जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

Update: Tuesday, March 17, 2020 @ 3:13 PM

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

प्रश्न 1. क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय?

(H.P. 2009, Set-A, 2011, Set-B)

उत्तर-जैव निम्नीकरणीय पदार्थ जैविक प्रक्रमों से अपघटित हो जाते हैं। वे जीवाणुओं तथा अन्य प्राणियों के द्वारा उत्पन्न एंजाइमों की सहायता से समय के साथ अपने आप अपघटित हो कर पर्यावरण का हिस्सा बन जाते हैं। लेकिन अजैव निम्नीकरण पदार्थ जैविक प्रक्रमों से अपघटित नहीं होते। अपनी संश्लिष्ट रचना के कारण उनके बंध दृढ़तापूर्वक आपस में जुड़े रहते हैं और एंजाइम उन पर अपना प्रभाव नहीं डाल पाते।

प्रश्न 2. ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

(H.P. 2009, Set-B, 2011, Set-C, 2012, Set-B)

उत्तर- जैव निम्नीकरणीय पदार्थ बडी मात्रा में पर्यावरण को प्रदषित करते हैं। इनसे दुर्गंध और गंदगी फैलती है।

(ii) जैव निम्नीकरणीय पदार्थ तरह-तरह की बीमारियों को फैलाने के कारक बनते हैं। उनसे पर्यावरण में हानिकारक जीवाणु बढ़ते हैं।

प्रश्न 3. ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

(H.P. Model Q. Paper 2009, H.P. 2009, Set-C)

अथवा

पॉलीथीन की थैलियों के उपयोग पर प्रतिबन्ध आवश्यक क्यों है?                                      (H.P. 2011, Set-A)

उत्तर-(1) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों का अपघटन नहीं हो पाता। वे उद्योगों में तरह-तरह के रासायनिक पदार्थों से तैयार हो कर बाद में मिट्टी में अति सूक्ष्म कणों के रूप में मिल कर पर्यावरण को क्षति पहुँचाते हैं।

(ii) वे खाद्य श्रृंखला में मिलकर जैव आवर्धन करते हैं और मानवों को तरह-तरह की हानि पहुँचाते हैं।

प्रश्न

प्रश्न 1. पोषी स्तर क्या है? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बनाइए।

उत्तर-आहार श्रृंखला में उत्पादक और उपभोक्ता का स्थान ग्रहण करने वाले जीव जीवमंडल को कोई निश्चित संरचना प्रदान करते हैं, जिसे पोषी स्तर कहते हैं। आहार श्रृंखला में उत्पादक का पहला स्थान होता है। यदि हम पौधों का सेवन करें तो श्रृंखला में केवल उत्पादक तथा उपभोक्ता स्तर होते हैं। मांसाहारियों की आहार श्रृंखला में अधिक उपभोक्ता होते हैं।

आहार श्रृंखला का उदाहरण

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

प्रश्न 2. पारितंत्र में अपमार्जकों/अपघटकों का क्या महत्त्व/भूमिका है?

(H.P. 2008, 2012, Set-A, 2013 Set-A, 2014 Set A,C)

उत्तर-पारितंत्र में अपमार्जक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जीवाणु मृतोपजीवी, कवक जैसे अति सूक्ष्म जीव मृत जैव अवशेषों का अपमार्जन करते हैं। ये मृत शरीरों का अपने भोजन के लिए उपयोग करते हैं। वे जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल पदार्थों में बदल देते हैं। फलों सब्जियों के छिलके, गले-सडे फल, जैविक कचरा, गाय-भैसों का गोबर, पेड़-पौधों के गले-सड़े भाग आदि अपमार्जकों के द्वारा विघटित कर दिए जाते हैं और वे आसानी से प्रकृति में पुनः मिल जाते हैं। अपमार्जक जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं जो मिट्टी में मिलकर पौधों द्वारा पुन: उपयोग में लाए जाते हैं।

प्रश्न

प्रश्न 1. ओज़ोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है?

(H.P. Model Q. Paper 2009, 2011, Set-A, 2012, 2013 Set-C, 2015)

उत्तर-ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बनी ओज़ोन का वायुमंडल के ऊपरी स्तर में एक आवरण है जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरणों से पृथ्वी की सुरक्षा करता है। पराबैंगनी विकिरण जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक है। यह त्वचा कैंसर करती है। पृथ्वी के चारों ओर ओजोन परत समाप्त हो जाने से सूर्य के प्रकाश से आने वाली पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर बिना रोक-टोक पहुँचने लगेंगी और पारितंत्र को दुष्प्रभावित करने लगेंगी। सन् 1980 से वायुमंडल में ओजोन की मात्रा में तेजी से गिरावट आने लगी है।

ओज़ोन पारितंत्र को निम्नलिखित आधारों पर भी प्रभावित करती है-

(i) तापमान में परिवर्तन के कारण धरती पर वर्षा में कमी।

(ii) चावल जैसी फ़सलों पर प्रभाव।

(ii) जलीय जीवों और पदार्थों पर प्रभाव।

(iv) मानवों में प्रतिरोध क्षमता की कमी तथा त्वचा कैंसर में वृद्धि।

इस पर नियंत्रण पाने के लिये क्लोरोफ्लोरो कार्बन के प्रयोग पर नियंत्रण करने के प्रयास किए गए हैं।

प्रश्न 2. आप कचरा निपटान की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए।                                                                                                           (H.P. 2012, Set-A, 2013 Set-C)

उत्तर-कचरा व्यक्ति और समाज दोनों के लिए अति हानिकारक है क्योंकि इससे केवल गंदगी ही नहीं फैलती बल्कि यह अनेक प्रकार की बीमारियों का कारण भी बनता है। इसे निपटाने के लिए अग्रलिखित दो तरीकों को अपनाया जा सकता है-

(i) पुनः चक्रण-कचरे में से कागज़, प्लास्टिक, धातुएँ, चीथड़े आदि चुन कर अलग करके उन का पुन: चक्रण किया जाना चाहिए। पुराने कागज़ और कपड़े के पुनः चक्रण से पेड़ों को कटने से बचाया जा सकता है। प्लास्टिक का बार-बार उपयोग किया जा सकता है।

(ii) मिट्टी में दबाना-जैव निम्नीकरणी पदार्थों को मिट्टी में दबा कर कचरे का निपटान किया जा सकता है। उससे खाद प्राप्त कर खेतों में प्रयुक्त किया जा सकता है।

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1. निम्न में से कौन-से समूहों में केवल जैव निम्नकरणीय पदार्थ हैं?

(a) घास, पुष्प तथा चमड़ा                                                   (b) घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक

(c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस                  (d) केक, लकड़ी एवं घास।

उत्तर-(c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस।

प्रश्न 2. निम्न से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं?

                    (a) घास, गेहूँ तथा आम                                                        (b) घास, बकरी तथा मानव

                    (c) बकरी, गाय तथा हाथी                                                    (d) घास, मछली तथा बकरी।

उत्तर-(b) घास, बकरी तथा मानव।

प्रश्न 3. निम्न में से कौन पर्यावरण-मित्र व्यवहार कहलाते हैं?

(a) बाज़ार जाते समय सामान के लिए कपड़े का थैला ले जाना।

(b) कार्य समाप्त हो जाने पर लाइट (बल्ब) तथा पंखे का स्विच बंद करना।

(c) मां द्वारा स्कूटर विद्यालय छोड़ने की बजाय तुम्हारा विद्यालय तक पैदल जाना

(d) उपरोक्त सभी।

उत्तर-(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 4. क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें (मार डालें)?

उत्तर-यदि एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें तो पारिस्थितिक संतुलन प्रभावित हो जाएगा। प्रकृति की सभी खाद्य श्रृंखलाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। जब किसी एक कड़ी को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए तो उस आहार श्रृंखला का संबंध किसी दूसरी श्रृंखला से जुड़ जाता है। यदि आहार श्रृंखला से शेरों को मार दिया जाए तो घास चरने वाले हिरणों की वृद्धि अनियंत्रित हो जाएगी। उनकी संख्या बहुत अधिक बढ़ जाएगी। उनकी बढ़ी हुई संख्या घास को खत्म कर देगी कि वह क्षेत्र रेगिस्तान बन जाएगा। सहारा का रेगिस्तान इसी प्रकार के पारिस्थितिक परिवर्तन का उदाहरण है।

प्रश्न 5. क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोषी स्तरों के लिए अलग-अलग होगा? क्या किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है?

उत्तर-किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोषी स्तरों पर अलग-अलग होगा।

(i) उत्पादकों को हटाने का प्रभाव-यदि उत्पादकों को पूर्ण रूप से नष्ट कर दिया तो सारा पारितंत्र ही नष्ट हो जाएगा। तब किसी प्रकार का जीवन नहीं रहेगा।

(ii) शाकाहारियों को हटाने का प्रभाव-शाकाहारियों को नष्ट करने से उत्पादकों (पेड़-पौधों-वनस्पतियों) के जनन और वृद्धि पर रोक-टोक समाप्त हो जाएगी और मांसाहारी भूख से मर जाएंगे।

(ii) मांसाहारियों को हटाने का प्रभाव-मांसाहारियों को हटा देने से शाकाहारियों की संख्या इतनी अधिक तेज़ी से बढ़ जाएगी कि क्षेत्र की सभी वनस्पतियाँ समाप्त हो जाएंगी।

(iv) अपघटकों को हटाने का प्रभाव-अपघटकों को हटा देने से मृतक जीव-जंतुओं के ढेर लग जाएंगे। उनके सड़े हुए शरीरों में तरह-तरह के जीवाणुओं के उत्पन्न हो जाने से बीमारियां फैलेंगी। मिट्टी में उत्पादकों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाएगी।

किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव नहीं है। उत्पादकों को हटाने से शाकाहारी जीवित नहीं रह सकते हैं और शाकाहारियों के न रहने से मांसाहारी नहीं रह सकते। अपघटकों को हटा देने से उत्पादकों को अपनी वृद्धि के लिए पोषक तत्व प्राप्त नहीं हो पाएंगे।

प्रश्न 6. जैविक आवर्धन (Biological magnification) क्या है? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैव आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा?

उत्तर-विभिन्न साधनों द्वारा हानिप्रद रसायनों का हमारी आहार श्रृंखला में प्रवेश करना तथा उनके हमारे शरीर में सांद्रित होने की प्रक्रिया को जैव आवर्धन कहते हैं। इन रसायनों का हमारे शरीर में प्रवेश विभिन्न विधियों द्वारा हो सकता है।

हम फसलों को रोगों से बचाने के लिए कीटनाशक, पीडकनाशक आदि रसायनों का छिडकाव करते हैं। इनका कुछ भाग मिट्टी द्वारा भूमि में रिस जाता है जिसे पौधे जड़ों द्वारा खनिजों के साथ ग्रहण कर लेते हैं। इन्हीं पौधों के उपयोग से वे रसायन हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तथा पौधों के लगातार सेवन से उनकी सांद्रता बढ़ती जाती है जिसके परिणामस्वरूप जैव आवर्धन का विस्तार होता है।

मनुष्य सर्वभक्षी है। वह पौधों तथा जंतुओं दोनों का उपयोग करता है तथा अनेक आहार श्रृंखलाओं में स्थान ग्रहण कर सकता है। इस कारण मानव में रसायन पदार्थों का प्रवेश तथा सांद्र शीघ्रता से होता है और जैव आवर्धन का विस्तार होता है।

उदाहरण

उत्तरी अमेरिका में मिशीगन झील के आसपास मच्छरों के मारने के लिए बहुत अधिक डी० डी० टी० का छिड़काव किया गया जिससे पेलिकन नामक पक्षियों की संख्या बहुत कम हो गई। पर्यावरण विशेषज्ञों द्वारा यह पाया गया कि पानी में प्रति दस लाख कण में 0.2 कण डी० डी० टी०(1ppm =1/1000000) है। डी० डी० टी० के उच्च स्तर के कारण पेलिकन पक्षियों के अंडों का आवरण पतला हो गया जिससे बच्चों के निकलने से पहले ही अंडे टूट जाते थे।

प्रश्न 7. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं?

