विषयसूची हामिद ने मेले में चिमटे को ही क्यों खरीदा समझाइए?इसे सुनेंरोकेंउत्तर: हामिद ने ईद के मेले से तीन पैसों में लोहे का चिमटा खरीदा, क्योंकि उसकी दादी के पास चिमटा नहीं था। जब वे तवे पर से रोटियाँ उतारतीं तो उनके हाथ की उँगलियाँ जल जाती थीं, इसलिए हामिद ने दादी के लिए चिमटा खरीदा। हामिद के माता पिता को क्या हुआ था? इसे सुनेंरोकेंकहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए। उत्तर : अमीना ने हामिद को उसके माता-पिता के संबंध में झूठ बोला था। हामिद को यही पता था कि उसके पिता व्यापार के लिए बाहर गए हैं तथा उसकी माँ अल्लाह मियाँ के यहाँ गई हैं। हामिद के बारे में आप क्या जानते हैं?इसे सुनेंरोकेंहामिद बेहद भावुक और संवदेशील है और वो अपनी दादी से प्रेम करने वाला है। जब वो ये देखता है कि उसकी दादी बिना चिमटे के रोटी बनाती है जिस कारण उसकी दादी के हाथ जल जाते हैं तो वह अपनी दादी की सुविधा के लिए दादी द्वारा मेले में उसको खाने-खिलौने के लिए दिये गये पैसों से चिमटा खरीद लेता है। हामिद चरखी पर क्यों नहीं बैठा? इसे सुनेंरोकेंAnswer: क्योकि उसे अपनी दादी के लिए चिमटा लेना थाऔर चरखी पर बैठकर पैसे बर्बाद नही करना चाहता था। मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में कौन कौन से विचार आए वर्णन कीजिए?इसे सुनेंरोकेंउत्तर: मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामीद के मन में एक वयस्क की तरह विचार करने लगा। खिलौने सभी अच्छे हैं किसे लें। हरेक का दाम दो पैसे हैं, सभी खिलौने भी नहीं होंगे । हामिद ने चिमटे को कौन सी उपमा दी? इसे सुनेंरोकेंजब हामिद ने अमीना को चिमटा दिया, तो अमीना का दिल भर आया। वह उस बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए अल्लाह से दुआएँ करने लगी और रोने लगी। वह जानती थी कि हामिद के सिर से माता-पिता का साया हट गया है। यदि उसके माता-पिता होते, तो उसका भविष्य ऐसा नहीं होता। हामिद के पिता का नाम क्या है?इसे सुनेंरोकें____ हामिद चार-पाँच साल का दुबला-पतला लड़का है, वह अपनी दादी अमीना के साथ रहता है। उसके माता-पिता गत वर्ष गुज़र चुके हैं, परन्तु उसे बताया गया है कि उसके अब्बाजान रुपये कमाने गए हैं और उसकी अम्मीजान अल्लाह मियाँ के घर से उसके लिए अच्छी-अच्छी चीजें लाने गई हैं। इसलिए हामिद आशावान है और प्रसन्न है। हामिद के खुशी का कारण क्या है? इसे सुनेंरोकेंअम्मीजान अल्लाह मियाँ के घर से उसके लिए बहुत सी चीजें लाने गयी है। हामिद का दिल निर्मल और खुश है। वह ईद का मेला भी देखने जा रहा है। यही हामिद की खुशी का कारण है। हामिद के चरित्र की विशेषता कौनसी है?इसे सुनेंरोकेंहामिद के अंदर चतुराई भी है, वह जानता है कि उसके पास कम पैसे हैं और उसके दोस्त जब पैसे मिठाई-खिलौनों आदि में पैसे खर्च करते हैं तो वो खिलौनों और मिठाई की बुराइयां बताकर दोस्तों के सामने अपनी निर्धनता छुपाकर स्वयं को शर्मिंदा होने से बचा लेता है। हामिद के पिता की मृत्यु कैसे हुई? इसे सुनेंरोकेंहामिद के पिता की मृत्यु हैजे नामक संक्रमण की बिमारी से हुई। हामिद के बचपन में ही उसकी माँ की मृत्यु हो गई थी। हामिद ने चिमटा इसलिए खरीदा रोटी बनाते समय अमीना के हाथों में छाले पड़ गये थे। हामिद के पास कितने पैसे हैं?इसे सुनेंरोकेंउसके पास बारह पैसे हैं. मोहसिन के पास एक, दो, तीन, आठ, नौ, पंद्रह पैसे हैं. इन्हीं अनगिनती पैसों में अनगिनती चीजें लाएँगे-खिलौने, मिठाइयाँ, बिगुल, गेंद और जाने क्या-क्या! और सबसे ज़्यादा प्रसन्न है हामिद. हामिद ने मेले में क्या खरीदा? इसे सुनेंरोकेंईद के मौके पर वह अपनी दादी से तीन पैसे लेकर अपने दोस्तों के साथ मेले में जाता है। उसके दोस्त मेले में खूब मस्ती करते हैं, खिलौने खरीदते हैं लेकिन हामिद को मेले में भी अपनी दादी का ख्याल आता है और वह तीन पैसे में दादी के लिए चिमटा खरीद लेता है, क्योंकि उसकी दादी जब खाना बनाती है तो उनके हाथ जल जाते हैं।
