गाय खाना नहीं खा रही है क्या करें? - gaay khaana nahin kha rahee hai kya karen?

दुधारू पशुओं के लिए अच्छा चारा खाना बेहद जरूरी होता है। जब आपकी गाय या भैंस अच्छे से चारा खाती है, तो उसके दूध देने की क्षमता भी उतनी ही बेहतर हो जाती है। लेकिन तब क्या करें जब पशु खाना-पीना कम कर दें। पशु में भूख और प्यास की कमी हो जाती है, जिस वजह से वो कमजोर होने लग जाता है। इसका सीधा असर उसके दूध देने की क्षमता पर होता है।

पशु खुद से तो भूख न लगने के कारण बोलकर नहीं बता पाता है। इसलिए हमें ही ये समझना होगा कि क्या है आपकी भैंस या गाय के चारा न खाने का कारण। इसके कई कारण हो सकते हैं, तो चलिये सबसे पहले जानते हैं कि आखिर क्यों पशु में भूख की कमी होने लगती है। और साथ ही जानेंगे की इसका उपाय क्या है।

गाय के चारा ने खाने के कारण

  • पाचन क्रिया में गड़बड़ी

गाय के चारा न खाने का कारण अगर जानें तो उसमें सबसे बड़ा पाचन क्रिया में कुछ गड़बड़ी होना होता है। बहुत बार ऐसा होता है कि पशु दूषित खाना खा लेता है, या फिर पशुपालक भी उसे सड़ा-गला खाना दे देते हैं। इतना ही नहीं अगर पशु गंदा पानी भी पी लेगा, तो उसकी वजह से भी उसकी पाचन क्रिया में खराबी हो सकती है। जिसकी वजह से उसकी भूख मर सकती है। जब भी आपकी गाय या भैंस के पाचण क्रिया में गड़बड़ी होगी, तो वो घास चरने की जगह पर एक जगह पर बैठना पसंद करेगी।

कई बार पशुओं को अधिक मात्रा में ऐसा खाना दिया जाता है, जो उनके रोज के आहार में शामिल नहीं होता है। इससे उन्हें अपच की शिकायत हो सकती है और भूख में कमी आ सकती है। जब भी ऐसी स्थिति आए तो तुरंत ही पशु का इलाज कराना जरूरी होता है। बीमार पशु को 5 से 10 ग्राम हीमेटिक पाउडर दिन में 2 बार पानी में मिला कर दें।

  • खनिज पदार्थों की कमी

पशु में जब खनिज पदार्थों की कमी होने लगती है, तो भी उसे भूख की कमी होने लगती है। दरअसल जब गाय या भैंस में कैल्शियम, विटामिन जैसे पदार्थों की कमी होने लग जाती है, तो वो जुगाली करना कम कर देते हैं। जिसकी वजह से भूख कम लगने लगती है। दरअसल इन खनिज पदार्थों से ही पशुओं को ऊर्जा मिलती है। तो ध्यान रखें की जब भी अपनी गाय या भैंस को आहार दें तो वो खनिज से भरपूर होना चाहिये। उन्हें उचित मात्रा में यूरिया, नमक, दाना, चोकर दें।

  • जीवाणु (बैक्टीरिया) के कारण

बहुत बार पशु जीवाणु के संक्रमण की वजह से बीमार हो जाता है। वो चारा खाना कम कर देता है। बेहतर रहेगा कि ऐसी स्थिति में डॉक्टर की ही सलाह जल्दी ही ली जाए। दरअसल जीवाणु का संक्रमण शरीर में बेहद जल्दी फैलता है। साथ ही ये बाकी पशुओं को भी बीमार कर सकता है। इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवा दी जाती है।

कैसे बढ़ाएं गाय या भैंस की भूख

मिनरल मिक्सचर खिलाने के फायदे

अगर आप अपने पशुओं को मिनरल मिक्सचर खिलाते हैं, तो उससे उनके शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी नहीं होती है। ये गाय या भैंस के रोग प्रतिरोधी तंत्र को भी काफी ज्यादा मजबूत करता है। पशु जितना ज्यादा पौष्टिक आहार खाएगा, उतना ज्यादा उसे बीमारी होने का खतरा कम होगा। मिनरल मिक्सचर से पशुओं में गर्भपात भी नहीं होता है। इसलिए पशु चिकित्सक भी इसे रोजाना खिलाने की सलाह देते हैं।