उत्तर-हमारे द्वारा उत्पादित प्लास्टिक, डी० डी० टी० आदि से युक्त अजैव निम्नीकरणीय कचरे से अनेक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं-

(1) नाले-नालियों में अवरोध।

(2) मृदा प्रदूषण।

(3) प्लास्टिक जैसे पदार्थों को निगल लेने से शाकाहारी जंतुओं की मृत्यु।

(4) मानव शरीर में जैव आवर्धन।

(5) पारिस्थितिक संतुलन में अवरोध।

(6) जल, वायु और मृदा प्रदूषण।

(7) सौंदर्य बोध की दृष्टि से हानिकारक और बुरा।

प्रश्न 8. यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो, तो क्या इनका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा?

उत्तर-यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो और उसका निपटान ठीक प्रकार से कर दिया जाए तो हमारे पर्यावरण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 9. ओज़ोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है? इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?                                              (H.P. Dec. 2008, 2012 Set-C, 2013 Set-B, 2014 Set-A)

उत्तर-विभिन्न रासायनिक कारणों से ओज़ोन परत को क्षति बहत तेजी से हो रही है। क्लोरोफ्लोरो कार्बनों की वृद्धि के कारण ओज़ोन परत में छिद्र उत्पन्न हो गए हैं जिनसे सूर्य के प्रकाश में विद्यमान पराबैंगनी विकिरणें सीधे पृथ्वी पर आने लगी हैं जो कैंसर और त्वचा रोगों के कारण बन रहे हैं। ओजोन परत पराबैंगनी (UV) विकिरणों का अवशोषण कर लेती है।

इस क्षति को सीमित करने के लिए 1987 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UHEP) में सर्वसम्मति यही बनी है कि क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFCs) के उत्पादन को 1986 के स्तर पर सीमित रखा जाए। मांट्रियल प्रोटोकोल में 1987 में सन् 1998 तक क्लोरोफ्लोरो कार्बन के प्रयोग में 50% की कमी करने की बीत कही गई। सन् 1992 में मांट्रियल प्रोटोकॉल की मीटिंग में 1996 तथा CFCs पर धीरे-धीरे रोक लगाने को स्वीकार किया गया। अब क्लोरोफ्लोरो कार्बन की जगह हाइड्रोफ्लोरो कार्बनों का प्रयोग आरंभ किया गया है जिसमें ओजोन परत को क्षति पहुँचाने वाले क्लोरीन या ब्रोमीन नहीं हैं। जनसामान्य में इसके प्रति भी सजगता लगभग नहीं है।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(OTHER IMPORTANT QUESTIONS)

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

(Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1. निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए

(i) पारिस्थितिक तंत्र तथा जीवोम या बायोम।

(ii) आहार श्रृंखला तथा खाद्य जाल।

(iii) मांसाहारी और सर्वभक्षी।

उत्तर-(i) पारिस्थितिक तंत्र तथा जीवोम या बायोम

पारिस्थितिक तंत्र (Eco System) जीवोम या बायोम (Biome)
(1) यह जैव जगत् की स्वयंधारी (Self-Sunstaining) इकाई है।

(2) इसमें समान जलवायु वाले एक निश्चित कर बना है।

(3) यह जैव जगत की अपेक्षाकृत छोटी इकाई है।

(1) यह बहुत से पारिस्थितिक तंत्रों का समूह है।

(2) इसमें समान जलवायु एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र के अनेक पारिस्थितिक तंत्र होते है।

(3) यह जैव जगत् की एक बहुत बड़ी इकाई है।

 (ii) आहार श्रृंखला तथा खाद्य जाल (H.P. 2014 Set-B) –

आहार श्रृंखला (Food Chain) खाद्य जाल (Food Web)
(1) यह किसी पारितंत्र में भोजन तथा ऊर्जा प्रवाह को प्रदर्शित करती है।

(2) यह भोजन प्राप्त करने की क्रमबद्ध प्रक्रिया आहार श्रृंखला है।

(3) इसमें पोषण स्तर सीमित है।

(4) यह कई खाद्य श्रृंखलाओं का जाल है।

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(1) इसमें पोषण स्तर की खादय श्रंखलाओं से जुड़े होते हैं।

(2) इसमें एक खाद्य श्रृंखला के जीव किसी-न-किसी पोषण स्तर पर अन्य खाद्य श्रृंखलाओं से जुड़ कर खाद्य श्रृंखलाओं का जाल-सा बनाते हैं।

(3) इसमें पोषण स्तर पारितंत्र में प्राकृतिक संतुलन को को प्रकट करते हैं।

(4) यह सीमित और छोटी होती है।

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(ii) मांसाहारी और सर्वभक्षी

मांसाहारी (Carnivore) सर्वभक्षी (Omnivore)
(1) ये जीव-जंतुओं का मांस ही खाते हैं जैसे शेर, चीता आदि।

(2) ये खाद्य श्रृंखला के तीसरे या उससे आगे के स्तर पर आते हैं।

(3) ये प्रायः जंगलों में रहते हैं।

(4) इनके कृंतक दांत कम विकसित और कील दांत तथा नाखून अधिक विकसित होते हैं।

(1) ये जीव-जंतुओं का मांस तथा पेड़-पौधों दोनों से अपना, भोजन प्राप्त कर लेते हैं, जैसे मनुष्य, चील आदि।

(2) ये प्रायः दूसरे पोषण स्तर पर होते हैं।

(3) यह किसी भी स्थान पर रह सकते हैं।

(4) इनमें दोनों प्रकार के दांत और नाखून विकसित होते हैं।

प्रश्न 2. हम यह क्यों कहते हैं कि जीव मंडल में ऊर्जा का प्रवाह केवल एक ही दिशा में है?

उत्तर-जीव मंडल में ऊर्जा का प्रवाह एक ही दिशा में होता है। सूर्य से ऊर्जा का प्रवाह शुरू होता है। हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा इस सौर ऊर्जा का अंतर्ग्रहण करते हैं। सौर ऊर्जा पर्यावरण के माध्यम से जीवों में प्रवेश करती है। केवल वही पौधे और जंतु ऊर्जा का अंतर्ग्रहण करते हैं जिनमें क्लोरोफिल नामक हरित वर्णक होता है। इस ऊर्जा को अंतर्ग्रहण करने के पश्चात् पौधे इसे रासायनिक ऊर्जा में बदल देते हैं जो कार्बोहाइड्रेट के रूप में इकट्ठी हो जाती है। इस ऊर्जा का कुछ भाग पौधे अपनी वृद्धि तथा ऊतकों के निर्माण में उपयोग करते हैं तथा जो ऊर्जा उपयोग नहीं होती वह ऊष्मा के रूप में मुक्त हो जाती है।

शाकाहारी जंतु इन पौधों को भोजन के रूप में खाते हैं। भोजन में भंडारित रासायनिक ऊर्जा भोजन के साथ ही पौधों से शाकाहारी जंतुओं में चली जाती है। जंतु इस प्राप्त ऊर्जा का कुछ अंश अपनी उपापचयी प्रक्रियाओं तथा वृद्धि पर खर्च करते हैं तथा कुछ अंश श्वसन में भी खर्च करते हैं। इस ऊर्जा का कुछ अंश जो उपयोग नहीं हो पाता वह ऊष्मा के रूप में मुक्त कर दिया जाता है। शाकाहारी जीवों का भक्षण मांसाहारियों द्वारा होता है तथा ऊर्जा में प्रयोग का पहले चक्र चलता है। ऊर्जा की जो मात्रा उपयोग नहीं होती वह ऊष्मा के रूप में मुक्त होती है। ऊष्मा के रूप में मुक्त ऊर्जा पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में दोबारा उपयोग नहीं हो सकती है इसलिए ऊर्जा का प्रवाह एक दी दिशा में होता है।

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प्रश्न 3. आहार श्रृंखला छोटी कैसे हो जाती है?

उत्तर-ऊर्जा का प्रवाह एक ही दिशा में होता है तथा उसका विभिन्न चरणों में स्थानांतरण होता रहता है। ऊर्जा के प्रत्येक स्थानांतरण पर ऊर्जा का 10% भाग रह जाता है। यदि आहार श्रृंखला में अधिक चरण हों तो ऊर्जा की अत्यधिक मात्रा व्यर्थ हो जाएगी। ऊर्जा को बचाने के लिए प्रकृति में आहार श्रृंखलाएं छोटी हो जाती हैं। आहार श्रृंखला में ऊर्जा स्थानांतरण के दौरान उत्पादक स्तर पर अधिक ऊर्जा उपलब्ध होती है। आहार श्रृंखला में दाहिने हाथ की ओर जाने पर ऊर्जा की उपलब्धता कम होती जाती है।

उदाहरण : घास → टिड्डा → मेंढक→ सांप → मोर

यदि इस श्रृंखला में मेंढक को समाप्त कर दिया जाये तो श्रृंखला प्रभावित हो जाएगी। इस अवस्था में निम्नलिखित परिवर्तन दिखायी देंगे-

(1) टिड्डों की संख्या बढ़ जाएगी।

(2) मेंढक न मिलने के कारण सांपों की संख्या कम हो जाएगी।

(3) सांपों की संख्या का मोरों की संख्या पर प्रभाव पड़ेगा।

मनुष्य के अवांछनीय अनेक कार्यों के कारण, खाद्य श्रृंखला छोटी हो जाती है और उससे प्रकृति में असंतुलन पैदा हो जाता है।

प्रश्न 4. क्या आहार श्रृंखला में छः से अधिक स्तर हो सकते हैं? यदि नहीं तो क्यों?

उत्तर-आहार श्रृंखला के प्रत्येक चरण में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है तथा ऊर्जा में लगातार कमी होती जाती है। तीन या चार चरणों के उपरांत ऊर्जा केवल नाम मात्र की ही रह जाती है। प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा हरे पौधे सौर ऊर्जा का केवल 1% भाग ही अंतर्ग्रहण करते हैं तथा शेष वातावरण में ही व्यर्थ हो जाता है। दूसरे चरण में पौधों को शाकाहारी खाते हैं तो केवल 10% ही ऊर्जा शाकाहारियों को प्राप्त होती है। यदि हम सौर ऊर्जा से प्राप्त ऊर्जा को केवल 1000 J मान लें तो पौधे केवल 10 J ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं तथा शाकाहारी केवल 1J ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इसी प्रकार जब शाकाहारी को मांसाहारी भक्षण करते हैं तो उसे केवल 0.01 J ऊर्जा ही प्राप्त होगी। अतः ज्यों-ज्यों आहार श्रृंखला के चरण बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे ही उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा भी कम होती जाती है। इसी आधार पर यह परिणाम निकलता है कि किसी भी आहार श्रृंखला में छः या अधिक चरण संभव नहीं होते हैं। उत्पादक स्तर पर ऊर्जा अधिक उपलब्ध होती है तथा बाद में लगातार कम होती जाती है तथा अंतिम स्तर पर ऊर्जा अत्यधिक कम प्राप्त होती है।

प्रश्न 5. ऊर्जा के संदर्भ में कौन-सी आहार श्रृंखलाएं लाभप्रद हैं?

