इंजेक्शन के दर्द को कैसे खत्म करें? - injekshan ke dard ko kaise khatm karen?

शिशु को एक उम्र तक कुछ विशेष वैक्‍सीन लगवाना जरूरी होता है। वैक्‍सीन लगवाने के बाद दर्द होना सामान्‍य बात है और यह दर्द शिशु के साथ-साथ मां को भी पीड़ा पहुंचाता है। अगर टीकाकरण के बाद आप कुछ आसान टिप्‍स अपनाएं तो वैक्‍सीन के बाद शिशु को होने वाले दर्द को कम कर सकती हैं।

यहां हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्‍स देने जा रहे हैं जो टीकाकरण के बाद शिशु के दर्द को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

शांत माहौल दें
वैक्‍सीन लगवाने के बाद बच्‍चे बहुत रोते हैं और इस वजह से उनमें थकान और चिड़चिड़ापन हो सकता है। वैक्‍सीन लगवाने के बाद बच्‍चे को आरामदायक, सामान्‍य तापमान और शांत कमरे में रखें। उसे ढीले और आरामदायक कपड़े पहनाकर रखें।
इसके अलावा वैक्‍सीन लगवाने के दौरान और बाद में शिशु को गोद में रखें। हो सकता है कि बच्‍चे को आपके स्किन कॉन्‍टैक्‍ट से आराम महसूस हो।

इंजेक्शन के दर्द को कैसे खत्म करें? - injekshan ke dard ko kaise khatm karen?


कारगर तरीके आजमाएं
एक स्‍टडी में सामने आया है कि कुछ आसान तरीके वैक्‍सीनेशन के बाद दर्द को कम करने में मददगार साबित होते हैं। इसमें स्‍वैडलिंग (कपड़े में लपेटना), साइड या पेट के बल लेटना, शांत रहना, झूला झुलाना और दूध पिलाना शामिल है।
वैक्‍सीनेशन के बाद होने वाले दर्द को कम करने के लिए बच्‍चे का ध्‍यान भटकाएं। उसे किताबों, खिलौनों या किसी गेम में उलझाकर रखने की कोशिश करें।

मां का दूध
माना जाता है कि मां के दूध में दर्द निवारक गुण होते हैं। वैक्‍सीन लगवान के दौरान और बाद में ब्रेस्‍टफीडिंग करवाना शिशु के लिए फायदेमंद होता है।

इंजेक्शन के दर्द को कैसे खत्म करें? - injekshan ke dard ko kaise khatm karen?


खूब तरल पदार्थ दें
यदि शिशु 6 महीना का नहीं हुआ है तो उसे वैक्‍सीनेशन के तुरंत बाद दूध पिलाएं, लेकिन अगर बच्‍चे ने ठोस आहार लेना शुरू कर दिया है तो उसे सिर्फ तरल पदार्थ ही दें और पहले 24 घंटे तक कम ही खिलाएं। ऐसे में आप बच्‍चे को प्‍यूरी, सूप और मैश फूड दे सकती हैं। बच्‍चे को जो भी खाना अच्‍छा लगता है, वैक्‍सीनेशन के बाद उसे वो जरूर दें।

दर्द निवारक क्रीम
वैक्‍सीन लगवाने के बाद होने वाले दर्द को कम करने के लिए आप किसी दर्द निवारक क्रीम का इस्‍तेमाल भी कर सकती हैं। ये लगभग एक घंटे में असर दिखाना शुरू करती हैं। हालांकि, डॉक्‍टर के परामर्श के बिना किसी भी दवा या क्रीम का इस्‍तेमाल न करें।
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सिकाई से भी दर्द कम करने में काफी आराम मिलता है। आप दर्द वाले हिस्‍से पर ठंडी सिकाई कर सकते हैं। इससे प्रभावित हिस्‍सा सुन्‍न्‍न हो जाता है और बच्‍चे को दर्द महसूस नहीं होता है। हालांकि, इस बात का ध्‍यान रखें कि बच्‍चे ज्‍यादा ठंडापन सहन नहीं कर पाते हैं इसलिए ज्‍यादा ठंडी सिकाई और लंबे समय तक आईस पैक को स्किन पर लगाकर नहीं रखें।
वैक्‍सीन लगवाने के बाद स्किन पर लालिमा, सूजन और दर्द होता है। वैक्‍सीनेशन के 24 घंटे के अंदर बुखार आ सकता है जो कि एक या दो दिनों तक रह सकता है। इसे लेकर आपको घबराने की जरूरत नहीं है। इस तरह का प्रभाव वैक्‍सीन लगवाने के बाद आता ही है।

Submitted by:

Sunil Mishra

इंजेक्शन के दर्द को कैसे खत्म करें? - injekshan ke dard ko kaise khatm karen?


