हमें कागज की बर्बादी को रोकने के लिए क्या क्या करना चाहिए? - hamen kaagaj kee barbaadee ko rokane ke lie kya kya karana chaahie?

हमें कागज़ की बचत क्यों करनी चाहिए? उन कार्यों की सूचि बनाइए जिनके द्वारा आप कागज़ की बचत कर सकते हैं।


हमें कागज़ की बचत वनों को बचाने के लिए करनी चाहिए। लगभग 1 टन कागज़ बनाने के लिए 17 वृक्षों की आवश्यकता होती है। कागज़ की बचत से वनों के साथ-साथ हानिकारक रासायनिक पदार्थ, जल तथा ऊर्जा, जो इसको बनाने में प्रयुक्त होते हैं, की भी बचत होती है।

हम निम्न कार्यों के द्वारा कागज़ की बचत कर सकते हैं-

(i) पुन: चक्रण जो की लगभग 5-7 बार संभव है।

(ii) पुन: उपयोग

(iii) मितव्ययता से उपयोग

(iv) जान-जागरूकता अभियान चलाकर

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किसी क्षेत्र विशेष में पाई जाने वाली स्पीशीज ______ कहलाती हैं।

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निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
चिड़ियाघर एवं अभ्यारण्य


चिड़ियाघर- (i) वह क्षेत्र जहाँ पर प्राणियों का सरंक्षण किया जाता है परंतु वे कृत्रिम आवास में रहते हैं।

(ii) उदाहरण- दिल्ली का चिड़ियाघर।

अभ्यारण्य- (i) वह क्षेत्र जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं।

(ii) उदाहरण- पंचमढ़ी वन्यप्राणी अभ्यारण्य।

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प्रवासी पक्षी सुदूर क्षेत्रों से _____ परिवर्तन के कारण पलायन करते हैं।

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वह क्षेत्र जिसमें जंतु अपने प्राकृतिक आवास में संरक्षित होते हैं, _____ कहलाता है।

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निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
वन्यप्राणी उद्यान एवं जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र


वन्यप्राणी उद्यान- (i) वन्य जंतुओं के लिए वह आरक्षित क्षेत्र जहाँ वे स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।

(ii) उदाहरण- सतपुड़ा राष्ट्रिय उद्यान।

जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र- (i) वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।

(ii)उदाहरण- पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र।

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कागज की बर्बादी की तो लगेगा जुर्माना

- पीयू बनाने जा रहा नए नियम, लिखना होगा कागज के दोनों ओर
- एक करोड़ से अधिक रुपये कागज पर ही हो रहे हैं खर्च
- कार्यालय व विभागों से निकल रहे कागजों पर एक साइड में ही लिखा जा रहा
- कागज के पीछे नहीं लिखने पर पीयू करेगा कार्रवाई

फोटो-- पीयू भवन :::
सुशील कुमार
चंडीगढ़। कई शिक्षण संस्थानों में पेपर लैस व्यवस्था लागू हो गई है। पीयू ने भी इस तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। इस पर तेजी से काम चल रहा है। लेकिन इससे पहले पंजाब यूनिवर्सिटी कागज की बर्बादी रोकने जा रहा है। अब कागज के दोनों ओर लिखा जाना अनिवार्य होगा। यदि किसी ने नियमों का उल्लंघन किया तो जुर्माना भी देना होगा। अगले माह तक यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसका खाका लगभग तैयार हो गया है।
पीयू में 78 विभाग हैं। इसके अलावा 15 अन्य छोटे-बड़े कार्यालय हैं। पीयू से हर दिन लगभग 800 से 900 पेज के पत्र निकलते हैं। इसमें अधिकांश कागजों के पीछे का हिस्सा प्रयोग नहीं किया जा रहा है। इससे कागज की बर्बादी हो रही है। कई बार अधिकारियों ने कर्मचारियों व विभाग के अन्य लोगों को सलाह भी दी है, लेकिन उस पर पूरा काम नहीं हो पाया। अब इस दिशा में काम किया जा रहा है। ब्लैंक पेपर के दोनों ओर लिखा जाना अनिवार्य किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है इस व्यवस्था की मॉनीटरिंग भी होगी। यदि कागज की बर्बादी आदेश के बाद भी की गई तो कार्रवाई निश्चित है। जुर्माना दस रुपये से लेकर 100 रुपये तक संबंधित व्यक्ति पर पड़ेगा।

