फैटी लिवर ग्रेड 2 क्या होता है - phaitee livar gred 2 kya hota hai

फैटी लिवर ग्रेड 2 क्या होता है - phaitee livar gred 2 kya hota hai

फैटी लिवर ग्रेड 2 क्या होता है - phaitee livar gred 2 kya hota hai

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अनहेल्दी डाइट हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है। सबसे ज्यादा तली-भूनी चीजें या फास्ट फूड को खाने के नुकसान हैं जिससे पेट सहित लीवर और कई अंगों को नुकसान पहुंचता है। जैसे कि ये मेटाबोलिज्म को स्लो कर देते हैं, जिससे कब्ज की परेशानी रहती है, मोटापा बढ़ता है और डायबिटीज, हार्ट अटैक और लीवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं। बात अगर सिर्फ लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों की करें, तो फैटी लीवर डिजीज (fatty liver disease) एक ऐसी ही बीमारी है। पर जब फैटी लीवर डिजीज बढ़ जाती है, तो इसे  टाइट 2 फैटी लीवर (type 2 fatty liver) डिजीज कहते हैं। आज हम इसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे और जानेंगे कि क्या है ये बीमारी और इसका कारण क्या है। 

फैटी लिवर ग्रेड 2 क्या होता है - phaitee livar gred 2 kya hota hai

क्या है टाइप 2 फैटी लीवर - What is type 2 fatty liver?

दरअसल, जब किसी व्यक्ति का कार्बोहाइड्रेट का सेवन एक निश्चित सीमा से अधिक बढ़ जाता है, तो लीवर अतिरिक्त वजन से ग्रस्त हो जाता है, जिससे वह फैटी लीवर हो जाता है। अगर कोई लीवर के वजन का 5% फैट जमा कर लेता है तो, स्थिति को फैटी लीवर ग्रेड I के रूप में जाना जाता है। जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती है, यह ग्रेड 2 तक पहुंच जाती है। स्थिकि बिगड़ने पर ये फाइब्रोसिस का कारण बनता है। अगर आप फाइब्रोसिस सूजन का इलाज नहीं करते हैं, तो ये  लीवर स्कारिंग को सिरोसिस पैदा कर देगा। जैसे-जैसे आपके लीवर में निशान ऊतक बनते हैं, यह खून के प्रवाह को रोकता है, जो स्वस्थ शरीर के भागों को भी अपना काम करने से रोकता है और उन्हें अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो कि आगे जा कर जानलेवा भी हो सकती है।

टाइप 2 फैटी लीवर का कारण -Causes of type 2 fatty liver

1. अचानक वजन का बढ़ना

वजन बढ़ना या फिर अपने मोटापे से परेशान होकर अक्सर लोग अपने वजन को कम करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं जोकि काफी गलत है। भले ही आप लगातार कुछ न कुछ उपाय कर अपना वजन कम कर सकते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इससे फैटी लीवर की समस्या भी पैदा हो सकती है। तेजी से वजन कम करने के कारण यह है कि लिवर पाचन प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका निभाता है। जरूरी आहार नहीं मिल पाते जिसकी वजह से लिवर की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित होती है और लीवर में फैट जमा होने लगता है। 

फैटी लिवर ग्रेड 2 क्या होता है - phaitee livar gred 2 kya hota hai

2. एक्ट्रा कैलोरी

कुछ लोगों को अपनी डाइट को भारी बनाने का शौक होता है या फिर यूं कह लीजिए कि उन्हें खाने से बहुत ही लगाव होता है। जिसकी वजह से उनके शरीर में जाने-अनजाने में काफी कैलोरी पहुंच जाती है। वहीं, वो इन कैलोरी को कम करने के लिए कुछ खास नहीं करते जिसकी वजह से लीवर में फैट जमने लगता है और एक समय में आकर ये फैटी लिवर की समस्या को जन्म देती है।

3. शराब का सेवन

जैसी कि आप सभी जानते हैं शराब का सेवन करना हमारी सेहत के लिए कितना नुकसानदायक होता है। फैटी लीवर के मामले में भी शराब काफी बुरा प्रभाव डालती है। शराब का ज्यादा सेवन करने से भी फैटी लिवर की समस्या हो जाती है। समय रहते अगर इससे दूरी नहीं बनाई तो ये एक समय पर आपके लीवर को पूरी तरह से खराब कर सकता है।

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विशेष बीमारियां

मोटापा, डायबिटीज और हाई-ट्राइग्लिसराइड्स (खून में पाया जाने वाला एक प्रकार का फैट) जैसी समस्याएं लिवर संबधी बीमारियों को बढ़ाने का कारण बनती हैं। नजीतन इन स्थितियों में फैटी लिवर होने की संभावना अत्यधिक प्रबल हो जाती है।

कैसे पता लगाएं लीवर में फैट जम गया है? 

