आधुनिक भारत (Modern Indian History Notes) के अंतर्गत भारत में अंग्रेजों ने सबसे पहला राजनैतिक सत्ता बंगाल में हासिल की। भारत में अंग्रेजों का आगमन, जहाँ उन्होंने बंगाल के नवाब से पहले 23 जून 1757 में प्लासी का युद्ध (Battle of Plassey) फिर 22 अक्टूबर 1764 में बक्सर का युद्ध (Battle of Buxar) से हासिल की। जो बंगाल में द्वैध शासन लागू होने तक, कंपनी के अधिकार की एक मजबूत पकड़ बन गई। Show
ईस्ट इंडिया कंपनी व बंगाल के नवाब का इतिहासविषय - सूची
बंगाल का इतिहास | बंगाल का उदय– आधुनिक भारत के इतिहास (Modern Indian History) अंतर्गत मुगल साम्राज्य में ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ बंगाल के नवाबों के बाद मराठों का हमला और अंत में कंपनी की प्लासी की लड़ाई (1757 ई.) एवं बक्सर की लड़ाई (1764 ई.) द्वारा अलग-अलग संधियां कर बंगाल में द्वैध शासन (1765 ई.-1772 ई.) लागू कर अपना वर्चस्व हासिल किया। बंगाल का इतिहास के प्रमुख बंगाल के नवाबों का क्रम निम्न है- स.क्र.कार्यकालबंगाल नवाबों का नाम1.1717-1727मुर्शिद कुली खां2.1727-1739शुजाउद्दीन मोहम्मद खान3.1739-1740सरफराज खां4.1740-1756अलीवर्दी खां5.1756-1757सिराजुद्दौलामुर्शिद कुली खां (1717-1727)यह मुगल काल में बंगाल का पहला हिन्दु ब्राम्हण सूबेदार (दीवान) था।
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शुजाउद्दीन मोहम्मद खान (1727-1739)शुजाउद्दीन मोहम्मद खान पहला उड़ीसा का उप-सूबेदार था।
सरफराज खां (1739-1740)1739 ई. में शुजाउद्दीन मोहम्मद खान की मृत्यु के पश्चात उसका पुत्र सरफराज खान नवाब बना।
अलीवर्दी खां (1740-1756)यह बंगाल का सबसे योग्य नवाब था। अलीवर्दी खां को मिर्जा मुहम्मद खां की उपाधि से नवाजा गया।
सिराजुदौला (1756-1757)सिराजुद्दौला, अलीवर्दी खां के दौहित्र (नाति) अर्थात् छोटी पुत्री का पुत्र था। जो अलीवर्दी खां के मृत्यु पश्चात् बंगाल का उत्तराधिकारी बना।
बंगाल का इतिहास संघर्ष की पृष्ठभूमिबंगाल मुगल काल का बड़ा राज्य था, इसके अंतर्गत पश्चिम बंगाल, बिहार एवं उड़िसा थे और यह सर्वाधिक सम्पन्न राज्य था।
सिराजुद्दौला – अलीवर्दी खान का नाति। अप्रैल 1756 ई. को शासक बना और 1757 ई. में प्लासी का युद्ध (Battle of Plassey) हुआ। प्लासी के युद्ध की पृष्ठभूमिआधुनिक भारत के इतिहास (Modern Indian History) में सिराजुद्दौला के तीन प्रतिद्वंदी थे, जो बंगाल का शासक बनना चाहते है –
प्लासी का युद्धएक गुप्त संधि के तहत तय हुआ कि छद्म युद्ध में सिराजुदौला को हराकर मीर जाफर को नवाब बनाया जाये।
‘‘प्लासी एक सौदा था जिसमें मीर जाफर के धनी लोगों ने नवाब को अंग्रेजों के हाथों बेच दिया।” – के.एम. पनिक्कर
मीर जाफर (1757-1760)प्लासी का युद्ध के पश्चात मीर जाफर बंगाल का नवाब बना।
मीर कासिम (1760-1763)मीरं जाफर ने दामाद मीर कामिम को बंगाल का नवाब बनाया गया।
बक्सर का युद्धयह एक निर्णायक संधि युद्ध था। यह बक्सर का युद्ध (Battle of Buxar) 22 अक्टूबर 1764 को अवध के नवाब सुजाउद्दौला, बंगाल के नवाब मीर कासिम व मुगल शासक शाहआलम द्वितीय की सैन्य गठबंधन में अंग्रेजों के मध्य सेनापति हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में किया गया।
बंगाल में द्वैध शासन (1765-1772)बक्सर का युद्ध (Battle of Buxar) के बाद बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना की गई। जो कि रॉबर्ट क्लाइव के दिमाग की उपज थी।
परिणामजिसके परिणाम स्वरूप बंगाल में अराजकता व भ्रष्टाचार फैलने लगा। व्यापार, वाणिज्य का पतन होने लगा, कपड़ा उद्योग चौपट हो गया तथा किसानों से अधिक राजस्व वसुलने से खेती चौपट हुआ।
Modern Indian History का कार्यकाल ‘समय-सीमा’ (1757 से 1947 तक) मध्यकालीन भारतीय इतिहास का कार्यकाल (712 से 1761) भारत का संपूर्ण परिचय | Facts About Indian Geography History ईस्ट इंडिया कंपनी का इतिहास प्रश्नोत्तरी | East India Company MCQsमहत्वपूर्ण ईस्ट इंडिया कंपनी का इतिहास सामान्य ज्ञान प्रश्न-उत्तर (प्रश्नोत्तरी) | East India Company Gk Questions and Answers in Hindi Quiz (MCQs) ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जनरल कौन था?कंपनी राज का अर्थ है ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत पर शासन। यह 1773 में शुरू किया है, जब कंपनी ने कोलकाता में एक राजधानी की स्थापना की है, अपनी पहली गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स नियुक्त किया और संधि का एक परिणाम के रूप में 1764 बक्सर का युद्ध के बाद सीधे प्रशासन, में शामिल हो गया है लिया जाता है।
ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना किसने और कब की?भारत के बारे में राल्फ़ फ़िच की जानकारी के आधार पर एक अन्य घुमंतू सर जेम्स लैंकेस्टर सहित ब्रिटेन के 200 से अधिक प्रभावशाली और व्यावसायिक पेशेवरों को इस दिशा में आगे बढ़ने का विचार आया. उन्होंने 31 दिसंबर 1600 को एक नई कंपनी की नींव डाली और महारानी से पूर्वी एशिया में व्यापार पर एकाधिकार प्राप्त किया.
भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की शुरुआत कब हुई?ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना सन 1600 में 31 दिसंबर को हुई थी.
ईस्ट इंडिया कंपनी का पुराना नाम क्या था?1600 में आज ही के दिन इंग्लैड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने 'द गवर्नर एंड कंपनी ऑफ मर्चेंट्स ऑफ लंदन ट्रेडिग इन ईस्ट इंटीज' या ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के स्वीकृति दी थी.
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