हम अतीत के बारे में कैसे जान सकते हैं वर्णन कीजिए? - ham ateet ke baare mein kaise jaan sakate hain varnan keejie?

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हम अतीत के बारे में कैसे जान सकते हैं?

हम अतीत के बारे में कैसे जान सकते हैं? अतीत के बारे में हम क्या जान सकते हैं उत्तर बताइए? अतीत के बारे में पता लगाने के लिए विभिन्न तरीके क्या है? PDF अतीत में लोग यात्राएं क्यों करते थे? अतीत क्या है बताइए? अतीत के बारे में क्या जानते हैं

अतीत के बारे में कैसे जाने – आज हम पढ़ेंगे कि अतीत के बारे मे कैसे जाना जाता है
इसके लिए हम NCERT की कक्षा 6 इतिहास की पुस्तक का सहारा लेगे

जो कक्षा 6 के छात्र है उनके लिए हमने विशेष रूप से अंत में प्रश्न और उत्तर दिये हुए है।
हम इसे किताब की तरह नही सामान्य और सरल भाषा में समझेंगे।

अतीत के बारे में क्या जाने :

अतीत के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है

जैसे – लोग क्या खाते थे, कैसे कपड़े पहनते थे, किस तरह के घरो मे रहते थे? कैसी भाषा बोलते थे ? उनकी तकनीक कैसी थी ?

इसके अलावा हम शिकारियो, पशुपालको, कृषको(किसान) शासको (राजा + मंत्री) व्यापारियो, पुरोहितो, शिल्पकारों, कलाकारो , संगीतकारो, वैज्ञानिकों के जीवन के बारे में जानकारियाँ हासिल कर सकते है।

हम लोगों के मनोरंजन के साधन, बच्चों के खेल, औरतों के गीत रंग-मंच कलाकारों के नाटक आदि के बारे में भी जान सकते हैं।

यह सब बहुत ही दिलचस्प होता है जो लोग और छात्र इतिहास में रूचि रखते है उन्हें यह सब जानकारी बहुत पसंद आती है

कई बार ऐसी जानकारी आपको चौंका देती है तो कई बार, आपको यह पता लगता है कि कुछ चीजें वर्तमान समय भी मौजूद है।

अतीत के बारे में कैसे जाने ?

अतीत की जानकारी हम कई तरह से प्राप्त कर सकते जैसे- पुस्तक, अभिलेख, पुरात्तव वस्तुए, चित्रकारी आदि 

पुस्तक के माध्यम से अतीत में लिखी गई पुस्तकों ढूंढना और पढ़ना इसमें शामिल है, इन पुस्तको को “पाण्डुलिपि भी कहा जाता है क्योंकि ये पुस्तके हाथ से लिखी जाती थी।

अधिकतर पाण्डुलिपियाँ प्राय: ताडपत्र अथवा हिमालय में उगने वाले “भुर्ज “नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके तैयार किये भोज पत्र पर लिखी मिलती है।

इन पुस्तको / पाण्डुलिपियों से हमें धार्मिक मान्यताओं, व्यवहारो, राजाओं के जीवन, औषधि तथा विज्ञान विषयों की चर्चा मिलती है।

पुस्तक के रूप में कुछ महाकाव्य, कविताएं, नाटक आदि भी मिलते है,

इनमें से कुछ संस्कृत भाषा कुछ प्राकृत और तमिल भाषा में है ।
आम लोगों के बोलचाल की भाषा ‘प्राकृत कहा गया है।

अभिलेखों के माध्यम से – ऐसे लेख पत्थर अथवा धातु जैसी कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किए गए मिलते है।
कभी कभी शासक खुद इन्हे उत्कीर्ण करवाते थे ताकि लोग उन्हें देख सके, पढ़ सके तथा उनका पालन कर सकें।

पुरातत्व के माध्यम से – प्राचीन इमारतें उनके अवशेष, चित्रों तथा मूर्तियों का अध्ययन करना

इसके अलावा औजारों, हथियारों, बर्तनों, आभूषणो, सिक्को, हड्डियो आदि जैसी पुरातत्व वस्तुओं से बहुत सारी जानकारी मिलती है।

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इतिहास समझने की तिथि :

आप यह तो समझ गए की अतीत के बारे मे क्या जाने और उसके क्या तरीके है।

अब हम यह समझते है कि इतिहास में तिथि को कैसे माना जाता है।
वर्तमान में 2022 चल रहा है यह अंग्रेजी कैलेडर बोला जाता है

लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई ?

वर्ष की गिनती ईसाई धर्म-प्रवर्तक ईसा मसीह के जन्म की तिथि से की जाती है.

