जंतुओं का मतलब क्या होता है? - jantuon ka matalab kya hota hai?

जंतु MEANING IN ENGLISH - EXACT MATCHES

जंतु = ANIMAL(Noun)

उदाहरण : शेर एक माँसाहारी जंतु है।
Usage : All animals live in the forest.

जंतु = CREATURE(Noun)

Usage : German Shepherd a breed of dogs is a ferocious creature.
He was a charming young creature.

जंतु = ZOOLOGICAL(Adjective)

उदाहरण : या टेबल के किनारे पर बूंद, जिसके आसपास जंतु घूम रहे हैं।
Usage : zoological research

जंतुक = ANIMALCULE(noun)

उदाहरण : तुलसी के पोधे को घर के ऑगन मे लगाने से आस पास का वातावरण किटाणु रहित हो जाता है।

जंतुक = BAT(Noun)

Usage : I bought a new bat for my nephew.

जंतुमती = EARTH(Verb)

उदाहरण : जंतुमती ही ब्रह्मांड में एकमात्र वह स्थान है जहाँ जीवन पाया जाता है !
Usage : the Earth moves around the sun

जंतुशाला = ZOO(Noun)

उदाहरण : बच्चों को जंतुशाला देखने का बहुत शोक होता है !
Usage : Children love going to the zoo.

जंतु समूह = FAUNA(Noun)

उदाहरण : हर प्रकार की जलवायु का जंतु समूह पृथक् पृथक् होता है।

जंतुप्लवक = ZOOPLANKTON(Noun)

Usage : The zooplankton are observed to be the sources of food for the fish.

Rangnath

unread,

Aug 22, 2010, 8:32:15 PM8/22/10

to शब्द चर्चा

जीव-जन्तु में जीव और जन्तु का पृथक अर्थ क्या होगा ? और इस युग्म का
अर्थ क्या होगा ?

narayan prasad

unread,

Aug 22, 2010, 8:51:05 PM8/22/10

to

जीव जीव् (= जीना) धातु से बना है अर्थात् जीव वह है जो जीता है (lives) ।
जन्तु जन् (= उत्पन्न होना) धातु से बना है अर्थात् जन्तु वह है जो जन्म लेता है ।
अतः जीव-जन्तु वे हैं जो जीते हैं और (मरकर फिर) जन्म लेते हैं ।
---नारायण प्रसाद

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ई-स्वामी

unread,

Aug 23, 2010, 4:21:26 AM8/23/10

to

Rangnath Singh

unread,

Aug 23, 2010, 5:18:24 AM8/23/10

to

आप दोनों का हार्दिक धन्यवाद

जंतुओं का मतलब क्या होता है? - jantuon ka matalab kya hota hai?

Abhay Tiwari

unread,

Aug 23, 2010, 11:20:35 AM8/23/10

to

वैसे तो दोनों समानार्थी ही मालूम देते हैं, फिर भी कुछ तो भेद है और किया भी
जा सकता है। जन्तु तो वे सभी इकाईय़ां हैं जो जन्म लेती हैं, मगर वनस्पति जगत से
भिन्न।
पारिभाषिक रूप से जीव वह तत्व है जो चेतन है। इसीलिए उसका पर्याय जान भी है।
इसे ऐसे कह सकते हैं कि हर जन्तु में जीव होता है।
या फिर जब जन्तु से जीव निकल जाता है तो उसे मृत्यु कहते हैं।
(आध्यात्मिक परिभाषाओं से) मृत्यु के बाद भी जीव का अस्तित्व है, तभी जीवात्मा
की परमात्मा में मिलने की अवधारणा है।
जंतु का एक रूढ़ अर्थ निम्न कोटि का जानवर या कीड़ा-मकोड़ा भी है लेकिन जीव का यह
अर्थ नहीं है।
जीव का अंग्रेज़ी में अर्थ होगा being जबकि जन्तु का अंग्रेज़ी में अर्थ
होगाanimal.. जीव का एक अर्थ एनीमल ज़रूर लिया जा सकता है मगर जन्तु का अर्थ
बीइंग नहीं लिया जा सकता।

V S Rawat

unread,

Aug 23, 2010, 11:57:19 AM8/23/10

to

On 8/23/2010 6:50 AM India Time, _Abhay Tiwari_ wrote:

> वैसे तो दोनों समानार्थी ही मालूम देते हैं, फिर भी कुछ तो भेद है और किया भी
> जा सकता है। जन्तु तो वे सभी इकाईय़ां हैं जो जन्म लेती हैं, मगर वनस्पति जगत से
> भिन्न।
> पारिभाषिक रूप से जीव वह तत्व है जो चेतन है। इसीलिए उसका पर्याय जान भी है।
> इसे ऐसे कह सकते हैं कि हर जन्तु में जीव होता है।
> या फिर जब जन्तु से जीव निकल जाता है तो उसे मृत्यु कहते हैं।
> (आध्यात्मिक परिभाषाओं से) मृत्यु के बाद भी जीव का अस्तित्व है, तभी जीवात्मा
> की परमात्मा में मिलने की अवधारणा है।

