! भाइयों की बात ही क्या, यहाँ तो लड़कों से भी 103025 test‏.htm के आदी थे। कारिंदा की तो बात ही क्या, राय साहब तक उन्हें 103026 test‏.htm मिल जाय। फिर तो कोई बात ही नहीं। 103027 test‏.htm और लड़की बेचने की तो कोई बात ही नहीं। होरी उससे जो कुछ लेगा, 103028 test‏.htm इसमें शर्म या अपमान की कोई बात ही नहीं है। बेशक, उसमें समाई 103029 test‏.htm भी था। ज़रूर कोई-न-कोई बात हुई है। 103030 test‏.htm कुछ जानते हो शोभा, क्या बात हुई? 103031 test‏.htm ‘कुछ मुँह से कहेगी, क्या बात हुई?’ 103032 test‏.htm ‘तो फिर क्या बात हुई?’ 103033 test‏.htm नहीं? आज भोला के घर में यह बात हुई। कल हमारे-तुम्हारे घर में 103034 test‏.htm ‘कहाँ की बात हुज़ूर! दस मिल जायँ, तो हज़ार 103035 test‏.htm ने बतलाया। एक हज़ार ही की बात है और रुपए मौजूद हैं, तो आप लोग 103036 test‏.htm कंठ से पूछा -- यह क्या बात है कारिंदा साहब, कि आपको दादा 103037 test‏.htm यह कितनी लज्जा और कलंक की बात है कि ग्रामोत्थान का अकेला 103038 test‏.htm ‘इसमें अक्कल की कौन बात है चुड़ैल। क्या मेरे आँखें 103039 test‏.htm के बाप से पूछा -- क्या बात है चौधरी, किस बात का झगड़ा है? 103040 test‏.htm -- दाम-कौड़ी की इसमें कौन बात है दादा, मैं एक-दो जून तुम्हारे 103041 test‏.htm खन्ना ने पूछा -- अच्छी बात है बुला देता हूँ, किसे बुलाऊँ? 103042 test‏.htm भाई चारा है महतो, ऐसी बात है भला; लेकिन बात यह है कि ईमान 103043 test‏.htm ‘अच्छी बात है, आप बेदख़ली दायर कीजिए। 103044 test‏.htm ‘अच्छी बात है, इसे जाने दीजिए। किसी बीमा 103045 test‏.htm ‘अच्छी बात है, उन्हीं को बुलाता हूँ, मगर 103046 test‏.htm समर्थन किया -- बात का जवाब बात है, गाली नहीं। तूने लड़कपन 103047 test‏.htm ‘अच्छी बात है, जाओ।’ 103048 test‏.htm खड़े-खड़े बोले -- अच्छी बात है, तुम आराम कर लो। मैं यहीं 103049 test‏.htm ‘अच्छी बात है, मुझी से सीखिए। पहली बात 103050 test‏.htm ‘अच्छी बात है, मैं भी देखूँगी आप किस ग्रेड 103051 test‏.htm मन में इस समय क्या बात है, यह उनसे क्या छिपा है? इसी 103052 test‏.htm करना चाहते हो। अच्छी बात है, यही सही?’ 103053 test‏.htm संगीन की नोक पर कहा -- अच्छी बात है, लिख दूँगी। 103054 test‏.htm में उपवास करके सो रहना और बात है; लेकिन पंगत से उठा दिया जाना 103055 test‏.htm बेच देना भी बहुत ही वैसी बात है; लेकिन बिपत में तो आदमी का 103056 test‏.htm वैसा किया जायगा। हाँ, एक बात है; सिलिया को त्यागना पड़ेगा। 103057 test‏.htm यहाँ बिगड़ने की कौन-सी बात है? 103058 test‏.htm है, तो हमारी-तुम्हारी कौन बात है? रामसेवक महतो को तो जानते 103059 test‏.htm की बहन होना क्या अपमान की बात है? 103060 test‏.htm ‘क्यों, इसमें गाली की क्या बात है?’ 103061 test‏.htm ‘यह भी क्या पूछने की बात है?’ अब वह घर मेरा नहीं रहा। 103062 test‏.htm ‘इसमें सोचने की क्या बात है?’ 103063 test‏.htm अच्छा हो। भगवान् के मन की बात है। 103064 test‏.htm मनोरंजन कर लेना दूसरी बात है। 103065 test‏.htm में छूत लगी हो, तो दूसरी बात है। 103066 test‏.htm लाख मिल जाना मामूली बात है। 103067 test‏.htm रहने के बाद बोले -- अच्छी बात है। अगर डायरेक्टरों की यही 103068 test‏.htm हो, इसमें गर्म होने की कौन बात है। अगर होरी ने रुपए दिये हैं, 103069 test‏.htm कर रहा है। साफ़-साफ़ तो बात है। अस्सी रुपए की गाय है, हमसे 103070 test‏.htm मारने से ज़्यादा महत्व की बात है। उसके एक हाथ की हड्डी टूट 103071 test‏.htm चला जाता है, यह कौन-सी बड़ी बात है। ऐसा न हो, तो लोग बिपत से 103072 test‏.htm उपजीवी होना घोर लज्जा की बात है। कर्म करना प्राणीमात्र 103073 test‏.htm फैलायेंगे; लेकिन आपसवाली बात है। खेती-बारी का भरोसा नहीं। 103074 test‏.htm ‘अच्छी बात है। तुम यहीं बैठो, मैं जाता 103075 test‏.htm का गला काटना दूसरी बात है। दूध का दूध और पानी का पानी 103076 test‏.htm ‘अच्छी बात है। मैं आपकी चुनौती स्वीकार 103077 test‏.htm बरतन-भाँड़े छूना तो दूसरी बात है। मैं यह नहीं कहता कि मतई 103078 test‏.htm भी न हो, तो कितनी लज्जा की बात है। साल-के-साल बीत जाते हैं, 103079 test‏.htm जाना तो डूब मरने ही की बात है। सिलिया को यहाँ एक क्षण 103080 test‏.htm आदमी, इसमें लाज-सरम की कौन बात है। हम सब एक ही तो हैं। तुम सूद्र 103081 test‏.htm उसके भाई के घर हुई तो, एक ही बात है। हीरा अलग सही; पर दुनिया 103082 test‏.htm हैं, गोया यह भी छिपाने की बात है।’ 103083 test‏.htm ‘आवाज़ नहीं है, तत्व की बात है।’ 103084 test‏.htm ‘मेरे लिए यह बड़े महत्व की बात है।’ 103085 test‏.htm रहा है, लेकिन जब एक बार एक बात हो गयी तो यह पाजी का काम है कि 103086 test‏.htm ही थे। जब भली या बुरी एक बात हो गयी, तो उसे निभानी पड़ती 103087 test‏.htm समझा दो नहीं कोई ऐसी-वैसी बात हो गयी, तो कहीं के न रहोगे। 103088 test‏.htm था कि गाँव में इतनी बड़ी बात हो जाय और तमाशा न लगे। जिसने 103089 test‏.htm ज़माना बुरा है। कहीं कोई बात हो जाय, तो मुँह में कालिख लग 103090 test‏.htm तो उन्हींने है। जब कोई बात होगी, तो मैं जो कुछ कहूँगा, लुगाई 103091 test‏.htm की सूरत में क्या ख़ास बात होती है देवीजी? 103092 test‏.htm जी नहीं सकता; अगर अकेले की बात होती, तो छिपा ली जाती; यहाँ तो 103093 test‏.htm गये, नहीं आज इस घर की और ही बात होती। तीन हल एक साथ चलते। अब 103094 test‏.htm कैसे पड़ता। कोई बुरी बात होनेवाली होती है तो मति पहले 103095 test‏.htm ‘वही स्वार्थी पुरुषों की बात ! आपने पुरुष-कर्तव्य सीख लिया 103096 test‏.htm में बाँट देंगे? कहाँ की बात ! और वह त्यागी मिर्ज़ा खुर्शेद 103097 test‏.htm करना चाहता था! कितनी असंभव बात ! रुद्रपाल इस समय एम॰ ए॰ में 103098 test‏.htm औरत जात से इस विषय में बात -चीत करना नीति-विरुद्ध समझते 103099 test‏.htm मुँह पर चेचक के दाग़; बात -चीत में बड़े कुशल। 103100 test‏.htm ने पूछा -- मालिक से क्या बात -चीत हुई? 103101 test‏.htm न हुए थे, तब उसे सास का बात -बात पर बिगड़ना बुरा लगता था; 103102 test‏.htm दो। तुम तो समय नहीं देखती, बात -बात पर लड़ने बैठ जाती हो। 103103 test‏.htm करुणा से भरा हुआ। नायक का बात -बात में क़ानून की धाराओं का 103104 test‏.htm के साथ बैठे कुछ बातचीत कर रहे थे कि मिस्टर मेहता पहुँचे। 103105 test‏.htm -- तो फिर दारोग़ाजी से बातचीत करना। हम लोग नगीच न जायेंगे। 103106 test‏.htm दो सप्ताह तक मालती से कुछ बातचीत करने का अवसर उन्हें न मिला। 103107 test‏.htm अभी तक एलेक्शन के विषय में बातचीत करने का अवसर न मिला था। शायद 103108 test‏.htm से मातादीन को झुनिया से बातचीत करने का अवसर मिलने लगा। वह 103109 test‏.htm ने दारोग़ाजी से कुछ बातचीत करने का सौभाग्य प्राप्त करने 103110 test‏.htm जवान आदमी था, बड़ा रसिक और बातचीत का मीठा; दातादीन जो कुछ छीन-झपटकर 103111 test‏.htm उन्होंने अपनी सगाई की जो बातचीत की थी, वह अब टूट गयी थी। अब वह 103112 test‏.htm पानी बंद कर देने की कुछ बातचीत थी; लेकिन धनिया का चंडी-रूप 103113 test‏.htm ‘कुछ नहीं, यही बेदख़ली की बातचीत थी।’ 103114 test‏.htm मामले पर उन लोगों में कोई बातचीत न हुई। हाँ, दोनों सांकेतिक 103115 test‏.htm मैं तुमसे लेन-देन की कोई बातचीत नहीं करना चाहता। 103116 test‏.htm की टोह में शहर जा रहे थे। बातचीत में रास्ता कट गया और नौ बजते-बजते 103117 test‏.htm वहाँ सोती थी। इस तरह की बातचीत राह चलते थोड़े ही हो जाती है। 103118 test‏.htm भी न हुए थे कि राय साहब ने बातचीत शुरू कर दी। कुँवर साहब के लिए 103119 test‏.htm बाद रुद्रपाल के विवाह की बातचीत शुरू हुई। राय साहब के प्राण 103120 test‏.htm जो हम लोगों में दहेज की बातचीत हुई थी, उस पर हमने शांत मन से 103121 test‏.htm औरत थी जिससे आज झुनिया की बातचीत हुई थी, घोड़े को दाना खिलाने 103122 test‏.htm जब उसने सुना कि दुलारी से बातचीत हुई है, तो नाक सिकोड़ कर बोली 103123 test‏.htm एक लाख दे देंगे; मेरी उनसे बातचीत हो चुकी है; पर अब मालूम हुआ, 103124 test‏.htm करेगी। सोना के विवाह की बातचीत हो रही थी, रूपा के विवाह की कोई 103125 test‏.htm साहब की कन्या के विवाह की बातचीत हो रही थी। उसके साथ ही एलेक्शन 103126 test‏.htm लड़का इतनी निष्ठुरता से बातें कर रहा है, मानो उनसे कोई नाता 103127 test‏.htm क्यों ऐसी दिल तोड़नेवाली बातें कर रहा है? उसकी इच्छा के विरुद्ध 103128 test‏.htm कैसी-कैसी नीति और धरम की बातें कर रहे थे और एकाएक इतने गरम 103129 test‏.htm था। वे इससे अधिक महत्व की बातें कर रहे थे। 103130 test‏.htm ‘तुम तो दादा, बूढ़ों की-सी बातें कर रहे हो। कटघरे में फँसे बैठे 103131 test‏.htm कर कहा -- मुँह सँभाल कर बातें कर हरखुआ! तेरी बिटिया वह खड़ी 103132 test‏.htm कुछ देर तक इधर-उधर की बातें करके नोहरी उठ खड़ी हुई और यह 103133 test‏.htm कुछ और बातें करके पुनिया आग लेकर चली गयी। 103134 test‏.htm मैं ही उसके मन की दो-चार बातें करता रहता, तो कौन छोटा हो जाता। 103135 test‏.htm आया था। थोड़ी देर मुझसे बातें करता रहा। मुझे चिलम पिलायी। 103136 test‏.htm गये। लौंडा कितने घमंड की बातें करता है, मानो धर्म का अवतार 103137 test‏.htm विषयों पर महिलाओं से बातें करती रही। उनकी श्रद्धा देख-देख 103138 test‏.htm मालूम होती थी। मुझसे ख़ूब बातें करती रही। तो गोबर को भेज दे, 103139 test‏.htm कौन है? कितनी समझदारी की बातें करती है। क्या जानती नहीं कि 103140 test‏.htm कहा -- कैसी बेसमझी की-सी बातें करती हो? तुम वहाँ नींव रखोगी 103141 test‏.htm दोनों सांकेतिक भाषा में बातें करते थे। 103142 test‏.htm दोनों आदमी बातें करते भोला के द्वार पर आ पहुँचे। 103143 test‏.htm भी राय साहब! बड़े मज़े की बातें करते हैं। जिस बूटी में जो गुण 103144 test‏.htm सोना ने पुकारा -- किससे बातें करते हो वहाँ? 103145 test‏.htm ‘तुम तो ऐसी बातें करते हो होरी, जैसे हम-तुम दो 103146 test‏.htm के पटवारी हो जी, कैसी बातें करते हो?’ 103147 test‏.htm गयी होती और तुम इस तरह की बातें करते, तो देखती। हम चमार हैं 103148 test‏.htm कहीं बैठ जायँ। आप से कुछ बातें करनी हैं। 103149 test‏.htm साथ कोठी में आ, तुझसे कुछ बातें करनी हैं। 103150 test‏.htm कभी-कभी बच्चों की-सी बातें करने लगती है। मेरे-जैसे फटेहालों 103151 test‏.htm दोनों आदमी ज़रा अलग जाकर बातें करने लगे। 103152 test‏.htm विचारवान् आदमी इस तरह की बातें करे! समाज की व्यवस्था क्या 103153 test‏.htm किसी बड़े से मुँह खोलकर बातें करे, यह उसे असह्य था। वह ख़ुद 103154 test‏.htm मर्द ही नहीं देखा कि जब बातें करेंगे, नीची आँखें करके, कभी 103155 test‏.htm पीछे फिरकर कहा -- इस वक़्त बातें करोगे तो शायद फिर दर्द होने 103156 test‏.htm मिनिस्टर होने की। वह सारी बातें कल्पना में आती थीं; मगर यह बात 103157 test‏.htm ने रात में उन्हें कुछ ऐसी बातें कह डाली थीं जो अभी तक काँटों 103158 test‏.htm चुके थे; पर दो-चार खरी-खरी बातें कह सुनाने का अवसर पाकर छोड़ना 103159 test‏.htm को बधाई दी -- आपने मन की बातें कहीं मिस्टर मेहता। मैं आपके 103160 test‏.htm माता होकर जब उसे ऐसी-ऐसी बातें कहे, तो अब वह उसका मुँह भी न 103161 test‏.htm देगी। ज़रा ज़बान सँभालकर बातें किया कर, इतनी जल्द अपने को न 103162 test‏.htm गोबर इस समय बच्चों की-सी बातें किया करता। दस-पाँच मिनट अचेत-सा 103163 test‏.htm आपको देखेंगे नहीं; आप उनसे बातें किये जायँ, कुछ सुनेंगे नहीं। 103164 test‏.htm से प्रीति और विवाह की जो बातें की थीं, वह सब याद आने लगीं। वह 103165 test‏.htm से कैसी दया और धर्म की बातें की थीं और आज आसामियों पर यह 103166 test‏.htm लेकिन भाई बड़े आदमियों की बातें कौन चलाये। वह जो कुछ करें, सब 103167 test‏.htm सदा सिर झुकाकर चलता और चार बातें ग़म खा लेता था। हीरा को छोड़कर 103168 test‏.htm नदी की तटवाली तुम्हारी बातें गाँठ बाँध लीं। दुःख यही हुआ 103169 test‏.htm से ही वह बहुत-सी रीति की बातें जानने और समझने लगी थी। होरी 103170 test‏.htm वह इन ग्रामीणों से बहुत-सी बातें ज़्यादा जानती थी, समय की गति 103171 test‏.htm सहुआइन ने पूछा -- यह सारी बातें तुम्हें कैसे मालूम हुईं सरकार, 103172 test‏.htm ‘कुछ बातें तो उसमें ऐसी हैं कि अगर तुममें 103173 test‏.htm भी हमदर्दी नहीं है, जो बातें तो करते हैं कम्युनिस्टों की-सी, 103174 test‏.htm ‘बातें तो हँस-हँसकर कर रहे थे। मन का 103175 test‏.htm के लिए यह एक नयी दुनिया की बातें थीं। तन्मय होकर सुन रहा था। 103176 test‏.htm धनिया से वह अपने दिल की बातें नहीं कर सकती। गाँव में और कोई 103177 test‏.htm और गाँव और घर की सैकड़ों बातें पूछेगी और अपने नये जीवन के 103178 test‏.htm ही के विषय में तरह-तरह की बातें फैल रही थीं; पर ठाकुर साहब के 103179 test‏.htm धनिया तिनक उठी -- तुम्हारी बातें भी निराली होती हैं। अकेली बहू 103180 test‏.htm उससे भी कहीं निंदास्पद बातें यहाँ नित्य हुआ करती हैं, और 103181 test‏.htm ने टीका की -- लेकिन बातें सभी पुरानी हैं, सड़ी हुईं। 103182 test‏.htm मालती ने झुनिया को बहुत-सी बातें समझाईं और चलते-चलते पूछा -- तेरे 103183 test‏.htm है। अगर उसने इन दोनों की बातें सुन न ली होतीं, तो उसे ख़बर तक 103184 test‏.htm वह द्वार पर खड़ी सारी बातें सुन रही थी। उसकी सगाई के लिए 103185 test‏.htm के द्वार पर छिपी खड़ी यह बातें सुन रही थी। बाप को अब वह बाप 103186 test‏.htm पूछो। दोनों ठकुराइनों की बातें सुन-सुनकर लोग हँसी के मारे 103187 test‏.htm झगड़े से भागती थी। चार बातें सुनकर ग़म खा जाना इससे कहीं 103188 test‏.htm न जानती थी। इसकी मीठी-मीठी बातें सुनकर जाल में फँस गई। 103189 test‏.htm ‘आपकी बातें सुनकर मुझे आश्चर्य हो रहा है।’ 103190 test‏.htm के मुँह से बड़ी-बड़ी बातें सुनकर मेरी देह भस्म हो जाती 103191 test‏.htm थीं। होरी ठिठक गया और उनकी बातें सुनने लगा। ऐसा आदमी कहाँ है, 103192 test‏.htm निगले थे कि मालती की यह बातें सुनीं। कौर कंठ में अटक गया। 103193 test‏.htm की हवा खा आये हो तभी ये बातें सूझने लगी हैं। नहीं, घर से भागते 103194 test‏.htm आँसू पोंछते हुए कहा -- कैसी बातें सोचती है बेटी! यह तेरे सिंदूर 103195 test‏.htm कह लो। पहले मैं भी यही सब बातें सोचा करता था; पर अब मालूम हुआ 103196 test‏.htm कहा -- हम समझते थे कि ऐसी बातें हमीं लोगों में होती हैं, पर 103197 test‏.htm और आज उन दोनों में जो बातें हुई थीं, वह मानो भूखे का भोजन 103198 test‏.htm आज झुनिया से उसकी बहुत-सी बातें हुई थीं। जब वह गाय लेकर चला 103199 test‏.htm कि दुनिया में ऐसी बहुत सी बातें हैं, जो कभी पुरानी हो ही नहीं 103200 test‏.htm ‘यह सब मन को समझाने की बातें हैं। भगवान सबको बराबर बनाते 103201 test‏.htm किया -- यह सब कहने की बातें हैं। हम लोग दाने-दाने को मुहताज 103202 test‏.htm पटेश्वरी और नोखेराम में बातें हो रही थीं। पटेश्वरी ने कहा 103203 test‏.htm खन्ना में इंश्योरेंस की बातें हो रही थीं। राय साहब उस प्रसंग 103204 test‏.htm नहीं पड़ी। दोनों में कुछ बातें हो रही थीं। होरी ठिठक गया और 103205 test‏.htm -- सोहाग-रात और मधुर मिलन की बातें होंगी। और सोना के मुँह में 103206 test‏.htm नहीं आता, अबकी आइए, तो उनसे बातें हों। वह प्रेम को जीवन का सत्य 103207 test‏.htm भूसा लेकर चले, तो राह में बातें होने लगीं। 103208 test‏.htm और शिशु-पालन की बातें होने लगीं। औरतें मन लगाकर सुनती 103209 test‏.htm था। दोनों में रुपए-पैसे की बातें होने लगीं। राय साहब का यह नया 103210 test‏.htm आशीर्वाद देने आ पहुँचे। बातें होने लगीं। 103211 test‏.htm देखा -- सुनते हो होरी इसकी बातें ! अब मेरा दोस नहीं। मैं बिना 103212 test‏.htm अपने ज्ञान और अनुभव से भरी बातों और अपने सतीत्व के बखान से मुग्ध 103213 test‏.htm कर सकता है; अगर उसमें इन बातों का अभाव है, तो नारी में भी अभाव 103214 test‏.htm आदत है। जब अपने लाभ की बातों का इतना टाल-मटोल है, तब दूसरों 103215 test‏.htm जाता था। दोनों एक दूसरे की बातों का उलटा ही अर्थ निकालते, वही 103216 test‏.htm जून धुएँ में जलना, इन बातों का मानों ज्ञान ही न रहा। वह 103217 test‏.htm के विरोधी इन्हीं उट-पटाँग बातों की शरण लिया करते हैं। मैं इसे 103218 test‏.htm जाते हैं। सिवाय मीठी-मीठी बातों के वह झुनिया से कुछ नहीं पा 103219 test‏.htm न आया था। गोबर बेचारा इन बातों को क्या जाने। 103220 test‏.htm ठीक है; लेकिन सरकार भी इन बातों को ख़ूब समझती है। इसकी भी कोई 103221 test‏.htm से और न सुना गया। वह बीती बातों को बिसारकर अपने हृदय में स्नेह 103222 test‏.htm नहीं पा सकते! और अपनी मीठी बातों को महँगे दामों बेचना भी मुझे 103223 test‏.htm देखा और बोले -- व्यक्तिगत बातों पर आलोचना न कीजिए संपादक जी! 103224 test‏.htm की आँखों से देखा -- इन्हीं बातों पर गोविंदी से मेरा जी जलता 103225 test‏.htm पाई चुकाऊँगा। लड़कों की बातों पर मत जाओ। मामला तो हमारे-तुम्हारे 103226 test‏.htm युवतियों को पढ़ाये, कुछ बातों में इतनी अल्हड़ कि शिशुओं से 103227 test‏.htm खींचता था, बालपन पीछे। कुछ बातों में इतनी चतुर कि ग्रेजुएट युवतियों 103228 test‏.htm मिस्टर तंखा इन बेमतलब की बातों में न पड़ना चाहते थे, फिर भी 103229 test‏.htm अब तक घेरे हुए थीं। उसकी बातों से जैसे उन्हें तृप्ति न होती 103230 test‏.htm सकते हैं; लेकिन ओंकार इन बातों से नहीं डरता। जब तक उसकी देह 103231 test‏.htm और पानी का पानी करना दूसरी बात। 103232 test‏.htm ब्याह लेता। रही हैसियत की बात। तुम जजमानी को भीख समझो, मैं 103233 test‏.htm कई सौ रुपए ख़र्च करने के बाद अंत में काशी के पंडितों ने 103234 test‏.htm पहाड़ों की ख़ाक छानने के बाद अपना-सा मुँह लिये लौट जाते 103235 test‏.htm रहते हैं। चिराग़ जलने के बाद अपने कार्यालय से बाहर नहीं 103236 test‏.htm वह स्मृति इतने दिनों के बाद अब और भी मृदु हो गयी थी। अभी 103237 test‏.htm है या जीती है। साल-भर के बाद अब जाकर तुम्हारी नींद टूटी 103238 test‏.htm हो गया। इतना सुन लेने के बाद अब जीवन में क्या रस रह गया। 103239 test‏.htm हैं, समझौता हो जाने के बाद आपके हाथ कट जाते हैं।’ 103240 test‏.htm राय-साहब भाषण शुरू होने के बाद आये और पीछे खड़े हो गये। 103241 test‏.htm आज युगों के बाद इन ज़रा-ग्रस्तों को कबड्डी 103242 test‏.htm कहते थे, ऐसी डाँट सुनने के बाद उनके घर कैसे जायँ? 103243 test‏.htm और एक बार जवाब पा जाने के बाद उन्हें उस प्रश्न पर मालती से 103244 test‏.htm इसके बाद उन्होंने बड़ी लच्छेदार भाषा 103245 test‏.htm दो पग के बाद उसने करुण स्वर में कहा -- अच्छा 103246 test‏.htm हो चुका था; पर आज चार साल के बाद उसने जैसे एक नयी दुनिया देखी। 103247 test‏.htm सूख गया हो। एक क्षण के बाद उसने देखा, जैसे धनिया घर से 103248 test‏.htm एक क्षण के बाद उसने पूछा -- क्या इस खेल में 103249 test‏.htm भी कोई हितू है। एक क्षण के बाद उसने फिर कहा -- उस बात को भूल 103250 test‏.htm इसके दो महीने बाद एक दिन गाँव में यह ख़बर फैली 103251 test‏.htm तो धनुष-यज्ञ होगा, उसके बाद एक प्रहसन। नाटक कोई अच्छा न 103252 test‏.htm थी। कुछ दूर की चढ़ाई के बाद एकाएक ढाल आ गया और मोटर नीचे 103253 test‏.htm था, और सब कुछ कर चुकने के बाद और आत्मवाद तथा अनात्मवाद की 103254 test‏.htm के तीन हज़ार रुपए थे। इसके बाद और कई रक़में इतनी या इससे कुछ 103255 test‏.htm विष बोने के लिए, उसके बाद और भी प्रबल हो जाती है। बुद्धि 103256 test‏.htm रोज़-रोज़ की दाल-रोटी के बाद कभी-कभी मुँह का सवाद बदलने 103257 test‏.htm एक मिनट तक धुआँ निकालने के बाद कहा -- बैंक की जो स्थिति है वह 103258 test‏.htm ने एक मिनट तक मौन रहने के बाद कहा -- हाँ, हैं; लेकिन मैं समझता 103259 test‏.htm का सात्विक अनुभव करने के बाद कहा है। जीवन का सच्चा आधार 103260 test‏.htm में एक बार ठोकर लग जाने के बाद किसी कारण से बार-बार ठोकर लगती 103261 test‏.htm रुपए की रक़म थी। उसके बाद कुँवर दिग्विजयसिंह के तीन 103262 test‏.htm संगीत का आनंद उठाने के बाद कोई मस्त हाथियों की लड़ाई देखने 103263 test‏.htm कुछ दूर चलने के बाद खन्ना ने मिस्टर मेहता का ज़िक्र 103264 test‏.htm ही न हो। फिर एक क्षण के बाद गंभीर भाव से बोली -- आज तुमने 103265 test‏.htm पर गद्गद् हो गयी। इसके बाद गोबर ने जो कुछ कहा, उसमें बुढ़िया 103266 test‏.htm विद्रोह को दबाये रहने के बाद गोबर बोला -- यह तुम रोज़-रोज़ 103267 test‏.htm गोबर और झुनिया के जाने के बाद घर सुनसान रहने लगा। धनिया को 103268 test‏.htm एक दिन जब तीन निराशाओं के बाद चौथी बार मालती से मुलाक़ात 103269 test‏.htm जाना पड़ता, और दिन-भर के बाद जब वह दिया-जले घर लौटता, तो उसकी 103270 test‏.htm तक न भेजी। आज साल-भर के बाद जाके सुधि ली है। तुम्हारी राह 103271 test‏.htm में आ गया। और कई साल के बाद जो ज्वर आया, तो उसने सारी बक़ाया 103272 test‏.htm इसके बाद झुनिया को कुछ होश न रहा। नौ 103273 test‏.htm था। कुछ दूर चलने के बाद झुनिया ने गोबर को मर्मभरी आँखों 103274 test‏.htm एक महीना पहले से एक महीना बाद तक फाग उड़ती है; आषाढ़ लगते 103275 test‏.htm न थी, पर विवाह हो जाने के बाद तो उसने व्रत का रूप धारण कर 103276 test‏.htm -- और क्या! इतनी तपस्या के बाद तो घर में गऊ आयी। उसे भी बेच 103277 test‏.htm मातादीन क़ै कर चुकने के बाद निर्जीव-सा ज़मीन पर लेट गया, 103278 test‏.htm का ऊँच-नीच देख लेने के बाद निष्कपट मनुष्यों में जो उदारता 103279 test‏.htm दातादीन ने एक मिनट के बाद पूछा -- तो क्या कहते हो? 103280 test‏.htm के मरने के एक ही सप्ताह बाद फिर आग्रह करने लगा, तो उसने 103281 test‏.htm झुनिया ने बड़े अदरावन के बाद बच्चा उसकी गोद में दिया। 103282 test‏.htm हुआ; लेकिन जब एक सप्ताह के बाद बालक मर गया, तो उसकी स्मृति 103283 test‏.htm ज़बान बंद हो गयी। एक क्षण बाद बोला -- मैं तो तुझसे पूछता हूँ। 103284 test‏.htm से आँसू पोंछे। फिर एक मिनट बाद बोली -- औरों के साथ तुम भी मुझे 103285 test‏.htm डूबी बैठी रही। एक क्षण के बाद बोली -- यह गौरी महतो की भलमनसी 103286 test‏.htm विचारों में डूबे रहने के बाद बोले -- अच्छी बात है। अगर डायरेक्टरों 103287 test‏.htm एक क्षण के बाद भोला ने फिर पूछा -- सगुन करने 103288 test‏.htm पर मेहता के साथ चलने के बाद मालती ने कहा -- तुम तो चले ही 103289 test‏.htm कुछ दूर चलने के बाद मिर्ज़ा ने पीछे फिरकर देखा 103290 test‏.htm थोड़ी देर के बाद मिस्टर तंखा ने मामले की बात 103291 test‏.htm में छिप गयी। कोई आधा घंटे बाद मेहता ने उसे ऊँची पहाड़ी पर 103292 test‏.htm एक क्षण के बाद मेहता ने पूछा -- मैंने सुना है, 103293 test‏.htm थे और कई दिन हुए, दस साल के बाद रजा लेकर आये थे। बगदाद, अदन, 103294 test‏.htm होती हैं। कजलियों के बाद रामायण-गान होने लगता है। सेमरी 103295 test‏.htm इसके बाद रुद्रपाल के विवाह की बातचीत 103296 test‏.htm किया। और उसके एक दिन बाद रुद्रपाल ने सरोज के साथ इंगलैंड 103297 test‏.htm अपने उपर ली। इतने दिनों के बाद लड़का कुशल से घर आया है। वह 103298 test‏.htm हो और आप उड़े, तो साल-भर के बाद लौटे। मर्दों का विश्वास ही 103299 test‏.htm लू और धूप में काम करने के बाद वह घर आता, तो बिलकुल मरा हुआ; 103300 test‏.htm तक जीवन से लड़ते रहने के बाद वह परास्त हुआ है और ऐसा परास्त 103301 test‏.htm खाकर पड़ रहता। उस चोट के बाद वह पूरा स्वस्थ न हो पाया था। 103302 test‏.htm में सामने आ खड़ी है। उसके बाद विश्राममय संध्या आती है, शीतल 103303 test‏.htm ली -- तो वरदान पा जाने के बाद शायद देवी को मंदिर से निकाल 103304 test‏.htm दूसरे दिन जलपान के बाद शिकार का प्रोग्राम था। वहीं 103305 test‏.htm भोला ने एक मिनट के बाद संकोच भरे भाव से कहा -- क्रोध 103306 test‏.htm इसके बाद संग्राम छिड़ गया। ताने-मेहने, 103307 test‏.htm कुछ अपना ही है। कई दिन के बाद सिंचाई भी इसी तरह हुई। दातादीन 103308 test‏.htm एक बंधन में बँध जाने के बाद ही पैदा हो सकता है। इसके पहले 103309 test‏.htm खींचकर कहा -- हाँ, मेरे बाद ही होगी और अभी उसे बहुत दिन 103310 test‏.htm ‘तो आपके बाद होगी।’ 103311 test‏.htm थी। और उस दिन की लड़ाई के बाद ! हीरा के मन में कपट नहीं रहता। 103312 test‏.htm सहसा एक दिन बादल उठे और आसाढ़ का पहला दौंगड़ा 103313 test‏.htm लिए आकाश में ओलेवाले पीले बादल उठे चले आते हों! 103314 test‏.htm ढँक लेना चाहता है, जैसे बादल का एक टुकड़ा सूर्य को ढँक लेता 103315 test‏.htm मिल में असंतोष के बादल घने होते जा रहे थे। मज़दूर 103316 test‏.htm थी। एक पत्ती न हिलती थी। बादल छाये हुए थे; पर वर्षा के लक्षण 103317 test‏.htm आयी हैं, इसके साथ ही इस बादल -बूँदी और जाड़े-पाले में इतनी 103318 test‏.htm में चकाचौंध आ जायगी। बादशाह को ख़ज़ाने की एक कौड़ी भी निजी 103319 test‏.htm लिया कि आप ही इलाक़े के बादशाह हैं। मैं कहे देता हूँ, आज शाम 103320 test‏.htm कि हम कायस्थ हैं, क़लम के बादशाह , इस मैदान में कोई हमसे क्या 103321 test‏.htm तो वह प्रजा को पालनेवाला बादशाह , और कहाँ आजकल के मंत्री और मिनिस्टर, 103322 test‏.htm किया कि पुराने ज़माने के बादशाहों के आदर्श कितने ऊँचे थे। आज 103323 test‏.htm में गुलाब-जल और केसर और बादाम की बहार है। हाँ-हाँ, सेर-भर बादाम 103324 test‏.htm की बहार है। हाँ-हाँ, सेर-भर बादाम गोबर ख़ुद लाया। पीते ही चोला 103325 test‏.htm होना है। ज्ञानार्जन इसके बाद। अगर उसे मालूम हो जाय कि परीक्षक 103326 test‏.htm बेखटके चलो। होली के बाद।’ 103327 test‏.htm भोग आत्मा के विकास में बाधक नहीं होता। विवाह तो आत्मा को 103328 test‏.htm मालती उसके मार्ग में आकर बाधक हो जाती! क्यों वेश्याओं के 103329 test‏.htm का था, सिल्लो ने उसमें बाधक होकर जैसे उसके सामने से परोसी 103330 test‏.htm सब उपाय करने पर भी एक न एक बाधा गले पड़ी रहती थी। रसोई में 103331 test‏.htm करते रहें, उन्होंने ज़रा बाधा दी और इज़्ज़त धूल में मिली। 103332 test‏.htm संपदा अपने साथ कोई नयी बाधा न लाये, यह शंका उसके निराश हृदय 103333 test‏.htm थे। शादी तय होने में कोई बाधा न हो सकती थी। और वह तय हो गयी। 103334 test‏.htm की बोलियाँ इस समारोह में बाधा नहीं डाल सकतीं। घर में अनाज 103335 test‏.htm अपनी-भोग-लिप्सा में बाधा नहीं पड़ती। रस्सी को साँप बनाकर 103336 test‏.htm जिससे उनकी जीविका में बाधा पड़े। चाहे जितना काम लो, चाहे 103337 test‏.htm हैं? वह तो हमारे मार्ग में बाधा ही डालेगा। कुछ विरले प्राणी 103338 test‏.htm जोरू न जाँता, न कोई चिंता न बाधा , वह दर्शन न बघारें, तो कौन बघारे? 103339 test‏.htm आत्मोन्नति के मार्ग की बाधाएँ समझते थे और इनसे दूर हो जाना 103340 test‏.htm था, जो सारे कलंक, सारी बाधाओं और सारी मूलबद्ध परंपराओं को 103341 test‏.htm बग़ैर किसी की सहायता के बाधाओं को जीता है। अब तो तुम्हारे 103342 test‏.htm मैं वह पत्र लिखने के लिए बाध्य नहीं था, मेरा कर्तव्य यह था 103343 test‏.htm पटेश्वरी लाला की पुरानी बान अभी तक नहीं छूटी। 103344 test‏.htm इस बखत न बोलो। मैं आज इसकी बान छुड़ाकर तब दम लूँगा। मैं जितना 103345 test‏.htm गया था। बूढ़े हो गये, पर यह बान न गयी।’ 103346 test‏.htm कुछ हलका हो जाता है। उसके बाप उन विचित्र जीवों में थे, जो 103347 test‏.htm कर दे। नहीं हो सकता तो माँ- बाप उसका गला न दबायेंगे। झुनिया 103348 test‏.htm दस-बीस परतोख दे दूँ। माँ- बाप करज़-कवाम लेते हैं, किसके लिए? 103349 test‏.htm ‘तुम्हारे बाप का क्या नाम है?’ 103350 test‏.htm एक औरत रख ली, तो पंचों के बाप का क्या बिगाड़ा? अगर इसी बात 103351 test‏.htm बल्कि वह हीरा था, जो बे-माँ- बाप का छोटा-सा बालक था। बीच के ये 103352 test‏.htm ताव नहीं सह सकता। अपने माँ- बाप का ताव नहीं सहा, जिसने जनम दिया। 103353 test‏.htm उससे कौन कहता है कि तु माँ- बाप का देना चुका। माँ-बाप के लिए 103354 test‏.htm लाकर खिलायें। माँ- बाप का धरम सोलहो आना लड़कों के 103355 test‏.htm क्या उसे बाँधकर रखेगी? माँ- बाप का धरम है, लड़के को पालपोसकर 103356 test‏.htm का नौकर नयी है। किसी के बाप का नौकर नयी है, किसी साले का 103357 test‏.htm है, और मार ले। जा, तू अपने बाप का बेटा होगा तो आज मुझे मारकर 103358 test‏.htm ‘नहीं देख रहे हो; माँ- बाप का मन इतना निठुर नहीं होता। 103359 test‏.htm पूछती हूँ न कि तुम्हारे बाप कितने रुपए छोड़कर मरे थे। डाढ़ीजारों 103360 test‏.htm में दया है, धरम है; लेकिन बाप की इच्छा जो होगी, वही उसे माननी 103361 test‏.htm विश्वास हो गया। गोबर को भी बाप की इस झूठी क़सम और उसके फलस्वरूप 103362 test‏.htm तुम यही जवाब लिख दो। माँ- बाप की कमाई में क्या लड़की का कोई 103363 test‏.htm जब लड़के सयाने हो गये, तो बाप की कौन चलती है। कामता और जंगी 103364 test‏.htm रूपा ने बाप की गरदन में हाथ डालकर ढिठाई 103365 test‏.htm लगा। सोना ने देखा, रूपा बाप की गोद में चढ़ी बैठी है तो ईर्ष्या 103366 test‏.htm का उसे इतना आनंद हुआ कि बाप की गोद में रह न सकी। ज़मीन पर 103367 test‏.htm कच्चे आम पड़े हुए थे। रूपा बाप की थाली में खाने बैठी। सोना 103368 test‏.htm न पहुँचाऊँ, तो अपने असल बाप की नहीं। यह हत्यारा भाई कहने 103369 test‏.htm सड़क सरकार की है। किसी के बाप की नहीं है। वह जब तक चाहे वहाँ 103370 test‏.htm ऐसी सेवा करेगी कि अपने बाप की भी न की होगी। और सिलिया को 103371 test‏.htm है। उससे कुछ हो सके, तो माँ- बाप की मदद कर दे। नहीं हो सकता तो 103372 test‏.htm नहीं कहता। मँगरू ने अपने बाप के क्रिया-करम में पाँच हज़ार 103373 test‏.htm गयी। यह नहीं समझते जो अपने बाप के घर न रही, वह किसी के घर नहीं 103374 test‏.htm झुनिया को क्यों नहीं उसके बाप के घर भेज देते, सेंत-मेंत में 103375 test‏.htm गोबर ने माँ- बाप के चरण छूए और रूपा को गोद में 103376 test‏.htm ‘मैं तेरे बाप के पाँव पड़ने गया था? वही तुझे 103377 test‏.htm दे रही थी। दोनों लड़कियाँ बाप के पाँवों से लिपटी चिल्ला रही 103378 test‏.htm मातादीन ने लकड़ी उठाई और बाप के पीछे-पीछे घर चला। सिलिया 103379 test‏.htm सिलिया बाप के पैरों से लिपटकर बोली -- मार 103380 test‏.htm माँ-बाप का देना चुका। माँ- बाप के लिए यही क्या कम सुख है कि 103381 test‏.htm गोबर कुढ़ रहा था। उसे अपने बाप के व्यवहारों में ज़रा भी विश्वास 103382 test‏.htm के साथ है। लड़कों का माँ- बाप के साथ एक आना भी धरम नहीं है। 103383 test‏.htm को बुलाकर पूछ लो, क्या बाप के साथ बेटे का यही सलूक होना 103384 test‏.htm पहले का है। बचपन में अपने बाप के साथ वह इसी में सोता था, जवानी 103385 test‏.htm देता था। लड़के जब अपने माँ- बाप के सामने भी ज़िंदगी का थोड़ा-सा 103386 test‏.htm खड़ी यह बातें सुन रही थी। बाप को अब वह बाप नहीं, शत्रु समझती 103387 test‏.htm जहाँ रहे कुशल से रहे। माँ- बाप को और क्या चाहिए! लड़का समझदार 103388 test‏.htm करना चाहती, जिसमें माँ- बाप को कर्जा लेना पड़े। कहाँ से 103389 test‏.htm ‘मेरे भाई- बाप को कोई क्यों गाली दे?’ 103390 test‏.htm गोबर ने बाप को डाँटा -- कैसी चाकरी और किसकी 103391 test‏.htm तो बेचैन हो जाते हैं। अपने बाप को देखते तो मैं इन्हें देवता 103392 test‏.htm कामता ने बाप को निकाल बाहर तो किया; लेकिन 103393 test‏.htm से और लादती जाऊँ? माँ- बाप को भगवान् ने दिया हो, तो ख़ुशी 103394 test‏.htm आ गया। तेरे कारन माँ- बाप को भी छोड़ना पड़ा। 103395 test‏.htm तक आग लग गयी। बोली -- माँ- बाप को भी तुमने उन्हीं पैसे के 103396 test‏.htm ‘किसने गाली दी, तेरे भाई- बाप को?’ 103397 test‏.htm कौन जानता है! संभव है, उसका बाप घसियारा ही रहा हो ॰॰॰। 103398 test‏.htm का सहारा तो रह जायगा। माँ- बाप चार दिन मेरे नाम को रोकर संतोष 103399 test‏.htm आज महाभारत हो जायगा। माँ- बाप जब तक लड़कों की रक्षा करें, 103400 test‏.htm होगी, वह हम करेंगे। बेचारा बाप जवान-जवान लड़कियों से क्या 103401 test‏.htm हैं, फिर भी नीयत का यह हाल! बाप जैसा होगा, वैसी ही संतान भी 103402 test‏.htm बेटा, तुम तो ऐसे न थे। माँ- बाप तुम्हारे ही हैं, बहनें तुम्हारी 103403 test‏.htm कि मैं क्या करूँ, तुम्हारे बाप देते हैं, मेरे बाप लेते हैं, 103404 test‏.htm किसी ने कुछ नहीं कहा। माँ- बाप दोनों ही उसका मुँह जोहते रहते 103405 test‏.htm सुन रही थी। बाप को अब वह बाप नहीं, शत्रु समझती थीं। डरी, 103406 test‏.htm खींचती हुई बोली -- वह तेरा बाप नहीं है, तेरा बैरी हैं; हत्यारा। 103407 test‏.htm मीनाक्षी भी बेज़बान थी। बाप ने जिसके साथ ब्याह कर दिया, 103408 test‏.htm करके साधु हो गये थे। इनके बाप ने भी राम-नाम की खेती में उम्र 103409 test‏.htm दूर है। डूब मरूँगी। माँ- बाप ने मर-मर के पाला-पोसा। उसका 103410 test‏.htm वहाँ से रुपए लाती और तेरा बाप बैठा, उसी रुपए की ताड़ी पीता, 103411 test‏.htm पर चुप्पी साधे बैठा रहा। बाप भी ऐसे बेहया होते हैं!’ 103412 test‏.htm वही अपना। ख़ाली हाथ तो माँ- बाप भी नहीं पूछते।’ 103413 test‏.htm अब तो मैं उसकी माँ भी हूँ, बाप भी हूँ। अगर मुझे अपने हृदय 103414 test‏.htm न पत्तर। उसके लेखे तो माँ- बाप मर गये। बिटिया का ब्याह सिर 103415 test‏.htm अभी शायद नहीं जानता कि बाप मेरी ग़ुलामी कर रहा है। सच 103416 test‏.htm बाप देते हैं, मेरे बाप लेते हैं, इसमें मेरा क्या अख़्तियार 103417 test‏.htm चार पैसे कमाने लगे कि माँ- बाप से आँखें फेर लीं। इसी गाँव 103418 test‏.htm आर्द्र कंठ से बोला -- माँ बाप से खिंचे रहना कोई अच्छी बात 103419 test‏.htm आसान और क्या होगा। माँ- बाप से नहीं पटती, उन्हें धता बताओ; 103420 test‏.htm झिंगुरीसिंह ने सिलिया के बाप से पूछा -- क्या बात है चौधरी, 103421 test‏.htm घर का न घाट का। जब देखो, माँ- बाप से लड़ाई। कहीं पैसा पा जाय, 103422 test‏.htm सिलिया का बाप हरखू साठ साल का बूढ़ा था; काला, 103423 test‏.htm ‘मैं उनका बाप हूँ, क़साई नहीं हूँ।’ 103424 test‏.htm उपहास करते हैं। और जैसा बाप है, वैसा ही बेटा। इन्हीं का 103425 test‏.htm की रक्षा करें, तब तक माँ- बाप हैं। जब उनमें ममता ही नहीं 103426 test‏.htm घर। न-जाने कैसे बेदरद माँ- बाप हैं कि बेचारी की सारी पीठ लहूलुहान 103427 test‏.htm -- दादा अब तुम्हीं मेरे बाप हो और अम्माँ, तुम्हीं मेरी 103428 test‏.htm बोली -- अनर्थ नहीं, अनर्थ का बाप हो जाय। मैं बिना लाला को बड़े 103429 test‏.htm छाती सीतल हो जायगी। जब बाप होकर मैंने अपना हिरदा इतना 103430 test‏.htm हुई बोली -- अम्माँ, जब अपना बाप होके मुझे धिक्कार रहा है, तो 103431 test‏.htm ही नहीं है, तो कैसे माँ- बाप ! 103432 test‏.htm उसी वक़्त उसकी माँ, बाप , दोनों भाई और कई अन्य चमारों 103433 test‏.htm दुनिया कुछ कहे, चाहे माँ- बाप , भाई-बंद, घर-द्वार सब कुछ छोड़ना 103434 test‏.htm ‘उसमें बाप -दादा का नाम डूबता है।’ 103435 test‏.htm बोटी-बोटी काट डालूँगी। बाप -दादा का नाम तो ख़ूब उजागर कर 103436 test‏.htm हुए हैं। मैं सोचता हूँ, बाप -दादा की यही तो निसानी है, यह 103437 test‏.htm अदावतों का बदला लेने और बाप -दादों का ऋण चुकाने की भेंट 103438 test‏.htm पड़ेगी। निबाह कैसे होगा। बाप -दादों की इतनी ही निसानी बच 103439 test‏.htm है, मैं ऐसा कपूत हो जाऊँ कि बाप -दादों की कमाई पर झाड़ू फेर 103440 test‏.htm कन्या से भी उरिन हो गये और बाप -दादों की निशानी भी बच गयी। 103441 test‏.htm बंद हो जाता है? ले-दे के बाप -दादों की निसानी एक घर बच रहा 103442 test‏.htm ही विधि है और कुछ नहीं। बाप -दादों ने नहीं पी थी, न पी हो। 103443 test‏.htm दो। बड़ा मुतफन्नी है दादा! बाप -बेटे में आग लगा दे, भाई-भाई में 103444 test‏.htm हो। हाँ, भाग का बली है। बाप -बेटे में ख़ूब कहा-सुनी हुई। 103445 test‏.htm ‘बाप -बेटे में लड़ाई करवा दे, मियाँ-बीबी 103446 test‏.htm भी सोचना चाहिए कि बहू को बाप -भाई की गाली क्यों देती हैं। 103447 test‏.htm सिद्ध कर दिया और बोला -- बापू तो लाये हैं। 103448 test‏.htm और लगे पूछने -- किसने मारा बापू ? कैसे मारा, कहाँ मारा, कैसे गोली 103449 test‏.htm होती तो राजा साहब उस नंगे बाबा के सामने घंटों ग़ुलामों की 103450 test‏.htm थी। वाह! ज़रा इन बूढ़े बाबा को देखो! किस शान से जा रहे हैं, 103451 test‏.htm से बोली -- बुरे दिन आते हैं बाबा , तो आदमी की मति फिर जाती है, 103452 test‏.htm रह जायँगे। जिस खन्ना बाबू का मिल है, उन्हीं खन्ना बाबू 103453 test‏.htm का मिल है, उन्हीं खन्ना बाबू की महाजनी कोठी भी है। दोनों 103454 test‏.htm सँवारे हुए बाल, पूरा बाबू साहब बना हुआ। फटेहाल गोबर और 103455 test‏.htm ‘कहाँ के गड़े रुपए बाबू साहब, खाने को तो होता नहीं। 103456 test‏.htm उनकी लीला मशहूर थी। गपडू बाबू सिर नीचा किये, जैसे मुँह में 103457 test‏.htm बाज़ार जाती हूँ। एक-से-एक बाबू , महाजन, ठाकुर, वकील, अमले, अफ़सर 103458 test‏.htm तो रोटियाँ सेंककर रख दूँ। बाबूजी खाना खा लें, तुम दूध पी लो और 103459 test‏.htm हुई बोली -- पानी से निकल जाओ बाबूजी , तुम्हारी चिड़िया यह है। मेहता 103460 test‏.htm कोई बिसेस हानि नहीं होती; बाम्हन का धरम बिगड़ जाय, तो वह कहीं 103461 test‏.htm तुम सूद्र हुए तो क्या, हम बाम्हन हुए तो क्या, हैं तो सब एक ही 103462 test‏.htm खाते हैं। झिंगुरीसिंह ने बाम्हनी रख ली, उनका किसी ने क्या कर लिया? 103463 test‏.htm तक बिरादरी को भात न दोगे, बाम्हनों को भोज न दोगे, कैसे उद्धार होगा? 103464 test‏.htm के लिए भेजवा दूँ। यह मेरे बायें हाथ का खेल है। डाके में सारे 103465 test‏.htm खाना चाहिए। इधर मुझे बार- बार अम्माँ-दादा की याद आया करती 103466 test‏.htm कुछ समझ गया। गोबर को बार- बार अहिराने जाते देखकर वह खटका 103467 test‏.htm को इसलिए कहा था कि वह कई बार आ चुके हैं।’ 103468 test‏.htm बार परच जाती है, तभी दूसरी बार आँगन में आती है। 103469 test‏.htm खोंसे हुए। साल में एक-दो बार आकर चिकें, कुरसियाँ, मोढ़े, 103470 test‏.htm क़र्ज़ वह मेहमान है, जो एक बार आकर जाने का नाम नहीं लेता। 103471 test‏.htm पका जाती और दिन में भी कई बार आकर बच्चे को उबटन मल जाती और 103472 test‏.htm अब से चुहिया चार-पाँच बार आकर बच्चे को दूध पिला जाती। 103473 test‏.htm पकड़कर कहा -- आती हो, बार- बार आती हो, सुगंध के एक झोंके की 103474 test‏.htm हूँ, और साल में पच्चीस बार आपकी दावत करता हूँ, किसलिए! 103475 test‏.htm के जीवन में शायद पहली ही बार आया हो कि किसी शिकारी ने उनकी 103476 test‏.htm कहा -- सुन चुका हूँ, और बार- बार इच्छा हुई कि उनसे मिलूँ; लेकिन 103477 test‏.htm धनुष-यज्ञ हो रहा था। कई बार इन लोगों को बुलाने के लिए आदमी 103478 test‏.htm जब गोबर ने अबकी बार इनकार किया, तो मिर्ज़ा साहब 103479 test‏.htm में व्यर्थ थी। और एक बार इस तत्व को पाकर वह शांत न बैठ 103480 test‏.htm पर अविश्वास करते थे, दो-एक बार इसका उन्हें कड़वा अनुभव हो 103481 test‏.htm मारकर निकाल दिया। कई बार इसी नादिहेंदी में स्कूल से 103482 test‏.htm और न घर का काम करती थी। एक बार इसी बात पर वह अपने नैहर भाग 103483 test‏.htm उन्होंने बच्चे को कई बार उछाला, तो वह चुप हो गया। बालकों 103484 test‏.htm हो चुके थे और दोनों ही बार उन पर एक-एक लाख की चपत पड़ी थी; 103485 test‏.htm नक़ल सच्ची थी। मैंने कई बार उनकी छोटी बेगम को द्वार पर 103486 test‏.htm थे। गोविंदी का मन हुआ, एक बार उन्हें प्यार कर ले; मगर वह कहीं 103487 test‏.htm पर बैठी है। ठाकुर बार- बार उसका मुँह अपनी ओर फेरने की 103488 test‏.htm दूकान करती थी। झुनिया कई बार उसकी दूकान से लकड़ी लायी थी। 103489 test‏.htm ढोर लेकर इधर आ जाता है। एक बार उसकी भैंस मेरे खेत में पड़ 103490 test‏.htm न उसे वसूल करने की। दो-चार बार उसने तक़ाज़ा किया, घुड़का-डाँटा 103491 test‏.htm है। हताश होकर बोली -- मैं एक बार उससे कह के देख लेना चाहती हूँ; 103492 test‏.htm तक छिपा पड़ा था। आज पहली बार उसे अपने दायित्व का ज्ञान हुआ 103493 test‏.htm इसका भी विज्ञान है। एक बार उसे गौर से देख लीजिए, फिर क्या 103494 test‏.htm की तैयारी कर रहे हैं। कई बार ऊँगलियाँ चिर गयीं, ख़ून निकला। 103495 test‏.htm सौ होते ही क्या हैं। एक बार ऊख लग जाय। 103496 test‏.htm हूँ। आपके साथ कितनी ही बार एक चौके में, एक मेज़ पर खा चुका 103497 test‏.htm काम कर रहा है, लेकिन जब एक बार एक बात हो गयी तो यह पाजी का काम 103498 test‏.htm ‘बस, एक बार और ज़ोर मारो दोस्त। सौ क़दम 103499 test‏.htm नहीं चलता। सोभा उससे कई बार कह चुका है कि पुनिया के विचार 103500 test‏.htm -- मैंने तुमसे सौ बार हज़ार बार कह दिया मेरे मुँह पर भाइयों 103501 test‏.htm बोली -- मैंने तुमसे हज़ार बार कह दिया, मेरे लड़कों को किसी 103502 test‏.htm नहीं होते। घरवाली बार- बार कहती है, भोला भैया से क्यों 103503 test‏.htm चीफ़ सेक्रेटरी साहब ने एक बार कहा -- अगर मैं इस ब्लडी ओंकारनाथ 103504 test‏.htm अपने ऊपर ली। उसने कितनी बार कहा था -- तुम इस झगड़े में न पड़ो, 103505 test‏.htm बनवा दी थी, वही जब एक बार काबुली से कपड़े लिये थे, जिसके 103506 test‏.htm भोला ने अरज की -- सरकार, एक बार कामता को बुलाकर पूछ लो, क्या 103507 test‏.htm हवा नहीं खायी है, जभी। एक बार किसी के पाले पड़ जायँगे, तो 103508 test‏.htm कोई स्त्री आपके पास बार- बार किसी न किसी बहाने से आये, आपको 103509 test‏.htm कम नटखट थे। दिन में पचीसों बार किसी-न-किसी बहाने मेरी दुकान 103510 test‏.htm नहीं देखा। पटेश्वरी ने एक बार कुछ छेड़ की थी। उसका ऐसा मुँहतोड़ 103511 test‏.htm वह एक बार कुरसी से उठे, फिर बैठ गये। गोविंदी 103512 test‏.htm कहा होता, भाई साहब, आप तो दो बार कौंसिल में जा चुके, अबकी मुझे 103513 test‏.htm पर कुछ विश्वास है, तो इस बार क्षमा कीजिए। किसी दूसरे संपादक 103514 test‏.htm भी नहीं रहती। दो-चार बार गया। मगर मुझे मालूम हुआ, मुझसे 103515 test‏.htm ‘असामी को सौ बार गरज होगी, मुखिया को हाथ-पाँव 103516 test‏.htm थी और साल में एक-दो बार गवर्नर साहब भी उनके मेहमान 103517 test‏.htm मालती बिगड़ रही थीं, बार- बार गाँव लौट चलने के लिए आग्रह 103518 test‏.htm एस॰ पी॰ ने उन्हें पिछली बार गिरफ़्तार किया था, इस वक़्त 103519 test‏.htm बच्चे के पास बैठती। वह बार- बार चाहती कि बच्चे के पास बैठे; 103520 test‏.htm का ढेर लगा दिया। उसे बार- बार चूमती थी और प्यार करती थी, मानो 103521 test‏.htm रक्षा कर रही है। और बार- बार चौंककर पूछता -- मैं मरूँगा तो 103522 test‏.htm भी तो तुम्हारे लिए अपना घर- बार छोड़ दिया।’ 103523 test‏.htm निकल गयी। दिन में एक-दो बार ज़रूर हाज़िरी दे आते हैं, और 103524 test‏.htm प्यास से विकल हैं। और एक बार जवाब पा जाने के बाद उन्हें 103525 test‏.htm पर हरजाई न बनूँगी। एक बार जिसने बाँह पकड़ ली, उसी की रहूँगी। 103526 test‏.htm के प्रमुख नेता रहे थे, दो बार जेल गये थे और कई हज़ार का नुक़सान 103527 test‏.htm है। लेकिन मैंने केवल एक बार जेल जाने के सिवा और क्या जन-सेवा 103528 test‏.htm में आगे बढ़नेवाले। दो बार जेल हो आये थे। किसी से दबना 103529 test‏.htm उन्होंने कारकुन को एक बार जो हुक्म दे दिया, उसे क्यों 103530 test‏.htm रखने की चेष्टा की। दो-तीन बार ज़ोर लगाने पर लाश गर्दन पर 103531 test‏.htm पाँव में एक बार ठोकर लग जाने के बाद किसी कारण 103532 test‏.htm के बाद किसी कारण से बार- बार ठोकर लगती है और कभी-कभी अँगूठा 103533 test‏.htm घाव पर नमक था। उन्होंने कई बार तंखा को बुलाया था; मगर वह या 103534 test‏.htm है। यही तो होगा, भोला बार- बार तगादा करने आयेगा, बिगड़ेगा, 103535 test‏.htm पिछला वसूल करने के लिए बार- बार ताकीद हो रही है। कोई नया मुआमला 103536 test‏.htm बाँस की खाट पर पड़ा बार- बार तारों की ओर देखता था। गाय के 103537 test‏.htm भी है। हमारी गैया को एक बार तेंदुए ने घेरा था। उसे सींगों 103538 test‏.htm में इसी नदी में वह कितनी बार तैर चुकी है। खड़े-खड़े नदी 103539 test‏.htm अनाज उड़ा लिया करता था। कई बार तो ख़ुद उसी ने पकड़ा था; पर गाँव-घर 103540 test‏.htm दो साल तक एक पाई न दी। एक बार दादा गरम पड़े, तो मारकर भगा 103541 test‏.htm छू भी नहीं गयी। केवल एक बार दूध पीते हैं। ऐसा विद्वान महात्मा 103542 test‏.htm मेहता को जब से उसने पहली बार देखा था, तभी से उसका मन उनकी 103543 test‏.htm खड़ा रहा। जीवन में आज पहली बार धनिया ने उसे भरे अखाड़े में 103544 test‏.htm तो उसे भय न था। वह केवल एक बार धाड़ेंगे, फिर शांत हो जायँगे। 103545 test‏.htm ऐसा आकर्षण है कि लोग बार- बार धोखा खाकर भी उन्हीं की शरण 103546 test‏.htm था, न निगलते। अब तक वह दो बार निर्वाचित हो चुके थे और दोनों 103547 test‏.htm की दूकान तक ले जाय। बार- बार नौकर पर झुँझला रही थी। हरामख़ोर 103548 test‏.htm छुड़ाता था, और पुन्नी बार- बार पकड़ लेती थी। एक मिनट तक यही 103549 test‏.htm ही आता था। चिड़िया एक बार परच जाती है, तभी दूसरी बार आँगन 103550 test‏.htm बना दिया था, जिस पर एक बार फावड़ा भी उचट जाता था। 103551 test‏.htm मेहता ने एक बार फिर उठने की चेष्टा की; पर मिर्ज़ा 103552 test‏.htm तुम्हारे ऊपर सैकड़ों बार बिगड़ चुके हैं कि इसे घर में 103553 test‏.htm न देती थी; पर आज उसने एक बार भी न पूछा, पैसे कब दोगी। 103554 test‏.htm की है? और सच पूछिए तो उस बार भी मैं अपने मतलब ही से गयी थी, 103555 test‏.htm ‘पड़ोसी साल-भर में एक बार भी सूरत न दिखाये, तो मेहमान 103556 test‏.htm है। नहीं सब को दिन में चार बार भूख लगती थी। अब खायँ चार दफ़े, 103557 test‏.htm रटा रहा था। गवाहों का बार- बार भूलें करना, वकील का बिगड़ना, 103558 test‏.htm बन के। तुम्हें बार- बार मँड़राते देख के मुझे दया आ 103559 test‏.htm से गिर पड़ते देखकर, जो बार- बार मना करने पर खड़े होने से बाज़ 103560 test‏.htm तक नहीं। अम्माँ ने कई बार मारा है; लेकिन वह जब मारती थीं, 103561 test‏.htm तीन निराशाओं के बाद चौथी बार मालती से मुलाक़ात हुई और उसने 103562 test‏.htm ने इसके पहले भी दो-तीन बार मिर्ज़ाजी को रुपए दिये थे; 103563 test‏.htm उन्हें मालती से दिन में कई बार मिलने का अवसर मिलता है। उनके 103564 test‏.htm रहने लगा। धनिया को बार- बार मुन्नू की याद आती रहती है। 103565 test‏.htm तन गयी, और उँगलियाँ बार- बार मूँछों पर पड़ने लगीं। बच्चा 103566 test‏.htm रख दिया। पढ़ते-पढ़ते कई बार मेरे जी में ऐसा आया कि आपसे 103567 test‏.htm कर दिया। और आज पहली बार मेहता को मालती से एकात्मता 103568 test‏.htm को पसंद नहीं करता था। एक बार मैंने बड़ी बीबी से पूछा, तो 103569 test‏.htm नयी बात नहीं। मैं कितनी ही बार यह भाव व्यक्त कर चुका हूँ। 103570 test‏.htm फिरते हो; और अभी फिर लौटती बार यही नाला पार करना पड़ेगा। तुमने 103571 test‏.htm कब आये? आज तुम्हारी बार- बार याद आ रही थी। बीमार हो क्या? 103572 test‏.htm लड़कों को घर बुला लिया। एक बार रेल का टिकट उधार माँगा था। 103573 test‏.htm ही दिखायी दिया। वैद्य एक बार रोगी को चंगा कर दे, फिर रोगी 103574 test‏.htm सलाह लेने प्रायः एक-दो बार रोज़ आती थी; पर जब से दोनों इंगलैंड 103575 test‏.htm क्योंकि वह प्रायः दो एक बार रोज़ उससे अपनी मूँछों की रस्साकशी 103576 test‏.htm जो राय साहब के द्वार पर एक बार रोज़ हाज़िरी दिया करते थे। 103577 test‏.htm थी; मगर रूपा क्या समझे! बार- बार रोटी-रोटी चिल्ला रही थी। दिन-भर 103578 test‏.htm के पीछे दोनों बहनों में कई बार लड़ाइयाँ हो चुकी थीं। सोना 103579 test‏.htm जीवन में कभी न हुआ था। एक बार लोगों ने उन्हें ताल के किनारे 103580 test‏.htm भी था। आज जीवन में पहली बार वह परास्त हुई। आँखों में प्रेम 103581 test‏.htm यह जानते हुए भी, उसके बार- बार समझाने पर भी, उसने यह विपत्ति 103582 test‏.htm युवती ने मालती की ओर एक बार सवाल की आँखों से देखा, यह क्या 103583 test‏.htm रंग लज्जाशील आँखें जो एक बार सामने उठकर फिर झुक जाती हैं, 103584 test‏.htm था, उससे छिन गया था। वह बार- बार सोचती, उसने झुनिया के साथ ऐसी 103585 test‏.htm ‘हाँ मालती, बहुत सोचा, बार- बार सोचा।’ 103586 test‏.htm थे। सूफ़ी मुसलमान थे। दो बार हज कर आये थे; मगर शराब ख़ूब पीते 103587 test‏.htm कहा -- मैंने तुमसे सौ बार हज़ार बार कह दिया मेरे मुँह 103588 test‏.htm ‘एक बार हम लोग उस गाँव में गये थे। होरी 103589 test‏.htm तुम्हें गरज पड़ेगी तो सौ बार हमसे रुपए उधार लेने आओगे, और 103590 test‏.htm साथ रहकर निबाह करना। एक बार हाथ पकड़कर उमिर भर निबाह करते 103591 test‏.htm माँ को बचा रहा था। बार- बार होरी का हाथ पकड़कर पीछे ढकेल 103592 test‏.htm घूमते। वे दिन में कई-कई बार होरी के द्वार की ओर ताकते हुए 103593 test‏.htm सुलतान थीं, जो विलायत से बार -एट-ला होकर आयी थीं और यहाँ परदानशीन 103594 test‏.htm ग़म खाना चाहिए। इधर मुझे बार -बार अम्माँ-दादा की याद आया 103595 test‏.htm सब कुछ समझ गया। गोबर को बार -बार अहिराने जाते देखकर वह खटका 103596 test‏.htm हाथ पकड़कर कहा -- आती हो, बार -बार आती हो, सुगंध के एक झोंके 103597 test‏.htm कहा -- सुन चुका हूँ, और बार -बार इच्छा हुई कि उनसे मिलूँ; 103598 test‏.htm ज़मीन पर बैठी है। ठाकुर बार -बार उसका मुँह अपनी ओर फेरने 103599 test‏.htm के दरसन नहीं होते। घरवाली बार -बार कहती है, भोला भैया से क्यों 103600 test‏.htm अगर कोई स्त्री आपके पास बार -बार किसी न किसी बहाने से आये, 103601 test‏.htm मालती बिगड़ रही थीं, बार -बार गाँव लौट चलने के लिए आग्रह 103602 test‏.htm बच्चे के पास बैठती। वह बार -बार चाहती कि बच्चे के पास बैठे; 103603 test‏.htm का ढेर लगा दिया। उसे बार -बार चूमती थी और प्यार करती 103604 test‏.htm उसकी रक्षा कर रही है। और बार -बार चौंककर पूछता -- मैं मरूँगा 103605 test‏.htm जाने के बाद किसी कारण से बार -बार ठोकर लगती है और कभी-कभी 103606 test‏.htm है। यही तो होगा, भोला बार -बार तगादा करने आयेगा, बिगड़ेगा, 103607 test‏.htm है। पिछला वसूल करने के लिए बार -बार ताकीद हो रही है। कोई नया 103608 test‏.htm अपनी बाँस की खाट पर पड़ा बार -बार तारों की ओर देखता था। गाय 103609 test‏.htm कुछ ऐसा आकर्षण है कि लोग बार -बार धोखा खाकर भी उन्हीं की 103610 test‏.htm की दूकान तक ले जाय। बार -बार नौकर पर झुँझला रही थी। 103611 test‏.htm हाथ छुड़ाता था, और पुन्नी बार -बार पकड़ लेती थी। एक मिनट तक 103612 test‏.htm बयान रटा रहा था। गवाहों का बार -बार भूलें करना, वकील का बिगड़ना, 103613 test‏.htm अंतरजामी बन के। तुम्हें बार -बार मँड़राते देख के मुझे दया 103614 test‏.htm से गिर पड़ते देखकर, जो बार -बार मना करने पर खड़े होने से 103615 test‏.htm सुनसान रहने लगा। धनिया को बार -बार मुन्नू की याद आती रहती 103616 test‏.htm छाती तन गयी, और उँगलियाँ बार -बार मूँछों पर पड़ने लगीं। बच्चा 103617 test‏.htm हीरा! कब आये? आज तुम्हारी बार -बार याद आ रही थी। बीमार हो क्या? 103618 test‏.htm थी; मगर रूपा क्या समझे! बार -बार रोटी-रोटी चिल्ला रही थी। 103619 test‏.htm है। यह जानते हुए भी, उसके बार -बार समझाने पर भी, उसने यह विपत्ति 103620 test‏.htm था, उससे छिन गया था। वह बार -बार सोचती, उसने झुनिया के साथ 103621 test‏.htm ‘हाँ मालती, बहुत सोचा, बार -बार सोचा।’ 103622 test‏.htm और गोबर माँ को बचा रहा था। बार -बार होरी का हाथ पकड़कर पीछे 103623 test‏.htm सूद नहीं देंगे। बंकवाले बारह आने सूद लेते हैं। तुम एक रुपए 103624 test‏.htm दो लड़कियाँ सोना और रूपा, बारह और आठ साल की। तीन लड़के बचपन 103625 test‏.htm बड़ी-सी चरनी थी जिस पर दस- बारह गायें-भैंसें खड़ी सानी खा रही 103626 test‏.htm गाँव क्या था, पुरवा था; दस- बारह घरों का, जिसमें आधे खपरैल के 103627 test‏.htm तो भाग खड़े हुए। केवल दस- बारह जँचे हुए आदमी मिर्ज़ा को घेरकर 103628 test‏.htm चूल्हे में! मैं देख लूँगी। बारह बच्चों की माँ यों ही नहीं हो 103629 test‏.htm रात के बारह बज गये थे। दोनों बैठे सुतली 103630 test‏.htm चले जा रहे थे। बारह बज चुके थे; पर अब मालती को न 103631 test‏.htm का चुनाव होने लगा। और बारह बजते-बजते खेल शुरू हो गया। 103632 test‏.htm की टोली बने और शिकार खेलकर बारह बजे तक यहाँ आ जाय। मिस मालती 103633 test‏.htm राय साहब से उन्हें केवल बारह रुपए वेतन मिलता था; मगर ख़र्च 103634 test‏.htm नोच-खसोट न करते थे; जब से बारह रुपए हो गये थे, तब से उनकी तृष्णा 103635 test‏.htm जाता, और सुतली कातता। कहीं बारह -एक बजे सोने जाता। धनिया भी 103636 test‏.htm -- लेकिन यह बीसवीं सदी है, बारहवीं नहीं। रुद्रपाल के ऊपर इसकी 103637 test‏.htm तब चलूँगी। और आठ आने रोज़। बारहवें दिन एक साड़ी। मैंने कहा तेरा 103638 test‏.htm चाय बेच लोगे। अब चाय बारहों मास चलती है! रात को लेटोगे तो 103639 test‏.htm से लदी हुई थीं, मानो किसी बारात में आयी हों। मेहता को परास्त 103640 test‏.htm दुम हिलाते हो, जब देने की बारी आती है, तो गुर्राते हो। घर बिकवा 103641 test‏.htm आपसवाली बात है। खेती- बारी का भरोसा नहीं। तुम्हें जल्दी 103642 test‏.htm चला जाऊँगा। यहाँ खेती- बारी का सिलसिला फिर जमा दूँ, तो निसचिंत 103643 test‏.htm फिर हारकर बैठ रहा। खेती- बारी की भी फ़िक्र करनी थी। अकेला 103644 test‏.htm ‘तो आजकल खेती- बारी कैसे हो रही है?’ 103645 test‏.htm तुमसे तन बैठा। कुछ खेती- बारी घर में होती है न? 103646 test‏.htm अदालत की धूल फाँको, खेती- बारी जहन्नुम में मिल जाय। उसका हीरा 103647 test‏.htm पाल रहे हैं, और क्या। खेत- बारी बेचने की मैं सलाह न दूँगी। 103648 test‏.htm ‘खेती- बारी सब टूट गयी। थोड़ी-सी पंडित 103649 test‏.htm बनाये बैठे हो। उसने तो खेत- बारी सब बेच-बाच डाली और अब भगवान 103650 test‏.htm और दातादीन की -- बारी- बारी से सबकी ख़बर ली गयी। और फबतियों 103651 test‏.htm दो सौ और लें। जो कुछ खेती- बारी है, सब लिलाम-तिलाम हो जाये, और 103652 test‏.htm लेते जाना। यहाँ कौन खेती- बारी होती है। 103653 test‏.htm कोई गल्ला तौल रहा था। नाई, बारी , बढ़ई, लोहार, पुरोहित, भाट, भिखारी, 103654 test‏.htm पटेश्वरी और दातादीन की -- बारी -बारी से सबकी ख़बर ली गयी। और 103655 test‏.htm गया। होरी का ख़ून खौल उठा। बारूद में जैसे चिनगारी पड़ गयी हो। 103656 test‏.htm में हाहाकार मच गया। बारे कुशल हुई कि भादों में वर्षा 103657 test‏.htm होरी, तुम्हारी बेदख़ली के बारे में? इन दिनों नोखेराम से मेरी 103658 test‏.htm ‘मैं उसी मुआमले के बारे में आप से पूछने आया था। समझौता 103659 test‏.htm नहीं। मैं इस एलेक्शन के बारे में कुछ अर्ज़ करना चाहता हूँ। 103660 test‏.htm से पूछ, मैंने उनसे तेरे बारे में क्या कहा था? 103661 test‏.htm नहीं माँगतीं। अगर वह अपने बारे में स्वतंत्र हैं, तो स्त्रियाँ 103662 test‏.htm में सनी, पसीने से तर, सिर के बाल आधे खुले, वह दौड़-दौड़कर अनाज 103663 test‏.htm बदन एक लँगोटी लगाये, झबरे बाल इधर-उधर बिखरे हुए। होरी की 103664 test‏.htm मोटी चूड़ियाँ, सिर के बाल उलझे अलग-अलग। मुख-मंडल का कोई 103665 test‏.htm उसने अँग्रेज़ी फ़ैशन के बाल कटवा लिए हैं, महीन धोती और पंप-शू 103666 test‏.htm होरी में बाल की खाल निकालने की शक्ति होती, 103667 test‏.htm हो। उम्र चालीस से ऊपर थी, बाल खिचड़ी हो गये थे; पर चेहरे पर 103668 test‏.htm प्रसन्न होकर रूपा के बाल गूँथने बैठ गयी जो बिलकुल उलझकर 103669 test‏.htm होता, तो तुम्हारा एक-एक बाल चुन जाता। भला चाहते हो, तो ले 103670 test‏.htm खेत में से गिरे हुए जौ के बाल चुनकर टोकरी में रख लिये थे 103671 test‏.htm लड़की हूँ। मूँछ का एक-एक बाल चुनवा लूँगी। यही लिखा है तुम्हारे 103672 test‏.htm हुई थी और उसमें से उसके बाल दिखाई दे रहे थे। रूपा की धोती 103673 test‏.htm निकल जाता, डाढ़ी के एक-एक बाल नुच जाते। कितना ग़ुस्सेवर 103674 test‏.htm ही साल तो था; पर सारे बाल पक गये थे, चेहरे पर झुर्रियाँ 103675 test‏.htm कह रहा हूँ। हाँ, मुझे उसका बाल पकड़कर घसीटना न था; लेकिन औरत 103676 test‏.htm है कि हीरा सामने खड़ा है, बाल बढ़े हुए, कपड़े तार-तार, मुँह 103677 test‏.htm मुँह-हाथ धोकर और ख़ूब बाल बनाकर गोबर गाँव का दिग्विजय 103678 test‏.htm हाथों में आटा भरे, सिर के बाल बिखेरे, आँखें धुएँ से लाल और 103679 test‏.htm हँसी उड़ाता, तुम्हारा बाल भी बाँका न कर सकते। मेरी समझ 103680 test‏.htm थुड़ी है! अगर मेरे बेटे का बाल भी बाँका हुआ, तो घर में आग लगा 103681 test‏.htm रूपा बाल सँभालती हुई ढीठ होकर बोली -- 103682 test‏.htm मलती, काजल लगाती नहलाती, बाल सँवारती, अपने हाथों कौर-कौर 103683 test‏.htm आँखें, दोहरी देह, चाँद के बाल सफ़ाचट। छकलिया अचकन और चूड़ीदार 103684 test‏.htm आँखें हैं, सिर में झबराले बाल हैं, टुकुर-टुकुर ताकता है। 103685 test‏.htm धारीदार कमीज़, सँवारे हुए बाल , पूरा बाबू साहब बना हुआ। फटेहाल 103686 test‏.htm उसने देखा तक न था। उसकी बाल -कल्पना में घर स्वर्ग से भी 103687 test‏.htm शिव-मंदिर बनवा लिया था। बाल -बच्चा कोई न था; इसलिए लेन-देन 103688 test‏.htm ‘इधर तो तुम्हें कोई बाल -बच्चा नहीं हुआ।’ 103689 test‏.htm करके गुज़र कर रही है। बाल -बच्चा भी कोई नहीं। देखने-सुनने 103690 test‏.htm देखूँगा, तुम्हारे बाल -बच्चे कैसे ख़ुश होते हैं।’ 103691 test‏.htm किसका इतना रोब था? कल बाल -बच्चे क्या खायँगे, इसकी चिंता 103692 test‏.htm कहा -- क्यों, उसके बाल -बच्चे नहीं हैं? 103693 test‏.htm सब नीलाम हो जायगा, उसके बाल -बच्चे निराश्रय होकर भीख माँगते 103694 test‏.htm ने बिरादरी का पेट भर दिया, बाल -बच्चे मरें या जियें। अब बिरादरी 103695 test‏.htm बड़ा था। सात भाई और उनके बाल -बच्चे सभी उन्हीं पर आश्रित 103696 test‏.htm गोबर ने भी किया। अब उसके बाल -बच्चे हुए। मेरे बाल-बच्चों 103697 test‏.htm किसान भी आदमी हैं, उनके भी बाल -बच्चे हैं, उनकी भी इज़्ज़त-आबरू 103698 test‏.htm ही के लिए है। मेरे भी तो बाल -बच्चे हैं?’ 103699 test‏.htm कड़ा करके समझाया भी -- तुम बाल -बच्चेवाले आदमी हो, तुम्हारा 103700 test‏.htm कथन में सत्य था। उसे अपने बाल -बच्चों की कमाई छीनकर तावान 103701 test‏.htm उसके बाल-बच्चे हुए। मेरे बाल -बच्चों के लिए क्यों अपनी साँसत 103702 test‏.htm दया उपजेगी, तो कुछ मेरे बाल -बच्चों के लिए देंगे। नहीं भगवान् 103703 test‏.htm हाट-बाज़ार से आते हैं, तो बाल -बच्चों के लिए दो-चार पैसे की 103704 test‏.htm पास अब जो कुछ बचा है, वह बाल -बच्चों के लिए है।’ 103705 test‏.htm भागता। अपने मित्रों और बाल -बच्चों के साथ ईश्वर की उगाई 103706 test‏.htm सबका घर भरूँ और आप अपने बाल -बच्चों के साथ मुँह में जाली 103707 test‏.htm रोकती, लेकिन परदेश में बाल -बच्चों के साथ रहना, न कोई आगे 103708 test‏.htm के रुपए कहाँ से लाये, बाल -बच्चों को किस पर छोड़े; मगर 103709 test‏.htm को देखें कि अपने बाल -बच्चों को देखें? वह तो दो-दो 103710 test‏.htm ‘उसके बाल -बच्चों को देखें कि अपने बाल-बच्चों 103711 test‏.htm लेकर चाटूँगा! तू ही मेरे बाल -बच्चों को पालेगी? ऐं! तू ही इतनी 103712 test‏.htm देते हुए कहा -- भैया, अब बाल -बच्चों को बुला लो। कब तक हाथ 103713 test‏.htm भूखों मर जाने से या अपने बाल -बच्चों को भूखों मरते देखने 103714 test‏.htm ने नालायक़ी की तो उसके बाल -बच्चों को सँभालनेवाला तो कोई 103715 test‏.htm करके चला आया। तुमने बाल -बच्चों को ॰॰॰ 103716 test‏.htm न करूँगा। पंचों को मेरे बाल -बच्चों पर दया आये, तो उनकी कुछ 103717 test‏.htm समझ लो, मर गयी और जाकर अपने बाल -बच्चों में आराम से रहो। दो 103718 test‏.htm -- कोई दोष नहीं है बेटा, बाल -भौंरी, सब ठीक। भगवान् चाहेंगे, 103719 test‏.htm के मारे चुचके, पीले; लेकिन बाल -वृंद उन्हें टपके समझकर बाग़ 103720 test‏.htm मेहता की आँखों में मधुर बाल -स्मृतियाँ सजीव हो उठीं, जब 103721 test‏.htm सिलिया का बालक अब दो साल का हो रहा था और सारे 103722 test‏.htm के हृदय में जैसे वह बालक आ बैठा था, और हाथ-पाँव फेंक रहा 103723 test‏.htm दो। तुम्हारा वह ज़िद्दी बालक आज एक नया जन्म ले रहा है। 103724 test‏.htm पहनाकर राजा बना रही थी, बालक इन चीज़ों को पहनने से ज़्यादा 103725 test‏.htm जिसे सुनकर कदाचित् कोई बालक उससे विवाह करने पर राज़ी न 103726 test‏.htm बन जाते हैं, बालकों में बालक और बूढ़ों में बूढ़े। चोर के 103727 test‏.htm जिस दिन सिलिया के बालक का जन्म हुआ उसने दूनी मात्रा 103728 test‏.htm आया और संपूर्ण प्राणों से बालक का रोना सुना, जिसमें सारी दुनिया 103729 test‏.htm उन पर नशा-सा छा गया, जैसे बालक काठ के घोड़े पर सवार होकर समझ 103730 test‏.htm वह माता, आये और देखे अपने बालक की इस सुकीर्ति को। मुझे आशीर्वाद 103731 test‏.htm तो मानो उसके प्राणों में बालक की स्फूर्ति भर जाती। तब वह 103732 test‏.htm उसके गले में डाल दी। बालक की स्वार्थी प्रकृति इस दशा 103733 test‏.htm मेहता ने बालक के कपोलों में मुँह छिपाकर कहा 103734 test‏.htm गोद में ले लिया; पर इस समय बालक के प्यार में उसे आनंद न आया। 103735 test‏.htm समय सिलिया की गोद में ही बालक के प्राण निकल गये। 103736 test‏.htm और जब गोबर बालक के मरने के एक ही सप्ताह बाद 103737 test‏.htm लिए फेंककर बाहर निकल आता। बालक के साथ उसकी आत्मा भी बढ़ रही 103738 test‏.htm स्नेह-विह्वल हो गया। उसने बालक को उठाकर छाती से लगा लिया। 103739 test‏.htm सोना बालक को कपड़े-जूते पहनाकर लायी। 103740 test‏.htm उठाकर देखा भी नहीं। गोबर बालक को गोद में लिए आगे-आगे था। झुनिया 103741 test‏.htm गोविंदी ने बालक को चुप कराते हुए कहा -- उसी तरह 103742 test‏.htm और जीवन देनेवाली, जो पराये बालक को भी अपना समझ सकती है, जैसे 103743 test‏.htm गोबर को अंदर आते देखकर वह बालक को लिए अपनी कोठरी में चली गयी। 103744 test‏.htm का धर्म है। हाँ, गोद के बालक को वह किसी तरह नहीं छोड़ सकती। 103745 test‏.htm कैसे छू सकता है। उसने बालक को सशंक मन के साथ फिर लिटा दिया। 103746 test‏.htm बालक खटोले पर ज्वर में अचेत पड़ा 103747 test‏.htm गये तो गये, लाख रुपए का बालक तो मिल गया! उसे तो कोई न छीन 103748 test‏.htm था, जो बे-माँ-बाप का छोटा-सा बालक था। बीच के ये पचीस-तीस साल जैसे 103749 test‏.htm में आती तो उसे झुनिया का बालक धूल-मिट्टी में खेलता मिलता। 103750 test‏.htm दिन मालती बाग़ में आयी तो बालक न दिखाई दिया। झुनिया से पूछा 103751 test‏.htm वक़्त मातादीन पहुँचा। बालक नीले आकाश की ओर देख-देख हाथ-पाँव 103752 test‏.htm सहसा बालक ने आँखें खोल दीं और मालती को 103753 test‏.htm नहीं होता। मंगल जैसे अबोध बालक ने उसके जीवन में कितना प्रकाश 103754 test‏.htm सबसे छोटे बालक ने कहा -- यह हमारा है। 103755 test‏.htm बालक ने हार को दोनों हाथों से पकड़ 103756 test‏.htm बालक ने हिरन पर बैठकर अपना क़ब्ज़ा 103757 test‏.htm मातृ-भावना का जीता-जागता बालक पाकर अब गुड़ियों से संतुष्ट 103758 test‏.htm नहीं सुनता। बिना रोये तो बालक भी माँ से दूध नहीं पाता। 103759 test‏.htm लेकिन जब एक सप्ताह के बाद बालक मर गया, तो उसकी स्मृति पुत्र-स्नेह 103760 test‏.htm लेकिन बालक मरकर भी सिलिया के जीवन का केंद्र 103761 test‏.htm सास मरी, ससुर मरा, अपने दो बालक मरे, गाँव के पचासों आदमी मरे। 103762 test‏.htm बालक मालती की गोद में आकर जैसे किसी 103763 test‏.htm से किवाड़ बंद कर लेती। बालक रोते-रोते बेदम हो जाता। 103764 test‏.htm के सिवा और कुछ नहीं। बालक से भी उसे चिढ़ होती थी। कभी-कभी 103765 test‏.htm मिस्टर मेहता को भी बालक से स्नेह हो गया था। एक दिन मालती 103766 test‏.htm फिर झुनिया के गर्भ में जो बालक है, वह घनिया ही के हृदय का टुकड़ा 103767 test‏.htm है। हम सब एक ही माता के बालक , एक ही गोद के खेलनेवाले, एक ही 103768 test‏.htm मिर्ज़ाजी बालकों के साथ बालक , शराबियों के साथ शराबी, बूढ़ों 103769 test‏.htm कर रहे थे; मगर उन्होंने इन बालकों का मुँह देखा और विधुर जीवन 103770 test‏.htm उन्हें कोई परवाह न थी। वही बालकों का-सा उल्लास था, वही अल्हड़पन, 103771 test‏.htm उछाला, तो वह चुप हो गया। बालकों की तरह डींग मारकर बोले -- देखा 103772 test‏.htm रही थी कि गोबर गाय को लिये बालकों के एक जुलूस के साथ द्वार पर 103773 test‏.htm तक गाते रहे। और मिर्ज़ाजी बालकों के साथ बालक, शराबियों के साथ 103774 test‏.htm था, ऐसे प्रौढ़ और निरीह बालकों के साथ शिक्षित कहलानेवाले 103775 test‏.htm लेने गया। तब तक गाँव के बालकों ने आकर इन दोनों आदमियों को 103776 test‏.htm ही वह एकदम चुप हो गया। बालकों में जो एक अंतर्ज्ञान होता है, 103777 test‏.htm में जवान बन जाते हैं, बालकों में बालक और बूढ़ों में बूढ़े। 103778 test‏.htm आने दिया। जैसे बड़े लोग बालकों से मूँछें उखड़वाकर भी हँसते 103779 test‏.htm मस्त हो गये। जैसे उनका बालपन अपनी सारी क्रीड़ाओं के साथ 103780 test‏.htm विकृत और असंबद्ध। वह सुखद बालपन आया जब वह गुल्लियाँ खेलता था 103781 test‏.htm यौवन उसे आगे खींचता था, बालपन पीछे। कुछ बातों में इतनी चतुर 103782 test‏.htm ख़ुश थी। जिस दशा में उसका बालपन बीता था, उसमें पैसा सबसे क़ीमती 103783 test‏.htm संकल्पों के सम्मुख हमारा बालपन हमारी आँखों में फिर जाता है। 103784 test‏.htm उठते थे, वहाँ हल चलने लगे। बालवृंद निकल-निकलकर तालाबों और पोखरों 103785 test‏.htm वह तन्मयता कहाँ जो उस बाला की अभ्यासहीन, अल्हड़ सेवाओं 103786 test‏.htm ग्रस्त पड़े थे, एक ग्रामीण बाला ने उनकी तीमारदारी कितने आत्म-समर्पण 103787 test‏.htm प्रेम न था। मालूम नहीं, उस बाला पर क्या गुज़री? मगर आजकल उसकी 103788 test‏.htm सेवरी के जूठे फल खाये थे, बालि को छिपकर वध किया था। जब संकट 103789 test‏.htm चाहती थी। वह एक गृहस्थ की बालिका थी, जिसके गृहिणीत्व को रसिकों 103790 test‏.htm स्वस्थ, चंचल आँखोंवाली बालिका थी, जिसके मुख पर प्रतिभा की 103791 test‏.htm गठन में युवती और बुद्धि से बालिका थी, जैसे उसका यौवन उसे आगे खींचता 103792 test‏.htm साँवली सलोनी, छरहरी बालिका थी, जो रूपवती न होकर भी आकर्षक 103793 test‏.htm में भी वही कोमल हृदय बालिका नज़र आयी, जिसने पच्चीस साल 103794 test‏.htm बनती! बहुत पहले जब वह बालिका -विद्यालय में पढ़ती थी, उसे 103795 test‏.htm को अपने अंचल से चुराती, बालिका -सी सरल, आयी और गट्ठा वहीं पटककर 103796 test‏.htm पूरी कर दी। साधारण हिंदू बालिकाओं की तरह मीनाक्षी भी बेज़बान 103797 test‏.htm जब मैं वहाँ की सुशिक्षित बालिकाओं को अपने रूप का, या भरी हुई गोल 103798 test‏.htm हैं, ख़ास कर जब आपका लड़का बालिग़ है और अपना नफ़ा-नुक़सान समझता 103799 test‏.htm से निकल चुका था। रुद्रपाल बालिग़ है, सरोज भी बालिग़ है। और रुद्रपाल 103800 test‏.htm बालिग़ है, सरोज भी बालिग़ है। और रुद्रपाल अपनी रियासत 103801 test‏.htm लाये, रोज़ चाट खिलाये। बालियाँ और मिठाइयाँ मुझे भी कम अच्छी 103802 test‏.htm तो वह चाहिए, जो सोने की बालियाँ बनवाये, महीन साड़ियाँ लाये, 103803 test‏.htm में करनफूल और सोने की बालियाँ , हाथों में चाँदी के चूड़े और 103804 test‏.htm गयी थी। ये शब्द तपते हुए बालू की तरह हृदय पर पड़े और चने की 103805 test‏.htm बनाकर छोड़ दिया था। ऐसी बालू की दीवार पर वह जीवन का आधार 103806 test‏.htm आ गया। दोनों उतरकर उसी बालू के फ़र्श पर जा बैठे और मेहता 103807 test‏.htm एक गट्ठा काट लाये और वहीं बालू के फ़र्श पर बैठकर सरपत की रस्सी 103808 test‏.htm के साथ लौट आया हो। बालू पर कई कुलाटें मारीं। फिर दौड़े 103809 test‏.htm में, अड़ंगा लगाने में, बालू से तेल निकालने में, गला दबाने 103810 test‏.htm की छोकरी थी, मैली, सिर पर बालों का एक घोंसला-सा बना हुआ, एक लँगोटी 103811 test‏.htm न रहा गया। एक मज़दूर ने बाल्टी भर रखी थी और चबेना कर रहा था। 103812 test‏.htm -- यह क्या है होरी, तुम बावले हो गये हो क्या? कोई इस तरह घर 103813 test‏.htm दो-तीन पीतल और लोहे के बासन मँजे-धुले रखे थे। बीच में पुआल 103814 test‏.htm और इलाक़ा और पदवी, सब जैसे बासी फूलों की तरह नीरस, निरानंद 103815 test‏.htm भी नहीं। दोपहर की बासी रोटियाँ रात को खानी पड़तीं 103816 test‏.htm है और चारपाई पर लेटाकर, या बाहर अँधेरे में सुलाकर दूर चला जा 103817 test‏.htm किवाड़ बंद कर लिये और होरी बाहर अपने को कोसता पड़ा रहा। जब 103818 test‏.htm सोना ने बाहर आ कर कहा -- भाभी, अम्माँ ने कहा 103819 test‏.htm ही नहीं हो गयी हूँ। तुम बाहर आ जाओ गोबरधन, मैं सब कर लूँगी। 103820 test‏.htm उठा था और आँखें मलता हुआ बाहर आ रहा था कि दातादीन की आवाज़ 103821 test‏.htm के पीछे दौड़ा। गाँव के बाहर आकर उसने निगाह दौड़ाई। एक क्षीण-सी 103822 test‏.htm होरी बाहर आकर चिलम पीने लगा। कितने मज़े 103823 test‏.htm लिपट जाय। भीतर की भावनाएँ बाहर आकर मानो सत्य हो गयी थीं। उसका 103824 test‏.htm वह इसी तैश में बाहर आकर होरी से बोली -- महतो दोनों 103825 test‏.htm जाड़ों में लिहाफ़ ओढ़कर बाहर आते-जाते थे। उन्हें तेल की 103826 test‏.htm मानो सामने गड्ढा है, वह बाहर आयी और नदी की ओर चली। 103827 test‏.htm धनिया अंदर चली गयी थी। बाहर आयी तो रुपए ज़मीन पर पड़े देखे, 103828 test‏.htm खन्ना बाहर आये और डाक देखने लगे। उन्हें 103829 test‏.htm दोनों भोजन करके बाहर आये थे कि नोखेराम के प्यादे 103830 test‏.htm है। ऊख के रुपए बाहर ही बाहर उड़ गये। अब तो मजूरी करनी पड़ती 103831 test‏.htm प्रेम के लिए दांपत्य के बाहर उसकी दृष्टि में कोई स्थान न 103832 test‏.htm वहीं सिर थामकर बैठ गया। बाहर उसे पकड़ने की चेष्टा करके वह 103833 test‏.htm गंगा उठा ले। लड़का आजकल बाहर ओसारे में टिक्कड़ लगाता है। 103834 test‏.htm गाँववालों ने होरी को जाति- बाहर कर दिया। कोई उसका हुक़्क़ा 103835 test‏.htm घसीट लाऊँगा और गाँव के बाहर कर दूँगा। बात तो एक दिन खुलनी 103836 test‏.htm और कैसे बिरादरी मुझे जात बाहर करती है।’ 103837 test‏.htm मैं तो गोबर को भी निकाल बाहर करूँगा।’ 103838 test‏.htm के बाहर हो गये, मानो वह बाहर का आदमी है। तो इस सराय में वह 103839 test‏.htm में कभी हुई नहीं; लेकिन बाहर का कौन आदमी गाँव में आया। होरी 103840 test‏.htm घर तुम्हारा ही है। यहाँ बाहर का कौन है। और हम क्या बहुत दिन 103841 test‏.htm हथिया लिया और हमें निकाल बाहर किया। यह अन्याय नहीं तो क्या 103842 test‏.htm था, कि मालती घर की भी थी और बाहर की भी; मेहता केवल बाहर के थे, 103843 test‏.htm में देखती हूँ तो पंडितजी बाहर के किवाड़ बंद किये चले आ रहे 103844 test‏.htm और खा ही जायेंगे, तो कोई बाहर के तो नहीं हैं, हैं तो तुम्हारे 103845 test‏.htm और बाहर की भी; मेहता केवल बाहर के थे, घर उनके लिए न था। निजत्व 103846 test‏.htm होगा, एक घर के लिए है ही, एक बाहर के लिए भी हो जाय। 103847 test‏.htm हाल है तो कोई जानवरों को बाहर कैसे बाँधेगा। अभी तक रात-बिरात 103848 test‏.htm से बोली -- नहीं महाराज, बाहर क्या बाँधेंगे, भगवान् दें तो 103849 test‏.htm जब घर में ही आदमी है, तो बाहर क्यों जायँ। 103850 test‏.htm नहीं। तुम सिलिया को निकाल बाहर क्यों नहीं करते? बैठे-बैठायें 103851 test‏.htm उसने रोष से कहा -- तुम बाहर क्यों नहीं जाते, या यहीं पहरा 103852 test‏.htm जब घर में काम चल जायगा, तो बाहर क्यों हाथ फैलायेंगे; लेकिन 103853 test‏.htm होरी बाहर खाट पर बैठ कर चिलम पीने लगा, 103854 test‏.htm तीनों बाहर गये। चिराग़ लेकर देखा। सुंदरिया 103855 test‏.htm स्त्री-पुरुष बराबर शहर के बाहर घास छीलने जाते थे, और आठ-दस आने 103856 test‏.htm परास्त हो गया। चुपके से बाहर चला गया, सत्य ने विजय पायी। 103857 test‏.htm है, है गाँव में ही कि कहीं बाहर चला गया?’ 103858 test‏.htm मथुरा बिना कुछ कहे बाहर चला गया। उसके प्राण सूखे जाते 103859 test‏.htm यह कहता हुआ वह बाहर चला गया। सोना ने आकर उसका खेल 103860 test‏.htm उपद्रव करता रहता था। बाहर चला जायगा, तो चार पैसे पैदा 103861 test‏.htm तो शंका होती है, कहीं बाहर चले गये हैं।’ 103862 test‏.htm शिलान्यास के एक दिन पहले बाहर चले जाइएगा।’ 103863 test‏.htm ने उसे पकड़ना चाहा; पर वह बाहर जा चुकी थी। वहीं सिर थामकर 103864 test‏.htm लेकिन आवाज़ की पहुँच के बाहर जाकर दिल की जलन निकाली -- भीख 103865 test‏.htm प्यारी है? क्यों एक आदमी बाहर जाकर शोर नहीं मचाता? क्यों 103866 test‏.htm पर से अपनी छड़ी उठायी और बाहर जाना चाहते थे कि मालती ने आकर 103867 test‏.htm दूसरे सिरे पर थी, और बाहर- बाहर जाने का रास्ता साफ़ था। दोनों 103868 test‏.htm न कुछ समझता है, न किसी को बाहर जाने-आने देता है। नौकर-चाकर, 103869 test‏.htm कन्यादान का फल भी क्यों बाहर जाय।’ 103870 test‏.htm रही थीं। उसने एक दराज़ से बाहर झाँका। धनिया और झुनिया बैठी 103871 test‏.htm गोबर को पहुँचाने गाँव के बाहर तक आये। 103872 test‏.htm लखनऊ चला। होरी उसे गाँव के बाहर तक पहुँचाने आया। गोबर के प्रति 103873 test‏.htm तो बड़े बुद्धिमान बनते हो, बाहर तुम्हारा मुँह क्यों बंद हो 103874 test‏.htm कामता ने बाप को निकाल बाहर तो किया; लेकिन अब उसे मालूम 103875 test‏.htm न थी। मकान भी उसका गाँव के बाहर था, जहाँ उसने एक बाग़ और एक कुआँ 103876 test‏.htm देती थी और धनिया आपे से बाहर थी। शायद इसलिए कि झुनिया अब 103877 test‏.htm मिर्ज़ा साहब ने शहर के बाहर थोड़ी-सी ज़मीन ले रखी थी। मजूरों 103878 test‏.htm ‘रुपए कहीं बाहर थोड़े ही हैं बेटा, घर में ही 103879 test‏.htm में बैठा हुआ साँप कहीं बाहर न निकल आये, इसके पहिले ही वह 103880 test‏.htm वह संकोच के मारे कई दिन बाहर न निकले। आत्म-सेवा से बड़ा 103881 test‏.htm में रह सकती, तो शायद वह उसे बाहर न निकालने देती। यों हर बात 103882 test‏.htm रहस्य-भरे स्वर में बोले -- बाहर न बाँधना, इतना कहे देते हैं। 103883 test‏.htm चले, तब तक मैं जूझती रही कि बाहर न ले जाओ। हमारे दिन पतले हैं, 103884 test‏.htm बिरादरी के चाकर हैं, उसके बाहर नहीं जा सकते। वह जो डाँड़ लगाती 103885 test‏.htm यही थी कि दुष्ट किसी को बाहर नहीं जाने देता। नहीं, दम-के-दम 103886 test‏.htm के बाद अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकलते और अफ़सरों की ख़ुशामद 103887 test‏.htm -- मैं तो महाराज, आठ दिन से बाहर नहीं निकला। होरी दादा कभी-कभी 103888 test‏.htm बाहर बाँधना ठीक नहीं। और बाहर नाँद भी कौन गाड़ने देगा। कारिंदा 103889 test‏.htm सिलिया के लिए फेंककर बाहर निकल आता। बालक के साथ उसकी 103890 test‏.htm था। थाली सामने छोड़कर बाहर निकल आया और बोला -- क्या असगुन 103891 test‏.htm झटपट उठा और मँड़ैया के बाहर निकल आया। आज मालूम होता है, 103892 test‏.htm बच्चे को गोद में लिये, बाहर निकल आयी और कंपित स्वर में 103893 test‏.htm धनिया भी खाना खाकर बाहर निकल आयी। बोली -- अभी क्यों जाते 103894 test‏.htm के दिल में रहे, तो नेकी है, बाहर निकल आये तो बदी है। नोहरी चारों 103895 test‏.htm वह बाहर निकल आये। आस-पास बड़ी दूर तक 103896 test‏.htm रूपा बाहर से आ गयी और वह बाहर निकल गया। 