सूरत. न्यू सिविल अस्पताल में ऑर्थोपेडिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर ने नई तकनीक पेन स्पाजम ब्रेकिंग इंजेक्शन से कमर तथा गर्दन दर्द के मरीजों का इलाज शुरू किया है। रिसर्च पर जयपुर और चेन्नई में कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर इस तकनीक को अपनाने का निर्णय किया गया है। इसमें सिर्फ एक इंजेक्शन लगाकर दर्द से राहत दिलाई जाती है।
न्यू सिविल अस्पताल में ऑर्थोपेडिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जीज्ञेश पटेल ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में रोजाना नए-नए रिसर्च किए जा रहे है। पुराने जमाने में हड्डी की बीमारी के उपचार का तरीका तथा नई रिसर्च को मिलाकर एक नई तकनीक तैयार की गई है। सोलापुर के चिकित्सक डॉ. सतीष चन्द्र गोरे तथा मध्यप्रदेश के डॉ. अरविंद दिवाकर जैन, चेन्नई के डॉ. एल. लक्ष्मण तथा इराक के डॉ. अमजदी ने यह रिसर्च किया है। इससे मरीजों की गर्दन, रीढ़ की हड्डी और कमर से निकलने वाली नस को हाथ-पैर, कंधे या पंजे में खोज करके उसी जगह दर्द का इंजेक्शन देने से मरीजों को राहत मिलती है। यह तकनीक पहली बार सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में शुरू हुई है। यह इंजेक्शन सोडियम चेनल ब्लोकिंग तकनीक से काम करता है। हाथ की हथेली, पैर के पंजे में इंजेक्शन देने से मरीज को दर्द से राहत मिलती है। इराक के डॉ. अमजदी ने इस तकनीक से मरीजों को मिलने वाली राहत को गेट्स ऑफ हैवन, स्वर्ग की अनुभूति नाम दिया है। मेडिकल भाषा में अलग-अलग जगह दिए जाने वाले इंजेक्शन को गेट ए, बी, सी, डी, इ, जे का नाम दिया गया है। डॉ. गोरे ने इस उपचार पद्धति पर रिसर्च किया है। इस इंजेक्शन के लिए मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ता है। इंजेक्शन देने के तुरंत बाद मरीज को दर्द से राहत मिलने लगती है। डॉ. पटेल ने बताया कि वह दो माह से मरीजों को ये इंजेक्शन दे रहे हंै। गुरुवार को भी एक महिला को पैर दर्द होने पर यह इंजेक्शन लगाकर दर्द से छुटकारा दिलाया गया है।
चिकित्सकों ने बताया कि कमर, गर्दन, अंगुलियों, रीढ़ की हड्डी के अलावा टेनिस एल्बो, एड़ी दर्द के मरीजों के लिए यह इंजेक्शन वरदान साबित हो रहा है। इंजेक्शन से मरीज को दर्द से तुरंत राहत मिलने के बाद उसके फीजियोथेरेपी, खानपान, लाइफ स्टाइल में बदलाव तथा विटामिन समेत अन्य दवाएं शुरू की जाती हैं। इससे मरीजों को ऑपरेशन तक जाने से बचाया जा सकता है। इस उपचार का निजी अस्पताल में सात से आठ हजार रुपए का खर्च आता है।

इंजेक्शन लगने के बाद दर्द हो तो क्या करे?

इंजेक्‍शन स्‍पॉट के आसपास के ह‍िस्‍से की माल‍िश करनी चाह‍िए पर ज्‍यादा तेज नहीं रगड़ना है। इंजेक्‍शन स्‍पॉट को भी आपको टच नहीं करना है। सिर्फ उसके आसपास के ह‍िस्‍से पर हल्‍के हाथ से माल‍िश करनी है। मालिश सिर्फ 10 सेकेंड के ल‍िए करनी है, ताकि दर्द से आराम मिल सके।

क्यों इंजेक्शन लगाने पर सूजन या गांठ बन जाती हैं?

बच्चे को पहला इंजेक्शन लगने पर नील पड़ जाता है। सूजनजाती है। इसे साधारण प्रॉब्लम जानकर अवॉइड नहीं करें। बच्चे में ऐसा जेनेटिक ब्लीडिंग डिसऑर्डर यानी हीमोफीलिया की वजह से होता है।

घुटने के दर्द के लिए सबसे अच्छा इंजेक्शन कौन सा है?

घुटने के जोड़ में कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इंजेक्शन, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के शुरुआती चरणों में दर्द और सूजन को कम कर सकता है लेकिन इंजेक्शन देने की संख्या सीमित होती है।

ज्यादा दर्द हो तो क्या करना चाहिए?

अदरक का प्रयोग बॉडी पेन को दूर करने में अदरक (ginger) भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. एनाल्जेसिक गुण के कारण यह बहुत शक्तिशाली होता है, इसमें सूजन कम करने की और दर्द कम करने की शक्ति होती है. ये गुण शरीर के दर्द से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं.