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चीन के प्रधानमंत्री बोले, पाकिस्तान के साथ क़रीबी सामरिक संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं -उर्दू प्रेस रिव्यू
6 फ़रवरी 2022 अपडेटेड 7 फ़रवरी 2022 इमेज स्रोत, Sheng Jiapeng/China News Service via Getty Images इमेज कैप्शन, चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग चीन ने कहा है कि वो पाकिस्तान के साथ अपने क़रीबी सामरिक संबंधों को बहुत महत्व देता है. अख़बार डॉन के अनुसार शनिवार को बीजिंग में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से मुलाक़ात के दौरान चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग ने यह बातें कहीं. इमरान इस समय चीन के चार दिवसीय दौरे पर हैं. वो शुक्रवार को बीजिंग में शुरु हुए शीतकालीन ओलंपिक के उद्धाटन समारोह में भी शामिल हुए. अख़बार के अनुसार दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाक़ात के दौरान ली केकियांग ने कहा कि चीन अपने पड़ोस की कूटनीति में पाकिस्तान को प्राथमिकता देता है. मुलाक़ात के दौरान दोनों नेताओं ने चीन और पाकिस्तान के बीच बहु-आयामी सामरिक सहयोग पर आधारित संबंधों को और मज़बूत करने पर ज़ोर दिया. साथ ही दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के हितों को ध्यान रखने का संकल्प दोहराया. इमरान ख़ान ने कहा कि पाकिस्तान सीपेक (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) परियोजना के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने चीनी प्रधानमंत्री को पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागिरकों की पूर्ण सुरक्षा का भी विश्वास दिलाया. इमरान ख़ान के साथ उनके कैबिनेट सहयोगी और वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. सूचना एवं प्रसारण मंत्री फ़व्वाद चौधरी ने कहा कि इमरान ख़ान और ली केकियांग की मुलाक़ात के दौरान चीन ने पाकिस्तान को विश्वास दिलाया है कि वो कश्मीर के मामले में पाकिस्तान के साथ खड़ा है. फ़व्वाद चौधरी के अनुसार इमरान ख़ान ने कहा कि हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान के मामले में पाकिस्तान पूरी तरह चीन के साथ खड़ा है. फ़व्वाद चौधरी के अनुसार रविवार को इमरान ख़ान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात करेंगे.
बलूचिस्तान में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन समाप्तबलूचिस्तान प्रांत के दो अलग-अलग क्षेत्रों नोशकी और पंजगुर में एफ़सी (फ्रंटियर कोर) मुख्यालय पर दो फ़रवरी को हुए चरमपंथी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन पूरा कर लिया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता के अनुसार शुरुआती हमले के बाद कई चरमपंथी इलाक़े में छुपे हुए थे जिनकी तलाश में सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार सुरक्षाकर्मियों ने शनिवार को ऑपरेशन पूरा कर लिया. इस हमले में कुल 20 चरमपंथी मारे गए हैं जबकि इस दौरान नौ सुरक्षाकर्मी की भी मौत हुई है. सेना ने इस दौरान भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए हैं. पाकिस्तान के चरमपंथी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी ने दोनों हमलों की ज़िम्मेदारी ली थी. सेना ने बयान जारी कर कहा है कि ख़ुफ़िया एजेंसी ने चरमपंथियों की बातचीत का सुराग़ लगाया था और उनकी मदद करने वाले अफ़ग़ानिस्तान और भारत में मौजूद हैं.
इमेज स्रोत, Ani इमेज कैप्शन, भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भारतीय सेना प्रमुख का दावा बेबुनियाद: पाकिस्तानी सेना पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे का यह दावा बिल्कुल बेबुनियाद और गुमराह करने वाला है कि भारतीय सेना ने भारत-पाकिस्तान सीमा रेखा (लाइन ऑफ़ कंट्रोल) पर ताक़त के बल पर सीज़फ़ायर करवाया है. अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल ने बयान जारी कर कहा कि कश्मीर के दोनों तरफ़ रहने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीज़फ़ायर के लिए दोनों सेनाओं के बीच बातचीत हुई. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता के अनुसार बातचीत के बाद सीज़फ़ायर के लिए आम सहमति बनी और कोई भी पक्ष इसे अपनी ताक़त और दूसरे की कमज़ोरी ना समझे. इमरान ख़ान को हटाने के लिए सभी मतभेद भुलाने को तैयार: बिलावल भुट्टो पाकिस्तान में विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को हटाने के लिए वो दूसरे दलों के साथ अपने सभी मतभेदों को भुलाने के लिए तैयार हैं. अख़बार जंग के अनुसार बिलावल भुट्टो और उनके पिता पूर्व राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी ने शुक्रवार को मुस्लिम लीग (नवाज़ गुट) के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ़ से उनके लाहौर स्थित घर पर मुलाक़ात की. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की बेटी और मुस्लिम लीग (नवाज़) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ भी मौजूद थीं. मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा, "पाकिस्तान को बचाना है तो इमरान को निकालना होगा. हमारे बीच पहले रहे मतभेदों के बावजूद हम बड़ा क़दम उठाने के लिए जमा हुए हैं. इमरान ख़ान को हटाने के लिए हम हर क़दम उठाने के लिए तैयार हैं." अख़बार के अनुसार दोनों नेताओं के बीच इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर भी बातचीत हुई. पीपीपी के नेताओं से मुलाक़ात के बाद शहबाज़ शरीफ़ ने लंदन फ़ोन कर नवाज़ शरीफ़ से बात की और फिर विपक्षी दलों के सामूहिक गुट पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) के अध्यक्ष मौलान फ़ज़लुर्रहमान से भी फ़ोन पर बातचीत की. शहबाज़ शरीफ़ ने सात फ़रवरी को मुस्लिम लीग पार्टी की बैठक बुलाई है. इस दौरान पीडीएम की बैठक बुलाने का भी फ़ैसला किया गया लेकिन अभी उसकी तारीख़ तय नहीं हुई है. चीन कौन से देश का गुलाम था?चीन पूर्ण रूप से कभी भी किसी देश का गुलाम नहीं रहा उसको ब्रिटेन ने 1840 से अपना अर्ध उपनिवेश (गुलाम) बनाया था । 1911 में डॉ सन यात सेन के नेतृत्व में अन्तिम राजवंश छिंग वंश का तख्ता पलट कर चीन लोक गणराज्य की स्थापना हुई ।
2022 में चीन के प्रधानमंत्री कौन हैं?ली कचीयांग चीन के प्रधानमंत्री हैं।
चीन के संविधान में कौन सी शासन प्रणाली को अपनाया गया है?चीन लोक गणराज्य ऐसा जन लोकतांत्रीक अधिनायकत्व समाजवादी देश है, जिस का नेतृत्व मजदूर वर्ग करता है। समाजवादी व्यवस्था चीन लोक गणराज्य की मूल व्यवस्था है। संविधान राष्ट्र की मूल विधि माना जाता है।
चीन का वर्तमान चतुर्थ संविधान कब लागू हुआ?1978 के संविधान द्वारा राष्ट्रपति पद की पुनः स्थापना की गई। गया, चीन का वर्तमान संविधान 4 दिसम्बर 1982 को चीन की राष्ट्रीय जन कांग्रेस द्वारा अंगीकार किया जो साम्यवादी संविधानों की श्रृंखला में चौथा संविधान था ।
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