Hindi Bhasha ka Mahatva Par Nibandh: नमस्कार दोस्तों, आज हम यहां पर हिंदी का महत्व पर निबंध के बारे में बताने वाले है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसके बारे जितना लिखा जाए उतना काम ही है। इस भाषा से हम कई और भाषाओं का ज्ञान भी ले सकते हैं। यहां पर हमने हिंदी का महत्व पर निबन्ध के जरिये आपको बताने का प्रयास किया है। आप इसे अंत तक जरूर पढ़े। Show
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हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (250 शब्द)विश्व की प्राचीन और सरल भाषाओं की सूचि में हिंदी को अग्रिम स्थान मिला हैं। हिंदी भारत की मूल है। यह भाषा हमारी संस्कृति और संस्कारों की पहचान है। हिंदी भाषा हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान और गौरव प्रदान करवाती है। विश्व की सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा में हिन्दी का स्थान दूसरा आता है। भारत देश में यह भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती है इसलिए हिंदी भाषा को 14 सितम्बर 1949 के दिन अधिकारिक रूप से राजभाषा का दर्जा दिया गया। भारत ही एक ऐसा देश है, जिसकी राष्ट्रभाषा और राजभाषा एक ही है। जो यह साबित करता है की भारत देश में हिंदी का कितना महत्व है। हिंदी भाषा का जन्म लगभग एक हजार वर्ष पहले हुआ था। ऐसा माना जाता है कि हिंदी का जन्म देवभाषा संस्कृत की कोख से हुआ है। संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, अवहट्ट, हिन्दी -यह हिंदी भाषा का विकास क्रम है। हिंदी एक भावात्मक भाषा है, जो लोगों के दिल को आसानी छू लेती है। हिंदी भाषा देश की एकता का सूत्र है। पुरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार करने का श्रेय एक मात्र हिंदी भाषा को जाता है। भाषा की जननी और साहित्य की गरिमा हिंदी भाषा जन-आंदोलनों की भी भाषा रही है। आज भारत में पश्चिमी संस्कृति को अपनाया जा रहा है, जिसके चलते अंग्रेजी भाषा का सभी क्षेत्रों में चलन बढ़ गया है। वास्तविक जीवन में भले ही हम हिंदी का प्रयोग जरूर करते है लेकिन कॉर्पोरेट जगत में ज्यादातर अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग होता है, जो हमारे लिए एक शर्मनाक बात है। फिर भी दुनिया में हिंदी की बढ़ती पॉपुलरटी को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा की हिंदी भविष्य की भाषा है। एक भारतीय होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है की हमें भी हिंदी के महत्व को बढ़ाना देना चाहिए। हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (1200 शब्द)प्रस्तावनाएक स्वतंत्र देश की खुद की एक भाषा होती है, जो उस देश का मान-सम्मान और गौरव होती है। भाषा और संस्कृति ही उस देश की असली पहचान होती है। भाषा ही एक ऐसा जरिया है, जिसकी मदद से हम अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। विश्व में कई सारी भाषाएँ बोली जाती है, जिसमें हिंदी भाषा का विशेष महत्व है। यह भाषा भारत में सबसे अधिक बोली जाती है और विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में दूसरा स्थान है। हिंदी सिर्फ एक भाषा का काम ही नहीं करती है। यह सभी लोगों को एक दूसरे को आपस में जोड़े रखने का काम भी करती है। हिंदी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बोली जाने वाली भाषा है। इसका अध्ययन विदेशों