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Question निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास का भेद भी लिखिए - गलत-सलत आत्म-विनाश महामानव पददलित हिंदू-मुसलिम यथोचित सप्तर्षि सुलोचना (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});Open in App Solution (1) गलत-सलत - गलत और सलत (द्वंद्व समास)(2) महामानव - महान है जो मानव (कर्म धारय समास)(3) हिंदू-मुसलिम- हिंदू और मुसलिम (द्वंद्व समास)(4) सप्तर्षि- सात ऋषियों का समूह (द्विगु समास)(5) आत्म-विनाश - आत्मा का विनाश (तत्पुरुष समास) (6) पददलित - पद से दलित (तत्पुरुष समास)(7) यथोचित- जो उचित हो (अव्ययीभाव समास) (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); (8) सुलोचना- सुंदर लोचन है जिसके (कर्मधारय समास)Solve Textbooks Question Papers नए शब्द बनाने के लिए जिन प्रक्रियाओं का प्रयोग किया जाता है उनमें समास प्रमुख है। You can also download
Class 10 Science to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. हवन के लिए सामग्री = हवन सामग्री समस्त पद – सामासिक प्रक्रिया में बने नए शब्द को समस्त पद कहते हैं; जैसे – पूर्व पद – समस्त पद के पहले पद को पूर्व पद कहते हैं; जैसे – राजा का कुमार = राजकुमार उत्तर पद-समस्त पद के अंतिम पद को उत्तर पद कहते हैं; जैसे – स्थिति के अनुसार = यथास्थिति इन समस्त पदों में स्थिति, दिन और गगन उत्तर पद हैं। समास की विशेषताएँ – समास के भेद-समास के निम्नलिखित छह भेद होते हैं – (क) अव्ययीभाव समास – जिस समास में पूर्व पद प्रधान एवं अव्यय होता है तथा समस्त पद भी प्रधान होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इसका उत्तर पद संज्ञा या विशेषण होता है। समास किये जाने के पहले दोनों पदों का भाव अलग-अलग होता है। (ख) तत्पुरुष समास – जिस सामासिक शब्द का दूसरा पद प्रधान होता है तथा दोनों पदों के बीच लगी विभक्ति या विभक्ति चिह्नों का लोप हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। विभक्तियों के आधार पर तत्पुरुष समास के छह उपभेद हैं – (ii) करण तत्पुरुष – इसमें ‘करण कारण’ की विभक्ति (विभक्ति चिह्नों) ‘से’, ‘के द्वारा’ का लोप हो जाता है। (iii) संप्रदान तत्पुरुष – इसमें ‘संप्रदान कारक’ की विभक्ति ‘को’, ‘के लिए’ का लोप हो जाता है। (iv) अपादान तत्पुरुष – इसमें ‘अपादान कारक’ के विभक्ति चिह्न ‘से अलग’ का लोप होता है। (v) संबंध तत्पुरुष – इसमें ‘संबंध कारक’ के विभक्ति चिह्न ‘का’, ‘के’, ‘की’ का लोप होता है। (vi) अधिकरण तत्पुरुष-इसमें ‘अधिकरण कारक’ के विभक्ति चिह्न ‘में’, ‘पर’ का लोप होता है। (ग) कर्मधारय समास-जिस समास का पहला पद विशेषण या उपमेय और दूसरा पद विशेष्य या उपमेय होता है, उसे कर्मधारय समास कहते हैं। (घ) द्विगु समास-जिस समास में प्रथम
पद संख्यावाचक हो, वह द्विगु समास कहलाता है। (ङ) वंद्व समास-जिस समास में प्रथम और दूसरा, दोनों पद
प्रधान हों और समास करने पर ‘या’, ‘और’, ‘तथा’, ‘अथवा’ जैसे योजकों का लोप होता है। (च) बहुव्रीहि समास-जिस समास में प्रथम एवं दूसरा पद गौण होते हैं तथा किसी तीसरे पद की तरफ़ संकेत करते हैं, बहुव्रीहि समास कहलाता है। उदाहरण – नोट : समास का विग्रह बदलने पर उसका नाम भी बदल जाता है। उदाहरण – प्रश्न 1. निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रह कीजिए और समास का नाम भी लिखिए –
उत्तरः प्रश्न 2.
उत्तरः NCERT Solutions for Class 10 Hindiग्राम में कौन सा समास है?ग्रामवास में कौन सा समास है ? ग्रामवास का समास-विग्रह क्या है?. पंचायती कौन सा समास है?ग्रामपंचायत में कौन सा समास है (graamapanchaayat mein kaun sa samaas hai):- तत्पुरुष समास- तत्पुरुष समास का उत्तरपद अथवा अंतिम पद प्रधान होता है।
पंच गांव में कौन सा समास है?Expert-Verified Answer. ➲ पंचगंगा में अव्ययीभाव समास है।
समास में कौन सा पद प्रधान होता है?पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण —
अव्ययीभाव समास में — पूर्वपद प्रधान होता है। तत्पुरूष, कर्मधारय व द्विगु समास में — उत्तरपद प्रधान होता है। द्वंद्व समास में — दोनों पद प्रधान होते हैं।
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