जीवों के वर्गीकरण क्या लाभ है? - jeevon ke vargeekaran kya laabh hai?

Solution : जीवों के वर्गीकरण से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं- <br> (1) वर्गीकरण से जीवों का अध्ययन सरल हो जाता है। <br> (2) वर्गीकरण से जीवों के विभिन्न समूहों के बीच संबंधों के बारे में जानकारी मिलती है। <br> (3) वर्गीकरण से जीवों की समानता और विभिन्नताओं के बारे में जानकारी मिलती है। <br> (4) यह जीव विज्ञान की अन्य शाखाओं के लिए आधार का कार्य करता है। <br> (5) वर्गीकरण जीवों की एकदम स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करता है।

हेलो फ्रेंड्स हमारा प्रश्न है जीवो के वर्गीकरण से क्या लाभ है आइए इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं तो जीवो का वर्गीकरण मतलब की जीवो को अलग-अलग वर्ग में रखना यह क्या कहलायेगा जीवो का वर्गीकरण तो आइए जीवो का परिजन से हमें क्या क्या लाभ है पहला है कि हमें क्या मिल जाएगा विभिन्न प्रकार के जीवो का अध्ययन करते हैं हम वह अध्ययन करना क्या हो जाएगा सरल हो जाएगा विभिन्न प्रकार के जीवो का अध्ययन करना सरल हो जाएगा दूसरा क्या हो जाएगा कि वर्गीकरण के कारण क्या हो जाएगा अलग-अलग जिलों के जो तस्वीर प्रदान की जाए

अलग-अलग जिलों की जो तस्वीर प्रदान की जाएगी उन के माध्यम से मतलब की चित्र के माध्यम से हम पता लगा सकते हैं कि यह किस जाति का जीव है तीसरा है विभिन्न समूह के बीच क्या करता है जो जीव रहते हैं वह क्या करते हैं उनके जो जीवन में क्या रहेंगे विभिन्न समूहों के बीच संबंध रहेंगे क्या रहेंगे संबंध रहेंगे किस के बीच विभिन्न समूहों के बीच और यह में कितने ज्ञात होता है यह हमें ज्ञात होता है वर्गीकरण से चौथा है कि जो जीव विज्ञान है जीव विज्ञान की किस शाखा में जीव को आधार प्रधान मिलता है जीव विज्ञान में अन्य शाखाओं तथा कौन सी शाखा में क्या मिलता है जीवो को

आधार प्रदान मिलता है आधार प्रदान किया जाता है वह हमें वर्गीकरण से पता लग जाता है साथ ही साथ वह किस जाति का है किस गण का है कि स्कूल का है किस जगह का है यह सभी हमें वर्गीकरण के कारण पता लग सकता है और हम किसी भी जीव को उसके आकार रंग रूप तथा लक्षण से हम पता लगा सकते हैं कि वह किस जगह का है साथ ही साथ भूगोल के अध्ययन में भी क्या किया जाता है भूगोल के अध्ययन में भी जो वर्गीकरण होता है वर्गीकरण उसका पता लगाया वर्गीकरण के कारण क्या कर सकते हैं भूगोल में वह जीव किस समय जीवित था किसी समय जीवित था वह भी पता लगाया जाए

और इसी के कारण क्या होता है वर्गीकरण से हमें लाभ प्राप्त हो रहे हैं धन्यवाद दोस्तों आशा करती हूं कि आपको इस प्रश्न का उत्तर समझ आया होगा

जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ हैं?


(i) वर्गीकरण जीवों के विभिन्न किस्मों के अध्ययन को आसान बनाता है।
(ii) यह जीवों के विभिन्न समूहों के बीच संबंध को समझने में हमारी सहायता करता है।
(iii) यह जीवों की विशिष्ट पहचान में मदद करता है।
(iv) यह पौधों और जानवरों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों में होते हैं।
(v) यह जीवों के विभिन्न समूहों में धीरे-धीरे बढ़ती जटिलता और संरचना की स्थापना करके विकासवादी संबंध को दर्शाता है।

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जीवों का पाँच जगत में वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।


जगत मोनेरा के अंतर्गत प्रोकैरियोटिक एक कोशिकीय जीवधारियों को रखा गया है। पोषण के आधार पर ये परपोषी या स्वपोषी होते हैं। अधिकांश जीवाणु परपोषी तथा नीले-हरे शैवाल स्वपोषी होते हैं। इनमें प्राय: कोशिका भित्ति पाई जाती है।
जगत प्रोटिस्टा के अंतगर्त यूकैरियोटिक एक कोशिकीय जीवधारियों को रखा गया है। कोशिकाओं में कोशिका भित्ति उपस्थित व अनुपस्थित होती है। कोशिका भित्ति युक्त कोशिकाएँ पादप जगत तथा कोशिका भित्ति रहित कोशिकाएँ जंतु जगत की सदस्य होती हैं। विभिन्न प्रकार के शैवाल, डायटम स्वपोषी तथा अमीबा, पैरामीशियम आदि प्रोटोजोआ कोशिकाएँ परपोषी होती हैं। जंतु कोशिकाओं में प्रचलन के लिए सिलिया, फ़्लैजेल आदि संरचनाएँ पाई जाती हैं।
फंजाई के अंतगर्त यूकैरियोटिक हरितलवक रहित परपोषी पादप आते हैं। ये परजीवी या मृतजीवी होते हैं। परजीवी अपना भोजन जीवित पोशद से प्राप्त करते हैं। परजीवी एवं पोशद के घनिष्ट संबंध होता है। मृतजीवी पोषण के लिए मृत, सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर करते हैं। उदाहरण: राइजोपस, कुकुरमुत्ता ( मशरूम ), यीस्ट, गुच्छी, पेनिसिलियम आदि।
प्लाण्टी के अंतगर्त बहुकोशिकीय, यूकैरियोटिक कोशिका वाले विकसित पादप आते हैं। ये स्वपोषी होते हैं। प्रकाश संश्लेषण द्वारा भिज्य पदार्थों का संश्लेषण करते हैं। इसके अंतगर्त थैलेफाइटा, ब्रायोफाइटा, टेरीडोफाइट, जिम्नोस्पर्म, एंजियोस्पर्म आदि पादप आते हैं।
ऐनिमेलिया के अंतगर्त बहुकोशिकीय, कोशिका भित्ति रहित यूकैरियोटिक कोशिका वाले जंतु आते हैं। ये पोषण की दृष्टि से परपोषी होते हैं। इसके अंतगर्त अकशेरुकी तथा कशेरुकी जंतु आते हैं।

