जैव और अजैव संसाधन कौन से होते हैं? - jaiv aur ajaiv sansaadhan kaun se hote hain?

जैव संसाधन- इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमे जीवन व्याप्त होता है, उदाहरण- मनुष्य, वनस्पतिजात, मत्स्य जीवन, पशुधन आदि। 
अजैव संसाधन- वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने है। ये दो प्रकार के होते है समाप्य और असमाप्य l उदाहरण- चट्टानें और धातुएँ।

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जैव (bio) –

हमारे पर्यावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ जिनमें जीवन है, जैव संसाधन कहलाती है। जैव संसाधन हमें जीवमंडल से मिलती हैं।

उदाहरण: मनुष्य सहित सभी प्राणि। इसके अंतर्गत मत्स्य जीव, पशुधन, मनुष्य, पक्षी आदि आते हैं।

Table of Contents

  • जैव (bio) –
  • अजैव (abiotic) –
  • जैव और अजैव में अंतर-
  • जैव (bio)-
  • अजैव (abiotic)-
  • प्रश्न और उत्तर ( FAQ)-
  • जैव संसाधन कौन से होते हैं?
  • जैव और अजैव में क्या अंतर है?

अजैव (abiotic) –

हमारे वातावरण में उपस्थित वैसे सभी संसाधन जिनमें जीवन व्याप्त नहीं हैं अर्थात निर्जीव हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं।

उदाहरण- चट्टान, पर्वत, नदी, तालाब, समुद्र, धातुएँ, हवा, सभी गैसें, सूर्य का प्रकाश, आदि।

also read – जैव विविधता क्या है? जैव विविधता के प्रकार।

इन्हें भी पढ़ें:- जैव और अजैव क्या है?

also read – संसाधन के रूप में लोग-

जैव और अजैव में अंतर-

जैव (bio)-

  • यह एक पारिस्थितिकी तंत्र के जीवित घटकों को संदर्भित करता है, उदा। पौधे, जानवर, पक्षी और अन्य जीव।
  • जैविक घटक अपने अस्तित्व के लिए अजैविक घटकों पर निर्भर करते हैं।
  • वे पर्यावरण में परिवर्तन के अनुकूल होने में सक्षम हैं।
  • कारक एक प्रजाति, जनसंख्या, समुदाय, जीवमंडल और बायोम के व्यक्तियों को प्रभावित करते हैं।
  • संसाधनों में पक्षी, जानवर, जंगल और मछली जैसे समुद्री संसाधन शामिल हैं।

अजैव (abiotic)-

  • यह एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्जीव घटकों को संदर्भित करता है, उदा। हवा, मिट्टी, पानी, धूप।
  • अजैविक घटक अपने अस्तित्व के लिए जैविक घटकों पर निर्भर नहीं होते हैं।
  • पर्यावरण में परिवर्तन के अनुकूल होने में असमर्थ।
  • तीन बुनियादी श्रेणियों में वर्गीकृत: जलवायु, शैक्षिक और सामाजिक।
  • कारक एक प्रजाति, समुदाय, जनसंख्या और जीवमंडल के व्यक्ति को प्रभावित करते हैं।
  • संसाधनों में जल, भूमि, तेल, कोयला आदि शामिल हैं।

Also read – उद्योग पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?

प्रश्न और उत्तर ( FAQ)-

जैव संसाधन कौन से होते हैं?

हमारे पर्यावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ जिनमें जीवन है, जैव संसाधन कहलाती है। जैव संसाधन हमें जीवमंडल से मिलती हैं।

जैव और अजैव में क्या अंतर है?

जैव (bio)-
1.यह एक पारिस्थितिकी तंत्र के जीवित घटकों को संदर्भित करता है, उदा। पौधे, जानवर, पक्षी और अन्य जीव।जैविक घटक 2.अपने अस्तित्व के लिए अजैविक घटकों पर निर्भर करते हैं।

अजैव (abiotic)-
1.यह एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्जीव घटकों को संदर्भित करता है, उदा। हवा, मिट्टी, पानी, धूप।
2.अजैविक घटक अपने अस्तित्व के लिए जैविक घटकों पर निर्भर नहीं होते हैं।

