Show
Muhavare (Idioms) (मुहावरे)मुहावरा: सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशेष अथवा विलक्षण अर्थ का बोध कराने वाले पदबन्ध को मुहावरा कहते हैँ। इन्हे वाग्धारा भी कहते हैँ। Muhavare के अक्सर वाक्य प्रयोग और अर्थ विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। लगभग सभी बोर्ड्स के हिंदी व्याकरण के पेपर में मुहावरे के वाक्य प्रयोग पूछे जाते हैं। अन्य शब्दों में मुहावरे का अर्थमुहावरा एक ऐसा वाक्यांश है, जो रचना मेँ अपना विशेष अर्थ प्रकट करता है। रचना मेँ भावगत सौन्दर्य की दृष्टि से मुहावरोँ का विशेष महत्त्व है। लाभमुहावरे के प्रयोग से भाषा सरस, रोचक एवं प्रभावपूर्ण बन जाती है। इनके मूल रूप मेँ कभी परिवर्तन नहीँ होता अर्थात् इनमेँ से किसी भी शब्द का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त नहीँ किया जा सकता। हाँ, क्रिया पद मेँ काल, पुरुष, वचन आदि के अनुसार परिवर्तन अवश्य होता है। मुहावरा अपूर्ण वाक्य होता है।
वाक्य प्रयोग करते समय यह वाक्य का अभिन्न अंग बन जाता है। मुहावरे के प्रयोग से वाक्य मेँ व्यंग्यार्थ उत्पन्न होता है। अतः मुहावरे का शाब्दिक अर्थ न लेकर उसका भावार्थ ग्रहण करना चाहिए। प्रमुख मुहावरे व उनका अर्थ:
हिन्दी के महत्त्वपूर्ण मुहावरे, उनके अर्थ और प्रयोग(अ)1. अंक में समेटना–(गोद में लेना, आलिंगनबद्ध करना) (आ)55. आग पर तेल छिड़कना–(और भड़काना) (इ)116. इधर–उधर की हाँकना–(अप्रासंगिक बातें करना) (ई)123. ईंट से ईंट बजाना–(नष्ट–भ्रष्ट कर देना) (उ)128. उँगली उठाना–(इशारा करना, आलोचना करना।) (ए)150. एक ही लकड़ी से हाँकना–(अच्छे–बुरे की पहचान न करना) (ओ)164. ओखली में सिर देना–(जानबूझकर अपने को जोखिम
में डालना) (औ)167. औने–पौने करना–(जो कुछ मिले उसे उसी मूल्य पर बेच देना) (क)172. कंधा देना–(अर्थी को कंधे पर उठाकर अन्तिम संस्कार के लिए श्मशान ले जाना) (ख)242. खरी–खोटी सुनाना–(बुरा–भला कहना) (ग)263. गले का हार होना–(अत्यन्त प्रिय होना) (घ)280. घड़ों पानी पड़ना–(बहुत लज्जित होना) (छ)324. छक्के छूटना–(हिम्मत हारना) (ज)334. जान के लाले पड़ना–(जान पर संकट आ जाना) (ट)363. टिप्पस लगाना–(सिफारिश करवाना) (ड)376. डंक मारना–(घोर कष्ट देना) (त)389. तंग आ जाना–(परेशान हो जाना) (थ)407. थाली का बैंगन–(ढुलमुल विचारों वाला/सिद्धान्तहीन व्यक्ति) (द)412. दंग रह जाना–(अत्यधिक चकित रह जाना) (ध)444. धोती ढीली होना–(घबरा जाना) (न)450. नंगा कर देना–(वास्तविकता प्रकट करना/असलियत खोलना) (प)471. पत्थर की लकीर होना–(स्थिर होना या दृढ़ विश्वास होना) (फ)493. फ़रिश्ता निकलना–(बहुत भला और परोपकारी सिद्ध होना) (भ)529. भण्डा फोड़ना–(रहस्य खोलना/भेद प्रकट करना) (म)539. मुख से फूल झड़ना–(मधुर वचन बोलना) (य)565. यम की यातना–(असह्य कष्ट) (ल)581. लंगोटी बिकवाना–(दरिद्र कर देना) (श्र), (श)602. श्रीगणेश करना–(कार्य आरम्भ करना) (स)609. सफ़ेद झूठ–(सर्वथा असत्य) कहावतें‘कहावतें’ हिन्दी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ होता है, ‘कही हुई बातें।’ यदि हम इसके अर्थ पर विचार करते हैं तो स्पष्ट हो जाता है कि प्रत्येक कही हुई बात कहावत नहीं होती,
बल्कि जिस कहावत में जीवन के अनुभव का सार–संक्षेपण चमत्कृत ढंग से किया जाए, उसे कहावत के अन्तर्गत माना जाता है। मुहावरा और कहावत में अन्तरमुहावरा कहावत
हिन्दी की कुछ प्रचलित कहावतें, उनके अर्थ और प्रयोग (अ)1. अंधों में काना राजा–मूल् के मध्य कुछ चतुर। (आ)32. आँख का अंधा नाम नयनसुख–नाम के विपरीत गुण। (ई)58. ईंट की देवी माँगे का प्रसाद–जैसा व्यक्ति वैसी आवभगत। (उ)60. उसी की जूती उसी का सिर–जिसकी करनी उसी