यह फिर हिन्दू समूह के धर्मों की मान्यताएँ आ गई जिनको यहाँ पर एकल रूप से कहा गया है
तो किसी को ऐसा लग सकता है कि यही इकलौती सर्वव्याप्त सार्वभौमिक मान्यता है।
परंतु ऐसा नहीं है।

जीवात्मा परमात्मा का मिलन हिन्दू समूह के धर्मों में होता है (हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख
आदि)। हिन्दू धर्म अवतार-वादी धर्म हैं (ईश्वर स्वयं धरती पर मानव शरीर में अवतार
लेता है)।

यह मिलन अन्य रसूल-पैगंबर वादी धर्मों में नहीं होता। उन धर्मों में ईश्वर धरती पर जन्म
नहीं लेता। इसाई मानते हैं कि ईश्वर का बेटा मानव रूप में जन्म लेता है, जबकि इस्लाम में
ईश्वर का कोई बेटा नहीं है जो जन्म ले। इन धर्मों में मनुष्य जीवात्मा (रूह सोल) का
परमात्मा में मिलन नहीं होता है। जीवात्माएँ मृत्यु के बाद, क़यामत के बात हमेशा के लिए
स्वर्ग या नर्क में रहती है। इन धर्मों में पुनर्जन्म भी नहीं है, इन धर्मों में मनुष्य के
सिवाय अन्य जन्तुओं में आत्मा भी नहीं है।

> जंतु का एक रूढ़ अर्थ निम्न कोटि का जानवर या कीड़ा-मकोड़ा भी है लेकिन जीव का यह
> अर्थ नहीं है।

इस पर मुझे शंका है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार मुझे तो लगता है कीड़ों-मकोड़ों में
भी आत्मा है और वो भी जीव-जन्तुओं के वर्ग में आए। आप संभवत: उनके छुद्र आकार के कारण
उनको अलग रख रहे हैं। यदि आपके कथन के सहयोग में आपके पास कोई लिंक या कोट है जहाँ
ऐसा कहा गया है जो आपने बताया, तो कृपया साझा करें। मैं पढ़ना चाहूँगा।

क्या किसी को बोधिसत्व के पुनर्जन्मों में कोई कथा याद आ रही है जिसमें वो कीट रूप में
आए थे। या कोई अन्य कथा जिसमें किसी कीड़े (जैसे भँवरे) को कुछ दिमागी काम करता
बोलता बताया गया हो। यदि हाँ तो कीड़े-मकोड़े भी आत्मा युक्त जन्तु और जीव ही हुए।

> जीव का अंग्रेज़ी में अर्थ होगा being जबकि जन्तु का अंग्रेज़ी में अर्थ
> होगाanimal.. जीव का एक अर्थ एनीमल ज़रूर लिया जा सकता है मगर जन्तु का अर्थ
> बीइंग नहीं लिया जा सकता।

"जीव का एक अर्थ एनीमल" - यह अर्थ लेना नहीं है, जीव सुपरसेट है जिसका एक छोटा
भाग सबसेट जन्तु है।

रावत

दिनेशराय द्विवेदी

unread,

Aug 23, 2010, 12:32:50 PM8/23/10

to

भाई,
बी.एससी. तक जीव-जंतु ही पढ़ते रहे हैं। पर वहां वे भौतिक इकाइयाँ थे, काल्पनिक नहीं।

--
दिनेशराय द्विवेदी, कोटा, राजस्थान, भारत
Dineshrai Dwivedi, Kota, Rajasthan,
क्लिक करें, ब्लाग पढ़ें ...  अनवरत    तीसरा खंबा

Abhay Tiwari

unread,

Aug 23, 2010, 12:40:07 PM8/23/10

to

रावत जी,

समस्या किसी भी धर्म, समूह की मान्यताएं आने, या उन पर चर्चा करने से नहीं है।
समस्या तब होती है जब कोई व्यक्ति किसी धर्म या समूह को निशान बनाकर उसकी
निन्दा या भर्त्सना करने लगे। यह चर्चा का मंच अवश्य है, निन्दा-भर्त्सना का
नहीं।