उत्तर-उत्पादक स्तर पर आहार श्रृंखला से अधिक ऊर्जा उपलब्ध होती है। हम जितना उत्पादक स्तर (पौधों) के नज़दीक होंगे उतनी ही अधिक ऊर्जा प्राप्त होती। इसलिए ऊर्जा के संदर्भ में विचरण आहार श्रृंखला या तीन चरण श्रृंखलाएं लाभप्रद होती हैं।

द्विचरण आहार श्रृंखला : उत्पादक → मानव

हरी सब्जियां आदि अधिक लाभप्रद होती हैं। शाकाहारी आदतों से हमें कुल ऊर्जा का अधिक भाग उपलब्ध होता है। इसलिए सीधे ही वनस्पति उत्पाद को खाने से अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

तीन चरण आहार श्रृंखला : उत्पाद → बकरी → मानव

इस आहार श्रृंखला से प्राप्त ऊर्जा कम होगी क्योंकि उत्पादक ऊर्जा का कुछ अंश बकरी द्वारा प्रयोग किया जाएगा तथा कुछ भाग ऊष्मा के रूप में मुक्त हो जाएगा तथा तीसरे चरण में मानव को ऊर्जा कम प्राप्त होगी।

इसलिए यदि हम पशुओं को खाते हैं जो पेड़-पौधे खाते हैं तो हमें सीधे ही वनस्पति उत्पाद खाने की तुलना में कम ऊर्जा प्राप्त होगी। अतः विचरण या तीन चरण आहार श्रृंखलाएं ही हमारे लिए लाभप्रद हैं।

प्रश्न 6. पदार्थों के चक्रण में अपघटकों की भूमिका संक्षेप में बताइए।

उत्तर-जीव-मंडल के सभी जैव-जीवों को पोषण के आधार पर उत्पादक, उपभोक्ता तथा अपघटक के रूप में बांटा गया है। अपघटक सूक्ष्म जीव हैं जिनमें जीवाणु तथा फंगस या कवक प्रमुख हैं। ये मृतक पौधों एवं जंतु शरीरों के अपघटन में सहायता करते हैं। ये परपोषी जीव हैं।

पौधों द्वारा मिट्टी से पानी के साथ खनिज प्राप्त किए जाते हैं तथा वायु से CO2 प्राप्त की जाती है जिसका उपयोग प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में होता है। मुख्य तत्व या पदार्थ जो इस प्रक्रिया में भाग लेते हैं वे C, N, O, S तथा P हैं। ये पदार्थ उत्पादक स्तर के पश्चात् दूसरे स्तरों में चले जाते हैं। अपघटकों की सहायता से पौधों तथा जंतुओं के मृत शरीर को अपघटित किए जाने पर ये पदार्थ फिर पोषक भंडार से मुक्त कर दिए जाते हैं। पौधों द्वारा अवशोषित किए जाने पर ये तत्व फिर परिवहन में आ जाते हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

(Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1. पर्यावरण को परिभाषित करो। इसके प्रमुख घटकों के नाम लिखिए।

उत्तर-पर्यावरण वह भौतिक जैव संसार है जिसमें हम सभी रहते हैं। इसके प्रमुख घटक जैव और अजैव हैं। जैव घटक-समस्त जीव-जंतु, पौधे तथा मानव जैव घटक के वर्ग में आते हैं।

अजैव घटक-भौतिक या अजैव घटकों में वायु, जल तथा स्थल हैं। वायु से श्वसन क्रिया होती है, जल को हम पीते हैं तथा स्थल पर हमारा निवास होता है। इनके अतिरिक्त मौसम संबंधी घटक हैं-सौर ऊर्जा, ताप, प्रकाश, वर्षा आर्द्रता, पवन-वेग इत्यादि।

प्रश्न 2. पर्यावरणीय प्रदूषण क्या होता है? मानव के लिए हानिकारक जैव विअपघटनीय तीन प्रदूषकों के नाम लिखिए।

उत्तर-पर्यावरण सामान्यतः भौतिक और जैविक घटकों से बना होता है। इन घटकों की प्राकृतिक अवस्थाओं में किसी प्रकार का अवांछनीय परिवर्तन प्रदूषण कहलाता है। पर्यावरण प्रदूषण मुख्यतः तीन प्रकार का होता है-जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, वायु प्रदूषण।

जल प्रदूषण सामान्यतः कारखानों से निकले कचरे के द्वारा वाहित मल के द्वारा होता है। यह गंदा तरल मल नदियों आदि में बहा दिया जाता है जिससे नदियों का जल दूषित हो जाता है।

भूमि प्रदूषण कृषि रसायन, खुले शौचालय से निकली गंदगी, कूड़ा कचरा, मृत शरीर आदि के कारण मुख्य रूप से होता है।

वायु में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होने पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है जबकि अन्य गैसों की मात्रा में परिवर्तन होने पर वायु श्वसन योग्य नहीं रहती है। यह वायु प्रदूषण कहलाता है। अजैव निम्नीकृत प्रदूषक ऐसे प्रदूषक होते हैं जिनके अपघटन की दर बहुत धीमी होती है तथा जिनका जीवन बहुत लंबा होता है। इनके उदाहरण हैं-पारा, D.D.T., आर्सेनिक के यौगिक।

प्रश्न 3. विकास पर्यावरण को किस प्रकार प्रभावित करता है?

उत्तर-विकास का अत्यधिक होना पर्यावरण को प्रभावित करता है। मनुष्य के द्वारा किए गए विकास का परिणाम पर्यावरण का असंतुलित रूप है। बढ़ती हुई आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए अधिक-से-अधिक संसाधनों की पूर्ति करनी पड़ती है। इसके लिए प्रकृति पर निर्भर रहना पड़ता है एवं प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं, जिनके असीमित दोहन करने से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी प्रकार खेती योग्य भूमि का उपयोग बड़े होटलों एवं इमारतों के निर्माण में किया जाता है जिससे कि पर्यावरण प्रदूषित होती है। इस प्रकार विकास पर्यावरण को प्रभावित करता है।

प्रश्न 4. प्रदूषण की परिभाषा लिखिए।

उत्तर-वातावरण के जैविक, भौतिक, रासायनिक लक्षणों में अवांछनीय परिवर्तनों को प्रदूषण कहते हैं। मुख्यतः प्रदूषण तीन प्रकार का होता है-भूमि, प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण आदि।

प्रश्न 5. प्रदूषक किसे कहते हैं?

उत्तर-प्रदूषक ऐसे पदार्थ होते हैं जो कि प्रदूषण फैलाने के लिए उत्तरदायी होते हैं। मुख्यतः प्रदूषक दो प्रकार के होते हैं

(i) जैव निम्नीकृत प्रदूषक

(ii) अजैव निम्नीकृत प्रदूषक।

प्रश्न 6. जैव निम्नीकरण अपशिष्ट तथा अजैव निम्नीकरण अपशिष्ट पदार्थों में अंतर बताओ। प्रत्येक के उचित उदाहरण दो।                                                                                                   (H.P. 2011 Set-B, 2012 Set C)

उत्तर-

जैव निम्नीकरणीय अजैव निम्नीकरणीय
(1) ये वे अपशिष्ट पदार्थ हैं जिन्हें हानि रहित पदार्थों में तोड़ा जा सकता है जैस-गोबर।

(2) ये पदार्थ जीवाणुओं, बैक्टीरिया द्वारा अपघटित हो जाते हैं और इस प्रकार पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन बनाये रखते हैं।

(1) ये वे अपशिष्ट पदार्थ हैं जिन्हें हानिरहित पदार्थों  में नहीं तोड़ा जा सकता है। जैसे-डी० डी० टी०, प्लास्टिक आदि।

(2) ये पदार्थ बैक्टीरिया जैसे जीवाणुओं द्वारा अपघटित नहीं होते हैं।

प्रश्न 7. विश्व में अधिक कागज़ का उत्पादन पर्यावरण संतुलन को बिगड़ने में किस प्रकार सहायक है?

उत्तर-कागज़ के लिए कच्ची मूल सामग्री वृक्षों से प्राप्त होती है जिसके लिए वृक्षों को काटना पड़ता है। इससे वायु तथा जल का प्रदूषण होता है तथा फलस्वरूप पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है।

प्रश्न 8. आप कचरे की मात्रा को किस प्रकार कम कर सकते हैं?

अथवा

पर्यावरण मित्र बनने के लिए आप अपनी आदतों में कौन से परिवर्तन ला सकते हैं?    (H.P. 2012, Set-B)

उत्तर-सामान्यतः कचरे का वैज्ञानिक विधि से ही निपटारा किया जाना चाहिए। कचरे के निपटान की कई विधियां हैं। यह विधियां कचरों की प्रकृति पर निर्भर करती हैं। सामान्यतः कचरा दो प्रकार का होता है-ठोस कचरा एवं द्रव कचरा। अधिकांश ठोस कचरे का निपटारा विभिन्न शहरी क्षेत्रों में खाली पड़े हुए भूमि क्षेत्रों को भरने में किया जाता है। कुछ ठोस अपशिष्टों का जैसे प्लास्टिक, कागज़, धातुएँ आदि का पुनर्चक्रण किया जाता है। औद्योगिक कचरे को विशेष रूप से उपचारित किया जाता है क्योंकि इस प्रकार के कचरे में अत्यंत हानिकारक पदार्थ या रसायन हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त इस कचरे में कुछ महत्त्वपूर्ण पदार्थ भी हो सकते हैं जिनको कि उपचारित किया जाना आवश्यक होता है। घरेलू कचरों का उपयोग लाभकारी रूप में किया जा सकता है। इन अपशिष्टों का उपयोग कम्पोस्ट खाद का निर्माण करके किया जा सकता है। यह खाद पौधों एवं वृक्षों के लिए अत्यंत लाभदायक होती है। इसी प्रकार अन्य कई प्लास्टिक पदार्थ, वर्ण्य धातुएं आदि को भी पुनर्चक्रित करके उपयोग में लाया जाता है। कुछ हानिकारक पदार्थों को जलाकर नष्ट किया जाता है। इस प्रकार उपरोक्त विधियों के द्वारा कचरे का आयतन कम किया जा सकता है।

प्रश्न 9. ऐसे दो पदार्थों के नाम लिखिए जिनका पुन: चक्रण किया जाता है।

उत्तर-प्लास्टिक एवं कागज़ ऐसे दो पदार्थ हैं जिनका पुनः चक्रण किया जाता है।

प्रश्न 10. जीवमंडल की परिभाषा दीजिए।

उत्तर-जीवमंडल-जीवमंडल का अर्थ है ‘जीव का क्षेत्र’। पृथ्वी पर स्थल, जल तथा वायु विदयमान हैं जो पौधों तथा जंतुओं का जीवन बनाए रखने में सहायता करते हैं। पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने वाले ये क्षेत्र आपस में मिल कर जीवमंडल का निर्माण करते हैं। पृथ्वी के स्थलमंडल, जलमंडल और वायुमंडल तथा उनमें रहने सभी पौधों तथा जंतुओं को इकट्ठे रूप से जीवमंडल (Biosphere) कहते हैं।

प्रश्न 11. पारिस्थितिक तंत्र किसे कहते हैं? इसका जीवमंडल से क्या संबंध है?