अगर आप अपने लीवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको इसके सही लक्षणों का भी पता होना चाहिए, जिससे की आप समय पर इसका पता लगा सकें। इसके मुख्य लक्षण: 

  • बहुत ज्यादा थकावट महसूस होना। 
  • लगातार वजन घटना। 
  • पेट संबंधित परेशानियां पैदा होना। 
  • कमजोरी महसूस होना। 
  • आलस आना। 

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घरेलू उपचार 

हल्दी 

आप सभी जानते हैं कि हल्दी हमारे स्वाास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद है। ऐसे ही हल्दी में पाए जाने वाले यही गुण लीवर संबंधित बीमारियों की रोकथाम करने में मदद करते हैं। हल्दी में पाए जाने वाले ऑक्सीडेटिव गुण लिपिड को संतुलित करने और इंसुलिन की प्रक्रिया में सुधार करने में भी लाभदायक साबित होता है। 

सेब का सिरका

सेब के सिरके में मौजूद एसिटिक एसिड लीवर को स्वस्थ रखने का काम करता है। ये पाचन क्रिया को तेज कर शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को गलाने का काम करता है। इसके साथ ही इसमें पाए जाने वाले एंटीटॉक्सिन गुण लिवर में मौजूद विषैले पदार्थों को दूर करने में मददगार होते हैं। 

नींबू

नींबू में सिट्रिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो एक कारगर एंटीऑक्सीडेंट है। शोधकर्ताओं के मुताबिक नींबू में पाया जाने वाला यह गुण फैटी लिवर के दौरान होने वाली ऑक्सीडेशन प्रक्रिया को रोकने का काम करता है।

कई मामलों में, जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से फैटी लीवर को ठीक करना संभव है। ये परिवर्तन लीवर की क्षति को रोकने में मदद कर सकते हैं। तो लीवर को स्वस्थ रखने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें हेल्दी खाना खाएं। 

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फैटी लिवर ग्रेड 2 कितने दिन में ठीक होता है?

फैटी लिवर के दो प्रकार शराब न पीने पर करीब छह सप्ताह के भीतर लिवर से फैट की परत हटने लगती है।

क्या ग्रेड 2 फैटी लीवर खतरनाक है?

क्या फैटी लिवर हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है? अच्छी बात यह है कि अधिकतम लोगों में जिन्हें फैटी लीवर है उन्हें कभी भी कोई शारीरिक हानि नहीं होती। परंतु 15 से 20 % लोगों में यह चर्बी लिवर की कोशिकाओं (Cells) में सूजन या इन्फ्लेमेशन कर सकती है। इस अवस्था को हम नॉन एल्कोहलिक स्टीटोहेपिटाइटिस (NASH) कहते हैं।

फैटी लिवर ग्रेड 2 में क्या खाना चाहिए?

फैटी लिवर डिसीज में डॉक्टर लोगों को मछली या सी फूड, फल, साबुत अनाज, बादाम, ओलिव ऑयल, हरी सब्जियां, एवोकाडो और फलीदार सब्जियां खाने की सलाह देते हैं. आपकी कोशिकाएं ग्लूकोज से एनर्जी बनाने का काम करती हैं. फैटी लिवर डिसीज में अक्सर लोगों को इंसुलिन रेसिस्टेंस की दिक्कत हो जाती है.

फैटी लीवर को जल्द से जल्द कैसे ठीक करें?

साबुत अनाज फैटी लीवर के नुकसान को रोकता है। आंवला में भरपूर मात्रा में एन्टीऑक्सिडेंट और विटामिन सी मौजूद होता है जो लीवर फंक्शन को दुरुस्त रखने का काम करता है। आंवले के सेवन से लिवर में मौजूद हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते है। इस वजह से लिवर के मरीजों को आंवला खाने की सलाह दी जाती है।