हिमपात क्या होता है class 9? - himapaat kya hota hai chlass 9?

बर्फ़ के खंडो का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को हिमपात कहा जाता है। हिमपात बर्फ़ (ग्लेशियर)की नदी होती है। ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ़ में हलचल मच जाती है। इससे बर्फ़ की बड़ी-बड़ी च़ट्टाने तत्काल गिर जाया करती हैं। अन्य कारणों से भी अचानक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे धरातल पर बड़ी चौड़ी दरारें पड़ जाती हैं।


किसे कहते हैं कि किसको बोलते हैं बात किसको बोलते हैं ठीक है तू क्या होते हैं जल के एम बनने के कारण बनने के कारण धरती पर डोंकी चाहो ना इंटर कहलाती है

देश में होता क्या है कि पानी का पता है पानी जो है बात का टुकड़ा के रूप में शांत हो जाता है उसका बहुत बड़ा किसी को हम लोग तो पूरा प्रक्रिया है

बर्फ़ के खंडो का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को हिमपात कहा जाता है। हिमपात बर्फ़ (ग्लेशियरकी नदी होती है। ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ़ में हलचल मच जाती है। इससे बर्फ़ की बड़ी-बड़ी च़ट्टाने तत्काल गिर जाया करती हैं। अन्य कारणों से भी अचानक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे धरातल पर बड़ी चौड़ी दरारें पड़ जाती हैं।

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?


बर्फ़ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही हिमपात बनाता है। हिमपात अनियमित और अनिश्चित होता है। इससे अनेक प्रकार के परिवर्तन आते रहते हैं। ग्लेशियर के ढहने से अकसर बर्फ़ में हलचल हो जाती है। इससे बड़ी-बड़ी बर्फ़ की चट्‌टानें तुरंत गिर जाती हैं। और खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। धरातल पर दरारें पड़ जाती हैं। ये दरारें अक्सर गहरी-गहरी चौड़ी दरारों का रूप धारण कर लेती है। इस प्रकार पर्वतारोहियों की कठिनाइयाँ बहुत अधिक बढ़ जाती हैं।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?


सागरमाथा शब्द से तात्पर्य है ‘सागर के माथे के समान’ तथा एवरेस्ट को सागरमाथा के नाम से जाना जाता है। यह एक स्थानीय नाम था। इसलिए लेखिका को यह नाम पसंद आया। एवरेस्ट को नेपाली भाषा में सागरमाथा नाम से जाना जाता है।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?


एवरेस्ट की तरफ गौर से देखते हुए लेखिका को एक भारी बर्फ़ का फूल दिखा जो पर्वत शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था।

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इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का सदंर्भ देकर कीजिए:
निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायज़ा लेना, नौसिखिया


निहारा है-प्रसन्नतापूर्वक देखा है।
लेखिका ने नमचे बाज़ार में पहुँचकर सबसे पहले एवरेस्ट को देखा था वह उसे देखते ही उसके सौंदर्य पर मुग्ध हो गई। इसलिए लेखिका इसे मात्र देखा न कहकर ‘निहारा’ करती है।
धसकना-नीचे को धँसना।
जब धरती का कुछ हिस्सा नीचे की ओर दब जाता है उसे धसकना कहते हैं।
खिसकना-अपनी जगह से हटकर परे चले जाना।
हिमपात से बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्‌टानें खिसक जाती हैं।
सागरमाथा-संसार का सबसे ऊँचा स्थान।
जिस स्थान ने बचेंद्री पाल ने हिमालय की चढ़ाई आरंभ की, वह स्थान समुद्र तल का सर्वोच्च स्थान है। इसलिए उसे सागरमाथा ठीक ही कहा गया है।
नौसिखिया-अनजान।
तेनजिंग के सामने बचेंद्री पाल ने स्वयं को नौसिखिया पर्वतारोही कहा।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?


अग्रिम दल का नेतृत्व उपनेता प्रेमचन्द कर रहे थे।

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(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए


एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल सात कैंप लगाए गए थे।
1. बेसकैंप यह कैंप काठमांडू के शेरपालैंड में लगाया गया। पर्वतीय दल के नेता कर्नल खुल्लर यहीं रहकर एक-एक गतिविधि का संचालन कर रहे थे। उपनेता प्रेमचंद ने भी हिमपात संबंधी सभी कठिनाईयों का परिचय यही दिया।
2. कैंप एक: यह हिमपात से 6000 मीटर की ऊँचाई पर था। यहाँ हिमपात से सामान उठाकर कैंप तक लाये जाने का अभ्यास किया गया।
3. कैंप दो: 16 मई प्रात: सभी लोग इस कैंप पर पहुँचे। जिस शेरपा की टाँग टूट गई उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया।
4. कैंप तीन: यह ल्होत्से पहाड़ियों के गन में स्थित था। यहाँ नाइलॉन के बने तंबू में लेखिका और उसके सभी साथी सोए हुए थे। इसमें 10 व्यक्ति थे रात 12.50 बजे एक हिमखंड उन पर आ गिरा।
5. कैंप चार: यह समुंदर के 7900 मीटर ऊपर था। यहीं से साउथ कैंप और शिखर कैंप के लिए चढ़ाई की गई। यह 29 अप्रैल 1984 को अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा ने लगाया था।
6. साउथ पोल कैंप: यहीं से अंतिम दिन की चढ़ाई शुरू हुई।
7. शिखर कैंप: यह पर्वत की सर्वोत्तम चोटी से ठीक नीचे स्थित है। इस कैंप में लेखिका और अंगदोरजी केवल दो घंटे में पहुँच गया। चोटी पर पहुँचने से पहले यहीं आराम करके चाय पी ली।

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