103897 test‏.htm उधर चली गयीं। मिर्ज़ा भी बाहर निकल गये। मेहता ने मंच पर से 103898 test‏.htm अपने अंदर समेटने के लिए बाहर निकल पड़ा। चौधरी को ज़ोर से 103899 test‏.htm से प्रकाश की रेखाएँ बाहर निकल रही थीं। उसने एक दराज़ 103900 test‏.htm धनिया ने बाहर निकलकर कहा -- पहर रात गयी, अभी 103901 test‏.htm किवाड़ खुला और मथुरा ने बाहर निकलकर पुकारा -- अरे! कौन बैठा 103902 test‏.htm ‘मेहता की तरफ़ से जो बाहर निकलता है, वही मर जाता है।’ 103903 test‏.htm मालिक को ख़बर होती है। कभी बाहर निकलते हैं, कभी कहला देते हैं 103904 test‏.htm लोग न समझते थे। कोई आदमी बाहर निकलने की फिर हिम्मत करे और 103905 test‏.htm जल गयी -- आपकी हिम्मत न पड़ी बाहर निकलने की। 103906 test‏.htm धीरे से रुपये उठा लिये और बाहर निकला कि नोखेराम ने ललकारा। 103907 test‏.htm इतने ही रुपये मिले थे। वह बाहर निकला, तो पटेश्वरी ने घेरा। 103908 test‏.htm कि धनिया बच्चे को लिए बाहर निकली और बोली -- क्या गोबर चला 103909 test‏.htm कहे देती हूँ, अगर गाय घर के बाहर निकली, तो अनर्थ हो जायगा। रख 103910 test‏.htm गया, तो सोना सिलिया के साथ बाहर निकली। वह द्वार पर खड़ी सारी 103911 test‏.htm घर में पड़ी रहती है। बाहर निकले तो चारों ओर से वाग्बाणों 103912 test‏.htm कैसे नहीं उठती, घसीटकर बाहर निकाल दूँगा।’ 103913 test‏.htm थी। कभी-कभी वह उसे मारकर बाहर निकाल देती और अंदर से किवाड़ 103914 test‏.htm होरी ने बैलों को पैर से बाहर निकालकर एक पेड़ में बाँध दिया 103915 test‏.htm अभी तक रात-बिरात सभी जानवर बाहर पड़े रहते थे। किसी तरह की चिंता 103916 test‏.htm वह धूप में सूखने के लिए बाहर फैलाया गया हो, उस वक़्त तो पानी 103917 test‏.htm लक्षण न थे। होरी ने गाय को बाहर बाँध दिया। धनिया ने टोका भी, 103918 test‏.htm देती। लात मारती है। नहीं, बाहर बाँधना ठीक नहीं। और बाहर नाँद 103919 test‏.htm किसी अंश में उसके हृदय के बाहर भी था, गोबर के हृदय में भी उसकी 103920 test‏.htm अभी वह गाँव के बाहर भी न निकला था कि पीछे से दातादीन, 103921 test‏.htm निकाल-निकालकर बाहर रखने लगी। 103922 test‏.htm सहसा उसे गोबर की याद आयी। बाहर लपककर उसकी खाट देखी। गोबर वहाँ 103923 test‏.htm और गोबर मिलकर एक खाँचा बाहर लाये। भोला ने तुरंत अपने अँगोछे 103924 test‏.htm करती थी। गर्मी में कहीं बाहर लेटने-बैठने की जगह नहीं। लड़का 103925 test‏.htm दूसरी जगह ठीक करनी होगी। बाहर लोग नज़र लगा देते हैं। कभी-कभी 103926 test‏.htm जीवन जो कुछ था, भीतर था, बाहर वह केवल निर्जीव यंत्र थी। 103927 test‏.htm लिटा दिया। उसी वक़्त रूपा बाहर से आ गयी और वह बाहर निकल गया। 103928 test‏.htm करती रहती थी। यह जली-भुनी बाहर से आती; पर ज्योंही झुनिया लोटे 103929 test‏.htm थी कि मालूम ही न होता था कि बाहर से आयी है। बच्चे उसके सींगों 103930 test‏.htm उसकी सारी ममता अंदर जाकर बाहर से उदासीन हो गयी। गोबर देर 103931 test‏.htm जमाती और कोठरी में ढकेलकर बाहर से किवाड़ बंद कर देती। दाने 103932 test‏.htm मालती बाहर से तितली है, भीतर से मधुमक्खी। 103933 test‏.htm उन्होंने संसार को बाहर से देखा था और उसे मक्र और फ़रेब 103934 test‏.htm दूध पिलाकर पाला जाता है, बाहर से मोटे, अंदर से दुर्बल, सत्वहीन 103935 test‏.htm की ओर ले जा सकती है। बाहर से वह विलासिनी है, भीतर से वही 103936 test‏.htm चलना चाहिए। भीतर की शांति बाहर सौजन्य बन गयी थी। ये शब्द तपते 103937 test‏.htm होरी ने सुना नहीं, बोला -- बाहर हवा में बाँधे देता हूँ। आराम 103938 test‏.htm ‘मैं तो बाहर ही गाड़ता हूँ।’ 103939 test‏.htm की तंगी है। ऊख के रुपए बाहर ही बाहर उड़ गये। अब तो मजूरी 103940 test‏.htm में न थी, जो भीतर रह सके। वह बाहर ही रह सकती थी, पहले भी और अब 103941 test‏.htm तो अच्छा। अभी तो रात को बाहर ही रहेगी; लेकिन चौमासे में 103942 test‏.htm मैं उस रसिक-समाज से बिलकुल बाहर हूँ मिस्टर खन्ना, सच कहता हूँ। 103943 test‏.htm फैलाना तो आपकी शक्ति के बाहर है। छोटे-बड़े का भेद केवल धन 103944 test‏.htm और कुछ करना अपने वश से बाहर है। मिल की दीवारों से पचास 103945 test‏.htm ये गालियाँ सुनकर आपे से बाहर हो गया। औरों को अपने पक्ष में 103946 test‏.htm हिंसा-वृत्ति क़ाबू के बाहर हो गयी। सोचा था, सौ-सौ पचास-पचास 103947 test‏.htm दिया तो लोग ऐसे जामे के बाहर हो गये, मानो वह बाहर का आदमी 103948 test‏.htm का घमंड तो उसके सँभाल से बाहर हो-हो जाता है। जब देखो गाय की 103949 test‏.htm चला जाता। मरकर और पहुँच से बाहर होकर वह और भी प्रिय हो गया था, 103950 test‏.htm के दूसरे सिरे पर थी, और बाहर -बाहर जाने का रास्ता साफ़ था। 103951 test‏.htm की काली छाया न थी। बाहरवाला लल्लू उसके भीतरवाले लल्लू 103952 test‏.htm की जितनी लालसा होती है, बाहरवालों के मुँह से नहीं। फिर अपने भाई 103953 test‏.htm -- जब घर में रुपए हैं, तो बाहरवालों के सामने हाथ क्यों फैलाओ। सूद 103954 test‏.htm तो किसी पर नहीं है। कोई बाहरी आदमी था।’ 103955 test‏.htm सिलिया ने उसके गले में बाहें डाल दीं। 103956 test‏.htm है। रँगा हुआ सियार! ऐसे बाह्मन को पालागन कौन करे। 103957 test‏.htm से निकालकर नहीं छोड़ा तो बाह्मन नहीं। तुम सिलिया को निकाल बाहर 103958 test‏.htm पर सिर रगड़ा करता था; और बाह्मन भी हो जाय और बाह्मनी से ब्याह 103959 test‏.htm तेरी भेंट नहीं हुई! सुना, बाह्मन लोग उन्हें बिरादरी में नहीं 103960 test‏.htm सेवा मैंने की है, वह कोई बाह्मनी क्या करेगी। अभी मान-मरजाद के 103961 test‏.htm था; और बाह्मन भी हो जाय और बाह्मनी से ब्याह भी कर ले, फिर भी जितनी 103962 test‏.htm अंग बन सकता था; पर वह उसके बाह्य जीवन के सूखे तट पर आकर ही प्यासा 103963 test‏.htm थी। यहाँ तक कि ज्वार अंतिम बिंदु तक आ पहुँचा और मेहता अकेले 103964 test‏.htm गर्म हो गया। पारा ज्वाला- बिंदु पर आ पहुँचा है। मेहता शत्रु-दल 103965 test‏.htm थीं। पटेश्वरी के सपूत बिंदेसरी तो एक पुत्र के पिता भी हो चुके 103966 test‏.htm नयन-बाणों से अपने हृदय को बिंधवाने की लालसा पुरुष-मात्र में होती 103967 test‏.htm उसकी नसें उसके रोम-रोम में बिंधी हुई थीं। बिरादरी से निकलकर 103968 test‏.htm ने इसका विरोध किया। बैल बिक गये, तो होरी खेती कैसे करेगा? 103969 test‏.htm दूने-तिगुने दाम पर बिक जातीं। 103970 test‏.htm है और शराब के लिए घर-द्वार बिक जाते हैं, और शराब जितनी ही तेज़ 103971 test‏.htm भी नहीं। मेरी सारी रियासत बिक जाय, ग़म नहीं; मगर सूर्यप्रतापसिंह 103972 test‏.htm मेरे हाथ की यह अँगूठी तक बिक जायगी। आप कहेंगे क्यों यह आडंबर 103973 test‏.htm हो जायगी। सारी ऊख खड़ी बिक जायगी। गुड़ और खाँड़ के भाव 103974 test‏.htm है, और होरी महतो, इतने में बिक न जायँगे, न तुम्हीं धनवान हो 103975 test‏.htm हो जाइए। हिस्से धड़ाधड़ बिक रहे हैं। आप ज़्यादा नहीं एक 103976 test‏.htm नोखेराम तो चाहते थे कि बैल बिकवा लिए जायँ; लेकिन पटेश्वरी और 103977 test‏.htm आती है, तो गुर्राते हो। घर बिकवा लूँगा; बैल बधिये नीलाम करा 103978 test‏.htm और रईसों की जायदादें बिकवाना , उन्हें क़र्ज़ दिलाना या उनके 103979 test‏.htm हो भी, वह कौड़ियों के मोल बिके , तो किसान क्या करे? 103980 test‏.htm तो थी नहीं। लकड़ी की बिक्री के रुपए झुनिया को दे देती। 103981 test‏.htm उसे पढ़ने लगते। पत्र की बिक्री ख़ूब बढ़ रही थी। मज़दूरों के 103982 test‏.htm थी चार-पाँच सौ रोज़ की बिक्री थी। जनता को उन पर थोड़े ही दिनों 103983 test‏.htm गयी और सारे रुपए ज़मीन पर बिखर गये। नागिन की तरह फुँकारकर 103984 test‏.htm में प्रकाश की किरणें बिखरकर रह जाती थीं। अब प्रवाह स्थिर 103985 test‏.htm लगाये, झबरे बाल इधर-उधर बिखरे हुए। होरी की छाती पर लोट गयी। 103986 test‏.htm चलती थी, जैसे फूल सुगंध बिखेरता है; लेकिन अब! उसे देखकर ग्लानि 103987 test‏.htm था। उसकी स्फूर्ति जीवन-सा बिखेरती चलती थी, जैसे फूल सुगंध बिखेरता 103988 test‏.htm में आटा भरे, सिर के बाल बिखेरे , आँखें धुएँ से लाल और सजल, सारी 103989 test‏.htm अच्छा नहीं। इस पर गोबर बिगड़ उठा -- तू कौन होती है मेरे बीच 103990 test‏.htm लगनेवाली बात थी कि वह इतना बिगड़ उठा। हो न हो, यह आग झुनिया ने 103991 test‏.htm दातादीन बिगड़ उठे -- पैसे देने हैं काम करने 103992 test‏.htm दूसरा लड़का इतनी मार खाकर बिगड़ खड़ा होता। मथुरा एक घूँसा भी 103993 test‏.htm इतना मिटाया कि उसका रूप ही बिगड़ गया, उसका व्यक्तित्व ही नष्ट 103994 test‏.htm एक पखवारे में उसका हुलिया बिगड़ गया। स्त्री-पुरुष में लड़ाई 103995 test‏.htm हम लोगों की आदत कुछ ऐसी बिगड़ गयी है कि जब तक बेईमानी न करें, 103996 test‏.htm हो। यहाँ लाख रुपए की आबरू बिगड़ गयी। तुम्हारी कुशल इसी में 103997 test‏.htm के पीछे दो-ढाई लाख बिगड़ गये। जीवन ही नष्ट हो गया। अब 103998 test‏.htm के पीछे हमारे तीन सौ बिगड़ गये। तो जब बेधरम होकर ही रहना 103999 test‏.htm सुन सकता। बस इसी बात पर बिगड़ गये। मैंने भी सलाम किया और 104000 test‏.htm तुम्हारे ऊपर सैकड़ों बार बिगड़ चुके हैं कि इसे घर में बैठाकर 104001 test‏.htm था। कभी जगा देते, तो मैं बिगड़ जाता और घर छोड़कर भाग जाने 104002 test‏.htm बहुत उतावली करने से भी काम बिगड़ जाता है।’ 104003 test‏.htm करते हैं, तो उनकी मरजाद बिगड़ जाती है, नाक कट जाती है। बड़े 104004 test‏.htm तो किसान हो जाता है। किसान बिगड़ जाय तो मजूर हो जाता है। मजूरी 104005 test‏.htm है। और किसी जाति का धरम बिगड़ जाय, उसे कोई बिसेस हानि नहीं 104006 test‏.htm करनेवाले। ज़रा-सा कोई काम बिगड़ जाय, तो गरदन पर सवार हो जाते 104007 test‏.htm नहीं होती; बाम्हन का धरम बिगड़ जाय, तो वह कहीं का नहीं रहता। 104008 test‏.htm रख दोगी, तो तुम्हारा क्या बिगड़ जायगा, झूना रानी! कभी-कभी ग़रीबों 104009 test‏.htm से देखते हुए कि कहीं बिगड़ न जायँ, हिरन को उठाया। सहसा 104010 test‏.htm गयीं, ख़ून निकला। मालती बिगड़ रही थीं, बार-बार गाँव लौट चलने 104011 test‏.htm निकल जाय। अच्छा! दादा भी बिगड़ रहे हैं। केले के लिए आज ठीकरा 104012 test‏.htm उसे मजूरी देते हो जो उसे बिगड़ रहे हो। 104013 test‏.htm पटेश्वरी ने बिगड़कर कहा -- तुम रुपये दोगे शोभा, और 104014 test‏.htm मेहता ने बिगड़कर कहा था -- बड़ा शैतान लौंडा है। 104015 test‏.htm चला तो सिलिया का पता न था। बिगड़कर बोला -- सिलिया कहाँ उड़ गई? रहती 104016 test‏.htm रूपा ने बिगड़कर सोना की साड़ी दाँतों से फाड़ने 104017 test‏.htm ने कहा -- कल देखना कितना बिगड़ता है। एक-एक को अपने पत्र में रगेदेगा। 104018 test‏.htm कि कौन उससे रूठता है, कौन बिगड़ता है। प्राण के बिना जैसे देह 104019 test‏.htm न भी हुई, तो होरी का क्या बिगड़ता है। यही तो होगा, भोला बार-बार 104020 test‏.htm मत लगो। उसका तो कुछ नहीं बिगड़ता , तुम्हारा अपमान होता है। 104021 test‏.htm इसलिए उसकी दशा दिन-दिन बिगड़ती जाती थी। शोभा सहनशील आदमी था, 104022 test‏.htm करके बोला -- किस बात पर बिगड़ती है भाई! यह तो अच्छा नहीं लगता 104023 test‏.htm के क्रोध को ख़ूब जानता था। बिगड़ती है, तो चंडी बन जाती है। मारो, 104024 test‏.htm के निकलने में भी तो मरजाद बिगड़ती है। 104025 test‏.htm जाती थी। अब इज़्ज़त नहीं बिगड़ती ! 104026 test‏.htm तुझे प्यार करता था। भाई बिगड़ते थे, भावजें जलाती थीं। भोला 104027 test‏.htm उड़ाते देखते हो, तो ऐसा बिगड़ते हो कि उसे पत्थरों से चूर-चूर 104028 test‏.htm थे, तब उसे सास का बात-बात पर बिगड़ना बुरा लगता था; आज उसे सास के उस 104029 test‏.htm भूलें करना, वकील का बिगड़ना , फिर नायक का देहाती बोली में 104030 test‏.htm से चलती रहेगी। यहाँ बिगड़ने की कौन-सी बात है? 104031 test‏.htm ‘तुम्हारे बनने- बिगड़ने की मुझे परवा नहीं है। मुझे 104032 test‏.htm ‘न कहूँगी, कहीं तुम बिगड़ने न लगो?’ 104033 test‏.htm लो। इस तरह गाँव की मरजाद बिगड़ने लगी, तो किसी की आबरू न बचेगी। 104034 test‏.htm चला गया। तब महतो मुझ पर बिगड़ने लगे। सैकड़ों गालियाँ दीं; मगर 104035 test‏.htm खुलता, तो हमारा क्या बिगड़ा जाता था। चार-पाँच महीने नहीं 104036 test‏.htm से ब्याह कर लो न! अभी क्या बिगड़ा है, अगर वहाँ दाल गले। 104037 test‏.htm ‘तो अब से क्या बिगड़ा है, लिखा लो न। दो सौ में लिखता 104038 test‏.htm है, जात की हेठी, उसका क्या बिगड़ा ? आज दस-बीस लगाकर बिरादरी को 104039 test‏.htm होरी बिगड़ा। क्रोध अब रस्सियाँ तुड़ा रहा 104040 test‏.htm धनिया बिगड़ी -- पाहुने और कैसे होते हैं! रोज़-रोज़ 104041 test‏.htm लिए फिर रहे थे। इज़्ज़त बिगड़ी जाती थी। अब इज़्ज़त नहीं बिगड़ती! 104042 test‏.htm भी नहीं। अम्माँ तो पहले बिगड़ी थीं; लेकिन दादा ने तो कभी कुछ 104043 test‏.htm ‘बिजली’ संपादक बिगड़े -- मगर कोई नयी बात तो नहीं कही। 104044 test‏.htm है। सुना पंडित तुमसे बहुत बिगड़े हुए हैं। कहते हैं, इसे गाँव 104045 test‏.htm न होता। अब तो सभी मुखिया बिगड़े हुए हैं। बेदख़ली की धमकी दे 104046 test‏.htm हूँ। तेरे घरवाले तो बहुत बिगड़े होंगे? 104047 test‏.htm ने निर्भीक स्वर में कहा -- बिगड़ेंगे तो एक रोटी बेसी खा लेंगे, और 104048 test‏.htm ‘और जो अम्माँ बिगड़ें।’ 104049 test‏.htm बार-बार तगादा करने आयेगा, बिगड़ेगा , गालियाँ देगा। लेकिन होरी को 104050 test‏.htm क्या कहेंगे? सोना भी बिगड़ेगी कि इतनी रात गये तू क्यों आयी। 104051 test‏.htm ने तो इन सबों का मिज़ाज बिगाड़ दिया है। तीस रुपए दिये, अब दो 104052 test‏.htm गया। सोना ने आकर उसका खेल बिगाड़ दिया। 104053 test‏.htm मैंने लाखों की हैसियत बिगाड़ दी और भिखारी हो गया। अब मुझे 104054 test‏.htm निकला कि घर की सारी मरजाद बिगाड़ दी। 104055 test‏.htm जिसे चाहें, एक क्षण में बिगाड़ दें। मुझी से चीफ़ सेक्रेटरी 104056 test‏.htm बड़ा हरज़ है। तुम बनी बात बिगाड़ दोगे।’ 104057 test‏.htm करके भी पटेश्वरी का कुछ बिगाड़ न सकी। उधर ऊख डेढ़ सौ रुपए में 104058 test‏.htm ‘तुम्हीं ने इन सबों को बिगाड़ रखा है।’ 104059 test‏.htm ढाई रुपये पर अपना ईमान बिगाड़ रहे थे, उस पर मुझे उपदेस देते 104060 test‏.htm करती है, तो मैं तेरा क्या बिगाड़ लेता हूँ। कुछ कहता हूँ तो काटने 104061 test‏.htm नहीं, मैं किसी का दीन नहीं बिगाड़ता। यह काम आपको ख़ुद करना चाहिए। 104062 test‏.htm करके तो मर्द ही औरतों को बिगाड़ते हैं। जब मर्द इधर-उधर ताक-झाँक 104063 test‏.htm और लोभ के वश होकर और क्यों बिगाड़ते हो? दुःख ने तुम्हें एक सूत्र 104064 test‏.htm जाय। जब वह उसकी इज़्ज़त बिगाड़ने पर आ गयी है, तो उसके घर में कैसे 104065 test‏.htm ली, तो पंचों के बाप का क्या बिगाड़ा ? अगर इसी बात पर वह फ़ौजदारी 104066 test‏.htm जिसने उसकी इज़्ज़त बिगाड़ी है। तुम बड़े नेमी-धरमी हो। 104067 test‏.htm वह बात न थी। उसने नीयत भी बिगाड़ी , अधर्म भी कमाया, कोई ऐसी बुराई 104068 test‏.htm सौ रुपए! लाख रुपए का धर्म बिगाड़ूँ सौ के लिए।’ 104069 test‏.htm नहीं हो सकता। हम केवल इस बिच्छू का डंक तोड़ देना चाहते हैं। 104070 test‏.htm तो जेलख़ाना घर हो जाय। हम बिच्छू नहीं हैं कि अनायास ही सबको 104071 test‏.htm रखे थे। बीच में पुआल बिछा था। वही सिलिया का बिस्तर था। 104072 test‏.htm में ज्योत्स्ना ने आईना-सा बिछा रखा है। एक कोने में तुलसी का 104073 test‏.htm जैसा मातादीन की चारपाई पर बिछा रहता था। तकिया भी है, लिहाफ़ 104074 test‏.htm के किनारे चाँदी का फ़र्श बिछा हुआ था और नदी रत्न-जटित आभूषण 104075 test‏.htm रंग घोला जा रहा है, फ़र्श बिछा हुआ है, गाना हो रहा है, और चौपाल 104076 test‏.htm उस पर सुजनी का नर्म बिस्तर बिछा हुआ है; बिलकुल वैसा ही, जैसा 104077 test‏.htm उसी थकन में अपना अँगोछा बिछाकर एक पेड़ के नीचे सो रहा; मगर प्यास 104078 test‏.htm उससे चिलम भरने या चारपाई बिछाने को भी कहते थे। तब बेचारा भोला 104079 test‏.htm इसीलिए तिलक-मुद्रा का जाल बिछाये बैठे हो? लगा हाथ जोड़ने, पैरों 104080 test‏.htm आपके चरणों के नीचे आँखें बिछाये , आपका इशारा पाते ही आग में कूदने 104081 test‏.htm जाड़ा आ गया था; पर न ओढ़न, न बिछावन। रोटी-दाल से जो दो-चार रुपए बचते, 104082 test‏.htm मिलता। मालती ने देखा, खाट बिछी है, और उस पर एक दरी पड़ी हुई 104083 test‏.htm उसने जो आँगन में बिनौले बिछे देखे, तो समझा, बतासे फैले हुए 104084 test‏.htm और लिखा-पढ़ी कर लें। बस, बिजनेस ख़त्म। आपने कुछ और सुना! मेहता 104085 test‏.htm न पहनती थी, जो ख़ुद कभी बिजली का बटन तक न दबाती थी, विलास और 104086 test‏.htm यह सिद्ध किया था कि फ़सलें बिजली की ज़ोर से बहुत थोड़े समय में 104087 test‏.htm का हाथ पकड़ लिया। जैसे बिजली के तार पर हाथ गया हो। सारी देह 104088 test‏.htm के गमले सजा दिये गये थे और बिजली के पंखे चल रहे थे। राय साहब 104089 test‏.htm पर पहुँचकर कार से उतरी, तो बिजली के प्रकाश में मेहता ने देखा, 104090 test‏.htm उठती जवानी पर चिंता की बिजली क्यों गिराये? वह आराम से खाये-पीये, 104091 test‏.htm साहब अपने कारख़ाने में बिजली बनवा लेते थे। उनके सिपाही पीली 104092 test‏.htm महल पड़ा है। पानी का नल, बिजली। किसी बात की कमी नहीं है। कामता 104093 test‏.htm का अकेला पत्र होने पर भी ‘बिजली’ का अस्तित्व तक नहीं स्वीकार 104094 test‏.htm हम ख़ुद संपादक है। हम ‘बिजली’ का संपादक है। हम उसमें सबका 104095 test‏.htm रही थी। मज़दूरों के नेता ‘बिजली’ कार्यालय में आधी रात तक बैठे 104096 test‏.htm कि प्रत्येक गाँव के लिए ‘बिजली’ की एक प्रति सरकारी तौर पर मँगाई 104097 test‏.htm घने होते जा रहे थे। मज़दूर ‘बिजली’ की प्रतियाँ जेब में लिये फिरते 104098 test‏.htm है। आप दैनिक-पत्र ‘बिजली’ के यशस्वी संपादक हैं, जिन्हें 104099 test‏.htm कचहरी में उन्हें दैनिक ‘बिजली’ देखने को मिल जाती थी। यदि एक 104100 test‏.htm है कि ग्राम्य-संगठन के लिए ‘बिजली’ ने जितना उद्योग किया है ॰॰॰’ 104101 test‏.htm चाहिए, बड़ी कठोर तपस्या। ‘बिजली’ ने जो तपस्या की है, वह इस प्रांत 104102 test‏.htm जवाब ढूँढ़ निकालूँगा, ‘बिजली’ में देखिएगा।’ 104103 test‏.htm ‘बिजली’ संपादक को बुरा लगा -- कोई नयी 104104 test‏.htm ‘बिजली’ संपादक ने नाक सिकोड़ी -- अब वह 104105 test‏.htm ‘बिजली’ संपादक बिगड़े -- मगर कोई नयी 104106 test‏.htm ‘बिजली’ -कार्यालय में उसी वक़्त ख़तरे 104107 test‏.htm दलों में फ़ौजदारी हो गयी। ‘बिजली’ -संपादक तो भाग खड़े हुए, बेचारे 104108 test‏.htm सभापति और पंडित ओंकारनाथ, ‘बिजली’ -संपादक, मंत्री थे। दोनों ऐसी 104109 test‏.htm लोगों से मिलने चली आयी। बिटिया का ब्याह कब तक है? 104110 test‏.htm लेखे तो माँ-बाप मर गये। बिटिया का ब्याह सिर पर है; लेकिन उससे 104111 test‏.htm ने पूछा -- तुम्हारी छोटी बिटिया तो आठ साल से कम की नहीं है! 104112 test‏.htm कर बातें कर हरखुआ! तेरी बिटिया वह खड़ी है, ले जा जहाँ चाहे। 104113 test‏.htm हो जायँ और दंडकारी पुलिस बिठा दी जाय, तो आश्चर्य नहीं; कितने 104114 test‏.htm में उठा लिया, फिर कंधे पर बिठा लिया, फिर उतारकर उसके कपोलों 104115 test‏.htm जी चाहता है कि कलेजे में बिठा लें। 104116 test‏.htm मैं तुम्हें अपने कंधे पर बिठाये लेता हूँ। 104117 test‏.htm ‘अरे बित्ते -भर के आँगन में गाय कहाँ बँधेगी 104118 test‏.htm देखकर उसके ससुर को बुला कर बिदा कर दिया। कोई कहाँ तक पहरा दे। 104119 test‏.htm हैं, उसे देकर क्यों नहीं बिदा कर देतीं? आप ख़ुद अपनी बेइज़्ज़ती 104120 test‏.htm जून खिला देना। सबेरे बेटी बिदा कर देना। दुनिया हँसेगी, हँस 104121 test‏.htm जो जाता है उसे असीस देकर बिदा कर दे। हमारा भगवान मालिक है। 104122 test‏.htm रहा है। सब उसे हँसी-ख़ुशी बिदा करना चाहते हैं। 104123 test‏.htm रहा है। कई मर्द-औरतें उसे बिदा करने आये। गोबर ने उन्हें अपना 104124 test‏.htm को रस पिलाया और बिदाई देकर बिदा किया। 104125 test‏.htm भी चिरौरी-बिनती करके बिदा किया। दातादीन ने होरी के साझे 104126 test‏.htm मेहता ने कार तक आकर उन्हें बिदा किया। 104127 test‏.htm ही मुँह उठा और कोदई से बिदा माँगी। सबको मालूम हो गया था 104128 test‏.htm सूर्यास्त के समय यहाँ से बिदा हुए तो गाँव-भर के नर-नारी इन्हें 104129 test‏.htm के भाषण हुए और मेहमान लोग बिदा हुए। मालती को भी एक विजिट करनी 104130 test‏.htm मेहता का तेज बिदा हो गया। नम्र भाव से बोले -- मैंने 104131 test‏.htm हुआ और रूपा रो-धोकर बिदा हो गयी; मगर होरी को किसी ने घर 104132 test‏.htm कितना ही पानी बरसे, ऊख तो बिदा हो गयी। एक-एक हाथ ही होके रह 104133 test‏.htm को विशेष काम था, वह तो बिदा हो गये, केवल वे ही लोग बच रहे 104134 test‏.htm राय साहब बिदा हो गये; ओंकारनाथ के मुख पर प्रसन्नता 104135 test‏.htm डाढ़ी, और काना। उसकी लड़की बिदा हो रही थी। पाँच रुपए की उसे 104136 test‏.htm दिन प्रातःकाल गोबर सबसे बिदा होकर लखनऊ चला। होरी उसे गाँव 104137 test‏.htm उसने नाई को रस पिलाया और बिदाई देकर बिदा किया। 104138 test‏.htm पान खिलाये और एक रुपया बिदायी दी और उसका लखनऊ का पता भी पूछा। 104139 test‏.htm मत अड़ाया करो। संसार-भर की बिद्दा तुम्हीं नहीं पढ़े हो।’ 104140 test‏.htm हैं और उनसे अंग-अंग में बिधा है। उसने सुना है और समझा है 104141 test‏.htm मसल झूठी थोड़ी है -- बिन घरनी घर भूत का डेरा। कहीं सगाई 104142 test‏.htm होरी ने इन्हें भी चिरौरी- बिनती करके बिदा किया। दातादीन ने 104143 test‏.htm गला दबा दे। जितनी चिरौरी- बिनती हो सकती थी, वह कर चुका; मगर वह 104144 test‏.htm अपना धरम बचा लिया। अब भी बिना असनान-पूजा किये मुँह में पानी 104145 test‏.htm सरीर अच्छा रहता है तो हम बिना असनान-पूजा किये मुँह में पानी 104146 test‏.htm उनके चंगुल में फँस जाय तो बिना उसे अच्छी तरह चूसे छोड़ते न 104147 test‏.htm गले से लिपट जाती थी और बिना उसे खिलाये कौर मुँह में न डालती 104148 test‏.htm एक लाख के स्वामी होते और बिना एक पाई क़र्ज़ लिये कुँवर साहब 104149 test‏.htm कोई उसे क्यों रखने लगा। बिना औज़ार के उसे कौन पूछेगा? 104150 test‏.htm सही। तुम जैसों के साथ बिना कड़ाई किये काम नहीं चलता।’ 104151 test‏.htm हो गया था और एक नये बैल के बिना काम न चल सकता था। पुनिया का 104152 test‏.htm के सामने कैसे जाय? और गये बिना काम नहीं चलता। पानी-वानी देना 104153 test‏.htm उनके हाथ पर रख दिये, और बिना कुछ कहे जल्दी से भाग गया। उसका 104154 test‏.htm मथुरा बिना कुछ कहे बाहर चला गया। उसके 104155 test‏.htm घसीटना न था; लेकिन औरत जात बिना कुछ ताड़ना दिये क़ाबू में भी 104156 test‏.htm दम लेने की इच्छा होती थी। बिना कुछ पेट में डाले वह अब नहीं 104157 test‏.htm तो तुम झूठ बोलती हो भाभी! बिना कुछ रस पाये थोड़े ही आता था। 104158 test‏.htm ‘लेकिन मालती बिना कुछ रिश्वत लिए मानेगी नहीं।’ 104159 test‏.htm दे दिये, और बोलीं -- मैं बिना कुछ लिये घर से नहीं निकलती। 104160 test‏.htm आया है किस लिए, और जब आया है बिना कुछ लिये-दिये गया कब है? 104161 test‏.htm कर दिया। कहते थे, ब्याह भी बिना ख़रच-बरच के हो जायगा; और खेत 104162 test‏.htm मगर बैलों के बिना खेती कैसे हो? गाँवों में बोआई 104163 test‏.htm फिर होरी से बोला -- घरनी के बिना घर नहीं रहता भैया। पुरानी कहावत 104164 test‏.htm तौफ़ीक़ न हुई थी। कभी कभी बिना घी की दाल खाकर उठना पड़ता। 104165 test‏.htm नहीं मानती। उसकी मरज़ी बिना चला जाऊँ तो घर में रहना अपाढ़ 104166 test‏.htm आये, तो वह उसे प्रकट किये बिना चैन न पाती थी। 104167 test‏.htm कौन बिगड़ता है। प्राण के बिना जैसे देह नहीं रह सकती, उसी तरह 104168 test‏.htm मेहता ने बिना झेंपे हुए कहा -- क्या करूँ मालती, 104169 test‏.htm में जानेवाला रथ भी तो बिना तेल के नहीं चल सकता। उनके जीवन 104170 test‏.htm तो तबाह हो जाऊँगा। गोईं के बिना तो काम न चलेगा।’ 104171 test‏.htm तो दबाई नहीं जा सकती, हँसे बिना तो जिया नहीं जा सकता। 104172 test‏.htm उसके हाथ यंत्र की गति से, बिना थके, बिना रुके, उठ रहे थे। उसकी 104173 test‏.htm कुछ करे या न करे, धरम तो बिना दंड दिये न रहेगा। चली तो जा 104174 test‏.htm बीना करते थे। उस पर भी तू बिना दस गाली दिये रोटी न देती थी। 104175 test‏.htm कहीं ब्याह होता है पगली? बिना दहेज के तो कोई बूढ़ा-ठेला ही 104176 test‏.htm ‘बिना दान-दहेज के बड़े आदमियों का 104177 test‏.htm बोले -- क्या आप समझती हैं, बिना दार्शनिक हुए ही कोई कवि हो 104178 test‏.htm हुआ जान पड़ता था। आख़िर बिना दिल का बोझ हलका किये भोजन करना 104179 test‏.htm न थी; मगर मंगल यहीं है और बिना दूध के कैसे रह सकता है! रुपए 104180 test‏.htm कर दी, और ऐसा जान पड़ता है, बिना दो-एक ख़ून किये मानेगा भी नहीं। 104181 test‏.htm ‘वाह! मैं उनकी राज़ी बिना न जाऊँगी। तुम तो छोड़कर चलते 104182 test‏.htm तभी ललकार रहा है। मार खाये बिना न मानेगा। अपने गाँव में कुत्ता 104183 test‏.htm बीमार हो जाते हैं, तो बिना नहाये-धोये, कपड़े पहने, खाट 104184 test‏.htm लेकिन अब यह तो रातिब बिना नहीं रह सकती। हो सके, तो दस-बीस 104185 test‏.htm को साथ देखकर उँगली उठाये बिना नहीं रह सकते, तो शौक़ से उठाइए। 104186 test‏.htm अंदर पड़ा, तो अँखुआ निकले बिना नहीं रहता। 104187 test‏.htm ‘बिना पाले ही इतने बड़े हो गये?’ 104188 test‏.htm ‘उनसे बिना पूछे भी अनुमान किया जा सकता 104189 test‏.htm मटककर चली जाती है। आज मैं बिना पैसा लिये न जाऊँगी। 104190 test‏.htm के पूरे होने का हर्ष था, और बिना पैसे के। गोबर को इससे भी बहुमूल्य 104191 test‏.htm थी। अमीरों के घर तो वह बिना फ़ीस लिये न जाती थी; लेकिन ग़रीबों 104192 test‏.htm अब अक्सर ग़रीबों के घर बिना फ़ीस लिये ही मरीज़ों को देखने 104193 test‏.htm लेकिन संन्यास और त्याग के बिना बंधनों को तोड़ने का और क्या 104194 test‏.htm लिए हास्य-जनक था। मालती बिना बुलाये मेहमान की भाँति उनके 104195 test‏.htm अब मेरा दोस नहीं। मैं बिना बैल लिये न जाऊँगा। 104196 test‏.htm ‘तो तुम बिना रसीद लिए रुपए देते ही क्यों 104197 test‏.htm मिर्ज़ाजी ने बिना रुके हुए जवाब दिया -- वह ग़रीब 104198 test‏.htm यंत्र की गति से, बिना थके, बिना रुके, उठ रहे थे। उसकी देह से 104199 test‏.htm भी नहीं। और इधर राय साहब बिना रुपए लिए मानने के नहीं। यही 104200 test‏.htm पाई न छोड़ते थे और वादे पर बिना रुपए लिये द्वार से न टलते थे। 104201 test‏.htm न पड़ो, कोई नहीं सुनता। बिना रोये तो बालक भी माँ से दूध नहीं 104202 test‏.htm अनर्थ का बाप हो जाय। मैं बिना लाला को बड़े घर भिजवाये मानूँगी 104203 test‏.htm जो दो आने रुपये ब्याज पर बिना लिखा-पढ़ी के रुपए देते थे। 104204 test‏.htm कहा -- मेहरिया को बिना लिये न आना, नहीं घर में न घुसने 104205 test‏.htm है, उतना ही क्रोधी भी है। बिना लिये न मानेगा। 104206 test‏.htm पर पहुँचे हैं कि मालती के बिना वह आधे हैं। वही उन्हें पूर्णता 104207 test‏.htm जाग्रत न हुई थी, जिसके बिना विवाह का प्रस्ताव करना उनके 104208 test‏.htm कुछ हेठा हो गया था और बिना सौ दो-सौ दिये कोई कुलीन वर न 104209 test‏.htm भी नागा नहीं की, कभी बिना स्नान-पूजन किये मुँह में पानी 104210 test‏.htm रुक गयी। मालती उतर पड़ी और बिना हाथ मिलाये चली गयी। वह यह भी 104211 test‏.htm क़र्ज़ की पुरौती किये बिना ही हाथ से निकल गयी थी और वह बोझ 104212 test‏.htm मेहता झेंप गये। बिना -ब्याहे थे और नवयुग की रमणियों 104213 test‏.htm लगा था। उसने जो आँगन में बिनौले बिछे देखे, तो समझा, बतासे फैले 104214 test‏.htm कर देना और रुई में कुछ बिनौले भर देना उसकी नीति में जायज 104215 test‏.htm भाग्य में न होता तो यह सब बिपत क्यों आती? क्यों गाय मरती? क्यों 104216 test‏.htm सुख में, दुःख में, संपत में, बिपत में, उसके साथ रहूँगी। हरजाई 104217 test‏.htm बहुत ही वैसी बात है; लेकिन बिपत में तो आदमी का धरम तक चला जाता 104218 test‏.htm बात है। ऐसा न हो, तो लोग बिपत से इतना डरें क्यों। गोबर ने 104219 test‏.htm ही नहीं। और चिढ़ने तो बिमारी में सभी हो जाते हैं। तुम्हें 104220 test‏.htm करके निकल भागे। आख़िर किस बिरते पर हज़ार-पाँच सौ माँगते हो 104221 test‏.htm कैसे बाँधेगा। अभी तक रात- बिरात सभी जानवर बाहर पड़े रहते थे। 104222 test‏.htm तो होरी खेती कैसे करेगा? बिरादरी उसकी जायदाद से रुपए वसूल करे; 104223 test‏.htm कुछ बिरादरी के हाथ में है। बिरादरी उसके जीवन में वृक्ष की भाँति 104224 test‏.htm उसके साथ यह बर्ताव करता। बिरादरी उसे दंड देती, हुक़्क़ा-पानी 104225 test‏.htm करें, सब ठीक है। उन्हें तो बिरादरी और पंचायत का भी डर नहीं। मेरी 104226 test‏.htm को लेकर घर में रहेगा कैसे। बिरादरी का झंझट जो है। सारा गाँव काँव-काँव 104227 test‏.htm हैं बेटा, घर में ही तो हैं। बिरादरी का ढकोसला है, नहीं तुममें और 104228 test‏.htm है ही नहीं। तेरे महतो ने बिरादरी का पेट भर दिया, बाल-बच्चे मरें 104229 test‏.htm को सोखे लेती थी; पर बिरादरी का भय पिशाच की भाँति सिर पर 104230 test‏.htm होनहार को कौन टाल सकता है। बिरादरी का वह आतंक था कि अपने सिर पर 104231 test‏.htm है किसी भले घर का और अपनी बिरादरी का ही जान पड़ता है। क्यों उसे 104232 test‏.htm का काम है, न जात- बिरादरी का। दुनिया पैसे की है, हुक़्क़ा-पानी 104233 test‏.htm बहू घर में बैठी थी और वह बिरादरी की एक दूसरी औरत के साथ परदेस 104234 test‏.htm वाह-वाह हो रही होगी कि बिरादरी की कैसी मरजाद रख ली। मेरे भाग 104235 test‏.htm था कि ऐसे शुभ अवसर पर बिरादरी की कोई औरत न थी। सौर से झुनिया 104236 test‏.htm नहीं कि उनकी कमाई छीनकर बिरादरी की नज़र में सुर्ख़रू बने। टोकरी 104237 test‏.htm ब्राह्मन की तरह रह। सारी बिरादरी की नाक कटवाकर भी चमारिन ही 104238 test‏.htm उसकी परवा नहीं है, तो वह भी बिरादरी की परवा नहीं करती। 104239 test‏.htm अब रहने दो। ढो तो चुके बिरादरी की लाज। बच्चों के लिए भी कुछ 104240 test‏.htm रहा था, पर अपने घरवालों और बिरादरी के इस अत्याचार ने उस विराग 104241 test‏.htm चुप रह, बहुत चढ़-चढ़ न बोल। बिरादरी के चक्कर में अभी पड़ी नहीं 104242 test‏.htm पड़ता हूँ, चुप रह। हम सब बिरादरी के चाकर हैं, उसके बाहर नहीं 104243 test‏.htm आज तक कभी कुँआरी नहीं रही। बिरादरी के डर से हत्यारे का काम नहीं 104244 test‏.htm लिए भी कुछ छोड़ोगे कि सब बिरादरी के भाड़ में झोंक दोगे। मैं 104245 test‏.htm साथ गयी। अब तो अपना निबाह बिरादरी के साथ मिलकर रहने में है; मगर 104246 test‏.htm जन्म-मरण सब कुछ बिरादरी के हाथ में है। बिरादरी उसके 104247 test‏.htm होती रहती है। जब तक बिरादरी को भात न दोगे, बाम्हनों को भोज 104248 test‏.htm बिगड़ा? आज दस-बीस लगाकर बिरादरी को रोटी दे दे, फिर बिरादरी में 104249 test‏.htm मरें या जियें। अब बिरादरी झाँकती तक नहीं। 104250 test‏.htm क्या! अब हुक़्क़ा खुल गया। बिरादरी ने अपराध क्षमा कर दिया। 104251 test‏.htm बना दो, हमारी सारी बिरादरी बनने को तैयार है। जब यह समरथ 104252 test‏.htm बंद करता है। और कैसे बिरादरी मुझे जात बाहर करती है।’ 104253 test‏.htm रहेगी। हमें नहीं रहना है बिरादरी में। बिरादरी में रहकर हमारी 104254 test‏.htm ही आयेगा। लड़की तो हमारी बिरादरी में आज तक कभी कुँआरी नहीं रही। 104255 test‏.htm -- हुक़्क़ा-पानी सब तो था, बिरादरी में आदर भी था, फिर मेरा ब्याह 104256 test‏.htm झुनिया के आ जाने से बिरादरी में इन लोगों का स्थान कुछ हेठा 104257 test‏.htm सभी आये थे। आज भी बिरादरी में उसका नाम है। दस गाँव के 104258 test‏.htm रहेगा। यहाँ मजूरी करने से बिरादरी में कितनी बदनामी हो रही है, 104259 test‏.htm छोड़ क्यों नहीं देती? अपनी बिरादरी में किसी के साथ बैठ जा और आराम 104260 test‏.htm ने हिकारत के साथ कहा -- बिरादरी में क्यों न लेंगे; हाँ, बूढ़ा 104261 test‏.htm किसके गले बाँधोगे? फिर बिरादरी में तुम्हें कौन पूछेगा, कोई 104262 test‏.htm सुना, बाह्मन लोग उन्हें बिरादरी में नहीं ले रहे हैं। 104263 test‏.htm के पीछे डाँड़ देना पड़ा, बिरादरी में बदनामी हुई, खेती टूट गयी, 104264 test‏.htm नहीं रहना है बिरादरी में। बिरादरी में रहकर हमारी मुकुत न हो जायगी। 104265 test‏.htm बिरादरी को रोटी दे दे, फिर बिरादरी में ले ली जायगी। उन बेचारे 104266 test‏.htm धनिया ने कहा -- बिरादरी में सुरख़रू कैसे होते। 104267 test‏.htm का ब्याह न हुआ, तो सारी बिरादरी में हँसी होगी। पहले तो उसी 104268 test‏.htm तक न करता। देखता, कौन मुझे बिरादरी से अलग करता है; लेकिन तुम बैठे 104269 test‏.htm फिर वह क्यों पंचायत और बिरादरी से डरे? 104270 test‏.htm पाप किया है, जिसके लिए बिरादरी से डरें, किसी की चोरी की है, 104271 test‏.htm सिवा और कोई चीज़ हो। मैं बिरादरी से दग़ा न करूँगा। पंचों को 104272 test‏.htm रोम-रोम में बिंधी हुई थीं। बिरादरी से निकलकर उसका जीवन विशृंखल 104273 test‏.htm दबैल हूँ। उसकी इज़्ज़त ली, बिरादरी से निकलवाया, अब कहते हैं, मेरा 104274 test‏.htm सवार आँकुस दिये जा रहा था। बिरादरी से पृथक जीवन की वह कोई कल्पना 104275 test‏.htm इस मिट्टी को पार लगायेगी? बिरादरी ही तारेगी तो तरेंगे। पंचो, 104276 test‏.htm अच्छा है। आज मर जायँ, तो बिरादरी ही तो इस मिट्टी को पार लगायेगी? 104277 test‏.htm नहीं? मरने-जीने में आदमी बिरादरी ॰॰॰ 104278 test‏.htm या उसके मक्खन और फलों का बिल कम हो जाय; लेकिन वह नंगा या भूखा 104279 test‏.htm उनके दुखी होने के डर से हम बिल क्यों खोदें?’ 104280 test‏.htm ‘तलाक़ का बिल पास तो हो।’ 104281 test‏.htm ‘मैं आज ही बिल भेजता हूँ।’ 104282 test‏.htm हैं; मगर वह क्यों साँप के बिल में हाथ नहीं डालते? इसीलिए 104283 test‏.htm अपने ढंग का निराला होगा, बिलकुल अभूतपूर्व। भारत के बूढ़े आज 104284 test‏.htm का क्षेत्र पुरुषों से बिलकुल अलग है। स्त्रियों का पुरुषों 104285 test‏.htm -- माई गाड! दो लाख। असंभव, बिलकुल असंभव! 104286 test‏.htm के बाल गूँथने बैठ गयी जो बिलकुल उलझकर रह गये थे, और होरी खलिहान 104287 test‏.htm साड़ी तो मारे पेवंदों के बिलकुल कथरी हो गयी है। और फिर मैं ही 104288 test‏.htm एक गाय का चित्र सामने आया, बिलकुल कामधेनु-सी। उसने उसका दूध दुहा 104289 test‏.htm रहा था, बड़े सींगोंवाला, बिलकुल काला। राय साहब ने निशाना बाँधा। 104290 test‏.htm लोग जमा हैं। हमें बिलकुल ख़बर नहीं, आपके आदमियों को 104291 test‏.htm मैं सच कहता हूँ, मुझे बिलकुल ख़बर नहीं है। क्या मेरी शादी 104292 test‏.htm कितनी हत्या करनी पड़ेगी, बिलकुल ख़याल न रहा। आश्वासन के स्वर 104293 test‏.htm लड़की कितनी समझदार है और बिलकुल गँवार। 104294 test‏.htm इच्छा पूरी किये जाऊँ, उसे बिलकुल ग़म नहीं। सोचता होगा, यह मर 104295 test‏.htm मेरा आशय यह न था मालती, तुम बिलकुल ग़लत समझीं। 104296 test‏.htm भाव से बोले -- आपका ख़याल बिलकुल ग़लत है। मिर्ज़ाजी! मिस मालती 104297 test‏.htm पर चढ़ते देखा। दूर से बिलकुल गुड़िया-सी लग रही थी। मन में 104298 test‏.htm मुख होकर जवाब दिया -- बिलकुल गोबर को पड़ा है। सच! 104299 test‏.htm छाती से लगाकर कहा -- तुम तो बिलकुल घुल गये हीरा! कब आये? आज तुम्हारी 104300 test‏.htm है या उदास, इसकी अब उसे बिलकुल चिंता न थी। गोबर क्या कमाता 104301 test‏.htm ‘झूठ, बिलकुल झूठ! हीरा इतना नीच नहीं है। 104302 test‏.htm गाय को ज़हर दिया। होरी ने बिलकुल झूठी क़सम खाई है, इसका भी लोगों 104303 test‏.htm से ताककर कहा -- झूठे हो तुम, बिलकुल झूठे। मुझे तुम्हारा यह दावा 104304 test‏.htm ‘बिलकुल ठीक। अपनी बच्चे की क़सम।’ 104305 test‏.htm किया बेटा! इनका दुपट्टा बिलकुल तार-तार हो गया था। 104306 test‏.htm काठ का कलेजा है तुम्हारा। बिलकुल तुमको पड़ा है। 104307 test‏.htm था। अब उसके जीवन का रूप बिलकुल दूसरा होगा, जिसमें कटुता की 104308 test‏.htm पुण्य और माहात्म्य का उसे बिलकुल ध्यान न था। बात थी केवल व्यवहार 104309 test‏.htm इस पहलू की ओर उनकी निगाह बिलकुल न थी। और गोबर हड़तालियों में 104310 test‏.htm हो। भगवान् जानते हैं, मुझे बिलकुल न मालूम था कि लौंडा क्या कर 104311 test‏.htm आनंद आ रहा था, जो उसके लिए बिलकुल नया था। उसने कितने ही विद्वानों 104312 test‏.htm खड़ी कर सकता हूँ। जी हाँ, बिलकुल नयी मिल खड़ी कर सकता हूँ। ये 104313 test‏.htm ‘बिलकुल नहीं, प्रमाण-पत्र मौजूद है।’ 104314 test‏.htm मुझे उसका पछतावा नहीं है। बिलकुल नहीं। मुझे उसका गर्व है। मैं 104315 test‏.htm सकते। क्या ग्राहक-संख्या बिलकुल नहीं बढ़ रही है? 104316 test‏.htm कम है, तो मुक्त विलास में बिलकुल नहीं है। सच्चा आनंद, सच्ची 104317 test‏.htm एक दिन व्रत रख लेते थे। बिलकुल निराहार, निर्जल; मगर लकड़हारे 104318 test‏.htm है और बच्चा उसके प्यार की बिलकुल परवा न करके घर चलने के लिए ख़ुश 104319 test‏.htm ‘तुम बिलकुल पहेली हो, आज यह साबित हो गया।’ 104320 test‏.htm मालती ने पूछा -- माली क्या बिलकुल पानी नहीं देता? 104321 test‏.htm उठते-बैठते थे। ज़बान तो बिलकुल बंद ही हो गयी। और जब ज़बान ही 104322 test‏.htm भी बेतहाशा दौड़े। बिलकुल बच्चों की तरह उछलते, कूदते, 104323 test‏.htm ओर! मैं उस रसिक-समाज से बिलकुल बाहर हूँ मिस्टर खन्ना, सच कहता 104324 test‏.htm गठी हुई। होरी उनके सामने बिलकुल बूढ़ा लगता था। किसी मुक़दमे 104325 test‏.htm को मजूरों की यह हड़ताल बिलकुल बेजा मालूम होती थी। उन्होंने 104326 test‏.htm था; पर स्थानीय राजनीति में बिलकुल भाग न लेता था। रोब या अधिकार 104327 test‏.htm के नशे में अपने को बिलकुल भूल गया हो, जो हुक्काम के तलवे 104328 test‏.htm करने के बाद वह घर आता, तो बिलकुल मरा हुआ; पर अवसाद का नाम नहीं। 104329 test‏.htm अपनी कुर्बानी से, अपने को बिलकुल मिटाकर पति की आत्मा का एक अंश 104330 test‏.htm मैं तो समझती हूँ, तुम्हें बिलकुल रंज न होगा। 104331 test‏.htm साहब, मेरे पास इस वक़्त बिलकुल रुपए नहीं हैं।’ 104332 test‏.htm मूछोंवाले आदमी थे, बिलकुल विदूषक-जैसे। और थे भी बड़े 104333 test‏.htm मगर गोविंदी को बिलकुल विश्वास नहीं है -- तुम सात जन्म 104334 test‏.htm नर्म बिस्तर बिछा हुआ है; बिलकुल वैसा ही, जैसा मातादीन की चारपाई 104335 test‏.htm ‘रास्ता बिलकुल साफ़ है।’ 104336 test‏.htm लड़की पेट-पोछनी थी। छाती बिलकुल सूख गयी थी; लेकिन भगवान की लीला 104337 test‏.htm कि दूसरी तरफ़ का उद्यान बिलकुल सूखा रह गया। बरसों हो गये, मैंने 104338 test‏.htm हलचल सुनकर जग गयी थीं और बिलख -बिलखकर रो रही थीं। उसकी सेवा 104339 test‏.htm सुनकर जग गयी थीं और बिलख- बिलखकर रो रही थीं। उसकी सेवा का भार 104340 test‏.htm बुला ला। कहना, बड़ा काम है, बिलम न करो। 104341 test‏.htm जेब में पाँच रुपए! लाहौल बिला कूबत! कहाँ हैं मेहता? आप ज़रा 104342 test‏.htm रहते हैं -- गंदे, बदबूदार बिलों में -- जहाँ आप एक मिनट भी रह जायँ, 104343 test‏.htm कष्ट नहीं होगा। आपके मजूर बिलों में रहते हैं -- गंदे, बदबूदार 104344 test‏.htm केवल साधन है। मुझे धन की बिल्कुल इच्छा नहीं, आप वह साधन जुटा 104345 test‏.htm उस स्वार्थ के नशे में यह बिल्कुल ख़्याल न रहा कि वह मेहता के 104346 test‏.htm पड़े हुए बोले -- आपका विचार बिल्कुल ठीक है मेहताजी। आप जानते हैं, 104347 test‏.htm लेने चला गया। उसे यह झमेला बिल्कुल नहीं भाता था। 104348 test‏.htm बेदर्द आदमी कभी न देखा था। बिल्कुल पत्थर हो। ख़ैर, आज सता लो, जितना 104349 test‏.htm और अपने पिछले व्यवहार को बिल्कुल भूलकर, राय साहब का यशोगान आरंभ 104350 test‏.htm से भी गये-बीते हो जो बिल्ली की म्याऊँ सुनकर चिल्ला उठते 104351 test‏.htm राय साहब ने समझा, बिल्ली के भागों छींका टूटा। अभी कुँवर 104352 test‏.htm -- भों-भों, और काटने दौड़ता। बिल्ली कैसे बोले? और रामू म्याँव-म्याँव 104353 test‏.htm हूँ। भाइयों के सामने भीगी बिल्ली बन जाता है, पापी कहीं का, हत्यारा!’ 104354 test‏.htm मिस्टर तंखा भीगी बिल्ली बने बैठे हुए थे। राजा साहब 104355 test‏.htm हमीं थे कि तुम्हारे घर का बिस उठाके पी गये, और कभी मुँह पर 104356 test‏.htm किसी में उतना तेज तो हो। बिस खाकर उसे पचाना तो चाहिए। वह 104357 test‏.htm ख़मीरा तमाखू लाया है, ख़ास बिसवाँ की! रंग में भी केवड़ा छोड़ा 104358 test‏.htm नहीं कर सके, तो दूसरों की बिसात ही क्या! 104359 test‏.htm पाँच बीघे के किसान की बिसात ही क्या? यह कम आदर नहीं है कि 104360 test‏.htm सुना गया। वह बीती बातों को बिसारकर अपने हृदय में स्नेह और सौहार्द 104361 test‏.htm का धरम बिगड़ जाय, उसे कोई बिसेस हानि नहीं होती; बाम्हन का धरम 104362 test‏.htm लगान नहीं चुकाया जा सका, बिसेसर साह का देना भी बाक़ी है, जिस 104363 test‏.htm सिलिया का बिस्तर था। इस बिस्तर के सिरहाने की ओर रामू की छोटी 104364 test‏.htm बिछा था। वही सिलिया का बिस्तर था। इस बिस्तर के सिरहाने की 104365 test‏.htm देखते ही देखते उसका बिस्तर बँध गया। झुनिया ने भी चुँदरी 104366 test‏.htm में लिए आगे-आगे था। झुनिया बिस्तर बग़ल में दबाये पीछे। एक चमार 104367 test‏.htm है। उस पर सुजनी का नर्म बिस्तर बिछा हुआ है; बिलकुल वैसा ही, 104368 test‏.htm तक सारी चीज़ें आ गयीं। बिस्तर भी बँध गया, मुहल्लेवालों को 104369 test‏.htm की तंगी हो रही है। बिस्वास न हो, घर में आकर देख लो। जो कुछ 104370 test‏.htm नहीं सोच लिया था। तब तो बिहार करते रहे। अब कहते हैं, मुझसे 104371 test‏.htm की छोकरियों को जमा करके बिहार करेंगे। व्यायाम तो केवल दिखाने 104372 test‏.htm तो उसके पास हैं; अगर एक बीघा बेंच दे, तो फिर खेती कैसे करेगा? 104373 test‏.htm साख भी है; अगर वह एक बीघा भी बेंच दे, तो सौ मिल जायँ; लेकिन 104374 test‏.htm कुआँ भी उन्हीं का है। दस बीघे का ऊख है। महतो को देख के मुझे 104375 test‏.htm भाँति उसने अपने को इन तीन बीघे के क़िले में बंद कर लिया था 104376 test‏.htm नहीं उसे कौन पूछता? पाँच बीघे के किसान की बिसात ही क्या? यह 104377 test‏.htm सौ माँगते हो तुम? दस बीघे खेत और भीख के सिवा तुम्हारे 104378 test‏.htm ने बताया, उसके मौरूसी पाँच बीघे खेत हैं और एक हल की खेती होती 104379 test‏.htm पचीस हज़ार बताये। पंद्रह बीघे ज़मीन भी तो है उसके साथ। खन्ना 104380 test‏.htm इसी तरह कल यह तीन-चार बीघे ज़मीन है, इसे भी लिख देना और 104381 test‏.htm प्यारी है। और कुल तीन ही बीघे तो उसके पास हैं; अगर एक बीघा 104382 test‏.htm में खन्ना और गोविंदी के बीच आना चाहती हूँ। आप ऐसा अनुमान 104383 test‏.htm अम्माँ को मना लेगा, अगर इस बीच उसे कहीं मजूरी मिल जाय और दो-चार 104384 test‏.htm यह मिलवालों और किसानों के बीच का मुआमला है। सरकार इसमें दख़ल 104385 test‏.htm फैलाये बीच में खड़ा था। बीच की चट्टानें उसके दाँतों से 104386 test‏.htm में वह जलन और अशांति न थी। बीच की दीवार टूट गयी थी। 104387 test‏.htm अब वह खेतों के बीच की पगडंडी छोड़कर एक खलेटी में 104388 test‏.htm हो सकता है? दर्शन तो केवल बीच की मंज़िल है। 104389 test‏.htm का छोटा-सा बालक था। बीच के ये पचीस-तीस साल जैसे मिट 104390 test‏.htm गये। उसके और उसके घर के बीच केवल आमों का छोटा-सा बाग़ था। 104391 test‏.htm लिये हमने रुपए, दबा लिये, बीच खेत दबा लिये। डंके की चोट कहती 104392 test‏.htm खाकर भी कुछ दूर उड़ी, फिर बीच धार में गिर पड़ी और लहरों के 104393 test‏.htm रहेगी। समय ख़राब है, नहीं बीच बाज़ार में इस चुड़ैल धनिया 104394 test‏.htm खुर्शेद ने मज़दूरों के बीच में आकर ऊँची आवाज़ से कहा -- 104395 test‏.htm मेरे और मेरी स्त्री के बीच में आने का साहस करे, तो मैं उसे 104396 test‏.htm करने आ पहुँची थीं। गरजन के बीच में कभी-कभी बूँदें भी गिर जाती 104397 test‏.htm कैसे नहीं करेंगे? साल के बीच में काम नहीं छोड़ सकते। जेठ 104398 test‏.htm में सौदा कर लिया, तो यह बीच में कूदनेवाली कौन! 104399 test‏.htm आज से मेरे और तुम्हारे बीच में कोई नाता नहीं रहा। 104400 test‏.htm जाती थी, जैसे बाँदियों के बीच में कोई रानी हो। कैसा शुभ होगा 104401 test‏.htm ‘वह क्या जानता था, इनके बीच में क्या खिचड़ी पक रही है।’ 104402 test‏.htm मार-पीट हो रही थी। मैं बीच में क्या बोलता।’ 104403 test‏.htm एक चौड़ा नाला मुँह फैलाये बीच में खड़ा था। बीच की चट्टानें 104404 test‏.htm और निवृत्ति दोनों के बीच में जो सेवा-मार्ग है, चाहे उसे 104405 test‏.htm कोई बात न बची। गोबर भी बीच- बीच में डंक मारता जाता था। होरी 104406 test‏.htm दातादीन ने होरी को बीच में डालकर कहा -- सुनते हो होरी 104407 test‏.htm वह धर्म और स्वार्थ के बीच में डूब-उतरा रहा था। 104408 test‏.htm बड़ा मज़ा आ रहा था। बीच- बीच में तालियाँ बजाते थे और ‘फिर 104409 test‏.htm को मेरे और मेरी रिआया के बीच में दख़ल देने का हक़ क्या है? 104410 test‏.htm और हाथों को जाँघों के बीच में दबाकर और कंबल में मुँह 104411 test‏.htm होकर कहा -- दादा, तुम बीच में न बोलो। उनकी गाय पचास की 104412 test‏.htm करना नहीं जानते थे। बीच- बीच में परिहास भी करते जाते थे। 104413 test‏.htm के बासन मँजे-धुले रखे थे। बीच में पुआल बिछा था। वही सिलिया 104414 test‏.htm दीवार से लगाकर रखे हैं। बीच में पुआलों के गड्ढे हैं। समीप 104415 test‏.htm जी इस समय इन गँवारों के बीच में बैठे हुए इसी प्रश्न को 104416 test‏.htm रहा था। यह लोग क्यों उसके बीच में बोलते हैं। वह जैसे चाहती 104417 test‏.htm बोला -- भाई मर्द और औरत के बीच में बोलना तो न चाहिए, मगर इतनी 104418 test‏.htm कहती थीं -- तुमको हमारे बीच में बोलने का कुछ मजाल नहीं 104419 test‏.htm है? कौन होता है कोई उसके बीच में बोलनेवाला? उसने एक औरत 104420 test‏.htm उठा -- तू कौन होती है मेरे बीच में बोलनेवाली? मैं तुझसे सलाह 104421 test‏.htm मेरा गधापन था कि तुम्हारे बीच में बोला -- तुमने खाया है, तुम 104422 test‏.htm लिए जगह नहीं है और अगर तुम बीच में बोले, तो फिर या तो तुम्हीं 104423 test‏.htm -- इस ऐश्वर्य और विलास के बीच में भी यह नारी-हृदय कितना दुखी 104424 test‏.htm गोविंदी बरसने लगी। उनके बीच में मालती का नाम आ जाना मानो 104425 test‏.htm सेवा ही करती और दोनों के बीच में यह मालिन्य समय के साथ लोहे 104426 test‏.htm कुछ देर इन नरपुँगवों के बीच में रहकर उनके बर्बर प्रेम का 104427 test‏.htm हैं। जब इन्हीं लोगों के बीच में रहना है, तो ऐसे रहना चाहिए 104428 test‏.htm को अपने और अपनी स्त्री के बीच में लाना चाहूँ, तो मेरी पत्नी 104429 test‏.htm ज़रा भी थकन न होती थी। बीच- बीच में वह हँस-बोल भी लेता था। फिर 104430 test‏.htm मामला तो हमारे-तुम्हारे बीच में हुआ है। वह कौन होता है? 104431 test‏.htm इसी बीच में होरी को ज्वर आने लगा। फ़स्ली 104432 test‏.htm तुमको एक हज़ार आदमियों के बीच से ले जा सकता है।’ 104433 test‏.htm ‘तुम इतने आदमियों के बीच से हमें नहीं ले जा सकता।’ 104434 test‏.htm पुनिया और कई स्त्रियाँ बीच -बचाव करने आ पहुँची थीं। गरजन 104435 test‏.htm झगड़ा हो जाय, सहुआइन वहाँ बीच -बचाव करने के लिए अवश्य पहुँचेगी। 104436 test‏.htm कोई बात न बची। गोबर भी बीच -बीच में डंक मारता जाता था। 104437 test‏.htm उन्हें बड़ा मज़ा आ रहा था। बीच -बीच में तालियाँ बजाते थे और 104438 test‏.htm करना नहीं जानते थे। बीच -बीच में परिहास भी करते जाते 104439 test‏.htm उसे ज़रा भी थकन न होती थी। बीच -बीच में वह हँस-बोल भी लेता था। 104440 test‏.htm बक ले, मन में कीना न पाले। बीज अंदर पड़ा, तो अँखुआ निकले बिना 104441 test‏.htm आधा साझा; मगर पंडित जी ने बीज और मजूरी का कुछ ऐसा ब्योरा 104442 test‏.htm तो नीलाम हो गयी थी। ऊख के बीज के लिए उसे रुपए न मिले और ऊख 104443 test‏.htm के खेतों में हल चल रहे थे। बीज डाले जा रहे थे। कहीं-कहीं गीत 104444 test‏.htm होकर बोले -- तो चलो, मैं अभी बीज तौल दूँ, जिसमें सबेरे का झंझट 104445 test‏.htm के साझे में खेती की थी। बीज देकर आधी फ़सल ले लेंगे। इस 104446 test‏.htm भी। उसके अंदर पड़नेवाले बीज में जैसी शक्ति हो। 104447 test‏.htm हो जाता है। यह धतूरे के बीज हैं मालिक, गठिया हो, बाई हो ॰॰॰ 104448 test‏.htm कुकरौंधे, धतूरे के बीज , मदार के फूल, करजे, घमची आदि। 104449 test‏.htm धनिया ने बीड़ा उठाते हुए कहा -- जा तो रही हूँ, 104450 test‏.htm कि आप ही किसानों के हित का बीड़ा उठाये हुए हैं। मुझे किसानों 104451 test‏.htm धनिया बोली -- मुँह देखकर बीड़ा दिया जाता है, जानते हो कि नहीं। 104452 test‏.htm ने तुरंत अपने अँगोछे का बीड़ा बनाकर सिर पर रखते हुए कहा -- 104453 test‏.htm अलादीन बीड़ी जलाता हुआ बोला -- ख़रच अल्लाह 104454 test‏.htm ही कमाऊँ खा-पी सब बराबर। बीड़ी -तमाखू को भी पैसा न रहता। उस 104455 test‏.htm को आगे बढ़ाने के लिए दो बीड़े पान खाये और होरी के मुँह की 104456 test‏.htm भंग घुट रही है, पान के बीड़े लग रहे हैं, रंग घोला जा रहा है, 104457 test‏.htm तक कि कार्तिक का महीना बीत गया और गाँव में मज़दूरी मिलनी 104458 test‏.htm जब माघ बीत गया और भोला के रुपए न मिले, तो 104459 test‏.htm और घास निकले। आधा आसाढ़ बीत गया और वर्षा न हुई। 104460 test‏.htm एक महीना बीत गया। सिलिया फिर मजूरी करने 104461 test‏.htm की बात है। साल-के-साल बीत जाते हैं, गोरस के दरसन नहीं 104462 test‏.htm करने लगेंगे, तो घंटों बैठे बीत जायगा। 104463 test‏.htm दिन बीते हैं, वैसे और भी बीत जायेंगे।’ 104464 test‏.htm तुम्हारे सिर भी तो वही बीत रही है महाराज! एक-न-एक हाकिम 104465 test‏.htm लेकिन आजकल हमारे ऊपर जो बीत रही है, वह क्या तुमसे छिपा है? 104466 test‏.htm को अब उसकी ख़ुशामद करते बीतती थी। हीरा था, तो वह पुनिया को 104467 test‏.htm थी। जिस दशा में उसका बालपन बीता था, उसमें पैसा सबसे क़ीमती 104468 test‏.htm आदमी गाय-बकरी से भी गया- बीता हो गया है? लेकिन किसी को बुरा 104469 test‏.htm होरी से और न सुना गया। वह बीती बातों को बिसारकर अपने हृदय 104470 test‏.htm दुखड़ा रोया। होरी ने अपनी बीती सुनायी -- लड़कों की आजकल कुछ 104471 test‏.htm और मैं तो उन सबसे गयी बीती हूँ। जो स्त्री अपने पुरुष को 104472 test‏.htm में वह वेश्याओं से भी गयी बीती है; क्योंकि वह परदे की आड़ से 104473 test‏.htm गला दबायें। जैसे इतने दिन बीते हैं, वैसे और भी बीत जायेंगे।’ 104474 test‏.htm -- तुम तो बच्चों से भी गये- बीते हो जो बिल्ली की म्याऊँ सुनकर 104475 test‏.htm तथा अनात्मवाद की ख़ूब छान- बीन कर लेने पर वह इसी तत्व पर पहुँच 104476 test‏.htm के विषय में काफ़ी छान- बीन करती हैं। पहले भी तो स्वयंवर 104477 test‏.htm है। दिन-दिन भर सूखा गोबर बीना करते थे। उस पर भी तू बिना दस 104478 test‏.htm है। मैं न होती लाला, तो यह बीबी आज तुम्हारी लातें खाने के लिए 104479 test‏.htm भी यहीं होती हैं। मियाँ- बीबी और सास-बहू और भाई-भाई के झगड़े-टंटे 104480 test‏.htm सुना है, खन्ना साहब अपनी बीबी को मारा करते हैं। तब से मुझे 104481 test‏.htm धो-धोकर पियेंगे। मैं ऐसी बीबी नहीं चाहता, जिससे मैं ऐंस्टीन 104482 test‏.htm में लड़ाई करवा दे, मियाँ- बीबी में लड़ाई करवा दे। इस फ़न में 104483 test‏.htm छोटी बीबी यह वाक्य सुन लेती है और मुँह 104484 test‏.htm करता था। एक बार मैंने बड़ी बीबी से पूछा, तो हँसकर बोलीं -- हम 104485 test‏.htm दिखाता है। मैं न हुई तेरी बीबी , नहीं यही जूती उठाकर मुँह पर 104486 test‏.htm कहता है मेरे घर न आया करो। बीबी -बच्चा रखने चला है, यह नहीं जानता 104487 test‏.htm चला है, यह नहीं जानता कि बीबी -बच्चों का पालना बड़े गुर्दे 104488 test‏.htm -- वह जा रही है खन्ना की बीबी ; लेकिन इस शहर में रहूँ क्यों 104489 test‏.htm जानेवाला, कुछ हलका, बल्कि बीभत्स -सा लगता था। उस बड़े बँगले में 104490 test‏.htm है, इसे जाने दीजिए। किसी बीमा कंपनी के डाइरेक्टर बनने में 104491 test‏.htm मेहता ने पूछा -- आग- बीमा तो करा लिया था न? 104492 test‏.htm पर वकालत न चलने के कारण एक बीमा -कंपनी की दलाली करते हैं और 104493 test‏.htm बाँटकर यश कमाते थे, कोई बीमार आराम हो, तो उसकी कुशल पूछने 104494 test‏.htm ‘मैं डरती हूँ, कहीं तुम बीमार न पड़ जाओ।’ 104495 test‏.htm है। समझ लीजिएगा, एक दिन बीमार पड़ गये और जायगा भी तो मिस मालती 104496 test‏.htm वह पड़ते हैं, जिन्हें बीमार पड़ने की फ़ुरसत होती है। यहाँ 104497 test‏.htm में विशेष कष्ट न था। इधर बीमार पड़े, उधर विदा हो गये, लेकिन 104498 test‏.htm भर-भर पिलायेगी और जब तुम बीमार पड़ोगे तो तुम्हारी सेवा करेगी? 104499 test‏.htm है, तो कोई-न-कोई तो हमेशा बीमार रहेगा ही। और बड़े आदमियों के 104500 test‏.htm ‘चल; बीमार वह पड़ते हैं, जिन्हें बीमार 104501 test‏.htm का ब्याह कैसे हो, या बीमार स्त्री के लिए वैद्य कैसे आयँ 104502 test‏.htm उस पर गोविंदी महीनों से बीमार है। उसने खन्ना पर अपने को बलिदान 104503 test‏.htm बार-बार याद आ रही थी। बीमार हो क्या? 104504 test‏.htm पानी भी नहीं डालते; लेकिन बीमार हो जाते हैं, तो बिना नहाये-धोये, 104505 test‏.htm हँसी उड़ाता हूँ। मैं अगर बीमार होता हूँ, तो मुझे सुख होता है। 104506 test‏.htm बना रह गया। वह तो कहो इस बीमारी ने आकर उसे नर्म कर दिया, नहीं 104507 test‏.htm होरी खाट पर पड़ा रहा। इस बीमारी ने होरी को तो कुचल डाला ही, पर 104508 test‏.htm रहता था; वह चाहती थी जिस बीमारी में इतना स्वाद है, वह उसे ही 104509 test‏.htm है, दक्षिणा भी मिलती है। बीमारी में दवा-दारू भी करते हैं, झाड़-फूँक 104510 test‏.htm में रुपए हों, तो थोड़ी-सी बीमारी सुख की वस्तु है। 104511 test‏.htm और पत्रिकाओं का, कोई जीवन- बीमे का, कोई ग्रामोफ़ोन लिये सिर 104512 test‏.htm तो बीरों का धरम है। बड़ा बीर है, तो किसी मर्द से लड़। जिसकी 104513 test‏.htm मुख लाल हो रहा है। आँखें बीरबहूटी बनी हुई हैं। पसीना टपक रहा 104514 test‏.htm इज़्ज़त नहीं जाती! यही तो बीरों का धरम है। बड़ा बीर है, तो किसी 104515 test‏.htm हुआ था। उठकर राय साहब से बीली -- मेहता की पार्टी तो बुरी तरह 104516 test‏.htm तालियाँ पड़ेंगी। अब शायद बीस आदमी उनकी तरफ़ और होंगे और 104517 test‏.htm पटेश्वरी, शोभा और दस- बीस आदमी और दौड़े आते दिखायी दिये। 104518 test‏.htm आज जो सुतली बेची थी उसके बीस आने पैसे लायी और पति के ठंडे 104519 test‏.htm कलेजा मज़बूत किया और एक बीस क़दम ओर चले। कंबख़्त कहाँ रह 104520 test‏.htm उन्हें देखती रही। जब वह बीस क़दम निकल गये, तो झुँझलाकर 104521 test‏.htm कर लखनऊ की सड़क पकड़ ली। बीस कोस ही तो है। साँझ तक पहुँच 104522 test‏.htm बताया। अंदाज़ से अट्ठारह- बीस कोस होंगे। 104523 test‏.htm इसी गाँव में एक-दो नहीं, दस- बीस परतोख दे दूँ। माँ-बाप करज़-कवाम 104524 test‏.htm -- मेरे पास बीस रुपए की जगह बीस पैसे भी नहीं हैं। ब्राहमणों 104525 test‏.htm अपने विवाहित जीवन के इन बीस बरसों में उसे अच्छी तरह अनुभव 104526 test‏.htm करता है सूअर। जब कहो, तो बीस बहाने निकालने लगता है। 104527 test‏.htm जायँगे। एक रुपए में अगर दस- बीस बुद्धुओं पर एहसान का नमदा कसा 104528 test‏.htm की चौपाल में ढेर करता रहा। बीस मन जौ था, पाँच मन गेहूँ और इतना 104529 test‏.htm ‘एक सौ बीस मिले; पर सब वहीं लुट गये, धेला 104530 test‏.htm कि झिंगुरीसिंह पर भी उसके बीस रुपए आते थे; लेकिन कोई देने 104531 test‏.htm मुझे कोई जानता ही न हो। दस- बीस रुपए कमा लेना ऐसा क्या मुश्किल 104532 test‏.htm अस्सी रुपए की गाय है, हमसे बीस रुपए का भूसा ले लें ओर गाय हमें 104533 test‏.htm दिखाकर कहा -- मेरे पास बीस रुपए की जगह बीस पैसे भी नहीं 104534 test‏.htm रुपए कहूँगा; लेकिन जो बीस रुपए के दाम लो। 104535 test‏.htm शौक़ था कि जिसके पास दस- बीस रुपए जमा हो जाते, वही महाजन 104536 test‏.htm कोई प्रबंध न कर सकता था। बीस रुपए तो तेलहन, गेहूँ और मटर 104537 test‏.htm बेचता है, तो किसी लालच से। बीस रुपए नहीं मैं पंद्रह रुपए कहूँगा; 104538 test‏.htm तलाशी हो रही है। इसके लिए बीस रुपए बहुत हैं। 104539 test‏.htm होरी को एक सौ बीस रुपए मिले। उसमें से झिंगुरीसिंह 104540 test‏.htm तो चौधरी अँधेर करते हो, बीस रुपए में कहीं ऐसे बाँस जाते 104541 test‏.htm करूँ। नहीं कह दूँ कि बीस रुपए सैकड़े में बेचे हैं तो 104542 test‏.htm जाओ, तीस रुपए दिलवा दो; बीस रुपए हमारे, दस रुपए तुम्हारे।’ 104543 test‏.htm की पड़ी थी। निकालो बीस- बीस रुपए। अब भी कुशल है। कहीं राय 104544 test‏.htm नहीं रह सकती। हो सके, तो दस- बीस रुपये भूसे के लिए दे दो। 104545 test‏.htm ‘पंद्रह रुपए में नहीं, बीस रुपये में।’ 104546 test‏.htm ‘तय तो बीस रुपये में ही हुए थे चौधरी! अब 104547 test‏.htm उसका क्या बिगड़ा? आज दस- बीस लगाकर बिरादरी को रोटी दे दे, 104548 test‏.htm का ख़र्च था; मगर रियासत भी बीस लाख से कम की जायदाद न थी। वकीलों 104549 test‏.htm हुआ काका, बेबाक़ी हो गयी। बीस लिये, उसके एक सौ साठ भरे, कुछ 104550 test‏.htm थे और यद्यपि तीनों बीस- बीस साल के हो गये थे, पर अभी तक यूनिवर्सिटी 104551 test‏.htm हूँ। इस गाँव में रहते बीस साल हो गये। एक-एक की नस-नस पहचानती 104552 test‏.htm थे कि इस काम में पंद्रह- बीस सैकड़े का लाभ है। अगर उन्हें 104553 test‏.htm दो-चार लाख रुपए में से दस- बीस हज़ार आपके हत्थे चढ़ने की भी 104554 test‏.htm से ठीक करवा दी और दस- बीस हज़ार उसी में मार लिये। यही 104555 test‏.htm -- लेकिन साहब, मेरे पास दस- बीस हज़ार एलेक्शन पर ख़र्च करने 104556 test‏.htm इन्हीं पाँच-सात दिनों में बीस हज़ार का प्रबंध करना है। कैसे 104557 test‏.htm उसकी ग्राहक-संख्या को बीस हज़ार तक पहुँचा दिया जाय। प्रांत 104558 test‏.htm से उसका काम करते और दस- बीस हज़ार बना लेते। जब काँग्रेस 104559 test‏.htm अवहेलना न करेगी; अगर दस- बीस हज़ार रुपए बल खाने से भी यह 104560 test‏.htm आप चाहें तो आपको उनसे दस- बीस हज़ार रुपए महज़ यह ज़ाहिर कर 104561 test‏.htm साहब ने बेटे के ब्याह में बीस हज़ार लुटा दिये। उनसे कोई कुछ 104562 test‏.htm है। अँग्रेज़ सरकार अमको बीस हज़ार सालाना ख़िराज देता है। 104563 test‏.htm तीन लड़कियाँ थीं। कोई बीस- बीस , पच्चीस-पच्चीस की होंगी। एक-से-एक 104564 test‏.htm दूसरी ख़ुद राय साहब। कोई बीस -पचीस मील पर पहाड़ी प्रांत शुरू 104565 test‏.htm ज़रा देर में बीस -पच्चीस बच्चे आ गये। मालती उनकी 104566 test‏.htm गुप्तदान में उड़ जाती है। बीस -पच्चीस लड़के उन्हीं से वज़ीफ़ा 104567 test‏.htm को रुपए की पड़ी थी। निकालो बीस -बीस रुपए। अब भी कुशल है। कहीं 104568 test‏.htm पढ़ते थे और यद्यपि तीनों बीस -बीस साल के हो गये थे, पर अभी 104569 test‏.htm तीन लड़कियाँ थीं। कोई बीस -बीस, पच्चीस-पच्चीस की होंगी। 104570 test‏.htm जी मैदान में उतरे -- आप इस बीसवीं शताब्दी में भी ऊँच-नीच का भेद 104571 test‏.htm होकर बोले -- लेकिन यह बीसवीं सदी है, बारहवीं नहीं। रुद्रपाल 104572 test‏.htm चचेरे भाई, कई सगे भाई, बीसियों नाते के भाई। एक चचा साहब राधा 104573 test‏.htm सरोज बी॰ ए॰ में पढ़ती थी, दुबली-सी, लंबी, 104574 test‏.htm पहने हुए हैं, मिस्टर बी॰ मेहता, युनिवर्सिटी में दर्शनशास्त्र 104575 test‏.htm से कहाँ फ़ुरसत कि होरी की बुआई करें। होरी दिन-भर इधर-उधर मारा-मारा 104576 test‏.htm मगर उन्हें अपने खेतों की बुआई से कहाँ फ़ुरसत कि होरी की बुआई 104577 test‏.htm आये थे। परमार्थी भी थे। बुख़ार के दिनों में सरकारी कुनैन बाँटकर 104578 test‏.htm को ज्वर आने लगा। फ़स्ली बुख़ार फैला था ही। होरी उसके चपेट 104579 test‏.htm रहती थी। आज खाँसी है, तो कल बुख़ार ; कभी पसली चल रही है, कभी हरे-पीले 104580 test‏.htm लाया था, पर शीत में वह भी बुझ गया। बेवाय फटे पैरों को पेट 104581 test‏.htm अग्नि-सागर में जाकर जैसे बुझ जाते थे। ईंटें जल रही थीं, लोहे 104582 test‏.htm की तरह इस ऊपर की लेप-थोप से बुझनेवाली नहीं। 104583 test‏.htm था। उनकी बहन कमरे की बत्ती बुझा दिया करती थीं। एक दिन बहन ने 104584 test‏.htm में ही अपनी आत्मा की प्यास बुझाई है। दोनों बच्चों के प्यार में 104585 test‏.htm लिए आयेंगे। उन्हें समझा- बुझाकर या धमका कर भगा देंगे। हड़तालियों 104586 test‏.htm अच्छा समझा जाय, जो प्यास बुझाता है, जिलाता है, और शांत करता है? 104587 test‏.htm पी-पीकर दिल की आग नहीं बुझाते थे? 104588 test‏.htm छोड़कर भागा, आग मुझे बुझानी पड़ रही है। अस्सी रुपए में 104589 test‏.htm हैं, उन्हें उसको समझाने- बुझाने का अधिकार है, उनकी मार को भी 104590 test‏.htm देखा ही नहीं? या देखकर भी बुझाने का प्रयास न किया? इस तरह के प्रश्न 104591 test‏.htm गयी है, और लोग खाट से उठ-उठ बुझाने दौड़े जा रहे हैं। 104592 test‏.htm क्यों देख रहे हैं, आग बुझाने में मदद क्यों नहीं करते; मगर 104593 test‏.htm वह झोपड़ी में गयी, बुझी हुई आग फिर जलायी। देखा तो मांस 104594 test‏.htm मोद और आकर्षण की वस्तु तो बुझी हुई आशाएँ और मिटी हुई स्मृतियाँ 104595 test‏.htm -- कर दो नालिस गोबर भैया! बुड्ढा काला साँप है -- जिसके काटे का 104596 test‏.htm अब उसे मालूम होने लगा कि बुड्ढा कितना कामकाजी आदमी था। सबेरे 104597 test‏.htm चोट लग जाती; लेकिन मैं बुड्ढा होकर भी उल्लू बना रह गया। वह 104598 test‏.htm गाय अपनी मौत से मरी है। बुड्ढी हो गयी थी। 104599 test‏.htm से निकलेंगे। वह उधरवाले बुड्ढे ने इसे दबोच लिया। बेचारा छूट 104600 test‏.htm किया। अभी चिलम नहीं पीता। बुड्ढे ने प्रसन्न होकर कहा -- बड़ा अच्छा 104601 test‏.htm हो रहा है। मिर्ज़ा के कई बुड्ढे मेहता की तरफ़ लपके और उनसे 104602 test‏.htm थोड़ा-सा मनोरंजन भी था। बुड्ढों का बुढ़भस हास्यास्पद वस्तु 104603 test‏.htm मन में ऐंठकर रह गया। इन बुड्ढों को उठा-उठाकर पटकता; लेकिन कोई 104604 test‏.htm वस्तु है और ऐसे बुड्ढों से अगर कुछ ऐंठ भी लिया जाय, तो 104605 test‏.htm हम तो यही देखते हैं कि इन बुड्ढों -जैसे जीवट के जवान भी आज मुश्किल 104606 test‏.htm मनोरंजन भी था। बुड्ढों का बुढ़भस हास्यास्पद वस्तु है और ऐसे 104607 test‏.htm सूखी जाती हूँ कि भगवान यह बुढ़ापा कैसे कटेगा? किसके द्वार पर 104608 test‏.htm में उसके जाड़े कटे थे और बुढ़ापे में आज वही बूढ़ा कंबल उसका 104609 test‏.htm आत्मा को जागृति मिलती है। बुढ़ापे में कौन अपनी जवानी की भूलों 104610 test‏.htm कामता से मेरी लड़ाई हुई। बुढ़ापे में यह दाग़ भी लगना था, वह लग 104611 test‏.htm बुढ़िया इस संख्यातीत श्रद्धा पर गद्गद् 104612 test‏.htm बुढ़िया कर्कश स्वर में बोली -- तू न चलेगी? 104613 test‏.htm ‘तुम अभी बुढ़िया कैसे हो गयी भाभी? मुझे तो अब 104614 test‏.htm गोबर ने जो कुछ कहा, उसमें बुढ़िया को अपना मंगल ही दिखायी दिया। 104615 test‏.htm महाराज, इतना दूध कहाँ। बुढ़िया तो हो गयी है। फिर यहाँ रातिब 104616 test‏.htm बुढ़िया ने क्रोध के उन्माद में सिलिया 104617 test‏.htm जब गोबर चलने लगा, तो बुढ़िया ने खाँड़ और सत्तू मिलाकर उसे 104618 test‏.htm बुढ़िया ने निश्चयात्मक भाव से कहा -- 104619 test‏.htm बुढ़िया फिर झपटी, तो हरखू ने उसे धक्के 104620 test‏.htm ही पड़ता है। पूछो, मैं अब बुढ़िया हुई, मुझसे क्या हँसी।’ 104621 test‏.htm सेवा-टहल करने के लिए वह बुढ़िया है।’ 104622 test‏.htm हुआ, तभी उस मत का जन्म हुआ। बुद्ध और प्लेटो और ईसा सभी समाज में 104623 test‏.htm यह मेरा अहिंसावाद था। आप बुद्ध और शंकर के नाम पर गर्व करते 104624 test‏.htm कहा -- इसी से तो मैं तुम्हें बुद्ध कहती हूँ। ज़रा किसी ने सहानुभूति 104625 test‏.htm और इलायची देते हुए कहा -- बुद्धि अगर स्वार्थ से मुक्त हो, तो 104626 test‏.htm राज है, तब उसकी परिष्कृत बुद्धि आहत हो उठी। और मेहता से जो उसे 104627 test‏.htm उसे यह शक्ति न मिलती थी। बुद्धि और चरित्र की शक्ति देखकर वह 104628 test‏.htm साहस न हुआ। मिर्ज़ाजी की बुद्धि और प्रभाव में उनका जो विश्वास 104629 test‏.htm ख़ुद बनाना होगा, अपनी बुद्धि और साहस से इन आफ़तों पर विजय 104630 test‏.htm संपत्ति किसी तरह नहीं। बुद्धि का अधिकार और सम्मान व्यक्ति 104631 test‏.htm उससे इतनी दुखी हैं। मेरी बुद्धि का दोष, आँखों का दोष, कल्पना 104632 test‏.htm उसके परिष्कृत जीवन में बुद्धि की प्रखरता और विचारों की दृढ़ता 104633 test‏.htm था, जो उस अगम्यता में बुद्धि की भाँति ऊँचा, पर खोया हुआ-सा 104634 test‏.htm के साथ रहने से उसकी बुद्धि कुछ जग उठी है; उसने राजनैतिक 104635 test‏.htm और भी प्रबल हो जाती है। बुद्धि के बग़ैर किसी समाज का संचालन 104636 test‏.htm त्याग का बल है। इसी तरह हम बुद्धि के हाथ में अधिकार भी देना चाहते 104637 test‏.htm शायद वहाँ के जल-वायु में बुद्धि को तेज़ कर देने की कोई शक्ति 104638 test‏.htm समाज का भवन खड़ा है। वणिक्- बुद्धि को वह आवश्यक बुराई ही समझते 104639 test‏.htm हो जायगा। अपनी विद्या और बुद्धि को, अपनी जागी हुई मानवता को 104640 test‏.htm फैला सकते हैं। लेकिन बुद्धि को, चरित्र को, और रूप को, प्रतिभा 104641 test‏.htm मंद- बुद्धि गोबर झुनिया का आशय न समझ सका। 104642 test‏.htm का रूप ले लिया है। बुद्धि तब भी राज करती थी, अब भी करती 104643 test‏.htm हूँ, तुम्हें भगवान कभी बुद्धि देंगे या नहीं। भोला क्या सहज 104644 test‏.htm ‘तुम्हें जब ईश्वर ने बुद्धि नहीं दी, तो क्यों मुझसे नहीं 104645 test‏.htm हाथ से छीन ली। उसकी चपल बुद्धि ने जैसे उड़ती हुई चिड़िया पकड़ 104646 test‏.htm तरफ़ खींच रहा था। उसकी सहज बुद्धि ने परिस्थिति का अनुमान कर लिया। 104647 test‏.htm देने लगी। उसकी सहज- बुद्धि ने बता दिया कि पटेश्वरी ही 104648 test‏.htm बात कहता है। उसकी वक्र बुद्धि ने होरी के धर्म और नीति को परास्त 104649 test‏.htm आपकी ज़बान बंद हुई। जैसे बुद्धि पर ताला लग जाता था। स्त्रियों 104650 test‏.htm के साथ क्या तुम्हारी बुद्धि भी घास खा गयी। झुनिया को क्यों 104651 test‏.htm को मिटा डाला हो। उसकी शिशु- बुद्धि मानो सज्ञान होकर समझ रही थी 104652 test‏.htm उसकी व्यावहारिक कृषक- बुद्धि सजग हो गयी। 104653 test‏.htm देह के गठन में युवती और बुद्धि से बालिका थी, जैसे उसका यौवन 104654 test‏.htm करते हैं। डायरेक्टर अपनी बुद्धि से, विद्या से, प्रतिभा से, प्रभाव 104655 test‏.htm हियर! आपकी ज़बान में जितनी बुद्धि है, काश उसकी आधी भी मस्तिष्क 104656 test‏.htm सच कहता हूँ। मुझमें जितनी बुद्धि , जितना बल है, वह इस इलाक़े के 104657 test‏.htm रूप और बल, विद्या और बुद्धि , ये विभूतियाँ संसार को चाहे 104658 test‏.htm ले। उसने देखा, मेहता की बुद्धि -प्रखरता प्रेमत्व को पशुता 104659 test‏.htm की पौरुष से, पराक्रम से, बुद्धि -बल से, तेज से। 104660 test‏.htm के लिए घृणा थी। उसको तो अब बुद्धि -शक्ति ही अपने ओर झुका सकती 104661 test‏.htm का ज्ञान हो। मेहता के बुद्धिबल और तेजस्विता ने उसके ऊपर अपनी 104662 test‏.htm कहा -- तुम सब कुछ कर सकती हो, बुद्धिमती हो, चतुर हो, प्रतिभावान हो, दयालु 104663 test‏.htm हो? मेरे सामने तो बड़े बुद्धिमान बनते हो, बाहर तुम्हारा मुँह 104664 test‏.htm एक रुपए में अगर दस-बीस बुद्धुओं पर एहसान का नमदा कसा जा सके, 104665 test‏.htm कर दिया जाय। मेहता भी अजीब बुद्धू आदमी हैं, कुछ धाँधली क्यों 104666 test‏.htm तुम्हारे जैसे एक हज़ार बुद्धू उसकी जेब में हैं। 104667 test‏.htm ‘तुम्हारे ख़याल में मैं बुद्धू और मूर्ख हूँ, तो ये हज़ारों 104668 test‏.htm दरिद्र कह ले, अभागा कह ले, बुद्धू कह ले, वह ज़रा भी बुरा न मानते 104669 test‏.htm भाग्य में तुम्हीं जैसे बुद्धू का संग लिखा था! 104670 test‏.htm तुम ख़ूब समझते हो। इतने बुद्धू नहीं हो। 104671 test‏.htm और लोहार और बेलदार और खाट बुननेवाले और टोकरी ढोनेवाले और संगतराश 104672 test‏.htm उम्र पर आश्रित न थी, उसकी बुनियाद इससे बहुत गहरी थी, श्वेत परंपराओं 104673 test‏.htm ही नहीं रहा। गोविंदी से बुनियाद का पत्थर रखवायेंगे! ऐसी दशा 104674 test‏.htm राय थी कि लेडी विलसन से ही बुनियाद रखवाई जाय; लेकिन अंत में यही 104675 test‏.htm सबकी सलाह थी कि लेडी विलसन बुनियाद रखें। मैंने गोविंदी देवी का 104676 test‏.htm हमने तय किया है, इस शाला का बुनियादी पत्थर गोविंदी देवी के हाथों 104677 test‏.htm करने को कहती थी, तो क्या बुरा करती थी। आख़िर उसे भी तो कुछ 104678 test‏.htm में नहीं फँसती, तो क्या बुरा करती है! 104679 test‏.htm है, और उस पर मुझी को लोग बुरा कहते हैं। आप ही सोचिए, मुझे 104680 test‏.htm ‘मैंने तुम्हें जो भला- बुरा कहा है, उसकी माफ़ी दे दो भाई! 104681 test‏.htm बुरा काम करोगे, तो दुनिया बुरा कहेगी ही; मगर है किसी भले घर 104682 test‏.htm तब तो दुनिया भी भोला ही को बुरा कहेगी। लोग यही तो कहेंगे, कि 104683 test‏.htm थी कि तुम्हें चोट लग गयी। बुरा काम करोगे, तो दुनिया बुरा कहेगी 104684 test‏.htm ‘कह, बुरा क्यों मानूँगी?’ 104685 test‏.htm उसका धरम नहीं है। भाई उसका बुरा चेतें, वह क्यों उसका बुरा चेते। 104686 test‏.htm बुरा चेतें, वह क्यों उसका बुरा चेते। अपनी-अपनी करनी तो अपने-अपने 104687 test‏.htm उतना रोचक न होते हुए भी बुरा न था। उनसे बहुत-सी मुआमले की 104688 test‏.htm थी। रूपा को मारता तो वह बुरा न मानती, मगर जवान लड़की को मारना, 104689 test‏.htm ले, बुद्धू कह ले, वह ज़रा भी बुरा न मानते थे; लेकिन यह कहना कि 104690 test‏.htm है, उनको लूटने में नहीं। बुरा न मानना, अब तक तुम्हारे जीवन 104691 test‏.htm यह तुम्हें अच्छा लगता है? बुरा न मानना, तुमसे संबंध हो गया 104692 test‏.htm देखकर कहा -- मिस्टर मेहता बुरा न मानें, तो बतला दूँ। 104693 test‏.htm ‘भाभी, बुरा न मानो, तो एक बात कहूँ?’ 104694 test‏.htm बेधरम किया तब तो किसी को बुरा न लगा। अब जो मतई बेधरम हो गये, 104695 test‏.htm न था। हँसी-दिल्लगी को वह बुरा न समझती थी, अगर खुले हुए रूप 104696 test‏.htm नहीं है। इसके लिए कोई हमें बुरा नहीं कह सकता। मगर जब हम नेकी 104697 test‏.htm लेकर बैठ गये। संगत को मैं बुरा नहीं कहता। गाना-बजाना ऐब नहीं; 104698 test‏.htm हो गया है? लेकिन किसी को बुरा नहीं कहती भाई! मन को जैसा बनाओ, 104699 test‏.htm -- फ़िलासफ़र किसी की बात का बुरा नहीं मानते। उनकी यही सिफ़त 104700 test‏.htm मिस्टर तंखा ने ज़रा भी बुरा नहीं माना। माथे पर बल तक न आने 104701 test‏.htm बोले -- नहीं-नहीं, मैं इसे बुरा नहीं समझता। समाज व्यक्ति ही 104702 test‏.htm रो रही थी, तब अपना भला- बुरा नहीं सूझा था? उस घड़ी हम भी अपना 104703 test‏.htm लगे। वह अगुवा बनकर क्यों बुरा बने। जब और कोई कुछ नहीं बोलता, 104704 test‏.htm राय साहब ने बुरा मानकर कहा -- जी नहीं, पंद्रह 104705 test‏.htm -- बड़ा अच्छा करते हो भैया! बुरा रोग है। एक बेर पकड़ ले, तो ज़िंदगी 104706 test‏.htm में सोना को उसका आना बुरा लग रहा था। वह समय उसकी प्रेम-क्रीड़ा 104707 test‏.htm सास का बात-बात पर बिगड़ना बुरा लगता था; आज उसे सास के उस क्रोध 104708 test‏.htm हरजाईपन औरत को भी उतना ही बुरा लगता है, जितना औरत का मर्द को। 104709 test‏.htm मतई बेधरम हो गये, तो क्यों बुरा लगता है? क्या सिलिया का धरम, 104710 test‏.htm अनुचित बात देखकर सभी को बुरा लगता है। 104711 test‏.htm ‘बिजली’ संपादक को बुरा लगा -- कोई नयी बात नहीं। मैं 104712 test‏.htm सिलिया को बुरा लगा -- तो क्या मैं वहाँ सोती 104713 test‏.htm सास। उसका नियंत्रण बहू को बुरा लगाता था और आये दिन दोनों में 104714 test‏.htm न जुटा सके, तो तुम्हें भी बुरा लगेगा और हमारी जान भी संकट 104715 test‏.htm का पच्छ करेंगी, तो हमें बुरा लगेगा ही। इसमें इतनी बात अच्छी 104716 test‏.htm फोड़ लूँगी। अपना-अपना भला- बुरा सब समझते हैं। आदमी इसीलिए नहीं 104717 test‏.htm समझते हो तो खुलकर खाओ। बुरा समझते हो, तो मत खाओ, यह तो मेरी 104718 test‏.htm न बघार। अब तू भी अपना भला- बुरा सोचने योग हो गयी है। जब यहाँ 104719 test‏.htm था? उस घड़ी हम भी अपना भला- बुरा सोचने लगते, तो आज तेरा कहीं 104720 test‏.htm वकील साहब का बुरा हाल था। वह बेजान हिरन शेर की 104721 test‏.htm रुककर कहा -- गर्मी के मारे बुरा हाल हो रहा है। आओ, इस वृक्ष के 104722 test‏.htm आदमी का बहुत सीधा होना भी बुरा है। उसके सीधेपन का फल यही होता 104723 test‏.htm सयानी हो गयी है और ज़माना बुरा है। कहीं कोई बात हो जाय, तो मुँह 104724 test‏.htm का नमदा कसा जा सके, तो क्या बुरा है। ज़रा से एहसान से बड़े-बड़े 104725 test‏.htm से वरदान मिल जाय, तो क्या बुरा है।’ 104726 test‏.htm के हाथ में पड़कर बुरा हो सकता है। जब तक स्टेज पर शिक्षित 104727 test‏.htm बेचारी अबला क्या करे? मर्द बुरा हो, तो औरत की गर्दन काट लेगा। 104728 test‏.htm वह तो अपना पति है। लाख बुरा हो; पर उसी के साथ जीवन के पचीस 104729 test‏.htm के पाँव छू लोगे, तो कुछ बुरा होगा? जिस माता की कोख से जनम 104730 test‏.htm ग़ुस्सा मत दिखा, नहीं बुरा होगा। 104731 test‏.htm क्रोध में पड़ जाओगे तो बुरा होगा। औरत जात इसी तरह बकती 104732 test‏.htm मेरे पास पहुँच जाय; वरना बुरा होगा। मैं एक-एक से चक्की पिसवाकर 104733 test‏.htm अब तो चाहे वह अच्छा है या बुरा , अपना है। दाढ़ीजार ने मुझे 104734 test‏.htm मँगरू ने शोभा को बहुत बुरा -भला कहा -- जमामार, बेईमान इत्यादि। 104735 test‏.htm थे। जिधर देखते थे, उधर ही बुराइयाँ नज़र आती थीं; मगर समाज में जब 104736 test‏.htm रोओगे। अभी मुझमें सारी बुराइयाँ ही बुराइयाँ हैं, तब आँखों से 104737 test‏.htm मुझमें सारी बुराइयाँ ही बुराइयाँ हैं, तब आँखों से आँसू निकलेंगे।’ 104738 test‏.htm हूँ, वहाँ और चाहे जितनी बुराइयाँ हों, विषय की लालसा नहीं है।’ 104739 test‏.htm तो उन्हें मालूम हुआ कि इन बुराइयों के नीचे त्याग भी है प्रेम भी 104740 test‏.htm तो राजा साहब ने पूछा -- मेरी बुराई करता होगा? 104741 test‏.htm ‘दौलत की आप इतनी बुराई करते हैं, फिर भी खन्ना की हिमायत 104742 test‏.htm मातादीन ने गोबर की बुराई करनी शुरू की -- वह तो निरा लफ़ंगा 104743 test‏.htm ‘लगा अपनी घरवाली की बुराई करने -- भिखारी को भीख तक नहीं 104744 test‏.htm ‘मरने पर किसी की क्या बुराई करूँ। मुझे देखकर जल उठती थी।’ 104745 test‏.htm ‘तुम मालती की चाहे जितनी बुराई करो, तुम उसकी पाँव की धूल भी 104746 test‏.htm झुनिया के साथ ऐसी कौन-सी बुराई की थी, जिसका उसने यह दंड दिया। 104747 test‏.htm हो, तो बचा लो। झुनिया से बुराई ज़रूर हुई। जिस दिन उसने मेरे 104748 test‏.htm अधर्म भी कमाया, कोई ऐसी बुराई न थी, जिसमें वह पड़ा न हो; पर 104749 test‏.htm ही छेड़ दिया। मैं किसी की बुराई नहीं करना चाहती; मगर अभी आपने 104750 test‏.htm नहीं कर सकती कि तुममें कोई बुराई भी है; मगर तुमने मेरी परीक्षा 104751 test‏.htm साथ भलाई की और तुम उसे बुराई समझते हो। 104752 test‏.htm संगों के मुँह से अपनी भलाई- बुराई सुनने की जितनी लालसा होती है, 104753 test‏.htm वणिक्-बुद्धि को वह आवश्यक बुराई ही समझते थे। 