शरीर में अनेक कार्यों के लिए हमें फास्फोरस की जरूरत होती है। कैल्शिमय के बाद फास्फोरस दूसरा ऐसा खनिज है, जो हमारे शरीर में अधिक पाया जाता है। इसकी मदद से शरीर में अपशिष्ट पदार्थों को छानना और कोशिकाओं का पुन: निर्माण किया जा जाता है। अन्य खनिज-तत्वों की तरह ही शरीर को फास्फोरस की आवश्यता होती है। हड्डियों से लेकर मांसपेशियों की कोशिकाओं के निर्माण में इसकी अहम भूमिका होती है। दैनिक आहार की तरह की शरीर को फास्फोरस की आवश्यकता होती है। कई तरह के खाद्य पदार्थों में फास्फोरस प्राकृतिक रूप से होता है। किडनी संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए डॉक्टर्स फास्फोरसयुक्त आहार का सेवन करने की सलाह देते हैं। शरीर में फास्फोरस की कमी होने पर मधुमेह, किडनी और मेटाबॉलिज्म का स्तर कम हो जाता है। Show
फास्फोरस के कार्य (Phosphorus function)
फास्फोरस की कमी के लक्षण (phosphorus deficiency symptoms)
उम्र के हिसाह से शरीर को कितनी मात्रा में चाहिए फास्फोरस (How Much Phosphorus do you need)
फास्फोरस का प्रमुख स्त्रोत (Main source of phosphorus)चिकन, बीज और समुद्री आहार में फास्फोरस भरपूर रूप से होता है। प्रोटीन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने के साथ-साथ फास्फोरसयुक्त आहार का सेवन करना हमारे लिए बहुत ही जरूरी है। अधिकतर कैल्शियम और प्रोटीनयुक्त आहार में फास्फोरस की उपस्थिति होने की संभावना रहती है। इसके अलावा इन चीजों में फास्फोरस की मात्रा उच्च रूप से होती है।
Phosphorus in Hindi: फास्फोरस एक खनिज है जो कई यौगिकों के सामान्य चयापचय के लिए महत्वपूर्ण है। यह सभी ऊतक, कोशिकाओं के नाभिक और साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) की संरचना का एक प्रमुख तत्व है। शरीर में पाए जाने वाले फॉस्फोरस का 85 प्रतिशत भाग हड्डियों और दांतों में पाया जाता है। मानव शरीर को स्वस्थ रहने के लिए शरीर में फास्फोरस का उचित स्तर होना आवश्यक होता है। शरीर में फास्फोरस के स्तर में गड़बड़ी अनेक प्रकार की चिकित्सकीय जटिलताओं को उत्पन्न कर सकती है, जैसे हृदय रोग, जोड़ों का दर्द या थकान, इत्यादि। अतः व्यक्तियों को प्रतिदिन एक निश्चित मात्रा में फॉस्फोरस के सेवन की आवश्यकता होती है। आज का यह लेख फास्फोरस से सम्बंधित है, इस लेख में आप फास्फोरस के कार्यों, लाभ, नुकसान, फास्फोरस की कमी के कारण और कमी से होने वाले रोगों के बारे में जानेगें। विषय सूची
फास्फोरस, कैल्शियम के बाद शरीर में दूसरा सबसे अधिक मात्रा में पाए जाने वाला खनिज है। मानव शरीर को अनेक प्रकार के कार्यों के लिए फास्फोरस की आवश्यकता होती है, जिनमें, अपशिष्ट को छानना और ऊतकों तथा कोशिकाओं की मरम्मत करना आदि शामिल हैं। यह रोजमर्रा की जिन्दगी में शरीर में पाए जाने वाले सबसे आम पदार्थों में से एक है। यह गुर्दे, हड्डियों, मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं के साथ-साथ शरीर की प्रत्येक कोशिका के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्तन दूध, गाय का दूध और शिशु फार्मूले में शिशुओं की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त फॉस्फेट होता है। अधिकांश लोगों को दैनिक आहार के माध्यम से फास्फोरस की आवश्यक मात्रा प्राप्त होती है। यह अनेक खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप में उपस्थित होता है, लेकिन खाद्य प्रसंस्करण (food processing) के माध्यम से अधिक फास्फोरस को भी जोड़ा जा सकता है। गुर्दे (किडनी) की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति, यदि