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जैव संसाधन

हमारे पर्यावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ जिनमें जीवन है, जैव संसाधन कहलाती है। जैव संसाधन हमें जीवमंडल से मिलती हैं।

उदाहरण-मनुष्य सहित सभी प्राणि। इसके अंतर्गत मत्स्य जीव, पशुधन, मनुष्य, पक्षी आदि आते हैं।

Table of Contents

  • जैव संसाधन
  • अजैव संसाधन
  • समाप्यता के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण
  • स्वामित्व के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण
  • विकास के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण

अजैव संसाधन

हमारे वातावरण में उपस्थित वैसे सभी संसाधन जिनमें जीवन व्याप्त नहीं हैं अर्थात निर्जीव हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं।

उदाहरण-चट्टान, पर्वत, नदी, तालाब, समुद्र, धातुएँ, हवा, सभी गैसें, सूर्य का प्रकाश, आदि।

समाप्यता के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण

समाप्यता के आधार पर हमारे वातावरण में उपस्थित सभी वस्तुओं को जो दो वर्गों में बाँटा जा सकता है:-

इन्हें भी पढ़ें:- असहयोग आंदोलन की महत्वपूर्ण उपलब्धियां-

  • नवीकरण योग्य (Renewable)
  • अनवीकरण योग्य (Non-renewable)

नवीकरण योग्य संसाधन वैसे संसाधन जिन्हे फिर से निर्माण किया जा सकता है, नवीकरण योग्य संसाधन कहलाते है। जैसे- सौर उर्जा, पवन उर्जा, जल, वन तथा वन्य जीव। इस संसाधनों को इनके सतत प्रवाह के कारण नवीकरण योग्य संसाधन के अंतर्गत रखा गया है।

अनवीकरण योग्य संसाधन वातावरण में उपस्थित वैसी सभी वस्तुएँ, जिन्हें उपयोग के बाद निर्माण नहीं किया जा सकता है या उनके विकास अर्थात उन्हें बनने में लाखों करोड़ों वर्ष लगते हैं, अनवीकरण योग्य संसाधन कहलाते हैं।

स्वामित्व के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण

स्वामित्व के आधार पर संसाधनों को चार वर्गों में बाँटा जा सकता है:-

  1. व्यक्तिगत संसाधन
  2. सामुदायिक संसाधन

व्यक्तिगत संसाधन वैसे संसाधन, जो व्यक्तियों के निजी स्वामित्व में हों, व्यक्तिगत संसाधन कहलाते हैं। जैसे घर, व्यक्तिगत तालाब, व्यक्तिगत निजी चारागाह, व्यक्तिगत कुँए आदि। तत्वों या वस्तुओं के निर्माण में सहायक कारकों के आधार पर संसाधनों को दो वर्गों में विभाजित करते हैं-

इन्हें भी पढ़ें:- लोकतंत्र की चुनौतियां-

  • प्राकृतिक संसाधन
  • मानव संसाधन

सामुदायिक संसाधनवैसे संसाधन, जो गाँव या शहर के समुदाय अर्थात सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हों, सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन कहलाते हैं। जैसे- सार्वजनिक पार्क, सार्वजनिक खेल का मैदान, सार्वजनिक चरागाह, श्मशान, सार्वजनिक तालाब, नदी, आदि ।

विकास के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण

विकास के आधार पर संसाधनों को चार भाग में बाँटा गया है।

  1. संभावी संसाधन
  2. विकसित संसाधन

सम्भावी संसाधन – वैसे संसाधन जो विद्यमान तो हैं परंतु उनके उपयोग की तकनीकि का सही विकास नहीं होने के कारण उनका उपयोग नहीं किया गया है, संभावी संसाधन कहलाते हैं। जैसे- राजस्थान तथा गुजरात में पवन और सौर उर्जा की अपार संभावना है, परंतु उनका उपयोग पूरी तरह नहीं किया जा रहा है। कारण कि उनके उपयोग की सही एवं प्रभावी तकनिकी अभी विकसित नहीं हुई है।

विकसित संसाधन – वैसे संसाधन जिनके उपयोग के लिए प्रभावी तकनीकि उपलब्ध हैं तथा उनके उपयोग के लिए सर्वेक्षण, गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित की जा चुकी है, विकसित संसाधन कहलाते हैं।

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