104754 test‏.htm ने चिंता से कहा -- यही तो बुराई है उसमें। अपने सामने किसी को 104755 test‏.htm हुए कहा -- यही तो इनमें बुराई है कि चार पैसे देखे और आँखें 104756 test‏.htm लेते हुए कहा -- उसमें क्या बुराई है, सुनूँ। भौंरे तो हमेशा घेरे 104757 test‏.htm घर बस जाय, तो इसमें कौन-सी बुराई है? 104758 test‏.htm मजूरी ही करते रहे, तो कौन बुराई है। बूड़ेसूखे और जोत-लगान का 104759 test‏.htm नहीं मानती, यही तुझमें बुराई है।’ 104760 test‏.htm अपने ही घर चली जाती, तो कौन बुराई हो जाती। घर में उसे कोई बाँध 104761 test‏.htm हूँ, किसी को अच्छा लगे या बुरा। जब हुज़ूर के क़दमों को पकड़े 104762 test‏.htm चली जाऊँगी, अच्छा हो या बुरा।’ 104763 test‏.htm साथ चली आयी। अच्छा है या बुरा।’ 104764 test‏.htm पटेश्वरी में चिढ़ने की बुरी आदत थी। और पंडित दातादीन तो 104765 test‏.htm न ली। आप में टाल-मटोल की बुरी आदत है। जब अपने लाभ की बातों 104766 test‏.htm थोड़े ही थे। जब भली या बुरी एक बात हो गयी, तो उसे निभानी 104767 test‏.htm आ रहे हैं? महाराज तो बड़ी बुरी ख़बर लाया। 104768 test‏.htm पायें तो शायद उनकी बुरी गत बनाये; पर पंडितजी बहुत बचे 104769 test‏.htm के पहलू में यह काँटा भी बुरी तरह खटक रहा था। कहीं वह ज़ायदाद 104770 test‏.htm रक्षा करते हुए गोबर भी बुरी तरह घायल हो गया। मिर्ज़ाजी 104771 test‏.htm बीली -- मेहता की पार्टी तो बुरी तरह पिट रही है। 104772 test‏.htm रहे हैं, मेहता ने मुझे इस बुरी तरह फाँसा है कि निकलने का कोई 104773 test‏.htm के देखते इनकी दशा बहुत बुरी न थी। भोला गाँव का मुखिया था। 104774 test‏.htm बात कही होती, उसे इतनी बुरी न लगती; पर मालती से उसकी यह घृणित 104775 test‏.htm था और लज्जा थी। नोहरी उतनी बुरी नहीं है, जितना लोग समझते हैं। 104776 test‏.htm झुनिया देखने-सुनने में तो बुरी नहीं है। उसी से कर ले सगाई। 104777 test‏.htm क्यों लगते हो। उसने कौन-सी बुरी बात कही थी कि तुम्हें चोट लग 104778 test‏.htm थी और यह कोई बुरी बात न थी। इस तरह का छल तो वह 104779 test‏.htm यह तमाचा कैसे पड़ता। कोई बुरी बात होनेवाली होती है तो मति 104780 test‏.htm गोबर को पुरुष की निर्दयता बुरी लग रही थी। भीड़ के सामने तो 104781 test‏.htm को भी गोबर की यह उद्दंडता बुरी लगती थी। रूपा को मारता तो वह 104782 test‏.htm पिता की यह धन और मानलिप्सा बुरी लगती थी। 104783 test‏.htm गोबर को उसकी दया बुरी लगी -- यह तुमने क्या किया? उसकी 104784 test‏.htm रोग मढ़ दोगे। न जाने किस बुरी साइत में तुमको देखा। न तुम 104785 test‏.htm औरत की गर्दन काट लेगा। औरत बुरी हो, तो मर्द के मुँह में कालिख 104786 test‏.htm हों। अच्छा-से-अच्छा नाटक बुरे अभिनेताओं के हाथ में पड़कर 104787 test‏.htm आज मिस्टर खन्ना किसी बुरे आदमी का मुँह देखकर उठे थे। 104788 test‏.htm और उसे अपने साथ चलाना भी। बुरे कामों में ही सहयोग की ज़रूरत 104789 test‏.htm रहते थे। उदास मन से बोली -- बुरे दिन आते हैं बाबा, तो आदमी की 104790 test‏.htm था पंडित नोखेराम। आदमी बुरे न थे; मगर मालिक का हुक्म था। 104791 test‏.htm हुई, तो यहाँ तुम उससे बुरे न रहोगे। 104792 test‏.htm कहेंगे यही इसका धरम था। जो बुरे हैं उनकी मैं परवा नहीं करता।’ 104793 test‏.htm से नहीं। फिर अपने भाई लाख बुरे हों, हैं तो अपने भाई ही। अपने 104794 test‏.htm राय साहब का सितारा बुलंद था। उनके तीनों मंसूबे पूरे 104795 test‏.htm को भेजकर मुझे क्यों नहीं बुलवा लिया।’ 104796 test‏.htm तू आ गया होरी, मैं तो तुझे बुलवानेवाला था। देख, अबकी तुझे राजा जनक 104797 test‏.htm बैठा जाता है। ख़ुदा झूठ न बुलवाये तो यह आपकी एक दिन की आमदनी है। 104798 test‏.htm के ढंग देखकर उसके ससुर को बुला कर बिदा कर दिया। कोई कहाँ तक 104799 test‏.htm ने पूछा -- अच्छी बात है बुला देता हूँ, किसे बुलाऊँ? 104800 test‏.htm नहीं उतरा, किसी डाक्टर को बुला दो। 104801 test‏.htm बुला ला। कहना, पंडित दादा बुला रहे हैं। अगर उसने हत्या नहीं 104802 test‏.htm करो। तब तक मैं मोटरवाले को बुला लाऊँगी। 104803 test‏.htm रुपये कहे थे। कहो तो बुला लाऊँ।’ 104804 test‏.htm सराय में रहती है। लपककर बुला लाओ। कहना, जल्दी चल। तब तक मैं 104805 test‏.htm ‘नहीं-नहीं, मैं बुला लाता हूँ।’ 104806 test‏.htm ‘तो मैं दौड़कर उनको बुला लाती हूँ। तुम चलकर छाँह में 104807 test‏.htm सोनारी चली जाना और उसे बुला लाना; मगर नहीं, बुलाने का काम 104808 test‏.htm गोबर को भेज दे, अपनी माँ को बुला लाये।’ 104809 test‏.htm से कह दे, दो-चार दिन;के लिए बुला लावे। मुझे चेचक का डर है। कितनी 104810 test‏.htm चली तो जा रुपिया, हीरा को बुला ला। कहना, पंडित दादा बुला रहे 104811 test‏.htm बोली -- अम्माँ को जल्दी से बुला ला। कहना, बड़ा काम है, बिलम न 104812 test‏.htm उन्होंने लड़कों को घर बुला लिया। एक बार रेल का टिकट उधार 104813 test‏.htm सहानुभूति तो करे। तुरंत बुला लिया। 104814 test‏.htm ‘मिस मालती को क्यों न बुला लूँ? फ़ीस भी कम और बच्चों का 104815 test‏.htm दे देती थी। समय से खाने को बुला ले जाती थी। अब बेचारे अनाथ-से 104816 test‏.htm कोई है कि नहीं? किसी को बुला लेना था।’ 104817 test‏.htm ऐसा ही कोई अवसर आय तो मुझे बुला लेना।’ 104818 test‏.htm ‘बुला लो डाक्टर नाग को।’ 104819 test‏.htm ‘तो जिसे चाहो बुला लो, मैंने तो नाग को इसलिए कहा 104820 test‏.htm -- भैया, अब बाल-बच्चों को बुला लो। कब तक हाथ से ठोकते रहोगे। 104821 test‏.htm दौड़कर जा और सिपाहियों को बुला , ला जल्द दौड़! 104822 test‏.htm बात है बुला देता हूँ, किसे बुलाऊँ ? 104823 test‏.htm ‘पुछवायेगी, बुलाऊँ ?’ 104824 test‏.htm का फ़ैसला सुनने के लिए बुलाए गये। चौपाल में इतनी भीड़ थी 104825 test‏.htm ‘तो इसे बुलाओ , मैं पहले इसी का बयान लिखूँगा। 104826 test‏.htm होगा। कहाँ है सरदार, उसको बुलाओ। 104827 test‏.htm है। ज़रा कुछ हुआ और डाक्टर बुलाओ। एक रोज़ और देखो, आज तीसरा ही 104828 test‏.htm झिंगुरीसिंह ने होरी को बुलाकर कान में कहा -- निकालो जो कुछ 104829 test‏.htm वह वैष्णव हैं, उन्हें यहाँ बुलाकर क्यों बेचारे का धर्म नष्ट करोगी। 104830 test‏.htm कि राय साहब ने पंचों को बुलाकर ख़ूब डाँटा और इन लोगों ने जितने 104831 test‏.htm है, तो फ़ौरन नोखेराम को बुलाकर जवाब-तलब किया -- क्यों उन्हें, 104832 test‏.htm ही बट जाता है। दोनों को बुलाकर दिखा देना चाहिए। नहीं कहेंगे 104833 test‏.htm तो आज ही भेजा था। कहो तो बुलाकर पुछवा दूँ?’ 104834 test‏.htm की -- सरकार, एक बार कामता को बुलाकर पूछ लो, क्या बाप के साथ बेटे 104835 test‏.htm पा चुका था, मिर्ज़ा ने उसे बुलाकर पौधे सींचने का काम सौंपा। उसे 104836 test‏.htm होरी ने रूपा को बुलाकर प्यार से गोद में बैठाया और 104837 test‏.htm मन तो ताकता ही था; बल्कि बुलाता था।’ 104838 test‏.htm ‘अच्छी बात है, उन्हीं को बुलाता हूँ, मगर यह समझ लो कि नाम हो 104839 test‏.htm है? आज ही प्यादा भेजकर बुलाता हूँ।’ 104840 test‏.htm कितना चोंचाल था, जो कोई बुलाता , उसी की गोद में चला जाता। मरकर 104841 test‏.htm होरी ने कातर स्वर में कहा -- बुलाती तो है, लेकिन पंडित को जानती 104842 test‏.htm नहीं किसी को भेजकर डाक्टर बुलाती। 104843 test‏.htm ने तो कभी कुछ नहीं कहा, जब बुलाते हैं, बड़े प्यार से। मेरा सिर 104844 test‏.htm गर्व से कहा -- रात को क्यों बुलाते हैं, मैं तो बाक़ी दे चुका हूँ। 104845 test‏.htm ठीक हो गया। गोबर को भी बुलाना होगा। अपनी तरफ़ से लिख दो, आने 104846 test‏.htm बुलाया कब था? सोना को भी बुलाना होगा। 104847 test‏.htm धनिया उसे भोजन करने के लिए बुलाने आयी थी। होरी ने बैलों को पैर 104848 test‏.htm और उसे बुला लाना; मगर नहीं, बुलाने का काम नहीं। मुझे उससे बोलते 104849 test‏.htm होकर आयी है। डाक्टर के बुलाने का तो केवल बहाना था। खन्ना 104850 test‏.htm बोला -- मुझे तो तुम्हें बुलाने का हुक्म मिला है। जो कुछ अरज 104851 test‏.htm रहा था। कई बार इन लोगों को बुलाने के लिए आदमी आ चुके थे। कई हुक्काम 104852 test‏.htm मालती और आगे बढ़ी -- ‘चीं’ बुलाने के लिए आप इतनी ज़बरदस्ती नहीं 104853 test‏.htm बोली -- तो यहाँ कौन उन्हें बुलाने जाता है। 104854 test‏.htm ने डाँटा -- चल घर, किसी को बुलाने नहीं जाना है। 104855 test‏.htm ‘वह उन्हें बुलाने नहीं जायेंगे।’ 104856 test‏.htm ‘तो उसे बुलाने ही कौन जाता है। अपना-अपना धरम 104857 test‏.htm ने होरी को इशारे से बुलाया और दूर ले जाकर कमर से सौ-सौ रुपये 104858 test‏.htm मुँह न रहे कि तुमने मुझे बुलाया कब था? सोना को भी बुलाना होगा। 104859 test‏.htm उन्होंने कई बार तंखा को बुलाया था; मगर वह या तो घर पर मिलते 104860 test‏.htm रहा गया। पूछा -- किस मतलब से बुलाया था? 104861 test‏.htm सुना, तो आकर बोली -- काहे को बुलाया बहू, मैं तो घबड़ा गयी। 104862 test‏.htm ‘फिर उन्हें बुलाया ही क्यों? आख़िर उन्हें औरतों 104863 test‏.htm कहा -- चलो, कारिंदा साहब ने बुलाया है। 104864 test‏.htm आना। कहना, दादा ने तुम्हें बुलाया है। न आये, हाथ पकड़कर खींच लाना। 104865 test‏.htm ने होरी को इशारे से बुलाया , अपने घर ले गये, तीस रुपए गिनकर 104866 test‏.htm सर्जन और बड़े सर्जन तार से बुलाये जा रहे हैं, मसीहुलमुल्क को 104867 test‏.htm हास्य-जनक था। मालती बिना बुलाये मेहमान की भाँति उनके द्वार 104868 test‏.htm तुम उसे पंखा झलते रहो, मैं बुलाये लाती हूँ। यही कहते हैं, अनाड़ी 104869 test‏.htm भी देखें। कैसे मालिक को बुलाये ? वह अवसर खोज रहा था, और ज्योंही 104870 test‏.htm काम करेगा, तो सौ आदमी उसे बुलायेंगे। काम सबको प्यारा होता है, चाम 104871 test‏.htm तो नहीं रहती थी, झाड़ू- बुहारू , रसोई, चौका-बरतन, लड़कों की देख-भाल 104872 test‏.htm तब मैं तुम्हारा साथ दो बूँद आँसू गिराकर छोड़ दूँगी, और 104873 test‏.htm जीवन, जिसके लिए कोई चार बूँद आँसू बहानेवाला भी नहीं। तब 104874 test‏.htm नीचा कर लिया। आँसू की एक बूँद उसके कपोल पर आ गिरी थी। 104875 test‏.htm करता हूँ कि शराब की एक बूँद भी कंठ के नीचे न जाने दूँगा। 104876 test‏.htm -- साँझ हो गयी, जो पानी की बूँद भी कंठ तले गयी हो, तो गो-मांस 104877 test‏.htm हैं, इसके साथ ही इस बादल- बूँदी और जाड़े-पाले में इतनी रात 104878 test‏.htm दोनों कोनों से आँसू की दो बूँदें ढुलक पड़ी। क्षीण स्वर में बोला 104879 test‏.htm गरजन के बीच में कभी-कभी बूँदें भी गिर जाती थीं। दोनों ही अपने-अपने 104880 test‏.htm कितना सत्य है, यह उनकी उन बूझी आँखों से छिपा न रह सका जिनमें 104881 test‏.htm न हुए थे। और गोबर चमाचम बूट पहने हुए था। साफ़-सुथरी, धारीदार 104882 test‏.htm ने कुतूहल से पूछा -- मगर इन बूटियों के गुण आपको याद कैसे रहेंगे? 104883 test‏.htm ऐसे लोग भी आते हैं, जो जड़ी- बूटियों पर जान देते हैं। उनको इतना 104884 test‏.htm उसने बूटी ज़मीन पर रखकर पूछा -- तब तक तो 104885 test‏.htm लाते थे, वह उसे भाँग- बूटी में उड़ाता था। एक चमारिन से 104886 test‏.htm की बातें करते हैं। जिस बूटी में जो गुण चाहे बता दीजिए, वह 104887 test‏.htm को देखा। इतनी मेहनत से बूटी लायी, उसका यह अनादर। इस गँवारिन 104888 test‏.htm कि यह किसी फ़कीर की दी हुई बूटी है, फिर आपकी ख़ुशामद करेंगे, 104889 test‏.htm ‘कौन-कौन सी जड़ी बूटी है, बता?’ 104890 test‏.htm ‘बेचूँगा मालिक! जड़ी- बूटी है।’ 104891 test‏.htm में कोई अंतर न था। सूखे- बूड़े की विपदाएँ उसके मन को भीरु 104892 test‏.htm करते रहे, तो कौन बुराई है। बूड़ेसूखे और जोत-लगान का बोझ तो न रहेगा। 104893 test‏.htm ‘अच्छा बताओ, तुम्हें बूढ़ा अच्छा लगता है, कि जवान?’ 104894 test‏.htm थे और बुढ़ापे में आज वही बूढ़ा कंबल उसका साथी है, पर अब वह भोजन 104895 test‏.htm और लात जमा देता। उसका बूढ़ा क्रोध जैसे किसी गुप्त संचित 104896 test‏.htm फूल-सी रूपा और कहाँ वह बूढ़ा ठूँठ। जीवन में । होरी ने बड़ी-बड़ी 104897 test‏.htm का बाप हरखू साठ साल का बूढ़ा था; काला, दुबला, सूखी मिर्च की 104898 test‏.htm ‘बूढ़ा नहीं है, हाँ अधेड़ है।’ 104899 test‏.htm कि बेचारा स्वार्थ-भीरु बूढ़ा रुआँसा हो गया -- तुम तो बच्चों 104900 test‏.htm में क्यों न लेंगे; हाँ, बूढ़ा रुपए नहीं ख़रच करना चाहता। 104901 test‏.htm होरी उनके सामने बिलकुल बूढ़ा लगता था। किसी मुक़दमे की पैरवी 104902 test‏.htm वही जवान है, न चाहे वही बूढ़ा है।’ 104903 test‏.htm कहा -- तुम्हारा दाहिना तो बूढ़ा हो गया होरी, अबकी सिंचाई में 104904 test‏.htm -- तो क्या तू समझती है, मैं बूढ़ा हो गया? अभी तो चालीस भी नहीं 104905 test‏.htm दिन से सुनती हूँ। वह तो बूढ़ा होगा।’ 104906 test‏.htm पगली? बिना दहेज के तो कोई बूढ़ा -ठेला ही मिलेगा। जायगी बूढ़े 104907 test‏.htm ग़रीबों को बाँट देना। इस बूढ़ी कबड्डी का विज्ञापन कई दिन से 104908 test‏.htm उछल रहे थे, मानो उन बूढ़ी हड्डियों में जवानी धँस पड़ी 104909 test‏.htm अभूतपूर्व। भारत के बूढ़े आज भी कैसे पोढ़े हैं, जिन्हें 104910 test‏.htm लौटे जा रहे थे। अधिकतर वह बूढ़े और निकम्मे बच रहे थे, जिनका 104911 test‏.htm बेचने को कहते थे। कैसे इस बूढ़े का हियाव पड़ा?’ 104912 test‏.htm जनता बूढ़े कुलेलों पर हँसती थी, तालियाँ 104913 test‏.htm ‘बूढ़े के साथ क्यों जाऊँ? भैया बूढ़े 104914 test‏.htm ‘और जो किसी बूढ़े के साथ ब्याह हो गया?’ 104915 test‏.htm ही मिलेगा। जायगी बूढ़े के साथ?’ 104916 test‏.htm क़सम। बंस का अंत हो जाय। बूढ़े जीते रहें। जवान जीकर क्या करेंगे! 104917 test‏.htm कहाँ से बन जाय! तुमको तो बूढ़े तोते को राम-नाम पढ़ाना पड़ेगा। 104918 test‏.htm के साथ क्यों जाऊँ? भैया बूढ़े थे जो झुनिया को ले आये। उन्हें 104919 test‏.htm एक बूढ़े ने मिर्ज़ा से पूछा -- कौन काम 104920 test‏.htm सत्तर साल के बूढ़े पंडित दातादीन लठिया टेकते 104921 test‏.htm ‘मुझे तो उस बूढ़े पर दया आये।’ 104922 test‏.htm लगाती थी। वाह! ज़रा इन बूढ़े बाबा को देखो! किस शान से जा रहे 104923 test‏.htm तक़दीर के हाथ है। बूढ़े बैठे रहते हैं, जवान चले जाते 104924 test‏.htm था। आज जो यह अवसर मिला, तो बूढ़े भी जवान हो गये। अधमरे बूढ़े, 104925 test‏.htm आँखों में काजल लगाये, बूढ़े यौवन को रँगे-रँगाये आकर बोली 104926 test‏.htm करे, तुम्हारा बयाह किसी बूढ़े से हो जाय, तो देखूँ, तुम उसे 104927 test‏.htm भोला की सरासर नादानी है। बूढ़े हुए, अब तो उन्हें समझ आनी चाहिए। 104928 test‏.htm जुतोगे? मैं कहती हूँ, तुम बूढ़े हुए, तुम्हें इतनी अक़्ल भी 104929 test‏.htm उस पर दया आ गयी। तुम अब बूढ़े हो गये महतो! पर आज भी तुम्हें 104930 test‏.htm दो गाल हँसने-बोलने गया था। बूढ़े हो गये, पर यह बान न गयी।’ 104931 test‏.htm लंपट जितने होते हैं, सभी बूढ़े होकर भगत बन जाते हैं। कुकर्म 104932 test‏.htm पति था, उसके जवान, अधेड़ या बूढ़े होने से उसकी नारी-भावना में 104933 test‏.htm साथ शराबी, बूढ़ों के साथ बूढ़े , जवानों के साथ जवान बने हुए 104934 test‏.htm भी जवान हो गये। अधमरे बूढ़े , ठठरियाँ लिये, मुँह में दाँत 104935 test‏.htm में बालक और बूढ़ों में बूढ़े। चोर के भी मित्र हैं और साह के 104936 test‏.htm ‘तुम तो दादा, बूढ़ों की-सी बातें कर रहे हो। कटघरे 104937 test‏.htm बूढ़ों के लिए अतीत के सुखों और वर्तमान 104938 test‏.htm शराबियों के साथ शराबी, बूढ़ों के साथ बूढ़े, जवानों के साथ 104939 test‏.htm हैं, बालकों में बालक और बूढ़ों में बूढ़े। चोर के भी मित्र 104940 test‏.htm ‘जब औरत को बस में रखने का बूता न था, तो सगाई क्यों की थी? इसी 104941 test‏.htm भ्रष्ट हो रही हैं! है बूता लिखने का? सामग्री मैं देता 104942 test‏.htm हित है। असामी में इतना बूता है कि रोज़ अदालत दौड़े? सारा 104943 test‏.htm न एक कौड़ी डाँड़। जिसमें बूता हो, चलकर मुझसे ले। अच्छी दिल्लगी 104944 test‏.htm मेहता का वह बृहत् ग्रंथ समाप्त हो गया था, जिसे 104945 test‏.htm भी लिखते थे और कई साल से एक बृहद् दर्शन-ग्रंथ लिख रहे थे, जो अब 104946 test‏.htm न रहेगा। वह बेहया नहीं, बे ग़ैरत नहीं है! 104947 test‏.htm ख़ाली था और किसी दूकान पर बे पैसे जाने का साहस न पड़ता था! 104948 test‏.htm लिया हो; पर आज तो उन्होंने बे -कहे-सुने चेक लिख दिया! देश में 104949 test‏.htm मेहता साहब आजकल मालती पर बे -तरह रीझे हुए हैं। सारी फ़िलासफ़ी 104950 test‏.htm मुझे मालूम है, वह ज़ायदाद बे -दाग़ है।’ 104951 test‏.htm होरी ने बे -पर की उड़ाई। अपने महाजन के 104952 test‏.htm होरी ने डाँटा -- क्यों बे -बात की बात करती है। पानी रख 104953 test‏.htm दी थी, बल्कि वह हीरा था, जो बे -माँ-बाप का छोटा-सा बालक था। 104954 test‏.htm कहूँगा। अच्छा जो हुआ, चलो बेंग ही के साथ तुम्हें मन-दो-मन अनाज 104955 test‏.htm उसके पास हैं; अगर एक बीघा बेंच दे, तो फिर खेती कैसे करेगा? 104956 test‏.htm साख भी है; अगर वह एक बीघा भी बेंच दे, तो सौ मिल जायँ; लेकिन किसान 104957 test‏.htm रईसों के लिए कुर्सियों और बेंचों का इंतज़ाम था। साधारण जनता 104958 test‏.htm हाथ छुड़ा लेता; लेकिन इतनी बेअदबी न कर सका। चौधरी की ओर देखकर 104959 test‏.htm के साथ कहा -- ले, अब यही तेरी बेइंसाफ़ी मुझे अच्छी नहीं लगती धनिया! 104960 test‏.htm को अपने घर में बंद करके बेइज़्ज़त करो। इसीलिए तिलक-मुद्रा का 104961 test‏.htm कर देतीं? आप ख़ुद अपनी बेइज़्ज़ती करा रही हैं, इसमें हमारा क्या 104962 test‏.htm -- अगर तुम चाहते हो कि हमारी बेइज़्ज़ती हो और तुम चैन से बैठो, तो यह 104963 test‏.htm -- होगा क्या, मेरी इतनी बेइज़्ज़ती हो रही है और आप लोग बैठे देख 104964 test‏.htm को संबोधित करके कहा -- ऐसा बेईमान आदमी मैंने नहीं देखा राय साहब। 104965 test‏.htm बहुत बुरा-भला कहा -- जमामार, बेईमान इत्यादि। लेने की बेर तो दुम 104966 test‏.htm से देखा -- आप मुझे इतना बेईमान समझते हैं? 104967 test‏.htm संडा किया, और अब हम बेईमान हैं! मैं कहे देती हूँ, अगर गाय 104968 test‏.htm न आया। होरी इतनी बड़ी बेईमानी कर सकता है, यह संभव नहीं। 104969 test‏.htm सज़ा उसे भगवान देंगे। बेईमानी करके कोई आज तक फलीभूत हुआ है? 104970 test‏.htm है। उनसे धेले-धेले के लिए बेईमानी करवा लो, मुट्ठी-भर अनाज के लिए 104971 test‏.htm ‘मैं क्या जानता था, वह लोग बेईमानी करेंगे। यह सब तुम्हारी करनी 104972 test‏.htm रहते हैं। भगवान न करे कोई बेईमानी करे। यह बड़ा पाप है; लेकिन अपने 104973 test‏.htm ‘बेईमानी का धन जैसे आता है, वैसे ही जाता 104974 test‏.htm कुरसी से उठते हुए कहा -- इसे बेईमानी कौन समझता है। आजकल यही चतुराई 104975 test‏.htm ऐसी बिगड़ गयी है कि जब तक बेईमानी न करें, पेट नहीं भरता। लखनऊ 104976 test‏.htm राय साहब मन में तो उनकी बेक़द्री पर ख़ुश हुए; पर सहानुभूति दिखाकर 104977 test‏.htm तरफ़ लूट है। जो ग़रीब है, बेकस है, उसकी गरदन काटने के लिए सभी 104978 test‏.htm थी कि उन पर फ़ालिज गिरा और बेकाम कर गया। अब बड़ी मुश्किल से 104979 test‏.htm कुछ नहीं हुज़ूर, बेकार बैठा हूँ। इसी उम्मीद से आपकी 104980 test‏.htm मगर सारी कोशिश बेकार हुई। हड़तालियों ने नये मजूरों 104981 test‏.htm सभी ऐसे हैं, जिन्होंने बेकारी के कष्ट भोग लिये हैं और अब अपना 104982 test‏.htm का समय है, और चारों तरफ़ बेकारी फैली रहने के कारण आदमी सस्ते 104983 test‏.htm आदमियों की कमी तो है नहीं। बेकारी बढ़ी हुई है; इसके आधे वेतन पर 104984 test‏.htm हृदय-पट पर आने लगीं; लेकिन बेक्रम , आगे की पीछे, पीछे की आगे, स्वप्न-चित्रों 104985 test‏.htm ‘हाँ-हाँ, बेखटके चलो। होली के बाद।’ 104986 test‏.htm न छोड़ेगा। इनका निशाना बेखता होता है। 104987 test‏.htm रही थी। हरामख़ोर कहीं का। बेख़बर पड़ा रहता है। 104988 test‏.htm थी। मैंने कई बार उनकी छोटी बेगम को द्वार पर खड़े लौंडों से 104989 test‏.htm की जाती हो, या डाँड़ और बेगार की कड़ाई कुछ कम हो; मगर यह सारी 104990 test‏.htm आकर गालियाँ सुनाता है, बेगार देनी ही पड़ती है, नज़र-नज़राना 104991 test‏.htm नज़राने लिए पट्टे लिख दें, बेगार बंद कर दें, इज़ाफ़ा लगान को 104992 test‏.htm में जुतवाते थे, सिंचाई बेगार में करवाते थे और असामियों को 104993 test‏.htm पर पटवारी होने के नाते खेत बेगार में जुतवाते थे, सिंचाई बेगार 104994 test‏.htm सकपका गया। डरा, कहीं बेगार में न पकड़ जायँ। बोला -- कुछ 104995 test‏.htm चार-चार प्यादे हाज़िर, बेगार में सारा काम हो जाता था, थानेदार 104996 test‏.htm चपरासी ने आकर कहा -- सरकार बेगारों ने काम करने से इनकार कर दिया 104997 test‏.htm कितना मक्कार, कितना बेग़ैरत।’ 104998 test‏.htm के हाथ दो-चार आने में बेच आते हैं। जैसे मकोय, कंघी, सहदेइया, 104999 test‏.htm तो कहीं अच्छा है, मुझे बेच डालो। गाय से कुछ बेसी ही मिल 105000 test‏.htm कहा? हमने एक गाड़ी भूसा बेच दिया। 105001 test‏.htm देती, रखते, फिर किसी के हाथ बेच देते। किसके पल्ले पड़ती कौन 105002 test‏.htm एक मित्र से गाय उधार लेकर बेच देना भी बहुत ही वैसी बात है; 105003 test‏.htm जब बेचना ही है, तो अभी बेच दो। 105004 test‏.htm तो घर में गऊ आयी। उसे भी बेच दो। ले लो कल रुपए। जैसे और सब 105005 test‏.htm जो लाये हो, इसे हमारे हाथ बेच दो। सूद इसटाम सब झगड़ों से 105006 test‏.htm किसानों के हाथ गायें बेच भी देता था। होरी का मन उन गायों 105007 test‏.htm कि वह भूसे के लिए गाय नहीं बेच रहा है, बल्कि इसका कुछ और आशय 105008 test‏.htm थी। एक खटकिन बेर और मकोय बेच रही थी और एक खोंचेवाला तेल 105009 test‏.htm सेर-आध सेर दूध-दही चोरी से बेच लेती थी। अब स्वामिनी हुई उसकी 105010 test‏.htm देर में दो-चार प्याले चाय बेच लोगे। अब चाय बारहों मास चलती 105011 test‏.htm तो एक घड़ी में मनों दूध बेच लो।’ 105012 test‏.htm जहाँ चाहूँ, सौ रुपए में बेच सकता हूँ। मेरे अस्सी रुपए खरे 105013 test‏.htm हो। उसने तो खेत-बारी सब बेच -बाच डाली और अब भगवान ही जाने 105014 test‏.htm खिला देते थे। घर के गहने बेचकर कन्याओं के विवाह में मदद देते 105015 test‏.htm का एक छोटा-सा टुकड़ा बेचकर क़र्ज़ से मुक्त हो सकते थे। 105016 test‏.htm कहना, मैं बाज़ार से सौदा बेचकर घर जा रही थी। रात हो गयी है, 105017 test‏.htm नहीं रख सके। अब एक गाय बेचकर भूसा लेना चाहते हैं। मैंने 105018 test‏.htm को दे दो। बाग़-बग़ीचा बेचकर मज़े से तर माल उड़ाओ। धनिया 105019 test‏.htm यही वादा तो था कि ऊख बेचकर रुपया दूँगा?’ 105020 test‏.htm ‘बेचता नहीं हूँ भाई, यों ही दे रहा हूँ। 105021 test‏.htm बात यह है कि ईमान आदमी बेचता है, तो किसी लालच से। बीस रुपए 105022 test‏.htm खन्ना ने पूछा -- अरे, क्या बेचता है? 105023 test‏.htm फिर उसे मंडी में ले जाकर बेचती और शाम को घर आती। 105024 test‏.htm था। उन दिनों जब झुनिया घास बेचती थी और वह आराम से पड़ा रहता था, 105025 test‏.htm है फिर भी यों अपने को बेचती फिरती है। न जाने क्यों ब्याह 105026 test‏.htm कहो कि इसके लिए अपनी लाज बेचती फिरूँ तो भगवान इससे बचायँ। 105027 test‏.htm ‘हमारे दादा बाज़ार में बेचते हैं। यही तो हमारा काम है।’ 105028 test‏.htm अपने शौक़ से लाये हो और बेचना नहीं चाहते; लेकिन यह संकट तो 105029 test‏.htm मीठी बातों को महँगे दामों बेचना भी मुझे आता है। मैं ऐसी अनाड़ी 105030 test‏.htm से चीज़ें लेकर बेचना शुरू कर देगी। शर्म किस बात 105031 test‏.htm इसे ले क्यों नहीं जाते। जब बेचना ही है, तो अभी बेच दो। 105032 test‏.htm में पड़ कर अपनी गाय तो न बेचनी पड़ेगी। जब मेरे पास चारा हो 105033 test‏.htm पड़ता था। आजकल भी दही बेचने का भार उसी पर था। उसे तरह-तरह 105034 test‏.htm सुख नहीं पा सकती और लड़की बेचने की तो कोई बात ही नहीं। होरी 105035 test‏.htm आ गये हैं कि उससे लड़की बेचने की बात कही जाती है और उसमें 105036 test‏.htm रहे हैं, और क्या। खेत-बारी बेचने की मैं सलाह न दूँगी। कुछ नहीं 105037 test‏.htm क्यों नहीं बोलते कि लड़की बेचने को कहते थे। कैसे इस बूढ़े का 105038 test‏.htm जाय? सारा गाँव खड़ी ऊख बेचने को तैयार हो गया; अगर कुछ कम भी 105039 test‏.htm से देखकर कहा -- हमारे पास बेचने को भूसा नहीं है। 105040 test‏.htm नौकर खली-भूसा चुरा-चुराकर बेचने लगा। उसे अलग किया। फिर स्त्री-पुरुष 105041 test‏.htm की देख-भाल क्या करेगी। बेचारा अकेला ज़मीन पर पड़ा रोता होगा। 105042 test‏.htm भोला को देने को कहा है। बेचारा आजकल बहुत तंग है। 105043 test‏.htm उसे विश्वास न आया था। गोबर बेचारा इन बातों को क्या जाने। 105044 test‏.htm को भोला पर दया आ रही थी। बेचारा इस कुलटा के फेर में पड़कर अपनी 105045 test‏.htm ज़बान की बड़ी तेज़ थी। बेचारा उसके डर के मारे भागा-भागा फिरता 105046 test‏.htm ज़मीन पर पड़ा रोता होगा। बेचारा एक दिन भी तो सुख से नहीं रहने 105047 test‏.htm -- क्यों हत्या करते हो यार? बेचारा चर रहा है, चरने दो। धूप तेज़ 105048 test‏.htm बुड्ढे ने इसे दबोच लिया। बेचारा छूट निकलने के लिए कितना ज़ोर 105049 test‏.htm चिलम भरवाते, लकड़ी कटवाते; बेचारा दिन-भर का हारा-थका आता और द्वार 105050 test‏.htm कानों पर हाथ रख लेते हैं। बेचारा न अपना उपकार कर सके न औरों का। 105051 test‏.htm तो महतो फिर न उठते; मगर बेचारा पचासों जूते खाकर भी कुछ न बोला। 105052 test‏.htm इच्छा होगी, वह हम करेंगे। बेचारा बाप जवान-जवान लड़कियों से क्या 105053 test‏.htm के लिए उसे धमकाया होगा। बेचारा भाग न जाता, तो क्या करता! 105054 test‏.htm बिछाने को भी कहते थे। तब बेचारा भोला ज़हर का घूँट पीकर रह जाता 105055 test‏.htm रखते मेरा मन कचोटता है। बेचारा सोचता होगा, अब भी छुट्टी नहीं, 105056 test‏.htm आकर होरी को ऐसा लथाड़ा कि बेचारा स्वार्थ-भीरु बूढ़ा रुआँसा 105057 test‏.htm धरती पर पाँव ही नहीं रखती। बेचारा होरी चिंता से घुला जाता था। 105058 test‏.htm चारों ओर कहती फिरती थी -- बेचारा होरी बड़ी मुसीबत में था, बेटी 105059 test‏.htm देखकर ज्वर आता है। कुछ बेचारियाँ ऐसी भी हैं, जो अपनी रोटी-दाल 105060 test‏.htm -- अच्छा अब चुप रहना गोबर! बेचारी अधमरी लड़कोरी औरत को मारकर 105061 test‏.htm है, वह मैं ही जानता हूँ। बेचारी अपनी देवरानियों के फटे-पुराने 105062 test‏.htm उसका क्रोध पानी हो जाता। बेचारी अपनी लज्जा और दुःख से आप दबी 105063 test‏.htm कि जब मर्द ने छोड़ दिया, तो बेचारी अबला क्या करे? मर्द बुरा हो, 105064 test‏.htm लेकर मारने दौड़ी, तो वह बेचारी कहाँ जायगी। अपने घर तो लौट 105065 test‏.htm कोई देने का नाम न लेता था। बेचारी कहाँ से रुपए लाये? 105066 test‏.htm हुकूमत करनेवाला सारा घर। बेचारी किस-किस को ख़ुश करे। जिसका 105067 test‏.htm कैसे बेदरद माँ-बाप हैं कि बेचारी की सारी पीठ लहूलुहान कर दी। 105068 test‏.htm बना रहता था। बेचारी कैसे वसूल करे। नालिश-फ़रियाद 105069 test‏.htm है। धनिया का क्या दोष था। बेचारी जब से घर में आयी, कभी तो आराम 105070 test‏.htm ने जवाब दे दिया। हाय! बेचारी झुनिया पर निरपराध यह लोग झल्ला 105071 test‏.htm आटा और गुड़ घोलकर रख दें। बेचारी धूप में चली होगी। प्यासी होगी। 105072 test‏.htm छोड़-कर कलकत्ते चला गया। बेचारी पिसाई करके गुज़र कर रही है। 105073 test‏.htm है, जाकर बाई के पास बैठो, बेचारी बहुत भूखी है। दूध गरम हुआ जाता 105074 test‏.htm मेहता चौंक पड़े। सोचा, बेचारी मालती आधी रात तक तो जागती रही 105075 test‏.htm ‘मुझे वह क्या जलायेंगी। बेचारी। मैं उन्हें खिलौने से ज़्यादा 105076 test‏.htm को बुला ले जाती थी। अब बेचारे अनाथ-से हो गये थे। बहुओं को 105077 test‏.htm मि॰ तंखा बेचारे आनेवाले चुनाव की समस्या सुलझने 105078 test‏.htm में ले ली जायगी। उन बेचारे का तो सदा के लिए धरम नास हो गया। 105079 test‏.htm उन्हें यहाँ बुलाकर क्यों बेचारे का धर्म नष्ट करोगी। बड़ा ही 105080 test‏.htm पीछे फिरकर देखा और बोले -- बेचारे कितने ख़ुश थे। काश मेरी ज़िंदगी 105081 test‏.htm क्यों नहीं, मेरे पीछे उस बेचारे की इतनी दुरदशा हुई, अब मैं उसे 105082 test‏.htm की नक़ल कर सकता है। हाँ, बेचारे के पास वैसा सामान नहीं है, मगर 105083 test‏.htm तुमने? एक कुलच्छिनी गाय बेचारे के सिर मढ़ दी और अब उसके बैल 105084 test‏.htm दस-पाँच मन भूसा चला जायगा, बेचारे को संकट में पड़ कर अपनी गाय 105085 test‏.htm का पत्र नहीं चलता तो बेचारे खन्ना क्या करें! और आज उनके 105086 test‏.htm तो मजूरी करनी पड़ती है। आज बेचारे खेत में बेहोश हो गये। रोना-पीटना 105087 test‏.htm पिंडलियाँ काँप रही थीं। बेचारे चोट-चपेट के भय से एक मंज़िले 105088 test‏.htm को ठेलकर यहाँ भेजा था। बेचारे डर रहे थे कि आप न जाने क्या जवाब 105089 test‏.htm दादा पर बड़ी दया आती है। बेचारे दिन-भर के थके-माँदे घर आये, तो 105090 test‏.htm मटरगस्ती ही किया करता था। बेचारे पहर रात से कुट्टी काटने लगते। 105091 test‏.htm कोई कलंक न लग सकता था। वह बेचारे भी तो उसी व्यवस्था के ग़ुलाम 105092 test‏.htm तो भाग खड़े हुए, बेचारे मिर्ज़ाजी पिट गये और उनकी रक्षा 105093 test‏.htm का ध्यान भी उसे न रहता। और बेचारे मेहता दिल में कटकर रह जाते 105094 test‏.htm बेचारे राय साहब बड़े संकट नें पड़ 105095 test‏.htm रुपए सब उड़ा लिये। बेचारे लखनऊ पहुँचे तो देह के कपड़ों 105096 test‏.htm सीटियाँ बजानी शुरू कीं। बेचारे लज्जित होकर बैठ गये। कुछ अजीब-से 105097 test‏.htm ख़ूब छेड़ा करते थे, मगर थे बेचारे सरल-हृदय। कई हज़ार की आमदनी 105098 test‏.htm गला दबाये था, तो क्या करते बेचारे ! 105099 test‏.htm लेना पड़े। कहाँ से देंगे बेचारे , बता! पहले ही क़र्ज़ के बोझ से 105100 test‏.htm है; लेकिन मिर्ज़ाजी इन बेचारों का कष्ट और उसके निवारण का अपने 105101 test‏.htm को मिलने लगे, तो इन बेचारों को अपना जितना समय और स्थान 105102 test‏.htm खुर्शेद ही है। यही लोग उन बेचारों को कठपुतली की तरह नचा रहे हैं, 105103 test‏.htm की भाँति उठी, आज जो सुतली बेची थी उसके बीस आने पैसे लायी और 105104 test‏.htm ने गर्म होकर कहा -- ऊख बेची है कि नहीं? 105105 test‏.htm ‘हाँ, बेची है।’ 105106 test‏.htm है। अभी उस दिन मैंने ऊख बेची , पचीस रुपए वहीं उनको दे दिये, 105107 test‏.htm ‘बेचूँगा मालिक! जड़ी-बूटी है।’ 105108 test‏.htm दिया था कि जीते-जी इसे न बेचूँगा। यही वचन था तुम्हारा! मैंने 105109 test‏.htm दूँ कि बीस रुपए सैकड़े में बेचे हैं तो उन्हें क्या पता लगेगा। 105110 test‏.htm मेरा सिर भी दुखता है, तो बेचैन हो जाते हैं। अपने बाप को देखते 105111 test‏.htm ख़ाली पड़ी हुई है, जी बहुत बेचैन हो रहा है। 105112 test‏.htm जलन और खुजली और पीड़ा से बेचैन होकर करुण स्वर में कराहता और 105113 test‏.htm ज्वर तेज़ होता जाता और वह बेचैन होकर दोनों हाथ उपर उठा लेता। 105114 test‏.htm चुप हो जाता। रात को उसकी बेचैनी बढ़ जाती और मालती को प्रायः 105115 test‏.htm लखनऊ काका। पाँच सेर का दूध बेचो , नगद। कितने ही बड़े-बड़े अमीरों 105116 test‏.htm लो। भूसे के लिए तुम गाय बेचोगे , और मैं लूँगा। मेरे हाथ न कट 105117 test‏.htm की तरह मीनाक्षी भी बेज़बान थी। बाप ने जिसके साथ ब्याह 105118 test‏.htm की मूर्ति है, जो अपनी बेज़बानी से, अपनी कुर्बानी से, अपने को 105119 test‏.htm की यह हड़ताल बिलकुल बेजा मालूम होती थी। उन्होंने हमेशा 105120 test‏.htm का उदय हो जाता है, और हम उस बेजा व्यवहार का प्रायश्चित करने 105121 test‏.htm साहब का बुरा हाल था। वह बेजान हिरन शेर की तरह उनको दबोचे 105122 test‏.htm तमाशा देखकर कौंसिल से बेज़ार हो गया हूँ। मेरा बस चले, तो कौंसिल 105123 test‏.htm की भी। गिरधर नक़ल करने में बेजोड़ है। वकील की नक़ल वह करे, पटवारी 105124 test‏.htm ‘बेटा कमाता है, तुम कमाते हो; फिर भी 105125 test‏.htm पोता नहीं है, केवल गोबर का बेटा नहीं है, मालती देवी का खिलौना 105126 test‏.htm हो जाय, किसी का जवान बेटा मर जाय, किसी की विधवा बहू निकल 105127 test‏.htm ‘बेटा ही लायक़ होता, तो फिर काहे को 105128 test‏.htm हैं, घर हैं, जवान बेटा है। तुम्हारे रुपए मारे न जायँगे, 105129 test‏.htm मार ले। जा, तू अपने बाप का बेटा होगा तो आज मुझे मारकर तब पानी 105130 test‏.htm -- यह तुमने बड़ा अच्छा किया बेटा ! इनका दुपट्टा बिलकुल तार-तार 105131 test‏.htm कहा -- ऐसा कहीं हो सकता है, बेटा ! धन जाय, धरम जाय, लोक-मरजाद जाय, 105132 test‏.htm खेती में नहीं जोतना चाहता बेटा ! मालिक अच्छा मिल गया है। उसकी 105133 test‏.htm ‘आज ही जाऊँगा बेटा !’ 105134 test‏.htm पर पड़ेगी तब मालूम होगा बेटा , अभी जो चाहे कह लो। पहले मैं 105135 test‏.htm भरे भाव से कहा -- क्रोध में बेटा , आदमी अंधा हो जाता है। मैं तुम्हारी 105136 test‏.htm होकर बोले -- कोई हरज़ नहीं बेटा , कोई हरज़ नहीं। भगवान सब कल्यान 105137 test‏.htm कहीं बाहर थोड़े ही हैं बेटा , घर में ही तो हैं। बिरादरी का 105138 test‏.htm ‘यह बात नहीं है बेटा , छोटे-बड़े भजवान के घर से बनकर 105139 test‏.htm ‘बेटा , जब तक मैं जीता हूँ, मुझे अपने 105140 test‏.htm थी। बोली -- कुछ नहीं है बेटा , ज़रा सिर में दर्द है। चलो, कपड़े 105141 test‏.htm बोले -- इतनी कमाई कम नहीं है बेटा , जो ख़रच करते बने। गाँव में 105142 test‏.htm ने बड़ी नम्रता से समझाया -- बेटा , तुम आदर्शवाद के पीछे अपने 105143 test‏.htm ने सिर हिलाकर कहा -- नहीं बेटा , तुम काहे को तकलीफ़ उठाओगे। 105144 test‏.htm मंतर तुम्हें कौन दे रहा है बेटा , तुम तो ऐसे न थे। माँ-बाप तुम्हारे 105145 test‏.htm कैसे देख सकती थी। बोली -- बेटा , तुम भी अँधेर करते हो। हुक़्क़ा-पानी 105146 test‏.htm होरी ने आर्द्र कंठ से कहा -- बेटा , तुमसे कुछ कहने का मुँह तो नहीं 105147 test‏.htm काम आयेगा? तू देख रहा है बेटा , तेरी माँ को जूते मारे जा रहे 105148 test‏.htm बोली -- अभी क्यों जाते हो बेटा , दो-चार दिन और रहकर ऊख की बोनी 105149 test‏.htm से कहा -- घसियारा तो है ही बेटा , पक्का घसियारा सबेरे उसका मुँह 105150 test‏.htm भरकर बोले -- कोई दोष नहीं है बेटा , बाल-भौंरी, सब ठीक। भगवान् चाहेंगे, 105151 test‏.htm कहा -- मेरा असीरबाद नहीं है बेटा , भगवान् की दया है। यह सब प्रभु 105152 test‏.htm में कहा -- राढ़ मत बढ़ाओ बेटा , भोला गोईं ले गये, भगवान उनका 105153 test‏.htm झुनिया ने कहा -- दे दो बेटा , मेम साहब का है। 105154 test‏.htm को मथ रहा था, और रोकर बोला -- बेटा , मैंने इस ज़मीन के मोह से पाप 105155 test‏.htm ‘नहीं बेटा , रात को। आँख नहीं लगती। नहीं 105156 test‏.htm ‘बेटा , लड़ाई-झगड़ा तो ज़िंदगी का 105157 test‏.htm होरी ने कहा -- ज़रा ठहर जाओ बेटा , हम भी चलते हैं। तब तक थोड़ा-सा 105158 test‏.htm नीति हाथ से न छोड़ना चाहिए बेटा ; अपनी-अपनी करनी अपने साथ है। 105159 test‏.htm लिए अभी मैं क्या कहूँ बेटा ? चलकर नहाओ, खाओ, फिर पंडितों 105160 test‏.htm और जैसा बाप है, वैसा ही बेटा। इन्हीं का रमेसरी तो सिलिया 105161 test‏.htm है तो इन्हीं माताओं का बेटा। क्यों माता ने पुत्र को ऐसी 105162 test‏.htm गयी। धनिया और उसकी दोनों बेटियाँ ताकती रहीं। माँ को भी गोबर 105163 test‏.htm धनिया ने बहू और बेटियों की ओर देखकर कहा -- तुम सब की सब 105164 test‏.htm नापसंद था। वह गाँव की बहू- बेटियों को घूरा करता था, इसलिए मन में 105165 test‏.htm सोहदों के साथ घूमना, बहू- बेटियों को छेड़ना, यही उसका काम था। 105166 test‏.htm गाँव की नीच जाति की बहू- बेटियों पर डोरे डाला करता था। सोहबत 105167 test‏.htm है। जब हर बात में वह अपनी बेटी का पच्छ करेंगी, तो हमें बुरा 105168 test‏.htm होरी बड़ी मुसीबत में था, बेटी के ब्याह के लिए ज़मीन रेहन 105169 test‏.htm वही है, जो दूसरों की बहू- बेटी को अपनी बहू-बेटी समझे। जो दुष्ट 105170 test‏.htm में कि दूसरों की बहू- बेटी को अपने घर में बंद करके बेइज़्ज़त 105171 test‏.htm एक जून खिला देना। सबेरे बेटी बिदा कर देना। दुनिया हँसेगी, 105172 test‏.htm की बहू-बेटी को अपनी बहू- बेटी समझे। जो दुष्ट किसी मेहरिया 105173 test‏.htm ‘तू अम्माँ की बेटी है कि दादा की?’ 105174 test‏.htm क्यों दोगे महतो, पहली बेटी है, दिल खोलकर करो। 105175 test‏.htm यह नहीं देख सकता। वह मेरी बेटी है, मैंने उसे गोद में खिलाया 105176 test‏.htm से रह। जैसी तू भोला की बेटी है, वैसी ही मेरी बेटी है। जब 105177 test‏.htm की बेटी है, वैसी ही मेरी बेटी है। जब तक हम जीते हैं, किसी बात 105178 test‏.htm बोली -- जगह की कौन कमी है बेटी ! तू चल मेरे घर रह। 105179 test‏.htm ने ढाढ़स दिया -- कुछ नहीं बेटी ! भगवान का नाम ले। वही ग़रीबों 105180 test‏.htm कहा -- कैसी बातें सोचती है बेटी ! यह तेरे सिंदूर का भाग है कि 105181 test‏.htm कहा -- तूने बहुत अच्छा किया बेटी , चल घर चलें। कुछ देर अपने विद्रोह 105182 test‏.htm स्वर में कहा -- डर मत बेटी , डर मत। तेरा घर है, तेरा द्वार 105183 test‏.htm और झुनिया से पूछा -- क्यों बेटी , तुझे कुछ मालूम है, गोबर किधर 105184 test‏.htm और धनिया उसे समझा रही थी -- बेटी , तू चलकर घर में बैठ। मैं तेरे 105185 test‏.htm सुलझाती हुई बोली -- धीरज धर बेटी , धीरज धर। अभी छन-भर में कष्ट 105186 test‏.htm लूँगा। गाली देती है डाइन! बेटे का घमंड हो गया है। ख़ून ॰॰॰ 105187 test‏.htm है। थुड़ी है! अगर मेरे बेटे का बाल भी बाँका हुआ, तो घर में 105188 test‏.htm पंचो, मुझे अपने जवान बेटे का मुँह देखना नसीब न हो, अगर 105189 test‏.htm पूछ लो, क्या बाप के साथ बेटे का यही सलूक होना चाहिए। घर 105190 test‏.htm हुए स्वर में कहा -- मैं बेटे की क़सम खाता हूँ कि मैंने हीरा 105191 test‏.htm गिरा नहीं दिया? खा जा अपने बेटे की क़सम! 105192 test‏.htm तो नहीं रही हूँ। तुम्हें बेटे की लातें प्यारी लगती होंगी, 105193 test‏.htm नहीं दिखाता। राय साहब ने बेटे के ब्याह में बीस हज़ार लुटा 105194 test‏.htm ‘बेटे के माथे पर हाथ रख के क़सम खा!’ 105195 test‏.htm और होरी के रोम-रोम से बेटे के लिए आशीर्वाद निकल जाता है। 105196 test‏.htm और गवाही दिलाऊँगी तुमसे, बेटे के सिर पर हाथ रखकर। 105197 test‏.htm नाम को रोनेवाला बैठा है। बेटे चाहे क्रिया-करम कर दें; लेकिन 105198 test‏.htm की बोल-चाल बंद थी। माँ- बेटे ने मिलकर जैसे उसका बहिष्कार 105199 test‏.htm दुःख था इस बात का कि अपने बेटे ने ही दग़ा दी। आज्ञाकारी पुत्र 105200 test‏.htm उसकी बाँह तो पकड़ी है मेरे बेटे ने ही। किस मुँह से निकाल देती। 105201 test‏.htm बड़ा मुतफन्नी है दादा! बाप- बेटे में आग लगा दे, भाई-भाई में आग 105202 test‏.htm हो। हाँ, भाग का बली है। बाप- बेटे में ख़ूब कहा-सुनी हुई। गौरी 105203 test‏.htm ‘बाप- बेटे में लड़ाई करवा दे, मियाँ-बीबी 105204 test‏.htm रुपए दे दो। उसके दोनों बेटे लाठी लिये फिरते हैं। हमारे 105205 test‏.htm था; मगर नयी स्त्री लाकर बेटे से आदर पाने का अब उसे कोई हक़ 105206 test‏.htm लेते। भगवान के दिये दो-दो बेटे हैं।’ 105207 test‏.htm होगा। भाइयों को तो तुमने बेटों की तरह पाला था। 105208 test‏.htm रोते रहे। भोला ने अपने बेटों के करतूत सुनाये, होरी ने अपने 105209 test‏.htm करके अपने घर गये। अब बेटों के साथ रहेंगे, बहुत धक्के खा 105210 test‏.htm साखी है, मैंने उसे कभी बेटों से कम नहीं समझा; लेकिन आज उसे 105211 test‏.htm दे रहे हैं, दैव जाने कैसे बेड़ा पार लगेगा!’ 105212 test‏.htm आदमी उसका हाथ पकड़ ले, तो बेड़ा पार है। 105213 test‏.htm को बैठी हुई हैं, सोचो कैसे बेड़ा पार होगा। 105214 test‏.htm ऐसे भी हैं, जो पैरों में यह बेड़ियाँ डालकर भी विकास के पथ पर चल सकते 105215 test‏.htm लेकिन अपने पाँवों में बेड़ियाँ नहीं डाल सकता। 105216 test‏.htm की ज़रा भी अवज्ञा की और बेड़ियाँ पड़ जायँगी। बस वही बंधन तोड़ो, 105217 test‏.htm है और जब तक संपत्ति की यह बेड़ी हमारे पैरों से न निकलेगी, जब 105218 test‏.htm ध्वनि के साथ मिर्ज़ा भी बेतहाशा दौड़े। बिलकुल बच्चों की तरह 105219 test‏.htm है, तो लाचार हो गया। खेत बेदख़ल कर दे, तो जोते कौन! इस ज़माने 105220 test‏.htm न हो, तुम सोचते ही रहो और बेदख़ली आ जाय।’ 105221 test‏.htm पर आधे से ज़्यादा घरों पर बेदख़ली आ रही है; आवे। औरों की जो दशा 105222 test‏.htm अबकी बेबाक़ी न हुई, तो बेदख़ली आयी धरी है। 105223 test‏.htm असामियों पर इज़ाफ़ा और बेदख़ली और नज़राना करना और लेना पड़ता 105224 test‏.htm तो आग भी लगा दूँगा। वह बेदख़ली करते हैं, करें। मैं उनके हाथ 105225 test‏.htm अब पंडित नोखेराम ने उस पर बेदख़ली का दावा कर दिया था। कहीं से 105226 test‏.htm मुखिया बिगड़े हुए हैं। बेदख़ली की धमकी दे रहे हैं, दैव जाने 105227 test‏.htm ‘कुछ नहीं, यही बेदख़ली की बातचीत थी।’ 105228 test‏.htm -- क्या हुआ होरी, तुम्हारी बेदख़ली के बारे में? इन दिनों नोखेराम 105229 test‏.htm ‘अच्छी बात है, आप बेदख़ली दायर कीजिए। मैं अदालत में तुम 105230 test‏.htm इतने आदमी तो हैं, किस पर बेदख़ली नहीं आयी, किस पर कुड़की नहीं 105231 test‏.htm गाँव छोड़कर भागेगा। इधर बेदख़ली भी दायर किये देता हूँ। 105232 test‏.htm दोपहर की छुट्टी हुई, तो वह बेदम हो गया था। ऐसी थकन उसे कभी न 105233 test‏.htm और इतना मारा कि कुँवर साहब बेदम हो गये। वेश्या अभी तक कोने 105234 test‏.htm कर लेती। बालक रोते-रोते बेदम हो जाता। 105235 test‏.htm मेरे घर। न-जाने कैसे बेदरद माँ-बाप हैं कि बेचारी की सारी 105236 test‏.htm बोलना तो न चाहिए, मगर इतनी बेदरदी भी अच्छी नहीं होती। 105237 test‏.htm ‘इतनी बेदरदी से मारता, तो तू घर छोड़कर भाग 105238 test‏.htm कहा -- मैंने तुम्हारे-जैसे बेदर्द आदमी कभी न देखा था। बिल्कुल 105239 test‏.htm गया था कि यह पक्का मतलबी, बेदर्द आदमी है; मुझे केवल भोग की वस्तु 105240 test‏.htm इस बेदर्दी ने लल्लू को उसके मन में और सजग 105241 test‏.htm ने इस वक़्त रुपए न दिये, तो बेदाग़ निकल जायँगी। पीछे से कौन देता 105242 test‏.htm बैठना चाहता था, चाहे उसे बेदाना , बेपानी, पिंजरे की तीलियों 105243 test‏.htm राय साहब ने बेदिली के साथ कहा -- जी नहीं, मुझे फ़ुर्सत 105244 test‏.htm मालती ने बेदिली के साथ कहा -- पीपल की छाँह बहुत 105245 test‏.htm ने उस अनीत के बख़्तर को बेध डाला जिससे सज्जित होकर नोखेराम 105246 test‏.htm के घरवालों ने मतई को कितना बेधरम कर दिया, यह कोई अच्छा काम नहीं 105247 test‏.htm एक होते हैं। इसको मतई ने बेधरम किया तब तो किसी को बुरा न लगा। 105248 test‏.htm लड़की है। मतई को क्यों बेधरम किया? 105249 test‏.htm को बुरा न लगा। अब जो मतई बेधरम हो गये, तो क्यों बुरा लगता है? 105250 test‏.htm तीन सौ बिगड़ गये। तो जब बेधरम होकर ही रहना है, तो फिर जो कुछ 105251 test‏.htm चाहता था, चाहे उसे बेदाना, बेपानी , पिंजरे की तीलियों से सिर टकराकर 105252 test‏.htm अपना उल्लू सीधा करना बेपूँजी का रोज़गार है; मगर इसका घाटा 105253 test‏.htm बढ़ायी जा सकती है और बेफ़स्ल की चीज़ें भी उपजायी जा सकती 105254 test‏.htm आपको कुछ नहीं करना है। आप बेफ़िक्र बैठे रहिए। मैं आपकी तरफ़ से 105255 test‏.htm ‘बेफ़िक्री में चरित्र अच्छा रह ही कैसे 105256 test‏.htm जमा कर लिये हैं न, जभी यह बेफ़िक्री है। मेरी तरह तालुक्केदार होते, 105257 test‏.htm जान दें! बड़े दिल्लगीबाज़, बेफ़िक्रे जीव थे। पहले बसरे में ठीके 105258 test‏.htm ने कहा -- मगर लगान तो बेबाक़ कर चुका है? 105259 test‏.htm दी। सबूत क्या है कि लगान बेबाक़ कर दिया। 105260 test‏.htm को दाँत से पकड़ो; मगर लगान बेबाक़ होना मुश्किल है। फिर भी वह 105261 test‏.htm निकल ही आयेगा। नहीं, अबकी बेबाक़ी न हुई, तो बेदख़ली आयी धरी है। 105262 test‏.htm है। बड़ा अच्छा हुआ काका, बेबाक़ी हो गयी। बीस लिये, उसके एक सौ 105263 test‏.htm लाला पटेसरी जब देखो मुझसे बेबात की बात किया करते हैं। मैं हरजाई 105264 test‏.htm ‘अच्छा चुप रहो, बेबात की बात मत बको।’ 105265 test‏.htm दर्शक इतने सरल हृदय थे कि बेबात की बात में भी हँसते थे। रात-भर 105266 test‏.htm मिस्टर तंखा इन बेमतलब की बातों में न पड़ना चाहते 105267 test‏.htm माँगी। भोला को जैसे बेमाँगे वरदान मिल गया। जंगी घर पर एक-न-एक 105268 test‏.htm हैं; लेकिन जो तुम चाहो कि बेमुँह के किसानों को पीसकर पी जायँ 105269 test‏.htm की आशा रखते हैं, इतने बेमुरव्वती ? आख़िर वह जो इतने दिनों से खन्ना 105270 test‏.htm हुई जाती थी। बोली -- आप बड़े बेमुरौवत आदमी हैं मिर्ज़ाजी! मुझे आज 105271 test‏.htm का कलंक है। हाँ, मैं इतनी बेमुरौवत नहीं हूँ कि खन्ना को अपने पास 105272 test‏.htm चौधरी ने बेमुरौवती से कहा -- पंद्रह रुपये में तय 105273 test‏.htm इंतज़ार कराया और अब इतनी बेमुरौवती से पेश आकर उन्हें ज़बरदस्ती 105274 test‏.htm स्वप्न-चित्रों की भाँति बेमेल , विकृत और असंबद्ध। वह सुखद 105275 test‏.htm दे रही हूँ। महीने में एक बेर आओगे, ठंडा पानी दूँगी। पंद्रहवें 105276 test‏.htm की-सी रौनक़ थी। एक खटकिन बेर और मकोय बेच रही थी और एक खोंचेवाला 105277 test‏.htm बेईमान इत्यादि। लेने की बेर तो दुम हिलाते हो, जब देने की 105278 test‏.htm के झाड़ थे। उसने थोड़े से बेर तोड़ लिये और उदर को बहलाता 105279 test‏.htm हो भैया! बुरा रोग है। एक बेर पकड़ ले, तो ज़िंदगी भर नहीं 105280 test‏.htm ‘चलती बेर पैरों पर गिर पड़ा।’ 105281 test‏.htm लग रहा है। और उधर भोला कई बेर याद दिला चुके हैं कि कहीं कोई 105282 test‏.htm है। सड़क के किनारे झुड़- बेरियों के झाड़ थे। उसने थोड़े से बेर 105283 test‏.htm तंखा ने बेरुखी के साथ कहा -- आपके लिए मुबारक 105284 test‏.htm हुआ है। खपरैल पर लौकी की बेल चढ़ी हुई है और कई लौकियाँ ऊपर 105285 test‏.htm राज और बढ़ई और लोहार और बेलदार और खाट बुननेवाले और टोकरी ढोनेवाले 105286 test‏.htm शहर के बेलदारों को पाँच-छः आने रोज़ मिलते हैं, 105287 test‏.htm गयी। उसने पूछा -- साँझ की बेला कहाँ जाती है, चल घर। 105288 test‏.htm रात गयी, अभी रोटी खाने की बेला नहीं आयी? खाकर बैठो। गपड़चौथ 105289 test‏.htm रही हो क्या भाभी जी? अब तो बेला हो गयी। 105290 test‏.htm अकल जैसे खुल गयी है। कैसी बेलाग बात कहता है। उसकी वक्र बुद्धि 105291 test‏.htm पहुँच गये और घूमते-घामते बेलारी जा निकले। होरी द्वार पर बैठा 105292 test‏.htm सेमरी और बेलारी दोनों अवध-प्रांत के गाँव हैं। 105293 test‏.htm की कोई ज़रूरत नहीं। होरी बेलारी में रहता है, राय साहब अमरपाल 105294 test‏.htm मालती को बेलारी याद था। बोली -- वही गाँव तो नहीं, 105295 test‏.htm पर रखी हुई थीं। झोंपड़ी बेलों और लताओं से ढकी हुई बहुत सुंदर 105296 test‏.htm लंबे थे; पर लंबे होकर भी बेवक़ूफ़ न थे। अपना लंबा काला मुँह और 105297 test‏.htm दूसरों को इतना आसानी से बेवक़ूफ़ नहीं बना सकती। 105298 test‏.htm अपनी तारीफ़ सुनकर जैसे बेवक़ूफ़ बन जाते थे; मुँह ज़रा-सा निकल 105299 test‏.htm जो अपने कौशल से दूसरों को बेवक़ूफ़ बना सकता है ॰॰॰ 105300 test‏.htm क्या आप सारी दुनिया को बेवक़ूफ़ समझती हैं? जो बात सभी समझ रहे 105301 test‏.htm मेहता ने मिर्ज़ा की बेवक़ूफ़ी पर हँसकर कहा -- आपको मालूम होना 105302 test‏.htm गया। इस बदमाश ने यह क्या बेवक़्त की शहनाई बजा दी। दुष्ट कहीं 105303 test‏.htm दुःखी मन से बोला -- बड़ा बेवफ़ा आदमी है। तुम जैसी लच्छमी को 105304 test‏.htm कहनेवाला, पहले सिरे का बेवफ़ा और निर्लज्ज; मगर उन्हें उन 105305 test‏.htm तो सही। औरत की जात! कितनी बेवफ़ा होती है। खिचड़ी डाल दी और टाँग 105306 test‏.htm तुमसे विवाह करके कल तुमसे बेवफ़ाई करूँ तो तुम मुझे क्या सज़ा 105307 test‏.htm अपमान किया, जिससे हमेशा बेवफ़ाई की, जिसे सदैव जीवन का भार समझा, 105308 test‏.htm थे कि मिर्ज़ा ने उनके साथ बेवफ़ाई की। अकेले मिर्ज़ा साहब प्रसन्न 105309 test‏.htm पर शीत में वह भी बुझ गया। बेवाय फटे पैरों को पेट में डालकर 105310 test‏.htm ने निर्मम स्वर में कहा -- बेशक अलग हो जाना पड़ेगा। आप इस संघ 105311 test‏.htm की पीठ पर हुमचकर कहा -- बेशक कर सकता हूँ। आप इनसे कह दें, 105312 test‏.htm तो उसका मुँह बंद कर दे। बेशक वह ऐसी ख़बरें नहीं छापते, ऐसी 105313 test‏.htm की कोई बात ही नहीं है। बेशक , उसमें समाई होती, तो वह रूपा 105314 test‏.htm मेहता बोले -- बेशक , पुरुषों ने अन्याय किया है; 105315 test‏.htm निंदा न करेंगे; मगर कितनी बेशर्म है। सुना है इसकी अच्छी प्रैक्टिस 105316 test‏.htm क़िस्सा ख़तम। ऐसे-ऐसे बेशुमार मेहते आयेंगे और चले जायेंगे। 105317 test‏.htm पूरे छः महीने को, न एक दिन बेस न एक दिन कम। यह जो नित्य जुआ 105318 test‏.htm कई दिन इसी हैस- बेस में गुज़रे। होरी कुछ फ़ैसला 105319 test‏.htm तू बहुत ठीक कहती है धनिया! बेसक मुझे उसका सिर काट लेना चाहिए 105320 test‏.htm ने होंठ चबाकर कहा -- कैसी बेसमझी की-सी बातें करती हो? तुम वहाँ 105321 test‏.htm घर में रखेगा। सब के सब बेसरम हो गये हैं। लौंडे का कहीं ब्याह 105322 test‏.htm मार-धाड़ न करना। इससे औरत बेसरम हो जाती है। 105323 test‏.htm आदमी मुँह से बात कहकर इतनी बेसरमी से मुकुर जाता है। 105324 test‏.htm लड़ाई ठाने बैठी है। इतनी बेसर्मी ! आँख का पानी ऐसा गिर गया! खोदकर 105325 test‏.htm आँखों में हरजाई हो, निरी बेसवा ; अगर यही करना था, तो मातादीन 105326 test‏.htm कहा -- बिगड़ेंगे तो एक रोटी बेसी खा लेंगे, और क्या करेंगे। कोई 105327 test‏.htm है, रुपए सैकड़े सूद से बेसी न दूँगा। लेना हो तो लो, नहीं 105328 test‏.htm तो चार भी मिल गये। इससे बेसी नहीं। 105329 test‏.htm सैकड़ा देंगे। एक कौड़ी बेसी नहीं। तुम्हें लेना हो तो लो, 105330 test‏.htm सत्तर रुपए ले लो। इससे बेसी मैं एक कौड़ी न दूँगा। 105331 test‏.htm में डोंड़ी पिटवा दी कि कोई बेसी लगान न दो और न खेत छोड़ो, हमको 105332 test‏.htm नहीं है। फिर एकाध बाँस बेसी ही काट लेगा, तो क्या। रोज़ ही 105333 test‏.htm है। उस पर एक हज़ार से कुछ बेसी ही देना है। जियावन महतो के 105334 test‏.htm मुझे बेच डालो। गाय से कुछ बेसी ही मिल जायगा, दोनों लड़कियाँ 105335 test‏.htm के लिए जीता न रहेगा। वह बेहया नहीं, बे ग़ैरत नहीं है! 105336 test‏.htm -- जैसी बेहया वह है, वैसा ही बेहया यह है। ऐसे मर्द को तो चुल्लू-भर 105337 test‏.htm ने नाक सिकोड़कर कहा -- जैसी बेहया वह है, वैसा ही बेहया यह है। ऐसे 105338 test‏.htm रहती है। झिंगुरी पक्का बेहया है। कोई दूसरा होता तो पागल 105339 test‏.htm ‘बड़े बेहया हो यार।’ 105340 test‏.htm साधे बैठा रहा। बाप भी ऐसे बेहया होते हैं!’ 105341 test‏.htm की कमी न थी; मगर इस तरह की बेहयाई उनके बस में न थी। उनके मन के 105342 test‏.htm आँखें फिर जाती हैं। मैं तो बेहयाई करने को तैयार था; लेकिन धनिया 105343 test‏.htm इस ज़माने में मोटा होना बेहयाई है। सौ को दुबला करके तब एक मोटा 105344 test‏.htm और जाकर शोभा से कह दे, दादा बेहाल हैं। हाय भगवान्! अब मैं कहाँ 105345 test‏.htm ‘सोभा तो आज बहुत बेहाल है।’ 105346 test‏.htm है, मानो मारे प्रेम के बेहोश हो गया है, कोई रुपए दिखाता है, 105347 test‏.htm है। आज बेचारे खेत में बेहोश हो गये। रोना-पीटना मच गया। 105348 test‏.htm जितने चाहें, मुझसे लीजिए। बैंक आपका है। हाँ, अभी आपने अपनी 105349 test‏.htm लाख की है। इस दशा में कोई बैंक आपको क़र्ज़ नहीं दे सकता। यों 105350 test‏.htm बोले -- मैंने आप से कह दिया, बैंक इससे कम सूद पर किसी तरह राज़ी 105351 test‏.htm धुआँ निकालने के बाद कहा -- बैंक की जो स्थिति है वह मैंने आपको 105352 test‏.htm आधे रुपए मेरे हैं। मैंने बैंक के दो लाख इस मिल में लगा दिये। 105353 test‏.htm निज का है, वह आपका है; लेकिन बैंक के मुआमले में तो मुझे अपने 105354 test‏.htm मिस्टर खन्ना उतरे, जो एक बैंक के मैनेजर और शक्करमिल के मैनेजिंग 105355 test‏.htm -- नहीं दिवालिया हूँ! मुझे बैंक को दो लाख देना है। जिस मकान 105356 test‏.htm वह मैंने आपको सामने रख दी। बैंक ने एक तरह से लेन-देन का काम बंद 105357 test‏.htm कही थी और लाहौर में उनके बैंक पर एक दीवानी मुक़दमा दायर हो 105358 test‏.htm अभी दस साल पहले जो व्यक्ति बैंक में क्लर्क था, वह केवल अपने 105359 test‏.htm स्वप्न, सबसे बड़ी साध थी। बैंक सूद से चैन करने या ज़मीन ख़रीदने 105360 test‏.htm हूँ, वह भी अब मेरा नहीं है। बैंक से मैं निकाल दिया जाऊँगा। जिस 105361 test‏.htm हैं। मिस्टर खन्ना कि मैं बैंकर नहीं, ताल्लुक़ेदार हूँ। कुँवर 105362 test‏.htm हैं। असली राजा तो हमारे बैंकर हैं। 105363 test‏.htm है? आज संसार का शासन-सूत्र बैंकरों के हाथ में है। सरकार उनके हाथ 105364 test‏.htm मुआमले को समझा ही नहीं। आप बैंकिंग की गुत्थियाँ समझते हैं; पर 105365 test‏.htm डुबो बैठे। नहीं, आप इतने बैंकों और कंपनियों के डाइरेक्टर न 105366 test‏.htm को महाजनों और बैंकों से क़र्ज़ दिलाने में वकालत 105367 test‏.htm और द्रौपदी की रक्षा करने बैकुंठ से दौड़े थे। आज क्यों नींद 105368 test‏.htm कुलाह, कंधे में चमड़े का बैग लटकाये, कंधे पर बंदूक़ रखे 105369 test‏.htm होरी बाहर खाट पर बैठ कर चिलम पीने लगा, तो फिर भाइयों 105370 test‏.htm ‘होरी से कहो, अब बैठ के राम-राम करें।’ 105371 test‏.htm का साहस नहीं होता। वहीं बैठ गया और चीज़ें निकाल-निकाल, 105372 test‏.htm नहीं जाता। वह हारकर वहीं बैठ गया और बोला -- उसकी रच्छा करो 105373 test‏.htm भी ख़ूब लगी। सिर पकड़कर बैठ गया और लगा हाय-हाय करने। मैंने 105374 test‏.htm पटती थी। झुनिया के मन में बैठ गया था कि यह पक्का मतलबी, बेदर्द 105375 test‏.htm राम-राम किया और एक्के पर बैठ गया। 105376 test‏.htm है, और यह देखकर उसका दिल बैठ गया। 105377 test‏.htm आती है। सोना का दिल बैठ गया। अभागे नहीं माने साइत, 105378 test‏.htm पाँव जाकर मँड़ैया के पीछे बैठ गया। उसका अनुमान ठीक निकला। 105379 test‏.htm करता। मातादीन पुआल पर बैठ गया। कलेजे में हूक-सी उठ रही 105380 test‏.htm दिये और सिर पर हाथ रखकर बैठ गया। पुरुषत्व अपनी चरम सीमा 105381 test‏.htm जा चुकी थी। वहीं सिर थामकर बैठ गया। बाहर उसे पकड़ने की चेष्टा 105382 test‏.htm कराहती, खलिहान में आकर बैठ गयी और अंचल में मुँह ढाँपकर 105383 test‏.htm धनिया ज़मीन पर बैठ गयी और आर्त्त स्वर में बोली 105384 test‏.htm होकर रूपा के बाल गूँथने बैठ गयी जो बिलकुल उलझकर रह गये 105385 test‏.htm अंदर ही टाँगें तोड़कर बैठ गयी है। उनमें अपने जीवन की 105386 test‏.htm रास्ता। मालती थककर बैठ गयी। 105387 test‏.htm यह बात गोबर के मन में बैठ गयी। जी उचाट हो गया। अब तो वह 105388 test‏.htm कि उसके मन में भी यह बात बैठ गयी। ठाकुर ठीक ही तो कहते हैं, 105389 test‏.htm ले चले। सिलिया ज़मीन पर बैठ गयी। भाइयों ने इस पर भी न छोड़ा। 105390 test‏.htm दिन गाँववालों की पंचायत बैठ गयी। होरी और धनिया, दोनों अपनी 105391 test‏.htm दारोग़ाजी एक चारपाई पर बैठ गये और बोले -- तुम लोगों ने क्या 105392 test‏.htm सारा दर्द खींच लिया। उठकर बैठ गये और बोले -- दर्द तो दोपहर 105393 test‏.htm की छाया में एक कुरसी पर बैठ गये और होरी को ज़मीन पर बैठने 105394 test‏.htm भैया! एक दिन ज़रा एक्के पर बैठ गये तो मैं तुमसे इनाम लूँगा। 105395 test‏.htm था। चुपके से कैदी की तरह बैठ गये। एक ज़माना था, जब वह औरतों 105396 test‏.htm कीं। बेचारे लज्जित होकर बैठ गये। कुछ अजीब-से आदमी मालूम 105397 test‏.htm बोझ रखकर पानी पीने के लिए बैठ गये। गोबर ने बनिये से लोटा 105398 test‏.htm वह एक बार कुरसी से उठे, फिर बैठ गये। गोविंदी के प्रति उनका 105399 test‏.htm ओंकारनाथ फिर बैठ गये। मेहता का भाषण जारी था 105400 test‏.htm साँझ हुई और ढोल-मजीरा लेकर बैठ गये। संगत को मैं बुरा नहीं 105401 test‏.htm बिरादरी में किसी के साथ बैठ जा और आराम से रह। वह तेरा अपमान 105402 test‏.htm से एक लाख की थैली लेकर बैठ जाइएगा। उन्होंने यहाँ तक कहा 105403 test‏.htm सामने अपना दुखड़ा लेकर बैठ जाऊँ? ये लोग मेरे द्वार पर दुखड़ा 105404 test‏.htm तो आपको उठा दूँगा और बैठ जाऊँगा, अच्छा मिस मालती सभानेत्री 105405 test‏.htm पर है। जब तैयार हो जाऊँगा, बैठ जाऊँगा। छोटी-छोटी उपाधियों 105406 test‏.htm हो जाऊँगा। जब हुक्म देंगे, बैठ जाऊँगा। जिस कंपनी का डाइरेक्टर, 105407 test‏.htm जाय, तो किसी जवान को लेकर बैठ जाऊँ।’ 105408 test‏.htm साँझ सबेरे चाय की दूकान पर बैठ जाओ काका, तो एक रुपए कहीं नहीं 105409 test‏.htm ज़बरदस्ती उसकी छाती पर बैठ जाता और स्तन मुँह में लेकर 105410 test‏.htm करना पड़ता। क़लम लेकर बैठ जाता हूँ। हर वक़्त ख़र्च का 105411 test‏.htm खाना खा कर डिब्बी के सामने बैठ जाता, और सुतली कातता। कहीं 105412 test‏.htm देखती, बात-बात पर लड़ने बैठ जाती हो। 105413 test‏.htm थी। प्रातःकाल पूजा पर बैठ जाते थे और दस बजे तक बैठे राम-नाम 105414 test‏.htm नहीं। हम लोग इसी खाट पर बैठ जाते हैं। यहाँ कुरसी पर बैठने 105415 test‏.htm सकते हैं कि आप उनकी ख़ातिर बैठ जाते हैं ॰॰॰ नहीं मुझे अर्ज़ 105416 test‏.htm है। आओ, इस वृक्ष के नीचे बैठ जायँ। 105417 test‏.htm तेज़ हो गयी है, आइए कहीं बैठ जायँ। आप से कुछ बातें करनी 105418 test‏.htm जी में आया, कुछ देर यहीं बैठ जाय। दिन-भर तो लू-लपट में मरना 105419 test‏.htm रही है; क्यों किसी को लेकर बैठ नहीं जाती; क्यों अपने घर नहीं 105420 test‏.htm तक कोई शिकार न मिल जाय, मैं बैठ नहीं सकता।’ 105421 test‏.htm के कहने से पंचायत में बैठ भर गया था। वह लोग तो और कड़ा 105422 test‏.htm आता था -- जो रुपए लेता, खाकर बैठ रहता -- मगर उसके ब्याज का दर 105423 test‏.htm हो सकी की; फिर हारकर बैठ रहा। खेती-बारी की भी फ़िक्र 105424 test‏.htm इस तत्व को पाकर वह शांत न बैठ सकते थे। स्वार्थ से अलग अधिक-से-अधिक 105425 test‏.htm सकी। बोली -- तू चल घर में बैठ , मैं देख लूँगी काका और भैया 105426 test‏.htm बँगले में आकर उसने अपना बैठक का कमरा ख़ाली कर दिया और उसी 105427 test‏.htm न था। हाँ, पटेश्वरी की नयी बैठक बन गयी थी और झिंगुरीसिंह ने 105428 test‏.htm उसकी घरवाली आ गयी थी। अपने बैठक में सिर में पट्टी बाँधे पड़ा 105429 test‏.htm के लिए गाँव के विधाताओं की बैठक हुई। 105430 test‏.htm बालक ने हिरन पर बैठकर अपना क़ब्ज़ा सिद्ध कर दिया 105431 test‏.htm वह कुछ दिन आपके चरणों में बैठकर आपसे नारी-धर्म सीखें।’ 105432 test‏.htm रस रह गया। जिस नौका पर बैठकर इस जीवन-सागर को पार करना चाहती 105433 test‏.htm मेहता झोपड़ी के द्वार पर बैठकर एक थाली में मांस और रोटियाँ 105434 test‏.htm ‘और यहाँ बैठकर क्या करूँगा। कमाओ और मरो, इसके 105435 test‏.htm ऊँचे-नीचे सभी एक पंगत में बैठकर खाते हैं। आपत्काल में श्रीरामचंद्र 105436 test‏.htm पकाते। दातादीन और वह साथ बैठकर खाते हैं। झिंगुरीसिंह ने बाम्हनी 105437 test‏.htm आओ, एक नाव बनायें, और उस पर बैठकर चलें।’ 105438 test‏.htm देर के लिए किसी सवारी पर बैठकर जब हम आकाश में उड़ने लगते हैं, 105439 test‏.htm राय साहब कुर्सी पर बैठकर ज़रा मीठे स्वर में बोले -- अच्छा 105440 test‏.htm रुक सकता था। गाय डोली में बैठकर तो आयी न थी। कैसे संभव था कि 105441 test‏.htm पाँव लड़खड़ाने लगे। कहीं बैठकर दम लेने की इच्छा होती थी। बिना 105442 test‏.htm ने उसके सिर की ओर ज़मीन पर बैठकर धीरे-धीरे उसका सिर सहलाना शुरू 105443 test‏.htm मिस्टर तंखा ने एक सोफ़े पर बैठकर निश्चिंत भाव से धुआँ उड़ाते 105444 test‏.htm वह दादा से कहेगा, अब तुम घर बैठकर भगवान का भजन करो। इस खेती में 105445 test‏.htm अपनी विधवा माता की गोद में बैठकर महान् सुख का अनुभव किया करते 105446 test‏.htm और सब कुछ भस्म हो गया हो। बैठकर रोने के लिए भी स्थान न बचा हो। 105447 test‏.htm और वहीं बालू के फ़र्श पर बैठकर सरपत की रस्सी बटने लगे। ऐसे 105448 test‏.htm करके जाओ और मुझे एकांत में बैठकर सोचने और रोने दो। तुमने आज 105449 test‏.htm पर वह अपना खोंचा लेकर बैठता था, वहाँ एक दूसरा खोंचेवाला 105450 test‏.htm जमा हो जाते, वही महाजन बन बैठता था। एक समय होरी ने भी महाजनी 105451 test‏.htm था। कहीं इसके खेत में जा बैठता , कहीं उसकी बोआई करा देता। इस 105452 test‏.htm में गोविंदी को अपशब्द कह बैठता , शिष्टता उसके लिए दुनिया को 105453 test‏.htm हो, तो बैठो। मैं तो नहीं बैठता।’ 105454 test‏.htm का खाता तो खोलकर नहीं बैठता।’ 105455 test‏.htm अपने एकांत कमरें में जा बैठती और रात की रात रोया करती और खन्ना 105456 test‏.htm मँड़ैया में आकर पुआल पर बैठती हुई बोली -- गोबर ने तो मुँह में 105457 test‏.htm जो रूप का बाज़ार लगाकर बैठती है, जिसकी परछाईं भी वह अपने 105458 test‏.htm और मालती बच्चे के पास बैठती। वह बार-बार चाहती कि बच्चे के 105459 test‏.htm कारण जो न करना चाहिए, वह कर बैठती। 105460 test‏.htm की जगह उच्छृंखलता कर बैठते थे, इसलिए लोग उन्हें ख़ाली 105461 test‏.htm दो आदमियों के सहारे उठते- बैठते थे। ज़बान तो बिलकुल बंद ही 105462 test‏.htm दातादीन ने बैठते हुए अनुग्रह भाव से कहा -- अबकी 105463 test‏.htm ने कोठरी के अंदर खाट पर बैठते हुए कहा -- तुम समझते हो, मैं छोड़ना 105464 test‏.htm लगाया और फिर आकर खाट पर बैठते हुए बोले -- हाँ, मतई के ब्याह 105465 test‏.htm कर ख़ुदा की याद में जा बैठते हैं; मगर दौलत का राज्य बदस्तूर 105466 test‏.htm कुछ धाँधली क्यों नहीं कर बैठते। यहाँ अपनी न्याय-प्रियता दिखा 105467 test‏.htm शुरू कर दिया था। निश्चिंत बैठना उनके स्वभाव में न था। यह काम 105468 test‏.htm न पाकर उसी पिंजरे में जा बैठना चाहता था, चाहे उसे बेदाना, बेपानी, 105469 test‏.htm ‘अभी नहीं। तुम बैठना चाहती हो, तो बैठो। मैं तो नहीं 105470 test‏.htm मालती को प्रायः सारी रात बैठना पड़ जाता; मगर वह न कभी झुँझलाती, 105471 test‏.htm भी राय साहब को आधा घंटा बैठना पड़ा; इसलिए जब कोई साढ़े नौ 105472 test‏.htm कहा -- नहीं-नहीं, अभी आपको बैठना पड़ेगा। मैं अपनी पोज़ीशन साफ़ 105473 test‏.htm डरी। दोनों गुथ जायँगी, तो बैठना मुश्किल कर देंगी। बात बदलकर 105474 test‏.htm पहनें। उनकी मेहरियों को बैठने और सोने के सिवा और कौन काम है। 105475 test‏.htm गये और होरी को ज़मीन पर बैठने का इशारा करके बोले -- समझ गया, 105476 test‏.htm कर सके, तो उसे इस आसन पर बैठने का कोई हक़ नहीं है। 105477 test‏.htm गर्मी में कहीं बाहर लेटने- बैठने की जगह नहीं। लड़का माँ को एक 105478 test‏.htm सातवें दिन आओगे, ख़ाली बैठने को माची दूँगी। रोज़-रोज़ आओगे, 105479 test‏.htm उसे वहाँ भी तो चैन से न बैठने देगी! कहीं पंचायत करेगी, कहीं 105480 test‏.htm उससे एक क्षण भी आराम से न बैठने देता, और जब मेहता ख़ुद खुरपी 105481 test‏.htm वह नाक पर मक्खी भी नहीं बैठने देती, गालियों से बात करती है; 105482 test‏.htm जाते हैं। यहाँ कुरसी पर बैठने नहीं, तुमसे कुछ सीखने आये हैं। 105483 test‏.htm खेल में मग्न थी। रामू अब बैठने लगा था। कुछ-कुछ बकवाँ चलने 105484 test‏.htm वहाँ एक दूसरा खोंचेवाला बैठने लगा है और गाहक अब गोबर को भूल 105485 test‏.htm कहे देता हूँ कि खन्ना चुप बैठनेवाला आदमी नहीं है। उसके पुरज़े मेरे 105486 test‏.htm थे। साथ के पढ़े हुए, साथ के बैठनेवाले। और यह उनसे कमीशन की आशा रखते 105487 test‏.htm रही थी और मातादीन दूसरी ओर बैठा अपनी लाठी में तेल मल रहा था। 105488 test‏.htm सहसा गोबर चौंककर उठ बैठा और आँखें मलता हुआ बोला -- अरे! 105489 test‏.htm होरी उनकी छाती पर चढ़ बैठा और ज़ोर से दाढ़ी पकड़कर खींची। 105490 test‏.htm होरी की उसी मड़ैया में जा बैठा और भविष्य के मंसूबे बाँधने 105491 test‏.htm पानी भर कर चुल्लू से पीने बैठा कि एक किसान ने कहा -- अरे भाई, 105492 test‏.htm जा निकले। होरी द्वार पर बैठा चिलम पी रहा था कि मालती और मेहता 105493 test‏.htm रक़म है जिसके लिए आपका दिल बैठा जाता है। ख़ुदा झूठ न बुलवाये 105494 test‏.htm तो हूँ, लेकिन जब उनसे बैठा जाय।’ 105495 test‏.htm -- चला ही तो रहा हूँ महराज, बैठा तो नहीं हूँ। 105496 test‏.htm थी। वह इसी चिंता में डूबा बैठा था कि पंडित दातादीन ने आकर 105497 test‏.htm होरी मन-मारे बैठा था कि पंडित दातादीन ने जाकर 105498 test‏.htm वहाँ से रुआँसा होकर उदास बैठा था कि पुन्नी आग लेने आयी। रसोई 105499 test‏.htm के हृदय में जैसे वह बालक आ बैठा था, और हाथ-पाँव फेंक रहा था। 105500 test‏.htm से निकलते न देखा। ऐसा छिपा बैठा था, जैसे मुँह में कालिख लगी 105501 test‏.htm थी। अब लल्लू उसके मन में आ बैठा था, शांत, स्थिर, सुशील, सुहास। 105502 test‏.htm ज्योति की जगह अनुभव छिपा बैठा था। 105503 test‏.htm था, उसी दिन से वह खार खाये बैठा था। 105504 test‏.htm आ खड़ी हुई थी। होरी उदास बैठा था। कैसे मुँह-हाथ धोये, कैसे 105505 test‏.htm मातादीन संज्ञाहीन-सा बैठा था। दोपहर होने आ रहा था। धूप 105506 test‏.htm ने उन्हें एक सोफ़ा पर बैठा दिया और स्नेह-कोमल स्वर में 105507 test‏.htm देखकर कहा -- मुझे लाकर यहाँ बैठा दिया। आप परदेश की राह ली। फिर 105508 test‏.htm -- इधर से जा रहा था। तुझे बैठा देखा, चला आया। 105509 test‏.htm चले गये किया? घर में छिपा बैठा न हो। देख तो सोना, भीतर तो नहीं 105510 test‏.htm आया। कोई रजिस्टर लिये तो बैठा नहीं है कि कौन आया, कौन नहीं 105511 test‏.htm थी। जानती थी, ईश्वर कहीं बैठा नहीं है जो आकर उन्हें उबार 105512 test‏.htm चला गया; पर वह नीम के नीचे बैठा बड़ी देर तक पछताता रहा। वह 105513 test‏.htm पर पहले उसका पति रक्षक बना बैठा रहता था। वह निश्चिंत थी। अब 105514 test‏.htm ‘तो क्या मैं रोने के लिए बैठा रहता? मेरी लहाश भी तेरे साथ 105515 test‏.htm क्यों उस वक़्त तक चुपचाप बैठा रहा जाय, जब तक शेर अहिंसा का 105516 test‏.htm जाना पड़ा; गोबर विरक्त-सा बैठा रहा। आध घंटे में होरी लौटा 105517 test‏.htm देर तक तो वह ज़ब्त किये बैठा रहा। फिर न रह गया। धनिया पर 105518 test‏.htm देख रहा था; पर चुप्पी साधे बैठा रहा। बाप भी ऐसे बेहया होते 105519 test‏.htm लौट पड़े। गोबर अपनी जगह बैठा रहा। मगर होरी के पेट में धर्म 105520 test‏.htm वह क्या करता कि छः महीने बैठा रहा। मेहता ने किसी तरह की पैरवी 105521 test‏.htm के साथ मुँह में जाली लगाये बैठा रहूँ। 105522 test‏.htm खन्ना ने उनका हाथ पकड़कर बैठा लिया -- नहीं, आप ज़रा बैठिए। 105523 test‏.htm हाथों से उठाकर कंधे पर बैठा लिया। 105524 test‏.htm लेकर आ गयी और तुमने घर में बैठा लिया। अभी तुम्हारी दो-दो लड़कियाँ 105525 test‏.htm छोड़े? मातादीन ने चमारिन बैठा ली, तो किसी ने क्या कर लिया। 105526 test‏.htm जाता था। होरी बरौठे में बैठा सब कुछ सुन रहा था। सोना और रूपा 105527 test‏.htm गोबर भी घर से निकला। होरी बैठा सोच रहा था। लड़के की अकल जैसे 105528 test‏.htm रहा था। पर वह मौन, निस्पंद बैठा हुआ था। 105529 test‏.htm संघ हड़ताल करने को तैयार बैठा हुआ था। इधर मजूरी घटी और उधर 105530 test‏.htm पर टुकड़े के इंतज़ार में बैठा हुआ था। दोनों युवतियाँ बैलों 105531 test‏.htm सामने वृक्ष पर एक मोर बैठा हुआ था। मेहता ने निशाना साधा 105532 test‏.htm भाँप रही थी। वह बाँबी में बैठा हुआ साँप कहीं बाहर न निकल आये, 105533 test‏.htm -- तो यहीं कौन सिंहासन पर बैठा हुआ हूँ। 105534 test‏.htm दिया -- मैं घंटे-भर से यहाँ बैठा हुआ हूँ और आप निकलते-निकलते 105535 test‏.htm मुखिया लोगों का कैबिनेट बैठा हुआ है। गोबर को देखकर सब के 105536 test‏.htm क़साई की तरह द्वार पर बैठा हुआ है। मैं तो बोली भी नहीं।’ 105537 test‏.htm कुछ नहीं हुज़ूर, बेकार बैठा हूँ। इसी उम्मीद से आपकी ख़िदमत 105538 test‏.htm का स्वागत करने को तैयार बैठा हूँ। ईश्वर वह दिन जल्द लाये। 105539 test‏.htm जगह आत्म-सेवन का जो भाव आ बैठा है -- सब कुछ अपने लिए, अपने भोग 105540 test‏.htm निकलकर पुकारा -- अरे! कौन बैठा है अलाव के पास? 105541 test‏.htm ने समझाया -- आदमी द्वार पर बैठा है उसके लिए खाट-वाट तो डाल नहीं 105542 test‏.htm लिये फिरते हैं। हमारे कौन बैठा है, जो उससे लड़े! इस सत्यानासी 105543 test‏.htm है, जो कान में तेल डाले बैठा है?’ 105544 test‏.htm आयी। यहाँ तेरा कौन सगा बैठा है। 105545 test‏.htm देख तो सोना, भीतर तो नहीं बैठा है। 105546 test‏.htm भोला के नाम को रोनेवाला बैठा है। बेटे चाहे क्रिया-करम कर 105547 test‏.htm कहा -- क्या अब तक क्वाँरा बैठा होगा? 105548 test‏.htm जायगा कहाँ? यहीं कहीं छिपा बैठा होगा। दूध थोड़े ही पीता है 105549 test‏.htm से रुपए लाती और तेरा बाप बैठा , उसी रुपए की ताड़ी पीता, फिर 105550 test‏.htm ‘अब मैं जानूँ, क्या कर बैठा , चलकर पूछो उसी राँड़ से?’ 105551 test‏.htm क्या? किसी से मार-पीट कर बैठा ?’ 105552 test‏.htm मचाकर ज़बरदस्ती कमेटी बैठाई। आख़िर बचा के मुँह पर थप्पड़ 105553 test‏.htm बोई गयी। उधर दाहिना बैल भी बैठाऊँ हो गया था और एक नये बैल के बिना 105554 test‏.htm चुके हैं कि इसे घर में बैठाकर आप न जाने कहाँ निकल गया। आज-कल 105555 test‏.htm वह जैसे उसे अपने हृदय में बैठाकर उसके चरण आँसुओं से पखार रही 105556 test‏.htm चाहता है, तुम्हें कंधे पर बैठाकर पहुँचाऊँ।’ 105557 test‏.htm के सामने कुर्सियों पर बैठाते हुए कहा -- पहले तो धनुष-यज्ञ 105558 test‏.htm किया और मेहता को मसनद पर बैठाते हुए बोले -- मैं तो ख़ुद आपके 105559 test‏.htm ने उनका हाथ पकड़कर बैठाया -- आप भी संपादकजी निरे पोंगा 105560 test‏.htm को बुलाकर प्यार से गोद में बैठाया और कहा -- ज़रा जाकर देख, हीरा 105561 test‏.htm बाहर क्यों नहीं करते? बैठे- बैठायें झगड़ा मोल ले लिया। 105562 test‏.htm कोई दूसरा कष्ट होगा, बैठे- बैठाये उसकी डिग्री हो जायगी, तो उसने 105563 test‏.htm चालाकी को सराहता कि बैठे- बैठाये ढाई रुपए मिल गये। ठोकर खाकर 105564 test‏.htm कभी कुछ बचा हो। और बैठे बैठाये यह एक नया जंजाल पड़ गया। न करो 105565 test‏.htm ज़रा-सा रोयेगी, उसे आदर से बैठायेगी , उसे खाना खिलायेगी; और गाँव 105566 test‏.htm होरी की दशा देखकर चुप हो बैठा। अबकी संयोग से होरी की ऊख गाँव 105567 test‏.htm किये, कभी तू छाँह में बैठा। उस पर यह अपमान! और वह अब भी जीता 105568 test‏.htm ही कहा। मैं नाहक़ तुमसे तन बैठा। कुछ खेती-बारी घर में होती है 105569 test‏.htm सहसा वह उठ बैठा। क्यों मर्यादा की ग़ुलामी करे। 105570 test‏.htm में मिल गयी। कुछ हँसी कर बैठा। नोहरी ने नोखेराम से जड़ दिया। 105571 test‏.htm सिंह की भाँति झपटा और दबोच बैठा। वह कहते कुछ हैं, मुँह से निकलता 105572 test‏.htm ने नम्रता दिखायी -- बैठिए तकल्लुफ़ न कीजिए। मैं इतना 105573 test‏.htm बैठा लिया -- नहीं, आप ज़रा बैठिए। आप देख रहे हैं, मेहता ने मुझे 105574 test‏.htm कहते हैं? जाकर आराम से बैठिए। सरोज से अच्छी वधू आपको बड़ी 105575 test‏.htm ‘तो मैं खड़ा होता हूँ। आप बैठिए।’ 105576 test‏.htm प्राणों की जगह वेदना ही बैठी उन्हें कठपुतलियों की तरह नचा 105577 test‏.htm वह झुनिया के पास जा बैठी और उसका सिर अपनी जाँघ पर रखकर 105578 test‏.htm उसी वक़्त झुनिया जागकर उठ बैठी और मेहता अपने कमरे में चले 105579 test‏.htm अलादीन की नमाज़ को उठा- बैठी कहता, अलादीन पीपल के नीचे स्थापित 105580 test‏.htm प्रसन्न रहता, मानो झूले पर बैठी गा रही है; रास्ते-भर साथ की स्त्रियों 105581 test‏.htm हो। दोनों बहुएँ सामने बैठी गोबर पाथ रही थीं और झुनिया 105582 test‏.htm यह कौन करे। फिर वह घर बैठी तो नहीं रहती थी, झाड़ू-बुहारू, 105583 test‏.htm बच्चे को गोद में लिये बैठी थी और बच्चा अनायास ही रो रहा 105584 test‏.htm मिटा महतो! जवान बहू घर में बैठी थी और वह बिरादरी की एक दूसरी 105585 test‏.htm नियत करने के लिए जो कमेटी बैठी थी, उसने तय कर लिया कि ऐसा नियंत्रण 105586 test‏.htm दी गयी थी। गाय मनमारे उदास बैठी थी, जैसे कोई वधू ससुराल आयी 105587 test‏.htm हुए थे। मालती विमन-सी अलग बैठी थी, जो नयी बात थी। राय साहब और 105588 test‏.htm बहन के अदब से ज़ब्त किये बैठी थी। अब न रहा गया। पुकार उठी 105589 test‏.htm नोहरी उनकी सामने वरदान-सी बैठी थी। इस समय उसकी उन आँखों में 105590 test‏.htm पर मैनों की बरात-सी लगी बैठी थी। नीम और सिरस और करौंदे अपनी 105591 test‏.htm पति से सत्याग्रह किये बैठी थी। पति सामने खड़ा उसे मना 105592 test‏.htm संयोग से उस वक़्त मालती भी बैठी थी। 105593 test‏.htm लातें खाने के लिए बैठी न होती। 105594 test‏.htm कर रहे हैं और पहली ठकुराइन बैठी पंखा झल रही हैं। 105595 test‏.htm रात की रात उसके सिरहाने बैठी रह जाती है, वही मालती जो किसी 105596 test‏.htm दिया। सारे दिन दूकान पर बैठी रहती थी और वहीं वे सारे गाँव 105597 test‏.htm धनिया किसी विचार में डूबी बैठी रही। एक क्षण के बाद बोली -- यह 105598 test‏.htm को लिये अपने कमरे में बैठी रही। किसने क्या कहा, क्या तशख़ीश 105599 test‏.htm हूँ। वह यहाँ रानी बनी बैठी रहे, और हम मुँह में कालिख लगाये 105600 test‏.htm होगा? वह तो बहुरिया बनी बैठी रहेगी। बहुत होगा रोटियाँ पका 105601 test‏.htm ‘नहीं-नहीं, चुपचाप बैठी रहो। कहीं आगे कोई गढ़ा मिल 105602 test‏.htm और धनिया बैठी रो रही थी, जैसे कोई उसके हृदय 105603 test‏.htm और द्वार पर कौड़े के सामने बैठी रो रही थी। घर में जब अनाज का 105604 test‏.htm को चौपट कर दिया। तब से बैठी रो रही है। उठती ही नहीं। कहती 105605 test‏.htm था। झुनिया उसमें अकेली बैठी रोया करती। लड़का दिन-भर आँगन 105606 test‏.htm के बदले ख़ुद उसके साथ बैठी- बैठी सुतली कातती। गाय तो लेनी ही 105607 test‏.htm न रहा। वह स्मृति उसके भीतर बैठी हुई जैसे उसे शक्ति प्रदान करती 105608 test‏.htm जिस डाल पर वह निश्चिंत बैठी हुई थी, वह टूट गयी और अब वह निराधार 105609 test‏.htm और दो जवान पत्नियाँ घर में बैठी हुई थीं। उन दोनों ही के विषय 105610 test‏.htm बँगले के सामने घास पर बैठी हुई थीं। पानी न पाने के कारण 105611 test‏.htm झाँका। धनिया और झुनिया बैठी हुई थीं। होरी खड़ा था। झुनिया 105612 test‏.htm इस वक़्त मुँह खोले बैठी हुई थीं कि आकाश से अमृत-वर्षा 105613 test‏.htm फिर उसी जगह आये जहाँ युवती बैठी हुई थी। वह अब गृहिणी बन गयी 105614 test‏.htm अवकाश कहाँ था। उसके अंदर बैठी हुई सम्मान-लालसा ऐसा आदर पाकर 105615 test‏.htm दो-दो लड़कियाँ ब्याहने को बैठी हुई हैं, सोचो कैसे बेड़ा पार 105616 test‏.htm छिपाकर कहा -- वह तो यहीं बैठी हुई हैं। 105617 test‏.htm जल्दी चल। तब तक मैं यहीं बैठी हूँ।’ 105618 test‏.htm देखा, चुहिया शिशु को लिए बैठी है और वह साफ़ साड़ी पहने लेटी 105619 test‏.htm रूपा बाप की गोद में चढ़ी बैठी है तो ईर्ष्या हुई। उसे डाँटकर 105620 test‏.htm निर्वाह होता! जवान लड़की बैठी है, उसका भी कहीं ठिकाना लगाना 105621 test‏.htm मरती है और मतई के नाम पर बैठी है, और वह निर्दयी बात भी नहीं 105622 test‏.htm जैसे डरता था। मालती वहाँ बैठी है, कैसे जाय? झुनिया से बच्चे 105623 test‏.htm तो कोई जवान साली-सलहज नहीं बैठी है, जिसे जाकर दिखाऊँ। 