अत: 2022 का मतलब ईसा मसीह के जन्म के 2022 वर्ष बाद से है।

ईसा मसीह के जन्म से पूर्व के सभी वर्षों को ई०पू० ईसा से पहले के रूप में जाना जाता है।

जब भी ईसा पूर्व के इतिहास को पढे तो याद रखें कि वहां इतिहास ईसा पूर्व से ईसा की तरफ बढ़ता है,

जैसे कोई राजा 180 ई० पूर्व मे जन्मा था और 130 ई० पू० मे उसकी मृत्यु हो गई यानि राजा 50 वर्ष जीवीत रहा था।

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क्या कब कहाँ और कैसे प्रश्न उत्तर :

प्रश्न 4 – पुरातत्वविदों द्वारा पाई जाने वाली सभी वस्तुओं की एक सूची बनाओ। इनमें से कौन-सी वस्तुएँ पत्थर की बनी हो सकती है ?

उत्तर – पुरातत्व वस्तुए- पुस्तक, लेख, अभिलेख, सिक्के, मूर्ति, चित्र औजार, हथियार, बर्तन, गहने / आभूषण, इमारते, जले हुए अवशेष, वनस्पति, हडिडयो, कपडे, आदि।
पत्थर की वस्तुएँ – अभिलेख, औजार, हथियार, सिक्के, आभूषय, इमारते, बर्तन, चित्र (पत्थर पर उकेरा गया ), मूर्ति (धातू व पत्थर दोनों की हो सकती है)

प्रश्न 5 – साधारण स्त्री तथा पुरुष अपने कार्यों का वर्णन क्यों नहीं रखते थे ? इसके बारे मे तुम क्या सोचती हो ?

उत्तर- साधारण स्त्री और पुरुष अपने कार्यों का वर्णन कई वजहों से नहीं रखते थे

A . साधारण स्त्री और पुरुष पढे लिखे, शिक्षित कम होते थे तो उन्हें केवल भाषा बोलनी आती थी लिखनी नहीं आती थी।
B . साधारण स्त्री-पुरुष अपनी दिनचया खेती, शिकार, भोजन आदि की व्यवस्था में व्यस्त रहते थे।
C . जो कार्य साधारण स्त्री-पुरुष करते थे वह अधिकतर लोग करते थे इसलिए उन्हें वह खास नहीं लगता था।
D . मूर्तिकार और अभिलेख लिखने बनाने में खर्च आता था उसे वो वहन नहीं कर सकते थे।
E . उनको यह भी ज्ञात नहीं था कि उनके जीवन व दिनचर्या को लिखने का क्या लाभ है।

प्रश्न 6 – कम से कम दो ऐसी बातों का उल्लेख करो जिनसे तुम्हारे अनुसार राजाओ और किसानों के जीवन में भिन्नता का पता चलता है।

उत्तर – पहला राजा का जीवन आरामदायक / ऐश वाला होता था उसके पास अच्छा घर, महल, सैनिक, कई रानिया, भण्डार, चित्रकार आदि होते थे।

दूसरा किसान को जीवन यापन के लिए खेती करनी पड़ती थी तथा

राजा किसानों से ही कर के रूप मे फसल ले लेता था उसे खेती नहीं करनी पड़ती थी।

इसके अलावा किसान घूमतु खेती भी करता था जिससे बार-2 जगह बदलनी पड़ जाती थी राजा एक ही जगह रहता था।

अतीत के बारे में कैसे जाने प्रश्न उत्तर –

प्रश्न 8 – अतीत में पुस्तकें किन-किन विषयों पर लिखी गई थी ? तुम इनमें से किन पुस्तको को पढना पसंद करोगे ?

उत्तर – अतीत में महाकाव्य, कविताएँ, धार्मिक मान्यता पुस्तके, नाटक आदि लिखे गए थे

इनमें से महाकाव्य मुझे अधिक पसंद है जैसे- रामायण, महाभारत

प्रश्न 2 – पाण्डुलिपियों तथा अभिलेखों में एक प्रमुख अंतर बताओ

उत्तर – पाण्डुलिपियो को पेड़ की छाल से बने ताड़ पत्रों व भोजपत्रो पर लिखा जाता था

और अभिलेखो को पत्थर या धातु जैसी कठोर सतह वाली वस्तु पर लिखा जाता था।

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अतीत के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है - जैसे लोग क्या खाते थे, कैसे कपड़े पहनते थे, किस तरह के घरों में रहते थे? हम आखेटकों (शिकारियों), पशुपालकों, कृषकों, शासकों, व्यापारियों, पुरोहितों, शिल्पकारों, कलाकारों, संगीतकारों या फिर वैज्ञानिकों के जीवन के बारे में जानकारियाँ हासिल कर सकते हैं

अतीत से आप क्या समझते हैं?

अतीत १ वि० [सं०] १. गत । व्यतीत । बीता हुआ ।