उत्तर-जीवमंडल में ऊर्जा और पदार्थ का आदान-प्रदान जैव एवं अजैव घटकों के बीच लगातार होता रहता है, इस तंत्र को ही पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं। तालाब, झील, जंगल, खेत और मानव-निर्मित जीवशाला में जैव और अजैव घटक आपस में क्रियाएं करते रहते हैं जो एक पारिस्थितिक तंत्र को प्रकट करते हैं। जैव संख्या, जैव तथा अजैव पारिस्थितिक तंत्र के घटक हैं, जो इस तंत्र को संरचना तथा गतिशीलता प्रदान करते हैं। कोई तालाब, वन या घास का मैदान पारिस्थितिक तंत्र के उदाहरण हैं।

जीवमंडल का प्रत्येक घटक अपना विशिष्ट कार्य करता है। इनके कुल कार्यों का सारा योग जीवमंडल को स्थिरता प्रदान करता है। किसी भौगोलिक क्षेत्र में सारे पारिस्थितिक तंत्र एक साथ मिलकर बायोम बनाते हैं तथा समस्त बायोम मिलकर जीवमंडल बनाते हैं। अतः जीवमंडल का एक प्रमुख घटक पारिस्थितिक तंत्र है जो जीवमंडल को गतिशीलता प्रदान करता है।

प्रश्न 12. जीवोम या बायोम का निर्माण कैसे होता है? किसी एक बायोम का उदाहरण दीजिए।

उत्तर-जैव और अजैव घटकों के बीच लगातार आपसी क्रियाएं होती रहती हैं, जिसके परिणाम से ऊर्जा एवं पदार्थों का आदान-प्रदान चलता रहता है, जिसे हम पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं। किसी भौगोलिक क्षेत्र में समस्त पारिस्थितिक तंत्र एक साथ मिलकर एक और बड़ी इकाई का निर्माण करते हैं जिसको बायोमों को मिलाने पर जीवमंडल बनता है। उदाहरण-मरुस्थली बायोम या वन बायोम में कोई तालाब, झील, घास का मैदान या वन भी दिखायी दे सकते हैं। जनसंख्या, समाज और भौतिक पर्यावरण सभी पारिस्थितिक तंत्र के घटक हैं अर्थात ये सभी बायोम के भी घटक हैं।

प्रश्न 13. पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के जैविक घटकों के नाम तथा उनके कार्यों का विवरण दीजिए।

अथवा

उत्पादक, उपभोक्ता तथा अपघटक रूपों को स्पष्ट करो।

उत्तरपारिस्थितिक तंत्र के जैविक घटक पौधे तथा जंत हैं। इन जीवों को उत्पादक, उपभोक्ता तथा अपघटक के रूपों में वर्गीकृत किया गया है

(क) उत्पादक (H.P. 2013, Set-A, B)उत्पादक वे जीव होते हैं जो खाद्य पदार्थ का उत्पादन करते हैं। इस वर्ग के अंतर्गत वे समस्त पौधे आते हैं जिनमें क्लोरोफिल नामक हरित वर्णक होता है। ये पौधे सूर्य के प्रकाश की सहायता से प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा खाद्य पदार्थ उत्पन्न करते हैं।

(ख) उपभोक्ता (H.P. 2012 Set-A, 2013 Set-B)जो खाद्य पदार्थ का उपभोग करते हैं उन्हें उपभोक्ता कहते हैं। इस वर्ग में सभी जंतु आते हैं। इस वर्ग के जीव अपना भोजन स्वयं ही नहीं बनाते बल्कि भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं।

उपभोक्ता के प्रकार (H.P. 2012 Set-B)उपभोक्ता तीन प्रकार के होते हैं-

(i) शाकाहारी-ये जीव केवल पौधों को खाते हैं जैसे गाय, भैंस, बकरी, हिरण आदि।

(ii) मांसाहारी-ये जीव दूसरे जंतुओं का मांस खाते हैं जैसे शेर, चीता आदि।

(ii) सर्वभक्षी-ये पौधों और जंतुओं दोनों को खाते हैं जैसे मानव, कुत्ता आदि।

(ग) अपघटक (H.P. 2012, Set-A, 2013 Set-A, 2014 Set A, B)यह जीवों का तीसरा वर्ग है। ये सूक्ष्म जीव हैं जिनके अंतर्गत जीवाणु तथा फंगस आते हैं। ये मृत पौधों एवं जंतु शरीरों के अपघटन में सहायता करते हैं। पर्यावरण की सफ़ाई के लिए ये बहुत आवश्यक हैं।

प्रश्न 14. उत्पादक और उपभोक्ता में अंतर बताओ।

उत्तर

उत्पादक उपभोक्ता
(1) ऐसे जीव जो प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया से अपना भोजन बनाते हैं उन्हें उत्पादक कहते हैं।

(2) हरे पौधे उत्पादक जीव कहलाते हैं।

(1) ऐसे जीव जो अपने भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर करते हैं, उपभोक्ता कहते हैं।

(2) सारे जंतु उपभोक्ता कहलाते हैं।

प्रश्न 15. निम्न आहार श्रृंखला में से यदि मेंढकों को हटा दिया जाए तो पोषण रीति के विभिन्न स्तरों में क्या प्रभाव पड़ेगा?

घास-टिड्डा-मेंढक सांपमोर

उत्तर-ऊपरलिखित आहार श्रृंखला में से मेंढक को हटाने पर निम्नलिखित प्रभाव हो सकता हैं-

(i) मेंढक को हटाने पर टिड्डों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी।

(ii) टिड्डों की संख्या बढ़ने से घास में कमी हो जाएगी।

(iii) घास की कमी के कारण टिड्डों में जीवित रहने के लिए संघर्ष आरंभ हो जाएगा।

(iv) मेंढकों के न होने से सांप तथा मोर किसी अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन शुरू कर देंगे।

(v) सांप और मोर भोजन के लिए अपना स्थान भी बदल सकते हैं।

प्रश्न 16. विभिन्न चरणों वाली आहार श्रृंखला के उदाहरण लिखिए। इनमें से किस स्तर पर ऊर्जा अधिक उपलब्ध होगी? इनमें से कौन-सी श्रृंखलाएं जैव घटकों की संरचना दर्शाती हैं?

उत्तर-आहार श्रृंखलाओं के उदाहरण-

(i) पौधे → मानव

(ii) घास → हिरण → शेर

(iii) घास → कीट → मेंढक → सांप

(iv) काई, शैवाल → छोटे जंतु → छोटी मछली → बड़ी मछली

(v) घास → टिड्डा → मेंढक → सांप → मोर।

इन आहार श्रृंखलाओं में पहले स्तर पर सदा उत्पादक (पौधे) आते हैं। इन श्रृंखलाओं में (i) द्वि-चरण (ii) त्रि-चरण (iii) चार चरण व (iv) पाँच चरण वाली श्रृंखलाएं हैं।

प्रथम तथा द्वितीय स्तर के उपभोक्ता आहार श्रृंखला न केवल जीवमंडल में जैव घटकों की संरचना प्रदर्शित करती है परंतु ऊर्जा एवं पदार्थों का स्थानांतरण भी करती है।

प्रश्न 17. पर्यावरण से प्राप्त ऊर्जा उपभोक्ता तक किस प्रकार तथा किस रूप में पहुंचती है?

उत्तर-हरे पौधों में क्लोरोफिल नामक हरित वर्णक होता है जिसके द्वारा उनमें सौर ऊर्जा को अंतर्ग्रहण करने के क्षमता होती है। पर्यावरण से ऊर्जा घटकों में प्रकाश संश्लेषण द्वारा प्रवेश करती है। सौर ऊर्जा का लगभग 1% पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में प्रयोग होता है। इस ऊर्जा को पौधे रासायनिक ऊर्जा में बदलते हैं कार्बोहाइड्रेट के रूप में इकट्ठी हो जाती है। इस ऊर्जा का कुछ भाग पौधों के सांस लेने के लिए प्रयोग हो जाता है जिससे उनकी वृद्धि तथा ऊतकों का निर्माण होता है। खाद्य पदार्थ में भंडारित रासायनिक ऊर्जा पौधों में शाकाहारी जंतुओं से चली जाती है जिसका उपयोग जंतु सांस लेने तथा वृद्धि के लिए करते हैं।

प्रश्न 18. प्रथम स्तर तथा द्वितीय स्तर के उपभोक्ताओं से क्या अभिप्राय होता है?

उत्तर-प्रथम स्तर के उपभोक्ता-शाकाहारी उपभोक्ताओं को प्रथम स्तर का उपभोक्ता कहते हैं। पौधों से संचित रासायनिक ऊर्जा सबसे पहले शाकाहारी जंतुओं में ही पहुंचती है। प्रथम स्तर के उपभोक्ताओं को अधिकतम ऊर्जा प्राप्त होती है। इसी कारण हरी सब्जियों, फलों आदि को खाने से अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

द्वितीय स्तर के उपभोक्ता-मांसाहारी उपभोक्ता द्वितीय स्तर के उपभोक्ता कहलाते हैं। इन्हें ऊर्जा दूसरे स्तर पर प्राप्त होती है।

ये उपभोक्ता शाकाहारी उपभोक्ताओं से ऊर्जा प्राप्त करते हैं। प्रथम स्तर के उपभोक्ता को दूसरे स्तर के उपभोक्ता की तुलना में अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

प्रश्न 19. अपघटक क्या हैं? जीवमंडल में अपघटकों का क्या महत्त्व है?

अथवा

पदार्थों के पुनः चक्रण में अपघटकों की भूमिका का वर्णन कीजिए।

उत्तर-अपघटक वे सूक्ष्म जीव हैं जो मृत पौधों एवं जंतुओं के मृत शरीर में उपस्थित कार्बनिक यौगिकों का अपघटन करते हैं तथा उन्हें सरल यौगिकों और तत्वों में बदल देते हैं। ये सरल यौगिक तथा तत्व पृथ्वी के पोषण भंडार में वापस चले जाते हैं।

जीवमंडल में अपघटकों का महत्त्व-अपघटक जीव मृत पौधों और जंतुओं के मृत शरीरों के अपघटन में सहायता करते हैं तथा इस प्रकार वातावरण को स्वच्छ रखने का कार्य करते हैं। अपघटक जीव मृत पौधों एवं जंतुओं के मृत शरीरों में उपस्थित विभिन्न तत्वों को फिर से पृथ्वी के पोषण भंडार में वापस पहुँचाने का कार्य भी करते हैं। पोषक तत्व पुनः प्राप्त हो जाने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है और यह मिट्टी बार-बार फ़सलों का पोषण करती रहती है।

प्रश्न 20. ऊर्जा के स्थानांतरण से क्या निष्कर्ष प्राप्त किए जा सकते हैं?

उत्तर-आहार श्रृंखला में उत्पादक से उपभोक्ता तक ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। इस ऊर्जा स्थानांतरण से निम्नलिखित परिणाम प्राप्त होते हैं-

(1) ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित हो जाती है। प्रकाश संश्लेषण के दौरान प्रकाश ऊर्जा को पौधे रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। केवल पौधे ही ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित करते हैं, इसीलिए इन्हें परिवर्तक कहा जाता है।

(2) आहार श्रृंखला में किसी पोषण रीति से अगली पोषण रीति तक ऊर्जा के स्थानांतरण से ऊर्जा में लगातार कमी आती रहती है। कुछ ऊर्जा पोषण रीति के प्रत्येक स्तर पर जीव अपनी वृद्धि के लिए उपयोग करते हैं तथा कुछ ऊष्मा के रूप में मुक्त हो जाती है।

(3) पोषण रीति के प्रत्येक अगले चरण के लिए उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा उत्पादक स्तर पर उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा में क्रमशः कम होती रहती है।

प्रश्न 21. हमें आहार श्रृंखला के किस ओर स्थान ग्रहण करना चाहिए जिससे अधिक ऊर्जा प्राप्त हो सके तथा क्यों?

उत्तर-आहार श्रृंखला में ऊर्जा के स्थानांतरण के दौरान उत्पादक स्तर पर अधिक ऊर्जा उपलब्ध होती है। द्वि-चरण श्रृंखला-उत्पादकमानव

इस आहार श्रृंखला से पता चलता है कि हमें शाकाहारी होने से अधिक मात्रा में ऊर्जा उपलब्ध हो जाती है। श्रृंखला के दाहिने हाथ की ओर स्थान पाने वाले उपभोक्ताओं को कम ऊर्जा उपलब्ध होती है। अतः हमें आहार श्रृंखला के उत्पादक स्तर पर ही स्थान ग्रहण करना चाहिए ताकि अधिक-से-अधिक ऊर्जा उपलब्ध हो सके।II

प्रश्न 22. हानिप्रद रसायन हमारे शरीर में किस प्रकार सांद्रित होते हैं?

