Question 1. Answer: (d) अर्देशिर एम. ईरानी। Question 2. Answer: (d) के. एल. सहगल। Question 3. Answer: (b) सुलोचना। Question 4. Answer: (b) दस हजार फुट Question 5. Answer: (a) मैजेस्टिक Question 6. Answer: (a) आलम आरा। Question 7. Answer: (d) 14 मार्च, सन् 1931 को Question 8. Answer: (b)
प्रदीप तिवारी। Question 9. Answer: (b) डब्लू. एम. खान। Question 10. Answer: (c) नायक विट्ठल, नायिका जुबैदा गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (1) पहली बोलती फिल्म आलम आरा बनाने वाले फिल्मकार थे अर्देशिर एम. ईरानी। अर्देशिर ने 1929 में हॉलीवुड की एक बोलती फिल्म ‘शो बोट’ देखी और उनके मन में बोलती फिल्म बनाने की इच्छा जगी। पारसी रंगमंच के एक लोकप्रिय नाटक को आधार बनाकर उन्होंने अपनी फिल्म की पटकथा बनाई। इस नाटक के कई गाने ज्यों के त्यों फिल्म में ले लिए गए। एक इंटरव्यू में अर्देशिर ने उस
वक्त कहा था-‘हमारे पास कोई संवाद लेखक नहीं था, गीतकार नहीं था, संगीतकार नहीं था।’ इन सबकी शुरुआत होनी थी। अर्देशिर ने फिल्म के गानों के लिए स्वयं की धुनें चुनीं। फिल्म के संगीत में महज तीन वाद्य-तबला, हारमोनियम और वायलिन का इस्तेमाल किया गया। आलम आरा में संगीतकार या गीतकार में स्वतंत्र रूप से किसी का नाम नहीं डाला गया। इस फिल्म में पहले पार्श्वगायक बने डब्लू. एम. खान पहला गाना था-‘दे दे खुदा के नाम पर प्यारे, अगर देने की ताकत है।’ Question 1. Answer: (d) अर्देशिर एम. ईरानी। Question 2. Answer: (b) पहली सवाक् फिल्म थी ‘आलम आरा’ Question 3. Answer: (c) अर्देशिर ने अपनी ही धुनें चुनीं। Question 4. Answer: (a) तबला, हारमोनियम और वायलिन। Question 5. Answer: (d) डब्ल. एम. खान। (2) यह फिल्म 14 मार्च, 1931 को मुंबई के ‘मैजेस्टिक’ सिनेमा में प्रदर्शित हुई। फिल्म 8 सप्ताह तक ‘हाउसफुल’ चली और भीड़ इतनी उमड़ती थी कि पुलिस के लिए नियंत्रण करना मुश्किल हो
जाया करता था। समीक्षकों ने इसे ‘भड़कीली फैंटेसी’ फिल्म करार दिया था मगर दर्शकों के लिए यह फिल्म एक अनोखा अनुभव थी। यह फिल्म 10 हजार फुट लंबी थी और इसे चार महीनों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया था। Question 1. Answer: (c) ‘आलम आरा’ फिल्म ‘मैजेस्टिक’ सिनेमा हॉल में
प्रदर्शित हुई। Question 2. Answer: (a) 8 सप्ताह तक। Question 3. Answer: (d) पुलिस के लिए भीड़ को नियंत्रण करना कठिन था। Question 4. Answer: (b) 10 हजार फुट लंबी। Question 5. Answer: (b) इस फिल्म को भड़कीली फैन्टेसी करार दिया। (3) जब पहली बार सिनेमा ने बोलना सीख लिया, सिनेमा में काम करने के लिए पढ़े-लिखे अभिनेता-अभिनेत्रियों की जरूरत भी शुरू हुई क्योंकि अब संवाद भी बोलने थे, सिर्फ अभिनय से काम नहीं चलने वाला था। मूक फिल्मों के दौर में तो पहलवान जैसे शरीर वाले, स्टंट करने वाले और उछल – कूद करनेवाले अभिनेताओं
