हिंदी न्यूज़ धर्मइस मंदिर में अपनी पत्नी के साथ विराजमान हैं हनुमान जी Show
इस मंदिर में अपनी पत्नी के साथ विराजमान हैं हनुमान जीमान्यता है कि हनुमान जी के उनकी पत्नी के साथ दर्शन करने के बाद घर में चल रहे पति पत्नी के बीच के सारे तनाव खत्म हो जाते हैं। तेलंगाना के खम्मम जिले में बना हनुमान जी का यह मंदिर काफी मायनों में खास...Yuvrajलाइव हिन्दुस्तान टीम,मेरठ Fri, 07 Feb 2020 01:58 AM मान्यता है कि हनुमान जी के उनकी पत्नी के साथ दर्शन करने के बाद घर में चल रहे पति पत्नी के बीच के सारे तनाव खत्म हो जाते हैं। तेलंगाना के खम्मम जिले में बना हनुमान जी का यह मंदिर काफी मायनों में खास है। यहां हनुमान जी अपने ब्रह्मचारी रूप में नहीं बल्कि गृहस्थ रूप में अपनी पत्नी सुवर्चला के साथ विराजमान हैं। हनुमान जी के सभी भक्त यही मानते आए हैं की वे बाल ब्रह्मचारी हैं। इतना ही नहीं वाल्मीकि, कम्भ सहित किसी भी रामायण और रामचरित मानस में बालाजी के इसी रूप का वर्णन मिलता है, लेकिन पराशर संहिता में हनुमान जी के विवाह का उल्लेख है। इसका सबूत है तेलंगाना के खम्मम जिले में बना एक खास मंदिर जो प्रमाण है हनुमान जी की शादी का। यह मंदिर याद दिलाता है रामदूत के उस चरित्र का जब उन्हें विवाह के बंधन में बंधना पड़ा था। हालांकि इसका यह अर्थ नहीं कि हनुमान बाल ब्रह्मचारी नहीं, पवनपुत्र का विवाह भी हुआ था और वो बाल ब्रह्मचारी भी रहे। क्यों करना पड़ा विवाह कुल 9 तरह की विद्या में से हनुमान जी को उनके गुरु ने पांच तरह की विद्या तो सिखा दी लेकिन बची चार तरह की विद्या और ज्ञान ऐसे थे जो केवल किसी विवाहित को ही सिखाए जा सकते थे। हनुमान जी पूरी शिक्षा लेने का प्रण कर चुके थे और इससे कम पर वे मानने को राजी नहीं थे। इधर, भगवान सूर्य के सामने संकट था कि वह धर्म के अनुशासन के कारण किसी अविवाहित को कुछ विशेष विद्याएं नहीं सिखला सकते थे। ऐसी स्थिति में सूर्य देव ने हनुमान जी को विवाह की सलाह दी। और अपने प्रण को पूरा करने के लिए हनुमान जी भी विवाह सूत्र में बंधकर शिक्षा ग्रहण करने को तैयार हो गए। लेकिन हनुमान जी के लिए दुल्हन कौन हो और कहां से वह मिलेगी इसे लेकर सभी चिंतित थे। सूर्य देव ने अपनी परम तपस्वी और तेजस्वी पुत्री सुवर्चला को हनुमान जी के साथ शादी के लिए तैयार कर लिया। इसके बाद हनुमान जी ने अपनी शिक्षा पूर्ण की और सुवर्चला सदा के लिए अपनी तपस्या में रत हो गई। इस तरह हनुमान जी भले ही शादी के बंधन में बंध गए हो लेकिन शारीरिक रूप से वे आज भी एक ब्रह्मचारी ही हैं। पाराशर संहिता में तो लिखा गया है की खुद सूर्यदेव ने इस शादी पर यह कहा कि यह शादी ब्रह्मांड के कल्याण के लिए ही हुई है और इससे हनुमान जी का ब्रह्मचर्य भी प्रभावित नहीं हुआ। हनुमान जी की पत्नी का नाम क्या है?...चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। सूर्य की पुत्री संरचना हनुमान जी की पत्नी कुछ ही पलों के लिए बनी थी इनका मंदिर भी है आप गूगल पर सर्च करके देख सकते हैं हनुमान जी सदैव ब्रह्मचारी थे और बाल ब्रह्मचारी हमेशा ही रहे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है लेकिन उनकी पत्नी है यह भी सत्य है लेकिन इसका कारण यह था जब ब्रह्माजी से हनुमानजी ब्रह्म ज्ञान सीख रहे थे तो उस पूजा में पति-पत्नी को बैठना जरूरी था यदि किसी की पत्नी नहीं हुई तो उसे प्रज्ञान नहीं मिल सकता है इसलिए उनके देश को संभालने के लिए आदिशक्ति टोली के चुकी हो तेजस्वी मीटिंग में संरचना हनुमान जी की पत्नी बनने को तैयार हो गई इस प्रकार ब्रह्म ज्ञान का फल प्राप्त हुआ है दोस्तों की आपको मेरी बात समझ में आ गई होगी कि हनुमान जी सदैव हुई बाल ब्रह्मचारी थे और हमेशा ही रहे जय श्री राम Romanized Version 1 जवाब This Question Also Answers:
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बजरंगबली की पत्नी का नाम क्या था?कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण ही बजरंगबली को सुवर्चला के साथ विवाह बंधन में बंधना पड़ा।
हनुमान जी की पुत्री का नाम क्या था?उन्हें परेशान देख सूर्य देव ने हनुमान जी से कहा कि तुम मेरी पुत्री सुवर्चला से विवाह कर लो।
हनुमान जी के ससुर का नाम क्या है?हनुमान जी की रजामंदी मिलने के बाद सूर्य देव के तेज से एक कन्या का जन्म हुआ। इसका नाम सुर्वचला था। सूर्य देव ने हनुमान जी को सुवर्चला से शादी करने को कहा। सूर्य देव ने यह भी बताया कि सुवर्चला से विवाह के बाद भी तुम सदैव बाल ब्रह्मचारी ही रहोगे, क्योंकि विवाह के बाद सुवर्चला पुन: तपस्या में लीन हो जाएगी।
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