उत्तर-आजकल फसलों को कीटों तथा रोगों से बचाने के लिए अनेक रसायन कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं। ये रसायन पानी में घुल जाते हैं तथा मिट्टी से रिसकर भूमिगत जल-स्तर तक पहुंच जाते हैं या मिट्टी द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। मिट्टी से इन्हें पौधे जल तथा खनिजों के साथ अवशोषित कर लेते हैं। इस प्रकार वे हमारी आहार श्रृंखला में प्रवेश करते हैं। पोषण रीति के एक स्तर से दूसरे स्तर में स्थानांतरण के दौरान प्रत्येक स्तर पर ये हानिकारक रसायन सांद्रित होते जाते हैं जैसे-

चारा

(1)        घासI         II →             भेड़, बकरीI     IIII →               मानव

(मिट्टी से रसायनों का         (चारे के साथ रसायनों        (मांस के तथा दूध द्वारा)

अवशोषण)                                 की प्राप्ति)

(2)   कवक या काई   →              मछली →                    मानव

(पानी से रसायन        (खाद्य के साथ रसायन    (मांस द्वारा)

प्राप्त करता है।)                प्राप्त करती है।)

मानव शरीर में इन रसायनों की मात्रा जीवों से अधिक है। मच्छरों को मारने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली डी० डी०टी० का सांद्रण मानव में सबसे अधिक है।

प्रश्न 23. मनुष्य कैसे पारिस्थितिक असंतुलन के लिए उत्तरदायी है?

उत्तर-मनुष्य द्वारा प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न आधुनिक कृषि ढंगों से पारिस्थितिक संतुलन निम्नलिखित तरीकों से प्रभावित होता है-

(i) मशीनों और अन्य साधनों का प्रयोग

(ii) रासायनिक खादों और दवाइयों का प्रयोग

(iii) गोबर एवं अन्य वस्तुओं को जलाने से

(iv) खानों की अधिक खुदाई करने से।

प्रश्न 24. दस प्रतिशत नियम क्या है?

उत्तर-दस प्रतिशत नियम के अनुसार जीवाणु के किसी पोषण स्तर में जाने वाली ऊर्जा केवल दस प्रतिशत उच्चतर पोषण स्तर में आगे जाती है।

प्रश्न 25. ऊर्जा की दृष्टि से कौन-सा व्यक्ति-शाकाहारी या मांसाहारी-अधिक लाभ प्राप्त करता है? क्यों?

उत्तर-ऊर्जा की दृष्टि से शाकाहारी व्यक्ति अधिक लाभ प्राप्त करता है।

कारण-पौधे प्रथम पोषी स्तर हैं। एक पोषी स्तर से अगले पोषी स्तर को सामान्य रूप में लगभग 10% कम ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। इससे स्पष्ट है कि मांसाहारी व्यक्ति को शाकाहारी व्यक्ति की तुलना में कम ऊर्जा प्राप्त होती है।

प्रश्न 26. चित्र की सहायता के वर्णन कीजिए कि पृथ्वी पर जीवन सूर्य पर कैसे निर्भर है?

उत्तर-जैवमंडल, जिसमें कई प्रकार के जीव रहते हैं अपनी क्रियाओं को करने के लिए सूर्य पर निर्भर हैं। सूर्य ही ऊर्जा का मौलिक और अंतिम स्रोत है। सौर ऊर्जा जैवमंडल में प्रकाश-संश्लेषण द्वारा प्रवेश करती है।

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

प्रश्न 27. ‘मानव केवलं उपभोक्ता है।इस कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर-वह जीव जो उत्पादक दवारा बनाये हए भोजन को खाता है उसे उपभोक्ता कहते हैं। उपभोक्ता भोजन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादक पर निर्भर करते हैं। मनुष्य पेड़-पौधों तथा जंतु दोनों को खाता है। इसलिए वह केवल उपभोक्ता कहलाता है। मनुष्य उत्पादक नहीं है क्योंकि इसमें क्लोरोफिल नहीं होता।

प्रश्न 28. पारिस्थितिक संतुलन किस प्रकार बना रहता है?

उत्तर-प्रकृति में खाद्य श्रृंखलाएँ जुड़ी होती हैं। कई बार उनमें से एक की कोई कड़ी किसी. कारण समाप्त हो जाती है। तब उस आहार श्रृंखला का किसी अन्य श्रृंखला से संबंध जुड़ जाता है और खाद्य पदार्थों और ऊर्जा के प्रवाह का संतुलन बना रहता है। यदि ऐसे किसी जंगल में सारे हिरण समाप्त हो जायें तो इसकी पूर्ति करने के लिए जंगल का शेर किसी जंगली जानवर को मार कर कड़ी को पूरा कर लेता है। इस प्रकार पारिस्थितिक संतुलन बना रहता है।

प्रश्न 29. नीचे एक आहार श्रृंखला दी गई है

घास-हिरण→शेर

यदि इस आहार श्रृंखला से शेर को निकाल दिया जाए तो क्या होगा?

उत्तर-यदि सभी शेरों को मार कर या पकड़कर इस आहार श्रृंखला में से निकाल दिया जाए तो हिरण की वृद्धि अनियंत्रित हो जाएगी। इस कारण हिरणों की संख्या बहुत अधिक बढ़ जाएगी। हिरणों की बढ़ी हुई संख्या अत्यधिक घास तथा पौधों को चरने के कारण घास तथा वनस्पतियां समाप्त हो जाएंगी जिससे वह क्षेत्र रेगिस्तान बन जाएगा।

प्रश्न 30. निम्नलिखित खाद्य श्रृंखलाओं पर विचार कीजिए

(i) पौधेचूहेसांपबाज़

(ii) पौधेचूहे-बाज़।

यदि दोनों खाद्य श्रृंखलाओं में उत्पादक स्तर पर 100 जूल ऊर्जा उपलब्ध हो तो किस अवस्था में बाज़ को भोजन के रूप में अधिक ऊर्जा उपलब्ध होगी और कितनी अधिक? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।

उत्तर-(i) कम पोषी स्तर वाली खाद्य श्रृंखला में बाज़ अधिक ऊर्जा प्राप्त करेंगे क्योंकि इस खाद्य श्रृंखला में बाज़ पौधों के अधिक समीप हैं। ऐसा इस कारण है कि 10% नियमानुसार प्रत्येक पोषी स्तर पर ऊर्जा का 10% उपयोग होता है या दूसरे शब्दों में प्रत्येक चरण में ऊर्जा की निरंतर हानि होती है।

(ii) खाद्य श्रृंखला में बाज़ (1.0 – 0.1) जूल अधिक ऊर्जा ग्रहण करेगा।

प्रश्न 31. निम्नलिखित आहार श्रृंखला पर विचार कीजिए

घासचूहेसर्पमोर।

यदि इस श्रृंखला में उत्पाद स्तर पर 100 J ऊर्जा उपलब्ध है, तो मोर को भोजन के रूप में स्थानांतरित ऊर्जा की गणना कीजिए। इसके लिए उपयोग होने वाले नियम को लिखिए।

उत्तर-जब शाकाहारी जंतु पौधों को खाते हैं तो पौधों में संचित ऊर्जा का केवल 10% भाग ही जंतु के शरीर में संचित होता है। इसी प्रकार जब मांसाहारी शाकाहारी को खाते हैं तो केवल 10% ऊर्जा ही संचित होती है। ज्यों-ज्यों आहार श्रृंखला के चरण बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा कम होती रहती है। इस नियम को लिंडमैन का 10% नियम कहते हैं।

आहार श्रृंखला-         घास →      चूहा   →   सर्प →   मोर

ऊर्जा                          100 J           10J             1J          0 .1J

प्रश्न 32. एक आहार श्रृंखला की सहायता से यह समझाइए कि हानिकारक रसायनों का जैव आवर्धन किस प्रकार होता है?

उत्तर-विभिन्न साधनों द्वारा हानिकारक रसायनों का हमारी आहार श्रृंखला में प्रवेश करना तथा उनके हमारे शरीर में लगातार आहार इकट्ठा होने की प्रक्रिया को जैव आवर्धन कहते हैं। इन रसायनों का हमारे शरीर में प्रवेश विभिन्न विधियों द्वारा हो सकता है।

मान लो एक विशेष झील के पानी में 0.02 ppm कीटनाशक था। जंतु प्लवक (Phytoplankton) में 5 ppm और फिर मछलियों में 240 ppm कीटनाशक सांद्रित हुआ। जिन पक्षियों ने इन मछलियों को खाया उनके शरीर में 1600 ppm कीटनाशक सांद्रित हो गया। इस प्रकार हम देखते हैं कि जैसे हम खाद्य श्रृंखला में आगे बढ़ें कीटनाशक का सांद्रण भी बढ़ता जाता है।

जल                   →          जंतु       →           प्लवक        →     मछली        →        पक्षी

डी० डी०टी०                5 ppm                    240 ppm           1600 ppm             0.02 ppm

(न्यूनतम)                                                                                            (अधिकतम)

प्रश्न 33. यदि सूर्य से पौधे को 20,000 Jऊर्जा उपलब्ध हो तो निम्नलिखित आहार श्रृंखला में शेर को कितनी ऊर्जा उपलब्ध होगी? गणना कीजिए।

पौधे हिरण शेर

उत्तर-पौधे →  हिरण → शेर

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

हम जानते हैं कि ऊर्जा का एक चरण से दूसरे चरण तक प्रवाह 10% तक होता है। इस तरह शेर को जो ऊर्जा की मात्रा मिलेगी वह केवल 20J होगी।

प्रश्न 34. यदि छोटी शैवाल को सूर्य से 10,000 जूल ऊर्जा उपलब्ध हो, तो निम्नलिखित आहार श्रृंखला में बड़ी मछली को उपलब्ध ऊर्जा की गणना कीजिए

छोटी शैवाल प्राणी प्लवक मछली बड़ी मछली

उत्तर-छोटी शैवाल → प्राणी प्लवक → मछली → बड़ी मछली

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

ऊर्जा के एक चरण से दूसरे चरण तक प्रवाह में 10% ऊर्जा प्राप्त होती है। इसको 10% का नियम कहते हैं।

प्रश्न 35. प्रथम तथा तृतीय पोषण रीति के जीवों की आहार संबंधी आदतों में क्या अंतर होता है? इन दोनों पोषण रीतियों के जीवों का एक-एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर-प्रथम पोषण रीति का उत्पादकों द्वारा निर्माण होता है। हरे पौधे प्रथम पोषण रीति बनाते हैं। उनके पोषण की विधि स्वपोषी है जबकि तृतीय पोषण रीति मांसाहारी बनाते हैं। वे दवितीय उपभोक्ता है।

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

प्रश्न 36. बाज़, सर्प, धान तथा मूषक से बनी किसी आहार श्रृंखला में बाज़ को कितने जूल ऊर्जा उपलब्ध होगी यदि धान को सूर्य से 10,000 J ऊर्जा उपलब्ध हो?

उत्तर-आहार श्रृंखला धान → मूषक → सर्प → बाज़

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

दस प्रतिशत के नियम अनुसार अगले स्तर पर उपलब्ध ऊर्जा का 10% स्थानांतरण अंग होगा। इसलिए बाज़ को 10 J ऊर्जा उपलब्ध होगी।

प्रश्न 37. पारिस्थितिक पिरामिड जीवमंडल में पोषण रीति की संरचना को किस प्रकार प्रदर्शित करते हैं?

उत्तरपारिस्थितिक पिरामिड आहार श्रृंखलाओं तथा उनके पोषी स्तरों का ग्राफीय निरूपण (graphical representation) करते हैं। पारिस्थितिक पिरामिड विभिन्न पोषी स्तरों को इस प्रकार प्रदर्शित करते हैं: पारिस्थितिक पिरामिड का ‘आधार’ उत्पादक जीवों जैसे कि पौधों से प्रदर्शित करता है।

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

पारिस्थितिक पिरामिड के आधार (base) से जैसे-जैसे ऊपर जाते हैं, पिरामिड का आकार पतला होता जाता है तथा उच्चतर पोषी स्तरों को प्रकट करता है। पारिस्थितिक पिरामिड की चोटी सर्वोच्च मांसाहारी जीवों को प्रदर्शित करती है।

प्रश्न 38. वायुमंडल में ओज़ोन किस प्रकार बनती है?