कीड़े की दवा है अचूक बाण

अगर आपके पशु को भूख कम लग रही है, तो उसे कीड़े होने की समस्या हो सकती है। आप उसे तुरंत चिकित्सक को दिखाएं और जरूरत के मुताबिक दवा दें। वहीं पशु में भूख को वापस लाने के लिए कैल्शियम और विटामिन आहार में जोड़ें।

गाय- भैंस में भूख बढ़ाने का देसी नुस्खा

अक्सर गाय-भैंस में भूख बढ़ाने के लिए किसान देसी तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। इन तरीकों का इस्तेमाल कृषि से जुड़े लोग सालों से करते आ रहे हैं। इन तरीकों से भी आपके पशु की भूख बढ़ सकती है।

  1. अगर आपकी गाय या भैंस को भूख कम लग रही है, तो उसे लीवर टॉनिक दें। इसे 50 मिलीग्राम दें। साथ ही जो पशु कम चारा खा रहा है उसे पाचक पाउडर दें।
  2. आप अपने पशु को एक मिक्सर बना कर भी दें, इसमें आप 200 ग्राम काला जीरी डालें और उसमें 50 ग्राम हींग मिलाएं। इसे आप अपने पशु को दें, इससे उसकी भूख बढ़ेगी।
  3. मीठा सोडा भी पशुओं की भूख बढ़ाने में बहुत ही कारगर साबित होता है। पशु को 3 दिन तक सुबह और शाम 50 ग्राम मीठा सोडा दें। उसे भूख लगने लगेगी।

अगर आपका पशु भी ठीक तरीके से नहीं खा रहा है, तो बिना किसी देरी के Animall ऐप पर आएं। यहां पर आप हमारे खास चिकित्सकों से बात कर सकते हैं। साथ ही अगर आप चाहें तो ऐप पर पशु खरीद या बेच भी सकते हैं। इसके अलावा पशु के बेहतर पालन पोषण से जुड़ी सारी जानकारी भी आप Animall ऐप पर हासिल कर सकते हैं।

Publish Date: | Mon, 01 Nov 2021 07:03 PM (IST)

सिवनी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। वायरस से होने वाली बीमारी मुंहपका खुरपका इन दिनों जिले भर के दुधारू पशुओं में बहुत तेजी से फैल रही है। इस रोग के कारण गाय, भैंस जैसे पशु इस बीमारी के चपेट में आ रहे है।इस रोग के कारण दुधारू पशुओं के मुंह में छाले आ रहे हैं। इसके कारण वे चारा नहीं खा पा रहे हैं। पशु मालिकों ने बताया है कि चारा नहीं खाने से पशु दूध भी नहीं दे रहे है। इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।

घास, पानी और लार से फैलता है रोग : पशु विज्ञानियों ने बताया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में यह रोग स्वस्थ पशु के बीमार पशु के सीधे संपर्क में आने, पानी, घास, दाना, बर्तन, दूध निकालने वाले व्यक्ति के हाथों से, हवा से व लोगों के आवागमन से फैलता है। रोग के विषाणु बीमार पशु की लार, मुंह, खुर थन में पड़े फफोलों में अधिक संख्या में पाए जाते हैं। यह विषाणु खुले में घास, चारा, फर्श पर चार महीनों तक जीवित रह सकते हैं। तापमान बढ़ने से यह बहुत जल्दी नष्ट भी हो जाते हैं। यह विषाणु जीभ, मुंह, आंत, खुरों के बीच की जगह, थनों व घाव आदि के द्वारा स्वस्थ पशु के रक्त में पहुंचते हैं और लगभग 5 दिनों के अंदर उसमें बीमारी के लक्षण पैदा करते हैं।

कई गांवों में फैला रोग : जिलेभर में इस रोग का प्रकोप पशुओं में फैल रहा है। जिले के अलोनिया, हिमरा, ढेकी, तिघरा समेत अन्य गावों में यह बीमारी अधिक फैली है।अधिक फैली हुई है। पशु मालिकों का कहना है कि इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन को शीघ्रता से प्रयास करना चाहिए अन्यथा यह संक्रामक बीमारी बड़े तेजी से फैलती है जो पूरे क्षेत्र को घेर लेगी और आगे चलकर पूरे जिले में भी फैल सकती है। पशु चिकित्सकों के अनुसार रोग अत्यन्त सूक्ष्‌म विषाणु से फैलता है।मुंह, थन और खुरों में छाले हो तो पशु का ध्यान रखना चाहिए।