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पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?


पादप जगत के प्रमुख वर्ग:
(i) थैलेफाइट, (ii) ब्रायोफाइटा, (iii) टेरिडोफाइट, (iv) जिम्नोस्पर्म, (v) एन्जियोस्पर्म।
पादप जगत के वर्गीकरण के मुख्य आधार:
(i) पादप शरीर के विभिन्न भागों का विकास तथा विभेदन।
(ii) पादप शरीर में जल, खनिज तथा कार्बनिक भोज्य पदार्थों का संवहन करने वाले विशिष्ट ऊतकों ( जाइलम, फ्लोएम ) की अनुपस्थिति अथवा उपस्थिति।
(iii) पादपों में बीजाणु अथवा बीजों द्वारा जनन।
(iv) बीज का नग्नबीजी अथवा आवृतबीजी होना।

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वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेगें?


वर्गीकरण के पदानुक्रम में जीवों को विभिन्न लक्षणों के आधार पर छोटे-छोटे समूहों में बाँटते हुए वर्गीकरण की आधारभूत इकाई जाती तक पहुँचते हैं। सभी जीवधारियों को उनकी शारीरिक संरचना, पोषण के स्त्रोत, भोजन ग्रहण करने की विधि तथा कार्य के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। विकास क्रम के साथ-साथ शारीरिक लक्षणों में अधिक परिवर्तन होता है। विकास क्रम में जो लक्षण सबसे पहले प्रदर्शित होते हैं, उन्हें उनके मूल लक्षण कहते हैं। जैव विकास के फलस्वरूप मूल लक्षणों में निरंतर परिवर्तन होते रहते हैं जिससे जीवधारी अधिक सफलतापूर्वक जीविनयपन कर सके। वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रम निम्नलिखित हैं:
जगत  सघ  वर्ग → गण → कुल → वंश → जाति

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जंतुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर क्या है?


जन्तु पौधे 
1. जन्तु प्रचलन अर्थात स्थान परिवर्तन करते हैं। 1. पौधे स्थिर रहते हैं।
2. कोशिका भित्ति का आभाव होता है। शारीरिक संरचना एवं संगठन जटिल होता है। 2. कोशिका भित्ति सेलुलोस से बनी होती है। शारीरिक संरचना एवं संगठन सरल होता है।
3. इनमें पर्णहरित का आभाव होता है। 3. इनमें पर्णहरित पाया जाता है।
4. ये परपोषी या विषमपोषी होते हैं। जन्तु भोजन प्राप्त करने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पौधों पर निर्भर रहते हैं। 4. ये स्वपोषी होते हैं। सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन CO2 तथा जल से स्वयं बना लेते हैं।
5. जन्तु एक निश्चित आयु तक वृद्धि करते हैं। 5. पौधे जीवनपर्यंत वृद्धि करते रहते हैं।

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जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ होते हैं?

(i) वर्गीकरण जीवों के विभिन्न किस्मों के अध्ययन को आसान बनाता है। (ii) यह जीवों के विभिन्न समूहों के बीच संबंध को समझने में हमारी सहायता करता है। (iii) यह जीवों की विशिष्ट पहचान में मदद करता है। (iv) यह पौधों और जानवरों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों में होते हैं

वर्गीकरण के मुख्या लाभ कौन से हैं?

(i) वर्गीकरण से जीवों की पहचान में आसानी होती है। (ii) जीवों का वर्गीकरण जीवों के विभिन्न समूहों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करता है। (iii) जीवों के वर्गीकरण से जीवों के फाइटोलेंजि और विकासवादी इतिहास का अध्ययन करने में मदद मिलती है।

जीवों का वर्गीकरण क्यों जरूरी है?

वर्गीकरण जीवों के अध्ययन को आसान करता है। हम सभी प्रकार के जीवन को एक बार में जान सकते हैं। इससे जीवों के पारस्परिक संबंधों का पता चलता है। Step by step video solution for [object Object] by Biology experts to help you in doubts & scoring excellent marks in Class 9 exams.

जीवों के वर्गीकरण से आप क्या समझते हैं?

परिभाषा : जीव जन्तुओं एवं पेड़ पौधों को उनकी समानता व असमानता के आधार पर विभिन्न समुदायों एवं वर्गों में रखने की विधि को वर्गीकरण कहते है , तथा विज्ञान की वह शाखा जिसमे सजीवों का वर्गीकरण किया जाता है वर्गिकी (Taxonomy) कहते है।