फूल को भानुमती का पिटारा क्यों कहा जाता है - phool ko bhaanumatee ka pitaara kyon kaha jaata hai

खून को 'भानुमती का पिटारा' क्यों कहा जाता है?

क्योंकि रक्त दिखने में तो द्रव की भांति होता है परन्तु इसके विपरीत उसके अंदर एक अलग दुनिया का ही प्रतिबिम्ब होता है। रक्त दो भागों में विभाजित होता है - एक भाग तरल रूप में होता है जिसे हम प्लाज़्मा के नाम से जानते हैं, दूसरे भाग में हर प्रकार व आकार के कण होते हैं। कुछ सफ़ेद होते हैं तो कुछ लाल, और कुछ रंगहीन होते हैं। ये सब कण प्लाज़्मा में तैरते रहते हैं। रक्त का लाल रंग लाल कणों के कारण होता है क्योंकि रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या करीब चालीस से पचपन लाख होती है। इनकी इसी अधिकता के कारण रक्त लाल प्रतीत होता है। इनका कार्य ऑक्सीजन को शरीर के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाना होता है। लाल कण के बाद सफ़ेद कणों का कार्य रोगाणुओं से हमारी रक्षा करना होता है और जो रंगहीन कण होते हैं जिन्हें हम बिंबाणु कहते हैं। इनका कार्य घाव को भरने में मदद करना होता है। इस प्रकार रक्त की एक बूँद अपने में ही जादुई दुनिया को समेटे हुए है जिसके लिए 'भानुमती का पिटारा' कहना सर्वथा उचित है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 7)

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भानुमती का पिटारा क्यों कहा जाता है?

खून को 'भानुमती का पिटारा' क्यों कहा जाता है? Solution : जिस तरह भानुमति के पिटारे में कई तरह की वस्तुएँ मौजूद होती हैं उसी तरह अगर हम खून की एक बून्द को <br> भी सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखें तो उसमें लाखों की संख्या में लाल रक्त कण मौजूद मिलेंगे।

2 खून को भानुमती का पिटारा क्यों कहा जाता है 3 एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या क्या खाना चाहिए?

इन्हीं विविधताओं के कारण खून को भानुमती का पिटारा कहा जाता है। एनीमिया से बचने के लिए हमें पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिएहमें अपने भोजन में उचित मात्रा में हरी सब्जियाँ, फल, दूध, अंडें व गोश्त खाना चाहिए ताकि हमारे शरीर को प्रोटीन, लौह-तत्व और विटामिन मिलते रहे जिससे हमारे शरीर में रक्त की कमी न हो।

शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त संचार रुक जाने से क्या क्या परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है?

ब्लड सर्कुलेशन के प्रभावित होने के कारण बालों के झड़ने, नाखूनों के कमजोर होने, हथेलियों और पैरों के ठंडे या सुन्न पड़ने और डायबिटीज की स्थिति में घावों के जल्दी न भरने जैसी कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। यही कारण है कि शरीर में रक्त के संचार को बेहतर बनाए रखने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।