कमजोर हो रहे हैं पशु : ग्रामीण क्षेत्रों में पालतू जानवर गाय भैंस और बैल आदि के मुंह में छाले आ गए हैं। इससे जानवर घास नहीं खा पा रहे हैं। इसी तरह उनके खुरों में चपका रोग आने से जानवर घूमने फिरने में असमर्थ हो रहे हैं जिससे चारा न चरने के कारण दुबले हो गए हैं और कमजोर हो गए हैं। कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहा है।जबकि इस समय रवि फसल के बोने का समय है व खरीफ की फसल मक्का, धान की कटाई चल रही है जिससे बैल बीमार होने के कारण फसलों को खेत से घर लाने में परेशानी हो रही है।राजेंद्र कुमार जायसवाल, ओमप्रकाश बोर्डे, तीरथ सिंह गजभिए, धनीराम बंदेवार, कन्हैया खराटे, अशोक साहू, आशिक अली आदि ने पशु चिकित्सा विभाग व कलेक्टर से शीघ्र पशुओं में संक्रमित हो रही बीमारी की रोकथाम के लिए इन गांवों में टीकाकरण करवाने व इन गांव में टीकाकरण कैंप लगाकर जानवरों के मुंह में छाले और पैरों के खुरों मैं फैल रहे संक्रमण की रोकथाम शीघ्र करने की मांग की है।

ठंड में फैलता रोग : पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक जगदीश शिव ने बताया है कि पशुओं में यह रोग ज्यादा फैलता है। ऐसे में पशु पालकों को बीमार पशु अलग रखने चाहिए। ऐसा नहीं करने पर ये स्वस्थ पशु को भी बीमार कर सकते हैं।उन्होंने बताया है कि करीब तीन माह पहले पशुओं का टीकाकरण किया गया था।बाहर से बीमार पशुओं के आने से भी यह रोग फैल सकता है। कुछ दिनों में यह रोग ठीक हो जाता है, लेकिन पशु मालिकों को बीमार पशुओं की देखरेख करना चाहिए।

Posted By: Nai Dunia News Network

गाय खाना नहीं खा रही है क्या करें? - gaay khaana nahin kha rahee hai kya karen?

गाय खाना नहीं खा रही है क्या करें? - gaay khaana nahin kha rahee hai kya karen?

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गाय खाना नहीं खाती है क्या करें?

अगर आपकी गाय या भैंस को भूख कम लग रही है, तो उसे लीवर टॉनिक दें। इसे 50 मिलीग्राम दें। साथ ही जो पशु कम चारा खा रहा है उसे पाचक पाउडर दें। आप अपने पशु को एक मिक्सर बना कर भी दें, इसमें आप 200 ग्राम काला जीरी डालें और उसमें 50 ग्राम हींग मिलाएं।

चारा ना खाए तो क्या करना चाहिए?

सर्दी की वजह से भैंस ने चारा खाना छोड़ दिया है। पशु चिकित्सक को बताकर गोली ले आएं। कीड़े मारने की भी दवा भी खिलाएं।

गाय की भूख कैसे बढ़ाएं?

पहला तरीका है कि पशु को कौड़ तुम्मे हर रोज़ खिलायें या फिर यदि कौड़ तुम्मे आपको ना मिले तो आप कौड़ तुम्मे का चूर्ण पशुओं को कुछ दिन खिलायें। इससे पशु के मिहदे में पाचन क्रिया सही हो जायेगी जिससे पशु को भूख भी लगेगी और पशु भरपेट हरा चारा खाएगा और बाद में इसे हजम भी करेगा जिससे पशु के दूध उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

गाय क्यों नहीं खा रही है?

गाय का पेट खराब होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे गाय को अधिक चारा खिलाना, घर का बचा हुआ बासी खाना, रास्ते पर पड़ा हुआ दूषित खाना, नाले का पानी आदि कारणों से गाय को डायरिया जैसी बीमारी उत्पन्न होती है और गाय का पेट खराब हो जाता है जिसके कारण गाय चारा नहीं खाती है और वह कमजोर दिखाई देती है।