को फल मिलता है। (ऊ)63. ऊँट किस करवट बैठता है–न जाने भविष्य में क्या होगा। (ए)65. एक अनार सौ बीमार–एक ही वस्तु के अनेक आकांक्षी। (ओ)75. ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डरना–जब कार्य करना ही है तो आने वाली कठिनाइयों से नहीं डरना चाहिए। (क)78. कबीरदास की उल्टी बानी, बरसे कम्बल भीगे पानी–उल्टी बात कहना। (ख)103. खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है–जब कोई व्यक्ति अपने साथी (ग)115. गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज–बनावटी त्याग। (घ)124. घर का भेदी लंका ढावे–रहस्य जानने वाला बड़ा घातक होता है। (च)134. चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय–बहुत कंजूस होना। (ज)150. जल में रहकर मगर से बैर–बड़ों से शत्रुता नहीं चलती। (झ)180. झूठ के पाँव नहीं होते– झूठ बोलने वाला एक बात पर नहीं टिकता। (ट)182. टके की मुर्गी नौ टके महसूल–कम कीमती वस्तु अधिक मूल्य पर देना। (ठ)184. ठोक बजा ले चीज़, ठोक बजा दे दाम–अच्छी वस्तु का अच्छा मूल्य। (ड)186. डण्डा सबका पीर–सख्ती करने से लोग नियंत्रित
होते हैं। (त)190. तलवार का घाव भरता है, पर बात का घाव नहीं भरता–मर्मभेदी बात आजीवन नहीं भूलती। (द)201. दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम–अस्थिर–विचार वाला व्यक्ति कुछ भी नहीं कर पाता है। (ध)212. धन्ना सेठ के नाती बने हैं अपने को अमीर समझते हैं। (न)214. नंगा क्या नहायेगा, क्या निचोड़ेगा–जिसके पास कुछ है ही नहीं, वह क्या अपने पर खर्च करेगा और
क्या दूसरों पर। (प)226. पत्नी टटोले गठरी और माँ टटोले अंतड़ी–पत्नी देखती है कि मेरे पति के पास कितना धन है और माँ देखती है कि मेरे बेटे का पेट अच्छी तरह भरा है या नहीं। (फ)233. फ़कीर की सूरत ही सवाल है—फ़कीर कुछ माँगे या न माँगे, यदि सामने आ जाए तो समझ लेना चाहिए कि कुछ माँगने ही आया। (ब)235. बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद–जब कोई व्यक्ति ज्ञान के अभाव में किसी वस्तु की कद्र नहीं करता है। (भ)240. भीगी बिल्ली बताना–बहाना बनाना। (म)243. मन चंगा तो कठौती में गंगा–यदि मन शुद्ध है तो तीर्थाटन आवश्यक नहीं है। (य)247. यह मुँह और मसूर की दाल–जब कोई व्यक्ति अपनी योग्यता से अधिक पाने की अभिलाषा करता है तब यह कहावत चरितार्थ होती है। (र)248. रस्सी जल गई पर ऐंठन नहीं गई–स्वाभिमानी व्यक्ति बुरी अवस्था को प्राप्त होने पर भी अपनी शान नहीं छोड़ता
है। (ल)250. लकड़ी के बल बन्दर नाचे–दुष्ट लोग भय से ही काम करते हैं। अत: कहा गया है–लकड़ी के बल बन्दर नाचे। (व)251. वही मन, वही चालीस सेर–बात एक ही है, दोनों बातों में
कोई अन्तर नहीं। (श)252. शक्ल चुडैल की, मिज़ाज परियों का–बेकार का नखरा। (स)254. सब धान बाइस पंसेरी–अच्छे–बुरे को एक समान समझना। मुहावरे के प्रयोग के लाभमुहावरे के प्रयोग से भाषा सरस, रोचक एवं प्रभावपूर्ण बन जाती है। इनके मूल रूप मेँ कभी परिवर्तन नहीँ होता अर्थात् इनमेँ से किसी भी शब्द का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त नहीँ किया जा सकता। मुहावरों का प्रयोग करने से हम किसी बड़ी बात को थोड़े शब्दों
में कह सकते हैं। मुहावरे विभिन्न परीक्षाओं की दृष्टि से वहुत उपयोगी हैं। Muhavare के अक्सर वाक्य प्रयोग और अर्थ विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।
दिल खिल उठना का क्या अर्थ है?बेताब हो कर ज़ोर से हंस पड़ना।
मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करो?(1) अपनी खिचड़ी अलग पकाना-सबसे पृथक् काम करना। वाक्य-प्रयोग-वह अपनी खिचड़ी अलग पकाता है। (2) आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना। वाक्य-प्रयोग-तुमने उसकी आँखों में धूल झोंक दी।
मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा?मुहावरा मूलत: अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है बातचीत करना या उत्तर देना। कुछ लोग मुहावरे को 'रोज़मर्रा', 'बोलचाल', 'तर्ज़ेकलाम', या 'इस्तलाह' कहते हैं, किन्तु इनमें से कोई भी शब्द 'मुहावरे' का पूर्ण पर्यायवाची नहीं बन सका। संस्कृत वाङ्मय में मुहावरा का समानार्थक कोई शब्द नहीं पाया जाता।
हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ hrday bhar aana muhaavare ka arth – व्याकुल या द्रवित हो जाना ।
|