से काम चल जाया करता था। अब उन्हें संवाद बोलना था और गायन की प्रतिभा की कद्र भी होने लगी थी। इसलिए ‘आलम आरा’ के बाद आरंभिक ‘सवाक्’ दौर की फिल्मों में कई ‘गायक-अभिनेता’ बड़े पर्दे पर नजर आने लगे। हिंदी-उर्दू भाषाओं का महत्त्व बढ़ा। सिनेमा में देह और तकनीक की भाषा की जगह जन-प्रचलित बोलचाल की भाषाओं का दाखिला हुआ। सिनेमा ज्यादा देसी हुआ। एक तरह की नयी आजादी थी जिससे आगे चलकर हमारे दैनिक और सार्वजनिक जीवन का प्रतिबिंब फिल्मों में बेहतर होकर उभरने लगा। Question 1. Answer: (c) पढ़े-लिखे अभिनेता-अभिनेत्रियों की जरूरत शुरू Question 2. Answer: (d) पहलवान जैसे शरीर वाले, स्टंट करने वाले और उछल-कूद करने वाले। Question 3. Answer: (a) अब संवाद बोलना था और गायन भी करना था। Question 4. Answer: (b) जन-प्रचलित उर्दू-हिन्दी भाषाओं का महत्त्व बढ़ा। Question 5. Answer: (d) हमारे दैनिक और सार्वजनिक जीवन का प्रतिबिम्ब। Question 1. Answer: (c) अम्मा के पानदान में Question 2. Answer: (b) चार Question 3. Answer: (d) चाचा Question 4. Answer: (d) मटर की फलियाँ Question 5. Answer: (b) जग गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (1) हज्जन माँ एक पलंग पर दुपट्टे से मुँह ढाँके
सो रही थीं। उन पर से जो भेड़ें दौड़ी तो न जाने वह सपने में किन महलों की सैर कर रही थीं, दुपट्टे में उलझी हुई | ‘मारो-मारो’ चीखने लगीं। Question 1. Answer: (c) दुपट्टे से मुँह ढाँककर। Question 2. Answer: (d) उसने समझा कि चोर डाकू हैं। Question 3. Answer: (b) सब्जी वाली। Question 4. Answer: (a) जैसे रुई के तकिए को पीट रहे है। Question 5. Answer: (d) भेड़ों के पेट में चली गई। (2) इधर यह प्रलय मची थी, उधर दूसरे बच्चे
भी लापरवाह नहीं थे। इतनी बड़ी फौज थी-जिसे रात का खाना न मिलने की धमकी मिल चुकी थी। वे चार भैंसों का दूध दुहने पर जुट गए। धुली-बेधुली बालटी लेकर आठ हाथ चार थनों पर पिल पड़े। भैंस एकदम जैसे चारों पैर जोड़कर उठी और बालटी को लात मारकर दूर जा खड़ी हुई। Question 1. Answer: (a) काम न करने पर Question 2. Answer: (b) एक साथ कई बच्चे दूध निकालने लगे थे जिसके कारण भैंस बिदक गई। Question 3. Answer: (c) चाचा जी की चारपाई के साथ। Question 4. Answer: (d) बच्चों को सजा न देने वालों को। Question 5. Answer: (c) उन्हें लगा कि शायद आँधी-तूफान आ गया है। Question 1. Answer: (d) मन के एकाग्र किए बिना। Question 2. Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य है। Question 3. Answer: (d) सभी कथन सत्य है। Question 4. Answer: (a) ज्ञान। Question 5. Answer: (d) बैर बढ़ता जाता है। काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (1) जाति न पूछो साध की, पूछ लीजिए ज्ञान । Question 1. Answer: (c) उसके ज्ञान से। Question 2. Answer: (a) महत्त्व की बात अपनाओं, असार बातों को छोड़ Question 3. Answer: (b) जाति-पाँति का। Question 4. Answer: (c) चुप रहना चाहिए। Question 5. Answer: (d) यदि हम गाली को न उलटे। (2) माला तो कर में फिरै, जीभि फिरै मुख माँहि। Question 1. Answer: (d) मन की एकाग्रता। Question 2. Answer: (c) उसका मन एकाग्र नहीं होता। Question 3. Answer: (b) माला फेरने को। Question 4. Answer: (b) साधारण व्यक्ति का प्रतीक है। Question 5. Answer: (c) बड़े व्यक्ति को अधिक पीड़ा होगी। Question 1. Answer: (c) अखबर वाले की Question 2. Answer: (c) चिड़िया की चोंच में अभी भी तिनका दबा है। काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (1) नहीं, यह
