Show Synopsisमां के गर्भ में बच्चा कैसे बनता है? मां के गर्भ में बच्चा कैसे होता है ? मां के पेट में बच्चा कैसे बनता है ? गर्भ में कैसे पलता है BABY,गर्भधारण की प्रक्रिया , जाने Pregnancy से जन्म तक का सफर अपनी कोख से नये जीवन को जन्म देना किसी भी महिला के जीवन का सबसे अनुपम पल होता है । इस अहसास के लिए अपने गर्भावस्था के दौरान वह कई सपने भी सजाती है। महिला के मन में यह जानने की काफी उमंग होती है कि गर्भ किस तरह से पल रहा है उसका विकास किस तरह से हो रहा है, वो क्या कर रहा है, परिवार के दूसरे लोग भी इस दौरान महिला की काफी देखभाल करते हैं आईए जानते है गर्भ में किस तरह बड़ा होता है शिशु…. कौनसा समय गर्भधारण के लिए बेहतर – ओव्यूलेशन का समय (अण्डे का फैलोपियन ट्यूब में आना) यानि इसके एक दो दिन पहले यौन संबंध बनाना लाभकारी होता है इस समय शुक्राणु और अंडे के मिलन यानि निषेचन होने की संभावनाएं सर्वाधिक होती हैं। ट्यूब में निषेचन होने के 5-6 दिन में भ्रूण गर्भाशय में आकर सतह पर चिपक जाता है जिसे प्रत्यारोपण कहा जाता है इस दौरान महिला को हल्की ब्लिडींग या स्पोटिंग हो सकती है जो सामान्य है। गर्भ गर्भाशय में ही अपने विकसित होने का पूरा सफर तय कर जन्म लेता है। कैसे जाने गर्भधारण हुआ है – सामान्यतया महिला को शुरूआत में तो पता ही नहीं होता कि वह गर्भधारण कर चुकी है, पीरियड के चौथे हफ्ते यानि अठाइस दिन के बाद भी माहवारी नहीं आती है तो प्रेगनेंसी का टेस्ट करना चाहिए । अगर टेस्ट पॉजीटिव आया तो गर्भधारण होने के कारण थोड़ी कमजोरी, थकान, अचानक मूड बदलना और उल्टी आने की समस्या हो सकती है। जैसे-जैसे भ्रूण का विकास होता है उसके आसपास पानी की थैली (एम्नियोटिक सेक) बनने लगती है जो उसके लिए तकिये का काम करती है। इसी दौरान एक प्लेजेन्टा (एक गोल डिस्क के समान ओर्गन) भी बनने लगता है, यह माँ और शिशु (भ्रूण) को जोड़ता है जिससे माँ के पोषक तत्व शिशु को मिलते हैं। दूसरे महीने में चेहरा और अधिक विकास करने लगता है, धीरे-धीरे भ्रूण के दोनों कान बनना शुरू हो जाते हैं, दोनों हाथ – पैर और उनकी अंगुलियाँ, आहार नलिका और हड्डियाँ बनना भी आरम्भ हो जाता है। छठे सप्ताह में शिशु की धड़कन सोनोग्राफी के माध्यम से देखी जा सकती है। दिमाग और स्पाइनल कोर्ड
बनाने वाली न्यूरल ट्यूब बन जाती है, शिशु में थोड़ी सी महसूस करने की क्षमता पैदा होने लगती है। इस महीने के अंत तक शिशु विकसित होकर 1.5 सेंटीमीटर का हो जाता है और उसका वजन एक ग्राम होता है। शिशु के विकास का पहला चरण तीन महीनों में पूरा हो जाता है इसलिए इसके बाद गर्भपात होने की संभावना कम ही रहती है। तीसरे महीने के अंत तक शिशु की लम्बाई 5.4 सेंटीमीटर होता है और वजन 4 ग्राम होता है। महिला का शिशु से भावनात्मक रूप से लगाव होना शुरु हो जाता है। पाँचवे महीने में सिर के बाल बनना शुरू हो जाते हैं। कंधा, कमर और कान बालों से ढके होते हैं यह बाल बहुत मुलायम और भूरे रंग के
होते हैं यह बाल जन्म के बाद पहले सप्ताह तक झड़ जाते हैं इसके अलावा शिशु पर एक वेक्स जैसी कोटिंग होती है जो जन्म के समय निकल जाती है। इस समय तक शिशु की मांसपेशिया विकसित हो जाती है इसलिए वह हलचल शुरू कर देता है जिसे माँ महसूस कर सकती है। महीने के अंत तक वजन 300 ग्राम और लम्बाई 16.5 सेंटीमीटर हो जाती है। सातवें महीने में शिशु में फेट बढ़ने लगता है, उसकी आवाज सुनने की क्षमता और अधिक बढ़ जाती है, लाईट के प्रति अपना रिएक्शन देता है और जल्दी-जल्दी अपना स्थान बदलता रहता है। इस समय तक शिशु इतना विकसित हो चुका होता है कि किसी कारण से प्री मेच्योर डिलीवरी हो जाये तो वह जीवित रह सकता है। आठवें महीने में शिशु की हलचल और अधिक बढ़ जाती है जिसे माँ बहुत अच्छे से महसूस कर सकती है। इस समय दिमाग का विकास तेजी से होता है और वह सुनने के साथ देख भी सकता है । फेंफड़ों के अलावा अन्य सभी शारीरिक अंगो का विकास पूरा हो चुका होता है। इस महीने में शिशु का वजन 1700 ग्राम होता है और लम्बाई 42 सेंटीमीटर होती है। अब महिला का नये जीवन को दुनिया में लाने के प्रति उत्साह चरम पर होता है और वह जन्म का इंतजार करने लगती है। CommentsArticles2020 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 20 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2019 2021 2018 2022 2022 Tools to help you plan betterGet quick understanding of your fertility cycle and accordingly make a schedule to track it 1 महीने का गर्भ में बच्चा कितना बड़ा होता है?पहले महीने के अंत तक बच्चे का आकार बहुत छोटा होता है। लगभग संतरे या सेब के बीज जितना मतलब 0.13 इंच जितना। इस निषेचित अंडे के आसपास एक वॉटर टाइट पॉकेट के रूप में एमनियोटिक सैक का निर्माण शुरू होता है। बाद में इसमें एमनियोटिक द्रव भरने लगता है।
15 दिन का बच्चा कितना होता है?आपके बच्चे का आकार अब एक संतरे के बराबर हो गया होगा। उसका वजन लगभग 70 ग्राम के आसपास है। यह नन्हा मेहमान अब आपके पेट में चैन से नहीं बैठेगा। वह कुदरती तौर पर हर पल उन चीजों को बार-बार दोहराएगा जो उसे आपके पेट से बाहर आकर करनी हैं ताकि उसका जीवन बना रहे।
पहले महीने में बच्चा कैसे बनता है?पहले महीने में शिशु का चेहरा आकार लेने लगता है, इस दौरान मुँह, आँखें, नीचे का जबड़ा और गला भी बनने लगता है साथ ही रक्त कोशिकाएं बनने शुरू हो जाती है और रक्त प्रवाह शुरू हो जाता है। पहले महीने के अंत तक भ्रूण का आकार चावल के दाने से भी छोटा होता है।
बच्चा कितने दिन में बन जाता है?'अनुमानित तारीख़'
बच्चा जनने वाली मां के लिए उनकी सलाह है कि अमूमन बच्चा 37 हफ़्ते (259 दिन) से लेकर 42 हफ़्ते (294 दिन) के बीच में होता है. इस समय तक बच्चा पूरी तरह परिपक्व हो जाता है.
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