में भी होता है और विश्व के कोने-कोने से लोग भारत सिर्फ हिंदी सिखने के लिए आते है। ऐसा माना जाता है कि संस्कृत भाषा का सरलतम रूप हिंदी भाषा ही है। हिंदी भाषा में संस्कृत के काफ़ी शब्दों का समावेश देखने को मिल जाएगा। हिंदी भाषा का विकासविश्व में कुल 3 हजार भाषाएं बोली जाती है, उनमें से हिंदी एक भाषा है। रूप या आकृति के आधार पर हिंदी वियोगात्मक भाषा है। भारत देश में 4 भाषा के परिवार मिलते है, जो भारोपीय, द्रविड़, ऑस्ट्रिक व चीनी तिब्बती है। भारत में सबसे अधिक बोला जाने वाला भाषा परिवार भारोपीय परिवार है। यह भाषा की आदि जननी संस्कृत है। संस्कृत पाली, प्राकृतिक भाषा से होती हुई और अपभ्रंश तक पहुंचती है। फिर अपभ्रंश से गुजरती हुई प्राचीन/प्रारंभिक हिंदी का रूप लेती है। सामान्यता हिंदी भाषा के इतिहास का आरंभ अपभ्रंश से माना जाता है। हिंदी भाषा का विकास क्रमसंस्कृत⇾ पालि⇾ प्राकृत⇾ अपभ्रंश⇾ अवहट्ट⇾ प्राचीन/प्रारम्भिक हिन्दी हिंदी भाषा का महत्वयह एक ऐसी भाषा है, जो सभी धर्मों के लोगों को जोड़े रखने का काम करती है। यह सिर्फ एक भाषा का काम ही नहीं करती, यह एक देश की संस्कृती, वेशभूषा, रहन सहन, पहचान आदि है। हमारे में से कई लोग ऐसी भी है, जो यह मानते है कि वह हिंदी नहीं सीखेंगे फिर भी उनका काम बन जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि भारत में हर व्यक्ति अन्य भाषाओं को मुख्य भाषा के रूप में प्रयोग में नहीं ला सकता है। लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसकी मदद से हर भारतीय आसानी से आपस में समझ सकते हैं। हिंदी को संस्कृत की बड़ी बेटी का दर्जा प्राप्त है। हिंदी बहुत ही सरल भाषा है, जिससे हर कोई सिखकर इसका प्रयोग कर सकता है। यह सिखने में बहुत ही आसान है। हिंदी को सिखने के लिए आपको अधिक खर्चे करने की भी जरूरत नहीं है। हिंदी को मात्र कुछ किताबों की मदद से सिखा जा सकता है। हिंदी भाषा का प्रयोग भारत के लोग अपने बचपन से करना शुरू कर देते है। हिंदी- एक भावात्मक भाषाभारत एक ग्रामीण देश है और इसकी अधिकतर जनसंख्या ग्रामीण इलाकों से तालुक रखती है। भारत में सभी अंग्रेजी नहीं जानते। इसलिए भारत में आपको किसी से भी बात करनी हो या फिर संवाद करना हो तो आपको पहले हिंदी का ज्ञान होना ही चाहिए। यह एक ऐसी भाषा है, जिसकी मदद से हम अपनी भावनाओं को बहुत ही सरल तरीके से व्यक्त कर सकते हैं। हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग है, जिनको हिंदी की जानकारी होते हुए भी अन्य भाषओं का प्रयोग करते हैं क्योंकि उनको लगता है कि हिंदी बोलने से उनके चरित्र पर सवाल उठेंगे। ये सोच रखने वाले हिंदी को अधिक महत्व नहीं देते लेकिन उनको यह जानकारी होनी चाहिए कि हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे सिखने के लिए लोग लाखों रुपये खर्च करके भारत आते है। हिंदी के महत्व को जानने के लिए यही मात्र काफी है। इंटरनेट युग में हिन्दीइंटरनेट एक ऐसी जगह है, जहां पर हम हर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत और विश्व में इन्टरनेट जिस रफ़्तार से विकसित हुआ है, वो सही में बहुत तारीफ के काबिल है। हिंदी भाषा भी अब इंटरनेट पर तेजी से अपना कब्ज़ा जमा रही है। आज के समय में हिंदी भाषा हर समाचार पत्र से लेकर हिंदी ब्लॉग तक अपनी पहचान हासिल कर रही है। गूगल और विकिपीडिया जैसी बड़ी वेबसाइट हिंदी को हर व्यक्ति तक