गति विषयक द्वितीय नियम क्या है? - gati vishayak dviteey niyam kya hai?

न्यूटन के द्वितीय नियम का सत्यापन

क्या आप न्यूटन का गति का द्वितीय नियम को परिभाषित कर सकते हैं?

न्यूटन के गति का द्वितीय नियम बताता हे की  वस्तू का संवेग के परिवर्तन का दर लागू हुए बल के दिशा में असंतुलित बल से समानुपाती होता है|

यानी.,  F=ma

जहाँ F अनुप्रयुक्त बल , m  वस्तु का द्रव्यमान और a प्रस्तुत त्वरण हैं|

अगर एक वस्तु एक ही समय में कई बलों के अधीन है तो क्या हो होगा ?

अगर एक वस्तु एक ही समय में कई बलों के अधीन है, तब प्रस्तुत त्वरण सभी व्यक्तिगत बलों के सदिश योग (यानी नेट बल) से आनुपातिक है।

                                            

गति विषयक द्वितीय नियम क्या है? - gati vishayak dviteey niyam kya hai?

एक वस्तु के नेट बल और संवेग p  के बीच संबंध दिखाने के लिए भी न्यूटन के  द्वितीय नियम का उपयोग किया जा सकता है|  

                                            

गति विषयक द्वितीय नियम क्या है? - gati vishayak dviteey niyam kya hai?

इसलिए, न्यूटन के  द्वितीय नियम भी यह बताता है की  एक वस्तु पर लगने वाला नेट बल वस्तु के संवेग का परिवर्तन के दर के बराबर है।

                                              

गति विषयक द्वितीय नियम क्या है? - gati vishayak dviteey niyam kya hai?

संवेग नेट बल को कैसे प्रभावित करता है?

गति का प्रथम नियम यह बतलाता है की जब एक वस्तु पर एक बाहरी असंतुलित बल पड़ता है, तब उसका वेग बदलता है और वस्तु त्वरित हो जाता है| अब यह  अध्ययन करें की एक वस्तु का त्वरण उस पर अनुप्रयुक्त बल पर कैसे निर्भर करता हैं| उदाहरण पर विचार करें| एक सड़क के किनारे में खड़ी गाड़ी पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं होती ह| लेकिन एक चलती कार  कम गति में भी , अपने रास्ते में खड़े एक व्यक्ति को मार सकती है| एक छोटा द्रव्यमान, जैसे कि एक बंदूक से गोली चलाई गोली एक व्यक्ति को मार सकती है| इन उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि  वस्तुओं द्वारा उत्पादित प्रभाव उनके द्रव्यमान और वेग पर निर्भर करता है| जब हम एक वस्तु का द्रव्यमान और वेग का गठबंधन करते है,  तब हमे एक नई राशि संवेग मिलती हैं, जो न्यूटन के द्वारा प्रस्तावित किया गया था|

चलो संवेग  को परिभाषित करते हैं:

संवेग का दिशा और परिमाण दोनों होता है| इसकी दिशा वेग के समान ही है| जब एक असंतुलित बल एक वस्तु पर अनुप्रयुक्त  है, वह उस वस्तु के वेग को बदलता हैं, जो बदले में उसके संवेग को बदलता हैं| इसलिए, यह निष्कर्ष निकला जा सकता हे की एक वस्तु के संवेग में बदलाव लाने  के लिए आवश्यक बल उस  समय की दर पर निर्भर करता है जिसमे संवेग बदला हैं| 

                                  एक चलती हुई वस्तु के त्वरण की गणना ऐसे की जा सकती है:

                              जहाँ  s = विस्थापन

                                      a = त्वरण

                                       t  = समय

अध्ययन का परिणाम

छात्र इनके बारे मे सीखता हैं

  1. द्रव्यमान
  2.  त्वरण
  3. बल
  4. संवेग
  5. न्यूटन के गति का द्वितीय नियम

आइए, एक साधारण प्रयोग से न्यूटन के गति का द्वितीय नियम के पीछे की अवधारणा को समझते हैं।

गति विषयक द्वितीय नियम क्या है? - gati vishayak dviteey niyam kya hai?

गति विषयक द्वितीय नियम क्या है? - gati vishayak dviteey niyam kya hai?

गति विषयक द्वितीयक नियम क्या है?

द्वितीय नियम: किसी भी पिंड की संवेग परिवर्तन की दर लगाये गये बल के समानुपाती होती है और उसकी (संवेग परिवर्तन की) दिशा वही होती है जो बल की है

गति का द्वितीय नियम क्या है इसका गणितीय व्यंजक दीजिए?

न्यूटन बल की परिभाषा – यदि कोई बल , 1 किग्रा . की वस्तु में 1 मी . / से .2 का त्वरण उत्पन्न कर दे तब वह बल 1 न्यूटन बल के बराबर होता है । 1 न्यूटन = ( 1 किग्रा . ) × ( 1 मी . / से .2)

न्यूटन के द्वितीय नियम का उदाहरण क्या है?

अगर एक वस्तु एक ही समय में कई बलों के अधीन है तो क्या हो होगा ? अगर एक वस्तु एक ही समय में कई बलों के अधीन है, तब प्रस्तुत त्वरण सभी व्यक्तिगत बलों के सदिश योग (यानी नेट बल) से आनुपातिक है। इसलिए, न्यूटन के द्वितीय नियम भी यह बताता है की एक वस्तु पर लगने वाला नेट बल वस्तु के संवेग का परिवर्तन के दर के बराबर है।

गति का तृतीय नियम क्या है?

सही उत्तर क्रिया और प्रतिक्रिया है। न्यूटन का गति का तीसरा नियम कहता है कि 'प्रत्येक क्रिया के लिए, एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है'।