पर्याप्त कैल्शियम का सेवन नहीं करता है, तो फास्फोरस का अधिक सेवन करने से हाइपरफॉस्फेटिमिया (hyperphosphatemia) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही शराब या कुछ एंटासिड दवाओं का सेवन और कुछ स्वास्थ्य स्थितियां जैसे- मधुमेह, शरीर में फॉस्फोरस के बहुत कम स्तर से सम्बंधित समस्याओं को जन्म दे सकती हैं। (और पढ़े – कैल्शियम की कमी के लक्षण और इलाज…) फास्फोरस के कार्य – Phosphorus function in Hindiफास्फोरस एक खनिज है, जो मानव शरीर में निम्न प्रकार के कार्यों में अपना योगदान देता है, जैसे:
(और पढ़े – हड्डी मजबूत करने के लिए क्या खाएं…) फास्फोरस की कितनी मात्रा आवश्यक है – How Much Phosphorus do you need in Hindiमानव शरीर में फास्फोरस की आवश्यक मात्रा उम्र और अंतर्निहित चिकित्सकीय स्थिति के अनुसार बदलती रहती हैं। एक स्वस्थ व्यक्तिय को उसकी उम्र के अनुसार आमतौर पर प्रति दिन फॉस्फोरस की निम्नलिखित आवश्यक मात्रा के सेवन की सिफारिश की जाती है:
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अतिरिक्त फास्फोरस के सेवन की आवश्यकता नहीं होती है। (और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान खाये जाने वाले आहार और उनके फायदे…) फास्फोरस युक्त आहार – Phosphorus foods in Hindiफास्फोरस में उच्च खाद्य पदार्थों के तहत समुद्री भोजन, चिकन और बीज इत्यादि को शामिल किया जाता है। अधिकांश लोग प्रोटीन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन कर, अपने आहार के माध्यम से ही पर्याप्त फास्फोरस को प्राप्त कर सकते हैं। अर्थात जब आहार में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन उपस्थित होता है, तो इस स्थिति में उन खाद्य पदार्थों में पर्याप्त फास्फोरस होने की संभावना होती है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ, जिनमें फास्फोरस उत्कृष्ट मात्रा में पाया जाता है, निम्न हैं:
इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं जो प्रोटीन में कम, लेकिन फास्फोरस के अच्छे स्रोत होते हैं। हालाँकि ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से मानव शरीर, फास्फोरस को आसानी से अवशोषित नहीं कर पाता है। अतः गैर-प्रोटीन युक्त फास्फोरस समृद्ध खाद्य स्रोतों में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
(और पढ़े – उबले अंडे खाने के फायदे और नुकसान…) फास्फोरस के फायदे – Phosphorus benefits in Hindi
फास्फोरस शरीर को अनेक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, क्योंकि यह शरीर की अनेक क्रियाओं में भाग लेता है और उन्हें प्रभावित करता है। फास्फोरस के कुछ विशिष्ट लाभों में निम्न को शामिल किया जा सकता है: फास्फोरस के लाभ मजबूत हड्डियों और दांत के लिए – Phosphorus Benefits for Strong Bones and Teeth in Hindiफॉस्फोरस कैल्शियम के साथ मिलकर स्वस्थ हड्डी और दांतों के निर्माण में भाग लेता है। यह खनिज शरीर में कैल्शियम फॉस्फेट लवण में परिवर्तित होकर हड्डियों को कठोर और मजबूत रखने में मदद करता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) को जोखिम को कम करने के लिए फायदेमंद है क्योंकि मानव शरीर में लगभग 85 प्रतिशत फास्फोरस हड्डी में पाया जाता है तथा उन्हें मजबूती प्रदान करता है। इसके साथ ही यह दांतों की सड़न और मसूड़ों की समस्याओं को रोकने में मदद करता है। (और पढ़े – दांतों को मजबूत करने के उपाय…) फास्फोरस का लाभ स्वस्थ्य पाचन में – Health Benefits of Phosphorus