उत्तर-ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से ओज़ोन ‘O’3 के अणु बनते हैं। सामान्य ऑक्सीजन के अणु में दो परमाणु होते हैं। ऑक्सीजन सभी प्रकार के वायविक प्राणियों के जीवन के लिए आवश्यक है। पर ओज़ोन एक घातक विष है। वायुमंडल के ऊपरी स्तर में ओजोन अति आवश्यक कार्य पूरा करती है। यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी के लिए एक सुरक्षा कवच तैयार करती है। पराबैंगनी विकिरण पृथ्वी पर रहने वाले जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक है। ये विकिरण त्वचा का कैंसर उत्पन्न करती है। वायुमंडल के उच्चतर स्तर पर पराबैंगनी (UV) विकिरण के प्रभाव से ऑक्सीजन (O2) अणुओं से ओज़ोन बनती है। उच्च ऊर्जा वाले पराबैंगनी (UV) विकिरण ऑक्सीजन अणुओं (O2) को विघटित कर स्वतंत्र ऑक्सीजन (O) परमाणु बनाती हैं। ऑक्सीजन के यह स्वतंत्र परमाणु संयुक्त होकर ओज़ोन बनाते हैं।

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है? - jaiv nimneekaraneey padaarth paryaavaran ko kaise prabhaavit karata hai?

प्रश्न 39. रेलगाड़ियों में चाय/कॉफी जैसे पेय पदार्थों को अब प्रायः मिट्टी के कुल्हड़ों और कागज़ के डिस्पोजेबल कपों में दिया जाता है ? इनके दूरगामी दुष्परिणाम क्या हैं?

उत्तर-रेलगाडियों में चाय/कॉफी जैसे पेय पदार्थ मिट्टी के बने कुल्हड़ों में बेचे जाते हैं। ऐसा दो कारणों से किया जाता है-स्वच्छता और सुविधा। लेकिन कुल्हड़ बनाने के लिए प्राय: उपजाऊ मिट्टी का उपयोग किया जाता है जो कृषि क्षेत्र के लिए बहुत हानिकारक है। जब यही कार्य कागज़ के बने डिस्पोजेबल कपों में किया जाता है तब यात्री इन कपों का उपयोग कर इन्हें फेंक देते हैं। इसलिए पुनः चक्रण के लिए इनको इकट्ठा करना सरल काम नहीं है। कागज़ के कप बनाने के लिए पेड़ों को काटना पड़ता है जिससे पर्यावरण को बहुत हानि पहुँचती है।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

(Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1. ‘पर्यावरणशब्द से क्या तात्पर्य है?

उत्तर-‘पर्यावरण’ शब्द से तात्पर्य उन सभी दशाओं या तत्वों से है जो जीवों के जीवन और विकास को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 2. ‘पर्यावरणीय समस्याओं पर प्रायः विभिन्न देश कहाँ नियमित रूप से चर्चा करते रहते हैं?

उत्तर-विकसित और विकासशील देश पर्यावरणीय समस्याओं पर वैश्विक सम्मेलनों में नियमित रूप से चर्चा करते रहते हैं।

प्रश्न 3. पर्यावरण में विभिन्न पदार्थों का चक्रण किन-किन चक्रों में होता है?

उत्तर-नाइट्रोजन, कार्बन, ऑक्सीजन और जल चक्रों में।

प्रश्न 4. विभिन्न किन पदार्थों को अपशिष्ट पदार्थ कहते हैं?

उत्तर-विभिन्न वे पदार्थ जो हमारे लिए अनुपयोगी और व्यर्थ हो जाते हैं उन्हें अपशिष्ट पदार्थ कहते हैं। प्रश्न 5. हमारे द्वारा खाए गए भोजन का पाचन किन की सहायता से होता है?

उत्तर-विभिन्न एंजाइमों की सहायता से।

प्रश्न 6. कौन-से पदार्थ अपनी क्रिया में विशिष्ट होते हैं?

उत्तर-एंजाइम।

प्रश्न 7. किस मानव निर्मित पदार्थ का अपघटन जीवाणुओं और मृतजीवियों के द्वारा नहीं हो पाता?

उत्तर-प्लास्टिक का।

प्रश्न 8. प्लास्टिक पर किन भौतिक प्रक्रमों का प्रभाव पड़ता है?

उत्तर-ऊष्मा और दाब का प्रभाव।

प्रश्न 9. ‘जैव निम्नीकरणीयपदार्थ किसे कहते हैं?

उत्तर-वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रमों द्वारा अपघटित हो जाते हैं उन्हें ‘जैव निम्नीकरणीय’ कहते हैं।

प्रश्न 10. किन्हीं चार जैव निम्नीकरणीय पदार्थों के उदाहरण दीजिए।

उत्तर-सब्जी-फलों के छिलके, कागज़, भूसा, चारा।

प्रश्न 11. अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ किसे कहते हैं?

उत्तर-वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रमों द्वारा अपघटित नहीं हो पाते उन्हें अजैव निम्नीकरणीय कहते हैं।

प्रश्न 12. अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों के दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर-प्लास्टिक, काँच।

प्रश्न 13. प्रकृति में संतुलन स्थापित किस प्रकार संभव हो पाता है?

उत्तर-सभी जीवों तथा भौतिक कारकों में परस्पर अन्योन्य क्रियाओं से।

प्रश्न 14. पारितंत्र कौन बनाते हैं?

उत्तर-किसी क्षेत्र के सभी जीव तथा वातावरण के अजैव कारक।

प्रश्न 15. पारितंत्र के अजैव कारकों के उदाहरण दीजिए।

उत्तर-ताप, वर्षा, वाय. मिट्टी, खनिज आदि।

प्रश्न 16. प्राकृतिक पारितंत्र के उदाहरण दीजिए।

उत्तर-वन, तालाब, झील।

प्रश्न 17. मानव निर्मित पारितंत्र के दो उदाहरण लिखिए।\

उत्तर-बगीचा, खेत।

प्रश्न 18. जल जीवशाला (Banarium) किस प्रकार का पारितंत्र है?

उत्तर-कृत्रिम पारितंत्र।

प्रश्न 19. जीवन निर्वाह के आधार पर जीवों को किन तीन वर्गों में बांटा गया है?

उत्तर-उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटक।

प्रश्न 20. उत्पादक किसे कहते हैं?

उत्तर-जो प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया से सूर्य के प्रकाश और क्लोरोफिल की उपस्थिति में अकार्बनिक पदार्थों से कार्बनिक पदार्थ का निर्माण पर सकते हैं, उन्हें उत्पादक कहते हैं।

प्रश्न 21. कोई दो उदाहरण दीजिए जो प्रकाश संश्लेषण की क्षमता रखते हैं।

उत्तर-हरे पौधे और नीले हरित शैवाल।

प्रश्न 22. सभी जीव अपने निर्वाह के लिए सीधे या परोक्ष रूप से किस पर निर्भर करते हैं?

उत्तर-उत्पादकों पर अर्थात् प्रकाश संश्लेषण करने वाले पौधों पर।

प्रश्न 23. पेड़-पौधे किन कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करते हैं?

उत्तर-शर्करा (चीनी) एवं मंड।

प्रश्न 24. उपभोक्ता किसे कहते हैं?

उत्तर-जो जीव भोजन के लिए सीधे या परोक्ष रूप से उत्पादकों पर आश्रित रहते हैं, उन्हें उपभोक्ता कहते हैं।

प्रश्न 25. उपभोक्ता के चार उदाहरण दीजिए।

उत्तर-मानव, शेर, बंदर, चिड़िया।

प्रश्न 26. उपभोक्ताओं को किन भागों में बांटा गया है?

उत्तर-शाकाहारी, माँसाहारी, सर्वाहारी, परजीवी।

प्रश्न 27. कौन-से दो सूक्ष्म जीव जैव अवशेषों का अपमार्जन करते हैं?

उत्तर-जीवाणु और कवक।

प्रश्न 28. सूक्ष्मजीव अपमार्जक क्यों कहलाते हैं?

उत्तर-सूक्ष्मजीव जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं जो मिट्टी में चले जाते हैं और पुनः पौधों के द्वारा उनका उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 29. जैव जीव कहाँ-कहाँ पर मिलते हैं?

उत्तर-जैव जीव स्थल, समुद्र के जल, बर्फ से ढके क्षेत्रों वायु तथा मिट्टी में मिलते हैं।

प्रश्न 30. जीवमंडल किसे कहते हैं?

उत्तर-पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी प्राकृतिक क्षेत्र तथा उसमें पाए जाने वाले सभी जीव-जंतु परस्पर मिलकर जीवमंडल कहलाते हैं।

प्रश्न 31. जीवमंडल के प्रमुख घटक लिखिए।

उत्तर-जैव घटक तथा अजैव घटक जीवमंडल के प्रमुख घटक हैं।

प्रश्न 32. जीवमंडल को प्रकार्यात्मक स्थिरता किस से प्राप्त होती है?

उत्तर-जीवमंडल के विभिन्न घटकों के सारे कार्यों का कुल योग जीवमंडल को प्रकार्यात्मक स्थिरता प्रदान करता है।

प्रश्न 33. जनसंख्या को परिभाषित करो।

उत्तर-किसी भी प्रजाति के एक स्थान पर पाए जाने वाले जीवों की कुल संख्या जनसंख्या कहलाती है। प्रश्न 34. जीवमंडल के उन स्थानों के नाम लिखिए जहाँ पर जैव-जीवों का पोषण होता है।

उत्तर-स्थलमंडल, जलमंडल तथा वायुमंडल में जैव जीवों का पोषण होता है।

प्रश्न 35. विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों के मिलने पर किसका निर्माण होता है?

उत्तर-विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों के मिलने पर जीवोम या बायोम का निर्माण होता है।

प्रश्न 36. जीवमंडल को किस रूप में माना जाता है?

उत्तर-जीवमंडल को एक बड़े जैवतंत्र के रूप में माना जाता है।

प्रश्न 37. जीवमंडल के किसी स्तर पर अलग से विचार कर पाना कठिन क्यों है?

उत्तर-विभिन्न स्तर एक दूसरे को प्रभावित करने के अतिरिक्त एक-दूसरे पर निर्भर भी रहते हैं इसीलिए किसी स्तर पर अलग से विचार कर पाना कठिन है।

प्रश्न 38. जैव समाज का निर्माण कैसे होता है?

उत्तर-किसी क्षेत्र में जीवों की कुल जनसंख्या सम्मिलित रूप में जैव समाज का निर्माण करती है।

प्रश्न 39. किसी पारिस्थितिक तंत्र के घटक लिखिए।

उत्तर-जैव, अजैव तथा अपघटक किसी पारिस्थितिक तंत्र के घटक हैं।

प्रश्न 40. चार पदार्थों के नाम लिखिए जिनसे जीवमंडल का अजैव घटक बनता है?

उत्तर-वायु, जल, मृदा तथा खनिज जीव मंडल के अजैव घटक हैं।

प्रश्न 41. क्या जैव तथा अजैव घटक एक-दूसरे पर आश्रित हैं?

उत्तर-हां, जैव तथा अजैव घटक एक-दूसरे पर आश्रित हैं तथा एक-दूसरे को प्रभावित भी करते हैं।

प्रश्न 42. जीवों को पोषण पद्धति के आधार पर किन-किन वर्गों में रखा गया है?

उत्तर-जीवों को पोषण पद्धति के आधार पर उत्पादक, उपभोक्ता तथा अपघटक वर्गों में रखा गया है।

प्रश्न 43. जीवमंडल का जैव घटक किन-किन से निर्मित है?

