समबाहु त्रिभुज समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle) ज्यामिति की एक आकृति है जिसकी कोई तीनो भुजाएं व तीनो कोण समान हों। Show
गुण[संपादित करें]
प्रमुख सूत्र[संपादित करें]माना कि समबाहु त्रिभुज की भुजा की लम्बाई a है, बौधायन प्रमेय का उपयोग करने पर हमे निम्न मान प्राप्त होते हैं: समबाहु त्रिभुज में लम्ब, कोण समद्विभाजक, भुज समद्विभाजक और माध्यिकाएं सभी सन्निपतित होते हैं। निस्र्पण (वर्णन)[संपादित करें]त्रिभुज ABC जिसकी भुजाएं क्रमश a, b, c, हैं अर्द्धपरिमाप s है, क्षेत्रफल T, अंतर्वृत्त और परिवृत्त की त्रिज्याएँ क्रमशः ra, rb, rc (क्रमशः a, b, c के स्पर्शिय) हैं, तथा जहाँ R व r क्रमशः परिवृत्त और अंतर्वृत्त की त्रिज्याएँ हैं समबाहु होगा यदि और केवल यदि निम्न आठ कथनों में से कम से कम एक सत्य है। ये सभी समबाहु त्रिभुज के गुणधर्म भी हैं। भुजा[संपादित करें]अर्द्धपरिमाप[संपादित करें]कोण[संपादित करें]क्षेत्रफल[संपादित करें]परिवृत्त, अंतर्वृत और परित्रिज्याएँ[संपादित करें]समान प्रतिच्छेदी[संपादित करें]त्रिभुज में तीन प्रकार की प्रतिच्छेदी रेखायें होती हैं जो समबाहु त्रिभुज में समान होती हैं।[8]
अंतर्वृत्त त्रिभुज का केन्द्र[संपादित करें]समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक त्रिभुज केन्द्र इसके केन्द्रक के साथ सन्निपतित होता हैं और कुछ त्रिभुज केन्द्रों के सन्निपतित होना इसकी उपपत्ति के लिए पर्याप्त है कि त्रिभुज समबाहु है। विशेष रूप से यदि परिवृत्त केन्द्र, अंतर्वृत्त केन्द्र, केन्द्रक, लम्ब केन्द्र आदि में से कोई दो सन्निपतित होते हैं तो वह त्रिभुज समबाहु त्रिभुज है।[9][1] माध्यिकाओं के विभाजन से निर्मित त्रिभुज[संपादित करें]किसी भी त्रिभुज के लिए, तीनों माध्यिकाओं के विभाजन से छः छोटे त्रिभुज बनते हैं।
ज्यामितिय रचना[संपादित करें]परकार और पटरी की सहयता से समबाहु त्रिभुज का निर्माण एक समबाहु त्रिभुज की रचना निर्मेय के साथ आसानी से की जा सकती है। इसके लिए एक सीधी रखा खींचो और परकार का एक छोर रेखा के अन्त में रखो, अब प्रकार के दूसरे छोर को रेखा के दूसरे बिन्दु अन्त तक बढ़ाओ और एक चाप के रूप में परकार को घुमाओ। समान प्रक्रिया दूसरे बिन्दु पर भी दोहराओ। अन्ततः इस रेखा के दोनों अन्त बिन्दुओं को चापों के काट बिन्दु से सीधे जोडो। वैकल्पिक विधि: एक वृत्त का निर्माण करो जिसकी त्रिज्या r है, इस वृत्त के किसी भी बिन्दु पर परकार की सुई रखो और समान त्रिज्या का दूसरा वृत्त बनाओ। दोनो वृत्त दो बिन्दुओं पर एक दूसरे को काटते हैं। इन दोनों बिन्दुओं में से किसी एक को दोनो वृत्तों के केन्द्रों से मिलाने तथा दोनों वृत्तों के केन्द्रों को आपस में मिलाने पर समबाहु त्रिभुज प्राप्त होता है। इसकी उपपत्ति की यह त्रिभुज समबाहु होगा यूक्लिडिय अवयव की पुस्तक के प्रथम भाग में मिल सकता है। समाज और संस्कृति में[संपादित करें]मानव निर्मित कार्यों में कई स्थानों पर समबाहु त्रिभुज के समान रचना की जाती है:
ये भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
एक समबाहु त्रिभुज के अन्तः वृत्त का क्षेत्रफल 462 वर्ग सेमी है इस त्रिभुज का परिमाप क्या होगा?समबाहु त्रिभुज समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle) ज्यामिति की एक आकृति है जिसकी कोई तीनो भुजाएं व तीनो कोण समान हों।
किसी समबाहु त्रिभुज के परिवृत्त और अंत वृत्त त्रिज्या में क्या अनुपात होगा?एक समबाहु त्रिभुज में, परिवृत्त की त्रिज्या और अंतःवृत्त की त्रिज्या का अनुपात 2: 1 होता है। एक समबाहु त्रिभुज में, ऊंचाई, लंब द्विभाजक, कोण द्विभाजक और माध्यिकाएं समान होते हैं।
समबाहु त्रिभुज के अंतः वृत्त की त्रिज्या कैसे निकाले?सबसे पहले अंतः वृत्त की त्रिज्या निकालने होगी. सृजन करने के लिए सूत्र है. a/2√3 इस सूत्र में a समबाहु त्रिभुज की भुजा है. तो इस प्रकार हम अंतव्रत की त्रिज्या निकालेंगे. 24/2√3 = 4√३. अब इस तरीके से हम व्रत की त्रिज्या पता करने के बाद वृत्त का क्षेत्रफल निकाल लेंगे. वृत्त का क्षेत्रफल = π×त्रिज्या ×त्रिज्या. π×4√3×4√3 =48π. यदि समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल 64 √ 3 सेमी 2 है तो उस वृत्त की परिधि क्या है जो त्रिभुज में अन्तर्निहित है?वृत्त का क्षेत्रफल त्रिज्या के वर्ग का पाई गुना होता है (A = π r²) | इस सूत्र का प्रयोग करते हुए उस वृत्त का क्षेत्रफल पता करें जिसकी व्यास दी गई हो |.
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