in Digestion in Hindiफास्फोरस उचित पाचन प्रक्रिया को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह राइबोफ्लेविन और नियासिन को उत्तेजित कर पाचन को प्रभावी बनाता है। राइबोफ्लेविन और नियासिन यौगिक, ऊर्जा चयापचय में मदद करते हैं तथा भावनात्मक और न्यूरोलॉजिकल प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने में सहायता करते हैं। फास्फोरस अपच, दस्त, कब्ज जैसी स्थितियों में सुधार कर पाचन तंत्र को साफ रखने में मदद करता है। अतः फास्फोरस को पाचन तंत्र के स्वास्थ्य वर्धक के रूप में जाना जाता है। (और पढ़े – पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय…) फास्फोरस मूत्रत्याग और उत्सर्जन के लिए उपयोगी – Phosphorus uses for Urination And Excretion in Hindiफास्फोरस मुख्य रूप से गुर्दे (किडनी) को स्वस्थ रखने और कार्य क्षमता बढाने में मदद करता है। फास्फोरस, गुर्दे (किडनी) के अपशिष्ट पदार्थ को पेशाब और अन्य उत्सर्जन क्रियाओं के माध्यम से उचित निवारण का कार्य करता है। इसी के साथ फास्फोरस उत्सर्जन द्वारा शरीर से बाहर निकाले गए सभी तरल पदार्थों और खनिजों का एक स्वस्थ संतुलन बनाये रखने में भी मदद करता है। यह पेशाब की मात्रा और आवृत्ति को बढ़ाकर शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को संतुलित करने और विषाक्त पदार्थों को मुक्त रखने में मदद करता है। (और पढ़े – किडनी को साफ करने के उपाय…) फास्फोरस के फायदे मस्तिष्क कार्यों में – Benefits of phosphorus in brain functions in Hindiफास्फोरस मस्तिष्क को उचित तरीके से कार्य करने के लिए अत्यधिक आवश्यकता होता है। इस खनिज की उचित मात्रा का सेवन एकाग्रता, स्मृति और मानसिक कामकाज में सुधार कर सकता है। फास्फोरस के पर्याप्त स्तर ज्ञान-संबंधी वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करता है। फॉस्फोरस की कमी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों जैसे- डिमेंशिया और अल्जाइमर रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। (और पढ़े – दिमाग तेज करने के लिए क्या खाये और घरेलू उपाय…) फास्फोरस फायदेमंद है विटामिन अवशोषित करने के लिए – Phosphorus beneficial for Absorbs Vitamins in Hindiफास्फोरस की उचित मात्रा मानव शरीर में विटामिन, विशेष रूप से विटामिन बी को अवशोषित करने में मदद करती है। चूँकि शरीर को उचित तरीके से कार्य के लिए विटामिन की आवश्यकता होती है। अतः फास्फोरस शरीर की विभिन्न कोशिकाओं की मरम्मत और रखरखाव में मदद करने के लिए विटामिन को उपयोगी और सक्रिय बनता है। (और पढ़े – विटामिन और उनकी कमी से होने वाले रोग…) फास्फोरस के फायदे कमजोरी दूर करने में – Phosphorus Benefits for Reduces Weakness in Hindiफास्फोरस मांसपेशियों की कमजोरी, सुन्नता, थकान और अन्य समस्याओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भुमिका अदा करता है। फॉस्फोरस का सामान्य स्तर शरीर को फिट और सक्रिय बनाये रखता है। इसी के साथ शरीर में फास्फोरस का एक स्वस्थ स्तर यौन कमजोरी को भी दूर कर सकता है, इसलिए माना जाता है कि मानव शरीर में फास्फोरस की पर्याप्त आपूर्ति कामेच्छा, नपुंसकता और शुक्राणु की गतिशीलता में सुधर करता है। (और पढ़े – कमजोरी और थकान के कारण, लक्षण और इलाज…) फास्फोरस प्रोटीन के उत्पादन में लाभदायक – Phosphorus Benefits for Production Of Protein in Hindiफास्फोरस मानव शरीर में प्रोटीन बनाने में भी मदद करता है। अर्थात फास्फोरस प्रोटीन के चयापचय को बढ़ावा देता है, तथा शरीर को कार्बोहाइड्रेट और वसा का उपयोग करने में भी मदद करता है। (और पढ़े – प्रोटीन क्या है, कार्य, कमी के कारण, लक्षण, जाँच, इलाज और आहार…) फास्फोरस के नुकसान – Phosphorus side effects in Hindi