ऐसा लगता है कि इस्लाम और हिन्दू धर्म से उसकी तुलना आप का प्रिय विषय है,
इसीलिए अक्सर उसका ज़िक़्र चला आता है। आप अन्तर के प्रति तो बहुत सचेत हैं, मगर
समानताओं को अनदेखा कर रहे हैं। इस्लाम में क़यामत के रोज़ रूह का फ़ैसला होने और
फिर जन्नत में अनन्त जीवन बिताने की बात है, जन्नत के विवरण को अभी भूल जाइये।
और जन्नत में जाना नहीं, लौटना होता है, क्योंकि वो रूह का, आदम की सन्तानों और
इसलिए आदमी का, मूल घर है। इसे जहाँ से निकले थे उसी में लौट जाना नहीं कहेंगे
तो क्या कहेंगे? और जीवात्मा व परमात्मा के मिलन के प्रति भारतीय परम्परा में
कोई एक अवधारणा है ऐसा नहीं है। इसमें विभिन्न मत हैं।

सूफ़ी मत का तो पूरा आधार ही जीवात्मा और परमात्मा के मिलन पर रखा हुआ है।

ईसा ईश्वर की बात 'मेरे पिता' की रूप में नहीं हमारे पिता के रूप में करते
हैं.. पुत्र क्या पिता का अंश वैसे ही नहीं होता जैसे कि जीवात्मा, परमात्मा
का?

जिन्हे दुई देखनी होती है वे दुई पर नहीं रुकते.. उनका संसार खण्ड-खण्ड होता
जाता है.. असली मिलन को जानने वाले जानते हैं कि बाहर से चाहे जितना अलग दिखे,
अन्दर से सब एक है..

रूमी के काव्य के मेरे अनुवाद की एक किताब छपी है उस से एक टुकड़ा यहाँ पर छाप
रहा हूँ..

पाँव दो हो या चार चलते हैं एक बाट
कैंची के दो पहलू करते हैं एक काट

देखो उन दो धोबियों को साथ करते काम
बिलकुल हैं उलट एक दूसरे से नज़रे आम

चादर एक कपड़े की पानी में भिगाता है
और दूजा धूप में चादर को सुखाता है

भिगाता सूखी चादर को है वो कुछ ऐसे
निभाता हो अदावत दूजे साथी से जैसे

लगते हैं ये दोनों एक दूसरे के दुश्मन
मगर एक दिल हैं एक जां, उनमें एकपन

हर नबी, हर वली देता अलग है पयाम
जाते सब एक हक़ को, एक ही अंजाम


रूढ़ अर्थ का मतलब प्रचलित अर्थ होता है। जन्तु का रूढ़ अर्थ यानी प्रचलित अर्थ
कीड़ा-मकोड़ा है।

Baljit Basi

unread,

Aug 23, 2010, 1:54:32 PM8/23/10

to शब्द चर्चा

हम जानते हैं कि हर शब्द का अर्थ सिथिति और सन्दर्भ के अनुसार ही होता
है. इस तरह जीव-जंतु के कई अर्थ हो सकते हैं.१. सृष्टि का सारा जान वाला
संसार अर्थात जड़ के उल्ट. इसमें वनस्पति भी आयेगी: 'जी जंत सभि तेरा
खेलु - गुरु राम दास; २.वनस्पति के इलावा बाकी जानवर. ३. मनुष्य के
इलावा बाकी जानवर. ४. परिवार के सदस्य खास तौर पर बचे ( पंजाबी में पूछा
जाता है, जी-जंत राजी है? मतलब परिवार ठीक ठाक है?) ५. कीड़े-मकौड़े
जीव का मतलब जान है और यह ग्रीक bio और लेटिन vivus का सुजाति है.
Biology को पंजाबी में जीव-विज्ञान कहते हैं... यह सही नहीं है कि जीव
निम्न कोटि का जानवर नहीं है. पंजाबी में जीव और इसके बदले हुए रूप
'जीअ' का मतलब ही कीचड़ का गन्दा कीट है. पंजाबी में एक श्राप अथवा गाली
है ," तेरे जीअ पै जाण" अर्थात तेरे शरीर में क्रिम पड़ जाएँ.
जंतु ज़्यादातर वनस्पति से अलग जानवरों के लिए इस्तेमाल होता है. इसी
लिए पंजाबी में Zoology को जंतु-विज्ञान कहा जाता है. लेकिन Zoology में
Zoo भी bio का सुजाति है. वैसे जंतु का भी आम अर्थ निम्न जीव ही है.
Baljit Basi

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ePandit | ई-पण्डित

unread,

Aug 23, 2010, 8:32:14 PM8/23/10

to


२२ अगस्त २०१० ८:३९ अपराह्न को, Abhay Tiwari <> ने लिखा:

आप के ब्लौग पर लाल रेखा के बाबत टिप्पणी करने गया तो देखा कि पोस्ट है ही नहीं। मैं ने गूगल रीडर से पढ़ी।

क्या हंस के लिखा है?

कहना बस इतना था कि लाल रेखा मेरे भी स्मृति में आज तक बसा हुआ है.. बडे भावनात्मक रोमांच वाली किताब की तरह याद है..