105624 test‏.htm गयी है। उसकी चहेती तो यहाँ बैठी है, भागकर जायगा कहाँ? यहीं कहीं 105625 test‏.htm हैं, तू यहाँ लड़ाई ठाने बैठी है। इतनी बेसर्मी! आँख का पानी 105626 test‏.htm तो देखा। वह आसमान में जा बैठी है। उस ऊँचाई तक तो क्या मैं 105627 test‏.htm बहू मुँह फेरे हुए ज़मीन पर बैठी है। ठाकुर बार-बार उसका मुँह 105628 test‏.htm खा-पी आ सिलिया! धनिया यहाँ बैठी है। तेरी पीठ पर की साड़ी तो 105629 test‏.htm टलती ही नहीं। धरना दिये बैठी है।’ 105630 test‏.htm लगाया? क्यों सतवंती बनी बैठी हो? जब अकेले नहीं रहा जाता, तो 105631 test‏.htm दे दिये; नहीं, लड़की अब तक बैठी होती। 105632 test‏.htm बच्चे को परों में छिपाये बैठी हो। 105633 test‏.htm बच्चे जना लिए तो दाई बन बैठी ! 105634 test‏.htm युवती भी उठ बैठी , और निश्चल भाव से बोली -- मैं 105635 test‏.htm वह आकर अपनी कार में बैठी , हाकिम-ज़िला के बँगले पर पहुँचकर 105636 test‏.htm के बदले ख़ुद उसके साथ बैठी -बैठी सुतली कातती। गाय तो लेनी 105637 test‏.htm मालती मेहता के बग़ल में बैठी। 105638 test‏.htm के उस पार सूखी ज़मीन पर जा बैठी। उदासी में मौत की याद तुरंत 105639 test‏.htm खोल दिया। गोविंदी अंदर जा बैठी। कार चली; मगर दोनों मौन थे। 105640 test‏.htm बताकर फिर अपनी जगह पर आ बैठी। किसी को मेहता से हमदर्दी नहीं 105641 test‏.htm मगर दुलारी अपना ही रोना ले बैठी। गाँव में ऐसा कोई घर न था जिस 105642 test‏.htm घर में आयी, कभी तो आराम से न बैठी। डोली से उतरते ही सारा काम सिर 105643 test‏.htm लीं, फिर उसकी छाती पर चढ़ बैठी। दारोग़ा ने जब बहुत मानता की, 105644 test‏.htm माँगे आयी थी, मालती जाकर बैठी। संतान-रक्षा और शिशु-पालन की 105645 test‏.htm रूपा बाप की थाली में खाने बैठी। सोना ने उसे ईर्ष्या-भरी आँखों 105646 test‏.htm हूँ। क्रोध में मैं क्या कर बैठूँ , नहीं कह सकती। साफ़-साफ़ बता 105647 test‏.htm रहता है कि मैं कुछ कह न बैठूँ। 105648 test‏.htm मुँह मोड़कर एकांत में जा बैठें और मोक्ष की चिंता करें। संसार 105649 test‏.htm नीचे झिंगुरीसिंह खाट पर बैठे अपनी सवाई उगाह रहे थे। कई बनिये 105650 test‏.htm के दिन थे। लाला बग़ीचे में बैठे आम तुड़वा रहे थे। नोहरी बनी-ठनी 105651 test‏.htm ने लगाई है। वही बैठे- बैठे उसे मंतर पढ़ा रही है। यहाँ 105652 test‏.htm थे। दोनों के निशाने ठीक बैठे और दोनों तिलमिला उठे। खन्ना 105653 test‏.htm आदमी घबड़ाये हुए आकर बैठे और मिल की तरफ़ भागे। चौरस्ते 105654 test‏.htm दोनों उस झाऊ के तख़्ते पर बैठे और मेहता ने झाऊ के एक डंडे से 105655 test‏.htm उसी बालू के फ़र्श पर जा बैठे और मेहता फिर उसी प्रवाह में 105656 test‏.htm तो वह भी आकर अपनी कार पर बैठे और सीधे मिस्टर खन्ना के पास 105657 test‏.htm में दो वाराँगनाओं के साथ बैठे कुछ बातचीत कर रहे थे कि मिस्टर 105658 test‏.htm को उत्तेजित करके कहा -- बैठे क्या हो, जाकर पटवारी से पूछते 105659 test‏.htm तुम कुछ परवा न करो, आराम से बैठे खाओ और जितना दान-पुन करना चाहो, 105660 test‏.htm -- तुम चलकर आराम से लेटो, हम बैठे गप-शप करेंगे; घर जाने की तो ऐसी 105661 test‏.htm देखा कुछ लोग बरगद के नीचे बैठे जुआ खेल रहे हैं। उसे देखकर 105662 test‏.htm से अलग करता है; लेकिन तुम बैठे ताकते रहे। 105663 test‏.htm में ऊँचे दरजे के टिकट लेकर बैठे थे, उन्हें इस खेल में विशेष 105664 test‏.htm झिंगुरीसिंह के साथ खाट पर बैठे थे। 105665 test‏.htm इतना मिज़ाज हो गया है। जले बैठे थे। ज्योंही मिस्टर तंखा सजे-सजाये, 105666 test‏.htm गोबर को बैठे दस मिनट भी न हुए होंगे कि वह 105667 test‏.htm झिंगुरीसिंह बैठे दातून कर रहे थे। नाटे, मोटे, 105668 test‏.htm हो रही है और आप लोग बैठे देख रहे हैं! बोस मर्दों के होते 105669 test‏.htm कपड़े पहने, खाट पर बैठे पथ्य लेते हैं। उस समय का यही 105670 test‏.htm करने लगेंगे, तो घंटों बैठे बीत जायगा। 105671 test‏.htm को देकर कभी कुछ बचा हो। और बैठे बैठाये यह एक नया जंजाल पड़ 105672 test‏.htm अपनी जगह पर बैठे- बैठे बोले -- जी नहीं, मैं किसी का दीन 105673 test‏.htm बड़ी मूँछें, और वही तोंद! बैठे भोजन कर रहे हैं और पहली ठकुराइन 105674 test‏.htm जाने का समाचार भी मिला था। बैठे मन में झुँझला रहे थे कि उसी 105675 test‏.htm बोली बोल सकता, तो उसे घर बैठे मनमाना शिकार मिल जाता। शिकार 105676 test‏.htm जाती है। कहीं वह वहीं बैठे- बैठे मर जाय, तो क्या हो? ताँगेवाला 105677 test‏.htm नहीं। कौन तुम्हारी तरह बैठे मौज करते हैं। जहाँ काम करेंगे, 105678 test‏.htm का यह पुरस्कार! भगवान बैठे यह अन्याय देख रहे हैं और उसकी 105679 test‏.htm तक़दीर के हाथ है। बूढ़े बैठे रहते हैं, जवान चले जाते हैं। 105680 test‏.htm हैं; लेकिन आप भी दुम दबाये बैठे रहते हैं। आपको कुछ ख़बर है, 105681 test‏.htm कर रहे हो। कटघरे में फँसे बैठे रहना तो कायरता है। फंदा और 105682 test‏.htm नहीं करना है। आप बेफ़िक्र बैठे रहिए। मैं आपकी तरफ़ से एक मेनिफ़ेस्टो 105683 test‏.htm दबाये -- तकल्लुफ़ नहीं, बैठे रहिए। मैं थक जाऊँगा, तो आपको 105684 test‏.htm है। और हम क्या बहुत दिन बैठे रहेंगे? घर की मरज़ाद बनाये 105685 test‏.htm खिलाऊँगा। तुम दुम दबाकर बैठे रहो। मैं इसके पीछे जान लड़ा 105686 test‏.htm छूट सकती थी। यहाँ मज़े से बैठे राज करते थे। वेतन तो दस रुपए 105687 test‏.htm पर बैठ जाते थे और दस बजे तक बैठे राम-नाम लिखा करते थे; मगर भगवान् 105688 test‏.htm वह दूसरों को दे दो। आप बैठे राम-राम करो। दादा ही का कलेजा 105689 test‏.htm द्वार पर खड़े होते। बैठे- बैठे सिर में चक्कर आ जाता। 105690 test‏.htm के द्वार पर आ पहुँचे। भोला बैठे सुतली कात रहे थे। गोबर ने लपक 105691 test‏.htm के बारह बज गये थे। दोनों बैठे सुतली कात रहे थे। धनिया ने 105692 test‏.htm कै दिन संसार चलेगा? और तुम बैठे सुन रहे हो; मगर यह समझ लो, मैं 105693 test‏.htm है, न मुझे। मैंने आज बैठे- बैठे सोचा, तो चित्त बड़ा दुखी हुआ 105694 test‏.htm सहालग में मज़े से घर बैठे सौ-दो सौ फटकार लेते हैं। कभी 105695 test‏.htm कार्यालय में आधी रात तक बैठे हड़ताल की स्कीमें बनाया करते 105696 test‏.htm के साथ कहा -- जिस तरी पर बैठे हम लोग जीवन-यात्रा कर रहे हैं, 105697 test‏.htm समय इन गँवारों के बीच में बैठे हुए इसी प्रश्न को हल कर रहे 105698 test‏.htm के लिए खड़ी थी। नौका पर बैठे हुए जल-विहार करते समय हम जिन 105699 test‏.htm लेख लिखने की चिंता में बैठे हुए थे; पर मन पक्षी की भाँति 105700 test‏.htm केवल एक नीला जाँघिया पहने बैठे हुए थे। युवती को मटके ले जाते 105701 test‏.htm तंखा भीगी बिल्ली बने बैठे हुए थे। राजा साहब यहाँ! क्या 105702 test‏.htm डायरेक्टर भी अपनी घात में बैठे हुए थे। हड़ताल हो जाने में 105703 test‏.htm रहे थे। अपने बागीचे में बैठे हुए पौधों पर विद्युत-संचार-क्रिया 105704 test‏.htm मिर्ज़ा उनकी गर्दन पर बैठे हुए हैं। मेहता का मुख लाल हो 105705 test‏.htm मज़े से गद्दी-मसनद लगाये बैठे हैं, सैकड़ों नौकर-चाकर हैं, 105706 test‏.htm अपने विचारों में मगन बैठे हैं। आपकी तरफ़ ताकेंगे, मगर 105707 test‏.htm करता है मेरा। दारोग़ाजी बैठे हैं। इसकी हिम्मत देखूँ। घर 105708 test‏.htm हम किसी ऊँचे शिखर पर जा बैठे हैं जहाँ नीचे का जन-रव हम तक 105709 test‏.htm तिलक-मुद्रा का जाल बिछाये बैठे हो? लगा हाथ जोड़ने, पैरों पड़ने 105710 test‏.htm पाला और अपना मरजाद बनाये बैठे हो। उसने तो खेत-बारी सब बेच-बाच 105711 test‏.htm ही नहीं, तो सलाह करने क्या बैठे हो। रुपए-पैसे का डौल भी हुआ 105712 test‏.htm क्या कहूँ। इधर गोईं खो बैठे , उधर डेढ़ सौ रुपए डाँड़ के भरे। 105713 test‏.htm थी, कहीं एकांत में जाकर बैठे , ख़ूब निश्चिंत होकर लेटे-सोये; 105714 test‏.htm करने लगी। यह कुछ बदमासी कर बैठे , तो क्या करूँगी। कोई चिल्लाना 105715 test‏.htm न कोई दूसरा कष्ट होगा, बैठे -बैठाये उसकी डिग्री हो जायगी, 105716 test‏.htm अपनी चालाकी को सराहता कि बैठे -बैठाये ढाई रुपए मिल गये। ठोकर 105717 test‏.htm बाहर क्यों नहीं करते? बैठे -बैठायें झगड़ा मोल ले लिया। 105718 test‏.htm आग झुनिया ने लगाई है। वही बैठे -बैठे उसे मंतर पढ़ा रही है। 105719 test‏.htm अपनी जगह पर बैठे -बैठे बोले -- जी नहीं, मैं किसी 105720 test‏.htm आ जाती है। कहीं वह वहीं बैठे -बैठे मर जाय, तो क्या हो? ताँगेवाला 105721 test‏.htm किसी द्वार पर खड़े होते। बैठे -बैठे सिर में चक्कर आ जाता। 105722 test‏.htm टोटा है, न मुझे। मैंने आज बैठे -बैठे सोचा, तो चित्त बड़ा दुखी 105723 test‏.htm चाहती कि बच्चे के पास बैठे ; लेकिन मालती उसे न आने देती। 105724 test‏.htm नया ख़ून है, न जाने क्या कर बैठे ; लेकिन होरी वहाँ कैसे जाय? हीरा 105725 test‏.htm होकर कहा -- आओ, कुछ देर और बैठें। 105726 test‏.htm होने लगी है कि उसे खो न बैठें। कई महीनों से मालती उनके पास 105727 test‏.htm जायगा। वह किसी खोह में जा बैठेगा और सर्वात्मा में मिल जाने का 105728 test‏.htm समझ पाया। कहाँ निशाना ठीक बैठेगा , इसका निश्चय न कर सका।’ 105729 test‏.htm सौ फ़ीस पाकर भी रात-भर न बैठेगी। खन्ना के छोटे बच्चों को पालने 105730 test‏.htm कहीं धनिया फिर न कुछ कह बैठे। 105731 test‏.htm सवार है, न जाने क्या कर बैठे। 105732 test‏.htm है, कहीं कोई नादानी न कर बैठे। 105733 test‏.htm है कि कहीं धनिया कुछ कह न बैठे। अकेला भोजन तो नहीं पका सकती; 105734 test‏.htm ऊपर चढ़कर पीपल की छाँह में बैठे। इस स्वच्छंद जीवन से उनके मन 105735 test‏.htm दोनों मेहता की कार में बैठे। कार चली। 105736 test‏.htm क्यों अपना दुखड़ा ले बैठे। किससे अपने मन की कहूँ? न जाने 105737 test‏.htm के लोग साथ भोजन करने बैठे। केवल संपादक ओंकारनाथ सबसे 105738 test‏.htm अब उसके रुपए से महाजन बन बैठे। ठकुराई का रोब तो था ही, महाजनी 105739 test‏.htm आप उनकी ज़मीन के मालिक बन बैठे। तीस के दो सौ! कुछ हद है। कितने 105740 test‏.htm को गंगा में डुबो बैठे। नहीं, आप इतने बैंकों और कंपनियों 105741 test‏.htm एक ही मेज़ पर आमने-सामने बैठे। मालती मेहता के बग़ल में बैठी। 105742 test‏.htm आयी कि एक मेम से आशनाई कर बैठे। मुक़दमेबाज़ी हुई। जेल जाते-जाते 105743 test‏.htm दोनों खाट पर बैठे। होरी हतबुद्धि-सा खड़ा था। इन 105744 test‏.htm हो और तुम चैन से बैठो , तो यह न होगा। तुम अपने दो सौ 105745 test‏.htm करना है, जाकर बाई के पास बैठो , बेचारी बहुत भूखी है। दूध गरम 105746 test‏.htm और बोली -- तुम जब तक यहीं बैठो , मैं अभी दौड़कर पानी लाती हूँ, 105747 test‏.htm न खिंचेगा। तुम जाकर खाट पर बैठो , मैं खींचे लेती हूँ। 105748 test‏.htm ‘नहीं-नहीं, तुम बैठो , मैं चली जाऊँगी।’ 105749 test‏.htm ‘अच्छी बात है। तुम यहीं बैठो , मैं जाता हूँ।’ 105750 test‏.htm करके कहा -- ज़रा दो मिनट बैठोगी नहीं? 105751 test‏.htm ‘तुम एक मिनट बैठोगी नहीं?’ 105752 test‏.htm तो रही हूँ। तुम तो सौर में बैठोगी , कोई करने-धरनेवाला चाहिए कि 105753 test‏.htm -- आज किधर चली समधिन? आओ, बैठो। 105754 test‏.htm का हाथ पकड़कर कहा -- आओ, बैठो। 105755 test‏.htm की बेला नहीं आयी? खाकर बैठो। गपड़चौथ करने को तो सारी रात 105756 test‏.htm कहाँ जायगा? तुम चुप होके बैठो। भगवान की इच्छा हुई, तो यहाँ 105757 test‏.htm तुम बैठना चाहती हो, तो बैठो। मैं तो नहीं बैठता।’ 105758 test‏.htm साथ खाओ-पिओ, हमारे साथ उठो- बैठो। हमारी इज़्ज़त लेते हो, तो अपना 105759 test‏.htm हूँ। तुम चलकर छाँह में बैठो।’ 105760 test‏.htm बहन कहती है, जा पेड़ तले बैठ। ढेले न तोड़े जायँगे काका, तो 105761 test‏.htm थी -- बेटी, तू चलकर घर में बैठ। मैं तेरे काका और भाइयों को 105762 test‏.htm ‘एक नामी बैद तो मेरे पड़ोस ही में रहते हैं। 105763 test‏.htm ‘वहाँ किसी बैद से तो तुम्हारी जान-पहचान होगी। 105764 test‏.htm जाय। उसके लेखे तो सारे बैद , डाक्टर, हकीम अनाड़ी हैं। भगवान 105765 test‏.htm फिर वह बैन कहकर रोने लगी -- इस घर में आकर 105766 test‏.htm घर आया है। वह गाँव-भर में बैना बटवायेगी। एक गुलाब-जामुन रूपा 105767 test‏.htm दसहरा, होली में आपके यहाँ बैना भेजता हूँ, और साल में पच्चीस 105768 test‏.htm सब के घर सेर-सेर भर मिठाई बैना भेजी थी। होरी से जब कभी रास्ते 105769 test‏.htm अपनों को भी पाला, जो तुमसे बैर करते थे, उनको भी पाला और अपना 105770 test‏.htm हो जाय। जल में रहकर मगर से बैर करना लड़कपन है। भीतर ही बाँधूँगा। 105771 test‏.htm फिर बोला -- तुम मुझसे इतना बैर क्यों पाल रहे हो भोला भाई! झुनिया 105772 test‏.htm है। पानी में रह कर मगर से बैर नहीं किया जाता। सूद लगाकर सत्तर 105773 test‏.htm दशा में तो बैरियों से भी बैर नहीं रहता, वह तो अपना पति है। 105774 test‏.htm आप जाइए। मुझे अपनी जान से बैर नहीं है।’ 105775 test‏.htm चाहते हैं सब, न जाने कब का बैर निकाल रहे हैं, नहीं, ऐसी लड़की 105776 test‏.htm मरे वह, जिसे अपनी संतान से बैर हो। इस भले आदमी को मुँह से ऐसी 105777 test‏.htm थी। बच्चों से क्या बैर ! 105778 test‏.htm सुनने लगा था। वह तो उसकी बैरिन थी। मित्र तो वह लोग थे, जो अब 105779 test‏.htm कैसा बैर। ऐसी दशा में तो बैरियों से भी बैर नहीं रहता, वह तो अपना 105780 test‏.htm थीं। बड़े-बड़े वकीलों, बैरिस्टरों की जूतियाँ सीधी की थीं; पर इस 105781 test‏.htm का काम है! वह बैरी है, पक्का बैरी और बैरी को मारने में पाप नहीं, 105782 test‏.htm वह बैरी है, पक्का बैरी और बैरी को मारने में पाप नहीं, छोड़ने 105783 test‏.htm कहा भी नहीं! हम तुम्हारे बैरी तो नहीं थे। इसी बात पर तुमसे 105784 test‏.htm दिल की बात कहिए। मैं आपका बैरी नहीं हूँ। आपके साथ कितनी ही 105785 test‏.htm है! यही भाई का काम है! वह बैरी है, पक्का बैरी और बैरी को मारने 105786 test‏.htm -- वह तेरा बाप नहीं है, तेरा बैरी हैं; हत्यारा। माँ होती, तो अलबत्ते 105787 test‏.htm जिसका हुक्म न माने, वही बैरी। सबसे भला अकेला।’ 105788 test‏.htm जब मर रहा है, तो उससे कैसा बैर। ऐसी दशा में तो बैरियों से भी 105789 test‏.htm खेत परती पड़ा हुआ था। अब बैल आ गये हैं, तो ऊख क्यों न बोई 105790 test‏.htm प्रसंग छिड़ गया था। बैल आगे निकल गये। 105791 test‏.htm ‘तो बैल कहाँ से आयेंगे?’ 105792 test‏.htm होरी ने दायें बैल की पीठ पर हाथ रखकर कहा -- कैसा 105793 test‏.htm बैठाऊँ हो गया था और एक नये बैल के बिना काम न चल सकता था। पुनिया 105794 test‏.htm है। मुझे याद है, तुमने बैल के लिए तीस रुपए दिये थे। उसके 105795 test‏.htm तुम्हारा ही भाई हीरा है। बैल के लिए पचास रुपए लिये। उसका 105796 test‏.htm साह से आज पाँच साल हुए बैल के लिए साठ रुपए लिए थे, उसमें 105797 test‏.htm तो रही हूँ, लेकिन चलते हुए बैल को औंगी न देना चाहिए। 105798 test‏.htm उन्हें दे दूँ, तो अपने बैल क्या खायेंगे?’ 105799 test‏.htm खेती बहुरियन घर। नाटे बैल क्या खेती करेंगे और बहुएँ क्या 105800 test‏.htm लौटा दो शोभा। किसान अपने बैल ख़ुशी से देगा, तो इन्हें हल 105801 test‏.htm में दावा करो, डिग्री कराओ। बैल खोल लाने का तुम्हें क्या अख़्तियार 105802 test‏.htm अनर्थ किया भोला ऐं! उसके बैल खोल लाये, वह कुछ बोला नहीं, इसीसे 105803 test‏.htm पर छोड़ दिया और इन्होंने बैल खोल लिये। 105804 test‏.htm ‘फिर रोना मत कि मेरे बैल खोल ले गये!’ 105805 test‏.htm रह गये। हाँ, हमारे दोनों बैल खोल ले गये।’ 105806 test‏.htm मेरे रुपए दो, नहीं तो मैं बैल खोल ले जाऊँगा। मैंने कहा, मैं 105807 test‏.htm ‘मैं तुम्हारे दोनों बैल खोल ले जाऊँगा।’ 105808 test‏.htm भगा दो इसको। हमारे गाँव से बैल खोल ले जाएगा। 105809 test‏.htm थी कि तुम्हारे द्वार से बैल खोल ले जाता! यहीं लहास गिर जाती। 105810 test‏.htm मजाल कि मेरे द्वार पर से बैल खोल ले जायँ! यह डाका है, खुला 105811 test‏.htm हमारे रुपए दो, या हम दोनों बैल खोल ले जायँगे।’ 105812 test‏.htm अगर तुम्हारा धरम कहे, तो बैल खोल लो। बस, मैंने इनके धरम पर 105813 test‏.htm के सिर मढ़ दी और अब उसके बैल खोले लिये जाते हो।’ 105814 test‏.htm और किसी को ख़बर न हो। जब बैल घर आ जायँगे, तो कोई क्या कर लेगा? 105815 test‏.htm छोड़ देना चाहते हैं? दोनों बैल चले गये, तब तो उसके दोनों हाथ 105816 test‏.htm कोयला खा लेता है। उनके बैल चूनी-चोकर के बग़ैर नाद में 105817 test‏.htm से कहना होरी महतो, मैंने बैल ज़बरदस्ती खोल लिये? 105818 test‏.htm लिये जाता है। जाओ भैया, बैल तुम्हारे हैं। 105819 test‏.htm आना भी अभूतपूर्व बात थी। बैल तो पचास रुपए के भी आये, सौ के 105820 test‏.htm तुम्हारी मजूरी करने से बैल नहीं हो गये। ज़रा मूड़ पर एक 105821 test‏.htm काली हो गयी थी। दोनों बैल नाँद में सानी खा रहे थे और कुत्ता 105822 test‏.htm न चल सकता था। पुनिया का एक बैल नाले में गिरकर मर गया था, तब 105823 test‏.htm हो जाय। बछवे भी अच्छे बैल निकलेंगे। दो सौ से कम की गोंई 105824 test‏.htm गया था। द्वार पर केवल एक बैल बँधा हुआ था, वह भी नीमजान। धनिया 105825 test‏.htm छोड़कर भाग जाय। इस तरह बैल बच गये। 105826 test‏.htm हो। घर बिकवा लूँगा; बैल बधिये नीलाम करा लूँगा। 105827 test‏.htm ने इसका विरोध किया। बैल बिक गये, तो होरी खेती कैसे करेगा? 105828 test‏.htm नोखेराम तो चाहते थे कि बैल बिकवा लिए जायँ; लेकिन पटेश्वरी 105829 test‏.htm हो गया। अब फ़ौजदरी हुई; बैल भी छिन जायँगे, मार भी पड़ेगी। 105830 test‏.htm ऊख न बोई गयी। उधर दाहिना बैल भी बैठाऊँ हो गया था और एक नये 105831 test‏.htm कंठ से कहा -- तुम्हारे बैल भूखों न मरेंगे! तुम्हारे पास 105832 test‏.htm ‘लेकिन तुम्हारे बैल भूखों मरेंगे कि नहीं?’ 105833 test‏.htm के महीने में किसान के बैल मर जायँ, तो उसके दोनों हाथ कट 105834 test‏.htm होरी से बोली -- महतो दोनों बैल माँग रहे हैं, तो दे क्यों नहीं 105835 test‏.htm ‘हमारे दोनों बैल माँग रहे हैं, दादा से।’ 105836 test‏.htm ‘दोनों बैल माँग रहे हैं?’ 105837 test‏.htm घर से उसे निकाल दो, फिर न हम बैल माँगेंगे, न गाय का दाम माँगेंगे। 105838 test‏.htm कि होरी ने अपने ख़ुशी से बैल मुझे दे दिये। हमी को उल्लू 105839 test‏.htm ‘हम बैल लिये जाते हैं, अपने रुपए के 105840 test‏.htm अब मेरा दोस नहीं। मैं बिना बैल लिये न जाऊँगा। 105841 test‏.htm पड़े, उसमें हमारे दोनों बैल ले लेना। 105842 test‏.htm दीन स्वर में बोला -- दोनों बैल ले लोगे, तो मेरा सर्वनाश हो 105843 test‏.htm तत्काल तो मिलेगा। किसी को बैल लेना था, किसी को बाक़ी चुकाना 105844 test‏.htm भाई का निलाम पर चढ़ा हुआ बैल लेने में जो पाप है, वह इस समय 105845 test‏.htm हमारी जान के साथ है। तुम बैल ही तो ले जाने को कहते हो, ले 105846 test‏.htm है, इलम है, हम लोग तो बैल हैं और जुतने के लिए पैदा हुए 105847 test‏.htm भला चाहते हो, तो ले चलो बैल , ज़रा भी भलमंसी नहीं है तुममें। 105848 test‏.htm नहीं दे देते! हम अपने खेत, बैल , हल, कुदाल सब उन्हें देने को 105849 test‏.htm की मरज़ी होगी, तो फिर बैल -बधिये हो जायँगे, और मजूरी ही 105850 test‏.htm लेकिन किसान और किसान के बैलन को जमराज ही पिंसिन दें, तो मिले। 105851 test‏.htm पर धौंस जमाता है नीच! ले जा, बैलों का रकत पी ॰॰॰ 105852 test‏.htm छुड़ाना चाहता था। होरी को बैलों की गोईं लेनी थी। अबकी ऊख की 105853 test‏.htm हुआ था। दोनों युवतियाँ बैलों की चरनी के पास आकर खड़ी हो गयीं। 105854 test‏.htm शिकायत नहीं। सिर झुकाये बैलों की तरह काम में लगे रहते हैं। 105855 test‏.htm भोला बैलों की पगहिया खोल ही रहा था कि झुनिया 105856 test‏.htm अंधकार छाया हुआ था। दोनों बैलों के गले की घंटियाँ कभी-कभी बज 105857 test‏.htm इतने में सोना बैलों के चारे के लिए हरियाली का एक 105858 test‏.htm किया, पर नींद न आयी। बैलों के पास जाकर उन्हें सहलाने लगा, 105859 test‏.htm राह चली गयी। होरी लपककर बैलों के पास पहुँच गया और उन्हें 105860 test‏.htm मगर बैलों के बिना खेती कैसे हो? गाँवों 105861 test‏.htm उसे खा न सको? जहाँ दो-चार बैलों के लिए भोजन है, एक दो गाय-भैसों 105862 test‏.htm भोला बैलों के सामने खड़ा हो गया। हमारे 105863 test‏.htm भोला बैलों के सामने से न हटा। खड़ा रहा 105864 test‏.htm आ गया। उसे विश्वास हो गया बैलों के सिवा इन सबों के पास कोई अवलंब 105865 test‏.htm मुझे भी निकाल दे। ले जा बैलों को अनाज माँड़। मैं हुक़्क़ा 105866 test‏.htm उधर भोला ने जाकर दोनों बैलों को खूँटों से खोला और हाँकता 105867 test‏.htm डाठें जमा हो गयी थीं। होरी बैलों को जुखर कर अनाज माँड़ने जा 105868 test‏.htm समझती थीं। डरी, कहीं होरी बैलों को दे न दें। जाकर रूपा से बोली 105869 test‏.htm फिर उसने दोनों बैलों को देखा, कितने तैयार हैं। अच्छी 105870 test‏.htm कि ऊख गोड़ने न जा सका। बैलों को नाँद में लगाया, सानी-खली 105871 test‏.htm लिए बुलाने आयी थी। होरी ने बैलों को पैर से बाहर निकालकर एक पेड़ 105872 test‏.htm के पास कोई अवलंब नहीं है। बैलों को बचाने के लिए ये लोग सब कुछ 105873 test‏.htm भोला शान से गर्दन उठाये बैलों को ले चला। 105874 test‏.htm हमारे रुपए दिलवा दो हमें बैलों को लेकर क्या करना है। 105875 test‏.htm ने शोभा से कहा -- तुम बैलों को लौटा दो शोभा। किसान अपने 105876 test‏.htm भोजन नहीं पका। न किसी ने बैलों को सानी-पानी दिया। सारे गाँव 105877 test‏.htm होरीराम ने दोनों बैलों को सानी-पानी देकर अपनी स्त्री 105878 test‏.htm बोलते थे, न ताकते थे। होरी बैलों को हाँक रहा था और गोबर मोट ले 105879 test‏.htm हो रही थी। धन्ना चमार बैलों को हाँक रहा था, सिलिया पैरे 105880 test‏.htm के लिए एक नाँद गाड़नी है। बैलों से अलग उसकी नाँद रहे तो अच्छा। 105881 test‏.htm का निजी पैरा था। चार बैलों से मँड़ाई हो रही थी। धन्ना 105882 test‏.htm था। ऊख में थोड़ी-सी चरी बो दी गयी थी। उसी की कुट्टी काटकर 105883 test‏.htm ही। असाढ़ सिर पर है। कड़बी बो लूँगा।’ 105884 test‏.htm रहेंगे। कल मैं तुम्हारी बोआई करा दूँगा। अभी खेत में कुछ 105885 test‏.htm में जा बैठता, कहीं उसकी बोआई करा देता। इस तरह कुछ अनाज मिल 105886 test‏.htm और है। तो अब अपने खेतों की बोआई का क्या इंतज़ाम कर रहे हो? 105887 test‏.htm खाद डाली, जोता और आज केवल बोआई के लिए आधी फ़सल देनी पड़ रही 105888 test‏.htm दातादीन तो कुढ़ रहे थे कि बोआई में देर हुई जाती है, पर मातादीन 105889 test‏.htm रूपा, सोना सभी दूसरों की बोआई में लगी रहती थीं। जब तक बोआई 105890 test‏.htm में लगी रहती थीं। जब तक बोआई रही, पेट की रोटियाँ मिलती गयीं, 105891 test‏.htm गाँवों में ऊख की बोआई लग गयी थी। अभी धूप नहीं निकली; 105892 test‏.htm दूसरे दिन से बोआई शुरू हुई। होरी का सारा परिवार 105893 test‏.htm खेती कैसे हो? गाँवों में बोआई शुरू हो गयी। कार्तिक के महीने 105894 test‏.htm लिए उसे रुपए न मिले और ऊख न बोई गयी। उधर दाहिना बैल भी बैठाऊँ 105895 test‏.htm बैल आ गये हैं, तो ऊख क्यों न बोई जाय! 105896 test‏.htm महाराज के साझे में है। उख बोई ही नहीं गयी।’ 105897 test‏.htm एक काले तिल पर समरक़ंद और बोखारा के सूबे कुरबान कर दिये थे। 105898 test‏.htm कराये, क्यों हमारे सिर का बोझ अपने सिर पर रखे! 105899 test‏.htm भोग चुका। इस बम्हनई का बोझ अब नहीं उठाये उठता। लुक-छिपकर 105900 test‏.htm में बोला -- इनके ऊपर रिन का बोझ इसी तरह बढ़ता जायगा। मैं कहाँ 105901 test‏.htm आप लोग बड़े आदमी हैं। बोझ उठाना तो हम-जैसे मजूरों ही 105902 test‏.htm वह है कि दिन-भर में भी एक बोझ ऊख न कटे। 105903 test‏.htm ज़ायदाद पर दस-पाँच लाख का बोझ कुछ नहीं के बराबर है। 105904 test‏.htm मिर्ज़ाजी को बोझ कुछ हलका मालूम होने लगा। बोले 105905 test‏.htm हूँ कि तुम्हारे सिर से यह बोझ टला। अब तुम्हारे लड़के आदमी 105906 test‏.htm हो गया था; मगर इधर कई महीने बोझ ढोने और चूने-गारे का काम करने 105907 test‏.htm न किसी को कुछ दे, अपना बोझ तो उठा लेगा। 105908 test‏.htm बूड़ेसूखे और जोत-लगान का बोझ तो न रहेगा। मैं न जानती थी, यह 105909 test‏.htm चरसा, रस्सा और जुए का भारी बोझ था; पर इस समय वह उसे फूल से भी 105910 test‏.htm ओर जुआर के ठेठों के कई बोझ दीवार से लगाकर रखे हैं। बीच 105911 test‏.htm कर देगा; लेकिन सिर पर बोझ पड़ते ही मैंने ऐसा चोला बदला 105912 test‏.htm तो ब्याज तो दे दो। दिन-दिन बोझ बढ़ ही तो रहा है। 105913 test‏.htm तुम्हारी गिरस्ती का सारा बोझ मैं नहीं उठा सकता। मुझ से जो 105914 test‏.htm रोना रोया और तब एक कुएँ पर बोझ रखकर पानी पीने के लिए बैठ गये। 105915 test‏.htm मगर दोनों पर चार-चार सौ का बोझ लद गया। झींगुर दो हल की खेती 105916 test‏.htm खेवे में पचास गाड़ियों का बोझ लाद लेती थी। इस तरह किफ़ायत 105917 test‏.htm हुए जवाब दिया -- वह ग़रीब बोझ लिये इतनी तेज़ी से चला जा रहा 105918 test‏.htm होकर कहा -- दो आदमियों का बोझ सँभाल लेगी? 105919 test‏.htm देखते हैं। क़र्ज़ का बोझ सिर पर लदा जा रहा है, रोज़ डिग्रियाँ 105920 test‏.htm ही हाथ से निकल गयी थी और वह बोझ सिर पर लदा हुआ था। मिनिस्ट्री 105921 test‏.htm पड़े। कोई चालीस लाख का बोझ सिर पर है, फिर भी वही दम-ख़म 105922 test‏.htm थे; दे दिया होता, तो एक बोझ सिर से उतर जाता और निहोरा का 105923 test‏.htm बता! पहले ही क़र्ज़ के बोझ से दबे हुए हैं। दो सौ और ले लेंगे, 105924 test‏.htm किया और इस सम्मान के बोझ से नत होकर बोले -- मैं तो आपकी 105925 test‏.htm था। आख़िर बिना दिल का बोझ हलका किये भोजन करना कठिन हो 105926 test‏.htm ‘कौन लिखे? बोझ -सा लगता है।’ 105927 test‏.htm और तूफ़ानी शोर का उस पर बोझ -सा लदा रहता था। यह शंका भी बनी 105928 test‏.htm उसका मज़ा भी देखें; लेकिन बोझा उतारें कैसे? दोनों अपने दिल 105929 test‏.htm हैं। दो सौ और ले लेंगे, तो बोझा और भारी होगा कि नहीं? 105930 test‏.htm आदमी और दो गृहस्थियों का बोझ। यह जो कुछ हुआ, धनिया के पुरुषार्थ 105931 test‏.htm उसकी खाल उधेड़ लो, उसकी बोटियाँ कर डालो, उसका क़ीमा बना डालो, 105932 test‏.htm झुलस डाले। छुरे से उसकी बोटियाँ बनायीं और चूल्हे में आग जलाकर 105933 test‏.htm मारकर गिर पड़ते। बोटी- बोटी काँप रही थी। पसीने से तर हो 105934 test‏.htm है? चल सीधे घर, नहीं बोटी- बोटी काट डालूँगी। बाप-दादा का नाम 105935 test‏.htm घर सात जनम न जाऊँगी, बोटी- बोटी काट डाल। 105936 test‏.htm उन्माद था, जिससे उसकी बोटी- बोटी नाचती रहती थी, सिर से पाँव तक 105937 test‏.htm के लिए अपने जिस्म का एक-एक बोटी नुचवा सकता है।’ 105938 test‏.htm वह चीख़ मारकर गिर पड़ते। बोटी -बोटी काँप रही थी। पसीने से 105939 test‏.htm क्या है? चल सीधे घर, नहीं बोटी -बोटी काट डालूँगी। बाप-दादा 105940 test‏.htm तेरे घर सात जनम न जाऊँगी, बोटी -बोटी काट डाल। 105941 test‏.htm का उन्माद था, जिससे उसकी बोटी -बोटी नाचती रहती थी, सिर से पाँव 105942 test‏.htm में मिट्टी का तेल न था। बोतल उठा कर तेल लाने चली गयी। पैसे 105943 test‏.htm लालायित रहते हैं। लाइए, बोतल और प्याले, और दौर चलने दीजिए। 105944 test‏.htm हों, तो दे दो। आज तीन दिन से बोतल ख़ाली पड़ी हुई है, जी बहुत बेचैन 105945 test‏.htm था। धनिया ने जाकर देखा, तो बोतल में मिट्टी का तेल न था। बोतल 105946 test‏.htm ‘अपनी ऊख बोना है महाराज, नहीं तुम्हारा ही 105947 test‏.htm दो-चार दिन और रहकर ऊख की बोनी करा लो और कुछ लेन-देन का हिसाब 105948 test‏.htm न करेंगे। हमें अपनी ऊख जो बोनी है। 105949 test‏.htm समाप्त हो गयी थी और रबी बोने की तैयारियाँ हो रही थीं। होरी 105950 test‏.htm होरी और गोबर दोनों ऊख बोने के लिए खेत सींच रहे थे। अबकी 105951 test‏.htm गिरा। किसान ख़रीफ़ बोने के लिए हल ले-लेकर निकले कि राय 105952 test‏.htm है, लेकिन उसकी संपत्ति विष बोने के लिए, उसके बाद और भी प्रबल 105953 test‏.htm लेकिन हमारी ऊख भी तो बोने को पड़ी है। 105954 test‏.htm को घर रखकर समाज में विष बोया है। ऐसे आदमी को गाँव में रहने 105955 test‏.htm पंडित से तीस रुपए लेकर आलू बोये थे। आलू तो चोर खोद ले गये, और 105956 test‏.htm और जिला बोर्ड के चेयरमैन हमारे मित्र हैं। 105957 test‏.htm चले थे। पचास क़दम में चीं बोल गये। 105958 test‏.htm तुम महाजन से ज़रा हँसकर बोल दो, देखो सारे रुपए छोड़ देता 105959 test‏.htm हुए आँसू उबल पड़े; कुछ बोल न सकी। भयभीत आँखों से चुहिया 105960 test‏.htm वह लेन-देन के मामले में बोल नहीं सकता। लड़कियों को ज़रा 105961 test‏.htm थी। बीच-बीच में वह हँस- बोल भी लेता था। फिर उस खुले हुए 105962 test‏.htm स्वर में कहा -- धीरे-धीरे बोल महरानी! कोई सुने, तो कहे, ये 105963 test‏.htm ‘उसी देवी से बोल रहा हूँ।’ 105964 test‏.htm देखा, गोबर कितनी ढिठाई से बोल रहा है; अदब और लिहाज जैसे भूल 105965 test‏.htm नक़ल समाप्त हुई, तो कौवे बोल रहे थे। 105966 test‏.htm था। असामियों से वह हँस कर बोल लेते थे। यही क्या कम है? सिंह 105967 test‏.htm देती। उनसे तो ख़ाली हँस- बोल लेने का नाता रखती हूँ। बरसों 105968 test‏.htm रहस्य जानते हुए भी कुछ न बोल सकता था। हमारा धर्म है हमारा 105969 test‏.htm के बदले मीठी बोली बोल सकता, तो उसे घर बैठे मनमाना 105970 test‏.htm के नाम। कोई दूसरा आदमी न बोल सका। दातादीन में भी धनिया की 105971 test‏.htm ही पोती जाय। होली में कोई बोल ही क्या सकता है! फिर स्वाँग 105972 test‏.htm आता था। गोबर से भी होरी की बोल -चाल बंद थी। माँ-बेटे ने मिलकर 105973 test‏.htm इन दिनों नोखेराम से मेरी बोल -चाल बंद है। कुछ पता नहीं। सुना, 105974 test‏.htm दूसरी शादी न की थी। हँस- बोलकर अपने विधुर जीवन को बहलाते रहते 105975 test‏.htm की नहीं। भाइयों से होरी की बोलचाल बंद थी; पर रूपा दोनों घरों में 105976 test‏.htm था, पुन्नी और धनिया में बोलचाल हो गयी थी। होरी का एहसान भी 105977 test‏.htm भाषा लाया था, और उसी में बोलता था, चाहे कोई समझे या न समझे। 105978 test‏.htm थे, और मुरौवत के मारे कुछ बोलता न था। उसके पचीस हज़ार चढ़ चुके 105979 test‏.htm हूँ, बहूजी, बहूजी! कोई बोलता ही नहीं। इतने में देखती हूँ 105980 test‏.htm पोढ़ा है, उससे न ज़मींदार बोलता है, न महाजन। ऐसे आदमियों से 105981 test‏.htm ने पूछा -- रामू, कुत्ता कैसे बोलता है? रामू गंभीर भाव से कहता -- 105982 test‏.htm और अब भाई के पक्ष में झूठ बोलता है। थुड़ी है! अगर मेरे बेटे 105983 test‏.htm हैं, मुदा उनसे कोई नहीं बोलता , उन्हें कलंक ही नहीं लगता। 105984 test‏.htm ‘मैं तो ‘चीं’ न बोलता , चाहे आप मेरी जान ही ले लेते।’ 105985 test‏.htm बने। जब और कोई कुछ नहीं बोलता , तो यही आग में क्यों कूदे। जो 105986 test‏.htm तो हैं, कोई उनसे नहीं बोलता। जिसे देखो, मुझी को छेड़ता है। 105987 test‏.htm जितना कुकर्म करो, कोई नहीं बोलता। परतच्छ कुछ नहीं कर सकते, नहीं 105988 test‏.htm रही थी। मैं बीच में क्या बोलता।’ 105989 test‏.htm की-सी आँखें निकालकर कहा -- बोलती क्यों नहीं? क्यों तूने उसकी 105990 test‏.htm आ जाती है, तो घंटों उससे बोलती तक नहीं। पर कोई महिला कार पर 105991 test‏.htm में लगे देखकर भी वह कुछ न बोलती थी। और यह इसलिए नहीं कि वह होरी 105992 test‏.htm तो वह कई-कई दिन तक होरी से बोलती न थी और न घर का काम करती थी। 105993 test‏.htm नहीं हूँ कि सबसे हँसती- बोलती फिरूँ। न रुपए की भूखी हूँ, न 105994 test‏.htm आ जाय। आजकल तो वह मुझसे बोलती भी नहीं।’ 105995 test‏.htm धनिया को डाँटा -- तू क्यों बोलती है धनिया! पंच में परमेसर रहते 105996 test‏.htm के साथ कहा -- यह तो तुम झूठ बोलती हो भाभी! बिना कुछ रस पाये थोड़े 105997 test‏.htm ‘साफ़-साफ़ क्यों नहीं बोलते कि लड़की बेचने को कहते थे। 105998 test‏.htm वह कभी-कभी आम जलसों में बोलते थे और कई सभाओं के मंत्री और 105999 test‏.htm जैसे छत्तीस बने हुए थे। न बोलते थे, न ताकते थे। होरी बैलों को 106000 test‏.htm था। यह क्यों ‘चीं’ नहीं बोलते थे?’ 106001 test‏.htm कैसे जाय? हीरा कहेगा, आप बोलते नहीं, जाकर इस डाइन को लड़ने 106002 test‏.htm सीधे-साधे किसान हैं, कुछ बोलते नहीं, तो तुमने समझ लिया कि सब 106003 test‏.htm का काम नहीं। मुझे उससे बोलते लाज आयेगी। तू ही मेरा यह संदेशा 106004 test‏.htm जब तक दस दफ़े न पुकारा जाय बोलते ही नहीं; और इस वक़्त तो वे एक 106005 test‏.htm यह लोग क्यों उसके बीच में बोलते हैं। वह जैसे चाहती है, रहती 106006 test‏.htm एक साथ खाते हैं, हँसते हैं, बोलते हैं।’ 106007 test‏.htm क्यों नहीं ‘चीं’ बोलते ? 106008 test‏.htm चल रही थी, तो भला तुम कैसे बोलते। उस बखत कोई तुम्हारा सरबस लूट 106009 test‏.htm भाई मर्द और औरत के बीच में बोलना तो न चाहिए, मगर इतनी बेदरदी 106010 test‏.htm रह चुकी थी, पहनना-ओढ़ना, बोलना -चालना जानती थी और लज्जाशील 106011 test‏.htm कि इस विषय में उन्हें कुछ बोलने का अधिकार है। बोले -- नाटक कोई 106012 test‏.htm थीं -- तुमको हमारे बीच में बोलने का कुछ मजाल नहीं है। हम अपने 106013 test‏.htm दूँ कि तुमको झुनिया से बोलने का कोई मजाल नहीं है, तो सारी 106014 test‏.htm ने? इस विषय में वह भी कुछ बोलने का साहस रखती हैं! तुम्हें डाक्टर 106015 test‏.htm एकांत चाहती थी। किसी से बोलने की इच्छा न थी; मगर यहाँ भी एक 106016 test‏.htm अगर अपनी जीत हो रही है, तो बोलने की कोई ज़रूरत नहीं; हार हो रही 106017 test‏.htm खाना पड़ रहा है। हँसने- बोलने की बात न्यारी है, पर मैं उनसे 106018 test‏.htm कि इसी बहाने दो गाल हँसने- बोलने गया था। बूढ़े हो गये, पर यह बान 106019 test‏.htm खड़ा है? क्यों वह उसे कुछ बोलने भी न देगा? 106020 test‏.htm काटूँगा। तुम कौन होते हो बोलने -वाले! चले जाओ सीधें से, यहाँ 106021 test‏.htm होता है कोई उसके बीच में बोलनेवाला ? उसने एक औरत रख ली, तो पंचों 106022 test‏.htm लूँ या न लूँ; तू कौन होता है बोलनेवाला। मथुरा कहता था, तुमको लेना-देना 106023 test‏.htm कौन होती है मेरे बीच में बोलनेवाली ? मैं तुझसे सलाह नहीं पूछता। 106024 test‏.htm मौलवी, बड़े-बड़े लिखने और बोलनेवाले , जो अपनी ज़बान और क़लम से पब्लिक 106025 test‏.htm की तरह मन को साधकर बोला -- अगर तुम चाहते हो कि हमारी 106026 test‏.htm उग्र होकर बोला -- अगर तुम हाथ में गंगाजली लेकर 106027 test‏.htm खड़ा हो गया और उग्र भाव से बोला -- अच्छा दादा, अब बहुत हुआ। पीछे 106028 test‏.htm पड़ गयी हो। आगे आकर बोला -- अच्छा बस, अब चुप हो जाओ हीरा, 106029 test‏.htm और सहुआइन का अंचल पकड़कर बोला -- अनाज सीधे से रख दो सहुआइन, 106030 test‏.htm को ज़ोर से एक लात जमाकर बोला -- अब अपना भला चाहते हो चौधरी, 106031 test‏.htm होरी लजाता हुआ बोला -- अब उसकी चर्चा न कर धनिया! मेरे 106032 test‏.htm कर सका। चौधरी की ओर देखकर बोला -- अब खड़े क्या ताकते हो। जाकर 106033 test‏.htm आशा में कितनी सुधा है। बोला -- अब तो तुम्हारा ही आसरा है 106034 test‏.htm होरी दीन स्वर में बोला -- अब मैं क्या अरज करूँ महाराज! 106035 test‏.htm रहा, उलटे और हेकड़ी दिखाकर बोला -- अब वह तुम्हारी मजूरी न करेंगे। 106036 test‏.htm हाथ लगाया। गोबर खड़ा होकर बोला -- अभी क्या कमाया; हाँ, अब तुम 106037 test‏.htm सुन रहा था। एका-एक गरजकर बोला -- अम अब नयीं मानेगा। अम इतनी 106038 test‏.htm का कुंदा ज़मीन पर पटककर बोला -- अमसे पूछता है कैसा लूट, कैसा 106039 test‏.htm लिया और उसे पीछे हटाते हुए बोला -- अरे हो तो गया। देख तो लिया 106040 test‏.htm उठ बैठा और आँखें मलता हुआ बोला -- अरे! यह तो भोर हो गया। तुमने 106041 test‏.htm खड़ा हुआ और परास्त होकर बोला -- आख़िर तू क्या चाहती है? 106042 test‏.htm तो लो, नहीं मैं जाती हूँ। बोला -- आज तो तुम यहाँ से न जाने पाओगी 106043 test‏.htm भाव से क्षीण-स्वर में बोला -- आज बहुत चोट खा गया झुनिया! 106044 test‏.htm चला और दूर ही से चिल्लाकर बोला -- आता क्यों नहीं गोबर, क्या 106045 test‏.htm मातादीन कातर होकर बोला -- इधर से जा रहा था। तुझे बैठा 106046 test‏.htm कह सुनाया और अंत में बोला -- इनके ऊपर रिन का बोझ इसी तरह 106047 test‏.htm होरी बोला -- इस जनम में तो कोई आशा नहीं 106048 test‏.htm द्वार पर मथुरा खड़ा था। बोला -- इस वक़्त कहाँ जाती हो सिल्लो? 106049 test‏.htm पर न था। श्रद्धाभाव से बोला -- इसमें अपराध की तो कोई बात 106050 test‏.htm वह हारकर वहीं बैठ गया और बोला -- उसकी रच्छा करो महाबीर स्वामी! 106051 test‏.htm होरी बोला -- एक नहीं, अभी दो और भरे धरे हैं। 106052 test‏.htm द्वार पर आकर नटखटपन के साथ बोला -- और जो मैं इसी तरह तुझे मारूँ? 106053 test‏.htm चौधरी तीक्ष्ण स्वर में बोला -- और तुम क्या भाइयों के थोड़े-से 106054 test‏.htm आकर सामने खड़ा हो गया और बोला -- कब तक रोये जायगी सिलिया! रोने 106055 test‏.htm हीरा कातर स्वर में बोला -- कहाँ बताऊँ दादा! बस यही समझ 106056 test‏.htm ही धुलता है। इस पर मथुरा बोला -- काका कौन घर कलंक से बचा हुआ 106057 test‏.htm उसका गला सचमुच भर आया। बोला -- काका, मुझसे जो कुछ भूल-चूक 106058 test‏.htm कर दिया और पथरीले स्वर में बोला -- काम तो तुमने ऐसा ही किया था 106059 test‏.htm हुए अज्ञान का अभिनय करके बोला -- किस बात पर बिगड़ती है भाई! 106060 test‏.htm बोला -- किसने कहा तुमसे? 106061 test‏.htm बेगार में न पकड़ जायँ। बोला -- कुछ तो नहीं मालिक! यही घास-पात 106062 test‏.htm होरी आर्द्र कंठ से बोला -- कुछ न पूछो दादा, यही जी चाहता 106063 test‏.htm के सिर में चक्कर आ रहा था। बोला -- कुछ नहीं, अच्छा हूँ। 106064 test‏.htm छोड़कर बाहर निकल आया और बोला -- क्या असगुन मुँह से निकालते 106065 test‏.htm से आ खड़ा हो गया और गरजकर बोला -- ख़बरदार! कोई यहाँ से मत जाओ। 106066 test‏.htm अलादीन बीड़ी जलाता हुआ बोला -- ख़रच अल्लाह देगा भैया! सोचो, 106067 test‏.htm अब गोबर बोला -- खा ले झूठी क़सम। बंस का अंत 106068 test‏.htm फिर होरी से बोला -- घरनी के बिना घर नहीं रहता 106069 test‏.htm होरी दीनता से बोला -- चला जाऊँगा महाराज! मगर मेरी 106070 test‏.htm शेर हो रहा था। गला फाड़कर बोला -- चली जा मेरे द्वार से, नहीं 106071 test‏.htm थे। मुँह में पानी भर आया। बोला -- चलूँगा क्यों नहीं, यहाँ पड़ा-पड़ा 106072 test‏.htm का प्रबंध करने लगे। होरी बोला -- चलो, जल्दी से नाँद गाड़ दें। 106073 test‏.htm हुआ; पर उतना ही तीक्ष्ण। बोला -- झगड़ा कुछ नहीं है ठाकुर, हम 106074 test‏.htm आ रहा था। दोनों को देखकर बोला -- झिंगुरिया ने सारे का सारा 106075 test‏.htm घबड़ाकर बोला -- झुनिया ने कुछ कहा नहीं, गोबर 106076 test‏.htm बोला -- ठंडी के मारे नींद भी आती है? 106077 test‏.htm आड़ में खड़ा झाँक रहा है। बोला -- डरो मत जंगी भैया, मैं हूँ। 106078 test‏.htm शोभा मसख़रा था। बोला -- तब काहे को घबड़ाते हो साहजी, 106079 test‏.htm होरी बोला -- तुझसे बना नहीं। उसे घर में 106080 test‏.htm ने अस्थिर आँखों से देखा और बोला -- तुम आ गये गोबर? मैंने मंगल 106081 test‏.htm और समर के लिए तैयार होकर बोला -- तुम आओ या न आओ। मैं तो तभी जाऊँगा, 106082 test‏.htm उनके सामने आ खड़ा हुआ और बोला -- तुम इन बदमाशों से अमारा माल 106083 test‏.htm दुबिधे में पड़ा रहा। फिर बोला -- तुम मुझसे इतना बैर क्यों पाल 106084 test‏.htm था। लाल-लाल आँखें निकालकर बोला -- तुम मेरे घर में मत आया करो 106085 test‏.htm की आँखों में आँसू भर आये। बोला -- तुमने आज मुझे उबार लिया होरी 106086 test‏.htm था कि तुम्हारे बीच में बोला -- तुमने खाया है, तुम भरो। मैं 106087 test‏.htm गया। सिलिया को छोड़ता हुआ बोला -- तुम्हारे पैरों पड़ता हूँ 106088 test‏.htm में शरीक हो गया। रूपा से बोला -- तू कह दे कि सोना तो सूखी पत्ती 106089 test‏.htm नहीं मैं परान दे दूँगी, तो बोला -- तू चलकर मेरे घर में रह, कोई 106090 test‏.htm टूट पड़ी। ज़रा गर्म होकर बोला -- तू जो सारे दिन अपने ही मन की 106091 test‏.htm हाथ से छूट गयी। धीरे से बोला -- तू ठीक कहती है धनिया! दूसरों 106092 test‏.htm होरी बोला -- तू तो इस घर में आयी तो एक नहीं, 106093 test‏.htm भोला दुखित स्वर में बोला -- तू बहुत ठीक कहती है धनिया! 106094 test‏.htm में बाँध दिया और सिलिया से बोला -- तू भी जा खा-पी आ सिलिया! धनिया 106095 test‏.htm हो उठा। मूँछें खड़ी करके बोला -- तेरी ओर जो ताके उसकी आँखें 106096 test‏.htm गोबर बोला -- तो ऐसे आदमी की क्या हँसी हो 106097 test‏.htm में कुछ स्फूर्ति आयी। बोला -- तो तुम्हारी यही सलाह है? 106098 test‏.htm बोला -- तो फिर पहले मैं उन्हीं से 106099 test‏.htm तहरीर। दूसरे दिन शोभा आकर बोला -- दादा कोई ऐसा उपाय करो कि झिंगुरी 106100 test‏.htm आकर घबड़ाई हुई आवाज़ में बोला -- दादा, सुंदरिया को क्या हो 106101 test‏.htm भोला खिसियाकर बोला -- दूर हो मेरे सामने से। भगवान 106102 test‏.htm भोला मिन्नत करके बोला -- देख नोहरी, दिक मत कर। अब तो 106103 test‏.htm दीन स्वर में बोला -- दोनों बैल ले लोगे, तो मेरा 106104 test‏.htm होरी पाँव पटककर बोला -- धनिया, ग़ुस्सा मत दिखा, नहीं 106105 test‏.htm शोभा निराश होकर बोला -- न जाने इन महाजनों से भी कभी 106106 test‏.htm तो कैसा पट्ठा हो जाता, बोला -- नहीं, अभी नहीं गाड़ी। सोचा, 106107 test‏.htm मातादीन आँखें निकालकर बोला -- नहीं, तुझे कोई अख़्तियार नहीं 106108 test‏.htm कुछ देख रहा था। भीतर आकर बोला -- पुनिया दिल की साफ़ है। 106109 test‏.htm मिल गया। इनके पाँव पड़कर बोला -- बड़ा धरम होगा महाराज, तुम्हारे 106110 test‏.htm मातादीन दुःखी मन से बोला -- बड़ा बेवफ़ा आदमी है। तुम जैसी 106111 test‏.htm गोबर ठट्ठा मारकर बोला -- बहुत अच्छा किया तुमने। दूध 106112 test‏.htm क़ब्ज़ा सिद्ध कर दिया और बोला -- बापू तो लाये हैं। 106113 test‏.htm हो? पर होरी ने सुना नहीं, बोला -- बाहर हवा में बाँधे देता हूँ। 106114 test‏.htm आत्मा को मथ रहा था, और रोकर बोला -- बेटा, मैंने इस ज़मीन के मोह 106115 test‏.htm प्याले ने और गहरा कर दिया। बोला -- भला आदमी वही है, जो दूसरों 106116 test‏.htm था। मैदान ख़ाली हुआ, तो बोला -- भाई मर्द और औरत के बीच में 106117 test‏.htm शोभा बोला -- भाग के कहाँ जायगा। गंगा नहाने 106118 test‏.htm का रक्त प्रबल हो उठा। बोला -- भूखा आदमी अगर हाथ फैलाये तो 106119 test‏.htm के रुपए उसके हाथ में रखकर बोला -- भैया, तुम जाकर ये रुपए लाला 106120 test‏.htm दिमाग़ आसमान पर चढ़े। बोला -- भोला ऐसा भलामानस नहीं है महाराज! 106121 test‏.htm रहता। वहाँ से आकर धनिया से बोला -- भोला तो अभी वहीं है। नोहरी 106122 test‏.htm गोबर आकर बोला -- भोला दादा आ पहुँचे। मन दो 106123 test‏.htm उसे न दिखायी दिया। बोला -- मजूरी तो मिलेगी। मजूरी करके 106124 test‏.htm लिये और आर्त्त स्वर में बोला -- महाराज, जब तक मैं जीता हूँ, 106125 test‏.htm को भी अपनी राय बदलनी पड़ी। बोला -- माता का आदर करना तो सबका धरम 106126 test‏.htm जा रहा था। पीछे मुँह फेरकर बोला -- मान ले, बहू ने गोबर को फोड़ 106127 test‏.htm गोबर आर्द्र कंठ से बोला -- माँ बाप से खिंचे रहना कोई 106128 test‏.htm प्यादा बोला -- मुझे तो तुम्हें बुलाने का 106129 test‏.htm ढुलक पड़ी। क्षीण स्वर में बोला -- मेरा कहा सुना माफ़ करना धनियाँ! 106130 test‏.htm ने ज़मीन छुई और हाथ बाँधकर बोला -- मेरा सुबहा किसी पर नहीं है 106131 test‏.htm शोभा बदल पड़ा। बोला -- मेरे पास रुपये नहीं हैं; तुम्हें 106132 test‏.htm कराया और तब रहस्यमय भाव से बोला -- मेरे बाँस कभी तीस रुपए से 106133 test‏.htm बोला -- मेरे लिए कोठरी मिल जाय, वहीं 106134 test‏.htm बोला -- मैं घर जाकर सबसे सलाह कर लूँ, 106135 test‏.htm बंद हो गयी। एक क्षण बाद बोला -- मैं तो तुझसे पूछता हूँ। 106136 test‏.htm शोभा ज़मीन पर लेटा हुआ बोला -- मैं तो महाराज, आठ दिन से बाहर 106137 test‏.htm गोबर घूँसा तानकर बोला -- मैनै कह दिया, मेरे घर में न 106138 test‏.htm गोबर आवेश में बोला -- मैं बच्चा को देख पाऊँ, तो खोदकर 106139 test‏.htm को छोड़ दिया और खड़ा होकर बोला -- मैं समझ गया मालिक, हज़ूर ने 106140 test‏.htm हीरा बोला -- मैं हूँ दादा, तुम्हारे कौड़े 106141 test‏.htm कैसे सहता। डींग मारकर बोला -- मोटे होने से क्या होता है। 106142 test‏.htm ठोंककर रह गया। बस इतना बोला -- यह अच्छी बात नहीं है, चौधरी, 106143 test‏.htm बोला -- यह आप क्या कहते हैं मालिक, 106144 test‏.htm सोभा बोला -- यह तुम अन्याय कर रहे हो हीरा! 106145 test‏.htm को दबाये रहने के बाद गोबर बोला -- यह तुम रोज़-रोज़ मालिकों की 106146 test‏.htm तंग आ गया था। खिन्न होकर बोला -- यह सब मैं समझता हूँ लाला! लेकिन 106147 test‏.htm को देखते ही पहचान लिया और बोला -- यही तुम्हारा गाँव है? याद 106148 test‏.htm के द्वार पर खड़ा हो गया और बोला -- यही हमारा घर है। 106149 test‏.htm हुआ होरी के घर आ धमका और बोला -- यही है तुम्हारा क़ौल? इसी 106150 test‏.htm होरी बोला -- रस-वस का काम नहीं है, कौन कोई 106151 test‏.htm कर दिया। भोला के समीप जाकर बोला -- राम-राम भोला भाई, कहो क्या 106152 test‏.htm भोला पर नशा चढ़ने लगा। बोला -- राय साहब इसके सौ रुपए देते 106153 test‏.htm भोला के हाथ में लौटाता हुआ बोला -- रुपए तो दादा मेरे पास नहीं 106154 test‏.htm होरी निराश मन से बोला -- वह कुछ न देगा। लड़के चार पैसे 106155 test‏.htm पर आशा की रेखा झलक पड़ी। बोला -- सच कहती हो, मैं मरूँगा नहीं? 106156 test‏.htm उसकी महानता में उड़ता हुआ बोला -- सब कुछ बँट गया चौधरी! जिनको 106157 test‏.htm को दबाना ज़रूरी था। बोला -- सलामी करने न जायँ, तो रहें 106158 test‏.htm होरी बोला -- सहुआइन, नीयत तो कभी ख़राब 106159 test‏.htm गयी। लकड़ी सँभालता हुआ बोला -- साठे तक पहुँचने की नौबत न 106160 test‏.htm का पता न था। बिगड़कर बोला -- सिलिया कहाँ उड़ गई? रहती है, 106161 test‏.htm बढ़कर आँगन में आ गया और बोला -- सिल्लो तुम्हारे गाँव से आयी 106162 test‏.htm मेरे पाँव पर गिर पड़ा और बोला -- सिल्लो, मैंने तो जब से सुना 106163 test‏.htm होरी ने साफ़ जवाब न दिया। बोला -- सोचकर कहूँगा। 106164 test‏.htm को एक नयी युक्ति सूझ गयी। बोला -- सोना बड़े आदमियों के लिए है। 106165 test‏.htm शोभा बोला -- हाँ, जान तो पड़ता है, चलो आरती 106166 test‏.htm सिर ज़मीन पर रगड़ता हुआ बोला -- हाथ-पाव कटकर गिर जायँगे, तो 106167 test‏.htm से संतोष दिया कि पहले मैं बोला -- होरी की घरवाली है सरकार! 106168 test‏.htm आँखों में आँसू आ गये। बोला -- होरी भैया, इस औरत के पीछे मेरी 106169 test‏.htm उसके बैल खोल लाये, वह कुछ बोला नहीं, इसीसे सेर हो गये। सब लोग 106170 test‏.htm आँख जली, दाँत पिसे; लेकिन बोला नहीं। चुपके-से कुदाल उठायी 106171 test‏.htm झुनिया को जगाया नहीं। कुछ बोला भी नहीं। चुपके से खिचड़ी थाली 106172 test‏.htm था। मैंने पूछा -- कौन है, तो बोला , मैं हूँ हीरा, कौड़े में से आग 106173 test‏.htm पचासों जूते खाकर भी कुछ न बोला। आँखों में आँसू भरे, मेरी ओर 106174 test‏.htm होरी कुछ न बोला। उसके प्राण तो न जाने किस-किस 106175 test‏.htm निकला; मगर न सलाम किया, न बोला। वह ठाकुर को दिखा देना चाहता 106176 test‏.htm मैं किसी से कुछ नहीं बोला। सबों ने अनायास मुझे मारा। कहा-सुना 106177 test‏.htm की धमकियाँ और कारिंदे की बोलियाँ इस समारोह में बाधा नहीं डाल 106178 test‏.htm कौड़ी का तौली। जानवरों की बोलियों की ऐसी नक़ल करता है कि हँसते-हँसते 106179 test‏.htm लगी है, तो और भी गंभीर बनकर बोलीं -- अगर हम लोग इस काम की महानता 106180 test‏.htm था। जाकर पूछा, अंदर आऊँ? बोलीं -- आप हैं मेहताजी, आइए! मैंने 106181 test‏.htm दौड़ी हुई आयीं और एक साथ बोलीं -- भैया गाय ला रहे हैं। आगे-आगे 106182 test‏.htm नोट निकालकर दे दिये, और बोलीं -- मैं बिना कुछ लिये घर से नहीं 106183 test‏.htm बीबी से पूछा, तो हँसकर बोलीं -- हम लोग यह रोग नहीं पालते; मगर 106184 test‏.htm का मुख-मंडल तमतमा रहा था। बोलीं -- होगा क्या, मेरी इतनी बेइज़्ज़ती 106185 test‏.htm अपनी पुलक को छिपाती हुई बोली -- अगर कोई देख ले? 106186 test‏.htm डटी हुई निःशंक खड़ी थी, बोली -- अच्छा अब चुप रहना गोबर! बेचारी 106187 test‏.htm लौट पड़ी और सामने आकर बोली -- अच्छा कहो, क्या कहते हो? 106188 test‏.htm कर देंगी। बात बदलकर बोली -- अच्छा ख़ैर, होगा। आज डाक्टर 106189 test‏.htm उसका हाथ पकड़ लिया और बोली -- अच्छा, अब रहने दो। ढो तो चुके 106190 test‏.htm आ पहुँची और खन्ना को देखकर बोली -- अच्छा, आप विराज रहे हैं? मैंने 106191 test‏.htm परित्याग कैसे करे? हुमककर बोली -- अच्छा, तुम्हारी। 106192 test‏.htm धनिया आवेश में बोली -- अनर्थ नहीं, अनर्थ का बाप हो 106193 test‏.htm बोली -- अनाज मेरे घर से क्यों नहीं 106194 test‏.htm होकर उसके गले से लिपटकर बोली -- अब कैसा जी है तुम्हारा? मेरे 106195 test‏.htm ईर्ष्या हुई। उसे डाँटकर बोली -- अब गोद से उतरकर पाँव-पाँव 106196 test‏.htm को उसकी गोद से ले लिया और बोली -- अब जाकर नहा-धो लो। किस सोच 106197 test‏.htm बैठ गयी और आर्त्त स्वर में बोली -- अब तो इसके जूते खा के जाऊँगी। 106198 test‏.htm हुए होंगे कि वह लौट आयी और बोली -- अब संसार में ग़रीबों का कैसे 106199 test‏.htm खाना खाकर बाहर निकल आयी। बोली -- अभी क्यों जाते हो बेटा, दो-चार 106200 test‏.htm धनिया बोली -- अभी तो कुछ नहीं खुला दीदी! 106201 test‏.htm झुनिया रोती हुई बोली -- अम्माँ, जब अपना बाप होके मुझे 106202 test‏.htm झुनिया भी कोठरी से निकलकर बोली -- अम्माँ, जुलाहे का ग़ुस्सा 106203 test‏.htm को दे न दें। जाकर रूपा से बोली -- अम्माँ को जल्दी से बुला ला। 106204 test‏.htm भरे थे। उपले पाथकर आयी थी। बोली -- अरे, कुछ रस-पानी तो कर लो। ऐसी 106205 test‏.htm रखकर जीभ दाँत से काटती हुई बोली -- अरे, यह तो तुम्हारा गाँव आ 106206 test‏.htm बाट जोह रही थी। रुष्ट होकर बोली -- आज इतनी देर क्यों की गोबर? 106207 test‏.htm क्षण के बाद गंभीर भाव से बोली -- आज तुमने मेरा हाथ पकड़ा है, 106208 test‏.htm सहुआइन मगन होकर बोली -- आज मंगल का दिन है, नज़र न लगा 106209 test‏.htm तो अँधेरा पड़ा हुआ था। बोली -- आज रोटी नहीं बना रही हो क्या 106210 test‏.htm पकड़ने की चेष्टा करती हुई बोली -- आदमी को क्यों भेज दूँ। जो 106211 test‏.htm लिया और आग्रह-भरी आँखों से बोली -- आप अभी नहीं जा सकते। चलिए, 106212 test‏.htm शर्म से लाल हुई जाती थी। बोली -- आप बड़े बेमुरौवत आदमी हैं 106213 test‏.htm पर खेद हुआ। वह प्रचंड होकर बोली -- आपको मुझ पर आक्षेप करने का 106214 test‏.htm मालती निःसंकोच भाव से बोली -- इन्होंने मार-मारकर वैद्य 106215 test‏.htm जायगी। कलेजा मज़बूत करके बोली -- इस फेर में न रहना पंडितजी! 106216 test‏.htm से उसके मुँह पर चपत जमाकर बोली -- इसकी सज़ा यही है कि फिर मुझसे 106217 test‏.htm अविश्वास-भरी मुस्कान से बोली -- इसी तरह तो सब कहते हैं गोबर! 106218 test‏.htm के साथ टोकरी पकड़ ली और बोली -- इसे तो मैं न ले जाने दूँगी, 106219 test‏.htm धनिया बोली -- उमिर तो ज़्यादा है; लेकिन 106220 test‏.htm ज़रा सकुचाकर सिर झुकाये बोली -- उसकी खाल हमें देनी पड़ेगी। 106221 test‏.htm हुई है, तो नाक सिकोड़ कर बोली -- उससे रुपए लेकर आज तक कोई उरिन 106222 test‏.htm धनिया अधीर होकर बोली -- ऐसा कभी नहीं हुआ था। लाला, 106223 test‏.htm न समझने का अभिनय करती हुई बोली -- ऐसी स्त्री की आप तारीफ़ करते 106224 test‏.htm ज़मीन पर पड़े देखे, गिनकर बोली -- और रुपए क्या हुए, दस न चाहिए? 106225 test‏.htm करना न सीखा था, बोली -- औरत घी का घड़ा लुढ़का दे, घर 106226 test‏.htm पोंछे। फिर एक मिनट बाद बोली -- औरों के साथ तुम भी मुझे ॰॰॰ 106227 test‏.htm कि वह धम से गिर पड़ा और बोली -- कहाँ जाता है, जूते मार, मार 106228 test‏.htm रूपा एक क्षण में आकर बोली -- काका घर में नहीं है, पंडित 106229 test‏.htm निकल आयी और कंपित स्वर में बोली -- काका, लो मैं इस घर से निकल जाती 106230 test‏.htm बहू का संदेश सुना, तो आकर बोली -- काहे को बुलाया बहू, मैं तो 106231 test‏.htm ले लिया और प्यार करती हुई बोली -- कितने दिनों का है? 106232 test‏.htm उसे दुखी न करना चाहती थी। बोली -- कुछ नहीं है बेटा, ज़रा सिर 106233 test‏.htm उसे पानी का एक छींटा मारकर बोली -- कुराह चले तुम्हारी बहन, मैं 106234 test‏.htm काँपती हुई आवाज़ से बोली -- कैसा जी है तुम्हारा? 106235 test‏.htm बोली -- कैसी कुर्की है? किस बात की? 106236 test‏.htm देखकर घूँघट के अंदर से बोली -- कौन बाँस काटता है? यहाँ बाँस 106237 test‏.htm ही गोविंदी भीतर से आकर बोली -- क्या आप लोग वहीं से आ रहे हैं? 106238 test‏.htm पाँव पकड़ लिये और रोती हुई बोली -- क्या करूँ लाला, जी नहीं मानता। 106239 test‏.htm बच्चे को लिए बाहर निकली और बोली -- क्या गोबर चला गया, अकेले? मैं 106240 test‏.htm के हाथ थी। हाथ मटकाकर बोली -- क्यों न हो, भाई ने पंद्रह रुपये 106241 test‏.htm रूपा रुआँसी होकर बोली -- क्यों पीटेगा, मैं मार खाने 106242 test‏.htm दिये थे। सिलिया के पास आकर बोली -- क्यों री सिलिया, महीना-भर 106243 test‏.htm रही थी। आकाश की ओर देखकर बोली -- गाय के आने का आनंद तो जब है 106244 test‏.htm धनिया मटककर बोली -- गाय नहीं वह दे रहा था। इन्हें 106245 test‏.htm भी आकर पीछे खड़ी थी। तुरंत बोली -- गाय मारी है तुम्हारे भाई हीरा 106246 test‏.htm में आकर पुआल पर बैठती हुई बोली -- गोबर ने तो मुँह में कालिख 106247 test‏.htm से भरी हुई लाकर रख दी, और बोली -- चलो, मैं आग जलाये देती हूँ। 106248 test‏.htm बाल सँभालती हुई ढीठ होकर बोली -- चलो, मैं तुमको दूर से दिखा 106249 test‏.htm देखा तो मातादीन वहाँ न था। बोली -- चिल्लाओ मत सहुआइन, यह ले लो, 106250 test‏.htm रूपा ठुनककर बोली -- छोटी काकी मुझे डाँटती है। 106251 test‏.htm धनिया दयार्द्र होकर बोली -- जगह की कौन कमी है बेटी! तू चल 106252 test‏.htm मिसेज़ खन्ना दबी ज़बान से बोली -- जब नशा ठहर जाय, तो कहिए। 106253 test‏.htm यह प्रस्ताव सुना तो ऐंठकर बोली -- जहाँ से लात खाकर आये, वहाँ 106254 test‏.htm सिर को एक झटका देकर बोली -- जा तू गोबर पाथ। जब तू दूध दुहकर 106255 test‏.htm गोमती को विश्वास न आया, बोली -- झूठे हो। तुम्हें पंद्रह सौ 106256 test‏.htm मानो कटार का आघात करती हुई बोली -- ठीक-ठीक कहती हो? 106257 test‏.htm करने लगी। अपराधी की भाँति बोली -- डाक्टर मेहता ने आग्रह किया, 106258 test‏.htm मालती उद्विग्न होकर बोली -- ताली हमेशा दो हथेलियों से 106259 test‏.htm पिघल गये। आवाज़ सँभालकर बोली -- तुम आज इधर कैसे आ गये? 106260 test‏.htm उसका हाथ पकड़ा और धीरे से बोली -- तुम उसका हाथ पकड़ोगे, तो वह 106261 test‏.htm सिलिया प्रसन्न मुख बोली -- तुम काहे को आओगे पंडित! मैं 106262 test‏.htm देखी, तो उससे न रहा गया। बोली -- तुम क्या अबकी जाड़ा यों ही 106263 test‏.htm अपनी ओर खींचती हुई गोबर से बोली -- तुम क्यों लड़ाई करने पर उतारू 106264 test‏.htm बड़े-बड़े मटके उठा लायी और बोली -- तुम जब तक यहीं बैठो, मैं अभी 106265 test‏.htm उठा कि अपना मुँह नोच ले। बोली -- तुम जैसा घामड़ आदमी भगवान् 106266 test‏.htm मालती बोली -- तुम पहने रहो बच्चा, मैं माँगती 106267 test‏.htm मेहता पर क्रोध आ रहा था। बोली -- तुम यहाँ क्यों आकर पड़ रहे? 106268 test‏.htm कोई जवाब न था। परास्त होकर बोली -- तुम सब जने एक ओर हो गये, नहीं 106269 test‏.htm जगत पर जाकर मुस्कराती हुई बोली -- तुम हमारे मेहमान हो। कहोगे 106270 test‏.htm मालती उत्तेजित होकर बोली -- तुमने इस समय यह प्रसंग व्यर्थ 106271 test‏.htm हाथ से रस्सी छीन ली और बोली -- तुमसे न खिंचेगा। तुम जाकर 106272 test‏.htm धनिया झुँझलाकर बोली -- तुम्हारी अक्कल तो घास खा गयी 106273 test‏.htm गोद में लेकर दुलराती हुई बोली -- तुम्हारी दया से अभी बहुत है 106274 test‏.htm आग उठायी नहीं और समीप जाकर बोली -- तुम्हारी रोटियाँ महक रही 106275 test‏.htm में आँसू भरकर, सहुआइन से बोली -- तुम्हारे पैसे मैं फिर दे दूँगी 106276 test‏.htm हुई चिड़िया पकड़ ली। बोली -- तुम्हें भाइयों का डर हो, तो 106277 test‏.htm लिया और हिंसा-भरे स्नेह से बोली -- तू कहाँ जाती है बहू, चल घर में। 106278 test‏.htm के आवेश को अब न रोक सकी। बोली -- तू चल घर में बैठ, मैं देख लूँगी 106279 test‏.htm बुढ़िया कर्कश स्वर में बोली -- तू न चलेगी? 106280 test‏.htm हट गया और धनिया शेर होकर बोली -- तू हट जा गोबर, देखूँ तो क्या 106281 test‏.htm में सोना को छाती से लगाकर बोली -- तूने इतनी अक्कल कहाँ से सीख 106282 test‏.htm सोना बोली -- तूने कुछ सुना? दादा सहुआइन 106283 test‏.htm दावे को स्वीकार न कर सकी। बोली -- तूने भैया को कहाँ पहचाना। 106284 test‏.htm बनी हुई थी। गला फाड़कर बोली -- तूने मुझे धक्का देकर गिरा 106285 test‏.htm मिस मालती प्रसन्न मुख से बोली -- तो इस विषय में आप और मैं एक 106286 test‏.htm उसी नशे में बोली -- तो चलिए, मुझे उन के दर्शन करा 106287 test‏.htm कि झुनिया ने पकड़ लिया और बोली -- तो चले जाना, अभी ऐसी क्या जल्दी 106288 test‏.htm और स्नेह-कोमल स्वर में बोली -- तो तुम इतना दिल छोटा क्यों 106289 test‏.htm धनिया बोली -- तो यहाँ कौन उन्हें बुलाने 106290 test‏.htm के पैरों से चिमट गयी और बोली -- दादा अब तुम्हीं मेरे बाप हो 106291 test‏.htm के पैरों पर गिरकर रोती हुई बोली -- दादा, अब तुम्हारे सिवाय मुझे 106292 test‏.htm पैरों पर गिर पड़ी और रोकर बोली -- दुलहिनजी, आज आप मेरी जान बख़्श 106293 test‏.htm सिरहाने रखने आयी। सुनकर बोली -- दूसरा मर्द होता, तो ऐसी औरत 106294 test‏.htm रूपिया बोली -- देखा क्यों नहीं। लाल-लाल है 106295 test‏.htm धनिया रोष से बोली -- देखी अपने सपूत की लीला? इतनी 106296 test‏.htm हाथ छुड़ा लिया और रोष से बोली -- देखो मथुरा, छेड़ोगे तो मैं 106297 test‏.htm होरी का हाथ पकड़ लिया और बोली -- देखो, हल्ला न मचाना; नहीं सारा 106298 test‏.htm से उसके केश सुलझाती हुई बोली -- धीरज धर बेटी, धीरज धर। अभी 106299 test‏.htm मालती बोली -- नहीं, अब लौटना चाहिए। देर 106300 test‏.htm दातादीन से बोली -- नहीं महाराज, बाहर क्या बाँधेंगे, 106301 test‏.htm मालती बोली -- नारियाँ इसलिए अधिकार चाहती 106302 test‏.htm सभा में रुँधे हुए कंठ से बोली -- पंचो, ग़रीब को सताकर सुख न 106303 test‏.htm धनिया इतनी शह पाकर बोली -- पंडित दादा, वह उसी का काम है। 106304 test‏.htm की टोकरी सिर से उतार कर बोली -- पंद्रह रुपए में हमारे बाँस 106305 test‏.htm फिर कनफुसकियों में बोली -- पटेसरी लाला का लौंडा तुम्हारे 106306 test‏.htm यौवन को रँगे-रँगाये आकर बोली -- पहले मेरे रुपये दे दो तब ऊख 106307 test‏.htm न होती थी। ऊँचे स्वर में बोली -- पानी गहरा है। ठहर जाओ, मैं 106308 test‏.htm ली और मेहता को दिखाती हुई बोली -- पानी से निकल जाओ बाबूजी, तुम्हारी 106309 test‏.htm मिस मालती बोली -- फ़िलासफ़र का जोड़ फ़िलासफ़र 106310 test‏.htm मेहता का हाथ पकड़ती हुई बोली -- फ़िलासफ़रों के शायद हृदय 106311 test‏.htm मालती प्रसन्न होकर बोली -- बहुत अच्छा हुआ। मेरा शाप पड़ा। 106312 test‏.htm आँखें बंद किये पड़ी देखकर बोली -- बाई को क्या हो गया है? 106313 test‏.htm आते रहते थे। उदास मन से बोली -- बुरे दिन आते हैं बाबा, तो आदमी 106314 test‏.htm यह अनीत कैसे देख सकती थी। बोली -- बेटा, तुम भी अँधेर करते हो। 106315 test‏.htm धनिया संदिग्ध भाव से बोली -- भगवान के अधीन है, जब हो जाय। 106316 test‏.htm फेरकर मुस्कराईं। धनिया बोली -- भला यह भी छिपा रहता है, मिस 106317 test‏.htm सोना बोली -- भैया तुम्हारे लिए आईना-कंघी 106318 test‏.htm की आँखें चमकने लगीं। बोली -- मंदिर है तो एक लोटा पानी उँड़ेलकर 106319 test‏.htm पुनिया बोली -- महतो को डाँड़ देने की ऐसी 106320 test‏.htm तैश में बाहर आकर होरी से बोली -- महतो दोनों बैल माँग रहे हैं, 106321 test‏.htm सामने खड़े दातादीन से बोली -- महराज, घर में न गाय है, न बछिया, 106322 test‏.htm धनिया सजल क्रोध में बोली -- महाराज तुम गवाह रहना। मैं 106323 test‏.htm धनिया बोली -- महाराज, उसके क़सम का भरोसा 106324 test‏.htm सिर से पाँव तक आग लग गयी। बोली -- माँ-बाप को भी तुमने उन्हीं 106325 test‏.htm धनिया सिर हिलाकर बोली -- मान लो, गोबर परदेश न गया होता, 106326 test‏.htm बाप के पैरों से लिपटकर बोली -- मार डालो दादा, सब जने मिलकर 106327 test‏.htm धनिया बोली -- मुँह देखकर बीड़ा दिया जाता 106328 test‏.htm धनिया शीतल हृदय से बोली -- मुँह में कालिख लगाकर कहीं 106329 test‏.htm मुस्कराकर बोली -- मुझे तो जान पड़ता है, दिन पूरे 106330 test‏.htm हुए आँसुओं को रोककर बोली -- मेरी ओर देखो, मैं हूँ, क्या 106331 test‏.htm झुनिया बोली -- मेरी छाती धक्-धक् कर रही है। 106332 test‏.htm हुए वह घर आयी और होरी से बोली -- मैंने तुमसे हज़ार बार कह दिया, 106333 test‏.htm हिलाये वाले भाव से बोली -- मैं उनके बखान की भूखी नहीं 106334 test‏.htm धनिया दाँत कटकटाकर बोली -- मैं एक दाना न अनाज दूँगी, न 106335 test‏.htm बाँस की कैन है। हताश होकर बोली -- मैं एक बार उससे कह के देख लेना 106336 test‏.htm मालती सजलनेत्र होकर बोली -- मैं कहती हूँ, मत जाओ। नहीं 106337 test‏.htm विद्रोह-भरे मन से बोली -- मैं कहीं न जाऊँगी। तू क्या 106338 test‏.htm के पहचानने में चतुर थी। बोली -- मैं किसी की लौंडी नहीं हूँ 106339 test‏.htm समीप आकर बोली -- मैं तुम्हें इतना पशु न समझती 106340 test‏.htm रखकर उसका पेट सहलाती हुई बोली -- मैं तो आज तुझे देखते ही समझ 106341 test‏.htm सहसा झुनिया भारी कंठ से बोली -- मैं बड़ी अभागिन हूँ दीदी। 106342 test‏.htm उठ बैठी, और निश्चल भाव से बोली -- मैं यही चाहती हूँ, तू मुझे 106343 test‏.htm कहीं जाने को तैयार देखकर बोली -- मैं वह जड़ी खोज लायी। अभी 106344 test‏.htm नोहरी बोली -- मैं वहाँ किसी की ग़ुलामी करने 106345 test‏.htm पर खींच लिया और समीप आकर बोली -- मैं हूँ, सिलिया। 106346 test‏.htm बैठी रही। एक क्षण के बाद बोली -- यह गौरी महतो की भलमनसी है; 106347 test‏.htm और आश्वासन भरे स्वर में बोली -- यह चार दिन में अच्छे हो जायँगे। 106348 test‏.htm धनिया प्रसन्न होकर बोली -- यह तुमने बड़ा अच्छा किया बेटा! 106349 test‏.htm के लिए, वह और तिनक उठी। बोली -- यह नुसख़ा तो मेहता साहब को 106350 test‏.htm धनिया तिलमिलाकर बोली -- यह पंच नहीं हैं, राक्षस हैं, 106351 test‏.htm दुखित स्वर में बोली -- यह मंतर तुम्हें कौन दे रहा 106352 test‏.htm और उसे हाथ में लिये, फिर बोली -- यह मत समझना कि मैं ख़ाली धमकी 106353 test‏.htm की आँखों से देखती हुई बोली -- या तो किसी को नेवता न दो, और 106354 test‏.htm नागिन की तरह फुँकारकर बोली -- ये रुपए कहाँ लिये जा रहा है, 106355 test‏.htm छीनकर फेंक दी और गाली देकर बोली -- राँड़, जब तुझे मज़दूरी ही 106356 test‏.htm धनिया आँखें चमकाकर बोली -- रुपए लाना मेरा काम नहीं है, 106357 test‏.htm धनिया कोई बहाना न कर सकी। बोली -- रोटी कहाँ से बने, घर में दाना 106358 test‏.htm उठी और अपना सिर पीटकर बोली -- लगा दे घर में आग, मुझे क्या 106359 test‏.htm धनिया बोली -- लड़की की बाढ़ रेंड़ की बाढ़ 106360 test‏.htm दूध आ गया है। प्रसन्न होकर बोली -- ले झुनिया, अब तेरा बच्चा जी 106361 test‏.htm आशय समझकर जोश-भरे स्वर में बोली -- लेकिन अब हो गयी हूँ; इसलिए 106362 test‏.htm गोविंदी को शंका हुई। बोली -- लेकिन सिंहनी से उसका शिकार 106363 test‏.htm हुआ, उठकर सामने आ गयी और बोली -- लौटा क्यों दोगे? लौटाने के 106364 test‏.htm उसको अपनी ओर खींचती हुई बोली -- वह तेरा बाप नहीं है, तेरा बैरी 106365 test‏.htm मालती को बेलारी याद था। बोली -- वही गाँव तो नहीं, जिसके पच्छिम 106366 test‏.htm सुनकर संयम न रख सकी। बोली -- वही गोबर भैयावाली बात थी। 106367 test‏.htm तिरछी नज़रों से देखती हुई बोली -- वही मरजाद तो दे रही हूँ। महीने 106368 test‏.htm की माँ उँगली चमकाकर बोली -- वाह-वाह पंडित! ख़ूब नियाव 106369 test‏.htm सोना बोली -- शादी-ब्याह में पीली साड़ी 106370 test‏.htm और कृतज्ञता के मोती भरकर बोली -- सब का सब उठा लायी कि घर में 106371 test‏.htm छुड़ा लिया और पीछे हटकर बोली -- सब तुम्हारी दया है महाराज? 106372 test‏.htm हुए थे। भौंहें सिकोड़कर बोली -- समय का फेर है, यहाँ आ गयी; लेकिन 106373 test‏.htm कलेजा दूना हो गया। होरी से बोली -- सुन लो कान खोल के। भाइयों 106374 test‏.htm सरोज उत्तेजित होकर बोली -- हम पुरुषों से सलाह नहीं माँगतीं। 106375 test‏.htm धनिया बोली -- हाँ, और क्या; मगर कैसा सोता 106376 test‏.htm सिलिया जान पर खेलकर बोली -- हाँ, जब तुम्हारे द्वार पर 106377 test‏.htm धनिया हाथ मटकाकर बोली -- हाँ, दे दिया। अपनी गाय थी, मार 106378 test‏.htm धनिया बोली -- हाँ, मेरी सलाह है। अब सौ पचास 106379 test‏.htm धनिया बोली -- हाँ, रोटियाँ पकायी थीं; लेकिन 106380 test‏.htm डरती-डरती बोली -- हुज़ूर का एक़बाल बढ़े, नाम 106381 test‏.htm उसका सानी नहीं है। जिसकी बोली कहो, उसकी बोले -- आदमी की भी, जानवर 106382 test‏.htm है कि क्या कोई करेगा और बोली की नक़ल करने में तो उसका सानी 106383 test‏.htm का भोजन थीं। वह दिल से बोली थी और होरी गद्गद् हो गया था। 106384 test‏.htm और गुर्राने के बदले मीठी बोली बोल सकता, तो उसे घर बैठे मनमाना 106385 test‏.htm पर बैठा हुआ है। मैं तो बोली भी नहीं।’ 106386 test‏.htm रुपए में नीलाम हो गयी और बोली भी हो गयी मँगरू साह ही के नाम। 106387 test‏.htm फिर नायक का देहाती बोली में गवाहों को समझाना और अंत 106388 test‏.htm पहुँचा ही था कि धनिया की बोली सुनायी दी। ओह! ग़ज़ब हो गया। 106389 test‏.htm का हृदय धक्-धक् करने लगा। बोली , मेहता, ईश्वर के लिए अब आगे मत 106390 test‏.htm रत्ती-रत्ती हाल जानती थी। बोली -घर में पैसा नहीं है, तो क्या 106391 test‏.htm करना उसका स्वभाव था। बोली -दिन-भर दादाजी बाज़ार भेजते 106392 test‏.htm है कि मैं न किसी से हँसूँ, न बोलूँ , न कोई मेरी ओर ताके, न हँसे। 106393 test‏.htm ‘वह मारेगी भी, तो न बोलूँगा।’ 106394 test‏.htm ‘कहती हूँ, कुछ न बोलूँगी , कह तो।’ 106395 test‏.htm मालती से अधिक-से-अधिक वही बोलें , उनकी निगाह अधिक-से-अधिक उन्हीं 106396 test‏.htm हूँ। आप इनसे कह दें, ‘चीं’ बोलें , मैं अभी उठा जाता हूँ। 106397 test‏.htm जब तक मेहता कुछ बोलें , वह हवा हो गयी। मेहता ऊपर चढ़कर 106398 test‏.htm गये और उन्मुक्त कंठ से बोले -- Three cheers for Rai Sahib, Hip Hip Hurrah! 106399 test‏.htm ओंकारनाथ बोले -- अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता, 106400 test‏.htm हुए; पर सहानुभूति दिखाकर बोले -- अगर यह भी मान लें कि मेहता 106401 test‏.htm भोजन करना कठिन हो गया। बोले -- अगर रुपए न दिये, तो ऐसी ख़बर 106402 test‏.htm जैसे ध्यान से चौंक पड़े। बोले -- अच्छा उठा ले। कहाँ चलेगा? 106403 test‏.htm बैठकर ज़रा मीठे स्वर में बोले -- अच्छा भाई, जो चाहे लिखो। मैं 106404 test‏.htm बोले -- अच्छा भाई, तुम्हारे पास कुछ 106405 test‏.htm मेहता खड़े-खड़े बोले -- अच्छी बात है, तुम आराम कर लो। 106406 test‏.htm में डूबे रहने के बाद बोले -- अच्छी बात है। अगर डायरेक्टरों 106407 test‏.htm मिर्ज़ा खुर्शेद बोले -- अजी आप लोग तमाशा देखते रहिएगा, 106408 test‏.htm लाल-लाल आँखों से ताकते हुए बोले -- अजी कुछ नहीं। ऐसा कौन-सा बड़ा 106409 test‏.htm खन्ना खिसियाकर बोले -- अजी, उनके पास एक पैसा भी न होगा। 106410 test‏.htm खुर्शेद बोले -- अब कहिए। मेहता दिलेर आदमी 106411 test‏.htm मेहता सँभलकर बोले -- अब तो मेरी अलग सत्ता ही न रहेगी 106412 test‏.htm खन्ना सजल आँखों से बोले -- अब मेरी जान बख़्शो मालती, 106413 test‏.htm मिर्ज़ा विरक्त मन से बोले -- अबकी मैं खड़ा ही न हूँगा। 106414 test‏.htm ही आ निकले और उसे देखते ही बोले -- अरे! तू आ गया होरी, मैं तो तुझे 106415 test‏.htm किये और एहसान से दबाते हुए बोले -- आज ही कागद लिखा लेना। तुम्हारा 106416 test‏.htm है। जिसकी बोली कहो, उसकी बोले -- आदमी की भी, जानवर की भी। गिरधर 106417 test‏.htm की दृष्टि से देखा और बोले -- आप अपने होश में हैं या नहीं। 106418 test‏.htm खन्ना स्तंभित हो गये। बोले -- आप आज के पंद्रह साल पहले का 106419 test‏.htm देखा, तो आकर मिर्ज़ा से बोले -- आप उधर कहाँ जा रहे हैं हज़रत! 106420 test‏.htm खन्ना को शरारत सूझी। बोले -- आप चले थे मिर्ज़ा से मुकाबला 106421 test‏.htm की आँखों से देखा। और बोले -- आप चुप क्यों हैं मिस्टर तंखा, 106422 test‏.htm के बल मेज़ पर टिककर बोले -- आप ज़रा उस मुआमले पर फिर विचार 106423 test‏.htm खन्ना बोले -- आप देखती रहिए! इसी तरह सब मर 106424 test‏.htm अब मेहता को अवसर मिला। बोले -- आप भी तो इसी मरज़ में गिरफ़्तार 106425 test‏.htm रसिकता लाज़िमा थी। बोले -- आप संन्यासी बन सकते हैं, मैं 106426 test‏.htm जीभ में खुजली हो रही थी। बोले -- आपका एक-एक अंग फ़िलासफ़ी में 106427 test‏.htm मेहता गंभीर भाव से बोले -- आपका ख़याल बिलकुल ग़लत है। 106428 test‏.htm कुछ असमंजस में पड़े हुए बोले -- आपका विचार बिल्कुल ठीक है 106429 test‏.htm यह जवाब हो। उदास मन से बोले -- आपकी जो इच्छा हो; लेकिन मैं 106430 test‏.htm गले लिपट गये और मुग्ध होकर बोले -- आपकी दृष्टि इतनी पैनी है, 106431 test‏.htm समझ गये। व्यथित स्वर में बोले -- आपको भी मुझसे मज़ाक़ करने 106432 test‏.htm किये डालते थे। चौंककर बोले -- आपने मुझसे कुछ कहा? 106433 test‏.htm कुछ काम निकाला जा सकता है। बोले -- इतनी कमाई कम नहीं है बेटा, 106434 test‏.htm था। दृढ़ता भरे स्वर में बोले -- इस कृपा के लिए आपका कृतज्ञ 106435 test‏.htm राय साहब बोले -- इस खेल में हाफ़ टाइम! एक ही 106436 test‏.htm धँसी हुई आँखें निकालकर बोले -- इसमें राय साहब से क्या पूछना 106437 test‏.htm मेहता बोले -- इसलिए कि वह बात समझती हैं। 106438 test‏.htm कुछ हलका मालूम होने लगा। बोले -- उतनी दूर तो ले ही जाऊँगा, जितनी 106439 test‏.htm संपादकजी उपेक्षा भाव से बोले -- उनका समय मूल्यवान है कामिनी 106440 test‏.htm चलायी; मगर हिरन भाग गया। बोले -- एक शिकार मिला भी तो निशाना 106441 test‏.htm बोले -- ऐसी औरत का तो सिर काट ले। होरी 106442 test‏.htm मेहता फिर उसी प्रवाह में बोले -- और आज मैं यहाँ वही पूछने के 106443 test‏.htm काला मुँह और लंबा करके बोले -- और यहाँ आया है किस लिए, और जब 106444 test‏.htm हुए आये और पोपले मुँह से बोले -- कहाँ हो होरी, तनिक हम भी तुम्हारी 106445 test‏.htm बोले -- कुछ भी कहो, मैं उसे न जाने दूँगा। 106446 test‏.htm खन्ना रोना मुँह बनाकर बोले -- कुछ रुपए देकर किसी तरह इस 106447 test‏.htm में जवानी की उमंग भरकर बोले -- कोई दोष नहीं है बेटा, बाल-भौंरी, 106448 test‏.htm प्रसन्न होकर बोले -- कोई हरज़ नहीं बेटा, कोई हरज़ 106449 test‏.htm पर आये और आँखें निकालकर बोले -- क्या आज भी तुम काम करने न चलोगे 106450 test‏.htm मेहता सरलता से हँसकर बोले -- क्या आप समझती हैं, बिना दार्शनिक 106451 test‏.htm आये और स्नेह भरी कठोरता से बोले -- क्या करती है धनिया, होश सँभाल। 106452 test‏.htm बोले -- ख़तरे से नहीं डरता; लेकिन 106453 test‏.htm मेहता लज्जा से सिर झुकाकर बोले -- ख़बर क्यों नहीं है; लेकिन 106454 test‏.htm उसके सामने खड़े होकर बोले -- चलाने-चलाने में भेद है। एक 106455 test‏.htm चेष्टा देखी और घबराकर बोले -- चलिए, आपको घर पहुँचा दूँ। 106456 test‏.htm बल पड़ गये। आँखें निकालकर बोले -- चलो, मैं इन दुष्टों को ठीक 106457 test‏.htm ओंकारनाथ कुछ नर्म होकर बोले -- जब कभी अवसर आया है, मैंने क़दम 106458 test‏.htm खन्ना खिसियाकर बोले -- जब हमारे प्रोफ़ेसरों का यह 106459 test‏.htm मिर्ज़ा खुर्शेद बोले -- ज़रूर-ज़रूर! 106460 test‏.htm मिर्ज़ा खुर्शेद बोले -- ज़रूर-ज़रूर! 106461 test‏.htm तंखा खिसियाकर बोले -- जाइए! सोचा था, ख़ूब कबाब उड़ायेंगे, 106462 test‏.htm नीति-विरुद्ध समझते थे। बोले -- जाकर अपने आदमी को भेज दे। 106463 test‏.htm तरफ़ देखा और जैसे सनककर बोले -- जिनकी यह हरकत है, उन्हें मैं 106464 test‏.htm खन्ना झेंपते हुए बोले -- जी नहीं, मुझे क्षमा कीजिए। 106465 test‏.htm अपनी जगह पर बैठे-बैठे बोले -- जी नहीं, मैं किसी का दीन नहीं 106466 test‏.htm राय साहब भाँप न सके। उछलकर बोले -- जी हाँ, केवल प्रतिष्ठा का। 106467 test‏.htm से मुक्त कर दिया। उठकर बोले -- जी हाँ, पिट तो रही है। मिर्ज़ा 106468 test‏.htm पांडित्य पर मुग्ध होकर बोले -- तब क्यों आजकल लोग वाजपेयी 106469 test‏.htm फिर होरी की ओर देखकर बोले -- तुम अब जाओ होरी, अपनी तैयारी 106470 test‏.htm हूँ। उसका रास्ता रोककर बोले -- तुम मुझ पर इतनी कृपालु हो 106471 test‏.htm भोला को ढाढ़स देते हुए बोले -- तुम यहाँ आराम से रहो भोला, 106472 test‏.htm उसे लौट जाने को कहते हुए बोले -- तुम यहाँ मत आओ मालती! यहाँ 106473 test‏.htm एक चारपाई पर बैठ गये और बोले -- तुम लोगों ने क्या निश्चय किया? 106474 test‏.htm के दो नोट निकालते हुए बोले -- तुमने मेरी सलाह मान ली, बड़ा 106475 test‏.htm भरी आँखों से देखकर बोले -- तुमने मेरे साथ भलाई की है 106476 test‏.htm से पकड़ लिये और काँपते हुए बोले -- तुम्हारा आदेश स्वीकार है 106477 test‏.htm दातादीन बोले -- तुम्हें इस दुष्टा को घर में 106478 test‏.htm दुनिया पर उसका राज है। बोले -- तू तो ऐसी तिनक रही है नोहरी, 106479 test‏.htm चुपचाप चलते रहे। तब खन्ना बोले -- तो आप कब तक आयँगे? मैं चाहता 106480 test‏.htm दातादीन प्रसन्न होकर बोले -- तो चलो, मैं अभी बीज तौल दूँ, 106481 test‏.htm खींच लिया। उठकर बैठ गये और बोले -- दर्द तो दोपहर से ही हो रहा 106482 test‏.htm पटेश्वरी बोले -- दिलेर है हुज़ूर, कर्कशा है। 106483 test‏.htm बालकों की तरह डींग मारकर बोले -- देखा आपने, कैसा मंतर के ज़ोर 106484 test‏.htm कृतज्ञता से पुलकित होकर बोले -- देवीजी, आप तो मुझे काँटों 106485 test‏.htm काम है। मेज़ पर हाथ पटककर बोले -- नहीं, कदापि नहीं। यहाँ कोई 106486 test‏.htm मेहता उसी ठंढे मन से बोले -- नहीं-नहीं, मैं इसे बुरा नहीं 106487 test‏.htm राय साहब बोले -- नहीं भाई, यहाँ मेरा दम घुटने 106488 test‏.htm की ओर दीन-भाव से देखा और बोले -- नहीं मालती, मुझ पर दया करो, 106489 test‏.htm निशाना और आगे जा पड़ा। बोले -- नहीं हुज़ूर, ऐसा न कीजिए, नहीं 106490 test‏.htm कुछ बोलने का अधिकार है। बोले -- नाटक कोई भी अच्छा हो सकता 106491 test‏.htm झिंगुरी तमाखू फाँककर बोले -- पंडित मैं तो एक बात जानता 106492 test‏.htm उतरवाये और झुनिया से बोले -- पहले एक चिलम भर ला, फिर थोड़ा-सा 106493 test‏.htm लगी। डाढ़ी पर हाथ फेरकर बोले -- पास कुछ न सही, मैं भीख ही माँगता 106494 test‏.htm ख़ूब समझते थे। गर्म होकर बोले -- पीठ पीछे आदमी जो चाहे बके, 106495 test‏.htm मेहता बात काटकर बोले -- फिर वही भावुकता। मुझे ऐसे 106496 test‏.htm फिर रहस्य-भरे स्वर में बोले -- बाहर न बाँधना, इतना कहे देते 106497 test‏.htm ने पीछे फिरकर देखा और बोले -- बेचारे कितने ख़ुश थे। काश 106498 test‏.htm मेहता बोले -- बेशक, पुरुषों ने अन्याय किया 106499 test‏.htm उसे दिखाते हुए खड़े होकर बोले -- भाइयो! यह हम सब मरदों की इज़्ज़त 106500 test‏.htm हुई थी। इससे बहुत दुखी थे। बोले -- भाई, मैं प्रश्नों का कायल 106501 test‏.htm राय साहब बोले -- मगर मेहता साहब तो बड़े ख़ुशमिज़ाज 106502 test‏.htm का रूप धारण कर लिया। बोले -- मगर यह आप समझ लें, मिस मालती, 106503 test‏.htm हाथ में रख दिये और ललकारकर बोले -- मजूरी सबको चलते-चलते पेशगी 106504 test‏.htm को देखकर प्रसन्न होकर बोले -- मज़े में तो रहे गोबर? सुना 106505 test‏.htm खन्ना बोले -- मालती की तो गर्दन नहीं उठती। 