सबसे कठिन समय नहीं! Question 1. Answer: (a) हमें निराश नहीं होना चाहिए। Question 2. Answer: (b) घोंसला बनाने के लिए। Question 3. Answer: (c) वह जीवन के प्रति आशावान है। Question 4. Answer: (d) ‘a’ और ‘b’ दोंनों सत्य हैं। Question 5. Answer: (a) रेल पर चलने वाली गाड़ी। (2) अभी भी कहता है कोई किसी को Question 1. Answer: (c) जीवन के प्रति आशा का। Question 2. Answer: (d) बूढ़ी नानी द्वारा सुनाई जाने वाली कहानी। Question 3. Answer: (c) आशा जगाने वाली। Question 4. Answer: (b) प्रियजनों के घर लौटने की। Question 1. Answer: (d) हजारी प्रसाद द्विवेदी Question 2. Answer: (d) उपर्युक्त सभी Question 3. Answer: (c) संदेश की दृष्टि से Question 4. Answer: (c) धर्म भीरू Question 5. Answer: (d) भौतिक वस्तुओं को Question 6. Answer: (b) अंग्रेज़ी व प्रधान Question 7. Answer: (c) सौ का Question 8. Answer: (a) दूध और पानी (1) क्या यही भारतवर्ष है जिसका सपना तिलक और गांधी ने देखा था? रवींद्रनाथ ठाकर और मदनमोहन मालवीय का महान संस्कृति-सभ्य भारतवर्ष किस अतीत के गह्वर में डूब गया? आर्य और द्रविड़, हिंदू और मुसलमान, यूरोपीय और भारतीय आदर्शों की मिलन-भूमि ‘मानव महा-समुद्र’ क्या सूख ही गया? मेरा मन कहता है ऐसा हो नहीं सकता। हमारे महान मनीषियों के सपनों का भारत है और रहेगा। यह सही है कि इन दिनों कुछ ऐसा माहौल बना है कि ईमानदारी से मेहनत करके जीविका चलानेवाले निरीह और भोले-भाले श्रमजीवी पिस रहे हैं और झूठ तथा फ़रेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं। ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है, सचाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है। ऐसी स्थिति में जीवन के महान मूल्यों के बारे में लोगों की आस्था हिलने लगी है। Question 1. Answer: (c) उपर्युक्त दोनों ने Question 2. Answer: (c) गह्वर में Question 3. Answer: (d) उपर्युक्त सभी Question 4. Answer: (d) सच्चाई Question 5. Answer: (c) इका (2) दोषों का पर्दाफाश करना बूरी बात नहीं है। बुराई यह मालूम होती है कि किसी के आचरण के गलत पक्ष को उद्घाटित करके उसमें रस लिया जाता है और दोषोद्घाटन को एकमात्र कर्तव्य मान लिया जाता है। बुराई में रस लेना बुरी बात है, अच्छाई में उतना ही रस लेकर उजागर न करना और भी बुरी बात है। सैकड़ों घटनाएँ ऐसी घटती हैं जिन्हें उजागर करने से लोक-चित्त में अच्छाई के प्रति अच्छी भावना जगती है। Question 1. Answer: (b) दोषों को दूसरे के सामने प्रकट कर Question