(और पढ़े – खुजली दूर करने के लिए 10 घरेलू उपाय…) फास्फोरस की कमी – Phosphorus deficiency in Hindiफास्फोरस की कमी, शरीर में अपर्याप्त फास्फोरस की स्थिति को संदर्भित करती है। चूँकि पोषण संबंधी फास्फोरस की कमी बहुत ही दुर्लभ है, क्योंकि आहार में फॉस्फेट भरपूर मात्रा में उपस्थित होता है। हालांकि, अनेक प्रकार के दोष और विरासत में मिले विकार, फॉस्फेट को मूत्र में बर्बाद कर फास्फोरस की कमी में अपना योगदान दे सकते हैं। चूँकि फास्फोरस एक खनिज है, और अनेक यौगिकों के सामान्य चयापचय का कार्य करता है, अतः फास्फोरस की कमी अनेक प्रकार के लक्षणों और रोगों के उत्पन्न होने का कारण बन सकती है। कुछ दवाएं शरीर के फास्फोरस स्तर में कमी कर सकती हैं, जिनमें इंसुलिन, कोर्टिकोस्टेरोइड, कुछ एंटासिड और कुछ मूत्रवर्धक इत्यादि दवाएं शामिल हैं। खराब आहार या भोजन सम्बन्धी विकार शरीर में फॉस्फेट के स्तर में कमी का कारण बनता है। फास्फोरस की कमी का निदान डॉक्टर द्वारा रक्त या मूत्र परीक्षणों के माध्यम से किया जा सकता है। स्वस्थ वयस्कों के रक्त में फास्फोरस की सामान्य सीमा 2.5 से 4.5 मिलीग्राम / डेसीलीटर (mg/dL) के बीच होती है। (और पढ़े – स्वस्थ आहार के प्रकार और फायदे…) फास्फोरस की कमी के लक्षण – phosphorus deficiency symptoms in Hindiफास्फोरस की कमी से सम्बंधित लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
(और पढ़े – डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के घरेलू उपचार…) फास्फोरस की कमी से रोग – Phosphorus deficiency disease in Hindiफास्फोरस की कमी अनेक शारीरिक क्रियाओं को प्रभावित कर सकती है, जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति अनेक रोगों से ग्रस्त हो सकता है। फास्फोरस की कमी के कारण होने वाले रोगों में निम्न को शामिल किया जा सकता है
(और पढ़े – ऑस्टियोपोरोसिस के घरेलू उपचार और नुस्खे…) इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं। आपको ये भी जानना चाहिये –
फास्फोरस कौन से फल में पाया जाता है?फास्फोरस प्राकृतिक रूप से अंडे, पनीर, दही, डार्क चॉकलेट और दूध जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जा सकता है। फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों के अलावा, आहार कैल्शियम और प्रोटीन से भी भरपूर होना चाहिए, क्योंकि वे फास्फोरस को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करते हैं।
फास्फोरस की कमी में क्या खाना चाहिए?200 ग्राम दाल में 866 मिलीग्राम फॉस्फोरस पाया जाता है. 200 ग्राम बीन्स में 846 मिलीग्राम फॉस्फोरस पाया जाता है. 200 ग्राम ओट्स में 816 मिलीग्राम फॉस्फोरस पाया जाता है. 200 ग्राम राजमा में 793 मिलीग्राम फॉस्फोरस पाया जाता है.
फास्फोरस का सबसे अच्छा स्रोत क्या है?वहीं, ओट्स, तिल, अलसी के बीज और राजमा में सबसे अधिक फास्फोरस पाया जाता है।
फास्फोरस की कमी कैसे दूर करें?👉🏻 चारा फसलों और अनाजों के छिलकों में फास्फोरस अधिक मात्रा में पाया जाता है या फिर पशुआहार मिश्रण में मिनरल मिक्सचर मिलाने से भी कमी की पूर्ति की जा सकती है। 👉🏻 गाय भैंस को 50 ग्राम खनिज लवण प्रतिदिन दें। 👉🏻 पशुओं के लिए पशुआहार बनाते समय उसमें 30 से 40 प्रतिशत चोकर जरूर मिलाएं।
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