106506 test‏.htm खन्ना बोले -- मालती मिलें, तो पूछूँ, अब कहिए। 106507 test‏.htm जीवट न था। लज्जित होकर बोले -- मालती, तुम्हारे पैरों पड़ता 106508 test‏.htm पर फिर क्रोध आ गया। गरजकर बोले -- मालूम होता है, तुम्हारा सिर 106509 test‏.htm ख़ुश होकर बोले -- मिस मालती मुझे याद कर रही 106510 test‏.htm का धैर्य कहाँ? गर्म होकर बोले -- मुआफ़ कीजिए, मिर्ज़ा साहब, 106511 test‏.htm का कोई महत्व न था। बोले -- मुआफ़ कीजिए। मुझे अपनी पहलवानी 106512 test‏.htm ओर देखा और करुण-कंठ से बोले -- मुझसे जो अपराध हुए हैं, उन्हें 106513 test‏.htm माननेवाले न थे। खिसियाकर बोले -- मुझे ऐसा मालूम होता है, कि 106514 test‏.htm न रहा। आश्वासन के स्वर में बोले -- मुझे न मालूम था कि आप उससे 106515 test‏.htm नेत्रों से देखते हुए बोले -- मुझे भी तो कोई काम बताओ, मैं 106516 test‏.htm को गोद में उठा लिया और बोले -- मुबारक! 106517 test‏.htm सिकुड़ गया हो! झेंपते हुए बोले -- मेरा आशय यह न था मालती, तुम 106518 test‏.htm राय साहब बोले -- मेरा जोड़ तो ओंकारनाथ का है, 106519 test‏.htm सहसा दातादीन बोले -- मेरा सराप न पड़े तो मुँह न 106520 test‏.htm दातादीन बोले -- मेरी आदत किसी की निंदा करने 106521 test‏.htm बड़ी चिंता हो गयी है, बोले -- मेरी तो सलाह है; आप एलेक्शन 106522 test‏.htm खन्ना खिसियाकर बोले -- मेरी न कहिए, मैंने ऐसी कितनी 106523 test‏.htm वाचाल हो गयी। मुस्कराकर बोले -- मैंने अपने धर्म की थाती मिस 106524 test‏.htm सुलगाया और राय साहब से बोले -- मैंने आप से कह दिया, बैंक इससे 106525 test‏.htm बिदा हो गया। नम्र भाव से बोले -- मैंने खन्ना की हिमायत उस वक़्त 106526 test‏.htm खायीं, तो ज़रा गर्म होकर बोले -- मैं अकेला थोड़ा ही था। गाँव 106527 test‏.htm गयी। गर्व-पूर्ण नम्रता से बोले -- मैं आप लोगों का सेवक हूँ, मुझसे 106528 test‏.htm बड़े तपाक से हाथ मिलाया और बोले -- मैं तो आपकी ख़ातिरदारी का 106529 test‏.htm सम्मान के बोझ से नत होकर बोले -- मैं तो आपकी सेवा में आनेवाला 106530 test‏.htm मेहता बोले -- मैं तो आपको राजाओं का राजा 106531 test‏.htm भी थे, विरोध न कर सके। बोले -- मैं तो उन्हें केवल मनोरंजन 106532 test‏.htm को मसनद पर बैठाते हुए बोले -- मैं तो ख़ुद आपके पास आनेवाला 106533 test‏.htm खन्ना बोले -- मैं तो साफ़ कहता हूँ और इसीलिए 106534 test‏.htm पर झुककर सलाम करते हुए बोले -- मैं तो हुज़ूर के दर्शन करने 106535 test‏.htm पटेश्वरी बोले -- यह उसके सीधेपन का फल है। तुम्हारे 106536 test‏.htm बोले -- यह तुमने क्या रोग पाल लिया 106537 test‏.htm सिर और दाढ़ी हिलाकर बोले -- यह तू ठीक कहती है धनिया! धर्मात्मा 106538 test‏.htm किया। गंभीर मुँह बनाकर बोले -- यह तो आपकी प्रतिष्ठा का सवाल 106539 test‏.htm दातादीन बोले -- यह बात साबित हो गयी, तो उसे 106540 test‏.htm थीं। दूसरा ग्लास भरकर बोले -- यह मिस मालती की सेहत का जाम 106541 test‏.htm बोले -- यह मेहता भी कुछ अजीब आदमी 106542 test‏.htm ओंकारनाथ अभिमान के साथ बोले -- यही तो मैं नहीं कर सकता देवीजी! 106543 test‏.htm खन्ना व्यथित स्वर में बोले -- यही तो रंज है भाई साहब! यह तो 106544 test‏.htm कानों के पास मुँह ले जाकर बोले -- राम-राम सत्त है! कहिए तो आपका 106545 test‏.htm मिस्टर तंखा क्यों दबते। बोले -- राय साहब, अब साफ़-साफ़ न कहलवाइए। 106546 test‏.htm में लिया और विनोद-भाव से बोले -- लखनऊ की हवा खा के तू बड़ा चंट 106547 test‏.htm गिलौरियाँ मुँह में भरकर बोले -- लेकिन यह आपके हक़ में अच्छा 106548 test‏.htm जैसे लज्जित होकर बोले -- लेकिन यह बीसवीं सदी है, बारहवीं 106549 test‏.htm पटेश्वरी बोले -- वह तेरी बहू नहीं है, हरजाई 106550 test‏.htm गया। जल्दी से हाथ धोया और बोले -- वह नहीं जायगी। मैं जा रहा 106551 test‏.htm मेहता प्रसन्न होकर बोले -- वाह, अगर यह भार ले लो, तो क्या 106552 test‏.htm मेहता बोले -- वोट नये युग का मायाजाल है, 106553 test‏.htm से संपादकजी को देखा और बोले -- व्यक्तिगत बातों पर आलोचना 106554 test‏.htm के गले में डाल दी और । बोले -- सज्जनो, फ़िदवी ने अभी अपने 106555 test‏.htm जीवन ही संकट में पड़ गया। बोले -- सबसे सरल उपाय वही है, जो अभी 106556 test‏.htm पर बैठने का इशारा करके बोले -- समझ गया, मैंने क्या कहा। कारकुन 106557 test‏.htm मेहता बोले -- सिर में बड़ा दर्द है। 106558 test‏.htm किया और जान पर खेलकर बोले -- हमने आपसे कह दिया कि हम चोर-डाकू 106559 test‏.htm राय साहब तनकर बोले -- हर्गिज़ नहीं। आज जो कुछ होना 106560 test‏.htm फिर आकर खाट पर बैठते हुए बोले -- हाँ, मतई के ब्याह का क्या हुआ? 106561 test‏.htm को पी जाने का ही अवसर था। बोले -- हाँ, यह गलती हुई। आजकल आपको 106562 test‏.htm सिर पर पड़ा। लज्जित होकर बोले -- हाँ देवीजी, मैं स्वीकार करता 106563 test‏.htm से धो दें। भारी गले से बोले -- हाँ प्रिये, हम तबाह हो गये। 106564 test‏.htm लिए चढ़ा-ऊपरी की। एक साथ बोले और अपने मन को इस कल्पना से संतोष 106565 test‏.htm बचत दिखायी, तब वह उससे कुछ बोले नहीं; मगर उनकी दृष्टि में उसका 106566 test‏.htm ज़बरदस्ती! और दादा कुछ बोले नहीं?’ 106567 test‏.htm मिर्ज़ा कुछ बोले नहीं। हिरन की टँगी हुई, दीन 106568 test‏.htm ओंकारनाथ उत्तेजित होकर बोले , -- मैंने कभी रिश्वत नहीं ली। 106569 test‏.htm नहीं है और अगर तुम बीच में बोले , तो फिर या तो तुम्हीं रहोगे, 106570 test‏.htm ‘मुझसे बोले , तो मुँह झुलस दूँ।’ 106571 test‏.htm किया, तो क्या जवाब दोगी? बोले , मैं विप्र हूँ, रुपए-पैसे का 106572 test‏.htm क़दम बढ़ाते हुए बराबर आकर बोले , यही कह रहा था कि धनिया के साथ 106573 test‏.htm आम की डरिया कोयल बोले , 106574 test‏.htm पड़ी रहे। कोई उससे न बोले -चाले; मगर यहाँ गोबर का निष्ठुर 106575 test‏.htm दातादीन बोले -बड़े आदमियों के यही लक्षण हैं। 106576 test‏.htm दौड़ता। बिल्ली कैसे बोले ? और रामू म्याँव-म्याँव करके 106577 test‏.htm इतनी हिम्मत कि तुमसे कुछ बोले ? वह जानते हैं, तुमसे मेल करने 106578 test‏.htm ‘और जो बोले ?’ 106579 test‏.htm होगा मुझे कहेंगी, तुमसे तो बोलेंगी भी नहीं। 106580 test‏.htm कहा -- जब तक यह ‘चीं’ न बोलेंगे , मैं हरगिज़ न छोड़ूँगा। क्यों 106581 test‏.htm और मेहता साहब ‘चीं’ बोलेंगे। 106582 test‏.htm हो गयी तो साल दो साल तो वह बोलेगा भी नहीं। सगाई न भी हुई, तो होरी 106583 test‏.htm मेरे घर में रह, कोई कुछ न बोलेगा , अम्माँ को मना लूँगा। यह गधी 106584 test‏.htm फटेहालों से वह हँस- बोलेगी ? सीधे मुँह बात तो करती नहीं।’ 106585 test‏.htm लड़कियों से क्या बोले। मारने-बाँधने से रहा, डाँटने-डपटने 106586 test‏.htm ने डाँटा -- झूठ मत बोलो पंडित, मैं दो आदमियों को फाँस-फूँसकर 106587 test‏.htm तारीप क्यों की? क्यों की? बोलो , क्यों हमारी तारीप की? हम किसी 106588 test‏.htm हो, इस बंधन का घाट न होगा; बोलो , मुझे क्या आदेश देते हो? 106589 test‏.htm आकर कहा -- चुपचाप पड़े रहो। बोलो -चालो नहीं। मरोगे नहीं, इसका 106590 test‏.htm रुपये के लिए झूठ थोड़े ही बोलोगे और न मैं ही इन रुपयों से धनी 106591 test‏.htm ‘तब धनिया से तो न बोलोगे ?’ 106592 test‏.htm वही खाकर संतुष्ट हो गयी। बोलो। 106593 test‏.htm मेरा ब्याह क्यों नहीं हुआ? बोलो। इसलिए कि घर में रोटी न थी। रुपए 106594 test‏.htm कहा -- दादा, तुम बीच में न बोलो। उनकी गाय पचास की थी। हमारी 106595 test‏.htm साहब ने रोष से कहा -- झूठ मत बोलो। तुम्हें मालूम है, झूठ से मेरे 106596 test‏.htm कहा -- महाराज, तुम इस बखत न बोलो। मैं आज इसकी बान छुड़ाकर तब 106597 test‏.htm -- चुप रह, बहुत चढ़-चढ़ न बोल। बिरादरी के चक्कर में अभी पड़ी 106598 test‏.htm और आप लोग बैठे देख रहे हैं! बोस मर्दों के होते एक उजड्ड पठान 106599 test‏.htm थी। आज सबेरे पंद्रह सौ की बोहनी हुई। किसी भाग्यवान का मुँह 106600 test‏.htm में उस मर्द पर हंटरों की बौछार करनी चाहिए, क्यों?’ 106601 test‏.htm चारों ओर से हीरा पर बौछार पड़ने लगी। दातादीन ने निर्लज्ज 106602 test‏.htm भाई हीरा ने। सरकार ऐसे बौड़म नहीं हैं कि जो कुछ तुम कह दोगे, 106603 test‏.htm जाय। हमारी सारी आत्मिक और बौद्धिक और शारीरिक शक्तियों के सामंजस्य 106604 test‏.htm के भार ने यौवन को दबाकर बौना कर दिया हो। 106605 test‏.htm आम के पेड़ दोनों हाथों से बौर के सुगंध बाँट रहे थे, और कोयल 106606 test‏.htm ‘हाँ, बौरा क्यों न जाऊँगी। बात ही ऐसी 106607 test‏.htm राँड़ से? क्या कहती है तू? बौरा तो नहीं गयी?’ 106608 test‏.htm से लेना। एक रुपया सैकड़े ब्याज कम नहीं होता।’ 106609 test‏.htm खाकर बैठ रहता -- मगर उसके ब्याज का दर ज्यों-का-त्यों बना रहता 106610 test‏.htm में भी वह चौकस होता है, ब्याज की एक-एक पाई छुड़ाने के लिए 106611 test‏.htm उधार लेने आओगे, और हम जो ब्याज चाहेंगे, लेंगे। सरकार अगर असामियों 106612 test‏.htm का ख़ून चूसनेवाले! सूद- ब्याज डेढ़ी-सवाई, नज़र-नज़राना, घूस-घास 106613 test‏.htm हमारे रुपए अभी न मिलें, तो ब्याज तो दे दो। दिन-दिन बोझ बढ़ ही 106614 test‏.htm थे, क्योंकि आने रुपये का ब्याज था। लगान के भी अभी पच्चीस रुपए 106615 test‏.htm किसी को। किसी ने आना रुपया ब्याज देना स्वीकार किया, किसी ने 106616 test‏.htm महाजन थे, जो दो आने रुपये ब्याज पर बिना लिखा-पढ़ी के रुपए देते 106617 test‏.htm नहीं कहते कि नाम-मात्र के ब्याज पर रुपए देकर उन्हें सूदख़ोर 106618 test‏.htm करनी अपने साथ है। हमने जिस ब्याज पर रुपए लिए, वह तो देने ही पड़ेंगे। 106619 test‏.htm लिखाई अलग। उस पर एक साल का ब्याज पेशगी काटकर रुपया देते थे। 106620 test‏.htm पंडित अलग। किसी का ब्याज भी पूरा न चुका। ज़मींदार के 106621 test‏.htm न की। होरी पर भी उसके सूद- ब्याज मिलाकर कोई डेढ़ सौ हो गये थे; 106622 test‏.htm और तहरीर और दस्तूरी और ब्याज में काट लिये। 106623 test‏.htm काहे की। मैं आने रुपए ब्याज लेता हूँ। तुम्हें गाँवघर का 106624 test‏.htm तीन-तीन साल हो गये, न सूद न ब्याज ; मगर यह न समझना कि तुम मेरे रुपये 106625 test‏.htm महतो, तुम भी याद करोगे। ब्याते ही छः सेर दूध ले लेना। चलो, मैं 106626 test‏.htm ने चाहा, तो सौ रुपए इसी ब्यान में पीट लूँगा। 106627 test‏.htm काम चल जायगा। अभी पहला ही ब्यान है। पाँच सेर से कम क्या दूध 106628 test‏.htm ‘अगर ब्याह आत्म-समर्पण है, तो प्रेम क्या 106629 test‏.htm होरी जवाब देता -- ब्याह आनंद का नाम नहीं है पगली, यह 106630 test‏.htm कोई नहीं। अगर रुपिया का ब्याह उससे करना चाहो, तो मैं उसे राज़ी 106631 test‏.htm मिलने चली आयी। बिटिया का ब्याह कब तक है? 106632 test‏.htm कोई संतान न हुई, तो तीसरा ब्याह कर डाला। अब इनकी पचास की अवस्था 106633 test‏.htm हमारी सलाह तो है कि उसका ब्याह कर डालो। अब तो बड़ी बदनामी 106634 test‏.htm थी। बाप ने जिसके साथ ब्याह कर दिया, उसके साथ चली गयी; लेकिन 106635 test‏.htm हो गया, तो इसी महीने में ब्याह कर देंगे। 106636 test‏.htm नीच स्वार्थपरता है; अगर ब्याह कर लूँ, तो वह विलासांधता होगी। 106637 test‏.htm तलवे चाटते हैं। कहीं इनसे ब्याह कर ले, तो उस पर शासन करने लगें; 106638 test‏.htm स्वर में कहा -- तो मालती से ब्याह कर लो न! अभी क्या बिगड़ा है, 106639 test‏.htm जाकर किसी धनी की लड़की से ब्याह कर, तुझ-जैसे पुरुष के साथ मेरा 106640 test‏.htm यह तो न होगा कि मेरा ब्याह करके उन्हें जन्म भर रोना पड़े। 106641 test‏.htm सुख होता है। मैं अगर अपना ब्याह करके घर में कलह नहीं बढ़ाता 106642 test‏.htm इतने प्रसन्न थे मानो ब्याह करके लौटे हों। होरी को तो अपनी 106643 test‏.htm था। ऐसे आदमी से रूपा के ब्याह करने का प्रस्ताव ही अपमानजनक 106644 test‏.htm चारों तरफ़ घूम चुके थे। अब ब्याह करने की धुन में थे। इसीलिए 106645 test‏.htm लगान दूँ, लड़कियों का ब्याह करूँ,। जैसे मेरी ज़िंदगी तुम्हारा 106646 test‏.htm नहीं कर लेती; लेकिन उससे ब्याह करेगा ही कौन? नहीं, यह बात नहीं। 106647 test‏.htm लगें; मगर इनसे वह क्यों ब्याह करेगी? और समाज में दो-चार ऐसी 106648 test‏.htm खाने-भर को भी नहीं बचता। ब्याह कहाँ से हो? और अब तो सोना ब्याहने 106649 test‏.htm -- वर-कन्या जोड़ के हों तभी ब्याह का आनंद है। 106650 test‏.htm नहीं। लड़का जवान हो गया; ब्याह का कहीं ठिकाना नहीं। बड़ी लड़की 106651 test‏.htm हुए बोले -- हाँ, मतई के ब्याह का क्या हुआ? हमारी सलाह तो है 106652 test‏.htm के लगभग थी; पर आपने दूसरा ब्याह किया और जब उससे कोई संतान न 106653 test‏.htm समाई होती, तो वह रूपा का ब्याह किसी जवान लड़के से और अच्छे 106654 test‏.htm ‘तो क्या तुम्हारा ब्याह किसी देवता से होगा। गाँव में 106655 test‏.htm ‘ब्याह के दिन फिर आने को कहा है।’ 106656 test‏.htm उछल रहे थे; अगर वह सोना के ब्याह के लिए कुछ रुपए दे दे, तो कितना 106657 test‏.htm मुसीबत में था, बेटी के ब्याह के लिए ज़मीन रेहन रख रहा था। 106658 test‏.htm डालती है कि लड़कों का ब्याह कैसे हो, या बीमार स्त्री के 106659 test‏.htm नाचें वह, गावें वह; लेकिन ब्याह कोई न करती थी। राम जाने, वह किसी 106660 test‏.htm में आदर भी था, फिर मेरा ब्याह क्यों नहीं हुआ? बोलो। इसलिए 106661 test‏.htm ब्याह मत करो, मैं अपना ब्याह जैसे चाहूँगा कर लूँगा। बात 106662 test‏.htm के लिए हाज़िर हैं। शादी- ब्याह तय करने में उन्हें बड़ा आनंद 106663 test‏.htm कर सकता हूँ, ब्याह नहीं। ब्याह तो आत्म-समर्पण है।’ 106664 test‏.htm भी दहेज लिया, तो मैं तुमसे ब्याह न करूँगी।’ 106665 test‏.htm हो गयी थी, इसलिए अभी तक ब्याह न हुआ था। वह रहती थी; पर सारा 106666 test‏.htm न हुआ, न सही। लड़की का ब्याह न हुआ, तो सारी बिरादरी में हँसी 106667 test‏.htm योग्य हो गयी। लड़के का ब्याह न हुआ, न सही। लड़की का ब्याह 106668 test‏.htm हो गये हैं। लौंडे का कहीं ब्याह न होता था इसी से। और इस राँड़ 106669 test‏.htm केवल मनोरंजन कर सकता हूँ, ब्याह नहीं। ब्याह तो आत्म-समर्पण 106670 test‏.htm फिरती है। न जाने क्यों ब्याह नहीं कर लेती; लेकिन उससे ब्याह 106671 test‏.htm है। बहुत अच्छा करती है, जो ब्याह नहीं करती। अभी सब उसके ग़ुलाम 106672 test‏.htm ने झेंपते हुए कहा -- इसीलिए ब्याह नहीं किया कि आप लोगों की सेवा 106673 test‏.htm रुपए रख लें? दो-दो संडों का ब्याह नहीं किया, गौना नहीं किया?’ 106674 test‏.htm कैसे मालूम हुआ कि मेरा ब्याह नहीं हुआ है? 106675 test‏.htm भी हो जाय और बाह्मनी से ब्याह भी कर ले, फिर भी जितनी उसकी सेवा 106676 test‏.htm इन्कार कर दिया। कहते थे, ब्याह भी बिना ख़रच-बरच के हो जायगा; 106677 test‏.htm अच्छा औसर है। लड़की का ब्याह भी हो जायगा, और तुम्हारे खेत 106678 test‏.htm लेना-देना है, तो मेरा ब्याह मत करो, मैं अपना ब्याह जैसे 106679 test‏.htm ही तय करा देते थे। शादी- ब्याह में अपनी पालकी, क़ालीन, और महफ़िल 106680 test‏.htm बता दे कि हमारी बहनों के ब्याह में क्या-क्या सामान आया था।’ 106681 test‏.htm दूना हो जाय। तब रुपिया के ब्याह में दो सौ और लें। जो कुछ खेती-बारी 106682 test‏.htm जाना कैसे संभव है! सोना के ब्याह में न जाने का कलंक क्या कम है? 106683 test‏.htm मैंने अपनी लड़कियों के ब्याह में पाँच-पाँच सौ दिये हैं; फिर 106684 test‏.htm सोना बोली -- शादी- ब्याह में पीली साड़ी पहनी जाती है, 106685 test‏.htm राय साहब ने बेटे के ब्याह में बीस हज़ार लुटा दिये। उनसे 106686 test‏.htm पर कुछ कह न सकी। बहन के ब्याह में भाई का न जाना कैसे संभव 106687 test‏.htm मैं पागल हूँ। दो सौ मेरे ब्याह में लें। तीन-चार साल में वह 106688 test‏.htm सेंत-मेंत में मेरी लड़की ब्याह ली होती तो मैं भी सेंत में लड़का 106689 test‏.htm तो मैं भी सेंत में लड़का ब्याह लेता। रही हैसियत की बात। तुम 106690 test‏.htm माँ-बाप मर गये। बिटिया का ब्याह सिर पर है; लेकिन उससे कोई मतलब 106691 test‏.htm लगेगा। रहा लड़कियों का ब्याह सो भगवान मालिक हैं। जब उसका 106692 test‏.htm हुईं सरकार, आपका तो अभी ब्याह ही नहीं हुआ? 106693 test‏.htm का रूप लेता है, तभी ब्याह है; उसके पहले ऐयाशी है।’ 106694 test‏.htm ‘और जो किसी बूढ़े के साथ ब्याह हो गया?’ 106695 test‏.htm मालूम हो गया था कि उसका ब्याह हो चुका है; इसलिए उससे कोई विवाह-संबंधी 106696 test‏.htm ‘इतने ख़रच में तो गोबर का ब्याह हो जाता।’ 106697 test‏.htm ‘और जो उससे तुम्हारा ब्याह हो जाय?’ 106698 test‏.htm ‘तो मैं भी जिसके साथ ब्याह होगा, उसके साथ चली जाऊँगी, अच्छा 106699 test‏.htm के बड़े आदमियों का कहीं ब्याह होता है पगली? बिना दहेज के तो 106700 test‏.htm ऊपर से ख़र्च करे, तब जाकर ब्याह हो। कहाँ से आये इतने रुपए। 106701 test‏.htm ही न कर सकता था। शादी- ब्याह , मूँड़न-छेदन, जन्म-मरण सब कुछ 106702 test‏.htm जब तक दम में दम है, तुझे ब्याहता की तरह रखूँगा; जब वह प्रेमातुर 106703 test‏.htm में और मनोभावना में ब्याहता थी, और अब मातादीन चाहे उसे मारे 106704 test‏.htm एक जीव की हत्या कर डालते। ब्याहता न सही; पर उसकी बाँह तो पकड़ी 106705 test‏.htm दूसरा कौन-सा ठौर है। वह ब्याहता न होकर भी संस्कार में और व्यवहार 106706 test‏.htm उसका यह अपमान हो रहा है। ब्याहता होती, तो गोबर की मजाल थी कि उसके 106707 test‏.htm तुम्हारी दो-दो लड़कियाँ ब्याहने को बैठी हुई हैं, सोचो कैसे बेड़ा 106708 test‏.htm नहीं। बड़ी लड़की भी ब्याहने जोग हो गयी। रुपए होते, तो किस 106709 test‏.htm कहाँ से हो? और अब तो सोना ब्याहने योग्य हो गयी। लड़के का ब्याह 106710 test‏.htm मेहता झेंप गये। बिना- ब्याहे थे और नवयुग की रमणियों से पनाह 106711 test‏.htm आती। तो सोना से हो चुका ब्याह। मुँह धो रखो। 106712 test‏.htm था कि चाहे कितनी ही कतर- ब्योंत करो, कितना ही पेट-तन काटो, चाहे 106713 test‏.htm वह इस समय अपने क़र्ज़ का ब्योरा कहकर उसकी उठती जवानी पर चिंता 106714 test‏.htm ने बीज और मजूरी का कुछ ऐसा ब्योरा बताया कि होरी के हाथ एक चौथाई 106715 test‏.htm है कि मुझे जेल ले जायँ? ब्रह्म बनकर घर का घर मिटा दूँगा। अभी 106716 test‏.htm दातादीन ने ब्रह्मतेज दिखाकर कहा -- मेरे पास बीस रुपए 106717 test‏.htm लिये असह्य था। अगर उनमें ब्रह्मतेज होता तो इन दुष्टों को भस्म 106718 test‏.htm जगह बीस पैसे भी नहीं हैं। ब्राहमणों को भोज दिया गया, होम हुआ। क्या 106719 test‏.htm न पुरान से। वह भी अपने को ब्राह्मण कहते हैं। हमारे ऊपर क्या हँसेगा 106720 test‏.htm कि उनसे जो संतान हुई, वह ब्राह्मण कहलायी और आजकल के जो ब्राह्मण 106721 test‏.htm दिया था, तुमने उससे एक ब्राह्मण का उपकार भी नहीं किया, तो क्या 106722 test‏.htm निकलेगी। भगवान न करें कि ब्राह्मण का कोप किसी पर गिरे। बंस में 106723 test‏.htm रहा है। और कौन कह रहा है कि ब्राह्मण का पैसा दबा लो? मैं तो यही कहता 106724 test‏.htm चिंता न होती; लेकिन ब्राह्मण के रुपए! उसकी एक पाई भी दब गयी, 106725 test‏.htm वह तो देने ही पड़ेंगे। फिर ब्राह्मण ठहरे। इनका पैसा हमें पचेगा? 106726 test‏.htm कारकुन बड़े कुलीन ब्राह्मण थे। इनके दादा किसी राजा के 106727 test‏.htm ‘मैं ब्राह्मण नहीं, चमार ही रहना चाहता हूँ। 106728 test‏.htm चाहिए। हममें आज से कोई ब्राह्मण नहीं है, कोई शूद्र नहीं है, कोई 106729 test‏.htm काशी के पंडितों ने फिर से ब्राह्मण बना दिया। उस दिन बड़ा भारी 106730 test‏.htm तक हिंदू-जाति रहेगी, तब तक ब्राह्मण भी रहेंगे और जजमानी भी रहेगी। 106731 test‏.htm ब्राह्मण सतेज हो उठा। मूँछें खड़ी करके 106732 test‏.htm दूँगा। अभी उन्हें किसी ब्राह्मण से पाला नहीं पड़ा। 106733 test‏.htm भी न जाऊँगा, जाओ। अगर मैं ब्राह्मण हूँ, तो अपने पूरे दो सौ रुपए 106734 test‏.htm रहे हो; मगर यह समझ लो, मैं ब्राह्मण हूँ, मेरे रुपए हज़म करके तुम 106735 test‏.htm कहलायी और आजकल के जो ब्राह्मण हैं, वह उन्हीं संतानों की संतान 106736 test‏.htm को अगर यह जोम था कि हम ब्राह्मण हैं और कायस्थों को उँगली पर 106737 test‏.htm यद्यपि विद्वानों ने उसका ब्राह्मणत्व स्वीकार कर लिया; लेकिन जनता 106738 test‏.htm क्या दूध पीता था कि सिलिया ब्राह्मणी हो गयी थी? 106739 test‏.htm थे। इसीलिए पूजा-पाठ करके ब्राह्मणों को प्रसन्न रखना चाहते थे। 106740 test‏.htm को व्रत रखते हैं और पाँच ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं तो पटेश्वरी 106741 test‏.htm की कथा सुनेंगे और दस ब्राह्मणों को भोजन करायेंगे। जब से उनका 106742 test‏.htm बड़ा भारी हवन हुआ, बहुत-से ब्राह्मणों ने भोजन किया और बहुत से मंत्र 106743 test‏.htm ने महाभारत और पुराणों से ब्राह्मणों -द्वारा अन्य जातियों की कन्याओं 106744 test‏.htm अपमान होता है, तब क्या कोई ब्राह्मन उसका पकाया खा लेगा? उसके हाथ 106745 test‏.htm ताड़ी पीता, फिर क्यों उस ब्राह्मन का अपमान कराया? क्यों उसकी 106746 test‏.htm जितना उबार होता है, उतना ब्राह्मन की कन्या से क्या होगा? वह तो 106747 test‏.htm के साथ रहती है, तो ब्राह्मन की तरह रह। सारी बिरादरी की 106748 test‏.htm कर यहाँ क्या करने आयी। जब ब्राह्मन के साथ रहती है, तो ब्राह्मन 106749 test‏.htm ‘तो ब्राह्मन कैसे रहोगे?’ 106750 test‏.htm हमारा होकर रहे। तुम हमें ब्राह्मन नहीं बना सकते, मुदा हम तुम्हें 106751 test‏.htm चमार बना सकते हैं। हमें ब्राह्मन बना दो, हमारी सारी बिरादरी 106752 test‏.htm हूँ। जो अपना धरम पाले वही ब्राह्मन है, जो धरम से मुँह मोड़े वही 106753 test‏.htm शिथिल हो गये हों। फ़ायर ब्रिगेड के छींटे उस अग्नि-सागर में 106754 test‏.htm भीड़ थी, पुलिस भी थी, फ़ायर ब्रिगेड भी, सेवा-समितियों के सेवक भी; 106755 test‏.htm अंदर जाकर कहा, वहाँ लोग ब्रिज खेल रहे हैं। अँगूठी एक हज़ार 106756 test‏.htm ने एक बार कहा -- अगर मैं इस ब्लडी ओंकारनाथ को जेल में बंद कर 106757 test‏.htm मेहता को धन्यवाद देकर सभा भंग कर दी। हाँ, यह सूचना दे दी गयी 106758 test‏.htm का उन्हें यह पहला अवसर था। भंग का नशा मंथर गति से एक स्वप्न 106759 test‏.htm ‘हाँ, मिल गये, और नहीं क्या भंग खायी हो।’ 106760 test‏.htm पड़ी हुई है। गोबर के द्वार भंग घुट रही है, पान के बीड़े लग रहे 106761 test‏.htm प्रोग्राम बनने लगा। ख़ूब भंग घुटे, दूधिया भी, नमकीन भी, और 106762 test‏.htm ओंकारनाथ भंग तो आये दिन पिया करते थे और उनका 106763 test‏.htm मिट्टी के हाथी-घोड़े अंग- भंग दशा में पड़े हुए थे। जब स्वामी 106764 test‏.htm हुआ उसने दूनी मात्रा में भंग पी, और गर्व से जैसे उसकी छाती 106765 test‏.htm को भी किसी हीले से लगा दो न? भंग पीकर पड़े रहने के सिवा यहाँ 106766 test‏.htm तीनों दिन भर ताश खेलते, भंग पीते और छैला बने घूमते। वे 106767 test‏.htm नोखेराम की चौपाल थी। वहीं भंग बनती थी, वहीं रंग उड़ता था, वहीं 106768 test‏.htm दौड़ा चला जा रहा है। यहाँ भंग में गुलाब-जल और केसर और बादाम 106769 test‏.htm में सन्नाटा छाया हुआ है। भंग रखी हुई है, पीसे कौन? ढोल-मजीरा 106770 test‏.htm धन की यही शोभा है। और केवल भंग ही नहीं है। जितने गानेवाले 106771 test‏.htm पर वह इन क़ानूनी डकैतों का भंडा -फोड़ करें। उन्हें ख़ूब मालूम 106772 test‏.htm साहब दुर्वासनाओं के भंडार थे। शराब, गाँजा, अफ़ीम, मदक, 106773 test‏.htm मथुरा ने भंडारे की कुंजी उठा ली थी कि सिलिया 106774 test‏.htm में भी हँसते थे। रात-भर भँड़ैती होती रही और सताये हुए दिल, कल्पना 106775 test‏.htm को आँखों से लगाकर कहा -- भई मेहता, आज से मैं तुम्हारा शागिर्द 106776 test‏.htm पुरुष की पत्नी है। देश- भक्त के पास अपनी भक्ति के सिवा और 106777 test‏.htm और जन-सेवा और उपकार के भक्त थे, तो दूसरी ओर स्वार्थ और विलास 106778 test‏.htm समझना चाहिए कि वह एक देश- भक्त पुरुष की पत्नी है। देश-भक्त 106779 test‏.htm में न था। गऊ उसके लिए केवल भक्ति और श्रद्धा की वस्तु नहीं, सजीव 106780 test‏.htm प्रदान की, गर्व के साथ राज- भक्ति की ऐसी तरंग उनके मन में उठी 106781 test‏.htm हो जाने पर उनका मन आप ही आप भक्ति की ओर झुका, जो अभिलाषाओं से 106782 test‏.htm है। देश-भक्त के पास अपनी भक्ति के सिवा और क्या संपत्ति है। 106783 test‏.htm काट दी। नोखेराम ने भी वही भक्ति तरके में पायी थी। प्रातःकाल 106784 test‏.htm मुझे अब इस डेमाक्रेसी में भक्ति नहीं रही। ज़रा-सा काम और महीनों 106785 test‏.htm के साथ-साथ उन्होंने राम की भक्ति भी पायी थी और धनुष-यज्ञ को नाटक 106786 test‏.htm में ऊख गोड़ना पड़े तो सारी भक्ति भूल जाय।’ 106787 test‏.htm मुश्किल यह थी कि उपासना और भक्ति में भी उन्हें शांति न मिलती 106788 test‏.htm पूँछ हिलायेगी। कल उतनी ही भक्ति से दूसरों के द्वार पर सिजदे 106789 test‏.htm करता है, तुमसे उसे जितनी भक्ति है, उसके बल पर तुम बड़ी आसानी 106790 test‏.htm मेहता उसकी ओर भक्ति -पूर्ण नेत्रों से ताक रहे थे, 106791 test‏.htm वृंदाबन में रहते थे। भक्ति -रस के कितने ही कवित्त रच डाले 106792 test‏.htm उसकी हेकड़ी ने उसके युवक भक्तों को रोब में डाल दिया था। 106793 test‏.htm मगन। और इन सब अजगरों को भक्ष्य देना मेरा काम है, कर्तव्य है। 106794 test‏.htm होते हैं, सभी बूढ़े होकर भगत बन जाते हैं। कुकर्म का परासचित 106795 test‏.htm हुए है, मानो भगवान का असली भगत है। रँगा हुआ सियार! ऐसे बाह्मन 106796 test‏.htm ‘वह तो आजकल बड़े भगत हो गये हैं। देखती नहीं हो, हर 106797 test‏.htm का रुख़ इधर हो जाता था, तो भगदड़ पड़ जाती थी। 106798 test‏.htm ‘हाँ, मैं कहता जो हूँ। भगवान आदमी को जिस दशा में डाल दें, 106799 test‏.htm अपनी लाज बेचती फिरूँ तो भगवान इससे बचायँ। एक के साथ मोटा-झोटा 106800 test‏.htm बेटा, भोला गोईं ले गये, भगवान उनका भला करे; लेकिन उनके रुपए 106801 test‏.htm इसी में संतोष मिलता है, तो भगवान उनका भला करे। मुझे कुछ परवा 106802 test‏.htm आज नहीं कल घर सँभालेगा ही। भगवान उसे सुखी रखे। हमारे रुपए भी 106803 test‏.htm घर कौन मुँह लेकर जाऊँ। भगवान ऐसी संतान से तो बाँझ ही रखे 106804 test‏.htm लड्डू खिला दिये हैं न! भगवान ऐसे सपूत भाई सबको दें। 106805 test‏.htm मैं कहती हूँ, तुम्हें भगवान कभी बुद्धि देंगे या नहीं। भोला 106806 test‏.htm दुलारी ने असीस दिया -- भगवान करे, जहाँ रहे कुशल से रहे। माँ-बाप 106807 test‏.htm जायगा, तब गाय खोल लाऊँगा। भगवान करें, मुझे कोई मेहरिया मिल 106808 test‏.htm ‘उस दिन भगवान कहीं-न-कहीं से कुछ भेज देते 106809 test‏.htm देख कर उसने मन में कहा -- भगवान कहीं गौं से बरखा कर दें और डाँड़ी 106810 test‏.htm तिलक लगाये हुए है, मानो भगवान का असली भगत है। रँगा हुआ सियार! 106811 test‏.htm खाने को दे तो हम आठों पहर भगवान का जाप ही करते रहें। एक दिन 106812 test‏.htm भैया! घर में खाने को भगवान का दिया बहुत है। चार पसेरी 106813 test‏.htm ढाढ़स दिया -- कुछ नहीं बेटी! भगवान का नाम ले। वही ग़रीबों की रक्षा 106814 test‏.htm मालिक आज भी चार घंटे रोज़ भगवान का भजन करते हैं।’ 106815 test‏.htm होता है, भूखे-नंगे रहकर भगवान का भजन करें, तो हम भी देखें। 106816 test‏.htm से कहेगा, अब तुम घर बैठकर भगवान का भजन करो। इस खेती में जान 106817 test‏.htm दान-धर्म करना पड़ता है, भगवान का भजन भी इसीलिए होता है, भूखे-नंगे 106818 test‏.htm जायगा? तुम चुप होके बैठो। भगवान की इच्छा हुई, तो यहाँ तुम उससे 106819 test‏.htm मजूरी करने में कटेंगे। भगवान की इच्छा! राय साहब को क्या दोष 106820 test‏.htm करने को भी तैयार हूँ। जैसी भगवान की इच्छा।’ 106821 test‏.htm ‘भगवान की मरज़ी है, मेरा क्या बस!’ 106822 test‏.htm दूसरों की मजूरी करेंगे। भगवान की मरज़ी होगी, तो फिर बैल-बधिये 106823 test‏.htm है, वह सिर आँखों पर; अगर भगवान की यही इच्छा है कि हम गाँव छोड़कर 106824 test‏.htm दुनिया हँसेगी, हँस ले। भगवान की यही इच्छा है, कि हमारी नाक 106825 test‏.htm उनके लिए केवल तमाशा नहीं, भगवान की लीला थी; अगर एक आदमी भी इधर 106826 test‏.htm मुँह कौन लगे भाई, तुम तो भगवान की लीला में भी टाँग अड़ाते 106827 test‏.htm बिलकुल सूख गयी थी; लेकिन भगवान की लीला है, और क्या?’ 106828 test‏.htm संदिग्ध भाव से बोली -- भगवान के अधीन है, जब हो जाय। 106829 test‏.htm किसी को अपने साथ ले लेते। भगवान के दिये दो-दो बेटे हैं।’ 106830 test‏.htm डाक्टर, हकीम अनाड़ी हैं। भगवान के पास जितनी अक्कल थी, वह उसके 106831 test‏.htm ही सरग में पहुँचोगे। वहीं भगवान के सामने अपना हिसाब चुका लेना। 106832 test‏.htm तो कोई कुछ नहीं कर सकता। भगवान के सामने वह निर्दोष है। दूसरों 106833 test‏.htm ने सफ़ाई दी -- झुनिया, मैं भगवान को साक्षी देकर कहता हूँ जो 106834 test‏.htm ‘भगवान कोई-न-कोई सबील निकालेंगे ही। 106835 test‏.htm ‘इसीलिए तो कहते हैं, भगवान घर का बड़ा न बनाये। छोटों को 106836 test‏.htm मैं भी फ़िकर में रहूँगा। भगवान चाहेंगे, तो जल्दी घर बस जायगा।’ 106837 test‏.htm और गोबर का क्या हाल हुआ, भगवान जाने। न हाल न हवाल। अगर दिल 106838 test‏.htm कर रहे थे। मन का हाल भगवान जाने।’ 106839 test‏.htm करना। उसे पाल-पोस लेना। भगवान तुम्हारा भला करेंगे। 106840 test‏.htm मेरे साथ किया उसकी सज़ा भगवान देंगे। कब आये? 106841 test‏.htm किया है, उसकी सज़ा उसे भगवान देंगे। बेईमानी करके कोई आज 106842 test‏.htm के लिए सभी तैयार रहते हैं। भगवान न करे कोई बेईमानी करे। यह बड़ा 106843 test‏.htm -- दूर हो मेरे सामने से। भगवान न करे मुझे फिर तेरा मुँह देखना 106844 test‏.htm तो हड्डी तोड़कर निकलेगी। भगवान न करें कि ब्राह्मण का कोप किसी 106845 test‏.htm में संदेह हो गया था। भगवान न जाने कहाँ हैं कि यह अँधेर 106846 test‏.htm में उदारता आ गयी। भगवान ने उस पर दया की है, तो उसे सिर 106847 test‏.htm का काम नहीं है, और जब भगवान ने गौरी के भीतर पैठकर यह पत्र 106848 test‏.htm गोबर ने कहा -- नहीं काका, भगवान ने चाहा और इनसे रहते बना तो 106849 test‏.htm लोगों पर छोड़े जाता हूँ। भगवान ने चाहा तो होली के दूसरे दिन 106850 test‏.htm रुपए, लेकिन हमने न दिये। भगवान ने चाहा, तो सौ रुपए इसी ब्यान 106851 test‏.htm होरी को लालच आया। भगवान ने छप्पर फाड़कर रुपए दिये हैं, 106852 test‏.htm करने न जायँ, तो रहें कहाँ। भगवान ने जब ग़ुलाम बना दिया है तो 106853 test‏.htm ‘भगवान ने तो सबको बराबर ही बनाया है।’ 106854 test‏.htm करूँ लाला, जी नहीं मानता। भगवान ने सब कुछ हर लिया। मैं सबर कर 106855 test‏.htm पर दया किया करो, नहीं भगवान पूछेंगे, मैंने तुम्हें इतना 106856 test‏.htm बलिदानों का यह पुरस्कार! भगवान बैठे यह अन्याय देख रहे हैं 106857 test‏.htm लेना चाहो, सब ले लो। हमारा भगवान मालिक है, जितनी कमी पड़े, उसमें 106858 test‏.htm रहा लड़कियों का ब्याह सो भगवान मालिक हैं। जब उसका समय आयेगा, 106859 test‏.htm देते?’ उनका पेट भरे, हमारे भगवान मालिक हैं। हमारे हाथ तो नहीं 106860 test‏.htm में फिर मकई हो जायगी। आगे भगवान मालिक है। 106861 test‏.htm देकर बिदा कर दे। हमारा भगवान मालिक है। जो कुछ भोगना बदा 106862 test‏.htm की गठरी सिर लादी। न जाने भगवान मुझे इसका क्या दंड देंगे! 106863 test‏.htm परेम से रखा, माँ भी न रखती। भगवान मुझे फिर जनम दें; तो तुम्हारी 106864 test‏.htm मैं और भी सूखी जाती हूँ कि भगवान यह बुढ़ापा कैसे कटेगा? किसके 106865 test‏.htm ले जितना सताते बने; तुझे भगवान सतायेंगे जो न्याय करते हैं। 106866 test‏.htm नहीं बेटा, कोई हरज़ नहीं। भगवान सब कल्यान करेंगे। पाँच सेर 106867 test‏.htm मुदा कौन सुनता है। औरत को भगवान सब कुछ दे, रूप न दे, नहीं वह क़ाबू 106868 test‏.htm और धर्म को कौन पूछता है? भगवान सब देखते हैं। संसार का रत्ती-रत्ती 106869 test‏.htm मन को समझाने की बातें हैं। भगवान सबको बराबर बनाते हैं। यहाँ 106870 test‏.htm उसे गोद में खिलाया है, और भगवान साखी है, मैंने उसे कभी बेटों 106871 test‏.htm न बचूँगी दीदी! हाय! मैं तो भगवान से माँगने न गयी थी। एक को पाला-पोसा। 106872 test‏.htm टूट पड़ेंगे, बाज़ की तरह। भगवान ही कुशल करें। अब किससे कहूँ, 106873 test‏.htm सब बेच-बाच डाली और अब भगवान ही जाने उसका निबाह कैसे होगा?’ 106874 test‏.htm का राग छेड़ दिया। तेरा मरम भगवान ही जाने। 106875 test‏.htm तो मन-भर रोज़ का ख़रच है। भगवान ही पार लगायें तो लगे। 106876 test‏.htm गृहस्थी में आग लगा दूँगी। भगवान , आदमी मुँह से बात कहकर इतनी 106877 test‏.htm सोचने लगी -- कैसे क्या होगा भगवान ? उँह! यही तो होगा मर जाऊँगी; 106878 test‏.htm साहस के साथ जौ पीसती थी। भगवान् उसे किस कुकर्म का यह दंड दे 106879 test‏.htm हँस लें। उसे परवा नहीं है। भगवान् उसे कुकर्म से बचाये रखें, और 106880 test‏.htm तुझे इन्पलुएंजा हो जाय। भगवान् करे, तू कोढ़ी हो जाय। हाथ-पाँव 106881 test‏.htm मेरा असीरबाद नहीं है बेटा, भगवान् की दया है। यह सब प्रभु की दया 106882 test‏.htm ‘भगवान् की यही इच्छा है, तो अपना क्या 106883 test‏.htm के दीवान थे! पर अपना सब कुछ भगवान् के चरणों में भेंट करके साधु 106884 test‏.htm कि उसका पौरा भी अच्छा हो। भगवान् के मन की बात है। 106885 test‏.htm राम-नाम लिखा करते थे; मगर भगवान् के सामने से उठते ही उनकी मानवता 106886 test‏.htm को भी धोखा देना चाहती थी। भगवान् को भी दिखाना चाहती थी कि इस 106887 test‏.htm मानो वह भगवान् को भी धोखा देना चाहती थी। भगवान् 106888 test‏.htm है बेटा, बाल-भौंरी, सब ठीक। भगवान् चाहेंगे, तो तुम्हारे भाग खुल 106889 test‏.htm तो कभी ख़राब नहीं की, और भगवान् चाहेंगे, तो पाई-पाई चुका दूँगा। 106890 test‏.htm आता है, वैसे ही जाता है। भगवान् चाहेंगे, तो बहुत दिन गाय घर 106891 test‏.htm भी मेरी जड़ खोद रहे हो। भगवान् जानते हैं, मुझे बिलकुल न मालूम 106892 test‏.htm न सुने ग़रीबों की पुकार, भगवान् तो सुनते हैं। लोगों ने सोचा 106893 test‏.htm बाहर क्या बाँधेंगे, भगवान् दें तो इसी आँगन में तीन गायें 106894 test‏.htm से फुलौड़ियाँ खायेंगे। भगवान् ने ऐसा तमाचा लगाया कि फुलौड़ियाँ 106895 test‏.htm बोली -- तुम जैसा घामड़ आदमी भगवान् ने क्यों रचा, कहीं मिलते तो 106896 test‏.htm दो, रुपए सूद पर ले लूँगा। भगवान् ने चाहा तो सब अदा हो जायँगे। 106897 test‏.htm के लिए तैयार रहती है। भगवान् ने जब यह दिन दिखाया है, तो हमें 106898 test‏.htm और लादती जाऊँ? माँ-बाप को भगवान् ने दिया हो, तो ख़ुशी से जितना 106899 test‏.htm नहीं हो गया। धन्य भाग कि भगवान् ने यह तो दिखाया। 106900 test‏.htm घर में पदार्पण किया हो। आज भगवान् ने यह दिन दिखाया कि उसका घर 106901 test‏.htm के लिए देंगे। नहीं भगवान् मालिक हैं। 106902 test‏.htm सारी ज़िंदगी तलख़ हो गयी, भगवान् मौत भी नहीं देते कि जंजाल से 106903 test‏.htm नहीं हुआ कि ईर्ष्यालु भगवान् सुख का पलड़ा ऊँचा करने के लिए 106904 test‏.htm है, तो यही हाल होता है। भगवान् से भी यह अनीति नहीं देखी जाती। 106905 test‏.htm तो मुझसे न सहा जायगा। भगवान् ! अब तुम्हारा ही भरोसा है। मैं 106906 test‏.htm कह दे, दादा बेहाल हैं। हाय भगवान् ! अब मैं कहाँ जाऊँ। अब किसकी 106907 test‏.htm दौड़े-दौड़े गये, दोनों को भगा आये। अब जाकर मना क्यों नहीं 106908 test‏.htm दादा गरम पड़े, तो मारकर भगा दिया। इनके वादों का कोई क़रार 106909 test‏.htm समझा-बुझाकर या धमका कर भगा देंगे। हड़तालियों की संख्या 106910 test‏.htm सोना गाय के पास जाये तो भगा देना। 106911 test‏.htm खड़े ताकते क्या हो, मार के भगा दो इसको। हमारे गाँव से बैल 106912 test‏.htm करेगा; मगर आज ही मारकर भगा न दे तो मुँह न दिखाऊँ। 106913 test‏.htm ने घेरा था। उसे सींगों से भगाकर भाग आयी, तब से तेंदुआ उससे डरता 106914 test‏.htm ले लिया और अन्य लड़कों को भगाने की चेष्टा करने लगे। 106915 test‏.htm भी चार घंटे रोज़ भगवान का भजन करते हैं।’ 106916 test‏.htm भूखे-नंगे रहकर भगवान का भजन करें, तो हम भी देखें। हमें कोई 106917 test‏.htm अब तुम घर बैठकर भगवान का भजन करो। इस खेती में जान खपाने 106918 test‏.htm करना पड़ता है, भगवान का भजन भी इसीलिए होता है, भूखे-नंगे 106919 test‏.htm ‘किसके बल पर यह भजन -भाव और दान-धर्म होता है?’ 106920 test‏.htm नहीं है बेटा, छोटे-बड़े भजवान के घर से बनकर आते हैं। संपत्ति 106921 test‏.htm की खोज में जंगल में न भटकना पड़ता। 106922 test‏.htm बहाने और वैमनस्य की आग भड़काने के सिवा और क्या किया, योद्धाओं 106923 test‏.htm ख़याल ने उसके क्रोध को फिर भड़काया। लपका था कि होरी ने दौड़कर पकड़ 106924 test‏.htm वही जिससे आपस का द्वेष और भड़के। और कई दिनों तक एक-एक वाक्य को 106925 test‏.htm बड़ा खाँचा मिल गया। किसी भड़भूजे से माँग लिया होगा। मन-भर से 106926 test‏.htm स्वाँग निकले और पंचों की भद्द उड़ाई जाय। रुपए-पैसे की कोई 106927 test‏.htm सनक सूझी। व्यर्थ अपनी भद्द करा रहे हैं।’ 106928 test‏.htm सोचा, कहीं न मिले, तो नाहक़ भद्द हो। 106929 test‏.htm ‘इसमें काहे की भद्द ? दिल्लगी ही तो है।’ 106930 test‏.htm ‘भद्दा तो लगता है।’ 106931 test‏.htm ‘सुना, तुम्हारी बड़ी भद्दी नक़ल की। चमरिया के घर में बंद 106932 test‏.htm लायी। मालती ने कटोरे के भद्देपन पर मुँह बनाया; लेकिन दूध त्याग 106933 test‏.htm शराब का प्याला पाकर वह कौन भद्र पुरुष है जो इनकार कर दे? यह तो 106934 test‏.htm के कानों में भी इस बात की भनक पड़ी थी, पर उसे विश्वास न आया 106935 test‏.htm थीं। उसके कानों में ऐसी भनक पड़ी, जैसे अम्माँ झुनिया को 106936 test‏.htm प्रतिष्ठा और लोक-निंदा का भय अब उसमें बहुत कम रह गया है। 106937 test‏.htm में अन्याय की, आतंक की, भय की दुहाई मची हुई है। अंधविश्वास 106938 test‏.htm जाल क्रीड़ा की वस्तु है, भय की नहीं। भाइयों से होरी की 106939 test‏.htm खन्ना ने एक न मानी। मारे भय के उनका चेहरा पीला पड़ गया 106940 test‏.htm घर में भी होगी। समाज तो भय के बल से चलता है। आज समाज का 106941 test‏.htm नहीं है। जिसे दुश्मन के भय के मारे रात को नींद न आती हो, 106942 test‏.htm इस सीली कोठरी में रहा, तो भय था, कहीं ज्वर और न बढ़ जाय। 106943 test‏.htm ले? घुड़कियाँ पड़ने का भय था। 106944 test‏.htm रही। यहाँ उसके छिन जाने का भय था। झुनिया की गोद इस समय ज़्यादा 106945 test‏.htm की चिंता न थी, पंचायत का भय न था, झुनिया घर में कैसे रहेगी 106946 test‏.htm जाते थे। होरी का तो उसे भय न था। वह केवल एक बार धाड़ेंगे, 106947 test‏.htm पानी कम होने लगा। अब कोई भय नहीं। उसने जल्दी-जल्दी नदी 106948 test‏.htm करके कहा -- इसका तो मुझे कभी भय नहीं हुआ। जिस दिन मैंने पत्र-संपादन 106949 test‏.htm लेती थी; पर बिरादरी का भय पिशाच की भाँति सिर पर सवार 106950 test‏.htm इतना उपहास होता; लेकिन यह भय भी होता था कि तब उसके लिए नदी 106951 test‏.htm पुर्ज़ों से उन्हें भय लगता था। 106952 test‏.htm थीं। बेचारे चोट-चपेट के भय से एक मंज़िले बँगले में रहते 106953 test‏.htm और होरी को आते देखकर वह भय से काँपती हुई उठी और होरी के 106954 test‏.htm दे; लेकिन बात बढ़ जाने के भय से चुप रह गया। अगर उसकी नीयत 106955 test‏.htm निर्मम वस्तु क्या भय से बाँधकर रखी जा सकती है? वह 106956 test‏.htm देखा, एक सौ चार था! मालती को भय हुआ, कहीं चेचक न हो। बच्चे को 106957 test‏.htm यहाँ व्यर्थ खड़े हैं, मुझे भय होता है आपको चोट ज़्यादा आ 106958 test‏.htm यह समझें कि ओंकारनाथ दबाव, भय , या मुलाहजे में आकर अपने कर्तव्य 106959 test‏.htm वस्तु मिल गयी। एक विचित्र भय -मिश्रित आनंद से उसका रोम-रोम 106960 test‏.htm मिल गया। उसे एक प्रकार का भय -सा लगा, मानो वह दृष्टि उसके 106961 test‏.htm विभिन्नता नहीं है; इससे भयंकर असत्य की मैं कल्पना नहीं कर 106962 test‏.htm धिक्कार की कल्पना भयंकर रूप धारण करके उसके सामने खड़ी 106963 test‏.htm उबल पड़े; कुछ बोल न सकी। भयभीत आँखों से चुहिया की ओर देखा। 106964 test‏.htm पटेश्वरीलाल सबसे ज़्यादा भयभीत थे। उनकी तो नौकरी ही चली जायगी। 106965 test‏.htm तक़ाज़े, गाली और मार से भी भयभीत नहीं होती, उसने उसे प्रोत्साहित 106966 test‏.htm संख्या देखकर नये लोग आप ही भयभीत हो जायँगे, मगर यहाँ तो नक़्शा 106967 test‏.htm है; पर किसी को आते देखकर भयभीत होकर दोनों पट भेड़ लेती है। 106968 test‏.htm धनिया ने भयातुर होकर कहा -- खड़े क्या हो, आँगन 106969 test‏.htm झुनिया ने भयातुर -स्वर में कहा -- मैं तो यहाँ किसी 106970 test‏.htm रोज़ एक साड़ी पहने। सैयाँ भये कोतवाल अब डर काहे का। भोला 106971 test‏.htm निष्ठुर व्यवहार! मुट्ठी- भर अनाज के लिए उसका पानी उतार 106972 test‏.htm बेईमानी करवा लो, मुट्ठी- भर अनाज के लिए लाठियाँ चलवा लो। 106973 test‏.htm उसने अंदाज़ से कोई सेर- भर अनाज ढेर में से निकालकर सहुआइन 106974 test‏.htm चोट कहती हूँ, मैंने हंडे भर अशर्फ़ियाँ छिपा लीं। हीरा 106975 test‏.htm बैठी रोया करती। लड़का दिन- भर आँगन में या द्वार पर खेलने 106976 test‏.htm से छुड़ा दें, तो मैं जन्म भर आपकी ऋणी रहूँगी। उसके हाथों 106977 test‏.htm से रूपा के मुँह में पानी भर आया। 106978 test‏.htm हो गया है। उसका गला भी भर आया। 106979 test‏.htm और इस वक़्त उसका गला सचमुच भर आया। बोला -- काका, मुझसे जो कुछ 106980 test‏.htm मिलते थे। मुँह में पानी भर आया। बोला -- चलूँगा क्यों नहीं, 106981 test‏.htm मेहता की आँखों में आँसू भर आये थे। 106982 test‏.htm भोला की आँखों में आँसू भर आये। बोला -- तुमने आज मुझे उबार 106983 test‏.htm की भी कोई हद है। एक तो घंटे- भर इंतज़ार कराया और अब इतनी बेमुरौवती 106984 test‏.htm की बुआई करें। होरी दिन- भर इधर-उधर मारा-मारा फिरता था। 106985 test‏.htm सोच में पड़ गया। चौमासे- भर इन खेतों में खाद डाली, जोता 106986 test‏.htm मगर राय साहब को पूरे घंटे- भर उनकी प्रतीक्षा करनी पड़ी। 106987 test‏.htm मिलने की आसा हो, तो वह दिन- भर और रात-भर दाता के द्वार पर खड़ा 106988 test‏.htm लोटा-डोर माँगा और पानी भर कर चुल्लू से पीने बैठा कि एक 106989 test‏.htm घंटे में होरी लौटा और चिलम भर कर पीने लगा। अब गोबर से न रहा 106990 test‏.htm एक्का लेकर आ गया। अभी दिन- भर का धावा मारकर आया था। ख़बर 106991 test‏.htm लकड़ी कटवाते; बेचारा दिन- भर का हारा-थका आता और द्वार पर 106992 test‏.htm औरत ने बताया -- कोई साल भर का होगा, क्यों री? 106993 test‏.htm अहंकार का नाम नहीं, दिन भर काम करती हैं, उपवास करती हैं, 106994 test‏.htm एक टुकड़ा खाते थे और दिन- भर काम करते थे। जाना ही नहीं कि 106995 test‏.htm तो नाम के लिए देते थे। साल- भर काम लिया, जब नौकर ने वेतन माँगा, 106996 test‏.htm और उससे सूद में ज़िंदगी भर काम लेते रहे। मूल ज्यों का 106997 test‏.htm टाँग मत अड़ाया करो। संसार- भर की बिद्दा तुम्हीं नहीं पढ़े 106998 test‏.htm आमदनी और अधिकार में जौ- भर की भी कमी न होने पर भी उनका यश 106999 test‏.htm हुए पथिकों की भाँति दिन- भर की यात्रा का वृत्तांत कहते 107000 test‏.htm होरी की छाती गज़- भर की हो गयी। अस्सी रुपए में गाय 107001 test‏.htm गोबर आलू छीलने लगा। साल- भर के अंदर ही वह इतना काइयाँ हो 107002 test‏.htm ‘अरे बित्ते- भर के आँगन में गाय कहाँ बँधेगी 107003 test‏.htm संयोग से होरी की ऊख गाँव भर के ऊपर थी। कुछ नहीं तो उसके 107004 test‏.htm आयी। देहातों में दिन- भर के थके-माँदे किसान सरेशाम ही 107005 test‏.htm दया आती है। बेचारे दिन- भर के थके-माँदे घर आये, तो अम्माँ 107006 test‏.htm यहाँ से बिदा हुए तो गाँव- भर के नर-नारी इन्हें बड़ी दूर 107007 test‏.htm कि मरती है या जीती है। साल- भर के बाद अब जाकर तुम्हारी नींद 107008 test‏.htm सबेरे जाना पड़ता, और दिन- भर के बाद जब वह दिया-जले घर लौटता, 107009 test‏.htm चिट्ठी तक न भेजी। आज साल- भर के बाद जाके सुधि ली है। तुम्हारी 107010 test‏.htm आ रहे हो और आप उड़े, तो साल- भर के बाद लौटे। मर्दों का विश्वास 107011 test‏.htm अच्छी नहीं लगती। मैं साल- भर के भीतर अपने रुपए सूद-समेत 107012 test‏.htm के इलाक़े में था और इलाक़े- भर के मालिक-मुखिया जो कुछ थे, वही 107013 test‏.htm पर न जाता। और हम केवल घड़ी- भर के मेहमान हैं, यह वह जानती है। 107014 test‏.htm अक़्ल भी नहीं आई कि गोईं- भर के रुपए तो निकाल लेते! कोई तुम्हारे 107015 test‏.htm उसके हाथ लग जाते थे, घड़ी- भर के लिए मनोरंजन भी हो जाता था; 107016 test‏.htm जिसकी हो जाऊँगी, उसकी जनम- भर के लिए हो जाऊँगी, सुख में, दुःख 107017 test‏.htm के लिए आतुर हो गयी। रात- भर कैसे सब्र करे? मन में एक आँधी-सी 107018 test‏.htm नहीं है, वह अपने गुज़र- भर को कमा सकती है। वह कल ही गाँधी-आश्रम 107019 test‏.htm की तरह संचा, किस तरह घर- भर को खिलाकर आप पानी पीकर सो रही। 107020 test‏.htm वह कुछ काम करके खाने- भर को तो ले ही आयेगी। बचपन से उसने 107021 test‏.htm देने लगेगा, तो सौ रुपए सूद- भर को भी न होंगे! कोई ऐसी जुगुत 107022 test‏.htm में तुल जाती है। खाने- भर को भी नहीं बचता। ब्याह कहाँ 107023 test‏.htm तो अवश्य होती थी; पर खाने भर को मिल जाता था। रात को नित्य 107024 test‏.htm दो महीने भी टिक गया, तो गाय भर को रुपए मिल जायँगे। दिन-भर 107025 test‏.htm क्या वह केवल अपने गुज़ारे भर को लेकर शेष कार्यकर्ताओं में 107026 test‏.htm तो क्या वह अपने गुज़ारे- भर को लेकर सब कुछ मजूरों को बाँट 107027 test‏.htm डालती है। चुटकी-चुटकी भर खिलाऊँ, तो मन-भर रोज़ का ख़रच 107028 test‏.htm के कहने से पंचायत में बैठ भर गया था। वह लोग तो और कड़ा दंड 107029 test‏.htm रहे थे। ओहो! तालाब तो आधा भर गया, और वहाँ से गड़हिया की तरफ़ 107030 test‏.htm में ही तुम्हारा मन मुझसे भर गया? तुमने तो वचन दिया था कि 107031 test‏.htm तीन बजते-बजते सारा अहाता भर गया। मोटरों और फिटनों का ताँता 107032 test‏.htm वैलून की भाँति धुएँ से भर गया। सबों ने सशंक होकर उधर 107033 test‏.htm दोनों कमरे पुस्तकों से भर गये। अपना बग़ीचा छोड़ने का 107034 test‏.htm बचाना मुश्किल हो जाय। दिन- भर घर के धंधे करती रहती है और जब 107035 test‏.htm की तो कुछ न पूछो। मुट्ठी भर चने में भी काम चल सकता है। हलुवा 107036 test‏.htm घर भरें। मूलका दुगना सूद भर चुका; पर मूल ज्यों-का-त्यों 107037 test‏.htm ‘अगर मैंने रत्ती- भर छिपाया हो तो मेरी आँखें फूट 107038 test‏.htm मतलब की कोई बात न हुई। दिन- भर जँगलों और पहाड़ों की ख़ाक छानने 107039 test‏.htm तब भी करूँगी। सोने को हाथ भर जगह तुम्हीं से माँगूँगी तो 107040 test‏.htm कचहरी भी, अखाड़ा भी। दिन भर जमघट लगा रहता है। मुहल्ले में 107041 test‏.htm में बालक की स्फूर्ति भर जाती। तब वह प्यारे-प्यारे गीत 107042 test‏.htm से मतलब। वह तो ख़ून चूसना- भर जानते हैं। जब तक दूध देती, रखते, 107043 test‏.htm था, जहाँ बरसात में पानी भर जाने के कारण तरी रहती थी और 107044 test‏.htm आध घंटे में होरी मन- भर जौ का टोकरा सिर पर रखे आया और 107045 test‏.htm के नौकर थे। साल-साल भर तलब नहीं मिलती थी। उसे छोड़कर 107046 test‏.htm मजूर और इक्केवान रात-रात भर ताश और जुआ खेलते थे। पहले वह 107047 test‏.htm भी हो चुके थे। तीनों दिन भर ताश खेलते, भंग पीते और छैला 107048 test‏.htm उन्हें राज़ी कर दो, तो जनम- भर तुम्हारा औसान मानूँ; मगर वहाँ 107049 test‏.htm दोनों जून के लिए सेर भर तो आटा ही चाहिए। ओह! खाने की 107050 test‏.htm चिल्ला रही थी। दिन- भर तो कच्ची अमिया से जी बहला; मगर 107051 test‏.htm से कम क्या दूध देगी। सेर- भर तो गोबर ही को चाहिए। रुपिया 107052 test‏.htm कुछ देर यहीं बैठ जाय। दिन- भर तो लू-लपट में मरना है ही। कई 107053 test‏.htm तुम चलोगी, तो कमाऊँगा। साल- भर तो सहर का रंग-ढंग पहचानने ही 107054 test‏.htm सिर पर सवार थे। क्षण- भर दम ले लेने पाता, तो ताज़ा हो 107055 test‏.htm आसा हो, तो वह दिन-भर और रात- भर दाता के द्वार पर खड़ा रहे। 107056 test‏.htm उसका स्वभाव था। बोली-दिन- भर दादाजी बाज़ार भेजते रहते हैं, 107057 test‏.htm गया? जैसे इस लाश में सीसा भर दिया गया हो। ज़रा मिस्टर तंखा 107058 test‏.htm कालेपन में ऐसा लावण्य भर दिया था और प्रकृति की गोद में 107059 test‏.htm महतो ने बिरादरी का पेट भर दिया, बाल-बच्चे मरें या जियें। 107060 test‏.htm तीनों खाँचे भूसे से भर दिये गये। गोबर कुढ़ रहा था। 107061 test‏.htm में झाऊ की टहनियाँ भर दी गयीं, जिससे पानी ऊपर न आये। 107062 test‏.htm और कितनी निर्लज्जता भर दी है, यह मैं ख़ूब जानता हूँ; 107063 test‏.htm ‘उसने ज़रा-सी हामी भर दी, तुम चारों ओर ख़ुशख़बरी 107064 test‏.htm ‘हामी नहीं भर दी, पक्का वादा किया है।’ 107065 test‏.htm लिया है। उसका एक-एक दाना भर दूँगी।’ 107066 test‏.htm से मेरी जान-पहचान है। मन- भर दूध की निकासी का ज़िम्मा मैं 107067 test‏.htm अंजन लगाने को कभी चिल्लू- भर दूध तो भेजा नहीं, गाय देगा! 107068 test‏.htm आप पालिसी का फ़ार्म आज ही भर दें और शक्कर के हिस्सों का 107069 test‏.htm देना और रुई में कुछ बिनौले भर देना उसकी नीति में जायज था। 107070 test‏.htm बहुत पछता रही हूँ। रास्ते- भर दौड़ा के मार डाला और अब यहाँ 107071 test‏.htm के लिए एक जजमान के पास कोस- भर दौड़ा गया था। अपनी करनी का 107072 test‏.htm हम तो जंगल के हैं। दिन-दिन भर धूप और पानी में खड़े रहते हैं। 107073 test‏.htm पाँच सौ फ़ीस पाकर भी रात- भर न बैठेगी। खन्ना के छोटे बच्चों 107074 test‏.htm और ऐसी डाँट पड़ी कि उम्र- भर न भूलेगा। एक दिन लाला पटेश्वरी 107075 test‏.htm एक बेर पकड़ ले, तो ज़िंदगी भर नहीं छोड़ता। 107076 test‏.htm एक बार हाथ पकड़कर उमिर भर निबाह करते रहना, चाहे दुनिया 107077 test‏.htm देखता है, जिसके साथ जनम- भर निबाह करना हो। सुनती भी हूँ 107078 test‏.htm होरी को रात भर नींद नहीं आयी। नीम के पेड़-तले 107079 test‏.htm एक-एक शब्द पर मानो गज़-गज़ भर नीचे धँसते जाते थे। अब और ज़्यादा 107080 test‏.htm शौक़ से उठाइए। मुझे रत्ती- भर परवा नहीं; अगर कोई स्त्री आपके 107081 test‏.htm ताड़ी पी ली। सोचा, साल- भर पसीना गारा है, तो एक दिन ताड़ी 107082 test‏.htm डूब मरने के लिए चुल्लू भर पानी खोज रहा हो। जिस मर्यादा 107083 test‏.htm होरी ने लोटा- भर पानी चढ़ाते हुए कहा -- यही तहसील-वसूल 107084 test‏.htm गिरे। बंस में कोई चिल्लू- भर पानी देनेवाला, घर में दिया 107085 test‏.htm उसका मुँह देख लो, तो दिन- भर पानी न मिले। 107086 test‏.htm लोंदा लेने आयी थी। चुल्लू- भर पानी में डूब नहीं मरती! 107087 test‏.htm है। ऐसे मर्द को तो चुल्लू- भर पानी में डूब मरना चाहिए। अब 107088 test‏.htm दबायेगी, तुम्हें चिलम भर- भर पिलायेगी और जब तुम बीमार पड़ोगे 107089 test‏.htm ने आस-पास के लड़कों को भर पेट मिठाई खिलाई और जो मनौतियाँ 107090 test‏.htm ‘मैं तो दोपहर को छन- भर पौढ़ रहती हूँ।’ 107091 test‏.htm की बहार है। हाँ-हाँ, सेर- भर बादाम गोबर ख़ुद लाया। पीते 107092 test‏.htm बात में भी हँसते थे। रात- भर भँड़ैती होती रही और सताये हुए 107093 test‏.htm अपने दूसरे भाई की इंच भर भी ज़मीन दबा ले। न वह यही देख 107094 test‏.htm तो फिर कब खायेगा। साल- भर भी दूध पी ले, तो देखने लायक़ 107095 test‏.htm बात पूरी की -- जो सत्य से जौ- भर भी न टले। 107096 test‏.htm करूँ? अपने घर में तो मैं छन- भर भी न रहने दूँगी। जिस दिन गाय 107097 test‏.htm कहूँ भैया, घर में चंगुल भर भी भूसा नहीं रहा। रुपए सब बाज़ार 107098 test‏.htm पर तो उन्हें अब रत्ती- भर भी विश्वास नहीं है। उन्हें 107099 test‏.htm मन में शायद उसके लिए रत्ती- भर भी स्थान नहीं है; लेकिन आज खन्ना 107100 test‏.htm इधर महीनों से उसे पेट- भर भोजन न मिलता था। प्रायः एक 107101 test‏.htm तो उसे भी न छोड़ेगा। दिन- भर मजूरी की; रात कहीं चौकीदारी 107102 test‏.htm हो। वह आध सेर आटा खाकर दिन भर मज़े से काम कर सकता है। इधर-उधर 107103 test‏.htm को तो जवान मिल जाय। घड़ी- भर मन बहलाने को और क्या चाहिये। 107104 test‏.htm दिन आये थे, सब के घर सेर-सेर भर मिठाई बैना भेजी थी। होरी से 107105 test‏.htm ‘नहीं-नहीं, छन भर में आता हूँ, तू चल तो।’ 107106 test‏.htm करते रहते थे। इससे इलाक़े भर में उनकी अच्छी धाक थी। अगर 107107 test‏.htm ‘पड़ोसी साल- भर में एक बार भी सूरत न दिखाये, 107108 test‏.htm धर बेटी, धीरज धर। अभी छन- भर में कष्ट कटा जाता है। तूने 107109 test‏.htm है। एक चलाना वह है कि घड़ी भर में काम तमाम, दूसरा चलाना वह 107110 test‏.htm को ख़बर हो जाती और दम- भर में खान का सारा खानपन निकल 107111 test‏.htm का फल है। मैंने गाँव भर में डोंड़ी पिटवा दी कि कोई 107112 test‏.htm कुछ सुन पायेगी, तो गाँव भर में ढिंढोरा पीटती फिरेगी। 107113 test‏.htm सेंत में नहीं आते। पहर- भर में तू एक खेप लायी है। इस हिसाब 107114 test‏.htm होरी! इस तरह तो तुम दिन- भर में न काट सकोगे। 107115 test‏.htm कुशल से घर आया है। वह गाँव- भर में बैना बटवायेगी। एक गुलाब-जामुन 107116 test‏.htm है। इस हिसाब से तो दिन भर में भी उख न ढुल पायेगी। 107117 test‏.htm दूसरा चलाना वह है कि दिन- भर में भी एक बोझ ऊख न कटे। 107118 test‏.htm क्या कहते हो भाई, साल भर में भूल थोड़े ही गया। यहाँ 107119 test‏.htm का नौकर हूँ, जिसका दुनिया भर में राज है और जो तुम्हारे महाजन 107120 test‏.htm जा रहा हूँ। वहाँ से घड़ी- भर में लौटूँगा, तभी किसी को भेजना। 107121 test‏.htm को तैयार हो गये। साल ही भर में वह क्या से क्या हो गया था। 107122 test‏.htm मुझे पैसे दिखाये। गाँव- भर में सभी औरतें तो हैं, कोई उनसे 107123 test‏.htm दस रुपए होते हैं, और साल- भर में सवा सौ। वह सवा सौ की थैली 107124 test‏.htm आध मील पर थी। एक गाड़ी दिन- भर में सात-आठ चक्कर कर लेती थी। 107125 test‏.htm -- क्यों री सिलिया, महीना- भर रंग लाये हो गया, अभी तक पैसे 107126 test‏.htm गया। एक मज़दूर ने बाल्टी भर रखी थी और चबेना कर रहा था। होरी 107127 test‏.htm मेहता के मन में बल और तेज भर रहा था। 107128 test‏.htm तुम्हें लूट-लूटकर अपना घर भर रही थी। तुम उस लूट से बच गये।’ 107129 test‏.htm का गुर्दा है कि अँजुली- भर रुपए तक़दीर के भरोसे गिन देते 107130 test‏.htm को मयस्सर न हो और अँजुली- भर रुपए लेकर चला है इज़्ज़त बचाने! 107131 test‏.htm किसी ने न दिया। आज अँजुली- भर रुपये ठनाठन निकाल के दिये। 107132 test‏.htm भर खिलाऊँ, तो मन- भर रोज़ का ख़रच है। भगवान ही पार 107133 test‏.htm को तीन रुपया महीना और सेर- भर रोज़ाना पर नौकर रख लिया। 107134 test‏.htm रूपा ने पेट- भर रोटियाँ खायीं और जूठे मुँह 107135 test‏.htm सूझेगी। नीच जात, जहाँ पेट- भर रोटी खायी और टेढ़े चले, इसी 107136 test‏.htm ब्याह करके उन्हें जन्म भर रोना पड़े। तीन-चार साल में 107137 test‏.htm ही चढ़ानी पड़े। मरे को मन- भर लकड़ी से जलाओ, या दस मन से; उसे 107138 test‏.htm से बोले -- पहले एक चिलम भर ला, फिर थोड़ा-सा रस बना ले। पानी 107139 test‏.htm दी, शर्बत बनाने को कह, चिलम भर लाया। और एक क्षण में वही युवती 107140 test‏.htm पानी लेकर दौड़ी, सोना चिलम भर लायी, धनिया ने चबेना और नमक 107141 test‏.htm रस घोल लायी, रूपा तमाखू भर लायी। धनिया द्वार पर किवाड़ 107142 test‏.htm होता, सुकृतियों का कोष भर लिया होता, तो आज चित्त को कितनी 107143 test‏.htm निकालकर मुँह में भर लीं। कुछ और कहने वाले थे कि 107144 test‏.htm भर को रुपए मिल जायँगे। दिन- भर लू और धूप में काम करने के बाद 107145 test‏.htm है, उसकी सारी उपज घर में भर लेता है। एहसान तो क्या होगा 107146 test‏.htm हाँ, मुँह पर चेचक के दाग़ न भर सके। उस दिन मालती ने आस-पास 107147 test‏.htm पर बैठी गा रही है; रास्ते- भर साथ की स्त्रियों और पुरुषों 107148 test‏.htm कैसी होती है। दिन-दिन भर सूखा गोबर बीना करते थे। उस 107149 test‏.htm मिल सकता है। गोबर लगभग साल भर से उसमें रहता है; लेकिन मिर्ज़ा 107150 test‏.htm कहा -- अच्छा पट्ठा था, मन- भर से कम न होगा। हुकुम हो, तो मैं 107151 test‏.htm से माँग लिया होगा। मन- भर से कम में न भरेगा। दो खाँचे 107152 test‏.htm छोड़ दिया -- मैं घंटे- भर से यहाँ बैठा हुआ हूँ और आप निकलते-निकलते 107153 test‏.htm खोंचा लेकर जाता, तो घंटे- भर ही में लौट आता। मनोरंजन का 107154 test‏.htm गोबर को यहाँ रहते साल भर हो गया। अब वह सीधा-साधा ग्रामीण 107155 test‏.htm को तैयार रहते हैं, उमिर भर , बल्कि उस जनम में भी, लेकिन मैं 107156 test‏.htm एक जून तो मिलना ही चाहिए। भर -पेट न मिले, आधा पेट तो मिले। 107157 test‏.htm भी न की होगी। और सिलिया को भर -पेट मिठाई खिलायेगी। गोबर ने 107158 test‏.htm दबायेगी, तुम्हें चिलम भर -भर पिलायेगी और जब तुम बीमार 107159 test‏.htm नहीं ले जाती? सोना तो कलसा भरकर इठलाती चली आती है। रस्सी समेटकर 107160 test‏.htm गोबर से कह दो, अपना खाँचा भरकर उनके साथ चला जाय।’ 107161 test‏.htm आँखों में प्रेम की ज्वाला भरकर उससे मिस मालती को देखा। 107162 test‏.htm धनिया ने आँखों में रस भरकर कहा -- चलो-चलो, बड़े बखान करनेवाले। 107163 test‏.htm राय साहब ने मुँह पान से भरकर कहा -- तुम हमें बड़ा आदमी समझते 107164 test‏.htm उसने आँखों में आँसू भरकर कहा -- मुझे क्षमा कर दो झुन्ना! 107165 test‏.htm ने नशीली आँखों में रोष भरकर कहा -- मैंने तुम्हारे-जैसे बेदर्द 107166 test‏.htm स्वर में बड़ा दीन आग्रह भरकर कहा -- मैं फिर तुमसे कभी न माँगूँगा 107167 test‏.htm के सिवा किसी पुरुष को आँख भरकर देखा भी न था, इस पापिष्ठा को 107168 test‏.htm गोबर ने कलसा भरकर निकाला। सबों ने रस पिया और 107169 test‏.htm सानी-खली दी और एक चिलम भरकर पीने लगा। इस फ़सल में सब कुछ 107170 test‏.htm प्रेम और कृतज्ञता के मोती भरकर बोली -- सब का सब उठा लायी कि घर 107171 test‏.htm आँखों में जवानी की उमंग भरकर बोले -- कोई दोष नहीं है बेटा, 107172 test‏.htm पड़ती थीं। दूसरा ग्लास भरकर बोले -- यह मिस मालती की सेहत 107173 test‏.htm पान की गिलौरियाँ मुँह में भरकर बोले -- लेकिन यह आपके हक़ में 107174 test‏.htm सीखो। कलसा ले जाओ, पानी भरकर रख दो, हाथ-मुँह धोयें, कुछ रस-पानी 107175 test‏.htm के सामने आँखों में आँसू भरकर वह अपराध स्वीकार किया, जो कई 107176 test‏.htm किस तरह आँखों में आँसू भरकर सिर नीचा कर लिया था और उन उपहारों 107177 test‏.htm मुँह से, आँखों में आँसू भरकर , सहुआइन से बोली -- तुम्हारे पैसे 107178 test‏.htm क्या रहा, इस लौंडे की करनी भरता रहा। अभागा आप तो चिनगारी छोड़कर 107179 test‏.htm लुटवाते रहो और मैं कमाकर भरता रहूँ, मैं कल चला जाऊँगा; लेकिन 107180 test‏.htm कान खड़े करके चौकड़ियाँ भरता हुआ निकल भागता। अपने मित्रों 107181 test‏.htm हो; इतनी कमाई से पेट नहीं भरता ? क्या करोगे बहुत-सा धन बटोरकर? 107182 test‏.htm चलायेगी? तू तो दूसरा भरतार करके किनारे खड़ी हो जायगी। 107183 test‏.htm करवा के भी तेरा पेट नहीं भरता। 107184 test‏.htm से तो किसी का पेट नहीं भरता। 107185 test‏.htm बेईमानी न करें, पेट नहीं भरता। लखनऊ में मुनीमी मिल सकती है; 107186 test‏.htm गला न छुड़ा लेता, कि सूद भरते किसी को अच्छा लगता है।’ 107187 test‏.htm टोकरी में शेष अनाज भरते हुए कहा -- यह न होगा धनिया, पंचों 107188 test‏.htm अपने हिस्सेदारों का पेट भरना चाहते हैं ॰॰॰ 107189 test‏.htm गया, दो सौ रुपया डाँड़ अलग भरना पड़ा। मैं तो कहीं का न रहा। 107190 test‏.htm एक दिन वह बंबे पर पानी भरने गयी, तो पड़ोस की एक स्त्री ने 107191 test‏.htm रस्सी और कलसा लेकर पानी भरने चली। गोबर ने उसके हाथ से कलसा 107192 test‏.htm छीन लिये और कुएँ पर पानी भरने चले। दर्शन के गहरे अध्ययन में 107193 test‏.htm निकल पड़ीं। एक-एक के दो-दो भरने पड़े। अब चाटो मेरा मकान लेकर। 107194 test‏.htm कारण हो सकता है, कि मैं रूप भरने में तुमसे ज़्यादा कुशल हूँ, 107195 test‏.htm अभ्यास में कटती थीं। रूप भरने में वह अच्छे-अच्छे को चकित 107196 test‏.htm नोखेराम कभी-कभी उससे चिलम भरने या चारपाई बिछाने को भी कहते 107197 test‏.htm साथ हमारा मन भी चौकड़ियाँ भरने लगता था। उसकी स्फूर्ति जीवन-सा 107198 test‏.htm कह दिया -- किसी ने उसे पानी भरने से रोका, तो उसका और अपना ख़ून 107199 test‏.htm ज़िंदगी तुम्हारा देना भरने ही के लिए है। मेरे भी तो बाल-बच्चे 107200 test‏.htm हूँ। दातादीन ले तो देकर भरपाई लिखा देना। इसके ऊपर तुमने एक 107201 test‏.htm पर जो नशा चढ़ रहा था, उसे इस भरपूर प्याले ने और गहरा कर दिया। 107202 test‏.htm ‘भिक्षुक को एक द्वार पर भरपेट कहाँ मिलता है। उसे तो चुटकी 107203 test‏.htm वह ग़ुलामी करता है; लेकिन भरपेट खाता तो है। केवल एक ही मालिक 107204 test‏.htm किसी को नेवता न दो, और दो तो भरपेट खिलाओ। तुम्हारे पास फूल-पत्र 107205 test‏.htm -- भिक्षुक को एक ही द्वार पर भरपेट मिल जाय, तो क्यों द्वार-द्वार 107206 test‏.htm तुमसे छिपा है? महीनों से भरपेट रोटी नसीब नहीं हुई। कितना समझाती 107207 test‏.htm ‘यह तुम्हारा भरम है। मालिक आज भी चार घंटे रोज़ 107208 test‏.htm था। प्यादे उससे चिलम भरवाते , लकड़ी कटवाते; बेचारा दिन-भर 107209 test‏.htm ने इस कलह को शांत करने की भरसक बहुत चेष्टा की; पर मीनाक्षी 107210 test‏.htm स्नेह-भरी गोद तो थी, प्रेम- भरा अंचल तो था, जिसमें मुँह डालकर 107211 test‏.htm नहीं जाते? अभी पेट नहीं भरा जान पड़ता है। 107212 test‏.htm महाजन का पेट थोड़े ही भरा जायगा। हाँ, गौओं के लिए चारा 107213 test‏.htm शायद उनके दुःख का प्याला भरा न था। जो कुछ कसर थी, वह लड़की 107214 test‏.htm नहीं है; लहलहाता हुआ हरा- भरा मैदान है, जिसमें झरने गा रहे 107215 test‏.htm और उसे मक्र और फ़रेब से ही भरा समझते थे। जिधर देखते थे, उधर 107216 test‏.htm सुनकर गोबर ग़ुस्से में भरा हुआ आया और दोनों को दो-दो घूँसे 107217 test‏.htm अपने हाथों से लाल विष से भरा हुआ ग्लास दिया, और उन्हें कुछ 107218 test‏.htm जब गोदाम में इतना माल भरा हुआ था कि बहुत तेज़ माँग होने 107219 test‏.htm का संगीत, आनंद और माधुर्य भरा हुआ था। 107220 test‏.htm में निर्भयता का उन्माद भरा हुआ, ढीला नीचा कुरता, पैरों 107221 test‏.htm हुआ अनुभव था, समझौतों से भरा हुआ; दूसरी ओर कच्चा आदर्शवाद 107222 test‏.htm उतना ही स्वार्थ से भरा हुआ। 107223 test‏.htm तो प्रहसन था; मगर करुणा से भरा हुआ। नायक का बात-बात में क़ानून 107224 test‏.htm कमा-कमाकर दूसरों का घर भरा है। मैं क्यों उनकी खोदी हुई 107225 test‏.htm कालिख मत लगा। हाँ, अभी मन न भरा हो तो और सुन। 107226 test‏.htm बखार में सौ-दो-सौ मन अनाज भरा होता, उसकी हाँड़ी में हज़ार-पाँच 107227 test‏.htm कराके भी पेट नहीं भरा ? 107228 test‏.htm नज़र-नज़राना सब तो हमसे भराया जाता है। फिर किसी की क्यों 107229 test‏.htm लिया, फिर भी इसका जी नहीं भरा। मुझे मारकर समझता है मैं बड़ा 107230 test‏.htm सिलिया ने आँसू- भरी आँखें ऊपर उठाईं। उनमें तेज 107231 test‏.htm की टँगी हुई, दीन वेदना से भरी आँखें देख रहे थे। अभी एक मिनट 107232 test‏.htm की गहरी, निर्मल, अथाह, मोद- भरी आँखों में जैसे उसके जीवन का 107233 test‏.htm लाकर रख दिया और सभी आशा भरी आँखों से उसकी ओर ताकने लगीं। 107234 test‏.htm ठाकुर ने कुतूहल भरी आँखों से उसे सिर से पाँव तक 107235 test‏.htm ने खाट पर झुककर आँसू भरी आँखों से गोबर को देखा और घर 107236 test‏.htm इस समय भी उसकी ओर रोष- भरी आँखों से तरेरती हुई जान पड़ती 107237 test‏.htm भी वैद्य के मुख की ओर आशा- भरी आँखों से ताक रहा हो। वही गोविंदी 107238 test‏.htm पानी खींचते हुए अनुराग भरी आँखों से देख रही थी। वह अब उसकी 107239 test‏.htm दातादीन ने मर्म- भरी आँखों से देखकर उसकी सतर्कता 107240 test‏.htm झुनिया ने तिरस्कार भरी आँखों से देखकर कहा -- मुझे लाकर 107241 test‏.htm गोबर ने अवज्ञा- भरी आँखों से देखकर कहा -- हमारे पास 107242 test‏.htm खन्ना विद्रोह भरी आँखों से देखकर बोले -- तुमने 107243 test‏.htm और मातादीन को धिक्कार भरी आँखों से देखती हुई चली गयी। 107244 test‏.htm नोहरी ने अविश्वास- भरी आँखों से देखा -- कुस-कन्या क्यों 107245 test‏.htm धनिया ने तिरस्कार भरी आँखों से देखा -- तब मैं कुश-कन्या 107246 test‏.htm कामिनी ने मालती की ओर विष- भरी आँखों से देखा और मुँह सिकोड़ 107247 test‏.htm होरी ने उसकी ओर विस्मय- भरी आँखों से देखा, मानो अपने कानों 107248 test‏.htm बैठी। सोना ने उसे ईर्ष्या- भरी आँखों से देखा, मानो कह रही थी, 107249 test‏.htm पी गये और तब लोगों को गर्व भरी आँखों से देखा, मानो कह रहे हों, 107250 test‏.htm मालती ने तंखा को तिरस्कार- भरी आँखों से देखा। 107251 test‏.htm ने उस स्वर्ग को कुतूहल- भरी आँखों से देखा। छत में पंखा 107252 test‏.htm हाथ पकड़ लिया और आग्रह- भरी आँखों से बोली -- आप अभी नहीं 107253 test‏.htm भोला ने अपील भरी आँखों से होरी को देखा -- सुनते 107254 test‏.htm भागे हुए आये और स्नेह भरी कठोरता से बोले -- क्या करती है 107255 test‏.htm प्राणियों को कुचलती, हरी- भरी खेतियों को जलाती और गुलज़ार 107256 test‏.htm की भाँति दूसरों की हरी- भरी खेती में मुँह डालकर अपनी कुत्सित 107257 test‏.htm उसके पास और कुछ न था, स्नेह- भरी गोद तो थी, प्रेम-भरा अंचल तो 107258 test‏.htm सहुआइन ऐसी विनोद भरी चापलूसियों से निरस्त्र हो 107259 test‏.htm और उन्हें कुछ ऐसी जादू- भरी चितवन से देखा कि उनकी सारी 107260 test‏.htm मेहता ने विनोद- भरी निराशा से सर हिलाकर कहा -- ऐसी 107261 test‏.htm अपने ज्ञान और अनुभव से भरी बातों और अपने सतीत्व के बखान 107262 test‏.htm मेहता ने हसरत भरी मुस्कराहट के साथ जवाब दिया 107263 test‏.htm होरी ने स्नेह- भरी मुस्कान के साथ कहा -- मैंने तो 107264 test‏.htm झुनिया अविश्वास- भरी मुस्कान से बोली -- इसी तरह तो 107265 test‏.htm धनिया भरी सभा में रुँधे हुए कंठ से बोली 107266 test‏.htm गोबर ने अभिमान भरी हँसी के साथ कहा -- यह ऊपरी आमदनी 107267 test‏.htm कि मेरी देह छुई, तो दूध की भरी हाँड़ी उसके मुँह पर पटक दूँगी। 107268 test‏.htm पड़ा, मानो ग्रामोफ़ोन में भरी हुई आवाज़ हो। वह एक शब्द भी 107269 test‏.htm कहा और उसी क्रोध में भरी हुई कोठरी में गयी और अपने बरतन-भाँड़े 107270 test‏.htm को अपने रूप का, या भरी हुई गोल बाँहों या अपनी नग्नता 107271 test‏.htm झुनिया एक हाथ में भरी हुई चिलम, दूसरे में लोटे का 107272 test‏.htm में षड्यंत्र की-सी कुंठा भरी हुई थी। 107273 test‏.htm टोकरी अरहर कौ दाल से भरी हुई लाकर रख दी, और बोली -- चलो, 107274 test‏.htm कोमल, पर चपलता कूट-कूट कर भरी हुई। झिझक या संकोच का कहीं 107275 test‏.htm और उसके आँसुओं की ठंढी जलन भरी होती थी -- किसी ऐसे प्रदेश में 107276 test‏.htm विष शांत न हुआ। दूसरी चिलम भरी ; लेकिन उसमें भी कुछ रस न था। 107277 test‏.htm कि मैं कमा-कमाकर सबका घर भरूँ और आप अपने बाल-बच्चों के साथ 107278 test‏.htm बढ़ता जायगा। मैं कहाँ तक भरूँगा ? उन्होंने कमा-कमाकर दूसरों 107279 test‏.htm आज पहली बार धनिया ने उसे भरे अखाड़े में पटकनी दी, आकाश तका 107280 test‏.htm भूरे ने कृतज्ञता- भरे तिरस्कार से उसकी ओर देखा -- तुम 107281 test‏.htm और कारिंदों का पेट न भरे तो निर्वाह न हो। थानेदार और 107282 test‏.htm धनिया के दोनों हाथ गोबर से भरे थे। उपले पाथकर आयी थी। बोली 107283 test‏.htm बोला -- एक नहीं, अभी दो और भरे धरे हैं। और तुम्हें आना नहीं 107284 test‏.htm ने सिलिया की ओर रक्त- भरे नेत्रों से देखा -- मैं अब उसका 107285 test‏.htm धनिया ने गर्व- भरे प्रेम से उसकी ओर देखा -- और क्या! 107286 test‏.htm हृदय में स्नेह और सौहार्द भरे भाइयों के पास आया था। इस आघात 107287 test‏.htm ने एक मिनट के बाद संकोच भरे भाव से कहा -- क्रोध में बेटा, 107288 test‏.htm विद्रोह- भरे मन से बोली -- मैं कहीं न जाऊँगी। 107289 test‏.htm स्नेह, क्षमा और आश्वासन से भरे यह वाक्य सुने, तो होरी के पाँव 107290 test‏.htm क्षण में दो डल्ले अनाज से भरे लाकर आँगन में रख दिये। दो मन 107291 test‏.htm हुए कहा -- तुम रहने दो, मैं भरे लाता हूँ। 107292 test‏.htm देखती रही। उसके इन निराशा- भरे शब्दों ने धनिया के चोट खाये 107293 test‏.htm उसे पकड़ लिया और हिंसा- भरे स्नेह से बोली -- तू कहाँ जाती 107294 test‏.htm मालती ने समवेदना भरे स्वर में कहा -- आज आठवाँ दिन 107295 test‏.htm मालती ने श्रद्धा भरे स्वर में कहा -- आप तकल्लुफ़ समझते 107296 test‏.htm साहब ने सामने आकर क्रोध- भरे स्वर में कहा -- ‘कैसी लूट! कैसा 107297 test‏.htm पीठ पर हाथ फेरते हुए प्यार- भरे स्वर में कहा -- डर मत बेटी, डर 107298 test‏.htm गोविंदी ने हसरत भरे स्वर में कहा -- नहीं मेहता जी, 107299 test‏.htm मेहता ने अविश्वास- भरे स्वर में कहा -- यह आप दिल से नहीं 107300 test‏.htm क्षमा, व्यंग और दुःख भरे स्वर में कहा -- यह तो सिलिया 107301 test‏.htm मेहता ने दर्द- भरे स्वर में जिसका एक-एक अक्षर 107302 test‏.htm झुनिया ने कंपन- भरे स्वर में पूछा -- अब मैं क्या 107303 test‏.htm उसने स्नेह भरे स्वर में पूछा -- तमाखू है कि 107304 test‏.htm पर हाथ रखा, और आश्वासन भरे स्वर में बोली -- यह चार दिन में 107305 test‏.htm इस संकोच का आशय समझकर जोश- भरे स्वर में बोली -- लेकिन अब हो 107306 test‏.htm हो जाता था। दृढ़ता भरे स्वर में बोले -- इस कृपा के लिए 107307 test‏.htm सीटने दो।’ फिर रहस्य- भरे स्वर में बोले -- बाहर न बाँधना, 107308 test‏.htm गया तो मालती ने तिरस्कार- भरे स्वर से पूछा -- अब यहाँ तक नौबत 107309 test‏.htm मन में न आता था। अनाज से भरे हुए बखार और गाँव से सिवान तक 107310 test‏.htm होरी ने अपने झुर्रियों से भरे हुए माथे को सिकोड़कर कहा -- तुझे 107311 test‏.htm सजीव आँखों में आँसू भरे हुए हैं और वह कह रही है -- क्या 107312 test‏.htm बीस लिये, उसके एक सौ साठ भरे , कुछ हद है! 107313 test‏.htm कुछ न बोला। आँखों में आँसू भरे , मेरी ओर ग़रीबों की तरह ताकता 107314 test‏.htm युवती हाथों में आटा भरे , सिर के बाल बिखेरे, आँखें धुएँ 107315 test‏.htm क्यों नहीं देते?’ उनका पेट भरे , हमारे भगवान मालिक हैं। हमारे 107316 test‏.htm रक्त बहायें और बड़ों का घर भरें। मूलका दुगना सूद भर चुका; पर 107317 test‏.htm होगा। मन-भर से कम में न भरेगा। दो खाँचे भी दिये, तो दो मन निकल 107318 test‏.htm न जाय, उसका पेट कैसे भरेगा। मैं ऐसे भिक्षुकों को मुँह नहीं 107319 test‏.htm उधर डेढ़ सौ रुपए डाँड़ के भरे। यह है गऊ होने का फल। मेरे सामने 107320 test‏.htm ले लगे। आदमी अपनों ही का भरोसा तो करता है; मगर ऊपर से इंतज़ाम 107321 test‏.htm विचार पर खन्ना जी को पूरा भरोसा था और वह डाक्टर मेहता थे। जब 107322 test‏.htm बोली -- महाराज, उसके क़सम का भरोसा नहीं। चटपट खा लेगा। जब इसने 107323 test‏.htm बात है। खेती-बारी का भरोसा नहीं। तुम्हें जल्दी कोई काम 107324 test‏.htm ‘होगा, मुझे उन पर भरोसा नहीं है। वह मरदों के दिल का 107325 test‏.htm पक्का आदर्शवादी, अपने ऊपर भरोसा रखने वाला, अभिमानी, रसिक और 107326 test‏.htm विश्वास करते हो, और मुझे भरोसा है कि आज अवसर आ पड़े तो तुम मेरी 107327 test‏.htm भगवान्! अब तुम्हारा ही भरोसा है। मैं न जानता था इस विपत में 107328 test‏.htm ऐसे झक्कड़ आदमी का क्या भरोसा ? 107329 test‏.htm अँजुली-भर रुपए तक़दीर के भरोसे गिन देते हो। यही जी चाहता है 107330 test‏.htm समझ लो। मैंने तुम्हारे ही भरोसे यह सारे प्रोग्राम बाँधे हैं। 107331 test‏.htm बोला -- तुमने खाया है, तुम भरो। मैं क्यों अपनी जान दूँ?’ 107332 test‏.htm सौ-सौ पचास-पचास आदमी रोज़ भर्ती के लिए आयेंगे। उन्हें समझा-बुझाकर 107333 test‏.htm कुछ और था; अगर यह सारे आदमी भर्ती हो गये, हड़तालियों के लिए समझौते 107334 test‏.htm सिलिया के कंठे में आये हुए भर्त्सना के शब्द पिघल गये। आवाज़ सँभालकर 107335 test‏.htm धनिया ने स्नेह में डूबी भर्त्सना से कहा -- देह में दम तो है नहीं, 107336 test‏.htm चितवन में वेदना अधिक थी या भर्त्सना , यह कहना कठिन है। पर उसी पक्षी 107337 test‏.htm मालती का गला भर्रा गया और उसने मुँह फेरकर रूमाल 107338 test‏.htm होरी ने भर्राई हुई आवाज़ में कहा -- मैंने पाई-पाई 107339 test‏.htm हो, तो ले चलो बैल, ज़रा भी भलमंसी नहीं है तुममें। 107340 test‏.htm रुपए दे रहा हूँ, तुम्हारी भलमंसी पर। 107341 test‏.htm से लगे भुनभुनाने। कुछ तो भलमंसी सीखो। कलसा ले जाओ, पानी भरकर 107342 test‏.htm मैं जानता हूँ; लेकिन उनकी भलमनसी को भी तो देखो। मुझसे जब मिलता 107343 test‏.htm अपनी सान दिखाते थे, अब वह भलमनसी दिखा रहे हैं। ईंट का जवाब चाहे 107344 test‏.htm देते थे; लेकिन दादा ही भलमनसी में आ गये, तो और लोग क्या करते?’ 107345 test‏.htm हैं; लेकिन इससे ज़्यादा भलमनसी वह क्या करता कि छः महीने बैठा 107346 test‏.htm बाद बोली -- यह गौरी महतो की भलमनसी है; लेकिन हमें भी तो अपने मरजाद 107347 test‏.htm कहा -- तो दिखा अपनी भलमनसी। देखें, कहाँ से रुपए लाती है। 107348 test‏.htm न माने, वही बैरी। सबसे भला अकेला।’ 107349 test‏.htm था। और थानेदार साहब भला अपने कर्तव्य से कब चूकनेवाले 107350 test‏.htm हैं, नहीं, ऐसी लड़की को कौन भला आदमी अपने घर में रखेगा। सब 107351 test‏.htm ‘मुझे तो बड़ा भला आदमी लगता है। क्या ख़राबी है 107352 test‏.htm ही हो, तो तीन खाँचे दे दो। भला आदमी लड़कों को क्यों नहीं लाया। 107353 test‏.htm ने और गहरा कर दिया। बोला -- भला आदमी वही है, जो दूसरों की बहू-बेटी 107354 test‏.htm हैं, वही बड़ा आदमी है, वही भला आदमी है। पैसे न हों, तो उस पर 107355 test‏.htm न कर। मुझे मालूम हो गया तू भला आदमी है।’ 107356 test‏.htm करते हैं। मालती को भला इनसे क्या मिलता ॰॰॰’ 107357 test‏.htm धोओ? कहाँ थे तुम इतने दिन? भला इस तरह कोई घर से भागता है? और 107358 test‏.htm रक़म देते थे; पर ईश्वर भला करे राय साहब का कि उन्होंने 107359 test‏.htm गोईं ले गये, भगवान उनका भला करे; लेकिन उनके रुपए तो आते 107360 test‏.htm लेना। भगवान तुम्हारा भला करेंगे। 107361 test‏.htm मिलता है, तो भगवान उनका भला करे। मुझे कुछ परवा नहीं, कुछ 107362 test‏.htm मँगरू ने शोभा को बहुत बुरा- भला कहा -- जमामार, बेईमान इत्यादि। 