पहुँचाने में अपनी हर संभव कोशिश कर रही है। इन्होंने हिंदी भाषा के महत्व (Hindi ka Mahatva) को समझते हुए इंटरनेट पर ट्रांसलेटर, सर्च, सोफ्टवेयर आदि को विकसित किया जिससे लोगों के लिए हिंदी को जानना और भी आसान हो गया। आज के समय में इंटरनेट पर हर महत्वपूर्ण चीज की जानकारी हिंदी में मिल रही है, जिससे हिंदी और भी लोकप्रिय होती जा रही है। हर कोने में हिंदी की पहचान कायम हो रही है। हिंदी भाषा के क्षेत्रऐसा माना जाता था कि हिंदी उत्तर भारत में ज्यादा बोली जाती है लेकिन अब हिंदी भारत के हर कोने में फैलती गई है और धीरे-धीरे हिंदी भाषा पूरे भारत में लोकप्रिय होती गई। आज के समय में हिंदी भाषा वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही है। इसकी हर जगह पर सराहना हो रही है। आज के समय में हिंदी मुख्य रूप से भारत के सभी राज्यों में बोली जाती है ,इन राज्यों में मुख्य रूप से बिहार, उतरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उतराखंड राजस्थान आदि आते है। यह भाषा भारत के अलावा नेपाल, दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, अमेरिका, यमन, युगांडा, जर्मनी, न्यूजीलैंड, सिंगापुर आदि में भी बोलने वालों की संख्या लाखों में है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूके, कनाडा और यूएई में भी हिंदी बोलने वाले और द्विभाषी या त्रिभाषी बोलने वालों की संख्या भी बहुत है। हिंदी भाषा की विशेषताएं
उपसंहारहिंदी भाषा के प्रति हमारा सभी का यह कर्तव्य है कि हमें हिंदी के विस्तार के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। हमें इसका भरपूर सम्मान करना चाहिए। यह भाषा सभी धर्मों को जोड़े रखने का काम करती है। सभी को यह समझाना चाहिए कि हिंदी का प्रयोग करना हीनता का प्रतीक नहीं बल्कि यह हमारा गौरव है।
अंतिम शब्दहम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा शेयर किया गया यह ” हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (Hindi ka Mahatva Essay in Hindi)“ पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपको इस हिंदी निबंध में कोई त्रुटी दिखे या आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। Read Also
हिंदी भाषा का हमारे जीवन में क्या महत्व है?एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
हिंदी भाषा से आप क्या समझते हैं?हिन्दी या हिंदी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिंदी कहा जाता है, विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं।
हिंदी से हमें क्या लाभ हैं अपने शब्दों में लिखिए?1 Answer. हिंदी भाषा सीखने से ये लाभ मिलते हैं।. हिंदी से हम सारे भारत की पहचान अच्छी तरह से कर सकते हैं।. हमें भारत के सभी प्रांतों से यह भाषा जुडाती है।. यह भाषा हमें एकता के सूत्र में बाँधती है।।. मीडिया, फिल्म उद्योग, बैंक आदि क्षेत्रों में हिंदी की उपयोगिता बढ़ती जा रही है।. हिंदी भाषा से कई रोज़गार हमें मिलते हैं।. हिंदी भाषा की विशेषता क्या है?हिंदी भाषा की एक विशेषता यह भी है कि इसमें निर्जीव वस्तुओं (संज्ञाओं) के लिए भी लिंग का निर्धारण होता है। हिंदी एक व्यावहारिक भाषा है। इसमें अंग्रेजी की भाँति कई-कई रिश्तों के लिए एक ही शब्द से काम नहीं चलाया जाता। प्रत्येक संबंध के लिए अलग-अलग शब्द हैं।
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