पाठ का सारांशरमजान माह के अंतिम दिन ईद मनाई जा रही है। बड़ा ही सुवाहन और पावन दिन है। बच्चे बहुत खुश हैं। महमूद, मोहसिन, नूरे, सम्मी, हामिद ईदगाह जाने के लिए अति उत्सुक हैं। हामिद सभी बच्चों में छोटा है। वह अपनी दादी अमीना के साथ रहता है। उसके अब्बा-अम्मी परलोक सिधार चुके हैं। अमीना गरीबी में जीवन यापन कर रही है। उसके पास केवल दो आने हैं। उसमें से वह हामिद को तीन पैसे ईदगाह जाने के लिए देती है। हामिद ईदगाह जाने वालों की टोली और अन्य बच्चों के साथ बड़ी उमंग और प्रसन्नता के साथ रवाना होता है। ईदगाह पहुँचने पर सबसे पहले नमाज (प्रार्थना) अदा की जाती है। नमाज का दृश्य अपूर्व और भ्रातृत्वपूर्ण है। नमाज के बाद ईदगाह के मेले में लोग पहुँचते हैं। तरह-तरह की दुकानें, हिंडोला (झूला) इत्यादि सजे हुए हैं। सभी बच्चे तरह-तरह के खिलौने खरीदते हैं, मिठाईयाँ खाते हैं। महमूद सिपाही, मोहसिन भिश्ती, नूरे वकील, सम्मी खजरी खरीदते हैं। किंतु हामिद के पास केवल तीन पैसे हैं। वह खिलौने के छूट जाने, खराब हो जाने के बारे में सोचता है। उसे याद आता है कि उसकी दादी जब तवे पर से रोटियाँ उतारती है तो उसकी अंगुलियाँ जल जाती हैं। ऐसा विचार कर लोहे की दुकान से वह मोल-भाव कर चिमटा खरीदता है। बाकि बच्चे चिमटा खरीदने पर उसकी आलोचना करते हैं। किन्तु वह चिमटा के बहु-उपयोग जैसे- बंदूक, फकीरों का चिमटा, मंजीरा के रूप में बताता है। ईदगाह के बाद घर पहुँचने पर अन्य बच्चों के खिलौने छीना-झपटी, खेल-खेल में टूट-फूट जाते हैं। जब हामिद, घर पहुँचता है तो अमीना उसे गोद में उठाकर प्यार करती है। किंतु जैसे ही उसके हाथ में लोहे का चिमटा देखती है तो गुस्सा होते हुए हामिद को डाँटती है। वह कहती है कि कुछ भी खाया-पिया नहीं और ये चिमटा खरीद लाया है। किंतु जब हामिद बताता है कि रोटियाँ सेंकते समय आपकी अंगुलियाँ जल जाती हैं तब दादी अमीना का क्रोध तुरन्त स्नेह में बदल जाता है। उसका दिल गदगद् हो जाता है। आँखों से आँसू झरने लगते हैं। अपना आँचल फैलाकर वह हामिद को दुवाएँ देती हैं। यह दृश्य प्रेंम की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करता है। अभ्यासशब्दार्थ कक्षा 5 हिन्दी के इन 👇 पाठों को भी पढ़ें। बोधप्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए- 3. किसने कौन-सा खिलौना खरीदा ? सही जोड़ियाँ मिलाइए तथा खिलौने पर एक-एक वाक्य लिखिए- वाक्य प्रयोग- 4. रिक्त
स्थानों की पूर्ति कीजिए- इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। भाषा अध्ययन1. दिए गए शब्दों के हिंदी समानार्थी शब्द चुनकर लिखिए- 2. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए- 3. उदाहरण के अनुसार दिए गए शब्दों के बहुवचन बनाइए- 4. इस पाठ में से अर्थ के आधार पर विभिन्न प्रकार के वाक्य छाँटकर लिखिए। 5. इस पाठ में से विशेषण और
विशेष्य शब्द चुनकर उदाहरण के अनुसार तालिका में लिखिए- इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। आशा है इस पाठ की जानकारी विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण होगी। I hope the above information will be useful and important. Watch related information below 3 पैसे देकर हामिद क्या खरीदता है?एक पैसा देकर बैठ जाओ और पच्चीस चक्करों का मज़ा लो। महमूद और मोहसिन और नूरे और सम्मी इन घोड़ों और ऊँटों पर बैठते हैं। हामिद दूर खड़ा है। तीन ही पैसे तो उसके पास हैं।
हामिद ने क्या खरीदा?ईद के मौके पर वह अपनी दादी से तीन पैसे लेकर अपने दोस्तों के साथ मेले में जाता है। उसके दोस्त मेले में खूब मस्ती करते हैं, खिलौने खरीदते हैं लेकिन हामिद को मेले में भी अपनी दादी का ख्याल आता है और वह तीन पैसे में दादी के लिए चिमटा खरीद लेता है, क्योंकि उसकी दादी जब खाना बनाती है तो उनके हाथ जल जाते हैं।
हामिद ने चिमटा कितने पैसे में खरीदा था?हामिद ने एक दुकानदार से तीन पैसों में एक चिमटा खरीद लिया और उसे कंधे पर रख लिया; मानो वह उसकी बन्दूक हो। महमूद बोला कि चिमटा खिलौना नहीं है। हामिद ने अपने चिमटे को बहादुर शेर बताया।
हामिद ने अपने तीन पैसे चिमटे पर खर्च करना क्यों ठीक समझा?हामिद ने अपने तीन पैसे चिमटे पर खर्च करना इसलिए ठीक समझा क्योंकि उसकी दादी के पास चिमटा नहीं था। रोटियाँ पकाते समय उनके हाथ जल जाते थे। अगर वह चिमटा ले कर जाएगा तो दादी बहुत खुश होंगी फिर उनकी ऊंगलियाँ कभी न जलेंगी और वह दुआएँ देंगी।
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