हड़प्पा संस्कृति की कृषि और कृषि प्रौद्योगिकी के मुख्य पक्ष कौन से थे? - hadappa sanskrti kee krshi aur krshi praudyogikee ke mukhy paksh kaun se the?

विषयसूची

  • 1 हड़प्पा सभ्यता में कृषि कैसे की जाती थी?
  • 2 हड़प्पा सभ्यता में कौन सी धातु का प्रयोग किया जाता था?
  • 3 सिंधु सभ्यता में कौन से फल उगाए जाते थे?
  • 4 हड़प्पा मोहनजोदड़ो में कौन सी फसल नहीं हो गई जाति थी?
  • 5 हड़प्पा सभ्यता के लोग क्या क्या बनाते थे?
  • 6 हड़प्पा संस्कृति की कृषि और कृषि प्रौद्योगिकी के मुख्य पक्ष कौन से थे?

हड़प्पा सभ्यता में कृषि कैसे की जाती थी?

इसे सुनेंरोकेंगेहूँ और जौ तो सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों के मुख्य खादान्न थे ही, वे खजूर, सरसों, तिल और मटर भी उगाते थे. सरसों तथा तिल की खेती मुख्य रूप से तेल के लिए करते रहे होंगे. वे राई भी उपजाते थे. हड़प्पा में तरबूज के बीज मिले.

हड़प्पा सभ्यता में कौन सी धातु का प्रयोग किया जाता था?

इसे सुनेंरोकेंसिंधु घाटी सभ्यता या हडप्पा में कांसे का उपयोग हुआ करता था। जो तांबे और रांगे (टिन) का मिश्रण था । इसलिए इसे कास्य सभ्यता भी कहते हैं।

हड़प्पा सभ्यता में वह कौन सी फसल है जिसका सर्वप्रथम उत्पादन हुआ?

इसे सुनेंरोकेंकृषि कार्य से लोग जुड़े रहे । हालांकि इसके साथ-साथ आंतरिक एवं वैदेशिक व्यापार भी इस समय के लोग किया करते थे । वस्त्र लिपटा हुआ मिला । लोथल और रंगपुर का आस-पास का क्षेत्र कपास उपजाने के लिए बहुत ही उपयुक्त था ।

सिंधु सभ्यता में कौन से फल उगाए जाते थे?

इसे सुनेंरोकेंसिंधु घाटी सभ्यता में जौ, गेहूं, चावल के साथ-साथ अंगूर, खीरा, बैंगन, हल्दी, सरसों, जूट, कपास और तिल की भी पैदावार होती थी.

हड़प्पा मोहनजोदड़ो में कौन सी फसल नहीं हो गई जाति थी?

इसे सुनेंरोकेंहड़प्पा में कितनी फसलें उगाई जाती थी? यहाँ के लोग गेहुँ एवं जौ की वृहत पैमाने पर कृषि करते थे। कुछ अन्य फसलें जो इस समय उगाई जाती थी, वे है – दालें, अनाज, कपास, खजूर, मटर, तरबूज एवं सरसों। चावल की खेती के स्पष्ट साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए है।

नमक कहानी में सबसे अच्छा डाभ कहाँ का बताया गया है?

इसे सुनेंरोकें14. ‘नमक’ कहानी में सबसे अच्छा डाभ कहाँ का बताया गया है? (घ) ढ़ाका का। उत्तर :- (घ) ढ़ाका का।

हड़प्पा सभ्यता के लोग क्या क्या बनाते थे?

इसे सुनेंरोकेंइससे पता चलता है कि हड़प्पा सभ्यता के गांवों में गेहूँ, जौ, दलहन, मटर, चावल, तिल, अलसी और सरसों की खेती होती थी। हल की शक्ल का एक खिलौना भी मिला है। इससे पता चलता है कि खेत जोतने के लिए हल का इस्तेमाल होता था। बड़े भंडार गृह और बड़े-बड़े बरतनों के मिलने से यह पता चलता है कि अनाजों का उत्पादन प्रचुर था।

हड़प्पा संस्कृति की कृषि और कृषि प्रौद्योगिकी के मुख्य पक्ष कौन से थे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: सिन्धु और पंजाब में प्रतिवर्ष नदियों द्वारा लाइ गई उपजाऊ मिट्टी में कृषि कार्य अधिक श्रम-साध्य नहीं रहा होगा. इस नरम मिट्टी में कृषि के लिए शायद ताम्बे की पतली कुल्हाड़ियों को लकड़ी के हत्थे पर बाँध कर तत्कालीन किसान भूमि खोदते रहे होंगे.

हड़प्पा सभ्यता में कृषि व्यवस्था के बारे में आप क्या जानते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइस सभ्यता के किसान अपनी आवश्यकता से अधिक अनाज का उत्पादन करते थे। इसलिए नगर में अनाज के भण्डारण के लिए अन्नागार बनाये गए थे जहाँ खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखा जाता था। कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी बहुतायत में किया जाता था। बैल, गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर, कुत्ते, खरगोश, हिरन और कूबड़दार वृषभ आदि पशुओं को पाला जाता था।

हड़प्पा सभ्यता के कृषि प्रौद्योगिकी के मुख्य पक्ष कौन कौन से थे वर्णन कीजिए?

गेहूँ और जौ तो सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों के मुख्य खादान्न थे ही, वे खजूर, सरसों, तिल और मटर भी उगाते थे. सरसों तथा तिल की खेती मुख्य रूप से तेल के लिए करते रहे होंगे. वे राई भी उपजाते थे. हड़प्पा में तरबूज के बीज मिले.

हड़प्पा संस्कृति की कृषि तथा कृषि प्रौद्योगिकी के मुख्य पक्ष कौन कौन से थे?

कृषि तकनीक हड़प्पा काल के दौरान हुए नवाचारों में से एक थी। हड़प्पा ने मिट्टी को तोड़ने के लिए हल विकसित किया और साथ ही उनका उपयोग खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए भी किया जा सकता है। कालीबंगा और बनावली से जोता गया खेत तथा टेराकोटा के 'हल' का प्रमाण मिलता है।

हड़प्पा सभ्यता के पतन का मुख्य कारण क्या था?

इसके पतन के लिए विद्वानों ने कई कारण बताएं हैं, जैसे- बाढ़, आर्यों का आक्रमण, जलवायु परिवर्तन, भू-तात्विक परिवर्तन, व्यापार में गतिरोध, प्रशासनिक शिथिलता, महामारी एवं साधनों का अधिक उपभोग आदि।

हड़प्पा संस्कृति की मुख्य उपलब्धियां कौन कौन सी हैं?

1921 में जब जॉन मार्शल भारत के पुरातात्विक विभाग के निर्देशक थे तब '''दयाराम साहनी''' ने इस जगह पर सर्वप्रथम खुदाई का कार्य करवाया था। दयाराम साहनी के अलावा माधव स्वरुप व मार्तीमर वीहलर ने भी खुदाई का कार्य किया था। हड़प्पा शहर का अधिकांश भाग रेलवे लाइन निर्माण के कारण नष्ट हो गया था।