107363 test‏.htm हलकी। ऐसी महीन साड़ियाँ भला कै दिन चलेंगी! बड़े आदमी जितनी 107364 test‏.htm तुम्हारा, मालिक तुम, मैं भला कौन होती हूँ तुम्हें घर से 107365 test‏.htm कभी होगा, उसका निश्चय मैं भला क्या कर सकता हूँ! और लोग आँखें 107366 test‏.htm धनिया भला क्यों चुप रहने लगी थी -- तुम्हारे 107367 test‏.htm पड़े हों; पर वह चुड़ैल भला क्यों देने लगी। मृत्यु-दंड 107368 test‏.htm कहाँ लिये जा रहा है, बता। भला चाहता है, तो सब रुपए लौटा दे, 107369 test‏.htm एक लात जमाकर बोला -- अब अपना भला चाहते हो चौधरी, तो यहाँ से चले 107370 test‏.htm -- अच्छा, अब बहुत हुआ हरखू! भला चाहते हो, तो यहाँ से चले जाओ। 107371 test‏.htm एक-एक बाल चुन जाता। भला चाहते हो, तो ले चलो बैल, ज़रा 107372 test‏.htm के गले पर छुरी चल रही थी, तो भला तुम कैसे बोलते। उस बखत कोई 107373 test‏.htm धनिया भला यह ज़ीट कब सुनने लगी थी। रुपए 107374 test‏.htm मुस्कराईं। धनिया बोली -- भला यह भी छिपा रहता है, मिस साहब; 107375 test‏.htm ‘हाँ दादा, भला वह बात भूल सकता हूँ। तुमने 107376 test‏.htm धनिया ने आपत्ति की -- भला सुनूँ; मैंने कौन-सी बात पीट 107377 test‏.htm है। तब परासचित करायेगा। भला , पूछो ऐसा अँधेर नहीं हुआ है। 107378 test‏.htm ‘मैंने तुम्हें जो भला -बुरा कहा है, उसकी माफ़ी दे दो 107379 test‏.htm रक्खे रो रही थी, तब अपना भला -बुरा नहीं सूझा था? उस घड़ी हम 107380 test‏.htm फोड़ लूँगी। अपना-अपना भला -बुरा सब समझते हैं। आदमी इसीलिए 107381 test‏.htm न बघार। अब तू भी अपना भला -बुरा सोचने योग हो गयी है। जब 107382 test‏.htm सूझा था? उस घड़ी हम भी अपना भला -बुरा सोचने लगते, तो आज तेरा 107383 test‏.htm चारा है महतो, ऐसी बात है भला ; लेकिन बात यह है कि ईमान आदमी 107384 test‏.htm मैंने तो तुम्हारे साथ भलाई की और तुम उसे बुराई समझते हो। 107385 test‏.htm बोले -- तुमने मेरे साथ भलाई की है या उलटी छूरी से मेरा गला 107386 test‏.htm जाय। धनिया ने तो केवल उसकी भलाई के ख़याल से कहा था कि झुनिया 107387 test‏.htm समझता, जो देश और समाज की भलाई के लिए उद्योग न करे और बलिदान 107388 test‏.htm अपने संगों के मुँह से अपनी भलाई -बुराई सुनने की जितनी लालसा 107389 test‏.htm पर चढ़े। बोला -- भोला ऐसा भलामानस नहीं है महाराज! नगद गिनाये, 107390 test‏.htm गया है और पहन-ओढ़कर कैसा भलामानस लगता है। धनिया के मन में कभी 107391 test‏.htm उसके दुसमन थोड़े ही थे। जब भली या बुरी एक बात हो गयी, तो उसे 107392 test‏.htm और साहित्य-सेवा से भली -भाँति परिचित हैं। आपने इस क्षेत्र 107393 test‏.htm हुए कहा -- ज़रा इन भले आदमियों की जवाँमर्दी की परीक्षा 107394 test‏.htm जैसे एक नयी दुनिया देखी। भले आदमियों के साथ रहने से उसकी 107395 test‏.htm सिर-आँखों पर आयें। ऐसे भले आदमियों के साथ रहने से चाहे 107396 test‏.htm तोड़ रही थी। दो नये भले आदमियों को देखकर उसने ज़रा-सा 107397 test‏.htm अपनी सूरत न दिखाइएगा। दो भले आदमियों में लड़ाई लगाकर अपना 107398 test‏.htm हूँ, न गहने-कपड़े की। बस भले आदमी का संग चाहती हूँ, जो मुझे 107399 test‏.htm अपनी संतान से बैर हो। इस भले आदमी को मुँह से ऐसी बात कहते 107400 test‏.htm ‘जो भले आदमी हैं, वह कहेंगे यही इसका 107401 test‏.htm जमा मारी होती, तो तुम भी भले आदमी होते। तुमने कभी नीति को 107402 test‏.htm मेरा जी कुढ़ता है। अरे भले आदमी, इसमें लाज-सरम की कौन बात 107403 test‏.htm ले जाओ: लेकिन तुम्हारे भले के लिए कहते हैं, कुछ गहने-गाठे 107404 test‏.htm बुरा कहेगी ही; मगर है किसी भले घर का और अपनी बिरादरी का ही 107405 test‏.htm होना चाहिए था कि झुनिया भले घर में है, आराम से है। और मैं 107406 test‏.htm कोई अभिलाषा न पूरी हुई, और भले दिन मृगतृष्णा की भाँति दूर 107407 test‏.htm दूसरों से लड़ जायगी। तुम भले मानस हो, हँसकर टाल गये, दूसरा 107408 test‏.htm नज़राने में मिल जाय, तो भले ले लें। यह तुम्हीं लोगों का 107409 test‏.htm साहब यहाँ मिलने के लिए आ भले ही गये हों, मगर दिलों में जो 107410 test‏.htm कि वह इज़्ज़त-आबरू के साथ भलेमानसों की तरह कमाता-खाता है। उससे 107411 test‏.htm की शिक्षा होती जाती थी और भलेमानसों की तरह ज़िंदगी बसर होती थी। 107412 test‏.htm और सुखी समझ रही थी; पर आज वह भवन अपना सारा सुख-विलास लिये अलादीन 107413 test‏.htm कि मैं जिस आधार पर जीवन का भवन खड़ा करना चाहता हूँ, वह अस्थिर 107414 test‏.htm है। इसी आधार पर समाज का भवन खड़ा है। वणिक्-बुद्धि को वह 107415 test‏.htm वह अस्थिर है। यह कोई विशाल भवन नहीं है, केवल एक छोटी-सी शांत 107416 test‏.htm खोजती फिरती थी, और उसे एक भवन मिल गया था, जिसके आश्रय में 107417 test‏.htm दिलाता हूँ कि आप सभा- भवन में मुझे सबसे पहले मौजूद पायँगी। 107418 test‏.htm तो तीन आने भी नहीं मिलते। भवनिया (उनके जेठे पुत्र का नाम था) को 107419 test‏.htm ने भवानी का सुमिरन किया। भवानी उसके सिर आ गयी। फिर तो उसमें 107420 test‏.htm था -- ‘धनिया नाम है उसका जी। भवानी का इष्ट है उसे। दारोग़ाजी ने 107421 test‏.htm हथकड़ी डाली कि धनिया ने भवानी का सुमिरन किया। भवानी उसके 107422 test‏.htm चौकस आदमी चाहता है। मैं भवानी को किसी के गले बाँध तो दूँ; लेकिन 107423 test‏.htm बचा है, वह भी दूसरों का है। भविष्य अंधकार की भाँति उनके सामने 107424 test‏.htm भाँति ग़ायब हो गया था और भविष्य एक विकराल दानव के समान उसे 107425 test‏.htm की भाँति डूबता जाता था, और भविष्य का अंधकार उसे अपने अंदर समेट 107426 test‏.htm लिए वर्तमान ही सब कुछ है। भविष्य की चिंता हमें कायर बना देती 107427 test‏.htm थे। न भूत का पछतावा था, न भविष्य की चिंता। जो कुछ सामने आ जाता 107428 test‏.htm भूत की चिंता नहीं करता, भविष्य की परवाह नहीं करता। मेरे लिए 107429 test‏.htm उसी मड़ैया में जा बैठा और भविष्य के मंसूबे बाँधने लगा। 107430 test‏.htm और वर्तमान के दुःखों और भविष्य के सर्वनाश से ज़्यादा मनोरंजक 107431 test‏.htm शक्ति इतनी कम है कि भूत और भविष्य में फैला देने से वह और भी क्षीण 107432 test‏.htm आपको देखते ही आपका भूत- भविष्य सब कह सुनायेंगे। ऐसे प्रसन्नमुख 107433 test‏.htm खुर्शेद के लिए भूत और भविष्य सादे काग़ज़ की भाँति था। वह 107434 test‏.htm पटेश्वरी ने भविष्यवाणी की -- हराम की कमाई हराम में जायगी। 107435 test‏.htm मालती ने भवें सिकोड़कर कहा -- मैं इसका आशय 107436 test‏.htm दी थी, वह सारे खलिहान को भस्म कर देगी, यह उसने न समझा था। और 107437 test‏.htm होता तो इन दुष्टों को भस्म कर देते। ऐसा शाप देते कि सब 107438 test‏.htm असत्य के एक पहाड़ को भस्म कर सकती है। 107439 test‏.htm आहों का दावानल हमें भस्म नहीं कर डालता; मगर नहीं, आश्चर्य 107440 test‏.htm धनिया सिर से पाँव तक भस्म हो उठी। मन में ऐसा उद्वेग उठा 107441 test‏.htm आग लग गयी हो और सब कुछ भस्म हो गया हो। बैठकर रोने के लिए 107442 test‏.htm बातें सुनकर मेरी देह भस्म हो जाती है। 107443 test‏.htm ऐसा शाप देते कि सब के सब भस्म हो जाते; लेकिन इस कलियुग शाप 107444 test‏.htm और अंगुल-अंगुल और पोर-पोर भस्म हो रहे हैं। उस हाहाकार से बचने 107445 test‏.htm करने की कोई बात नहीं। भस्म होने में तो बहुत देर नहीं लगती, 107446 test‏.htm छीन-झपटकर लाते थे, वह उसे भाँग -बूटी में उड़ाता था। एक चमारिन 107447 test‏.htm न जा सकेगा, न किसी के बरतन- भाँड़े छू सकेगा। और यह सब हुआ इस अभागिन 107448 test‏.htm लाँघने पाती, चौखट; बरतन- भाँड़े छूना तो दूसरी बात है। मैं यह 107449 test‏.htm कोठरी में गयी और अपने बरतन- भाँड़े निकाल-निकालकर बाहर रखने लगी। 107450 test‏.htm सोना ने उन्मादिनी की भाँति अँगारे की-सी आँखें निकालकर 107451 test‏.htm पर्वतमाला दर्शन-तत्व की भाँति अगम्य और अत्यंत फैली हुई, मानो 107452 test‏.htm पर खड़ी थी, मत्त आशा की भाँति अधीर, चंचल। 107453 test‏.htm किसी वियोगी पक्षी की भाँति अपने छोटे-से घोंसले में एकांत-जीवन 107454 test‏.htm बैठे हुए थे; पर मन पक्षी की भाँति अभी उड़ा-उड़ा फिरता था। उनकी 107455 test‏.htm खन्ना के कीर्तिस्तंभ की भाँति आकाश में सिर उठाये खड़ी थी। 107456 test‏.htm मंथर गति से एक स्वप्न की भाँति आता था और मस्तिष्क पर मेघ के 107457 test‏.htm वह भी साधारण मनुष्यों की भाँति आत्मोन्नति के मार्ग की बाधाएँ 107458 test‏.htm विचारवान् सज्जनों की भाँति इस प्रश्न पर काफ़ी विचार किया 107459 test‏.htm धनिया यंत्र की भाँति उठी, आज जो सुतली बेची थी उसके 107460 test‏.htm बिना बुलाये मेहमान की भाँति उनके द्वार पर आकर खड़ी हो गयी 107461 test‏.htm के सुगठित अंगों की भाँति उनके पुरुषार्थ का परिचय दे 107462 test‏.htm का है। भविष्य अंधकार की भाँति उनके सामने है। उसमें उन्हें 107463 test‏.htm भी सुयोग्य पुत्र की भाँति उन्हीं के पद-चिह्नों पर चल 107464 test‏.htm कठिन है। पर उसी पक्षी की भाँति उसका मन फड़फड़ा रहा था और ऊँची 107465 test‏.htm सत्य है, फिर भी मैं पतंग की भाँति उसके मुख-दीप पर प्राण देता 107466 test‏.htm हारे हुए महीप की भाँति उसने अपने को इन तीन बीघे के 107467 test‏.htm उस अगम्यता में बुद्धि की भाँति ऊँचा, पर खोया हुआ-सा खड़ा था, 107468 test‏.htm वह लालसा अब उन फूलों की भाँति क्षीण हो गयी थी जिसमें फल लग 107469 test‏.htm कितने ही प्राणियों की भाँति खन्ना का जीवन भी दोहरा या दो-रुखी 107470 test‏.htm मालती कार से उतरीं। कमल की भाँति खिली, दीपक की भाँति दमकती, स्फूर्ति 107471 test‏.htm के साथ लोहे के मोर्चे की भाँति गहरा, दृढ़ और कठोर होता जाता 107472 test‏.htm लिये अलादीन के राजमहल की भाँति ग़ायब हो गया था और भविष्य एक 107473 test‏.htm यह चिंता एक काली दीवार की भाँति चारों ओर से घेर लेती थी, जिसमें 107474 test‏.htm प्रकृति पर मधुर संगीत की भाँति छाई हुई थी। सिलिया घर से निकली। 107475 test‏.htm उसके जीवन में वृक्ष की भाँति जड़ जमाये हुए थी और उसकी नसें 107476 test‏.htm के इशारों पर, उस घोड़े की भाँति जो कभी-कभी स्वामी को लात मारकर 107477 test‏.htm के लिए, उस रोगी की भाँति जो जीवन-सूत्र क्षीण हो जाने 107478 test‏.htm हो जाते हैं। अज्ञान की भाँति ज्ञान भी सरल, निष्कपट और सुनहले 107479 test‏.htm सहसा धनिया ने सिंहनी की भाँति झपटकर हीरा को इतने ज़ोर से 107480 test‏.htm का नशा उनके ऊपर सिंह की भाँति झपटा और दबोच बैठा। वह कहते 107481 test‏.htm अस्त होने वाले सूर्य की भाँति डूबता जाता था, और भविष्य का 107482 test‏.htm और भविष्य सादे काग़ज़ की भाँति था। वह वर्त्तमान में रहते थे। 107483 test‏.htm कमल की भाँति खिली, दीपक की भाँति दमकती, स्फूर्ति और उल्लास की 107484 test‏.htm जब हम थके हुए पथिकों की भाँति दिन-भर की यात्रा का वृत्तांत 107485 test‏.htm पाट नज़र आया, किसी रोगी की भाँति दुर्बल, निस्पंद कगार पर एक 107486 test‏.htm और भले दिन मृगतृष्णा की भाँति दूर ही होते चले गये, यहाँ तक 107487 test‏.htm की तरंगों में साँड़ों की भाँति दूसरों की हरी-भरी खेती में 107488 test‏.htm गिर रहे थे, मगर यंत्र की भाँति दौड़-दौड़कर कभी आम भूनकर पना 107489 test‏.htm सारा आकाश वैलून की भाँति धुएँ से भर गया। सबों ने सशंक 107490 test‏.htm आ पहुँची, एक वन-पुष्प की भाँति धूप में खिली हुई, दूसरी गमले 107491 test‏.htm हुई, दूसरी गमले के फूल की भाँति धूप में मुरझायी और निर्जीव। 107492 test‏.htm करता है। स्त्री पृथ्वी की भाँति धैर्यवान् है, शांति-संपन्न 107493 test‏.htm स्वप्न-छाया की भाँति नदी में चली जा रही थी। 107494 test‏.htm जायँ, तो बहुत कम औरतें इस भाँति पतित हों। 107495 test‏.htm और साहित्य-सेवा से भली- भाँति परिचित हैं। आपने इस क्षेत्र 107496 test‏.htm हो रहा था। उसने रणचंडी की भाँति पिशाचों की इस चंडाल चौकड़ी 107497 test‏.htm उसके पीछे-पीछे पागलों की भाँति फिरा करता था। और आज उसका यह 107498 test‏.htm यह कहती हुई वह पक्षी की भाँति फुर्र से उड़ गयी और खन्ना सिर 107499 test‏.htm को देख चुकी। भौरों की भाँति फूल का रस लेकर उड़ जाते हैं। 107500 test‏.htm की आगे, स्वप्न-चित्रों की भाँति बेमेल, विकृत और असंबद्ध। वह 107501 test‏.htm करने लगी। अपराधी की भाँति बोली -- डाक्टर मेहता ने आग्रह 107502 test‏.htm दारोग़ा के सामने कछुए की भाँति भीतर सिमटा जाता था। दारोग़ा 107503 test‏.htm में किसी पक्षी की भाँति मँडराने लगा। 107504 test‏.htm खड़ा हो गया। एक सेनापति की भाँति मैदान में आने के पहले परिस्थिति 107505 test‏.htm हैं कि अन्य यात्राओं की भाँति विचारों की यात्रा में भी पड़ाव 107506 test‏.htm यह सारा सौभाग्य स्वप्न की भाँति शून्य में विलीन हो जायगा। 107507 test‏.htm हैं। और रूपवती स्त्री की भाँति सभी के हाथों का खिलौना बनते 107508 test‏.htm उनके मस्तिष्क में राहु की भाँति समाये हुए थे। 107509 test‏.htm तरह हृदय पर पड़े और चने की भाँति सारे अरमान झुलस गये। उसका सारा 107510 test‏.htm होरी ने अपराधी की भाँति सिर झुका लिया; लेकिन धनिया 107511 test‏.htm पाये हुए आदमी की भाँति सिर झुकाये, अपने अपमान की वेदना 107512 test‏.htm पर बिरादरी का भय पिशाच की भाँति सिर पर सवार आँकुस दिये जा रहा 107513 test‏.htm होरी उन्मत्त की भाँति सिर से ऊपर गड़ाँसा उठा-उठाकर 107514 test‏.htm किसी अनाथ अबला के घर की भाँति सूने पड़े थे। पुनिया के पास 107515 test‏.htm होकर जाती थी। पानी की भाँति हर एक पात्र का रूप धारण कर लेती 107516 test‏.htm हर एक गृहस्थ की भाँति होरी के मन में भी गऊ की लालसा 107517 test‏.htm सिलिया ने उस पक्षी की भाँति , जिसे मालिक ने पर काटकर पिंजरे 107518 test‏.htm ही में चमकती है दीपक की भाँति , जो अँधेरे ही में अपना प्रकाश 107519 test‏.htm राय साहब भाँप न सके। उछलकर बोले -- जी हाँ, केवल 107520 test‏.htm के मन में क्या है, यह वह भाँप रही थी। वह बाँबी में बैठा हुआ 107521 test‏.htm पकड़ ली। बोली -- तुम्हें भाइयों का डर हो, तो जाकर उसके पैरों 107522 test‏.htm से ज़्यादा कठोर जान पड़े। भाइयों का पालना-पोसना तो उसका धर्म 107523 test‏.htm बार कह दिया मेरे मुँह पर भाइयों का बखान न किया करो, उनका नाम 107524 test‏.htm करतूत सुनाये, होरी ने अपने भाइयों का रोना रोया और तब एक कुएँ पर 107525 test‏.htm लड़ने पर उतारू हो गयी। भाइयों का हिस्सा दबाकर हाथ में चार 107526 test‏.htm नहीं, आज इस शुभ अवसर पर वह भाइयों की उपेक्षा नहीं कर सकता। उसका 107527 test‏.htm और क्या किया, योद्धाओं ने भाइयों की गरदनें काटने के सिवा और 107528 test‏.htm चाहता हूँ कि अपने और सभी भाइयों की तरह मैं असामियों से जुर्माना 107529 test‏.htm कहा -- यही हाल घर-घर है भैया! भाइयों की बात ही क्या, यहाँ तो लड़कों 107530 test‏.htm कर चिलम पीने लगा, तो फिर भाइयों की याद आयी। नहीं, आज इस शुभ अवसर 107531 test‏.htm दूध देने लगेगी, तो क्या वह भाइयों के घर दूध न भेजेगा या दही न भेजेगा? 107532 test‏.htm स्वर में बोला -- और तुम क्या भाइयों के थोड़े-से पैसे दबाकर राजा 107533 test‏.htm में स्नेह और सौहार्द भरे भाइयों के पास आया था। इस आघात ने जैसे 107534 test‏.htm भाई थे। होरी के हृदय में भाइयों के लिए अब भी कोमल स्थान था। 107535 test‏.htm बोली -- सुन लो कान खोल के। भाइयों के लिए मरते रहते हो। ये भाई 107536 test‏.htm समझता है मैं बड़ा वीर हूँ। भाइयों के सामने भीगी बिल्ली बन जाता 107537 test‏.htm बड़ा रंज हुआ होगा। भाइयों को तो तुमने बेटों की तरह पाला 107538 test‏.htm में बैठ। मैं तेरे काका और भाइयों को देख लूँगी। जब तक हम जीते 107539 test‏.htm दाल और फुलके थे। अपने और भाइयों को देखते थे जो उनसे भी ज़्यादा 107540 test‏.htm समय उससे चालीस रुपए लेकर भाइयों को देना पड़ा था। उसके भी लगभग 107541 test‏.htm समय रुपए दबा लिये थे और भाइयों को धोखा दिया था, यही रुपए अब 107542 test‏.htm रुपए मिलेंगे, उधर दोनों भाइयों को बाँट दूँगा। चार दिन की ज़िंदगी 107543 test‏.htm भाइयों को भी दया आ गयी। सिलिया को वहीं 107544 test‏.htm सिलिया ज़मीन पर बैठ गयी। भाइयों ने इस पर भी न छोड़ा। घसीटते 107545 test‏.htm तुरत दोनों भाइयों ने उसके हाथ पकड़ लिये और उसे 107546 test‏.htm खड़ी रही। माता-पिता और भाइयों पर उसे क्रोध आ रहा था। यह लोग 107547 test‏.htm थी। उसी के विद्रोह से भाइयों में अलगौझा हुआ था। धनिया को 107548 test‏.htm भी दरसन हों। जब से तीनों भाइयों में अलगौझा हो गया, घर की साख 107549 test‏.htm पाकर विशाल हो गया था। भाइयों से अलग हो गया है, तो क्या हुआ। 107550 test‏.htm ये रुपए तुमसे और तुम्हारे भाइयों से वसूल किये जाते हैं, भाले 107551 test‏.htm की वस्तु है, भय की नहीं। भाइयों से होरी की बोलचाल बंद थी; पर 107552 test‏.htm कर कह रहा है, भाइयो मैं दया का पात्र हूँ मैंने 107553 test‏.htm हुए खड़े होकर बोले -- भाइयो ! यह हम सब मरदों की इज़्ज़त का 107554 test‏.htm क्या करोगे हुज़ूर, उसका भाई आपकी ताबेदारी के लिए हाज़िर 107555 test‏.htm पिट जाय, तो उसके और सभी भाई उस पर हँसेंगे, बग़लें बजायेंगे, 107556 test‏.htm ऐसा तो उसका धरम नहीं है। भाई उसका बुरा चेतें, वह क्यों उसका 107557 test‏.htm था कि शायद ही कोई दो भाई एक साथ रहते हों। उनकी इस दुर्दशा 107558 test‏.htm परिवार बहुत बड़ा था। सात भाई और उनके बाल-बच्चे सभी उन्हीं 107559 test‏.htm वक़्त उसकी माँ, बाप, दोनों भाई और कई अन्य चमारों ने न जाने 107560 test‏.htm की कोई चिंता नहीं। गोबर भाई कमाकर आये हैं। 107561 test‏.htm बाप की नहीं। यह हत्यारा भाई कहने जोग है! यही भाई का काम है! 107562 test‏.htm हीरा अब भी बड़े भाई का अदब करता था। सीधे-सीधे न 107563 test‏.htm भाई कहने जोग है! यही भाई का काम है! वह बैरी है, पक्का 107564 test‏.htm के होते हैं भाई, जिन्हें भाई का गला काटने में भी हिचक नहीं 107565 test‏.htm कहा-सुनी हुई थी; मगर वह भाई- भाई का झगड़ा था। सबसे जयादा दुखी 107566 test‏.htm टोकते। अरे राम-राम! लाड़ले भाई का दिल छोटा हो जाता कि नहीं। 107567 test‏.htm कह न सकी। बहन के ब्याह में भाई का न जाना कैसे संभव है! सोना 107568 test‏.htm ‘किसी भाई का निलाम पर चढ़ा हुआ बैल लेने 107569 test‏.htm रहते हो। ये भाई हैं, ऐसे भाई का मुँह न देखे। यह मुझे जूतों 107570 test‏.htm अधिक महत्व दिया। वह अपने भाई का स्वत्व छीनकर और उसका रक्त 107571 test‏.htm अब पछाई गाय ली जाती है। भाई का हक़ मारकर किसी को फलते-फूलते 107572 test‏.htm के हिस्सेदार हैं; लेकिन भाई का हिस्सा खाने की अपनी नीयत 107573 test‏.htm भावजों ही को देखो। हमारे भाई काने-कुबड़े नहीं हैं, दस जवानों 107574 test‏.htm इस ज़रा-सी बात में होरी को भाई की आत्मीयता का परिचय मिला। 107575 test‏.htm थे कि कोई असामी अपने दूसरे भाई की इंच भर भी ज़मीन दबा ले। न 107576 test‏.htm सोचना चाहिए कि बहू को बाप- भाई की गाली क्यों देती हैं। हमारी 107577 test‏.htm समझ लिया। अवसर पड़ने पर भाई की मदद भाई भी न करे, तो काम कैसे 107578 test‏.htm तलाशी उसके घर हुई तो, उसके भाई के घर हुई तो, एक ही बात है। हीरा 107579 test‏.htm और सास-बहू और भाई- भाई के झगड़े-टंटे यहीं चुकाये जाते 107580 test‏.htm का भाई नहीं। जिस तरह मैं भाई के नाते आपसे यह नहीं कह सकता 107581 test‏.htm नाँद के पास खड़ा था। और अब भाई के पक्ष में झूठ बोलता है। थुड़ी 107582 test‏.htm हैं, जब आपके करोड़ों भाई केवल आठ रूपए में अपना निर्वाह 107583 test‏.htm मैं आज इसे और इसके हत्यारे भाई को जेहल भेजवाकर तब पानी पिऊँगी। 107584 test‏.htm मेहमानों की ओर देखकर छोटे भाई को डाँटा -- चुप, नहीं सिपाई पकड़ 107585 test‏.htm -- हमारा तुम्हारा पुराना भाई चारा है महतो, ऐसी बात है भला; 107586 test‏.htm फुफेरे, ममेरे, मौसेरे भाई जो इसी रियासत की बदौलत मौज 107587 test‏.htm बधाई देंगे, चोर-चोर मौसेरे भाई जो होते हैं; न मगर यह सारा उपदेश 107588 test‏.htm सोभा और हीरा जो अपने सगे भाई थे। होरी के हृदय में भाइयों 107589 test‏.htm का दोस्त नहीं, कोई किसी का भाई नहीं। जिस तरह मैं भाई के नाते 107590 test‏.htm तरफ़ से भी उन्हीं के बड़े भाई निकले। दोनों कैसे पैंतरे बदल 107591 test‏.htm तब पानी पिऊँगी। इसके भाई ने गाय को माहुर खिलाकर मार 107592 test‏.htm मटकाकर बोली -- क्यों न हो, भाई ने पंद्रह रुपये कह दिये, तो 107593 test‏.htm -- हाँ काहे को भूख लगेगी। भाई ने बड़े-बड़े लड्डू खिला दिये 107594 test‏.htm डाँटने-डपटने से रहा; लेकिन भाई बड़े आदमियों की बातें कौन चलाये। 107595 test‏.htm हो गया। होरी उसे अपना भाई बल्कि उससे भी निकट जान पड़ा। 107596 test‏.htm कौन तुझे प्यार करता था। भाई बिगड़ते थे, भावजें जलाती थीं। 107597 test‏.htm अवसर पड़ने पर भाई की मदद भाई भी न करे, तो काम कैसे चले।’ 107598 test‏.htm बहुत से ताल्लुक़ेदार भाई भोग-विलास करते हैं, यह सब मैं 107599 test‏.htm मैदान ख़ाली हुआ, तो बोला -- भाई मर्द और औरत के बीच में बोलना 107600 test‏.htm सरन दो, नहीं मेरे काका और भाई मुझे कच्चा ही खा जायँगे। 107601 test‏.htm आता है। उनके और हज़ारों भाई मूँछों पर ताव देकर जीवन का 107602 test‏.htm बाप-बेटे में आग लगा दे, भाई- भाई में आग लगा दे। कारिंदे से मिलकर 107603 test‏.htm हाथों से दबा लिया और बहन- भाई में ज़ोर-आज़माई होने लगी। आख़िर 107604 test‏.htm के मुँह से नहीं। फिर अपने भाई लाख बुरे हों, हैं तो अपने भाई 107605 test‏.htm मचता रहा। झुनिया के दोनों भाई लाठियाँ लिये गोबर को खोजते 107606 test‏.htm छिड़ा। मेरे सारे भाई शराब-क़बाब में मस्त थे। मैं 107607 test‏.htm गाय बाँधकर वह अपने मँझले भाई शोभा को देखने गया। शोभा को 107608 test‏.htm दिये हैं न! भगवान ऐसे सपूत भाई सबको दें। 107609 test‏.htm हो; लेकिन मैं आपको अपना भाई समझता था। 107610 test‏.htm भी सदैव आपको अपना बड़ा भाई समझा है और अब भी समझता हूँ। 107611 test‏.htm तो मैंने बराबर अपना भाई समझा है। 107612 test‏.htm रुपए बरबाद कर दिये भाई साहब! जब उसका रुक्का पहुँचा, 107613 test‏.htm भी नहीं कर सकती! लेकिन भाई साहब! मैं कहे देता हूँ कि खन्ना 107614 test‏.htm में बोले -- यही तो रंज है भाई साहब! यह तो मैं शुरू से जानता 107615 test‏.htm मैंने अपना घर चौपट कर दिया भाई साहब! हृदय में जितना रस था, वह 107616 test‏.htm ने आकर कहा होता, भाई साहब, आप तो दो बार कौंसिल में 107617 test‏.htm ‘नहीं भाई साहब, मेरे पास इस वक़्त बिलकुल 107618 test‏.htm होकर कहा -- यह सब ठीक है भाई साहब; लेकिन सेवा करने के लिए 107619 test‏.htm तले-ऊपर होने लगी। उसके भाई हीरा के घर की तलाशी होगी और 107620 test‏.htm -- गाय मारी है तुम्हारे भाई हीरा ने। सरकार ऐसे बौड़म नहीं 107621 test‏.htm मैं क्या करूँ? तुम्हारा ही भाई हीरा है। बैल के लिए पचास रुपए 107622 test‏.htm लाख बुरे हों, हैं तो अपने भाई ही। अपने हिस्से-बखरे के लिए 107623 test‏.htm तो जानती है, वह उसका भाई है; मगर इस वक़्त उसका कुछ बस 107624 test‏.htm के लिए मरते रहते हो। ये भाई हैं, ऐसे भाई का मुँह न देखे। 107625 test‏.htm एक ही थाली के खानेवाले भाई हैं। जो लोग भेद-भाव में विश्वास 107626 test‏.htm कहा है, उसकी माफ़ी दे दो भाई ! क्रोध में आदमी अंधा हो जाता 107627 test‏.htm यह आठवाँ चल रहा है भाई ! जी तो चाहता है, इसे पिंसिन दे 107628 test‏.htm कहा -- अब तुमसे बहस कौन करे भाई ! जैजात किसी से छोड़ी जाती है 107629 test‏.htm बैर क्यों पाल रहे हो भोला भाई ! झुनिया मेरे घर में आ गयी, तो 107630 test‏.htm किसी को बुरा नहीं कहती भाई ! मन को जैसा बनाओ, वैसा बनता है। 107631 test‏.htm बड़ी गाल-दराज़ औरत है भाई ! मरद के मुँह लगती है। होरी ही 107632 test‏.htm ‘इसमें क्या संदेह है भाई ! मालिक क्या खाके लेंगे। नज़राने 107633 test‏.htm आज मुझे उबार लिया होरी भाई ! मुझे अब मालूम हुआ कि मैं संसार 107634 test‏.htm टाँग क्यों अड़ाती है भाई ! मेरी लाठी दे दे और अपना काम 107635 test‏.htm -- किस बात पर बिगड़ती है भाई ! यह तो अच्छा नहीं लगता कि अंधे 107636 test‏.htm जनम में तो कोई आशा नहीं है भाई ! हम राज नहीं चाहते, भोग-विलास 107637 test‏.htm तुमसे नगद माँगता कौन है भाई !’ 107638 test‏.htm तो हालत और भी ख़राब है भाई , अगर रुपए हाथ से निकल गये, तो 107639 test‏.htm साँस खींचकर कहा -- कहाँ भाई , अभी तो लिखा-पढ़ी हो रही थी। 107640 test‏.htm कई चचा थे, दरजनों चचेरे भाई , कई सगे भाई, बीसियों नाते के 107641 test‏.htm जाकर बोला -- राम-राम भोला भाई , कहो क्या रंग-ढंग है। सुना अबकी 107642 test‏.htm ‘अच्छा भाई , कोई मत जाय। मैं पहुँचा दूँगी। 107643 test‏.htm कि एक किसान ने कहा -- अरे भाई , क्या निराला ही पानी पियोगे? 107644 test‏.htm ‘अच्छा भाई , जान न खा, हम दोनों चले जायँगे। 107645 test‏.htm निगलनी पड़ती है। उखाड़ ले भाई , जितना तेरा जी चाहे। समझ ले, 107646 test‏.htm कहा -- इस तरह के होते हैं भाई , जिन्हें भाई का गला काटने में 107647 test‏.htm मीठे स्वर में बोले -- अच्छा भाई , जो चाहे लिखो। मैं तुम्हारे 107648 test‏.htm उल्लू बनेंगे हम, और हमारे भाई , जो धनी कहलाते हैं और यह सब गोविंदी 107649 test‏.htm क़ायल होकर कहा -- मैंने तो भाई , जो सुना था, वह तुमसे कह दिया। 107650 test‏.htm -- अभी तो कुछ ठीक नहीं है भाई , तुम कब तक ले जाओगे? 107651 test‏.htm -- अब तुम्हारे मुँह कौन लगे भाई , तुम तो भगवान की लीला में भी 107652 test‏.htm बोले -- अच्छा भाई , तुम्हारे पास कुछ नहीं है, अब 107653 test‏.htm दरजनों चचेरे भाई, कई सगे भाई , बीसियों नाते के भाई। एक चचा 107654 test‏.htm इससे बहुत दुखी थे। बोले -- भाई , मैं प्रश्नों का कायल नहीं। 107655 test‏.htm ‘एलेक्शन का सवाल नहीं है भाई , यह इज़्ज़त का सवाल है। क्या 107656 test‏.htm राय साहब बोले -- नहीं भाई , यहाँ मेरा दम घुटने लगेगा। 107657 test‏.htm ‘बेचता नहीं हूँ भाई , यों ही दे रहा हूँ। वह संकट में 107658 test‏.htm भारी कलेजा है तुम लोगों का भाई , लेकिन फिर लाये भी तो वह माल 107659 test‏.htm कहा -- मुझसे क्या कहते हो भाई , साल भर में भूल थोड़े ही गया। 107660 test‏.htm यह सहरी हो गये, गाँव का भाई -चारा क्या समझें। लड़के गाँव 107661 test‏.htm ‘तू गालियाँ भी देगी और भाई -चारा भी निभायेगी?’ 107662 test‏.htm कुछ कहे, चाहे माँ-बाप, भाई -बंद, घर-द्वार सब कुछ छोड़ना 107663 test‏.htm ‘मेरे भाई -बाप को कोई क्यों गाली दे?’ 107664 test‏.htm ‘किसने गाली दी, तेरे भाई -बाप को?’ 107665 test‏.htm कुछ कहा-सुनी हुई थी; मगर वह भाई -भाई का झगड़ा था। सबसे जयादा 107666 test‏.htm मियाँ-बीबी और सास-बहू और भाई -भाई के झगड़े-टंटे यहीं चुकाये 107667 test‏.htm बाप-बेटे में आग लगा दे, भाई -भाई में आग लगा दे। कारिंदे 107668 test‏.htm बराबरी तुम कैसे कर सकते हो भाई ? 107669 test‏.htm आँगन में गाय कहाँ बँधेगी भाई ?’ 107670 test‏.htm लगनी चाहिए थी, सहयोग में, भाईचारे में, वह पुरानी अदावतों का बदला 107671 test‏.htm ने हँसते हुए कहा -- लेकिन भाईजान मैं भी तो इतनी दूर उठाकर लाया 107672 test‏.htm राय साहब भी तो उन्हीं के भाईबंद हैं। चलो भोजन करो और चक्की 107673 test‏.htm सगे भाई, बीसियों नाते के भाई। एक चचा साहब राधा के अनन्य उपासक 107674 test‏.htm लाख रुपये की बात कह दी भाई। बस सज्जन वही, जो दूसरों की आबरू 107675 test‏.htm की आजकल कुछ न पूछो भोला भाई। मर-मरकर पालो; जवान हों, तो दुसमन 107676 test‏.htm आदर करना तो सबका धरम ही है भाई। माता से कौन उरिन हो सकता है? 107677 test‏.htm व्यवहार में हम ‘भाई’ के अर्थ का कितना ही दुरुपयोग 107678 test‏.htm था। उसे सींगों से भगाकर भाग आयी, तब से तेंदुआ उससे डरता 107679 test‏.htm अलग-अलग। मुख-मंडल का कोई भाग ऐसा नहीं, जिसे सुंदर या सुघड़ 107680 test‏.htm जैसे कोई घसियारा हो। हाँ, भाग का बली है। बाप-बेटे में ख़ूब 107681 test‏.htm तो छोटा नहीं हो गया। धन्य भाग कि भगवान् ने यह तो दिखाया। 107682 test‏.htm वह तो आप ही रो रही है। भाग की खोटी न होती, तो यह दिन ही 107683 test‏.htm शोभा बोला -- भाग के कहाँ जायगा। गंगा नहाने न 107684 test‏.htm हो गयी। ‘बिजली’-संपादक तो भाग खड़े हुए, बेचारे मिर्ज़ाजी 107685 test‏.htm ने उसे गिरते देखा, तो भाग खड़े हुए। केवल दस-बारह जँचे 107686 test‏.htm और सिर्फ़ पचास हज़ार लेकर भाग खड़े हुए। बंबई में उनके एजेंट 107687 test‏.htm झुनिया ने लजाते हुए कहा -- भाग खींच लाया महाराज, और क्या कहूँ। 107688 test‏.htm चाहेंगे, तो तुम्हारे भाग खुल जायेंगे, ऐसे अच्छे लच्छन 107689 test‏.htm देखूँगी। कोई कहता था, मिरच भाग गया, कोई डमरा टापू बताता था। 107690 test‏.htm कहीं पता नहीं। जाने कहाँ भाग गया। इसे पाँच महीने का पेट 107691 test‏.htm और बिना कुछ कहे जल्दी से भाग गया। उसका सिर चक्कर खा रहा 107692 test‏.htm उसका लड़का तो गाँव छोड़कर भाग गया। जिस रात को यह वारदात हुई, 107693 test‏.htm कर रहे थे। हीरा अवश्य कहीं भाग गया। देखा होगा कि भेद खुल गया, 107694 test‏.htm हत्या अलग लगेगी। बस, कहीं भाग गया। पुनिया अलग रो रही थी, कुछ 107695 test‏.htm ने बंदूक़ चलायी; मगर हिरन भाग गया। बोले -- एक शिकार मिला भी 107696 test‏.htm इसी बात पर वह अपने नैहर भाग गयी थी। यह भावना सोना में और 107697 test‏.htm मेरी लड़की निकल गयी, चाहे भाग गयी; लेकिन अपने आदमी के साथ 107698 test‏.htm अच्छा था कि किसी दूसरी जगह भाग चलते।’ 107699 test‏.htm घबड़ाने। कहने लगी, कहीं भाग चलो। गोबर टालता रहा। एक औरत 107700 test‏.htm दया करो, नहीं मैं यहाँ से भाग जाऊँगा। 107701 test‏.htm घर में भी कुछ छोड़ा? कहीं भाग जाता था? 107702 test‏.htm कलेजे पर छुरी चलाकर भाग जाती हो, आज मेरे हाथ से न बचोगी। 107703 test‏.htm से मारता, तो तू घर छोड़कर भाग जाती! पुनिया बड़ी ग़मख़ोर है।’ 107704 test‏.htm दया आती थी। हीरा का घर से भाग जाना उसकी प्रतिशोध-भावना की 107705 test‏.htm इसके पहिले ही वह वहाँ से भाग जाना चाहती थी। कैसे भागे, क्या 107706 test‏.htm कि मुँह में कालिख लगाकर भाग जाना चाहिए। अब जो आये, तो घर 107707 test‏.htm बिगड़ जाता और घर छोड़कर भाग जाने की धमकी देता था। लड़के 107708 test‏.htm इच्छा है कि हम गाँव छोड़कर भाग जायँ, तो हमारा क्या बस। पंचो, 107709 test‏.htm उसके घर से लाकर फिर ख़ुद भाग जाय। अगर उसे भागना ही होता, 107710 test‏.htm तो न करे कि वह गाँव छोड़कर भाग जाय। इस तरह बैल बच गये। 107711 test‏.htm हो जान देकर। लड़कों का भाग था, नहीं तुम तो ले ही डूबे थे! 107712 test‏.htm मैं तुम्हारे रुपए लेकर भाग न जाऊँगा। न इतनी जल्द मरा ही 107713 test‏.htm उसे धमकाया होगा। बेचारा भाग न जाता, तो क्या करता! 107714 test‏.htm राजनीति में बिलकुल भाग न लेता था। रोब या अधिकार की 107715 test‏.htm सोना से सुंदर हूँ। अपने भाग नहीं बखानते हो कि ऐसी इंदर 107716 test‏.htm निशाना ख़ाली गया। झुंड भाग निकला। 107717 test‏.htm ध्यान तो वाक्य के अंतिम भाग पर ही चिमटकर रह गया। अपने मद-सेवन 107718 test‏.htm में आग, मुझे क्या करना है। भाग फूट गया कि तुम-जैसी क़साई के 107719 test‏.htm की कैसी मरजाद रख ली। मेरे भाग फूट गये थे कि तुम जैसे मर्द 107720 test‏.htm खिला देते हो इसलिए? अपने भाग बखानो कि ऐसी गऊ औरत पा गये हो। 107721 test‏.htm ‘अपने भाग बखानो कि मुँह फुलाकर छोड़ देते 107722 test‏.htm हुआ कि उसकी कमाई का बड़ा भाग महाजनों का क़र्ज़ चुकाने में 107723 test‏.htm सौ फटकार लेते हैं। कभी भाग लड़ गया, तो चार-पाँच सौ मार लिया। 107724 test‏.htm मैंने उनके जीवन में भाग लिया है। आप उनकी रोटियाँ छीनकर 107725 test‏.htm किसी सार्वजनिक कार्य में भाग लिया हो; पर आज तो उन्होंने बे-कहे-सुने 107726 test‏.htm उसके शोक में भाग लेकर, उसके अंतर्जीवन में पैठकर, 107727 test‏.htm आंदोलन में प्रमुख भाग लेती थी, पर वह जलन शांत न होती 107728 test‏.htm ‘तुम्हारे भाग ही खोटे हैं, तो मैं क्या करूँ।’ 107729 test‏.htm है बेटी! यह तेरे सिंदूर का भाग है कि यह बच गये। मगर हाँ, इतना 107730 test‏.htm मुझे याद कर रही हैं, धन्य- भाग ! राय साहब के साथ ही हाल में आ 107731 test‏.htm ‘मुझसे? धन्य भाग !’ 107732 test‏.htm गोबर इस करुण दृश्य से भागकर कहीं चला गया था। वह गाय को जाते 107733 test‏.htm चहेती तो यहाँ बैठी है, भागकर जायगा कहाँ? यहीं कहीं छिपा 107734 test‏.htm निभानी पड़ती है। इस तरह भागकर तो उसने हमारी जान आफ़त में 107735 test‏.htm नित्य हुआ करती हैं, और कोई भागता नहीं। फिर वही क्यों इतना डरे 107736 test‏.htm डाल ही दिया। वह सँभल गया। भागता हुआ सिपाही मानो अपने एक साथी 107737 test‏.htm दिन? भला इस तरह कोई घर से भागता है? और कभी एक चिट्ठी तक न भेजी। 107738 test‏.htm का आदमी अमारा सकल देखकर भागता है। अमारा अपना काँसल है, अम 107739 test‏.htm चौकड़ियाँ भरता हुआ निकल भागता। अपने मित्रों और बाल-बच्चों 107740 test‏.htm की कृषक प्रकृति झगड़े से भागती थी। चार बातें सुनकर ग़म खा 107741 test‏.htm न कर! तू ही रूठ-रूठकर नैहर भागती थी।’ जब महीनों ख़ुशामद करता 107742 test‏.htm सूझने लगी हैं। नहीं, घर से भागते क्यों!’ 107743 test‏.htm समझकर मुझसे हमेशा दूर भागते रहे। नहीं, मैं जो कुछ कहना चाहती 107744 test‏.htm हैं। ठाकुर साहब जान बचाकर भागते हैं। 107745 test‏.htm और एलेक्शन के मैदान से भागना भी मेरे लिए संभव नहीं है। मैं 107746 test‏.htm फिर ख़ुद भाग जाय। अगर उसे भागना ही होता, तो वह उस लड़की को लाता 107747 test‏.htm देखता भी था, उसके यहाँ से भागने का एक कारण यह भी था। यहाँ उसकी 107748 test‏.htm हंटर खा-खाकर लोग इधर-उधर भागने लगे। उसके तेज के सामने वह नीच 107749 test‏.htm था, लड़ाई-झगड़े से कोसों भागनेवाला। किसी से मतलब नहीं। अपने काम 107750 test‏.htm पोथी-पत्रे बाँचता था, कथा- भागवत कहता था, धर्म-संस्कार कराता 107751 test‏.htm हुए कहा -- मैं इसे रखकर अभी भागा आता हूँ। एक खाँचा और लूँगा। 107752 test‏.htm ने फिर हिरन उठा लिया था और भागा चला जा रहा था। वह दिखा देना 107753 test‏.htm हो। लाज और डर के मारे घर से भागा ज़रूर; मगर तेरी याद एक छन के 107754 test‏.htm को रौंदता हुआ वह इस तरह भागा जा रहा था, मानो पीछे दौड़ आ रही 107755 test‏.htm में पहुँच गये। खेत कहीं भागा जाता था! 107756 test‏.htm भी दूँगा। न गाँव छोड़कर भागा जाता हूँ, न इतनी जल्द मौत ही 107757 test‏.htm जब से गोबर भागा था, पुन्नी और धनिया में बोलचाल 107758 test‏.htm हुक्म। कोई गाँव छोड़कर भागा थोड़ा ही जाता है; अगर खेती में 107759 test‏.htm उसके डर के मारे भागा- भागा फिरता था। कहता था, जिस दिन तुम्हारी 107760 test‏.htm मुँह में कालिख लगाकर कहीं भागा होगा। 107761 test‏.htm चालाक है। चीज़ लेकर कैसा भागा ! 107762 test‏.htm आप तो चिनगारी छोड़कर भागा , आग मुझे बुझानी पड़ रही है। 107763 test‏.htm थी। बेचारा उसके डर के मारे भागा -भागा फिरता था। कहता था, जिस 107764 test‏.htm यह वारदात हुई, उसी रात को भागा। 107765 test‏.htm ‘मेरा गधापन था कि घर से भागा। नहीं देखता, कैसे कोई एक धेला 107766 test‏.htm -- हत्यारा, गऊ-हत्या, करके भागा। मुँह में कालिख लगी है, घर कैसे 107767 test‏.htm दूर भागेगी। जितना ही दूर भागियेगा , उतना ही आपकी ओर दौड़ेगी।’ 107768 test‏.htm तू तो कहती थी, कोई गाय भागी आ रही है। मैंने ही कहा, भैया 107769 test‏.htm प्यार कर ले; मगर वह कहीं भागी तो नहीं जाती। बच्चों को उससे 107770 test‏.htm रात भींग गयी और वह न लौटा, भागी यहाँ चली आयी। मैंने तो कह दिया, 107771 test‏.htm खायीं और जूठे मुँह भागी हुई घर चली गयी। 107772 test‏.htm से काटा। पुर छूटते ही वह भागी हुई सिलिया के पास पहुँची। 107773 test‏.htm इस कपटी के साथ घर से निकल भागी। सारी दुनिया में हँसी भी हुई 107774 test‏.htm जमा दीं और किवाड़ खोलकर भागी।’ 107775 test‏.htm तो तुम्हारे साये से भी भागूँगी। मैं रुपवती हूँ। तुम भी मेरे 107776 test‏.htm अपना घर है, तो क्यों कहीं भागें ? तुम नाहक़ डर रही हो।’ 107777 test‏.htm है। कौड़ियाँ समेटकर भागे कि सहसा जंगी ने उसे पहचानकर 107778 test‏.htm मेहता दौड़े हुए पाली की ओर भागे जा रहे थे और हज़ारों आदमी पागलों 107779 test‏.htm सुनिए, मिर्ज़ाजी, आप तो भागे जा रहे हैं। 107780 test‏.htm कहा -- उन्हें खाने दे। कहीं भागे नहीं जाते हैं। तू जाकर गाड़ी 107781 test‏.htm लाला पटेश्वरी भागे हुए आये और स्नेह भरी कठोरता 107782 test‏.htm से भाग जाना चाहती थी। कैसे भागे , क्या बहाना करे? उसके प्राण 107783 test‏.htm डाँड़। आप गाँव छोड़कर भागेगा। इधर बेदख़ली भी दायर किये देता 107784 test‏.htm उतना ही वह आप से दूर भागेगी। जितना ही दूर भागियेगा, उतना 107785 test‏.htm ने बात काटी -- तुम नाहक़ भागे। अरे, दारोग़ा को दस-पाँच देकर 107786 test‏.htm दोनों कान खड़े करके निकल भागे। आख़िर किस बिरते पर हज़ार-पाँच 107787 test‏.htm जैसे कोई सिपाही मैदान से भागे। उसने झुनिया से प्रीति और विवाह 107788 test‏.htm हो। लोग सिर पर पाँव रखकर भागे। एक दूसरे पर गिरते, रेलते, जैसे 107789 test‏.htm आकर बैठे और मिल की तरफ़ भागे। चौरस्ते पर पहुँचे, तो देखा, 107790 test‏.htm साहब ने समझा, बिल्ली के भागों छींका टूटा। अभी कुँवर साहब 107791 test‏.htm लेकिन वह पुस्तक के उन्हीं भागों पर ज़्यादा ध्यान देता है, जो 107792 test‏.htm उनके हृदय के भिन्न-भिन्न भागों में अपनी रश्मियाँ डाली थीं; 107793 test‏.htm रक्षा करते हुए कहा -- अच्छा भागो नहीं, अब कुछ न कहूँगी। मालूम 107794 test‏.htm गये? लुगाई आ जायगी, तब कहाँ भागोगे ? 107795 test‏.htm उसे आते देखो, तो दुम दबाकर भागो। यह तुम्हारा संपूर्ण जीवन है! 107796 test‏.htm होरी सिर नीचा किये अपने भाग्य को रो रहा था। धनिया का मुस्कराना 107797 test‏.htm थीं। दोनों ही अपने-अपने भाग्य को रो रही थीं। दोनों ही ईश्वर 107798 test‏.htm भी मुझे मिलती, तो मैं अपने भाग्य को सराहता, यह तो राजा सूर्यप्रताप 107799 test‏.htm सुना है और समझा है कि अपना भाग्य ख़ुद बनाना होगा, अपनी बुद्धि 107800 test‏.htm पा लेती, खड़ी ताकती रहती। भाग्य फूट गये! 107801 test‏.htm में मनुष्य और उसका भाग्य बनता है, उसे छोड़कर आप उन कारखानों 107802 test‏.htm आराम मिलना चाहिये। लेकिन भाग्य में आराम लिखा होता तब तो मिलता। 107803 test‏.htm तुमसे हार जाती हूँ। मेरे भाग्य में तुम्हीं जैसे बुद्धू का 107804 test‏.htm हो जाता है। मजूरी करना भाग्य में न होता तो यह सब बिपत क्यों 107805 test‏.htm करो; लेकिन आराम तो हमारे भाग्य में लिखा ही नहीं। 107806 test‏.htm और चक्की पीसो, जो तुम्हारे भाग्य में लिखा है। यह समझ लो कि ये 107807 test‏.htm होगी, वही उसकी भी होगा। भाग्य में सुख बदा होता, तो लड़का यों 107808 test‏.htm प्रसन्न मन से करें और अपना भाग्य सराहें कि इस पुरुष ने मुझसे 107809 test‏.htm प्रत्येक हार जैसे उसे भाग्य से लड़ने की शक्ति दे देती थी; 107810 test‏.htm सौ की बोहनी हुई। किसी भाग्यवान का मुँह देखा था। 107811 test‏.htm में बंद कर सकूँ, तो अपने को भाग्यवान समझूँ। 107812 test‏.htm के यही लक्षण हैं। ऐसे भाग्यवानों के दर्शन कहाँ होते हैं। 107813 test‏.htm है। मिस्टर कौल उन्हीं भाग्यवानों में से थे। उनके तीन लड़कियाँ 107814 test‏.htm ख़ूब नमक-मिर्च लगाकर अपने भाग्योदय का वृत्तांत कहा, और जंगी को 107815 test‏.htm आगरी उसे मिल जाय, तो धन्य भाग। फिर वह क्यों पंचायत और बिरादरी 107816 test‏.htm लिए? बाग़ में फल निकले, शाक- भाजी पैदा हो, सब से पहले खन्ना के 107817 test‏.htm बारी, बढ़ई, लोहार, पुरोहित, भाट , भिखारी, सभी अपने-अपने जेवरें 107818 test‏.htm डाक्टर सेठ और प्रोफ़ेसर भाटिया और न जाने किस-किस की स्त्रियाँ 107819 test‏.htm ओंकारनाथ बोले -- अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता, मिस्टर मेहता! 107820 test‏.htm होता, तो कहता, गायें जायँ भाड़ में, हमें रूपए मिलते हैं, क्यों 107821 test‏.htm ‘खाल जाय भाड़ में। मैं अब तुमसे बात न करूँगी।’ 107822 test‏.htm छोड़ोगे कि सब बिरादरी के भाड़ में झोंक दोगे। मैं तुमसे हार 107823 test‏.htm आँखों न देख सकेगा। भोज- भात जो लगेगा, वह हम सब दे लेंगे, 107824 test‏.htm रहती है। जब तक बिरादरी को भात न दोगे, बाम्हनों को भोज न दोगे, 107825 test‏.htm उसे यह झमेला बिल्कुल नहीं भाता था। 107826 test‏.htm हैं; लेकिन भावजों को नहीं भाते। उन्हें तो वह चाहिए, जो सोने 107827 test‏.htm शुरू हो जाता है और सावन- भादों में कजलियाँ होती हैं। कजलियों 107828 test‏.htm मच गया। बारे कुशल हुई कि भादों में वर्षा हो गयी और किसानों 107829 test‏.htm पानी था, वह इस समय जैसे भाप बनकर उसे यंत्र की-सी अंध-शक्ति 107830 test‏.htm हो ही क्या सकती थी, भाभियाँ अलबत्ता कभी-कभी उससे ठठोली 107831 test‏.htm वह या तो उसकी बहनें थीं या भाभियाँ। बहनों से तो कोई छेड़छाड़ हो 107832 test‏.htm झुनिया का वंचित मन, जिसे भाभियों के व्यंग और हास-विलास ने और 107833 test‏.htm रोटी नहीं बना रही हो क्या भाभी जी? अब तो बेला हो गयी। 107834 test‏.htm हाथ पकड़ता था, तब तुम्हारी भाभी तुम्हारे मुँह में दवाई डालती 107835 test‏.htm में उसे छेड़ा करता था। वह भाभी थी, होरी देवर था, इस नाते से 107836 test‏.htm भी न खिलाया, सेंत-मेंत में भाभी बताने को तैयार।’ 107837 test‏.htm लिए आईना-कंघी लाये हैं भाभी ! 107838 test‏.htm -- यह तो तुम झूठ बोलती हो भाभी ! बिना कुछ रस पाये थोड़े ही आता 107839 test‏.htm सोना ने बाहर आ कर कहा -- भाभी , अम्माँ ने कहा है अनाज निकालकर 107840 test‏.htm होरी ने घिघियाकर कहा -- भाभी , ऊख काट लेने दो, इनके रुपये मिलते 107841 test‏.htm सोना लजा गयी -- तुम तो भाभी , गाली देती हो। 107842 test‏.htm ‘मुझसे क़सम ले लो भाभी , जो मैंने उसकी कमाई का एक पैसा 107843 test‏.htm होरी ने छेड़ा -- आज तो भाभी , तुम सचमुच जवान लगती हो। 107844 test‏.htm हीरा ने रोते हुए कहा -- भाभी , दिल कड़ा करो, गो-दान करा दो, 107845 test‏.htm होरी ने गिड़गिड़ाकर कहा -- भाभी , बड़ा पुन्न होगा। तुम रुपए 107846 test‏.htm ‘भाभी , बुरा न मानो, तो एक बात कहूँ?’ 107847 test‏.htm ‘तुम्हारी एक-एक पाई दूँगा भाभी , हाथ में पैसे आने दो। और खा ही 107848 test‏.htm अभी बुढ़िया कैसे हो गयी भाभी ? मुझे तो अब भी ॰॰॰’ 107849 test‏.htm दया से अभी बहुत है भाभीजी ! पंद्रह मन तो जौ हुआ है और दस 107850 test‏.htm रो रही थीं। उसकी सेवा का भार अधिकतर उन्हीं दोनों पर था। 107851 test‏.htm हो जाती है। हम व्यर्थ का भार अपने ऊपर लादकर, रूढ़ियों और 107852 test‏.htm था। आजकल भी दही बेचने का भार उसी पर था। उसे तरह-तरह के मनुष्यों 107853 test‏.htm है कि इससे उसके कर्तव्य का भार कुछ हलका हो जाता है। उसके बाप 107854 test‏.htm दिया जाय। मालती ही पर यह भार डाल गया था। मालती कई दिन तक 107855 test‏.htm अकेली उठा सकती थी। सुख का भार तो अकेले नहीं उठता। किसे यह 107856 test‏.htm का वरदान पा गयी। दुःख का भार तो वह अकेली उठा सकती थी। सुख 107857 test‏.htm जीते-जी जो उसके जीवन का भार था, मरकर उसके प्राणों में समा 107858 test‏.htm ज़ायदाद पर दस लाख से कम का भार नहीं है। उस ज़ायदाद पर तो अब 107859 test‏.htm कोई आभूषण, जैसे गृहस्थी के भार ने यौवन को दबाकर बौना कर दिया 107860 test‏.htm त्याग सब कुछ पालन करने का भार पटका जाता है? 107861 test‏.htm न सँभलती थी, पुनिया का भार भी अपने सिर ले लिया।’ 107862 test‏.htm के छोटे बच्चों को पालने का भार भी मालती पर है। यह मातृत्व 107863 test‏.htm अब कोई चिंता मत करो, सारा भार मुझ पर छोड़ दो, मैं अब हर महीने 107864 test‏.htm आपके सिर पर इतना बड़ा भार रख दिया।’ 107865 test‏.htm सरल, उदार प्राणी पर अपना भार रखते ज़रा भी न सकुचाते थे। 107866 test‏.htm दिन मैंने पत्र-संपादन का भार लिया, उसी दिन प्राणों का मोह 107867 test‏.htm अपने स्थूल शरीर का भार लिये उनकी पीठ पर हुमच रहे हैं। 107868 test‏.htm होकर बोले -- वाह, अगर यह भार ले लो, तो क्या कहना; मूसलों ढोल 107869 test‏.htm की, जिसे सदैव जीवन का भार समझा, जिसकी मृत्यु की सदैव 107870 test‏.htm कायर बना देती है, भूत का भार हमारी कमर तोड़ देता है। हममें 107871 test‏.htm के शोक और दरिद्रता का भार हलका कर सकते थे; मगर वह धन उन्होंने 107872 test‏.htm और उसी पर गृहस्थी का सारा भार है। नारी में सेवा और संयम और 107873 test‏.htm कर सकते। तुम्हें वह जीवन भार हो जायगा। अपनी विद्या और बुद्धि 107874 test‏.htm होगा, बिलकुल अभूतपूर्व। भारत के बूढ़े आज भी कैसे पोढ़े हैं, 107875 test‏.htm मयस्सर नहीं। लोग कहते हैं, भारत धनी हो रहा है। होता होगा। हम 107876 test‏.htm इस त्याग और तपस्या की भूमि भारत में भी कुछ वही हवा चलने लगी 107877 test‏.htm आज ‘स्वराज’ और ‘स्वाधीन भारत’ और ‘हंटर’ के संपादक, आकर देखें 107878 test‏.htm के कासमीरी रहते थे। बड़े भारी आदमी थे। उनके यहाँ पाँच सेर 107879 test‏.htm सहसा झुनिया भारी कंठ से बोली -- मैं बड़ी अभागिन 107880 test‏.htm ‘बड़ा भारी कलेजा है तुम लोगों का भाई, लेकिन 107881 test‏.htm और उसे आँसुओं से धो दें। भारी गले से बोले -- हाँ प्रिये, हम 107882 test‏.htm जाने के कारण इस वक़्त सिर भारी था और देह टूट रही थी। इधर शोफ़र 107883 test‏.htm खुदाई करने चला, तो देह भारी थी। रात की थकान दूर न हो पाई 107884 test‏.htm गहरा था, कोई साठ हाथ, मटके भारी थे और मेहता कसरत का अभ्यास 107885 test‏.htm ‘बहुत भारी नहीं है, सच।’ 107886 test‏.htm पर चरसा, रस्सा और जुए का भारी बोझ था; पर इस समय वह उसे फूल 107887 test‏.htm विश्वास हो गया कि एक बड़े भारी मुस्लिम ताल्लुक़ेदार को नीचा 107888 test‏.htm दिया -- महतो, दो-तीन सौ कोई भारी रक़म नहीं है, और होरी महतो, इतने 107889 test‏.htm ‘आज मेरे मन की बड़ी भारी लालसा पूरी हो गयी।’ 107890 test‏.htm बना दिया। उस दिन बड़ा भारी हवन हुआ, बहुत-से ब्राह्मणों 107891 test‏.htm ने सकुचाते हुए कहा -- बहुत भारी है सरकार! 107892 test‏.htm निकालना उचित नहीं। पाँव भारी है, कहीं डर-डरा जाय, तो और आफ़त 107893 test‏.htm छिपा लेंगे। मेरी रोटियाँ भारी हैं, न दें। मेरे लिए क्या? मजूरी 107894 test‏.htm मालूम हुआ कि हीरा का स्वर भारी हो गया है। उसका गला भी भर आया। 107895 test‏.htm हूँ। मेरी रोटी तुम्हें भारी हो, तो मैं अपने घर चली जाऊँ। 107896 test‏.htm सौ और ले लेंगे, तो बोझा और भारी होगा कि नहीं? 107897 test‏.htm न था। हिरन ऐसा क्या बहुत भारी होगा। आख़िर मिर्ज़ा इतनी दूर 107898 test‏.htm में उभार है, नितंबों में भारीपन है, देवी होने के लिए और क्या 107899 test‏.htm ले आयी। डाक्टर ने देख- भाल कर कहा -- इसकी देह में ख़ून तो 107900 test‏.htm ही न रहा तो कौन उनकी देख- भाल करता। मातादीन पुआल पर बैठ गया। 107901 test‏.htm कैसे बच्चे की देख- भाल करेगी?’ 107902 test‏.htm नहीं मिलती। बच्चे की देख- भाल क्या करेगी। बेचारा अकेला ज़मीन 107903 test‏.htm लट्टू कैसे हो गये। कुछ देख- भाल तो कर लिया होता कि किस स्वभाव 107904 test‏.htm चौका-बरतन, लड़कों की देख- भाल यह कोई थोड़ा काम है। सोभा की 107905 test‏.htm दे दी। अपने जानवरों की देख- भाल , सानी-भूसे के लिए उन्हें एकाएक 107906 test‏.htm गोबर ने छुरी को भाला बनाकर उनके ऊपर चलाया -- यही कोई 107907 test‏.htm वही खा लेता था। वही भोला- भाला शील-स्नेह का पुतला आज क्यों 107908 test‏.htm भुलाता रहता था। उसका भोला- भाला , मक्खन-सा मुँह देखकर वह अपनी 107909 test‏.htm भूसा किसी को। यहाँ भोली- भाली किसी का करज़ नहीं खाया है। 107910 test‏.htm नहीं? आपने उनकी भोली- भाली शांत-मुद्रा देखकर समझ लिया, 107911 test‏.htm देखने में तो तू बड़ी भोली- भाली है। 107912 test‏.htm से वसूल किये जाते हैं, भाले की नोक पर। मुझे तो यही आश्चर्य 107913 test‏.htm साहब ने उनकी तोंद की तरफ़ भाले -जैसी नुकीली दृष्टि से देखा 107914 test‏.htm इसकी जगह आत्म-सेवन का जो भाव आ बैठा है -- सब कुछ अपने लिए, अपने 107915 test‏.htm धनिया के मन में स्वयं यही भाव आते रहते थे। उदास मन से बोली 107916 test‏.htm उसी तरह मन में कोई सुंदर भाव आये, तो वह उसे प्रकट किये बिना 107917 test‏.htm यश, लोभ या कर्तव्य-पालन के भाव उनके मन में आते ही न थे। इनकी 107918 test‏.htm किसी तरह की अपूर्णता का भाव उसके मन में न आता था। अनाज से 107919 test‏.htm में छेद कर दिया और वह रस- भाव उसमें किसी तरह नहीं टिक रहा 107920 test‏.htm डालूँ तो भी प्रतिहिंसा का भाव उसमें न आये, अगर मैं उसकी आँखों 107921 test‏.htm छोकरी में सेवा का कितना भाव और कितना व्यावहारिक ज्ञान 107922 test‏.htm ‘किसके बल पर यह भजन- भाव और दान-धर्म होता है?’ 107923 test‏.htm हो! मेरे लिए रंग-रूप और हाव- भाव और नाज़ो-अंदाज़ का मूल्य इतना 107924 test‏.htm कहती हूँ, सेवा या त्याग का भाव कभी मेरे मन में नहीं आया। जो 107925 test‏.htm के आदमी हो, तुमसे क्या मोल- भाव करता। तुम्हारा वह लड़का, जिसकी 107926 test‏.htm कोठियाँ दिखायीं, मोल- भाव किया और पच्चीस रुपए सैकड़े 107927 test‏.htm में बड़ा अंतर था। हिंसा- भाव कुछ तो यों ही समय के प्रभाव 107928 test‏.htm लेकिन लड़के के इस विद्रोह- भाव को दबाना ज़रूरी था। बोला -- सलामी 107929 test‏.htm को मिटाना और भ्रातृ- भाव को दृढ़ करना ही था। यह एकता, 107930 test‏.htm के समीप लाना, आपस के भेद- भाव को मिटाना और भ्रातृ-भाव को 107931 test‏.htm जायगी। गुड़ और खाँड़ के भाव चीनी मिलेगी, तो हमारा गुड़ 107932 test‏.htm उसके मन में विद्रोह के भाव जाग उठते थे और वह पति को दो-चार 107933 test‏.htm उनके मन में श्रद्धा के भाव जाग उठे। राय साहब स्टेज के 107934 test‏.htm न करो। और न सही तो मित्र- भाव तो बना रहने दो। 107935 test‏.htm भाव न था, केवल पुरुषत्व का भाव था। अगर मालती उन्हें इस योग्य 107936 test‏.htm खन्ना ने पिता के स्नेह का भाव दिखाते हुए कहा -- बच्चों को दवाओं 107937 test‏.htm वात्सल्य, यह अदम्य मातृ- भाव देखकर उनकी आँखें सजल हो गयीं। 107938 test‏.htm किया था। इसमें प्रेम का भाव न था, केवल पुरुषत्व का भाव था। 107939 test‏.htm के सामने होरी ने कुछ ऐसा भाव प्रकट किया था, जिसे स्वीकृति 107940 test‏.htm पर कुछ ऐसा मिथ्या विनीत भाव प्रकट हुआ जो भिक्षा माँगते 107941 test‏.htm खन्ना ने ऐसा भाव बनाया, मानो उन्हें बड़ी चिंता 107942 test‏.htm न पड़ेगा। और जब गुड़ के भाव मिल की चीनी मिलेगी, तो गुड़ 107943 test‏.htm भाई हैं। जो लोग भेद- भाव में विश्वास रखते हैं, जो लोग 107944 test‏.htm नहीं। मैं कितनी ही बार यह भाव व्यक्त कर चुका हूँ। 107945 test‏.htm लेकिन यह भाव शब्दों में आने का साहस न कर 107946 test‏.htm सभी गधे हैं जो निःस्वार्थ- भाव से आपका घाटा पूरा करते हैं। 107947 test‏.htm झुनिया ने सदय भाव से उसकी ओर ताका। कितना भोला 107948 test‏.htm एकादशी। कभी-कभी विनोद- भाव से एक-दूसरे पर छींटे भी उड़ा 107949 test‏.htm कैसे बोलता है? रामू गंभीर भाव से कहता -- भों-भों, और काटने दौड़ता। 107950 test‏.htm रुद्रपाल ने अचल भाव से कहा -- अगर आप इतने उत्सुक 107951 test‏.htm ने बैठते हुए अनुग्रह भाव से कहा -- अबकी तो तुम्हारे खेत 107952 test‏.htm दातादीन ने मीठे उलाहने के भाव से कहा -- अरे! तुम्हारे घर में 107953 test‏.htm गोमती ने उसी संदेह के भाव से कहा -- इसी से तो मैं तुम्हें 107954 test‏.htm मेहता ने निस्संकोच भाव से कहा -- इसीलिए कि मैं समझता 107955 test‏.htm ओंकारनाथ ने अनिच्छा के भाव से कहा -- किसी न किसी तरह काम 107956 test‏.htm एक मिनट के बाद संकोच भरे भाव से कहा -- क्रोध में बेटा, आदमी 107957 test‏.htm बुढ़िया ने निश्चयात्मक भाव से कहा -- घसियारा तो है ही बेटा, 107958 test‏.htm राय साहब ने संदिग्ध भाव से कहा -- जब आप ही मेरे दर्द को 107959 test‏.htm होरी ने चिंतित भाव से कहा -- तुम जाओ, मैं थोड़ी देर 107960 test‏.htm आक्षेप सुनकर निश्चिंत भाव से कहा -- तुम्हें अख़्तियार 107961 test‏.htm के सामने जाकर निश्शंक भाव से कहा -- तुम्हें रुपये नहीं 107962 test‏.htm भोला ने करुण भाव से कहा -- बड़े आदमियों की बराबरी 107963 test‏.htm मालती ने उपहास भाव से कहा -- बस-बस, वह देवी है। मैं 107964 test‏.htm राय साहब ने आपत्ति के भाव से कहा -- बहन तो मालती ही की है। 107965 test‏.htm मातादीन ने दीन- भाव से कहा -- मुझे उसके पास मत भेजो 107966 test‏.htm झुनिया ने उपेक्षा भाव से कहा -- मुझे ऐना-कंघी न चाहिए। 107967 test‏.htm मेहता ने विरक्त भाव से कहा -- मेरे जैसे किताब कीड़ों 107968 test‏.htm खन्ना ने उपेक्षा- भाव से कहा -- मैं ऐसे फ़जूल के कामों 107969 test‏.htm गोबर ने कातर भाव से कहा -- मैं कहीं नौकरी चाहता 107970 test‏.htm गोबर ने निःशंक भाव से कहा -- मैं कोई हूँ; लेकिन अनुचित 107971 test‏.htm भोला ने निर्मम भाव से कहा -- मैं तुम्हारे घर में 107972 test‏.htm मालती ने सरल भाव से कहा -- मैं तो भूल गयी, सच कहती 107973 test‏.htm ने विपक्षी न बनकर मध्यस्थ भाव से कहा -- मैं मानती हूँ कि धन 107974 test‏.htm खन्ना ने कृतज्ञता के भाव से कहा -- यह आपकी कृपा है। मैंने 107975 test‏.htm खन्ना ने अविश्वास के भाव से कहा -- या तो आपको याद नहीं 107976 test‏.htm देखकर उसने सरस ताड़ना के भाव से कहा -- हँसोगे होरी तो मैं 107977 test‏.htm कि यह प्रश्न उसने उसी सहज भाव से किया, जैसे अपने किसी आत्मीय 107978 test‏.htm को सामने देखकर याचना भाव से क्षीण-स्वर में बोला -- आज 107979 test‏.htm है। वहाँ पाँच-छः सेर के भाव से चाहो तो एक घड़ी में मनों 107980 test‏.htm राम-राम करते और सम्मान- भाव से चिलम पीने का निमंत्रण देते 107981 test‏.htm मेहता ने इस भाव से जवाब दिया, जैसे इस दलील का 107982 test‏.htm मालती ने मेहता की ओर दया- भाव से देखकर कहा -- मिस्टर मेहता 107983 test‏.htm होरी ने रुपये की ओर उदासीन भाव से देखकर कहा -- यह लेकर मैं क्या 107984 test‏.htm मेहता ने मालती की ओर दीन- भाव से देखा और बोले -- नहीं मालती, 107985 test‏.htm सोफ़े पर बैठकर निश्चिंत भाव से धुआँ उड़ाते हुए कहा -- मुझे 107986 test‏.htm आकर खड़ा हो गया और उग्र भाव से बोला -- अच्छा दादा, अब बहुत 107987 test‏.htm जलपान कराया और तब रहस्यमय भाव से बोला -- मेरे बाँस कभी तीस 107988 test‏.htm फिर एक क्षण के बाद गंभीर भाव से बोली -- आज तुमने मेरा हाथ 107989 test‏.htm मालती निःसंकोच भाव से बोली -- इन्होंने मार-मारकर 107990 test‏.htm धनिया संदिग्ध भाव से बोली -- भगवान के अधीन है, जब 107991 test‏.htm मुड़िया हिलाये वाले भाव से बोली -- मैं उनके बखान की भूखी 107992 test‏.htm भी उठ बैठी, और निश्चल भाव से बोली -- मैं यही चाहती हूँ, 107993 test‏.htm मेहता गंभीर भाव से बोले -- आपका ख़याल बिलकुल 107994 test‏.htm संपादकजी उपेक्षा भाव से बोले -- उनका समय मूल्यवान 107995 test‏.htm का तेज बिदा हो गया। नम्र भाव से बोले -- मैंने खन्ना की हिमायत 107996 test‏.htm को हँसी में लिया और विनोद- भाव से बोले -- लखनऊ की हवा खा के तू 107997 test‏.htm मिर्ज़ा ने अपराधी भाव से मुस्कराकर कहा -- मैंने शिकार 107998 test‏.htm उसने निस्संकोच भाव से मेहता के अचकन की बटनें खोल 107999 test‏.htm पर थी। मेहता कितने शांत भाव से शत्रुओं की ओर जा रहे हैं। 108000 test‏.htm राय साहब ने सहानुभूति के भाव से सिर हिलाकर कहा -- सुन चुका 108001 test‏.htm कहते और सुनते हैं तटस्थ भाव से, मानो हम किसी ऊँचे शिखर पर 108002 test‏.htm करता हूँ, केवल विनोद के भाव से; अगर मैं गलती नहीं करता, तो 108003 test‏.htm इस समय यही भाव होरी के मन में भी आ रहे थे; लेकिन 108004 test‏.htm उसका यथार्थ रूप हो, यह हाव- भाव , यह शौक़-सिंगार उसके मातापन 108005 test‏.htm थे। कई बनिये खड़े गल्ले का भाव -ताव कर रहे थे। सारे खलिहान 108006 test‏.htm भी आया। किसानों ने जो उससे भाव -ताव किया, तो मालूम हुआ, गुड़ 108007 test‏.htm मुश्किल से निकलते हैं, भाव -ताव में भी वह चौकस होता है, ब्याज 108008 test‏.htm हृदय का स्थान है, वहाँ हाव- भाव ; मनोद्गारों पर कठोर निग्रह, 108009 test‏.htm करता था। भाई बिगड़ते थे, भावजें जलाती थीं। भोला जो तुझे पा 108010 test‏.htm ही नहीं होती। और दोनों भावजें हैं कि रात-दिन उसे जलाती रहती 108011 test‏.htm में एक जवान हैं; लेकिन भावजों को नहीं भाते। उन्हें तो वह 108012 test‏.htm कोई मतलब नहीं। मेरी दोनों भावजों ही को देखो। हमारे भाई काने-कुबड़े 108013 test‏.htm तक उसका विवाह न हुआ था, यह भावना उतनी बलवान न थी, पर विवाह हो 108014 test‏.htm में विद्रोह की भावना उत्पन्न करके समाज का बड़ा उपकार 108015 test‏.htm की रक्षा करते हुए -- इसी भावना का क्षेत्र और बढ़ाकर -- भावी 108016 test‏.htm बनना सिखाया था। वह मातृ- भावना का जीता-जागता बालक पाकर अब 108017 test‏.htm और इससे भी अधिक उनकी पुरुष- भावना का। एक रमणी के हाथों से शराब 108018 test‏.htm कविता केवल मन की तरंग या भावना की उड़ान न थी, उसके एक-एक शब्द 108019 test‏.htm से भाग जाना उसकी प्रतिशोध- भावना की तुष्टि के लिए काफ़ी था। 108020 test‏.htm अपने संबंधियों में है। इस भावना की रक्षा करते हुए -- इसी भावना 108021 test‏.htm अपनी जान दे दी है; मगर उस भावना को मैं श्रद्धा कह सकता हूँ, 108022 test‏.htm मनस्वी प्राणियों में यह भावना छिपी रहती है और प्रकाश पाकर 108023 test‏.htm मालती के प्रति वह उत्कट भावना जाग्रत न हुई थी, जिसके बिना 108024 test‏.htm अंतर न आ सकता था। उसकी यह भावना पति के रंग-रूप या उम्र पर आश्रित 108025 test‏.htm ज़्यादा होती है, यह शासन- भावना भी उतनी ही प्रबल होती है और 108026 test‏.htm या बूढ़े होने से उसकी नारी- भावना में कोई अंतर न आ सकता था। उसकी 108027 test‏.htm दुरुपयोग करें, लेकिन उसकी भावना में जो पवित्रता है, वह हमारी 108028 test‏.htm संसर्ग में आकर उसकी त्याग- भावना सजग हो उठी थी। सभी मनस्वी प्राणियों 108029 test‏.htm अपने नैहर भाग गयी थी। यह भावना सोना में और तीव्र हो गयी थी। 108030 test‏.htm के अंतःकरण की सारी कोमल भावनाएँ इस वक़्त मुँह खोले बैठी हुई 108031 test‏.htm सीने से लिपट जाय। भीतर की भावनाएँ बाहर आकर मानो सत्य हो गयी थीं। 108032 test‏.htm है जैसे द्वेष और मोह-जैसी भावनाओं को उसने जीत लिया है। और यह अपार 108033 test‏.htm अब तक कभी न खुली थीं। वह भावनायें जो अब तक उनके सामने स्वप्न-चित्रों 108034 test‏.htm दातादीन ने इसका भावार्थ किया -- यह कहते हैं कि होरी ने 108035 test‏.htm समझूँगा। इसे कवियों का भावावेश न समझिए, यह मेरे जीवन का सत्य 108036 test‏.htm दुलारी के पाँव पकड़ लिये। भावावेश से मुँह बंद हो गया। 108037 test‏.htm का क्षेत्र और बढ़ाकर -- भावी नारीत्व का आदर्श निर्माण होगा। 108038 test‏.htm मुझे ऐसे महत्व के विषय में भावुकता पसंद नहीं; अगर तुमने पहले ही 108039 test‏.htm ‘भावुकता में न आओ मालती! प्रेम देने के 108040 test‏.htm बात काटकर बोले -- फिर वही भावुकता। मुझे ऐसे महत्व के विषय में 108041 test‏.htm में मिलकर और सारे भेद- भावों को मिटाकर इन रश्मियों को मानो 108042 test‏.htm का बंधन बना लो। इस तरह के भावों ने उसकी मानवता को पंख-से लगा 108043 test‏.htm तुम्हें डाक्टर साहब का भाषण आदि से अंत तक सुनना चाहिए था। 108044 test‏.htm करते हुए पूछा -- मेरे भाषण के विषय में आपकी क्या राय है? 108045 test‏.htm फिर बैठ गये। मेहता का भाषण जारी था -- 108046 test‏.htm मेहता का भाषण जारी था -- 108047 test‏.htm मेहता का भाषण जारी था -- देवियो, मैं उन लोगों 108048 test‏.htm लेख लिख सकता हूँ, केवल भाषण दे सकता हूँ; वह उस प्रेम और त्याग 108049 test‏.htm शरीक हैं। मेहता के पहले भाषण ने महिलाओं में बड़ी हलचल मचा 108050 test‏.htm कितने मनोनियोग से अपना भाषण लिख रही थी और कितनी ओजभरी कविता 108051 test‏.htm रही। और भी कई देवियाँ अपने भाषण लिख रही थीं। उस दिन जब मेहता 108052 test‏.htm मिस्टर मेहता का भाषण शुरू हुआ -- 108053 test‏.htm भी विराज रहे थे। राय-साहब भाषण शुरू होने के बाद आये और पीछे 108054 test‏.htm भाषण समाप्त करते ही मिर्ज़ाजी ने 108055 test‏.htm भाषण समाप्त हो गया। विषय विवाद-ग्रस्त 108056 test‏.htm ‘पूरा भाषण सुनने का सब्र किसे था? वह तो 108057 test‏.htm उन्हें गर्व हुआ। उनका भाषण सुनने के लिए इतना उत्साह! और 108058 test‏.htm जलसों में पीछे खड़े होकर भाषण सुने हैं और उनसे अंग-अंग में 108059 test‏.htm मन बढ़ने लगा था। वह अपने भाषण से, और अपनी कविता से लोगों को 108060 test‏.htm मेहता का तुम्हारे यहाँ भाषण हुआ था, सरोज? 108061 test‏.htm के और मुबारकवाद के भाषण हुए और मेहमान लोग बिदा हुए। 108062 test‏.htm लीग की ओर से मेहता का भाषण होनेवाला है। 108063 test‏.htm उन्होंने बड़ी लच्छेदार भाषा में, और अपने पिछले व्यवहार 108064 test‏.htm कोई समझे या न समझे। उसकी भाषा में त, ल और घ की कसरत थी और स, 108065 test‏.htm न हुई। हाँ, दोनों सांकेतिक भाषा में बातें करते थे। 108066 test‏.htm के परमभक्त थे और फ़ारसी- भाषा में रामायण का अनुवाद कर रहे 108067 test‏.htm स, र आदि वर्ण ग़ायब थे। उस भाषा में रोटी का नाम था ओटी, दूध का 108068 test‏.htm था। अपने साथ एक विचित्र भाषा लाया था, और उसी में बोलता था, 108069 test‏.htm और भीतर जा रहा था कि उसे भास हुआ, जैसे गाय के पास कोई आदमी 108070 test‏.htm बनाकर इन सबों को ख़ूब भिंगो -भिंगोकर लगाओ। 108071 test‏.htm इन सबों को ख़ूब भिंगो- भिंगोकर लगाओ। 108072 test‏.htm की आशा रखते थे, वह आज उनसे भिक्षा माँग रही थी। उन्हें अपने अंदर 108073 test‏.htm आज मैं आपसे आँचल फैलाकर भिक्षा माँगती हूँ। मालती से मेरा उद्धार 108074 test‏.htm विनीत भाव प्रकट हुआ जो भिक्षा माँगते समय मोटे भिक्षुकों 108075 test‏.htm ‘भिक्षुक को एक द्वार पर भरपेट कहाँ मिलता 108076 test‏.htm से उद्दीप्त मुख से कहा -- भिक्षुक को एक ही द्वार पर भरपेट मिल 108077 test‏.htm रसिकता के साथ कहा -- अगर भिक्षुक को भीख मिलने की आसा हो, तो वह 108078 test‏.htm और गहरे पानी में उतरी -- भिक्षुक जब तक दस द्वारे न जाय, उसका पेट 108079 test‏.htm तो गली-गली मिलते हैं। फिर भिक्षुक देता क्या है, असीस! असीसों से 108080 test‏.htm बड़े-बड़े धन-कुबेरों को भिक्षुकों के सामने घुटने टेकते देखा है, 108081 test‏.htm पेट कैसे भरेगा। मैं ऐसे भिक्षुकों को मुँह नहीं लगाती। ऐसे तो 108082 test‏.htm जो भिक्षा माँगते समय मोटे भिक्षुकों पर आ जाता है। 108083 test‏.htm निकाली -- भीख माँगो तुम, जो भिखमंगे की जात हो। हम तो मजूर ठहरे, जहाँ 108084 test‏.htm उसे घर से निकालकर सड़क की भिखारिन नहीं बना दिया। यही न्याय है, 108085 test‏.htm घरवाली की बुराई करने -- भिखारी को भीख तक नहीं देती थी, झाड़ू 108086 test‏.htm रह गया। भोला क्या उसे भिखारी बनाकर छोड़ देना चाहते हैं? 108087 test‏.htm देना है। जियावन महतो के घर- भिखारी भीख भी नहीं पाता; लेकिन करजे 108088 test‏.htm की हैसियत बिगाड़ दी और भिखारी हो गया। अब मुझे भी ज़िद पड़ 108089 test‏.htm बढ़ई, लोहार, पुरोहित, भाट, भिखारी , सभी अपने-अपने जेवरें लेने 108090 test‏.htm ‘तो मैं तुम्हारे रुपए भिजवा दूँगा।’ 108091 test‏.htm को सात-सात साल के लिए जेल भिजवा सकता हूँ। आपने समझ लिया कि 108092 test‏.htm मैं बिना लाला को बड़े घर भिजवाये मानूँगी नहीं। तीन साल चक्की 108093 test‏.htm यहीं तड़पने लगे, मैं उससे भिड़ जाऊँगा। आख़िर वह भी आदमी ही 108094 test‏.htm फिर पूर्व की ओर देखा। साइत भिनसार हो रहा है। गोबर काहे को जगने 108095 test‏.htm ने उनके हृदय के भिन्न- भिन्न भागों में अपनी रश्मियाँ डाली 108096 test‏.htm में मालती ने उनके हृदय के भिन्न -भिन्न भागों में अपनी रश्मियाँ 108097 test‏.htm पीटती फिरी। उनका तो धरम भिरष्ट हो गया था, उन्हें तो क्रोध था 108098 test‏.htm पीछे पंडित को भी तुमने भिरस्ट कर दिया। उसका धरम लेकर तुम्हें 108099 test‏.htm आदमी भेजा जा रहा है, भिषगा -चार्य को लाने के लिए कलकत्ता। 108100 test‏.htm सिविल सर्जन मि॰ टाड आये और भिषगाचार्य नीलकंठ शास्त्री आये; पर गोविंदी 108101 test‏.htm ने उसे जी कड़ा करके समझाया भी -- तुम बाल-बच्चेवाले आदमी हो, 108102 test‏.htm सकती थी। बोली -- बेटा, तुम भी अँधेर करते हो। हुक़्क़ा-पानी 108103 test‏.htm के लिए इच्छुक देखा, तो और भी अकड़ गये, हलाँकि वह मन में चाहते 108104 test‏.htm द्वार पर आये थे। दहेज भी अच्छा ही दिया गया था। नाच-तमाशा, 108105 test‏.htm ‘मिस मालती से जोड़ा भी अच्छा है।’ 108106 test‏.htm अधिकार है। बोले -- नाटक कोई भी अच्छा हो सकता है, अगर उसके अभिनेता 108107 test‏.htm आनंद तो जब है कि उसका पौरा भी अच्छा हो। भगवान् के मन की बात 108108 test‏.htm न चाहिए, मगर इतनी बेदरदी भी अच्छी नहीं होती। 108109 test‏.htm देखने लायक़ हो जाय। बछवे भी अच्छे बैल निकलेंगे। दो सौ से 108110 test‏.htm ख़त्म कर दिया जाय। मेहता भी अजीब बुद्धू आदमी हैं, कुछ धाँधली 108111 test‏.htm गिरकर मर गया था, तब से और भी अड़चन पड़ गयी थी। एक दिन पुनिया 108112 test‏.htm उसी स्वर में कहा -- और इससे भी अधिक उनकी पुरुष-भावना का। एक 108113 test‏.htm चाहूँ, तो मेरी पत्नी को भी अधिकार है कि वह जो चाहे, करे। 108114 test‏.htm न बनो। गाँव का हाल जानकर भी अनजान बनते हो।’ 108115 test‏.htm ‘उनसे बिना पूछे भी अनुमान किया जा सकता है और वह 108116 test‏.htm वह सफल है। मैं अपने को भी अपना नहीं बना सकती, वह दूसरों 108117 test‏.htm बना सकती, वह दूसरों को भी अपना बना लेती है। क्या यह उसके 108118 test‏.htm बहुत ज्ञान न बघार। अब तू भी अपना भला-बुरा सोचने योग हो 108119 test‏.htm नहीं सूझा था? उस घड़ी हम भी अपना भला-बुरा सोचने लगते, तो 108120 test‏.htm देनेवाली, जो पराये बालक को भी अपना समझ सकती है, जैसे उसने 108121 test‏.htm मुझे अपना समझे और जिसे मैं भी अपना समझूँ। एक पंडित जी बहुत 108122 test‏.htm उधर कंपनी के डायरेक्टर भी अपनी घात में बैठे हुए थे। हड़ताल 108123 test‏.htm कुछ नहीं कर लिया है। मैं भी अपनी बच्चियों के साथ सती हुई 108124 test‏.htm ताक में फिरा करते और वह भी अपनी रक्षा के लिए दो पहलवान 108125 test‏.htm गोबर को भी अपनी राय बदलनी पड़ी। बोला -- 108126 test‏.htm रखे हुए हैं। अब नोखेराम को भी अपनी शान में यह कसर पूरी करने 108127 test‏.htm है। तुम गंगा में डूबकर भी अपनी सफ़ाई दो, तो मानने का नहीं। 108128 test‏.htm अपने महाजन के सामने भी अपनी समृद्धि-प्रदर्शन का ऐसा 108129 test‏.htm उनके भोजन आदि का प्रबंध भी अपनी ही गृहस्थी में कर दिया। 108130 test‏.htm जो उपेक्षा और अनादर सह कर भी अपने कर्तव्य से विचलित नहीं 108131 test‏.htm कथा से मतलब, न पुरान से। वह भी अपने को ब्राह्मण कहते हैं। 108132 test‏.htm ने ऊख काटनी शुरू की। होरी भी अपने खेत में गँड़ासा लेकर पहुँचा। 108133 test‏.htm हमारी मुकुत न हो जायगी। अब भी अपने पसीने की कमाई खाते हैं, 108134 test‏.htm पसीने की कमाई खाते हैं, तब भी अपने पसीने की कमाई खायँगे। 108135 test‏.htm उसने स्वतंत्र जीवन में भी अपने में एक दुर्बलता पायी थी, 108136 test‏.htm हैं, तो स्त्रियाँ भी अपने विषय में स्वतंत्र हैं। 108137 test‏.htm न सँभलती थी, पुनिया का भार भी अपने सिर ले लिया।’ 108138 test‏.htm होने लगता है। सेमरी भी अपवाद नहीं है। महाजन की धमकियाँ 108139 test‏.htm को ही नहीं, उसकी आत्मा को भी अपवित्र कर दिया था। उसका धर्म 108140 test‏.htm उसकी हो रही थी। गाँव में भी अब उसका उतना आदर न था। धनिया 108141 test‏.htm डालते हैं। रूप में भी अब उसके लिए विशेष आकर्षण न 108142 test‏.htm गोबर को भूल गये हैं। वह घर भी अब उसे पिंजरे-सा लगता था। झुनिया 108143 test‏.htm झूठी आशा की हरियाली और चमक भी अब नज़र न आती थी। 108144 test‏.htm जिस बर्तन में खाता हूँ, वह भी अब मेरा नहीं है। बैंक से मैं 108145 test‏.htm वह जीवन का बलिदान करके भी अब स्वामी नहीं हैं। ओह! सारा 108146 test‏.htm का अभाव है, तो नारी में भी अभाव रहेगा। नारियों में आज 108147 test‏.htm कुछ खलिहान में तौल देने पर भी अभी उस पर कोई तीन सौ क़र्ज़ 108148 test‏.htm राज़ी न हुई। झुनिया का मन भी अभी कुछ दिन यहाँ रहने का था। 108149 test‏.htm धनिया का दिल भी अभी तक साफ़ नहीं हुआ। अभी तक 108150 test‏.htm रुपये का ब्याज था। लगान के भी अभी पच्चीस रुपए बाक़ी पड़े 108151 test‏.htm ही तो होते हैं। उनमें भी अभी २५ फ़ीसदी ही देना है।’ 108152 test‏.htm रुपए की गाय का आना भी अभूतपूर्व बात थी। बैल तो पचास 108153 test‏.htm उसे डाँटती-कोसती। ज़रा-सा भी अवकाश पाती, तो ज़मीन पर सो जाती 108154 test‏.htm जेब में लिये फिरते और ज़रा भी अवकाश पाते, तो दो-तीन मज़दूर 108155 test‏.htm हो न कि क़ानून की ज़रा भी अवज्ञा की और बेड़ियाँ पड़ जायँगी। 108156 test‏.htm ‘संसार में कुछ भी असंभव नहीं है। बड़े-से-बड़ा 108157 test‏.htm उसकी सहिष्णुता के लिए भी असह्य थी। गोविंदी ने भी खन्ना 108158 test‏.htm को यहाँ एक क्षण ठहरना भी असह्य हो गया, जैसे कोई उसका 108159 test‏.htm भी जटिल हो गयी। अंधकार और भी असूझ हो गया। मेहता ने कार तक 108160 test‏.htm गाँवों की स्त्रियाँ भी आ गयीं। 108161 test‏.htm कोठरी भी मिल गयी। झुनिया भी आ गयी। मालती बाग़ में आती तो 108162 test‏.htm आता है। कभी-कभी दोपहर में भी आ जाता है।’ 108163 test‏.htm छोटा रोग हो। मामूली ज्वर भी आ जाय, तो हमें सरसाम की दवा दी 108164 test‏.htm उतारकर रख दिया। वकील साहब भी आ पहुँचे। 108165 test‏.htm समय यही भाव होरी के मन में भी आ रहे थे; लेकिन लड़के के इस विद्रोह-भाव 108166 test‏.htm ताक-झाँक करेगा तो औरत भी आँख लड़ायेगी। मर्द दूसरी औरतों 108167 test‏.htm इसके घर चल रहा हूँ। आप भी आइए न। 108168 test‏.htm मैं ओसा भी दूँगी, ढोकर रख भी आऊँगी। पहर रात तक यहाँ एक दाना 108169 test‏.htm नहीं चले जाते। देखते भी आओगे और साइत कुछ मिल भी जाय। 108170 test‏.htm तंखा ने हार्न बजाया, तो वह भी आकर अपनी कार पर बैठे और सीधे 108171 test‏.htm धनिया भी आकर पीछे खड़ी थी। तुरंत बोली 108172 test‏.htm थी, जो रूपवती न होकर भी आकर्षक थी। उसके हास में, चितवन 108173 test‏.htm लें, कवि के लिए यहाँ ज़रा भी आकर्षण नहीं है, उसके मोद और 108174 test‏.htm ठिठक जाता है और मारने पर भी आगे क़दम नहीं उठाता वही दसा 108175 test‏.htm चाहती है। गोविंदी ने पहले भी आघात किये हैं; पर आज उसने जो 108176 test‏.htm बुड्ढों-जैसे जीवट के जवान भी आज मुश्किल से निकलेंगे। वह 108177 test‏.htm अब ज़रा अधिकारियों को भी आज़मा देखिए। तीसरे महीने आप 108178 test‏.htm का मरज़ हो गया था। खाँसी भी आती थी। लाठी टेककर खड़े हो 108179 test‏.htm पानी गहरा है। ठहर जाओ, मैं भी आती हूँ। 108180 test‏.htm बोला -- ठंडी के मारे नींद भी आती है? तू इस जाड़े-पाले में 108181 test‏.htm पड़ता है। कुछ ऐसे लोग भी आते हैं, जो जड़ी-बूटियों पर 108182 test‏.htm ‘पुरानी बात भी आत्मबल के साथ कही जाती है, तो 108183 test‏.htm जाता है। बहुत पढ़ लेने से भी आदमी पागल हो जाते हैं। कुछ 108184 test‏.htm भिड़ जाऊँगा। आख़िर वह भी आदमी ही तो है। 108185 test‏.htm छिड़क रही हो मालती! मैं भी आदमी हूँ।’ 108186 test‏.htm यह नहीं सोचते कि किसान भी आदमी हैं, उनके भी बाल-बच्चे 108187 test‏.htm हो जाना ही उनके जीवन का भी आदर्श था; लेकिन संन्यास और 108188 test‏.htm का इतिहास के किसी काल में भी आधिपत्य नहीं रहा, फिर भी मनुष्य-जाति 108189 test‏.htm पूरा न चुका। ज़मींदार के भी आधे रुपए बाक़ी पड़ गये। सहुआइन 108190 test‏.htm यही है कि सब कुछ समझते हुए भी आप अपने विचारों को व्यवहार 108191 test‏.htm समाज का शाप कहते हैं, फिर भी आप ज़मींदार हैं, वैसे ही ज़मींदार 108192 test‏.htm पर कितना प्रभाव है, यह भी आप जानते हैं। मुझे उनके ख़िलाफ़ 108193 test‏.htm हुआ है; अगर मेरे साथ भी आप वही चाल चल रहे हों, तो मैं 108194 test‏.htm -- नहीं, मैं पुरुष-कर्तव्य भी आप ही से सीखूँगा। 108195 test‏.htm भी हमारे डाइरेक्टर हैं, यह भी आपको मालूम है। पिछला वसूल करने 108196 test‏.htm मुझसे ज़्यादा है दुनिया भी आपने ख़ूब देखी है और छोटे-से-छोटे 108197 test‏.htm इंश्योरेंस की पालिसी भी आपने न ली। आप में टाल-मटोल की 108198 test‏.htm उनके हाथ का खिलौना है। मैं भी आपसे निराश नहीं हूँ। जो व्यक्ति 108199 test‏.htm उसका कारिंदा इस गाँव में भी आया। किसानों ने जो उससे भाव-ताव 108200 test‏.htm उधर गोबर के कारख़ाने में भी आये दिन एक-न-एक हंगामा उठता 108201 test‏.htm पचास रुपए के भी आये, सौ के भी आये, लेकिन गाय के लिए इतनी बड़ी 108202 test‏.htm थी। बैल तो पचास रुपए के भी आये, सौ के भी आये, लेकिन गाय 108203 test‏.htm तो कमाता है। जब जान खपाकर भी आराम न मिला, तो ज़िंदगी ही ग़ारत 108204 test‏.htm करे? यह एहसान उससे एक क्षण भी आराम से न बैठने देता, और जब मेहता 108205 test‏.htm बहुत दिन रहना है। उन्हें भी आराम से पड़े रहना आता है। उनके 108206 test‏.htm ज़मींदारों के नौकर यों भी आलसी और काम-चोर होते ही हैं, 108207 test‏.htm ससुराली ज़ायदाद मिलने की भी आशा थी। राजा साहब के पहलू में 108208 test‏.htm हज़ार आपके हत्थे चढ़ने की भी आशा हो। 108209 test‏.htm ने खाया। दातादीन भी आशीर्वाद देने आ पहुँचे। बातें 108210 test‏.htm भी बाल-बच्चे हैं, उनकी भी इज़्ज़त-आबरू है। और यह सब हमारे 108211 test‏.htm घर में चूहे लोटें, वह भी इज़्ज़तवाला है! दारोग़ा तलासी 108212 test‏.htm कुशल है। क्रोध के नशे में भी इतना होश उसे बाक़ी था। 108213 test‏.htm करती हैं, रोती हैं, फिर भी इतनी प्रसन्न मुख! दूसरे उनके 108214 test‏.htm और इस ठंड के दिनों में भी इतनी मच्छड़ कि मालती एक मिनट 108215 test‏.htm की लीला थी; अगर एक आदमी भी इधर आ जाता, तो सिपाहियों को 108216 test‏.htm ‘यह तो ठीक है; लेकिन सरकार भी इन बातों को ख़ूब समझती है। 108217 test‏.htm ही हैं ये सब, और निशाना भी इन सबों का कितना अचूक होता 108218 test‏.htm साहब काँप उठे। उनके मन में भी इस तरह की बात आयी थी; लेकिन उन्होंने 108219 test‏.htm आज इतनी करारी फटकार पा कर भी इस दान को अस्वीकार न कर सके। 108220 test‏.htm किसी घनिष्ठ मित्र के लिए भी इस धूप और लू में उस ऊँची पहाड़ी 108221 test‏.htm भी हँसते हैं, उन्होंने भी इस फटकार को हँसी में लिया और 108222 test‏.htm होरी के कानों में भी इस बात की भनक पड़ी थी, पर उसे 108223 test‏.htm हैं। और हमारे रईस हैं भी इस लायक़। उन्हें उल्लू बनाकर 108224 test‏.htm गोबर भी इस विनोदमय विवाद में शरीक हो 108225 test‏.htm पूछा -- आपने अपनी देवीजी से भी इस विषय में राय ली? 108226 test‏.htm से नहीं, शत्रुओं से भी इस विषय में सलाह ले रहे थे। 108227 test‏.htm थे। उसका व्यथित, निराश मन भी इस व्यापक शोभा और स्फूर्ति 108228 test‏.htm अपने स्वार्थ की दृष्टि से भी इसका अनुमोदन नहीं किया जा सकता। 108229 test‏.htm मेरा भुरकस निकाल लिया, फिर भी इसका जी नहीं भरा। मुझे मारकर 108230 test‏.htm जाता है। घर की दशा देखकर भी इसकी आँखें नहीं खुलतीं। 108231 test‏.htm रहे थे। विधवाओं की तादाद भी इससे कम न थी। इस ख़र्च में कैसे 108232 test‏.htm की है और ससुराल की ज़ायदाद भी इससे कम नहीं है। इतनी ज़ायदाद 108233 test‏.htm वह किसी ग़रीब औरत के लिए भी इसी तत्परता से दौड़ जायगी। 108234 test‏.htm और लोग भी इसी तरह की उड़नघाइयाँ बताते 108235 test‏.htm है। कई दिन के बाद सिंचाई भी इसी तरह हुई। दातादीन को सेत-मेत 108236 test‏.htm पड़ता है, भगवान का भजन भी इसीलिए होता है, भूखे-नंगे रहकर 108237 test‏.htm किया। लेकिन मुखियों में भी ईर्ष्या की कमी न थी। सभी अपने 108238 test‏.htm है। इसी तरह टिड्डियाँ भी ईश्वर को उत्तरदायी ठहराती 108239 test‏.htm इस हिसाब से तो दिन भर में भी उख न ढुल पायेगी। 108240 test‏.htm ‘तो मैं इसके कान भी उखाड़ लूँगा।’ 108241 test‏.htm था, जिस पर एक बार फावड़ा भी उचट जाता था। 108242 test‏.htm के पास फ़रियाद ले जाना भी उचित नहीं। और कारिंदे के सामने 108243 test‏.htm युवती भी उठ बैठी, और निश्चल भाव से बोली 108244 test‏.htm पीछे-पीछे घर चला। सिलिया भी उठी और लँगड़ाती हुई उसके पीछे 108245 test‏.htm मेहता चले गये। राय साहब भी उठे कि खन्ना ने उनका हाथ पकड़कर 108246 test‏.htm से एक-दूसरे पर छींटे भी उड़ा लेते थे। गोबर अलादीन की 108247 test‏.htm मर्द का हरजाईपन औरत को भी उतना ही बुरा लगता है, जितना 108248 test‏.htm उसे दस हज़ार आदमी मिलकर भी उतनी तेज़ी से नहीं खींच सकते। 108249 test‏.htm होता है, उसकी प्रतिक्रिया भी उतनी ही गहरी होती है। इस अपकीर्ति 108250 test‏.htm के लिए स्त्री और शराब भी उतनी ही ज़रूरी सुविधा हो जाती 108251 test‏.htm होती है, यह शासन-भावना भी उतनी ही प्रबल होती है और जब 108252 test‏.htm गाँठ के पूरों की तलाश आपको भी उतनी ही है, जितनी मुझको। आपसे 108253 test‏.htm मालती और मेहता भी उतर पड़े। मालती ने कहा -- तुम 108254 test‏.htm अपनी जागी हुई मानवता को और भी उत्साह और ज़ोर के साथ उसी रास्ते 108255 test‏.htm की उदास संध्या आज और भी उदास मालूम हो रही थी। झुनिया 108256 test‏.htm सिलिया ने भी उद्दंडता से कहा -- मुझे जहाँ 108257 test‏.htm रही थी। अब उसके जीवन का भी उद्देश्य था, एक व्रत था। उसमें 108258 test‏.htm चढ़ने लगेगी, तो शायद आप भी उधर वोट देंगे।’ 108259 test‏.htm के घर की ओर चला। सोभा का घर भी उधर ही था। दोनों अपने-अपने 108260 test‏.htm दे, लातें खाने दे, एक पैसा भी उधार न दे; लेकिन पैसावाले उधार 108261 test‏.htm से सहुआइन एक पैसे की चीज़ भी उधार न देती थी; पर आज उसने एक 108262 test‏.htm तो हैं ही। अधिकारियों में भी उनका काफ़ी रुसूख है। वह चाहें, 108263 test‏.htm जौ-भर की भी कमी न होने पर भी उनका यश मानो बढ़ गया था। असामियों 108264 test‏.htm का आग्रह किया। मालती को भी उनका सरल स्नेह ऐसा प्यारा लगा 108265 test‏.htm को समझा सकते हैं। सरोज भी उनकी अवहेलना न करेगी; अगर दस-बीस 108266 test‏.htm दातादीन और झिंगुरीसिंह भी उनकी ख़ुशामद करते थे, केवल 108267 test‏.htm से यह बात छिपी न थी, फिर भी उनकी बड़ी प्रतिष्ठा थी और साल 108268 test‏.htm थे। अब गाँववालों को भी उनकी सेवा-सत्कार करके अपने 108269 test‏.htm मालती उनकी पत्नी न होकर भी उनके इतने समीप थी कि यह प्रश्न 108270 test‏.htm तो कहाँ गया। जूते जाने पर भी उनके घट्ठे बने रहते हैं। 108271 test‏.htm उनकी तरफ़ हैं ही, हुक्काम भी उनके मददगार हैं। फिर भी पबलिक 108272 test‏.htm किसी बदले की आशा न रखकर भी उनके मन पर शासन करना चाहते 108273 test‏.htm में एक-दो बार गवर्नर साहब भी उनके मेहमान हो जाते थे। और 108274 test‏.htm आ जुटते हैं। मिर्ज़ाजी भी उनके साथ ज़ोर करते हैं। मुहल्ले 108275 test‏.htm हैं। दो देवियाँ भी उनके साथ थीं। राय साहब ने दोनों 108276 test‏.htm यहाँ कोई बस न था। उसे छूते भी उनके हाथ काँपते थे। कहीं उसके 108277 test‏.htm रुपये माहवार मिलते थे, यह भी उनके हाथ न लगते। नोहरी ऊपर 108278 test‏.htm हैं, रोशन ख़याल हैं और भी उनमें कितनी ख़ूबियाँ हैं। 108279 test‏.htm यहाँ तक कि डंडों की मार भी उनमें ग्लानि नहीं पैदा करती; 108280 test‏.htm उसी में सोते थे; लेकिन फिर भी उनमें सौ कोस का अंतर था। दोनों 108281 test‏.htm के चार पुर चलते हैं। कुआँ भी उन्हीं का है। दस बीघे का ऊख 108282 test‏.htm कि लोग बार-बार धोखा खाकर भी उन्हीं की शरण जाते हैं। 108283 test‏.htm सुनायी। भोला का गाँव भी उन्हीं के इलाक़े में था और 108284 test‏.htm अच्छा, दूसरी तरफ़ से भी उन्हीं के बड़े भाई निकले। दोनों 108285 test‏.htm कोई अधिकार नहीं है; अगर आप भी उन्हीं मर्दों में हैं, जो किसी 108286 test‏.htm गोद में लिए देखा, मानो वह भी उन्हीं में से एक है। मेहता 108287 test‏.htm मालती ने यहाँ भी उन्हें भोजन करने का महत्व समझाया, 108288 test‏.htm रस लेकर उड़ जानेवाले। मैं भी उन्हें ललचाती हूँ, तिरछी नज़रों 108289 test‏.htm थी कि उपासना और भक्ति में भी उन्हें शांति न मिलती थी। वह 108290 test‏.htm दर्शन के गहरे अध्ययन में भी उन्होंने अपने स्वास्थ्य की 108291 test‏.htm के साथ, जिसे छिपाने की भी उन्होंने चेष्टा नहीं की, पंडित 108292 test‏.htm है और बेफ़स्ल की चीज़ें भी उपजायी जा सकती हैं। आज-कल सबेरे 108293 test‏.htm के रिन से सौ जन्म लेकर भी उरिन नहीं हो सकता, लाख जन्म 108294 test‏.htm हो सकता, लाख जन्म लेकर भी उरिन नहीं हो सकता। करोड़ जन्म 108295 test‏.htm दोनों काम बन गये। कन्या से भी उरिन हो गये और बाप-दादों की 108296 test‏.htm लेकिन मैं बुड्ढा होकर भी उल्लू बना रह गया। वह तो कहो 108297 test‏.htm ‘और जो मैं भी उस क्रोध में डूब मरी होती!’ 108298 test‏.htm जीता न छोड़ेंगी। मुझे भी उस पर दया आ गयी।’ 108299 test‏.htm रखें कि किसी दूसरे की आँख भी उस पर न पड़े। यह ध्यान न रहा 108300 test‏.htm कि शायद यहाँ एक व्यक्ति भी उसका अर्थ न समझे। आख़िर मैंने 108301 test‏.htm को पार भी कर चुकी है। फिर भी उसका कलेजा धक्-धक् कर रहा है; 108302 test‏.htm की लालसा उसे न थी। मकान भी उसका गाँव के बाहर था, जहाँ उसने 108303 test‏.htm मगर इतना कठोर श्रम करने पर भी उसका मन ऐसा प्रसन्न रहता, मानो 108304 test‏.htm और जिया, उससे घृणा होने पर भी उसका मोह त्याग नहीं सकता और 108305 test‏.htm वक़्त तो पानी का एक छींटा भी उसका सर्वनाश कर देगा। सिलिया 108306 test‏.htm स्त्री को प्यार करूँ, तो भी उसकी ईर्ष्या न जागे। ऐसी नारी 108307 test‏.htm दे, असंभव! नोहरी इस समय भी उसकी ओर रोष-भरी आँखों से तरेरती 108308 test‏.htm प्राणियों की तरह तुम भी उसकी ओर से अपने कान नहीं बंद 108309 test‏.htm भी था, गोबर के हृदय में भी उसकी कुछ ज्योति थी। अब वह संपूर्ण 108310 test‏.htm लेकर पहुँचा। उधर से शोभा भी उसकी मदद को आ गया। पुनिया, झुनिया, 108311 test‏.htm अंधे या कोढ़ी हो जायँ, तो भी उसकी वफ़ादारी में फ़र्क़ न 108312 test‏.htm महतो का। तभी लड़कीवाले भी उसकी विभूति से प्रभावित होंगे। 108313 test‏.htm रुपए भेजे। मेरी कार आज भी उसकी सवारी में है। उसके पीछे 108314 test‏.htm ‘मेहरिया आयेगी, तो भी उसके झोंटे पकड़कर न खीचूँगा।’ 108315 test‏.htm कर रही है। अभी तो यह महाशय भी उसके तलवे चाटते हैं। कहीं इनसे 108316 test‏.htm ‘सच!’ मैं भी उसके दर्शन करती, और उसी तरह 108317 test‏.htm में सब तरह का सुख मिलने पर भी उसके प्राण सदैव जंगल के लिए 108318 test‏.htm है। हम क्या अपना बदन लेकर भी उसके बराबर नहीं चल सकते? 108319 test‏.htm यहाँ तक कि झिंगुरीसिंह पर भी उसके बीस रुपए आते थे; लेकिन 108320 test‏.htm क्रोध आता। गोबर के लिए अब भी उसके मन में वही ममता थी। इसी 108321 test‏.htm कर रहा था। इस घर का पानी भी उसके लिए हराम है। माता होकर 108322 test‏.htm रहा है और दोनों लड़कियाँ भी उसके साथ काम कर रही हैं। लू 108323 test‏.htm रख ली और घर चली। मातादीन भी उसके साथ-साथ चला। 108324 test‏.htm चार-चार हलवाले महतो भी उसके सामने सिर झुकाते हैं। 108325 test‏.htm न की। होरी पर भी उसके सूद-ब्याज मिलाकर कोई डेढ़ 108326 test‏.htm कर लिया; लेकिन जनता अब भी उसके हाथ का पानी नहीं पीती, 108327 test‏.htm फिरकी-सी चल रही थी। फिर भी उसके हाथ यंत्र की गति से, बिना 108328 test‏.htm हुआ था। गेहूँ और अलसी में भी उसने कुछ कम नहीं कमाया था। 108329 test‏.htm उसकी स्नेहमयी माता भी उससे घृणा करेगी। और संसार से 108330 test‏.htm उसका मन खिंचता था। झुनिया भी उससे बात न करती, न उसकी कुछ सेवा 108331 test‏.htm स्वामी को लात मारकर भी उसी के आसन के नीचे चलता है। 108332 test‏.htm की परवाह नहीं करते, तो मैं भी उसी कैंड़े का आदमी हूँ। 108333 test‏.htm दलीलें हैं। मादा बाज़ भी उसी तरह शिकार करती है, जैसे, 108334 test‏.htm क्या आप चाहते हैं, आम भी उसी दशा में फलें-फूलें जिसमें 108335 test‏.htm ज़रा भी जान न रहती। घर पर भी उसे इससे कम मेहनत न करनी पड़ती 108336 test‏.htm सिवा और कुछ नहीं। बालक से भी उसे चिढ़ होती थी। कभी-कभी वह 108337 test‏.htm हमारी नाक कटवाई है, तो मैं भी उसे ठोकरें खाते देखना चाहता 108338 test‏.htm में कैसे रहेगी इसकी चिंता भी उसे न थी। उसे चिंता थी गोबर 108339 test‏.htm फिरे। सुरुचि का ध्यान भी उसे न रहता। और बेचारे मेहता 108340 test‏.htm जीते-जी। सारा गाँव मिलकर भी उसे नहीं रोक सकता। अब वह चीज़ 108341 test‏.htm झुनिया की नम्रता और दीनता भी उसे निरस्त्र करती रहती थी। 108342 test‏.htm और कैसे ख़र्च करता है इसकी भी उसे परवा न थी। उसका जीवन जो 108343 test‏.htm तो शायद सारा घर लुटाकर भी उसे संतोष न होता। तब शायद मैं 108344 test‏.htm आती। पति और पुत्र किसी से भी उसे स्नेह न था। सभी अपने मतलब 108345 test‏.htm -- आप इस बीसवीं शताब्दी में भी ऊँच-नीच का भेद मानते हैं। 108346 test‏.htm को कैसे रोक सकेगा? होरी भी ऊपर ही से कठोर बना हुआ था। मन 108347 test‏.htm है। बड़े-से-बड़ा महात्मा भी एक क्षण में पतित हो सकता है।’ 108348 test‏.htm ‘जी नहीं, व्यक्ति भी एक चीज़ है। लेकिन मैंने केवल 108349 test‏.htm चबेना ही मिलता है। वहाँ भी एक जून चबेने पर काटेंगे। 108350 test‏.htm न साथ ले लिया, नहीं उनका भी एक जोड़ हो जाता। उन्हें आश्चर्य 108351 test‏.htm ने खन्ना को उकसाया -- अब तुम भी एक तक़रीर कर डालो खन्ना, नहीं 108352 test‏.htm अब तक तजरबा न हुआ था। आप भी एक दिन खन्ना से मिल आइए। फूला 108353 test‏.htm रहने का सब उपाय करने पर भी एक न एक बाधा गले पड़ी रहती थी। 108354 test‏.htm लिया होरी काका! चबैना को भी एक पैसा न छोड़ा। हत्यारा कहीं 108355 test‏.htm उसके पास तो ज़हर खाने को भी एक पैसा नहीं है। धनिया के पास 108356 test‏.htm चलाना वह है कि दिन-भर में भी एक बोझ ऊख न कटे। 108357 test‏.htm का अभ्यास करते रहने पर भी एक मटका खींचते-खींचते शिथिल 108358 test‏.htm की इच्छा न थी; मगर यहाँ भी एक महाशय आ ही गये। उस पर बच्चा 108359 test‏.htm लोग बिदा हुए। मालती को भी एक विजिट करनी थी। वह भी चली 108360 test‏.htm ही रहता है। कुछ न मिले तब भी एक-दो थाल और दो-चार आने दक्षिणा 108361 test‏.htm करके उनसे वह पचास हज़ार भी ऐंठ लिये। निराश होकर वहाँ से 108362 test‏.htm न मरेंगे! तुम्हारे पास भी ऐसा कौन-सा बहुत-सा भूसा रखा 108363 test‏.htm की कमी नहीं है पर आज तक एक भी ऐसा दानी न निकला जो पत्रों 108364 test‏.htm कल का पता नहीं। ग़ुस्सेवर भी ऐसे थे कि ताल ठोंककर सामने 108365 test‏.htm यह बात नहीं। पुरुषों में भी ऐसे बहुत हो गये हैं, जो उसे पाकर 108366 test‏.htm चुप्पी साधे बैठा रहा। बाप भी ऐसे बेहया होते हैं!’ 108367 test‏.htm वह बाहर ही रह सकती थी, पहले भी और अब भी; व्यवहार में भी, विचार 108368 test‏.htm रूपा भूख के मारे व्याकुल भी और द्वार पर कौड़े के सामने 108369 test‏.htm अखाड़े में थी, पहलवानों के भी और परियों के भी। 108370 test‏.htm यह तेरा घर है, हमारे जीते भी और हमारे मरने के पीछे भी। डूब 108371 test‏.htm हूँ कि शराब की एक बूँद भी कंठ के नीचे न जाने दूँगा। 108372 test‏.htm हो गयी, जो पानी की बूँद भी कंठ तले गयी हो, तो गो-मांस बराबर। 108373 test‏.htm करते थे। इनके उपरांत और भी कई छोटे-मोटे महाजन थे, जो दो 108374 test‏.htm होती थी ख़ालिस शराब। मांस भी कई तरह के पकते थे, कोफ़ते, कबाब 108375 test‏.htm और प्रमाण खोजती रही। और भी कई देवियाँ अपने भाषण लिख रही 108376 test‏.htm हलवा पका जाती और दिन में भी कई बार आकर बच्चे को उबटन मल 108377 test‏.htm ज़िम्मा लिया कि उसे एक दिन भी कचहरी न जाना पड़ेगा, न कोई दूसरा 108378 test‏.htm सहन कर लिया, यह समझना और भी कठिन है। आपका क्या ख़याल है, 108379 test‏.htm और गाँव में मज़दूरी मिलनी भी कठिन हो गयी। अब सारा दारमदार 108380 test‏.htm चला जा रहा था। मिर्ज़ा ने भी क़दम बढ़ाया; पर स्थूलकाय तंखा 108381 test‏.htm पर ही कटता था, दूसरे जून भी कभी आधा पेट भोजन मिला, कभी कड़ाका 108382 test‏.htm सिर पर कितना क़र्ज़ है, यह भी कभी आपने पूछा है? अगर सभी महाजन 108383 test‏.htm ‘और इतने नियरे रहकर भी कभी एक चिट्ठी न लिखी!’ 108384 test‏.htm बोला -- न जाने इन महाजनों से भी कभी गला छूटेगा कि नहीं। 108385 test‏.htm थे, जब हम ख़ुदा का एक हुक्म भी कभी नहीं मानते, तो दीन के लिए 108386 test‏.htm के सामने फिरती रहती थी। तू भी कभी मुझे याद करती थी? 108387 test‏.htm लो, जितना सताते बने; मैं भी कभी समझूँगी। 108388 test‏.htm बालियाँ और मिठाइयाँ मुझे भी कम अच्छी नहीं लगतीं; लेकिन 108389 test‏.htm को क्यों न बुला लूँ? फ़ीस भी कम और बच्चों का हाल लेडी डाक्टर 108390 test‏.htm कोई न था; इसलिए लेन-देन भी कम कर दिया था और अधिकतर पूजा-पाठ 108391 test‏.htm सौ रूपए थे। उसकी गर्मी यों भी कम न थी। यह हाल सुनकर तो उसके 108392 test‏.htm सँवला गया था और आँखों से भी कम सूझने लगा था। पेट की चिंता 108393 test‏.htm क़ायम है। उसमें ज़रा भी कमज़ोरी नहीं आने पाई। 108394 test‏.htm नीयत भी बिगाड़ी, अधर्म भी कमाया, कोई ऐसी बुराई न थी, जिसमें 108395 test‏.htm उसकी प्रतिष्ठा में ज़रा भी कमी न थी। वह नित्य स्नान-पूजा 108396 test‏.htm और अधिकार में जौ-भर की भी कमी न होने पर भी उनका यश मानो 108397 test‏.htm है। खड़े-खड़े नदी को पार भी कर चुकी है। फिर भी उसका कलेजा 108398 test‏.htm रख ली। एक वेश्या से आशनाई भी कर रखी है। पूरे रईस बन गये और 108399 test‏.htm हो जाय और बाह्मनी से ब्याह भी कर ले, फिर भी जितनी उसकी सेवा 108400 test‏.htm मेरे लिए क्या? मजूरी अब भी करती हूँ, तब भी करूँगी। सोने 108401 test‏.htm तब भी राज करती थी, अब भी करती है और हमेशा करेगी। 108402 test‏.htm थे। बीच-बीच में परिहास भी करते जाते थे। उनके लिए आज जीवन 108403 test‏.htm पर जिसका खाते थे, उसका काम भी करते थे। 108404 test‏.htm लेते थे, तो मिल का संचालन भी करते थे। 108405 test‏.htm है। बीमारी में दवा-दारू भी करते हैं, झाड़-फूँक भी, जैसी 108406 test‏.htm मिलता; घर का कुछ न कुछ काम भी करना ही पड़ता है। वहाँ रुपए-पैसे 108407 test‏.htm कारिंदा साहब की पूजा भी करनी ही होगी। और भोला के रुपए 108408 test‏.htm मजूरी अब भी करती हूँ, तब भी करूँगी। सोने को हाथ भर जगह 108409 test‏.htm चुराना पड़ता था। मजूरी भी करे, तो किसकी। जेठ में अपना 108410 test‏.htm वैसी ही है। छोटा-सा अढ़ौना भी करेगी, तो भुन-भुनाकर। मैं तो 108411 test‏.htm कि ससुरालवाली ज़ायदाद पर भी क़र्ज़ नहीं है।’ 108412 test‏.htm उसकी बक़ाया चुकाने के लिए भी क़र्ज़ लेने को तैयार था। सावन 108413 test‏.htm नहीं सकती। आत्माभिमान को भी कर्तव्य के सामने सिर झुकाना 108414 test‏.htm मिला वह गलत है; मगर यह भी कह देना चाहता हूँ कि अपने और 108415 test‏.htm ही में मर गये। उसका मन आज भी कहता था, अगर उनकी दवादारू होती 108416 test‏.htm आता। मैं तो इसे कायरता भी कहता हूँ और धूर्त्तता भी, जो 108417 test‏.htm ‘यही मेरा मन भी कहता है, कैसी नादानी की। हम 108418 test‏.htm ‘अब भी कहती हूँ; लेकिन दूसरे पक्षवाले 108419 test‏.htm भरने या चारपाई बिछाने को भी कहते थे। तब बेचारा भोला ज़हर 108420 test‏.htm आता ही नहीं। तुमसे भी कहा, औरों से भी कहा, कोई नहीं 108421 test‏.htm तुमसे भी कहा, औरों से भी कहा, कोई नहीं सुनता तो मैं क्या 108422 test‏.htm के पीछे भोला और कामता में भी कहा-सुनी हो गयी। झगड़ा इतना 108423 test‏.htm जेठे पुत्र का नाम था‏) को भी कहीं कोई काम दिला दो, तो भेज 108424 test‏.htm आंतरिक परिवर्तनों से भी कहीं ज़्यादा कठिन जान पड़ता 108425 test‏.htm जवान लड़की बैठी है, उसका भी कहीं ठिकाना लगाना है कि नहीं? 108426 test‏.htm तरह दसवाँ पास कर ले, तो उसे भी कहीं नक़ल-नवीसी दिला दें। इसलिए 108427 test‏.htm है, उसी तरह की, बल्कि उससे भी कहीं निंदास्पद बातें यहाँ 108428 test‏.htm लल्लू की स्मृति लल्लू से भी कहीं प्रिय थी। लल्लू जब तक 108429 test‏.htm से चुप कर दिया। अब मैं भी कहीं से बच्चा लाऊँगा।’ 108430 test‏.htm तुमसे कोई अच्छी बात भी कहे, तो लगते हो कोसने। 108431 test‏.htm ने किया, अब वह हमें चार बात भी कहें, तो हमें ग़म खाना चाहिए। 108432 test‏.htm बोले -- कुछ भी कहो, मैं उसे न जाने दूँगा। उसकी 108433 test‏.htm ने और चिढ़ाया -- वह तेरी नाक भी काट लेगा। 108434 test‏.htm समय पड़ने पर वह मर्दों के भी कान काट सकती है। 108435 test‏.htm फिर पुन्नी की पैनी पीक भी कानों में चुभी। सहसा उसे गोबर 108436 test‏.htm गया है। अब की लीला में मैं भी काम करूँगा। राय साहब ने कहा 108437 test‏.htm है। हलुवा और पूरी खाकर भी काम चल सकता है। जैसी कमाई हो। 108438 test‏.htm न पूछो। मुट्ठी भर चने में भी काम चल सकता है। हलुवा और पूरी 108439 test‏.htm बहुत उतावली करने से भी काम बिगड़ जाता है।’ 108440 test‏.htm रात रहे उठ जाते थे। कैसा भी काम हो, उसके लिए वह कहीं-न-कहीं 108441 test‏.htm मालती के रंग-ढंग की भी कायापलट होती जाती थी। मेहता 108442 test‏.htm मन में सोच रहे थे, यह आदमी भी कितना बड़ा धूर्त है, अपनी ग़रज़ 108443 test‏.htm अपनी तो वह नीति नहीं। और भी कितने ही ऐसे हथकंडे हैं, जिनसे 108444 test‏.htm लिए दो कमरे रखे गये थे। और भी कितने ही मेहमान आ गये थे। सभी 108445 test‏.htm -- हमारे संघ ने यह निश्चय भी किया है कि कौंसिल में अब की 108446 test‏.htm करता है, वही गोबर ने भी किया। अब उसके बाल-बच्चे हुए। 108447 test‏.htm के सिवा नफ़े की एक पाई भी किसी की जेब में नहीं जाती। 108448 test‏.htm वह दाँत और नाख़ून होते हुए भी किसी को हानि न पहुँचा सके। 108449 test‏.htm होते, तो अब तक आप भी किसी द्वार पर खड़े होते। बैठे-बैठे 108450 test‏.htm हो। कहोगे एक लोटा पानी भी किसी ने न दिया। 108451 test‏.htm न छूने दीं। गाँववालों में भी किसी ने भोला का पक्ष न लिया। 108452 test‏.htm था। सम्मान तो उनका पहले भी किसी से कम न था; मगर अब तो उसकी 108453 test‏.htm जगह पा गये हो। मातादीन को भी किसी हीले से लगा दो न? भंग पीकर 108454 test‏.htm वे निकलते, उसी वक़्त सोना भी किसी-न-किसी काम से द्वार पर 108455 test‏.htm बोले -- यह मेहता भी कुछ अजीब आदमी है। मुझे तो कुछ 108456 test‏.htm धर्म पर अटल रह सकता, तो भी कुछ आँसू पुछते; मगर वह बात न 108457 test‏.htm झिंगुरीसिंह ने भी कुछ इसी आशय के शब्द कहे। वह 108458 test‏.htm गोबर अच्छा होते जाने पर भी कुछ उदास रहता था। जब हम अपने 108459 test‏.htm था कि घरवालों के साथ उसका भी कुछ कर्तव्य है। आज माता-पिता 108460 test‏.htm से कहा -- हँसोगे होरी तो मैं भी कुछ कह दूँगी। तुम क्या किसी 108461 test‏.htm नहीं खुला दीदी! अभी मैंने भी कुछ कहना उचित न समझा। हाँ, सबके 108462 test‏.htm कुछ न सुनेगा। तूने ज़रा भी कुछ कहा और वह मार चलेगा। मारते-मारते 108463 test‏.htm सब का सब उठा लायी कि घर में भी कुछ छोड़ा? कहीं भाग जाता था? 108464 test‏.htm की लाज। बच्चों के लिए भी कुछ छोड़ोगे कि सब बिरादरी के 108465 test‏.htm भी झाँसा दिया -- अभी तो मेरा भी कुछ ठीक नहीं है काका! 108466 test‏.htm मारा। चिड़िया चोट खाकर भी कुछ दूर उड़ी, फिर बीच धार में 108467 test‏.htm ने दाना फेंका -- अब आप को भी कुछ दूर ले चलना पड़ेगा जनाब! 108468 test‏.htm धर्म यह है कि सब कुछ देखकर भी कुछ न देखूँ। सब कुछ जानकर भी 108469 test‏.htm गाँव यह रहस्य जानते हुए भी कुछ न बोल सकता था। हमारा धर्म 108470 test‏.htm बेचारा पचासों जूते खाकर भी कुछ न बोला। आँखों में आँसू 108471 test‏.htm राय साहब भी कुछ नर्म हुए -- हाँ, मैं स्वीकार 108472 test‏.htm ‘समझ में तो मेरे भी कुछ नहीं आता, अबकी आइए, तो उनसे 108473 test‏.htm आ जाता है, तो आपकी बदौलत हम भी कुछ पा जाते हैं। नहीं पटवारी 108474 test‏.htm ने? इस विषय में वह भी कुछ बोलने का साहस रखती हैं! 108475 test‏.htm चिलम भरी; लेकिन उसमें भी कुछ रस न था। विष ने जैसे चेतना 108476 test‏.htm और तपस्या की भूमि भारत में भी कुछ वही हवा चलने लगी है। विशेषकर 108477 test‏.htm देख ली और संसार का रंग-ढंग भी कुछ-कुछ समझने लगा है। मूल में 108478 test‏.htm निकालो बीस-बीस रुपए। अब भी कुशल है। कहीं राय साहब ने रपट 108479 test‏.htm तब तो वह मौत के मुँह में भी कूद सकता है। 108480 test‏.htm है, ख़ास बिसवाँ की! रंग में भी केवड़ा छोड़ा है। रुपए कमाना 108481 test‏.htm भारत के बूढ़े आज भी कैसे पोढ़े हैं, जिन्हें यह 108482 test‏.htm कैसे सकते हैं? घर से निकाल भी कैसे सकते हैं? क्या घर में मेरा 108483 test‏.htm थी; लेकिन ख़ाली पेट मेहनत भी कैसे हो! 108484 test‏.htm जिसपर बड़े-बड़े आघातों का भी कोई असर नहीं होता। जहाँ सेवा 108485 test‏.htm मालिक प्रजा को न पाले, वह भी कोई आदमी है? 108486 test‏.htm या घूँसे से मारने की भी कोई घटना उसे याद न आती थी; और 108487 test‏.htm जाती। पूछो, घर देखनेवाला भी कोई चाहिए कि नहीं। लेना-देना, 108488 test‏.htm ने खन्ना से पूछा -- आपके लिए भी कोई जोड़ ठीक करूँ? 108489 test‏.htm घरवाली है, उसके लिए भी कोई न कोई काम निकल आयेगा। बखारों 108490 test‏.htm गुज़र कर रही है। बाल-बच्चा भी कोई नहीं। देखने-सुनने में अच्छी 108491 test‏.htm यहाँ रुपए का दस सेर दूध भी कोई नहीं पूछता। हलवाइयों के 108492 test‏.htm भोजन का समय नहीं आया, या यह भी कोई नियम है कि जब तक एक न बज 108493 test‏.htm के दिन शगुन के रुपयों का भी कोई प्रबंध करना था। बाँसों 108494 test‏.htm कुछ लेते संकोच होता था। वह भी कोई मालदार तो थी नहीं। लकड़ी 108495 test‏.htm को ख़ूब समझती है। इसकी भी कोई रोक निकालेगी, देख लेना।’ 108496 test‏.htm को उसके मन की न बना सके, वह भी कोई स्त्री है। मैं तो कभी-कभी 108497 test‏.htm खौल रहा था। इस अशिष्टता की भी कोई हद है। एक तो घंटे-भर इंतज़ार 108498 test‏.htm में अकेला नहीं हूँ। मेरा भी कोई हितू है। एक क्षण के बाद 108499 test‏.htm झुनिया भी कोठरी से निकलकर बोली -- अम्माँ, 108500 test‏.htm हृदय में भाइयों के लिए अब भी कोमल स्थान था। वह दोनों आकर 108501 test‏.htm ठीक नहीं। और बाहर नाँद भी कौन गाड़ने देगा। कारिंदा साहब 108502 test‏.htm फाँसी की सज़ा दे देगी। वह भी क्या ठीक। एक बड़े क़बीले का 108503 test‏.htm उनका जस गाऊँगी और तुम भी क्या परदेश ही करते रहोगे?’ 108504 test‏.htm ‘यह भी क्या पूछने की बात है?’ अब वह 108505 test‏.htm दावा करके ठीक कर दूँगा। वह भी क्या याद करेंगे कि किसी से 108506 test‏.htm भी धुल गयी होगी। मूँछें भी क्यों न उखाड़ लीं? 108507 test‏.htm और मस्त घूमते हैं। फिर वह भी क्यों न भोग-विलास में पड़े 108508 test‏.htm से लेंगे। कन्यादान का फल भी क्यों बाहर जाय।’ 108509 test‏.htm के साथ होरी के क्रोध को भी क्रियाशील बना डाला। आग को फूँक-फूँक 108510 test‏.htm में फैला देने से वह और भी क्षीण हो जाती है। हम व्यर्थ 108511 test‏.htm जीवन था। ज़रा-सा पत्ता भी खड़कता, तो कान खड़े करके चौकड़ियाँ 108512 test‏.htm देखने खड़े हो गये थे। गोबर भी खड़ा हो गया। मानलीला से रोचक 108513 test‏.htm मालती भी खड़ी हो गयी -- उसे जाना पड़ेगा। 108514 test‏.htm कि शायद पाँच घंटों में भी ख़तम न हो और कोई इतना क्लिष्ट 108515 test‏.htm लेकिन यह सब कुछ होने पर भी खन्ना उसके सर्वस्व थे। वह दलित 108516 test‏.htm वह दलित और अपमानित होकर भी खन्ना की लौंडी थी। उनसे लड़ेगी, 108517 test‏.htm इतनी बुराई करते हैं, फिर भी खन्ना की हिमायत करते नहीं थकते। 108518 test‏.htm भी असह्य थी। गोविंदी ने भी खन्ना को चाहे जो कुछ कहा होता, 108519 test‏.htm हीरा को भी ख़बर मिली कि चौधरी और पुनिया 108520 test‏.htm बड़े आदमियों की तरह उनका भी ख़याल था कि इंगलैंड में शिक्षा 108521 test‏.htm भी तो मुझे लाये हैं। वह भी ख़राब आदमी हैं?’ 108522 test‏.htm ‘मेरी तो हालत और भी ख़राब है भाई, अगर रुपए हाथ से 108523 test‏.htm हालत शायद मेरी हालत से भी ख़राब है। हाँ, अगर आप ने हरिश्चंद्र 108524 test‏.htm दिन काम करने जाता। रात को भी खाना खा कर डिब्बी के सामने 108525 test‏.htm धनिया भी खाना खाकर बाहर निकल आयी। बोली 108526 test‏.htm एक क्षण में दूसरा मटका भी खींच लिया और दोनों हाथों में 108527 test‏.htm स्त्री-पुरुषों की अगर खाल भी खींच ली जाती, तो उसे दया न आती। 108528 test‏.htm जिनकी ख़ुशामदों ने उसे और भी ख़ुशामदपसंद बना दिया था। मीनाक्षी 108529 test‏.htm फिर रोगी उसके हाथों विष भी ख़ुशी से पी लेगा -- अब जैसे आज 108530 test‏.htm और जुआ खेलते थे। पहले वह भी ख़ूब खेलता था; मगर अब उसके लिए 108531 test‏.htm ‘तो तुम्हें भी ख़ूब गालियाँ देते होंगे?’ 108532 test‏.htm बरात के खिलाने-पिलाने में भी ख़ूब दिल खोलकर ख़र्च करता; 108533 test‏.htm ‘जी हाँ; मगर मैंने भी ख़ूब बनाया।’ 108534 test‏.htm साल की चैती अच्छी थी और ऊख भी ख़ूब लगी हुई थी। विवाह के लिए 108535 test‏.htm पाँव तक सराबोर हो गया। चोट भी ख़ूब लगी। सिर पकड़कर बैठ गया 108536 test‏.htm विदेश भेजते हुए आपको ज़रा भी खेद नहीं होता? आप किसी तर्क 108537 test‏.htm में जहाँ उसका लाल इस समय भी खेल रहा होगा। सारा गाँव उसके 108538 test‏.htm में शर्बत और बरफ़ की दूकान भी खोल दी। लेन-देन में खरा था इसलिए 108539 test‏.htm लेती हूँ जो वह मुँह भी खोले।’ 108540 test‏.htm असर करने लगी है, तो और भी गंभीर बनकर बोलीं -- अगर हम लोग 108541 test‏.htm की भाँति होरी के मन में भी गऊ की लालसा चिरकाल से संचित 108542 test‏.htm कुछ न देखूँ। सब कुछ जानकर भी गधा बना रहूँ। 108543 test‏.htm तो मांस उबल गया था। कुछ जल भी गया था। जल्दी-जल्दी रोटियाँ 108544 test‏.htm है। क्या आदमी गाय-बकरी से भी गया-बीता हो गया है? लेकिन किसी 108545 test‏.htm दृष्टि में वह वेश्याओं से भी गयी बीती है; क्योंकि वह परदे 108546 test‏.htm मैं तो कहीं की न रही। घर से भी गयी, यहाँ से भी गयी। न माया मिली, 108547 test‏.htm न रही। घर से भी गयी, यहाँ से भी गयी। न माया मिली, न राम ही हाथ 108548 test‏.htm हो गया -- तुम तो बच्चों से भी गये-बीते हो जो बिल्ली की म्याऊँ 108549 test‏.htm होता है। इसी तरह दवा-दारू भी ग़रीबों को दे देती हूँ; केवल 108550 test‏.htm गोबर ज़रा भी गर्म न हुआ, किसी प्रकार का रोष 108551 test‏.htm आप लोगों के ख़ून में ज़रा भी गर्मी नहीं आती! आपको जान इतनी 108552 test‏.htm हर तरह का कष्ट उठाने पर भी गला नहीं छूटता। इसी तरह सूद 108553 test‏.htm रहे थे उसे श्रद्धा ने और भी गहरा, और भी स्फूर्तिमय बना 108554 test‏.htm का रंग था तो काला और वह भी गहरा, कपड़े बहुत ही मैले और 108555 test‏.htm न था; मगर अब तो उसकी जड़ और भी गहरी और मज़बूत हो गयी थी। सामयिक 108556 test‏.htm पीने के लिए भेजी है। होरी भी गाय लेने की फ़िक्र में था। 108557 test‏.htm को देती, सूद की जगह मूल भी ग़ायब हो जाता; हमने लिया है, 108558 test‏.htm के बीच में कभी-कभी बूँदें भी गिर जाती थीं। दोनों ही अपने-अपने 108559 test‏.htm के हाथों में कड़े हैं, वह भी गिलट के। 108560 test‏.htm का पसीना एड़ी तक आता है, तब भी गुज़र नहीं होता। उन्हें क्या, 108561 test‏.htm दे? असामियों हो से उनका भी गुज़र है। इसी गाँव पर आधे से 108562 test‏.htm डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूँगा हो जाता है। वही सीमेंट 108563 test‏.htm पास भी गोई थी; शोभा के पास भी गोई थी; मगर उन्हें अपने खेतों 108564 test‏.htm पड़े थे। पुनिया के पास भी गोई थी; शोभा के पास भी गोई थी; 108565 test‏.htm ताकती रहीं। माँ को भी गोबर की यह उद्दंडता बुरी लगती 108566 test‏.htm नचाते हैं, तो पटेश्वरी को भी घमंड था कि हम कायस्थ हैं, क़लम 108567 test‏.htm सारी जमा ले लेगा। एक पैसा भी घर न लाने देगा।’ 108568 test‏.htm दिनों में उसने एक पैसा भी घर नहीं भेजा। वह माता-पिता 108569 test‏.htm उनका लड़का मातादीन भी घर में आने लगा। जवान आदमी था, 108570 test‏.htm अभी खलिहान में है। एक दाना भी घर में नहीं आया, जितना चाहो, 108571 test‏.htm नहीं सकता, एक महीने के लिए भी घर में भोजन नहीं। ऐसी दशा में 108572 test‏.htm सुनकर भीतर चली गयी और गोबर भी घर से निकला। होरी बैठा सोच 108573 test‏.htm साथ क्या तुम्हारी बुद्धि भी घास खा गयी। झुनिया को क्यों 108574 test‏.htm यह घिनौनी मौत, और उससे भी घिनौना जीवन। वह तिलमिला उठा, 108575 test‏.htm हो गया था। झुनिया भी घूँघट निकाले द्वार पर खड़ी 108576 test‏.htm जो काम बतलाया, उस पर सब और भी चकित हो गये। केवल एक कबड्डी 108577 test‏.htm लकड़ियाँ काट रहा था। वह भी चट-पट वृक्ष से उतरकर मिर्ज़ाजी 108578 test‏.htm ‘मैं भी चबेना करके पेड़ के नीचे सो 108579 test‏.htm यह समरथ नहीं है, तो फिर तुम भी चमार बनो। हमारे साथ खाओ-पिओ, 108580 test‏.htm बिरादरी की नाक कटवाकर भी चमारिन ही बनना था, तो यहाँ क्या 108581 test‏.htm भी चल जायगा। पाँच सौ में भी चल जायगा। जैसा हौसला हो।’ 108582 test‏.htm ‘सौ में भी चल जायगा। पाँच सौ में भी चल 108583 test‏.htm मेरी समझ में न आया। तू आगे भी चलती है, पीछे भी चलती है। पहले 108584 test‏.htm तू आगे भी चलती है, पीछे भी चलती है। पहले तो इस बात पर लड़ 108585 test‏.htm कहा -- ज़रा ठहर जाओ बेटा, हम भी चलते हैं। तब तक थोड़ा-सा भूसा 108586 test‏.htm होरी ने उससे पूछा -- मैं भी चला चलूँ? 108587 test‏.htm तो चलिए, इसी बहाने मैं भी चला चलूँगा।’ 108588 test‏.htm को भी एक विजिट करनी थी। वह भी चली गयी। केवल मेहता और मिर्ज़ा 108589 test‏.htm ‘मैं भी चलूँ तो कोई हरज़ है?’ 108590 test‏.htm हुई थी। नदी की लहरें अब भी चाँद की किरणों में नहा रही 108591 test‏.htm में रुपए में एक आना भी चांस नहीं है। मेरी इच्छा केवल 108592 test‏.htm जमाया -- लगे औरों की तरह तुम भी चापलूसी करने। मैं जैसी कुछ 108593 test‏.htm तुम्हारा भरम है। मालिक आज भी चार घंटे रोज़ भगवान का भजन 108594 test‏.htm सुख से रहना चाहते हैं, मैं भी चाहता हूँ। इससे क्या फ़ायदा 108595 test‏.htm मक्खन नहीं बँधा था। और तुम भी चाहती हो, और दादा भी चाहते हैं 108596 test‏.htm और तुम भी चाहती हो, और दादा भी चाहते हैं कि मैं सारा करज़ा 108597 test‏.htm लगेंगे। खाने-पीने को भी चाहिए, दवा-दारू को भी चाहिए। 108598 test‏.htm बदलने के लिए हलवा-पूरी भी चाहिए। और ऐसों को भी देखती 108599 test‏.htm को भी चाहिए, दवा-दारू को भी चाहिए। वह कुछ काम करके खाने-भर 108600 test‏.htm बहस नहीं करता। और करना भी चाहूँ तो उतनी विद्या कहाँ से 108601 test‏.htm ‘तुम जान भी चाहो, तो दे दूँ।’ 108602 test‏.htm पड़ गयी थी। पटेश्वरी को भी चिंता हुई; पर धनिया को वह बराबर 108603 test‏.htm मील तक पूरा ज़ोर लगाने पर भी चिड़िया न पा सके। चिड़िया मर 108604 test‏.htm होरी ने इन्हें भी चिरौरी-बिनती करके बिदा किया। 108605 test‏.htm क्या करते। उन्होंने ज़रा भी चीं-चपड़ किया और इसने बंदूक़ 108606 test‏.htm बिस्तर बँध गया। झुनिया ने भी चुँदरी पहन ली। मुन्नू भी टोप 108607 test‏.htm उन्हें कड़वा अनुभव हो भी चुका था, लेकिन मिस्टर खन्ना 108608 test‏.htm सब चुकाये जायँगे वैसे इसे भी चुका देंगे। 108609 test‏.htm किया है, सहर में कुछ दिन रह भी चुकी है। वहाँ का दाना-पानी 108610 test‏.htm दूध उसे पचता न था। एक छन को भी चुप न होता था। चुहिया अपना 108611 test‏.htm विपत की मारी यहाँ आई, यहाँ भी चैन नहीं। 108612 test‏.htm चौकड़ियों के साथ हमारा मन भी चौकड़ियाँ भरने लगता था। उसकी 108613 test‏.htm ओर ताकने लगीं। झुनिया भी चौखट पर आ खड़ी हुई थी। होरी 108614 test‏.htm कि बहुत तेज़ माँग होने पर भी छः महीने से पहले न उठ सकता था। 108615 test‏.htm वही रुपहली चाँदनी अब भी छाई हुई थी। नदी की लहरें अब 108616 test‏.htm पत्र छापना वहाँ यह समाचार भी छाप देना; लेकिन इसका परिणाम 108617 test‏.htm गया। अब फ़ौजदरी हुई; बैल भी छिन जायँगे, मार भी पड़ेगी। 108618 test‏.htm धनिया बोली -- भला यह भी छिपा रहता है, मिस साहब; मुँह 108619 test‏.htm तो ऐसा उड़ रहे हैं, गोया यह भी छिपाने की बात है।’ 108620 test‏.htm नहीं देखा और जिसे मैंने भी छिपाया है। अच्छा, मान लो, मैं 108621 test‏.htm मैंने उसकी कमाई का एक पैसा भी छुआ हो। न जाने क्या लाया, कहाँ 108622 test‏.htm है। बेचारा सोचता होगा, अब भी छुट्टी नहीं, अब क्या मेरा हाड़ 108623 test‏.htm मांस का नाम नहीं, जैसे क़द भी छोटा हो गया है। दौड़कर होरी 108624 test‏.htm गया। तेरे कारन माँ-बाप को भी छोड़ना पड़ा। 108625 test‏.htm दस-पाँच दिन में यह कोठी भी छोड़नी पड़े। क़िस्मत ने कैसा 108626 test‏.htm मैंने ये सत्तर रुपए भी छोड़े, अदालत भी न जाऊँगा, जाओ। 108627 test‏.htm को सुलझाने आये थे, वह और भी जटिल हो गयी। अंधकार और भी असूझ 108628 test‏.htm में भी मुमकिन नहीं और वह भी जब कोई महाजन खड़ा हो जायगा!’ 108629 test‏.htm साधे जड़वत् खड़े थे। ज़रा भी ज़बान खोली और शामत आयी। उनका 108630 test‏.htm रोब तो था ही, महाजनी का रोब भी जम गया। मगर फिर ख़्याल आया, 108631 test‏.htm खड़ा होता। मथुरा एक घूँसा भी जमा देता, तो महतो फिर न उठते; 108632 test‏.htm पर जाफा कर दिया। हाकिम भी ज़मींदार ही का पच्छ करते हैं। 108633 test‏.htm अपने दूसरे भाई की इंच भर भी ज़मीन दबा ले। न वह यही देख सकते 108634 test‏.htm डाँट बताई। पटवारी के कान भी ज़रा गरमा दो। बड़ा मुतफन्नी 108635 test‏.htm क्यों? तुम लोगों की इसमें भी ज़रूर कोई शरारत है। तुम गंगा 108636 test‏.htm के पीछे दौड़ेगा, तो औरत भी ज़रूर मर्दों के पीछे दौड़ेगी। 108637 test‏.htm लेकिन मेरा सराप तुमको भी ज़रूर से ज़रूर लगेगा। मुझसे 108638 test‏.htm थी और रामसेवक अधेड़ होकर भी जवान हो गया था। रूपा के लिए 108639 test‏.htm जो यह अवसर मिला, तो बूढ़े भी जवान हो गये। अधमरे बूढ़े, ठठरियाँ 108640 test‏.htm थी। मगर अंत में वह शहतीर भी जवाब दे गयी। लोभी की कमर भी 108641 test‏.htm थीं। यहाँ तक कि नदी ने भी जवाब दे दिया। जगह-जगह चोरियाँ 108642 test‏.htm दिया और सिलिया से बोला -- तू भी जा खा-पी आ सिलिया! धनिया यहाँ 108643 test‏.htm चुका दूँगा। मैं मर भी जाऊँ तो गोबर तो है ही। 108644 test‏.htm न जायँगी, और किसी तरह निगल भी जाऊँ तो हज़म न होंगी। तुम्हारे 108645 test‏.htm कुछ है। फिर यह ज्ञान भी जाता रहा। वह क्या कहते हैं 108646 test‏.htm मारती जाती थी और रोती भी जाती थी। चौधरी उसे धक्का देकर 108647 test‏.htm पैसे हैं, वे तो पैसे पर और भी जान देते हैं। और गौरी महतो 108648 test‏.htm तो उसकी देह में ज़रा भी जान न रहती। घर पर भी उसे इससे 108649 test‏.htm में एक पैसा नहीं है वह यह भी जानता था कि कहीं से एक पैसा 108650 test‏.htm पर खा चुका हूँ। मैं यह भी जानता हूँ कि आप तकलीफ़ में 108651 test‏.htm किये जा सकते हैं; मगर यह भी जानता हूँ कि दौलत इंसान को 108652 test‏.htm छोड़ा है। रुपए कमाना भी जानता है; और ख़रच करना भी जानता 108653 test‏.htm भी जानता है; और ख़रच करना भी जानता है। गाड़कर रख लो, तो कौन 108654 test‏.htm सकते हैं, और चल रहे हैं। यह भी जानती हूँ कि पूर्णता के लिए 108655 test‏.htm करना कहीं कठिन है। इसे तुम भी जानती हो। 108656 test‏.htm पढ़े-लिखे आदमी थे। क़ानून भी जानते थे। धर्म की पुस्तकें 108657 test‏.htm में हैं; लेकिन आप यह भी जानते हैं, कवि को संसार में 108658 test‏.htm ही है। उसको जौ का आटा खाया भी जायगा। परदेश में न जाने क्या-क्या 108659 test‏.htm भी आओगे और साइत कुछ मिल भी जाय। 108660 test‏.htm इस तरह रहें कि उन्हें भी ज़िंदगानी का कुछ सुख मिले। 108661 test‏.htm जब अपने माँ-बाप के सामने भी ज़िंदगी का थोड़ा-सा सुख न भोगेंगे, 108662 test‏.htm कि वह उनके आश्रय से निकलकर भी ज़िंदा रह सकती है। तीनों बच्चे 108663 test‏.htm जा सो रह, मगर किसी से भूलकर भी ज़िकर न करना।’ 108664 test‏.htm से ब्याह भी कर ले, फिर भी जितनी उसकी सेवा मैंने की है, 108665 test‏.htm और भिखारी हो गया। अब मुझे भी ज़िद पड़ गयी है कि चाहे भीख 108666 test‏.htm ने टोका -- तो न सुनें। सोना भी ज़िद्दिन है। जो कहा है वह कर 108667 test‏.htm ‘तो मैं भी जिसके साथ ब्याह होगा, उसके 108668 test‏.htm उस पर यह अपमान! और वह अब भी जीता है, कायर, लोभी, अधम। उसका 108669 test‏.htm लगा, तो हम तीनों में से एक भी जीते न रहेंगे। बस, अब मुँह में 108670 test‏.htm लेकिन सेवा करने के लिए भी जीना ज़रूरी है। आर्थिक चिंताओं 108671 test‏.htm कर्तव्य का ढोंग रचकर मुझे भी ज़ेरबार करें, ख़ुद भी ज़ेरबार 108672 test‏.htm मुझे भी ज़ेरबार करें, ख़ुद भी ज़ेरबार हों। दिल की बात कहिए। 108673 test‏.htm न पा सके। चिड़िया मर कर भी जैसे उड़ी जा रही थी। 108674 test‏.htm की उतनी मेहनत न होने पर भी जैसे उस कोलाहल, उस गति और तूफ़ानी 108675 test‏.htm मातृ-स्नेह उस अँधेरे में भी जैसे दीपक के समान उसकी चिंता-जर्जर 108676 test‏.htm तुम इधर-उधर लपके, तो मेरी भी जो इच्छा होगी वह करूँगी। यह 108677 test‏.htm नहीं करते; मगर अब इन्हें भी ज्ञात हुआ कि तमाशा देखने के 108678 test‏.htm थी; मगर उसका दर आज और भी ज़्यादा गिर गया था। राय साहब 108679 test‏.htm लेकिन सच पूछो, तो वह हमसे भी ज़्यादा दुःखी हैं। हमें अपने 108680 test‏.htm भाइयों को देखते थे जो उनसे भी ज़्यादा मक़रूज, अपमानित और 108681 test‏.htm मिर्ज़ा खुर्शेद की धाक अब भी ज्यों-की-त्यों है; लेकिन मिर्ज़ाजी 108682 test‏.htm रहे थे। और तो और, ज़मीन से भी ज्वाला निकल रही थी। 108683 test‏.htm साहस उसमें होता तो नोहरी भी झख मारकर उसके पीछे-पीछे चली 108684 test‏.htm गिरधर ने भी झाँसा दिया -- अभी तो मेरा भी 108685 test‏.htm न सकुचाते थे। यह देखकर और भी झुँझलाहट होती थी कि इन दान 108686 test‏.htm लगता। जब चौथे दिन साँझ तक भी झुनिया के दूध न उतरा, तो चुहिया 108687 test‏.htm जो सब के सिर पड़ेगी, वह भी झेल लेगा। 108688 test‏.htm तुम तो भगवान की लीला में भी टाँग अड़ाते हो। 108689 test‏.htm लगा; अगर यह काम दो महीने भी टिक गया, तो गाय भर को रुपए मिल 108690 test‏.htm कठोर था कि बच्चों का मोह भी टूट गया था। उनके प्रति उसका 108691 test‏.htm जवाब दे गयी। लोभी की कमर भी टूट गयी। आँखों के सामने अँधेरा 108692 test‏.htm भी चुँदरी पहन ली। मुन्नू भी टोप और फ़्राक पहनकर राजा बन 108693 test‏.htm हो गयी और तुम्हारा कलेजा भी ठंडा हो गया। ठाकुर माँगते थे; 108694 test‏.htm लो और कुछ लेन-देन का हिसाब भी ठीक कर लो, तो जाना। 108695 test‏.htm चढ़ने से कम न था। गरमी में भी डर के मारे कमरे में सोते थे। 108696 test‏.htm तो बिरादरी और पंचायत का भी डर नहीं। मेरी समझ में तो यही 108697 test‏.htm डूब जायगी और उसके साथ आप भी डूब जायँगी। 108698 test‏.htm मेहता ने हँसकर कहा -- आप भी तलाश में रहिए, मैं भी तलाश में 108699 test‏.htm -- आप भी तलाश में रहिए, मैं भी तलाश में हूँ। शायद कभी तक़दीर 108700 test‏.htm को देखकर उसने पुकारा -- आप भी तशरीफ़ रखते हैं मिर्ज़ा खुर्शेद, 108701 test‏.htm गोबर के मन में विद्रोह और भी ताल ठोंकने लगा। जिससे मिला 108702 test‏.htm विवाह। बहुत हाथ बाँधने पर भी तीन सौ से कम ख़र्च न होंगे। 108703 test‏.htm निकालकर बोले -- क्या आज भी तुम काम करने न चलोगे होरी? अब 108704 test‏.htm लग गयी। बोली -- माँ-बाप को भी तुमने उन्हीं पैसे के यारों 108705 test‏.htm हाय! मेरे पीछे पंडित को भी तुमने भिरस्ट कर दिया। उसका 108706 test‏.htm में मैं दुर्बल होने पर भी तुमसे आगे रहूँगा। हाँ, कागद 108707 test‏.htm अपना रक्षक भी पाया है। मैं भी तुमसे प्रेम करती हूँ, तुम पर 108708 test‏.htm -- कहाँ हो होरी, तनिक हम भी तुम्हारी गाय देख लें। सुना 108709 test‏.htm से देखकर कहते हैं -- अब भी तुम्हारे ऊपर वह जोबन है कि 108710 test‏.htm उसी रास्ते पर ले जाओ। मैं भी तुम्हारे पीछे-पीछे चलूँगी। 108711 test‏.htm ‘तो मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा। देखूँगा, 108712 test‏.htm जाती ही क्यों। कहती -- मैं भी तुम्हारे साथ लौटूँगी। उसे 108713 test‏.htm कोई ज़रूरत नहीं। हाँ, जवाब भी तुम्हीं को देना पड़ेगा। 108714 test‏.htm मैं क्या करूँगा ठाकुर, यह भी तुम्हीं ले लो। मेरे लिए मजूरी 108715 test‏.htm अब बूढ़े हो गये महतो! पर आज भी तुम्हें सगाई की धुन सवार है। 108716 test‏.htm तुम्हारा सरबस लूट लेता, तो भी तुम्हें सुध न होती। 108717 test‏.htm मगर इस चोट की प्रतिक्रिया भी तुरंत हुई। हम जिनके लिए त्याग 108718 test‏.htm गोबर बीना करते थे। उस पर भी तू बिना दस गाली दिये रोटी न 108719 test‏.htm खन्ना ने भी तेज़ आँखों से देखकर कहा -- तो 108720 test‏.htm धनिया और भी तेज़ हुई -- ज़बान सँभाल, नहीं 108721 test‏.htm हैं। केले के लिए आज ठीकरा भी तेज़ हो गया। मैं ज़रा अदब करता 108722 test‏.htm नहीं। इतनी साँसत करवा के भी तेरा पेट नहीं भरता। 108723 test‏.htm लिए बैठा रहता? मेरी लहाश भी तेरे साथ चिता पर जाती।’ 108724 test‏.htm है, हम सिजदे करने को भी तैयार रहते हैं। मुफ़्तख़ोरी 108725 test‏.htm नहीं। सौ-पचास ख़रच करने को भी तैयार हूँ। जैसी भगवान की इच्छा।’ 108726 test‏.htm साहब उससे सींग मिलाने को भी तैयार हो जाते। मुश्किल यही 108727 test‏.htm विचार होगा। रात को शिकार भी तो अच्छा मिलते हैं।’ 108728 test‏.htm ही है, रामसेवक के रुपए भी तो अदा करने हैं। गोबर कह गया 108729 test‏.htm की भलमनसी है; लेकिन हमें भी तो अपने मरजाद का निबाह करना 108730 test‏.htm अभी तक क्यों नहीं आये। वह भी तो आकर देखें कि देहाती इस काम 108731 test‏.htm दम भी न लेने दोगे महराज! हम भी तो आदमी हैं। तुम्हारी मजूरी 108732 test‏.htm हुए कहा -- लेकिन भाईजान मैं भी तो इतनी दूर उठाकर लाया ही था। 108733 test‏.htm झेलकर जी रही है। मजूरी भी तो इस दशा में नहीं कर सकती। 108734 test‏.htm को अवसर मिला। बोले -- आप भी तो इसी मरज़ में गिरफ़्तार हैं? 108735 test‏.htm दिन ज़रा इस जीवन का आनंद भी तो उठाओ। देखो, मक्के की रोटियों 108736 test‏.htm और वे क्यों न हँसेंगे। मैं भी तो उनकी दुर्दशा और विपत्ति 108737 test‏.htm उधार माँगा था। यह राय साहब भी तो उन्हीं के भाईबंद हैं। चलो 108738 test‏.htm धरम है, तो मनुष्य के नाते भी तो उसका कुछ धरम है। समाज-धरम 108739 test‏.htm कर रहा होगा। कल भी तो उसके पीछे लगा हुआ था। नहीं 108740 test‏.htm कभी उसकी याद ही न आयी। आयी भी तो उसमें केवल दया थी, प्रेम 108741 test‏.htm न लग सकता था। वह बेचारे भी तो उसी व्यवस्था के ग़ुलाम थे। 108742 test‏.htm त्यागी मिर्ज़ा खुर्शेद भी तो एक दिन लखपति थे। हज़ारों 108743 test‏.htm सुनेगी नहीं; लेकिन हीरा भी तो एक ही ग़ुस्सेवर है। कहीं 108744 test‏.htm ‘मगर आप भी तो कहती हैं कि स्त्रियों और 108745 test‏.htm बुरा करती थी। आख़िर उसे भी तो कुछ आराम मिलना चाहिये। लेकिन 108746 test‏.htm ‘क्या करता, अपना धरम भी तो कुछ है। हीरा ने नालायक़ी 108747 test‏.htm ही न थी, और महाराज से पूछें भी तो कैसे। वह समझेगा नहीं कि 108748 test‏.htm से देखते हुए बोले -- मुझे भी तो कोई काम बताओ, मैं क्या करूँ? 108749 test‏.htm पोसाक लायी है? ससुराल में भी तो कोई जवान साली-सलहज नहीं 108750 test‏.htm जिस मत के आप समर्थक हैं, वह भी तो कोई नयी चीज़ नहीं। जब से 108751 test‏.htm कुटिया है; लेकिन उसके लिए भी तो कोई स्थिर आधार चाहिए।’ 108752 test‏.htm का परिचय मिला। गाँव में और भी तो कौड़े हैं। कहीं से आग मिल 108753 test‏.htm ‘मिस्टर मेहता भी तो क्वाँरे हैं ॰॰॰’ 108754 test‏.htm कहा -- तुम्हारे कपड़े भी तो गीले हैं। 108755 test‏.htm कब तक खड़े रहोगे। कपड़े भी तो गीले हो गये हैं। 108756 test‏.htm लगी है, घर कैसे आये? और आये भी तो घर के अंदर पाँव न रखने दूँ। 108757 test‏.htm सहज है? यह चुड़ैल उसे वहाँ भी तो चैन से न बैठने देगी! कहीं 108758 test‏.htm कितना ग़ुस्सेवर है। होते भी तो जल्लाद हैं। न मरने का ग़म, 108759 test‏.htm शराब लाते कहाँ से, और पीते भी तो जाते कहाँ? फिर वह तो रेलगाड़ी 108760 test‏.htm हूँ। आराम से रहेगी। उसके भी तो जान है। गाय बाँधकर वह अपने 108761 test‏.htm में कष्ट कटा जाता है। तूने भी तो जैसे चुप्पी साध ली थी। इसमें 108762 test‏.htm मेरे ही कारन सही। मैंने भी तो तुम्हारे लिए अपना घर-बार 108763 test‏.htm ही था। गाँव के और पंच भी तो थे। मैं अकेला क्या कर लेता। 108764 test‏.htm ‘हीरा भी तो दिल का साफ़ था?’ 108765 test‏.htm नहीं चली चलती? अम्माँ भी तो देख लें। 108766 test‏.htm हूँ; लेकिन उनकी भलमनसी को भी तो देखो। मुझसे जब मिलता है, 108767 test‏.htm ‘कितने दिन हुए, यह भी तो देख।’ 108768 test‏.htm उदार हैं, लेकिन मेरा यह भी तो धर्म है कि अगर तुम्हें ग़लती 108769 test‏.htm में वह कहीं मेहनत-मजूरी भी तो न कर सकेगी। कहीं डूब-धस मरी 108770 test‏.htm हो गये। ऐसे कोई बड़े सुंदर भी तो न थे तुम।’ 108771 test‏.htm करूँगी। कोई चिल्लाना भी तो न सुनेगा; लेकिन मन में यह 108772 test‏.htm क्यों लगी। घर में कुछ है भी तो नहीं, चुड़ैल ने पहले बता 108773 test‏.htm ‘माँगने का मुँह भी तो नहीं।’ 108774 test‏.htm कहीं नालिश-फ़रियाद भी तो नहीं कर सकता था। 108775 test‏.htm आप एकाग्रचित्त होकर सेवा भी तो नहीं कर सकते। क्या ग्राहक-संख्या 108776 test‏.htm ऊपर से आ जाते हैं; उनको भी तो नहीं छिपा सकता। और यह अच्छा 108777 test‏.htm न जाता। और अब उससे दौड़ा भी तो नहीं जाता। वह हारकर वहीं 108778 test‏.htm मैं तेरा एक पीतल का छल्ला भी तो नहीं जानती!’ 108779 test‏.htm है? एक आने नफ़री की मजूरी भी तो नहीं पड़ती। जो दस रुपए महीने 108780 test‏.htm ऐसी दशा में कुछ करते-धरते भी तो नहीं बनता!’ 108781 test‏.htm है। औरत जात का हाथ पकड़ते भी तो नहीं बनता; आँखों देखकर मक्खी 108782 test‏.htm कुछ ताड़ना दिये क़ाबू में भी तो नहीं रहती। चाहती है, माँ 108783 test‏.htm ‘रोज़-रोज़ आने से मरजाद भी तो नहीं रहती।’ 108784 test‏.htm न सुना होगा? कुछ इतनी दूर भी तो नहीं रहते। सारा गाँव देखने 108785 test‏.htm है। राम-राम जपकर वह जी भी तो नहीं सकता। उसे तो फावड़ा 108786 test‏.htm दिन याद आये -- और अभी दो साल भी तो नहीं हुए -- जब यही मातादीन 108787 test‏.htm ले जाता, और आजकल कोई परब भी तो नहीं है? 108788 test‏.htm ‘तुम्हारे साथ कोई दवा भी तो नहीं है?’ 108789 test‏.htm गया। बोले -- एक शिकार मिला भी तो निशाना ख़ाली गया। 108790 test‏.htm ‘हुज़ूर के भी तो पंद्रह रुपए गये।’ 108791 test‏.htm कहीं मिलती है? फिर मरजाद भी तो पालना ही पड़ता है। खेती 108792 test‏.htm ‘धनिया से भी तो पूँछ लूँ।’ 108793 test‏.htm क्यों देते हो? क़ानून भी तो बंधन है, उसे क्यों नहीं तोड़ते? 108794 test‏.htm में होशियार होगा, मजूरी भी तो बढ़ेगी। तब वह दादा से कहेगा, 108795 test‏.htm से पाँव तक देखकर कहा -- तुम भी तो बहुत दुबले हो गये दादा! 108796 test‏.htm भरने ही के लिए है। मेरे भी तो बाल-बच्चे हैं?’ 108797 test‏.htm में जानेवाला रथ भी तो बिना तेल के नहीं चल सकता। 108798 test‏.htm हूँ महाराज? लेकिन हमारी ऊख भी तो बोने को पड़ी है। 108799 test‏.htm होती, सोच। इतना सब करने पर भी तो मँगरू ने उस पर नालिश कर ही 108800 test‏.htm खेतों के निकलने में भी तो मरजाद बिगड़ती है। 108801 test‏.htm क्यों नहीं मँगवा लिया? वह भी तो महतो ही की कमाई है कि किसी 108802 test‏.htm दिन बीमार पड़ गये और जायगा भी तो मिस मालती ही के हाथ में। 108803 test‏.htm ‘तुम्हारे भैया भी तो मुझे लाये हैं। वह भी ख़राब 108804 test‏.htm नीचता थी; लेकिन धनिया ने भी तो मेरी आबरू उतारने में कोई 108805 test‏.htm ऐसा नहीं हुआ। उसकी मरजाद भी तो रखना है।’ 108806 test‏.htm कौन जी सकता है! और जिये भी तो वह कोई सुखी जीवन न होगा। 108807 test‏.htm का भाई, लेकिन फिर लाये भी तो वह माल कि यहाँ दस-पाँच गाँवों 108808 test‏.htm मगर बहेलिये का जाल और छल भी तो वहाँ न था। गोबर ने उसके एकांत 108809 test‏.htm करना चाहिए। तुम्हारे सिर भी तो वही बीत रही है महाराज! एक-न-एक 108810 test‏.htm ‘बहुएँ भी तो वैसी ही चटोरिन आयी हैं। 108811 test‏.htm रोता होगा। बेचारा एक दिन भी तो सुख से नहीं रहने पाता। कभी 108812 test‏.htm पक्षवाले क्या कहते हैं, यह भी तो सुनना चाहिए। संभव है; हमीं 108813 test‏.htm नहीं प्यारा होता। यहाँ भी तो सूखा पड़ता है, पाला गिरता 108814 test‏.htm हाल भी समझ लो! उनकी जान को भी तो सैकड़ों रोग लगे हुए हैं, 108815 test‏.htm छान-बीन करती हैं। पहले भी तो स्वयंवर से पुरुषों की परीक्षा 108816 test‏.htm माता ही तो नहीं हूँ, नारी भी तो हूँ? 108817 test‏.htm बताये। पंद्रह बीघे ज़मीन भी तो है उसके साथ। खन्ना स्तंभित 108818 test‏.htm नहीं है भैया, कुछ अपना धरम भी तो है। तुम्हारे घर आराम से 108819 test‏.htm न सकता था, और कहने का अवसर भी तो हो। पति की आड़ में सब कुछ 108820 test‏.htm मन-दो-मन अनाज खाने को भी तौल दूँगा। 108821 test‏.htm से धन नहीं मिलता। इसके लिए भी त्याग और तपस्या करनी पड़ती 108822 test‏.htm पाया था। थोड़ा-सा काम करके भी थक जाता था। उन दिनों जब झुनिया 108823 test‏.htm थी; लेकिन वहाँ उसे ज़रा भी थकन न होती थी। बीच-बीच में वह 108824 test‏.htm समझता था, कुछ देखता भी था, उसके यहाँ से भागने का एक 108825 test‏.htm अंश में उसके हृदय के बाहर भी था, गोबर के हृदय में भी उसकी 108826 test‏.htm सब तो था, बिरादरी में आदर भी था, फिर मेरा ब्याह क्यों नहीं 108827 test‏.htm से अधिक न थी। पढ़ा-लिखा भी था; मगर बड़ा मग़रूर, अपनी कुल-प्रतिष्ठा 108828 test‏.htm मटर, थोड़ा-सा चना और तेलहन भी था। अकेला आदमी और दो गृहस्थियों 108829 test‏.htm डलिया में चार-पाँच सेर आटा भी था। आज जीवन में पहली बार वह 108830 test‏.htm नहीं था। सोना से उसे प्रेम भी था। इस वक़्त अँधेरा और एकांत 108831 test‏.htm रात गये उसका आना शंकाप्रद भी था। ज़रूर कोई-न-कोई बात हुई 108832 test‏.htm न था, थोड़ा-सा मनोरंजन भी था। बुड्ढों का बुढ़भस हास्यास्पद 108833 test‏.htm तीन महीने हुए थे। एक लड़का भी था। भोला की लार टपक पड़ी। झटपट 108834 test‏.htm से भागने का एक कारण यह भी था। यहाँ उसकी तो कोई बात न पूछता 108835 test‏.htm न था। और उन्हीं में गोबर भी था। लेकिन अभी आज उसके पास खाने 108836 test‏.htm इतना ही था, कि मालती घर की भी थी और बाहर की भी; मेहता केवल 108837 test‏.htm पच्चीस से कम न थी। शराब भी थी और मांस भी। इस उत्सव के लिए 108838 test‏.htm की ओर ताक रही थी। शंका भी थी, आशा भी थी, शंका अधिक थी, आशा 108839 test‏.htm जानती थी और लज्जाशील भी थी, जो स्त्री का सबसे बड़ा आकर्षण 108840 test‏.htm आदमियों की भीड़ थी, पुलिस भी थी, फ़ायर ब्रिगेड भी, सेवा-समितियों 108841 test‏.htm ताक रही थी। शंका भी थी, आशा भी थी, शंका अधिक थी, आशा कम। सोचती 108842 test‏.htm चाहती थीं। कई युवतियाँ भी थीं, जो डिग्रियाँ ले चुकी थीं 108843 test‏.htm आ जाती है, वह कौल में भी थी। तक़ाज़े हुआ करें, उन्हें 108844 test‏.htm एक साइत कालिज में पढ़ाती भी थी। तीन सौ का महीना पाती थी। 108845 test‏.htm राह ही न थी। एक मसलहत और भी थी। मिस्टर तंखा ने उन्हें विश्वास 108846 test‏.htm वस्तु नहीं, सजीव संपत्ति भी थी। वह उससे अपने द्वार की शोभा 108847 test‏.htm सबको राम-राम किया। हिंदू भी थे, मुसलमान भी थे, सभी में मित्रभाव 108848 test‏.htm कुछ स्वभाव से शांति-प्रिय भी थे, विरोध न कर सके। बोले -- मैं 108849 test‏.htm न था। दिग्विजयसिंह ऐयाश भी थे, शराबी भी। मीनाक्षी भीतर 108850 test‏.htm किया। हिंदू भी थे, मुसलमान भी थे, सभी में मित्रभाव था, सब एक-दूसरे 108851 test‏.htm के मंत्री और उपमंत्री भी थे; लेकिन शिक्षित-समाज में 108852 test‏.htm में आये थे। परमार्थी भी थे। बुख़ार के दिनों में सरकारी 108853 test‏.htm उसे सुखी रखे। हमारे रुपए भी थोड़ा-थोड़ा देते चलो। सूद ही 108854 test‏.htm बहुत देर नहीं लगती, वेदना भी थोड़ी ही देर की होती है। हम 108855 test‏.htm कभी न ले सकेंगे, और वह भी थोड़े दिनों के लिए। सभी औरतों 108856 test‏.htm के रुपए! उसकी एक पाई भी दब गयी, तो हड्डी तोड़कर निकलेगी। 108857 test‏.htm ही मँड़ैया से निकला, गोबर भी दबे पाँव धीरे-धीरे पीछे-पीछे 108858 test‏.htm भाइयों को भी दया आ गयी। सिलिया को वहीं छोड़कर 108859 test‏.htm इसलिए कि पुनिया पर अब उसे भी दया आती थी। हीरा का घर से भाग 108860 test‏.htm भुरकस हो गयी। सबों को तनिक भी दया न आयी। 108861 test‏.htm तब वह गर्भवती थी। उसे तनिक भी दया न आयी। पूरा गर्भ लेकर भी 108862 test‏.htm अनाथ लड़की पर इन्हें तनिक भी दया नहीं आती। और जो मैं भी सामने 108863 test‏.htm करें कैसे? कहीं पैसे के भी दरसन हों। जब से तीनों भाइयों 108864 test‏.htm पहुँचाना पड़ता था। आजकल भी दही बेचने का भार उसी पर था। 108865 test‏.htm दूँगी, अगर तुमने ऐसा पैसा भी दहेज लिया, तो मैं तुमसे ब्याह 108866 test‏.htm और उठकर रोने लगी। सोना भी दाँतों के निशान देखकर रो पड़ी। 108867 test‏.htm कौन आलसी नहीं होता। मैं भी दादा के सामने मटरगस्ती ही किया 108868 test‏.htm और सहृदयता में वैर है। हम भी दान देते हैं, धर्म करते हैं। 108869 test‏.htm है, इसलिए कि उसे इसके भी दाम मिलते हैं। उसका चहकना और 108870 test‏.htm भागेगा। इधर बेदख़ली भी दायर किये देता हूँ। 108871 test‏.htm भी हो जाता और मुक़दमा भी दायर हो जाता; मगर आपके दुर्भाग्य 108872 test‏.htm न मिलना इस दुःख को और भी दारुण बना रहा है। सारे दिन 108873 test‏.htm अँधेर नहीं देखा। कहो तो वह भी दिखा दूँ। एक-एक को पाँच-पाँच 108874 test‏.htm क्या कर लेता है। तो समाज भी दिखा देगा कि उसकी मर्यादा तोड़नेवाले 108875 test‏.htm पाकर छोड़ना न चाहते थे। यह भी दिखा देना चाहते थे कि मैं निरा 108876 test‏.htm देना चाहती थी। भगवान् को भी दिखाना चाहती थी कि इस गाय के 108877 test‏.htm इसके ऊपर तुमने एक पैसा भी दिया तो फिर मुझसे एक पैसा भी 108878 test‏.htm एक चर्खा और हाथों का कंगन भी दिया। वह ख़ुद जाना चाहती थी; 108879 test‏.htm कम में न भरेगा। दो खाँचे भी दिये, तो दो मन निकल जायँगे। 108880 test‏.htm तो वह क्या कर लेंगे। फिर भी दिल मज़बूत करके कहा -- ऐसा नहीं 108881 test‏.htm मगर अमीरों की दौलत वहाँ भी दिलचस्पियों के सामान पैदा 108882 test‏.htm ‘आप भी दिल्लगी करते हैं। मालती को 108883 test‏.htm इनकार ही न किया, लताड़ भी दी -- उधार माँगने चले हैं, तीन 108884 test‏.htm ‘अजी रहने भी दीजिए।’ 108885 test‏.htm बड़े प्यार से। मेरा सिर भी दुखता है, तो बेचैन हो जाते हैं। 108886 test‏.htm हो सकते हैं; लेकिन आप भी दुम दबाये बैठे रहते हैं। आपको 108887 test‏.htm था। देह के साथ उसका मन भी दुर्बल हो गया। वह जो संकल्प 108888 test‏.htm सेर दूध, सीधी ऐसी कि बच्चा भी दुह ले। इसका तो एक-एक बाछा सौ-सौ 108889 test‏.htm तो जितना हो सकेगा, तुमको भी दूँगा। न गाँव छोड़कर भागा जाता 108890 test‏.htm घबड़ाते क्यों हो, मैं ओसा भी दूँगी, ढोकर रख भी आऊँगी। पहर 108891 test‏.htm तो फिर कब खायेगा। साल-भर भी दूध पी ले, तो देखने लायक़ हो 108892 test‏.htm करता हूँ कि किसी को भी दूसरे के श्रम पर मोटे होने 108893 test‏.htm में मौज करने चल दिया। बहू भी दूसरे के साथ निकल गयी। बड़ी 108894 test‏.htm क्यों होते हैं? मैंने किसी भी दूसरे पत्र में इतने विदेशी 108895 test‏.htm ढोंग है। औरों की तरह तुमने भी दूसरों का गला दबाया होता, उनकी 108896 test‏.htm चुका है और जो कुछ बचा है, वह भी दूसरों का है। भविष्य अंधकार 108897 test‏.htm जायँगे और यह कल्पना उसे और भी दृढ़ और निष्ठ बना रही थी। 108898 test‏.htm ने अपनी सहायता का आश्वासन भी दे दिया था। राय साहब विचारशील 108899 test‏.htm और अदालत-ख़र्च के लिए रुपए भी दे दिये। 108900 test‏.htm न मिलेगा? अगर पच्चीस रुपए भी दे दूँ, तो भोला को ढाढ़स हो जाय। 108901 test‏.htm हो सके तो थोड़ा-थोड़ा सूद भी दे देंगे। जौ खाने के काम में 108902 test‏.htm तो क्या पूछना। वह तो प्राण भी दे देगा। 108903 test‏.htm से देखा -- तब मैं कुश-कन्या भी दे देती तो कोई हँसनेवाला न 108904 test‏.htm है, उसे पर्व के दिन दान भी दे देती है, पर उससे अपने बरतन 108905 test‏.htm ही होगी। और भोला के रुपए भी दे देना चाहिये। सगाई के ढकोसले 108906 test‏.htm कुश-कन्या होरी भी दे सकता था। इसी में उसका मंगल 108907 test‏.htm किसी न किसी तरह उसे निभा भी देंगे। किसी राजा की शादी किसी 108908 test‏.htm ऊपर वह जोबन है कि कोई जवान भी देख ले, तो तड़प जाय। और ठकुराइन 108909 test‏.htm घर की स्त्रियों का अपमान भी देख सकते होंगे?’ 108910 test‏.htm गये कि नहीं। सोभा काका को भी देखती आना। कहना, दादा ने तुम्हें 108911 test‏.htm भी चाहिए। और ऐसों को भी देखती हूँ, जिन्हें घर की रोटी-दाल 108912 test‏.htm वैसा बनता है। ऐसों को भी देखती हूँ, जिन्हें रोज़-रोज़ 108913 test‏.htm तो लड़ने को तैयार। शोभा भी देखने में बड़ा सीधा-सादा है; 108914 test‏.htm पक्का खेतिहर था। उसने यह भी देखा कि यद्यपि विद्वानों ने 108915 test‏.htm भी है, धैर्य भी है; मगर यह भी देखा कि वह विभूतियाँ हैं तो 108916 test‏.htm थी। उसे दबे पाँव आते भी देखा था, आँधी की तरह भी देखा 108917 test‏.htm आते भी देखा था, आँधी की तरह भी देखा था। उसके सामने सास मरी, 108918 test‏.htm ‘मैंने उनकी लड़की को भी देखा है। सरोज उसके पाँव की 108919 test‏.htm टेकते देखा है, और आपने भी देखा होगा। रूप के चौखट पर बड़े-बड़े 108920 test‏.htm उसे रोज़ देखता हूँ। तुमने भी देखा होगा। रूप, गुण, शील, स्वभाव 108921 test‏.htm ‘अच्छी बात है, मैं भी देखूँगी आप किस ग्रेड में पास 108922 test‏.htm मँगवा लिया होगा। ज़रा मैं भी देखूँ।’ 108923 test‏.htm चलते हैं, ज़रा उसका मज़ा भी देखें; लेकिन बोझा उतारें कैसे? 108924 test‏.htm होते हैं। उनके यार-दोस्त भी देखें। कैसे मालिक को बुलाये? 108925 test‏.htm भगवान का भजन करें, तो हम भी देखें। हमें कोई दोनों जून खाने 108926 test‏.htm ‘तू गालियाँ भी देगी और भाई-चारा भी निभायेगी?’ 108927 test‏.htm किसानों के हाथ गायें बेच भी देता था। होरी का मन उन गायों 108928 test‏.htm अच्छे कुल में करता, दहेज भी देता, बरात के खिलाने-पिलाने 108929 test‏.htm लगता और कभी-कभी पीट भी देता। 108930 test‏.htm देखती थी, मुफ़्त दवा भी देती थी। दोनों में अंतर इतना 108931 test‏.htm अभिनेताओं को प्रोत्साहन भी देते जाते थे। राय साहब ने इस 108932 test‏.htm और उसे मेहता कुछ वज़ीफ़ा भी देते थे। संयोग से उस वक़्त 108933 test‏.htm बुद्धि के हाथ में अधिकार भी देना चाहते हैं, सम्मान भी, नेतृत्व 108934 test‏.htm अपने हृदय का रक्त निकालकर भी देना पड़े, तो मैं ख़ुशी से दे 108935 test‏.htm हाथ क्यों फैलाओ। सूद भी देना पड़ेगा, उस पर इस्टाम लिखो, 108936 test‏.htm ने अनुरोध किया -- तुम भी देर न करना। 108937 test‏.htm के साथ उसकी छवि में भी देवत्व की झलक आने लगी है। मानवता 108938 test‏.htm डाक्टर मेहता अकेले थे, फिर भी देवियों के दिल काँप रहे थे। 108939 test‏.htm रह सकती, उसी तरह प्राण को भी देह ही सबसे उपयुक्त स्थान है। 108940 test‏.htm लगा है। मूल में वह अब भी देहाती है, पैसे को दाँत से पकड़ता 108941 test‏.htm दिल्लगी है कि अपना माल भी दो और उसे घर तक पहुँचा भी दो। 108942 test‏.htm पहुँचाना होगा मालिक? मुझे भी दो-चार पैसे दे देना। 108943 test‏.htm बजाती हुई दौड़ी। सोना भी दो-तीन क़दम आगे बढ़ी; पर अपने 108944 test‏.htm गोबर ने इसके पहले भी दो-तीन बार मिर्ज़ाजी को रुपए 108945 test‏.htm पढ़ाया जा सकता है। ताड़ना भी दो; लेकिन उसके मुँह मत लगो। 108946 test‏.htm ही का नहीं है। माता का भी दोस है। जब हर बात में वह अपनी 108947 test‏.htm की भाँति खन्ना का जीवन भी दोहरा या दो-रुखी था। एक ओर वह 108948 test‏.htm किया -- अम्माँ, जाने भी दो। तुम तो समय नहीं देखती, बात-बात 108949 test‏.htm भी दो और उसे घर तक पहुँचा भी दो। लाद दे, लदा दे, लादनेवाला 108950 test‏.htm पुन्नी का रोना सुनकर होरी भी दौड़ा हुआ आया। पुन्नी ने उसे 108951 test‏.htm खेतों में काम कर रहे थे, वे भी दौड़े चले आ रहे थे। उसी समय 108952 test‏.htm इस दशा में न होता। मुझे भी धन कमाने की कला आती है। आज चाहूँ, 108953 test‏.htm मगर सब कुछ समझकर भी धनिया आशा की मिटती हुई छाया 108954 test‏.htm न बोल सका। दातादीन में भी धनिया की गालियाँ सुनने का साहस 108955 test‏.htm चीज़ें भी धन्यवाद के साथ स्वीकार कर लेती 108956 test‏.htm का माँ-बाप के साथ एक आना भी धरम नहीं है। जो जाता है उसे 108957 test‏.htm नहा गया होगा। तिलक-मुद्रा भी धुल गयी होगी। मूँछें भी क्यों 108958 test‏.htm मानो वह भगवान् को भी धोखा देना चाहती थी। भगवान् 108959 test‏.htm का सहमत न होना ख़याल में भी न आ सकता था। उन्होंने तुरंत 108960 test‏.htm तो ऐसे थे, जिन्हें याद भी न आता था कि कभी कबड्डी खेली 108961 test‏.htm दूँ। गऊ-हत्या करते इसे लाज भी न आयी। बहुत अच्छा होता, पुलिस 108962 test‏.htm था जो शायद दस आदमियों से भी न उठता। किसी खूँटी पर ढोलक 108963 test‏.htm दी गयी है और किसी दाम पर भी न उठायी जायगी। कोई स्वार्थी 108964 test‏.htm उस पर शांत मनसे विचार भी न करना चाहता था; लेकिन ठाकुर 108965 test‏.htm पड़ने पर भाई की मदद भाई भी न करे, तो काम कैसे चले।’ 108966 test‏.htm कुछ कहें वह ठीक है। वह यह भी न कह सके कि आप ख़ुद चलकर झूठ-सच 108967 test‏.htm किया है, उतना अन्याय ने भी न किया होगा; बल्कि मेरे ख़्याल 108968 test‏.htm सुडौल है, इसकी उसने कल्पना भी न की थी। 108969 test‏.htm सकती है, इसकी उसने कल्पना भी न की थी। इधर कई दिन से पति को 108970 test‏.htm सेवा करेगी कि अपने बाप की भी न की होगी। और सिलिया को भर-पेट 108971 test‏.htm आपको कंपनी का एक हिस्सा भी न ख़रीदना पड़ेगा। आप सिर्फ़ 108972 test‏.htm खाते हैं, वह आपका कुत्ता भी न खायेगा। मैंने उनके जीवन में 108973 test‏.htm कमाने लगा, एक दिन नेवता भी न खिलाया, सेंत-मेंत में भाभी 108974 test‏.htm लेकिन वह दो क़दम भी न गयी थी कि धनिया ने दौड़कर 108975 test‏.htm हुई आवाज़ हो। वह एक शब्द भी न छिपा सकी, सोना के चेहरे पर 108976 test‏.htm थे, जिन्हें एक दिन के लिए भी न छोड़ सकती थी। हाँ, शादी के 108977 test‏.htm थे, जो इस अवसर को किसी तरह भी न छोड़ना चाहते थे। भूखों मर 108978 test‏.htm हो, उस पर कहते हो, एक पैसा भी न छोड़ा! 108979 test‏.htm बैठ गयी। भाइयों ने इस पर भी न छोड़ा। घसीटते ही रहे। उसकी 108980 test‏.htm कोई काम मिल जायगा, तो उसे भी न छोड़ेगा। दिन-भर मजूरी की; 108981 test‏.htm लेंगे। वह किसी मंदिर में भी न जा सकेगा, न किसी के बरतन-भाँड़े 108982 test‏.htm सत्तर रुपए भी छोड़े, अदालत भी न जाऊँगा, जाओ। अगर मैं ब्राह्मण 108983 test‏.htm बना देगा, यह तो कोई देवता भी न जान सकता था। गोबर ऐसा लंपट! 108984 test‏.htm पूरी की -- जो सत्य से जौ-भर भी न टले। 108985 test‏.htm दिया। उन्हें शायद ख़याल भी न था कि इस कोठरी का कुछ किराया 108986 test‏.htm पुरुष को आँख भरकर देखा भी न था, इस पापिष्ठा को गले लगाये 108987 test‏.htm पर गहने के नाम कच्चा धागा भी न था, देवरानियों के लिए दो-दो 108988 test‏.htm सांप्रदायिक द्वेष का नाम भी न था। गोबर घर जा रहा है। सब उसे 108989 test‏.htm होरी की किसी से दुश्मनी भी न थी कि उस पर संदेह किया जाय। 108990 test‏.htm झुनिया में अब इतनी शक्ति भी न थी कि उसे छाती पर से ढकेल दे। 108991 test‏.htm होरी को ख़बर भी न थी कि क्या खिचड़ी पक रही है। 108992 test‏.htm ने तो कभी उसकी बात का जवाब भी न दिया था। इसी राँड़ ने उसे 108993 test‏.htm मैंने ठान लिया है कि कौड़ी भी न दूँगा। तुम आज ही मेहता को 108994 test‏.htm तो उसी से लेना। मैं दमड़ी भी न दूँगी, चाहे मुझे हाकिम के 108995 test‏.htm घृणा थी, और उनका मुँह भी न देखना चाहते थे; लेकिन इस वक़्त 108996 test‏.htm कहे, तो अब वह उसका मुँह भी न देखेगा। 108997 test‏.htm पुस्तकों की ओर आँख उठाकर भी न देखे। मालती जो कुछ करती थी, 108998 test‏.htm है? क्यों वह उसे कुछ बोलने भी न देगा? 108999 test‏.htm सकता है और किसी को पास आने भी न देगा। 109000 test‏.htm अम्माँ तो इसे घर में घुसने भी न देगी। लेकिन जब स्त्री होकर 109001 test‏.htm देता हूँ, नहीं एक धेला भी न देता। अगर राय साहब ने सख़्ती 109002 test‏.htm अभी वह गाँव के बाहर भी न निकला था कि पीछे से दातादीन, 109003 test‏.htm के मुँह से असीस का एक शब्द भी न निकला। उसने आँख उठाकर देखा 109004 test‏.htm झुनिया और गोबर में अब भी न पटती थी। झुनिया के मन में 109005 test‏.htm की थी; पर ऐसे से वह मिलना भी न पसंद करते थे। उन्हें ऐसे 109006 test‏.htm मगर वह पत्थर की देवी ज़रा भी न पसीजी। उसने चलते-चलते हाथ 109007 test‏.htm दिया तो फिर मुझसे एक पैसा भी न पाओगे। मैं परदेश में इसलिए 109008 test‏.htm ‘तुम तो उसे खेला भी न पाये।’ 109009 test‏.htm न देती थी; पर आज उसने एक बार भी न पूछा, पैसे कब दोगी। 109010 test‏.htm हैं, उनसे आप अपने जूते भी न पोछेंगे। खाना जो वह खाते 109011 test‏.htm छिपा दिया था, नहीं तिनका भी न बचता। ज़मींदार तो एक ही हैं; 109012 test‏.htm पर सब वहीं लुट गये, धेला भी न बचा।’ 109013 test‏.htm जाते; पर वह एक धेले की दवा भी न मँगवा सकी थी। उसकी ही उम्र 109014 test‏.htm को खिला देना। हम वह भी न माँगेंगे। रसद का इंतज़ाम 109015 test‏.htm लोगों को खड़े होने की जगह भी न मिलती थी। वही खल्वाट सिर, 109016 test‏.htm माँगते होते। रूख की छाँह भी न मिलती। 109017 test‏.htm में साहस न था। आज तमाखू भी न मिला कि उसी से मन बहलाता। 109018 test‏.htm है। अगर उन्हें दस सैकड़े भी न मिले, तो वे डायरेक्टरों को 109019 test‏.htm में पेट की रोटियाँ भी न मिलें, उसके लिए इतनी ख़ुशामद 109020 test‏.htm का पेट पालूँगी, और जब भीख भी न मिलेगी, तो कहीं डूब मरूँगी। 109021 test‏.htm पर कोई थूकनेवाला भी न मिले। क्या जिन दिनों शराब 109022 test‏.htm मुझे जिस परेम से रखा, माँ भी न रखती। भगवान मुझे फिर जनम 109023 test‏.htm गये, यहाँ तक कि अब उसे धोखा भी न रह गया था, झूठी आशा की हरियाली 109024 test‏.htm अपने घर में तो मैं छन-भर भी न रहने दूँगी। जिस दिन गाय लाने 109025 test‏.htm था, जब उसमें आत्म-विश्वास भी न रहा था। अगर वह अपने धर्म पर 109026 test‏.htm चली जाय, तो रोटी का ठिकाना भी न रहे, अपने हाथ से ठोकना पड़े। 109027 test‏.htm पहर रात तक यहाँ एक दाना भी न रहेगा। 109028 test‏.htm लेकर काकी, साथ तो एक कौड़ी भी न ले जा सकेगी। ग़रीब को खिला-पिलाकर 109029 test‏.htm थी। वह गोबर से एक पैसा भी न लेना चाहती थी, किसी तरह नहीं! 109030 test‏.htm बदलकर कहा -- क्या ज़रा दम भी न लेने दोगे महराज! हम भी तो आदमी 109031 test‏.htm पर अपना भार रखते ज़रा भी न सकुचाते थे। यह देखकर और भी 109032 test‏.htm कोई तुझे तिरछी आँखों देख भी न सकेगा। गोबर गद्गद् हो गया। 109033 test‏.htm आनंद का कंपन हुआ। समझकर भी न समझने का अभिनय करती हुई बोली 109034 test‏.htm था। गीदड़ों की आवाज़ भी न सुनायी पड़ती थी; और सोना से 109035 test‏.htm वह आर्त-पुकार सुनी है। तुम भी न सुनोगे, तो सुननेवाले कहाँ 109036 test‏.htm बड़े-बड़े उपदेश सुनकर भी न हुआ था। तर्कों का उनके पास 109037 test‏.htm है, उतनी अपने विवाह के दिन भी न हुई थी। आज सबेरे पंद्रह सौ 109038 test‏.htm में लगे थे, किसी को ख़बर भी न हुई। होरी ने ज़रा-सा इशारा 109039 test‏.htm साहब षोड़शी से निवृत्त भी न हुए थे कि राय साहब ने बातचीत 109040 test‏.htm पाँच मिनट भी न हुए होंगे कि धनिया बच्चे 109041 test‏.htm गोबर को बैठे दस मिनट भी न हुए होंगे कि वह लौट आयी और 109042 test‏.htm गिरस्त के घर में एक गाय भी न हो, तो कितनी लज्जा की बात है। 109043 test‏.htm लगेगा, तो सौ रुपए सूद-भर को भी न होंगे! कोई ऐसी जुगुत न सूझती 109044 test‏.htm कहा -- इसका जवाब तो आपके पास भी न होगा? 109045 test‏.htm -- अजी, उनके पास एक पैसा भी न होगा। कौन जानता था कि यहाँ 109046 test‏.htm लेते थे; मगर बचत एक धेले की भी न होती थी। रोटी-दाल खाने के 109047 test‏.htm मिर्ज़ा और मेहता भी नंगी देह, केवल जाँघिए पहने 109048 test‏.htm रात को खानी पड़तीं और वह भी नमक या पानी और नमक के साथ। 109049 test‏.htm यह होनी चाहिए कि उन्हें एक भी नया आदमी न मिले। यही हमारी 109050 test‏.htm लड़की है, झुनिया, वह भी नसीब की खोटी। तुम तो उसकी सगाई 109051 test‏.htm जला और तुमने मुझसे कहा भी नहीं! हम तुम्हारे बैरी तो नहीं 109052 test‏.htm हुज़ूर! भोजन का ठिकाना भी नहीं!’ 109053 test‏.htm ऊँचे न उठे थे: उस वक़्त भी नहीं, जब उनकी रचना को फ़्रांस 109054 test‏.htm यह विपत्ति थी। ऐसा एक आदमी भी नहीं, जिसकी रोनी सूरत न हो, मानो 109055 test‏.htm के रुलानेवाले स्वरों में भी नहीं, दर्शन की ऊँची उड़ानों 109056 test‏.htm और किसी ने कुछ कहा भी नहीं; बल्कि सभी ने उसके साहस 109057 test‏.htm कहेंगी, तुमसे तो बोलेंगी भी नहीं। 109058 test‏.htm दो-एक ख़ून किये मानेगा भी नहीं। 109059 test‏.htm ‘कभी नहीं, भूलकर भी नहीं। अम्माँ तो पहले बिगड़ी 109060 test‏.htm जाती थी, और आज सीधे ताकती भी नहीं। उसने सोचा था, सोना उसके 109061 test‏.htm झुनिया ने उसकी ओर ताका भी नहीं। उसमें वह क्रोध था, जो 109062 test‏.htm है; पर उसकी असली क़ीमत कुछ भी नहीं। और इधर राय साहब बिना 109063 test‏.htm गये। उसने तो बहू को छुआ भी नहीं। क्या वह इतना गँवार है 109064 test‏.htm उसने आँख उठाकर देखा भी नहीं। गोबर बालक को गोद में 109065 test‏.htm को जगाया नहीं। कुछ बोला भी नहीं। चुपके से खिचड़ी थाली 109066 test‏.htm में मैं आपसे कुछ माँगूँगा भी नहीं। जिस आयोजन में हमें विश्वास 109067 test‏.htm दर्शन की ऊँची उड़ानों में भी नहीं। जैसे अपने आपको पा जाता 109068 test‏.htm चार बूँद आँसू बहानेवाला भी नहीं। तब उसे वह दिन याद आया, 109069 test‏.htm एक लुटिया पानी देनेवाला भी नहीं। दोपहर की बासी रोटियाँ 109070 test‏.htm में मेरी इज़्ज़त दो लाख की भी नहीं। मेरी सारी रियासत बिक 109071 test‏.htm तो साल दो साल तो वह बोलेगा भी नहीं। सगाई न भी हुई, तो होरी 109072 test‏.htm तुम्हारी तरफ़ ताकेगी भी नहीं। सत्पुरुष धन के आगे सिर 109073 test‏.htm कोई एक लोटा पानी देनेवाला भी नहीं।’ 109074 test‏.htm बैठा हुआ है। मैं तो बोली भी नहीं।’ 109075 test‏.htm आजकल तो वह मुझसे बोलती भी नहीं।’ 109076 test‏.htm हुए, तुम्हें इतनी अक़्ल भी नहीं आई कि गोईं-भर के रुपए तो 109077 test‏.htm ‘तो मैं भी नहीं आता।’ 109078 test‏.htm अचकन पहनते तुम्हें शर्म भी नहीं आती? 109079 test‏.htm फिर जाओगे? तुम्हें लाज भी नहीं आती। 109080 test‏.htm -- अभी तो हम एक मील भी नहीं आये। अभी से थक गयीं? 109081 test‏.htm आकर कहा -- भीष्म का ज्वर आज भी नहीं उतरा, किसी डाक्टर को बुला 109082 test‏.htm शिष्टाचार का व्यवहार भी नहीं कर सकती! लेकिन भाई साहब! 109083 test‏.htm पीकर पले हो, उसके साथ इतना भी नहीं कर सकते? 109084 test‏.htm बड़े मुरहे हो, मुझसे कहा भी नहीं कि लौट जाओ। 109085 test‏.htm दिये कि सहसा अविश्वास भी नहीं किया जा सकता। क्या यह 109086 test‏.htm उससे एक ब्राह्मण का उपकार भी नहीं किया, तो क्या जवाब दोगी? 109087 test‏.htm गोविंदी से दिल खोलकर बात भी नहीं की। उसकी सेवा और स्नेह 109088 test‏.htm जी उठते हैं, मगर वह एक इंच भी नहीं खिसक सकते। मिर्ज़ा उनकी 109089 test‏.htm रहता है। माया तो उन्हें छू भी नहीं गयी। केवल एक बार दूध पीते 109090 test‏.htm -- काका! देखो, मैने एक ढेला भी नहीं छोड़ा। बहन कहती है, जा 109091 test‏.htm से नहीं। क्या तुम इतना भी नहीं जानते कि नारी परीक्षा 109092 test‏.htm हूँ, जो कुकरौंधे का नाम भी नहीं जानते। इन विद्वानों का 109093 test‏.htm लिया? मैंने तो एक पैसा भी नहीं जाना।’ 109094 test‏.htm ज़रा भी नहीं लजाया, ज़रा भी नहीं झिझका। 109095 test‏.htm किये मुँह में पानी भी नहीं डालते; लेकिन बीमार हो 109096 test‏.htm मिट गये, उनका कोई चिन्ह भी नहीं था। 109097 test‏.htm ‘दो रुपए भी नहीं दे सकते?’ 109098 test‏.htm पर मीनाक्षी अब पति की सूरत भी नहीं देखना चाहती थी। यद्यपि 109099 test‏.htm को कुछ समझें और आपको शोभा भी नहीं देता है लेकिन यहाँ जितने 109100 test‏.htm तलख़ हो गयी, भगवान् मौत भी नहीं देते कि जंजाल से जान छूटे। 109101 test‏.htm व्यभिचारशाला को एक धेली भी नहीं देना चाहता!’ 109102 test‏.htm ही क्या, यहाँ तो लड़कों से भी नहीं पटती और पटती इसलिए नहीं 109103 test‏.htm अपने शिकार पर किसी की आँख भी नहीं पड़ने देता।’ 109104 test‏.htm महतो के घर-भिखारी भीख भी नहीं पाता; लेकिन करजे का कोई 109105 test‏.htm बैठी है, और वह निर्दयी बात भी नहीं पूछता। कौन जाने, धनिया 109106 test‏.htm पर कोई एक लोटे पानी को भी नहीं पूछता। पगहिया टूट गयी 109107 test‏.htm अपना। ख़ाली हाथ तो माँ-बाप भी नहीं पूछते।’ 109108 test‏.htm तुल जाती है। खाने-भर को भी नहीं बचता। ब्याह कहाँ से हो? 109109 test‏.htm दिया, भैया, वह नाक पर मक्खी भी नहीं बैठने देती, गालियों से 109110 test‏.htm जानते हो। उसका मारा पानी भी नहीं माँगता।’ 109111 test‏.htm बने। गाँव में तो तीन आने भी नहीं मिलते। भवनिया (उनके जेठे 109112 test‏.htm घर में दिया जलानेवाला भी नहीं रहता। उसका धर्मभीरु मन 109113 test‏.htm होते। उन्हें अब फ़ुरसत भी नहीं रहती। दो-चार बार गया। 109114 test‏.htm हममें आत्माभिमान का नाम भी नहीं रहा। हम अपने असामियों 109115 test‏.htm दे रहा है, पीठ में धूल भी नहीं लगने देता, लेकिन परिस्थिति 109116 test‏.htm न हो सके। उस दिन वह ज़रा भी नहीं लजाया, ज़रा भी नहीं झिझका। 109117 test‏.htm -- जब तक एक में थे, एक बकरी भी नहीं ली। अब पछाई गाय ली जाती 109118 test‏.htm थे। आज तो हम उसकी तरफ़ ताक भी नहीं सकते। हमारी आँखों में 109119 test‏.htm के साथ रहना चाहते हैं। वह भी नहीं सधता। 109120 test‏.htm तो देखो कि समझाने पर भी नहीं समझता। स्त्री-पुरुष दोनों 109121 test‏.htm जूतियों की नोक के बराबर भी नहीं समझती। 109122 test‏.htm है। अपने ख़िलाफ़ एक शब्द भी नहीं सुन सकता। 109123 test‏.htm होनी चाहिए थी, उसकी शतांश भी नहीं हुई थी। इससे बहुत दुखी 109124 test‏.htm बूढ़ा हो गया? अभी तो चालीस भी नहीं हुए। मर्द साठे पर पाठे 109125 test‏.htm है और यहाँ कहीं कोई दूकान भी नहीं है कि ला दूँ। 