सीनेट एजेंडे पर खर्च होते हैं 50 लाख
आंकड़ों को देखें तो पीयू में कागजों पर लगभग एक करोड़ रुपये खर्च आता है। इसमें 60 लाख रुपये तो सिंडिकेट व सीनेट पर ही खर्च हो जाते हैं। सदस्यों को एजेंडा दिया जाता है। एक एजेंडे में 500 पेज तक पहुंच जाते हैं। बैठक से पूर्व सदस्य इंडेक्स देखकर ही अपनी कार्रवाई आगे की शुरू कर देते हैं। मूल किताब की जरूरत ही नहीं पड़ती। कुछ सदस्य जरूरत सीनेट की बैठक में मामला उठाते समय उनको देख लेते हैं, लेकिन अधिकांश के पास बुक ऐसे ही रखी रह जाती है। जानकारों का कहना है कि यह कागजों की बर्बादी है। लाखों रुपये को बचाया जा सकता है। बची रकम अन्य कार्यों पर खर्च होगी तो और बेहतर कार्य होगा। कुछ सीनेट सदस्यों ने खुद ही कहा है कि इस एजेंडे की हार्ड कॉपी की जगह यदि मेल पर सूचना दे दी जाए तो पैसे की बचत हो सकती है। हालांकि पीयू के अधिकारी अब इस दिशा में भी काम कर रहे हैं।

इनसेट---
पीएचडी की थिसिस के लिए जारी हुए नियम
पीएचडी की थिसिस के लिए पहले दस सेट जमा होते थे, लेकिन अब चार ही कर दिए गए हैं ताकि कागज अधिक बर्बाद न हो। इसके अलावा थिसिस शिक्षक तभी स्वीकार करेंगे जब कागज के आगे व पीछे लिखा होगा। यह भी अनिवार्य कर दिया गया है।

वर्जन---
फोटो---
कागज की बर्बादी न हो, इसके लिए नई योजना बनाई जा रही है। नियमों का यदि उल्लंघन किया गया तो कार्रवाई या जुर्माने का भी प्रावधान होगा। इसके अलावा पेपर लैस व्यवस्था की ओर भी हम आगे बढ़ रहे हैं।
- करमजीत सिंह, रजिस्ट्रार पीयू

हमें कागज की बचत क्यों करना चाहिए? उन कार्यों की सूचि बनाइए जिनके द्वारा आप कागज की बचत कर सकते है।

Solution

हमें कागज की बचत वनों को बचने के लिए करनी चाहिए। लगभग 1 टन कागज़ बनाने के लिए 17 वृक्षों की आवश्यकता पड़ती है।

कागज की बचत से वनों के साथ साथ हानिकारक रासायनिक पदार्थ जल तथा ऊर्जा, जो इसको बनाने में प्रयुक्त होते है की भी बचत होती है। अतः निम्नलिखित कार्यों के द्वारा कागज़ की बचत की जा सकती है-

  • पुनः उपयोग
  • जन-जागरूकता अभियान चलाकर।
  • पुनः चक्रण
  • मितव्ययता से उपयोग

Concept: कागज़ का पुनःचक्रण

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कागज की बर्बादी कैसे रोके?

उन कार्यों की सूची जिनके द्वारा आप कागज़ की बचत कर सकते हैं निम्न प्रकार से हैं :.
उपयोग किए गए कागज को इकट्ठा करें और इसे पुन: चक्रण करें।.
लिखने के लिए कागज के दोनों भाग का उपयोग करें।.
कागज के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाएं।.
कागज का समझदारी से उपयोग करें।.

हम कागज की बचत क्यों करना चाहिए?

पौधे एवं जन्तुओ का संरक्षण हमें कागज़ की बचत वनों को बचाने के लिए करनी चाहिए। लगभग 1 टन कागज़ बनाने के लिए 17 वृक्षों की आवश्यकता होती है। कागज़ की बचत से वनों के साथ-साथ हानिकारक रासायनिक पदार्थ, जल तथा ऊर्जा, जो इसको बनाने में प्रयुक्त होते हैं, की भी बचत होती है।