क्या यह मेल गलती से समूह को आ गयी है, समझ नहीं आया कि क्या प्रसंग चल रहा है। कौन सा ब्लॉग और कौन सी लाल रेखा?

--
Shrish Benjwal Sharma (श्रीश बेंजवाल शर्मा)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
If u can't beat them, join them.

ePandit: http://epandit.shrish.in/

अजित वडनेरकर

unread,

Aug 23, 2010, 9:30:24 PM8/23/10

to

Rangnath Singh

unread,

Aug 23, 2010, 9:41:44 PM8/23/10

to

Baljit Basi

unread,

Aug 23, 2010, 10:02:35 PM8/23/10

to शब्द चर्चा

जीव-जन्तु नहीं केवल जीव. अभय जी ने कहा है, 'जंतु का एक रूढ़ अर्थ निम्न

कोटि का जानवर या कीड़ा-मकोड़ा भी है लेकिन जीव का यह

अर्थ नहीं है।' पंजाबी में जीव कीचड या ज़ख़्म में पड़ने वाले कीड़ों को भी
कहते हैं.
बलजीत बासी


On 23 अग, 07:30, अजित वडनेरकर <> wrote:
> किसने कहा कि जीव-जन्तु की अर्थवत्ता से बाहर है कीट वर्ग?
>

> 2010/8/23 Baljit Basi <>

Abhay Tiwari

unread,

Aug 23, 2010, 10:17:18 PM8/23/10

to

हो सकता है पंजाबी में यह अर्थ हो, हिन्दी में ऐसे रूढ़ अर्थ से मेरा सामना नहीं
हुआ है.. भाषाओं में इस तरह के अन्तर तो हो ही जाते हैं..

अब स्पष्ट के लिए आप ने उघड़ना शब्द बताया है.. हिन्दी में उसका अर्थ है खोलना,
उजागर करना, पर्दा हटाना... यह शब्द उद्‌घाटन से बना समझा जाता है.. तस्वीर आदि
के अर्थ में इस से भाव यह निकलेगा कि तस्वीर और दर्शक के बीच आवरण हट गए..
अर्थ ठीक बैठता है.. लेकिन प्रचलित नहीं है.. रूढ़ का अर्थ ही है जो निश्चित हो
जाय, प्रचलित हो जाय..

और अजित जी जो कह रहे हैं .. उस के जवाब में मुझे यही कहना है कि जीव-जंतु के
सम्मिलित प्रयोग की तो बात ही नहीं है यहाँ.. बात तो उनके बीच के अन्तर को
समझने की है..

ashutosh kumar

unread,

Aug 23, 2010, 11:24:38 PM8/23/10

to

वैसी ही प्यारी सी भूल है जो गलती नहीं कही जा सकती. 

Rangnath Singh

unread,

Aug 24, 2010, 8:23:27 PM8/24/10

to

भूल-गलती का यह समीकरण मजेदार है। :-)

और इस महीन फर्क की तरफ ध्यान दिलाने के लिए आपका आभार।

जंतु का क्या अर्थ होता है?

[सं-पु.] - 1. वह जिसका जन्म हुआ हो; जीवात्मा; प्राणी 2.

जंतु में क्या क्या आता है?

जंतुओं के वितरण के अध्ययन को 'जंतु-विस्तार-विज्ञान' कहते हैं।.
1 विस्तार के कारक.
2 विस्तार के साधन 2.1 वायु द्वारा प्रव्रजन 2.2 जल से प्रव्रजन 2.3 प्राकृतिक पुलों द्वारा विस्तार 2.4 प्रव्रजन (Migration).
3 वितरण बाधाएँ 3.1 जलवायु संबंधी बाधाएँ 3.2 भौगोलिक बाधाएँ 3.3 जीवविज्ञानीय बाधाएँ.
4 जन्तुभूगोल.
5 बाहरी कड़ियाँ.

जीव जंतु में क्या अंतर है?

जीव जीव् (= जीना) धातु से बना है अर्थात् जीव वह है जो जीता है (lives) । जन्तु जन् (= उत्पन्न होना) धातु से बना है अर्थात् जन्तु वह है जो जन्म लेता है । अतः जीव-जन्तु वे हैं जो जीते हैं और (मरकर फिर) जन्म लेते हैं ।

जीव जंतु का क्षेत्र कौन सा है?

भारत में दुनिया के कुछ सबसे अधिक जैव विविधता वाले क्षेत्र हैं। भारत की राजनीतिक सीमाएँ इकोज़ोन के एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करती हैं - जिसमें रेगिस्तान, ऊंचे पहाड़, पहाड़ी इलाक़ा, उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण वन, दलदली भूमि, मैदान, घास के मैदान, नदियों के आसपास के क्षेत्र, साथ ही द्वीपसमूह शामिल है।