109126 test‏.htm ‘मिस मालती में वह एक बात भी नहीं है जो मैं अपनी स्त्री 109127 test‏.htm जाता था। उसके पास एक पैसा भी नहीं है! ताँबे का एक पैसा! आरती 109128 test‏.htm घर में जब अनाज का एक दाना भी नहीं है, तो क्या माँगे, क्या 109129 test‏.htm तो क्या एक पचासे का डौल भी नहीं है?’ 109130 test‏.htm मत कर। अब तो वहाँ बहुएँ भी नहीं हैं। तेरे ही हाथ में सब 109131 test‏.htm बीस रुपए की जगह बीस पैसे भी नहीं हैं। ब्राहमणों को भोज 109132 test‏.htm उसके हाथ में तो कोई औजार भी नहीं है। कोई क्या जानेगा कि 109133 test‏.htm में गहने के नाम कच्चा सूत भी नहीं है। धनिया के हाथों में 109134 test‏.htm चल सकता; लेकिन पास एक पैसा भी नहीं है। सड़क के किनारे झुड़-बेरियों 109135 test‏.htm खा जाता था कि एक पाई भी नहीं है। सन को कुछ गीला कर देना 109136 test‏.htm करता। मुझे कोई ऐसा शौक़ भी नहीं है।’ 109137 test‏.htm है। सरोज उसके पाँव की धूल भी नहीं है।’ 109138 test‏.htm गयी। अब तो कभी उनके दर्शन भी नहीं होते। उन्हें अब फ़ुरसत 109139 test‏.htm करो, तुम उसकी पाँव की धूल भी नहीं हो।’ 109140 test‏.htm हो सकता। करोड़ जन्म लेकर भी नहीं ॰॰॰’ 109141 test‏.htm अपने जीवन में एक एकादसी भी नागा नहीं की, कभी बिना स्नान-पूजन 109142 test‏.htm उसे अपना भाई बल्कि उससे भी निकट जान पड़ा। उसे अपने भीतर 109143 test‏.htm उसी कमाई में उसकी रोटियाँ भी निकल आती हैं और आराम भी मिलता 109144 test‏.htm अगर झाड़ी में से एक गिलहरी भी निकल आती, तो वह चीख़ मारकर गिर 109145 test‏.htm दी जाती है, मामूली फुंसी भी निकल आये, तो वह ज़हरबाद बन जाती 109146 test‏.htm आपके हित में मेरे प्राण भी निकल जायँ, तो मैं अपना सौभाग्य 109147 test‏.htm होगी और शायद आज पत्रों में भी निकल जाय। यह सब मालती की शरारत 109148 test‏.htm उसी क्षण आँखों से आँसू भी निकल पड़ते। पहले सब कामों से 109149 test‏.htm भी निकलती हैं, सराप भी निकलता है। कौन जाने मेरी गालियों 109150 test‏.htm होता ही है, फिर गालियाँ भी निकलती हैं, सराप भी निकलता 109151 test‏.htm पकड़कर दग़ा दे गया। मैं भी निकाल दूँगा, तो इस दशा में वह 109152 test‏.htm ‘तो मुझे भी निकाल दे। ले जा बैलों को अनाज 109153 test‏.htm लगाऊँ। मैं तो गोबर को भी निकाल बाहर करूँगा।’ 109154 test‏.htm लपलपाती थीं जैसे आकाश को भी निगल जायँगी, उस अग्नि-समुद्र 109155 test‏.htm को ख़ज़ाने की एक कौड़ी भी निजी ख़र्च में लाने का अधिकार 109156 test‏.htm न सकता था कि आप पाक-कला में भी निपुण हैं। 109157 test‏.htm भी देगी और भाई-चारा भी निभायेगी?’ 109158 test‏.htm तिनक उठी -- तुम्हारी बातें भी निराली होती हैं। अकेली बहू 109159 test‏.htm मेहता ज़रा भी निरुत्साह न हुए -- ऐसी दशा में 109160 test‏.htm ‘उस तरह मारने से और भी निर्लज्ज हो जायँगी।’ 109161 test‏.htm तक उन्हें अपने कुत्ते से भी नीचा समझता था, वह आज उनके लड़के 109162 test‏.htm डोरे डाला करता था। सोहबत भी नीचों की थी, जिनकी ख़ुशामदों 109163 test‏.htm केवल एक बैल बँधा हुआ था, वह भी नीमजान। धनिया और होरी दोनों 109164 test‏.htm को पीसते रहते हैं, फिर भी नीयत का यह हाल! बाप जैसा होगा, 109165 test‏.htm हाथ से पकायी हैं। आपको भी नेवता देती हूँ। गोविंदी देवी 109166 test‏.htm ‘मुझे भी नेवता देना।’ 109167 test‏.htm गये। दूसरे दिन राय साहब ने भी नैनीताल को प्रस्थान किया। 109168 test‏.htm पड़ती। जो दस रुपए महीने का भी नौकर है, वह भी हमसे अच्छा खाता-पहनता 109169 test‏.htm आदमी आ चुके थे। कई हुक्काम भी पंडाल में आ पहुँचे थे। लोग 109170 test‏.htm बजे सोने जाता। धनिया भी पगला गयी थी, उसे इतनी मेहनत 109171 test‏.htm बहुत नोच-खसोट करके भी पचीस-तीस से ज़्यादा न कमा पाते 109172 test‏.htm गालियों की वर्षा करके भी पटेश्वरी का कुछ बिगाड़ न सकी। 109173 test‏.htm झोपड़ी में एक किनारे तुम भी पड़ रहना।’ 109174 test‏.htm असर अज्ञात रूप से मालती पर भी पड़ता जाता था। अब तक जितने 109175 test‏.htm विचारों की यात्रा में भी पड़ाव होते हैं, और आप एक पड़ाव 109176 test‏.htm हुई; बैल भी छिन जायँगे, मार भी पड़ेगी। वह रुक गया कमर कसकर। 109177 test‏.htm कहाँ ख़रच किया, मुझे कुछ भी पता नहीं। बस एक जोड़ा धोती 109178 test‏.htm देवी थीं और इस युग में भी पति की सेवा को नारी-जीवन का 109179 test‏.htm ललचा उठा। और उस कुमार में भी पत्ता खड़कते ही किसी सोये हुए 109180 test‏.htm भी उनके मददगार हैं। फिर भी पबलिक पर आपका जो असर है, इससे 109181 test‏.htm होरी ने उसे भी परामर्श में शरीक होने का अनुरोध 109182 test‏.htm दाने-दाने को तरसें, लत्ता भी पहनने को मयस्सर न हो और अँजुली-भर 109183 test‏.htm ‘तो तू भी पहले आप खाकर तब जीजा को खिलायेगी?’ 109184 test‏.htm का छिपा हुआ है। गौरी महतो भी पहले एक चमारिन से फँसे थे। 109185 test‏.htm और कंबल तो उसके जन्म से भी पहले का है। बचपन में अपने बाप 109186 test‏.htm साथ ही तुम्हारी आत्मा तक भी पहुँच जाऊँ। और मैं ज्यों-ज्यों 109187 test‏.htm कि तुम्हारा सिर काट लूँ तो भी पाप न लगे; लेकिन अपने द्वार 109188 test‏.htm हो, तुम्हारा तो मुँह देखना भी पाप है। 109189 test‏.htm कहाँ हैं कि यह अँधेर देखकर भी पापियों को दंड नहीं देते। 109190 test‏.htm ही नहीं, अपना रक्षक भी पाया है। मैं भी तुमसे प्रेम 109191 test‏.htm उन्होंने राम की भक्ति भी पायी थी और धनुष-यज्ञ को नाटक 109192 test‏.htm के लिए? अपना पेट तो सुअर भी पाल लेता है। मैं न जानती थी, 109193 test‏.htm जो तुमसे बैर करते थे, उनको भी पाला और अपना मरजाद बनाये बैठे 109194 test‏.htm गयी थी। तुमने तो अपनों को भी पाला, जो तुमसे बैर करते थे, उनको 109195 test‏.htm सिल्लो भी पीछे-पीछे आकर आँगन में खड़ी 109196 test‏.htm हुई कुएँ की ओर चली। हीरा भी पीछे-पीछे चला। 109197 test‏.htm लाने अंदर चला, तो धनिया भी पीछे-पीछे चली। होरी ने कहा 109198 test‏.htm इतनी अल्हड़ कि शिशुओं से भी पीछे। लंबा, रूखा, किंतु प्रसन्न 109199 test‏.htm आदमी अपना सारा ज़ोर लगाकर भी पुराने आदमियों के बराबर काम 109200 test‏.htm दिलाता हूँ, ऐसी स्त्री भी पुरुष के प्रेम और श्रद्धा का 109201 test‏.htm दी और उसका लखनऊ का पता भी पूछा। कभी लखनऊ आयेगी तो उससे 109202 test‏.htm पंडित अलग। किसी का ब्याज भी पूरा न चुका। ज़मींदार के भी 109203 test‏.htm संयत वाक्य ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी। 109204 test‏.htm जो मनौतियाँ कर रखी थीं, वह भी पूरी कीं। इस त्याग के जीवन 109205 test‏.htm नहीं है, वह संग्राम में भी पूरे उत्साह से नहीं जा सकता। 109206 test‏.htm दौड़ी चली आ रही थी। सड़क भी पेंचदार होती जाती थी। कुछ दूर 109207 test‏.htm है? मेरा सत्यानास कराके भी पेट नहीं भरा? 109208 test‏.htm सब बराबर। बीड़ी-तमाखू को भी पैसा न रहता। उस पर हैरानी। 109209 test‏.htm ‘तो आप भी पैसे के लिए अपने घर के पुरुषों 109210 test‏.htm पास अपने कपड़े बनवाने को भी पैसे नहीं? मेरी आमदनी कभी चार 109211 test‏.htm मालूम हो जाय कि इनके पास भी पैसे रहते हैं, तो फिर नख़रे 109212 test‏.htm तो यही है कि यह जानते हुए भी पैसों के लिए मरते हो! चार पैसे 109213 test‏.htm किसान के लिए ज़मीन जान से भी प्यारी है, कुल-मर्यादा से भी 109214 test‏.htm प्यारी है, कुल-मर्यादा से भी प्यारी है। और कुल तीन ही बीघे 109215 test‏.htm हैं, सिद्धांत प्राणों से भी प्यारे होते हैं। 109216 test‏.htm कहना चाहें, संपादक जी उसे भी प्रकाशित कर देंगे। संपादकजी 109217 test‏.htm पुनिया अब अकेली होकर और भी प्रचंड हो गयी थी। होरी को अब 109218 test‏.htm कि मैं उसे मार ही डालूँ तो भी प्रतिहिंसा का भाव उसमें न आये, 109219 test‏.htm गाना सुनायेंगी। मालती ने भी प्रत्येक घर में जा-जाकर उसकी 109220 test‏.htm बोने के लिए, उसके बाद और भी प्रबल हो जाती है। बुद्धि के 109221 test‏.htm मन में सेवा की प्रेरणा और भी प्रबल हो रही थी। इस त्यागमय 109222 test‏.htm कौंसिल के मेंबर थे ही; यों भी प्रभावशाली थे। राष्ट्रीय 109223 test‏.htm नहीं, पुरुषों का नेतृत्व भी प्राप्त कर लिया था। महीनों 109224 test‏.htm पहुँच से बाहर होकर वह और भी प्रिय हो गया था, उसकी छाया उससे 109225 test‏.htm का-सा था, और दृष्टि में भी प्रौढ़ता थी, जैसे वह एकाएक 109226 test‏.htm की ओर देखता। उसका कराहना भी प्रौढ़ों का-सा था, और दृष्टि 109227 test‏.htm अनुभव हुआ कि वह पर्वत को भी फाड़ सकते हैं; समुद्र को तैरकर 109228 test‏.htm वहाँ साइत मन-दो-मन लकड़ी भी फाड़नी पड़े।’ 109229 test‏.htm ‘मैं एक पैसा भी फ़ालतू नहीं ख़र्च करता। मुझे 109230 test‏.htm ‘अब मैं भी फ़िकर में रहूँगा। भगवान चाहेंगे, 109231 test‏.htm बैठ रहा। खेती-बारी की भी फ़िक्र करनी थी। अकेला आदमी 109232 test‏.htm कोई जवाब न दिया। मथुरा ने भी फिर कुछ न पूछा। 109233 test‏.htm से तो शायद मिस्टर मेहता भी फ़िलासफ़र न ठहरें!’ 109234 test‏.htm में आप और मैं एक हैं, और मैं भी फ़िलासफ़र होने का दावा कर सकती 109235 test‏.htm लगाम खींची -- अच्छा, आपको भी फ़िलासफ़ी में दख़ल है। मैं 109236 test‏.htm मुकाबला करने। समझते थे, यह भी फ़िलासफ़ी है। 109237 test‏.htm छुड़ाया। दूध का जला छाँछ भी फूँक-फूँककर पीता है।’ 109238 test‏.htm नाम पर वह कौड़ी का एक दाँत भी फोड़कर देना न चाहते थे। मैं 109239 test‏.htm ही बंद हो गयी, तो आमदनी भी बंद हो गयी। जो कुछ थी, ज़बान 109240 test‏.htm चीज़ें आ गयीं। बिस्तर भी बँध गया, मुहल्लेवालों को ख़बर 109241 test‏.htm गये और बाप-दादों की निशानी भी बच गयी। मुझसे जो कुछ हो सका, 109242 test‏.htm हो जायगा, और तुम्हारे खेत भी बच जायँगे। सारे ख़रच-वरच से 109243 test‏.htm के हो जायगा; और खेत भी बच जायँगे।’ 109244 test‏.htm उसे माननी पड़ेगी; मगर सोना भी बचा को ऐसा फटकारेगी कि याद 109245 test‏.htm न्याय के लिए न लड़ना उससे भी बड़ा पाप है। तुम्हीं सोचो, 109246 test‏.htm चेचक निकल आयी थी, मेहता को भी बड़ी चिंता हो गयी थी। अकसर 109247 test‏.htm हीरा अब भी बड़े भाई का अदब करता था। सीधे-सीधे 109248 test‏.htm तुम्हारा गाँव आ गया! तुम भी बड़े मुरहे हो, मुझसे कहा भी 109249 test‏.htm बिलकुल विदूषक-जैसे। और थे भी बड़े हँसोड़। इस गाँव को अपनी 109250 test‏.htm ही। और बड़े आदमियों के रोग भी बड़े होते हैं। वह बड़ा आदमी 109251 test‏.htm थे, तब से उनकी तृष्णा और भी बढ़ गयी थी; इसलिए राय साहब उनकी 109252 test‏.htm तब से इस स्थान की रौनक़ और भी बढ़ गयी है। 109253 test‏.htm में चोर हो तो शक्कीपन और भी बढ़ जाता है। वह मेरी ओर देखकर 109254 test‏.htm बालक के साथ उसकी आत्मा भी बढ़ रही थी, खिल रही थी, चमक रही 109255 test‏.htm में घर स्वर्ग से भी बढ़कर कोई चीज़ थी। 109256 test‏.htm अपने अपमान का। अपमान से भी बढ़कर दुःख था जीवन की संचित 109257 test‏.htm हो जाता है। बटवारे का मरज़ भी बढ़ता जाता था। आपस में इतना 109258 test‏.htm में मजूरी में एक धेले की भी बढ़ती नहीं हुई, तो अब वह घाटे 109259 test‏.htm समस्या को हल करने का उपाय भी बतलाना होगा। 109260 test‏.htm क़हक़हा मारा -- देखो, डाँट भी बताई और एक हज़ार रुपए भी वसूल 109261 test‏.htm था। अधिकांश की दशा तो इससे भी बदतर थी। शोभा और हीरा को उससे 109262 test‏.htm उज्र न करूँगा, जो गुनाह से भी बदतर है। आज आपके सामने प्रतिज्ञा 109263 test‏.htm रहे थे और घर का इंतज़ाम और भी बदतर हो गया था। खाते दो फुलके 109264 test‏.htm का तन और मन दोनों लेकर भी बदले में कुछ न देना चाहता था। 109265 test‏.htm देकर श्रद्धा के पात्र भी बन चुके थे। शादी तय होने में 109266 test‏.htm लदा रहता था। यह शंका भी बनी रहती थी कि न जाने कब डाँट 109267 test‏.htm भी, और रंगों के साथ कालिख भी बने और मुखियों के मुँह पर कालिख 109268 test‏.htm करो। इससे तुम्हारा लोक भी बनेगा, परलोक भी। 109269 test‏.htm हुए शब्दों में उसके गुण भी बयान करता जाता था। यह मकोय 109270 test‏.htm बाग़ को घेरे रहते थे। रूपा भी बहन के पीछे हो ली। जो काम सोना 109271 test‏.htm थे। धर्म की पुस्तकें भी बहुत पढ़ी थीं। बड़े-बड़े वकीलों, 109272 test‏.htm से गाय उधार लेकर बेच देना भी बहुत ही वैसी बात है; लेकिन बिपत 109273 test‏.htm महज़ रोटी नहीं चाहता, और भी बहुत-सी चीज़ें चाहता है। अगर 109274 test‏.htm नयी बात न थी। जानवरों को भी बहुधा घर छूट जाने का दुःख होता 109275 test‏.htm बिना पैसे के। गोबर को इससे भी बहुमूल्य वस्तु मिल गयी थी। 109276 test‏.htm हँसी उड़ाता, तुम्हारा बाल भी बाँका न कर सकते। मेरी समझ में 109277 test‏.htm है! अगर मेरे बेटे का बाल भी बाँका हुआ, तो घर में आग लगा दूँगी। 109278 test‏.htm जा सका, बिसेसर साह का देना भी बाक़ी है, जिस पर आने रुपए का 109279 test‏.htm रूप से टिक जायँगी, तो भी बाज़ार में उनकी जगह ख़ाली न 109280 test‏.htm फिर भी बात यहीं तक रह गयी; मगर धनिया 109281 test‏.htm को विश्वास हो गया। गोबर को भी बाप की इस झूठी क़सम और उसके 109282 test‏.htm कि किसान भी आदमी हैं, उनके भी बाल-बच्चे हैं, उनकी भी इज़्ज़त-आबरू 109283 test‏.htm मिस्टर मेहता को भी बालक से स्नेह हो गया था। एक 109284 test‏.htm रुद्रपाल बालिग़ है, सरोज भी बालिग़ है। और रुद्रपाल अपनी 109285 test‏.htm तो उधर चली गयीं। मिर्ज़ा भी बाहर निकल गये। मेहता ने मंच 109286 test‏.htm सेखी निकल जाय। अच्छा! दादा भी बिगड़ रहे हैं। केले के लिए 109287 test‏.htm घरवाले क्या कहेंगे? सोना भी बिगड़ेगी कि इतनी रात गये तू 109288 test‏.htm मगर वह बात न थी। उसने नीयत भी बिगाड़ी, अधर्म भी कमाया, कोई 109289 test‏.htm का अकेला पत्र होने पर भी ‘बिजली’ का अस्तित्व तक नहीं 109290 test‏.htm कि अपना धरम बचा लिया। अब भी बिना असनान-पूजा किये मुँह में 109291 test‏.htm कर दिया। कहते थे, ब्याह भी बिना ख़रच-बरच के हो जायगा; और 109292 test‏.htm को उसकी परवा नहीं है, तो वह भी बिरादरी की परवा नहीं करती। 109293 test‏.htm हाथी-घोड़े, सभी आये थे। आज भी बिरादरी में उसका नाम है। दस 109294 test‏.htm कोई बात न बची। गोबर भी बीच-बीच में डंक मारता जाता 109295 test‏.htm इतने दिन बीते हैं, वैसे और भी बीत जायेंगे।’ 109296 test‏.htm का ख़र्च था; मगर रियासत भी बीस लाख से कम की जायदाद न थी। 109297 test‏.htm लाया था, पर शीत में वह भी बुझ गया। बेवाय फटे पैरों को 109298 test‏.htm ने देखा ही नहीं? या देखकर भी बुझाने का प्रयास न किया? इस 109299 test‏.htm साथ उतना रोचक न होते हुए भी बुरा न था। उनसे बहुत-सी मुआमले 109300 test‏.htm कह ले, बुद्धू कह ले, वह ज़रा भी बुरा न मानते थे; लेकिन यह कहना 109301 test‏.htm मिस्टर तंखा ने ज़रा भी बुरा नहीं माना। माथे पर बल 109302 test‏.htm न जुटा सके, तो तुम्हें भी बुरा लगेगा और हमारी जान भी 109303 test‏.htm है। आदमी का बहुत सीधा होना भी बुरा है। उसके सीधेपन का फल 109304 test‏.htm साहब के पहलू में यह काँटा भी बुरी तरह खटक रहा था। कहीं वह 109305 test‏.htm उनकी रक्षा करते हुए गोबर भी बुरी तरह घायल हो गया। मिर्ज़ाजी 109306 test‏.htm ठीक हो गया। गोबर को भी बुलाना होगा। अपनी तरफ़ से लिख 109307 test‏.htm मुझे बुलाया कब था? सोना को भी बुलाना होगा। 109308 test‏.htm साख भी है; अगर वह एक बीघा भी बेंच दे, तो सौ मिल जायँ; लेकिन 109309 test‏.htm बाद तो घर में गऊ आयी। उसे भी बेच दो। ले लो कल रुपए। जैसे 109310 test‏.htm बालिकाओं की तरह मीनाक्षी भी बेज़बान थी। बाप ने जिसके साथ 109311 test‏.htm ध्वनि के साथ मिर्ज़ा भी बेतहाशा दौड़े। बिलकुल बच्चों 109312 test‏.htm बहुत लंबे थे; पर लंबे होकर भी बेवक़ूफ़ न थे। अपना लंबा काला 109313 test‏.htm न बोई गयी। उधर दाहिना बैल भी बैठाऊँ हो गया था और एक नये बैल 109314 test‏.htm संयोग से उस वक़्त मालती भी बैठी थी। 109315 test‏.htm ऐसी दशा में तो बैरियों से भी बैर नहीं रहता, वह तो अपना पति 109316 test‏.htm ठिकाना नहीं। बड़ी लड़की भी ब्याहने जोग हो गयी। रुपए होते, 109317 test‏.htm जो तक़ाज़े, गाली और मार से भी भयभीत नहीं होती, उसने उसे प्रोत्साहित 109318 test‏.htm भारी हो गया है। उसका गला भी भर आया। 109319 test‏.htm हो, तो ले चलो बैल, ज़रा भी भलमंसी नहीं है तुममें। 109320 test‏.htm उनकी जमा मारी होती, तो तुम भी भले आदमी होते। तुमने कभी नीति 109321 test‏.htm लूँगी, तो तुम्हारे साये से भी भागूँगी। मैं रुपवती हूँ। तुम 109322 test‏.htm हाथ मिलाये चली गयी। वह यह भी भूल गयी कि उसने मेहता को भोजन 109323 test‏.htm राय साहब को धन्यवाद देना भी भूल गये। राय साहब को चंदे की 109324 test‏.htm जब आदमी शर्म और इज़्ज़त को भी भूल जाता है। 109325 test‏.htm कहूँ भैया, घर में चंगुल भर भी भूसा नहीं रहा। रुपए सब बाज़ार 109326 test‏.htm खाने का समय हो गया। रात को भी भोजन का समय बँधा हुआ था। उनकी 109327 test‏.htm रह जाते हैं। तब तो दुनिया भी भोला ही को बुरा कहेगी। लोग 109328 test‏.htm ‘जी नहीं, मुझे यह भी मंज़ूर नहीं है। मैं कई कंपनियों 109329 test‏.htm लोगों की राय है, तो मुझे भी मंज़ूर है। तक़दीर में जो लिखा 109330 test‏.htm थी। यहाँ तक कि गोविंदी ने भी मजूरों ही का पक्ष लिया था; पर 109331 test‏.htm करके कहा -- तो यह कहो तुम भी मतलब के यार हो। 109332 test‏.htm मगर तेरी याद एक छन के लिए भी मन से न उतरती थी। अब तो मैंने 109333 test‏.htm भी आधिपत्य नहीं रहा, फिर भी मनुष्य-जाति के सांस्कृतिक 109334 test‏.htm आ गया। उसे कभी चमरौधे जूते भी मयस्सर न हुए थे। और गोबर चमाचम 109335 test‏.htm है, यहाँ तो एक को रूखी रोटी भी मयस्सर नहीं, सारी जमा ले लेगा। 109336 test‏.htm हो। हमें तो गाय का गोबर भी मयस्सर नहीं। गिरस्त के घर में 109337 test‏.htm खाया है, उतना अब हमें पानी भी मयस्सर नहीं। लोग कहते हैं, 109338 test‏.htm और आख़िर में मेहता साहब भी मरेंगे। 109339 test‏.htm बुद्धि है, काश उसकी आधी भी मस्तिष्क में होती! खेद यही 109340 test‏.htm दो-चार रुपये पड़े रहने पर भी महाजन के सामने क़स्में खा जाता 109341 test‏.htm बैठता था। एक समय होरी ने भी महाजनी की थी। उसी का यह प्रभाव 109342 test‏.htm हुए कहा -- कुछ सुना, सरकार भी महाजनों से कह रही है कि सूद 109343 test‏.htm पड़ने पर तुमसे रुपए भी माँग लेती थी, अगर तुमने अपने 109344 test‏.htm ने छाँह न दी होती, तो भीख भी माँगती।’ 109345 test‏.htm कहा -- अगर यही हाल है तो भीख भी माँगोगी। 109346 test‏.htm दिखाकर बोले -- अगर यह भी मान लें कि मेहता से उसका प्रेम 109347 test‏.htm कवि नहीं हो सकते। और यह भी मान लें कि वेश्याएँ आपकी मंडली 109348 test‏.htm हो गयी थी। होरी का एहसान भी मानने लगी थी। हीरा को अब वह 109349 test‏.htm ने यथार्थ के निकट होने पर भी मानो झटका देकर उसके हाथ से 109350 test‏.htm आप क्या चाहती हैं? इधर से भी मारे जायँ, उधर से भी मारे जायँ, 109351 test‏.htm इधर से भी मारे जायँ, उधर से भी मारे जायँ, तो पत्र कैसे चले? 109352 test‏.htm पास जाओ ही क्यों वह फुकार भी मारेगा तो, लहरें आने लगेंगी। 109353 test‏.htm में रखते हैं। मेरे लिए भी मालती उसी तोते के समान थी। 109354 test‏.htm बच्चों को पालने का भार भी मालती पर है। यह मातृत्व उसमें 109355 test‏.htm ‘मगर यह भी मालूम रहे कि हरएक क़ौम में 109356 test‏.htm पर इसके साथ ही उन्हें यह भी मालूम हुआ कि अगर वह काँटों 109357 test‏.htm सुनता। बिना रोये तो बालक भी माँ से दूध नहीं पाता। 109358 test‏.htm बूढ़ों में बूढ़े। चोर के भी मित्र हैं और साह के भी। गाँव 109359 test‏.htm इंजन को कोयला-पानी भी मिल गया, चाल तेज़ हुई। जाड़े 109360 test‏.htm पर उन्हें राजा की पदवी भी मिल गयी। अब उनकी महत्वाकांक्षा 109361 test‏.htm दिया। उसे रहने को एक कोठरी भी मिल गयी। झुनिया भी आ गयी। मालती 109362 test‏.htm थे। कभी चटक गयी तो चार भी मिल गये। इससे बेसी नहीं। 109363 test‏.htm महीना लेते थे। कुछ कमीशन भी मिल जाता था; मगर वह इतना लेते 109364 test‏.htm शायद इतनी साधना में ईश्वर भी मिल जाय। हमारी सारी आत्मिक 109365 test‏.htm कि इस कोठरी का कुछ किराया भी मिल सकता है। 109366 test‏.htm के समान है, जिससे मिठास भी मिल सकती है, कड़वापन भी। उसके 109367 test‏.htm बड़ा आनंद आता है, यश भी मिलता है, दक्षिणा भी मिलती 109368 test‏.htm भी निकल आती हैं और आराम भी मिलता है। आख़िर आदमी आराम के 109369 test‏.htm ‘रहने की जगह भी मिलती है?’ 109370 test‏.htm है, यश भी मिलता है, दक्षिणा भी मिलती है। बीमारी में दवा-दारू 109371 test‏.htm दायर हो जाने का समाचार भी मिला था। बैठे मन में झुँझला 109372 test‏.htm हैं मेम साहब। मेरी सास भी मिली होंगी।’ 109373 test‏.htm को तैयार हो गया; अगर कुछ कम भी मिले, तो परवाह नहीं। तत्काल 109374 test‏.htm महिला के कोमल हाथों से विष भी मिले, तो शिरोधार्य करना चाहिये। 109375 test‏.htm उन्हें तो एक की जगह पौन भी मिले, तो संतुष्ट रहना चाहिए 109376 test‏.htm साथ रहने से चाहे पैसे कम भी मिलें; लेकिन ज्ञान बढ़ता है 109377 test‏.htm शीघ्र ही गवर्नर साहब से भी मिलेंगे और मुझे विश्वास है, 109378 test‏.htm आदमी मिस मालती क्या, किसी भी मिस के पीछे नहीं पड़ सकता, और 109379 test‏.htm बहत्तर घाटों का पानी पीकर भी मिस बनी फिरती है! शादी नहीं 109380 test‏.htm कहते हैं गोबर! बल्कि इससे भी मीठे, चिकने शब्दों में। अगर 109381 test‏.htm फल यही होता है कि कुत्ते भी मुँह चाटने लगते हैं। आज उधर 109382 test‏.htm हैं और ऐयाशी कर रहे हैं, वह भी मुझसे जलते हैं, और आज मर जाऊँ 109383 test‏.htm मैं उसके जोग नहीं हूँ। फिर भी मुझसे प्रेम करती है। मेरी होने 109384 test‏.htm स्वर में बोले -- आपको भी मुझसे मज़ाक़ करने का यही अवसर 109385 test‏.htm को महँगे दामों बेचना भी मुझे आता है। मैं ऐसी अनाड़ी 109386 test‏.htm साथ जहन्नुम में जाने में भी मुझे उज्र नहीं; मगर मिस मालती 109387 test‏.htm न जाऊँगी। तू क्या यहाँ भी मुझे जीने न देगी? 109388 test‏.htm कम कालिख लगी है? क्या अब भी मुझे धोखे में रखना चाहती है?’ 109389 test‏.htm क्या मिला? अब तो वह भी मुझे न पूछेगा। लेकिन पूछे न 109390 test‏.htm गलती नहीं करता, तो तुमने भी मुझे मनोरंजन के लिए एक नया 109391 test‏.htm उस कुल की कोई दरिद्र कन्या भी मुझे मिलती, तो मैं अपने भाग्य 109392 test‏.htm लीं। दुःख यही हुआ कि तुमने भी मुझे वही समझा जो कोई दूसरा 109393 test‏.htm बाद बोली -- औरों के साथ तुम भी मुझे ॰॰॰ मुझे ॰॰॰ इसका दुख 109394 test‏.htm रुपए इतने प्यारे हैं और वह भी मुफ़्त के!’ 109395 test‏.htm पचास तो पचास जनम में भी मुमकिन नहीं और वह भी जब कोई 109396 test‏.htm लगाती; लेकिन उनसे एक दिन भी मुलाक़ात न हो, तो शिकायत करती 109397 test‏.htm बंद हो गया था। घर पर भी मुश्किल से मिलती। ऐसा मालूम 109398 test‏.htm गुल खिलेंगे। आपके लिए भी मुश्किल है।’ 109399 test‏.htm हज़ारों आदमी रोटियों को भी मुहताज हो जायँगे, इस पहलू की 109400 test‏.htm इतने दिनों के बाद अब और भी मृदु हो गयी थी। अभी उसका निजत्व 109401 test‏.htm ‘हाँ, सरकार! अब यह पाँचों भी मेरी ओर से रख लीजिए।’ 109402 test‏.htm आपको पहुँचा दूँ। बच्चा भी मेरी गोद में सो गया। 109403 test‏.htm तो कहीं का न रहा। और अब तुम भी मेरी जड़ खोद रहे हो। भगवान् 109404 test‏.htm कोई ग़ैर तो नहीं हो। सोना भी मेरी ही लड़की है; लेकिन तुम्हीं 109405 test‏.htm मैं रुपवती हूँ। तुम भी मेरे अनेक चाहनेवालों में से 109406 test‏.htm कमीशन दीजिए, उसी तरह आपको भी मेरे कमीशन में रियायत के लिए 109407 test‏.htm से रहा, और आपकी ज़ायदाद पर भी मेरे ख़याल में दस लाख से कम 109408 test‏.htm एलेक्शन के मैदान से भागना भी मेरे लिए संभव नहीं है। मैं 109409 test‏.htm हाथों में आये और ख़र्च भी मेरे हाथ से हो।’ 109410 test‏.htm मिर्ज़ाजी भी मेहता की जड़ता पर हँसे -- जानता 109411 test‏.htm ‘तब तो आप भी मेहता के मुरीद हुए।’ 109412 test‏.htm वह बहुत प्रयास करने पर भी मेहता को वासनाओं का शिकार न 109413 test‏.htm राज़ी न होगा और यह रिआयत भी मैंने आपके साथ की है; क्योंकि 109414 test‏.htm की ओर लपकता है तब भी मैं अपना क़ाबू चलते तुम्हें 109415 test‏.htm की है? और सच पूछिए तो उस बार भी मैं अपने मतलब ही से गयी थी, उसी 109416 test‏.htm ‘टेनिस में भी मैं तुम्हें सैकड़ों गेम दे 109417 test‏.htm दिया, यह भी सत्य है, फिर भी मैं पतंग की भाँति उसके मुख-दीप 109418 test‏.htm त्याग का एक टुकड़ा भी मैं पा जाता, तो अपने को धन्य 109419 test‏.htm अमूल्य प्रेम पाकर भी मैं वही बनी रहूँगी, ऐसा समझकर 109420 test‏.htm गले में हाथ डालकर कहा -- दूध भी मैं ही दुहूँगी। 109421 test‏.htm मारकर उधर दौड़ी -- तुम भी मोटी डाल पकड़ने चले। मैं ही 109422 test‏.htm होती थी? वह मनोवृत्ति अब भी मौजूद है, चाहे उसका रूप कुछ 109423 test‏.htm भी। मेरे पास दोनों फ़ार्म भी मौजूद हैं। 109424 test‏.htm यही हाल होता है। भगवान् से भी यह अनीति नहीं देखी जाती। कारकुन 109425 test‏.htm ‘मैं भी यह न समझता था कि आप को रुपए इतने 109426 test‏.htm -- आपका बड़े-से-बड़ा दुश्मन भी यह नहीं कह सकता कि आप अपना फ़र्ज़ 109427 test‏.htm और विलास के बीच में भी यह नारी-हृदय कितना दुखी है! 109428 test‏.htm रूप दिखाया कि उसके मन में भी यह बात बैठ गयी। ठाकुर ठीक ही 109429 test‏.htm हज़ार रुपए बल खाने से भी यह विवाह रुक जाय, तो वह देने 109430 test‏.htm घर क्या रहती। सोना और रूपा भी यह हलचल सुनकर जग गयी थीं और 109431 test‏.htm आया करती थीं। उस समय में भी यहाँ की हवा में कुछ ताज़गी 109432 test‏.htm ‘यों तो मैं आपको भी यही इलज़ाम दे सकता हूँ।’ 109433 test‏.htm ने स्वीकार किया -- मेरे भी यही ख़याल हैं। 109434 test‏.htm मर गयी होती, तो आज होरी की भी यही दसा होती। उसकी मौत की कल्पना 109435 test‏.htm नहीं है; जब घर में ऊख पेरकर भी यही दाम मिलता है, तो पेरने की 109436 test‏.htm इधर महीनों से इस मिल में भी यही मसला छिड़ा हुआ था। मजूरों 109437 test‏.htm ‘मुझे भी यही वहम हुआ था; मगर जब मैंने 109438 test‏.htm जो चाहे कह लो। पहले मैं भी यही सब बातें सोचा करता था; पर 109439 test‏.htm न जानने की परवाह की। मैंने भी यही समझा था; लेकिन अब मालूम 109440 test‏.htm थी। मिर्ज़ा खुर्शेद ने भी यही सलाह दी थी। यहाँ तक कि गोविंदी 109441 test‏.htm ऊख में आग लग गयी थी। मैंने भी यही सोचकर, मन को समझाया है। 109442 test‏.htm अदा करने की देर है। मेहता भी यही स्वप्न देखते रहते हैं। 109443 test‏.htm मेहमान हैं। शायद रात को भी यहीं रहने का विचार होगा। रात 109444 test‏.htm हैं। मुहल्ले की पंचायतें भी यहीं होती हैं। मियाँ-बीबी और 109445 test‏.htm ख़रादे जाने की क्षमता है भी या नहीं। सभी पत्थर तो ख़राद 109446 test‏.htm और ऐसा-ऐसा रगेदेगा कि आप भी याद करेंगे! एक ही दुष्ट है, किसी 109447 test‏.htm हुए कहा -- ले जाओ महतो, तुम भी याद करोगे। ब्याते ही छः सेर 109448 test‏.htm है घर की भी संपन्न है फिर भी यों अपने को बेचती फिरती है। 109449 test‏.htm कट गये। दस-पाँच साल हैं, वह भी यों ही कट जायँगे। 109450 test‏.htm है कि वे अपनी लज्जा की भी रक्षा नहीं कर सकतीं। नारी की 109451 test‏.htm कारिंदा, ख़ानसामा आदि भी रख लिये गये थे। और सबसे बड़े 109452 test‏.htm पंचों की आँख बचाकर एक दाना भी रख लेना मेरे लिए हराम है। मैं 109453 test‏.htm थी और उनसे सहानुभूति भी रखती थी। बस, उन्हें थोड़ा-सा 109454 test‏.htm रहे हैं और उस पर एहसान भी रखते हैं। क्यों न हो।’ 109455 test‏.htm -- पूछने के लिए तूने मुँह भी रखा हो। तेरी गालियाँ क्या उन्होंने 109456 test‏.htm कहना है; मगर उसे जो कोई भी रखे, हमारा होकर रहे। तुम हमें 109457 test‏.htm इसी तरह गोबर ने दातादीन को भी रगड़ा। भोजन करने जा रहे थे। 109458 test‏.htm पादड़ी आ जाता है, तो उसे भी रसद देना पड़ता है, नहीं शिकायत 109459 test‏.htm बिलों में -- जहाँ आप एक मिनट भी रह जायँ, तो आपको क़ै हो जाय। 109460 test‏.htm हैं, उनमें क्या वह एक दिन भी रह सकती हैं? जिनमें अहंकार 109461 test‏.htm का विलास देखते रहे। युवती भी रह-रहकर उन्हें कनखियों से देखकर 109462 test‏.htm संबंध भी हो जाता है और रोब भी रहता है। कारकुन और प्यादे भी 109463 test‏.htm रहेंगे, वेश्याएँ भी रहेंगी। मंडली अगर सफल भी हो 109464 test‏.htm रहेगी, तब तक ब्राह्मण भी रहेंगे और जजमानी भी रहेगी। 109465 test‏.htm भी रहेंगे और जजमानी भी रहेगी। सहालग में मज़े से घर 109466 test‏.htm मनुष्य रहेगा, उसकी पशुता भी रहेगी। 109467 test‏.htm रूप ले लिया है। बुद्धि तब भी राज करती थी, अब भी करती है और 109468 test‏.htm चौकीदारी कर लेगा। दो आने भी रात के काम में मिल जायँ, तो चाँदी 109469 test‏.htm रईस से पाँच सौ फ़ीस पाकर भी रात-भर न बैठेगी। खन्ना के छोटे 109470 test‏.htm वह रानी है। इस फटे-हाल में भी रानी है। कोई उसकी आँखें देखे, 109471 test‏.htm हो गये थे। इनके बाप ने भी राम-नाम की खेती में उम्र काट 109472 test‏.htm साहब की ओर अन्य सज्जनों की भी राय थी कि लेडी विलसन से ही बुनियाद 109473 test‏.htm स्वाभाविक ही था। यहाँ भी राय साहब को आधा घंटा बैठना 109474 test‏.htm में न पड़ना चाहते थे, फिर भी राय साहब को दिखा देना चाहते 109475 test‏.htm हूँ ज़रूर; लेकिन इतने पर भी राय साहब ने दग़ा की, तो मैं भी 109476 test‏.htm खन्ना ने क़हक़हा मारा -- आप भी राय साहब! बड़े मज़े की बातें 109477 test‏.htm बड़ी रक़म है। दस दिन में भी रुपए दे दीजिए, तो कोई हरज़ नहीं। 109478 test‏.htm ने जब बहुत तक़ाज़े करने पर भी रुपए वसूल न कर पाये, तो नोटिस 109479 test‏.htm कमाता है, तुम कमाते हो; फिर भी रुपए-पैसे की तंगी? किसे विश्वास 109480 test‏.htm आ ही गये। उस पर बच्चा भी रोने लगा था। 109481 test‏.htm ही नहीं, अब कारकुन साहब पर भी रोब जमाने लगी थी। 109482 test‏.htm है; लेकिन शहर की हवा उसे भी लग गयी है। उसने पहले महीने 109483 test‏.htm क्या हीरा की छूत तुम्हें भी लग गयी। 109484 test‏.htm कौन-सा मुँह लेकर जाऊँ? डर भी लग रहा है कि मुझे देखकर कहीं 109485 test‏.htm हुई। बुढ़ापे में यह दाग़ भी लगना था, वह लग गया। मुझे रोज़ 109486 test‏.htm को देना पड़ा था। उसके भी लगभग सौ रुपए हो गये थे, क्योंकि 109487 test‏.htm लगा था। कुछ-कुछ बकवाँ चलने भी लगा था। उसने जो आँगन में बिनौले 109488 test‏.htm आग लगानी पड़ेगी, तो आग भी लगा दूँगा। वह बेदख़ली करते 109489 test‏.htm मालती का ध्यान उधर भी लगा हुआ था। उठकर राय साहब से 109490 test‏.htm ख़ुद टीका लगवाया, मेहता को भी लगाया। गोबर, झुनिया, महाराज, 109491 test‏.htm देखे, उसकी चाल देखे। रानी भी लजा जायगी। गोबर कितना बड़ा 109492 test‏.htm दिया -- तुम्हारे घर में भी लड़कियाँ हैं होरी महतो, इतना 109493 test‏.htm धनिया कहीं गयी थी। रूपा भी लड़कों का शोर सुनकर खेलने चली 109494 test‏.htm न बढ़ाना चाहती थी। रूपा भी लड़कों में जा मिली। 109495 test‏.htm और कोई उपाय न था। नया दल भी लड़ने-मरने पर तैयार था। उनमें 109496 test‏.htm आधे रुपए जमा रहें। कुछ वह भी लायेगा। बस इस साल इस रिन से 109497 test‏.htm मिलती है। उसके लिए वह भी लालायित रहते थे। जब आर्थिक 109498 test‏.htm तीन-चार बीघे ज़मीन है, इसे भी लिख देना और तब गली-गली भीख माँगना। 109499 test‏.htm समय था। वह पत्रों में लेख भी लिखते थे और कई साल से एक बृहद् 109500 test‏.htm ‘कोई हिसाब-किताब भी लिखते हो?’ 109501 test‏.htm ऐसे बुड्ढों से अगर कुछ ऐंठ भी लिया जाय, तो कोई दोष-पाप नहीं। 109502 test‏.htm थे, जब लड़कों को उनका ज़रा भी लिहाज़ नहीं, तो वह क्यों यह 109503 test‏.htm दिल नहीं पाया है। और ले भी लूँ, तो घरवाली मुझे जीता छोड़ेगी? 109504 test‏.htm उसके साथ मातादीन को भी ले जायँगे, जिसने उसकी इज़्ज़त 109505 test‏.htm ने पाँच-पाँच सौ प्रतियाँ भी ले लीं, तो पचीस हज़ार प्रतियाँ 109506 test‏.htm वही विद्या और वही शक्ति आप भी ले लेंगी, तो संसार मरुस्थल 109507 test‏.htm काटेंगे और पुआल में घुस भी लें, तो पुआल खाकर रहा तो न जायगा! 109508 test‏.htm बड़ी देनेवाली! सूद महाजन भी लेगा, तुम भी लोगी। एहसान काहे 109509 test‏.htm रो-धोकर सो गयी थीं। होरी भी लेटा। धनिया उसके सिरहाने पानी 109510 test‏.htm ‘कुछ मीठा भी लेता आऊँ?’ 109511 test‏.htm और एक शीशी में गुलाबजल भी लेता आया। और दूध पीकर होरी 109512 test‏.htm वहाँ नहीं हैं। साइत रुपए भी लेता गया। 109513 test‏.htm है; इसलिए होली का सामान भी लेता चले। कृपण लोगों में उत्सवों 109514 test‏.htm तय कर लिया है कि तुझे भी लेता जाऊँगा; इसलिए आया हूँ। 109515 test‏.htm हूँ। और अबकी मैं झुनिया को भी लेता जाऊँगा। वहाँ मुझे खाने-पीने 109516 test‏.htm थी। बीच-बीच में वह हँस-बोल भी लेता था। फिर उस खुले हुए मैदान 109517 test‏.htm दातादीन और दुलारी सहुआइन भी लेन-देन करती थीं। सबसे बड़े 109518 test‏.htm मर्यादा के अनुकूल था। अब भी लेन-देन में उसके लिए लिखा-पढ़ी 109519 test‏.htm सूद महाजन भी लेगा, तुम भी लोगी। एहसान काहे का! दूसरों 109520 test‏.htm झूठी क़सम खाई है, इसका भी लोगों को विश्वास हो गया। गोबर 109521 test‏.htm व्यंग और हास-विलास ने और भी लोलुप बना दिया था, उसके कौमार्य 109522 test‏.htm ‘तुम भी वचन दो कि मिलोगी?’ 109523 test‏.htm मैं तुम्हारे मुर्दे से भी वसूल कर लूँगा। 109524 test‏.htm भी बताई और एक हज़ार रुपए भी वसूल किये। अब तो तुम कभी ऐसी 109525 test‏.htm बैठती है, जिसकी परछाईं भी वह अपने ऊपर पड़ने नहीं देना 109526 test‏.htm होनेवाला था। इस वक़्त भी वह एक वैज्ञानिक खेल ही खेल 109527 test‏.htm सब दुर्गुणों के होते हुए भी वह ऐसे प्रतिभावान थे कि अच्छे-अच्छे 109528 test‏.htm की खेती में लगे देखकर भी वह कुछ न बोलती थी। और यह इसलिए 109529 test‏.htm से उस बग़ीचे की ओर से भी वह कुछ विरक्त-से हो रहे थे और 109530 test‏.htm विरोध करेगी। इसका कारण भी वह कुछ-कुछ समझता था, कुछ देखता 109531 test‏.htm रात को भी वह गोबर की नींद सोती और गोबर 109532 test‏.htm ने दाँत जकड़ लिये, फिर भी वह घिनौनी वस्तु उनके ओठों में 109533 test‏.htm से निकलते हैं, भाव-ताव में भी वह चौकस होता है, ब्याज की एक-एक 109534 test‏.htm तुम सात जन्म नाक रगड़ो, तो भी वह तुमसे विवाह न करेगी। तुम 109535 test‏.htm ऊँचे और मोटे-ताज़े थे, फिर भी वह दुबला-पतला आदमी उनकी इस 109536 test‏.htm है। अगर औरतों के सामने भी वह प्रश्न तरह-तरह की सूरतों 109537 test‏.htm उसे सदियाँ लग जायँगी, फिर भी वह बाज़ बन सकेगा या नहीं, इसमें 109538 test‏.htm दया न आयी। पूरा गर्भ लेकर भी वह मजूरी करती रही। अगर धनिया 109539 test‏.htm का नुक़सान उठाया था। अब भी वह मजूरों की शिकायतें सुनने 109540 test‏.htm उसी से काम चलता है। रात भी वह मेरे पास गये थे। किसने क्या 109541 test‏.htm गाय लाते, पर वह जानती थी, आज भी वह लालसा होरी के मन में उतनी 109542 test‏.htm महात्माओं में उन्हें भी वह विश्वास था, जो प्रभुता-वालों 109543 test‏.htm का अधिकार है, उनकी मार को भी वह शिरोधार्य कर सकती है; पर 109544 test‏.htm होना मुश्किल है। फिर भी वह हार न मानती थी, और इस विषय 109545 test‏.htm की हँसी-दिल्लगी को भी वह हेय समझती थी। छुटपन से ही 109546 test‏.htm मच्छड़ कि मालती एक मिनट भी वहाँ न ठहर सकी; तुरंत आकर थर्मामीटर 109547 test‏.htm न था। ग़ज़ब हो गया! गोबर भी वहाँ पहुँच गया। अब कुशल नहीं। 109548 test‏.htm पति से गर्म होकर कहा -- तुम भी वहाँ से कमाई करके लौटे तो खेत 109549 test‏.htm होरी को इस वीत-यौवना में भी वही कोमल हृदय बालिका नज़र आयी, 109550 test‏.htm लाख का बोझ सिर पर है, फिर भी वही दम-ख़म है, वही अलल्ले-तलल्ले 109551 test‏.htm अंदर से, संस्कारों से, तुम भी वही बर्बर हो। 109552 test‏.htm उम्र काट दी। नोखेराम ने भी वही भक्ति तरके में पायी थी। 109553 test‏.htm ‘उन शर्तों पर मैं आपसे भी वही सूद ले लूँगा। हमने उनकी 109554 test‏.htm वहाँ कोई डौल हो, तो मैं भी वहीं चलकर रहूँ। यहाँ तो कुछ 109555 test‏.htm उसी का फल है। यह तो दादा भी वहीं जा रहे हैं। अगर झुनिया 109556 test‏.htm घर बच रहा था, आज तुमने उसका भी वारा-न्यारा कर दिया। इसी तरह 109557 test‏.htm बसा लेना चाहते थे। सौदा भी वारे से तय हो गया और कहीं शिकार 109558 test‏.htm में यह बेड़ियाँ डालकर भी विकास के पथ पर चल सकते हैं, और 109559 test‏.htm होरी का मन भी विचलित हुआ -- हाँ, यह ठीक है। 109560 test‏.htm कुचल डाला ही, पर धनिया पर भी विजय पा गयी। पति जब मर रहा है, 109561 test‏.htm आकस्मिक घटना नहीं। इसका भी विज्ञान है। एक बार उसे गौर 109562 test‏.htm और खन्ना और संपादकजी भी विराज रहे थे। राय-साहब भाषण 109563 test‏.htm इतना डरें क्यों। गोबर ने भी विशेष आपत्ति न की। वह आजकल 109564 test‏.htm बाप के व्यवहारों में ज़रा भी विश्वास न था। वह समझता था, यह 109565 test‏.htm पुरुषार्थ पर लेशमात्र भी विश्वास नहीं, केवल अफ़सरों 109566 test‏.htm पर तो उन्हें अब रत्ती-भर भी विश्वास नहीं है। उन्हें वे 109567 test‏.htm क्षीण हो जाने पर भी वैद्य के मुख की ओर आशा-भरी आँखों 109568 test‏.htm हाथ धरकर रोयेंगे। लड़की भी वैसी ही है। छोटा-सा अढ़ौना 109569 test‏.htm रस लेकर उड़ जाते हैं। तुम भी वैसे ही न उड़ जाओगे?’ 109570 test‏.htm बचते ही नहीं। मैं एक पैसा भी व्यर्थ नहीं ख़र्च करता। 109571 test‏.htm से उसका प्रेम हो गया है, तो भी व्यवहार तोड़ने का कोई कारण 109572 test‏.htm उससे वह रुपये वसूल करने को भी व्याकुल हो रहा है, जो उसने बट्टेखाते 109573 test‏.htm राय साहब ने दग़ा की, तो मैं भी शठता पर उतर आऊँगा। जो ग़रीबों 109574 test‏.htm को डुबाया करते थे। गोबर को भी शराब का चस्का पड़ा। घर आता 109575 test‏.htm मैं तो सुनती हूँ, आप भी शराब के उपासक हैं? 109576 test‏.htm खन्ना को मुँह लगाकर उसे और भी शह देती हो। तुम्हारा वह जितना 109577 test‏.htm अगर कहीं मिल जाय, तो मैं भी शादी कर लूँ, लेकिन मुझे उम्मीद 109578 test‏.htm से खींचा था; मगर मेहता को भी शायद मूँछें उखड़वाने में मज़ा 109579 test‏.htm में जागृति है। जनता किसी भी शुभ काम में सहयोग देने को तैयार 109580 test‏.htm स्पेकुलेशन का काम भी शुरू कर दीजिए। यह जो आज सैकड़ों 109581 test‏.htm अपने गाँव में कुत्ता भी शेर हो जाता है लेकिन आने दो। 109582 test‏.htm पाकर अब मेरे लिए कुछ भी शेष नहीं रह गया है। यह वरदान 109583 test‏.htm हुई गुलाबी साड़ी उसे और भी शोभा प्रदान कर रही थी। 109584 test‏.htm भी बुरा लगेगा और हमारी जान भी संकट में पड़ेगी। इससे कहता 109585 test‏.htm हुई, कार्य-कारिणी समिति का भी संगठन हुआ, पदाधिकारियों का 109586 test‏.htm आदमी को सत्य और धर्म में भी संदेह होने लगता है; लेकिन मेहता 109587 test‏.htm अच्छी प्रैक्टिस है घर की भी संपन्न है फिर भी यों अपने को 109588 test‏.htm हाथ पकड़कर बैठाया -- आप भी संपादकजी निरे पोंगा ही रहे। 109589 test‏.htm तो आप घाटे में रहेंगे। आप भी संसार में सुख से रहना चाहते 109590 test‏.htm ठौर है। वह ब्याहता न होकर भी संस्कार में और व्यवहार में 109591 test‏.htm लाऊँ, यद्यपि कार यहाँ आ भी सकेगी, मैं नहीं कह सकता।’ 109592 test‏.htm रहता है। कारकुन और प्यादे भी सचेत रहते हैं। मिर्ज़ा खुर्शेद 109593 test‏.htm प्रकृति इस दशा में भी सजग थी। नेकलेस पाकर अब उसे 109594 test‏.htm होती है, वह उसमें भी सजग हो गयी। आख़िर इसी दिन के 109595 test‏.htm मेहता की आँखें भी सजल हो गयीं -- इस ऐश्वर्य और 109596 test‏.htm गलत हो; लेकिन उसमें कुछ भी सत्य हुआ, तो वह उसे प्रकाश में 109597 test‏.htm प्रोत्साहन नहीं दिया, यह भी सत्य है, फिर भी मैं पतंग की भाँति 109598 test‏.htm -- यह आपकी कृपा है। मैंने भी सदैव आपको अपना बड़ा भाई समझा 109599 test‏.htm थे, जो उनका सहपाठी होकर भी सदैव उन्हें ठगने की फ़िक्र 109600 test‏.htm करती जाती। घास छीलते समय भी सबों में हँसी-दिल्लगी होती 109601 test‏.htm इसी तरह ज़मींदारों का हाल भी समझ लो! उनकी जान को भी तो सैकड़ों 109602 test‏.htm बड़ा भाई समझा है और अब भी समझता हूँ। कभी आपसे कोई पर्दा 109603 test‏.htm रोज़ का घाटा हो रहा है, यह भी समझती हो! यहाँ मैं बहुत-बहुत 109604 test‏.htm ‘जान देने का अरथ भी समझते हो?’ 109605 test‏.htm अगर वही बात मिसेज़ खन्ना भी समझें, तो मैं उन्हें दोष नहीं 109606 test‏.htm ‘मैं पचास हज़ार पर भी समझौता करने को तैयार हूँ।’ 109607 test‏.htm हँसे -- क़ाज़ी के घर चूहे भी सयाने। 109608 test‏.htm सौ रुपए लेते तुम्हें ज़रा भी सरम नहीं आती!’ 109609 test‏.htm अज्ञान की भाँति ज्ञान भी सरल, निष्कपट और सुनहले स्वप्न 109610 test‏.htm बात पर बिगड़ गये। मैंने भी सलाम किया और घर चला आया। मैंने 109611 test‏.htm अभी तो सारे घर की कमाई भी सवा सौ नहीं होती। अब वह अकेला 109612 test‏.htm ऐसा तमाशा लाखों में भी सस्ता है। देखिए, लखनऊ के हसीनों 109613 test‏.htm के देने पड़ जायँ। नोखेराम भी सहमत हो गये। दोनों ने मिलकर 109614 test‏.htm होती। अच्छे कामों के लिए भी सहयोग उतना ही ज़रूरी है। आप 109615 test‏.htm उलटे पाँव लौटी और सोना को भी साथ लेती गयी। एक क्षण में दो 109616 test‏.htm संसार के बंधनों को वह भी साधारण मनुष्यों की भाँति आत्मोन्नति 109617 test‏.htm भी दया नहीं आती। और जो मैं भी सामने जाकर फटकार दूँ कि तुमको 109618 test‏.htm अपने जीवन के साथ मेरा जीवन भी सार्थक कर दो। मेरा तुमसे यही 109619 test‏.htm ख़र्च कर सकती हैं। मुझे भी साल में हज़ार-पाँच सौ रुपए 109620 test‏.htm मिस्टर खन्ना भी साहसी आदमी थे, संग्राम में 109621 test‏.htm थी। उसके साथ ही एलेक्शन भी सिर पर आ पहुँचा था; मगर इन सबों 109622 test‏.htm लेकिन बालक मरकर भी सिलिया के जीवन का केंद्र बना 109623 test‏.htm नहीं, और ए॰ क्लास में रहकर भी सी॰ क्लास की रोटियाँ खाते रहे, 109624 test‏.htm को सुख लिखा है, तो वहाँ भी सुख उठायेगी; दुख लिखा है, तो 109625 test‏.htm दुख लिखा है, तो कहीं भी सुख नहीं पा सकती और लड़की बेचने 109626 test‏.htm आये, धनिया अलग झोपड़ी में भी सुखी रहेगी। 109627 test‏.htm की तरह निखर आयी है। गठन भी सुडौल हो गया है। मुख पर गृहिणीत्व 109628 test‏.htm कान में आया। हीरा की गरज भी सुन पड़ी। फिर पुन्नी की पैनी 109629 test‏.htm हुए कहा -- तो महतो मेरी भी सुन लो। जो बात तुम चाहते हो, 109630 test‏.htm से बरखा कर दें और डाँड़ी भी सुभीते से रहे, तो एक गाय ज़रूर 109631 test‏.htm से कभी नहीं चूके। मातादीन भी सुयोग्य पुत्र की भाँति उन्हीं 109632 test‏.htm लाल थीं और नाक के सिरे पर भी सुर्ख़ी थी। मालूम होता था, 109633 test‏.htm उठ रहे थे। कुओं का पानी भी सूख गया था और ऊख ताप से जली जा 109634 test‏.htm दशा देख-देखकर तो मैं और भी सूखी जाती हूँ कि भगवान यह बुढ़ापा 109635 test‏.htm ‘पड़ोसी साल-भर में एक बार भी सूरत न दिखाये, तो मेहमान ही 109636 test‏.htm लड़की ब्याह ली होती तो मैं भी सेंत में लड़का ब्याह लेता। 109637 test‏.htm मैंने तो जनता की जो कुछ भी सेवा की, अपना कर्तव्य समझकर 109638 test‏.htm उसे फाँसी देते हुए सरकार भी सोच-विचार करेगी। ऊपर से दबाव 109639 test‏.htm कहते नहीं बनता। उन्हें भी सोचना चाहिए कि बहू को बाप-भाई 109640 test‏.htm तो यह चारा फेंका। मैंने भी सोचा, एक इनके ठीक हो जाने से 109641 test‏.htm -- लेकिन तुमने इसका कारण भी सोचा? समझना चाहा? 109642 test‏.htm थी। तीन साल हमने जोती। फिर भी सौ की थी ही। वह अपने रुपये के 109643 test‏.htm कम पर सौदा न होगा। नोखेराम भी सौ के पक्ष में थे। और होरी के 109644 test‏.htm सम्मान है। आप निर्धन रहकर भी स्त्रियों के विश्वास-पात्र 109645 test‏.htm थे, जहाँ इधर-उधर हिलने का भी स्थान न था। क्या वह उससे यह 109646 test‏.htm गया हो। बैठकर रोने के लिए भी स्थान न बचा हो। 109647 test‏.htm है। संदेह का वहाँ ज़रा भी स्थान नहीं और हिंसा तो संदेह 109648 test‏.htm में शायद उसके लिए रत्ती-भर भी स्थान नहीं है; लेकिन आज खन्ना 109649 test‏.htm श्रद्धा ने और भी गहरा, और भी स्फूर्तिमय बना दिया। प्रेम 109650 test‏.htm नौका तैयार हो गयी। रात और भी स्वप्निल हो गयी थी। 109651 test‏.htm ख़ुद सद्भावना करते हुए भी स्वार्थ नहीं छोड़ सकता और चाहता 109652 test‏.htm मजूरी में धेले की कटौती भी स्वीकार न थी। जब इस तेज़ी के 109653 test‏.htm थे कि बेबात की बात में भी हँसते थे। रात-भर भँड़ैती होती 109654 test‏.htm से मूँछें उखड़वाकर भी हँसते हैं, उन्होंने भी इस फटकार 109655 test‏.htm कुछ दिन याद रहे। मजूरों को भी हड़ताल से क्षति पहुँचेगी, यहाँ 109656 test‏.htm में विष है, यह जानते हुए भी हम उसे दूध पिलाते हैं। तोते 109657 test‏.htm दें। मुझे उन लोगों से ज़रा भी हमदर्दी नहीं है, जो बातें तो 109658 test‏.htm नहीं करनी पड़ती; लेकिन फिर भी हमने उसे जीवन में जितने महत्व 109659 test‏.htm महीने का भी नौकर है, वह भी हमसे अच्छा खाता-पहनता है, लेकिन 109660 test‏.htm तो निश्चय है कि अब सरकार भी हमारी रक्षा न करेगी। हमसे अब 109661 test‏.htm आप जानते हैं। और राजा साहब भी हमारे डाइरेक्टर हैं, यह भी 109662 test‏.htm था; पर इस समय वह उसे फूल से भी हल्का लग रहा था। उसके अंतस्तल 109663 test‏.htm तो मौजूद था; दो सौ रुपए भी हाथ आ जायँ, तो कन्या-ऋण से उसका 109664 test‏.htm बरदास न करेगा। कहीं उसने भी हाथ छोड़ दिया, तो कितनी आबरू 109665 test‏.htm यद्यपि सूद के लोभ में मूल भी हाथ न आता था -- जो रुपए लेता, खाकर 109666 test‏.htm कौन जाने। यहाँ तो एक धेला भी हाथ में आ जाय, तो गाँव में शोर 109667 test‏.htm उनसे मिल जाते हैं, यह रक़म भी हाथ से निकल जायगी। 109668 test‏.htm जाने दिया; मगर अब वह क़िला भी हाथ से निकला जाता था। तीन साल 109669 test‏.htm भाई का गला काटने में भी हिचक नहीं होती। उफ़्फ़ोह। 109670 test‏.htm बैठे हो। रुपए-पैसे का डौल भी हुआ कि मन की मिठाई खा रहे हो।’ 109671 test‏.htm मेरी हँसी न होगी? कैसे भी हुआ हो, पर अब तो तुम हमारे समधी 109672 test‏.htm से समर्पित देखकर विस्मित भी हुई और दुखी भी। 109673 test‏.htm सारी दुनिया में हँसी भी हुई और हाथ कुछ न आया। वह गोबर 109674 test‏.htm वह बोलेगा भी नहीं। सगाई न भी हुई, तो होरी का क्या बिगड़ता 109675 test‏.htm चले जाते हैं। दो-एक राज़ी भी हुए, तो रुपए माँगते हैं। दो-तीन 109676 test‏.htm साहब राष्ट्रवादी होने पर भी हुक्काम से मेल-जोल बनाये रखते 109677 test‏.htm हो। सुनती भी हूँ और देखती भी हूँ, आजकल बड़े घरों की विचित्र 109678 test‏.htm लेकिन अब तो मैं उसकी माँ भी हूँ, बाप भी हूँ। अगर मुझे अपने 109679 test‏.htm तो मैं उसकी माँ भी हूँ, बाप भी हूँ। अगर मुझे अपने हृदय का 109680 test‏.htm निबाह करना हो। सुनती भी हूँ और देखती भी हूँ, आजकल बड़े 109681 test‏.htm हमें समय के साथ चलना भी है और उसे अपने साथ चलाना भी। 109682 test‏.htm केवल रमणी नहीं है, माता भी है और ऐसी-वैसी माता नहीं सच्चे 109683 test‏.htm हो। कोई तुम्हारी सुनता भी है कि यों ही शिक्षा दे रहे हो। 109684 test‏.htm इन बुराइयों के नीचे त्याग भी है प्रेम भी है, साहस भी है, धैर्य 109685 test‏.htm खुर्शेद का हाता क्लब भी है, कचहरी भी, अखाड़ा भी। दिन 109686 test‏.htm इस रमणी में विचार की शक्ति भी है, केवल तितली नहीं। संकोच 109687 test‏.htm कि मालती का कोई दूसरा रूप भी है, जिसे वह न देख सके या जिसे 109688 test‏.htm भी है प्रेम भी है, साहस भी है, धैर्य भी है; मगर यह भी देखा 109689 test‏.htm जिसमें कुछ गर्व की झलक भी है, मानो संसार के व्यवहार और 109690 test‏.htm पर बिछा रहता था। तकिया भी है, लिहाफ़ भी है। खाट के नीचे 109691 test‏.htm के नीचे त्याग भी है प्रेम भी है, साहस भी है, धैर्य भी है; मगर 109692 test‏.htm ज़मीन है और थोड़ी-सी साख भी है; अगर वह एक बीघा भी बेंच दे, 109693 test‏.htm आदर-मान तब था, उतना ही आज भी है; बल्कि और बढ़ गया। पहले नौकरी 109694 test‏.htm सकती कि तुममें कोई बुराई भी है; मगर तुमने मेरी परीक्षा 109695 test‏.htm भी है, साहस भी है, धैर्य भी है; मगर यह भी देखा कि वह विभूतियाँ 109696 test‏.htm आता है। कुछ बेचारियाँ ऐसी भी हैं, जो अपनी रोटी-दाल में ही 109697 test‏.htm कुछ विरले प्राणी ऐसे भी हैं, जो पैरों में यह बेड़ियाँ 109698 test‏.htm समझें। लड़के गाँव में भी हैं; मगर उनमें कुछ लिहाज है, 109699 test‏.htm उतने ही खेत तो हमारे पास भी हैं। उतनी ही उपज हमारी भी है। 109700 test‏.htm से फँसे थे। उससे दो लड़के भी हैं। मथुरा के मुँह से इतना 109701 test‏.htm है। सब के सब दुष्ट और मूरख भी हैं। समझते हैं, झुनिया अब हमारी 109702 test‏.htm ‘आदमी तो हम भी हैं।’ 109703 test‏.htm कि दुनिया में ऐसे मुल्क भी हैं जहाँ वेश्याएँ नहीं हैं। 109704 test‏.htm के अतिरिक्त एक दुपट्टा भी है। 109705 test‏.htm के साथ युवती की सहास छवि भी है। 109706 test‏.htm है, मालती देवी का खिलौना भी है। उसका लालन-पालन उसी तरह 109707 test‏.htm छिपा सकता। और यह अच्छा भी है। उसे घर की चिंता रहती है; 109708 test‏.htm गानेवाले हैं, सबका नेवता भी है। और गाँव में न नाचनेवालों 109709 test‏.htm था। तकिया भी है, लिहाफ़ भी है। खाट के नीचे लोटे में पानी 109710 test‏.htm ‘तू क्या पूछेगा? कुछ दम भी है। जाकर अम्माँ के आँचल में 109711 test‏.htm हीरा मारता है तो दुलारता भी है। तुमने ख़ाली मारना सीखा, 109712 test‏.htm हूँ। मेरी चाय की दूकान भी है। दस सेर दूध तो मैं ही नित 109713 test‏.htm खन्ना बाबू की महाजनी कोठी भी है। दोनों एक हैं। 109714 test‏.htm भी हैं। उतनी ही उपज हमारी भी है। फिर क्यों हमारे पास कफ़न 109715 test‏.htm लालची है, उतना ही क्रोधी भी है। बिना लिये न मानेगा। 109716 test‏.htm उसके बदले में कुछ चाहता भी है। श्रद्धा का चरम आनंद अपना 109717 test‏.htm बनाना हो। थोड़ा-सा दूध भी है। हमारी गैया को एक बार तेंदुए 109718 test‏.htm नहीं हूँ। मेरे साथ एक औरत भी है।’ 109719 test‏.htm के लिए एक हज़ार का चंदा भी हो गया है और अभी तो सारा शहर 109720 test‏.htm में नीलाम हो गयी और बोली भी हो गयी मँगरू साह ही के नाम। 109721 test‏.htm सफल ही न हुए थे, होम मेंबर भी हो गये थे। चारों ओर से बधाइयाँ 109722 test‏.htm कुछ-कुछ राजनीतिक ज्ञान भी हो चला है। राष्ट्र और वर्ग 109723 test‏.htm तो एक पुत्र के पिता भी हो चुके थे। तीनों दिन भर ताश 109724 test‏.htm हो चुका; लेकिन तुम भी हो जाओगी? 109725 test‏.htm लिये कुँवर साहब से संबंध भी हो जाता और मुक़दमा भी दायर 109726 test‏.htm थे, घड़ी-भर के लिए मनोरंजन भी हो जाता था; मगर यह आनंद जैसे 109727 test‏.htm से आदमियों से एक संबंध भी हो जाता है और रोब भी रहता है। 109728 test‏.htm रगड़ा करता था; और बाह्मन भी हो जाय और बाह्मनी से ब्याह 109729 test‏.htm उस दिन तो मुझे हैज़ा भी हो जाय तो वहाँ जाना पड़ेगा।’ 109730 test‏.htm भी रहेंगी। मंडली अगर सफल भी हो जाय, हालाँकि मुझे उसमें 109731 test‏.htm औसर है। लड़की का ब्याह भी हो जायगा, और तुम्हारे खेत भी 109732 test‏.htm के लिए है ही, एक बाहर के लिए भी हो जाय। 109733 test‏.htm साहब, एक गोई हमारी और आपकी भी हो जाय। 109734 test‏.htm सकती है, वही आदर्श पत्नी भी हो सकती है। 109735 test‏.htm न चलता था। मगर इस साल जैसे भी हो, उसका विवाह कर देना ही चाहिए, 109736 test‏.htm ठुकराये जाते। देश में कुछ भी हो, क्रांति ही क्यों न आ जाय, 109737 test‏.htm नज़र-नज़राना, घूस-घास जैसे भी हो, ग़रीबों को लूटो। उस पर सुराज 109738 test‏.htm ‘कुछ भी हो, गाय है बड़ी सुंदर, गोबर लिये 109739 test‏.htm करने में अगर कुछ कष्ट भी हो, तो उसका स्वागत करो। तुम 109740 test‏.htm था। अपने घर में लड़ाई-दंगा भी हो, तो किसी की टहल तो न करनी 109741 test‏.htm होता है और हम लोगों में भी हो, तो कोई लज्जा की बात नहीं। 109742 test‏.htm विनोद की शरण लेकर कहा -- कुछ भी हो, मैं तो यह देखती हूँ कि पानी 109743 test‏.htm की जो दशा होगी, वही उसकी भी होगा। भाग्य में सुख बदा होता, 109744 test‏.htm जैसा होगा, वैसी ही संतान भी होगी। और आप नहीं आते, औरतों 109745 test‏.htm कल हमारे-तुम्हारे घर में भी होगी। समाज तो भय के बल से चलता 109746 test‏.htm उपहास होता; लेकिन यह भय भी होता था कि तब उसके लिए नदी या 109747 test‏.htm होता है और निर्दयी भी होता है और चारपाई पर लेटाकर, 109748 test‏.htm दिया। प्रेम में कुछ मान भी होता है, कुछ महत्व भी। श्रद्धा 109749 test‏.htm हैं, तभी तो लड़ाई-झगड़े भी होते हैं। जिसके कोई है ही नहीं, 109750 test‏.htm और कभी-कभी उन्हें यह संदेह भी होने लगता था कि मालती का कोई 109751 test‏.htm होरी उसे चाहता था। और वह भी होरी का अदब करता था। दोनों 109752 test‏.htm जिठानी के मनोभाव समझकर भी होरी का एहसान चुकाती जाती थी। 109753 test‏.htm चला आता था। गोबर से भी होरी की बोल-चाल बंद थी। माँ-बेटे 109754 test‏.htm झुनिया, सांत्वना पाकर और भी होरी के पैरों से चिमट गयी और 109755 test‏.htm फिर रहा था। पंडित दातादीन भी होरी से अनाज बँटवाने के लिए 109756 test‏.htm अम्माँ से? कहने को कोई बात भी हो। जब वह किसी बहाने से घर में 109757 test‏.htm मैंने कभी किसी की ओर ताका भी हो। लाज और डर के मारे घर से भागा 109758 test‏.htm हो गयी भाभी? मुझे तो अब भी ॰॰॰’ 109759 test‏.htm ‘फिर भी ॰॰॰’ 109760 test‏.htm का हाता क्लब भी है, कचहरी भी , अखाड़ा भी। दिन भर जमघट लगा 109761 test‏.htm आशा नहीं है। यह जानते हुए भी , उसके बार-बार समझाने पर भी, उसने 109762 test‏.htm भी, उसके बार-बार समझाने पर भी , उसने यह विपत्ति अपने ऊपर ली। 109763 test‏.htm भंग घुटे, दूधिया भी, नमकीन भी , और रंगों के साथ कालिख भी बने 109764 test‏.htm गये हैं। पुनिया ने पूछा भी , कहाँ जाते हो; पर बताया नहीं। 109765 test‏.htm बाँध दिया। धनिया ने टोका भी , कहाँ लिये जाते हो? पर होरी ने 109766 test‏.htm मिर्ज़ा ने कहा -- आ जाइए आप भी , खड़े कब तक रहिएगा। 109767 test‏.htm कहो, उसकी बोले -- आदमी की भी , जानवर की भी। गिरधर नक़ल करने 109768 test‏.htm भी करते हैं, झाड़-फूँक भी , जैसी मरीज़ की इच्छा हो। और 109769 test‏.htm सजीव हो गयी थीं, सचेष्ट भी , जैसे कोई शेषनाग अपने सहस्र 109770 test‏.htm भी कहता हूँ और धूर्त्तता भी , जो वास्तव में एक हैं। 109771 test‏.htm किये डालता है। छोड़कर जाय भी , तो कैसे? स्त्री को इस तरह छोड़कर 109772 test‏.htm पर हँसोगे नहीं। और हँसो भी , तो तुम्हारी हँसी मैं वरदाश्त 109773 test‏.htm ‘वह मारेगी भी , तो न बोलूँगा।’ 109774 test‏.htm फट गयी है; मगर कल मुझसे कहा भी , तो सोना की साड़ी के लिए, अपनी 109775 test‏.htm लगा। ख़ूब भंग घुटे, दूधिया भी , नमकीन भी, और रंगों के साथ कालिख 109776 test‏.htm भी देना चाहते हैं, सम्मान भी , नेतृत्व भी; लेकिन संपत्ति 109777 test‏.htm खाती है। जो तू चाहे कि खा भी , लुटा भी; तो यह यहाँ न होगा। 109778 test‏.htm उमिर भर, बल्कि उस जनम में भी , लेकिन मैं उन सबों की नस पहचानती 109779 test‏.htm लेकिन उपज ही न हो और जो हो भी , वह कौड़ियों के मोल बिके, तो 109780 test‏.htm भी और अब भी; व्यवहार में भी , विचार में भी। मन में कुछ रखना 109781 test‏.htm पुलिस भी थी, फ़ायर ब्रिगेड भी , सेवा-समितियों के सेवक भी; पर 109782 test‏.htm जो तू चाहे कि खा भी, लुटा भी ; तो यह यहाँ न होगा। अगर तुझे 109783 test‏.htm भी, सेवा-समितियों के सेवक भी ; पर सब-के-सब आग की भीषणता से 109784 test‏.htm रह सकते हैं और शत्रुओं के भी ; बल्कि तब कोई आपका शत्रु रहेगा 109785 test‏.htm किया, घुड़का-डाँटा भी ; मगर होरी की दशा देखकर चुप हो 109786 test‏.htm घर की भी थी और बाहर की भी ; मेहता केवल बाहर के थे, घर उनके 109787 test‏.htm हैं, सम्मान भी, नेतृत्व भी ; लेकिन संपत्ति किसी तरह नहीं। 109788 test‏.htm ही रह सकती थी, पहले भी और अब भी ; व्यवहार में भी, विचार में भी। 109789 test‏.htm ही लाइएगा, या उसकी माँ भी ? 109790 test‏.htm स्रोत खुल गया। अंचल दूध से भींग गया और मुख आँसुओं से। उसने 109791 test‏.htm उसे पुकारती रही। जब रात भींग गयी और वह न लौटा, भागी यहाँ चली 109792 test‏.htm फूले हुए गाल आँसुओं से भींग गये। उसने तो बहू को छुआ भी नहीं। 109793 test‏.htm दूध का उबाल-सा आता और आँचल भींग जाता। उसी क्षण आँखों से आँसू 109794 test‏.htm हो तुम? दस बीघे खेत और भीख के सिवा तुम्हारे पास और क्या 109795 test‏.htm की बुराई करने -- भिखारी को भीख तक नहीं देती थी, झाड़ू लेकर 109796 test‏.htm दान देता है, मगर दुःख में भीख तक माँगता है। उस समय आदमी का 109797 test‏.htm के पास नहीं है। तुम मुझसे भीख न माँगकर मुझे मोल ले सकते हो।’ 109798 test‏.htm लेकिन इसी द्वार पर आकर भीख न माँगे, तो मेरे नाम पर थूक देना। 109799 test‏.htm का पेट पालूँगी, और जब भीख भी न मिलेगी, तो कहीं डूब मरूँगी। 109800 test‏.htm जियावन महतो के घर-भिखारी भीख भी नहीं पाता; लेकिन करजे का 109801 test‏.htm ने छाँह न दी होती, तो भीख भी माँगती।’ 109802 test‏.htm में कहा -- अगर यही हाल है तो भीख भी माँगोगी। 109803 test‏.htm मनोकामना है, उसी तरह भीख माँगकर अपना और बच्चे का पेट 109804 test‏.htm सरन न मिली होती, तो आज कहीं भीख माँगती होती। यह उसी नेकी का 109805 test‏.htm कम नहीं समझा; लेकिन आज उसे भीख माँगते और घूर पर दाने चुनते 109806 test‏.htm बाल-बच्चे निराश्रय होकर भीख माँगते फिरेंगे। होरी जब काम-धंधे 109807 test‏.htm हो जाये, और द्वार-द्वार भीख माँगते फिरें। यही न? इससे तो 109808 test‏.htm ताव देते फिरते हैं, कहीं भीख माँगते होते। आदमी कितना स्वार्थी 109809 test‏.htm न पाला होता तो आज कहीं भीख माँगते होते। रूख की छाँह भी 109810 test‏.htm भी लिख देना और तब गली-गली भीख माँगना। मैं पूछती हूँ, तुम्हारे 109811 test‏.htm क्या तुम्हारे द्वार कभी भीख माँगने आयी थी?’ 109812 test‏.htm उसी तरह जैसे संन्यास केवल भीख माँगने का संस्कृत रूप है। वह 109813 test‏.htm अगर सब पूरा करने लगें, तो भीख माँगने की नौबत आ जाय। मेरे 109814 test‏.htm लगी थी -- तुम्हारे द्वार पर भीख माँगने नहीं जाती। 109815 test‏.htm जाऊँगी। मजूरी करूँगी, भीख माँगूँगी; लेकिन तुम्हें न छोड़ूँगी। 109816 test‏.htm कैसे कटेगा? किसके द्वार पर भीख माँगेंगे?’ 109817 test‏.htm जाकर दिल की जलन निकाली -- भीख माँगो तुम, जो भिखमंगे की जात 109818 test‏.htm के साथ कहा -- अगर भिक्षुक को भीख मिलने की आसा हो, तो वह दिन-भर 109819 test‏.htm की बात। तुम जजमानी को भीख समझो, मैं तो उसे ज़मींदारी 109820 test‏.htm बोले -- पास कुछ न सही, मैं भीख ही माँगता हूँ, लेकिन मैंने 109821 test‏.htm से अच्छा होता, तो चाहे भीख ही माँगना पड़ता, वह उसे अच्छा 109822 test‏.htm भी ज़िद पड़ गयी है कि चाहे भीख ही माँगनी पड़े, इसे छोड़ूँगा 109823 test‏.htm वीर हूँ। भाइयों के सामने भीगी बिल्ली बन जाता है, पापी कहीं 109824 test‏.htm मिस्टर तंखा भीगी बिल्ली बने बैठे हुए थे। राजा 109825 test‏.htm रूपा तीनों तलैया से ऊख के भीगे हुए गट्ठे निकाल-निकालकर खेत 109826 test‏.htm ये तीनों आदमी भीड़ के पीछे खड़े थे। कुछ समझ में 109827 test‏.htm निर्दयता बुरी लग रही थी। भीड़ के सामने तो कुछ न कह सकता था। 109828 test‏.htm छोड़ दी गयी और तीनों आदमी भीड़ चीरते हुए मिल के सामने जा पहुँचे। 109829 test‏.htm बुलाए गये। चौपाल में इतनी भीड़ थी कि कहीं तिल रखने की जगह न 109830 test‏.htm हाते में लाखों आदमियों की भीड़ थी, पुलिस भी थी, फ़ायर ब्रिगेड 109831 test‏.htm हुआ था। दो हज़ार से कम की भीड़ न थी। रईसों के लिए कुर्सियों 109832 test‏.htm होंगे तो ज़रूर; लेकिन उस भीड़ में उनका पता मिलना कठिन था। 109833 test‏.htm नहीं लगती। मैं साल-भर के भीतर अपने रुपए सूद-समेत कान पकड़कर 109834 test‏.htm होरी सब कुछ देख रहा था। भीतर आकर बोला -- पुनिया दिल की साफ़ 109835 test‏.htm पिलायी। वह उधर गया, मैं भीतर आया और वही गोबर ने पुकार मचायी। 109836 test‏.htm भी निकट जान पड़ा। उसे अपने भीतर एक ऐसी तृप्ति का अनुभव हुआ, 109837 test‏.htm पुरुषार्थ से हुआ। झुनिया भीतर का सारा काम कर लेती थी और धनिया 109838 test‏.htm रहे। एक-एक शब्द मानो उनके भीतर की आँखें इस तरह खोले देता था, 109839 test‏.htm की; लेकिन प्रतिक्षण भीतर की दाह बढ़ती जाती थी। न रहा 109840 test‏.htm मेहता के सीने से लिपट जाय। भीतर की भावनाएँ बाहर आकर मानो सत्य 109841 test‏.htm वहाँ की दूब जल गयी थी और भीतर की मिट्टी निकल आयी थी। 109842 test‏.htm सिर झुकाकर चलना चाहिए। भीतर की शांति बाहर सौजन्य बन गयी 109843 test‏.htm भी। मीनाक्षी भीतर ही भीतर कुढ़ती रहती थी। पुस्तकों और 109844 test‏.htm तो उनकी बहन आहिस्ता से भीतर के द्वार से उनके पास जाकर किताब 109845 test‏.htm मैं घोर जड़वादी हूँ। और भीतर के परिष्कार के साथ उसकी छवि 109846 test‏.htm बना हुआ हूँ। तुमने मेरे भीतर क्या पाया यह मुझे मालूम नहीं। 109847 test‏.htm नहीं पालते; मगर भीतर-ही- भीतर ख़ूब गुलछर्रे उड़ाती थीं। 109848 test‏.htm उधर सोना और रूपा भीतर गोबर का सामान खोलकर चीज़ का 109849 test‏.htm यह कहता हुआ गोबर भीतर चला गया। झुनिया ने पूछा -- आज 109850 test‏.htm तो बच्चे का रोना सुनकर भीतर चली गयी और गोबर भी घर से निकला। 109851 test‏.htm दिया। जब धनिया और झुनिया भीतर चली गयीं, तो वह होरी की उसी मड़ैया 109852 test‏.htm और दिनों की तरह दूध लिये भीतर चली गयी। वहाँ पुकारती हूँ, 109853 test‏.htm बजते-बजते होरी लौटा और भीतर जा रहा था कि उसे भास हुआ, जैसे 109854 test‏.htm उसने भीतर जाकर किवाड़ बंद कर लिये और 109855 test‏.htm ने पत्र पढ़ा और दौड़े हुए भीतर जाकर धनिया को सुनाया। हर्ष 109856 test‏.htm झुनिया ने भीतर जाकर सोना से कहा -- मुझे तो दादा 109857 test‏.htm के ढेर करता जाता था। उसके भीतर जैसे आग लगी हुई थी। उसमें अलौकिक 109858 test‏.htm बैठा न हो। देख तो सोना, भीतर तो नहीं बैठा है। 109859 test‏.htm था। सत्य रूप तो उसके भीतर था, उसकी आशाओं और शुभेच्छाओं 109860 test‏.htm न थी। उसका जीवन जो कुछ था, भीतर था, बाहर वह केवल निर्जीव यंत्र 109861 test‏.htm फूले हुए, आँखें छोटी और भीतर धँसी हुई, माथा पतला; पर वक्ष 109862 test‏.htm है, और जब भगवान ने गौरी के भीतर पैठकर यह पत्र लिखवाया तो तूने 109863 test‏.htm और गोबर का हर्ष मानो उसके भीतर प्रतिबिंबित हो रहा था। दूसरों 109864 test‏.htm भीतर बड़ी उमस हो रही थी। हवा बंद 109865 test‏.htm ही न रहा। वह स्मृति उसके भीतर बैठी हुई जैसे उसे शक्ति प्रदान 109866 test‏.htm मालती उन औरतों में न थी, जो भीतर रह सके। वह बाहर ही रह सकती थी, 109867 test‏.htm का यह स्वरूप देखकर अपने भीतर श्रद्धा का अनुभव होने लगा, 109868 test‏.htm धनिया के पेट की आँतें भीतर सिमट गयीं। 109869 test‏.htm के सामने कछुए की भाँति भीतर सिमटा जाता था। दारोग़ा ने उसे 109870 test‏.htm की आहट पाते ही गोविंदी भीतर से आकर बोली -- क्या आप लोग वहीं 109871 test‏.htm पचास बरस का खंखड़ भोला भीतर से इतना स्निग्ध है, वह न जानता 109872 test‏.htm पाँव तक न उठते थे। देह भीतर से झुलसी जा रही थी। उसने न स्नान 109873 test‏.htm मालती बाहर से तितली है, भीतर से मधुमक्खी। उसके जीवन में 109874 test‏.htm नहीं कहा जा सकता, मगर भीतर से वह पिघल गया था। उम्र की ऐसी 109875 test‏.htm बाहर से वह विलासिनी है, भीतर से वही मनोवृत्ति शक्ति का केंद्र 109876 test‏.htm आगे बढ़ी; पर अपने उछाह को भीतर ही दबा गयी। एक साल में उसका 109877 test‏.htm मगर से बैर करना लड़कपन है। भीतर ही बाँधूँगा। आँगन है तो छोटा-सा; 109878 test‏.htm भी थे, शराबी भी। मीनाक्षी भीतर ही भीतर कुढ़ती रहती थी। पुस्तकों 109879 test‏.htm लोग यह रोग नहीं पालते; मगर भीतर -ही-भीतर ख़ूब गुलछर्रे उड़ाती 109880 test‏.htm न थी। बाहरवाला लल्लू उसके भीतरवाले लल्लू का प्रतिबिंब मात्र था। 109881 test‏.htm साहब ने ऊपरी खेद, लेकिन भीतरी संतोष से संपादकजी को देखा और 109882 test‏.htm हैं। आगे-आगे गाय, पीछे-पछे भीया हैं। 109883 test‏.htm की विपदाएँ उसके मन को भीरु बनाये रहती थीं। ईश्वर का रौद्र 109884 test‏.htm लथाड़ा कि बेचारा स्वार्थ- भीरु बूढ़ा रुआँसा हो गया -- तुम तो 109885 test‏.htm हत्या, जाल, कोई अपराध इतना भीषण न था। हँसी-दिल्लगी को वह बुरा 109886 test‏.htm महाजनी के हथकंडों का ऐसा भीषण रूप दिखाया कि उसके मन में भी 109887 test‏.htm छिपा सकी, सोना के चेहरे पर भीषण संकल्प खेल रहा था, मानो ख़ून 109888 test‏.htm सेवक भी; पर सब-के-सब आग की भीषणता से मानो शिथिल हो गये हों। फ़ायर 109889 test‏.htm भीष्म उनका सबसे छोटा पुत्र था, और 109890 test‏.htm वक़्त गोविंदी ने आकर कहा -- भीष्म का ज्वर आज भी नहीं उतरा, किसी 109891 test‏.htm के भी और परियों के भी। 109892 test‏.htm लोक भी बनेगा, परलोक भी। 109893 test‏.htm हुआ और उसके साथ ही संकल्प भी। अब तक वह कम से कम काम करता और 109894 test‏.htm का और नारीत्व का भी। आप मिस्टर खन्ना के विषय में 109895 test‏.htm है और राजनीतिक आंदोलन का भी। आये दिन सभाएँ होती रहती हैं। 109896 test‏.htm कम न थी। शराब भी थी और मांस भी। इस उत्सव के लिए राय साहब अच्छी 109897 test‏.htm है और लज्जास्पद भी। इस व्यवस्था ने हम ज़मींदारों 109898 test‏.htm भी मिल सकती है, कड़वापन भी। उसके अंदर पड़नेवाले बीज में 109899 test‏.htm लेकिन जब पेट में बात पचे भी। कभी दो-चार पैसे ऊपर से आ जाते 109900 test‏.htm के भी मित्र हैं और साह के भी। गाँव में किसी को उन पर विश्वास 109901 test‏.htm बोले -- आदमी की भी, जानवर की भी। गिरधर नक़ल करने में बेजोड़ 109902 test‏.htm ‘अजी जाओ भी। ज़रा-सा तेंदुआ देख लिया, तो 109903 test‏.htm भी और हमारे मरने के पीछे भी। डूब मरे वह, जिसे अपनी संतान 109904 test‏.htm भी है, कचहरी भी, अखाड़ा भी। दिन भर जमघट लगा रहता है। मुहल्ले 109905 test‏.htm है और उसे अपने साथ चलाना भी। बुरे कामों में ही सहयोग की 109906 test‏.htm व्यवहार में भी, विचार में भी। मन में कुछ रखना वह न जानती थी। 109907 test‏.htm ऐयाश भी थे, शराबी भी। मीनाक्षी भीतर ही भीतर कुढ़ती 109908 test‏.htm दें और शक्कर के हिस्सों का भी। मेरे पास दोनों फ़ार्म भी मौजूद 109909 test‏.htm मान भी होता है, कुछ महत्व भी। श्रद्धा तो अपने को मिटा डालती 109910 test‏.htm विस्मित भी हुई और दुखी भी। 109911 test‏.htm था। उनमें अधिकांश ऐसे भुखमरे थे, जो इस अवसर को किसी तरह भी 109912 test‏.htm पर मोटा सोटा रखे हुए। पीछे भुखमरों की लंबी क़तार थी, जैसे भेड़ें 109913 test‏.htm की लातें खाती थी। यह भुग्गा मिल गया तो आज रानी हो गयी। 109914 test‏.htm जगह चर्चा चल रही है। यह भुग्गा , वह बहत्तर घाट का पानी पिये 109915 test‏.htm लेकर चलते हुए उनकी मांसल भुजाएँ और चौड़ी छाती और मछलीदार जाँघें 109916 test‏.htm अढ़ौना भी करेगी, तो भुन -भुनाकर। मैं तो सह लेता हूँ, 109917 test‏.htm तो डाल नहीं दी, ऊपर से लगे भुनभुनाने। कुछ तो भलमंसी सीखो। कलसा ले 109918 test‏.htm को न था। दिन को तो थोड़ा-सा भुना हुआ मटर मिल गया था; पर इस वक़्त 109919 test‏.htm अढ़ौना भी करेगी, तो भुन- भुनाकर। मैं तो सह लेता हूँ, ख़सम थोड़े 109920 test‏.htm करती रहती थी। यह जली- भुनी बाहर से आती; पर ज्योंही झुनिया 109921 test‏.htm ‘भुनेसरी आप ही कहता था।’ 109922 test‏.htm हूँ। सुना, पटवारी का लौंडा भुनेसरी तेरे पीछे बहुत पड़ा था। तूने 109923 test‏.htm ‘तो भुनेसरी ॰॰॰’ 109924 test‏.htm पापी ने मारते-मारते मेरा भुरकस निकाल लिया, फिर भी इसका जी नहीं 109925 test‏.htm निकले -- हाय-हाय! सारी देह भुरकस हो गयी। सबों को तनिक भी दया 109926 test‏.htm ले ली, कभी आलू। आलू भूनकर भुरता बना लिया। यहाँ दिन काटना है 109927 test‏.htm बाटियाँ सेंकी, आलू भूनकर भुरता बनाया और मज़े से खाकर सो रहे। 109928 test‏.htm यह नशा ही उसकी विपत्ति को भुलाता रहता था। उसका भोला-भाला, मक्खन-सा 109929 test‏.htm गाँव के कुत्ते पहले तो भूँकते हुए उसकी तरफ़ दौड़े। फिर दुम 109930 test‏.htm कि अंधे कूकर की तरह हवा को भूँका करे। 109931 test‏.htm उसी वक़्त जैसे कोई भूकंप आ गया। मिर्ज़ा साहब ज़मीन पर 109932 test‏.htm मन को सँभाला था, वे सब इस भूकंप में नीचे आ रहे और वह झोंपड़ा 109933 test‏.htm की तह में, जो केवल किसी भूकंप से ही हिल सकती थीं। उसका यौवन 109934 test‏.htm स्नान करने चली गयी। बच्चा भूख के मारे छटपटाने लगा। चुहिया 109935 test‏.htm लग रही है क्या? और यहाँ भूख के मारे प्राण निकले जा रहे 109936 test‏.htm का कोई डौल न था और रूपा भूख के मारे व्याकुल भी और द्वार 109937 test‏.htm जब भूख न सही गयी तो वह आग माँगने के 109938 test‏.htm ने घुन्नाकर कहा -- मुझे भूख नहीं है। 109939 test‏.htm लगा। रात को कुछ न खाया था। भूख मालूम होने लगी। पाँव लड़खड़ाने 109940 test‏.htm से ज़रिये हैं। मगर ऐश की भूख रोटियों से नहीं जाती। उसके 109941 test‏.htm नहीं सब को दिन में चार बार भूख लगती थी। अब खायँ चार दफ़े, तो 109942 test‏.htm पर नोन छिड़का -- हाँ काहे को भूख लगेगी। भाई ने बड़े-बड़े लड्डू 109943 test‏.htm रक्त प्रबल हो उठा। बोला -- भूखा आदमी अगर हाथ फैलाये तो उसे 109944 test‏.htm कम हो जाय; लेकिन वह नंगा या भूखा न रहेगा। जो अपनी जान खपाते 109945 test‏.htm कि तुम आप खाकर सो रहो और गऊ भूखी खड़ी रहे। उसकी सेवा करोगे, 109946 test‏.htm से बोली -- मैं उनके बखान की भूखी नहीं हूँ, अपना बखान धरे रहें। 109947 test‏.htm पहनकर दिन काटती थी, ख़ुद भूखी सो रही होगी; लेकिन बहुओं के 109948 test‏.htm फिरूँ। न रुपए की भूखी हूँ, न गहने-कपड़े की। बस भले 109949 test‏.htm के पास बैठो, बेचारी बहुत भूखी है। दूध गरम हुआ जाता है, उसे 109950 test‏.htm निकल जाती और तीसरे पहर तक भूखी -प्यासी घास छीलती रहती। फिर 109951 test‏.htm जो बातें हुई थीं, वह मानो भूखे का भोजन थीं। वह दिल से बोली 109952 test‏.htm राय साहब और खन्ना दोनों भूखे रह गये थे और किसी के मुँह से 109953 test‏.htm किस रंग-ढंग की है। तुम तो भूखे सियार की तरह टूट पड़े। अब तो 109954 test‏.htm का भजन भी इसीलिए होता है, भूखे -नंगे रहकर भगवान का भजन करें, 109955 test‏.htm कंठ से कहा -- तुम्हारे बैल भूखों न मरेंगे! तुम्हारे पास भी ऐसा 109956 test‏.htm काम करने से न डरे, तो वहाँ भूखों नहीं मर सकता। यहाँ तो अकल कुछ 109957 test‏.htm तरह भी न छोड़ना चाहते थे। भूखों मर जाने से या अपने बाल-बच्चों 109958 test‏.htm घूमे; लेकिन मजूरी करती है, भूखों मरती है और मतई के नाम पर बैठी 109959 test‏.htm से या अपने बाल-बच्चों को भूखों मरते देखने से तो यह कहीं अच्छा 109960 test‏.htm कि हमें कोई रुपए न दे, हमें भूखों मरने दे, लातें खाने दे, एक पैसा 109961 test‏.htm ‘लेकिन तुम्हारे बैल भूखों मरेंगे कि नहीं?’ 109962 test‏.htm आख़िर वहाँ भोजन करेंगे या भूखों मरेंगे? 109963 test‏.htm उसी के साथ। वह मुझे चाहे भूखों रखे, चाहे मार डाले, पर उसका साथ 109964 test‏.htm मुदा कभी-कभी न जाने कौन-सा भूत इस पर सवार हो जाता है। अब तुम्हीं 109965 test‏.htm की शक्ति इतनी कम है कि भूत और भविष्य में फैला देने से 109966 test‏.htm मिर्ज़ा खुर्शेद के लिए भूत और भविष्य सादे काग़ज़ की भाँति 109967 test‏.htm झूठी थोड़ी है -- बिन घरनी घर भूत का डेरा। कहीं सगाई नहीं ठीक 109968 test‏.htm वर्त्तमान में रहते थे। न भूत का पछतावा था, न भविष्य की चिंता। 109969 test‏.htm हमें कायर बना देती है, भूत का भार हमारी कमर तोड़ देता 109970 test‏.htm के लिए कोई स्थान नहीं। मैं भूत की चिंता नहीं करता, भविष्य 109971 test‏.htm न कर धनिया! मेरे ऊपर कोई भूत सवार था। इसका मुझे कितना दुःख 109972 test‏.htm ने समझा, शायद फिर इसके सिर भूत सवार हुआ, तभी ललकार रहा है। 109973 test‏.htm होरहा था, पर उस पर जैसे कोई भूत सवार हो गया हो। 109974 test‏.htm था ही, उसके सिर पर क्यों भूत सवार हो गया? वह अपने ही घर चली 109975 test‏.htm नोखेराम के सिर पर भूत सवार हो गया। अपना मोटा डंडा 109976 test‏.htm निकलना था कि डोकरे पर जैसे भूत सवार हो गया। जितना लालची है, 109977 test‏.htm ही चलती है। इसे जैसे कोई भूत सवार हो जाता है। घर की दशा देखकर 109978 test‏.htm आपको देखते ही आपका भूत -भविष्य सब कह सुनायेंगे। ऐसे 109979 test‏.htm चल रही थी, बगूले उठ रहे थे, भूतल धधक रहा था। जैसे प्रकृति ने 109980 test‏.htm लिए मूस पकड़ रखा है। ले जा, भूनकर खा ले।’ 109981 test‏.htm भाँति दौड़-दौड़कर कभी आम भूनकर पना बनाती, कभी होरी की देह में 109982 test‏.htm की दाल ले ली, कभी आलू। आलू भूनकर भुरता बना लिया। यहाँ दिन काटना 109983 test‏.htm पर बाटियाँ सेंकी, आलू भूनकर भुरता बनाया और मज़े से खाकर 109984 test‏.htm है। हिरन का शिकार कीजिए, भूनिए , खाइए, और वहीं दरख़्त के साये 109985 test‏.htm सिल्लो निःसंज्ञ-सी भूमि की ओर ताक रही थी। धरती क्यों 109986 test‏.htm घसीटना शुरू किया। युवती भूमि पर लोट गयी। 109987 test‏.htm कि इस त्याग और तपस्या की भूमि भारत में भी कुछ वही हवा चलने 109988 test‏.htm उसे वह कठोर, ठोस, पत्थर-सी भूमि मिल गयी थी, जो फावड़ों से चिनगारियाँ 109989 test‏.htm गोरे-चिट्टे आदमी थे, भूरी- भूरी मूँछें, नीली आँखें, दोहरी देह, 109990 test‏.htm गोरे-चिट्टे आदमी थे, भूरी -भूरी मूँछें, नीली आँखें, दोहरी 109991 test‏.htm जाने की ख़ुशी में मस्त था। भूरे उसे घर पहुँचाने की ख़ुशी में 109992 test‏.htm इतने में भूरे एक्का लेकर आ गया। अभी दिन-भर 109993 test‏.htm एक रुपया कमरे से निकाल कर भूरे की तरफ़ बढ़ाकर कहा -- लो, घरवाली 109994 test‏.htm भूरे ने कृतज्ञता-भरे तिरस्कार से 109995 test‏.htm कर देती। उसने कितनी बड़ी भूल की कि इस कपटी के साथ घर से निकल 109996 test‏.htm अपने जीवन में सबसे बड़ी भूल की। 109997 test‏.htm आने दे। परदेश जाकर ऐसा भूल गया कि न चिट्ठी न पत्री। न जाने 109998 test‏.htm के नशे में अपने को बिलकुल भूल गया हो, जो हुक्काम के तलवे चाटता 109999 test‏.htm रहा है; अदब और लिहाज जैसे भूल गया। अभी शायद नहीं जानता कि 110000 test‏.htm मिलाये चली गयी। वह यह भी भूल गयी कि उसने मेहता को भोजन की

2 चूने के पानी में नली से फूंक मारने पर वह दूधिया क्यों हो जाता है?

एक `60W का बल्ब पहले से ही जल रहा है । ... .

चूने का पानी किसकी उपस्थिति में दूधिया हो जाता है?

अम्ल, क्षारक और लवण क्षारक कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड ( चूने का पानी ) ।

चूने के पानी से CO2 गुजरने पर क्या होता है?

शुद्ध चूने के गारे में हवा का कार्बन डाइऑक्साइड संयुक्त होकर कैलसियम कार्बोनेट बनाता है, जिससे यह जमता और कठोर हो जाता है।

जब चूने के पानी से भरी परखनली में मुँह से हवा भरी जाती है तो चूने का पानी किसकी उपस्थिति के कारण दूधिया हो जाता है?

चूने के पानी से भरी परखनली में जब मुँह द्वारा फूँका जाता है तब चूने का पानी (b) कार्बन डाइऑक्साइड मौजूदगी के कारण दूधिया हो जाता है। हम देख सकते है कि कैल्शियम कार्बोनेट बनता है, जो दूधिया हो जाता है। श्वसन में जो वायु निष्काषित होती है, उसमे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा सबसे अधिक होती है।