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तीन तरह से होता है डेंगू का बुखार
डेंगू के ज्यादातर मामलों में मच्छर के काटने से हल्का बुखार होता है लेकिन डेंगू बुखार (dengue fiver) तीन तरह का होता है। ये इस प्रकार से हैं :- - क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार – classical dengue fever : साधारण डेंगू बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है जिसके बाद मरीज ठीक हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इसी किस्म का डेंगू बुखार पाया जाता है। क्लासिकल डेंगू बुखार के लक्षण ये हैं- - नाक और मसूढ़ों से खून आना। इस बुखार में DHF के लक्षणों के साथ-साथ 'शॉक' की अवस्था के भी कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे कि - - तेज बुखार के बावजूद उसकी त्वचा का ठंडा होना। - मरीज का धीरे-धीरे बेहोश होना। - मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाना। इन तीनों में से डेंगू हॅमरेजिक बुखार अौर डेंगू शॉक सिंड्रोम का डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होते है। साधारण डेंगू बुखार अपने आप ठीक हो जाता है और इससे जान को खतरा नहीं होता लेकिन अगर किसी को DHF या DSS है और उसका फौरन इलाज शुरु किया जाना चाहिए। कब दिखती है बीमारी डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह तब होता है, जब वायरस वाला एडीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। यह रोग मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार अनुमानतः 500,000 लोगों को हर साल डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। दुनिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, जिनमें से भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण-पूर्व एशिया, मेक्सिको, अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में तो बड़ी आबादी इस बुखार से प्रभावित होती है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) निदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में इस साल 13 अक्टूबर 2019 तक डेंगू बुखार के 67,000 मामले सामने आ चुके थे। डेंगू के कारणडेंगू चार वायरसों के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं - डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है। एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। डेंगू के लक्षणआमतौर पर डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है और किशोरों एवं बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती। डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है, जिसके साथ इनमें से कम से कम दो लक्षण होते हैं:
तीन प्रकार के बुखार होते हैं, जिनसे व्यक्ति को खतरा होता है, जो इस प्रकार हैं – हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम।
डेंगू का उपचारडेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, क्योंकि डेंगू एक वायरस है। यथासमय देखभाल से मदद मिल सकती है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कितनी गंभीर है। डेंगू बुखार के कुछ बुनियादी उपचार निम्नलिखित हैं :
डेंगू से बचावशोधकर्ता अभी भी डेंगू बुखार के लिए एक विशिष्ट इलाज खोजने पर काम कर रहे हैं। डेंगू बुखार के उपचार में एसिटामिनोफेन टैबलेट के साथ दर्द निवारकों का प्रयोग शामिल है। इसके अतिरिक्त, आपका डॉक्टर आपको खूब तरल पदार्थ पीने और आराम करने की सलाह देगा। सबसे अच्छा तरीका रोकथाम है। नीचे कुछ क्रियाकलाप बताए जा रहे हैं, जिन्हें आप वायरस से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपना सकते हैं :
कौन सा डेंगू खतरनाक होता है?- डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस) – dengue shock syndrome (DSS)
- मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाना। इन तीनों में से डेंगू हॅमरेजिक बुखार अौर डेंगू शॉक सिंड्रोम का डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होते है।
डेंगू कितने प्रकार की होती है?तीन प्रकार के बुखार होते हैं, जिनसे व्यक्ति को खतरा होता है, जो इस प्रकार हैं – हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम। हल्का डेंगू बुखार - इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं।
डेंगू शरीर में कितने दिन तक रहता है?साधारण (क्लासिकल) डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5-7 दिन तक रहती है और रोगी ठीक हो जाता है। अधिकतर मामलों में रोगियों को साधारण डेंगू बुखार ही होता है । यदि साधारण (क्लासिकल ) डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ, निम्नलिखित लक्षणो में से एक भी लक्षण प्रकट होता है तो DHF होने का शक करना चाहिए।
क्या डेंगू में चावल खा सकते हैं?हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार डेंगू फीवर होने आपको अपने आहार में हल्का भोजन ही शामिल करना चाहिए। डेंगू होने पर आप दोपहर के समय अपने भोजन में चावल का सेवन कर सकते हैं। चावल में मौजूद पोषक तत्व डेंगू में होने वाली कमजोरी से छुटकारा दिलाते हैं।
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