2. Answer: (b) क्योंकि किसी की कमियों को उजागर करने में रस लेने से दोषों का निवारण नहीं हो पाता Question 3. Answer: (a) दूसरों के गलत पक्ष के उद्घाटन में Question 4. Answer: (a) भाववाचक संज्ञा Question 5. Answer: (d) दोष + उद्घाटन (3) मैं भी बहुत भयभीत था पर ड्राइवर को किसी तरह मार-पीट से बचाया। डेढ़-दो घंटे बीत गए। मेरे बच्चे भोजन और पानी के लिए व्याकुल थे। मेरी और पत्नी की हालत बुरी थी। लोगों ने ड्राइवर को मारा तो नहीं पर उसे बस से उतारकर एक जगह घेरकर रखा। कोई भी दुर्घटना होती है तो पहले ड्राइवर को समाप्त कर देना उचित जान पड़ा। मेरे गिड़गिड़ाने का कोई विशेष असर नहीं पड़ा। इसी समय क्या देखता हूँ कि एक खाली बस चली आ रही है और उस पर हमारा बस कंडक्टर भी बैठा हुआ है। उसने आते ही कहा, “अड्डे से नई बस लाया हूँ, इस बस पर बैठिए। वह बस चलाने लायक नहीं है।” फिर मेरे पास एक लोटे में पानी और थोड़ा दूध लेकर आया और बोला, “पंडित जी! बच्चों का रोना मुझसे देखा नहीं गया।” Question 1. Answer: (c) कंडक्टर के चले जाने के कारण Question 2. Answer: (a) कंडक्टर को Question 3. Answer: (c) नई बस लाने Question 4. Answer: (d) उपर्युक्त सभी की Question 5. Answer: (b) उसे एक जगह घेरकर रखा (4) ठगा भी गया हूँ, धोखा भी खाया है, परंतु बहुत कम स्थलों पर विश्वासघात नाम की चीज़ मिलती है। केवल उन्हीं बातों का हिसाब रखो, जिनमें धोखा खाया है तो जीवन कष्टकर हो जाएगा, परंतु ऐसी घटनाएँ भी बहुत कम नहीं हैं जब लोगों ने अकारण सहायता की है, निराश मन को ढांढ़स दिया है और हिम्मत बँधाई है। Question 1. Answer: (d) उसके साथ विश्वासघात का न होना Question 2. Answer: (c) जब उसके साथ छल किया गया Question 3. Answer: (c) क्या निराश हुआ जाए Question 4. Answer: (a) उपसर्ग Question 1. Answer: ‘भगवान के डाकिए’ के रचयिता कौन हैं? Question 2. Answer: (d) पेड़, पौधे, सरोवर-सरिताएँ, समुद्र व पर्वत यानी प्रकृति Question 3. Answer: (b) विश्वबंधुत्व का Question 4. Answer: (d) सुगंध Question 5. Answer: (a) इंसान (1) पक्षी और बादल, Question 1. Answer: Question 2. Answer: पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए कहा गया है। Question 3. Answer: कवि ने पक्षियों और बादलों को भगवान के डाकिए कहा है। Question 4. Answer: पक्षी और बादल रूपी डाकियों के संदेश पेड़, पौधे, सरोवर पर्वत आदि पढ़ और समझ भी लेते हैं। लेकिन मनुष्य उसे समझने में असमर्थ रहता है। Question 5. Answer: इनके द्वारा लाई गई चिट्ठियों में प्रेम, भाईचारा, समानता, एकता का संदेश रहता होगा। (2) हम तो केवल यह आँकते हैं Question 1. Answer: Question 2. Answer: सौरभ यानी सुगंध हवा में तैरते हुए पक्षियों के पंखों पर तैरता हुआ दूसरे देशों तक जा पहुँचता है। Question 3. Answer: पृथ्वी द्वारा भेजी गई सुगंध हवा में फैलती है तथा पक्षियों के पंखों पर सवार होकर अन्य स्थानों तक फैल जाती है। Question 4. Answer: इस कविता से हमें शिक्षा मिलती है कि मनुष्यों को स्वार्थ भावना त्यागकर, जति, धर्म की सीमाओं को लाँघकर प्रेमभाव का संदेश फैलाना चाहिए। Question 5. Answer: |