उत्तर-पौधे तथा जंतुओं से जीवमंडल का जैव घटक निर्मित होता है।

प्रश्न 44. किसी स्थान पर पाये जाने वाले जीवों की स्थिति का निर्धारण कौन-से घटक करते हैं?

उत्तर-जलवायु, मिट्टी की प्रकृति तथा जल उपलब्धता।

प्रश्न 45. जीव मंडल, जीव समुदाय, आबादी और पारिस्थितिक तंत्र को क्रमानुसार लिखो।

उत्तर-आबादी < जीव समुदाय < पारिस्थितिक तंत्र < जीव-मंडल।

प्रश्न 46. जैव समुदाय तथा अजैव पर्यावरण के बीच के संबंध का वैज्ञानिक नाम क्या है?

उत्तर-पारिस्थितिक तंत्र।

प्रश्न 47. अपघटकों का मुख्य कार्य लिखिए।

उत्तर-ये सूक्ष्म जीव हैं जो मृत पौधों एवं जंतु शरीरों को अपघटित करते हैं। इस वर्ग में जीवाणु तथा कवक आते हैं।

प्रश्न 48. स्वयं पोषी तथा परपोषी जीवों के एक-एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर-स्वयंपोषी-हरा पौधा।

परपोषी-मानव।

प्रश्न 49. आहार श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर ऊर्जा का स्थानांतरण होने से ऊर्जा में वृद्धि होती है या कमी?

उत्तर-प्रत्येक स्तर पर ऊर्जा में कमी होती है।

प्रश्न 50. घास हिरण शेर में उत्पादक स्तर पर कौन है तथा क्यों?

उत्तर-उत्पादक स्तर पर घास है जो कार्बोहाइड्रेट के रूप में भोजन बनाने हेतु सूर्य के प्रकाश का उपयोग करती है।

प्रश्न 51. सर्वभक्षी या सर्वाहारी किसे कहते हैं?

उत्तर-वे जीव जो भोजन के लिए पौधे एवं जंतुओं दोनों का उपयोग करते हैं उन्हें सर्वभक्षी या सर्वाहारी कहते हैं जैसे-मानव।

प्रश्न 52. विश्व के किन्हीं दो पारिस्थितिक तंत्रों के नाम बताओ।

उत्तर-वन तथा महासागर।

प्रश्न 53. घास कीट मेंढक पक्षी मानव। इस आहार श्रृंखला में किसको (i) सबसे अधिक ऊर्जा उपलब्ध होगी (ii) किसको सबसे कम?

उत्तर-कीट को सबसे अधिक तथा मानव को सबसे कम ऊर्जा उपलब्ध होगी।

प्रश्न 54. किसी जलीय आहार श्रृंखला का उदाहरण लिखिए।

उत्तर-काई या शैवाल → छोटे जंतु → मछली → बड़ी मछली।

प्रश्न 55. विभिन्न आहार श्रृंखलाएँ मिलकर क्या बनाती हैं?

उत्तर-विभिन्न आहार श्रृंखलाएँ मिलकर खादय जाल बनाती हैं।

प्रश्न 56. किसको अधिक ऊर्जा उपलब्ध होगी शाकाहारी को या माँसाहारी को?

उत्तर-शाकाहारी को माँसाहारी की अपेक्षा अधिक ऊर्जा उपलब्ध होगी।

प्रश्न 57. आहार श्रृंखला का महत्त्वपूर्ण कार्य बताइए।

उत्तर-ऊर्जा एवं पदार्थों का स्थानांतरण करना आहार श्रृंखला का प्रमुख कार्य है।

प्रश्न 58. ऊर्जा के प्रवाह का पहला चरण बताइए।

उत्तर-हरे पौधों द्वारा भोजन तैयार करना।

प्रश्न 59. कौन-से पौधे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया संपन्न कर सकते हैं?

उत्तर-हरे पौधे जिनमें क्लोरोफिल नामक हरित वर्णक होता है प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया संपन्न करते हैं।

प्रश्न 60. पौधे सूर्य की ऊर्जा को किस रूप में भंडारित करते हैं?

उत्तर-पौधे सूर्य की ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरित करके कार्बोहाइडेट के रूप में भंडारित करते हैं। प्रश्न 61. शाकाहारी उपभोक्ताओं को किस स्तर पर उपभोक्ता कहा जाता है?

उत्तर-शाकाहारी को प्रथम स्तर पर उपभोक्ता कहा जाता है।

प्रश्न 62. ऊर्जा हानि से क्या अभिप्राय है?

उत्तर-ऊर्जा की जो मात्रा उपयोग नहीं होती तथा जिसे ऊष्मा के रूप में मुक्त किया जाता है उसे ऊर्जा हानि कहते है।

प्रश्न 63. पौधों को परिवर्तक क्यों कहते हैं?

उत्तर-पौधे ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित करते हैं।

प्रश्न 64. प्लवक (प्लैंकटन) क्या होते हैं?

उत्तर-प्लवक, अत्यधिक छोटे या सूक्ष्म जीव होते हैं जो तालाब, नदी, समुद्र आदि की सतह पर स्वतंत्र रूप से तैरते रहते हैं।

प्रश्न 65. पादक प्लवक क्या होते हैं?

उत्तर-पादक प्लवक बहुत छोटे जलीय पौधे होते हैं जो तालाब, झील, नंदी या सागर में पानी की सतह पर स्वतंत्र रूप से तैरते रहते हैं।

प्रश्न 66. प्राणी प्लवक क्या होते हैं?

उत्तर-यह बहुत छोटे, सूक्ष्म जलीय जंतु होते हैं जो तालाब, झील, नदी या सागर में पानी की सतह पर स्वतंत्र रूप से तैरते रहते हैं।

प्रश्न 67. जो जीव खाद्य पदार्थ का उत्पादन करते हैं क्या कहलाते हैं? उदाहरण दीजिए।

उत्तर-उत्पाद-हरे-पौधे उत्पादक हैं।

प्रश्न 68. जल में उत्पन्न होने वाली एक आहार श्रृंखला का वर्णन करो।

उत्तर-शैवाल → छोटे जंतु → मछली → बड़ी मछली।

प्रश्न 69. जलीय समुद्र आहार श्रृंखला में उत्पादक का नाम लिखो।

उत्तर-काई या शैवाल।

प्रश्न 70. ऊर्जा का स्थानांतरण किस प्रकार होता है?

उत्तर-ऊर्जा अजैव पर्यावरण के माध्यम से जीवों में प्रवेश करती है तथा ऊष्मा के रूप में मुक्त होती है। प्रश्न 71. जीव-मंडल में ऊर्जा का स्थानांतरण किस सिद्धांत के अनुसार होता है?

उत्तर-ऊष्मा गणित के सिद्धांत के अनुसार।

प्रश्न 72. आहार श्रृंखला में मानव का स्थान कहाँ होना चाहिए ताकि उसे अधिक ऊर्जा उपलब्ध हो सके? उत्तर-उत्पादक स्तर से बाद पहले स्तर पर अर्थात आहार श्रृंखला के दूसरे चरण में।

प्रश्न 73. आहार श्रृंखला में अधिक चरण क्यों नहीं होने चाहिएं?

उत्तर-आहार श्रृंखला में दाहिने हाथ चलने पर ऊर्जा की मात्रा प्रत्येक चरण पर कम होती जाती है।

प्रश्न 74. घास बकरी शेर की श्रृंखला से यदि घास हटा दें तो क्या होगा?

उत्तर-बकरी तथा शेर दोनों की संख्या समाप्त हो जाएगी।

प्रश्न 75. कार्बन तथा नाइट्रोजन को पौधे किस रूप में प्राप्त कर सकते हैं?

उत्तर-कार्बन को CO2 के रूप में तथा नाइट्रोजन को नाइट्रेट के रूप में।

प्रश्न 76. जैव शरीर में ऑक्सीजन का निर्गम तथा प्रवेश किस रूप में होता है?

उत्तर-CO2 तथा H2O के रूप में।

प्रश्न 77. ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखने में किसकी भूमिका प्रमुख है?

उत्तर-जीवों की।

प्रश्न 78. पुनः चक्रण में गतिरोध कब उत्पन्न होता है?

उत्तर-रसायनों का आवश्यकता से अधिक उपयोग करने तथा जीवाश्म ईंधनों से अधिक और अपूर्ण दहन से पुनः चक्रण में गतिरोध उत्पन्न होता है।

प्रश्न 79. जैव यौगिकीकरण क्या है?

उत्तर-जीवाणुओं तथा शैवाल द्वारा किए गए नाइट्रोजन स्थिरीकरण को जैव यौगिकीकरण कहते हैं।

प्रश्न 80. गिद्ध तथा चील किस प्रकार हमारे जैविक पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण घटक हैं?

उत्तर-गिद्ध तथा चील मुर्दाखोर हैं क्योंकि वे मृत जीवों पर निर्वाह करते हैं और वे पोषकों के चक्रण में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 81. मानव पर्यावरण को प्रभावित करने वाले दो मख्य अजैव घटकों के नाम बताइए।

उत्तर-तापमान तथा मिट्टी दो मुख्य अजैव घटक हैं जो मानव पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 82. पोषी स्तरों की परिभाषा दो।

उत्तर-आहार श्रृंखला के जिन विभिन्न स्तरों पर भोजन का स्थानांतर होता है, उन स्तरों को पोषण स्तर कहते है।

प्रश्न 83. आहार श्रृंखला का निर्माण कौन करता है?

उत्तर-विभिन्न जैविक स्तरों पर भाग लेने वाले जीवों की यह श्रृंखला, आहार श्रृंखला का निर्माण करती है। प्रश्न 84. पोषी स्तर कौन बनाते हैं?

उत्तर-आहार श्रृंखला का प्रत्येक चरण अथवा कडी एक पोषी स्तर बनाते हैं।

प्रश्न 85. प्रथम पोषी स्तर से संबंधित कौन हैं?

उत्तर-स्वपोषी अथवा उत्पादक।

प्रश्न 86. दवितीय पोषी स्तर के प्राणी कौन-से होते हैं?

उत्तर-शाकाहारी अथवा प्राथमिक उपभोक्ता।

प्रश्न 87. तृतीय पोषी स्तर के प्राणियों के दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर-शेर, चीता।

प्रश्न 88. स्वपोषी सौर प्रकाश में निहित ऊर्जा को किस ऊर्जा में बदल देते हैं?

उत्तर-रासायनिक ऊर्जा में।

प्रश्न 89. हरे पौधे अपने भोजन के लिए सौर ऊर्जा का कितने प्रतिशत भाग का उपयोग करते हैं?

उत्तर-1%.

प्रश्न 90. भोजन की कितने प्रतिशत मात्रा उपभोक्ता के अगले स्तर तक पहुँचाता है?

उत्तर-10%.

प्रश्न 91. सामान्यतः आहार श्रृंखला में कितने चरण होते हैं?

उत्तर-तीन या चार चरण।

प्रश्न 92. चौथे पोषी स्तर के बाद जीवन अत्यल्प क्यों हो जाता है?

उत्तर-उपयोगी ऊर्जा की मात्रा की बहुत कमी हो जाने के कारण।

प्रश्न 93. सामान्य रूप से सबसे अधिक जनसंख्या किस स्तर पर होती है?

उत्तर-उत्पादक स्तर पर।

प्रश्न 94. सबसे अधिक हानिकारक रसायन किस जीव में संचित होते हैं?

उत्तर-मानव शरीर में।

प्रश्न 95. मानव शरीर में सबसे अधिकतः हानिकारक रसायनों के इकट्ठा होने का कारण क्या है?

उत्तर-जैव-आवर्धन।

प्रश्न 96. ऑक्सीजन के कितने परमाणुओं से ओज़ोन का अणु बनता है?

उत्तर-तीन परमाणुओं से।

प्रश्न 97. सभी वायविक जीवों के लिए कौन-सी गैस आवश्यक है?

उत्तर-ऑक्सीजन।

प्रश्न 98. वायुमंडल के ऊपरी स्तर में कौन-सा घातक विष विद्यमान है?

उत्तर-ओज़ोन।

प्रश्न 99. ओज़ोन की परत पृथ्वी की सुरक्षा किससे करती है?

उत्तर-पराबैंगनी विकिरण से।

प्रश्न 100. पराबैंगनी विकिरण से मानव शरीर को क्या क्षति होती है?

उत्तर-त्वचा कैंसर हो जाता है।

प्रश्न 101. वायुमंडल के उच्चतर स्तर पर ऑक्सीजन के अणुओं (O2) को स्वतंत्र ऑक्सीजन (O) परमाणु में कौन विघटित करता है?

उत्तर-उच्च ऊर्जा वाले पराबैंगनी (UV) विकिरण।

प्रश्न 102. वायुमंडल में ओज़ोन की मात्रा में तीव्रता से गिरावट कब से आने लगी है?

उत्तर-सन् 1980 से।

प्रश्न 103. ओजोन परत की क्षति का मुख्य कारण क्या है?

उत्तर-क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFCS).

प्रश्न 104. क्लोरोफ्लोरो कार्बन का प्रमुख प्रयोग कहाँ किया जाता है?

उत्तर-रेफ्रिजरेटर (शीतलन) और अग्निशमन में।

प्रश्न 105. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने 1987 में क्या सर्वानमति बनाई थी?

उत्तर-CFC के उत्पादन को 1986 के स्तर पर सीमित रखा जाए।

प्रश्न 106. हमारी जीवन-शैली में सुधार से कचरे की मात्रा पर क्या प्रभाव पड़ा है?

उत्तर-कचरे की मात्रा बढ़ी है।

प्रश्न 107. पैकेजिंग के तरीकों में बदलाव से किस प्रकार के कचरे में वृद्धि हुई है?

उत्तर-अजैव निम्नीकरणीय वस्तुओं के कचरे की।

प्रश्न 108. वर्तमान जीवन में हम डिस्पोजेबल वस्तुओं का अधिक प्रयोग क्यों करने लगे हैं?

उत्तर-जीवन में सुविधा के लिए।

प्रश्न 109. रेलगाड़ियों में प्रयुक्त किए जाने वाले कुल्हड़ों का सीधा प्रभाव किस पर पड़ा है?

उत्तर-उपजाऊ मिट्टी पर।

प्रश्न 110. कागज़ के डिस्पोजेबल कप के इस्तेमाल का प्रभाव किस पर पड़ेगा?

उत्तर-पेड़ों पर, क्योंकि उनकी लकड़ी से कागज़ बनता है।

प्रश्न 111. रेलगाड़ियों में पहले यात्रियों को चाय किस पदार्थ से बने कप में दी जाती थी?

उत्तर-काँच से बने गिलास में।

बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर

(Multiple Choice Questions)

  1. निम्नलिखित में से कौन कृत्रिम सा पारितंत्र है?

(A) वन                                                  (B) तालाब

(C) झील                                                (D) बगीचा।

  1. CFCSजैसे रासायन कौन-सी परत के ह्रास के कारण हैं?

(A) CO2                                                             (B) O2

(C) O3                                                               (D) उपरोक्त सभी।

  1. प्राथमिक उपभोक्ता खाए गए भोजन की मात्रा का लगभग कितना प्रतिशत ही जैव मात्रा में बदलते हैं?

                      (A) 100%                                              (B) 50%

(C) 250%                                              (D) 10%.

  1. आहार श्रृंखला के जाल को क्या कहते हैं

(A) खाद्य जाल                                     (B) जीव मंडल

(C) बायोम                                            (D) जीवोम।

  1. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व सूक्ष्म पोषक तत्व नहीं है?

(A) Mn                                                  (B) Zn

(C) Cu                                                    (D) N.

  1. किसी क्षेत्र के पौधों की कुल आबादी को क्या कहते हैं?

(A) फौना                                               (B) फ्लोरा

(C) जल चक्र                                         (D) खाद्य जाल।

  1. वायुमंडल के उच्चतर स्तर पर पराबैंगनी विकिरण के प्रभाव से ऑक्सीजन अणुओं से कौन-सी गैस बनती है?

(A) CO2                                                        (B) CO

(C) ओजोन                                           (D) हाइड्रोजन।

  1. निम्नलिखित में से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं?

(A) घास                                                (B) बकरी

(C) मानव                                              (D) उपरोक्त सभी।

  1. निम्नलिखित में से कौन सर्वभक्षी जीव है?

(A) चीता                                               (B) शेर

(C) गाय                                                 (D) चील।

  1. किसी पारितंत्र में भोजन तथा ऊर्जा प्रवाह को कौन प्रदर्शित करता है।

(A) आहार श्रृंखला                             (B) खाद्य जालना

(C) उपरोक्त दोनों                             (D) कोई नहीं।

  1. निम्नलिखित में से कौन अजैव कारकों के उदाहरण हैं।

(A) ताप                                                 (B) वर्षा

(C) मिट्टी                                               (D) उपरोक्त सभी।

  1. निम्नलिखित में से कौन से भौतिक प्रक्रमों का प्रभाव प्लास्टिक पर पड़ता है?

(A) ऊष्मा                                              (B) दाब

(C) उपरोक्त दोनों                                   (D) कोई नहीं।

  1. पर्यावरणीय समस्याओं पर कैसे सम्मेलन नियमित रूप से होते रहते हैं?

(A) प्रादेशिक                                        (B) सरकारी

(C) स्थानीय                                         (D) वैश्विक।

  1. हमारे खाये हुए भोजन का पाचन करते हैं

(A) हॉर्मोन                                            (B) एन्ज़ाइम

(C) रक्त कार्य                                        (D) पाचक रस।

  1. अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ हैं

(A) सक्रिय                                            (B) निरायद

(C) अक्रित                                            (D) विस्फोटक।

  1. ताप, वर्षा, वायु, मृदा आदि कैसे कारक हैं?

(A) जैव                                                  (B) अजैव

(C) निरापद                                            (D) अपघटक।

  1. वन, तालाब और झील किसके प्रकार हैं?

(A) पारितंत्र                                          (B) उत्पादक

(C) उपभोक्ता                                      (D) अपघटक।

  1. जिनमें प्रकाश संश्लेषण की क्षमता होती है, उन्हें कहते हैं

(A) उत्पादक                                        (B) उत्प्रेरक

(C) उपभोक्ता                                      (D) अपघटक।

  1. सभी जीव प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किस पर निर्भर करते हैं?

(A) उपभोक्ताओं                                 (B) उत्पादकों

(C) अपघटकों                                      (D) जीवों।

  1. स्वपोषी किस पोषी स्तर पर आते हैं?

(A) प्रथम                                              (B) द्वितीय

(C) तृतीय                                              (D) अंतिम।

  1. निम्नलिखित में कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं? (H.P. 2012 Set-B)

(A) घास, गेहूं, आम                             (B) घास, बकरी, मानव

(C) बकरी, गाय, हाथी                         (D) घास, मछली, बकरी।

  1. निम्न में कौन स्वपोषी है? (H.P. 2012 Set-B)

(A) मानव                                             (B) कुत्ता

(C) छिपकली                                        (D) गेहूँ का पौधा।

  1. निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति करो

(i) जैव जीवशाला ………….. पारितंत्र है।

(ii) जीवमंडल को एक बड़े ………… के रूप में माना जाता है।

(iii) पेड़ पौधे ……….. तथा ……….. जैसे कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करते हैं।

(iv) पौधे तथा जंतुओं से जीवमंडल का …………. निर्मित होता है।

(v) शैवाल → छोटे जंतु → ………… → बड़ी मछली।

(vi) जैव शरीर में ऑक्सीजन का निर्गम तथा प्रवेश ………. तथा ……….. के रूप में होता है।

(vii) ऊर्जा के प्रवाह का पहला चरण ……….. द्वारा भोजन तैयार करना है।

(viii) वायुमंडल की ऊपरी सतह में …………. घातक विष विद्यमान है।

  1. निम्नलिखित में से सही तथा गलत छाँटिए

(i) प्लास्टिक तथा काँच दोनों अजैव पदार्थ हैं।

(ii) बागीचा एक प्राकृतिक पारितंत्र है।

(iii) जैव जीव स्थल, समुद्र के जल, वाय तथा मिट्टी में मिलते हैं।

(iv) किसी भी प्रजाति के एक स्थान पर पाए जाने वाले जीवों की कुल संख्या को जीवमंडल कहते हैं।

(v) माँसाहारी को शाकाहारी की अपेक्षा अधिक ऊर्जा उपलब्ध होगी।

(vi) मानव स्वयंपोषी जीव है।

(vii) कॉर्बन तथा नाइट्रोजन को पौधे CO2 तथा नाइट्रेट के रूप में प्राप्त करते हैं।

(viii) भोजन की 10% प्रतिशत मात्रा उपभोक्ता के अगले स्तर तक पहुँचती है।

उत्तर

  1. (D) बागीचा के 2. (C) O3 3. (D) 10%                                    4. (A) खाद्य जाल
  2. (D) N 6. (B) फ्लोरा 7. (C) ओज़ोन                              8. (D) उपरोक्त सभी
  3. (D) चील 10. (A) आहार श्रृंखला 11. (C) उपरोक्त सभी               12. (C) उपरोक्त दोनों
  4. (D) वैश्विक 14. (B) एन्ज़ाइम 15. (C) अक्रित                             16. (B) अजैव
  5. (A) पारितंत्र 18. (A) उत्पादक 19. (B) उत्पादकों                        20. (A) प्रथम
  6. (B) घास, बकरी, मानव
  7. (D) गेहूँ का पौधा।
  8. (i) कृत्रिम (ii) जैव तंत्र (iii) चीनी एवं मंड (iv) जैव घटक (v) मछली (vi) CO2 तथा H2O

(vii) हरे पौधों (viii) ओज़ोन

  1. (i) ü (ii) x (iii) ü (iv) x (v) x (vi) x (vii) ü (viii) ü.

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जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को कैसे प्रभावित करते हैं?

Solution : जैव निम्नीकरणीय पदार्थ निम्नलिखित प्रकार से पर्यावरण को प्रभावित करते हैं- <br> (i) जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण में दुर्गंध व गंदगी फैलाने का कारण बनते हैं। <br> (ii) जैव निम्नीकरणीय पदार्थ तरह-तरह की बीमारियाँ फैलाते हैं क्योंकि इनसे पर्यावरण में रोगाणु बढ़ते हैं

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?

प्लास्टिक का जैव-निम्नीकरण, पर्यावरण में सूक्ष्मजीवों को सक्रिय कर संपन्न किया जा सकता है, जो प्लास्टिक झिल्लियों की आण्विक संरचना के उपापचय द्वारा एक खाद सदृश मिट्टी वाले अक्रिय पदार्थ का निर्माण करते हैं और पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होते हैं

जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट से पर्यावरण को क्या हानि पहुंचती है?

ANSWER: चूँकि जैव अनिम्नीकरणीय अपशिष्ट लंबे समय तक नष्ट नहीं होते हैं इसलिए पृथ्वी पर इनके जमाव से वायु प्रदुषण ,जल प्रदूषण तथा मृदा प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं। इनमें मौजुद रसायन मृदा द्वारा फल, सब्जियों तथा अनाज आदि में अवशोषित होकर मनुष्य तक पहुंचते है, जिससे मनुष्य बीमार हो सकता है।

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कौन कौन है?

घास, पुष्प तथा चमड़ाघास, लकड़ी तथा प्लास्टिकफलों के छिलके, केक एवं नींबू का रसकेक, लकड़ी एवं घास। Solution : केक, लकड़ी एवं घास।